Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 1.25 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery याराना...
Wow ek hi din mein itne updates ek hi saath post kar diye. Thanks to u n original writter
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
सच में बहोत ही बढ़िया कहानी है पढ़ कर लगा कि काश जिंदगी में एक बार ऐसा कोई काम मेरे साथ में भी हो तो मजा आजाये लेकिन कहते हैं न कथनी और करनी में फर्क होता है हम सभी लोग सभ्य समाज के नियमों से बंधे हुए हैं और बस फैंटेसी में ही इसे पूरा कर सकते हैं। thanks
[+] 7 users Like asha10783's post
Like Reply
मस्त।
[+] 4 users Like bhavna's post
Like Reply
(16-08-2019, 03:47 AM)asha10783 Wrote: सच में बहोत ही बढ़िया कहानी है पढ़ कर लगा कि काश जिंदगी में एक बार ऐसा कोई काम मेरे साथ में भी हो तो मजा आजाये लेकिन कहते हैं न कथनी और करनी में फर्क होता है हम सभी लोग सभ्य समाज के नियमों से बंधे हुए हैं और बस फैंटेसी में ही इसे पूरा कर सकते हैं। thanks

banana welcome
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
(09-08-2019, 09:05 PM)Sam Fisher Wrote: Wow ek hi din mein itne updates ek hi saath post kar diye. Thanks to u n original writter

banana welcome
Like Reply
(16-08-2019, 06:29 AM)bhavna Wrote: मस्त।

banana welcome
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
Update दो जी
[+] 2 users Like asha10783's post
Like Reply
(17-08-2019, 03:55 AM)asha10783 Wrote: Update दो जी

खत्म हो गई...
Like Reply
waiting for more as stated in last of story
[+] 1 user Likes sn7681's post
Like Reply
Heart

Dear all, Hope you like my stories... To read all my stories please go to the link
Like Reply
Heart

याराना का चौथा दौर...
Like Reply
banana

यह कहानी सच्ची घटनाओं को थोड़ा तोड़-मरोड़ कर पिरोई गयी है। इस कहानी के पूर्ण रूप से काल्पनिक या वास्तविक होने का मैं दावा नहीं करता हूं। यह कहानी याराना का तीसरा दौर अर्थात् उपासना-विक्रम के साथ हम दोनों पति पत्नी अर्थात् राजवीर-तृप्ति की अदला-बदली वाली चुदाई के बाद की कहानी है।
Like Reply
उपासना की चुदाई की अगली सुबह जब मैं उठा तब उपासना मेरे साथ उनके बेडरूम में पूरी तरह नंगी पड़ी हुई थी। खिड़की से हल्का सा प्रकाश रहा था जिसमे मैं उपासना के गोरे रंग के चमकते हुए नंगे बदन को देख सकता था। यह दृश्य बिल्कुल उसी तरह था जिस तरह कि उपासना और विक्रम ने एक झूठी घटना को मुझे अदला-बदली में शामिल करने के लिए गढ़ा था। लेकिन जहां उस वक्त में मुझे अपनी आंखें खोलते ही एक घबराहट का अहसास हुआ था वहां उस घबराहट की जगह मन्द मुस्कराहट ने ले ली थी।

 
सुबह उठकर हम चारों यानि विक्रम-उपासना और मैं तथा तृप्ति एक साथ नाश्ते की टेबल पर मिले। जहां एक दूसरे ने हमारे इस नए जीवन का स्वागत मुस्कराहट के साथ किया।


##
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
उस घटना को करीब एक सप्ताह हो गया था।

 
विक्रम और मैं सुबह ऑफिस जाते और शाम को घर आकर खाना खाकर एक दूसरे की बीवियों के साथ सोते। यानि तृप्ति अपने कॉलेज के दिनों के प्रेमी विक्रम के साथ पति-पत्नी का जीवन जी रही थी और विक्रम जो कि रिश्ते में अब तृप्ति का देवर हो चुका था, वह रोज अपनी भाभी की चुदाई करता। इधर मैं विक्रम की पत्नी उपासना की चुदाई करता। इस प्रकार जीवन एक दूसरे की बीवियों के साथ अदला बदली करके मजेदार चल रहा था।
 
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
करीब सात दिन बाद आज तृप्ति ने मेरे साथ यानि अपने असली पति के साथ सोने की इच्छा जताई और आज हम दोनों साथ थे।


तृप्ति और मैं अपने बैडरूम में:

राजवीर- आखिर प्रेमी के साथ रहकर भी असली पति की याद ही गयी तुम्हें?

तृप्ति- कम से कम मुझे आई तो? तुम तो मुझे भूल ही गये। ऐसे डूब गए उपासना की चूत की गहराइयों में कि कभी मेरे बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई।


राजवीर- नहीं यार। मैं तो कब से तुम्हारे पास आने वाला था। मगर सोचा कि बिछड़े प्रेमियों को साथ रहने देकर प्रेम में बाधा बनूं।

तृप्ति- सच बताऊं तो राज, मुझे प्यार तो है लेकिन विक्रम से नहीं, केवल तुमसे। मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल नहीं रह सकती। विक्रम अच्छा है लेकिन कॉलेज के समय जो हुआ वह एक आकर्षण था जोकि तब ही खत्म हो गया था। शादी के बाद विक्रम के बारे में मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा। मगर उसके बाद फिर जो अदला बदली हुई तो मैं जज्बातों में बह गई। हवस में आकर मैंने सोचा कि क्यों पुराने प्रेमी के लंड का स्वाद भी लेकर देखा जाये. देखना चाह रही थी कि देवर भाभी जो कभी प्रेमी-प्रेमिका वाले आकर्षण से गुजरे हों अगर उनको एक मौका दिया जाये तो वो किस हद तक चुदाई का मजा ले पाते हैं.

उसकी इस बात पर हम दोनों हंसने लगे।


शुरूआत में तृप्ति और मेरे बीच में आज तक कभी ऐसे खुल कर बातें नहीं होती थी। ये इन तीनों अदला बदली की चुदाई का ही कमाल था कि वह इतनी बोल्ड हो गयी थी। वह अब बेहिचक अपनी इच्छाएं और अपने मन के भाव मेरे साथ शेयर कर लेती थी। लंड और चूत जैसे शब्द तो उसके लिए सामान्य हो गये थे।

तृप्ति- तुम्हारी बात सबसे अलग है राज। प्यार तो मुझे बस तुमसे है। कितना भी चोद ले कोई मुझे, लेकिन मेरे जिस्म को बस जैसे तुम्हारी बांहों का ही इंतजार रहता है। तृप्ति की ये बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और उस पर बहुत प्यार आया।

उस पर रहे इस प्यार को जाहिर किये बिना ही मैं बोला- चलो माना कि विक्रम के लिए वो प्यार रहा हो लेकिन श्लोक??? उसके बारे में क्या टिप्पणी करना चाहोगी आप? वो तो प्यारा भाई है तुम्हारा। ऊपर से उसका वो अंदाज जो चूत को उधेड़ देने वाली चुदाई करके रख देता है, वो तो किसी भी औरत को अपना दीवाना बना सकता है।

तृप्ति- सच कहा राज! श्लोक की चुदाई किसी भी औरत को अपना दीवाना बना दे और चुदाई के मामले में तो मैं उसकी दीवानी हूं। श्लोक भी बहनचोद बनकर अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझता है कि उसे ऐसी कमसिन औरत की जी भर के चुदाई करने का सौभाग्य मिला।

राजवीर- तो फिर बताओ, विक्रम उपासना से चुदाई के पहले और तुम्हारे जन्मदिन के पहले जब तुम अहमदाबाद श्लोक के पास थी तो तुमने कैसे कैसे मजे किए?

तृप्ति- ओह हां ... मैं तो तुम्हें बता ही नहीं पायी कि वहाँ क्या हो रहा था। श्लोक और सीमा हमारी सोच से काफी आगे बढ़ गए हैं।


मैं- अच्छा? वो कैसे?

तृप्ति- अरे यार, श्लोक और आप दोनों दोस्त हो, तो आप श्लोक से ही जानिए इस बारे में। वो बड़े रोचक ढंग से आपको ये बात बता पाएगा।


मैं- अच्छा। अगर तुम्हें ऐसा लगता है तो यह किस्सा श्लोक से ही सुना जाएगा और वैसे भी अब हम दोनों को ऑफिस के सिलसिले में गोवा जाना है तो रास्ता और समय इन चुदाई की बातों में अच्छा कट जाएगा। चलो अब सोते हैं।

इस तरह बातें करते हुए हम सोने की तैयारी करने लगे।
[+] 3 users Like usaiha2's post
Like Reply
बीते सप्ताह में तृप्ति ने विक्रम से और मैंने उपासना से इतनी चुदाई की थी कि हम पति-पत्नी के मन में चुदाई का ख्याल बिल्कुल था। मुझे नहीं पता कि यह मेरे साथ ही हो रहा था या तृप्ति भी ऐसा ही सोच रही थी। किंतु सोने से पहले जब तृप्ति ने अपने सारे कपड़े उतारे तो उसकी गोरी पतली कमर पर चमकदार कुल्हे देख कर मेरा लन्ड हिचकोले खाने लगा।

 
दोस्तो, तृप्ति को जब मैंने देखा तो उसकी चुदाई का ख्याल मन में आखिरकार जाग ही गया। जैसे ही सफेद गुलाबी देह की मालकिन मेरे बिस्तर में आकर गिरी तो उसे चूमे बिना नहीं रहा गया। मैंने अपना मुंह अति आकर्षण पैदा कर रहे कूल्हों में घुसा दिया और उसके कूल्हों को दांतों से काट कर लाल कर दिया। उसने मेरी उत्तेजना को समझते हुए अपनी गांड का छेद मेरे मुंह पर दबा दिया. अतः मैंने उसके उभरे हुए गांड के छेद को अपनी जीभ से ऊपरी भाग तक चोदना शुरू कर दिया।

तृप्ति अपनी गांड को मेरे मुंह पर जोर-जोर से दबाने लगी। हम दोनों इतने उत्तेजित हो गए थे कि एक दूसरे में समाने के लिए बेसुध हो पड़े थे। तृप्ति ने मुझे बिस्तर पर गिरा कर मेरे तने हुए लन्ड को चूसना शुरू कर दिया और अपने थूक से लपेटते हुए उसे चूस-चूस कर उसे चिकना बना दिया। उसके बाद उसने मुझे पीठ के बल सीधा लेटा दिया और ऐसा करने के बाद मेरी रानी ने मेरे खड़े लिंग को अपनी गांड के छेद के अंदर लेते हुए उसको आहिस्ता से हौले-हौले भीतर लेते हुए बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर नीचे हो कर लपालप ... लप-लप की आवाज करते हुए मेरे लिंग का भोज अपनी गांड को कराने लगी। मेरी हुस्न परी बीवी के गोरे गुलाबी स्तन मेरे सामने उचकते हुए एक अलग ही दृश्य पैदा कर रहे थे। अतः मैंने अपने दोनों हाथों से उन्हें दबाकर मसलना शुरू कर दिया। उसके आकर्षक शरीर ने मुझे इतना दीवाना बनाया कि मैं जाहिल और हवस के प्यासे मर्द की तरह उसके स्तनों को नोंचने लगा। तृप्ति ने सिसकारियां भरते हुए अपने स्तनों को मेरे मुंह पर जोर डालते हुए दबाया और अपना एक स्तन मेरे मुंह में दे दिया। इसका अर्थ यह था कि अब तृप्ति की जोरदार चुदाई चालू हो गई और तेज पट-पट की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी। करीब 15 से 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं तृप्ति की गांड में ही झड़ गया। दोनों बेसुध होकर एक दूसरे की बांहों में गिर गए और पता ही नहीं चला कि कब नींद गई।
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
अगले दिन मैंने श्लोक को मेल किया कि कल बिजनेस मीटिंग के लिए हमें गोवा के लिए निकलना है, इसलिए मैं तुम्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट पर मिलूंगा. वहां पर मुझे तुम तैयार मिलना. वहां से हम दोनों 5 दिन के लिए गोवा चलेंगे।

 
कुछ देर बाद श्लोक ने मेरे मेल के उत्तर में हां करते हुए मुझे गोवा जाने के लिए हरी झंडी दिखा दी।
 
##
 
अगली सुबह मैं अहमदाबाद के लिए निकल गया।
 
करीब सुबह 10 बजे श्लोक और मैं आमने सामने थे। दोनों जीजा-साले पुराने यारों की तरह गले मिले।

श्लोक- क्या यार जीजू, कितना दूर कर दिया मुझे अपने से! बड़े दिन लगे सामान्य जीवन में ढलने के लिए।

हंसते हुए मैंने उसको छेड़ने के इरादे से पूछा- यह मुझसे बिछड़ने का दुख है या अपनी बहन तृप्ति से?

श्लोक- अरे ... माना कि याद उनकी भी सताती है लेकिन आप भी मेरे लिए कम नहीं। आप मेरे सबसे अजीज़ दोस्त, सबसे प्यारे साथी और सबसे प्यारे जीजू हो। मुझे आपकी कंपनी की बहुत याद आती है। दोस्त बहुत नए मिल गए लेकिन आप जैसा कोई नहीं है।


मैं (राज)- चलो अच्छा है कि मेरी इतनी कद्र है तुम्हें। खुशी हुई यह जानकर। वैसे श्लोक मुझे भी तुम्हारी काफी याद आती है और साथ ही सीमा की भी। वैसे तुम बुरा मत मानना। तुम्हारी याद पर सीमा की जाँघों की याद ज्यादा भारी है। उसकी लंबी टांगें मुझे सबसे ज्यादा याद आती हैं।

इस पर हम दोनों हँसने लगे। फिर हमने अगली फ्लाइट पकड़ी।
 
दोनों साथ बैठे और याराना के यारों का बातचीत का दौर शुरू हुआ।


श्लोक- और बताइए, कैसी चल रही है हमारे बिना आप दोनों की जिंदगी? खैर, मैं आपसे नाराज हूं जो आपने तृप्ति दीदी को उनके जन्मदिन पर एकदम से बुला लिया। हमने उनके जन्मदिन का खास इंतजाम किया था जिसे हम पूरा नहीं कर सके।

राज- यार मैं भी पति हूं उसका। मेरा भी हक़ बनता है उसका जन्मदिन मनाने का।

श्लोक- वैसे क्या था वो विशेष प्लान जो कि आपने तृप्ति दीदी के साथ संपन्न करके उनका जन्मदिन खास तरीके से मनाया?

राज- वो कभी बाद में बताऊंगा।

(
मैं फिलहाल श्लोक को, विक्रम-उपासना के साथ हुआ याराना नहीं बताना चाहता था और श्लोक से उस किस्से की बात निकलवाना चाहता था जिसके बारे में तृप्ति बात कर रही थी
)
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
श्लोक- अच्छा... चलो ठीक है।


राज- यार श्लोक, मैं अबकी बार कुछ बड़ा आयोजन करने के बारे में सोच रहा हूँ।

श्लोक- वाह! सेक्सी जीजू के मन में एक और नया प्लान! आईं एम एक्साइटेड। (मैं उत्साहित हो रहा हूं)

राज- मुझे लगता है कि अब छोटे-छोटे याराना बहुत हुए। अब समय है कि सभी यारों को मिलाकर यारों का याराना बनाया जाए।


श्लोक- ओह... मुझे लगता है आप सबको इकट्ठा करने के बाद सामूहिक चुदाई सम्मेलन आयोजित करना चाहते हैं। क्यूं सही पहचाना मैंने जीजू?

राज- हम्म्म्म! सही समझे श्लोक ... अब हम आठों को मिलकर एक दूसरे से सम्भोग का सुख ले ही लेना चाहिये।


श्लोक- .. .. क्या... क्या? आपने आठ कहा? आपने गलत अंक कहा है या फिर मेरा गणित गलत है?

राज- नहीं मैंने तो कोई गलत अंक नहीं कहा।


श्लोक- तो फिर हम आठ कैसे हुए? आप और तृप्ति दीदी, मैं और सीमा, आपका दोस्त रणवीर और उनकी बीवी प्रिया, कुल मिला कर हम तो छह ही हुए।

राज- हम्म। ये तो छह ही हुए लेकिन बाकी के दो सदस्य तुम्हारे लिए सरप्राइज़ के रूप में सामने आयेंगे।

श्लोक- क्या बात करते हो जीजू? इतने लोगों का सामूहिक चुदाई के लिए मिलना ही एक बड़ी उत्तेजना का विषय है। उसके ऊपर से आप मुझे सरप्राइज़ और देना चाहते हैं! आखिर कौन है वहा जोड़ा... प्लीज बताइए !

मैं- श्लोक इस याराना में मैंने सभी चरित्रों के लिए सरप्राइज़ रखा है और उनमें तुम भी शामिल हो। चिंता मत करो, समय आने पर तुम्हें सब पता चल जाएगा और जब पता चलेगा तब तुम्हारी खुशी का ठिकाना नहीं होगा।

(
मैं श्लोक से विक्रम और उपासना के जोड़े को याराना में सम्मिलित होने की बात को छुपा रहा था और यही उसके लिए सरप्राइज़ था
)
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
श्लोक- चलिए ठीक है। मैं इंतजार का मजा लेता हूं। वैसे कहां आयोजन होगा इस महा-याराना का?

राज- मालदीव कैसी जगह रहेगी? वहाँ हम 4 कमरों का एक कॉटेज बुक करेंगे और लम्बे समय तक एक दूसरे की बीवियों की चूत चुदाई का मजा लेंगे। अलग से चुदाई, अलग-अलग लोगों से चुदाई, सामूहिक चुदाई ... बड़ा मजा आएगा!

श्लोक- सच जीजू? मेरा लंड तो इसके बारे में अभी से सोचकर ही खड़ा हो गया। लेकिन सारे सरप्राइज़ केवल आप देंगे तो यह आपके साथ नाइन्साफी है।


मेरे पास भी आपके लिए एक सरप्राइज़ है। आप वहां 4 कमरों वाला नहीं 5 कमरों वाला कॉटेज बुक कीजिए। वह भी समंदर के किसी टापू पर, जहाँ हम लोगों के अलावा और कोई हो। ताकि दस के दस उस अदला बदली की दुनिया में खो जाएं वहां जाकर।

(
ऊंट पहाड़ के नीचे गया था। श्लोक द्वारा मुझे उनके अहमदाबाद के उस किस्से की शुरूआत का हिंट मिल गया था)

राज- 5 कमरे? लेकिन क्यों? हम तो आठ ही हैं।


श्लोक- नहीं जीजू, हम 10 लोग होंगे इस महा-याराना में। बाकी के दो का राज मैं आपको बताता हूं। लेकिन फिर आपको बताना होगा कि वो सातवें और आठवें सदस्य का क्या राज़ है!

राज- ठीक है। वादा रहा।


श्लोक- तो सुनिए जीजू। याराना का वो दौर जिससे आप अन्जान हैं। मेरे और सीमा के साथ किसी नए जोड़े की अदला बदली की चुदाई की कहानी से अब मैं पर्दा उठाने जा रहा हूं। आपका लंड अभी खड़ा कर दिया तो कहना।
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
अब श्लोक के मुंह से सुनिये अहदाबाद में भाई-बहन की चुदाई वाले याराना की घटना…


श्लोक- हमारे यहां अहमदाबाद आने के बाद बिजनेस का सारा भार मुझ पर था। मुझे ऑफिस के मालिकाना कार्य भी करने थे तथा मैनेजमेंट भी संभालना था। बिजनेस के सिलसिले में बड़े-बड़े लोगों से मीटिंग करनी पड़ती थी। इतना सारा काम एक अकेले आदमी से नहीं हो सकता था। जिस तरह आपने अपनी सहायता के लिए मेरे स्थान पर वहां विक्रम को बुला लिया था ताकि वह मैनेजमेंट का काम देख कर आपका भार हल्का कर सके मुझे भी यहां पर एक मैनेजर की जरूरत थी। अतः मुझे मेरे कॉलेज के समय के पक्के दोस्त अजय की याद आई जो कि मुंबई में किसी बड़ी कंपनी में इसी तरह का कार्य कर रहा था।
 
मैंने उसे अपनी कंपनी छोड़ कर हमारी कंपनीमें शामिल होने का ऑफर दिया क्योंकि वह जिस कंपनी में कार्य कर रहा था उस कंपनी का नाम हमारी कंपनी से बहुत बड़ा था। उसने पहली बार में तो मुझसे अपनी कंपनी में शामिल होने से मना कर दिया किंतु दूसरी बार उसे मैंने अच्छा पैकेज ऑफर किया जो कि उसके वर्तमान वेतन से करीब 50000 रूपये महीना ज्यादा था। ऊपर से अहमदाबाद में रहना मुंबई में रहने से सस्ता था। अतः उसने यह ऑफर स्वीकार कर लिया।

अजय ने अपनी पुरानी कम्पनी को त्याग पत्र तो दे दिया किंतु उसे उसकी कम्पनी ने छोड़ा नहीं। उसे दो महीने तक ऑफ़िस में सही किन्तु इन्टरनेट पर उपलब्ध रहने की शर्त पर छोड़ा गया। अतः वह हमारे साथ अहमदाबाद तो रह सकता था किंतु दो महीने तक अपना समय मेरी कम्पनी को नहीं दे सकता था। इसी के चलते अजय और मेरे बीच में यह पक्का हुआ कि दो महीने जब तक वह हमारी कम्पनी के काम के बारे में समझ नहीं जाता, वह मेरे ही साथ मेरे ही फ्लैट में रहेगा ताकि शाम के समय तथा छुट्टी के दिन उसे बिना कहीं आने जाने की जरूरत के कम्पनी के बारे में समझने का मौका मिल जाए।

अब आपको अजय के बारे में बताता हूं। अजय 30 वर्षीय सुंदर, गोरे रंग वाला जवान है। जिसकी शादी 3 साल पहले 28 वर्षीय संगीता से हुई थी। वे दोनों ही पति-पत्नी घरवालों से दूर मुम्बई में रहते थे क्योंकि अजय की नौकरी मुम्बई में ही थी। कॉलेज में साथ होने के कारण और आपस में पक्के दोस्त होने से हमें एक दूसरे की बेहद करीबी बातें पता थीं जोकि जरूरत होने पर मैं आपको बताता जाऊंगा।
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)