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The Conspiracy (षड़यंत्र)
#1
The Conspiracy द कांस्पिरेसी, दोस्तो यह कहानी एक गाँव की है जहाँ आज भी थोड़ा बहुत तो ठाकुरो का राज चलता है और गाँव वाले भी ठाकुर के फैसले को ही अंतिम फैसला समजते है। इस गाँव का नाम है विजयपुर और इस गाँव के पास सबसे बड़ा शहर कोई है तो वो है जयपुर जो विजयपुर से 195 किलामीटर दूर है।
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#2
Congratulations bro
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#3
Update 1 ( गाँव का नक्शा और ठाकुर और ठाकुर के घर वालो से परिचय ) यह गाँव यानी की हमारा विजयपुर भूगोल की दृष्टि से तो पूरा सम्पूर्ण है इस गाँव मे तीन नदिया है। इसमें हरे भरे खेत है। इसमें लंबे व चौड़े पहाड़ है। इस गाँव मे लोगो की संख्या बाकी आस पास के गांवों से ज्यादा है। इस गाँव मे उची कास्ट व नीची कास्ट के लोग रहते है। विजयपुर में आज भी उची कास्ट के लोग नीची कास्ट के लोगो औऱ परिवारों से ज्यादा बात चीत नही करते और उनको नीची जाति और अछूता मानते है। पर फिर भी ठाकुर के डर से और उची जाती के प्रति सम्मान के कारण नीची जाति के लोग कुछ ज्यादा बोलते नही और शांति से रहते है। इस गाँव यानी कि हमारे विजयपुर में नीची कास्ट, अछूते लोग , बाहर से आये हुए लोग ,दलित एव दूसरे धर्म के लोगो की संख्या मिलाकर उची कास्ट की संख्या से काफी ज्यादा हो जाती है। विजयपुर में एक हॉस्पिटल है जो एक गाँव के हिसाब से काफी बड़ा है और ये हॉस्पिटल भी ठाकुर की पहुँच और ताकत से बना है। विजयपुर में एक पुलिस स्टेशन,शॉपिंग काम्प्लेक्स जो ठाकुर का ही है। और एक कारखाना भी है जो ठाकुर का नही है इसके अलावा और भी दफ्तर और ऑफिस है जो नॉर्मली हर गाँव मे होते है। गाँव के बारे मे आगे हम स्टोरी में और भी जानेगे। अब परिचय करते है इस गाँव की इकलौती ठाकुर की हवेली और हवेली की बनावट के बारे में। हवेली कुछ इस प्रकार की है हवेली में कुल 28 कमरे है। हवेली तीन मंजिला थी बहुत ही खूबसूरत सफेद संगमरमर से बनी हुई थी । हवेली में एक स्विमिंग पूल, दो बड़े गार्डन,एक पानी का फुआरा , नोकरो के लिए बने कमरे कुछ छत पर है तो कुछ हवेली के पीछे है और हवेली के पीछे कुछ खाली जमीन थी जो हवेली की ही है। अब हम आते है हवेली के अंदर रहने वाले लोगो की यानी कि ठाकुर के परिवार की।सबसे पहले तो हम मिलते है ठाकुर रघुवीर सिंह की वही। ठाकुर रघुवीर सिंह के पिता का नाम स्वर्गवासी जयमल सिंह था जो अभी जिंदा नही है। पर उनकी माता लीना कुँवर सिंह अभी जिंदा है पर वह ज्यादा समय बीमार और जयपुर शहर के बड़े हॉस्पिटल में ही एडमिट रहते है। ठाकुर रघुवीर सिंह ही अभी इस गाँव और हवेली का मुख्या है। रघुवीर सिंह ठाकुर की उम्र 56 वर्ष है। पर अभी भी ठाकुर को कोई भी बीमारी नही है।

[Image: Screenshot-2019-07-24-21-35-09-273-com-a...chrome.jpg]
alumina vs aluminum oxide 2.पदमिनी ठाकुर , ठाकुर पदमिनी सिंह ठाकुर रघुवीर सिंह की पत्नी है। और उनकी उम्र 53 वर्ष है। और यह इस हवेली की ठकुराईन है।

[Image: Screenshot-2019-07-24-21-53-30-706-com-a...chrome.jpg] 3.माही ठाकुर ,यह रघुवीर सिंह ठाकुर की पहली बहन है। इनकी उम्र 43 वर्ष है। ये कभी हवेली में तो कभी जयपुर शहर में रहती है। माही ठाकुर एक शादीशुदा औरत है और माही ठाकुर के पती शहर के जानेमाने बिजनेस मैन है। उनका काफी बड़ा कारोबार है।

[Image: Screenshot-2019-07-24-22-03-30-531-com-a...chrome.jpg] 4.करीना ठाकुर ,यह ठाकुर रघुवीर सिंह की दूसरी बहन है। और करीना ठाकुर की उम्र 38 वर्ष है। करीना ठाकुर की शादी शोर्यगढ़ के ठाकुर साहब के बड़े बेटे जनार्धन ठाकुर से कराई गयी थी। जनार्धन के पास चार कारखाने है जो कि दो जयपुर में है और दो शोर्यगढ़ में है।

[Image: IMG-20190724-113521.jpg]
baby names combined with parents names generator 5. अनुष्का ठाकुर यह ठाकुर रघुवीर सिंह की तीसरी बहन है। और ज्यादा समय हवेली की देख रेख ओर राशन सम्भालने में लगी रहती है। अनुष्का ठाकुर की उम्र 36 वर्ष है। अनुष्का ठाकुर के पती अमेरिका में रहते है और वहा पर कोई बड़े हॉस्पिटल में करोड़ो की सैलरी के साथ काम करते है।

[Image: IMG-20190724-222434.jpg] 6.रतन सिंह ठाकुर , यह ठाकुर रघुवीर के छोटे भाई है जो हवेली में ही रहते है और ठाकुर और हवेली का छोटा मोटा काम कर लेते है। रतन सिंह की उम्र 48 साल है। यह भी शादी शुदा है।

[Image: Screenshot-2019-07-24-22-37-29-772-com-a...chrome.jpg]
roll a dice game 7. काजोल ठाकुर यह रतन सिंह की पत्नी है। काजोल ठाकुर की उम्र 44 वर्ष है।

[Image: Screenshot-2019-07-24-22-43-23-486-com-a...chrome.jpg] (नोट = स्टोरी में दिखाए गए सभी पात्र व केरेक्टर का फ़िल्म व बॉलीवुड से कोई संबंध नही है। में चाहता तो इन सभी पत्रो के नाम व फ़ोटो या पिक दूसरी लगा सकता था। पर मैने स्टोरी रीडर्स की सुविधा के लिए इन सभी पत्रो का चयन किया ताकि आप इमेजिनेशन अच्छे से कर सके। पात्र का नाम आते ही उसकी उम्र व चेहरा याद आ जाये ) चलिए अगले अपडेट में मिलते है। अभी ठाकुर के बेटे,बेटिया, बहुएँ, गार्ड,नोकर एव गाँव वालों का परिचय अगले अपडेट में देता हूं।
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#4
Update - 2 ( ठाकुर परिवार के जवान सदस्यो का परिचय एव हवेली के दूसरे लोग से परिचय )

[Image: Screenshot-2019-07-24-23-49-29-940-com-a...chrome.jpg] 1.विजय ठाकुर ,रघुवीर सिंह ठाकुर के सबसे बड़े बेटे। और रघुवीर ठाकुर के भरोसेमंद पुत्र । विजय ठाकुर की उम्र 34 वर्ष है। विजय ठाकुर उनके पिता ठाकुर रघुवीर सिंह का कारोबार संभालते है। व उनके कारोबार में एक मैनेजर के तौर पर कार्य करते है।

[Image: Screenshot-2019-07-24-23-57-56-398-com-a...chrome.jpg]
monsters inc door boo 2. जय ठाकुर , यह ठाकुर रघुवीर के दूसरे बेटे है। जय ठाकुर की उम्र 32 वर्ष है। इनका स्वभाव ठाकुर के सभी बेटो से अलग है। ठाकुर रघुवीर जय ठाकुर पर बिल्कुल भरोसा नही करते। जय ठाकुर एक क्रूर आदमी है जिसे अपने नाम से लेकर काम तक काफी गमण्ड है। जय ठाकुर गालियों अपने से छोटे लोगो से गालियो में ही बात करते है। जय ठाकुर के पास दो पेट्रोल पंप, दो शराब के ठेके और तीन बियर बार है। जय ठाकुर का मुख्य काम बियर बार के बहाने रण्डी खाना चलाना है। और चरस और ड्रकस बेचना है। जय ठाकुर के बियर बार तीनो अलग अलग जगह पर है पहला है विजयपुर में। दूसरा है शोर्यगढ़ में। और तीसरा है जयपुर में। जय ठाकुर को ड्रकस व शराब पीने की आदत थी। जय पूरा दिन नशे में रहता था। जय की एक आदत और है जिससे पूरा गांव डरता था जय अपने पास हमेशा 1 बंदूक रखता है और साथ मे उसके खास 4 आदमी भी रहते थे जो कही भी किसी को भी मार देते है।

[Image: Screenshot-2019-07-25-10-19-11-579-com-a...chrome.jpg]
free image hosting 3. वीर ठाकूर , यह ठाकुर रघुवीर के तिसरे बेटे है। और यह स्टोरी के मुख्य किरदारों व कैरेक्टर में से एक है यानी कि ये हीरो है। वीर ठाकुर की उम्र 27 है। वीर बचपन से गाँव से दूर रहा है। वीर अभी अपनी डॉक्टरी की डिग्री अमेरिका के न्यूयार्क शहर के बहुत बड़े हॉस्पिटल से कर रहा है। वीर को बॉडी बनाने का और फिट रहने का काफी शोक है। वीर को लोगो से लड़ना व मारना बिल्कुल पसंद नही है। वीर की डिग्री को पूरा होने में अब कुछ ही समय रह गया है। इसके बाद उसे अपने गाँव वापस जाने की इच्छा है और गाँव मे रहने का मन है।

[Image: Screenshot-2019-07-25-14-09-41-896-com-a...chrome.jpg]4. तमन्ना ठाकुर ,ये ठाकुर रघुवीर सिंह की पहली बेटी है। तमन्ना की उम्र 28 साल है। तमन्ना ठाकुर की शादी हो गयी है पर तमन्ना अपने पती को ज्यादा सम्मान नही देती और उससे थोड़ा अलग ही रहती है। तमन्ना ठाकुर के बाकी बेटी बेटियो से ज्यादा समझदार और होशियार है। तमन्ना ने मुम्बई से जज की तैयारी करी है । और तमन्ना एक सरकारी जज है।

[Image: Screenshot-2019-07-25-20-21-35-979-com-a...chrome.jpg] 5,आलिया ठाकुर , ठाकुर रघुवीर की दूसरी बेटी और आखरी औलाद। आलिया ठाकुर की उम्र 25 साल है। आलिया ठाकुर अभी पेरिस में रहती है। समय होने के बावजूद भी उसे अपने गाँव विजयपुर आने की कोई इच्छा नही होती। आलिया अपनी पढ़ाई पेरिस के ग्लोबल यूनिवर्सिटी से पूरी कर रही है।

[Image: Screenshot-2019-07-25-20-28-05-880-com-a...chrome.jpg] 1. राका , ये है ठाकुर रघुवीर सिंह के बॉडीगार्ड। राका हमेशा रघुवीर के साथ ही रहता है। राका ठाकुर रघुवीर के साथ 20 सालो से है। और राका रघुवीर के साथ रहकर अभी तक कुल 33 लोगो का मर्डर कर चुका है। उसकी दहशत पूरे गांव में चलती है। राका ठाकुर रघुवीर का खास आदमी है। उसके पास एक सीक्रेट बंदूक हमेशा रहती है। राका एक नीची कास्ट का आदमी होते हुए भी ठाकुर के साथ रहता है । राका की उम्र 52 साल है। ★2. इकबाल खान , यह भी ठाकुर का बॉडीगार्ड है। यह भी राका की तरह ही मर्डर करता है और दहशत फैलाता है। इकबाल की उम्र 49 वर्ष है। इन दो के अलावा भी ठाकुर दो बॉडीगार्ड और है जिनसे हम बाद में परिचय करेगे। ◆3.मंगु ये हवेली का नोकर है। जिसकी उम्र 38 वर्ष है। और इसकी पत्नी का नाम मालती है जिसकी उम्र 36 वर्ष है। ◆★■हवेली में कुल 9 नोकर , 5 दास - दासिया , 4 माली , 6 वॉचमैन और 5 खाना बनाने वाले है। सबकी उम्र ,नाम और उनके काम हम स्टोरी में आगे जानेगे। [ चलिये अब अगले अपडेट में मिलते है ]
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#5
लगता हैं, कहानी बहुत दिनों तक चलने वाली ह। इतने सारे किरदार जो हैं। कहानी के अपडेट जल्दी जल्दी पोस्ट करते रहोगे तो सभी लोग जुड़े रहेंगे। शुभकामनाएं।।
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#6
अपडेट 3 ( ठाकुर की बहुओ से परिचय ) स्माल अपडेट

[Image: Screenshot-2019-07-25-22-43-43-984-com-a...chrome.jpg]
aluminium chloride molecular weight 1. काव्या ठाकुर , ये ठाकुर विजय सिंह की पत्नी है और इस हवेली की बड़ी बहू है। काव्या ठाकुर की उम्र 29 साल है। काव्या राजगढ़ के ठाकुर लक्ष्मण सिंह की बड़ी बेटी है। काव्या ने अपनी पूरी पढ़ाई व डिग्री दिल्ली से करी है।

[Image: Screenshot-2019-07-25-22-57-54-925-com-a...chrome.jpg] 2. राशी ठाकुर , ये ठाकुर रघुवीर की छोटी बहू और ठाकुर जय सिंह की पत्नी है। राशी ठाकुर जय ठाकुर के मुकाबले काफी होशियार और चालाक है। राशी पहले ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रहती थी। और उसने वही इंजीनियरिंग और एम बी ए की डिग्री पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप करके ली थी। पर उसकी बेकार किस्मत से उसकी शादी जय ठाकुर से हो गयी थी। राशी ठाकुर डाईमण्ड व गोल्ड की बहुत बड़ी कम्पनी DGR Ltd. के मालिक मिस्टर भरत सिंह राणा की छोटी बेटी थी। राशि ठाकुर की उम्र 27 साल है।
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#7
Wow kya story hi pls bhai update dete rehna ......Nanand bhabhi devrani jethani me nhi bane or fight bhi krwana bhai esa kuch zroor daalna pls
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#8
(26-07-2019, 07:10 AM)Raj sharma Wrote: Wow kya story hi pls bhai update dete rehna ......Nanand bhabhi devrani jethani me nhi bane or fight bhi krwana bhai esa kuch zroor daalna
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#9
(25-07-2019, 10:55 PM)bhavna Wrote: लगता हैं, कहानी बहुत दिनों तक चलने वाली ह। इतने सारे किरदार जो हैं। कहानी के अपडेट जल्दी जल्दी पोस्ट करते रहोगे तो सभी लोग जुड़े रहेंगे। शुभकामनाएं।।
Thanks For Comment. The Next Update Will Come Soon.
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#10
Update 4 ( एक दमदार शुरुआत ) हमारे गाँव यानी कि विजयपुर में रात हो रही थी। पूरा गाँव सो रहा था। हवेली में भी शान्ति थी। हवेली के मुख्य गेट यानी कि गेट नम्बर 1 पर दो वॉचमैन खड़े थे। उन दो खड़े हुए वॉचमैन को ठाकुर रघुवीर अपने कमरे की बड़ी काच वाली खिड़की के अंदर से देख रहा था। कमरे में एयर कंडीशनर निरन्तर चल रहा था और कमरे को ठंडा कर रहा था। रघुवीर जहा खड़ा था वहाँ से पिछे एक बड़ा सा डबल बेड पलंग था जिस पर रघुवीर की पत्नी पदमिनी एक ब्लैक कलर की नाइटी पहन के बैठी थी उसके अंदर वो बहुत सेक्सी लग रही थी। पर हमेशा की तरह पदमिनी ठाकुर से नाराज थी क्योंकि पदमिनी हमेशा से चाहती थी कि रघुवीर कही उसे विदेश घूमने ले जाये और कम से कम 6 महीने की छुट्टी मनाने ले जाये। पदमिनी हवेली और गाँव के माहौल से बोर हो चुकी थी पर रघुवीर पदमिनी की विदेश में जाकर रहने की इच्छा को पूरा अभी नही कुछ समय बाद करना चाहता था। रघुवीर को हवेली ,गाँव व अपने व्यापार को अभी छोड़ना नही चाहता था। रघुवीर का सोचना था कि वो महीने भर भी अगर गाँव से दूर रहा तो उसके दुश्मन विजयपुर में अपनी जड़े बिछानी शुरू कर देंगे। और उसे व्यापार में भी काफी नुकसान हो सकता है। और ठाकुर के दूसरे बेटे जय ठाकुर की हरकतों से तो पूरा गांव और हवेली परेशान है। यही सब सोचते हुए रघुवीर पदमिनि के पास आया और उसके पास बैठ गया । रघुवीर धीरे धीरे पदमिनी को छूने लगा और उसकी बॉडी के बनावट को महसूस करने लगा। पदमिनी 53 वर्ष की होते हुए भी काफी सुंदर और फिट है। रघुवीर अपने हाथों को पदमिनी के पैरों से लेकर जांघो तक गुमाने लगा। पदमिनी के चेहरे पर अब थोड़ा गुस्सा और नाराजगी कम होने लगी। पदमिनी भी अब थोड़ी गरम हो रही थी रघुवीर ने ये देखते हुए जट से पदमिनी को अपनी बाहों में भर लिया और पदमिनी के गुलाबी होंटो से अपने होट मिला लिये और एक लम्बी किस कर ली। फिर शुरू हुआ वो लम्हा जो रघुवीर और पदमिनी के बिच कभी कभी है होता था। रघुवीर और पादमिनी के बिच 2 मिनट तक लिप किस चली यानी कि चुम्बन हुआ। रघुवीर ने ज्यादा देर न लगाते हुए चुम्बन रोका और फटाफट पदमिनी के फ़ेवरिट स्ट्राबेरी फ्लेवर का कॉन्डोम अपने पास वाले दराज से निकाला और उसे अपने लंड पर पहन लिया। ये देखते हुए पदमिनी ने भी अपनी नाइटी निकली और साइड में रख दी। रघुवीर ठाकुर ने अपना 6 इंच के लंड को पदमिनी की अंडरवियर के उपर घुमाने लगा फिर रघुवीर ने पदमिनी के निपल्स को ब्रा से आजाद कर दिया और उसके चुचियो को दबाने लगा। रघुवीर के ऐसा करते देख पदमिनि और भी ज्यादा गरम हो गयी और उसने फट से अपनी अंडरवियर को निकाला और रघुवीर के लंड को अपने एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत में डाल दिया। रघुवीर ने भी ज्यादा समय न लगाते हुए धीरे धीरे लंड को पादमिनी की चूत के अन्दर बाहर करने लगा। कुछ 4 से 5 मिनट बाद रघुवीर के धक्के तेज होने लगे और रघुवीर 3 से 4 अंतिम शॉट मारकर जड़ गया।और कॉन्डोम निकाल कर थक कर सो गया। रघुवीर को ये भी ध्यान नही रहा कि पादमिनी संतुष्ट हुई या नही बस इसी बात से पादमिनी वापस नाराज हो गयी ओर अपने हाथों को अपनी चुत में सहला कर सो गयीं। रात के करीब 3 बजे होंगे एक काला साया ठाकुर की रूम की और बढ़ रहा था। वो काला साया ठाकुर के रूम के पास जाकर रुक गया। फिर कुछ देर ठाकुर के रूम के बहार खड़ा रहकर चला गया। ये साया और कोई नही ठाकुर रघुवीर का बड़ा बेटा विजय ठाकुर था जो अपने पिता को देखने आया था कि सब ठिक तो है। विजय की बचपन से आदत थी कि जब भी वो रात को पानी पीने और पूरे हवेली की सुरक्षा चेक करने के लिये उठता था तो वो अपने माता पिता के रूम के बाहर तक जाता ही था। तकरीबन सुबह के 5 बजे होंगे हवेली की गेट नंबर 1 पर खड़ा वॉचमेन गेट के साइड में पड़ी हुई कुर्सी पर बैठ कर सो रहा था । वॉचमेन का नाम अनीस हुसैन है। अनीस की उम्र 45 वर्ष है। दिखने में काला और थोड़ी ,., दाढ़ी है। अनीस का पेट बाहर निकला हुआ है और अनीस की दो शादी या निकाह हो चुका है। वॉचमेन अनीस आराम से कुर्सी पर बैठ कर धोक रहा था यानी कि घोड़े बेच कर सो रहा था कि तभी अनीस के कान के नीचे जोर की थप्पड़ आयी और अनीस सिधे कुर्सी से घिर कर गेट से जा टकराया और कौन है कौन है बोलने लगा। अनीस को ऐसे भी जोर से थप्पड़ पड़ने के कारण सर चकरा रहा था फिर थप्पड़ मारने वाले ने अनीस का कोलर पकड़ा और मुह पर कस कर घुसा मारा इस बार तो अनीस के नाक से खून निकल गया। नाक पर घुसा पड़ने से अनीस की सारी निन्द और चक्कर उड़ गये
और उसने देखा कि उसकी कुटाई करने वाला और कोई नही ठाकुर रघुवीर का दूसरा बेटा जय ठाकुर है। जय ठाकुर पूरी रात गांजे के नशे करके आया था। और उसको कोई होश नही था कि वो क्या कर रहा है जय अनीस के पेट पर एक तेज घुसा मारकर बोला मादरचोद साले कुत्ते की औलाद तेरी गण्ड मारू साले गांडू तू ड्यूटी पर सो रहा है गांडू गधे। चल तेरी चड्डी निकाल मादरचोद तेरी गाँड़ में यही मारूँगा चल गांडू नंगा हो जल्दी से जय के डर से नही अनीस जय के नशे से डर गया था जय नशे में अपनी गाँड़ के पीछे रखी गन भी अनीस पर चला सकता था अनीस ने डर के मारे तो अपना पेन्ट निकल दिया पर जैसे है अपना अंडरवियर निकालने गया तब एक जोरदार आवाज आयीं जययययययय ।। ये आवाज और किसी की नही ठाकुर रघुवीर की थी। जो अपनी बालकनी से खड़ा होकर बोला था। जय इस आवाज को जनता था इसलिए वो वही रुक गया उसने जो अपना हाथ लंड में डाल रखा था वो भी निकाली दिया। ओर जय अपनी लाल आखो से ठाकुर रघुवीर को देखने लगा और फिर गुस्से में वहा से चला गया। ठाकुर रघुवीर को देख वॉचमेन अनीस ने उसके हाथ जोड़े और अपना पेन्ट सही करके सर्वेन्ट क्वाटर्स कि और चला गया। ये सब देख आज ठाकुर रघुवीर फिर थोड़ा उदास हुआ कि उसका खून यानी कि जय ऐसा कैसे हो सकता है। ठाकुरो का खून इतना खराब कैसे हो सकता है कि हवेली के वॉचमेन की गाँड़ मारने का सोच सके छी। रघुवीर ने सोचा कि साला दिन की शुरुआत ही खराब हुई है फिर रघुवीर अपने कमरे मे चला गया। जय अपनी लाल आँखे और गाँजे के नशे के साथ अपने रूम में गया और जाते है एक दारू का पेग बनाया और पिया । जय नशे में अपने कमरे को देखने लगा फिर उसको किसी बात पर गुस्सा आया और वो रूम में रखे सोफे पर जाकर सो गया। जय को जिस बात पर गुस्सा आया था और कुछ नही जय की पत्नी राशी ठाकुर को देख कर आया था जो डबल बेड पलंग पर आराम से सो रही थी। अब करीब सुबह के 8 बज रहे होंगे रतन ठाकुर रघुवीर का छोटा भाई अपने कमरे में सो रहा था कि किसी ने पंखा बन्द कर दिया था। रतन उठा और उठते ही अपने पाजामे के अंदर से लंड को मसलने लगा। लगे भी क्यो ना सामने जो घर की नोकरानी जो थी। जिसका नाम मालती था वही मंगु की पत्नी। मलती दिखने में तो कुछ खास नही थी पर वो बैठ कर जब वैक्यूम क्लीनर गुमा रही थी तब उसकी चुचिया और गहरी नाभी दिख रही थी जिसे देख रतन ठाकुर का सुबह सूबह ही खड़ा हो गया था। फिर मालती काम करके चली गयी और रतन अपना लंड हिलाता ही रह गया। (अब स्टोरी रीडर्स आपसे थोड़ी देर का विश्राम लेते है फिर मिलते है अगले अपडेट में )
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#11
दोस्तो अपनी राय व सुजाव कमेन्ट में देते रहना। और क्या इस साइट का नाम xossipy.com से बदलकर MyBB रख दिया है क्या। और नाम बदला है तो क्यो ये बताना।
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#12
Bahut hi achee parichay dhiya bhai
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#13
Bahut badhiya shuhagraat hi! Bhai try to write in hinglish
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#14
Excellent start, hope body guard will be the main hero
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#15
The starting of the story is superb. The introduction of the characters are awesome. Keep going brother
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#16
बहुत ही सुदर चयन है पात्रों का ... उत्तम , कहानी के शुभारम्भ के लिए मुबारक
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#17
Nice start
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#18
Update do bhai story bahut achhi hi kai din baad aise story milli hi
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#19
Friends Update Are Ready. I Give A Big Update Today. How To Upload A Image Ya Photo Please Tell Me. Your Answer Give Me in English and Hindi Ya Both.
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#20
Update 5 ( एक मजबूत शुरुआत भाग - 2 ) सुबह के 9 बजे ठाकुर रघुवीर सिंह ओर विजय ठाकुर दोनों 24 कुर्सियों वाले बहुत बड़े काच के सूंदर डायनिंग टेबल पर बैठ कर ब्रेकफास्ट कर रहे थे। रघुवीर सबसे मुख्य कुर्सी पर बैठा था। तभी करीना ठाकुर एक मस्त लाल रंग की साड़ी पहन कर। करीना ने बैकलेस एंड स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखा था। करीना ठाकुर आकर रघुवीर के पास वाली कुर्सी पर बैठ गयी। ऐसे तो हवेली में आज से कुछ साल पहले तक तो इस टाइप की साड़ी और बैकलेस एव स्लीवलेस ब्लाउज़ पहनना बिलकुल मना ओर प्रतिबंधित था पर जब से ठाकुर की प्यारी व लाडली तीनो बहनो ने बाहर के बड़े शहरों और विदेशों में  रह कर और पढ़ कर आयी है तब से वो ऐसे है कपडे पहनती है। और उनके ऐसे साड़ी और ब्लाउज़ पहनने से ठाकुर उनको मना नही कर पाता। और ठाकुर की बहुओ को देख कर हवेली की बाकी औरते और लड़कियां भी अब ऐसे साड़ी पहनना शुरू कर दिया है और वैसे भी ठाकुर रघुवीर जमाने के साथ चलने वाला आदमी है हा पर वो सिर्फ खुद के लिये ओर उसके परिवार के लिए । उसे लगा जो हो रहा है वो ठिक ही हो रहा है ठाकुर रघुवीर ये भी जनता था कि उसकी बहने समझदार है वो जानती है उनको क्या करना है व कैसे हवेली में रहना है। फिर करीना ठाकुर के लिये डायनिंग टेबल पर नाश्ते की प्लेट आनी शुरू हो गयी पर करीना ने नाश्ता लगाने वाले नोकर मंगु को मना कर दिया। उसके मना करने पर ठाकुर रघुवीर ने तुरंत पूछा कि क्या हुआ आज हमारी बहन हमारे साथ ब्रेकफास्ट क्यो नही ले रही है इसका तुरन्त रिप्लाई देते हुए करीना ने कहा कि भईया आज आप फिर भूल गए आज शुक्रवार है ओर आज मेरा शुक्रवार का व्रत है आज में सिर्फ शाम का है डिनर करुँगी। तो इस बात पर रघुवीर बोला कि हा बहना में तो भूल है गया। फिर इस तरह कुछ बाते चलती रही। फिर ठाकुर उठ कर अपने कमरे की और चला गया और विजय अपने शक्कर के कारखाने की और चल दिया। रघुवीर अपने कमरे में गया तब उसे खयाल आया कि आज उसे राका और इकबाल के साथ एक कपड़े के बहुत बड़े शोरूम में जाना है जिसका उद्धघाटन उसके हाथों से होना। इस बड़े कपड़े के शोरूम का मालिक गाँव का एक अमीर सेठ धनपाल जैन था। जो अपनी किराणा की दुकान से काफी कमाया था ओर अब उसने अपनी दूसरी कपड़ो की दुकान खोली थी। जो काफी बड़ी थी। जैसे ही रघुवीर को ये याद आया उसने राका को फोन किया। राका के पास जब ठाकुर रघुवीर का फोन गया तब वो एक आदमी के मुँह के अंदर अपनी पिस्तौल की नोक डाल कर खड़ा हुआ था जैसे ही उसके पास फ़ोन आया वो बोला ये किस मादरचोद का फोन है। फिर उसने रघुवीर के फोन को देख कर एक साइड रख दिया और वापस उस आदमी के मुँह में पिस्तौल रख दी और मादरचोद मेरे पास इतना टाइम नही है बता तुझको किसने भेजा था ठाकुर विजय पर जानलेवा हमला करने के लिये बता। आज से करीब 2 दिन पहले जब विजय अपने गन्ने के खेत पर गया था तब वहां पर किसी ने उसके ऊपर फायर किया था तब विजय की किस्मत से वो बच गया दरसल हुआ ये था कि जैसे ही शूटर ने फायर किया तब ही विजय के सामने गन्ने के खेत मे काम करने वाला एक मजदूर उसके सामने आ गया था और विजय की जगह गोली उस मजदूर को लग गयी थी और जेसे ही मजदूर को गोली लगी तभी विजय ठाकुर ने पेड़ के पीछे छिप गया और विजय के एक  बॉडीगार्ड रमीज पठान ने पैड के पिछे छिप कर अपनी पिस्तौल से एक गोली मारी जो जाकर सिधे शूटर के हाथों में लगी ओर शूटर से बन्दुक छूट गयी और वो भागने लगा पर उसको विजय के दूसरे बॉडीगार्ड राघव चौधरी ने तेज दौड़ कर पकड़ लिया और उस शूटर की वही जोरदार वाली पिटाई कर दी फिर उसे हवेली ले जाकर राका के हाथों में सोप दिया। अब आगे राका जिस शूटर को मार रहा था वो शूटर का नाम जितेंद्र जाधव था। फिर राका ने जितेन्द्र को एक आखरी वॉर्निंग दी कि अब तूने नही बताया तो में तेरा एक हाथ उखाड़ दुगा। पर जितेन्द्र एक प्रोफेशनल शार्प शूटर था वो कुछ नही बोला पर रखा ने जितेन्द्र को चुप देखते हुए अपने बलिष्ठ व काले हाथो से जितेंद्र के हाथ को 15 सेकण्ड में एक बड़ी लकड़ी को काटने वाली वुडकटर मशीन से उसके एक साइड के हाथ को बगल से काट दिया और अब बता मादरचोद जितेन्द्र का तो एक हाथ काटते ही वो चिखने लगा और रोने लगा। उसको रोते हुए देख राका बोला क्यो रे भोसडीवाले तू सच मे शार्प शूटर है क्या। और हे तो चूतिये तू इतने खुले में होते हुए भी निशाना कैसे चूक गया और कैसे बच गया वो विजय। ये सुनते ही जितेन्द्र के होश उड़ गये और वो दर्द से चीखते हुए बोला कि मैने तो निशाना विजय ठाकुर के माथे पर ही लगाया था पर उसके पास 4 से 5 मजदुर खड़े थे पर जेसे मेने गोली चलाई वैसे ही मजदूर कुछ कहने विजय के पास गया और उसी समय मेने गोली चला दी। ओर मेरी गोली से वो मजदूर मर गया। ओर विजय ठाकुर के बॉडीगार्ड ने मेरे ऊपर गोली दागी ओर मेरे हाथ पर लगने से पेड़ से गिर गया और पकड़ा गया। फिर राका ने जितेन्द्र के घर का पता लिया और आखरी सवाल पूछा कि तुझको किसने भेजा था ओर जितेन्द्र बोला कि मुझको अर्जुनगढ़ के रहने वाले जोरावर सिंह ने भेजा था इतना सुनते ही राका के काले  चेहरे पर हसी आयी और उसने जितेन्द्र के मुँह के अन्दर रख कर गोली चला दी। और जितेन्द्र जाधव मर गया। राका ने अपने एक आदमी से कहा कि इसकी लाश को ठिकाने लगा दे। और फिर राका वहा से निकल कर हवेली चला गया। राका की गाड़ी हवेली के अंदर आने से सारे वॉचमेन खड़े हो गये। राका जहा जाता वहां राका के आते ही दहशत और खोफ फैल जाती थी। राका एक सफेद कलर की एस यु वी फॉर्च्यूनर में घुमता था जीके आगे एक काले कलर का छोटा सा झंडा लगा रहता था। फिर सफेद फॉर्च्यूनर हवेली के गेट नम्बर 1 से होते हुईं हवेली के मुख्य गेट पर रुकी फिर राका गाड़ी से उतरा और हवेली के अंदर चला गया। हवेली के अंदर जाते ही उसे रघुवीर ठाकुर की तीसरी बहन अनुष्का ठाकुर दिखी जो किसी हवेली के राशन का हिसाब रखने वाले किसी आदमी से बात कर रही थी। उस टाइम अनुष्का ठाकुर ने मेहरून कलर की साड़ी और आसमानी कलर का एक बैकलेस और स्लीवलेस ब्लाउज़ पहन कर रखा था जिसमे वो बहुत हॉट और सेक्सी दिख रही थी और अनुष्का ने बाल भी खुले हुए रखे थे जिससे वो और भी सूंदर लग रही थी। राका ने जेसे ही अनुष्का को देखा वो उसके पास आया और वहां खड़े आदमी से बोला कि क्या हुआ क्यो मेडम जी को परेशान कर रहा है। राका को देख के राशन का हिसाब रखने वाले यतिन शर्मा की फट गयी ओर वो बोला कि नही नही राका दादा नही में तो सिर्फ मेडम से रोज की तरह हिसाब कर रहा था ताकि में हवेली के राशन खाते ( एकाउन्ट ) में सही से एन्ट्री कर सकू। राका बोला तू खाते में सही से खतौनी ( एन्ट्री ) करते रहना वरना में तेरा खाता खोल दुगा ये सुनते ही यतिन की फट गयीं ओर वो साइड में खड़ा हो गया। फिर राका ने एक हाथ अनुष्का ठाकुर के कन्धे पर रख दिया और बोलने लगा कि छोटी मैडम आपको कोई परेशानी हो तो मुझे बोलिये। राज ठाकुर की सभी बहनो को बड़ी और छोटी मैडम कहकर ही बात करता था। अनुष्का को राका के काले ओर सख्त हाथ अपनी बाहों पर महसूस होने लगे अनुष्का को थोड़ा अजीब लगा पर उसने इसका कोई विरोध नही किया और बोली नही अंकल ये बेचारा तो सिर्फ हिसाब लेने आया था ये सुनते ही राका के यतिन का कोलर पकड़ लिया और बोला तेरी इतनी हिम्मत की तो हवेली और छोटी मेडम का हिसाब ले। राका एक तो ज्यादा पढ़ा लिखा था नही उसने हिसाब का गलत मतलब निकाल दिया और फालतू का यतिन का कोलर पकड़ लिया। पर जेसे ही उसने यतिन का कोलर पकड़ा था उसने अनुष्का के कन्धे से हाथ हटा कर उसकी नंगी पिठ पर रख दिया ओर हलका हलका घुमाने लगा।अनुष्का को अपनी पिठ पर राका काले और सख्त बड़े हाथ लगते हुए महसूस हुए जिससे वो वहा से हट गयीं ओर राका से थोड़ा दूर जाकर बनावटी हसी दिखाते हुए बोली कि अंकल ये तो खाते वाले हिसाब की बात कर रहा है फिर राका ने यतिन को छोड़ दिया और यतिन साइड में खड़ा हो गया यतिन का तो मन कब से वहां से भाग जाने का था पर उसका राशन का हिसाब बाकी था इसलिए वो वही खड़ा था। फिर राका ने भी अपनी गन्दी सी हँसी दिखायी और अनुष्का ठाकुर से इजाजत बोल कर ठाकुर रघुवीर के रूम की तरफ चल दिया।अनुष्का ने राका की हरकतों पे ज्यादा ध्यान ना देते हुए अपने काम मे लग गयी। जैसे ही राका रघुवीर के रूम में पहुँच रघुवीर वहा काले पेन्ट ओर सिल्वर कलर का कोट अन्दर सफेद शाट और काले रंग की टाई पहन के खड़ा था। राका रूम में आते ही हाथ पीछे बांध कर खड़ा हो गया और बोला जी ठाकुर साहब बोलिये क्या हुकम है। रघुवीर बोला कि आज हमको धनपाल सेठ के वहाँ जाना है याद है या भूल गया जी ठाकुर साहब याद है आपका आदेश कैसे भूल सकता हूं। फिर ठाकुर ने कहा कि इक़बाल कहा है तो राका बोला कि वो अभी गाड़ी के पास हमारा इन्तजार कर रहा है। फिर ठाकुर ने इत्र की चार बुन्दे अपने कोट पर लगायी और रूम से चल दिया सिधे कार की ओर। रघुवीर के  रूम से निकलते ही राका ने अपने एक आदमी को इकबाल के पास भेज दिया ताकी वो उसको लेकर कार के पास तक आ जाये। इकबाल खान हवेली के पीछे वाले सर्वेन्ट क्वाटर में रहता था इकबाल अपने रूम में बैठ कर आराम से बकरे का घोष खा रहा था और साथ मे चिकन के चार लेग पिस। राका का आदमी जेसे ही इक़बाल के रूम के पास आया उसे नॉन वेज की सुगन्ध आ गयी ओर उसने गेट खड़खडाय पर इक़बाल कुछ नही बोला और चुपचाप बाहर आकर उसके साथ चला गया। इक़बाल जेसे ही कार के पास जाकर खड़ा हुआ वहाँ पर रघुवीर और राका आ गये। ओर इक़बाल बोला जी मालिक बोलिये। ठाकुर बोला चलो आज हमे अभी निकलना है। इक़बाल थोड़ा बनावटी मुह बना कर बोला मालिक अगर बुरा ना माने तो में आपसे एक बात कहू अगर आपकी आज्ञा हो तो ठाकुर रघुवीर बोला ठीक है बोल आज में आपके साथ न आउ तो चलेगा क्योकि में पिछले तीन शुक्रवार से आपके साथ था और आज भी शुक्रवार है मुझे आज रहीम चाचा को रुपये देने मस्जिद जाना है रहीम चाचा सिर्फ शुक्रवार को ही मिलते है वो मस्जिद में नमाज पढ़ने आते है और नमाज के बाद आपने छोटे से गाँव लोट जाते है। रहीम ने किसी रहीम चाचा से कभी कुछ रुपये उधार लिए थे ठाकुर के यहा नोकरी करने से पहले वो उसको ही चुकाने की बात कर रहा था। ठाकुर रघुवीर सिंह बोला ठिक आज तुम हवेली ही रुक जाओ में तेरी जगह प्रवीण को ले जाता हूं। फिर ठाकुर रघुवीर वहाँ से निकल गया। इसके बाद इकबाल सिधे रूम में गया और अपनी गन्दी शकल से गन्दी हँसी निकालते हुए बकरे का माँस खाने लगा ।
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