08-08-2019, 10:16 PM
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The Conspiracy (षड़यंत्र)
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09-08-2019, 12:42 AM
(08-08-2019, 10:53 AM)coolraj839 Wrote: Bhai maine to already mail kar rakha hai but tum gmail par mujse chat hi nhi kar rhe ho aur na hi waha repltly kar rhe ho coolraj839 and RajSharma aur baki sabhi story readers ko Thanks jo aap The Conspiracy ko Support kar rahe ho. Me aap sabhi email ka reply duga turant nahi to kuch time baad bhi dunga m sabke Mail aur Comment Dekhta hu. Aur Update Jald Aane Vala h.
09-08-2019, 12:44 AM
Bhai hangout pe reply karo naa
09-08-2019, 12:45 AM
Kab aayega update and wo sab aayega na update me jo maine suggest kiya tha cmmnt me
09-08-2019, 01:06 AM
Kab doge update????pls telll
09-08-2019, 01:09 AM
Tell bhai pls ????
10-08-2019, 06:13 AM
Bhai its not fair ....story ka update do
11-08-2019, 01:38 PM
Update 8 ( मुहिम पार्ट - 2 ) वीर ने कॉल उठाया ओर बोला हैलो पापा आप केसे है ये सुनते ही ठाकुर रघुवीर खुश हो गया गया ओर अपना सीना गर्व से चौड़ा करते हुए बोला हा वीर बेटा केसे हो । आज कल अपने बाप को कॉल नही करते तुम भी नही करते और तेरे जिगरी मासा जी भी नही करते । कैसे हो। वीर तो इस समय आराम से चैनल प्रेस्टन के उपर था। चैनल की चूत में अपना तगड़ा लण्ड डाले हुए। वीर ने कैसे हो का जवाब देते हुए एक तेज धक्का चैनल को लगाया चैनल पूरी हिल गयी। फिर वीर बोला ठाकुर रघुवीर से बस पापा ठिक हु ओर अभी एक अर्जेंट काम कर रहा हु पर आपसे बात करने से ज्यादा जरूरी नही है। फिर रघुवीर ओर वीर दोनों बात करने लगे। वीर बोला कि पापा अब बस कुछ ही दिनों में मुझे द मल्टीपल डॉक्टर ऑफ अमेरिकन का सर्टिफिकेट मिल जायेगा ओर में एक प्रॉपर डॉक्टर बन जाऊँगा। ये सुनते ही ठाकुर रघुवीर बोला कि यह कही ना तुमने ठाकुरो वाली बात बेटा। फिर बाप बेटे में ऐसे है कुछ साधारण सामान्य बाते चलती रही। वीर के नीचे लेटी हुई चैनल बार बार वीर को इंग्लिश में बात करने का का बोल रही थी पर वीर हमेशा अपने पिताजी से हिन्दी मे ही बात करता था ऐसा नही था कि रघुवीर को इंग्लिश नही आती थी पर रघुवीर इंग्लिश बोलना भी और समझना भी जानता था पर बाप बेटे हमेशा हिन्दी मे ही बात करते थे। वीर के नीचे लेटी चैनल अब थोड़ा बोर हो रही थी यही देखते हुए वीर ने फटा फट अपने पिताजी से बात करी ओर फ़ोन को एक साइड रखते हुए चैनल के गुलाबी होटो को अपने होटो में लेकर किस करना शुरू कर दिया। वीर ने एक परफेक्ट चुम्बन करते हुए चेनल की चुत को अपने एक हाथ की उंगली से सहलाने लगा और दूसरा हाथ से उसके निप्पल को दबाने लगा जिससे चैनल अब बिलकुल गरम हो गयी थी। कुछ टाइम यही करते हुए वीर ने अपने होटो को चैनल के गुलाबी होटो से अलग किया और उसके एक बड़े व गुलाबी निप्पल या चुचे को अपने मुह में लेकर चूसने लगा । वीर एक दम आहिस्ता से व धीरे से चैनल के निप्पल को चूस रहा था जिससे उसे दर्द ना हो। अब वीर ने ज्यादा समय ना लगाते हुए अपना बड़ा व कड़क लण्ड को सीधे चैनल की चूत पर गुमाने लगा और चैनल जैसे ही आहे भर रही थी वीर ने अपना लण्ड उसकी चुत में डाल दिया और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये। अब धक्कों की गति को वीर तेज करने लगा और चैनल के निप्पल को चूसना छोड़ कर अब एक हाथ उसकी कमर पर दूसरा उसकी जंगो पर रखने लगा। उधर चैनल भी वीर गरम कर रही थी फक मी वीर फक मी। वीर ने अब अपना 7 इंच लण्ड चैनल की चूत की गहराइयों में उतार दिया था और चैनल थोड़ा दर्द से चिल्लाई आह आह वीर ओह वीर फकिंग मी ऑन योर हार्ड डिक। वीर केमोन कृष मी फक मी। वीर ने अब धक्के तेज कर दिये थे और अब चेनल भी मममममम हहहहह आह आह आह ओह फक की आवाजें निकालने लगी। अब कुछ 5 से 7 मिनट तगड़े धक्कों के बाद वीर जड़ने वाला था पर वीर चैनल के अन्दर नही जड़ा । वीर ने अपने लण्ड बाहर निकाला वैसे ही चैनल समझ गयी और गुटनो के बल बैठ गयी फिर वीर ने कमशोट किया यानी कि चैनल के मुँह पर ही अपना वीर्य या सफेद गाढ़ा पानी गिराने लगा। चैनल के मुँह पर वीर्य गिराने के बाद चैनल ने वीर का लण्ड अपने मुँह में ले लिया और किसी लेलीपोप की तरह चाटने लगी और अपने गुलाबी होटो के अन्दर बाहर करने लगी। अब चैनल वीर का लण्ड अच्छे से साफ कर चुकी थी उसके लण्ड के अन्दर के वीर्य को भी चूस कर अपने अन्दर घटक लिया था। अब वीर थोड़ा थक सा गया था पर वो उन लोगो मे से नही था जो सिर्फ खुद के संतुष्ट होने को ही एक पुर्ण सेक्स समजते है अपने पार्टनर की संतुष्टि से कोई मतलब नही होता। वीर थोड़ा अलग था उसको खुद से ज्यादा अपने पार्टनर के संतुष्ट होने या न होने से फर्क पड़ता था। वीर ने देखा कि जैसे ही चैनल वीर का सारा वीर्य निकाल चुकी है वैसे ही वीर ने अपनी दो उंगली चैनल की गुलाबी चुत कर अन्दर डाल दी। औऱ धीरे से अंदर बाहर करने लगा। अब चैनल वापस गरम होने लगी ओर जल्दी से जड़ गयीं। उसकी चुत से निकलने वाले पानी को वीर चाटने लगा। ऐसा नही था के वीर वापस सेक्स करके चैनल को संतुष्ट नही कर सकता था वो वापस सेक्स कर सकता था पर उसको शाम को अपनी गर्लफ्रैंड के साथ अपने दोस्त की पार्टी में जाना था इसलिए उसने चैनल को फिंगर से संतुष्ट करना सही समजा। अब चैनल फ्रेश होने के लिए बाथरूम में गयी और एक शावर में नहा कर वापस बाहर आयी और एक सेक्सी सी हरी कलर की स्कर्ट पहन कर सोफे पर बैठ गयी। कुछ ऐसे ही चैनल फिर वीर भी एक एस्टीम बाथ या शावर में नहा कर वापस आया। अपने सामने चैनल को ऐसे देख कर मुस्कराया ओर और बोला वाओ चैनल यु लुक प्रीटी गुड। फिर कुछ चैनल और वीर के बीच मे नॉर्मल बाते होती रही। वीर फिर चैनल को बाय बोल कर चैनल के घर से निकल गया। अब हम चलते है यहा से सात समुद्र दुर यानी कि हमारे गाँव विजयपुर में। विजयपुर में अभी रात हो रही थी। ठाकुर रघुवीर अपने रूम की बालकनी में खड़ा होकर गेट नंबर 1 की और देख रहा था। वही हमेशा की तरह रघुवीर जहाँ खड़ा था वहां से पीछे बेड पर ठकुराईन यानी कि पादमिनी एक सेक्सी सी पिले रंग की नाइटी पहन कर लेटी हुई किताब पढ़ रही थी। फिर रघुवीर आया और पादमिनी से बात करने लगा कि हवेली में सब आ गये है और ये नालायक जय अभी तक नही आया है। बेचारी उस बच्ची यानीं की रघुवीर ठाकुर की छोटी बहू राशी की जिंदगी खराब कर दी है इस नालायक जय ने। फिर पदमिनि बोली कि ये कोनसी नयी बात है ये तो रोज का है। और आज तुमको बहुत ज्यादा ही राशी बहु की चिन्ता हो रही है क्या बात है। ठाकुर रघुवीर थोड़ा गुस्से में आकर बोला कि पादमिनी तुम तो बस गलत ही सोचो जिसने राशी के पिता को खुश रखने का वचन दिया हो उसे तो चिन्ता होगी ही ना। तुम तो मस्ती से किताब पढ़ो। ये गधा जय भी कहा पर होगा। जय तो इस समय अपने एक बार मे बैठा था ओर अपने तीन लफंगे दोस्तो के साथ पाउडर या ट्रक्स सूंघ रहा था। ओर उसके दो बॉडीगार्ड बाहर खड़े थे। जय फिर थोड़ा ट्रक्स के नशे में अपने एक दोस्त से बोलने लगा मादरचोद साले ये पावडर का तो नशा ही नही चढ़ रहा है कहा से लेकर आया है चूतिये ऐसा पाउडर अपनी गाँड़ मरवा कर लाया है क्या चूतिये । फिर उसके दोस्त ने कहा जो खुद भी नशे में था अब चोदू ये पाउडर में नही वो शोर्यगढ़ वाले चमन ने भिजवाया है। बोल रहा था कि ये पाउडर अभी पंजाब के एक गाँव से आया है इसको टेस्ट करके देखो सही लगे तो इसका ऑर्डर कर देंगे । जय बोला साले कुत्ते ये क्या गंदगी इससे तो मुझको कोई नशा ही नही हो लगता है उस चमन की गाँड़ मारनी पड़ेगी। फिर जय थोड़ा लड़खड़ाते हुए खड़ा हुआ और हवेली की औऱ निकलने लगा। जय की थार यानी कि गाड़ी कुछ इस प्रकार की थी । फिर लड़खड़ाते हुए जय अपनी गाड़ी में बैठा और उसके साथ उसके दोनों बॉडीगार्ड भी बैठ गये। और फिर गाड़ी हवेली की ओर निकल गयी। इधर हवेली के पीछे सर्वेन्ट क्वाटर के एक अंधरे से भरे रूम में इक़बाल लेटा हुआ था वो लेटे लेटे यही सोच रहा था कि उस गाड़ी के ड्राइवर का मर्डर किसने किया और मर्डर करके कही उसने मुझको करीना मैडम के साथ देख तो नही लिया। था कोन ये करने वाला। फिर जैसे ही वो करीना के बारे में सोचने लगा उसके दिमाग मे करीना का फिगर उसकी कमर और उसकी चुत दिमाग मे गुमने लगे। करीना के बारे में सोचते सोचते उसके दिमाग मे एक जटका लगा कि कही किसी ने मुझको करीना के साथ देखा ये बात ठाकुर रघुवीर को बता दिया तो ये ठाकुर साला मुझको कच्चा चबा जायेगा। मेरी लाश भी नही मिलेगी। फिर कुछ ऐसे ही सोचते हुए लेटे रहा। इधर नशे में जय अपनी जिद करते हुए गाड़ी चलाने लगा उसके दोनों बॉडीगार्ड ने मना किया पर जय नशे में किसी की बात नही सुनता था । जय ने नशे में ही गाड़ी को एक गलत रोड या रास्ते पर ले गया उसके बॉडीगार्ड बोलने लगे कि जय भईया ये रास्ता हमारे वाला नही है हम रोज इस रास्ते से नही जाते। फिर जय बोला कि रास्ता जाता तो हवेली की और ही तो है। पर उसमें से एक बॉडीगार्ड बोला कि नही जय भईया जाता तो ये हवेली की ओर ही है पर ये रास्ता सुनसान है और लोग भी कहते है कि ये रास्ता भूतिया या श्रापित है। रात को तो यहाँ कोई नही आता। फिर जय थोड़ा गुस्से में बोल अबे चूतियों में ठाकुर हु जय ठाकुर किसी से नही डरता। किसकी मा चुदानी है जो मेरे बीच मे आयेगा और ये बोलते हुए अपनी थार गाडी को भगाने लगा । रास्ता काफी सुनसान ओर डरावना था कुछ इस प्रकार और आस पास जंगल का माहौल कुछ ऐसा चारों तरफ गहरा जंगल और थोड़ा कोहरा । फिर जय की गाड़ी अपनी रफतार से जंगल के संन्नाटे को काटती हुई चल रही थी के तभी किसी औरत के जोर से चिल्लाने और चिखने की आवाज़ आयी।
11-08-2019, 05:43 PM
Comment Karke Bataye Apni Ray ya Sujav
11-08-2019, 08:00 PM
Badhiya update dear
Per update regular ho to maza aata hai... Late updates se interest Kam hone lagta hai... BY d way thanks for nice update
12-08-2019, 12:57 AM
12-08-2019, 01:12 AM
Bro aaj tumhari Story padhi ...
Kya mast kahani hai bhai... Bahut jyda Garam... Story mai bahut kuch hai likhne ke liye... And bhai wo Kareena Thakur Wale update mai to maza aa gya kya likha hai bhai ... Aise he likhte rahiye....
12-08-2019, 01:20 AM
(12-08-2019, 01:12 AM)KareenaKapoorLover Wrote: Bro aaj tumhari Story padhi ... Thanks For Comment . I try to give Regular Update.
12-08-2019, 01:23 AM
(This post was last modified: 12-08-2019, 01:28 AM by Baban. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Good going ......
Aaapko meri hawas ki aag kaisi lag rahi hai update aagaya hai padke batana....thanks
12-08-2019, 08:43 AM
12-08-2019, 08:49 AM
13-08-2019, 12:32 AM
Update 9 ( मुहिम पार्ट - 3 ) एक तेज चीख ने जंगल की पूरी खामोशी खतम कर दीया। इस चीख ने जय का आधे से ज्यादा नशा उतार दिया। ये चीख एक औरत या लड़की की थी। जय अपनी ओपन जीप में ड्राइवर सीट के पास वाली सीट पर बैठा था। थोड़ी देर पहले ही जय ड्राइविंग सीट छोड़ कर पास वाली मे बैठा था और मस्ती से दारू पी रहा था। सीधे बोतल से ही। जैसे ही लड़की की चीख आयी जय ने तुरन्त गाड़ी रुकवायी। जय के साथ के दोनों बॉडीगार्ड जिसमे से एक गाड़ी चला रहा था जिसका नाम सुमित था। सुमित जय का बॉडीगार्ड भी था और पार्ट टाइम ड्राइवर भी था। सुमित थोड़ा सावला और थोड़ा हट्टा कट्टा आदमी था। सुमित की उम्र 36 वर्ष थी। सुमित अभी गाड़ी चला रहा था पर ये चीख़ सुन के गाड़ी रोक दी और बोलने लगा छोटे ठाकुर मेने पहले ही कहा था कि ये रोड भूतिया है। ये रोड आधी रात को कही भी जाने लायक है ही नही। जय बोला कि ये सब फालतू बाते है ऐसा कुछ नही होता ओर किसकी हिम्मत है कि ठाकुर जय को कही जाने से कोयी रोके। फिर जय का दूसरा बॉडीगार्ड बोला जो कि गाड़ी की पीछे वाली सीट पर बैठा था जिसके पास में एक कट्टा था पुराने समय की पिस्तौल थी। दूसरे बॉडीगार्ड का नाम जीतू था। जीतू की उम्र 28 साल थी। जीतू थोड़ा निर्दय आदमी था जय कब खिलाफ जो भी बोलता जीतू सीधे जय की इशारे पर उसकी खोपड़ी खोल देता था। एक तरह से जीतू जय का वफादार था। जीतू का बचपन इन्ही जंगलो में बिता था इसलिए वो भी जानता था कि जंगल मे आधी रात का समय काफी ख़ौफ़नाक और डरावना होता है पर वो जय ठाकुर की वफादारी के चक्कर मे वो भी जय की हा में हा मिलता है। जीतू बोला हा जय भइया किस मादरचोद की हिम्मत है कि हमारे बीच मे आये। फिर जय गाड़ी से नीचे उतरा औऱ अपने हाथ मे रखी दारू की बोतल को रोड पर फेंका ओर बोला कि कौन मादरचोद है बाहर निकल। सामने आ । जंगल के एक साइड फिर से चिखने की आवाज आयी ये आवाज पहले से ज्यादा ख़ौफ़नाक थी। ये आवाज सुनते ही जीतू और सुमित भी गाड़ी से उतर गये। जय अब जीतू और सुमित को लेकर अन्दर जाने लगा। धीरे धीरे कदमो से। जय भले कैसा भी था पर बहादुर और बेकोफ था वो किसी से भी नही डरता था। सुमित पीछे से बोला कि छोटे ठाकुर हमे जंगल के अन्दर नही जाना चाहिए कुछ गड़बड़ हुई तो बड़े ठाकुर यानी कि रघुवीर हमको नही छोड़ेंगे। ये सुनते ही जय में थोड़ी और हिम्मत आ गयी ओर बोला की मुझको कोई फर्क नही पड़ता । कोंन है गांडू का बच्चा जो रात को लोगो को परेशान करता है। आज तो में पता करके ही रहुगा यही बोलते हुए धिरे कदमो से जय और उसके पीछे दोनो बॉडीगार्ड भी जंगल के अंदर की ओर बढ़ रहे थे । जय के कदमो से नीचे पड़े हुए सूखे पत्ते चर चर की आवाज़ कर रहे थे जिससे बार बार सुमित को थोड़ा डर लग रहा था। पर जय को यही पता करना था कि साला है क्या इस लड़की की चीख के पीछे। थोड़ा आगे बढ़ने के बाद जेसे ही कुछ रोशनी जेसा वीर को दिखने लगा जैसे कि 4 या 5 लोग अपने हाथ मे मशाल लिये गुम रहे हो या फिर कुछ ढूंढ रहे हो। तभी जय और जीतू दोनों एक पैड के पीछे खड़े हो गए और सुमित दूसरे पैड के पीछे खड़ा हो गया पर उसी वक्त जैसे ही सुमित उस पैड के पीछे खड़ा हुआ एक तेज गोली की तेजी जेसा एक तीर आया जो सीधे सुमित की गर्दन को लेकर उसकी बॉडी से अलग कर दिया । कुछ इस प्रकार से । सुमित की गर्दन तीर के साथ सीधे एक पैड से जाकर टकरा गयी और नीचे गिर गयी और तेज आवाज जय और जीतू की और आने लगी जैसे पुराने समय के कुछ लोग चीखते चिल्लाते हुए उनके पास आ रहे है। जिस तीर ने सुमित को मारा था उसका आकार कुछ ऐसा था जो काफी भयानक था वो चाँद के आकार का बड़ा सा तीर था। इस तीर को देखते ही जीतू को कुछ याद आया और उसके मुँह से यही निकला मौत का भयानक खेल शुरू हो गया है भागो जय भईया भागो। जय तो अभी तक अपने नशे में यही सोच रहा था कि ये सुमित की गरदन उसके शरीर से इतनी तेज गति से अलग कैसे हो गयी। पर अब इन भयानक आवाजो से जो उसकी तरफ बढ़ रही थी जय का नशा बिलकुल उतर गया था अब जय भी जीतू के साथ भागने लगा। जीतू और जय दोनों अब भाग रहे थे अपनी गाड़ी की ओर जीतू भागते हुए जय ठाकुर से यही बोल रहा था कुछ भी हो जाये जय भईया पीछे मत देखना ओर भागते रहना। जय बोला क्यो ! जीतू बोला कि आज तक जिन लोगो ने भी इनको देखा है वो आज तक जिन्दा नही बचे । जय बोला भागते हुए ऐसा क्यों जीतू बोला ये लम्बी कहानी है बस पिछे मत देखना भागते रहो। पर जय को तो बचपन से ही अभी उल्टे काम करने की आदत थी । फिर उसने थोड़ी हिम्मत करते हुए पिछे देखा पर उसको ज्यादा कुछ खास नही दिखा बस कुछ मशाले दिखी । पर वो तब तक भागते हुए अपनी गाड़ी तक पहुँच गये थे। फिर जय जल्दी से गाड़ी के अन्दर बैठने लगा और ड्राइविंग सीट पर बैठ गया फिर जीतू भी पास वाली सीट पर बैठा और बोला जल्दी से जय भईया जल्दी पर तभी जय की हालत खराब हो गयी उसको याद आया कि लास्ट टाइम तो गाड़ी सुमित चला रहा था तो चाबी तो उसके पास होगी। पर अब वापस को जाएगा जंगल मे तभी ये सोचते हुए एक तेज तीर आया जो सीधा जीतू को लगा क्योकि गाड़ी ओपन जीप थी। पर जीतू की किसमत से वो तीर सीधे जीतू के एक हाथ की भुजा या बाइसेप को छू कर निकल गया। फिर जीतू डर से चिल्लाते हुए बोला क्या हुआ जय भईया चलो जय बोला कि चाबी नही है मेरे पास अब। जीतू बोला कि इतनी सी बात लो चाबी। भूल गये क्या की आप अपनी गाड़ी की चाबी सबको देकर रखते हो। चलो फिर जय ने गाड़ी शुरू करी तेजी से भगाने लगा पर किसी ने पीछे से एक मशाल गाड़ी पर डाल दी जिससे गाड़ी की पीछे साइड लगी सीट वाला भाग जलने लगा। पर जय ने गाड़ी नही रोकी और तेज गति से भागने लगा। ओर उस जगह से काफी दूर निकल गया और अब वो आवाजे भी कम हो रही थी जेसे मानो वो दूर होती जा रही है। अब हम आते है हवेली की ओर । अभी तकरीबन सुबह की 6 बज रहे थे। हवेली मे सभी लोग सो रहे थे। कुछ नोकर थे जो सुबह को जल्दी उठते थे क्योकी उनका काम ही यही होता था कि जल्दी उठ कर नाश्ता बनाना, पोधो को पानी देना , सभी हवेली के रूम तक चाय और पानी पहुचाना। तभी हवेली के पीछे वाली साइड पर मालती जो एक साफ सफाई वाली मशीन में से कचरा निकाल कर साफ कर रही थी के तभी पीछे किसी के हाथ आये जो सीधे उसके निप्पलों या चुचो को दबाने लगे। मालती अचानक से चौकी पर वो ये हाथो को जानती थी कि को हे ये हरकत करने वाला वो भी इतनी सुबह को। ये हाथ और किसी के नही उसके ही पती मंगु के थे। मालती बोली कि क्या बात है आज सुबह सुबह ही मेरे इस नपुन्सक और नामर्द पती का लण्ड कैसे खड़ा हो गया। ये सुनते ही मंगु थोड़ा गुस्से में आया ओर बोला कि तेरी इस गाँड़ को देख कर तो किसी मुर्दे ला भी लण्ड खड़ा हो जाये में क्या चीज हु। फिर मंगु एक देहाती की तरह सुबह 6 बजे की कम रोशनी का फायदा उठाते हुए मालती की साड़ी को ऊपर उठाने लगा। पर मालती बोली यहा नही अंदर रूम में चलते है पर मंगु नही माना मालती ने एक काली कलर की साधारण सी साड़ी पहनी हुई थी फिर मंगु ने उसकी साड़ी ऊपर उठाई और अपना 4 इंच का लण्ड निकाल कर मालती की चूत में डालने लगा। अब लण्ड को अपने अन्दर महसूस कर रही मालती आहे भरने लगी ओर मंगु के हर धक्के पर अहा आह आह हम्ममम्म आह आह करने लगी पर मंगु कुछ 2 मिनट टिक पाया ओर तेज तेज धक्के लगाते हुए मालती के निप्पलों को तेज दबाते हुए मालती की चूत में ही जड़ गया ओर अपना वीर्य निकाल दिया उसकी चुत में। तभी गेट पर किसी गाड़ी के आने की आवाज आयी इस आवाज से डरते हुए दोनों अलग हो गये और मालती अपनी साड़ी और ब्लाउज़ को ठीक करते हुऐ मंगु के साथ देखने लागी कि कोन हे गेट पर। ★◆★
13-08-2019, 06:13 AM
Gud update ...agla upadate jaldi dena bhai
13-08-2019, 08:39 AM
13-08-2019, 09:55 AM
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