06-02-2024, 11:25 AM
भाभी जा चुकी थीं.. मगर मुझे तो जैसे सांप सूँघ गया था। मेरे सामने अब भी भाभी की नँगी गोरी जांघें और उनकी काली पैन्टी घूम रही थी।
कुछ देर बाद भाभी खाने की प्लेट लेकर कमरे में आईं और मुस्कुराते हुए कहा- चलो खाना खा लो।
उन्होंने खाने की प्लेट को बिस्तर पर रख दी और मेरे पास ही बैठ गईं।
मैं चुपचाप उठ कर खाना खाने लगा.. मगर मेरा लिंग अब भी उत्तेजित था.. जो कि मेरी हाफ़ पैंट में उभरा हुआ स्पष्ट दिखाई दे रहा था जिसे मैं बार-बार दबा कर भाभी से छुपाने की कोशिश कर रहा था।
शायद भाभी को भी मेरी हालत का अहसास हो गया था.. इसलिए भाभी ने हँसते हुए कहा- कुछ चाहिए.. तो आवाज दे देना.. मैं रसोई में जा रही हूँ।
कुछ देर बाद भाभी खाने की प्लेट लेकर कमरे में आईं और मुस्कुराते हुए कहा- चलो खाना खा लो।
उन्होंने खाने की प्लेट को बिस्तर पर रख दी और मेरे पास ही बैठ गईं।
मैं चुपचाप उठ कर खाना खाने लगा.. मगर मेरा लिंग अब भी उत्तेजित था.. जो कि मेरी हाफ़ पैंट में उभरा हुआ स्पष्ट दिखाई दे रहा था जिसे मैं बार-बार दबा कर भाभी से छुपाने की कोशिश कर रहा था।
शायद भाभी को भी मेरी हालत का अहसास हो गया था.. इसलिए भाभी ने हँसते हुए कहा- कुछ चाहिए.. तो आवाज दे देना.. मैं रसोई में जा रही हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
