Thread Rating:
  • 8 Vote(s) - 2.63 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
#41
केशव ने बेमन से उसे छोड़ दिया...और अंदर जाकर बैठ गया..कुछ ही देर मे काजल चाय लेकर गयी और दोनों चुस्कियाँ लेते हुए चाय पीने लगे...और बातें करने लगे.

काजल : "आज भी रहे हैं क्या वो दोनों ...रात को खेलने''

केशव : "वो तो कल भी जाना नही चाहते थे...मैने उन्हे दिन में ही फोन कर दिया था...वो ठीक 9 बजे जाएँगे..''

अभी 7:30 बज रहे थे..

काजल : "ओहो ....मुझे थोड़ा जल्दी करना होगा...खाना भी बनाना है..माँ को दवाई भी देनी है बाद मे...उन लोगो के आने से पहले माँ को सुला देना है...वरना उन्हे बेकार की परेशानी होगी.

केशव समझ गया की अभी कुछ नही हो सकता...अंदर किचन मे ही एक-दो किस्सेस ले लेनी चाहिए थी उसको...

चाय पीने के बाद काजल फटाफट काम पर लग गयी...खाना बनाकर उसने माँ को खिलाया और केशव को भी..और बाद मे खुद ऊपर कमरे में चली गयी .ये सब करते-करते 9 बज गये.

और ठीक 9 बजे उनके घर की बेल बजी...केशव ने जाकर दरवाजा खोला तो दोनो बाहर खड़े थे...उनके मुँह से शराब की भी महक रही थी..शायद शाम से ही दोनो पीने मे लगे थे..काजल के बारे मे सोच-सोचकर..

केशव ने उन्हे अंदर बिठाया और भागकर उपर गया, माँ सो चुकी थी और काजल अपना खाना खा रही थी.

केशव : "दीदी ...वो लोग गये हैं...आप जल्दी से चेंज करके नीचे जाओ..''

ये केशव का इशारा था की वो अपने वही वाले कपड़े पहन कर नीचे जाए, जिसमें वो जीत रही थी.

और फिर वो नीचे आकर बैठ गया और पत्ते बाँटने लगा..

वो पहली बार मे ही काजल को गेम खिलाकर उनके मन मे शक़ पैदा नही करना चाहता था.

जब पत्ते बंट गये और सभी की बूट के बाद 2-2 चाल भी गयी तो केशव ने सबसे पहले पत्ते उठा कर देख लिए..उसके पास सिर्फ़ एक इक्का था और दो छोटे पत्ते...उसने पेक कर दिया.

गणेश और बिल्लू खेलने लगे..

खेलते-2 गणेश बोला : "आज काजल नही खेलेगी क्या...?"

वो दोनो शायद काफ़ी देर से वो बात पूछना चाहते थे...केशव भी मन ही मन मे उनकी बात सुनकर हंस दिया..

केशव : "पता नही....मैने बोला तो था...पर शायद कल वो काफ़ी बार हार गयी थी...इसलिए मना कर रही थी...शायद भी जाए..''

बिल्लू : "अरे, ये तो खेल है...कोई ना कोई तो हारता रहता है...इसमे दिल छोटा करने वाली क्या बात है..''

केशव कुछ नही बोला और दोनो की गेम चलती रही...वो गेम बिल्लू जीता , उसके पास पेयर आया था.

जैसे ही बिल्लू ने पत्ते बाँटने शुरू किए, उन्हे काजल के नीचे उतरने की आवाज़ आई...सभी के सभी सीडियों की तरफ देखने लगे..बिल्लू भी पत्ते बाँटकर उसी तरफ देखने लगा.

और जैसे ही अपनी गेंदे उछालती हुई वो नीचे उतरी

[Image: giphy.gif]
उसके अलग ही अंदाज मे डांस करते हुए मुम्मे देखकर वो दोनो हरामी समझ गये की उसने अंदर कुछ नही पहना है...और सभी की तेज नज़रें टी शर्ट के पतले कपड़े के नीचे उसके निप्पल ढूँढने लगे..

वैसे ये बीमारी हर मर्द में होती है....जहाँ भी कोई मोटे मुम्मों वाली लड़की या आंटी देखी, घूर-घूरकर उसके निप्पल वाली जगह पर उभार ढूँढने की कोशिश करते हैं...

वो दोनो भी इस वक़्त यही काम कर रहे थे..और उन्हे एक ही बार मे सफलता भी मिल गयी, एक तो उसने अंदर ब्रा नही पहनी थी और उपर से उसके निप्पल आम लड़कियों के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा ही मोटे थे...इसलिए नन्ही-2 चोंच सॉफ दिख रही थी.
[Image: k6EsNnX.jpg]
काजल : "केशव ..मुझे खेलने दो ना...''

केशव हंसता हुआ उठ गया...और काजल को सामने देखकर दोनो के मुँह से पानी टपकने लगा..

केशव : "बिल्लू...अब काजल गयी है, इसलिए पत्ते दोबारा बाँटो...''

बिल्लू को कोई परेशानी नही थी, उसने ताश दोबारा फेंटी और फिर से पत्ते बाँटने लगा
..
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#42
छोटा लेकिन अच्छा अपडेट।
Like Reply
#43
(15-01-2019, 10:21 PM)bhavna Wrote: छोटा लेकिन अच्छा अपडेट।

thanks bhavna !!!
next update thoda bda dungi !!! :P
Like Reply
#44
काजल की तरफ से चाल चलने और पत्ते देखने का काम केशव का ही था...इसलिए 2-2 ब्लाइंड के बाद केशव ने एकदम से डबल ब्लाइंड चल दी..उसकी देखा देखी बिल्लू और गणेश ने भी डबल ब्लाइंड चल दी..वो तो बस काजल को घूरने में लगे थे...

केशव ने फिर से ब्लाइंड का अमाउंट बड़ा दिया और 600 रुपय बीच मे फेंक दिए...अब गणेश की फटने लगी..उसने अपने पत्ते उठा लिए..और फिर कुछ सोचकर उसने 1200 बीच मे फेंके और चाल चल दी..

अब चाल बीच मे चुकी थी, इसलिए गणेश ने भी अपने पत्ते देख लिए..वो काफ़ी देर तक सोचता रहा और आख़िर मे जाकर उसने पेक ही कर दिया..

अब बारी थी काजल की...उसने केशव की तरफ़ देखा तो केशव ने 600 की ब्लाइंड फिर से चल दी..

बिल्लू ने भी 1200 की चाल रिपीट कर दी..

अब थी असली इम्तिहान की घड़ी...काजल के इम्तिहान की घड़ी...उसकी किस्मत के इम्तिहान की घड़ी..

केशव ने पत्ते उठाए ...उन्हे चूमा...और फिर एक-एक करते हुए उन्हे देखा..

पहला हुकुम का पत्ता था 10 नंबर..

दूसरा भी हुकुम का ही निकला ...बेगम...

अब तो केशव को पक्का विश्वास हो गया की उसके पास हुकुम का कलर आया है..

पर जैसे ही उसने तीसरा पत्ता देखा, लाल रंग देखकर उसका दिल टूट गया...

पर अगले ही पल वो खुशी से उछाल पड़ा...क्योंकि वो लाल रंग मे ही सही पर गुलाम था...

यानी उसके पास सीक़ुवेंस आया था...10,11,12..

उसने वो सब शो नही होने दिया...और बड़े ही आराम से बिल्लू की चाल से डबल चाल चलते हुए 2400 रुपय बीच मे फेंक दिए..

अब बिल्लू भी समझ चुका था की केशव के पास बाड़िया वाले पत्ते आए हैं...इसलिए उसने एकदम से डबल की चाल चली है...पर उसके पास भी पत्ते चाल चलने लायक थे, इसलिए वो अभी तक खेल रहा था...वो आगे चाल तो चलना नही चाहता था पर शो ज़रूर माँग लिया उसने...

केशव ने शो करते हुए अपने पत्ते सलीके से उसके सामने फेंक दिए...

उन्हे देखकर एक दर्द सा उभर आया बिल्लू के चेहरे पर...जैसे अक्सर जुआ हारने वाले के चेहरे पर जाता है..

उसने भी अपने पत्ते फेंक दिए..

उसके पास 9 का पेयर था..

और केशव ने हंसते हुए सारे पैसे अपनी तरफ खिसका लिए..

इतने सारे पैसे अपने सामने देखकर काजल खुशी से चिल्ला पड़ी..

वो लगभग 10 हज़ार थे , जो एक ही बार मे उनके पास गये थे..

हारने का गम मनाते हुए बिल्लू को काजल के उछलते हुए मुम्मो को देखकर कुछ देर के लिए सांत्वना ज़रूर मिली...पर उसका मूड खराब हो चुका था.

[Image: d609314a89cd2de6e0a87fe7f901fa32.jpg]

एकदम से काजल बोली : "मैं कुछ खाने के लिए लाती हूं अंदर से...''

और वो उठकर अंदर चली गयी..

उसके जाते ही केशव उसकी सीट पर आकर बैठ गया...ये सोचकर की एक गेम वो भी खेल ले, और हार जाए, ताकि वो खेलने के लिए बैठे रहे...वरना जुआरियों को हमेशा यही लगा रहता है की अगर कोई बड़ी गेम हार जाते हैं तो उसके बाद निकलने की सोचते हैं..

पर उसके बैठते ही बिल्लू एकदम से बोला : "अब तुम काजल को ही खेलने दो...ऐसे बीच मे बदल-2 कर मत खेलो...''

केशव चुपचाप उठ गया...और वापिस सोफे के हत्थे पर बैठ गया..

बिल्लू और गणेश एक तरफ ही बैठे थे...दोनो एक दूसरे के पास मुँह लेजाकर ख़ुसर फुसर करने लगे..

बिल्लू : "यार...ये तो मेरा बैठे-2 निकलवा कर रहेगी आज...साली बिना ब्रा के बैठी है सामने...मन तो कर रहा है की इसके मोटे-2 निप्पल पकड़कर ज़ोर से दबा दूं...''

गणेश फुसफुसाया : "हाँ यार...साली बिल्कुल सामने बैठकर ऐसे हिला रही है अपने दूधों को की मन कर रहा है उन्हे दबोचने का...साली रंडी लग रही है बिल्कुल....एक बार बस मिल जाए इसकी...ये सारे पैसे हारने का भी गम नही रहेगा...''

और दोनो खी-2 करते हुए हँसने लगे...

केशव उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रहा था पर उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..

पर ये तो वो समझ ही चुका था की वो दोनो काजल के बारे मे ही बात कर रहे हैं..
[+] 1 user Likes Jyoti Singh's post
Like Reply
#45
भी काजल की आवाज़ आई अंदर से : "केशव...वो बेसन वाली मूँगफली कहाँ रखी है...मिल नही रही मुझे...''

केशव उठकर अंदर चला गया...

अब गणेश और बिल्लू थोड़ा खुलकर बाते करने लगे काजल के बारे मे...

केशव जैसे ही अंदर पहुँचा, काजल ने उसे अपनी तरफ खींचकर उसे अपने सीने से लगा लिया..

एकदम से काजल की इस हरकत पर वो बोखला सा गया...क्योंकि उन दोनो के बाहर बैठे हुए काजल से ऐसी हरकत की उम्मीद नही थी उसको...

पर उसके नर्म मुलायम मुम्मो के एहसास को अपनी छाती पर महसूस करके उसे मज़ा बहुत आया...और वो एक ही पल मे ये भूल गया की उसके दोनो दोस्त कुछ ही दूर यानी बाहर बैठे हैं...

काजल की खुशी देखते ही बनती थी

काजल : "केशव....तुमने बिल्कुल सच बोला था...हम जीत गये...वो भी इतने सारे पैसे एक साथ....वाव....आई एम सो हैप्पी ......''

और इतना कहते हुए उसने एकदम से उपर होते हुए केशव के होंठों को चूम लिया...

[Image: giphy.gif]
वो स्मूच तो नही था पर उसके नर्म और ठन्डे होंठों के एहसास को एक पल के लिए ही सही, महसूस करते ही उसके तन बदन मे आग सी लग गयी...उसने भी काजल के चेहरे को पकड़ कर उसे चूमना चाहा पर तभी बाहर से बिल्लू की आवाज़ आई

''
अरे भाई...मूँगफली मिली या नही....''

काजल एकदम से केशव से अलग हो गयी...पर उसकी आँखो की शरारत साफ़ बता रही थी की वो भी केशव के लिए अभी उतनी ही उतावली हो रही थी ,जितना की वो हो रहा था उसके लिए..

अचानक केशव ने उसके दोनो मुम्मों को दबोच लिया और ज़ोर से दबा दिया...

[Image: 13571512.gif]

काजल एक दम से चिहुंक उठी...ये उसके भाई का सीधा और प्रहार था उसके स्तनों पर...जिसे महसूस करके उसका बदन भी ऐंठने लगा..

काजल फुसफुसाई : "छोड़ो केशव....वो बाहर ही बैठे हैं...कोई अंदर ना जाए ...छोड़ो ना...ये कर क्या रहे हो तुम....''

केशव ने भी शरारत भरी मुस्कान से कहा : "मूँगफली ढूँढ रहा हू ...''

और इतना कहते-2 उसने काजल के दोनो निप्पल पकड़ कर ज़ोर से भींच दिए..

और बोला : "मिल गयी मूँगफलियाँ....''

[Image: 5b768d401468c6a0e118e8a60d90ef5c.gif]

काजल कसमसाकर बोली : "कमीने हो तुम एक नंबर के....जाओ अभी बाहर...ये मूँगफलियाँ रात को मिलेंगी...''

केशव बेचारा बेमन से बाहर निकल आया..पर ये सांत्वना भी थी की आज रात को ज़रूर कुछ ख़ास होकर रहेगा..

केशव के आने के एक मिनट के अंदर ही काजल भी गयी...और आदत के अनुसार बिल्लू और गणेश की नज़रें फिर से एक बार उसके निप्पल्स पर चली गयी...और इस बार उन्हे ये देखकर और भी आश्चर्य हुआ की वो तो पहले से भी बड़े दिख रहे थे...ऐसा क्या हो गया काजल को एकदम से...ऐसा तो तब होता है जब लड़की पूरी तरह से उत्तेजित होती है...
[Image: 026c522c79960370ba4a86627b245a62--sexy-women-bra.jpg]
तो क्या काजल उन्हे देखकर ही उत्तेजित हो रही है...

क्योंकि मूँगफली की प्लेट नीचे रखते हुए वो जिस तरीके से उन्हे देख रही थी...सॉफ पता चल रहा था की वो भी उनमे इंटरस्ट ले रही है...

उन दोनो के लंड तो खड़े होकर बग़ावत करने लगे...

खेल की माँ की चूत ...उन्हे तो बस काजल मिल जाए इस वक़्त, वो अपने सारे पैसे ऐसे ही उसे देने के लिए तैयार थे...

पर काजल तो अलग ही दुनिया में थी...उनके मन मे क्या चल रहा है इस बात से भी अंजान..

और इस बार काजल ने पत्ते बाँटने शुरू किए...और वो बेचारे बेमन से अगली गेम खेलने लगे..
[+] 1 user Likes Jyoti Singh's post
Like Reply
#46
मस्त कहानी। थोड़ा बड़ा देने का धन्यवाद।
Like Reply
#47
Jyoti Ji, very sexy story. Ab kajal ko uske bhai se chudwao.
Uska bhai uski chut or gand lick kre....
Like Reply
#48
(17-01-2019, 01:02 AM)bhavna Wrote: मस्त कहानी। थोड़ा बड़ा देने का धन्यवाद।

bas ese hi kahani ko padti rho or enjoy krti rho
thanks for appreciation
Like Reply
#49
(17-01-2019, 10:59 AM)Harryjatt Wrote: Jyoti Ji, very sexy story. Ab kajal ko uske bhai se chudwao.
Uska bhai uski chut or gand lick kre....

bas ese hi padte rahiye .. kese kahani nye mod leti h.
Like Reply
#50
क्या मस्त कहानी है । काजल नतो कमाल पर कमाल कर रही है। पढते पढते लौडा हिलाता ही रहा । काश काजल की चुत सामने होती । मजा आ गया यार । 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
[+] 1 user Likes bhukhalund's post
Like Reply
#51
(17-01-2019, 01:18 PM)bhukhalund Wrote: क्या मस्त कहानी है । काजल नतो कमाल पर कमाल कर रही है। पढते पढते लौडा हिलाता ही रहा । काश काजल की चुत सामने होती । मजा आ गया यार । 

Bas ese hi aap padte rahiye and have fun  :P :P
Like Reply
#52
काजल के चेहरे की हँसी जाने का नाम ही नही ले रही थी...ऐसा अक्सर होता है, नये-2 जुआरियो के साथ...

अगली गेम के लिए बूट और ब्लाइंड की राशि 500 कर दी गयी...और 3-3 ब्लाइंड चलने के बाद जब एक बार और काजल की तरफ से केशव ने ब्लाइंड चली तो गणेश और बिल्लू का मन हुआ की पत्ते उठा कर देख ले...पर फिर ना जाने क्या सोचकर दोनो एक-2 बाजी और ब्लाइंड की खेल गये...यही तो केशव भी चाहता था..क्योंकि उसे तो पक्का विश्वास था की काजल के पत्ते तो अच्छे होंगे ही...इसलिए उसने इस बार ब्लाइंड की रकम भी दुगनी करते हुए 1000 कर दी.

अब तो सबसे पहले बिल्लू की फटी...क्योंकि पिछली गेम में वो काफ़ी पैसे हार चुका था...और ये ग़लती वो इस बार नही करना चाहता था..

उसने अपने पत्ते उठा लिए...उसके पास 2 का पेयर आया था...पत्ते तो काफ़ी छोटे थे...पर चाल चलने लायक थे...उसका एक मन तो हुआ की पेक कर दे..पर फिर रिस्क लेते हुए उसने 2000 बीच मे फेंक कर चाल चल दी.

गणेश की बारी आई तो उसने झट से अपने पत्ते उठा लिए...उसके पास इक्का और बादशाह आए थे...साथ में था 7 नंबर...कोई मेल ही नही था...चाल चलने का तो मतलब ही नही था. उसने पेक कर दिया..

अब एक चाल बीच मे ही चुकी थी...पर फिर भी केशव ने काजल के पत्ते देखे बिना एक और ब्लाइंड चल दी...और हज़ार का नोट बीच मे फेंक दिया..

इतनी डेयरिंग तो आज तक इनमे से किसी ने नही दिखाई थी...ऐसा लग रहा था की केशव को पूरा विश्वास था की वो ही जीतेगा...इतना कॉन्फिडेंस कही उसका ओवर कॉन्फिडेंस ना बन जाए..

अब बिल्लू के सामने चुनोती थी...पर एक तरह से देखा जाए तो उसका पलड़ा ही भारी था अब तक ...केशव ने पत्ते देखे नही थे...और उसके पास पेयर था 2 का...ऐसे में उसके मुक़ाबले के पत्ते होना एक रिस्क ही था केशव के लिए...पर फिर भी वो चाल के उपर ब्लाइंड खेल गया...शायद ये सोचकर की अगर जीत गया तो तगड़ा माल आएगा हाथ...और अगर हार भी गया तो कोई गम नही..क्योंकि पिछली गेम में वो काफ़ी माल जीत ही चुका था..

बिल्लू की नज़रें काजल के उपर थी...तो थोड़ी टेंशन मे चुकी थी अपने भाई को ऐसे ब्लाइंड पर ब्लाइंड चलते देखकर..

बिल्लू ने फिर से एक बार रिस्क लेते हुए 2000 की चाल चल दी...अब तो काजल की टेंशन और भी बढ़ गयी....टेंशन के मारे उसके निप्पल उबल कर बाहर की तरफ निकल आए...और उसने जाने अंजाने मे ही अपने दाँये निप्पल को पकड़कर ना जाने क्यो उमेठ दिया...
[Image: 12541172.gif]
वैसे ये उसकी हमेशा की आदत थी...जब भी वो उत्तेजित होती थी...यानी रात के समय या फिर फ़िन्गरिंग करते समय...वो अपने खड़े हुए निप्पल्स की खुजली को मिटाने के लिए उन्हे ज़ोर-2 से उमेठ देती थी...ऐसा करने में उसकी खुजली भी मिट जाती थी और उसे अंदर तक एक राहत भी मिलती थी..

पर आज वो भले ही उत्तेजित नही थी..पर उसके निप्पल्स मे हो रही खुजली ठीक वैसी ही थी जैसी रात के समय हुआ करती थी....और इस टेंशन वाली खुजली को भी उसने अपनी उंगलियों के बीच दबोच कर मिटा दिया...

भले ही ये सब करते हुए उसका खुद पर नियंत्रण नही था..पर उसकी इस हरकत को देखकर सामने बैठे दोनो ठरकियों के लौड़े कबूतर की तरह फड़फड़ाने लगे..

अभी कुछ देर पहले ही मूँगफली की प्लेट नीचे रखते हुए जिस अदा के साथ काजल ने उन दोनो को देखा था और स्माइल किया था...

[Image: giphy.gif]
अब उसे फिर से खुले आम अपने निप्पल को मसलते देखकर उन्हे पूरा विश्वास हो गया की वो उन्हे लाइन दे रही है...एक तो पहले से वो बिन ब्रा के और ऊपर से ऐसी रंडियों वाली हरकतें...उन्होने मन ही मन ये सोच लिया की एक बार वो भी अपनी तरफ से ट्राइ करके रहेंगे...शायद उनका अंदाज़ा सही हो और काजल जैसा माल उन्हे मिल जाए

केशव इन सब बातो से अंजान अपने गेम को खेलने मे लगा था...उसका एक मन तो हुआ की वो एक और ब्लाइंड चल दे...पर कही कुछ गड़बड़ हो गयी तो सारे पैसे एक ही बार मे जाएँगे..

ये सोचते हुए उसने अपने पत्ते उठा लिए..

और अपने पत्ते देखकर एक पल के लिए तो उसके माथे पर भी परेशानी का पसीना उभर आया..

उसके पास 3 का पेयर आया था.

अब देखा जाए तो वो जीत ही रहा था बिल्लू से...लेकिन उसे तो ये बात पता नही थी ना..

पत्ते भले ही केशव के पास चाल चलने लायक थे..पर वो और चाल चलकर खेल को आगे नही बढ़ाना चाहता था...क्योंकि सामने से बिल्लू 2 चालें चल ही चुका था...यानी उसके पास भी ढंग के पत्ते आए होंगे...केशव को चिंता सताने लगी की कहीं वो ये बाजी हार ना जाए...या फिर हारने से पहले वो पेक कर दे तो कम से कम शो करवाने के 2000 और बच जाएँगे...

वो कशमकश मे पड़ गया..

फिर उसने एक निश्चय किया....काजल को उसने वो पत्ते दिखाए...और धीरे से पूछा.. : "दीदी...आप बोलो...शो माँग लू या पेक कर दू ...''
[+] 1 user Likes Jyoti Singh's post
Like Reply
#53
अब काजल इतनी समझदार तो थी नही जो इस खेल को इतनी अंदर तक समझ पाती...पर उसने जब देखा की उनके पास 3 का पेयर है...और केशव ने यही सिखाया था की पेयर ज़्यादातर गेम्स जीता कर ही जाते हैं...उसने हाँ में सिर हिलाकर शो माँगने को कहा ...और केशव ने उसके बाद बिना कुछ सोचे समझे 2000 बीच मे फेंकते हुए शो माँग लिया...

अब ये गेम अगर वो हार जाते तो अभी तक के सारे जीते हुए पैसे एक ही बार मे चले जाने थे...पर ऐसा होना नही था..क्योंकि बिल्लू ने जैसे ही अपने पत्ते उन्हे दिखाए...केशव ने बड़े ही जोशीले तरीके से 2 के पेयर 3 का पेयर फेंकते हुए सारे पैसे अपनी तरफ करने शुरू कर दिए..

और इतने सारे पैसे एक बार फिर से अपनी तरफ आते देखकर काजल तो झल्ली हो गयी...और उसने खुशी के मारे उछलते हुए अपने भाई को गले से लगा लिया....

उसके दोनो मुम्मे बुरी तरह से बेचारे केशव के चेहरे से रगड़ खाते हुए पिस गये...

और उसकी ये हरकत देखकर बिल्लू और गणेश केशव की किस्मत को फटी हुई आँखो से देख रहे थे...

वो बड़े ही जोशीले तरीके से केशव के चेहरे को दबोच कर चिल्लाती जा रही थी : "हम जीत गये....याहूऊऊऊओ....हम जीत गये....''
[Image: ee85168f8c7b15c32e3438198d92a9a7e312f805...1238a3bc14]
केशव ने बड़ी ही मुश्किल से अपने आप को उसके नर्म मुलायम मुम्मे के हमले से छुड़वाया ...वो ऐसा करना तो नही चाहता था पर अपने दोस्तों को ऐसे मुँह फाड़कर उसे और अपनी बहन को हग करता देखकर वो खुद को छुड़वाने पर मजबूर हो गया.

अब केशव लगभग 20-25 हज़ार जीत चुका था...

काजल ने सारे नोटो को सलीके से एक के उपर एक रखकर गड्डी बनानी शुरू कर दी...और एक मोटी सी गड्डी बनाकर उसे अपने कुल्हों के नीचे दबा कर बैठ गयी..

उफफफ्फ़....काश...हम नोट होते...बस यही सोचते रह गये बिल्लू और गणेश.

आज काफ़ी पैसे हार चुके थे वो दोनो...और उन दोनो की जेबें लगभग खाली हो चुकी थी.

बिल्लू : "केशव भाई....आज के लिए यहीं ख़त्म करते हैं....अगर गेम लंबी चली गयी तो ज़्यादा चाल चलने के पैसे नही है आज....कल आएँगे हम...वैसे भी कल छोटी दीवाली है...और परसो दीवाली....अब तो उसके हिसाब से ही आएँगे...बस इन दो दिनों का ही खेल रह गया है अब तो...उसके बाद तो फिर से अपने धंधे पानी की तरफ देखना पड़ेगा...''

गणेश : "हाँ भाई....आज के लिए तो मैं भी चलूँगा...आज काफ़ी माल हार गया...पर कोई गम नही इसका...इसी बहाने काजल तो खुश हुई ना...''

वो जैसे काजल को मक्खन लगाने के लिए ये सब कह रहा था.

काजल भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी...वैसे भी गणेश उसको शुरू से ही आकर्षक लगता था...उसकी डील डोल सबसे अलग थी...और शायद ये सोचकर की उसका लंड भी ऐसा होगा...वो अंदर से सिहर उठी.

जाते-2 बिल्लू एकदम से पलटा और बोला : "केशव...अगर तू कहे तो कल हम राणा को भी लेते आए....उसका फोन आया था आज सुबह और बोल रहा था खेलने के लिए...मैने तो बोल दिया की आजकल हम केशव के घर बैठते है...पर वो अगर कहेगा तभी आने के लिए कहूँगा ..''

केशव कुछ देर के लिए सोच मे पड़ गया..

राणा उनका पुराना साथी था...और एक नंबर का हरामी भी...लड़कियों को चोदने और उनके बारे मे बात करना, बस यही काम था उसका...एक-दो बार केशव ने उसके मुँह से काजल के बारे में सुन लिया था, कहासुनी भी हुई थी दोनों में, तबसे वो उसके साथ दूरी बनाकर रखता था...और ये बात सभी को मालूम थी..

पर जुआ खेलने मे वो एक नंबर का अनाड़ी था..चाल कब और कैसे चलनी है, इसका उसे अंदाज़ा नही था...उसे बस उपर के खेल की जानकारी थी..जैसी जानकारी काजल को थी..ठीक वैसी ही...

पर वो खुलकर पैसे लगाता था अपनी हर गेम में ...और आज जिस तरह से केशव के हाथ जुआ जीतने का मंत्र हाथ लगा था, उसके बाद तो ऐसे ही जुआरियों के साथ जुआ खेलने का मज़ा आता है

उसने हां दी...

उनके जाने के बाद काजल ने पूछा : "ये राणा कौन है...?''

केशव : "वो कल ही देख लेना...इनकी तरह ही एक दोस्त है वो भी...पर ज़्यादा खेलना नही आता उसको..''

काजल : "पर आज मज़ा बहुत आया केशव...इतने पैसे जीत गये हम....ये देखो...''

उसने अपनी गांड के नीचे से नोटो की गड्डी निकाल कर दिखाई...जो अच्छी तरह से दबने के बाद सीधे हो चुके थे..केशव भी उन नोटो की गर्मी से ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था की ये असल मे कौनसी गर्मी है...उसकी बहन की गांड की या हरे-2 नोटों की..
Like Reply
#54
जुए की बहुत बडी खिलाडी है । सभी अपडेट बहुत बढिया है । 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
Like Reply
#55
मस्त जा रही है कहानी। चालू रखिये।
Like Reply
#56
(17-01-2019, 10:19 PM)bhavna Wrote: मस्त जा रही है कहानी। चालू रखिये।

Thank you bhavna .. ese hi padti rahiye.
Like Reply
#57
(17-01-2019, 09:27 PM)bhukhalund Wrote: जुए की बहुत बडी खिलाडी है । सभी अपडेट बहुत बढिया है । 

bahut  bahut sukriya. ese hi story padte rahiye.
aap ki story bhi kafi achi chal rhi h... sorry abhi me sahi se pad nhi payi hu but jaldi hi padne ki kosis krungi.
best of luck.
Like Reply
#58
Superb update
VIsit my story  

Main ek sex doll bani..https://xossipy.com/thread-2030.html

 uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
Like Reply
#59
Jyoti Ji, bhut nice story hai
Like Reply
#60
आपली Story भारी आहे म्हणुनच मंङळ आपले आभारी आहे.
Like Reply




Users browsing this thread: 7 Guest(s)