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अध्याय 3
घर आकर हमने जोरदार सेक्स किया,आज मोना बेहद ही उत्तेजित लग रही थी वही हाल मेरा भी था,मेरे सामने बार बार मोना और उसके चाहने वाले राज का चहरा घूम रहा था,जब राज ने मोना के कमर में हाथ डाला था वो सीन ही मुझे उत्तेजित कर दे रहा था….
“गुड मॉर्निंग बेबी “
सुबह सुबह जब नींद खुली तो ये प्यारी सी आवाज मेरे कानो में आई..मोना का खिला हुआ चहरा मेरे आंखों के सामने था,वो मुझसे लिपट गई उसके बाल भीगे हुए थे और शरीर से हल्के इत्र की खुश्बू आ रही थी ,
“कल जो भी हुआ उसके लिए सॉरी जान ,शायद मैं ज्यादा पी गई थी “उसने मुझसे सटते हुए कहा
“लेकिन बहुत एक्साइटिंग था,कसम से कल का सेक्स मैं कभी नही भूलूंगा “
मैं मोना के कमर को और जोरो से अपने ओर खिंचने लगा,वो मेरे आंखों में देख रही थी ,
“आप ठरकी हो ये तो पता था लेकिन इतने हो ये नही पता था,इन पोर्न वेबसाइट्स और कहानियों ने अपका दिमाग खराब कर रखा है..”वो गुस्से में थी लेकिन होठो में मुस्कान लेकर ..
मैं भी हँस पड़ा ,
“सच में आपको गुस्सा नही आया ??”
“आया ना,लेकिन मजा भी आया ,ये वैसे ही था जैसा तुमने हमारी सुहागरात वाली रात को कहा था,की दर्द तो हुआ लेकिन मजा भी आया,तो बात इसपर डिपेंड है की ज्यादा गुस्सा आया की मजा ”
हम दोनो ही हँसने लगे ..
हमारे बीच ये बात जितनी छिपी हुई थी उतनी ही उजागर भी थी की मुझे उसके किसी और मर्द से संबंध से कोई आपत्ति नही है ,
उसे तैयार होते हुए देखकर ना जाने कितने सवाल मेरे मन में आ रहे थे,मैं यही सोच रहा था की आज वो राज का सामना कैसे करेगी,या राज शायद आज उसपर और भी ज्यादा लाइन मारेगा..
वो रोज से ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और जाते हुए उसने मुझे जो शैतानी मुस्कान दी थी उससे लगा था की कुछ तो होने वाला था,
मैं अपने ऑफिस में बैठा था,एक क्राइम एनालिस्ट की जॉब जितनी एक्साइटिंग लगती है उतनी ही बोरिंग भी होती है ,अधिकतर समय मेरे पास कोई काम नही होता था,और जब होता तो क्या दिन और क्या रात…
मैं अपनी फेवरेट वेबसाइट में कुछ स्टोरी पड़ने लगा,मुझे उससे कुछ आइडियाज मिले की कैसे एक पति अपने पत्नी के पास काम के वक्त फोन करता है ,मुझे खुद पर हँसी भी आ रही थी की मैं ये क्या पागलपन करने में लगा हुआ हु…
लेकिन फिर भी मैंने मोना को काल लगाया ..
“हैलो आज इस वक्त सब ठीक तो है ना “मैं उसे ऑफिस टाइम में तब ही फोन करता था जब मेरे पास कोई केस आ जाता था,या मुझे बाहर जाना होता या कोई इम्पार्टेंट काम होता ,
“बस सोच रहा था की आज राज का क्या रिएक्शन रहा होगा..”वो चुप तो थी लेकिन उसकी हल्की हँसी की आवाज मेरे कानों में पड़ रही थी ,
“आप सच में पगला गए हो ,चलो आपको तो कोई काम है नही लेकिन मेरे पास बहुत काम होता है ,”
“अरे मेरी जान कुछ तो बताओ “
“क्या …?क्या बताऊँ बस साला अजीब से घूर रहा था और पास आने की बात करने की कोशिस कर रहा था लेकिन मैंने उसे कोई चांस नही दिया ,अब वो अपना काम कर रहा है और मैं अपना और आप भी अपना काम करो ,जासूस हो लेकिन अब अपनी बीवी की जासूसी करने में मत लग जाओ “वो खिलखिलाई और मैंने भी उसे प्यार से लव यू बोलकर फोन रख दिया,लेकिन जाने अनजाने मोना ने मेरे दिमाग में एक दूसरे आईडिया को जन्म दे दिया था,मोना की जासूसी ….
“अभिषेक सर sp साहब बुला रहे है “एक कांस्टेबल मेरे कमरे में आया
“हा आता हु,”मैंने राहत की सांस ली की चलो मुझे भी कोई काम मिल गया
*********
“यार अभी हाई प्रोफ़ाइल केस है कोई मंत्री भी इन्वाल्व हो सकता है ,मीडिया में बात पहुची तो बात बिगड़ जाएगी ,हमे भी इसे सम्हालना है लेकिन शांति से “मैं अपने जिले के क्राइम sp आर. के. ठाकुर साहब को देखता हुआ गंभीर हुआ जा रहा था ..
“सर लेकिन ये बड़ा मामला लगता है हमारे जिले तक सीमित नही है “
“साले चूतिये इसीलिए तो हमे दिया गया है ,तुम हेडक्वार्टर में बैठते हो इसका मतलब समझते हो ,तुम पूरे राज्य में कही भी इन्वेस्टिगेशन कर सकते हो ,अब फाइल उठाओ और अपनी टीम तैयार करो ,मैं चाहता हु की तुम ही इसे लीड करो और मुझे रिपोर्ट करो ..”
मैं हा बोलकर तो निकल गया लेकिन अपना माथा पकड़कर अपने केबिन में बैठ गया,साल ये क्या झंझट आ गई थी ,जो जांच किसी IAS या IPS की टीम को करना था मुझे पकड़ा दिया था,मैं एक ASP रेंक का अधिकारी था जिसके पास उतनी पॉवर नही होती की किसी मंत्री की जासूसी करे ,लेकिन फिर भी मैंने वो आदिवासी लैंड स्कैम की फाइल खोली और देखने लगा और देखते ही देखते मेरे आंखों की चमक भी बढ़ने लगी ….
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अध्याय 4
हल्के मध्यम रोशनी से पूरा कमरा जगमगा रहा था,हवा में उड़ाती हुई खुशबू ने मेरे नथुनों को भर दिया,मैं आश्चर्य से भर गया जब मैं घर में घुसा,अभी मोना कही दिखाई तो नही दी लेकिन मोहोल को देखकर जरूर लग रहा था की आज मोना रोमांस के फूल मुड़ में है ,मैं धीरे से जब अपने कमरे में पहुचा तो पाया की वो बाथरूम में है और साथ ही बेड में पड़े उसके उत्तेजक लिंगरिस ने ये बात कन्फर्म कर दी थी की आज वो जलवे बिखेरने वाली थी ,मैंने उन लिंगरिस को देखा वो बिल्कुल ही नए थे जैसे पहली बार आज ही उनका इस्तेमाल होने वाला हो,वो बहुत ही मुलायम थे इनके मुलायम की उन्हें छूते ही मेरा लिंग अकड़न खाने लगा,मैं जल्दी से अपना बेग फेंककर बाथरूम के दरवाजे के पास पहुचा दरवाजा खुला हुआ था मैं अंदर दाखिल हो गया,मोना अंदर बिना किसी कपड़े के शावर के नीचे खड़ी हुई थी ,मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े फेके और पीछे से उसे जाकर अपनी बांहो में भर लिया..वो मुस्कुराई लेकिन कुछ नही कहा ..
“मेरी जान बड़ी मूड में लग रही हो ..”वो हल्के से हँसी
“और आप हमेशा की तरह जल्दबाजी में ..”वो खिलखिलाई
“कभी तो थोड़ा सब्र करो ,भाग थोड़ी ना रही हु,इतना इंतजाम किया है और आप यही शुरू हो जाओगे,”उसका गीला हाथ मेरे लिंग पर था,सच में मैं यही सोच रहा था की कभी अकड़े हुए लिंग को उसकी गीली योनि में घुसा ही दु ,लेकिन उसकी बात सुनकर मैं थोड़ा खुद पर कंट्रोल पाने की सोची..
मैंने उसे फिर से जकड़ लिया था मेरा लिंग उसके कूल्हे में गड़ा जा रहा था ,साला सोने का नाम ही नही ले रहा था…
“ओहो चलो खाना तो खा लो “
“मुझे तो बस तुम्हे खाना है ,”मैं उसके गर्दन को चूमने गला वो मचली और तेजी से मुझसे अलग हो गई उसके होठो में शरारत भरी मुस्कान थी ,
“अगर ऐसा किये ना, तो कोई बात नही बतलाऊंगी “वो हसंते हुए बाहर निकल गई और खाना टेबल में सजाने लगी,मैंने अपने लिंग को सहलाया ..
“थोड़ी देर सब्र करले बेटा नही तो कुछ भी नही मिलेगा “
खाना बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था,आज मैं उसी चुद में जाने को इतना बेताब था जिसे मैं साल भर से चोद रहा था,
हवसी तो मैं पहले से था लेकिन लग रहा था की अपनी फेंटेसी की वजह से मेरी पुरानी हवस फिर के जाग गई है और बड़ी जोर से जागी है …
पूरे खाने के दौरान मोना ने मुझे अपने से दूर ही रखा और मैं उसे देखकर अपना लिंग मसलता रहा,मुझे लगा की साला आज तो ये अंदर जाए बिना ही झड़ जाएगा …
मैं अपनी हवस को काबू पाने के लिए थोड़ा इधर उधर चल रहा था,जब ये कम नही हुई तो मैं अपने पंचिंग बेग को मारने लगा,मोना अब भी किचन में थी…
जब वो बेडरूम में आयी तो मुझे देखकर हँसने लगी..
“पूरी ताकत यही निकाल दोगे क्या ..”उसे पता था की जब मैं ज्यादा जोश में आता था और मुझे उसका साथ नही मिलता था तब मैं अपनी उत्तेजना को कम करने के लिए पंचिंग बेग को मारा करता था,खासकर उसके परेड वाले टाइम में मैं कई घण्टे तक उसे मरता थक जाता था लेकिन फिर मोना की टांगो को देखकर उत्तेजित हो जाता,आखिर उस बेचारी को अधिकतर मेरा लिंग अपने मुह और हाथो से मसल कर झडना पड़ता था,कुल मिलाकर मैं हवसी था जिसे मोना जैसी समझदार लड़की ही अपने प्यार से मैनेज कर पाती थी …
मैं तुरंत ही उसके ऊपर कूद गया ,उसकी आंखों को देखकर थोड़ा शांत हुआ,और उसके होठो को अपने होठो में भर लिया..
जब सांसे फूलने लगी तो हम अलग हुए ..
“क्या बताना चाहती थी “
मैं थोड़ा शांत हो चुका था ,
“आज राज से बात की “मेरी आंखे बड़ी हो गई और लिंग ने फिर से फुंकार जोरो से मार दी ,मैंने अपने लिंग को इतने जोरो से सहलाया की वो हँस पड़ी ..
“क्या तुम भी बस इतनी सी बात पर ऐसा खड़ा कर रहे हो पहले पूरा तो सुन लो “
मैं अधीरता से उसे देखने लगा ..
वो मुस्कुराते हुए मेरे सीने से लग गई ..
“जान सच में वो बहुत हैंडसम है ,आज उसके साथ ही लंच किया ,पूरे ऑफिस की लडकिय उसकी दीवानी है ..सोच रही हु आपकी बात मान ही लू .”
उसने आखिरी लाइन को थोड़ा मजाकिया अंदाज में कहा था लेकिन मेरे लिए इतना भी काफी था मैंने उसे झट से नीचे लिटा दिया और उसके ऊपर टूट पड़ा ,पहले तो हंसती रही लेकिन फिर वो सिसकियां लेने लगी ,मैं उसके पूरे बदन को अपने थूक से गीला कर रहा था,
उसे भी पता था की मेरी इस उत्तेजना का कारण क्या है लेकिन हवस थोड़ी ही देर में प्यार की शक्ल लेने लगा,जिस चहरे को सालो से देख रहा था वो रोज मुझे कुछ नया ही लगता था,हर नजरिये के साथ साथ नजर भी बदलते जाती है ,
वो इतनी मासूम लग रही थी की मुझे खुद पर भी थोड़ा गुस्सा आने लगा की मैं उसे कहा फसाना चाह रहा हु ,लेकिन हमे पता ताकि ये बातो तक तो ठीक है लेकिन असली जीवन में ये हुआ तो उसका सामना करना हमारे लिए बेहद ही मुश्किल होगा…
उसने मेरी आंखों में झांका मैं अभी भी उसके आंखों में डूबा हुआ था,उसकी आंखे थोड़ी पनियाई जैसे पहले पहले प्यार में अक्सर होता है,शायद ये थोड़ी मोड़ी शरारतें हमारे प्यार को कभी बूढ़ा होने नही देंगी,हम आज भी उसी नए जोड़े की तरह एक दूसरे के साथ व्यव्हार करते थे जैसा की शादी के समय किया करते थे,वो आज भी मेरी आंखों में प्यार देखकर इमोशनल हो जाती थी और आज भी मैं उसकी आंखों में पानी देखकर उसके प्यार में और उतर जाता था,
मैंने अपने होठो को उसके आंखों पर लगा दिया,उसका पानी मेरे होठो से मेरे मुह में चला गया था,उसके होठो पर हल्की मुस्कान खिली और हमारे होठ फिर से मिल गए,मन शांत होने लगा और हवस ने हारकर प्यार का रूप ले लिया,कपड़े खुलते गए और हम एक दूजे में सामने लगे,मन और भी शांत हो रहा था,उत्तेजना बढ़ रही थी लेकिन शरीर के तल पर ही वो मन को नही जला पा रही थी,शरीर के तल पर दोनो ही मिल चुके थे ,सांसे भी एक दूसरे में घुलने लगी थी और मन भी ,..........
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(16-01-2019, 02:09 PM)Logan Wrote: Nice story
dhanywad dost .......
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Bindas story post Kar do yaha bhi jaldi se
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(17-01-2019, 08:42 AM)Black boy Wrote: Bindas story post Kar do yaha bhi jaldi se
Dhanyawad dost... Karunga yar Aram se...
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Dost story me images add karo,
Update soon
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(17-01-2019, 04:49 PM)Veer.rajvansh Wrote: Dost story me images add karo,
Update soon
Yar mujhe samjh nahi aata ki kon sa pic add. Karu,wo khud apne hisab se image kar lo ...
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(17-01-2019, 04:51 PM)Karishma saxena Wrote: NICE story
Dhanyawad karishma ji...
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अध्याय 5
मेरी आंखों की पट्टी खुली जिसे पिछले एक घंटे से मेरे आंखों में लगाया गया था,मेरे सामने एक गोरा और लंबा चौड़ा उम्रदराज शख्स एक बड़े से सिंहासन नुमा कुर्सी पर बैठा हुआ था,उसने काले रंग का पठानी शूट पहना था,एक घंटे पहले एक अनजान काल आया था,जिसने मुझे केस से जुड़े सबूत देने के लिए मुझे मेरे ऑफिस के पीछे एक सफेद वेन में बैठने का निर्देश दिया,वँहा दो मुस्कन्डो ने मेरे आंखों में पट्टी बांध दी थी जो अब खुली ….
मुझे एक कुर्सी में बिठाया गया था और मेरे सामने बैठा शख्स मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था..
“ASP साहब बहुत सुना है आपके बारे में ,आपके दिमाग की चर्चा हर जगह होती है ,सपना मर्डर केस,5 दिन में सॉल्व ..वाओ..kts बैंक घोटाला,1 महीने में सभी आरोपी सबूत के साथ पकड़ लिए अपने,और सबसे ज्यादा चर्चा में रहे चिट फंड घोटाले के उजागर में..बड़े बड़े दुश्मन खड़े कर लिए अपने,लेकिन डरे नही और आखिर आपके केरियर का सबसे बड़ा केस आदिवासी लेंड स्कैम ….”
मैं उस कमरे को और उस शख्स को ध्यान से देख रहा था,और वो मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था..
“आप सोच रहे होंगे की ये कौन है और आपको किस जगह लाया गया है लेकिन फिक्र मत कीजिए आप सुरक्षित है …”
अब उसके बात से मेरे होठो में मुस्कान आ गई ..
“जंहा तक इस जगह कि बात है तो आपके ड्राइवर सच में बड़े चालाक है ,उन्होंने मुझे पूरा शहर घुमा दिया लेकिन MG रोड में नए लगे स्पीकर में बजते हुए रेडियो ने मुझे फिर से सतर्क कर दिया,फिर एक किलोमीटर चलने के बाद उन्होंने राइट टार्न लिया मैं उस सकरी गली के शोर को सुन सकता था जो की मस्जिद के पास खत्म होती है ,और फिर सीधा जाकर VIP रोड में मिल जाती है ,VIP रोड की शानदार सड़क में 5 किलोमीटर चलने के बाद फिर से एक लेफ्ट टर्न फिर वो उबड़ खाबड़ रोड जो नए बन रहे मॉर्डन टाउन जाने का शॉर्टकट है,लेकिन हम वँहा गए नही क्योकि 500 मीटर के बाद ही गाड़ी फिर से राइट मोड़ी गई और एक अच्छे सड़क में आ गई ,ऑफकोर्स ये तो हाइवे था,आपके ड्राइवर ने आधे घंटे के रास्ते को एक घंटा बनाने की कोशिस कर दी और फिर हमे ले आया शहर में फिर से मस्जिद के पास की पीछे वाली गली में ,अजान की आवाज और दुकानों से आती हुई लोभंग की खुशबू ने मुझे समझा दिया की मैं खान बाड़ी में हु ,जब सकरे रास्ते से होती हुई ये एक बड़े से मैदान जैसी जगह पर आ गई ,स्वाभाविक है ये खान बाड़ी की वो प्रसिद्द चाल है जंहा आने से सिक्युरिटी भी डरती है और रही तुम्हारी बात तो तुम इस चाल के मालिक असलम खान के बेटे होंगे,लेकिन मेरी चिंता की बात बस ये है की तुम्हे तो इस समय दिल्ली में होना था,क्योकि तुम्हारे पिता की मौत के बाद तुम्हारा गिरोह और परिवार दोनो ही बिखर गया था,मतलब की तुम फिर से अपने गिरोह को सक्रिय करने में लगे हो,अब मेरी फिक्र बस ये है की तुमने मेरे आंखों में पट्टी क्यो बंधी और अपनी पहचान छुपाने की कोशिस क्यो की ,इसका मतलब है की तुम दुनिया के सामने नही आना चाहते,क्योकि इस शहर में तुम्हारे पिता के दुश्मन तुमसे कही ज्यादा पावरफुल हो चुके है,और किसी को अगर भनक भी लगी की तुम यंहा फिर से आ गए तो …..”
उसके चहरे में पसीना छलक आया ..
“मैंने जितना आपके बारे में सुना था आप तो उससे भी ज्यादा तेज निकले ..”उसने घूरकर अपने ड्राइवर की ओर देखा जो आंखे फाडे हुए मेरी बात को सुन रहा था..
“कोई बात नही ये तो मेरा काम ही है,ऐसे तुम्हारे बारे में अभी तक इंटेलिजेंस को पता नही चल पाया ..ऐसा क्यो..??”
“मैं कुछ ही दिनों पहले यंहा आया हु,और साथ ही इसे बस मिलने जुलने के लिए यूज़ कर रहा हु ,मेरा असली ठिकाना कही और है,अभी तक किसी को नही पता की मैं असलम का बेटा हु ...क्योकि मैं हमेशा दिल्ली में ही रहा था,”
“ह्म्म्म अब काम की बात कर ले..”मैंने उसे घूरा ,वो थोड़ी दहशत में लग रहा था,
“साहब आपके और मेरे दुश्मन एक ही है मैं इस केस में आपकी मदद कर सकता हु ,और आपको देख कर लग रहा है की आप उन सभी को जेल भिजवा देंगे …”
उसकी बात सुनकर मैं थोड़ी देर के लिए शांत हो गया क्योकि अभी तक मैंने कोई कारवाही शुरू नही की थी और मुझे बस शक था किसी पता यकीन के साथ नही कह सकता था की ये ही गुनहगार है,
“मुझे जंहा से भी मदद मिले वो ठीक है ..ऐसे तुम्हारा नाम क्या है ..”
वो मुस्कुराया
“इतने बड़े जासूस हो खुद ही पता लगा लो ..”
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुराया
“ठीक है अब्दुल मैं ही पता लगा लूंगा “अब वो चकराया ..
और मैं हँस पड़ा ..
“एक बार तुम्हारे पिता बातो ही बातो में तुम्हारा नाम बोल गए थे,मैंने तभी से उसे नोट कर लिया था,वो भी कभी नही चाहते थे की तुम इन सब में पड़ो ,लेकिन अब पड़ ही गए हो तो सतर्क रहना ,हमारे बीच दोस्त कर और दुश्मन ज्यादा है …”
इस बार हम दोनो का ही चहरा गंभीर था….
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अध्याय 6
पूरी केस फाइल पढ़ने के बाद मै गहरे सोच में डूबा हुआ था…
‘मल्टी नेशनल कंपनी को टेंडर ,1500 आदिवासी विस्थापित लेकिन कई मौतें,कई सिक्युरिटी के जवान शाहिद ,”मैंने एक गहरी सांस ली और वो आने लगा जो हमेशा ही फसने पर मैं करता हु ,आंखे बंद कर अपने को ढीला छोड़ दिया,मन में एक एक कर विचार आने लगे और कई आवाजे एक साथ गूंजने लगी …
‘मैं आपकी मदद करूंगा…..हाई प्रोफ़ाइल केस है…..JS ग्रुप ऑफ कंपनी…...मंत्री जी का अकाउंट कैसे चेक कर सकते हो ...क्या माल है ना यार मोना..ऐसे वो हैंडसम तो है…….नही राज आह...राज मैं तुम्हारी हु….साली साड़ी में तो बवाल लगती है,पिछवाड़ा तो देख इसका ……...आई लव यू जान…….अभी...अभी...तुम ठीक तो हो ना …”
मुझे किसी ने झकझोरा ..वो मोना थी...जो अभी अभी ऑफिस से आयी थी …
“हम्म ठीक हु …”मेरे माथे पर पसीना था…
“चलो छोड़ो आज तुम्हे एक मस्त बात बताऊंगी की तुम्हारा मूड बन जाएगा ..”
उसके चहरे में लालिमा खिल गई लेकिन मेरे चहरे को देखकर फिर से उड़ गई,
“क्या हुआ तुम्हे ..”
“कुछ नही यार आज मूड ठीक नही है ..”
“कुछ दिनों से बहुत परेशान दिख रहे हो,पहले तो मेरे ऊपर खुद ही पड़ते थे और अब देखते भी नही ,”
वो थोड़ी गंभीर हो गई थी ऐसे उसे पता था की जब मैं किसी केस में बहुत ही बिजी हो जाता हु या फंस जाता हु तो बहुत ही टेंसन में रहता हु लेकिन इस बार बात कुछ अलग थी ,पहले मैं कुछ ही दिनों में नार्मल हो जाया करता था लेकिन इस बार पूरा महीना हो चुका था,हमारी सेक्स लाइफ भी इससे प्रभावित होने लगी थी ,पूरे महीने में मैं 15 दिन तो बाहर ही रहा और बाकी के दिनों में 3-4 दिन ही हमारे बीच कुछ हुआ था,अब तो राज का नाम भी मेरे मन में उत्तेजना नही जगा पा रहा था,मोना मुझे खुश रखने की कोशिस तो कर रही थी लेकिन इस बार वो भी चिंता में पड़ गई थी …
“कुछ नही जान जानती हो ना केस के कारण परेशान हु ..’वो मेरी गोद में आकर बैठ गई ..
“साला ये भी क्या केस है मेरे ठरकी पति की पूरी ठरक ही मिटा दिया इसने “
मोना के बोलने का अंदाज ही ऐसा था की मेरे चहरे में एक मुस्कान उभर आयी,मैंने हल्के से उसके होठो को किस किया,मुझे भी इस चीज का अहसास था की मेरा काम हमारे बीच के संबंधों पर भी असर डाल रहा है और मैं ऐसा होने नही देना चाहता था…
“अच्छा बताओ क्या बताना चाहती हो …”
“छोड़ो आप थके हुए लग रहे हो ,..”
“अरे बता भी दो ..”
“जब मूड अच्छा होगा तो बताऊंगी,क्या मतलब की बात का कोई असर ही नही होगा तो ..”
“अरे यार तुम भी ..”
वो हँसी और अपना मोबाइल मेरे हाथो में पकड़ा दिया,
“इसका पासवर्ड तो आप जानते ही हो ना ,जासूस हो अब खुद ही पता कर लेना की क्या बताना चाहती थी ..”
वो हंसते हुए मेरे गोद से उठी और कपड़े चेंज कर बाथरूम में चली गई ,मैं थोड़ी देर तक सोचता रहा फिर अपना मूड बदलने के लिए मोना का मोबाइल उठाया ,मुझे समझ नही आ रहा था की आखिर वो मुझे क्या दिखाना चाहती थी की अचानक ही एक वाट्सप के मेसेज में मेरा ध्यान खिंचा ,राज के नाम से मेसेज आया था,उसकी dp में वो खुले बदन अपने 6 पैक दिखाते हुए फ़ोटो डाल कर रखा था,मैंने देखा की उन दोनो में बहुत सारी बाते हुई है ,अभी तुरंत का मेसेज था..
‘उस शर्मा को मैं मार डालूंगा साला कैसे घूरता है तुम्हे ..’
मेरा मूड थोड़ा खराब था इसलिए मैंने चुपचाप ही फिर से रख दिया और बाकी के मेसेज को पढ़ने की भी जहमत नही उठाई,इतना तो पता चल चुका था की इस एक महीने में दोनो काफी पास आ चुके थे,उनके बीच रोज बात भी होती थी लेकिन वो कहा तक पहुचे थे ये मुझे नही पता था ना ही जानने का ही मन हुआ,लेकिन फिर भी था तो मैं जासूस ही ,एक साफ्टवेयर मोना के मोबाइल में इंस्टाल कर दिया ताकि अपने मोबाइल में उस मोबाइल की गतिविधियों को देख सकू,मैं मोना को आजादी तो देना चाहता था और मेरी तमन्ना भी थी की उसके पीछे लड़के आशिकों की तरह घूमे लेकिन मैं उससे इस वफ़ा की आशा जरूर करता था की वो मेरे प्रति पारदर्शी रहे ….
मोना जब किचन से बेडरूम में आयी तो उसने अपना मोबाइल बिस्तर में रखे हुए देखा,मेरी इस उपेक्षा से उसका चहरा फिर से उदास हो गया,उसने तो सोचा होगा की उन दोनो की बात पढ़कर मैं हमेशा की तरफ उत्तेजित हो जाऊंगा ..
उसका चहरा देखकर मैं उसके पास जा खड़ा हुआ,और उसके हाथो को अपने हाथो में ले लिया,
“आई लव यू जान ,लेकिन मेरी भी मजबूरी है,मेरी थोड़ी भी गलती से कई जान जा सकती है ,और मैंने देखा की तुम राज के साथ खुल रही हो,और वो भी तुम्हारी केयर करने लगा है,लेकिन अब अभी खुलो कुछ खोलना मत ..”मेरे अधरों में आयी मुस्कान से उसका चहरा भी खिल गया,वो मेरे गले में झूल गई .
“आपकी ऐसी कामिनी बातो को मैं मिस करती हुई जान ,ये साले मेरे आशिक तो मुझसे ही इतना डरते है की कुछ गंदा नही बोलते,और अपने इसकी आदत डाल दी है ..”
वो खिलखिलाई वही स्वकच्छन्द हँसी जिसमे कोई राग द्वेष नही था,बिल्कुल निर्मल ..मैंने उसे अपने से सटा लिया ..
मेरे दिमाग में आया की मैं अपनी प्यारी बीवी के साथ ये क्या कर रहा हु ,मेरी चाहत को पूरा करने के लिए ही वो ये सब कर रही है..???
“तुम्हे ये सब करने की कोई जरूरत नही है,हा किसी दूसरे के साथ तुम्हे देखकर मैं उत्तेजित हो जाता हु लेकिन इसके लिए। मैं तुम्हे किसी शारीरिक और मानसिक या इमोशनल तकलीफ में नही डाल सकता...किसी के साथ संबंध बनाना सिर्फ शारीरिक नही होता,मानसिक और इमोशनल जुड़ाव भी आ ही जाता है,तुम कोई पेशे वाली नही हो जो बस देह का सौदा कर जाओ,मेरे कारण तुम्हे ये सब करने की कोई जरूरत नही है …”
मेरी बात सुनकर उसके आंखों में भी थोड़ा पानी आया और वो मेरे आंखों को ध्यान से देखने लगी ,वो हल्के से मुस्कुराई ,वो प्यार से भरी ही मुस्कान थी ,उसने अपने हाथो से मेरे गालो को सहलाया,..
“जानते हो मैं कभी इतनी खुस नही थी जितना की अपने मुझे शादी के बाद बना दिया,मैं एक पढ़ाकू और अंतर्मुखी लड़की थी जिसे अपने इतनी आजादी दी की मैं अपने आप को एक्सप्लोर कर सकू,आप ने मुझे इतना बदला है,आपने ही सिखाया की कैसे मैं किसी मर्द को अपने बस में कर सकू...कितने अजीब चीज है ना की जो ताकत मेरे पास हमेशा से थी उसे मैं ही नही जानती थी ,अपने ही बतलाया की मैं कितनी सुंदर हु ,और चाहूं तो क्या कर सकती हु,अपने मुझे जीवन में वो सम्मान दिया और दिलवाया जो मैं अपने बूते पर शायद कभी नही पा सकती थी,मैं उस ऑफिस में बस एक वर्कर बनकर रह जाती जिस ऑफिस में आज बॉस से लेकर चपरासी तक मेरे इशारे में कोई भी कदम उठाने से नही हिचकिचाते...जान आप इन सबकी वजह से खुद को मत कोसो अपने मुझे ताकत दी है,सम्मान दिलवाया है,वो आजादी दी है जिसकी कल्पना कोई लड़की अपने पति से करती है,और सबसे बड़ी बात इतना प्यार दिया है,आई लव यू जान,मैं आपके बिना अधूरी ही रहूंगी,और आपके सिवा किसी पर दिल आ जाए ये हो नही सकता,और बात जिस्मानी रिस्तो की है तो आज तक आपके सिवा किसी की नही हो पाई ,और बात अगर उत्तेजना की है तो हा ये बात की मैं किसी और के साथ जिस्मानी हो जाऊ ये सिर्फ आपको नही मुझे भी उत्तेजित कर देता है ,तो खुद को ग्लानि में मत डालिये ,आपका काम बहुत ही प्रेशर वाला है और मैं आपको खामखा का कोई और प्रेशर नही देना चाहती,”
वो मुझसे लिपट गई और मैं उससे,जिस्म में कोई आग तो नही थी बस अहसास था एक दूसरे के होने का अहसास...मैं उसके बालो को हल्के हल्के ही सहला रहा था वही वो आंखे बंद किये मेरे कंधे पर ही लेटी थी...हमारे रिश्ते में आगे क्या होने वाला था इस बात की गारेंटी दोनो में कोई नही दे सकता था,मैंने उसे आजादी दी थी और उसने उस आजादी का सही उपयोग अपने केरियर को आगे बढ़ाने के लिए किया था,लेकिन मेरे मन में आने वाली भविष्य को लेकर कई दुविधा थी,क्योकि मैं कही ना कही ये जानता था की हमारे रिश्ते का ये नजरिया मोना को शिखर में भी पहुचा सकता है या एक रंडी की उपाधि भी दिला सकता है,क्योकि मेरे दिमाग में कल होने वाली पार्टी की बाते चल रही थी जिसमे मंत्री जी द्वारा मुझे इनवाइट किया गया था,आउर मैं जानता था की ये ना सिर्फ मेरे केस के लिए बल्कि हमारे रिश्ते के लिए भी एक टर्निंग पॉइंट होगा,अगर हम सम्हाले तो जीत सकते है वरना मैं सब कुछ हार भी सकता हु………
जासूस होने का यही फायदा था और यही नुकसान की आपको कई ऐसी चीजे भी पता होती है जो की पता होनी नही चाहिए…...
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kuch aage update ayega is story ka
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Doctor shahab may apka bahut bada fan Hu, apki Har story pasand aati hai, Desi bee forum Par yeh wali padi thee, I hope aap isko aur badi Kar leekho gay
God bless you
Apki post ka intayjaar rehta hay
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(15-01-2019, 07:39 PM)Karishma saxena Wrote: NICE update
kutiya aa gai tu ... tu kab complete karegi apnj story
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