17-06-2022, 03:43 PM
मेरा नाम आरती है। मेरी शादी बड़ौदा में एक साधारण परिवार में हुई थी। मैं स्वयं एक दुबली पतली, दूध जैसी गोरी, और शर्मीले स्वभाव की पुराने संस्कारों वाली लड़की हूँ। घर का काम काज ही मेरे लिये लिये सब कुछ है। पर काम से निपटने के बाद मुझे सजना संवरना अच्छा लगता है। रीति रिवाज के मुताबिक दूसरों के सामने मुझे घूंघट में रहना पड़ता है।
काम से हम लोग स्वर्णकार हैं। मेरे ससुर और पति कुवैत में काम करते हैं। उनकी कमाई वहाँ पर अच्छी है। कुवैत से दोनों मिलकर काफ़ी पैसा हमें भेज देते हैं…उससे यहाँ पर हमने अपना मकान का विस्तार कर लिया है।
मेरे पति के एक मित्र साहिल पास के गांव के हैं वो हमारे घर अक्सर आ जाते हैं और चार पांच दिन यहाँ रह कर अपना काम करके वापस चले जाते हैं। वो भी स्वर्णकार हैं। घर में बस तीन सदस्य ही हैं, मैं, मेरी सास और और मेरी छोटी सी ननद जो मात्र 13 साल की थी। साहिल हमारा हीरो है… वो हमारे यहाँ पर क्या क्या करता था… और हम उसके साथ कैसे मजे करते थे… आईये, मैं आपको आरम्भ से बताती हूँ…
काम से हम लोग स्वर्णकार हैं। मेरे ससुर और पति कुवैत में काम करते हैं। उनकी कमाई वहाँ पर अच्छी है। कुवैत से दोनों मिलकर काफ़ी पैसा हमें भेज देते हैं…उससे यहाँ पर हमने अपना मकान का विस्तार कर लिया है।
मेरे पति के एक मित्र साहिल पास के गांव के हैं वो हमारे घर अक्सर आ जाते हैं और चार पांच दिन यहाँ रह कर अपना काम करके वापस चले जाते हैं। वो भी स्वर्णकार हैं। घर में बस तीन सदस्य ही हैं, मैं, मेरी सास और और मेरी छोटी सी ननद जो मात्र 13 साल की थी। साहिल हमारा हीरो है… वो हमारे यहाँ पर क्या क्या करता था… और हम उसके साथ कैसे मजे करते थे… आईये, मैं आपको आरम्भ से बताती हूँ…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
