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Adultery रीमा की दबी वासना
Aap stories cahlu karo yr
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
post pahale se hi tay samay par aayegi, intjaar karo
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Badiya update
Read my stories
Rishta
Maa aur beti se pyar
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Bhai, mene us site ke admin ko mail kiya hai.. Hope we'll see positive response.
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(21-09-2019, 09:43 PM)Pk8566 Wrote: Aap stories cahlu karo yr

thanks for emotions buddy in other forum but that was suggested by few readers and done by me. so that would not come under stolen category. CHill  ;) ;)
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(23-09-2019, 06:41 PM)Silverstone93 Wrote: Bhai, mene us site ke admin ko mail kiya hai.. Hope we'll see positive response.

i don't think they will reply on that, they are not activating my account.........................so i am not expecting anything positive from that site.

Anyways i have started on new draft so update will come soon probably late Sunday ...................................
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रीमा की कामना
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Pk8566
Member
bhuveg said: ↑
thanks for you emotions buddy .............................................but i am original one, on some readers suggestions i myself vijayveg/bhuveg original writer of this story started thread here in this forum . you can see different images in my post here because past images are not available.

I have not started this story thread anywhere else exclude (******* and ////) both forums. chill here with updated images....................... 
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Vijayvej is story ke original writer hai ye gadha shirf copy past kr raha hai
Yesterday at 10:24 PM EditReport+ QuoteReply

bhuveg
Member
Pk8566 said: ↑
Vijayvej is story ke original writer hai ye gadha shirf copy past kr raha hai
मै भी यही तो कह रहा हूँ गंगाधर ही शक्तिमान है | ओरिजिनल राइटर के आगे की पोस्ट दिखाऊ जो उन्होंने अभी तक कही भी पोस्ट नहीं करी है .......................................... तब मानोगे 
vijayveg
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(24-09-2019, 08:23 PM)Pk8566 Wrote: रीमा की कामना
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Pk8566
Member
bhuveg said: ↑
thanks for you emotions buddy .............................................but i am original one, on some readers suggestions i myself vijayveg/bhuveg original writer of this story started thread here in this forum . you can see different images in my post here because past images are not available.

I have not started this story thread anywhere else exclude (******* and ////) both forums. chill here with updated images....................... 
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Vijayvej is story ke original writer hai ye gadha shirf copy past kr raha hai
Yesterday at 10:24 PM EditReport+ QuoteReply

bhuveg
Member
Pk8566 said: ↑
Vijayvej is story ke original writer hai ye gadha shirf copy past kr raha hai
मै भी यही तो कह रहा हूँ गंगाधर ही शक्तिमान है | ओरिजिनल राइटर के आगे की पोस्ट दिखाऊ जो उन्होंने अभी तक कही भी पोस्ट नहीं करी है .......................................... तब मानोगे 
vijayveg


तू अपना इनबॉक्स चेक कर और दिमाग का दही मत कर . bhuveg भी मेरा ही अकाउंट है 

Silverstone93
Make sure to backup the story and pics... I recommend you to upload this story on another site and inform us.

By looking at the collected fund, this site might survuve till November..

Thanks.

[Image: heart.png] 
Silverstone93 के ऊपर वाले  मेसेज के कारन बनाया था | अब मजे कर और इन दो forum के अलावा जहाँ कही  भी कहानी मिले उसको कॉपी  पेस्ट को जमकर गरियाना ................................................  ;) ;) ;) ;)

अगर कल को ये forum बंद हो गयी तो वहां अपडेट मिलते रहेंगे | 

बाकि उस चोर की बजाते रहो https://rajsharmastories.com/viewtopic.p...12#p110387
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Update kyo nahi karte bhai we are waiting
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Update ka intjar hai
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रीमा न कुछ सोच पायी, न कुछ देख पाई | उसका चेहरा अगले पल एक काले कपड़े के अन्दर था | उसके मुहँ से चीख निकल गयी | उसने रीमा के मुहँ को भींच लिया | उसके मुहँ पर किसी मर्द का सख्त हाथ था जिससे उसकी चीखे निकलने से पहले ही घुट जा रही थी | आदमी से उसे के गाडी की डिग्गी में पटक दिया | और डिग्गी लॉक कर दी | उसे कुछ समझ नहीं आया आखिर ये सब हो क्या रहा है | इससे पहले वो चीख या चिल्ला पाती एक कार कच्चे रास्ते को चीरते हुए चलने लगी | रीमा डिग्गी के अन्दर कभी इधर लुढ़क रही थी, कभी उधर लुढ़क रही थी | उसकी आँखों के सामने अँधेरा था और वो बार बार डिग्गी पर अपना हाथ थपथपा रही थी | आखिर कार एक जगह रुकी | किसी ने डिग्गी खोली | रीमा की साड़ी अस्त व्यस्त हो गयी थी | 

एक आदमी की भारी भरकम आवाज सुनाई दी - ज्यादा शोर मचाया तो यही घला घोंट दूंगा | उसने रीमा के दोनों हाथ और पैर बांध दिए | उसके बदन की साड़ी खीचकर अपने पास समेत ली | रीमा का बदन नंगा हो गया |
आदमी - ये तुमारे शोर मचाकर डिस्टर्ब करने की सजा है | अब डिग्गी में तुम नंगी ही पड़ी रहोगी |
[Image: 93569009.jpg]

रीमा जोर जोर से रोने लगी - तुम कौन हो और कहाँ ले जा रहे हो |  
आदमी - जल्दी ही पता चल जायेगा | 
रीमा रोते हुए - आखिरकार मैंने तुमारा क्या बिगाड़ा है, मै ऊपर वाले की कसम खाती हूँ मैंने किसी को नहीं मारा | 
आदमी - वो भी जल्दी पता चल जायेगा | 
डिग्गी बंद हो गयी | काले कपड़े से आ रही रोशनी की जगह अब श्याह अँधेरा था | कार तेजी से चलने लगी | रीमा ने शाम से अब तक कुछ नहीं खाया था ऊपर से उसे एक एक बाद एक झटके लग रहे थे | वो गहरे सदमे में चली गयी थी | जो कुछ भी हो रहा था वो उसकी सोचने समझने की शक्ति से बाहर था | वो सदमे के कारन बेहोश हो गयी | फिर पता नहीं चार कब तक चलती रही | उसे कुछ होश नहीं था | 

जब उसकी आंख खुली तो वो एक बड़े हाल में थी | उसके हाथ और पैर हथकड़ी से चारपाई से बंधे थे | जैसे ही उसकी बेहोशी टूटी वो चिल्लाने लगी, शोर मचाने लगी | कुछ देर बाद एक जवान गार्ड गेट खोलकर अन्दर आया | 
रीमा - मै कहाँ हूँ, कौन हो तुम लोग और मुझे यहाँ क्यों लाये हो | 
गार्ड ने रीमा को देखा - ये तो मुझे पता नहीं लेकिन और कोई मदद चाहिए हो तो कर सकता हूँ | 
रीमा - मुझे बताओ मै कहाँ हूँ | 
गार्ड ने जैसे रीमा की सवाल सुने ही नहीं - मैडम अगर आपको भूख लगी है तो आपको मै खाना दे सकता हूँ | इसके अलावा मुझे कोई उम्मीद मत रखियेगा | 
रीमा ने कल शाम से कुछ खाया नहीं था, भूख लगाना स्वाभाविक था | 
रीमा - मुझे बहुत भूख लगी है लेकिन ये तो बतावो मै हूँ कहाँ और तुम लोग कौन हो | मुझे यहाँ क्यों लाये हो | क्या चाहिए तुम्हे मुझसे |
गार्ड चला गया | रीमा निराश हताश थकी हुई, सदमे से बेहाल जाते गार्ड की पीठ देखती रही | 
थोड़ी देर बाद खाने की थाली लेकर लौटा | 
रीमा - मुझे बतावो प्लीज कौन हो तुम और यहाँ क्यों लाये हो | 
मैडम - मुझे कुछ नहीं पता, मै तो अपनी नौकरी कर रहा हूँ | 
रीमा रोने लगी | गार्उड ने उसे कोई भाव दिए बिना उसके हाथ खोल दिए |
गार्ड - खाना खा लो मैडम  | इतना कहकर गार्ड  वापस चला गया | 
रीमा को बहुत तेज भूख लगी थी, कुछ देर तक खाने को नफरत और गुस्से देखती रही धीरे धीर उसका सिबुकना कम हुआ और  वो खाना खाने लगी | कुछ देर बाद उसने फिर से गार्ड को आवाज लगायी | 
रीमा - मुझे और भूख लगी है और मुझे वाशरूम भी जाना है |
गार्ड को समझ नहीं आया - बाथरूम जाना है |
रीमा ने हाँ में सर हिलाया | गार्ड ने उसके पैरो की हथकड़ी चारपाई से निकाल कर एक दुसरे में पैरो में ही लॉक कर दी ताकि रीमा अगर भागने की कोशिश भी करे तो भाग न सके | गार्ड थाली लेकर चला गया | रीमा बाथरूम से फ्रेश होकर आई | गार्ड तब तक दूसरी थाली लेकर आ गया था लेकिन इसमें प्रॉपर खाना नहीं था बल्कि फ़ास्ट फ़ूड था |
रीमा थाली के आइटम देखकर बोली - मुझे भूख लगी है | 
गार्ड - खाना हो तो खाओ मैडम, नहीं तो मत खाओ  अभी यही मिलेगा | 
इतना कहकर गार्ड वहां से चला गया | रीमा खाते खाते सोचने लगी और दिल दिमाग अभी भी गहरे सदमे में था   | पता नहीं कहाँ है वो और कौन लोग है जो उसे यहाँ उठाकर लाये है | 
दिन के तीन बज रहे थे | तभी हाल का लोहे का दरवाजा खुला और तीन लोग सूट बूट में अन्दर आये | तीनो ही च्पिस खाती रीमा को घूरने लगे | रीमा के अन्दर उनको देखकर एक डर घर कर गया | बड़े खूंखार लग रहे थे | दिमाग में एक ही ख्याल आया - क्या ये मेरा रेप करेगे | 
लेकिन वो कहावत है आदर का डर ही कभी कभी आपकी हिम्मत बन जाता है रीमा के अन्दर के डर ने ही उसे हिम्मत की ढाल भी पहनाई | 
एक आदमी जो वेशभूषा से ही उन तीनो का बॉस लग रहा था - गुड आफ्टर नून मैडम, मेरा नाम सुर्यदेब है और आपका |
रीमा आत्मविश्वास से भरकर - रीमा |
सूर्यदेव - बस रीमा | 
रीमा - हाँ बस रीमा, मै कहाँ हूँ और तुम लोग कौन हो और मै यहाँ क्या कर रही हूँ, क्या चाहिए तुम लोगो को मुझसे | 
सूर्यदेव - मैडम पता है कल मेरा एक बेहतरीन शार्प शूटर मारा गया, संयोग की बात है कल ही मेरे बिज़नस में दुश्मन  का लड़का भी मारा गया है और दो लड़के और मारे गए है | तीनो की लाश नंगी मिली है | गोली नजदीक से मारी गयी है | संयोग ये भी है की वहां से मुझे कुछ कपड़ो के रेशे मिले है, एक औरत के कपड़ो के रेशे, सबसे बड़ा संयोग ये है की इन सबसे आपका कोई न कोई कनेक्शन जरुर बना है | 
तो सवाल ते है क्या आपने मेरे शूटर को मारा | अगर नहीं टी क्या आपने उन लड़को को मारा | वो नंगे क्यों है | आप तो वहां आसपास भी नहीं रहती फिर उस जंगल में क्या कर रही थी | किसके लिए काम करती है आप | 
रीमा - पहले बतावो मै कहाँ हूँ | 
सूर्यदेव - अगर आप ये बता देंगी की आप कहाँ की रहने वाली है तो मै आपको बता सकता हूँ की आप कहाँ है | 
रीमा - मै फलाने शहर में रहती हूँ | 
सूर्यदेव  - और करती क्या है आप |
रीमा - मै प्रोजेक्ट कंसलटेंट हूँ | 
सूर्यदेव  - किस तरह के प्रोजेक्ट ?
रीमा - किसी भी तरह के, इवेंट मनेग्मेंट, रियल स्टेट, हॉस्पिटैलिटी मै सब पर अपने क्लाइंट को एडवाइस देती हूँ | अब बतावो मै कहाँ हूँ, कौन हो तुम लोग |
सूर्यदेव  मुस्कुराया - आप अपने घर से 120 किमी दूर दुसरे शहर के एक कस्बे में है | 
सूर्यदेव  - तुम कौन हो, मै एक बिज़नस मैंन हूँ | आपकी वजह से मै एक बड़े संकट में फंस गया हूँ | मेरा एक बेस्ट शूटर मारा गया है और मेरा दुश्मन समझता है की उसके एकलौते बेटे की मैंने मरवाया है | 
रीमा - मतलब जग्गू का बाप | 
सूर्यदेव - आप तो खूबसूरत होने के साथ साथ काफी समझदार है | 
रीमा - जहाँ तक मुझे पता है जग्गू का बाप तो सारे दो नंबर के धंधे करता था और कुछ सफेदपोश के साथ मिलकर अपनी काली कमाई सफ़ेद करता था | तुम भी क्या ड्रग्स का बिज़नस करते हो | 
सूर्यदेव बस मुस्कुराया |   रीमा का दिल बैठने लगा ये कहाँ आकर फंस गयी मै | उसके चेहरे पर वास्तविक चिंता झलकने लगी | 
सूर्यदेव - मेरे और भी कई सारे साफ़ सुथरे बिज़नस है | 
रीमा - लकड़ियों की तस्करी करना |
 सूर्यदेव बस मुस्कुराया - आप तो मेरी उम्तोमीदों से भी ज्यादा स्मार्ट है फिर  क्या आप बताने का कष्ट करेंगी की आप किसके लिए काम करती है | कोई तीसरा नया गैंग है, क्योंकि आपकी वजह से मेरे और विलास के बीच अब बात बिज़नस की नहीं रही | मामला पर्सनल हो गया है खून खराबा बढ़ सकता है | विलास अपने एकलौते बेटे की मौत पर चुप नहीं बैठेगा | 
रीमा के दिमाग में दहसत तो भरी थी लेकिन उसका दिम्माग उतनी तेजी से चल भी रहा था | 
रीमा - सूर्यदेव मुझे ये नहीं समझ आता, इन सब के लिए मै कैसे जिम्मेदार हूँ | तुमने अपने शार्प शूटर को वहां भेजा था जग्गू को मारने के लिए , जग्गू मर गया तुम्हे तो खुस होना चाहिए | 
सूर्यदेव - नहीं नहीं नहीं तुम गलत समझ रही हो, मै बिलकुल उसे मारना चाहता था  लेकिन हाल ही में विलास की उसके एक पॉलिटिशियन दोस्त से बिज़नस को लेकर कुछ ज्यादा ही सीरियस बवाल हो गया था | विलास ने नेता जी को धुन दिया था | उनकी बेटी उठा लेने तक की धमकी दी थी | नेता जी और विलास दोनों मेरा पहले ही बहुत नुकसान कर चुके थे इसलिए मैंने एक तीर से दो निशाने लागने की सोची लेकिन शायद तुमने मै फिर दोहरा रहा हूँ शायद तुमने मेरे तीर को ही तोड़ दिया | 
अब विलास की बंदूके मेरी तरफ है | मुझे जवाब चाहिए ताकि विलास के कोप से मै बच संकू | मैडम आपने सब गड़बड़ किया है इसलिए आप ही बतावो कही आप विलास के लिए तो काम नहीं करती | मुह्हे लगता है आप नेताजी के लिए काम करती हूँ | मैंने इतनी देर में रिसर्च करके ये तो पता लगा लिया है की आप नेताजी से पहले भी मिल चुकी हो | रिवर लाउन्ज की साईट पर मैंने आपकी नेताजी के साथ तस्वीरे देखि है | वहां विलास भी है | मैडम रीमा क्या आप इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश करेंगी | 
रीमा चुप रही | उसे खुद ही समझ नहीं आ रहा था कहाँ आकर फंस गयी | क्या जवाब दे जब उसने कुछ किया ही नहीं | जो भी सूर्यदेव बक रहा था उसका रीमा से दूर दूर तक कोई लेना डीएनए नहीं था | 
सूर्यदेव - देखिये मैडम आपको स्पष्ट कर दू चुप रहने से काम नहीं चलने वाला है |
रीमा - मुझे नहीं पता आप क्या कह रहे है लेकिन मेरा इन सबसे दूर दूर तक कोई नाता नहीं है | 
सूर्यदेव की त्योरियां चढ़ गयी उसने रीमा के चेहरे को अपने सख्त हाथो से जकड लिया | रीमा के चेहरे पर दर्द  की लकीरे तैर गयी | 
सूर्यदेव - मैडम ये मेरी शराफत है वरना मुहँ खुलवाने के और भी तरीके आते है मुझे | आपकी जानकारी के लिए बता दू आप यहाँ बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में लायी गयी थी | आपके बदन पर रस्मेसियों की गाठो के अलावा और कुछ नहीं था | मेरे आदमियों ने तुम्हे शर्ट और ये स्कर्ट पहनाई है |  जरा सी भी चालाकी करी तो ये इन कपड़ो को  सेकंडो में मेरे  कहने पर उतार लेंगे और फिर एक नंगी औरत के साथ कोई क्या करता है ये तो आपको बखूबी पता होगा | 
रीमा ने प्रतिकार किया - लेकिन मैंने किया क्या है | 
सूर्यदेव - आवाज नीचे मैडम जी,   मेरे इशारे पर मेरे आदमी आपके जिस्म की वो दुर्गति करेगें कि आप जिन्दा लाश बनकर रह जाओगे | 

तभी सूर्यदेव का फ़ोन बजने लगा | उसे पता लगा उस स्थान पर सिक्युरिटी पहुँच गयी है | इससे पहले ही विलास ने अपने बेटे की डेड बॉडी उठवा ली थी | उसे पता चल गया था उस रात जग्गू कुछ किराये के लड़को के साथ रीमा को उठाकर लाया था | अपने एकलौते बेटे की मौत से विलास रीमा और सूर्यदेव  दोनों के खून का प्यासा हो गया था | उसके पास पॉवर थी पैसा था और माफिया भी | सूर्यदेव को जो फ़ोन आया था इसमें उसे पता चला की उसके दो ठिकाने विलास ने नेस्तोनाबूत कर दिए है | उसके 20 आदमी मारे गए है | 
रीमा के बारे में उसके आदमी और ज्यादा जानकारी निकालने की कोशिश में लगे हुए थे | लेकिन सूर्यदेव को जो भी आशंका थी वो निर्मूल साबित हुई | 
रीमा को खून भरी आँखों से देखता हुआ सूर्यदेव बोला - अगर मै मारूंगा तो मैडम आपको लेकर मरूंगा | 
इतना कहकर वो वहां से निकल गया | बस इतना समझ लीजिये जब तक आपका सच मेरे आदमी नहीं पता लगा लेटे तब तक ही आप सही सलामत हो | 
रीमा ने माथा पीट लिया, वो काफी डर गयी थी  , हे उपरवाले कहाँ फंसा दिया मुझे | आखिर मेरी गलती क्या है | इतना सोचकर वो गहरे चिंता और डर से भर गयी | 

इधर रीमा के फ़ोन के जीपीएस से सुराग निकाल कर सिक्युरिटी जंगल तक पंहुच गयी लेकिन आगे का कोई सुराग पता नहीं लगा सकी | ऊपर से वहां पड़ी तीन लाशों की वजह से जिसमे से दो पूरी तरह नंगी थी, मामला पेचीदा हो गया | शहर में विलास के बेटे की रहस्यमय मौत को लेकर भी बड़ी चर्चाये होने लगी | अनिल को अब बस रीमा के सैंडल में लगे ट्रांसमीटर का इन्तजार था | रोहित भी वहाँ विदेश में बेचैन हो रहा था | उसने अपने स्तर पर यहाँ के लोकल लिंक्स को रीमा को खोजबीन में लगा दिया | 

रीमा की परेशानी पहले से कम थी क्या जो सूर्यदेव ने और बढ़ा दी | उसकी बातों से जो रीमा को समझ आया वो ये कि जग्गू की मौत के लिए वो रीमा को जिमेदार ठहरा रहा था | रीमा सोचने लगी अगर यहाँ से नहीं निकली तो मारना तय है | यही सोच सोच कर उसका दिल बैठा जा रहा था | उसका चेहरा पीला पड़ गया | उसकी आँखों से आंसू झरने लगे | कहाँ आकर फंस गयी मै, अगर जल्दी से यहाँ से नहीं निकली तो ये दरिन्दे मुझे नोच डालेगें | मै क्या करू | कैसे निकलू यहाँ से | मुझे तो यहाँ का कुछ भी नहीं पता | यहाँ से निकल भी गयी तो जाउंगी कहाँ | किधर जाऊँगी | रीमा जोर जोर से रोने लगी | बाहर से गार्ड ने लोहे के दरवाजे में लगे शीशे से झांककर देखा तो रीमा रोती हुई नजर आई | 
[Image: sad-woman-crying.jpg]

गार्ड फट से दरवाजा खोलकर अन्दर आ गया - आपको कुछ चाहिए मैडम | 
रीमा कुछ नहीं बोली - देखिये मैडम रोइए मत प्लीज | मुझे न केवल आपकी निगरानी के लिए रखा गया है बल्कि आपका ख्याल रखने के लिए भी रखा गया है | 
कुछ ही देर बाद सूर्यदेव भागता हुआ फिर से हाल में आया, गार्ड अभी रीमा के पास ही था | 
सूर्यदेव - तू यहाँ क्या कर रहा है |
गार्ड - मैडम रो रही थी इसलिए वजह पूछने आया था | 
सूर्यदेव  - ठीक है ठीक है अब बाहर जा | 
सूर्यदेव - मैडम आपने बताया नहीं आपके पति सिक्युरिटी अफसर थे | 
रीमा आंसू पोछती हुई - तुमने पुछा |
सूर्यदेव - मैडम आपको पता है जिदगी में पहली बार ऐसा फंसा हूँ की इधर कुवा गई उधर खाई | मै अगर मरा तो सबको लेकर मरूंगा |
सूर्यदेव  ने पागलो की तरह अपने माथे को पकडे पकड़ें वापस उलटे पाँव लौट गया | जाते जाते गेट पर गार्ड को बोल कर गया मैडम का ख्याल रखना वर्ना कुत्ते की मौत मरेगा तू | 
गार्ड भी हैरान रह गया आखिरकार हो क्या रहा है | गार्ड बड़ी हैरानी के साथ अन्दर आया | रीमा का सिबुकना बंद हो चूका था | 
गार्ड - मैडम आप कौन है और ये साहब आज इतने पगलाए हुए क्यों घूम रहे है |
रीमा - तुम क्या करोगे ये सब जानकार | रीमा फिर से अपनी उदासी और सदमे में खो गयी | 
गार्ड कुछ देर खड़ा रहा फिर वापस लौट गया | 
कुछ देर बाद रीमा बीती हर एक घटना की याद करके फिर से रोने लगी | गार्ड बार बार बाहर से झांक कर देख रहा था | रीमा को फिर से रोता हुआ देख अन्दर आ गया | 
गार्ड - मैडम आप रोइए मत प्लीज | कोई परेशानई हो तो मुझसे बताइये |
रीमा गार्ड पर झल्ला उठी - एक तो हथकड़ियो में जकड़ कर रखा है ऊपर से पूछता है कोई परेशानी हो |
गार्ड उसी शांत स्वर में - वो मेरे हाथ में नहीं है मैडम | होता तो जरुर खोल देता |
रीमा का गुस्सा बढता ही जा रहा था - तो यहाँ क्या अपनी माँ चुदा रहा है भाग जा यहाँ से |
गार्ड - मैडम जी गरीब जरुर हूँ लेकिन अपनी भी इज्जत है, गाली मत दीजिये | जो मेरे बस में है वो जरुर करूंगा | एक बार आदेश तो करिए | 
रीमा ने आंसू पोंछ लिए - क्या क्या कर सकता है | मुझे इस नरक से निकाल सकता है | 
गार्ड - कैसी बात कर रही है मैडम, साहब मेरी गर्दन धड़ से अलग कर देंगे | 
रीमा - तो बाहर जाकर अपनी गांड मरा |
गार्ड आइस्ते से बोला - मैडम गे नहीं मै, पहले एक गर्लफ्रेंड भी थी |
रीमा उसका जवाब सुनकर थोड़ा हैरान रह गयी | कितना शांत था वो,उसे देखकर रीमा के दिमाग का तापमान भी कुछ कम हुआ |
रीमा - मुझे अकेला छोड़ दो, मै बहुत परेशान हूँ | मुझे नहीं पता कल शाम से मेरे साथ क्या हो रहा है | 
गार्ड - मैडम भले ही मै आपकी मदद न कर पाऊं लेकिन आपका दुःख तो सुन ही सकता हूँ | गेट पर  खड़े रह रह कर बोर ही हो जाता हूँ | 
रीमा -मतलब |
गार्ड - मैडम ये फैक्ट्री के बीच में  गोदाम है, पिछले 6 महीने से खाली पड़ा है, इससे पहले इसमें चीनी रखी जाती थी | सरकारी कोटे वाली चीनी | उधर साहब के ठेके छिन गए इधर तब से ये भी खाली पड़ा है | आज सुबह चद्दर में लपेट कर लाये थे आपको | बोले vip है अच्छे से ख्याल रखना | एक जोड़ी कपड़े और चार हथकड़ियाँ फेंक कर चले गए | 
रीमा - तो तुमने मुझे कपड़े पहनाये | 
गार्ड - हाँ  मैडम जी  साहब का आर्डर था | 
रीमा - तुमने मुझे पूरा का पूरा बिना कपड़ो के देखा | 
गार्ड शरमाते हुए - हाँ मैडम जी, आप बेहोश थी तो कौन पहनाता | वैसे एक बात कंहू छोटा आदमी बड़ी बात, बुरा मत मानियेगा | 
रीमा - बोल | 
गार्ड - मैडम जी आप बहुत खूबसूरत है, आप जैसी खूबसूरत औरत आज तक मैंने नहीं देखि |
रीमा को तारीफों से खुसी तो मिली लेकिन वो गार्ड को परखने लगी कही उसकी उस पर नीयत तो ख़राब नहीं - कितनी खूबसूरत औरतो को अब तक देख चुके हो | मेरा मतलब नंगे, पूरा नंगे | 
गार्ड शर्मा गया - मैडम आप तीसरी है, इससे पहले मेरी गर्लफ्रेंड थी और उसकी पड़ोसन | 
रीमा - दोनों को एक साथ निपटाते थे | 
गार्ड - नहीं मैडम पड़ोसन थी ही हरामी, वही कपड़े खोलकर हमें अपनई छाती दिखाती रहती थी एक दिन जोश में आकर मै उसके घर में घुस गया और ..............................................|
रीमा - चोद डाला | अब कैसे काम चलाता है |
गार्ड शर्मा गया - मैडम आप तो बड़ी मुहँ फट है | 
रीमा - मै कोई बीस साल की नहीं हूँ पूरी दुनिया देख चुकी हूँ |
गार्ड - क्या बात कर रही है मैडम ?
रीमा - चौंक क्यों रहा है? अच्छा बता तुझे कितने की लगती हूँ | 
गार्ड - सच बाताऊ, 26 से एक दिन ज्यादा नहीं लगती | 
रीमा के चेहरे पर मुस्कान आ गयी | 
रीमा के ऊपर के शर्ट के तीन बटन खुले थे | उसके स्तनों के गोरे गोरे उभार बाहर से साफ़ दिख रहे थे | गार्ड की निगाहे रीमा की छातियों पर गयी फिर उसने नजरे नीची कर ली |
रीमा - सब कुछ तो देख लिया है मेरा अब क्यों नजरे फेर रहा है | 
गार्ड - इससे गलत ख्याल नहीं आते मन में | मैंने आपको कपड़े पहनाये वो मेरा काम था | 
रीमा - शरीफ आदमी है तू अपने बारे में बता यहाँ कैसे आया | 
गार्ड - मै पढ़ना चाहता था लेकिन गरीब था पैसे नहीं थे इसलिए नौकरी कर ली | पैसे तो मिले लेकिन सारा टाइम नौकरी खा गयी और पढाई बंद हो गयी | 
रीमा - तो अभी सिर्फ नौकरी करता है और कोई छोकरी भी सेट की है |
गार्ड - अभी तो अकेला हूँ |
रीमा - मतलब हाथ से ही एक्सप्रेस दौड़ता है |
गार्ड झेंप गया - मैडम आप भी अपने बारे में कुछ बताइए न |
गार्ड से बात करके रीमा के अन्दर का डर और दहसत कुछ हद तक कम हो गयी | 
रीमा - मै एक बड़े सिक्युरिटी अफसर की विधवा हूँ | अकेले रहती हूँ | पता नहीं कुछ लोग मुझे गलतफहमी में मुझे किडनैप करके जंगल ले गए | वहां के कुछ लोग फिर से गलफहमी का शिकार होकर मुझे यहाँ ले आये | तुमारे साहब को लगता है सब मेरा किया धरा है | जबकि मुझे तो ये भी नहीं पता के जो तुमारे साहब कह रहे है वो सब कहानी क्या है |
गार्ड ने रीमा से नजरे मिलायी फिर झुका ली | कुछ देर तक दोनों खामोश रहे | 
रीमा ने ख़ामोशी तोड़ते हुए गार्ड को कुरेदा - अच्छा ये बता जब तूने मुझे पूरा का पूरा नंगा देखा तो तेरे मन में क्या ख्याल आया | 
गार्ड ने भी रीमा की आँखों में आंखे डालकर जवाब दिया - आप बहुत खूबसूरत है |
रीमा - बस, नीचे कोई हरकत नहीं हुई, मेरे नाम से तो न जाने कितने मेरे जानने वाले ही मुट्ठ मारते है |
गार्ड भी रीमा कामुक बातो में दिलचस्पी लेने लगा - क्या बात कर रही है मैडम, आप तो बिलकुल बिदास होकर बाते करती हो बिलकुल भी नहीं शर्माती | 
 रीमा जानती थी वही गार्ड उसकी आजादी की चाभी हो सकता है | मर्द की एक ही कमजोरी होती है, अगर इसके पजामे का नाडा ढीला निकला तो ये ही आजादी की आखिरी किरण बन सकता है| अब तक का रेस्पोंस देखकर रीमा की हिम्मत बढ़ी | उसे बहलाए फुसलाये रखना होगा तभी कुछ उम्मीद की किरण बची रहेगी | रीमा कहाँ है उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था | 
रीमा - वैसे क्या मै बाहर की तजि हवा खा सकती हूँ अगर तुमारे बॉस ने मना ना किया हो तो | मै भागुंगी नहीं तुम मेरे पैर में हथकड़ी डाल सकते हो | रीमा अपने शर्ट के बटन खोल अपने उरोजो की उचाई नुमाया कर दी | 

[Image: 10129828.jpg]

 इसी के साथ रीमा ने अपनी शर्ट का उपरी सिरा  बाहर की तरफ फैला दिया | जिससे उसके गोरे गोरे स्तनों के हाहाकारी उभार और ज्यादा खुलकर सामने आ गए | अब बस रीमा के निप्पल दिखने बाकि रह गए थे | रीमा एक लम्बी आह भरती हुई - मुझे बड़ी गर्मी लग रही है यहाँ तो पंखा भी नहीं है, कुछ देर के लिए बाहर चलो न | 
गार्ड -मैडम बाहर जाने की परमिशन के बारे में मुझे पूछना पड़ेगा | साहब आपका ख्याल रखने को बोल गए है लेकिन और कुछ नहीं बताया | 
रीमा - हर छोटी बड़ी बात के लिए क्या साहब का मुहँ देखोगे | मेरी सुविधा का ख्याल रखना तुमारा काम है | मुझे गर्मी लग रही है | अगर तुम मुझे बाहर नहीं ले गए तो जब साहब लौट के आयेगे तो तुमारी शिकायत करूंगी |  मुझे गर्मी लग  रही है मै अपने कपड़े उतारने जा रही हूँ |
गार्ड दुविधा में पड़ गया, गार्ड सोच रहा था कहाँ फंस गया | मैडम तो धमका भी रही है और ललचा भी रही है |  रीमा - अच्छा बाहर न सही गेट तक तो ले चल सकते हो | 
गार्ड ने रीमा के पांव की हथकड़ी खोल दी | हाथ तो उसके पहले से आजाद थे | रीमा भागना तो चाहती थी लेकिन पता नही था भागने के बाद उसका क्या होने वाला है | पता चला कही भागने के चक्कर में ही जान गँवा बैठी | न तो उसे इस जगह का पता, न तो उसे पता की यहाँ से निकल कर कहाँ जाना है | इसलिए भागने का तो कोई सवाल ही नहीं था | 
गार्ड ने रीमा के हाथ में लटकती हथकड़ी पकड़ी और उसे गेट तक ले गया | गेट से बाहर रीमा ने झांक कर देखा | एक पूरी बंद पड़ी फैक्ट्री का कंपाउंड लग रहा था | गेट के ठीक सामने उलटी तरफ एक कार खड़ी थी | 
रीमा ने पूछ लिया - ये कार किसकी है |
गार्ड - इसी में तो आप आई थी मैडम, आपको याद भी नहीं | ये कार यहाँ स्टैंड बाई पर खाड़ी है, जैसे ही साहब का आदेश आपको कही और ले जाने का होगा वैसे ही मैंन गेट पर तैनात इसका ड्राईवर आपको लेकर गंतव्य की ओर चल देगा | 
रीमा बाहर की परिस्थिति समझ रही थी - स्टैंड बाई का क्या मतलब है |
गार्ड - मैडम कार पूरी तरह से तैयार होती है चाभी उसी में लगी होती है, साहब का आदेश आया, चाभी घुमाई और निकल लिए | 
रीमा के अन्दर का डर काफी हद तक कम हो गया था, उसे अय्याकिन हो गया था वो जल्दी मरने नहीं जा रही | इसी के साथ गार्ड ने उसके मन में आशा की एक किरण जगा दी थी | चारो तरफ खतरा बरक़रार था लेकिन रीमा के अन्दर उस खतरे से निपटने की हिम्मत लौट आई थी | 
गार्ड को कुछ लोग उधर आते दिखे - मैडम आप अन्दर चलिए, कही आपको बाहर देख लिया तो मेरी शिकायत भी हो सकती है | 
रीमा अन्दर चली आई और चारपाई पर धडाम हो गयी | 
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उसके दिमाग में बाहर की तस्वीरे नाचने लगी | गाड़ी तो रेडी है लेकिन उसे नहीं पता फैक्टरी का मैंन गेट किस तरफ है और वहां कितने लोग तैनात है | वो लोग खूंखार है या इसी गार्ड की तरह सीधे साधे है | उसका दिमाग सरपट घोड़े दौड़ा रहा था | इस समय उसका दिमाग बहुत सक्रीय था वो यहाँ से निकलने का प्लान बना रही थी | जब उसकी आँख खुली थी तो वो बहुत चिंता तनाव में थी बहुत डरी हुई थी सदमे से उसका दिल बैठा जा रहा था लेकिन गार्ड से बात करके उसके अन्दर हिम्मत आ गयी | उसे गार्ड के कदमो की आवाज सुनाई दी | रीमा जल्दी से उठकर  बैठ गयी औए अपनी शर्ट के बटन खोलकर उसे कंधे से नीचे खिसका दिया | उसके दोनों दूध जैसे  सफ़ेद गोरे गोरे बड़े बड़े उरोज सामने की तरफ को सीधे तन गए | उनकी छाती की पहाड़ियो की नुकीली चोटियाँ पूरी तरह से तन कर खड़ी थी | उसके उरोजों की उठान उसके सीने में एक गहरी दरार बना रही थी | वापस लौटने के बाद गार्ड कुछ देर तो गेट के बाहर बैठा रहा लेकिन फिर लोहे के गेट में  अन्दर झाकने के लिए लगी जाली से रीमा के खुले हाहाकारी स्तनों को देखकर झटपट दरवाजा खोलकर अन्दर आ गया | 

गार्ड - क्या बात है मैडम | 
रीमा - तुमारे बस का तो कुछ है नहीं, यहाँ गर्मी से बुरा हाल है, कपड़े न उतारू तो क्या करू |  रीमा अपने उठे हुए मांसल उरोजो का पसीना पोछते हुए बोली | 

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रीमा की उठे हुए सुडौल स्तनों को देखकर अब गार्ड के ऊपर भी रीमा का नशा चढ़ने लगा था | उसकी आंखे पलक झपकाना भूल गयी, वो बस रीमा के हाहाकारी तने स्तनों को ही देखे जा रहा था | उसके  लंड में हरकत होने लगी और वो रीमा के हुस्न में मदहोश होने लगा | गार्ड भी रीमा के इशारे समझ रहा था लेकिन उसे अपनी नौकरी की ज्यादा चिंता थी | क्योंकि अगर इसकी खबर साहब को हो गयी तो उसकी नौकरी जान तय है लेकिन उसके साथ उसकी जो गांड तोड़ी जाएगी वो अलग | सच तो ये था वो भी रीमा से घुलना मिलाना चाहता था लेकिन उसकी फट रही थी | 
गार्ड ने ऊपर रीमा का हुस्न का जादू चलने लगा था | आखिर वो भी एक मर्द ही था वो भी जवान मर्द | गार्ड ने भी रीमा से जरा शरारत करने की सोची - मैडम कौन सी गर्मी की बात कर रही है, बदन की गर्मी की या मौसम  की गर्मी की | 

रीमा को लगा उसका तीर सही निशाने पर जाकर लगा है - दोनों गर्मी ही मुझे खाए जा रही है, मौसम की गर्मी से ही तो तन बदन में आग लगी है | तुम क्या समझ बैठे थे | रीमा ने उसकी आँखों में झांकते हुए उससे सवाल किया | 

वह उसके बड़े बड़े   उठे हुए मांसल उरोजो के गुलाबी मांस को देखकर वैसे भी पागल हो चुका था उसकी चूचियों पहाड़ की तरह तनी हुए थी उसकी  छातियों की खूबसूरती और उसके पूरे गोर नंगे बदन की गुलाबी रंगत ने पूरी तरह से गार्ड को रीमा का  दीवाना बना कर रख दिया था | उसके अंदर रीमा को लेकर के पहले जो सम्मान और इज्जत  छाई हुई थी अब उसकी आंखों में उसकी जगह वासना के गहरे डोरे तैर रहे थे | गार्गाड जल्र्डद ही तेजी से बाहर गया और काफी देर बाद एक लौटा | वो एक टेबल फैन लेकर आया उसको लगाकर चला दिया | फिर जी भरकर रीमा के मादक बदन को निहारा............. रीमा के बड़े-बड़े हाहाकारी तने हुए स्तनों को और उसके ऊपर की नुकीली चूचियां को देख कर के गार्ड पागल सा हो गया था इतने सुडौल पुष्ट और मांसल और तने हुए स्तन उसने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखे थे ऊपर से गोरा रंग तो जैसे क़यामत था उसके अंदर का जवान खून उबाल मारने लगा उसकी सांसे तेज होने लगी | पसीना  उसके चेहरे पर पसीना साफ झलक रहा था वह खुद को संयमित दिखाने की कोशिश कर रहा था लेकिन सामने जो नजारा था उसे देख करके उसका खुद को काबू में रख पाना बहुत मुश्किल लग रहा था रीमा ने अपने कंधों पर अटकी हुई शर्ट जो है बटन खोल करके उतार दी अब तो उपर से पूरी तरह से नंगी थी | गार्ड जल्दी से बाहर की तरफ चला गया और खुद के चेहरे का पसीना पोछने लगा | 

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गार्ड को  लगा कि अगर वहीं खड़ा रहा तो कहीं न कहीं वह रीमा के हुस्न के तिलिस्म के जाल  में फंस कर कुछ जवानी के जोश में आकर उल्टा सीधा न कर जाये  और इस तरह से सामने इतनी खूबसूरत नंगी औरत को देखकर उसे उसे खुद के लिए रोक पाना मुश्किल होगा उसे अपने बॉस का अच्छे से पता  था वह जानता था कि अगर बॉस को पता चला तो वह सीधे उसकी गर्दन ही काट देंगे इसलिए गार्ड रीमा से निगाहे दूर करके तेजी से गेट की तरफ चला गया और दरवाजा बंद करके वही अपनी कुसी पर जाकर बैठ गया |  रीमा गार्ड को रोकना तो  रोकना तो चाहती थी लेकिन कोई ऐसी बात नहीं करना चाहते थी जिसे गार्ड को वो रंडी लगने लगे | वो उसे आमंत्रित कर रही थी वह चाहती थी शिकार खुद आ करके उसके जाल में फंसे | रीमा ने उसे जाने दिया आराम से बिस्तर पर लेट गई और अपनी शर्ट उतार दी | रीमा पूरी तरह से नंगी होकर पेट के बल बिस्तर में घुस गयी | 
उधर रीमा  ने कनखियों से देखा गार्ड दरवाजे में लगे शीशे से झांक कर बार बार अन्दर का जायजा ले रहा था | रीमा ये सोचकर हल्का सा मुस्कुराई की अब बकरा अपने जाल में फंस ही गया है बस समय की बात है कब आकर उसकी झोली में गिरता है 

पंखा लगाने के बाद रीमा को गर्मी से काफी राहत मिली .......... नंगे बदन ही बिस्तर के आगोश में समां गयी | पंखे की ठंडी ठंडी हवा में उसको जल्द ही नीद आ गयी | कुछ देर तक गार्उड झांक झांक कर अन्दर का माहौल पता करने की कोशिश करता रहा फिर जब निश्नेचिंत हो गया की रीमा मैडम सो गयी है तो आइस्ते से दरवाजा खोलकर अन्दर आ गया | रीमा ने चद्दर नहीं ओढ़ी थी, सोने से पहले उसने अपनी स्कर्ट भी उतार दी थी | वो उल्टा पेट के बल लेती सो रही थी |   
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रीमा ने  अपने दोनों जांघो को थोड़ी दूरी पर फैला दिया जिससे कि उसकी चूत घाटी  का इलाका पूरी तरह से नुमाया हो गया था उसकी चूत के  छोटे छोटे गुलाबी होठ एक दुसरे पर पूरी तरह से सटे हुए थे और उसके बीच का दरार नुमा चीरा दूर से ही साफ़ नजर आ रहा था | पंखे की ठंडी हवा लगते ही सुबह से तनाव और डर से पस्त होकर थक चुकी रीमा को नीद आ गयी | गुलाबी रंगत की चमकदार बदन का एक एक कोना नुमाया हो रहा था | ओढ़ने वाली चद्दर कही और ही पड़ी थी | कुछ देर तक रीमा सोने का नाटक करती रही ताकि गार्ड की हरकतों को देख सके | लेकिन इन सब में कब उसकी आंख कब लग गयी उसे भी पता नहीं चला |  वो सोने का नाटक करते करते कब सो गयी और कब तक सोती रही पता ही नहीं चला |
  उसकी पीठ पूरी तरह से खुली हुई थी | उधर गार्ड रीमा को सोच सोचकर पसीने हुआ पड़ा था | बार बार अपने पेंट के अन्दर के तन रहे लंड को संभालता लेकिन सब कुछ उसके हाथ से जैसे फिसलता जा रहा था | गार्ड ने शीशे से झांक कर देखा उसे लगा रीमा सो गयी है , गार्ड जैसे  चुपके से दरवाजा खोलकर अन्दर आया और अपनी वासना का गुलाम बन रीमा के गुलाबी नंगे बदन का नयन सुख करने लगा | वह देखकर हैरान रह गया रीमा लगभग लगभग पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी और उसकी गुलाबी खूबसूरत मखमली चूत के और उसकी जांघों के बीच से साफ-साफ नुमाया हो रहे थे उसकी बड़े-बड़े मांसल गोर गोरे भारी-भरकम चूतड़ साफ-साफ दिख रहे थे गार्ड को समझ में नहीं आया क्या करें | गार्ड के  अंदर का खून  तेजी से दौड़ने लगा था और वह पसीने पसीने हो गया | इतने करीब से उसने कभी इतनी खूबसूरत औरत नहीं देखि थी जो पूरी तरह से नंगी लेटी हो | सुबह तो साहब लोग बाहर खड़े थे तो बस जल्दी से  उसने रीमा को कपड़े पहना दिए थे लेकिन अभी वहां कोई नहीं था, न ही गार्ड को किसी के आने का डर था, वो आराम  से रीमा को जी भर के निहार रहा था और अपनी अतृप्त वासनाओं के अरमानो को अपनी आँखों से सेंक रहा था | 

के बदन पर अब कपड़े का रेशा तक नहीं था |  अंदर आकर उसने  जो नजारा देखा उसे देख कर के उसके होश उड़ गए अब तक  उसने बस रीमा के जिस्म की झलक ही इधर-उधर से ली थी और उसके चुताड़ो और उरोजो के ही दर्शन किए थे लेकिन यह क्या रीमा तो पूरी की पूरी नंगी बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी उसकी गोरी चिकनी पीठ उसके उठे हुए मांसल बड़े-बड़े भारी चूतड़ और उसकी फैली हुई जांघों के  बीच से उसकी गुलाबी सफाचट चूत साफ साफ झलक रही थी उसकी चूत के दोनों ओठ एक दुसरे से कसे हुए एक लंबा सा चीरा  बना रहे थे |  क्या बदन बदन था रीमा का ...................आआआह्ह्ह्ह  गोरी चिकनी पीठ  और उसके पीछे ऊपर उठे हुए बड़े-बड़े से गोरे गोरे से मांसल चूतड़ ................................उसके चूतड़ों की तलहटी में उसकी गांड का खूबसूरत गुलाबी छेद | और उससे नीचे उसकी चूत घाटी का गुलाबी मखमली इलाका 
...................... क्या बला की खूबसूरत थी रीमा |  इतनी गोरी गोरी पीठ ...............नरम नरम   बाहें उठे हुए ..................सुराही सी 
पतली गर्दन और उसके रेशमी बाल ..............उसकी मांसल गोरी गोरी चिकनी जांघें |

किसी आदमी के साथ ऐसा भी हो सकता है उसे यकीन नहीं हो रहा था | गार्ड के साथ भी यही हुआ धीरे-धीरे वह अपने  होश गवाने लगा था | उसे समझ में नहीं आ रहा था वह क्या करें , रीमा के  जिस्म के तिलिस्म में फंसाकर आगे  बढ़ता तो शायद वो जन्नत की सैर करता लेकिन उसका बॉस ये सब पता चलने पर  उसे मौत के घाट उतार देता लेकिन अगर वह आगे नहीं बढ़ता तो उसके लिए खुद को काबू कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था

   
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 गार्ड जितना रीमा को देखता उतना ही उसके अन्दर की वासना हिलोरे मारती | वो समझ नहीं पा रहा था आखिर मैडम ऐसा क्यों कर रही है लेकिन उससे ज्यादा उसके दिमाग मे रीमा के खूबसूरत जिस्म की  तस्वीरें तैयार रही थी वो क्या करे क्या ना करे से समझ में नहीं आ रहा था | उसे अपनी नौकरी और बॉस दोनों का डर था लेकिन यहाँ रीमा के नंगे बदन की हवस उसके दिली दिमाग को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले चुकी थी | कुछ देर तक रीमा को घूरता रहा और फिर अपनी पेंट के अन्दर के लंड को सहलाता हुआ तेजी से बाहर की तरफ चला गया |
उसे घड़ी की तरफ देखा, उसकी ड्यूटी चेंज होने में अभी बहुत टाइम था | इसलिए उसने उसने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और उसे अंदर कुछ वीडियो क्लिप पड़ी  हुई थी जो कि जो की पूरी तरह से नंगी लड़कियों की पोर्न क्लिप थी और उसके दोस्तों ने उसे भेजी थी उनमें से एक को निकाल कर देखने लगा | जिस वीडियो को उसने चलाया था जिसमें एक लड़की थी जो  अपने पूरे जिस्म से अपने कपड़े उतारती है और पूरी तरह से नंगी हो जाती है उसके बाद में वह  कैमरे के सामने बैठ कर के अपनी चूत को मसलती है उसमें रबर के लंड को डालती है अपनी चूत दाने को रगड़ती है वो इस क्लिप कई बार देख चुका  था लेकिन आज उसके लिए यह वीडियो बहुत ही खास हो गई थी क्योंकि इसको देख कर के वह हर पल रीमा की कल्पना  कर रहा था | 
ऐसे  लग रहा था जैसे उसके लिए वह लड़की ही रीमा  है और वह बारी-बारी से अपने जिस्म से कपड़े का एक-एक रेशा उतरती  
जा रही है और धीरे-धीरे नंगी हो करके अपनी चूत को मसलने लगती हैं | उस वीडियो क्लिप में लड़की के उतारते कपड़ो के साथ गार्ड के दिमाग में रीमा भी नंगी होती जा रही थी | चूँकि रीमा को वो पूरी तरह से नंगी देख चूका था इसलिए उसे दिमाग में रीमा की नंगी तस्वीर बनाना मुश्किल काम नहीं था | जैसे जैसे वो कपड़े उतारने लगी थी उसका गोरा खूबसूरत बदन के  बड़े बड़े उरोज और 
उसकी नुकीली चूचियां  उसकी घुमावदार कटावदार कमर और उसके भरी भरकम चूतड़, मांसल चिकनी गोरी जांघे सब दिखने लगा | 
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रीमा को इस तरह से कपड़े उतारते सोच गार्ड के सब्र का बांध टूटने लगा | अब तक वो सिर्फ पेंट के ऊपर से अपने लंड पर हाथ फिरा रहा था लेकिन अब उसने पैंट की ज़िप खोलकर अपने तने लंड को बाहर निकाल लिया | अभी उसके दिमाग में बस रीमा ही रीमा छाई हुई थी | लड़की के जिस्म से उतरता रेशा और गार्ड के दिलो दिमाग पर चढ़ता रीमा की हवस का बुखार | रीमा की घुमावदार कमर और उसका वो चमत्कारिक त्रिकोण | पूरी दुनिया का रहस्य समेटे ये त्रिकोण हमेशा से हर मर्द की सबसे बड़ी पहेली रहा है | हर कोई इसे देखने को लालायित रहता है वही त्रिकोण आज उस गार्ड को भी दिख रहा था | लड़की अपनी कमर के नीचे के कपड़े उतार रही थी | ऊपर से वो पूरी की पूरी नंगी हो चुकी थी | गार्ड ने विडिओ पॉज करके देखा, उसका वो तिलस्मी त्रिकोण और जिसमें से झांकती उसकी जादुई गुलाबी चूत की वह हल्की सी दरार का चीरा | 

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यही चूत का मखमली गुलाबी चीरा है जो हर मर्द को पागल कर देता है | इसे देखते ही मुर्इदों के भी लंड खड़े हो जाते है | इसी चीरे के आगे मर्द मौत से भी नहीं डरता | यही हाल इस समय गार्ड का था | उसे पता था उसका बॉस कितना जालिम है लेकिन फिर भी वो इस हवस की अन्धी सुरंग में कूदने को बेताब था | वैसे भी रीमा के चीरे की झलक जिसको भी मिल गयी वो पागल ही हो गया | आखिर कोई हो भी क्यों न रीमा के बड़े-बड़े चूतड़ों...................... उसकी पतली सी कमर और मांसल चूतड़ देख कर कोई भी पागल हो जाएगा वैसे ही जैसे अभी गार्ड  पागल ही हो गया था | उसके एक हाथ में मोबाईल था और एक हाथ में उसका तना हुआ लंड | वो अपने हाथ को तेजी से अ ऊपर नीचे करने लगा | जैसे जैसे वह लड़की कपड़े उतार कर नंगी हो रही थी वैसे-वैसे कार्ड का हाथ तेजी से चल रहा था इधर 
लड़की ने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे | उसके बड़े बड़े गुलाबी उरोज, सपाट पेट, गोल गहरी नाभि, चिकना सफाचट चूत त्रिकोण गुलाबी मखमली चूत दरार .....................................उसे लग रहा था जैसे सामने रीमा सारे कपड़े उतारकर नंगी खड़ी हो गयी है | 

गार्ड का हाथ  अपने लंड पर वैसे ही फिसल रहा था जैसे इंजन के अन्सेदर पिस्टन | सटासट सटासट वो लंड को मसल कर मुठिया रहा था |  जैसे उसके शरीर की उत्तेजना बढ़ रही थी उसके दिलो दिमाग में रीमा  के जिस्म का जादू भी उसके दिलो-दिमाग पर सर चढ़कर बोल  रहा था | उसने सपने में भी नहीं सोचा था की कोई इस तरह की हुस्वन पारी उसकी दुनिया में आएगी | इतनी चिकनी चूत वाली वाली रीमा के बारे में सोचते ही उसके जिस्म में अकड़न और उसके जिस्म में खून का दौरान हो तेज हो  जाता है | वह बारी-बारी से विडिओ देखता और रीमा के बारे में ही सोच रहा था और तेजी से  अपने हाथ से लंड को मुठिया रहा था | 
क्या जिस्म पाया है मैडम ने, क्या बदन है, क्या ठोस मांसल बड़े बड़े दूध है मैडम के | कसम से जो एक बार दबा लेता होगा उसे तो जन्नत नसीब हो जाती होगी | ऊऊफ्फ्फ्फफ्फ्फ़, आआह्गाह्र्डह्ह  गार्ड  के मुहँ से बुदबुदाते हुए अब बोल फुट रहे थे |  

बस एक बार उसको चोदने को मिल जाए तो उसका जन्म सफल हो जाए उसके बाद भले ही उसे जो है | ज्यादा से ज्यादा मालिक नकारी से ही निकाल देगा | गोली मार देगा, ऐसी चूत चोदने के बाद मौत भी नसीब होगी तो कोई गम नहीं कम से कम जन्नत की सैर करके मारूंगा | गार्ड तेजी से लंड मुठिया रहा था लेकिन  उसने मोबाइल फोन की क्लिप बंद कर दी और अपने लंड को एक हाथ में थामकर   
तेजी से हिलाता हुआ  उसने गेट खोला और अंदर आ गया| 
रीमा दीं दुनिया से बेखबर गहरी नीद में सो रही थी  पंखे की ठंडी हवा और दिनभर की थकान तनाव चिंता और डर  से वह बहुत बुरी तरह से पस्त हो गई थी आखिरकार उसे नींद आ गई और वह बहुत गहरी नींद में सो रही थी वो उल्टा पेट के बल लेटी हुई थी | उसके चूतड़ ऊपर की तरफ उठे हुए थे | उसकी गांड का गुलाबी सख्त छेद और चूत की दरार साफ़ दिख रही थी | संगमरमर की तरह चिकनी गोरी मांसल जांघे एक अलग ही रौनक बिखेर रही थी | गार्ड रीमा को इस तरह लेटी देख और उसके उठे चुताड़ो की जादुई रौनक में मदहोश होता चला गया | ऐसा लग रहा था जैसे रीमा ने उसे अपने मादक हुस्न के सैकड़ो जाम पिला दिए हो और वो नशे में डूबकर खुद को भूल गया हो और बस अपने होश खोने के आखिरी पायदान पर खड़ा हो | 
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उसे डर तो लग रहा था लेकिन उसे पता था अगर अभी हिम्मत नहीं करी तो फिर वह कभी कुछ भी नहीं कर पाएगा | ये गार्यड की गरीब जिंदगी में उसे कुछ भी खास नहीं मिलने वाला है | जिंदगी भर यही करना है | ऐसे मौके बार बार नहीं मिलते | जिंदगी भर पछतायेगा की एक मौका मिला था और उसने मिस कर दिया | आज उसको अपने डर पर काबू पाना ही होगा, नहीं तो जिंदगी भर बस इसी गरीबी और गन्दगी में मर कर रह जायेगा | आज मौका है जब वो अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए आम से खास बना सकता  अपने सपने को पूरा का सकता है अगर उसे कुछ करना है तो अभी फैसला करना होगा | फिर कभी मौका नहीं मिलेगा |

एक तो रीमा जैसे हुस्न पारी उसके सामने है ऊपर से पूरी तरह से नंगी और गहरी नीद में भी | इससे ज्यादा और क्या लाटरी लगेगी उसकी, रीमा जैसी चूत उसके भाग्य में भगवान् ने भेज दी है ये ही क्या कम चमत्कार है | दिलो दिम्माग पूरी तरह से हवस से बजबजा रहा था लेकिन जिंदगी की हकीकते अपनी जगह थी और हवस का सागर अपनी जगह | नंगी लेटी रीमा के उस जादुई जिस्म के हुस्न को अपने आँखों से अपने दिलो दिमाग में उतार रहा गार्म अपने लंड को हाथो से मसल रहा था लेकिन हकीकत का डर उसे वही जड़ बनाये खड़ा था |  अपनी वासना के नशे में वो खुद को बहुत समझाने की कोशिश कर रहा था जो उसे रीमा की तरफ ले जाए लेकिन उसके अंदर का डर अभी भी बरकरार था | उसकी हवस और वासना से ज्यादा उस पर डर हावी हो रहा था  
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वह अपने आप को यह समझाने की कोशिश कर रहा था कि सिर्फ उसी का मन में इच्छा नहीं हो रही थी मैडम भी साथ सोना चाहती हैं और इसीलिए तो ऐसे नंगी होकर लेटी थी लेकिन नहीं फट्टू था जो पहले वो  बाहर चला गया था वह अपने हाथ से लंड को मुठियाते मुठियाते रीमा के बिस्तर पर आ गया और कांपते हाथो और धड़कते दिल से रीमा के चूतड़ पर हाथ रख दिया | रीमा की तरफ से कोई हरकत नहीं हुई दूसरे हाथ से वह अपने लंड को मुठीयाने लगा |  उसने अपने हाथ को तीन चार बार  रीमा के चूतड़ पर फेरा |


उसे डर तो बराबर लग रहा था लेकिन साथ ही में उसके अंदर की वासना भी पूरी तरह से उस पर हावी थे जैसे ही उसने अपने हाथों से 
रीमा के बड़े बड़े उठे हुए मांसल चूतड़ों को स्पर्श किया उसके अंदर एक करेंट सा दौड़ गया क्या नर्म गरम नाजुक बदन है | गार्ड की हिम्मत बढ़ गयी थी | उसका हाथ रीमा के पीठ पर से फिसलते फिसलते  रीमा की  पीठ पर चला गया और उसके बाद में उल्टा वापस आते हुए उसके चूतड़ों को फिर से सहलाने लगा |  उसका दूसरा हाथ रीमा उसके लंड को तेजी से मुठिया रहा था | रीमा के गोरे जिस्म को देखते देखते  धीरे-धीरे उसकी नजर रीमा की गुलाबी चूत पर पड़ गई और उसका हाथ अनजाने में ही रीमा की गांड का छेद सहलाते हुए रीमा की मखमली चूत घाटी में उतर गया | उसकी सख्त उंगलियों में रीमा की चूत के गुलाबी ओंठो का नरम लेकिन गरम स्पर्श लगते  ही जैसे गार्ड के लंड में झटका लगा हो | उसकी इक्षा हो रही थी वो रीमा को चोद दे, उसकी मखमली चूत में अपना फनफनाता लंड पेल दे लेकिन रीमा की चूत की खूबसूरती और कोमलता देखकर उसका मन बस उसे जीभर घूरते रहने में ही अटक गया | कैसे बेरहमी से चोद दे इस मक्खन जैसी कोमल गुलाबी चूत को | वो अपना हाथ रीमा की चूत पर फेर रहा था तभी रीमा के बदन में हरकत हुई | गार्ड ने धीरे से अपना हाथ खीच लिया | उसे लगा रीमा जाग गयी ............उसकी हालत ख़राब हो गयी, वासना में तैरता उसका मन दहसत से भर गया |  सतर्क आँखों से वो रीमा को देखने लगा | कुछ देर की निश्चिन्ता के बाद उसने झट से अपने लंड की पिचकारी छोड़कर वहां से निकलने में ही भलाई समझी | उसे वहां से चले जाना चाहिए था लेकिन हाय री वासना, बड़े बड़े विद्वानों की बुद्धि फेर देती है ये फिर भी बुद्धिहीन इन्सान था | गार्ड अपने लंड को मुथियाता हुआ फिर से रीमा के करीब गया और अपनी सिर्फ एक उंगली रीमा की चूत की दरार पर लगायी | फिर ऊपर की तरफ आते हुए उसके गांड के कसे छेद पर उंगली घुमाने लगा | जीतनी खूबसूरत गुलाबी चूत उतना ही कसा हुआ सख्त रीमा की गांड का गुलाबी छेद | सफाचट चिकना मखमली इलाका और मांसल गद्देदार चुताड़ो की वो घाटी ऊऊ फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ऊपर वाले ने कितनी फुर्सत से बनाया होगा |  उसका हाथ तेजी से रीमा की पिछली गुलाबी सुरंग के मुहाने पर घूम रहा था | उसके बाद गार्वाड की उंगलियाँ नीचे की तरफ चल दी और रीमा की चूत पर जाकर अटक गयी | जैसे ही गार्ड की उंगली ने रीमा की चूत की दरार को छुआ, वो चौक गया | ये गीलापन, रीमा की चूत रिस रही थी | गार्ड के तो होश उड़ गए, मतलब रीमा मैडम जाग रही है और मै जो भी कर रहा हूँ वो सब जान रही है | अब तो मेरी मौत निश्चित है .............अगले ही पल रुको रुको मतलब रीमा मैडम अगर जाग रही है तो मुझे रोका क्यों नहीं ..........................इसका मतलब रीमा मैडम चुदासी है | किसी औरत की चूत तभी पानी छोड़ती है जब वो चुदासी हो | गार्ड का एक पल का डर फुर्र हो गया और वो दोगुने जोश से अपने लंड को मसलने ;लगा | 
उसने अपने हाथ की बीच की उंगली फिर से रीमा की चूत की दरार पर फिराई | उसने रीमा को हलके से आवाज दी - रीमा मैडम आप जाग रही है | 
रीमा की तरफ से कोई आवाज नहीं आई | गार्ड कंफ्यूज हो गया | अगर रीमा मैडम जाग रही है तो बोल क्यों नहीं रही | अगर जाग नहीं रही है तो उनकी चूत गीली कैसे हो गयी | उसका दिमाग कही और था और उसकी उंगलियाँ कही और | उसके हाथ अपने आप ही खुद बखुद चल रहे थे |  उसने दो उंगलियों से रीमा की चूत के गुलाबी फलक खोल दिए और उसके अंदर की गुलाबी 
सुरंग का गुलाबी इलाका दिखने लगा | रीमा की गुलाबी सुरंग की झलक पाकर गार्ड बावला हो गया | गार्ड  की हिम्मत बढ़ती ही जा रही थी और दूसरी तरफ रीमा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी इसलिए गार्ड के अंदर का जोश भी बढ़ गया था | 

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गार्ड तेजी से अपना लंड हिलाने लगा था | उसने रीमा की चूत के फलक अपनी उंगलियों से खोल दिए थे | रीमा की चूत पूरी तरह से कसी हुई बंद और पूरी तरह से टाइट थी |  लेकिन उसकी गुलाबी रंगत देख कर के किसी भी मुर्दे का लंड खड़ा हो सकता था | गार्ड तो बस पागल हुए जा रहा था बहुत तेजी से अपनी लंड को मुठिया आ रहा था और अब वह धीरे-धीरे अपने अपनी उत्तेजना के चरम पर पहुंचने लगा था 
उसका मन कर रहा था कि वह जाकर की रीमा मैडम के दोनों मांसल ठोस उरोंजो  को कस कर मसल दे लेकिन रीमा उल्टा लेती थी इसलिए  यह संभव नहीं था | या तो वो नंगी सोती रीमा को सीधा करें और फिर उनके उरोंजो  को मसले या फिर वह रीमा की चूत में को ही मसल कर ही काम चला दे | 
उसने अपने हाथ से रीमा के रुई की तरह नरम गद्चूदेदार चुतड़ों को सहलाने शुरू किया और दबाना शुरू किया | 
इतने नरम नरम गद्देदार चूतड़ है रीमा  मैडम की, तो चूत कितनी मखमली होगी | काश मै रीमा मैडम की चूत मारता तो कितना मजा आता |  काश मै रीमा मैडम को पीछे से चोदता और उनके इन्ही मांसल बड़े बड़े गद्देदार चुताड़ो पर थपाथप थपाथप ठोकर पर ठोकर मार कर रीमा मैडम की चूत और चुताड़ो दोनों की पुंगी बजा देता |  जो भी  मैडम की चूत में पीछे से लंड घुसेड़कर मैडम को पीछे से चोदता होगा उसको तो सीधे जन्नत का सुख मिलाता होगा | गार्ड ने रीमा के चुताड़ो की पहली बार मुठ्ठी में भरकर मसला | 
कितने रूईदार गद्देदार गोरे गोरे मांसल चूतड़ है रीमा मैडम के , इनको हाथ से मसलने में और छूने में इनको इतना मजा आ रहा है तो  सोचो चोदने वाले को कितना मजा आता होगा | धीरे-धीरे उसने रीमा के चुताड़ो को मसलते मसलते मसलते रीमा की 
चूत पर फिर से उंगली फिर आनी शुरू कर दी थी वह यह देखकर हैरान रह गया कि सोती हुई रीमा मैडम की चूत बुरी तरह से रस छोड़ रही थी  | गार्ड ने मन ही मन में सोचा पता नहीं मैडम जाग रही है या नहीं .................ऐसा लगता है सो रही है लेकिन अगर सो रही है तो क्यों सो रही है सो रही है | इन चूतों की माया तो उपरवाला ही जाने , लेकिन मै अगर नहीं झड़ा तो मैं मर जाऊंगा | अब बस निकलने वाला है एक बार चूत में घुसेड़ लू रीमा मैडम की , क्या पता चलेगा उन्कहें अगर सो रही है तो |  
अपने लंड को तेजी से मुठियाते हुए खुद ही बुदबुदाया - अगर  कोई प्रॉब्लम होती तो अब तक मना कर देती | अब चाहे जाग रही हो या सो रही हो, क्या फर्क पड़ता है | एक बार तो मै जन्नत की मखमली सुरंग में घुसकर देखूँगा ही | 
उसने अपनी बीच वाली उंगली रीमा की चूत की गुलाबी दरार पर फिर से घुमानी शुरू कर  दी थी और उसके उसकी चूत पर आए हुए चूत रस को  उसी के चूत के दरार पर रगड़ने लगा था | बार बार मन होता रीमा की चूत में लंड पेल दे लेकिन हिम्मत नहीं थी | बड़ी हिम्मत करके उसने रीमा की चूत के सुरंग के मुहाने पर उंगली टिकाई और जोर लगाकर डरते डरते उसे अन्दर घुसाने लगा | 
रीमा की चूत पूरी तरह से पनियाई हुई थी गीली थी, गार्ड के उंगली आसानी से रीमा की चूत की सुरंग में फिसल गयी | उंगली पर मखमली जकड़न के गरम अहसास ने गार्ड की उत्तेजना में चार चाँद लगा दिए, उसका लंड बुरी तरह से अकड़ा हुआ था और तेजी से मुठीयाने के कारन गार्ड भी तेजी से हांफ रहा था | उसका बदन पसीने पसीने था उर उसकी शर्ट पेंट पसीने से नहा चुकी थी | उसने जोश जोश में अपनी पूरी उंगली रीमा की चूत में घुसा दी |  
 रीमा की चूत के फलक फैल गई और गार्ड की  उंगली को पूरी तरह से  अपने अंदर समेट लिया |  रीमा की गुलाबी चूत की मखमली दीवारों की गरम जकड़न का अहसास ...............उसे  ऐसा लगा जैसे उसे वह पूरी तरह से स्वर्ग में पहुंच गया हो .....वो  पूरी तरह से 
उत्तेजना में था और जैसे ही उसने अपनी उंगली को रीमा की चूत से बाहर खीचा वह  खुद अपनी उत्तेजना को संभाल नहीं पाया | उसकी उत्तेजना का चरम बिखर गया और उसकी वासना का बांध टूट गया |  उसके
 लंड से पिचकारी छूटने लगी थी ऐसा लग रहा था जैसे वह खुद ही रीमा को चोद रहा हो और उसका तेजी से चलता हुआ हाथ
 एकदम से झटके खाने लगा और उसके लंड से निकला हुआ सफेद गाढ़ा गरम लावा  रीमा के चुताड़ो पर बिखरने लगा | गार्ड के हाथ तब तक नहीं रुके जब तक उसके लंड से पिचकारियाँ छूटनी बंद नहीं हो गयी | 

रीमा आधी नीद में थी लेकिन जैसे ही उसके चुताड़ो पर कुछ गरम गरम का अहसास हुआ, रीमा की नीद टूट गयी | वैसे भी इतने खतरे के बीच ज्यादा देर तक गहरी नीद में सो पाना मुश्किल था | उसके सोते हुए अचेतन मन को तभी किसी की होने का अहसास हो गया था जब पहली बार गार्ड ने उसे छुआ था लेकिन वो नीद में थी और सोती रही | अचेतन मन गार्ड की हरकतों पर प्रतिक्रियां देता रहा | जब गार्ड ने उंगली घुसाई तब जाकर रीमा की नीद का सिलसिला टूटना शुरू हुआ लेकिन इतनी गहरी नीद से बाहर आने में कुछ समय तो लगता है | जब तक रीमा का मन उसे सचेत करके नीद से बाहर निकालता गार्ड की पिचकारियाँ छूटनी शुरू हो गयी थी | रीमा की नीद में दुबी लाल लाल आंखे खुल गयी | वो हालत समझने के लिए उसी तरह से लेती रही | गार्ड अपने लंड से आखिरी बूंद निचोड़ने तक लंड हिलाता रहा | उसके अन्दर की हवस की आग से बनी गरम लावे की आखिरी बूंद जब तक निचुड़ कर बाहर नहीं आ गयी, गार्ड का वासना का नशा नहीं उतरा | उसके बाद वो रीमा के नंगे जिस्म को  देखता रहा लेकिन अचानक से उसे होश आया 
और वह फिर से अपनी असली दुनिया में लौटा |

[Image: tumblr_mbuojfn7lU1riaezao1_1280.jpg]


ये उसने सब क्या कर दिया, मैडम के ऊपर ही, अगर मैडम की आँख खुल गयी तो   आफत हो जाएगी | उसने जल्दी से अपने मुरझाते  हुए लंड को तेजी से अपनी पैंट के अंदर किया | और तेजी से बाहर की तरह जाने लगा |
रीमा को जब इसका अहसास हुआ तो नीच के बोझ से उंघती भारी आवाज से बोली - बस उतर गया नशा, बड़ी जल्दी और ये तुमारी पिचकारी पोछेगा कौन ?
गार्ड के तो जैसे पैरो के नीचे से जमीन खिसक गयी |  गार्ड की फट के हाथ में आ गई थी | उसे पता था कि अगर मैडम को जरा से भी भनक लगी और उन्होंने सबके सामने मुंह खोल दिया तो साहब उसे  चीर के रख देंगे | लेकिन यहाँ तो मैडम ने रंगे हाथो ही पकड लिया |
गार्ड के सामने अब कोई नहीं रास्ता शिवाय रीमा के चरणों में गिरने के | वो तेजी से लौटा और जमींन पर बैठ कर रीमा के पैर हाथ से थाम लिए |
गार्ड - मैडम गलती हो गयी |
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Jabardast lajawab ❣️❣️
read the story वक़्त का तमाशा
BICHADKAR FIR MILENGE KITNA YAKIN THA,
MANAYE YE KHWAB THA PAR KITNA HASIN THA
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13041
[Image: GBWA-20190214201125.jpg]
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Jabardast story..
Nd writing skills..
Thoda interfaith connect
Karo reema ke sath..
Mza aayega..
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(29-09-2019, 09:32 PM)Nasn3432 Wrote: Jabardast story..
Nd writing skills..
Thoda interfaith connect
Karo reema ke sath..
Mza aayega..

Thanks but that not possible with this story. may be next time in next story.
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(29-09-2019, 08:46 PM)Badstar Wrote: Jabardast lajawab ❣️❣️

Thanks  ;)
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VERY NICE UPDATES  . . . BUT TOO MUCH OF WAITING

ANYWAY

3 REPPS ADDED FOR ALL THE 3 UPDATES/ POSTS
नशीली आँखें
वो प्यार क्या जो लफ्ज़ो में बयाँ हो 
प्यार वो है जो आँखों में नज़र आए!!
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रीमा कड़क हो बोली - नौटंकी मत करो मुझे सब पता है|
गार्ड बेचारा रुआंसा हो आया - मैडम गलती हो गयी |
रीमा - मैंने अपने बदन की एक झलक क्या दिखा दी मुझे  मुझे चोदने के सपने देखने लगे थे |
गार्ड - नहीं मैडम मेरी इतनी हैसियत कहाँ |
रीमा - आने दो सूर्यदेव को, फिर निकालती हो तुमारी जवानी का जोश |
गार्ड - नहीं मैडम प्लीज ऐसा मत करना, जो आप कहोगी वो करने के लिए तैयार हूँ लेकिन साहब से शिकायत मत करना मेरी गर्दन काट देंगे |
रीमा को लगा गार्ड को अपने कब्जे में लेने का यही सही समय है, ज्यादा जोर डाला तो बागी भी हो सकता है |
रीमा - टेसुए मत बहावो, और अपनी हैसियत की चूत के सपने देखो |
गार्ड - मैडम बस हाथ ही से किया है, काबू नहीं रहा खुद पर | माफ़ कर दो मुझे |
 रीमा - मेरे नाम का मुट्ठ मारना था तो बाहर जाकर मारते,(अपने चुताड़ो की तरफ इशारा करते हुए )...............लेकिन ये सब क्या है मेरे ही चूतड़ मिले थे तुमको गन्दा करने के लिए | सिर्फ गन्दा करना जानते हो इसे साफ़ कौन करेगा |
गार्ड लाचारी से - मैडम मैं आपसे क्या छुपाना ...............आपने तो मेरी चोरी पकड़ ली |  वह आप इस तरह से उल्टा लेटी हुई थी और आप इतनी खूबसूरत है की आपको देखकर खुद को रोक नहीं पाया | आपकी खूबसूरती ने ऐसी आग लगायी की सब कुछ भूल गया ........................ इसलिए हाथ से खुद को काबू में नहीं रख सका तो इसलिए हाथ चलाने लगा था और देखते-देखते पिचकारी अचानक से छूट गई थी जिससे और मैं खुद को काबू नहीं कर पाया | मै सब साफ़ कर दूंगा |
रीमा - साफ़ तो तुम क्या तुमारा बाप भी करेगा | चलाओ अपनी जीभ से साफ़ करो |
गार्ड को रीमा की ये बात सुनकर उबकाई आ गई - छी मैडम |
रीमा - चाटते हो इसे या फिर गर्दन उतरवाने के लिए तैयार हो जाओ |
गार्ड की हिम्मत नहीं हो रही थी अपना ही सफ़ेद रस चाटने की |
रीमा अब पेट के बल से उठती हुई सीधी हुई - देखो तुमने मेरे नाम से मुठ मार ली | और मेरे चुताड़ो पर अपनी मलाई भी छोड़ दी | चलो अब ये भी बता दो मैं तुम्हें लगती कैसी हूं |
गार्ड की लाचारी का भाव कुछ कम हुआ उर उसकी आँखों में एक रौनक आ गयी - मैम आप तो कमाल हो आप भी ऐसा सवाल पूछ रही हो | मैडम आप बहुत खूबसूरत हो |
रीमा - क्या पहेलियाँ  बुझा रहे हो , खुलकर बतावो, जैसे खुलकर मुझे देखा है नंगा | पूरा का पूरा नंगा |
गार्ड की हिम्मत  थोड़ी और बढ़ी -  मैडम अब आपकी तारीफ करना मतलब सूरज को दिया दिखाने जैसा है, मतलब आपका गोरा गुलाबी बदन कोई एक बार ही  ढंग से देख ले तो रात को नींद नहीं आएगी, मैडम मैंने खुद को बहुत काबू करने की कोशिश करी लेकिन कर नहीं पाया |
रीमा - तो मेरे गोरे गुलाबी बदन में क्या सबसे खूबसूरत लगा तुम्हे ?
गार्ड - मैडम मै इतना पढ़ा लिखा तो हूँ नहीं की कवियों की तरह आपकी तारीफ कर पाऊ लेकिन आप सर से लेकर पैर तक हुस्न परी हो | आप किसी परी तरह खूबसूरत हो  | हाथ पाँव नाक कान ऐसा लगता है जैसे किसी ने स्वर्ग से अप्सरा भेज दी हो |
रीमा - जब परियो जैसा खूबसूरत बदन है मेरा तो उस पर ये अपनी गन्दी पिचकारी क्यों निकाली | चलो इस परियो के गोरे बदन को चाट कर साफ़ करो |
गार्ड ने बड़ी हिम्मत की और रीमा के चूतड़ पर झुक गया | जैसे ही उसने रीमा ने नरम मखमली चूतड़ पर अपना हाथ रखा, उसके अन्दर की सारी उबकाई एक तरफ चली गयी और वो आराम से चाट चाट कर रीमा के चूतड़ और पीठ पर पड़ी उसकी पिचकारी की छींटे साफ़ करने लगा |
रीमा अन्दर से गार्ड की जीभ के गीले खुरदुरे स्पर्श से गुलगुला हो रही थी | उसे मर्उदों को अपना गुलाम बनाना बहुत अच्सेछा लगता था | उसे पता था उसे अपनी आजादी की चाभी मिल गयी है बस उसे कैसे इस्तेमाल करना है ये उसे सोचना पड़ेगा | उसे यकीन नहीं हो रहा था यहाँ वो इतनी खतरनाक जगह पर एक अनजान गार्ड के साथ चूत चुदाई की बाते कर रही है | उसने खुद से ही सवाल पूछ लिया क्या मै रीमा ही हूँ या कोई और |
इससे पहले रीमा अपने विचारो की दुनिया में खो जाती गार्ड ने रीमा की तन्द्रा तोड़ दी - मैडम आप घर में भी ऐसे ही रहती है, मैंने सुना है बड़े घरो की औरते घर के अन्दर नंगे ही रहते है या बस छोटे छोटे कपड़े पहनते है |
रीमा समझ गयी गार्ड की दिलचस्पी उसमे जग गयी है - पहले ठीक से मेरे बदन को साफ़ करो चाट कर | जो गन्येदगी फैलाई है उसे साफ़ करो | गार्ड चुपचाप रीमा को चटाने में लग गया |
रीमा कुछ देर चुप रहकर - अच्छा एक  बतावो मुझ में सबसे अच्छा क्या लगा तुम्हे | मै तुम्हे कैसी लगी |
गार्ड - बहुत अच्छी |
रीमा - कितनी |
गार्ड - क्या बताऊ, कितनी अच्छी, आपके चूतड़ पर पड़ी मलाई से ही अंदाजा लगा लो |
रीमा - इस मलाई को निकालने के लिए क्या क्या देखा मेरे नंगे बदन में  |
गार्ड शर्मा गया - सब कुछ सर से लेकर पाँव तक, जितना दिख रहा था सब कुछ , पीठ कमर चूतड़ जांघे और वो सब  |
रीमा - वो सब क्या |
गार्ड - वो आपकी दरार |
रीमा - कौन सी दरार |
गार्ड - ये भी भला कोई बताने की चीज है |
रीमा - उसको छुआ |
गार्ड ने हामी से सर हिलाया |
रीमा - और क्या क्या किया ? छुआ उसे |
गार्ड - हाँ और उँगली भी |
रीमा हैरान थी उसे लग रहा था गार्ड ने सिर्फ उसे देखकर मुठ मारी है लेकिन उसे अंदाजा नहीं था गार्ड ने उसकी चूत में उंगली घुसेड़ी है | रीमा - तुमने मेरी चूत में उंगली घुसेड़ी, कैसा लगा |
गार्ड - मैडम बस जन्नत में जाकर जैसा लगता है |
रीमा कुछ सोचकर - अच्छा ये बतावो, मै तो सो रही थी, नंगी सो रही थी | मेरी चूत .....मेरा मतलब दरार तुमारे सामने थी, तुमारा लंड खड़ा था फिर तुमने उँगली क्यों घुसेड़ी सीधे लंड घुसेड देते |
गार्ड - अरे मैडम इतनी औकात कहाँ हम लोगो की, बस आपको देखकर थोड़ी प्यास जग गयी थी |
रीमा - तो तुम्हे क्या लगता है सिर्फ लंडो को प्यास लगाती है, चूतों को प्यास नहीं लगती | मै नंगी लेती हुई थी मेरी चूत तुमको दिख रही थी, तुम मुझको चोद भी तो सकते थे | मै सो रही थी तो क्या हुआ थी तो पूरी की पूरी नंगी | अपनी प्यास बुझा रहे थे एक बार मेरी चूत में डाल देते, हो सकता है मेरी प्यास भी बुझ जाती |
गार्ड के अन्दर का डर ख़त्म हो चूका था ....रीमा की बाते सुनकर गार्ड मन ही मन बोला मैडम तो चुदना चाहती थी तुम ही फट्टू निकले | गार्ड को छुप देख रीमा समझ गयी उसका तीर बिलकुल सही निशाने पर लगा है, उसकी चूत की लालसा गार्ड को मौत से भी लड़ने की हिम्मत दे देगी और वो रीमा के वो सब कुछ करेगा जो रीमा कहेगी |
रीमा - कुछ बोलोगे या लंड की तरह तुम भी झड़ गए हो |
गार्ड - अरे मैडम मैं गार्ड हूं मेरी क्या बिसात है आप बड़े घराने की हैं और मैं तो आपके ख्वाब भी नहीं दे सकता मैं तो एक
छोटा सा आदमी आदमी है गरीब आदमी |
रीमा - गरीब हो तो क्या हुआ हो तो इंसान ही ना, और आदमी कितना बड़ा अमीर हो गरीब हो लंड तो सबके पास होता है और चोदने की ख्वाइश भी | वैसे सच तो ये है  अगर तुमने मुझे उस समय चोद दिया होता तो मेरे अन्दर तुमारे लिए इतनी इज्जत नहीं होती लेकिन अब मुझे लगता है तुम्हें एक शरीफ लड़के हो जो एक नंगी औरत सामने लेटी हुई देखकर चोदने का मौका पाने के बाद भी नहीं चोदता है | वरना आदमी चूत देखते ही पहले उसको चोदने की सोचने लगते सा है और तुम तो मेरे सामने भी  आए मुझे देखा भी .................उसके बाद मुट्ठ भी मार के वापस जा रहे थे |
रीमा आगे बोली - तुम्हे हैरानी होगी लेकिन तुम्हे बताती हूँ मुझे ज्यादा खुशी मिलती अगर तुम मुझे उसी समय सोते सोते ही चोद
डालते हैं | वो अलग बात है इस समय मै तुम्हे गालियाँ दे रही होती लेकिन चूत ऐसी ही होती है चुदना उसकी ख्वाइश है बाकि बाते उससे अलग है |
गार्ड ने सारी हिम्मत बटोरी - मैडम अगर आपकी इक्षा है तो जैसा आप कहेगी मै कर दूंगा |
रीमा की तो जैसे बांछे खिल गयी - मुझे पता है तुम मुझे चोदना चाहते हो जितने मर्दों से मै मिली हूँ सभी मुझे चोदना चाहते है लेकिन मुद्दा ये है मेरी चूत को चोदने के बदले में तुम मुझे क्या लौटा सकते हो |
गार्ड जोश में आ गया - जो आप काहे मैडम |
रीमा - आजादी |
गार्ड की कुछ समझ नहीं आया - जी मै कुछ समझा नहीं |
रीमा - मैं तुम्हें अपनी मखमली चूत चोदने के लिए दे सकती हूं लेकिन तुम्हें मुझे यहां से बाहर निकालना होगा और इस शहर से मै अनजान हूँ  तो किसी तरह से यहां से सब की नजरों से तुम मुझे दूर ले जाओ ताकि मै इस बंधन से और  यहां से आजाद हो सकूं | अगर तुम  मुझे यहां से बाहर निकालने में मदद करोगे तो मैं तुम्हें अपनी चूत चोदने को दे सकती हूं | पता है ना मेरी चूत के जिसने एक बार दर्शन कर लिए वो जिंदगी भर के लिए मेरा दीवाना हो जाता है | तुम्हे सीधे सीधे जन्नत कराउंगी |
गार्ड सकपका गया | उसे अपने सर पर नाचती मौत नजर आई लेकिन रीमा के हुस्न की हवस में वो उसे नकार गया | रीमा की आजादी की बात सुनते ही उसे झटका लगा, उसे पता था इसका अंजाम क्या होगा | उसने गहरी चुप्पी ओढ़ ली |
रीमा अपनी मखमली गुलाबी चूत को खोलकर दिखाती हुई - ज्यादा मत सोचो, जानती हूँ इसमें खतरा है लेकिन उस खतरे के बदले मिलेगा भी क्या ये भी तो देखो | रीमा अपनी चूत की तरफ देखने लगी और गार्ड भी उसकी गुलाबी सुरंग की तरफ देखने लगा


गार्ड की ख़ामोशी से रीमा नर्वस हो रही थी - सोच लो जिस आदमी का लंड एक बार इस चूत में गया है वो आज तक नहीं भूला | सीधे जन्नत की सैर करोगे | इतनी खूबसूरत चूत के लिए थोड़ा सा तो खतरा उठना बनता है |
गार्ड - मैडम साहब मेरी गर्दन उतार लेंगे |
रीमा - क्यों ?
गार्ड - आप तो निकल जावोगे लेकिन मुझे तो यही रहना है | आप जो मांग रही हो उसका मतलब यहाँ सिर्फ मौत है |
रीमा - यहाँ क्यों रहना है, जो नौकरी यहाँ कर रहे हो वही मेरे शहर में कर लेना |
गार्ड - लेकिन साहब की पंहुच तो सब जगह है |
रीमा - और मेरी पंहुच सिक्युरिटी में हर जगह है , एक बार यहाँ से निकलने तो दो सीधे तुमारे साहब का एनकाउंटर होगा |
गार्ड की आँखों में चमक आई - आच्छा आपकी सिक्युरिटी में पंहुच है |
रीमा - और नहीं तो क्या, तुम्हे क्या लगता है इन्होने मेरी इतनी खातिरदारी यू ही कर रखी है | अब तक इनके आदमी मुझे नोच कर खा गए होते |
गार्ड - लेकिन मेरा परिवार |
रीमा अब चिढ़ने लगी थी - तुम इतनी टेंशन क्यों ले रहे हो, अपने शहर में तुमारे रहने का बंदोबस्त भी कर दूँगी | मेरा घर बहुत बढ़ा है और मै अकेली रहती हूँ, वही रह लेना | सबको वही रख लूंगी | और तुमारी नौकरी भी अपने ऑफिस में लगवा दूँगी और तुम्हे रात में चोदने के लिए मेरी मखमली चूत भी दूँगी | खूब चोदना मुझको एक बार नहीं दो बार नहीं, पूरी रात चोदना जब तक मन करे| मेरा बहुत मन करता है चुदने को, मुझे चोद के मेरी सारी प्यास बुझाना  |
गार्ड अभी भी हिचक रहा था | रीमा अब अपना धैर्य खोने लगी थी - कान खोल के सुन लो , ऐसे मौके जिंदगी में रोज रोज नहीं मिलते, बहुत किस्मत वाले हो जो न केवल मेरी चूत के दर्शन करने को मिले है बल्कि मैऊ तुमे चोदने का मौका दे रही हूँ | मेरी बात मान लो वरना सब कुछ सूर्यदेव को बता दूँगी | फिर मेरा तो कुछ नहीं होगा लेकिन सूर्यदेव तुमारे लंड और गर्दन दोनों तुमारे जिस्म से अलग कर देगा |

गार्ड इतना तो समझ गया था की रीमा कुछ भी कर सकती है, इसलिए उसकी किसी भी बात को हलके में लिया नहीं जा सकता | इधर   गार्ड रीमा की बातो में ऐसा उलझा की उसे ध्यान ही नहीं रहा उसकी ड्यूटी बदलने का टाइम हो गया था | जैसे ही उसे दरवाजे पर किसी की आहट हुई उसने तेजी से रीमा के नंगे बदन पर चादर डाल दी और गेट की तरफ बढ़ गया | रीमा के वजह से एक महिला गार्ड को ड्यूटी पर भेजा गया था | जैसे ही वो गार्ड बाहर आया, महिला गार्ड ने अन्दर झांककर देखा | रीमा बेड पर लेटी थी और उसके ऊपर एक सफ़ेद चादर पड़ी थी लेकिन उसके नंगे बदन के स्तन की नुकीली उठान भी चद्दर के ऊपर से दिख रही थी  |
महिला गार्ड ने घूर कर गार्ड को देखा | ऐसे अपनी तरफ  देखते ही गार्ड रक्षात्मक मुद्रा में आ गया | वो सफाई पेश करने लगा | महिला उसे ऐसे घूर रही थी जैसे पूछना चाहती हो तुमने कुछ किया |
गार्ड ने सफाई दी - देखो ऐसा कुछ नहीं है मै  सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था |  बड़े लोग है नाजुक होते है, मैडम को गर्मी लग रही थी तो कपड़े उतार कर नंगी हो गयी |  मै उनके लिए पंखा जरुर लेकर आया था और लगाया भी था लेकिन उसके अलावा मैंने मैडम की तरफ नजरें उठाकर भी नहीं देखा | पंखा लगाने के बाद मैडम सो गयी | मुझे पता है हमारा साहब कितना खतरनाक है चीर कर रख देगा अगर कुछ उल्टा सीधा किया मैंने | अभी ये तुम्हारी अमानत है तुम संभालो मैं चला |

जाने से पहले वो रीमा से कुछ बात करना चाहता था | इसलिए उसने महिला गार्ड को वही रुकने को कहकर अन्दर आ गया |
गार्ड - मैडम मुझे जाना होगा, मेरी ड्यूटी का टाइम ख़त्म हो गया | ये बहुत सख्त औरत है, तो आप जरा संभल कर रहना |

रीमा को भी पता था उसके सामने और कोई चारा नहीं था उसे पता था इसी गार्ड के सहारे ही वो अपनी आजादी का टिकट कटा सकती है | मुसीबत यह थी गार्ड जाने वाला था और उसकी जगह एक औरत आ गयी थी | उसको मना पाना बहुत मुश्किल था क्योंकि वह
 बहुत ही सख्त थी ऐसा गार्ड ने अभी बताया उसे |
रीमा और गार्ड की आंखे मिली, रीमा ने चद्दर के अन्दर ही अपने उरोजों को मसल कर दिखाया | उसे पता था गार्ड अब उसके कब्जे में है लेकिन अगर गार्ड ड्यूटी पर होगा तभी तो वो उसका इस्तेमाल कर पायेगी |
रीमा एक मासूम बेचारी औरत की तरह बोली - तुम तो चले जावोगे और मेरा क्या होगा | मेरी चूत की खुजली कौन मिटाएगा |
गार्ड - मेरी ड्यूटी का टाइम ख़त्म हो गया है और ऊपर से मेरी हिम्मत नहीं है मैडम कहीं अगर कुछ  गड़बड़ हो गई तो साहब तो मुझे चीर के रख देंगे |
रीमा - अगर तूने कुछ नहीं किया तो भी साहब तुझे मेरी शिकायत करने पर भी चीर कर रख देगें |
गार्ड - मैडम मुझसे एक बार गलती हो गयी अब दुबारा नहीं करूंगा | 


रीमा बोली - तुम एक नंबर के फट्टू इंसान हो अरे जब एक औरत अपनी चूत को चोदने के लिए बोल रही है तुम्हारी गांड क्यों फट रही है कोई तरीका निकालो मेरी चूत में बहुत खुजली मची हुई है | तुमने मेरे चुताड़ो पर पिचकारी छोड़कर मेरी चुदास जगा दी है |
गार्ड को कुछ समझ नहीं आया, काफी देर तक वो वही बुत बनकर खड़ा रहा फिर थके कदमो से गेट की तरफ जाने लगा |

उसने बाहर जाकर अपना कार्ड और थैला उठाया और घर के लिए निकल गया |
रीमा के चेहरे पर मायूसी छा गयी | उसके आँखों के सामने अँधेरा छा गया | इस अँधेरे की दुनिया में वही उसके लिए एक रोशनी की किरण बनकर आया था लेकिन अब तो वो भी खत्म हो गयी | कल का पता नहीं वो आये या न आये | रीमा रुआंसी हो आई | उसका जोर जोर से रोने का मन करने लगा | निराशा और दुःख से भरे दिल को थाम कर उसने अपना सर भी चद्दर के अन्दर घुसेड लिया |

इधर अनिल और सिक्युरिटी रीमा की लोकेशन पता लगाने के लिए ट्रांसमीटर के सिग्नल का बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे | उनकी उम्मीद की वही आखिरी किरण थी | सभी इसी आस में थे की अभी तक रीमा के पैरो में सैंडल हो | हालाँकि सिक्युरिटी हाथ पाँव मार रही थी लेकिन उसे ज्यादा कुछ मिल नहीं पाया | उसने सारा का सारा जंगल छान मारा | तस्करी और ड्रग्स का धंधा करने वाले का हुजूम ठाणे में इकठ्ठा कर दिया लेकिन रीमा का कोई क्लू अभी तक नहीं मिला था | अनिल और सिक्युरिटी का यही आखिरी सहारा था | अगर नीयत समय पर सिग्नल नहीं आता है तो रोहित पहले ही बोल चूका था की गुमसुदगी का विडिओ टीवी चैंनल पर चलवा दे और ढूढ़ने का इनाम भी घोषित कर दे | अभी तक बात सिर्फ पोलिस , अनिल , रोहित और रोहिणी तक ही थी लेकिन अगर जल्द रीमा का पता न चला तो अन्नौसमेंट टीवी पर भी कर दिया जायेगा | फिर तो सबको पता लग जायेगा , प्रियम , जग्गू का बाप, राजू सबको |

इधर गार्ड तेजी से अपने घर की तरफ जाने को निकला लेकिन उसके दिम्माग पर रीमा की गुलाबी चूत और बड़े बड़े तने हुए उरोज ही छाए हुए थे | वो अपने दिम्माग के घोड़े तेजी से दौड़ा रहा था, उसे रीमा से सहनुभूति हो गयी थी, वो रीमा को आजाद कराना चाहता था और उसकी गुबली चूत का रस चखना चाहता था | वो उस बंद फाक्ट्री के गेट तक पंहुचने वाला ही था की उसके दिमाग में एक आईडिया आया |
उसकी आंखों में एक चमक सी गई, उसके कदम ठिठक गए | वो घुमा और तेजी से भागता हुआ गोदाम की तरफ चल दिया जहाँ रीमा कैद थी | उसके बुझे मन में एक नयी तरंग दौड़ गयी | वो जल्दी से हांफता हुआ गोदाम के गेट के पास गया | महिला गार्ड वही बैठी थी |

उसने हैरानी से उसको देखा - क्या हुआ | इतना हांफ क्यों रहा है |
गार्ड - मेरा मोबाईल तो यहाँ नहीं रह गया |
महिला गार्ड उसको घूरते हुए - ठीक है देखती हूँ |
गार्ड - थोडा जल्दी देखो | गार्ड घडी की तरफ देखता हुआ |
महिला - ऐसी भी क्या आफत आ गयी है, ठीक से साँस तो ले ले |
गार्ड - तू औरत है नहीं समझेगी, मेरी जान का फ़ोन आने वाला है | मेरी ड्यूटी ख़त्म करते ही मुझे फ़ोन करती है |
महिला - हाँ हाँ पता है इश्क का बुखार सबको चढ़ता है इसमें क्या नया है |
गार्ड - अरे तुझे नहीं पता, दो बार में अगर काल नहीं पिक की तो दो दिन लग जाते है मानने में | तू नहीं समझेगी |
कुछ देर ढूढ़ने के बाद महिला बोली यहाँ नहीं है |
गार्ड अपनी उफनती सांसो को संभलता हुआ - ठीक है मै अन्दर देखकर आता हूँ, कही मैडम के आस पास तो नहीं भूल गया |
महिला गार्ड ने उसको अन्दर जाने का इशारा करते हुए ..................जैसे कहना चाह रही हो जा जाकर देख आ |

रीमा सर से लेकर पाँव तक चद्दर ढके हुए लेती हुई थी | गार्ड रीमा की चारपाई के नजदीक आया और धीरे से बोला - मैडम पीछे जो बाथरूम है जहाँ आप गयी थी निपटने के लिए उसमें जाने के लिए दो रास्ते हैं एक दरवाजा है जो इधर से जाता है एक दरवाजा जो पीछे से खुलता है मैं यहां से बाहर जाता हूं पीछे वाले दरवाजे को उस तरफ से खोल देता हूँ अगर आप चाहे तो | इससे ज्यादा मै कुछ नहीं कर सकता |
 रीमा की आंखों में चमक आ गई थी रीमा को लगा यही एक मौका है जब वहां से भाग सकती है |
रीमा चद्दर के अन्दर से - मुझे कैसे पता चलेगा तुमने दरवाजा खोल दिया है |
गार्ड - मुझे यहाँ से निकल कर घूमकर जाना होगा, फिर एक मजिल चढ़ना है, आप पांच मिनट बाद बाथरूम में आ जाना | वही आपको सब समझा दूंगा |
रीमा समझ गयी, उसके निराश मन में आशा की किरण फिर से जाग गयी |
गार्ड ने अपने झोले से मोबाईल निकाला, हाथ में थामा और गेट की तरफ चल दिया |
महिला ने गार्ड की तरफ देखा | गार्ड बोला - पंखा लगाते वक्त मैडम की चारपाई के नीचे चला गया था |
महिला गार्ड को उसके इरादों की भनक तक नहीं थी | गार्ड ने महिला को मोबाईल दिखाया और फिर कान में लगाते हुए सीढियां उतरते चला गया |
 ये पूरा का पूरा एक पुराणी मिल का कंपाउंड था, यहाँ लोहे के कबाड़ के बीच चारो  तरफ ऊँची खरपतवार जैम चुकी थी | हालाँकि सड़को की सफाई होती रहती थी लेकिन बाकि का पूरा का पूरा जंगल ही था | गार्ड तेजी से छिपते छिपाते पीछे की तरफ गया | उसे ऊपर चढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि वो और उसका एक साथी यहाँ कभी कभी गांजा मारने आते थे | वो आइस्ते से बाथरूम वाले दरवाजे के पास आया और बाहर से बंद उसकी कुण्डी खोल दी |
 इधर रीमा उठकर के दरवाजे के पास तक आई उसने वही चद्दर सफेद चादर लपेट रखी थी | उसने दरवाजे को नॉक किया | महिला ने दरवाजे में बनी शीशे की विंडो खोली |
 रीमा अलसाती हुई  -  मैं जरा बाथरूम में फ्रेश होने जा रही हूं नींद के बाद में शरीर में बहुत अकडन हो रही है |
महिला गार्लड ने चाभी निकली - और अन्दर जाकर के चाभी से बाथरूम का दरवाजा खोल दिया |
इधर रीमा ने अपने बदन पर लिपटी सफ़ेद  बेड की चादर फेंक दी और अपनी शर्ट और स्कर्ट को हाथ में थाम कर नंगे बदन ही मदमस्त चलती हुई अपने चूतड़ हिलाती हुई कमर मटकाती हुई बाथरूम में घुस गई |
उधर उसे यकीन नहीं हुआ कि जैसे ही रीमा बाथरूमम में घुसी कुछ देर बात आइस्ते से पीछे का दरवाजा  खोलकर गार्ड अन्दर आ गया |
रीमा ने गार्ड को देखा और गार्ड ने रीमा के नंगे बदन को | रमा का नंगा बदन देखते ही गार्ड की पेंट में हरकत हुई और रीमा की तेज नजरो से ये बाख नहीं पायी |
गार्ड ने हिम्मत करके पीछे से दरवाजा तो खोल दिया था लेकिन अभी भी उसकी बहुत ज्यादा फट रही थी |
गार्ड - मैडम बहुत खतरा है बाहर, आप का तो कुछ नहीं होगा लेकिन मै कुत्ते की मौत मारा जाऊंगा |
रीमा - तू डरता बहुत है, अँधेरे में निकलेगे अभी बाहर हल्की रौशनी है | अँधेरा होने दे तब तक इन्तजार करते है |
गार्ड - मैडम  यहां से बाहर  निकालने का मतलब मौत है | किसी ने भी देख लिया या पकड़ लिया तो आपका तो पता नहीं लेकिन मुझे जिन्दा ही भूखे कुत्तो के सामने डाल दिया जायेगा |
रीमा - यहाँ कुत्ते भी है क्या ?
गार्ड - हाँ मैडम रात होते ही पुरे कंपाउंड में कुत्ते छोड़ दिए जाते है |
रीमा - मेरी चूत चोदने को मिलेगी, थोडा रिस्क लेना तो बनता है |
गार्ड रीमा के चूत त्रिकोण की तरफ देखने लगा | रीमा की चूत ने गार्ड की बुद्धि को भी उसके लंड की तरह बना दिया था | गार्ड सब कुछ अब रीमा की चूत के बारे में ही सोच रहा था | उसके दिमाग में रीमा की चूत चूत और चूत ......................सिर्फ इसके अलावा कुछ और सोच ही नहीं पा रहा था |
गार्ड - ठीक है मैडम आपके लिए मै ये खतरा मोल लूँगा |  मैडम यहां के सारे रास्ते  मुझे पता है लेकिन आप इस तरह से नंगे कैसे जावोगे |  उसके लिए आपको कपड़े पहनने पड़ेगे | मै आपके लिए कपड़े लेकर आता हूँ |
रीमा - कपड़े की चिंता मत करो, मै स्कर्ट और शर्ट ले आई हूँ |
गार्ड - फिर भी मै देखकर आता ही बाकि चौकीदार कहाँ कहाँ खड़े है |
गार्ड बहुत ही ज्यादा डरा हुआ था उसक चेहरे की हवाइयां बता रही थी की वो कितनी दहसत से भरा हुआ है | लेकिन कमर के नीचे पेंट में कुछ और ही नजारा झलक रहा था | रीमा की नजर बार बार उसकी पेंट पर पड़ रही थी, उसकी पेंट का तनाव अब साफ़ झलक रहा था | इससे पहले गार्ड बाहर की तरफ जाता, रीमा को लगा कही ये डर से अपना मन न बदल दे |
रीमा थोडा सा झुकी और गार्ड के पेंट के ज़िप खोल दी | उसे ज्यादा समय नहीं लगा उसके तने लंड को बाहर निकलने में |
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गार्ड हैरान रह गया | रीमा के हाथो का कोमल स्पर्श ...................गार्ड के लंड में लगातार खून का दौरान बढ़ता जा रहा था | गार्ड हैरान था , औरते ऐसी भी होती है जो आदमी का लंड उसकी पेंट से खीचकर बाहर निकाल ले, उसने तो सपने में भी नहीं सोचा था | कितनी बेशरम होती है ये बड़े घर की औरते, हमारे यहाँ तो जबदस्ती पकड़ाने पर भी हाथ न लगाएगी | लगता है मैडम काफी खेली खाई लगती है , वर्ना इतनी जल्दी कोई कैसे किसी अनजान मर्द का लंड पकड़ता है |
डर, आश्चर्य  और उत्तेजना के भंवर में झूलता गार्ड बस रीमा की तरफ देखने लगा | रीमा के हाथ में उसके लंड की गर्मी अहसास होने लगा |
गार्ड की जाल में भी फंसाए रखना था और उसकी हिम्मत भी बढ़ानी थी ताकि रीमा यहं से निकल सके |

रीमा ने गार्ड के लंड को सहलाना शुरू कर दिया |
रीमा - कैसा लग रहा है |
गार्ड - मैडम क्या बताऊ |
रीमा - डर लग रहा है |
गार्ड - हाँ बहुत |
रीमा - देखो डर के आगे ही जीत है | या तो तुम मुझे यहाँ से एक धाकड़ मर्द की तरह बचाकर  ले जाते हो और फिर सच्चे मर्द की तरह  मुझे जमकर चोदते हो या फिर अपने बॉस की लटकती गोटियो में लटक कर अपनी फटी हुई गांड को पकड़ कर बैठे रहो |
गार्ड को कुछ समझ नहीं आया - वो वासना में तैरना शुरू कर चूका था लेकिन रीमा की बात पर उसका दिमाग एक सवाल कर उठा |
गार्ड - मैडम अभी आप मुझे नहीं चोदने दोगे क्या ?
रीमा को लगा इससे ज्यादा झूठ बोलने का फायदा नहीं लेकिन सच बोलने से बात बिगड़ सकती है | रीमा ने दिमाग पर जोर डाला |
रीमा - तुम्हे पता छतरी किसे कहते है |
गार्ड - हाँ वही जो पानी से भीगने से बचाती है |
रीमा - हाँ वही, है तुमारे पास |
गार्ड - अभी तो नहीं है लेकिन अभी छतरी क्यों चाहिए आपको |
रीमा - क्योंकि मेरी चूत को पानी से बहुत एलर्जी है लंड के पानी से तो बहुत ही ज्यादा | घर पर  मै उस एलर्जी की गोली अपने साथ रखती हूँ, ताकि लंड का पानी की एलर्जी से बाख सकू | लेकिन यहाँ मेरे पास वो गोली नहीं है, तो दूसरा तरीका छतरी है | अगर तुमारे पास छतरी हो तो वो सारा पानी रोक लेगी और मेरी चूत तुमारे लंड के पानी से नहीं भीगेगी | तुम्हे तो पता ही होगा, जब कोई चूत लंड के पानी से भीग जाती है तो पेट फूल जाता है |
रीमा का गार्ड के लंड को तेजी से मसलने लगा था, गार्ड की उत्तेजना का तापमान बढ़ने लगा |
गार्ड ने अपना माथा पीठ लिया - क्या मैडम इतना घुमाने की क्या जरुरत थी | सीधे सीधे कंडोम बोल देती |
रीमा खिलखिला पड़ी - शायद तुमने ये खेल ज्यादा खेला नहीं है, इसमें जितना घुमाने फिराने में मजा है उतना सीधे सीधे खेलने में कहाँ है | बिना छतरी तो मै तुम्हें चूत चोदने को नहीं दूँगी | मुझे पता नहीं तुमारे पास छतरी नहीं है |
गार्ड मायूस हो गया - फिर इसका क्या होगा |
रीमा ने गार्ड की मायूसी देख ली - देखो बिना छतरी मै तुम्हे अपनी चूत चोदने तो नहीं दूँगी लेकिन मेरे पास बहुत से तरीके है तुमारे लंड की शांत करने के |  इससे पहले गार्ड कुछ बोलता, रीमा के ओंठो की गुलाबी जकड़न ने गार्ड ने लंड के फूले सुपाडे के इर्द गिर्द अपना घेरा बनाना शुरू कर दिया |
गार्ड हैरान था उसका लंड रीमा अपने मुहँ में लेने जा रही थी |
गार्ड - मैडम हमारे यहाँ तो औरते हाथ तक नहीं लगाती, आप मुहँ में लेने जा रही हो |
रीमा - कभी लंड चुसवाया है.........| उसके सुपाडे पर अपने ओंठो की छाप छोड़ती हुई |
गार्ड - नहीं |
रीमा - पता है लंड कैसे चूसा जाता है और चुसवाया जाता है |
गार्ड रीमा के कोमल ओंठो का अपने सुपाडे पर स्पर्श पाकर  आहे भरता हुआ - मतलब अह्ह्ह्हह्ह |
रीमा ने उसके लंड को हाथ से कसकर मसल दिया - लंड को मुहँ में लेने का मजा सिर्फ चूसने वाले ही नहीं चुसवाने वाले की काबिलियत पर निर्भर करता है | जो मुहँ में लंड ठेल रहा है उसको भी पता होना चाहिए कब क्या करना है |
गार्ड - मैडम ये सब उजुल जुलूल चीजे हम गरीबो को कहाँ से पता | यहाँ तो बस इतना पता है ये लंड है इसे चूत में घुसेड़कर चूत को चोदना होता है |
रीमा - चूत के दर्शन तो तुम्हे तभी होंगे जब तुम मर्द की तरह मुझे सब मुसीबतों से बचाकर यहाँ से बाहर निकाल कर ले जावोगे | मेरी मखमली गुलाबी चूत चाहिए तो मै भी तो देखना चाहती हूं जो आदमी को मैं अपनी चूत चोदने को दे रही है
 उसके अंदर का लंड मर्द का है या नहीं अब तुम सोच लो मेरी जैसी चूत मार रहे हो जो अच्छे अच्छों को नसीब नहीं होती है तो कम से कम  कुछ तो दम दिखाओ और तुम्हारी गांड में दम नहीं होगा, फिर क्या फायदा |

रीमा ने गार्ड के लंड पर अपनी गीली जीभ फिराई | गार्ड के मुहँ से सिसकरी छुट गयी |
रीमा - सोच लो बार बार मेरी चूत चोदने को मिलेगी, एक बार नहीं |
गार्ड - मैडम आपकी चूत के लिए कुछ भी करूंगा | बस आप मुझे अपनी जन्नत की सुरंग की सैर करा दो |

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रीमा की लार से सनी गुनगुनी जीभ गार्ड  के फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच बीच में मुहँ खोलकर रीमा अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती |
रीमा गार्केड  लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थी | सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है |

उसके बाद रीमा ने उसके सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया | ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है , और धीरे धीरे अपना सर हिलाने लगी ,गार्ड  कामुक लम्बी कराहे भर रहा था | रीमा ने अब गार्ड का लंड अपने मुहँ में ले लिया था  उसकी उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी वो रीमा की जीभ और ओंठो के जादुई स्पर्श से पगलाया सा था | उसे समझ में नहीं आ रहा था  की उसके साथ क्या हो रहा है  रीमा तेजी से उसके लंड के चारो ओर अपनी ओंठो को फिसलाने लगी थी |
गार्ड उत्तेजना में सिसकारियां भरने लगा - आःह्ह मैडम आःह मैडम, आपके तो ओंठो में जादू है  इतना सुख तो मुझे चूत चोदने पर भी नहीं मिला था |
रीमा ने रूककर - तुम्हे मजा आ रहा है |
गार्ड - बहुत |
रीमा - और जोर से चुसू |
गार्ड - हाँ मैडम और जोर से कसकर चुसो, चूस चूस कर निचोड़ दो मेरे लंड को |
रीमा ने अपने ओंठो को कसकर गार्ड के लंड पर चिपका दिया | तेजी से आगे पीछे सर हिलाने लगी |
गार्ड - मैडम रीमा मैडम आअहाआअहाआह्ह अब तो  मैडम आपको बाहर लेकर ही जाऊंगा भले ही मेरी जान चली जाए | आप ओंठ इतने मस्त है तो आपकी चूत कितनी मस्त होगी |
रीमा बस सख्ती से उसके लंड को अपने ओंठो की गिरफ्त में लिए आगे पीछे सर हिला रही थी | उसके मुहँ से निकलने वाली लार उसके ठोड़ी और स्तनों पर जाकर गीत रही थी | उसकी आँखों में लालिमा आने लगी थी | अब तो गार्ड में उत्तेजना में अपनी कमर हिलाने लगा था |

[Image: 19619468.gif]
गार्ड ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कभी ऐसा कुछ उसके साथ होगा | एक रीमा नाम की मदमस्त हसीं औरत अपने गुलाबी ओंठो से उसके ल;लंड को चूसेगी | उसने कई बार दोस्तों के सतह ब्लू फिल्मो में ये सब देखा था | वहां ल;लडकियों को चोदने से पहले सभी अपना लंड चुसवाते है | वो उत्तेजना के भंवर में आनंद के गोते लगा रहा था | रीमा ने लंड चुद चूस कर उसको मदहोश कर दिया | रीमा के हाथ की सख्त जकड़न और और होठों की कसी हुई जकड़न , दोनों में उसके लंड की जोरदार मालिश हो रही थी | रीमा के जिस्म की मादक खुशबू ने उसे मदहोश कर रखा था और उसकी उत्तेजना बेकाबू हो रही थी वह खुद अपने बस में नहीं था बस में तेजी से बहता
 हुआ वासना के चरण की तरह बढ़ता जा रहा था | उसने उत्तेजना में खुद की कमर हिलानी शुरू कर दी | वो रीमा को चोदने के ख्याल से अपनी कमर हिलाने लगा, उसे होश ही नहीं था की उसका लंड रीमा की चूत में नहीं उसके मुहँ में है | उसने रीमा के सर को पकड़कर तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए | रीमा को मुहँ में चोट लगने लगी | रीमा ने गार्ड को रोकने को कोशिश की लेकिन गार्ड बेकाबू हो चूका था | उसने रीमा के बालो को कसकर भींच लिया और जोरदार ठोकरे मारने लगा | रीमा ने कसकर जोर लगाया और खुद को पीछे ठेल लिया | उसकी आंखे लाल हो गयी थी और वो तेजी से खासने लगी | गार्ड ने बेतहाशा उसके मुहँ में धक्के मार दिए जिसके लिए वो बिलकुल भी तैयार नहीं थी | रीमा खड़ी हुई और उसने गार्ड को एक करारा थप्पड़ रसीद कर दिया |
गार्ड और रीमा दोनों सन्नाटे में आ गए | रीमा भी आवेश में थी, उसे भी कुछ होश न रहा, और गार्ड का तो जैसे पांच बोतल का नशा उतर गया हो |
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Wow...... updates are lit......keep writing brother
read the story वक़्त का तमाशा
BICHADKAR FIR MILENGE KITNA YAKIN THA,
MANAYE YE KHWAB THA PAR KITNA HASIN THA
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13041
[Image: GBWA-20190214201125.jpg]
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