06-02-2024, 12:39 PM
मैं भाभी के निप्पल को लगातर चूस रहा था.. उसमें से कोई रस तो नहीं आ रहा था.. मगर मेरे मुँह में एक चिकनाहट सी घुल गई और मुझ पर उत्तेजना का एक खुमार सा छा गया।
मेरा लिंग तो अकड़ कर लोहे सा सख्त हो गया था.. जिसमें से पानी निकल-निकल कर मेरे अण्डरवियर को भी गीला करने लगा था।
अपने आप ही मेरा एक हाथ भाभी के चिकने पेट पर से फिसलता हुआ उनके संधि स्थल पर जा पहुँचा। भाभी ने नीचे भी पैन्टी नहीं पहन रखी थी.. इसलिए मैं पेटीकोट के ऊपर से ही भाभी की उभरी हुई योनि की बनावट को महसूस कर रहा था।
जब मेरा हाथ भाभी की योनि को सहलाता हुआ थोड़ा नीचे योनि द्वार पर लगा.. तो मुझे कुछ गीलापन सा महसूस हुआ.. शायद भाभी की योनि से भी उत्तेजना के कारण पानी रिस रहा था।
अब तो मेरे लिए अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो गया था.. मेरे दिल में जल्दी से भाभी की योनि को देखने की चाहत हो रही थी.. इसलिए मैंने भाभी के पेटीकोट को पेट तक पलट दिया जिससे भाभी नीचे से बिल्कुल नग्न हो गईं और उनकी संगमरमर सी सफेद और केले के तने से भी चिकनी जांघें व फूली हुई योनि दिखने लगी।
मगर तभी भाभी ने जल्दी से अपने दोनों घुटने मोड़ कर योनि को छुपा लिया। भाभी ने अब भी आँखें बन्द कर रखी थीं.. शायद मेरे ऐसा करने पर भाभी को शर्म आ रही थी।
मैं भाभी के घुटनों को दबा कर उन्हें फिर से सीधा करने लगा और मेरे दबाने पर भाभी ने घुटनों को तो सीधा कर लिया मगर दोनों जाँघों को बन्द करके रखा। अब भाभी की दूधिया गोरी जांघें व जाँघों के बीच उनकी फूली हुई बालों रहित योनि मेरे सामने थी जिसके बाल शायद भाभी ने आज ही साफ किए थे।
मेरा लिंग तो अकड़ कर लोहे सा सख्त हो गया था.. जिसमें से पानी निकल-निकल कर मेरे अण्डरवियर को भी गीला करने लगा था।
अपने आप ही मेरा एक हाथ भाभी के चिकने पेट पर से फिसलता हुआ उनके संधि स्थल पर जा पहुँचा। भाभी ने नीचे भी पैन्टी नहीं पहन रखी थी.. इसलिए मैं पेटीकोट के ऊपर से ही भाभी की उभरी हुई योनि की बनावट को महसूस कर रहा था।
जब मेरा हाथ भाभी की योनि को सहलाता हुआ थोड़ा नीचे योनि द्वार पर लगा.. तो मुझे कुछ गीलापन सा महसूस हुआ.. शायद भाभी की योनि से भी उत्तेजना के कारण पानी रिस रहा था।
अब तो मेरे लिए अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो गया था.. मेरे दिल में जल्दी से भाभी की योनि को देखने की चाहत हो रही थी.. इसलिए मैंने भाभी के पेटीकोट को पेट तक पलट दिया जिससे भाभी नीचे से बिल्कुल नग्न हो गईं और उनकी संगमरमर सी सफेद और केले के तने से भी चिकनी जांघें व फूली हुई योनि दिखने लगी।
मगर तभी भाभी ने जल्दी से अपने दोनों घुटने मोड़ कर योनि को छुपा लिया। भाभी ने अब भी आँखें बन्द कर रखी थीं.. शायद मेरे ऐसा करने पर भाभी को शर्म आ रही थी।
मैं भाभी के घुटनों को दबा कर उन्हें फिर से सीधा करने लगा और मेरे दबाने पर भाभी ने घुटनों को तो सीधा कर लिया मगर दोनों जाँघों को बन्द करके रखा। अब भाभी की दूधिया गोरी जांघें व जाँघों के बीच उनकी फूली हुई बालों रहित योनि मेरे सामने थी जिसके बाल शायद भाभी ने आज ही साफ किए थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
