06-02-2024, 12:30 PM
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भाभी ने नींद में मुझे अपने ऊपर ले लिया था और इतने में ही अलार्म बज उठा था।
मैं जल्दी से भाभी के ऊपर से उतर गया और सोने का नाटक करने लगा।
भाभी अलार्म को बन्द करके जल्दी से उठ कर खड़ी हो गईं।
मैंने थोड़ी सी आँखें खोलकर देखा तो भाभी कपड़े बदल रही थीं।
कमरे की लाईट बन्द थी.. मगर कम पावर का बल्ब जल रहा था.. जिसकी रोशनी में मैं बिल्कुल साफ से तो नहीं.. मगर फिर भी भाभी को कपड़े बदलते देख सकता था।
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
