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अहमदाबाद में मैंने 2 बेडरूम वाला फ्लैट ले लिया था क्योंकि मुझे लगा कि जब भी आप लोग या घर से माता-पिता यहां मिलने आया करेंगे तो आसानी से रह सकेंगे। अतः कुछ दिन के लिए हमें अपना फ्लैट अजय और संगीता के साथ बांटना था। इससे पहले मैंने अजय की बीवी संगीता को वास्तव में देखा नहीं था तथा उसके फेसबुक और वाट्सएप पर ही फोटोज़ देखे थे। संगीता दिखने में काफी सुंदर थी।
#
फिर वह दिन आ ही गया जिस दिन अजय और संगीता हमारे घर रहने के लिए आए। मैं और सीमा दोनों ने बड़े अच्छे मन से उनका स्वागत किया। सीमा खुश थी कि उसे यहाँ एक नई दोस्त मिल रही है। हम चारों हालांकि शादी के बाद पहली बार मिले थे लेकिन चारों की गर्मजोशी से लग रहा था कि सारे काफी खुश हैं।
सीमा के बारे में तो आपको पता ही है। लम्बी टाँगें, पतली कमर, जीरो फिगर वाली मेरी बीवी सीमा। संगीता भी बेहद सुंदर थी। गोल सा सुंदर चेहरा। नाभि के नीचे साड़ी बांधकर और लाल रंग के ब्लाउज में वह कयामत लग रही थी। उसके वस्त्र उसके आकर्षक शरीर को छुपा कम और दिखा ज्यादा रहे थे।
चारों ने मुस्कान के साथ एक दूसरे का अभिवादन किया और सीमा ने संगीता को उनका नया कमरा दिखाया। फिर दोनों को फ्रेश और सहज होने के लिए अपने हाल पर छोड़ दिया। सीमा ने चारों के लिए खाना बनाया और शाम के खाने के वक्त हम चारों खाने की टेबल पर मिले. यह हमारे बीचमें पहला मौका था जब चारों औपचारिकता को छोड़कर बातचीत शुरू करने वाले थे।
संगीता- सीमा आप अकेले क्यों परेशान हुई? मुझे भी आपकी मदद के लिए आना चाहिये था।
सीमा- नहीं, आप आज सफर की थकान मिटा पाओ, वही काफी है।
श्लोक- कैसा लगा फ्लैट और आपका कमरा? आर यू कम्फर्टेबल? (तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं है?)
अजय- फ्लैट काफी अच्छा है। कंफर्ट की चिंता मत करो आप। यह मेरे मुंबई वाले फ्लैट से ज्यादा कंफर्टेबल है।
श्लोक- और संगीता आपको कैसा लगा?
संगीता- अच्छा है लेकिन एडजस्ट होने में थोड़ा समय लगेगा। मुझे खुशी है कि सीमा यहां पर है। हम दोनों नए दोस्तों की अच्छी कटेगी।
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श्लोक- वैसे अजय बहुत होशियार है, उसे इतनी सुंदर बीवी मिली इसीलिए उसने मुझे शादी में नहीं बुलाया।
अजय हंसते हुए- नहीं यार, ऐसी बात नहीं है। किसी पारिवारिक मजबूरी की वजह से शादी एकदम से करनी पड़ी. मैंने तो खुद संगीता को शादी से पहले देखा नहीं था।
सीमा- ऐसे कैसे हुआ?
अजय- बस दादा जी का अंतिम समय आने वाला था और उन्होंने अपनी इच्छा रख दी कि जल्दी से जल्दी अजय की शादी करवाओ। अतः आनन-फानन में हम दोनों की शादी हुई।
श्लोक- वाह यार अजय, बिना देखे भी तुम्हारी किस्मत तो चमक गई। तुम देख कर भी शादी करते तो भी संगीता से ज्यादा खूबसूरत लड़की तुम्हें नहीं मिलती।
इस पर हम चारों हंसने लगे।
अजय- सही कहा श्लोक, शादी होने से कुछ समय पहले ही सुना था कि संगीता बहुत खूबसूरत है लेकिन मुझे मलाल था कि मैं बिना किसी को देखे कैसे किसी से शादी कर सकता हूं, लेकिन शादी के बाद जब मैंने संगीता को सुहागरात के समय देखा तो मेरी सारी शिकायतें दूर हो गईं।
इस पर हम चारों फिर हंसने लगे।
संगीता- बस भी करो अजय।
सीमा- नहीं यार संगीता। बहुत ही क्यूट चेहरे वाली हो तुम।
अजय- वैसे तेरी शादी में ना आने का मुझे काफी मलाल है श्लोक।
श्लोक- बस नसीब अपना-अपना!
चारो फिर हंसने लगे।
चारों के बीच दोस्ताना वाला माहौल बन चुका था और समय गुजरने लगा था। शाम को हम चारों जब भी फ्री रहते मस्ती मजाक करते थे, खेल खेलते थे। कभी बाहर खाना, कभी सिनेमा देखने जाना। जीवन बड़े मजे से चल रहा था।
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अजय अपनी पुरानी कम्पनी को अब कम समय देकर हमारी कम्पनी को समय देने लगा था और कम्पनी के बारे में समझने भी लगा था। विदेश में हमने साथ पढ़ाई की थी और जैसा कि आपको बताया था वहां हम गोरी वेश्याओं के पास भी जाते थे। कभी अपने फ्लैट में बुलाकर चुदाई करते थे। कभी जब पैसे कम होते थे तो दोनों पूरी रात एक ही वेश्या के साथ पूरी रात चुदाई करते थे। वहीं से मुझे पता चला था कि अजय का लन्ड सामान्य लन्ड से काफी बड़ा है। उसका लिंग करीब साढ़े 9 इंच लम्बा और अच्छा चौड़ा था। इधर मेरी लम्बी चुदाई वाली खूबी का भी उसे पता था। हम जब भी किसी वेश्या को बुलाते तो वह जाते वक्त हमेशा कहती थी कि तुम जैसे पैसा वसूल करते हो वैसे आज तक किसी ग्राहक ने नहीं किया।
एक शाम हम दोनों हमारे विदेश के पुराने दिन याद कर रहे थे कि कैसे हमने वहां मजे किए।
अजय- यार बड़े मजे किए हमने, वो दिन भी काफी याद आते हैं। बड़ी बड़ी एस्कार्ट हमसे परेशान थी।
श्लोक- हां यार, क्या दिन थे वो भी।
अजय- साले तेरा तो ऑर्गाज़्म भी बड़ी मुश्किल से होता था।
श्लोक- और तेरा लम्बा लन्ड देख कर कोई भी वेश्या पैसा बढ़ाने की मांग करती थी।
दोनों जोर से हंसने लगे।
अजय- और बता कैसा है तेरा वैवाहिक जीवन? सीमा कैसे झेलती है तुझे?
श्लोक- हां-हां, वैसे ही जैसे तेरे लम्बे तगड़े लन्ड को संगीता झेलती है।
अजय- उसे तो आदत हो गयी है मेरे लन्ड की। मजे से चल रहा है जीवन। पूरी लम्बाई वसूल करती है।
श्लोक- और सीमा भी लम्बे समय तक चुदाई को वसूल करती है।
अजय- अच्छा चल एक बात कहता हूं। जब तूने मुझे तेरी इस कम्पनी का इतिहास सुनाया कि ये कैसे शरू हुई और कैसे इतनी बड़ी हुई तो सब ऐसे लग रहा था कि जैसे सब पहले सुना हुआ हो। जाना पहचाना हो कि कैसे एक गाँव से बढ़कर ये एक शहर में आई और कैसे जीजा-साले ने इसे इस मुकाम पर पहुंचाया। इस कम्पनी के मालिक भी तो तुम्हारे जीजा ही हैं!
श्लोक- हां ... लेकिन तुम्हें सब जाना पहचाना क्यों लगा?
अजय- मैंने भी ये सोचा मगर समझ नहीं आया, फिर एक दिन अचानक से याद आया कि यह कहानी तो मैंने net पर पढ़ी है।
श्लोक -- मैं कुछ समझा नहीं।
फिर अजय ने मुझे net खोल कर याराना और भाई-बहन, जीजा-सलहज का याराना पढ़ाई।
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श्लोक राजवीर से- सच बताऊं तो जीजाजी, मुझे नहीं पता था कि आपने अपने साथ घटी हुई घटनाओं को कहानी बनाकर किसी सेक्स कहानी वेबसाइट पर डाला हुआ था। बस नाम बदल कर हूबहू वही बातें और वही घटनाएं जो हमारे साथ हुईं। मुझे उस वक़्त आप पर बहुत गुस्सा आया कि आपने इसे कहानी बना कर पूरी दुनिया को परोस दिया और मैंने आनन-फानन में अजय से मना किया कि ये हम नहीं है। केवल इत्तेफाक से इस कहानी और कम्पनी की शुरुआत में समानता है। फिर मैं अपने कमरे में आ गया।
मैंने तृप्ति दीदी से इसके बारे में फोन पर बात की और बात करने पर पता चला कि उन्हें आपके याराना कहानी लिखने का पता है।
उन्होंने मुझे समझाया और सामान्य होने में भी मदद की क्योंकि इससे हमारे वास्तविक जीवन पर कोई प्रभाव नहीं था, बात भी सच ही लगी क्योंकि वास्तविक पहचान बदली हुई थी। लेकिन जो सवाल अजय का था उसका सही जवाब देना मुश्किल काम था क्योंकि उस कहानी में मैंने अपनी बहन के पति के साथ अदला-बदली करके चुदाई की थी। मैं कैसे स्वीकर करता कि मैं बहनचोद हूं और मेरी बीवी सीमा ने भी मेरे जीजू के साथ चुदाई की है!
मगर अजय के साथ गहरी दोस्ती ने यह असलियत उसके सामने स्वीकार करना आसान किया। अब अजय पुरानी कम्पनी पूरी तरह से छोड़कर मेरे साथ हमारी कम्पनी में आ गया था। हम अपनी तरह एक ही केबिन में बैठते थे।
श्लोक- अजय! आज एक दोस्त से मैं अपना राज बांटने जा रहा हूं। वह याराना वाली कहानी हमारी ही है ... भाई बहन जीजा सलहज की चुदाई तक!
(राजवीर के शब्दों में- पाठकों को बता दूं कि यह घटना होने तक याराना का तीसरा दौर XOSSIPY नहीं डाला गया था क्योंकि इसी वक्त उपासना-विक्रम वाला किस्सा जो कि याराना का तीसरा दौर में लिखा गया है, मेरे और तृप्ति के जीवन में घट रहा था।)
अजय यह सुनकर आश्चर्य चकित हो गया। कुछ देर चुप रहने के बाद बोला- वाह यार... श्लोक क्या मजे किए हैं जीवन में तुमने! मैंने जब XOSSIPY पर याराना कहानी पढ़ी थी तो सच में मन में आया था कि लाइफ हो तो ऐसी। जब कहानी इतनी उत्तेजक थी तो असल में क्या माहौल रहा होगा यार!
यह बोलते-बोलते अजय तालियां बजाने लगा और खुशी से मेरे गले लग गया...
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फिर बोला- मेरी प्रिय कहानी के चरित्र को सामने देखकर आज मजा आ गया। यार जो मैं मुंबई जैसे बड़े शहर में न कर सका तुमने जयपुर में कर लिया।
श्लोक- नहीं कर सका मतलब? क्या तुम भी वाईफ स्वैपिंग के शौकीन हो?
अजय- हाँ, याराना पढ़कर ही तो मन में ये ख्वाब पाल लिया। वाह रे मेरी किस्मत, याराना के चरित्र से ही मेरा साक्षात्कार हो गया। सीमा को देखकर लगता नहीं कि वो भी याराना की यार है। वाह यार श्लोक...
श्लोक- तो अब क्या इरादा है जनाब?
अजय- यार जो मजा सबकी रजामंदी से बीवी बदलकर चुदाई करने में है वो किसी भी तरह की चुदाई में नहीं। बस अब तो हमें भी याराना का यार बना ले।
श्लोक- मतलब मेरी बीवी सीमा पर नजर थी तुम्हारी? कमीने दोस्त!
अजय- नहीं यार, नजर तो नहीं थी लेकिन बात माननी पड़ेगी कि सीमा गजब का माल है। हम भी तो देखें कि कितनी नमकीन है हमारी सीमा? और चिंता मत करो, संगीता की चुदाई करना भी तुम्हारे लिए फायदे का ही सौदा है।
श्लोक- तो संगीता मेरा लन्ड घण्टे भर तक ले तो लेगी न?
अजय- हां ... बिल्कुल वैसे ही जैसे सीमा मेरा लम्बा लन्ड अपनी चूत में ले लेगी।
दोनों का ही लंड एकदम सख्त हो गया था, माहौल ही ऐसा हो चला था, एक दूसरे की बीवियों के बारे में ऐसी बाते करने से हमारा लन्ड फनफना गया था। ये सच था कि एक दूसरे की बीवियों को चोदने के लिए हम काफी उत्तेजित हो गए थे। मुझे नहीं पता था कि सच्चाई बताने का प्रभाव ऐसा होगा कि हम दोनों बीवी की अदला बदली की बात के लिए इतनी जल्दी बात पक्की कर लेंगे।
श्लोक- तो क्या आज हमें अपनी बीवियों से इस बारे में बात करनी चाहिए?
अजय- नहीं यार ... सीमा के लिए भले ही ये अजीब न हो पर संगीता के लिए ये सब नया है। सीमा ने ये पहले किया है लेकिन संगीता से तो इस बारे में बात करने की मेरी हिम्मत भी नहीं है।
मैं(श्लोक)- सीमा ने भले ही पहले किया हो लेकिन उसके साथ भी इसके लिए बात करना आसान नहीं है।
अजय- तो फिर हमें क्या करना चाहिए?
श्लोक- वही जो बिना प्लान किए हो सकता है।
अजय- क्या मतलब!
श्लोक- मतलब तुम सीमा को पटाओ और मैं संगीता को। वो भी ऐसे कि हमारी बीवियों को इसके बारे में पता न चले। अगर वो शिकायत भी करेंगी तो अपने पतियों से ही तो करेंगी और हम तो हैं ही खलनायक!
दोनों हंसने लगे।
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अजय- मतलब हम अलग-अलग दोनों को चोद लेंगे पटा कर? अदला बदली भी हो जाएगी और उन्हें पता भी नहीं चलेगा?
श्लोक- नहीं। केवल पटा लेते हैं। चुदाई तो बताकर ही करेंगे क्योंकि मेरे राजवीर जीजू कहते हैं कि 'जो मजा बीवियों को उनकी मर्जी से बदलकर चुदाई करने में है वो मजा और किसी में नहीं।'
श्लोक- तो अजय! अब तू मेरी बीवी सीमा को पटा और मैं तेरी बीवी संगीता को। "मेरे पास एक आइडिया है!" श्लोक ने अजय से कहा।
##
श्लोक ने राजवीर से बताते हुए सुनाया-
जीजू जैसा कि हम चारों की रात काफी मजेदार होती थी। हम कभी ताश खेलते, कभी लूडो, कभी साथ में फ़िल्म देखते थे। उसी तरह हम चारों (श्लोक, सीमा, अजय व संगीता) ने आपस में नक्की लड़ा रखी थी। नक्की लड़ाने का मतलब होता था कि हम चारों को हमारे हाथ पर पेन से एक निशान हर समय बना के रखना था जोकि किसी दूसरे के चाहने पर दिखाना होता था। अगर सामने वाले के हाथ पर वो निशान न हो तो वह हार जाता था। हम हारने वाले से कोई भी एक चीज़ मांग सकते थे। शुरुआत में जब कोई भी हारता तो बात एक डेयरी मिल्क की चॉकलेट से खत्म होती थी। लेकिन अब समय इस शर्त का पूरा इस्तेमाल करने का था।
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एक वक्त रात के समय अकेले में जब संगीता बाहर थी तो मैंने अचानक से उससे निशान के बारे में पूछा लेकिन संगीता के हाथ में वह निशान नहीं था। यानी संगीता हार गई।
उसने कहा- कल मेरी तरफ की चॉकलेट आपको मिल जाएगी।
मैंने कहा- चॉकलेट की ही शर्त है ऐसा कब नियम बना? मुझे कुछ और चाहिए।
संगीता- क्या चाहिए?
श्लोक- एक किस!
संगीता चौंक कर- क्या?
श्लोक- हाँ।
संगीता हंसते हुए बोली- कल चॉकलेट मिल जाएगी।
और हंसते हुए चली गयी।
##
अगले दिन शाम को जब हमारे पास सीमा और अजय नहीं थे तब संगीता मेरे लिए चॉकलेट लेकर आई। लेकिन मैंने चॉकलेट के लिए उसे मना कर दिया और कहा जो कल बोला था वही चाहिए।
संगीता- यार वो तो नहीं मिल सकता, सॉरी!
और ये बोलकर चली गयी।
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अब मैंने संगीता से बात करना बंद कर दिया। सबके सामने जब वो कुछ कहती तो बिना कुछ बोले गर्दन हिलाक़र उसकी बात का जवाब दे देता ताकि सीमा और अजय को हमारे बीच चल रहे इस विवाद का पता न चले।
#
अगले दिन संगीता मेरे पास आकर बोली- यार श्लोक ऐसे कैसे चलेगा? तुमने तो बात ही करना बंद कर दिया। जब ये शुरू हुआ था तो ऐसा थोड़ी न था कि हम कुछ भी करवा सकते हैं?
श्लोक- बात ये हुई थी कि हारने वाले को एक बात जीतने वाले की माननी होगी। अब मुझे चॉकलेट नहीं चाहिए। मुझे तुम्हारे होंठों का रस पीना है।
संगीता- यार ये गलत है। सीमा और अजय को पता चला तो?
श्लोक- यार दोस्त हैं हम। इतना तो चलता है और उन्हें कौन बताएगा जो उनको पता लगेगा इस बाते के बारे में? न तुम बताने वाली हो और न मैं बताने वाला हूं. फिर उनको कैसे पता लग जायेगा कि मैंने तुम्हारे होंठों पर किस किया है!
संगीता को एकदम से पता नहीं क्या हुआ कि उसने बिना कुछ कहे एकदम से मेरे गालों पर एक चुम्बन किया और भाग गई। इससे मुझे अपनी जीत का अहसास हुआ। मगर गालों पर चुम्बन लेने से मेरा मकसद पूरा नहीं होने वाला था, इसलिए मैं उसके पीछे गया।
वो एक तरफ जाकर खड़ी थी।
मैं बोला- ये तो बेइमानी है, मुझे तुम्हारे होंठों का रस चाहिए था और तुम ऐसे गाल पर सूखी सी पप्पी देकर भाग आईं? ये तो बहुत नाइंसाफी है। मैं तुमसे कभी बात करूंगा ही नहीं, तुम चाहे कुछ भी कहो।
इतना कहना था कि संगीता मेरे पास आई और अपने होंठों को मेरे होंठों से लगा दिया और आंखें बंद कर लीं।
मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया और एक लम्बा चुम्बन उसे किया। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो गये थे।
सीमा और अजय के आने के डर से वो वहां से निकल गयी।
#
अब अगले दिन से मैंने नोटिस किया कि संगीता अब अपने हाथ पर निशान बनाना भूलने लगी थी। जिसका मतलब साफ था कि अब मेरी प्लानिंग कामयाब हो चुकी थी और मौका पाकर मैं संगीता के होंठों का रस पीने लग जाता था। अब वो भी मेरा साथ देने लग जाती थी।
#
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14-09-2019, 10:42 AM
(This post was last modified: 14-09-2019, 10:43 AM by usaiha2. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
इसी तरह अजय भी सीमा को पटाने की कोशिश कर रहा था।
इसलिए ज्यादा से ज्यादा वक्त हम एक दूसरे को देते थे अपनी बीवियों के साथ अकेले में, ताकि बात जल्दी बने साथ ही साथ जानबूझ करअगर हम एक दूसरे की बीवी के साथ होते तो हम उस ओर नहीं जाते थे।
##
ऑफिस में अजय से बातें करके पता चला कि सीमा और अजय भी अब चूमा-चाटी तक पहुंच चुके हैं। मतलब दोनों ही तरफ से हम प्रगति पर थे अपने मिशन में, मैंने संगीता की चुदाई के मिशन के लिए और अजय मेरी बीवी सीमा की चुदाई के लिए,
##
एक दिन मैंने नक्की में जीत जाने पर संगीता से उसके स्तनपान की इच्छा जताई जो कुछ मिन्नतों के बाद उसने बाथरूम में सीमा और अजय से छुपते हुए पूरी कराई।
अजय को सीमा के स्तनों तक पहुचने में मुझसे ज्यादा दिन लगे। लेकिन वह भी आखिर सीमा के स्तनपान तक पहुंच ही गया। सीमा ने अपने स्तन रसोई में हमसे छुपते छुपाते अजय से चुसवाये।
#
अब हमारी बीवियां पराए मर्दों के साथ खुल चुकी थीं। जिसका पता हम दोनों को था क्योंकि ऑफिस के केबिन में हम एक दूसरे की बीवी के साथ कहां तक पहुंचे हैं इस बात की जानकारी ले लेते थे। रात में जब हम अपनी अपनी बीवी की चुदाई करते तो एक अलग ही उत्तेजना हमारे अंदर होती थी कि ये मेरे दोस्त के साथ गुलछर्रे उड़ा रही है इसलिए चढ़ाई में घमासान जोरदार होता था।
#
कुछ दिन तक तो ऐसे ही चलता रहा। मगर अब इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाने की बारी थी। हमने एक प्लान बनाया और उसके क्रियान्वयन के लिए पूरी तैयारी में जुट गए। आने वाला सप्ताहांत इस के कार्य के लिए सही समय चुना गया। हमने अपनी बीवियों से कह दिया था कि आने वाला सप्ताहांत अच्छे से मस्ती करते हुए मनाएंगे।
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##
श्लोक राजवीर से- जीजाजी, जब हम चारों यानि कि सीमा मैं, आप और तृप्ति दीदी जब साथ में रहते थे तो मैंने एक बात जानी थी कि सीमा और तृप्ति दीदी चाहे कितनी भी अच्छी दोस्त और ननद भाभी हो लेकिन उनके बीच एक अजीब सी प्रतिस्पर्धा रहती थी। सुंदर दिखने की। सेक्सी दिखने की। जब दो नारी साथ में हों तो उनके बीच में कभी न कभी ये भावना अवश्य आती है कि वो एक दूसरे से सुंदर दिखें चाहे उनका आपसी रिश्ता कुछ भी क्यों न हो। अतः इस प्लान में हमें इसी प्रतिस्पर्धा को आधार बनाना था जो कि अक्सर सभी महिलाओं के बीच अपने आप पनप जाती है।
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कहानी निर्णायक मोड़ पर आने वाली है इसलिए अब जरूरी बातें इसके पात्रों के बारे में बता देता हूं।
श्लोक:- दिखने में सुंदर और आकर्षक चेहरे वाला, न मोटे न पतले शरीर वाला था।
अजय:- भी कुछ ऐसी ही आकर्षक देह वाला था।
हम दोनों की एक विशेषता थी कि अजय का लन्ड खड़ा होने के बाद लगभग 10 इंच का लंबा और काफी मोटा था और मैं आसानी से न झड़ने वाला लगभग घण्टे भर तक लगातार चुदाई कर सकता था।
सीमा:- के बारे में आप जानते ही हो। 32-26-34 के साइज की देह की मालकिन सीमा लम्बी सेक्सी टांग वाली है
और संगीता:- बिल्कुल संगीता क्यूट चेहरे वाली। 33-27-35 साइज़ की देह की मालकिन है।
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अतः वह शाम आ ही गयी। ऑफिस से आकर हम दोनों नहा धोकर मेरे कमरे में इकट्ठे हुए।
संगीता और सीमा भी तैयार थी। खाना और बियर हम साथ में लेकर आये थे। एक एक बियर अपने हाथ में लेकर हमने ताश के पत्ते बांटे और खेलने लगे। एक एक बियर मेरे और अजय के लिए सामान्य थी लेकिन सीमा और संगीता को नशे का सुरुर आने लगा था. हमने भी अपने प्लान के मुताबिक हल्की हल्की चढ़ने का दिखावा करते हुए बातचीत का सिलसिला शुरू किया।
श्लोक- यार आज बियर के नशे में सीमा बड़ी प्यारी लग रही है। मन कर रहा है ताश छोड़कर सीमा से प्यार करने लग जाऊं।
सीमा- मैं तुम्हें प्यारी लगी, इसके लिए तुम्हें बियर की जरूरत है?
श्लोक- नहीं यार प्यारी तो तुम हो। मैंने कहा कि बियर के नशे में इतनी बेसब्री है कि मन कर रहा है तुमसे प्यार करने लग जाऊं।
अजय- प्यारी तो मेरी जान संगीता भी बहुत लग रही है। मेरा मन भी ऐसा ही कर रहा है।
श्लोक- मगर तेरी संगीता मेरी सीमा से ज्यादा प्यारी नहीं लग रही है।
अजय- अरे नहीं पगले। संगीता ज्यादा प्यारी है। क्यूट भी है और सेक्सी भी।
(दोस्तो उस वक्त हमारे बीच कुछ संवाद अंग्रेजी में हुए जो कि ज्यादा भद्दी न लगे। मैं वास्तविक स्थिति को प्रकट करने के लिए वही भाषा यहां लिख रहा हूं।)
अजय- देख श्लोक, मेरी संगीता बेहतर है। हर बूब्स बिगर देन सीमा।
(उसके स्तन सीमा से बड़े हैं)
श्लोक- नो, सीमा हेव बिग बूब्स।
(नहीं सीमा के स्तन बड़े हैं)
सीमा- व्हाट आर यू सेयिंग गाइज।
(ये क्या बात कर रहे हो यार)
संगीता- अजय इज राइट।
सीमा- संगीता तुम भी इनके साथ?
अजय- सीमा हार रही है संगीता से। इसलिए वह बात पूरी नहीं होने देना चाहती।
सीमा- अरे यार हम ताश खेल रहे हैं या ब्यूटी कम्पीटिशन?
श्लोक- कुछ भी हो सीमा इज विनर।
अजय- नो सीमा के स्तन छोटे हैं।
सीमा- अरे ऐसे कैसे।
अब सीमा को भी गुस्सा आ गया था। एक बियर का कमाल अब नजर आने लगा था।
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हमने ये बात करते-करते दोनों को दूसरी बियर थमा दी। और पीते हुए उन दोनों को और ज्यादा उकसाने लगे।
(अधिकतर वार्तालाप और शब्द अंग्रेजी के इस्तेमाल किए गए थे लेकिन यहां मैं उन्हें हिंदी में लिख रहा हूं)
संगीता- यार साफ सामने दिखता है कि मेरे स्तन बड़े हैं।
सीमा- नहीं मुझे लगता है मेरे स्तन बड़े हैं। तुम लंबाई में मुझसे छोटी हो इस वजह से तुम्हारे स्तन थोड़े बड़े नजर आते हैं किंतु मेरी लंबाई अधिक होने के कारण ऐसा लगता होगा कि मेरे स्तन छोटे हैं लेकिन मेरे स्तन तुमसे बड़े हैं।
श्लोक- हां सीमा सही कहती है।
संगीता- नहीं नहीं। मेरे स्तन बड़े हैं।
सीमा- तुम ऐसा कैसे कह सकते हो? हमारी ब्रा का साइज़ तो एक ही है।
अजय- अच्छा चलो, यह प्रतियोगिता रही कि सीमा और संगीता में किसके स्तन ज्यादा बड़े हैं। जो जीतेगा उसे एक पॉइंट मिलेगा और जो हारेगा उसे जीरो। फिर उसके आगे अगली प्रतियोगिता में हारने वाले के पास जीतने का एक मौका होगा।
संगीता- हां तो टेप लेकर आओ, आज पता चल ही जाए कि किसके स्तन ज्यादा बड़े हैं।
अजय हॉल में जाकर टेप निकाल कर लेकर आया और संगीता के टीशर्ट के उपर से ही उसके स्तन का माप लेने लगा।
श्लोक- अरे यार, तू अगर तेरी बीवी के स्तनों का माप लेगा तो बेशक उन्हें ज्यादा ही बताएगा। दिखने में इन दोनों के स्तन का आकार लगभग एक जैसा लगता है। अतः मापन में काफी करीबी जीत और हार होगी। अतः ऐसे में तो तुम बेइमानी कर लोगे।
सीमा- हां श्लोक सही कह रहा है। श्लोक को संगीता की स्तनों को मापना चाहिए।
अजय- तो फिर सीमा के स्तनों का मापन मैं करूंगा ताकि तुम्हारी तरफ़ से भी कोई बेइमानी ना हो।
(हमारे इन विवादों के बीच में बीयर का घूंट गले से उतरना लगातार जारी था और सुरूर चढ़ते चढ़ते चढ़ता ही जा रहा था।)
श्लोक- पहले मैंने टेप लेकर संगीता के स्तनों का मापन किया और इस काम में मुझे इतना मजा आया कि जिसका मैं बखान नहीं कर सकता। उसके उभरे हुए स्तनों को टी शर्ट के ऊपर से मैंने जैसे ही नापने के लिए हाथ लगाया मेरा लन्ड अकड़न के चरम पर पहुंच गया।
मैंने संगीता के स्तनों का आकार 34 बताया जो वास्तविक था।
उधर अजय ने सीमा के स्तनों को टी-शर्ट के ऊपर से मापा उसके अंदर के भाव को भी मैं समझ सकता था कि उसके लन्ड में कितना बड़ा तूफान उत्पन्न हो रहा होगा।
अतः हमें यह पता था कि सीमा के स्तन संगीता से छोटे ही होंगे किंतु हमारे पहले किए हुए प्लान के मुताबिक अजय ने सीमा के स्तनों का आकार 34 ही बताया।
सीमा इस पर खुश हुई किंतु संगीता को इस मापन से खुशी नहीं हुई। एक औरत की नजर इन चीजों में बड़ी काम करती है। उसे पूरा विश्वास था कि उसके स्तन सीमा के स्तनों से बड़े हैं। अतः,उसने विरोध प्रकट किया और कहा कि मापन सही नहीं हुआ है।
मैंने कहा कि शायद टी-शर्ट होने की वजह से मापन में त्रुटि रह गई हो अतः असली निर्णय के लिए तुम दोनों को अपनी अपनी टी-शर्ट उतार कर ब्रा में आना होगा।
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[संगीता और सीमा को अगर बियर का नशा न होता तो वह शायद इसके लिए अपने दिमाग को इस्तेमाल कर लेती कि हम दोनों (श्लोक और अजय) का ही कोई प्लान हो सकता है लेकिन बियर के सुरूर में उनको अपना दिमाग चलाने का मौका नहीं मिला और बाकी की कसर उनकी सुंदर दिखने की आपसी प्रतिस्पर्धा ने पूरी कर दी थी।]
एक तो हम चारों के ऊपर शराब का सुरूर था, उसके ऊपर दोस्ती का जो सुरूर हमने नक्की लड़ा कर बनाया था यह असर उसका भी था कि वो दोनों ही अपने टीशर्ट को उतार कर अपने स्तनों का माप देने के लिए हमारे सामने ही तैयार हो गईं।
सीमा ने अपनी टीशर्ट उतार दी और संगीता ने अपनी टीशर्ट उतार दी। दोनों के ही क्लिवेज अब लाइट की रोशनी में उजाला करने लगे। संगीता ने अपनी टी शर्ट उतारी और जो दृश्य हमारी नजर के सामने आया वह वास्तव में बड़ा ही उत्तेजक दृश्य था। गुलाब की पत्ते की आकृति में बनी हुई सुर्ख लाल रंग की ब्रा में जब संगीता हमारे सामने खड़ी हुई तो ऐसा लगा कि इससे सुंदर दृश्य और कहीं नहीं हो सकता था।
अजय और हम दोनों गुपचुप तरीके से एक दूसरे की तरफ मुस्कुराए। अगला कदम सीमा ने उठाया और अपनी टीशर्ट उतार कर काले रंग की ब्रा में हमारे सामने खड़ी हो गई। अवश्य इस दृश्य ने अजय को बेचैन कर दिया था, सीमा को ब्रा में देख कर उसके होंठ जैसे मारे हवस के एकदम से खुल से गये। उसका हाथ अनायास ही उसके लन्ड पर चला गया था।
गुलाब की पंखुड़ियों जैसी ब्रा में संगीता के गोरे रंग के स्तन जो कि ब्रा से बाहर झांकते हुए लग रहे थे और काले रंग की ब्रा में सीमा के स्तन अपने वास्तविक रंग से और ज्यादा गोरे नजर आ रहे थे। यह दृश्य हमारी जीत का पहला प्रतीक था। मैंने फीते को लेकर फिर से संगीता के स्तनों का मापन किया। उसके मुलायम और भरे हुए स्तन जब मेरे हाथों में आए तो ऐसा लगा कि मेरा लिंग सुन्न हो गया है। मगर अपनी भावनाओं को काबू रखते हुए मैंने उसके स्तनों को नाप कर उनका आकार एक बार फिर बताया जो था 34 ही। अजय ने टेप लेकर सीमा के स्तनों को मापा जोकि 32 के थे। जैसे ही संगीता ने 32 सुना,
संगीता खुशी से चिल्लाकर बोली- यस!! मैं जानती थी कि मैं ही जीतने वाली हूं। मेरा अंदाजा कभी गलत नहीं हो सकता था।
उसकी इस खुशी पर सीमा ने नकली रोनी सूरत बनाकर कहा- नो! ये नहीं हो सकता था। ऐसा कैसे हो गया? इसके स्तन मेरे स्तनों से बड़े कैसे हो सकते हैं?
संगीता जोर से चिल्लाने लगी- मैं जीत गई, मैं जीत गई।
इस पर मैंने कहा- अभी तुम्हें केवल एक पॉइंट मिलना है। सीमा के पास जीतने का एक और मौका है।
संगीता- वो कैसे?
श्लोक- वी हैव टू मेजर योर एस (हमें तुम्हारी गांड का मापन करना पड़ेगा)
संगीता- नहीं, ये नहीं होगा।
सीमा यह सुनकर चहक उठी और खुशी से बोली- यस... यस... यस... माय डियर हस्बैंड!! आई नो माय एस इज़ बिग देन संगीता। (हां मेरे प्रिय पति मुझे पता है कि मेरी गांड संगीता से ज्यादा बड़ी है)
संगीता- नहीं यार, मुझे नहीं नपवाना है।
अजय- मान भी जाओ यार संगीता वरना सीमा कहेगी कि उसे जीत का मौका नहीं मिला। और तुम्हारी जीत दुश्मन की हार के बिना अधूरी रह जाएगी।
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हालांकि सीमा और संगीता को इतना होश तो था कि उन दोनों के कपड़े उतरते जा रहे हैं लेकिन वह प्रतिस्पर्धा की इस दौड़ में इस बात से अन्जान थीं कि उनके सामने दो जवान मर्द भी हैं। इसलिए उनका ध्यान इस बात पर नहीं जा रहा था कि वो दो भूखे शेरों के सामने अपने आप को शिकार के रूप में प्रस्तुत करने के मार्ग पर चल पड़ी हैं। पहले तो आनाकानी हुई लेकिन अगले कुछ समय में हमारे समझाने के बाद दोनों रूप की परियां हमारे सामने मात्र चड्डी और ब्रा में थी। दोनों के अर्धनग्न गोरे गुलाबी शरीर को देखकर क्या दृश्य बन रहा था, यह मैं बखान नहीं कर सकता किंतु आप कल्पना जरूर कर सकते हैं यह कितना उत्तेजक दृश्य रहा होगा।
मैंने संगीता के कोमल कूल्हों को चड्डी के ऊपर से मापा और उसका आकार बताया 35″ और नीला ने सीमा के कूल्हों का आकार बताया 34″
यानी कि इस बार भी सीमा हार गई थी और संगीता 2-0 से आगे हो गई थी। इससे पहले कि सीमा के हालात बिगड़ते,
मैंने तीसरा प्वाइंट दोनों पर दाग दिया और कहा- निश्चित रूप से तीसरे खेल में सीमा ही जीतेगी क्योंकि साफ देखा जा सकता है कि सीमा की कमर संगीता से ज्यादा पतली है और सेक्सी महिला वही होती है जिसकी कमर पतली हो।
मैंने संगीता की शानदार कमर में फीता लगाया और उसकी कमर का आकार बताया 27।
इधर अजय ने सीमा की मुलायम कमर को स्पर्श करते हुए फीते से मापन लेकर उसका आकार बताया 26। अतः अब सीमा को भी एक अंक मिल गया था किंतु सीमा अभी भी हार रही थी। इसलिए सीमा का खेल को जारी रखना जरूरी था।
अजय- तीन में से दो अंक संगीता को मिले हैं, इसका मतलब संगीता विजयी हुई है जिसका सीधा सा मतलब है कि मेरी बीवी ज्यादा सेक्सी है।
श्लोक- ऐसा कैसे, अभी खेल पूरा खत्म नहीं हुआ है और जब तक खेल पूरा खत्म नहीं होता तब तक हारने वाला हारा नहीं माना जाता और जीतने वाला विजेता नहीं माना जाता।
अजय- अब क्या बाकी है?
श्लोक- हम भी हमारी बीवियों के एक अंग हैं। हमारी बीवी हमसे मिलकर ही तो हमारी बीवी बनती हैं, तो यह प्रतिस्पर्धा हमारे बीच जारी रहेगी। हमें भी देखना होगा कि तुझमे और मुझमे कौन ज्यादा बेहतर है।
जब मैंने ये बात कही तो सीमा के चेहरे पर एक आस सी बंध गई क्योंकि वो किसी भी हाल में संगीता से हारना नहीं चाह रही थी। मगर हमारा मकसद तो कुछ और ही था। बीवियों के कपड़े तो उतारे ही जा चुके थे। अब पतियों के कपड़े उतरवा कर हमें चारों के बीच में उत्तेजना की चिंगारी को भड़काना था। जब सामने औरत ब्रा और पैंटी में हो तो मर्द के लिंग में तनाव आ जाना बहुत ही स्वाभाविक है। इसी मौके का फायदा मैं और अजय उठाना चाह रहे थे कि जैसे हमें उन दोनों के स्तन और गांड को देख कर जो उत्तेजना हो रही थी वैसे ही वो दोनों भी हमारे नंगे जिस्मों को देख कर उत्तेजित होकर खुद ही इस अदला बदली के खेल को अंजाम तक पहुंचा दें।
(हालांकि हमें पता था कि अजय का लिंग मेरे लिंग से बड़ा था किंतु हमें तो हमारे खेल को आगे बढ़ाना था और बीवियों की अदला-बदली करनी थी)
श्लोक- जब हमने हमारी बीवियों को अर्धनग्न करके खड़ा ही कर दिया है तो क्यों न खेल पूरा खेला जाए और देखा जाए कि किसका लन्ड बड़ा है! तेरा या मेरा?
अजय- वाह, क्या बात है, मैं इसके लिए तैयार हूं।
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हम दोनों की बीवियां नशे के सुरूर में नशीली आंखों से हमारी इस प्रतिक्रिया को देख रही थी। ऐसा नहीं था कि वह इस खेल में रुचि नहीं ले रही थी। उन्हें भी अब इस बात की जिज्ञासा थी कि आगे क्या होने वाला है और दोनों चाहती थीं कि इस खेल में वह ही जीते। हम दोनों ने लगभग एक समय पर अपनी चड्डी नीचे उतारी तो सीमा और संगीता दोनों ही एकटक नजर से घूरते हुए ललचाई आंखों से एक दूसरे के पतियों का लन्ड ताड़ने लगीं। सीमा के लिए बड़े ही आश्चर्य की बात थी कि अजय का लन्ड काफी ज्यादा बड़ा था। लगभग 10 इंच का लिंग उसके सामने फनफनाता हुआ झूल रहा था। उसके लन्ड को देखकर वह अपनी हार भूल गई और उसका पूरा ध्यान अजय के लन्ड पर जा ठहरा। वह एकटक नजर से अजय के लन्ड पर नजरें जमाए हुए थी।
इधर, माना मेरा लन्ड अजय से छोटा था किंतु संगीता भी मेरे लिंग पर नजरें जमाए हुई थी और उसकी भी नजर मेरे लिंग से हट नहीं रही थी। यह भी स्वाभाविक सी बात थी क्योंकि वो दोनों अपने अपने पतियों के लिंग तो रोज ही देखती थीं मगर आज उनके सामने किसी गैर मर्द का लिंग था इसलिए उनका ध्यान इस तरफ आकर्षित होना लाजमी था। ऊपर से बियर का नशा था जो उनको किसी तरह की शर्म महसूस करने से रोक रहा था।
काफी देर तक अजय के लम्बे लौड़े को देखने के बाद जब सीमा को जब होश आया तो उसने कहा- ओह ... हम फिर हार गए।
अजय- अब मान भी लो कि हम विजेता हैं और तुम हारे हुए हो। हम मियां बीवी तुमसे चुदाई के सारे चरणों में शीर्ष पर हैं।
अब सीमा ने भी हार मान ली थी और संगीता खुशी से विनर विनर चिकन डिनर चिल्लाने लगी। लेकिन अब अजय और मेरा आखिरी दांव खेलने का समय था।
अतः मैंने ताली बजाकर सबका ध्यान अपनी और खींचा और कहा- अभी खेल खत्म नहीं हुआ है। आखिरी खेल बाकी है जो कि बाजी को पलट सकता है। यहां पर इस बात का भी ध्यान रखा जाये कि किसी ने कहा है कि हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं। इस खेल का बाजीगर कौन है, वह आखिर में इस खेल के बाद पता चलेगा।
सीमा को फिर से जीत की आस जगी। इस रणभूमि में मर्द पूर्ण रूप से नग्न और महिलाएं अपने अंतर्वस्त्रों अर्थात ब्रा और पेंटी में बैठी हुई थीं और मेरे अगले वक्तव्य का इंतजार कर रही थीं।
फिर मैंने कहा- देखो संगीता और सीमा! सेक्स के खेल में असली विजेता वह है जो कि लंबे समय तक सेक्स कर सके, चाहे वह महिला हो या पुरुष। जो लंबे समय तक इस खेल का आनंद उठाते हैं वही होते हैं सेक्स के खेल के असली विजेता।
अजय- मतलब तू कहना चाहता है कि कौन सेक्स में ज्यादा देर तक टिक सकता है? किसका स्टेमिना ज्यादा है?
श्लोक- हां मेरा मतलब यही है।
सीमा चहक उठी क्योंकि उसे पता था कि इस खेल में उसके पति श्लोक से जीतना किसी साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं है। अतः उससे बिना पूछे ही इस खेल के लिए उसकी हामी तैयार थी। वह जोर से चिल्ला उठी- हो जाए यह खेल!
अजय- तो संगीता द्वारा सीमा को दो क्षेत्रों में तथा मेरे द्वारा तुम्हें एक क्षेत्र में हराने के बाद इस क्षेत्र में भी तुम्हें हराना पड़ेगा। किंतु ठीक है, मैं व्याकुल हूं तुम्हें चारों खाने चित करने के लिए। जितना बड़ा मेरा लिंग है उतना ही लंबा मेरे सेक्स का समय भी। आज बता ही देते हैं कि कौन ज्यादा देर तक मजे लेता है और कौन ज्यादा देर तक मजे देता है। संगीता क्या तुम इस खेल के लिए तैयार हो? अजय ने अपनी संगीता की तरफ देखते हुए जैसे उसको चैलेंज किया।
संगीता- वैसे यह काफी अजीब लग रहा है, लेकिन हां अगर चारों खाने चित करना ही है तो मैं तैयार हूं।
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तो तय हुआ कि हम अपनी-अपनी बीवियों के साथ करीब 20 मिनट यानि कि 9:30 बजे तक फ़ॉरप्ले करेंगे ताकि हमारी बीवियां गर्म हो जाएं और हम भी तैयार हो जाएं और उसके बाद 9:30 बजे अपनी अपनी बीवियों की चूत में अपना लन्ड डालकर धक्के देना शुरू करेंगे और देखते हैं कि कौन ज्यादा देर तक टिक सकता है।
हम दोनों की बीवियां जाल में फंस चुकी थी। अतः वह भी इस खेल को अंजाम देने के लिए तत्पर थीं। हमने अपनी-अपनी बीवियों को अपने करीब किया और चारों एक ही कमरे में एक दूसरे के होंठों को चूसने और चाटने लगे। काफी देर तक होंठों को चूसने व चाटने के बाद मैंने सीमा की छातियों को ब्रा से आजाद कर दिया और उसके स्तनों को पूर्ण रूप से नग्न कर दिया। उधर अजय ने भी ऐसा ही किया और गुलाब की पंखुड़ियों जैसी ब्रा से संगीता के शानदार गोरे गुलाबी स्तनों को आजाद कर दिया। अब हम अपनी-अपनी बीवियों के स्तनों को चूसने चाटने लगे। लेकिन हमारी नजरें एक दूसरे की बीवियों के स्तनों पर ही थीं। अजय ने अपने एक हाथ को संगीता की अंडरवियर में घुसा कर उसकी चूत में उंगली की और उसे सहलाना शुरू किया। इधर मैंने भी ऐसा ही किया। मैंने सीमा को बेड पर धक्का देकर उसके शरीर को अंडरवियर से आजाद कर दिया और पूर्ण रूप से उसको नग्न कर दिया।
अजय ने भी उसी पलंग पर संगीता को धक्का देकर उसे पूर्ण रूप से नग्न कर दिया। अब हम चारों कमरे में पूर्ण रूप से नग्न थे। एक दूसरे के शरीर का नजरों से मजा ले रहे थे। सीमा को मैंने कई बार अजय के लन्ड को निहारते हुए महसूस किया और इधर संगीता की नजरें भी मुझसे कई बार मिलीं जो कि पहले मेरे लिंग को देखती और उसके बाद मेरी आंखों की तरफ।
हम चारों के मुंह पर एक दूसरे को देखकर हल्की हल्की मुस्कान थी और हम एक दूसरे में खोने लगे थे। एक ही बिस्तर पर हमने अपनी बीवियों को लेटा कर उनकी टांगें ऊपर करके उनकी चूत के साथ जीभ से खेलना शुरू किया और हमारी बीवियां अपनी चूत को हमारे मुंह पर दबाकर हमारे मुख चोदन का स्वागत करने लगीं। दोनों की बीवियों ने पहल करते हुए घोड़ी बनकर हमारा लिंग मुंह में लिया और उसे चूसने चाटने लगी और पूर्ण रूप से इस आखिरी खेल के लिए हमारे घोड़े को तैयार किया जो कि इस रेस में दौड़ने वाला था। 9:30 बजने ही वाले थे। हमने अपनी बीवियों को पीठ के बल सीधा लिटाया और उनकी टांगें ऊंची करके अपना लन्ड अपनी-अपनी बीवियों की चूत में डाल दिया जो कि अति उत्तेजना और चिकनाई के कारण एक बार में ही अपनी बीवियों की चूत में चला गया।
यह उत्तेजना सामान्य उत्तेजना से काफी बड़ी थी क्योंकि एक ही बिस्तर पर जब दो जोड़े चुदाई करते हैं तो एक दूसरे के सामने उत्तेजना कितने चरम पर होती है यह वह जोड़ा ही समझ सकता है जिसने की बीवियों की अदला-बदली की हो और जिसने ऐसा नहीं किया हो, वह दो जोड़ों की एक बिस्तर पर चुदाई की पोर्न फिल्म देख कर इस उत्तेजना को महसूस कर सकता है। अब हमने अपनी बीवियों की चूत में धक्के लगाना शुरू किया और हमारी बीवियां हमारे धक्कों का आह... आह... की कामुक सिसकारियों के साथ स्वागत करने लगीं।
संगीता की चूत में धक्के देते देते अजय ने कहा- यार, यह तो गलत बात हो गई है।
श्लोक- क्या गलत बात हो गई है?
अजय- जैसा कि मेरा लिंग तुमसे बड़ा है तो यह प्रतियोगिता तो मेरी बीवी संगीता के लिए मुश्किल हो गई है क्योंकि उसे तो तुमसे बड़ा लिंग अपनी चूत में काफी देर तक लेना है। इस तरह से तो संगीता जल्दी थक जाएगी। अब रही बात सेक्स के खेल में ज्यादा टिकने की तो वैसे भी हमारे अंक तुमसे कहीं ज्यादा हैं, तो अगर फिर भी इसी खेल से जीत और हार का फैसला होना है तो सीमा को थोड़ी कठिन परीक्षा मिलनी चाहिए क्योंकि यह प्रतियोगिता तो सेक्स के खेल में ज्यादा देर टिकने की है। वे 3 अंक जो हमने मिलकर जीते हैं उनके बदले सीमा की परीक्षा को हम थोड़ी सी कठिन नहीं बना सकते? यही तो बराबर का सौदा होगा और इससे पता भी चलेगा कि सीमा अपने उस लिंग जो कि वह रोजाना लेती है से बड़े लिंग को अधिक देर तक ले पाएगी कि नहीं? यही तो इस खेल की सही कसौटी बनेगी। तुम्हारे लिंग को तो वह रोज ही लेती है, उसको तुम्हारा मुझसे छोटा लिंग लेने में क्या परेशानी हो सकती है? बात तो मुकाबले की तब होगी जब वह मेरे साइज के लिंग को झेल कर दिखा दे कि वह कितनी देर तक मेरे जितने बड़े लिंग को बर्दाश्त कर सकती है। बताओ अगर मैं गलत कह रहा हूं तो?
अजय ने सीमा के मदहोशी भरे चेहरे की तरफ देख कर कहा।
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इधर अब मुझे संगीता और अजय को अपनी ताकत का अंदाजा कराना था। संगीता भी मेरी चुदाई के धक्कों से एक बार छूट गई किंतु मैंने उसकी छूट के बावजूद भी अपने जोरदार धक्के उसकी चूत में चालू ही रखे। संगीता की चूत से फच-फच-फच की जोरदार आवाजें आने लगीं और करीब अगले 15 मिनट के अंदर वह मेरी जोरदार चुदाई से दो बार और झड़ी। किन्तु मेरा अंतिम चरम-सुख अभी भी दूर था।
इधर अजय और सीमा भी अपनी थकान उतार कर बैठ गए और हमारी चुदाई का घमासान देखने लगे। करीब उसके 5 मिनट बाद जब मैंने सीमा और अजय को देखा कि वह हमारी चुदाई घमासान को देख रहे हैं तो मुझे यह देखकर काफी उत्तेजना हुई कि एक पति अपनी पत्नी की चुदाई होते हुए कैसे देख रहा है और एक बीवी अपनी सहेली की चुदाई अपने पति के लंड से अपनी ही आंखों के सामने कैसे देख रही है। इस उत्तेजना से आखिर में मेरा गति वेग बढ़ गया और मैंने अपने अंदर का गर्म लावा संगीता की चूत में उड़ेल दिया। संगीता की चूत मेरे लन्ड की चोटों से बाहर तक लाल हो गई थी। अब निढाल होकर गिरने की बारी हमारी थी। करीब 10 मिनट तक सांसें सामान्य होने के बाद अजय ने तालियां बजाकर मुझे विजेता घोषित किया।
सीमा अबकी बार चहक उठी।
मैंने कहा- विजेता केवल मैं नहीं विजेता संगीता भी है, जिसने की इतनी देर तक की असामान्य चुदाई का सामना बिना किसी विरोध के इतनी देर तक किया है। जैसे मैं जीता हूं उसी तरह संगीता भी विजयी है। यानि हम दोनों ही जोड़ें विजेता हैं अतः इस खेल में कोई नहीं हारा। सब जीते हैं।
सीमा- हां बस यह हुआ कि हमें अपने पतियों के अलावा पराए मर्दों ने भी चोद लिया।
संगीता- यार सीमा, तेरे पति की एक्सप्रेस ट्रेन तो वास्तव में बहुत तेज निकली।
इस पर दोनों हंसने लगीं और उनकी हंसी का साथ हम लेते हुए हम चारों भी हंसने लगे।
इस तरह पहली बार हमने एक दूसरे की बीवियों की चुदाई की।
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जब रात में बीयर उतरी और हमने खाना खाया तो दोनों की बीवियों ने ऐसा व्यवहार नहीं किया कि उनके साथ कुछ गलत हो गया। वह सामान्य थी क्योंकि उनके मन में कहीं न कहीं हम दोनों के लिए प्यार तो पनप ही रहा था। मतलब कि हमारी अदला-बदली की चुदाई उनके लिए सामान्य थी। और हमारे लिए उनकी चुदाई सामान्य। अतः इस तरह हमारी बीवियों की अदला-बदली करने की शुरुआत हुई और हमने अपने इस जीवन का भरपूर आनंद उठाना शुरू कर दिया और अभी भी इस जीवन को भोग रहे हैं।
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श्लोक राजवीर से- हमारा पहला सेक्स ही ग्रुप सेक्स हुआ। पता है ज्यादातर हमारा एक बेडरूम तो खाली ही रहता है। हम चारों रोजाना साथ ही सोते हैं। ग्रुप चुदाई के हमने सारे आसन पूरे कर लिए हैं जिसका मैं कभी बाद में बखान करूंगा।
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इस घटना के कुछ दिनों के बाद अजय ने ऑफिस में मुझसे कहा- यार, मैं याराना की प्रमुख नायिका तृप्ति से मिलना चाहता हूं। जितना उनके बारे में सुना है क्या वह उतनी ही खास है?
श्लोक- हां ... तृप्ति दीदी सबसे ज्यादा खास है। हालांकि सीमा, संगीता भी कम नहीं। लेकिन जो मजा तृप्ति दीदी की चुदाई में है वह मजा शायद ही किसी और महिला की चुदाई में आज तक मुझे मिला हो।
अजय- तो क्यों न तुम्हारे जीजा जी और तृप्ति को यहां बुलाकर अदला बदली की जाए।
श्लोक- यह एक अच्छा विचार है अजय। किंतु जीजा जी से एकदम से आप लोगों को नए जोड़े के रूप में परिचित करवाना उनके लिए शायद अजीब हो सकता है। पहले मैं तृप्ति दीदी को यहां कुछ समय के लिए बुला लेता हूं। उनकी तुम लोगों से जान पहचान करवाता हूं और उसके बाद तृप्ति दीदी, जीजा जी को यहां आने के लिए मना लेगी।
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श्लोक राजवीर से -- हमने तृप्ति दीदी को कुछ समय के लिए अहमदाबाद बुलाया था। तृप्ति दीदी अजय और संगीता से काफी घुल-मिल गई थी। उन्हें भी हमारे इस जीवन के बारे में पता चल गया था। किंतु वह आपकी आज्ञा के बिना इस चुदाई संग्राम में शामिल नहीं होने वाली थी। जब उनका जन्मदिन आ रहा था तब सीमा संगीता और मैंने उन्हें जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए उनसे साथ में चुदाई में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने सोचने के लिए कुछ समय लिया।
अजय और मुझे लगा कि तृप्ति दीदी की हरी झंडी अब हमें मिल ही जाएगी। अजय, तृप्ति दीदी को देखकर वैसे ही बड़ा उत्तेजित था और क्यों न हो, तृप्ति दीदी है ही ऐसी बला की खूबसूरत। किंतु अचानक से तृप्ति दीदी के पास आपका फोन आ गया और उनके जन्मदिन को मनाने के लिए आपके पास जयपुर चली गई। हमारा ख्वाब यहीं अधूरा रह गया। बस यही था तृप्ति दीदी के जन्मदिन को मनाने का हमारा प्लान।
राजवीर- वाह यार श्लोक ... मजा आ गया तुम्हारा किस्सा सुनकर। क्या तरीके से शामिल किया तुमने सीमा और संगीता को अपनी इस बदला बदली की चुदाई में।
श्लोक- बस राजवीर जीजू, सब आप की संगत का नतीजा है। तो अब हम चार नहीं कुल 5 जोड़े हैं जो कि मालदीव में महायाराना का आनंद लेने के लिए तैयार हैं। तो बताइए कैसे क्या प्लानिंग करनी है? कृपया यह भी बताइए कि वह जोड़ा कौन है जिसके लिए मैं अन्जान हूं। मैं भी आप की अदला-बदली की वह कहानी सुनना चाहता हूं जिससे कि आपने उस अज्ञात नए जोड़े को इस खेल में शामिल किया।
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श्लोक मुझसे याराना का तीसरा दौर की कहानी जानने के लिए बेताब था। अतः इस रास्ते में मैंने विस्तार से उसे याराना का तीसरा दौर की कहानी सुनाई जिसमें कि मैंने उसे बताया कि कैसे विक्रम और उपासना ने मुझे अपने साथ अदला-बदली के खेल में शामिल किया और कैसे हमने तृप्ति के साथ उसका जन्मदिन मनाया।
यह उसके लिए बहुत बड़ा आश्चर्य था लेकिन जानने के बाद वह बहुत खुश हुआ क्योंकि उसने भी उपासना को देखा हुआ था और वह भी उपासना की चुदाई के सपने देखने लगा था। अब तो श्लोक इस महा याराना के लिए और भी बेताब हो गया था।
राजवीर श्लोक से- श्लोक! इस महा याराना का आयोजन जो मैं करने जा रहा हूं, उसकी सबसे बड़ी विशेषता यही है कि सबको इसमें कुछ ना कुछ आश्चर्य मिलने वाला है। लेकिन तुम्हें यह सब इसलिए बताया है क्योंकि मैं अकेला इतना सब कुछ आयोजित नहीं कर सकता। अतः मुझे तुम्हारी सहायता की आवश्यकता होगी।
श्लोक- बताइये क्या सरप्राइज़ होगा सबके लिए?
राजवीर ने पूरी योजना समझायी:- देखो जब मैं और तृप्ति मालदीव के लिए निकलेंगे, तब तृप्ति और उपासना को पता नहीं होगा कि वहां हम चारों एक बार फिर इकट्ठा हो जाएंगे। यानि विक्रम और उपासना से हम यह कहेंगे कि हम शिमला घूमने जा रहे हैं और तुम मालदीव चले जाना।
किंतु विक्रम को सच पता होगा कि मैं और तृप्ति उसे मालदीव में ही मिलेंगे। इस तरह उपासना के लिए मालदीव में हमारा मिलना सरप्राइज़ होगा। इधर मैं अपने सबसे पहले वाले याराना के साथियों रणविजय और प्रिया को भी मालदीव बुलाऊंगा। उन्हें लगेगा कि मालदीव में उन दोनों को केवल हम, यानी राजवीर और तृप्ति ही मिलेंगे अतः वह यह सोचकर मालदीव आएंगे कि एक बार फिर चारों का याराना हो जाएगा। लेकिन रणविजय और प्रिया को मालदीव में हमारे साथ-साथ तुम दोनों और विक्रम और उपासना भी मिल जाओगे। यह उनके लिए बड़ा सरप्राइज़ होगा। विक्रम के लिये भी तुम्हारा और रणविजय तथा प्रिया का मिलना सरप्राइज होगा। इधर तुम अपने अदला-बदली के साथियों संगीता और अजय को भी मालदीव बुलाना। वे सोचेंगे कि मालदीव में केवल तुम चारों की अदला-बदली की चुदाई का मजा लोगे किंतु जब वह मालदीव में तृप्ति और मुझे पाएंगे तो उनकी मनोकामना भी पूरी हो जाएगी। इधर जब सीमा को वहां विक्रम, रणविजय और हम सब मिलेंगे तो उसके लिए भी यह एक सरप्राइज़ होगा। इधर मेरी पत्नी तृप्ति को भी मालदीव में तुम सबके तथा विक्रम उपासना के होने की जानकारी मैं पहले नहीं दूंगा और सबसे बड़ा धमाका तो तब होगा जब वह अपने याराना के पहले अदला-बदली के साथियों यानि रणविजय और प्रिया से मिलेगी। यानि कि कुल मिला कर याराना के इन चार चरणों के बाद एक महा याराना वहां पर मना कर एक बड़ा धमाका करेंगे।
हम अलग अलग समय पर एक ही होटल में अपनी बीवियों के साथ कमरा लेंगे और जब रात होगी तो किसी बहाने से बाहर आकर सारे मर्द एक जगह इकट्ठा होकर अदला-बदली कर लेंगे। मर्दों के बीच में बात में को पक्का करके सब अलग-अलग बीवियों के कमरे में जाएंगे और जब हमारी बीवियों का सामना अलग-अलग लेकिन जाने पहचाने मर्दों से होगा तो उनकी उत्तेजना कुछ और ही होगी। जब सब बीवियों को पता चल जाएगा कि हमारे साथ यह सब भी हैं फिर हम मालदीव के 5 कमरों वाले टापू पर एक बड़ा होटल लेंगे और वहां पर महा याराना का आयोजन करेंगे। तो कैसा लगा मेरा प्लान?
श्लोक- वाह यार जीजू! यह सुनने में ही इतना उत्तेजक है तो उस समय क्या होगा जब हम सब एक साथ इकट्ठा होंगे। मजा आएगा बहुत। इस महा याराना को जल्दी से शुरू करो।
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राजवीर- करते हैं। करते हैं श्लोक! अभी इतनी जल्दी भी क्या है। अभी तो एक और याराना इस महायाराना से पहले हमारा इंतजार कर रहा है।
श्लोक- क्या कहा एक और याराना? इस महा याराना से पहले? वह कैसे? क्या आपके पास अभी भी मेरे लिए कोई सरप्राइज़ है?
राजवीर- हां और क्या? तो तुम्हें क्या लगता है गोवा में हम यहां किसी बिजनेस की मीटिंग के लिए आए हैं? तुम ही बताओ हमारे बिज़नेस का अभी तक तो गोवा से कोई संबंध ही नहीं है फिर गोवा में कौन सी मीटिंग हो सकती है?
श्लोक- लेकिन हमारे साथ हमारी बीवियां तो हैं ही नहीं, फिर हम कैसे याराना मनाएंगे? क्या किसी वैश्या के साथ?
राजवीर- अरे नहीं यार श्लोक, जब जिंदगी इतनी हसीन अदला-बदली से गुजर रही हो तो वेश्याओं की क्या जरूरत होती है। आओ गोवा में याराना बनाते हैं और इस का मजा लेते हैं।
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