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Adultery बर्बादी को निमंत्रण
(09-01-2019, 10:16 AM)DR.DINGDONGDING Wrote: Nice update.  Interesting development.       ..... पर sex scene पालक झपकते ही खत्म होगया। कृपया अगला sex scene जभ भी आये उसे विस्तार में लिखिये मेरा निवेदन।।।।

Ji zarur... Comment ke liye aapka bahut bahut dhanyawaad...
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
(09-01-2019, 11:46 AM)Agentneon Wrote: Superb start! Nicely written..keep it up ????

Thank you so much... 
Please add reps also.
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Agla update kal.... Update taiyaar hai bus kal ki behas padh raha tha.. to thoda dara hua ki ki kahani readers ki choice se likhu yaa fir jo mere mind me tha use hi likhu...
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यदि आप पुरुष गृह सेवक को जोड़ते हैं तो आपकी कहानी अधिक गर्म और कामुक होगी। इस गर्म कहानी को लिखने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
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मुझे ऐसा लगता है कि यदि आप साधु बाबा को अतिरिक्त महत्व देते हैं, तो यह कहानी बहुत गर्म और कामुक हो जाएगी।
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(10-01-2019, 09:21 AM)Veer Wrote: यदि आप पुरुष गृह सेवक को जोड़ते हैं तो आपकी कहानी अधिक गर्म और कामुक होगी। इस गर्म कहानी को लिखने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Thank you dear...
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(10-01-2019, 09:35 AM)Raju123 Wrote: मुझे ऐसा लगता है कि यदि आप साधु बाबा को अतिरिक्त महत्व देते हैं, तो यह कहानी बहुत गर्म और कामुक हो जाएगी।

Thank you dear...
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(10-01-2019, 12:57 AM)Rocksanna999 Wrote: Agla update kal.... Update taiyaar hai bus kal ki behas padh raha tha.. to thoda dara hua ki ki kahani readers ki choice se likhu yaa fir jo mere mind me tha use hi likhu...

आप निश्चिंत होकर अपने mind से लिखे आपका writing style बहुत अच्छा और हटके है मुझे पूरा भरोसा है कि आपका story idea अच्छा ही होगा।।।
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अपडेट - 8



करीब 7.30 या 8 बजे सुरेश अपना सामान जमा कर एयरपोर्ट पहुंच जाता है  जहां से सुरेश आने एक महीने के तौर टूर पर निकल जाता है।


चंचल अकेली घर पर बोते हो रही थी कि तभी करीब 11.30 के करीब दरवाजे पर नॉक होता है। चंचल चौंक जाती है कि आखिर इस वक़्त कौन है। चंचल दरवाजा खोल कर देखती है तो ये कोई और नहीं बल्कि उसकी देवरानी सरिता थी। चंचल सरिता को देख कर बेहद खुश होती है। दोनों एक दूसरे को गले लगती है और घर मे आ जाती है।



अब आगे....



चंचल और सरिता जहाँ दोनो एक तरफ एक दूसरे से एक लंबे समय बाद मिल कर खुश हो रही थी वहीं उनके पति ग़म और टेंशन मैं खोये जा रहे थे। दरअसल सुरेश को इस बात का बहुत पछतावा हो रहा था कि वो आज पहली बार अपनी माँ चाँदनी से झूठ बोल कर इतनी दूर जा रहा था जिसके लिए उसका मन कतई तैयार नही हो पा रहा था। और राज इसलिए दुखी हो रहा था क्योंकि रोज रात को जब वो थक कर घर आता था तो अपनी प्यारी पत्नी का चेहरा देखते ही उसकी थकान दूर हो जाती थी। राज और सरिता दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार जो करते थे । 


चंचल और सरिता दोनों काफी देर तक बात करती रही। लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि बातों बातों में रात के 9 बज गए तब चंचल के मन में ख्याल आया।

[Image: 5c36f8363a175.jpg] 

चंचल :- (मन ही मन)  है राम मैंने तो अभी तक सरिता को खाने के लिए  पूछा ही नहीं। ऊपर से बातों बातों में और अकेले पन के ग़म में मुझे दिन में भूख नहीं लगी और अभी तक मैंने खाना भी नहीँ पकाया । अब  अगर सरिता को खाने के लिए पूछ भी लिया तो उसे खिलाऊंगी क्या?


लेकिन शायद सरिता को चंचल के मनोभावों का अनुमान लग चुका था। 


सरिता: दीदी? आपने अभी तक खाना तो नहीं बनाया ना।

[Image: 5c36f895678da.jpg] 

चंचल : (एकदम से चौंकते हुए) क्या ? खाना? ओह सॉरी यार मैं तो भूल ही गयी। सच कहूँ सरिता आज पहली बार मैं घर मे सुरेश और माँ जी के बिना थी तो अकेलेपन में मुझे भूख नहीं लगी और मैंने खाना नहीं बनाया। सारी यार। चल मैं अभी खाना बना लेती हूँ। तू तो थकी हुई है इतनी दूर से सफर करके आयी है तू बैठ मैं बस 10 मिनट में आयी।( चंचल उठ कर जाने लगती है तभी)


सरिता: (चंचल का हाथ पकड़ कर) दीदी.... रुको तो... अच्छा सुनो क्यों ना आज हम बाहर से खाना खा ले। देखो आप और मैं ही है घर में तीसरा कोई है नहीं तो खाना बनाना छोड़ो ना कहीं बाहर घूम कर आते है। और वैसे भी मेरा दिल भी बदल जायेगा। अचानक से यहाँ आना मुझे नयेपन का एहसास करा रहा है जिसकी वजह से मेरा दिल नहीं लग रहा।


चंचल: (रुकते हुए) क्यूँ ? क्या तेरा दिल नही था मेरे पास आने का?


सरिता : नहीं दीदी ऐसा बिल्कुल नहीं है लेकिन जैसे आप  वैसे मैं...


चंचल : क्या मतलब? 


सरिता: वो दीदी क्या है ना आज से पहले मैं कभी भी राज के बिना अकेली नहीं रही। हर वक़्त हर जगह वो मेरे साथ रहते थे। 


चंचल: ओहssssssss तो ऐसा कहो ना कि पतिदेव की याद सात रही है।


सरिता : धत्तsss ऐसा कुछ नहीं है।

[Image: 5c36f8e8c5db1.jpg] 

चंचल: अच्छा अच्छा ठीक है अब इतने भी लाल गाल मत करो। देखो तो टमाटर जैसे लाल हो गये।  चल तो फिर बाहर खाना खाते है। अच्छा सुन तुझे तो ड्राइव करना आता है ना?


सरिता : (झेंपते हुए) दीदी ड्राइव करना? एक्चुली दीदी कभी ज़रूरत नहीं पड़ी हमेशा तो राज ड्राइव करते थे? और घर पर भीssss उम्मsss पाप या ड्राइवर साथ होता था तो ड्राइव करना सिखा नहीं।


चंचल: ओह नो यार... ड्राइव करना तो मुझे भी नही आता। एक्चुली मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है। और फिर पहले मैंने ड्राइव सिखने की कोशिश की थी लेकिन माँ जी ने मना कर दिया।


सरिता : क्यूँ माँ जी ने क्यों?


चंचल : अरे यार उनके संस्कार। तू तो सब जानती है। यहां तक कि उन्होंने नौकर तक नहीं रखे घर में। उल्टा शादी के बाद मुझे खाना बनाना सिखाने लग गयी और अब देखो मैं उनकी ट्रेंड कुक हूँ। एक दम संस्कारी बहु।


सरिता : दीदी राज ने भी घर के काम के लिए वहां नौकर नही रखे। हर बार बोलते है यार तेरे हाथ का खाना फिर नसीब नहीं होगा। नौकर ही बना देगा। और नौकर से खाना बनवाने से बेटर तो मैं बाहर होटल में खा कर आ जाया करूँगा।


चंचल : यार वैसे तो माँ जी के विचार गलत नहीं है लेकिन अब हमारी कंपनी नेशनल नहीं बल्कि इंटर नेशनल कंपनी बनने जा रही है। तो अब हमें घर उसी के हिसाब से चलना होगा ना। अपना स्टेटस भी बरकरार रखना होगा।


सरिता : जी दीदी लेकिन माँ जी को समझायेगा कौन?


चंचल : वो मैं कर लुंगी बस एक ही प्रॉब्लम है।


सरिता : वो क्या दीदी?


चंचल: बच्चा।


सरिता: बच्चा?


चंचल: हाँ , बच्चा! हमारी सास को इस घर का चिराग चाहिए । मेरे खयाल से इसी के लिए वो तीर्थ यात्रा पर गयी होंगी। वरना अचानक तीर्थ जाने का प्लान, ऊपर से सुरेश को भी नही लेकर गयी।


सरिता: नहीं दीदी तीर्थ मेरे ख्याल से इस कारण से नही होगा। हो भी सकता है हो। अब कौन जाने माँ जी के दिमाग मे क्या चल रहा है?


चंचल: हाँ यार सो तो है । अच्छा चल जाने दे ये सब तो अभी अपन खाना खाने चलते है। 


सरिता : वैसे दीदी एक बात बोलू मैंने आपसे कुछ झूट बोलै है?


चंचल: (चोंकते हुए) क्या? झूट और तुमने? मैं नही मानती । अच्छा चल बता क्या झूट बोलै है?


सरिता: वो दीदी मुझे कार चलानी आती है।


चंचल: क्याsssss? सच में? लेकिन तुमने सीखी कहाँ? और फिर इसके लिए झूट क्यूँ बोला?


सरिता: दीदी वो क्या है ना कॉलेज में एक लड़का था रघु.... उसका पूरा नाम तो मुझे आज तक पता नहीं चला। वो मेरे फ्रेंड सर्किल मैं था । तो उसने मुझे कार चलाना सीखा दिया था। जब हम फाइनल ईयर में थे तब उसके पापा की डैथ हो गयो थी। उसके बात वो कभी मिला नही।


चंचल: अच्छा हुआ तूने बता दिया। वरना तो टैक्सी से चलते। चल तू सुरेश की कार चला और कोई मस्त से रेस्टोरेंट में ले चल।


सरिता: लेकिन दीदी मैं तो यहां किसी जगह को जानती ही नही।


चंचल: रुक एक मिनट कुछ दिनों पहले सुरेश मुझे कहीं घुमाने लेकर गए थे। उसका कार्ड है मेरे पास वहीं चलते है।


चंचल वो कार्ड लेकर सरिता के पास आती है और सरिता को कार्ड दिखाती है। चंच और सरिता उसका प्रॉपर एड्रेस देखती है तो चंचल को पता चल जाता है कि ये ज्यादा दूर नहीं है बल्कि घर से 2 किलोमीटर दूर ही है । दोनों बहनें तैयार वो कर रेस्टॉरेंट की और बढ़ जाती है।


जैसे ही दोनों पार्किंग में कार पार्क करके उतरती है और रेस्टॉरेंट की और बढ़ती है तब एक आदमी उस रेस्टॉरेंट से बाहर आ रहा होता है। वो आदमी रेस्टॉरेंट में सरिता और चंचल को अंदर आते देख कर वही रुक जाता है। सरिता और चंचल दोनो आपस मे बात करते हुए  अंदर जा रही थी इसलिए उन्होंने उसे नोटिस नही किया। 


सरिता और चंचल दोनो जा कर एक टेबल पर बैठ गयी। और खाने का आर्डर करने लगी। तभी वो आदमी वहां से जल्दी से बाहर निकल गया। वो आदमी कुछ सोचता रहा । फिर मुस्कुराते हुए वहां से चला गया। 


[Image: 5c36f93ee1eb4.jpg] 

थोड़ी देर बाद चंचल और सरिता खाना खा कर रेस्टॉरेंट से घर की और जाने लगी। जब सरिता कार निकाल कर ड्राइव करते हुए चंचल के साथ जा रही थी। उस वक़्त भी एक पेड़ के पीछे से चिप कर कोई उन्हें देख रहा था।वो कोई और नहीं बल्कि वही व्यक्ति था जो उन्हें रेस्टॉरेंट में भी देख कर चोंक पड़ा था।
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Please add reps and star to my story if you think my story is giving you a real entertainment
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अपडेट पिछले पेज़ पर।।
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NICE update
VIsit my story  

Main ek sex doll bani..https://xossipy.com/thread-2030.html

 uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
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(10-01-2019, 10:55 AM)Karishma saxena Wrote: NICE update

Tha k you dear...
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(10-01-2019, 12:05 PM)Bregs Wrote: Next update

Thank you so much...
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आज मैं बहुत खुश हूँ। क्योंकि मेरी पसंदीदा कहानी "ज़ोरु का ग़ुलाम" मैं एक बार फिर से पढ़ सकता हूँ। ये कहानी मेरी प्रेरणा है। इस कहानी को पढ़ कर मैंने हिंदी फॉन्ट में कहानी लिखना प्रारम्भ किया था। कोमल रानी जी इस कहानी की लेखिका है। ये कहानी xossip पर उस समय भी दूसरे राइटरों से बहुत एडवांस थी और आज भी है। हालांकि आप मे से काफी लोगों ने इस कहानी को पढ़ा होगा और काफी लोग इस कहानी के रस से अभी तक अनछुए है। कोमल रानी जी आपका बहुत बहुत स्वागत है यहां पर की आप अपनी कहानी के रस में भिगो कर हम सभी को कृतार्थ कर रही है।

आप सभी से निवेदन है कि इस कहानी को पढ़े और इसे सपोर्ट करे। हालांकि मुझे इतना सब कुछ लिखने की ज़रूरत तो नही है। क्योंकि कोमल जी की लेखनी को किसी की सहायता की आवश्यकता नहीं हैं। लेकिन एक लेखक होने के नाते मैं समझता हूं कि कोमल रानी जी आपके सम्मान और तारीफों की हकदार है। और मुझे पूरा यकीन है ये कहानी पढ़ कर आप खुद भी कोमल जी के फैन हो जाएंगे।

ज़ोरु का ग़ुलाम

http://www.xossipy.com/thread-2220.html
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(10-01-2019, 12:22 PM)Rocksanna999 Wrote: आज मैं बहुत खुश हूँ। क्योंकि मेरी पसंदीदा कहानी "ज़ोरु का ग़ुलाम" मैं एक बार फिर से पढ़ सकता हूँ। ये कहानी मेरी प्रेरणा है। इस कहानी को पढ़ कर मैंने हिंदी फॉन्ट में कहानी लिखना प्रारम्भ किया था। कोमल रानी जी इस कहानी की लेखिका है। ये कहानी xossip पर उस समय भी दूसरे राइटरों से बहुत एडवांस थी और आज भी है। हालांकि आप मे से काफी लोगों ने इस कहानी को पढ़ा होगा और काफी लोग इस कहानी के रस से अभी तक अनछुए है। कोमल रानी जी आपका बहुत बहुत स्वागत है यहां पर की आप अपनी कहानी के रस में भिगो कर हम सभी को कृतार्थ कर रही है।

आप सभी से निवेदन है कि इस कहानी को पढ़े और इसे सपोर्ट करे। हालांकि मुझे इतना सब कुछ लिखने की ज़रूरत तो नही है। क्योंकि कोमल जी की लेखनी को किसी की सहायता की आवश्यकता नहीं हैं। लेकिन एक लेखक होने के नाते मैं समझता हूं कि कोमल रानी जी आपके सम्मान और तारीफों की हकदार है। और मुझे पूरा यकीन है ये कहानी पढ़ कर आप खुद भी कोमल जी के फैन हो जाएंगे।

ज़ोरु का ग़ुलाम

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Sahi kaha apne ...xossip par kuch hi story hai jo ek to complete ho paati hai or  ek jo dil ko chuu pati hai .or yhe story un sab me se ek hai ..
VIsit my story  

Main ek sex doll bani..https://xossipy.com/thread-2030.html

 uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
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bahut achchha kahaanee hai.
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(10-01-2019, 01:31 PM)JHS19 Wrote: bahut achchha kahaanee hai.

Thank you dear..
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कहाणी मे अब असली मजा शुरु होने वाला हैं। वो कौन है जो छूप छूप कर सविता/चंचल को देख रहा है।

जानने के लिये पढते रहीये "बर्बादी को निमंत्रण"

☺️☺️
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