06-02-2024, 01:14 PM
भाभी लेटते हुए एक बार फिर मुझे देखकर मुस्कुराईं और हँसते हुए मुझसे कहा- सोते समय लाईट बन्द कर देना।
मैं कौन सा पढ़ाई कर रहा था, भाभी के बोलते ही मैंने तुरन्त किताबें बन्द कर दीं और लाईट बन्द करके भाभी के बगल में जाकर लेट गया।
कुछ देर तक मैं और भाभी ऐसे ही लेटे रहे क्योंकि शायद भाभी सोच रही थीं कि मैं पहल करूँगा.. मगर शर्म व डर के कारण मुझसे पहल करने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
फिर भी मैंने करवट बदलकर भाभी की तरफ मुँह कर लिया और इसी बहाने धीरे से एक पैर भी भाभी के पैरों पर रख दिया। पैरों पर तो क्या रखा था बस ऐसे ही छुआ दिया था।
शर्म व घबराहट के कारण मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था और मेरा शरीर भी हल्का-हल्का काँप रहा था।
मेरे करवट बदलते ही भाभी ने भी करवट बदलकर मेरी तरफ मुँह कर लिया और थोड़ा सा मेरे नजदीक भी हो गईं.. जिससे हम दोनों के शरीर स्पर्श करने लगे।
मैं कौन सा पढ़ाई कर रहा था, भाभी के बोलते ही मैंने तुरन्त किताबें बन्द कर दीं और लाईट बन्द करके भाभी के बगल में जाकर लेट गया।
कुछ देर तक मैं और भाभी ऐसे ही लेटे रहे क्योंकि शायद भाभी सोच रही थीं कि मैं पहल करूँगा.. मगर शर्म व डर के कारण मुझसे पहल करने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
फिर भी मैंने करवट बदलकर भाभी की तरफ मुँह कर लिया और इसी बहाने धीरे से एक पैर भी भाभी के पैरों पर रख दिया। पैरों पर तो क्या रखा था बस ऐसे ही छुआ दिया था।
शर्म व घबराहट के कारण मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था और मेरा शरीर भी हल्का-हल्का काँप रहा था।
मेरे करवट बदलते ही भाभी ने भी करवट बदलकर मेरी तरफ मुँह कर लिया और थोड़ा सा मेरे नजदीक भी हो गईं.. जिससे हम दोनों के शरीर स्पर्श करने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
