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Romance रंडी से प्यार
#21
(12-01-2019, 11:05 PM)ajay.star123 Wrote: Super story.
Dr. Tumhara kajal naam se kahas sambandh lagta he.

Dhanyawad ajay...Fir se dekhkar achchha laga.... Smile Smile
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#22
अध्याय 09
मैं शकील भाई दी हुई बुक को खोला भी नही था लेकिन मैं यूट्यूब में शेयर मार्किट से संबंधित वीडियो जरूर देख रहा था,एक सीनियर को इसमें बहुत ही इंटरेस्ट था मैंने उनके मुह से कई बार इसकी बात सुनी थी मैं उससे मिलने चले गया था,उसने मुझे बहुत कुछ बताया ,सबसे पहली बात ये की उसके लिए एक एकाउंट होना जरूरी है ,दूसरा की उस अकाउंट के जरिये डि-मेट अकाउंट खुलवाना होगा,उसका अपना प्रोसेस होता है और काम से कम 6 सप्ताह पुराना अकाउंट होना चाहिए,एक चेक बुक लगेगा,कम से कम 10 हजार से शुरू करना सही रहेगा,पहले 1 साल बस बैठ के वाच करना सही रहता है या फिर थोड़े थोड़े पैसे इन्वेस्ट करना,दुनिया और देश में होने वाली सभी चीजों का प्रभाव किसी ना किसी रूप में मार्किट पर पड़ता है ,सबसे ज्यादा प्रभाव राजनीतिक फैसलों,आर्थिक नीतियों ,और मौसम का पड़ता है उसके अलावा कंपनियों की अलग अलग नीतियों का भी उसपर प्रभाव पड़ता है …
अलग अलग लोग ,अलग अलग तरीके से मार्किट में सक्रिय रहते है,कोई इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो कोई शर्ट टर्म तो कोई लांग टर्म की ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते है ,ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट देखने में एक जैसे है लेकिन फिर भी सैद्धान्तिक रूप से अलग अलग है,वही मार्किट सिर्फ एक टाइप का नही है ,शेयर मार्किट में ही कई चीजों पर ट्रेडिंग होती है ,जैसे शेयर ,ऑप्शन,फ्यूचर,मिचुअल फंड आदि इसके अलावा,कमोडिटी और फॉरेक्स भी अपनी तरह के मार्किट है ,भारत में दो सबसे बड़े और सरकारी मार्किट है NSE और BSE …
अब ये सब हमे ही डिसाइड करना होता है की आखिर किस तरह का ट्रेडिंग करना पसंद करेंगे या इन्वेस्टमेंट करना ,ट्रेडर या इंवेरस्टार के अलावा यंहा ब्रोकर भी होते है जिनके माध्यम से क्यो बंदा अपना ट्रेड करता है ,इसके अलावा ब्रोकरेज हाउस भी होते है ,और कई तरह के कोर्स भी प्राइवेट और सरकारी संस्थानों के द्वारा करवाये जाते है ...तो ये चूस करना सबसे जरूरी होता है की आपको किस मार्किट में और कैसा ट्रेड करना है ….
मैं जानकारियां लेकर तो आ गया था लेकिन अब मेरे दिमाग का कीड़ा मुझे बुरी तरह से काँटेने लगा था ,आखिर मुझे क्या करना है ,लेकिन सबसे पहले जरूरी था की मुझे एक अकाउंट चाहिए था जो की कम से कम 6 सप्ताह पुराना हो और जिसमे 10 हजार हो साथ ही साथ उसका एक चेक बुक मेरे पास हो …
मुझे एक ब्रोकरेज फार्म भी डिसाइड करना था जो कम ब्रोकरेज में अच्छी फैसिलिटी देता हो ,उन सबके लिए मेरे पास समय था ,समय नही था तो दो चीजों के लिए एक था काजल का इलाज दूसरा मेरा एग्जाम …
मुझे रूटीन चेकअप के लिए काजल को ले जाना था ,मैं घर पहुच गया .काजल पहले से ही रेडी थी ,हम साथ चल दिए थे …
काजल बाहर बैठी थी ,डॉ ने पूरी चेकअप करने के बाद उसे बाहर बैठा दिया था ..
“पैसे का इंतजाम हुआ की नही ..??”
“हो रहा है सर 14 हजार मेरे जैसे के लिए बड़ी रकम होती है ,”
“हम्म 10 -15 दिन का ही समय है हमारे पास ,जल्दी टेस्ट नही हुआ तो प्रॉब्लम हो सकती है मुझे कुछ संभावना है उसे दूर करना जरूरी है,वरना बिना जाने अगर कोई दवाई चला दु तो साइड इफेक्ट भी हो सकता है जैसा पहले डॉ ने गलती किया था ,”
“जी सर मैं कोशिस कर रहा हु ,अभी उसकी तबियत कैसी है …”
“दवाइयों के भरोसे चल रही है ,दवाइयां बंद हुई तो फिर से खांसने लगेगी और खाँसना उसके लिए घातक है ,मुझे रिपोर्ट चाहिए उसके बिना कोई बड़ा डिसीजन नही कर सकता …”
मैं गंभीर हो गया था ..
“मैं कुछ करता हु सर “
मैं वँहा से निकल आया था…
************
मैने काजल को घर में छोड़ दिया था ,
“कहा जा रहा है”
“आ रहा हु काम से “
मैं निकल गया ,शाम होने को थी और दिमाग में बस पैसा ही पैसा चल रहा था,मैं शकील भाई के पास चला गया था …
“क्या हुआ बे छोटे कैसे मिलने आ गया ..”
“भाई मैंने आपकी दी हुई पुरस्तक पड़ी और मुझे कुछ चीजे समझ आयी है वो ही बतलाने आया हु “
उसने मुझे पहले तो एक बार घूरा ..
“इतनी जल्दी पूरी पढ़ ली ..”
“समझ ली समझने में समय नही लगता मुझे ,मैं तो ऐसी एक पुरस्तक एक रात में भी पढ़ लेता हु,इंजीनियर हु ना “
उसने और उसके साथ खड़े भोला ने बड़े ही आश्चर्य से मुझे घूरा..
“अच्छा तो अब क्या ??”
“कुछ नही एक अकाउंट खुलवाना होगा मेरे नाम से ताकि मैं अब जो सीखा हु और जो सिख रहा हु उसका प्रेक्टिकल कर सकू,”
“कितने पैसे लगेगेंगे ??”
“वही कोई 30 हजार ,आप चाहे तो और भी दे सकते है लेकिन मैं चाहता हु की अगर घाटा भी तो अभी इतने का ही हो जैसे जैसे मुझे समझ बढ़ती जाएगी आप पैसा भी बढहा देना ,और साथ ही और लोगो का अकाउंट भी खुलवा देना ,वो मैं कर लूंगा ,एक कोर्स भी कर सकता हु आने वाले समय में जिससे मैं और भी लोगो को सीखा कर इस धंधे में ला सकते है …”
“ह्म्म्म पैसा तेरे अकाउंट में होगा तो मुझे क्या फायदा होगा ..”
मैं हल्के से हँस पड़ा 
“क्योकि पैसा आपका होगा,और मेरे पास उसका पूरा हिसाब किताब होगा,अब दूसरा अभी कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट नही करेंगे थोड़े थोड़े से ही शुरू करेंगे तो कम से कम एक साल तो लगेगा अच्छे से समझने के लिए की कोई बड़ा रिस्क लिया जा सके …”
वो मेरे अंदर ना जाने क्यो ढूंढने की कोशिस कर रहा था..फिर उसने अपना फोन उठाया और मेरे द्वारा बताई गई जाकारी एक दूसरे आदमी को बताई ...साथ ही साथ दूसरा आदमी कुछ बोल रहा था शकील बस सर हिला रहा था ..उसने फोन रखा ..
वो फिर से मुझे घुरा मेरी फट तो रही थी लेकिन फिर भी मैं शांत ही बना हुआ था..
“ह्म्म्म शर्मा जी तो कह रहे थे की अकाउंट खोले कुछ दिन होना जरूरी है तभी ट्रेडिंग शुरू की जा सकती है …”
यानी शर्मा इसका कोई फाइनेंसियल एडवाइजर था ,साले ने फिर मुझे क्यो धकेला था यंहा ..
“जी भाई ..इसलिए तो आपसे पैसे मांग रहा हु पैसे ही नही होंगे तो फिर कैसे अकाउंट खुलवाऊंगा ..”
“अबे तो वो तो हजार रुपये में भी खुल सकता है बिना पैसे के भी खुल सकता है ….”
मैं सोच में पड़ गया था लेकिन फिर दिमाग लगाया 
“जी बिल्कुल खुल सकता है ,मेरे खुद का अकाउंट जीरो बेलेंस वाला है ,लेकिन भाई वो स्टूडेंट वाला अकाउंट था,और सरकारी बैंक में था,हमे अभी एक प्राइवेट बैंक का अकाउंट खुलवाना सही रहेगा क्या है ना वँहा से काम जल्दी होता है ,तो कम से कम कुछ पैसे तो उसमे होने चाहिए ...और जब मैं किसी ब्रोकरेज वाले से संपर्क करू तो मेरे अकाउंट में भी पैसे होने चाहिए ना …”
उसने भोला को देखा,भोला के चहरे से साफ पता लग रहा था की उसे कुछ भी घंटा समझ नही आ रहा है ..
“देखा बे भोला ,पढ़े लिखे आदमी के साथ काम करने का यही फायदा होता है साले ने 2 दिन में ही सब पता कर लिए,वो पुस्तक देख के मुझे तो लग रहा था की साला इसे कोई इस जन्म में तो नही पढ़ पायेगा ,;लौंडा तो हुसियार है ,जा 30 हजार ले के आ “
मेरी तो बांछे ही खिल गई थी ,मेरे लिए असंभव सी चीज संभव हो रही थी,मैं कितने परेशानी में था 14 हजार को लेकर लेकिन अब मेरे अकाउंट में 30 हजार होने वाले थे ,साला अगर मैं 50 बोलता तो वो भी दे देता ,लेकिन मुझे उतना नही उड़ना नही था की खुद को ही सम्हाल नही पाऊ ,ये पैसे मुझे रखने भी थे और इसका हिसाब भी मुझे देना था .एक एक पैसे का हिसाब ..वही सबसे बड़ा चेलेंज मेरे सामने होने वाला था …

*********
शाम हो चुका था कोई 6 बज रहे थे ,मैं खुस था और अपने जेब में 30 हजार को भरे हुए मैं ,अपने चाल से थोड़ी दूर में चाय पी रहा था,तभी बनवारी आ गया ...बनवारी वही शख्स था जिसने मुझे यंहा लाया था ..
“क्या इंजीनियर साहब कैसे हो भई …”
मैंने उसे देखा यही वो शख्स था जिसके कारण मैं आज यंहा था ,मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई ,जैसे मैं उसे धन्यवाद दे रहा था
“अच्छा हु अंकल “
वो खिलखिलाया ..
“अबे अब तो अंकल मत बोल,मेरा नाम है बनवारी ,तू बनवारी काका बोल सकता है ,सारा शहर जानता है की बनवारी एक रंडियों का दलाल है बस,”
“अच्छा ठीक काका ,..”मैं मुस्कराया 
“ऐसे दुनिया क्या कहती है वो छोड़ दो लेकिन मेरे लिए तो आप देवता की तरह ही आये थे “
वो मुस्कुराया 
“मैं देवता की तरह ही आता हु ,आज ही देख ले ,वो तू जिसके साथ रहता है ना काजल ,कितने दिनों के बाद धंधे में उतरी कोई ग्राहक नही मिल रहा था मैंने ले जाकर दिया है “
“क्या …??”
मेरे आंखों के सामने कुछ पलो के लिए तो अंधेरा ही छा गया,मैं जिसके लिए के सारे प्रपंच कर रहा था वो फिर से ..
“लेकिन उसका तो तबियत खराब है ..”
“अबे ये रंडिया है ,कैसे भी हो लोगो को अपने ऊपर कुदवा ही लेती है ,आज 3-4 ग्राहक आ जाए तो उसका भी 3-4 सौ बन जाएगा ..”
3-4 सौ बस मेरे दिमाग में बात किसी वज्रपात की तरह कौंध गई, …उसके लिए वो इस कंडीसन में 3-4 लोगो के साथ 
“क्या हुआ ..”
मैं उसे अजीब से निगाह से देखने लगा ,
“वो कितना लेती है एक बार का “
वो जोरो से हंसा ..
“तुझे कितना बताया था उसने ...अबे ये सब सस्ती रंडिया है यंहा आने वाले 50-100 रुपये भी दे दे तो बहुत है ,अब वो लड़कियों के ऊपर है की वो कितना वसूल ले ,हा उसमे से आधा दलाल का जैसे अभी 1 ग्राहक मैंने भेजा है 100 देगा तो 50 उसके 50 मेरे …”
मैं चाय वही पटक कर जाने लगा ..
“अबे कहा जा रहा है छोरे अभी तो ग्राहक उसके साथ होगा ,सुन ...अबे सुन “
वो मेरे पीछे भागा ..
“अबे क्या कर रहा है क्या हुआ बोल तो सही …”मेरा चहरा लाल था,पता नही मेरे दिमाग में क्या क्या चल रहा था,मैं गुस्से से भरे हुआ था साथ ही दुख भी तेज थी ,मैं नही चाहता था की काजल अभी किसी के साथ भी इस हालत में कुछ करे ,,उसने ऐसे भी 1 महीने का रेस्ट लेने की बात कही थी और अभी मुश्किल से 6-7 दिन ही हुए थे …
“अबे क्या हुआ तुझे कोई तमाशा मत खड़ा कर देना भाई .मेरी जान में बन जाएगी “
मैंने बनवारी को देखा 
“उसकी तबियत खराब है अभी ,और कोई ग्राहक लाने की कोई जरूरत नही है ,एक महीने वो कोई धंधा नही करेगी “
“तुझे बहुत फिक्र हो रही है लड़के उसकी “
मैं लाल आंखों से उसे घूर रहा था 
“हा हो रही है ,अब और कोई ग्राहक नही समझे “
मैंने कड़े शब्द में उसे कहा ..
वो भी डर कर सर हिलाने लगा..
“लेकिन अभी जो चला गया है उसे तो वापस आने दे ..”मैं चाल के दरवाजे में खड़ा था ,मेरे सामने ही दूसरे माले में वो कमरा था जंहा मैं और काजल रहते थे,मैंने एक बार उसे देखा अभी वो बंद था..
मेरा गुस्सा थोड़ा कम हो गया था ..
“ह्म्म्म ठीक है ..”मैंने सर हिलाया और दरवाजे के बाहर खड़ा बने एक पान ठेले में खड़ा हो गया...
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#23
amazing story writing doctor sahib....you rock !
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#24
(14-01-2019, 01:03 PM)Bregs Wrote: amazing story writing doctor sahib....you rock !

Dhanyawad sir ji...
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#25
Ghzab ki emotion Bhari kahani hai dr Saab
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#26
Super update
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#27
(14-01-2019, 07:16 PM)Johnyfun Wrote: Ghzab ki emotion Bhari kahani hai dr Saab

Dhanyawad sandy...
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#28
(14-01-2019, 10:11 PM)ajay.star123 Wrote: Super update

Dhanyawad ajay....
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#29
अध्याय 10
दरवाजा खुला तो मैं गेट से अंदर आया,वो कोई मजदूर जैसा शख्स बाहर निकला जो दिखने ही गंदा लग रहा था,काजल भी उसके साथ बाहर निकली ,बहुत थकी हुई लग रही थी ,चहरा जैसे बुझ गया हो ,उसने नीचे देखा और हमारी नजर मिली ,उसके होठो में एक फीकी सी मुस्कान आई ..पूरा चाल ही इस समय अपने पूरे शबाब पर होता था,शाम से ही शराब के नशे में चूर लोगो का आना जाना शुरू हो जाता था,चारो तरफ बस शोर ही शोर होता था,कई गंदी समझे जानी वाली गालियां हवा में जैसे घुली हुई थी ,वैसे ही शराब की बदबू भी अधिकतर देशी शराब की तेज बदबू कही से भी आती हुई मिल जाती थी,कभी कभी किमाम में लिपटा हुए पान और साथ में मिलाए गए सिगरेट के धुंए की बदबू भी आ जाती थी ..
मैं ऊपर चल दिया…
मैं कमरे के अंदर आया,साथ ही वो भी आ गई और कमरा बंद कर दिया,बाहर का शोर थोड़ा कम हो चुका था ,मैं उसे देखे जा रहा था,वो अपने श्रृंगार में थी ,होठो में लाल गाढ़ी लिपिस्टिक थी,हाथो में कुछ सस्ती लेकिन चमकीली चूड़ियां,बाल बिखरे हुए थे,और एक सस्ती चमकीली लाल रंग की साड़ी,देखकर लग रहा था जैसे तैयार तो ये बहुत पहले हुई थी लेकिन फिर जब किसी ने यौवन को निचोड़ा था उसके बाद फिर से तैयार हुई हो...साड़ी जल्दी जल्दी में पहनी लग रही थी ,उसने मुझे देखा उसके चहरे में मुस्कान गहरा गई ,उसने अपने साड़ी में दबे एक नोट को निकाल कर मेरे सामने लहराया …वो 500 का एक नोट था..
“देख रे छोरे मेरे 1 घंटे की कमाई ,साला आया तो 100 रुपये में करने के लिए था लेकिन काजल ने अपना जादू चलाया और जेब खाली करके गया …”वो हँसते हुए मेरे पास आ रही थी वो मेरी पहुच में थी की …
‘चटाक ‘
एक जोर का चांटा मैंने उसके गालो पर दे मारा ,ये मेरे अभी तक के दुख का निचोड़ था,वो सीधे ही बिस्तार में जा गिरी ..
वो आंखे फाड़े मुझे देख रही थी,अभी तक उसने मुझे एक सीधे साधे लड़के के रूप में ही देखा था …
“क्या जरूरत थी तुझे ये सब करने की ,जानती है ना की तेरे लिए आराम कितना जरूरी है ,और ये 500 का नोट क्या दिखा रही है मुझे,मैं नही आता तो तूने तो बनवारी से 3 ग्राहकों का सौदा कर ही लिया था ,सिर्फ 300 के लिए जिसमे तुझे बस 150 मिलते तूने इतना भी नही सोचा की मैं कैसे कैसे तेरा इलाज करवा रहा हु,अरे करना ही है धंधा तो पहले ठीक हो जा फिर कर लेना मैं कौन होता हु रोकने वाला लेकिन अभी ….इस हालत में वो भी 3-3 जानवरो के साथ “
मैं चिल्लाते चिल्लाते कब रो पड़ा मुझे खुद ही पता नही चला,मैं रोते रोते बिस्तर में बैठ गया था ,वो थोड़ी देर बस मुझे देखती रही ..
“तो बनवारी ने तुझे सब बता दिया इस साले बनवारी की तो मैं ..”
वो बाहर जाने वाली थी की मैंने उसका हाथ पकड़कर खिंचा,अब वो बिस्तर में बैठी थी जबकि मैं उसके सामने खड़ा था,
“कही नही जाना है और मैंने से कह दिया है की एक महीने तक कोई ग्राहक नही “
उसके चहरे में भी गुस्सा आ चुका था ..
“साले तू खुद को समझता क्या है ,कौन है तू मेरा ….?? रंडि हु रंडी ही रहने दे ,बहन या दोस्त बनाने की कोशिस मत कर “
वो खुद भी बोलते हुए सिसकने लगी थी …
मैंने अपने को थोड़ा सम्हाला 
“तेरा इलाज हो जाए फिर जो चाहे कर लेना ,अभी आराम कर “
उसने मुझे घुरा ..
“और इलाज कैसे होगा मेरा ,100 रुपये कमाने के लिए ना नंगी होकर शराबियों के साथ सोना पड़ता है मुझे ,यही असलियत है मेरी..बीमार ,बुड्ढे सभी चढ़ते है मेरे ऊपर तब मैं रोटी खा पाती हु ,और तू मेरे इलाज की बात कर रहा है,जानती हु कैसे करवा रहा है तू मेरा इलाज ..अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़कर तू शकील के चक्कर काट रहा है ,साले चूतिये जानता भी है वो कौन है ,वो तो पैसे के लिए अपनी बहन और माँ को भी बेच दे ,वो तेरी मदद करेगा,तू यंहा जो करने आया है वो कर मेरे कारण अपनी जिंदगी बर्बाद मत कर ,इन लोगो के चक्कर में मत पड़,भगवान ने मुझे जिस्म दिया है इसे बेचकर मैं कुछ ना कुछ कर लुंगी ,यही किस्मत है मेरी ..”
उसकी बाते मेरे दिल छू जा रही थी ,वो अब भी हल्के हल्के सिसक रही थी..
“किस्मत हम खुद बनाते है ,यू रोते रहने से कुछ नही होता …”
उसके होठो में एक तीखी व्यंगात्मक सी मुस्कान आ गई थी ..
“अच्छा…. तो वही तो कर रही थी मैं, अपना काम कर रही थी ताकि तुझे 14 हजार के लिए यू ना भटकना पड़े “मैंने बुरी तरह से चौका 
“मैंने डॉ और तेरी बात सुन ली ,ये दुनिया तो किसी को मुफ्त में एक ग्लास पानी का भी नही देती रे,उसमे भी पुण्य कमाने की सोचते है साले ,भिखारी को एक रुपये देने के लिए भी पुण्य पाप का हिसाब लगाते है,और तू एक रंडी के लिए अपनी औकात से बाहर जाकर खर्च करने की सोच रहा है,साले तू रहेगा चुतिया का चुतिया ही …”
अब वो भी तेजी से सिसक रही थी,मानो खुद को रोने से रोक रही हो लेकिन रोक नही पा रही हो ...,मैं उसकी दशा को समझ चुका था इसलिए उसने धंधे में आने की सोची थी,मैं उसके बाजू में बैठ गया और अपने जेब से 30 हजार का बंडल निकाल आकर उसके हाथो में रख दिया …
“जिनके पास हौसले होते है ना वो कुछ भी कर जाते है ,और तू मेरी क्या है मुझे नही पता लेकिन जो भी है ….मैं तुझे ऐसे नही छोडूंगा,जो तेरे लिए जरूरी है वो मैं ले ही आऊंगा चाहे इसके लिए मुझे कोई भी रिस्क उठाना पड़े..”
वो कभी पैसे को तो कभी मेरे चहरे को देखती रही जो गर्व और आत्मविस्वास से भरा हुआ था ,उसका रोना बंद हो चुका था जबकि उसके चहरे में असीम आश्चर्य था ...
“मादरचोद ये पैसे कहा से लाया तू,शकील के पास गया था ना ,साले नशीली दवाई बेचकर पैसे लाया है,या दलाली शुरू कर दी तूने …”वो पैसे को छोड़कर मेरा कॉलर पकड़ कर हिला रही थी 
“या कोई लड़की तो नही बेच दी तूने …”
मैं चुप.. मुस्कुराते हुए बस उसे देख रहा था..
“बोल ना मादरचोद कहा से लाया ये पैसे …”
“तुझे पैसे से मतलब कैसे आये छोड़ ना “
वो गुस्से से लाल होने लगी थी,लेकिन आंखे दर्द और आंसू से भरे थे..
“अगर ये पैसे गलत तरीके से लाया है तो मैं इसपर थूकना भी पसंद नही करूंगी ..”
“अच्छा और जिस तरीके से तू पैसे कमा रही थी वो बड़ा सही है ..”
उसने आश्चर्य से मुझे घुरा 
“मादरचोद वो मेरी मजबूरी है ,लेकिन तेरी क्या मजबूरी आ गई है …”
“तू ….तू मेरी मजबूरी है “
वो मुझे देखते हुए दहाड़ मारकर रोने लगी ,उसका हाथ अब भी मेरे कॉलर को पकड़े हुआ था और रो रोते रोते मेरे सीने से सिमटने लगी थी,
“मादरचोद ,बहनचोद साल चुतिया…गांडू कही का ..”
वो मेरे सीने में अपना सर रख कर मेरे सीने को अपने मुक्के से मार रही थी …
मैंने उसे जोरो से दबोच लिया था जैसे उसे अपने बांहो में पूरी तरह से समा लेना चाहता था …
“चुप हो जा ,कोई गलत काम नही किया है मैंने इसके लिए ..बस थोड़ा दिमाग लगाया है और कुछ नही ..”
लेकिन वो चुप ही नही हो रही थी अब भी वो मेरे सीने को मार रही थी और मुझमें और भी घुलती जा रही थी,अब भी वो मुझे गंदी गंदी गालियां दे रही थी जो मुझे बड़ी ही प्यारी लग रही थी...मेरे चहरे में मुस्कान थे,आंखों में थोड़ा पानी ,उसके चहरे में ना जाने कौन से भाव थे लेकिन मुह में गली थी,और उसके आंखों का पानी मेरे शर्ट के भिगोने लगा था...
उसका मरना धीरे पड़ रहा था वही गालियां भी धीरे पड़ रही थी लेकिन बंद दोनो ही नही हो रहे थे…
“अब चुप भी हो जा ,नही करूंगा कोई गलत काम ,कसम खाता हु तेरी “
मैंने हल्के से कहा ..
“चुप कर मादरचोद ..बड़ा आया मेरी कसम खाने वाला”उसने रोते हुए कहा और मेरे सीने पर एक मुक्का मारकर मेरे सीने में और भी जोरो से अपने को सटा लिया…..
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#30
अध्याय 11
दूसरे ही दिन काजल का टेस्ट हो चुका था उसमे 16 हजार खर्च हो गए,वो तो बड़ी ही बेचैन थी की आखिर उसे हुआ क्या है,लेकिन मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा था,रिपोर्ट तो आने वाले दिन में मिलने वाला था,मैं बैंक जाकर अपना खाता भी शुरू कर दिया,अब मेरे सामने जो सबसे बड़ा काम था वो था अपनी पढ़ाई करना,भला हो की मैंने कभी कोई बुक नही खरीदी ,..
असल में मैं लाइब्रेरीज़ से ही बुक्स उठा कर नोट्स बना लिया करता था,और नोट्स को रिविसन करना आसान होता है ,मैं 1 घंटा निकाल कर शकील की दी हुई बुक भी पढ़ रहा था और उसके भी नोट्स बनाने शुरू कर दिया था,मेरे पास मेरा लेपि था जिसमे मैं काजल को भी थोड़ा थोड़ा टाइपिंग ,नेट सर्चिंग के और कभी कभी शेयर मार्किट के बारे में भी बताता रहता था….पैसे की मुझे फिक्र नही थी क्योकि अभी 6 सप्ताह बाद ही कुछ हो सकता था,मैंने अपने पास मौजूद संसाधनों का भरपूर उपयोग किया था,कहते है ना की जिसके पास सुविधा नही होती उन्हें ही इसका उपयोग समझ में आता है ,वही मेरे साथ भी था,...
परीक्षा के दो तीन पहले काजल ने मुझे माँ वाली फिलिंग देना शुरू कर दिया था,वो मुझे कुछ काम भी नही करने देती थी ,खुद ही वो मेरे झूठे बर्तन भी धो रही थी,जब मैं कुछ बोलता तो बस ये कहती ..
“तू बड़ा साहब बन जा ,तो तुझसे पूरा वसूल लुंगी …”
जब वो ये बोलती थी तो उसके आंखों में एक अजीब सी चमक आ जाती थी ,जैसे इस ख्वाब को वो खुद ही मेरे लिए देख रही हो …
जाने कहा से मेरे लिए गाय का देशी दूध ला रही थी ,उसमे केशर और बादाम का तेल डालकर मुझे पिलाती थी ,ताकि मेरा दिमाग तेज हो जाए ..
उस पगली को मैं कैसे समझता की इन सब की मुझे आदत ही नही है,कभी किसी ने इतना प्यार मुझपर नही दिखाया था ,मेरी माँ ने बस प्यार ही दिखाया लेकिन कुछ कर ही नही पाती ,उतना संसाधन ही नही था उसके पास,पिता को रोजी रोटी से फुरसत नही थी,दो वक्त का खाना उन्होंने मुझे खिलाया यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी ….
उनके बारे में सोच कर कभी मेरी आंखे भी भर जाती थी ,तो वो काजल होती जो मेरे आंखों से आंसू पोछकर मुझे हौसला दिलाती ,कहती की ..
‘ऐसे रो कर अपने माँ बाप को खुस कर पायेगा क्या गांडू,अच्छे से पढ़ाई कर बड़ा साहब बन फिर अपने माँ बाप को राजा रानियो की तरह रखना ‘
वो मुझे गांडू या चुतिया ही कहती थी लेकिन इतने प्यार से की मैं उसके लिए प्रेम से भर जाता था,जब घंटो एक जगह में बैठे हुए और बाहर से शोर से मैं थक जाता था ,तब वो मुझे अपने गोद में सुला लेती और प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरती …
इसे दुनिया वाले रंडी ,छिनाल या ना जाने क्या क्या कहते थे लेकिन मेरे लिए तो ये माँ ,बहन और एक सच्ची दोस्त थी...जिसे मुझसे कुछ भी नही चाहिए था लेकिन अपना सब कुछ मुझपर लूटने को तैयार थी …….
मेरी परीक्षाएं उम्मीद से भी बेहतर गई ,और परीक्षा के बाद मैं पूरा ध्यान मार्किट को ही समझन में लगाना चाहता था,काजल का टेस्ट रिपोर्ट भी डॉ को दिखा चुका था,हम दोनो ही आपस में बाते भी हो चुकी थी ,दवाइया महंगी थी लेकिन मेरे पास पैसा भी काफी था,एक महीने की सेलरी भी मिल चुकी थी ,कुल मिलाकर सब ठीक ही चल रहा था…
और जब आपके साथ सब ठीक हो तो लोगो को मिर्ची लगनी शुरू हो जाती है ,ऐसा ही कुछ काजल और मुझे खुश देखकर चाल में रह रही बाकी लड़कियों को लगने लगा था,साथ ही मौसी के भी कान भरने वाले पैदा हो गए थे……
काजल से सबसे ज्यादा जलने वालो में उसके बाजू के ही कोठी की उमराव बेगम थी ,उम्र में कोई 25 की थी ,काजल से उसका हमेशा ही कम्पीटिसन सा रहता था,क्योकि उम्र का खास अंतर नही था दूसरा की वो भी काजल जितनी ही खूबसूरत थी ,लेकिन काजल की तबियत खराब होने से काजल के ग्राहक उसके पास जाने लगे थे ,कभी कभी काजल को ये डर भी लगता की कही इतने दिन के गेप के कारण उसका धंधा मंदा ना पड़ जाए …
उमराव खुश थी क्योकि उसका धंधा ज्यादा चल रहा था,काजल और उमराव जैसी खूबसूरत और जवान लडकिया इस जगह मिलना मुश्किल था,इसलिए वो ज्यादा पैसे भी कमा लेते थे,लेकिन फिर भी उमराव के जेहन में मैं कांटे के तरह चुभने लगा था,और मेरी क्या औकात थी की मैं किसी के जेहन का कांटा बनू लेकिन जो प्यार मेरे और काजल के बीच था वो वँहा कई लोगो के सीने में चुभने लगा था ,और उनमे से सबसे आगे उमराव ही थी …
इस बात को लेकर कई बार उसकी और काजल से कहा सुनी हुआ जाती थी ,दोनो जी खोलकर लड़ते भी थे ,और मेरे आने के बाद काजल मुझे सब कुछ बताती भी थी,मैंने लाख कहा की जाने दो इनकी बातो को लेकिन काजल तो काजल ठहरी …
एक दिन ऐसा ही था,मैं अपना आखिरी एग्जाम दिला कर वापस आया था ,आते आते रात हो गई थी क्योकि लास्ट एग्जाम था और दोस्तो के साथ थोड़ा समय बिता लिया था …
दरवाजा खुला और सामने काजल का मायूस हुआ मुह था ..
“क्या हुआ फुग्गा(गुब्बारा) क्यो फुला हुआ है “
उसकी आंखे कुछ ज्यादा बड़ी हो गई थी …
“वो उमराव साली ….”उसने गंदी गंदी गालियां देना शुरू कर दिया था.मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके सर में एक किस किया ..
वो अचानक ही चुप हो गई ..
“क्यो उसकी बात में आती है ..”
“नही आती लेकिन वो बोल भी तो ऐसा ही कुछ देती है ,आज कहती है की मैंने तुम्हे अपनी कच्छी और ब्रा में फंसा रखा है,साली छिनार सबको खुद के जैसा संमझती है ..”
वो थोड़ी रूवासु हो गई थी ..
“लेकिन तेरी कच्छी और ब्रा तो इतनी छोटी है ,उसमे मैं कैसे फंस जाऊंगा ..बोलना था ना उसे ये ..”
वो मुस्कुराई ..और मेरे सर में एक चपात लगा दी 
“साले गांडू ,उसका मतलब की मैं तुझे अपनी चुद के चक्कर में फंसा रखा है “
“लेकिन मैं कब तेरे चुद का चक्कर काटता हु “
ऐसा नही है की मुझे समझ नही आ रहा था की वो क्या कहना चाह रही है लेकिन बस मैं उसे मुस्कुराते हुए देखना चाहता था ..
उसने अपना माथा पकड़ लिया ..
“छि तू पूरा चूतिये का चुतिया ही रहेगा . अब छोड़ मुझे ,चल जल्दी खाना खा ले ..
मैंने उसे और भी जोर से जकड़ लिया 
“अरे बता तो सही की वो क्या कह रही थी जिसके कारण तेरा फुग्गा फुला हुआ है “
वो थोड़ी सीरियस हो गई 
“वो ये कह रही थी की मैंने तुझे फंसा के रखा है ,वही सब करके जिसके लिए हमे रंडी कहा जाता है …”वो सच में सीरियस हो गई थी ,उसके आंखों में पानी की कुछ बूंदे आ गई थी ,और शायद पहली बार उसने किसी अभद्र शब्द का प्रयोग किये बिना ये कह दिया की रंडी होना क्या होता है …
मैंने उसे अपनी ओर घुमा लिया था ,उसकी आंखों में झांकने की कोशिस कर रहा था लेकिन वो नीचे देख रही थी ,मैंने उसकी टोड़ी को उठाया वो मुझसे नजर भी नही मिला पा रही थी ,
“उसने कहा और तू दुखी हो गई ,हम जानते है की हमारे बीच का रिश्ता क्या है …”
उसने नजर उठाई और मेरी आंखों में देखा 
“क्या है रे ..??? क्या है हमारे बीच का रिश्ता..??”
उसकी इस बात से तो मैं भी निरुत्तर हो गया था ..
“तू कितना शरीफ है ये मैं जानती हु लेकिन दुनिया तो यही देखती है की तू एक रंडी के साथ रहता है ,उसके लिए इतना करता है ..तू दिल का साफ है लेकिन दुनिया संमझती है की तू इसके बदले मेरे साथ वही करता होगा…..रंडियों का एक ही रिश्ता होता है वो है ग्राहक और रंडी का ,सभी तुझे मेरे एक ऐसे ग्राहक के तरह देखते है जो मेरे साथ ही रहता है ,...”
उसकी आंखे भीग चुकी थी ,मेरे पास उसे देने के लिए कोई उत्तर ही नही था क्योकि मैं जानता था की वो जो भी कह रही थी वो सभी सच था,मुझे अभी तक कई लोग कह चुके थे की तू काजल की जमकर लेता होगा,
मैंने एक गहरी सांस ली और उसे अपने बांहो में भर लिया ,वो बीच मेरे सीने में खो चुकी थी …
“लोगो को कहने दे ना क्या फर्क पड़ता है हमे तो पता है ना...और हम उनकी चिंता क्यो करे “
“मुझे अपनी कोई चिंता नही है मैं तो हु ही रंडी लेकिन तू..”
“अरे मेरी चिंता करना छोड़ मुझे कुछ नही होगा “
“ह्म्म्म दुनिया को लगता है ये तो ठीक है वो इसके अलावा और सोच भी क्या सकते है लेकिन ...लेकिन क्या तुझे भी “
वो मुझे देखने लगी...हमारी आंखे मिल चुकी थी 
“क्या तुझे भी लगता है की मैंने तुझे फंसा लिया है,”उसके आंखों में कई सवाल खौल रहे थे ..मैं उसकी आंखों में देखने लगा ,उसे कैसे कहु की मैं फंसा नही था,हा उसने तो मुझे नही फसाया था लेकिन मैं जरूर फंस चुका था,शायद उसके स्नेह में ही इतनी शक्ति थी की कोई बंधन तो हमारे बीच था ,
“तुझे क्या लगता है,?? मुझे ऐसा लगता होगा”
मैंने सवाल के जवाब में सवाल किया 
“क्या पता,अब किसी पर जल्दी भरोसा नही होता “
वो पहली बार ऐसे सख्त दिखी थी लेकिन उसकी इस बात ने मेरे दिल में जोर का करेंट दे दिया...क्या अब भी उसे मुझपर भरोसा नही है ??
मैं बस स्तब्ध सा उसे देखता रहा ,शायद उसने मेरी भावनाओ को समझ लिया था ..
वो मेरे चहरे को अपने हाथो से पकड़ कर अपने पास खिंची,मैं उससे थोड़ा दूर हटने को हुआ ..
“मेरा वो मतलब नही था,लेकिन मैंने जीवन में इतने धोखे खाये है की विश्वास कही खो सा गया है…”
मेरे दिल में ना जाने कैसी गहरी पीड़ा जागी थी मैं वँहा से हटना चाहता था,
लेकिन उसने मेरा हाथ पकड़ लिया था ..
“मुझे माफ कर दो राहुल “
शायद पहली बार उसने मेरा नाम सही तरीके से लिया था …
“माफ कर दो ,मुझे सच में नही पता था की मैं क्या कह गई,देख उस उमराव ने मेरे दिमाग में क्या भर दिया “
वो मेरा शर्ट पकड़कर रोने लगी थी मैंने उसे सहारा दिया ,अपने बांहो में लगाया लेकिन …
मैं ठंडा ही था,प्यार की उष्णता कही खोने लगी थी …….
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#31
marvelous story writing dear

super entertaining n loving update
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#32
Waah bemisaal lekhni hai dr Saab, Dil Ko chu like wali ati rochak kahani hai
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#33
amazing story writing bhai dactr sahib superbly wirtten
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#34
(14-01-2019, 11:36 PM)Bregs Wrote: marvelous story writing dear

super entertaining n loving update

Dhanyawad sir ji...
Rap add...Yanha 1 hi rap point jata hai lagta hai...
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#35
(15-01-2019, 11:09 AM)Johnyfun Wrote: Waah bemisaal lekhni hai dr Saab, Dil Ko chu like wali ati rochak kahani hai

Dhanyawad sandy...
Rep+
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#36
(14-01-2019, 11:39 PM)aditiyal4u Wrote: I want to create a story.where I can do ? I don't understand.
Kindly share the link where I can easily write my stories.
Waiting....
Thanku

Yahi likh lo yar...New thread creat kar lo
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#37
अध्याय 12
परीक्षा के बाद पूरा ध्यान मैं मार्किट को वाच करने में लगा रहा था,काजल मेरे व्यवहार से थोड़ी उदास थी ,क्योकि मुझे लगाने लगा था की वो मुझपर विस्वास नही करती ,
वो मुझे अपने तरीके से समझा रही थी लेकिन मैं फिर भी उदास ही था और मुझे देखकर वो भी उदास हो जाती थी ….
दो दिन अनबोला ही बीत गया था ,
मैं अपने बिस्तर में बैठा हुआ लेपटॉप सामने रखा हुआ मार्किट वाच कर रहा था,ये बहुत ही एक्साइटिंग था क्योकि मैंने कभी पैसे का ऐसा गेम नही देखा था,देखते ही देखते शेयर के भाव बढ़ते और गिरते थे,मैं उसी गणित को समझने की कोशिस में लगा हुआ था,
काजल अपने बिस्तर में पेट के बल लेटे हुए मुझे ही निहार रही थी ..
“सोच रही हु की अब धंधा शुरू कर दु ..”
“ह्म्म्म”
“क्या ह्म्म्म हा या ना कुछ तो बोलो “
“जो तुम्हारे मन में आए तो करो “
मैंने रूखे हुए स्वर में कहा ,वो उठ बैठी ..
“क्या हो गया है रे तुझे ,आजकल देखता भी नही मुझे “
मैंने उसे घूर के देखा 
“काम कर रहा हु डिस्टर्ब मत कर “
“अच्छा बड़ा आया काम करने वाला “
मैं चिढ़ गया था ,लेकिन बस मैंने उसे घुरा 
“क्या देख रहा है अभी तक नाराज है उस एक चीज के कारण ..”
मेरा भी धैर्य टूट गया था
“एक चीज ...तूने क्या कहा था याद भी है ,तुझे जब मुझपर विस्वास ही नही है तो …”
मैं फिर से लेपटाप को देखने की कोशिस करने लगा 
वो मुस्कुराती हुई अपने बिस्तर से नीचे उतर कर मेरे पास आकर बैठ गई ,और मुझे देखने लगी ..
मुझे उसका ऐसा देखना बड़ा ही अजीब लग रहा था..
“अब ऐसे क्यो देख रही है “
“देख रही हु की कही तू प्यार व्यार तो नही करने लगा मुझसे …”
मैंने फिर से उसे देखा 
“तुझसे कौन प्यार करेगा ..”
मैंने बुझे हुए स्वर में कहा ..
उसके होठो में एक फीकी सी मुस्कान तैर गई ..
“सही कहा ,रंडी से कौन प्यार करेगा “
वो उठ कर बाहर चले गई ,मुझे अचानक ही अपने कहे पर ग्लानि हुई ,मैने ये क्या कह दिया था उसे मैंने खामखा ही उसे दुखी कर दिया था,..
मैं भी उठकर उसके पीछे चल दिया,ये दोपहर का वक्त था और यंहा आने जाने वालो की संख्या थोड़ी कम थी,वो कमरे के सामने खड़ी नीचे देख रही थी ,उसके बाजू में ही बगल कमरे वाली शबनम थी ,दोनो बात कर रहे थे मैं थोड़ा ठिठक गया …
“क्योकि री काजल तू धंधा कब शुरू करेगी ,साली लगता है तूने उस चिकने को ही अपना मरद बना लिया है ..”
शबनम ने बड़ी अदा से ये कहा था..
“चुप कर छिनाल “
काजल ने बड़ा ही छोटा सा जवाब दिया ,सूरज की धूप उसके चहरे पर पड़ रही थी और वो बड़ी ही खामोश लग रही थी,नीचे से वही पुराना ग्राहकों और रंडियों का शोर सुनाई दे रहा था..
काजल की बात सुनकर शबनम जोरो से हँस पड़ी 
“लगता है तू ही उस चिकने की मोहोब्बत में फंस गई है ,बच कर रहना ये साला प्यार मोहोब्बत बस फोकट में चोदने के बहाने होते है इन मर्दों के लिए ..”
शबनम फिर से जोरो से हँसी ..
काजल ने बस उसे घूर देखा ..
“मेरा राहुल ऐसा नही है समझ गई अब चुप कर अपना मुह वरना यही तोड़ दूंगी “
काजल की बातो में बेहद ही गुस्सा भरा हुआ था शबनम भी थोड़ी डर गई 
“अरे भड़कती क्यो है ,और वो कब से तेरा राहुल हो गया,साली सभी से तो कह रही थी की ऐसा कुछ नही है ,मेरा राहुल ..वाह ..हमे क्या लेना देना तेरी जिंदगी है तू ही जान ,जिस दिन तुझे चूस कर छोड़ देगा ना उस दिन रोना साली ..हु ..”वो पलट कर दूसरे ओर चले गई और कुछ महिलाओं से बात करने लगी ,वही काजल अब भी आकाश में देख रही थी …
“मुझे माफ कर दो ..”मैं उसके बाजू मे जा चूक था 
“किस लिए ..”
“तेरा दिल दुखा दिया ..”
“नही सच बोलने से अगर किसी का दिल दुखे तो कोई क्या कर सकता है ..तुमने तो सच ही कहा था..”
“लेकिन मेरा वो मतलब नही था ..”
उसने मुझे पहली बार देखा 
“तो क्या मतलब था ..”
“मैंने बस ...मैंने बस यू ही कह दिया ,तुम तो प्यार करने के ही लायक हो ,और मेरे लिए तुम कोई रंडी नही ,मेरी ..”
वो पहली बार मुस्कुराई ..
“मेरी..???”
“मेरी मोटी काजल हो “मैंने हल्के से हंसते हुए कहा ,उसके मुह में झूठा गुस्सा आ गया और उसने मुझे हल्के से मारा …
“मैं भी उस दिन कुछ कह गई थी ,और मेरा भी ये मतलब नही था की मैं तुझपर भरोसा नही करती ,असल में मैं सिर्फ तुझपर ही भरोसा करती हु ..और तू भी मेरा ..”
वो मुस्कुराई …
“मेरा..??”मैं उसे अधीरता से देखने लगा था 
“मेरा चुतिया राहुल है “
वो जोरो से हँस पड़ी ,मेरे होठो में भी एक मुस्कान छा गई थी ….
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#38
अध्याय 13
शाम का वक्त था काजल बार बार बाहर जाती फिर अंदर आती ,आज मैं दिन भर से घर में ही था और अपने लेपटॉप में ही घुसा हुआ था,मैंने नोट्स बनाने शुरू कर दिए थे,मार्किट का मुख्य रूप से 2 तरह से एनालिसिस किया जा सकता है,एक तरीका होता है ,उसके पुराने चार्ट को देखकर उसे टेक्निकल एनालिसिस कहा जाता है ,वही दूसरा तरीका होता है ,कंपनी की पूरी इनकम सीट को देखकर उसे फंडामेंटल एनालिसिस कहा जाता है,कई तरीके के साफ्टवेयर और अलग अलग तरीके के इंडिकेटर के माध्यम से सही के आसपास का अनुमान लगाया जाता है,100% की गारेंटी कोई भी नही देता लेकिन अगर 60% फायदा और 40% का घटा भी हो जाए तो बहुत होता है ,इसी 60-40 के रेशियो को लेकर मैं कई कंपनीज को अपनी वाच लिस्ट में डाल रहा था…
मैंने 20 कंपनियां सेलेक्ट की थी ,मुझे बस इनके बारे में सब कुछ जानना था,जो भी मैं अखबारों और मार्किट के मैगजीनस से जान सकू,इसका पूरा डेटा चार्ट मुझे पड़ना था साथ ही टेक्निकल एनालिसिस भी करनी थी ,उसके आधार पर मुझे फाल्स ट्रेडिंग करनी थी(बिना पैसे के ट्रेडिंग बस कागज में ) ..और देखना था की आखिर मुझे कितना फायदा होता है ,ताकि मैं आगे जाकर पैसे लगा सकू…
मैं अपने काम में व्यस्त था,काजल का भी मुझे कोई ध्यान नही रहा,आखिर वो झल्ला गई ..
“अरे बता ना धंधा करू की नही …”
उसने ऊंचे आवाज में बोला..मैं हड़बड़ाया हुआ उसे देखा ..
“मुझे क्या पता ..”
“क्या मतलब तुझे क्या पता ..साले तू अगर कमरे में रहेगा तो मैं कैसे धंधा करूंगी ,सच कहा था शबनम ने तू मुझे भूखा मार देगा ..”वो बेचैनी से कह रही थी ..
“तो ..”
“तो क्या शाम का समय है 2-3 ग्राहक तो लेने दे ..400-500 कमा लुंगी “
कितनी निर्दोषिता थी उसके अंदर कोई भी दिखावा नही था,जैसी वो थी बस वैसी हो थी,उसके लिए धंधा सही या गलत नही था बस धंधा था,ना उसे कोई डर था ना शर्म ,जबकि उसके धंधा करने की बात को सुनकर मैं थोड़ा घबराहट और शर्म महसूस करने लगा था …
“छोड़ ना बाद में कर लेना ,ऐसे भी अभी तो ठीक हुई है थोड़ा रेस्ट कर ले “
वो एक गहरी सांस लेकर मेरे बाजू में आकर बैठ गई ..
“ओहो और कितना रेस्ट करवाएगा मुझे ,कही मैं सब भूल ही ना जाऊ..”
उसने भोले पन से कहा 
“ये भी कोई भूलने की चीज है क्या ..”मैं थोड़े आश्चर्य से बोल पड़ा..और वो हँसने लगी 
“अरे चूतिये भूलने का मतलब है की आदत से हट जाना,अब रंडी हु तो चुदवाने की आदत तो रहनी चाहिए ना “
वो ये सब इतने सहजता से बोल जाती थी की मुझे कभी लगता ही नही था की अगर ये कोई सामान्य समाज में बोल दे तो हंगामा हो जाएगा ..
उसकी बात उसके मुह से बेहद ही सहज ही लगती थी …
मैं मुस्कुरा उठा..
“तो प्रैक्टिस में रहना चाहती है तू ..”
मुझे मुस्कुराता हुआ देख कर वो नकली गुस्सा अपने चहरे में ले आयी ,और मुक्के से मेरे बाजू को मारा ..
“तो तेरे कारण तो ऐसे अलसी ओ गई हु मैं ,दिनभर कोई काम नही करती ..”
“ओ तो ये बात है ,आजा तुझे काम देता हु “
मैंने उसे लेपटॉप में देखने को कहा वो मेरे गोद में ही आके बैठ गई ..
“अरे मोटी ये क्या कर रही है ,कितनी भारी है तू ..”
वो खिलखिलाने लगी थी ,लेकिन उसका मेरी गोद में मचलना मेरे लिए बिल्कुल ही नया अनुभव था,भले ही मैं कितना ही शरीफ था या मैंने कभी काजल को ऐसे वैसे निगाहों से नही देखा था फिर भी मैं था तो एक मर्द जो पूरी तरह से जवान हो चुका था,गरीबी और बेबीसी ने मुझे कभी अपनी शारीरिक भूख के बारे में सोचने का मौका नही दिया था लेकिन इसका मतलब ये तो बिल्कुल भी नही था की वो थी ही नही ,वो तो अपने जगह में थी लेकिन बस काम की व्यस्तता से कभी बाहर नही आयी थी,उसका गूदेदार पिछवाड़ा जब मेरे लिंग से रगड़ खाया तो मैं स्तब्ध सा हो गया था,मेरे पूरे शरीर में एक करेंट सा लगा,और वो अकड़ने लगा,मैं घबराया,कही अगर काजल को इसका पता चल जाता तो वो मेरे बारे में क्या सोचती ,वो तो बिल्कुल ही निर्दोष सी अटखेलिया करती हुई मेरे गोद में आ बैठी थी लेकिन उसकी इस हरकत से मेरे अंदर क्या हो रहा था ये मैं उसे नही बताना चाहता था..मैंने उसे थोड़ा आगे किया और जमीन में आ गई लेकिन उसका पूरा शरीर मेरे शरीर से अब भी लगा हुआ था,उसने अपने को मेरे ऊपर और भी डाल दिया,वो तो जमीन में बैठी थी ,मेरे पैर के जमीन में पसरे हुए थे वो अपने पैरों को उस घेरे के अंदर लाकर फैला दिए थे,और लेपटॉप को अपने गोद में रखकर मेरे ऊपर गिर गई थी ,मेरा हाथ अपने ही आप उसके कमर पर लिपट गया था,वो अब पूरी तरह से मेरी बांहो में समाई थी ,अब उसका भी हंसना बंद हो गया था,वो लजा रही थी ,शायद उसे भी अपने औरत होने का अहसास वैसा ही हो रहा हो जैसा मुझे अपने मर्द होने का अहसास हो रहा था…
उसकी गोद में लेपटॉप था मैंने उसपर उंगलियां चलाने के लिए खुद को आगे किया ,मेरे शरीर के साथ साथ वो भी थोड़ी आगे हुई,
उसके गाल अब मेरे गालो के पास थे ,उसकी सौंधी सी खुश्बू से मेरे नथुने भरने लगे थे,
मेरा गाल उसके गालो पर हल्के से रगड़ खाया,मैंने अपना चहरा हटा कर उसे देखा,उसके आंखों में लज्जा और होठो में हल्की सी मुस्कान थी ,मेरा एक हाथ जो की उसके पेट पर था और उसके गदराये पेट के ऊपर सलवार कमीज के पतले कपड़े से उसे अनुभव कर पा रहा था,वो मानो मुझे उसके कांपने लगा था,उस हाथ की हल्की सी हलचल से काजल की सांसे तेज हो गई ,उसने एक गहरी सांस छोड़ी जो गर्म थी ,
मेरे माथे पर भी पसीना आ चुका था,दोनो ही जानते थे की ये क्या हो रहा है लेकिन एक अजीब सी सिचुएशन में फंसे थे,ना हममें इतनी ताकत थी की हम उसे रोक सके ,ना हम आगे ही जाने की हिम्मत कर सकते थे,हमारे बीच एक अजीब सी मर्यादा की दीवार थी,जो हम पार नही करना चाहते थे,उसके बाद भी हम ऐसे सिचुएशन में फंस जाते थे जो हमे ये बता देता था की एक औरत और मर्द हो और एक ही साथ रहते हो ,ना सिर्फ इतना बल्कि ये भी की एक दूसरे को हम कितना पसंद करते है ,प्यार कहना गलत होगा क्योकि इसकी परिभाषा हमने अभी की नही थी ….
“बताओ ना “उसने हल्के से कहा 
काजल की सांसे मेरे गालो से टकराई ,मैं जैसे किसी ख्वाब से जागा था लेकिन अभी भी नीद में ही था..
“क्या ??”
“जो बताने वाले थे..”
उसके चहरे में मुस्कान गहरा गई थी ,वो इतने प्यार से और धीरे से कम ही बात करती थी ,लेकिन जब करती तो मन करता की ….
उसे प्यार करू ..क्योकि और कुछ करने की मैंने सोचा ही नही था,और प्यार कैसे किया जाता है ये मुझे आता नही था………
“हा हा...तो ये ..अरे सामने देख ना “
वो मुझे ही देख रही थी ,मेरी बात से उसकी भी तंद्रा भंग हुई ..
मैं उसे समझने लगा लेकिन ये मेरे और उसके दोनो के लिए ही बेहद मुश्किल था,भला हो बनवारी का जिसने थोड़ी ही देर बाद दरवाजा खटखटाया था ….और काजल ऐसे उठी जैसे हमेशा से उठना चाहती थी लेकिन कोई शक्ति उसे रोक कर रखी थी……..
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#39
अध्याय 14
दरवाजे के बार बनवारी था ,पहले तो वो मुझे देखकर थोड़ा डरा फिर काजल को देखने लगा..
“अब बोल भी ना “काजल ने थोड़ा जोर लगा कर कहा ..
“वो ….”
उसने सब कुछ काजल को बताया साथ ही मैं भी सुन रहा था..
“ठीक है थोड़ी देर में आती हु ..”वो दरवाजा बंद करके मुड़ी..और मुझे देखने लगी
“जाऊ की नही “
मैं उसे क्या कहता मुझे समझ नही आ रहा था..
“नही जाएगी तो भी चल जाएगा “
उसे कोई बाहर ले जाने आया था शायद उसका कोई परमानेंट ग्राहक था ..
“तुझे तेरे पैसे भी तो देने है ..”
“मैंने मांगा है क्या ..??”
“तूने तो नही मांगा लेकिन शकिल को क्या बोलेगा ..”
“वो मैं देख लूंगा ..”
वो थोड़ी देर तक चुप ही रही ..फिर पलटी ,
“मैं तुझपर कोई बोझ नही डालना चाहती ,16 हजार कमा के दे दु तुझे तो मुझे भी चैन मिले..”
उसने चहरा दूसरी ओर किये कहा और तेजी से बाहर निकल गई ..
उसके जाने से मुझे एक अजीब से दर्द का अहसास हुआ ,ऐसा अहसास मुझे कभी नही हुआ था,शायद यही दर्द प्यार था,वो प्यार जो मेरे दिल में उसके लिए जन्म ले रहा था..
मैं भी उसके पीछे बाहर आया ,नीचे दो लड़के बनवारी से बात कर रहे थे,साथ में शबनम भी थी ,मैं उन लड़को को देखकर तुरंत ही छिप गया था,मैं उस लड़के को पहचानता था ,वो आकाश था (मेरे क्लास का एक रहीश लड़का )...
मैं थोड़ी देर बाद फिर से छिपकर देखा तो आकाश और उसका कोई दोस्त काजल और शबनम के साथ जा रहे थे…
मेरा दुख पहले तो थोड़ा कम ही था लेकिन अब वो और भी तेज हो गया था …
************
रात हो चुकी थी जब काजल वापस आयी …
मुझे देखकर मुस्कुराया और मेरे हाथो में 5 हजार रख दिए ..
“बड़े रहीस लवंडे थे साले ,एक एक को 5 हजार दिए ..मैंने भी उसे खुस कर दिया है,बोल रहा था की वो फिर से मुझे ले जाएगा …”
वो खुश होकर मेरे बाजू में बैठी मैं अब भी अपनी नजर उससे नही मिला पा रहा था और अपने लेपटॉप को देख रहा था..
“जानता है उसका घर कितना बड़ा था बड़ा सा बिस्तर ,बहुत मखमली था नरम नरम ..”वो खुस थी की उसकी नजर मुझपर पड़ गई …
“क्या हुआ तुझे ..”
“कुछ नही ..”
“तू मेरे जाने से खुस नही है ना ..?”
“नही तो ..”
“रहने दे ..मुझे पता है की तू दुखी था,लेकिन क्या करे करना तो होगा ना काम ,इससे पहले की शकील को पता चले की उसका पैसा कहा गया ,उसके पैसे इकठ्ठे हो जाने चाहिए ..2 -3 बार और ले जाए साले तो अपनी तो लॉटरी लग गई समझो “
उसने मेरी बांहे पकड़ी और झूल गई ..
लेकिन मेरा अभी भी वही हाल था ..
उसने बड़े ही प्यार से मेरे बालो में हाथो को सहलाया ,
“जानती हु तुझे दुख हुआ होगा,लेकिन करना तो पड़ेगा ना काम है मेरा …”
पहली बार मैंने उसे नजर उठा कर देखा था ,वो हल्के से मुस्कुराई और मैं रोते हुए उससे लिपट गया..
ये रोना यू ही नही आया था,उसके जाने के बाद से ना जाने मेरे मन में क्या क्या नही चल रहा था,मुझे आज अपने गरीब होने पर इतना दुख हो रहा था जितना पहले कभी नही हुआ था,अपनी मजबूरी को मैं काजल को भी कैसे बताता की जिस लड़के के साथ वो गई थी वो मेरे ही क्लास में पड़ने वाला एक लड़का था,मुझे छिपाना पड़ा क्योकि अगर उसे ये पता चल जाता की मैं कहा रहता हु तो वो कालेज में मेरा मजाक बना देता,और मैं कुछ भी नही कर पाता…
काजल को जाने क्या लगा की मैं क्यो रो रहा हु ,वो मुझे अलग अलग बातो से बहला रही थी …
“देख ये मेरे साथ पहली बार तो नही हो रहा है ना,..”
उसने मुझे बहलाते हुए कहा ..
“ह्म्म्म”
“और तू अगर इसलिए दुखी हो रहा है की वो तेरे कालेज के लड़के थे और तेरे बारे में पता चल जाएगा तो फिक्र मत कर मैंने उन्हें कुछ नही बताया ..”
मैं चौक कर काजल को देखने लगा
“हा मुझे तो पहले ही पता चल गया था जब उसने अपने कालेज का नाम बोला ,वो क्या साहब का नाम क्या था ..हा आकाश ..”
मैं आंखे फाड़े हुए उसे देख रहा था..
“लेकिन ना मैंने कुछ बताया ना ही शबनम ने कुछ कहा “
“मैं इसलिए दुखी नही हो रहा हूं ,मुझे इसलिए दुख हो रहा है की मेरे होते हुए भी तुम्हे ये करना पड़ रहा है,ये मेरी ही तो मजबूरी है की तुम्हे ये करना पड़ रहा है …अगर मेरे आपस पैसे होते तो मैं तुम्हे कभी ये काम करने नही देता …”
वो थोड़ी देर मुझे देखते रही फिर खिलखिला कर हँस पड़ी ..
“अरे चूतिये अगर तेरे पास पैसा होता तो तू यंहा थोड़ी ना रहता,ना ही कभी मुझसे मिलता ..”
जो हंसे जा रही थी लेकिन उसने मुझे एक बड़ा सबक दे दिया था,वो सच ही तो कह रही थी ,अगर मेरे पास पैसे होते तो क्या वो मुझसे मिल पाती ,क्या हमारा ये रिश्ता बन पाता जो अभी था??
तो क्या मैं उस कंडीसन में इस लिए दुखी होता ,या उस पैसे का सुख भोग पाता...शायद उस समय और पैसे की चाह करता क्योकि उस समय मेरे सामने प्रॉब्लम कुछ अलग होती …
उसकी एक ही बात से मेरे देखने का पूरा नजरिया ही बदल गया ,मैं उठ खड़ा हुआ जैसे कोई करेंट का संचार मेरे पूरे बदन में हो गया हो ,मैं इस अहसास को खोना नही चाहता था,ऐसा लगा जैसे जीवन की सच्चाई अचानक से मेरे सामने आ गई हो ..सब कुछ बस खेल तमाशे जैसा ही है,जो आज करोगे वही कल घूमकर मिलता है,मतलब है की इस सेकंड लिया गया एक फैसला आने वाले सालो का निर्धारण करता है ...मेरे सर में तेज दर्द हुआ,मैं किसी गहरे सोच में डूब गया था...
मैं तुरंत ही बाहर निकल गया ,मैं रास्ते में चले जा रहा था,कुछ अजीब से गहरे से ख्यालात में डूबा हुआ,मानो दुनिया रुक गई हो ,सब कुछ ही रुक गया हो और साथ ही मैं भी …
चलते चलते ना जाने कितनी देर मुझे हो गई थी ,जब पैरों में थकावट आयी तो मैं रुका और सामने मेरे कालेज वाली चाय की टपरी थी,अभी कुछ ज्यादा चहल पहल नही थी बस होस्टल के कुछ लोग ही दिख रहे थे..
मैं जाकर कहे सिगरेट पीने लगा,आज मैंने पहली सिगरेट पी थी,इससे पहले मुझे सीनियरों द्वारा पिलाई गई थी लें आज मैं सिगरेट खरीद कर पी रहा था…
लंबे लंबे कस लगा रहा था और अचानक ही उठा और सिगरेट को जोर से फेका ..
“क्या हुआ “दुकान मालिक मुझे देख रहा था
“साले को आज मुह लगाऊंगा तो कल आदत बन जाएगा “
वो मुझे आश्चर्य से देखने लगा की मैं क्या कह रहा हु,मैं तेजी से दौड़ा और दौड़ाता हुआ हॉस्टल पहुच गया मैं सीधे उस सीनियर के पास पहुचा जो शेयर मार्किट के बारे में जानते थे …
“सर मेरे पास कुछ पैसे है और मैं इन इन कंपनी में उसे लगाना चाहता हु ...आप अपने अकाउंट से लगाएंगे ,जब तक मेरा डीमेट खाता नही खुल जाता …”
मैं उसे एक ही सांस में बोल गया
“तेरे पास इतने पैसे ??”
“वो छोड़ो ,कही से जुगाड है दूसरे के है सामने वाली पार्टी को  प्रॉफिट दिखाना है , मैं आपके साथ ट्रेड करूंगा ..जंहा मैं बोलूं वही ट्रेड करना ,हम साथ ही लाइव मार्किट में रहेंगे,मोबाइल से कांटेक्ट में “
उसने मुझे घुरा ..
“10 परसेंट मेरा …”उसने बड़े आराम से कहा
“50 परसेंट आपका ,लेकिन प्रॉफिट का ,टेक्स काटने के बाद “
“तो बचेगा क्या घण्टा …”
“अभी एक बड़ा भूचाल आने वाला है ,****कंपनी का शेयर नीचे जाएगा,,पुट ऑप्शन में  ट्रेडिंग करे तो शायद बड़ा फायदा मिलेगा ..”
वो सोच में पड़ गया ..
“तुझे कैसे पता की उसका शेयर नीचे जाएगा,उससे तो पूरी आयल इंड्रस्ट्री की प्राइस गिरेगी ,”
“अक्जेक्टली ,”
“लेकिन तुझे कैसे पता ??”
मैंने उन्हें थोड़ी देर पहले ही रेडियो में चल रहे एक समाचार के बारे में उन्हें बताया जो की उस टपरी में चल रहा था,वो उछल पड़े और तुरंत ही लेपटॉप खोलकर न्यूज़ देखने लगे …
“साले बड़ा जल्दी सिख रहा है तू ,...लेकिन “
“लेकिन क्या सर टाइम नही है कल से भाव गिरना शुरू हो जाएगा ..”
“नही वो तो है मैं ये बोल रहा हु की अगर तेरे पैसे मैं ही खा जाऊ तो क्या करेगा ….”
मैं जोरो से हँस पड़ा ..
“क्या हुआ साले ऐसे क्यो हँस रहा है “
“सर जिसके वो पैसे है ना ,वो आपका पेट फाड़कर भी पैसे निकाल लेगा,तो सोचना भी मत ..”
मैं मुस्कुराता हुआ वँहा से निकल गया था ...
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#40
Waah bhai dr saab Dil Ko jhakjhor dene wali kahani le ke aaye ho. Ek expert writer ki kahani lagti hai
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