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Adultery सरिता भाभी
#36
मैं यह सोचने लगा कि भाभी कहीं जाग तो नहीं रही हैं और वो भैया का बहाना करके ये सब कर रही हों..और ये भी हो सकता है कि भाभी सपने में ही ये सब कर रही हों.. मगर कुछ भी हो मुझे तो बहुत मजा आ रहा था। 
अब तो उत्तेजना से मैं पागल हो रहा था।
एक बार फ़िर से भाभी ने ‘आह..’ भरते हुए भैया का नाम लिया और मुझे बाँहों में भर कर सीधी करवट बदलते हुए मुझे अपने ऊपर खींच लिया।
अब मैं भाभी के ऊपर पहुँच गया था और मेर शरीर भाभी के मखमल की तरह मुलायम शरीर को स्पर्श कर रहा था। भाभी के नर्म और मुलायम उरोज मेरे सीने से दब रहे थे और मेरे लिंग को भाभी सुलगती योनि की गर्माहट महसूस हो रही थी। 
मैं इतना उत्तेजित हो गया कि भाभी के शरीर के स्पर्श से ही मेरा रस स्खलित हो गया और मेरा लिंग ढेर सारा वीर्य उगलने लगा.. जिसने मेरे कपड़ों के साथ साथ भाभी की भी पैन्टी को भी गीला कर दिया और तभी अलार्म घड़ी बजने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
सरिता भाभी - by neerathemall - 09-03-2022, 02:20 PM
RE: सरिता भाभी - by neerathemall - 06-02-2024, 12:15 PM
RE: सरिता भाभी - by sri7869 - 13-03-2024, 08:18 PM



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