Thread Rating:
  • 11 Vote(s) - 2.82 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery रीमा की दबी वासना
#1
Photo 
कहानी की पोस्ट के इंडेक्स लिए क्लिक करे


रीमा खुद को शीशे में निहार रही थी | क्या मै बूढी हो रही हूँ? अपने चेहरे को गौर से देखते हुए, चेहरे के एक एक हिस्से की गौर से जाँच करते हुआ, जैसे कोई खूबसूरत औरत अधेड़ हो जाने के बाद खुद की खूबसूरती का जायजा लेती है | वो अभी भी जवान है और किसी भी मर्द के होश उडा देने में सक्षम है, ये उसे भी पता है लेकिन आज कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, पहली बार उसे अहसास हुआ की अब वो जवानी की दहलीज से फिसलना शुरू कर चुकी है | इसी के साथ टब में डुबकी लगा देती है |
[Image: 19265734.gif]

[Image: 5435811.gif]

35 साल की खूबसूरत रीमा टब से नहाकर बाहर निकलती है और तेजी से खुद के नंगे बदन को तौलिये से लपेट लेती है, लेकिन आईने तक आते आते तौलियाफिसल जाता है | खुद को नंगे आईने में देखते हुए अपनी हल्की भूरी चूची को रगड़ने लगती है, कुछ ही सेकंडो में उसकी चुचियाँ कड़ी हो जाती है, वो अपने उरोजो को अपने हाथ में लेकर प्यार से मसलती है, और उसके शरीर में कामसुख की एक लहर दौड़ जाती है | 

[Image: 18172560.gif]
रीमा को पता है वो उत्तेजित है और उसे सेक्स चाहिए | एक खूबसूरत विधवा के लिए उच्च चरित्र का जीवन जीना आसान नहीं होता | उसके सामाजिक दायरे में किसी भी भद्र पुरुष की तरफ वो कभी आकर्षित नहीं हुई सिवाय अपने देवर के, जिसका नाम रोहित है | समाज में रीमा को लोग बेहद उच्च चरित्र की महिला मानते है और काफी सम्मान भी देते है | रीमा ने भी इस गरिमा को बनाकर रखा हुआ है, रोहित को छोड़कर आजतक किसी और पुरुष के लिए उसके मन में कभी विचार नहीं आया, हालाँकि वो रोहित को भी वो अपने दिल की बात ये सोच कर नहीं बता पाई, कि पता नहीं क्या सोचेगा |


इधर रीमा में एक नई बात महसूस करी थी कि उसको नए लड़के बहुत अच्छे लगते थे, जब भी वो किशोरवय लड़के को देखती, उसकी दबी कुचली सेक्स इच्छाए जाग उठती और इस बात को लेकर वो बहुत ही परेशान हो जाती थी | आज रोहित का जन्मदिन था इसलिए रीमा कुछ दिनों के लिए रोहित के घर आई हुई थी | वो नहाने के बाद अपने कपडे पहनकर किचन की तरफ आई, तभी उसे लगा की घर में कोई और भी मौजूद है | पहले उसे लगा, रोहित का लड़का प्रियम होगा, लेकिन वो गलत थी| उसने प्रियम के कमरे से आती आवाजो पर ध्यान दिया, उसे प्रियम के अलावा भी कुछ और आवाजे सुनाई दे रही थी, उसे लगा प्रियम के दोस्त होंगे, लेकिन जब उसके कानो में कामुक सिसकारियों की आवाज पड़ी तो उसके कदम ठिठक गए | भले ही उसको सेक्स किये सालो गुजर गए हो लेकिन सेक्स की मादकता से भरी सिसकारियां जैसे ही उसके कानो में पड़ी वो समझ गयी, अन्दर जरुर कुछ चल रहा है | आश्चर्य और सतर्कता से वो प्रियम के कमरे की तरफ बढ़ने लगी, जैसे जैसे वो प्रियम के कमरे की तरफ बढती जाती, सिसकारियो की आवाज तेज होती जा रही, जब वो प्रियम के कमरे के पास पंहुची, तो कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था | रीमा ने जो भी आँखों से देखा उस पर उसे यकीन नहीं हुआ | प्रियम और उसका दोस्त राजू, पड़ोस में रहने वाले मनोज शर्मा की बेटी नूतन को बिस्तर पर लिटाकर उसके स्तन चूस रहे थे | नूतन ने ऊपर सिर्फ एक लूज स्वेटर पहना हुआ था जिसे दोनों ने ऊपर खिसकाकर नूतन के चेहरे को ढक दिया था | राजू दोनों हाथो से नूतन का बाया स्तन चूस रहा था, जबकि प्रियम सिर्फ एक साथ में लेकर ही चुसाई कर रहा था |
[Image: 1978151.gif]
प्रियम का दूसरा हाथ नूतन की कमर की नीचे था और कपड़ो के ऊपर से ही कभी जांघो और कभी उसके बीच की जगह को सहला रहा था | ये द्रश्य देखकर रीमा को अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ | प्रियम तो अभी बहुत छोटा है ये कैसे कर सकता है ? ये बच्चे इस उम्र में यह सब कैसे कर सकते है ? इनको ये सब करने के बारे में कैसे पता चला ? ऐसे कई सवाल उसके दिमाग में बिजली की तरह कौंध गए | वो सदमे में थी और उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था जो वो देख रही है वो सच है | तभी प्रियम ने नूतन की चूची में दांत गडा दिये | नूतन के मुहँ से दर्द भरी सिसकारी निकल गयी - आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् |
प्रियम - तुम हमें अपनी चिकनी गोरी चूत के दर्शन का करावोगी ?
मादक नशे में तैरती उफनती नूतन ने झट से बोली - कभी और, अभी बस चूस के काम चलावो |
प्रियम – अभी क्यों नही इतना कहकर उसने नूतन के स्तन पर दांत गडा दिए
अन्दर का नजारा देख रीमा भी गरम हो चली, उसका शरीर भी उत्तेजना के आवेश में आने लगा, लेकिन तभी उसने खुद को संयत करते हुए, बच्चो को रोकने की ठानी |
[Image: 19848515.gif]
रीमा ने तेज आवाज में खाँसा और कमरे के अन्दर की तरफ बढ़ चली | रीमा के खांसने की आवाज सुनते ही नूतन ने अपना स्वेटर तेजी से नीचे किया और झट से बिस्तर से उठकर बैठ गयी और दोनों को दूर ठेल दिया | दोनों बिस्तर पर इधर उधर लुढ़क गए और जब तक रीमा कमरे के अन्दर आती, नूतन बाल सही करके खड़ी हो गयी | प्रियम और राजू दोनों बिस्तर पर इधर उधर लुढकने के बाद उठकर खड़े हो गए |
कमरे के अन्दर आते की गुस्से में रीमा पूछने लगी - प्रियम ये सब क्या हो रहा है ?
तीनो सर झुकाकर जमींन की तरफ देखने लगे | रीमा ने दुबारा जोर देकर पुछा तो प्रियम उनके पैरो की तरफ निगाह रखकर हिचकिचाते हुए कहने लगा - ओह रीमा चाची क्या सरप्राइज है ?
रीमा - मैंने पुछा यहाँ क्या हो रहा था ?
कुछ नहीं रीमा चाची, हम तो अगले शनिवार पिकनिक मनाने की प्लानिंग कर रहे थे - राजू ने बहाना बनाया | रीमा - अच्छा फिर ठीक है आने दो रोहित को और तुम दोनों के माँ बाप को | यहाँ जो कुछ हो रहा था सब बताउंगी |
इतना कहकर वो तेजी से कमरे से निकल गयी और ऊपर की मंजिल में अपने कमरे में जाकर बैठ गयी | अभी भी उसे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब वो रोहित को बताये या नहीं | ये सब उसके लिए बहुत ही शर्मनाक था |
कुछ देर बाद उसने रोहित को फ़ोन मिलाया और कमरे में जो कुछ हो रहा था वो सब बता दिया |
रोहित ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा - रीमा तुम मजाक तो नहीं कर रही हो, क्या तुमने सच में देखा है |
रीमा - हाँ रोहित तुम्हे यकीन नहीं हो रहा मुझे भी नहीं हो रहा था, लेकिन ये सच है प्रियम नूतन की चूची चूस रहा था, उसके स्तन दबा रहा था और उसकी जांघो के बीच सहला रहा था और इसमे उसका दोस्त राजू भी साथ दे रहा था | प्रियम ने तो नूतन की चूची और स्तन पर दांत भी गडाए |
रोहित माफ़ी मागता हुआ – रीमा मै माफ़ी चाहताहूँ बात ही ऐसी है की यकीन होना मुश्किलहै
प्रियम अभी बहुत छोटा है, हो सकता है अभी उसका ठीक से खड़ा भी न होता हो |
रीमा - तुमारी बात सही है लेकिन मैंने तो की पेंट तम्बू की तरह तनी देखि है | प्रियम तो नूतन की चूत देखने के बारे में भी पूछ रहा था |
रोहित- ठीक तुमने बता दिया ये भी अच्छा कियाअब परेशान न हो मै प्रियम को समझाता हूँ लेकिन तब तक तुम इस बारे में किसी और से कोई बात नहीं करना इतनी रिक्वेस्ट है मेरी | बेवजह लोग बाते बनायेगें नहीं तो | जन्मदिन की शुभकामनाये रीमा |
रीमा - थैंक्यू रोहित, प्रियम पर कोई सख्ती मत करना, आखिर वो बच्चा ही तो है |
रीमा ने फ़ोन रखा और वो हल्की हल्की शर्म महसूस कर रही थी, आखिर चूत और चूची जैसे शब्दों के साथ उसने रोहित से बात की | लेकिन मन तो संतोष भी था, की उसने मौसी होने के नाते अपना फर्ज निभाया | अगर वो प्रियम के बारे में नहीं भी बताती तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था, लेकिन उसने जो भी किया उसको उसका संतोष था | इसी विचार के साथ वो खाने की लिए सामान लाने बाहर चली गयी |
[+] 2 users Like vijayveg's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
Index 1  Index 2  Index 3  Index 4
Index 5  Index 6  Index 7  Index 8
Index 9  Index 10  Index 11  Index 12
Index 13  Index 14  Index 15  Index 16
Index 17  Index 18  Index 19  Index 20
Index 21  Index 22  Index 23  Index 24
Index 25  Index 26  Index 27  Index 28
Index 29  Index 30  Index 31  Index 32
Index 33  Index 34  Index 35  Index 36
Index 37  Index 38  Index 391  Index 40
Index 41  Index 42  Index 43  Index 44
Index 45  Index 46  Index 47  Index 48
Index 49  Index 50  Index 51  Index 52
Index 53  Index 54  Index 55  Index 56
Index 57  Index 58 Index 59  Index 60
Index 61  Index 62 Index 63  Index 64
Index 65  Index 66 Index 67  Index 68
Index 69  Index 70 Index 71  Index 72
Index 73  Index 74 Index 75  Index 76
Index 77  Index 78 Index 79  Index 80
Index 81  Index 82 Index 83  Index 84
Index 85  Index 86 Index 87  Index 88
Index 89  Index 90 Index 91  Index 92
Index 93  Index 94 Index 95  Index 96
Index 97  Index 98 Index 99  Index 100
Index 101  Index 102 Index 103  Index 104
Index 105  Index 106 Index 107  Index 108
Index 109  Index 110 Index 111  Index 112
Index 113  Index 114 Index 115  Index 116
Index 117  Index 118 Index 119  Index 120
Index 121  Index 122 Index 123  Index 124
Index 125  Index 126 Index 127  Index 128
Index 129  Index 130 Index 131  Index 132
Index 133  Index 134 Index 135  Index 136
Index 137  
Like Reply
#3
शाम को बिस्तर पर लेटे लेटे दिन में हुई घटना के बारे में ही सोच रही थी | साथ में रोहित की बारे में भी सोच रही थी | रीमा के पति शादी के बाद २ साल बाद ही मर गए थे | तब से रीमा ने न दूसरी शादी करी न किसी और मर्द के बारे में सोचा | हालाँकि कभी कभी वो रोहित के बारे में फैंटसी करती थी और उसको ये गलत भी नहीं लगता | आखिर रोहित उसका देवर जो था | रोहित तलाकशुदा था और अपने लिए लडकियों का इंतजाम कर ही लेता था | शुरू से रीमा ने अपनी छवि भी पाक साफ़ बना रखी थी और कभी वासना की नजरो से रोहित को देखा भी नहीं, न ही अन्दर की भावना कभी बाहर आने दी | इसलिए रोहित ने भी रीमा को कभी अप्रोच नहीं किया | पति की मौत के बाद एक डॉक्टर के साथ रीमा का साल भर अफेयर रहा, लेकिन उसके बाद से रीमा अकेले ही रही | अपनी सेक्सुअल डिजायर को एक कोने में दबा दिया | पिछले कुछ महीनो से उसकी सेक्सुअल उत्तेजना काफी बढ़ गयी थी | वो आये दिन चुदाई की फैतासी के बारे में सोचती रहती | फिर ये सोचकर मन मसोस लेती की ये सब उसके जिंदगीमें नहीं लिखा है | आज प्रियम वाली घटना ने रीमा को सेक्सुअली हिलाकर रख दिया | उसने सारे कपडे उतार दिए और अपने लिए दो पैग बनाये और धीरे धीरे पीने लगी और आज हुई घटना के बारे में सोचने लगी | किस तरह से प्रियम नूतन की चूची चूस रहा था, उसके शरीर को सहला रहा था | रीमा ने अपने शरीर को सोफे पर फैलाते हुए टांगे आगे को फैला दी | पैग पीकर गिलास अलग रख दिया और दोनों हाथो से अपने स्तनों को हलके हलके मसलने लगी | रीमा ने निप्पल कड़े होने लगे | रीमा ने आंखे बंद कर ली | रीमा ने स्तनों को तेजी से मसलना शुरू कर दिया और एक हाथ नाभि सहलाता हुआ, दोनों जांघो के बीच पेट के निचले हिस्से तक पहुच गया | पेट के निचले हिस्से से होते हुए फड़कती चिकनी चूत तक पहुच गया और उंगलिया चूत के दाने के पास तक पहुच गयी | 
[Image: 18426290.gif]
रीमा नूतन को इमेजिन करने लगी, कैसे उसके स्तनों की चुसाई दबाई हो रही थी | असल में ये रीमा की फंतैसी थी की कोई उसके स्तनों को चुसे दबाये काटे लेकिन वो नूतन के जरिये इमेजिन कर रही थी | रीमा क्या कर रही थी ये बिना सोचे चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | अब रीमा के मुहँ से सिसकारियां निकने लगी | टांगो के बीच की में लगातार रीमा का हाथ चल रहा था, उत्तेजना के मारे चूत भी गीली होने लगी, धड़कने और तेज हो गयी, जैसे जैसे चूत का दाना रीमा रगडती, उसके चुतड उछाल लेने लगे, रीमा ने दूसरा हाथ नही चूत पर रख दिया, एक हाथ से वो चूत का दाना रगड़ रही थी दूसरे से चूत को तेजी से सहला रही थी, उसके मुहँ से सिसकारियो की आवाजे तेजी से निकलने लगी, वासना से भरी चूत की दरार से पानी रिसने लगा | उसका पेट और नाभि भी इस उत्तेजना के चरम में फद्फड़ाने लगे, पेट और चुतड सोफे से उचलने लगे | रीमा के हाथो ने चूत को और तेजी से रगड़ना शुरू कर दिया | 

[Image: 13527241.gif]


रीमा को इस समय न को लाज थी न शर्म, रीमा की आंखे बंद थी, ओठ भींचे हुए थे, उत्तेजना का सेंसेशन अपने चरम पर था | कभी निचले ओठ से ऊपर वाले को काटती, कभी उपरी ओठ से निचले वाले को | सांसे धौकनी की तरह चल रही थी| चूत की दरार से निकलता गीलापन अब उंगलिया भिगो रहा था, कुछ बह कर जांघो की तरफ बढ़ चला था | रीमा नूतन को प्रियम द्वारा चोदे जाने की कल्पना कर कर के खुद की चूत दोनों हाथो से रगड़े जा रही थी | अगर इस हालत में उसे कोई भी पकड़ लेता तो उसके लिए बेहद शर्मनाक होता | वो कंफ्यूज थी जो कुछ भी हो रहा है कौन शैतान उसके शरीर को छु रहा है, कौन है जो उसके अन्दर सेक्स की सोई इक्षा जगा रहा है, इस हद तक बढाये दे रहा है की वो सारी लाज शर्म छोड़ कर, खुले कमरे में पूरी तरह नंगी होकर खुद की चूत रगड़ रगड़ कर अपने भतीजे के बारे में सोच रही है | कितना गलत है ये ? लेकिन ये सब सोचते हुए भी उंगलिया चूत पर तेजी से चल रही थी | जब कोई औरत को चुदाई में मजा आने लगता है तो वो चुतड उठा उठाकर साथ देने लगती है | इसी तरह रीमा बार बार चुतड ऊपर की तरफ उछाल रही थी | वो ये सब नहीं करना चाहती थी लेकिन शरीर की वासना के आगे बेबस थी | एक तरफ उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था दूसरी तरफ तो सही गलत के उधेड़बुन में खोयी हुई थी | उसे होश ही नहीं था की वो कहाँ है, उसका दिमाग कही और था शरीर कही और था | ऐसा लग रहा था एक शैतान उसके शरीर से खेल रहा है और उसके हाथ पाव सब उसी शैतान के कब्जे में है | वो ये सब नहीं करना चाहती है लेकिन चूत के पतले ओठो पर नाच रही उंगलियों पर उसका कोई बस नहीं है | चूत की दरार से बहते पानी को रोकने में वो लाचार है | वासना के कारन थिरकते चुतड को रोकने में असमर्थ है | उसे पता है ये सब रोकने का अब कोई रास्ता नहीं है | अगर वो अपने अन्दर की वासना को तृप्त करने के लिए कुछ नहीं करेगी तो वो सो नहीं पायेगी |  सिसकारियो के बीच उसने अपने एक उंगली चूत की दरार के बीच डाली, फिर दो चार बार अंदर बाहर करने के बाद, दो हाथो से चूत के दोनों ओठ फलाये | और फिर से उंगली अन्दर घुसेड दी | दूसरे हाथ से दाने को रगड़ना जारी रखा |
[Image: 11822566.gif]


धीरे धीरे वो सोफे पर पूरी तरह लेट गयी | दोनों जांघे ऊपर की तरह उठा दी और दो उंगलियों को कसी चूत के छेद में घुसेड के अन्दर बाहर करने लगी |


[Image: 14558051.gif]
  रीमा को ठीक से याद भी नहीं आखिरी बार कब लंड उसकी चूत के अन्दर गया था | इसलिए चूत की कसावट बिलकुल कुवारी चूत की तरह थी | दोनों उंगलिया को अन्दर डालने के लिए जोर लगाना पड़ रहा था | चूत की कसी हुई मखमली दीवारे उंगलियों को कस के जकड ले रही थी | उंगलियों की चुदाई उत्तेजना में चार चाँद लगा रही थी, इससे मिलने वाले चरम सुख की कोई सीमा नहीं थी | मुहँ से सिसकारियो का सिलसिला लगातार चल रहा था, उगलियाँ के चूत में अन्दर बाहर होने से शरीर भी उसी अनुसार लय में आगे पीछे हो रहा था | रीमा अपनी उंगलियों से खुद को चोद के अपनी वासना की आग बुझा रही थी | और सोच वो नूतन और प्रियम की चुदाई के बारे में रही थी | अब न कोई शर्म थी, न कोई हिचक थी, बस एक आग थी और उसे बुझाना था किसी भी तरह, उंगलिया अपनी चरम गति से चूत में आ जा रही थी और उसी के साथ दाने को भी अधिक ताकत और गति से रगड़ने का सिलसिला शुरू हो गया था | 
[Image: 19717041.gif]
अब लग रहा था जैसे चरम अब निकट ही है, एक तूफ़ान जो अन्दर धमाल मचाये हुआ था अब बस गुजर जाने को है | अब न कोई इमेजिनेशन था, न किसी की सोच | बस वासना थी वासना थी और सिर्फ वासना थी | रीमा अब सोफे पर तेजी से उछालने लगी | उसकी कमर जोर जोर के झटके खाने लगी | उंगलिया जिस गहराई तक जा सकती थी, वहां तक जाकर अन्दर बाहर होने लगी | पहले चूत में दो उंगलिया भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी अब तीन भी आराम से जा रही थी | रीमा का हाथ पूरी ताकत से अन्दर बाहर के झटके दे रहा था | अचानक उसका पूरा शरीर अकड़ गया, सिसकारियो का न रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया, जांघे अपने आप खुलने बंद होने लगी, जबकि उसकी अंगुलियां अभी भी चूत की गहराई में गोते लगाकर आ जा रही थी, दाना फूलकर दोगुने साइज़ का हो गया था लेकिन रीमा ने उसे रगड़ना अभी भी बंद नहीं किया था | दाने के रगड़ने से चूत के कोने कोने तक में उत्तेजना की सिहरन थी | चूत की दीवारों में एक नया प्रकार का सेंसेशन होने लगा, कमर और जांघे अपने आप कापने लगी, रीमा को पता चल गया अब अंत निकट है, ये वासना के तूफ़ान की अंतिम लहर है | उसने  चूत से उंगलियाँ निकाल ली, चूत रस  तेजी से बाहर की तरफ बहने लगा | सारा शरीर कापने लगा, उत्तेजना के चरम का अहसास ने उसके शरीर पर से बचा खुचा नियंत्रण भी ख़त्म कर दिया | 
[Image: 19951292.gif]
कमर अपने आप ही हिल रही थी, पैर काँप रहे थे, मुहँ से चरम की आहे निकल रही थी | और फिर अंतिम झटके के साथ पुरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी और पूरा शरीर सोफे पर धडाम से ढेर हो दया |

रीमा आनंद के सागर में गोते लगाते लगाते लगभग मुर्क्षा की हालत में पंहुच गयी | धीरे धीरे सांसे काबू में आने लगी, चूत के दाना की सुजन कम होने लगी, स्तनों की कठोरता कम होने लगी | अपनी उखड़ती सांसे संभाले रीमा अपने आप के स्त्रीत्व को महसूस करने लगी, उसे अपने औरत होने का अहसास होने लगा | उसने शरीर को ढीला छोड़ दिया | उसने अपने ही चुचे और चूत का अहसाह पहली बार किया |उसके शरीर में होते हुए भी आज तक इनसे अनजान थी | उसके दिमाग सेक्स को लेकर जो भी दुविधा थी दूर हो गयी | अब वो खुद की सेक्स की चाह को दबाएगी नहीं | वो खुद को एन्जॉय करेगी | अपनी औरतपन को एन्जॉय करेगी | उसने इतने साल दकियानुकुसी में काट दिए, जबकि खुद में एन्जॉय करना तो कोई अपराध नहीं है | यही सोचते सोचते कब उसकी आंख लग गयी पता ही नहीं चला |
[+] 1 user Likes vijayveg's post
Like Reply
#4
रोहित ने बड़े प्यार से प्रियम से बात करी, और बड़ी सावधानी से उसने हर वो सवाल पूछ लिया जो उसे पूछना चाहिए था | उसे पता था प्रियम झूठ नहीं बोलेगा, प्रियम ने ईमानदारी से जो कुछ भी वो नूतन के साथ कर रहा था सब बता दिया लेकिन उसने एक बात जोर देकर और कसम खाकर कही कि जब चाची कमरे में आई तब नूतन का स्वेटर का स्वेटर बिलकुल ठीक था | रोहित ने अंदाजा लगाया की इसका मतलब ये है की रीमा पहले से ही दरवाजे की ओट से झांक रही थी और बच्चे जो भी कर रहे थे वो सब उसने कुछ देर रूककर देखा होगा |प्रियम जब तीन साल का था तभी उसकी माँ उसे छोड़कर चली गयी थी, तब से लेकर अब तक रोहित ने माँ और बाप बनकर उसको इतना बड़ा किया था | रोहित कई बार रिलेशनशिप में भी रहा लेकिन किसी भी लड़की से इतना लगाव नहीं हुआ की उसको प्रियम की माँ बना ले | बच्चे की खातिर उसने एक दो बार प्रियम की माँ से समझौता करने के कोशिश भी की लेकिन सफलता नहीं मिली | बीबी के छोड़ के जाने के बाद रोहित की बहुत गर्लफ्रेंड रही लेकिन जितना वो आकर्षित वो रीमा की तरफ होता था उतना किसी लड़की की तरफ नहीं होता था | अपने भाई और रीमा के पति की मौत के बाद उसने कई बार अपने दिल की बात रीमा को बताने की सोची लेकिन हर बार पीछे हट गया | अपने स्वर्गीय भाई की विधवा जवान पत्नी से इस तरह की बात करना उसे गलत लगा |

जब भी वो रीमा को देखता एक बार ये ख्याल जरुर आता की वो अपने दिल की बात उसको कह दे | आखिर वो भी अकेला है और रीमा भी अकेली है | जवानी में सेक्स उफान मारता ही है लेकिन रीमा जिस तरह से खुद की पतिव्रता इमेज में खुद को बांधे थी उस वजह से रोहित की कभी हिम्मत ही नहीं हुई ऐसी बात करने की | रीमा सिर्फ रोहित के मरे भाई की बीबी नहीं थी बल्कि उसकी सबसे बड़ी फंतासी थी जिसके लिए रोहित अलग अलग लडकियों को पटाकर अपनी फंतासी न पूरा कर पाने की खीझ मिटाता था | रीमा खूबसूरत थी, भरा पूरा शरीर था हालाँकि मेकअप नहीं लगाती थी फिर भी बच्चे से बूढ़ा जो भी एक बार देख लेता था फिर नजरो से ओझल होने तक उसको ही देखता रहता था | रोहित भी पार्टी में जब ड्रिंक पीकर धुत होता था तब अकसर रीमा की बांहों में सिमट के घर आता था और ऐसा वो जानबूझकर करता था | जब भी वो इसको कार में बैठाती, वो नीद के बहाने अपना सर रीमा के सीने पर रख देता और छोटे बच्चे की तरह सोने का नाटक करने लगता,हालाँकि इतना करीब होने के बावजूद उसकी कभी हिम्मत नहीं हुई की सीने से सर उठाकर उसके चेहरे तक ले जाये और उसके रसीले ओठ चूम ले | साल दर साल इसी तरह गुजरते रहे, दिल की तमन्ना दिल के कोने में ही दबी रह गयी | रीमा भी रोहित का साथ चाहती थी लेकिन रिश्तो की मर्यादा लोकलाज और खुद की बनायीं इमेज में उसकी सारी खवाइश दब गयी | रीमा भी रोहित को उसके घर छोड़कर अपने घर चली जाती थी | कभी खुद की बनायीं लक्ष्मण रेखा लांघी ही नहीं |

रोहित को आज की घटना के बाद लगा, रीमा ने नूतन प्रियम के बारे में उसे बढ़ा चढ़ा कर बताया है, इतने साल अकेले रहने के कारण क्या वो सेक्सुअली अवसाद में तो नहीं चली गयी | उसने कई सालो से सेक्स नहीं किया है और उसका कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है | इसलिए सेक्सुअल चीजो को लेकर कुंठित हो गयी है | बच्चो के कमरे में घुसने से पहले काफी देर तक झांक कर उनकी फन एक्टिविटी को सेक्स बता रही है | लगता है रीमा को सेक्स की तलब है, उसको चुदाई चाहिए | लेकिन अगले पल ही उसके दिमाग में सवाल आया ये मै कैसे कर सकता हूँ?

अगले दिन राजू और प्रियम जब स्कूल जा रहे थे तो रास्ते में राजू ने पूछ लिया - प्रियम तेरे पापा ने क्या कहा, पिटाई तो नहीं की |

प्रियम-किस बात को लेकर?

राजू ने इशारे से समझाने की कोशिश की | प्रियम-नहीं यार मेरे डैड बहुत अच्छे है, उन्होंने ने बस इतना कहा की मै अभी इन सब चीजो के लिए बहुत छोटा हूँ और अभी कुछ साल उसे ये सब नहीं करना चाहिए |

राजू चहकते हुए-अबे बस इतना ही, साले मुझे तो लगा था की तेरी हड्डी पसली तोड़ देंगे|

प्रियम-नहीं यार ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरे डैड बहुत कूल है| लेकिन मेरी एक बात समझ नहीं आई वो ये क्यों पूछ रहे थे की चाची सीधे कमरे में आ गयी या छुप छुप के दरवाजे की ओट से हमें देख रही थी |

राजू-मतलब?

प्रियम-अरे यार मतलब क्या वो हमें पहले से देख रही थी? कही हमें देखकर वो.....इतना कहकर उसने दाई आंख मार दी|

राजू-साले तेरी चाची है कुछ तो लिहाज रख |

प्रियम- फिर हमें छुप छुप कर क्यों देख रही थी इसका मतलब है वो हमें देखकर उत्तेजित हो रही थी, काफी दिनों से अकेले रहने के कारन वो कुंठित हो गयी है | खुद अकेली है इसलिए दूसरो का सेक्स देखती है और एन्जॉय करती है | राजू की आंखे फ़ैल गयी - अबे साले तेरे को इतना सब कैसे पता है |

प्रियम-बस पता है, चाची चुदासी है और कोई बात नहीं |

राजू-तो तू क्या सोच रहा है बे, साले.........ये गलत है |

प्रियम-सही गलत तू मुझे मत समझा, तूने तो अपनी मामा की लड़की की कुवारी चूत चोद कर अपना कुवांरापन मिटा लिया है, इसके अलावा तूने शर्मा जी बेटी की भी कुंवारी चूत का शुभारम्भ किया था तू अब कुवारा तो है नहीं और चाहता है मै कुंवारे लंड को लेकर अगले १० साल और घूमता रहु|

राजू-मेरा वो मतलब नहीं था, लेकिन अपनी उम्र देख और चाची की |

प्रियम- तू तो अपना कुंवारापन खो चूका है, दो कुंवारी चूत चोद चूका है, साले ममेरी बहन को चोद डाला और मुझे ज्ञान पेल रहा है |

राजू-नहीं दोस्त ऐसा नहीं है, जिन लडकियों को मैंने चोदा है वो मेरी ही उम्र की थी, लेकिन चाची तेरी तेरे बाप की उम्र की है, हो सकता है तेरे डैड ने भी उन्हें चोदाना चाहा हो, लेकिन रीमा चाची को देखकर लगता नहीं कि वो मानी होगी |

प्रियम-तू भोसड़ी के चुतिया ही रहेगा, चूत चूत होती है लंड लड़ होता है | चूत चुदने के लिए होती है और लंड चोदने के लिए होता है | चुदाई में किसकी चूत किसका लंड नहीं देखा जाता | चूत में लंड पेला जाता है बस | मुझे अपना कुंवारापन खोना है, और मै चाची को चोद के अपने लंड का सुभारम्भ करूगां | यह कहकर वो चुदाई की कल्पना करने लगा |

[Image: 17402339.gif]

राजू-तू चुतिया है भोसड़ी के, साले कभी चोदा हो किसी लड़की को तो जाने न | साले जो लड़की चुदने को तैयार बैठी हो उसके भी हजार नखरे होते है, माथे से लेकर गांड तक पसीना आ जाता है मनाने में | और वो तेरी चाची है, रंडी नहीं की तू जायेगा और जांघे खोलकर लंड पेल देगा | तेरे बाप को पता चला न तो तुझे इतना पेलेगे तुझे की फिर अगले १० साल के लिए चूत पेलने का ख्याल ही दिमाग से निकल जायेगा |

प्रियम-तूने चुदाई सीख ली है तो ज्यादा डायलॉग मत मार |

राजू- मै डायलॉग नहीं मार रहा हूँ, मै बस इतना कह रहा हूँ मेहनत वहां कर जहाँ कुछ मिले | नूतन दो तीन महीने में मान जाएगी लेकिन तेरी चाची जिसको तेरा बाप १० साल में नहीं मना पाया उसके सपने देखना बंद कर | जिंदगी गुजर जाएगी चाची की चूत न मिलेगी |

प्रियम-देख कल पूरी रात मैंने इस बारे में सोचा है, और मै रीमा चाची को बहुत अच्छी तरह जानता हूँ, मै वही करूगां जो मैंने तय कर लिया है |

राजू- तू मरेगा और मुझे भी मरवाएगा |

प्रियम-मै अपनी वेर्जिनिटी रीमा चाची को चोदकर ही लूज करूगां, ये मैंने तय कर लिया है |

राजू-अच्छा ठीक है तूने तय कर लिया है तो ठीक है, अब ये बता ये करेगा कैसे ?

प्रियम-ज्यादा कुछ अभी सोचा नहीं लेकिन एक प्लान है दिमाग में मेरे

राजू-क्या?

प्रियम-मैं चाची के पास आँखों में आंसू लेकर जाउगां, उनसे कमरे में हुई घटना के लिए माफ़ी मांगूगा, उनसे रिक्वेस्ट करूगां की मुझे जीवन के रहस्य बताये, मै उन्हें इमोशंस से ब्लैकमेल करूगां, मै बोलुगा की बचपन में ही मेरी माँ मुझे छोड़कर चली गयी, इसलिए मुझे लडकियों के बारे में कुछ नहीं पता है, और डैड से पूछना बड़ा शर्मिन्द्दगी भरा होगा | अगर मेरी माँ होती तो वो सब बाते जो मै लड़कियों के बारे में नहीं जानता हूँ वो मुझे बताती | उन्हें अहसास करवा के रहूगां की माँ के न होने से मै किन किन बातो से अनजान रह गया हूँ, और वो मेरी माँ की कमी पूरी कर सकती है मुझे लड़का लड़की के रिश्ते, उनकी शरीर की बनावट और उनके बीच होने वाली हर गुप्त बात के बारे में बता सकती है |

राजू संदेह करते हुए-क्या इतने से तेरी चाची मान जाएगी ?

प्रियम-मैंने उनको मनाने के लिए कुछ और भी इंतजाम किया है, हशीश ?

राजू-लेकिन वो तो स्मोक करती ही नहीं, और अभी तो वो गुस्से में भी होगी |

प्रियम-हाँ मुझे पता है, इसीलिए मैंने प्रिया से बात करी है, उसकी माँ उसके स्कूल कुकिंग प्रोजेक्ट के लिए पेस्ट्री बना रही है, मैंने भी उससे चार पांच पेस्ट्री मेरे लिए बनाने को बोला है, बदले में मुझे उसे कुछ ज्यादा हशीश देनी पड़ेगी| प्रिया चुपके से थोड़ी हशीश मेरी पेस्ट्री के मटेरियल में मिला देगी | रीमा चाची को मै बोल दूगा की स्कूल में कुकिंग फेस्ट में मेरी क्लास की टीम फर्स्ट आई है और मॉनिटर होने नाते मुझे ५ पेस्ट्री गिफ्ट में दी है |

राजू-तुझे क्या लगता है वो खा लेगी? मान लो खा भी लिया तो क्या सेक्स के लिए उत्तेजित हो जाएगी|
[Image: giphy.gif]
प्रियम-उन्हें क्या पता की पेस्ट्री खाकर ही वो उत्तेजित जाएगी, ये तो मै जानता हूँ की पेस्ट्री में क्या है | पेस्ट्री खिलाने के बाद मै उनसे चुदाई की सेक्सी बाते पूछने लागूगा, मुझे पता वो चुदाई न हो पाने के कारन गरम रहती है, और हो सकता चुदाई और आदमी औरत के बारे में बात करते करते उत्तेजित हो जाये, हो सकता है चुदाई के लिए भी राजी हो जाये | (आंख मारते हुए)
Like Reply
#5
Good going.. Plot is developing nicely. Keep it up
Like Reply
#6
(22-12-2018, 04:53 PM)Silverstone93 Wrote: Good going.. Plot is developing nicely. Keep it up

Dost good story hai meri bhabhi ko main khud chodunga I mean my name is also rohit.     Me nd my son will fuck her in same way like nutan enjoyed .
[+] 1 user Likes Singhrohit's post
Like Reply
#7
अगले दिन शनिवार था, शाम को प्रियम खुद रीमा चाची के कमरे में चला गया | वो बेड पर दीवाल के सिरहाने तकिया लगाये बैठी थी, कोई टीवी सीरियल देख रही थी | प्रियम को देखकर थोड़ी सतर्क हो गयी, संभल कर बैठ गयी, लेकिन अभी तक पालथी मार के बैठी थी पता नहीं क्यों अब आगे की तरफ पैर फैलाकर बैठ गयी |
प्रियम को बेड पर बैठने का इशारा करते हुए- तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा, कैसे हो बेटा |
इससे ज्यादा उसके मुहँ से शब्द नहीं निकले, प्रियम का सेक्सुअल हरकत को देखने के कारन वो काफी शर्मिंदगी अभी भी महसूस कर रही थी |उसे समझ नहीं आ रहा था की प्रियम से अब क्या बात करे, कैसे बात करे | पहले वो एक बच्चे की तरह ही उससे व्यवहार करती थी, लेकिन जब से उसने प्रियम को नूतन की चूची चूसते देखा है, उसका प्रियम को लेकर नजरिया ही बदल गया | अपनी सालो से दबी वासना और हवस की कामनाओं के कारन वो और ज्यादा सतर्क थी| वो किसी भी तरह से अपनी हवस को खुद के नियंत्रण से बाहर नहीं जाने देना चाहती थी|
चाची मै आपके लिए एक गिफ्ट लाया हूँ|-प्रियम मुस्कुराते हुए, चाची को चोदने के ख्याल से ही वो बहुत रोमांचित था | उसे चुदाई के बारे में सब पता था, लेकिन कभी किसी लड़की को चोदा नहीं था, इसलिए थोडा नर्वस भी था |
रीमा-क्या लाये हो प्रियम ?
प्रियम -चाची स्कूल में कुक फेस्ट था जिसमे मेरी क्लास फर्स्ट आई है, और मै मॉनिटर हूँ इसलिए सबने मुझे पेस्ट्री गिफ्ट की थी | मै आपके लिए लाया हूँ|
रीमा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा - सो स्वीट बेटा |
[Image: giphy.gif]

उसने प्रियम के हाथ से पेस्ट्री लेकर उसको खोला और खाने लगी, प्रियम को भी खाने को दी | दोनों इधर उधर की बाते करते करते पेस्ट्री खाने लगे | आधे घंटे के अन्दर तीन पेस्ट्री खाने और दो कोल्ड काफी पीने के बाद रीमा बोली-प्रियम तुम यहाँ आये, बहुत अच्छा लगा, बिलकुल पुराने दिनों की तरह, जब हम साथ बैठकर एक ही प्लेट में ब्रेकफास्ट करते थे |

[Image: giphy.gif]
प्रियम-हाँ चाची बिलकुल पुराने दिनो की तरह, जब आप पास होती है मुझे भी अच्छा लगता है | लेकिन मै आपसे काफी दिनों से कुछ बात करना चाह रहा था लेकिन समझ में नहीं आ रहा, करू कैसे, डर लगता है |
रीमा-अच्छा सच में, ऐसा क्या है जो तुम्हे मुझे बताने में डर लग रहा है |
प्रियम-पता नहीं कैसे आपको एक्सप्लेन करू, लेकिन माँ के न होने की वजह से बहुत सी बाते मेरे लिए एक पहेली की तरह है, जिसकी वजह से मुझे अक्सर प्रॉब्लम होती रहती है |
रीमा संवेदना व्यक्त करते हुए मातृत्व भाव से अपना हाथ प्रियम की जांघ पर रखती हुई-हाँ बेटा, मै समझ सकती |
रीमा निश्चित नहीं थी की उसके साथ वास्तव में क्या हो रहा है, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसने कुछ पैग मारे हुए है और हलके से मादकता वाले नशे में है, लेकिन ये हल्का नशा वैसा नहीं था, ये कुछ अलग था और रीमा इसे पहचान नहीं पा रही थी कौन सी चीज है जिसका उसे हल्का हल्का शुरुर हो गया है |
[Image: giphy.gif]
  उसके सामने से प्रियम का चेहरा धुंधला हो चला, उसके पति का चेहरा नजर आने लगा, फिर पिता का चेहरा, और फिर प्रियम का चेहरा दिखने लगा| ऐसा लगा जैसे अपने अतीत की एक पल में यात्रा करके वापस आ गयी हो |रीमा ने फिर से अपना फोकस प्रियम पर किया जो लगातार उसे घूरे जा रहा था, तभी रीमा को लगा बोलने की बारी उसकी है |

रीमा अपने चेहरे पर दोनों हाथ फिराते हुए-प्रियम बेटा सॉरी, पता नहीं मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है, वैसे उसको छोड़ो तुम बतावो मै तुमारी क्या मदद कर सकती हूँ, जो भी कहना हो कह दो डरने की जरुरत नहीं है, मै तुमारी शिकायत तुमारे डैड से नहीं करूंगी |
प्रियम-चाची मुझे नहीं पता की मुझे आपसे ये सब पूछना चाहिए की नहीं लेकिन मै और किसी से पूछ भी नहीं सकता ये सब | मुझे आदमी औरत के बारे में जानना है, मुझे सेक्स मतलब चुदाई के बारे सब कुछ जानना है, बच्चे कैसे पैदा होते, मुझे इन सबके बारे में कुछ नहीं पता है | थोडा निराशा का भाव जाहिर करते हुए |
रीमा ने गहरी लम्बी साँस ली, प्रियम के सवाल से उसे हल्का झटका लगा, लेकिन उसे शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई जिसकी वो अपेक्षा कर रही थी | आखिरकार वो भी तो वही कर रही है जो उसकी माँ अगर यहाँ होती तो करती | उसे ये सब बताने में कोई शर्म या झिझक नहीं थी लेकिन वो किस तरीके से समझाए की प्रियम को सब कुछ  समझ में आ जाये | रीमा इसी बारे में सोच रही थी की प्रियम ने अगला सवाल दाग दिया, जिसकी रीमा को बिलकुल उम्मीद नहीं थी |
प्रियम-चाची मै ठीक से डिटेल्स में जानना चाहता हूँ की आदमी और औरत आपस में चुदाई करते कैसे है |
[Image: giphy.gif]
रीमा को अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, आखिरकार अपने भतीजे को वो सेक्सुअल इंटरकोर्स (चुदाई) के बारे में डिटेल्स में कैसे समझाएगी|
प्रियम-सच में चाची मै जानना चाहता हूँ एक लड़की और लड़के में क्या अंतर होता है, बड़े होने के बाद क्या क्या चेंज हो जाते है, आपको तो सब पता होगा |
रीमा लम्बी साँस लेकर-देखो प्रियम, आदमी के पास लंड होता है और औरत के पास चूत होती है, जिसमे में एक छेद होता है, आदमी अपना लंड औरत की चूत में घुसेड़ता है फिर बार बार अन्दर बाहर करता है जिससे उसके लंड से एक सफ़ेद गाढ़ा वीर्य निकलता है, अगर औरत का उस समय अंडा गर्भाशय में होता है तो बच्चे पैदा होता है | इसी को सम्भोग कहते है |
प्रियम-फिर चुदाई क्या होती है,वो एक दूसरे के साथ खेलते क्यों है  आदमी औरत की चूचियां क्यों चूसता है,स्कूल में लड़के कुछ ऐसी ही बाते करते रहते है|
रीमा उलझन भरे स्वर में-प्रियम मुझे नहीं पता की ये सब बाते मै मै तुम्हे कैसे समझाऊ|
[Image: giphy.gif]
प्रियम-चाची मै सिर्फ इतना जानना चाहता हूँ की आदमी औरत को चोदता कैसे है, बस?

रीमा एकदम चौक गयी, उसको अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, प्रियम उससे इस तरह का सवाल कैसे पूछ सकता है, नहीं पूछ सकता, इस तरह का सवाल नहीं पूछ सकता | 
[Image: giphy.gif]
रीमा को बड़ा अजीब लग रहा था पता नहीं उसके साथ क्या गलत था, प्रियम का चेहरा बार बार उसके सामने से गायब हो जाता फिर आ जाता | उसके स्वेटर के अन्दर पसीना निकलने लगा था, उसके शरीर में हलकी सी उत्तेजना भी थी | आखिरकार वो दाहिने हाथ को स्वेटर को हिलाकर अन्दर लग रही गर्मी कम करने लगी | प्रियम समझ गया चाची पर हशीश का असर होने लगा है, वो उत्तेजित होने लगी है, आखिरकार रीमा ने आंखे बंद कर ली, स्वेटर को हिलाना जारी रखा, अब रीमा के ओठ कुछ बुदबुदा रहे थे लेकिन वो क्या बोल रही थी पता नहीं, शायद खुद से ही कुछ कह रही थी | प्रियम ने देखा की अब रीमा की जीभ भी बाहर आकर सूखे ओठो को गीला करके अन्दर चली जा रही है, कुछ देर बाद फिर बाहर आ रही है और सूखे ओठो को रसीला बना रही है | रीमा मदहोशी की गिरफ्त में धीरे धीरे जा रही थी | प्रियम को लगा यही सही समय है जब उसे कुछ करना चाहिए | उसने अपने अन्दर की सारी हिम्मत बटोरी और कापते हुए दाहिने हाथ को, गोरे से कठोर होते रीमा के स्तन की तरफ बढ़ा दिया |

रीमा को तब तक इस बात का अहसास नहीं हुआ जब तक प्रियम ने अपना हाथ रीमा के बड़े से गोल गोरे स्तन पर रख नहीं दिया | रीमा चौक गयी, उसने आंखे खोल दी और खुद को पीछे की तरफ धकेला | प्रियम ने भी डर के हाथ पीछे खीच लिया |
[Image: 19601280.gif]

रीमा को समझ नहीं आ रहा था कैसे रियेक्ट करे, वो शॉक में लेकिन चुप थी | वो बोले भी तो क्या बोले, भतीजे की इस हरकत पर बस उसे घूरे जा रही थी, सब कुछ इतना अविश्वासनीय था की उसे अब तक समझ ही नहीं आया क्या बोले, कैसे रियेक्ट करे |
प्रियम डरते हुए-चाची गलती हो गयी प्लीज माफ़ कर दो | बस इतना ही कह पाया |
[+] 2 users Like vijayveg's post
Like Reply
#8
प्रियम की आवाज सुनकर रीमा की चेतना लौटी और उसने  प्रियम को गौर से देखा,  उसके अन्दर एक झुनझुनी झंकार जैसी लहर दौड़ गयी जब उसने अपने जवान होते भतीजे की तरफ देखा, दिल की धड़कने तेज हो गयी थी, सांसों की गति बढ़ गयी थी, पेट में लहरे सी उठने लगी थी, सीने पर विराजमान दोनों उन्नत चोटियाँ हर साँस के साथ उठने गिरने  लगी थी | उसके अनुसार उसके भतीजे ने जो हरकत की थी इसलिए उसे प्रियम पर बहुत गुस्सा होना चाहिए, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से ऐसा कुछ नहीं था, उसे खुद ही यकींन नहीं हो रहा था की आखिर वो प्रियम से गुस्सा क्यों नहीं है | उसे पता था प्रियम ने जो कुछ किया है जानबूझकर किया लेकिन बजाय उस पर गुस्सा करने के रीमा ने प्यार से उसकी तरफ हाथ बढाया, उसके चेहरे को सहलाया, उसके बालो को कंघी करने लगी |
रीमा-प्रियम तुम्हे क्या हो गया है, तुमने इससे पहले तो ऐसा कभी नहीं किया, बेटा तुमारी प्रॉब्लम क्या है ?
रीमा ने अपने सूखते ओंठो पर जीभ फिराते हुए प्रियम के और नजदीक आ गयी | प्रियम को यकीन ही नहीं हो रहा था, कि रीमा चाची उसकी तरफ बढ़कर और नजदीक आ गयी | ऐसा लग रहा था ये रीमा नहीं बल्कि कोई आत्मा उसके शरीर में घुसकर उसके शरीर को चला रही है | प्रियम हैरान था, रीमा चाची उसको इतने मादक तरीके से कैसे देख सकती है, क्या भरे पुरे बड़े स्तन को छुने से चाची उत्तेजित हो गयी है, क्या वो इतना नजदीक आकर अपने गीले ओठो से मुझे किस करने जा रही है |
हल्की मादक कराह के साथ रीमा ने प्रियम का चेहरा बिलकुल अपने सामने किया, प्रियम की आँखों में हल्का आश्चर्य था, इससे पहले वो प्रियम की आंखे और पढ़ पाती, रीमा ने अपने भीग चुके होठो को प्रियम के ओठो पर रख दिया, धीरे से साँस लेटे हुए रीमा ने अपने ओठ खोलकर अपनी जीभ को प्रियम के दांतों के बीच से होते हुए उसके मुहँ की तरफ ठेल दिया | प्रियम को एक झटका सा लगा, रीमा चाची उसको किस कर रही है वो भी अपनी जीभ उसके मुहँ में डालकर डीप किस कर रही है | 
[Image: 7723694.gif]
दोनों के मुहँ की लार एक में मिलने लगी | रीमा प्रियम को मातृत्व भाव से नहीं चूम रही थी, बल्कि अपनी जबान से प्रियम की जबान चूस रही थी चूम रही थी | उनकी बड़े बड़े स्तनों से भरी पूरी छाती, प्रियम के सीने से टकरा रही थी| वो चाची के दोनों स्तनों का भरपूर कसाव दबाव अपने सीने पर महसूस कर पा रहा है, रीमा की सांसे तेज चल रही और उसका पूरा शरीर उत्तेजना के कारन कांप रहा था | प्रियम ने भी अपने हाथ रीमा चाची की कमर पर रख दिए और हलके हलके सहलाते हुए पीठ पर ऊपर बांहों तक ले जाने लगा, थोड़ी देर के बाद सहलाने में कसाव बढ़ गया, पीठ पर ऊपर की तरफ हाथ जाते ही प्रियम रीमा को कसने की कोशिश कने लगा | जिससे पहले से ही सीने से रगड़ रहे कुचल रहे रीमा के बड़े स्तन और कसकर प्रियम से सीने से रगड़ने लगे | प्रियम के शरीर की कंपकपी बता रही थी की उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी है, रीमा को प्रियम की कंपकपी से उसकी उत्तेजना पता लग रही थी, उसे पता था वो जो कर रही है वो पाप है, घोर पाप, विक्षिप्त क्रिया है, कामरोगी की लालसा है फिर भी रीमा ही प्रियम को उत्तेजित कर रही थी और बदले में प्रियम की हरकतों से उसकी उत्तेजना और बढ़ रही थी | ये सब जानते हुए भी वो खुद को रोक नहीं पा रही थी |

[Image: 551daf2a30e1927234c4bbbce1395b7c.gif]
उसकी छाती से अपने भतीजे के लिए वर्षो से जमा प्यार निकल रहा था और खुद उसका शरीर अपने अन्दर की छिपी हुई वासना और हवस का समुन्दर बाहर निकालने को आतुर था | रीमा को पता था ये खतरनाक है लेकिन फिर भी वो खुद को रोक पाने से असमर्थ थी |

रीमा के अन्दर वासना का समन्दर हिलोरे मार रहा था ऐसे में वह कहाँ से खुद को रोक पाती | उसने प्रियम के ओठो से ओठ हटा लिए, अपने चेहरे को उसके गालो पर रगड़ने लगी, उसके कानो में फूंक मारने लगी | इसी बीच प्रियम का एक हाथ रीमा के स्तन को मसलने  दोनों के चिपके शरीरो के बीच से फिसलता हुआ रीमा की छाती तक पंहुच गया, जिसे रीमा ने बैगनी रंग की ब्रा में ढक रखा था | रीमा चाहकर भी विरोध नहीं कर पाई |
[Image: kiss-tits-gif.gif]

प्रियम अपनी सांसे काबू करता हुआ बोलाचाची प्लीज अपनी गोल गोल बड़े बड़े स्तनदिखावो न, चूमना चाटना  रगड़ना मसलना  चोदना ये सब कैसे करते है  बतावोगी न|
[Image: giphy.gif]
रीमा को यकीन नहीं हुआ की वो क्या सुन रही है | नहीं ये तो कुछ ज्यादा ही हो रहा है सीधे  सीधे ये खुला चुदाई  के आमंत्रण का अनुरोध था | आमतौर पर ऐसी बात कहने वाले से रीमा को काफी नाराज और गुस्सा होना चाहिए था लेकिन यहाँ ऐसा कुछ हो नहीं रहा था इसलिए उसको आश्चर्य था | भतीजे को लेकर लगाव और भतीजे को लेकर वासना  के बीच वो कंफ्यूज हो गयी थी, उसे समझ ही नहीं आ रहा था क्या कहे? ऊपर से अतृप्त काम भावनावो का ज्वार उसकी वजह उसका रिएक्शन बिलकुल अलग था | ये वो रीमा थी ही नहीं ये कोई और था जो रीमा के शरीर को वासना में बहाए ले जा रहा था |
प्रियम चाची प्लीज क्या आप अपने प्यारे भतीजे के लिए इतना करोगी?
रीमा धीरे से प्रियम के कान में फुसफुसाईनहीं प्रियम मै नहीं कर सकती, मै नहीं कर पाऊँगी, मै नहीं ...|
रीमा को इसका अहसास भी नहीं था की बातो बातो में प्रियम ने उसका दूसरा हाथ पकड़ कर धीरे धीरे खिसकाते हुए नीचे ले गया है और अपनी दोनों जांघो के बीच बिलकुल उस जगह पर जाकर रख दिया है जहाँ उसके खड़े लंड की वजह से पेंट के अन्दर तम्बू तन गया है क्या रीमा को पता था की उसका एक हाथ,पेंट के ऊपर से प्रियम के तन चुके लंड को सहला रहा है
[Image: 12544424.gif]
दूसरी तरफ रीमा की कमर के आस पास एक नयी झुनझुनी दौड़ गयी जब प्रियम का वो हाथ जो अब तक रीमा के बड़े बड़े स्तनों को मसल रहा था कुचल रहा था, नीचे घुटने के पास से स्कर्ट खिसकाते हुए मखमली नरम जांघ पर हाथ फेरते हुए आगे कमर की तरफ बढ़ने लगा | प्रियम ने स्कर्ट ऊपर की तरफ उड़ेल दी, रीमा की झीनी पारदर्शी पैंटी दिखने लगी | प्रियम को यकीन नहीं हुआ रीमा चाची, इस तरह की पैंटी पहनती होगी |
[Image: 19313042.gif]
पैंटी भी इतनी बड़ी थी की बमुश्किल ही रीमा चाची की चिकनी चूत को ढक पा रही थी | पैंटी देखते ही खून का दौरान लंड की तरफ और तेज हो गया | प्रियम की उत्तेजना और जोश का कोई ठिकाना नहीं था, उसका शरीर पर से काबू हटने लगा था | उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था की ये सब वो अपनी चाची के साथ कर रहा है और वो करने भी दे रही है | उसने रीमा चाची की पैंटी कभी धुप में तक सुखती नहीं देखती थी | आज उनकी गोरी चिकनी जांघो के बीच पहने देखा, उसका अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं रहा | इधर उधर दिमाग दौड़ाने की बजाय उसने अपनी चाची के स्तनों को मसलना शुरू किया, जबकि रीमा का एक हाथ उसके खड़े लंड से बने पेंट के तम्बू पर आराम कर रहा था | उसके लंड में खून का दौरान और तेज हो गया था | प्रियम का रीमा चाची के कपडे उतारकर  उनकी गोल चिकनी नरम गुदाज गोरी जांघो और नितम्बो को देखने की कल्पना मात्र से रोमांच की उत्तेजना पर पंहुच गया | ये सब कुछ उसकी उम्मीदों से बहुत ज्यादा था, जिसकी उसने कल्पना तक नहीं की थी | पता नहीं इतना रोमांच और उत्तेजना वो सहन भी कर पायेगा या नहीं | उसका लंड इतना ज्यादा कड़ा हो चूका था की उसे लग रहा था कि अगर अन्दर का दहकता लावा बाहर नहीं निकाला, अगर उसने अपनी चाची को नहीं चोदा तो कही ये पेंट में ही ना फट जाये | प्रियम का दिमाग सातवे आसमान पर था |
[Image: tenor.gif]
[+] 1 user Likes vijayveg's post
Like Reply
#9
Very well written update.. Waiting for more.
Like Reply
#10
रीमा ने अपने अन्दर की सारी ताकत इकट्ठी की और प्रियम को खुद से दूर धकेला | उसके बाद नीचे की तरफ अपने शरीर को देखने लगी | कमर के नीचे वो पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी बस वो छोटी सी झीनी पारदर्शी पैंटी ही थी जो बमुश्किल ही उसकी चूत और उसके चारो ओर के काले बालो को ढक पा रही थी | बाकि उसके पैरो से लेकर जांघो और कमर तक कुछ भी उसके तन पर नहीं था | स्कर्ट खिसक के नाभि तक पंहुच गयी थी | उसके बाद रीमा की नजर प्रियम की पेंट की तरफ गयी, पेंट के अन्दर के तने लंड के कारन बने तम्बू को देखकर उसकी साँस अटक गयी | नहीं ये सच नहीं हो सकता, ये सब रियल नहीं है, ये मै कोई सपना देख रही है, ये सब सच नहीं है |
 
रीमा के इस तरह अलग होने से प्रियम झुंझला गयाचाची प्लीज मुझे करने दो, मुझे इसकी सख्त जरूरत है, मेरे पैर देखो कैसे काँप रहे है| प्लीज चाची, नीचे लंड में दर्द होने लगा है प्लीज …..|

रीमा प्रियम का झुन्झुलाहट साफ साफ देख रही थी, गलती प्रियम की नहीं थी, वही तो उसको यहाँ तक लायी थी, अब बीच में कैसे छोड़ सकती है, उसको बीच में नहीं छोड़ा जा सकता, अगर बीच मझदार में प्रियम को छोड़ दिया तो आगे चलकर ये सब उसे नुकसान पंहुचा सकता है | पेंट के अन्दर खड़े लंड की तरफ देखकर उसको प्रियम पर दया आ गयी, आखिर वो इतनी कठोर कैसे हो सकती है, आखिर है तो वो उसका भतीजा ही| अभी अगर बच्चे के खड़े लंड को शांत नहीं किया तो आगे' चलकर हो सकता है इसका सेक्स से इंटरेस्ट ही खतम हो जाये, जो सकता है ये लडकियों के पास जाने से कतराने लगे, औरतो से नफरत करने लगे, कही लडको की तरफ न आकर्षित हो जाये  ब्ला ब्ला........., पता नहीं कितने ख्याल उसके दिमाग में आये और निकल गए |

रीमा-एक शर्त हैतुम किसी को कुछ नहीं बतावोगेमुझसे प्रोमिस करो |
प्रियम उत्साह से बोलाप्रोमिस |
रीमा-प्रियम मै तुम्हे प्यार नहीं कर सकतीनहीं कर सकती.........मेरी आत्मा मुझे ऐसा करने नहीं देगी |
प्रियम-लेकिन.........
रीमातुम्हे इस तरह की हालत में छोड़ने के लिए मै बहुत दुखी हैकाश मै वो कर पाती जो तुम चाहते हो |
रीमा ने अपना हाथ नीचे की तरफ कमर पर ले गयीऔर अपनी स्कर्ट ठीक कीउसे प्रियम को इस हालत में छोड़ना अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन वो अब तक के अपने अस्तित्व के खिलाफ जाकर कुछ ऐसा भी नहीं कर सकती थी की अपनी ही नजरो में गिर जाये |जो कुछ थोड़ी देर पहले हो रहा था वो काम विक्षिप्त पागलपन था फिर भी वो खुद को न रोक सकी | लेकिन प्रियम को इस हालत में छोड़ भी नहीं सकती थी |
रीमा-क्या तुमारे पास रूमाल है ?
प्रियमहाँ
रीमामुझे दो
 
प्रियम ने रूमाल अपनी चाची को दे दिया लेकिन उसे समझ नहीं आया वो इसका करेगी क्या |

रीमा ने रूमाल को अपने पेट पर बिछा लिया और प्रियम की पेंट की जिप खोलने लगीऔर अपने अन्दर के कामुक मादक आहों को दबाने की कोशिश करने लगी | रीमा के हाथ प्रियम के लंड तक पंहुच गया था उसने लंड को कसकर पकड़ लिया |


 रीमा ने महसूस किया की प्रियम का लंड पकड़ते ही उसकी कमर ने उत्तेजना की कारन झटके लगने शुरू हो गए थेरीमा ने एक हाथ से गरमखून से भरे मांस की गरम राड, लोहे की तरह सख्त हो चके लड़ को कसकर पकड़ादुसरे हाथ से प्रियम का शॉर्ट्स को किनारे करने लगीऔर लंड को बाहर निकाल लियाप्रियम का लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन पत्थर की तरह कठोर हो चूका था  |प्रियम के दुविधा भरे चेहरे को देखकर उसने लंड को जड़ से पकड़कर जोर से ऊपर नीचे किया और एक हल्की चिकोटी भी काट ली | प्रियम के चहरे पर उत्तेजना और संसय दोनों नजर आ रहे थे | रीमा ने जीभ से अपने ओठो को गीला किया और तेज खून के बहाव के चलते कांपते लोहे की तरह सख्त हो चुके लंड को भूखी नजरो से देखते हुए रीमा कहने लगी मै तुमारा मुठ मारने जा रही हूँ प्रियम |
[Image: 16834331.gif]
प्रियम के चेहरे पर निराशा की लकीरे तैर गयी, रीमा ने प्रियम के लंड से खेलना शुरू कर दिया, उसकी लंड की खाल को धीरे धीरे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया | रीमा की उंगलियों की मालिश से उसे बड़ा अच्छा फील हो रहा था , इतना अच्छा उसे आज तक किसी दूसरी चीज से नहीं हुआ, उसने भी कई मार मुठ मारे है इसकी उससे तुलना करना ही बेकार है, रीमा के कोमल हाथो से उसके लंड पर लग रहे झटके से इतना अच्छा प्रियम को कभी महसूस नहीं हुआ | लेकिन प्रियम सिर्फ मुठ मार के झड़ने से संतुष्ट नहीं था, वो अपनी प्यारी चाची की चिकनी चूत में अपना नया नवेला लंड डालना चाहता था | अपनी वेर्जिनिटी खोना चाहता था | लेकिन अपनी चाची को चोदने से  उसे डर भी लग रहा था भले ही वो कितना भी चाहता हो लेकिन जब हकीकत में करना होता है तो अच्छे अच्छो की हवा ख़राब हो जाती है | उसने क्या क्या सपने देखे थे और यहाँ क्या हो रहा था |

प्रियम ने थोडा चिंतित होकर-लेकिन चाची !!!!

रीमा- क्या मजा नहीं आ रहा डार्लिंग? प्रियम के मायुस हो चुके चेहरे की तरफ देखते हुए |

रीमा ने फुर्ती से पास की ड्रोर से एक आयल निकाला और प्रियम के लंड पर उड़ेल दिया और उसके लंड के चारो और तेजी से हाथ ऊपर नीचे करने लगी | रीमा के हाथ नीचे जाते ही तेल से सना सुपदा चमकने लगता और ऊपर आते ही अपनी ही खाल में घुस कर कही गुम सा हो जाता | तेल लगाने से अब हाथ आसानी से लंड पर फिसल रहे थे |
[Image: 14596004.gif]

प्रियम सीत्कार भरते हुए-चाची मजा तो आ रहा है लेकिन मै आपको चोदना चाहता था |
चोदना शब्द सुनकर एक कामोत्तेजक कंपकपी रीमा के पुरे शरीर में दौड़ गयी | ये मै क्या सुन रही हूँ, क्या मेरे कानो ने जो सुना वही प्रियम ने बोला है या ये मेरी कल्पना है |  भले ही प्रियम कुछ भी बोले लेकिन उसे अपने को काबू में रखना है| भले ही उसकी खुद का मन प्रियम की बात मानने को करे लेकिन उसे खुद को रोकना होगा, काबू में रखना होगा |
[Image: 17684704.gif]
जैसे जैसे रीमा प्रियम के खून से लबालब भरे खड़े लंड पर झटको को स्मूथ और लयदार करती उसी तरह प्रियम की कमर झटके मारती रहती | धीरे धीरे रीमा ने स्ट्रोक्स की रफ़्तार बढ़ा दी, बीच बीच में हशीश के असर कारन सुख रहे ओठो पर अपनी जुबान फिराती रहती | अब उसने लंड पर हथेली की कसावट और तेज कर दी थी और अपनी पूरी स्पीड से लंड की खाल को ऊपर नीचे करने लगी | तभी लंड के सुपारे पर उसे वीर्य के निकलने से पहले निकलने वाली कुछ बूंदे नजर आई | रीमा ने हाथो के ऊपर नीचे करने की स्पीड कम कर दी |  और फिर कलात्मक तरीके से उंगलियाँ लंड पर फिराने  लगी | हवस की आग में जलती रीमा की अतृप्त कामवासना उससे कुछ नए खेल खिलवाना चाहती थी जो उसकी चेतना को खत्मकर सही गलत सबका भेद मिटा दे | बस रह जाये तो वासना वासना और वासना | उसे कभी भी इस तरह से जीवन में नहीं सोचा था |

[Image: 16740359.gif]
वो जानती थी की वो जो करने जा रही है उसके परिणाम और ज्यादा भयानक हो सकते है, क्योंकि जो वो सोच रही है वो भतीजे को मुठ मारने से ज्यादा पतनशील है | लेकिन वो वासना के हाथो मजबूर थी जो विचार एक बार दिमाग में आ गया अब उससे पीछे हट पाना उसके लिए बहुत मुश्किल था |नया विचार बड़ा रोमांचकारी, कामुक वासनायुक्त और उत्तेजना लाने वाला था |
[Image: 16373135.gif]
रीमा की कलात्मक जादुई झटके लगाने से प्रियम बार बार आनंद में गोते लगाकर कराह रहा था और उसकी कमर भी बार बार झटका दे रही थी | रीमा ने थोडा सा आयल उसके लंड के सुपाडे पर लगाया और धीरे धीरे सुपाडे पर उंगलियों से सहलाने लगी , सुपारे को तेल में नहलाकर उंगलियों से उसकी मालिश करने लगी | इतने प्यार और जादुई तरीके से लंड की मालिश होने से प्रियम आनंद की सागर में गोते लगाने लगा, लेकिन रीमा ने उसके चेहरे की शर्म और निराशा साफ़ पढ़ ली | भले ही प्रियम किस हद तक चाची को चोदने के बारे में सोचता हो लेकिन आज उनके सामने उन्ही के हाथो द्वारा, रूमाल पर खुद को झड़ते हुए देखना उसे बड़ा शर्मिंदगी भरा लगा |अपनी चाची  को सामने लंड सहलाते देख उसे अब शर्म  महसूस होने लगी | रीमा को भी लग रहा था की अपने भतीजे को सिर्फ मुठ मारकर झाड़ देना उसके साथ बहुत अन्याय होगा, अगर उसे मुठ ही मारनी होती तो वो मेरे पास क्यों आता | वो इससे ज्यादा का हकदार है |
 

रीमा ने अब धीरे धीरे हाथो को हरकते बिलकुल बंद कर दी थी | वो प्रियम के साथ ऐसा कैसे कर सकती है | वो इस तरह से अपने छोटे से भतीजे को कैसे अपमानित कर सकती है | आखिर वो बच्चा ही तो है और सेक्स के बारे में सीखना चाहता है | तो क्या मै उसे सिर्फ मुठ मार के भगा दू, मै इतनी सेल्फिश कैसे हो सकती हूँ | प्रियम के बहाने रीमा अपने अन्दर दबी काम वासनाओं को बाहर लाने लगी | रीमा सिर्फ प्रियम की संतुष्टि के बारे में सोचने लगी | प्रियम मेरे पास एक उम्मीद लेकर आया था और एक शानदार तरीके से उसको संतुष्टि मिलनी चाहिए | उसे सिर्फ मेरे हाथो झटके खाते हुए नहीं झड़ना चाहिए | इतना सोचकर रीमा ने प्रियम के खून से भरे फडकते लंड से हाथ दूर खीच लिया |

 प्रियम को कुछ समझ नहीं आया - चाची क्या हुआ …

रीमा- बेटा मुझे लगता है जो मै तुमारे साथ कर रही हूँ ये बहुत नाइंसाफी होगी | इसलिए मै कुछ और करने जा रही हूँ, मुझे इससे अच्छा तरीका पता है तुमारे फडकते तडपते खून से लबालब भरे फूले लंड की मालिश करने का | और तुमारे अन्दर सुलग रहे ज्वालामुखी के  अन्दर भरे गरम सफ़ेद गाढे लावे को बाहर निकालने का |

प्रियम उत्साह से सरोबार होकर- तो क्या आप मुझे अपनी चूत मारने देगी, क्या मै आपको चोद सकता हूँ ?
रीमा के ओंठो पर हल्की मुस्कान तैर गयी, फिर सर झटकते हुए बोली-नहीं प्रियम मैंने तुम्हे पहले ही बोला है मै तुमारी चाची हूँ, तुमारी माँ के उम्र की, तुम मुझे नहीं चोद सकते | मै तुमारे लंड को चूसने जा रही हूँ | मै तुमारे लोहे जैसे सख्त कठोर तड़पते फूले लंड को अपने मुहँ में लूंगी और जैसे आइसक्रीम चूसते है वैसे चूसूंगी, समझे | मुझे चोदने का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दो |


रीमा प्रियम के चेहरे पर फिर से उभर आई निराशा देखकर थोडा झिझकी, उसके बाद उसकी खुद की काम वासना हिलोरे मारने लगी , बच्चे के सुख के लिए उसके खड़े फूले हुए लंड के लिए अपना मुहँ और गुलाबी गीले ओठ ऑफर करने का ख्याल ही उसके शरीर में एक सिरहन सी दौड़ा गया | उसकी मन की चेतना में धीरे धीरे हो रही गिरावट में यह एक और कदम नीचे की ओर था | फिर से उसने फूले हुए , खून से भरे फड़कते तने लंड को पकड़ कर नीचे की तरफ झुकी और पोजीशन बनाकर ऐसे झुकी की लंड उसके मुहँ के सामने आ जाये | जब लंड का सुपाडा मुहँ से बस एक इंच दूर रहा गया तो रीमा ने थोड़े से ओठ खोले और एक हल्की सी फूंक लंड के सुपाडे पर मारी | उसकी उंगलियों ने हलके हलके फिर से लंड को रगड़ना शुरू कर दिया था | 
[Image: 15840903.gif]
फिर पता नहीं क्या सोचकर रीमा के लंड को कसकर पकड़कर तीन बार जोर से ऊपर नीचे किया | प्रियम दर्द और आनंन्द से कराहने लगा | उसके बाद रीमा ने थोड़ा और ओठ खोले, ओठो पर जीभ फिरा कर उसको गीला किया | फिर थोड़ा सा और झुक कर पूरी जीभ बाहर निकाल ली |  जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया थारीमा ने जल्दी से प्रीकम की निकल आई बूंदों को जीभ से चाट लिया |
[Image: 17442135.gif]
 प्रीकम की बूंदों के स्वाद ने रीमा की भूख और बढ़ा दी | अब उसकी काम वासना और ज्यादा भड़क, शर्म हया नैतिकता के लिए अब कोई जगह नहीं थी, बस वासना का खेल था, शरीर की हवस मिटाने का हर जतन हो रहा था लेकिन जितनी हवस की भूख को शांत करने की कोशिश करती उतना ही काम वासना की आग भड़कती चली जाती |
 
Like Reply
#11
रीमा के जीवन में ये पहला मौका था जब वो किसी का लंड चूसने जा रही थी | यहाँ तक की उसने अपने पति का भी लंड कभी मुहँ से नहीं लगाया था | एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद रीमा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला | धीरे से प्रियम के लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया | लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी | 
[Image: 19489390.gif]
प्रियम की कामुक कराहे  उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, उसके नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे | रीमा अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा सा और मुहँ के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते,  खून से भरा लाल सुपाडा रीमा के गीले और गरम मुहँ में समा गया | जैसे ने रीमा ने लार से भरा मुहँ से प्रियम की कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, प्रियम के मुहँ से हल्की सी मादक आह निकल गयी | लेकिन अभी भी रीमा ने लंड को ओठो से दूर रखा हुआ था | 
[Image: 19586248.gif]
रीमा की लार से सनी गुनगुनी जीभ  प्रियम के फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच बीच में मुहँ खोलकर रीमा अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती |
[Image: 17383651.gif]

रीमा प्रियम के लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थी | सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है |

[Image: 19580778.gif]
उसके बाद रीमा ने उसके सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया | ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है , और धीरे धीरे अपना सर हिलाने लगी ,प्रियम कामुक लम्बी कराहे भर रहा था |
[Image: 13973382.gif]
 कुछ देर बाद  अचानक प्रियम का हाथ रीमा के सर तक पंहुच गया, उसने रीमा के काले बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा | रीमा इस तरह के हमले के लिए तैयार नहीं थी | उसे प्रियम का पूरा लंड गटकना पड़ा | प्रियम का लंड उसके ओठो को चीरता हुआ, खुरधुरी जीभ पर से गुजरता हुआ रीमा के गले तक पंहुच गया | रीमा को लगा किसी ने उसका गला घोट दिया, अन्दर की साँस अन्दर रह गयी बाहर की बाहर, उसका दम घुटते घुटते बचा था | उसको तेज खांसी सी आ गयी और मुहँ में पूरा लंड होने की वजह से घुट कर रह गयी |
[Image: 13969608.gif]
 रीमा के अन्दर विरोध और आनन्द दोनों के भाव थे, वो प्रियम को रोकना चाहती थी लेकिन इस काम पीड़ा में उसे मजा आ रहा था | प्रियम की ये आक्रामकता रीमा को अच्छी लग रही थी असल में उसे गर्व हो रहा था की बच्चा इतनी जल्दी मुहँ में चोदना सीख गया | रीमा ने मुहँ से ही लम्बी साँस ली और प्रियम के लंड की जड़ के  चारो ओर सख्ती से अपने ओठ कसे दिए और रीमा चाची उसका पूरा लंड गयी, इस बात का अहसास होते ही प्रियम की मादक कराहे पूरे कमरे में गूजने लगी, उसकी हिलती कमर के साथ उसका पूरा शरीर कम्पन करने लगा |  

रीमा जोर जोर से चीख कर  कहना चाहती थी- हाँ बेटा इसी तरह से धक्के मार मार कर उसके मुहँ को चोद डालो, कसकर चोदो, और दम लगाकर चोदो, और चोदते रहो | लेकिन कह नहीं पाई, प्रियम की कमर जोर से धक्का मार के लंड को रीमा के मुहँ में ठेल रही था, लेकिन प्रियम का खुद पर नियंत्रण नहीं था, उसका शरीर उत्तेजना के आवेश में कांप रहा था इसलिए उसके झटको में स्थिरता की कमी थी और ये ज्यादा देर तक करना खतरनाक था | इससे रीमा के मुहँ में प्रियम का फूला हुआ कठोर लंड इधर उधर टकरा सकता था  या रीमा के दांत प्रियम के लंड पर लग सकते थे  ये रीमा भली भांति जानती थी | इसी बीच उसे प्रियम से कुछ मस्ती करने की सूझी |

रीमा ने अपना हाथ प्रियम के हाथ पर रखा और उसे रुकने को कहा | प्रियम फिर भी नहीं रुका और इसलिए रीमा ने झटके से से खुद को अलग किया, एक लम्बी साँस ली, जैसे किसी का कुछ देर तक गला दबाये रखो फिर छोड़ दो | रीमा की हालत भी कुछ ऐसी हो गयी थी | उसने दो तीन सांसे जोर जोर से ली फिर प्रियम पर चीखी-जब मै चूस रही हूँ तो मुझे अपने तरीके से चूसने दो समझे | तुम तो मेरा गला घोट कर मेरी जान लेने पर उतार आये हो |
प्रियम को कुछ समझ ही नहीं आया, कहाँ वो आनंद के सागर में गोते लगा रहा था  और कहाँ रीमा का गुस्सा देख प्रियम ने रीमा के सर से तुरंत हाथ हटा लिया |

रीमा प्यार से -बेटा चुदाई चुसाई प्यार से करने की चीजे होती है इनमे जल्दबाजी ठीक नहीं | मुझे करने दो न | मै कर तो रही हूँ, क्या तुम्हे मजा नहीं आ रहा | अगर आ रहा है तो क्यों जल्दबाजी कर रहे हूँ | अगर तुम्हे मुहँ में चोदना है तो बता दो मै उसका तरीका बताती हूँ | पूरा का पूरा लंड मुहँ में पेलना चाहते हो तो मै तरीका बताती हूँ, मुझे कहो तो एक बार |

इतना कहकर रीमा ने लंड पकड़कर मुहँ में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी | 
[Image: 13936214.gif]
पहले जहाँ सिर्फ सुपाडे से खेल रही थी अब पूरा लंड मुहँ में लेकर चोद रही  थी | रीमा ने प्रियम से इशारे में अपनी कमर हिलाने को कहा, प्रियम कमर को जोर जोर के झटके देने लगा| रीमा के कसे ओठो से गुजरता हुआ लंड पूरा का पूरा मुहँ में समा जाता और फिर एक झटके में बाहर आ जाता | लेकिन अब रीमा के मुहँ और प्रियम के लंड के बीच में उसका हाथ था जिससे वो ज्यादा तेज धक्के को नियंत्रित कर सकती थी | उसने अपने हाथ की उंगली और अंगूठे से एक छल्ला सा लंड की जड़ में बना लिया था |  इससे वह लंड के इधर उधर भागने या तिरछा हो जाने को रोक सकती थी | जब प्रियम नितम्बो को जोर जोर से उछालने लगा तो रीमा ने अपने ओठो का कसाव थोडा कम कर दिया, और लंड की जड़ से अपने हाथ का घेराव हटा लिया ताकि प्रियम का लंड आसानी से पूरा का पूरा मुहँ में चला जाये और बच्चे को मुहँ चोदने का भरपूर आनंद मिले | दुनिया का कोई भी लंड हो वो औरत के किसी भी छेद में पूरा का पूरा समा जाने को आतुर होता है और ये बात रीमा अच्छी तरह से जानती थी | बार बार रीमा को अहसाह हो रहा था की खून के भरा, फड़कता गरम लंड उसके नरम नरम गुनगुने गीले मुहँ में ठेला जा रहा है | प्रियम के कमर को जोर जोर हिलाने से पूरी तरह से खून से लबालब भरा फड़कता सुपाडा जीभ की पूरी लम्बाई तय करके मुहँ के आखिरी छोर गले तक जा रहा है | 
[Image: 19785496.gif]
वासना की उत्तेजना कीप्रबलता के कारन रीमा ने अपनी आँखे बंद कर ली, वो भी प्रियम की कमर से लयमिलाकर अपना सर लंड पर ऊपर नीचे करने लगी | अब लंड जिस अधिकतम गहराई तक मुहँ में जा सकता था जा रहा था | लंड के अन्दर जाते ही रीमा अपने जीभ लंड पर फेरने लगती | इससे लंड गीला हो जाता था और आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था | कमरे में बस लंड चूसने और प्रियम के कराहने की आवाजे ही सुनाई पड़ रही थी |
Like Reply
#12
रीमा ने अपना सारा संकोच शर्म हया सब किनारे रख दी थी , उसका सिर्फ एक ही मकसद था प्रियम का लंड चूस कर उसे चरम सुख देना  | उसने अपना शरीर और आत्मा सब कुछ बस अपने भतीजे प्रियम के लंड चूसने में झोक दिया था, दिल आत्मा मन शरीर सब कुछ लगाकर वो बस अपने भतीजे का पूरा का पूरा लंड अपने मुहँ की गहराई तक ले रही थी | अब तो बस उसका एक ही मकसद था भतीजे के सख्त फूले लंड को मुहँ से चोद चोद के उसको अपने मुहँ में झड्वाना | वो उसकी मलाईको अपने मुहँ में लेना चाहती थी और उसकी एक एक बूँद से उसे इतना प्यार था कि वो उसकी मलाई की एक बूँद भी बेकार नहीं जाने देना चाहती थी | उसे प्रियम की पूरी मलाई अपने मुहँ के अन्दर ही चाहिए, आखिर बूंद तक | उसने अपना पूरा ध्यान इस पर लगाया की जब प्रियम झाड़ेगा तो उसे भरपूर आनंद मिलना चाहिए | उसने गलगलाकर अपना गला ठीक करने की कोशिश की लेकिन प्रियम की चुदाई के चलते ठीक से साफ नहीं कर पाई | प्रियम के लंड पर उसके ओठो का कसाव अभी भी उतना ही तगड़ा था, उसके ओठो के कसाव को चीरते हुए प्रियम का लंड बार बार रीमा के मुहँ में गले तक आ जा रहा था | इतने सलीके से इतनी गहराई तक अपने जीवन में प्रियम शायद ही किसी लड़की का मुहँ चोद पाए, ये सुख उसको सिर्फ उसकी चाची ही दे सटी थी | वैसे भी नौसखिये लडको का शादीशुदा या अनुभवी औरतो को चोदना ज्यादा मजेदार होता है, क्योंकि वो सब सिखाती बताती है और उनके नखरे भी नहीं होते, और नए लंड को भरपूर सुख भी देती है |  
रीमा काफी देर से बेड पर झुके हुए प्रियम का लंड चूस रही थी इसलिए उसकी गर्दन और कंधे दर्द करने लगे थे लेकिन उसको इसकी कोई परवाह ही नहीं थी | वो प्रियम के लंड को और ज्यादा कसकर पकड़कर आक्रामक और वाइल्ड तरीके से चूसने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे सालो से इस लंड की भूखी हो |
प्रियम आनद में गोते लगाते हुए- आह चाची बहुत मजा आ रहा है, क्या लंड चूसती हो आप | आह आह आह...और जोर से , और अन्दर तक लेकर चूसो आह आह अह्ह्ह्ह |

[Image: 19220732.gif]
उधर वासना के जूनून में डूबी रीमा भी उत्तेजना में कुछ बडबडा रही थी लेकिन पता नहीं वो क्या बोल रही थी | प्रियम ने इसी बीच देखा की रीमा चाची की स्कर्ट अभी भी एक तरफ से कमर पर पलटी पड़ी है, जिससे उनकी पैंटी साफ साफ दिख रही है | उनकी झीनी पारदर्शी पैंटी से उनकी चूत के ऊपर के काले बालो की एक  झलक मिल रही है | वासना से भरे भूखे आदमी की तरह रीमा के कसमसाते नितम्बो को देखकर प्रियम ने अपने लंड के धक्के रीमा के नरम गीले मुहँ में और तेज कर दिए | फिर खुद को न रोक पाते हुए उसने कापते हुए एक हाथ रीमा के नितम्ब की तरफ बढ़ाया |
रीमा के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी जब प्रियम ने उसके गोलाकार ठोस मांसल चुतड पर एक हलकी चपत मरी और फिर पुरे हाथ में उसके बड़े से मांसल ठोस गोल चुतड को भरने की असफल कोशिश करने लगा | उसके बाद उसने स्कर्ट को ऊपर की ओर और ज्यादा पलट दिया  अब जांघो के बीच में उसकी पैंटी के अलावा कुछ नहीं था | रीमा ने फूले हुए लंड चूसते चूसते बीच में एक लम्बी साँस ली, और एक पल को ठहर सी गयी, जब उसे अहसाह हुआ की प्रियम की उंगलियाँ उसके चुतड की दरार के बीच नाच रही है | उसने खुद को पूरी तरह से परिस्थितियों पर छोड़ दिया, जो हो रहा था उसने होने दिया, जब प्रियम की उंगलियाँ उसकी जांघो के बीच जाकर नाचने लगी, तो उसके शरीर की वासना का जंगलीपन जाग उठा | रीमा ने लंड चूसने के रफ़्तार और बढ़ा दी | इस तरह का कामुक समर्पण और काम पीड़ा उसके अन्दर भी है उसे तो पता ही नहीं था | अब उसका सालो से चुदाई से दूर रहे मांसल गोरा शरीर का एक एक इंच चूमना चाटना सहलाना मसलना कुचलना रगड़ना मागने लगा | प्रियम के लंड चूसने के बदले उसके शरीर को अब कुछ चाहिए, प्रियम को झाड़ने के अलावा अब उसकी इक्षा होने लगी की उसको भी तृप्ति मिले वो भी चरम को प्राप्त करे | उसके शरीर का रोम रोम अब उसके खुद के झड़ने की मांग करने लगा | ओ नो ये क्या हो रहा है मुझे, ये नहीं होना चाहिए | उसने प्रियम के लंड को और ज्यादा आक्रामक तरीके से मुहँ में लेना शुरू कर दिया. इससे उसके मुहँ में चोट भी लग सकती थी लेकिन उसे परवाह ही नहीं थी | 
[Image: 15948798.gif]
उधर प्रियम की उंगलिया जांघो के अन्दर घुस कर उसकी पैंटी से  नीचे की तरफ जांघो को सहला रही थी | वो कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी थी, कपड़ो के नाम पर एक छोटी सी झीनी सी पैंटी थी जो बड़ी मुश्किल से उसके चूतडो के आधे हिस्से को ढक पा रही थी थी इसके अलावा उसकी चिकनी गीली हो चुकी चूत को ढके हुए थे जिस पर के काले बाल इधर उधर से बाहर झांक रहे थे, इसके अलावा पैंटी के हल्की पारदर्शी होने के कारन उसकी चूत के बाल पैंटी के ऊपर से भी दिख रहे थे | लेकिन रीमा को सबसे ज्यादा डर प्रियम के उन हाथो  का था जो उसकी जांघो के बीच  की घाटी में जाकर उसको सहला रही थी, इससे रीमा का खुद पर से बचा खुचा नियंत्रण भी समाप्त हो  रहा था | रीमा पूरी गति से प्रियम को लंड को चूस रही थी, उसका हाथ और ओठ लंड पर ऊपर नीचे तेजी से हो रहे थे, और उधर प्रियम की उंगलिया रीमा की पैंटी की इलास्टिक पार करके, चूत के घने काले जंगल में विचरण कर रही थी | जैसे जैसे वो रीमा की चूत के बाल सहला रह था वैसे वैसे चूत के ओठ उत्तेजना से कम्पित होने लगे |
उसके बाद एक तेज सिसकारी रीमा के मुहँ से निकली, प्रियम की एक उंगली ने चूत के गीले हो चुके ओठ पर से गुजरते हुए, ठोस खून से भरे लाल, उत्तेजना से फडकते, कली नुमा चूत के दाने को छु लिया | रीमा के नितम्ब अपने आप ही हिलने लगे, उसको गोरी चिकनी गुदाज जांघे कापने लगी | 

रीमा ने  महसूस किया की प्रियम का दूसरा हाथ धीरे धीरे पैंटी की इलास्टिक को पकड़कर नीचे खीच रहा है | उसने चूतडो पर आधी दूर तक पैंटी खिसका भी दी है |
[Image: 17103961.gif]
जब प्रियम की मिडिल फिंगर रीमा के चूतडो की दारार को सहलाती हुई गांड के छेद पर से गुजरी तो प्रियम ने मिडिल फिंगर से गांड के छेद पर हल्का दबाव डाला और आगे सहलाते हुए चला गया | रीमा के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन  दौड़ गयी |  रीमा ने अब पागलो की तरह प्रियम का लंड चूसना शुरू कर दिया | और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी गड़ाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी | रीमा जिस तरह से प्रियम के लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे प्रियम की कराहने की आवाज और बढ़ गयी | कराहते हुए प्रियम ने एक बार फिर अपना ध्यान रीमा चाची के लगभग नंगे हो चुके चुतड और घने काले बालो से घिरी चूत की तरफ लगाया | उसकी मिडिल उंगली गांड के छेद से हटकर रीमा की चूत पर आ गयी और नीचे से ऊपर की तरफ चूत के ओठो को रगड़ने लगी | उगली रगड़ते रगड़ते चूत के फूले दाने के पास तक जाती और फिर नीचे आ जाती | कभी कभी दाने को भी छु लेती आयर तभी रीमा के पुरे शरीर में सिहरन दौड़ जाती | इसके बाद प्रियम ने रीमा के चूत के ओठो अलग करते हुए, अपनी उंगली रीमा की गरम गीली मखमली गुलाबी चूत के अन्दर घुसा दी | प्रियम का पूरा शरीर चूत के स्पर्श से रोमांचित हो गया | इधर रीमा ने भी प्रियम का लंड  चूसने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखी |
[Image: 16311825.gif]
प्रियम – ओह ओह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह  चाची
प्रियम ने अपने अब तक के जीवन में ऐसा कुछ कभी अनुभव नहीं किया था | उसे पता था अब कभी भी रीमा चाची के लंड चूसते मुहँ के अन्दर उसके  अन्दर उबल रहे गरम लावे की शूटिंग शुरू हो सकती है | उसके लंड पर रीमा चाची  के जीभ और ओठो का गीला नरम स्पर्श उसके चरम आनंद की अनुभूति करा रहा था | उसे पता था अब उसका नियंत्रण कभी भी टूट सकता है   वो कभी भी रीमा चाची के मुहँ में झड़ना शुरू कर सकता है | प्रियम की टांगे तनने लगी चुतड सिकुड़ने लगे, अब उसका खुद को काबू में रखना असंभव था, फिर भी रीमा चाची की चूत से खेलने के लालच में उसने खुद को थोड़ी देर और रोकने की नाकाम कोशिश करने लगा | जितना देर वो खुद को रोक लेगा उतनी ही ज्यादा देर वो रीमा चाची की चूत से खेल पायेगा | लेकिन रीमा अपनी पूरी स्पीड से प्रियम के लंड को चूस रही थी, इसलिए उसका अब ज्यादा देर तक रुक पाना असंभव था | इससे पहले किसी भी औरत ने उसके लंड को छुवा भी नहीं था इसलिए इतनी भयानक त्रीव उत्तेजना नाजुक से बच्चे के सँभालने भर की नहीं थी | प्रियम को अहसाह होने लगा था अब गरम सफ़ेद गाढ़ा लावा बस निकलने ही वाला है और दुनिया में कोई भी तरीका ऐसा नहीं जो इसे रोक सके | अब उसे झड़ना ही है, अगर चाची ने इसी स्पीड से चूसना जारी रखा तो मै इनके मुहँ में ही झड जाऊगा | रीमा ने महसूस किया की प्रियम का शरीर अकड़ने लगा है और वो भी बेतहाशा तरीके से चूस चूस के थक चुकी थी इसलिए जल्दी से फ्री होना चाहती थी, उसको भी अब जल्दी मची थी और उसे पता था अब प्रियम को झड़ने में बस कुछ ही सेकंड बचे है | उसने भी अपनी जांघे और कुल्हे जोर जोर से झटकने शुरू कर दिए, वो  प्रियम की चूत में घुसी उंगली के इर्द गिर्द अपनी कमर और कुल्हे हिलाने लगी , ताकि उसकी गीली चिकनी मखमली चूत भी साथ में झड जाये |
प्रियम- ओह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मै झड़ने वाला हूँ चाची, मै तुमारे मुहँ में झड़ने वाला हूँ | ओ गॉड गॉड ओह्ह्ह | अब मै और नहीं रोक सकता
प्रियम का कुल्हा पहले ऊपर उठा फिर नीचे गिरा | रीमा समझ गयी ये क्या करना चाहता है | प्रियम को कोई अनुभव नहीं था इसलिये उसके साथ ये सब कभी हुआ नहीं | जैसा की प्रियम से रीमा बोली की वो उसका लंड चूसेगी तो उसने पुरे तन मन और आत्मा से वो किया, अब वो प्रियम का रस अपने मुहँ में ही गिराना चाहती है ताकि एक भी बूँद बेकार न जाये तो वो ये भी करेगी |  प्रियम नौसखियो की तरह इधर उधर हिल रहा था, लेकिन रीमा ने कठोरता से उसका लंड थामे रखा और मुहँ में गले की गहराई तक ले जा कर पूरा अन्दर लेती रही | रीमा ने इससे पहले कभी किसी के लंड का रस अपने मुहँ में नहीं गिराया था लेकिन वो प्रियम का लंड रस मुहँ में लेने को लेकर उसने फैसला कर लिया था और वो ये करके रहेगी| वो चाहती थी प्रियम सिर्फ और सिर्फ उसके मुंह में झड़े |

काम उत्तेजना के चरम पर बैथे प्रियम ने बेदर्दी से अपना लंड रीमा के मुहँ में पेल दिया, उसका लार से सना, खून से भरा फूला लंड रीमा के ओठो को चीरता हुआ रीमा के मुहँ में घुसता चला गया और जब तक रीमा के ओठ लंड की जड़ तक नहीं पंहुच गए, लंड सरसराता हुआ मुहँ में जाता रहा | प्रियम ने एक लम्बी कराह ली, उसने अपने लंड को पूरी तरह रीमा के हवाले कर दिया और खुद की उंगली और ज्यादा तेजी से रीमा की चूत में अन्दर बाहर करने लगा | उसे अपनी गोलियों में फट रहे ज्वालामुखी की आग साफ़ महसूस होने लगी | लग रहा था गरम धधकते लावे की एक तेज लहर उसके गोलियों को  छोड़कर आगे की तरफ निकल पड़ी थी |

तभी रीमा ने अपने गीले मुहँ में प्रियम के सफ़ेद गाढे लंड रस की गरम ताजा बूँद महसूस की, जिसे वो तुरंत ही गटक गयी, ताकि इस बार दम घुटने की कोई गुंजाईश न रहे और लंड अपनी गहराई तक जाका पूरा समाये और झड़ता रहे | 
[Image: 16946930.gif]
जिस तरह प्रियम इस समय झड रहा था बिलकुल इसी तरह की संवेदना और करंट वो भी अपने कमर के आसपास महसूस कर रही थी जहाँ प्रियम तेजी से अपनी उंगली रीमा की चिकनी गीली चूत में अन्दर बाहर कर रहा था | रीमा की चूत में भी झड़ना शुरू होने का कम्पन महसूस होने लगा था, एक गुदगुदी भरी कंपकपी से उसकी चूत की दीवारे झनझनाने लगी थी | उसका पूरा शरीर अकड़ा पड़ा था  |वह भी प्रियम के लंड पर क्रूर से क्रूरतम होती जा रही थी जिसके कारन प्रियम के नितम्ब तेजी से हिल रहे थे कांप रहे थे| रीमा के ओठो की सख्ती चरम पर थी और लंड रस के मुहँ मे झड़ने से, लंड को उसकी जड़ तक मुहँ में निगलने से रीमा के मुहँ से बस गलगल्लाने की आवाज ही आ रही थी | 
[Image: 13858986.gif]
  प्रियम के लंड से निकलती हर बूँद को रीमा अपने मुहँ में लेकर निगलती जा रही थी, प्रियम अब तक 6-7 बार शूट कर चूका था और रीमा झट से लंड रस को निगलकर उसके लंड को अपने सख्त ओठो जकडे हुए, उस पर अपनी जीभ तेजी से फिर रही थी | प्रियम के परम आनंद की सीमा नहीं थी, झड़ते लंड पर गीले मुहँ में जब लगातार गीली खुर्खुरी जीभ आपके लंड को अपने आगोश में लेकर सहलाये तो भला कौन नहीं काम आनंद से पागल हो जायेगा | प्रियम ने चार पांच बार और अपने कुल्हो को तेज झटका दिया और पहले की तरह की पूरा लंड रीमा के मुहँ में, इसी के साथ उसके लंड रस की बची आखिरी चार पांच किस्ते भी रीमा के मुहँ में जा गिरी |  रीमा का पूरा मुहँ प्रियम के लंड रस से भर गया |
[Image: 20028469.gif]
 pप्रियम ने भी रीमा की चूत में अपनी पूरी उंगली घुसा दी और ठहर गया | रीमा का कुल्हा जोर से कांपा, रीमा के मुहँ से लम्बी सिसकारी भरी आह निकली और कुछ देर तक रीमा का पूरे शरीर में कंपकपी होती रही, प्रियम रीमा का कम्पन महसूस कर सकता था और रीमा का अकड़ा शरीर निढाल होने लगा | प्रियम भी हांफते हुए प्रियम बिस्तर पर निढाल हो गया, रीमा सारा लंड रस गटक गयी और फिर से प्रियम का लंड चूसने लगी | अब वो धीरे धीरे लंड चूस रही थी |  
[Image: 16949650.gif]
कुछ देर बाद रीमा ने प्रियम का लंड चूसना छोड़ दिया और अपनी आंखे बंद कर ली और प्रियम के नाभि पर अपना सर टिका दिया, उसकी सांसे भी उखड़ रही थी | रीमा और प्रियम दोनों की ही आनंद की चरम सीमा पर पंहुचने से आंखे बंद थी |
दोनों कुछ देर अपनी सांसे काबू में आने का इन्तजार करते रहे, थोड़ी देर बाद रीमा ने धीरे से आंखे खोली, कामवासना के कारन गायब हो गयी उसकी मन की चेतना लौटने लगी, चुसाई के इस लम्बे थकावट भरे सेशन ने रीमा को पूरी तरह थका डाला था, हशीश के असर के कारन आई उत्तेजना अब गायब से होने लगी थी और शरीर अपने मूल रूप में वापस आ रहा था और इसी के साथ उसकी विचार करने की शक्ति भी लौट रही थी |
प्रियम अपने सिकुड़ते लंड की तरफ देखता हुआ, जिसमे से लंड रस वीर्य की एक आध बूँद अभी भी निकल रही-चाची मुझे बहुत मजा आया, बहुत मजा आया, मै बहुत अच्छा फील कर रहा हूँ, आप बहुत अच्छी हो दुनिया में सबसे अच्छी चाची हो | प्रियम ने तारीफों की झड़ी लगा दी |
Like Reply
#13
Extremely hot narration. All d best for next update.
Like Reply
#14
(22-12-2018, 10:51 PM)Silverstone93 Wrote: Extremely hot narration. All d best for next update.
 
Thank you so much for encouraging words. enjoy the story.
Like Reply
#15
Waiting for your next update.. Aaj update aane wala hai kya ???
Like Reply
#16
(23-12-2018, 12:43 PM)Silverstone93 Wrote: Waiting for your next update.. Aaj update aane wala hai kya ???

next week
Like Reply
#17
(23-12-2018, 02:23 PM)vijayveg Wrote: next week

It's too long Wait for next update. If possible, please update as early as possible.
Like Reply
#18
(23-12-2018, 02:27 PM)Silverstone93 Wrote: It's too long Wait for next update. If possible, please update as early as possible.

will  try my best
Like Reply
#19
i cant see 23 pics in this page and why dont you increase the font size
మీ 
Uదై
Like Reply
#20
(23-12-2018, 03:13 PM)INCESTIOUSLOVER Wrote: i cant see 23 pics in this page and why dont you increase the font size

These are gifs files, i don't know why can't you see. Font size is already 4 out of 7, are you seeing this in mobile browser?
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)