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Fantasy मेरा मोहल्ला
#21
Aapki story to bahut achchhi hai cotunu bro tahanks

My fav story on xossip is (chahakta chirag). Is k sath maine 3 saal se juda tha. Ek aur story thi (main meri family aur mera gaow) doston iske itne lambe lambe update aate the ki mat pucho. Ek update padhne me 1 ghanta lagta tha. Lagbhag 3000 words hote the. Main to apni story likhne me 1000 words likhte likhte thak jata hun. Pata nahi avi bhayi kaise itna lamba update likhte the. Aur hmlogon ko wo v bahut kam lagta tha. Hamesa update update k pichhe pare rahte the. Agar avi bhayi aap is foram par ye coments parh rahe ho to update mangne k liye sorry & 3 saal se v adhik dinon tk hmsabhi ka manoranjan karne ke liye dil se dhanyabad.
Meri story read karne k liye niche link par jayen
Rasleela Bachpan se jawani tk
https://xossipy.com/thread-1887.html
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#22
(06-01-2019, 11:15 AM)Eswar P Wrote: Bahut achhi hi bhai

धन्यवाद भाई,
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#23
(06-01-2019, 11:19 AM)Fuckerwala Wrote: Aapki story to bahut achchhi hai cotunu bro tahanks

My fav story on xossip is (chahakta chirag). Is k sath maine 3 saal se juda tha. Ek aur story thi (main meri family aur mera gaow) doston iske itne lambe lambe update aate the ki mat pucho. Ek update padhne me 1 ghanta lagta tha. Lagbhag 3000 words hote the. Main to apni story likhne me 1000 words likhte likhte thak jata hun. Pata nahi avi bhayi kaise itna lamba update likhte the. Aur hmlogon ko wo v bahut kam lagta tha. Hamesa update update k pichhe pare rahte the. Agar avi bhayi aap is foram par ye coments parh rahe ho to update mangne k liye sorry & 3 saal se v adhik dinon tk hmsabhi ka manoranjan karne ke liye dil se dhanyabad.

मैं भी अवि भाई का प्रसंशक हूँ और उनसे प्रेरित हु, और कही न कही मेरी लिखी हुई कहानियो में थोड़ी बहुत उनकी झलक भी मिल जाएगी,
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#24
Part - 18

रजनी से घर से वापस आके मैं सो गया, कोई 1 घंटे तक सोया होगा, नींद बराबर आ नहीं रही थी, बार बार  मोबाइल देख रहा था कि रजनी का मेसेज आया होगा, लेकिन कुछ नहीं था, मैं फिर से सो गया ,

कोई आधे घंटे और सोया होगा, तभी मोबाइल में मेसेज की घंटी बजी, द्देखा तो रजनी का मेसेज था “ come”

मैं भी तुरंत उठा कर उसके घर की तरफ गया,

घर का मेन गेट खुल्ला था, मैं सीधा अन्दर गया और राज के कमरे के पास जाके आधे खुले  दरवाजे से देखने लगा, जोकि रजनी ने मेरे लिए ही खुल्ला रखा था,

जैसे ही मैंने ने दरवाजे में से देखा कि रजनी पूरी नंगी थी। और उसके दूसरी तरफ से कोई  और की आवाज थी, वो दोनों आपसे में बात कर रही थी,

उसी समय दूसरी तरफ से किसी ने अपने कपडे हवा में उछाल कर रजनी पर फेंक दिए, और आवाज आयी “ये ले मेरी जान” ये आवाज रीना भाभी की ही थी,

रजनी  “यार ये सब तो ठीक है लेकिन अब अगर कोई मस्त सा लंड मिल जाए तो मजा आ आ जाये” और दरवाजे की तरफ देखते हुवे आँख मारी”

रीना “हाँ यार जब से ये दुबई गए है एक लंड के लिए तड़प गयी हु”

रजनी   “क्या यार तेरे पास तो इतना मस्त लंड है और तू तरस रही है “

रीना “क्या करू समाज की मर्यादा में बंधी हुई हु, नहीं तो कब का उसको खा गयी होती” और हंस पड़ती है “

रजनी  “कोनसी मर्यादा? एक बार लंड ले ले उसका फिर सारी मर्यादा गयी तेल लगाने”

रीना “ हाँ साली रांड, और वो नीतू तो पुरे रस्ते उसके लंड पर सवार होक आयी थी, उसका  बस चलता तो वो  उसके लंड को वही खा लेती,

रजनी  “बड़ी मुश्किल से खुद को रोका था साली ने”

रीना “ साली दोनों की दोनों मेरे हिस्से का लंड खा गयी जब की उसपर पहला हक़ मेरा था”

रजनी “मेरी जान अगर तू काम में नहीं लेगी तो उसको तो पड़ा पड़ा जंग लगा जायेगा न इसलिए हमदोनो ने उसका भोग लगा लिया

कुछ देर बातें करने के बाद वो एक दूसरे की किस करने लगीं बिल्कुल पागलों की तरह मुँह से पुच पुच्च और उम्म्म म्म्म्म उम्म्म्म की आवाज निकल रही रही थी।

थोड़ी देर बाद वो मम्मों को बुरी तरह से मसलने लगी, रीना भाभी  मम्मे तब इतने ही बड़े थे कि एक हाथ में पूरे भर सकते थे, पर मजा बहुत आ रहा था, मेरे मुख से निकल रहा था- आह्ह्ह्ह आहह्ह्ह… बहुत मजा आ रहा है।

थोड़ी देर बाद उसने मम्मों को मसलना रोककर उन्हें चूसने लगी।

नीतू ने उसे दूर किया और कहा “पहले इन्हें जोर से मसल ना… फिर चूसती रहना।

और वो थोड़ी देर और मसलकर उन्हें चूसने लगी और काटने भी लगी।

मैं भी धीरे धीरे गर्म होने लगा, मेरा लंड फट के बाहर आने को था।

थोड़ी देर बाद वो एक दुसरे की चूत चाटने लगी

पुरे कमरे से बस सीईईईईए आआहहह्ह आईईस्स स्सस्स आह्ह्ह उम्म्म्म सीईईए आआःह्ह ह्ह्ह की सिसकारियाँ निकल रही थी।

थोड़ी देर बाद दोनों एक साथ झड़ गईं और दोनों ने एक दूसरी का रस निगल लिया, फिर उठ कर एक दूसरी को किस करने लगीं। क्या बताऊँ कितना मजा आ रहा था।
थोड़ी देर लेटी रही और फिर से शुरू हो गयी  उसके मम्मों को चूसने लगी, लेस्बियन को देखना भी एक अलग ही आनन्द है।

मम्मों को चूसते हुए वो  दूसरे की चूत को मसलने लगीं और दोनों के मुँह से आह्ह्ह आहह अह्ह्ह अहहः आआईईईए आह्ह्ह्ह की आवाज निकाल रही थीं।

ऐसे ही दोनों एक बार फिर से झड़ गईं और दोनों के ही हाथ दोनों की चूत के रस से गीले हो गए थे तो उन्हें एक कपड़े से साफ़ किया।

थोड़ी देर बाद रजनी ने एक डिल्डो निकालकर कमर पर बाँधा और रीना भाभी की दोनों टांगों को उसके कन्धे पर रखकर सिर्फ 2 झटकों में ही पूरा अंदर उनकी चूत में डाल दिया, रीना भाभी की चीख निकल गई और चूत में दर्द भी होने लगा था।

रीना भाभी उसे गाली देने लगी  “माँ की लौड़ी… मेरी चूत से बाहर निकाल इसे! बहुत तेज दर्द हो रहा है मेरी चूत में!

पर रजनी ने एक न सुनी और घपाघप धक्के मरने लगी,

रजनी रीना भाभी की चूत धकाधक चोदे जा रही थी,

अब  रीना भाभी को मजा आने लगा था, वो अब बस मेरा नाम ले ले के सिसकारियाँ ले रही थी  “आह्हह अह्ह आह्ह एआईईईई ह्ह्हीई… सन्नी चोद मुझे ऐसे ही… जोर से… सन्नी चोद बहुत मजा आ रहा है… आह्ह्ह अह्ह्ह्ह!

कुछ देर बाद रजनी ने आसन को बदल लिया और कहने लगी- चल कुतिया बन… अब मुझे तेरी गांड चोदनी है!

रीना भाभी तुरन्त ही कुतिया बन गई।

‘कुतिया…’ उसने रीना भाभी के एक चूतड़ पर जोर से चपत लगाई और डिल्डो को उनकी गांड के छेद पर लगाकर आहिस्ते से गांड में उतार दिया।
मुझे देखा कर बड़ा मजा आया की “ अब रीना भाभी की चूत और गांड दोनों मेरी है”

जब पूरा अंदर समा गया तब उसने धक्कों की गति तेज कर दी।

रीना भाभी ऐसे चुदने में भी बहुत मजा आ रहा था और फिर कुछ देर बाद उसने गांड से डिळडो निकाल कर चूत को चोदने लगी।

लगभग 5 मिनट बाद ही रीना भाभी की  चूत ने पानी छोड़ दिया।

फिर रजनी उसी डिल्डो से नीतू की चूत चोदने लगी,

थोड़ी देर बाद रीना भाभी ने डिल्डो को कमर पर बाँधा और रजनी की चूत गीली होने तक उसे चोदा।

उसके बाद वो दोनों नंगी ही बिस्तर पर लेट गयी और आराम करने लगी,

तभी रजनी राज का शर्ट पहनकर चाय बनाने चली गई और रीना भाभी टी वी देखने लगी।

वो 2 कप चाय बनाकर ले आई। उन्होंने चाय पी और एक दूसरे के मम्मों, और चूत से मस्ती करने लगीं।

रीना भाभी ने देखा रीना भाभी टॉवल पहन कर दरवाजा खोलने गई।

नीतू रीना भाभी को  ऐसे देखकर आश्चर्यचकित हो गई।

जैसे ही नीतू अन्दर आयी, तुरंत ही रीना भाभी ने दरवाजा लगाकर टॉवल निकाल दिया और रजनी के बेडरूम में ले गई।

वो बार बार पूछ रही थी- तू यहाँ पर नंगी क्यों और कैसे है?

रीना भाभी ने उसकी बात को अनदेखा कर दिया और उसे किस करने लगी।

वो उनसे छूटकर दूर हो गई।

उन्होंने उसे फिर किस किया पर 2 मिनट बाद वो फिर अलग हुई।

इस बार रीना भाभी ने उसे किस नहीं किया और जाकर बेड पर बैठ गई और कामुक अंदाज में मुस्कुराते हुए देखने लगी।

वो बार बार पूछ रही थी कि तू यहाँ पर नंगी क्यों है और रजनी कहाँ पर है?

पर रीना भाभी ने उसे सिर्फ इतना ही कहा- क्यों मैं तेरे सामने नंगी नहीं रह सकती क्या? और वैसे भी थोड़ी देर में तो तूभी तो नंगी होने वाली है।

वो उसे गर्म करने के लिये कामुक बातें करने लगी, पर इन बातों का भी नीतू पर कोई असर नहीं हुआ।

तभी रजनी चुपचाप उसके पीछे आकर खड़ी हो गई, रीना भाभी ने उसे इशारा किया, जैसे ही नीतू ने मुड़ कर देखा, रजनी ने उसे धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया और उसके ऊपर ही बैठ गई।

वो उससे छुटने लगी, या छुटने का नाटक कर रही थी… पता नहीं… पर बार बार यही बोल रही थी- छोड़ मुझे… यह क्या कर रही है?

रजनी- कैसे छोड़ दूँ तुझे? अभी तो आई है, मजे तो करने ही पड़ेंगे।

नीतू- तू ये क्या कर रही है, ये सब गलत है!

रजनी- अच्छा रीना के साथ किया, वो गलत नहीं है।

और वो एक दुसरे को तरफ आश्चर्य से देखने लगी।

रीना भाभी “ये हम दोनों का ही किया हुआ है, अच्छा होगा कि अब तू भी हमारा साथ दे और तीनों मजे करें, और झूठा नाटक बन्द कर। वैसे भी 2 से भले 3… क्या ख्याल है?

इसके बाद जो बातें हुई, वो लिखने का कोई मतलब नहीं है, अब आप समझ ही गए होंगे।
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#25
Part - 19

तभी तीनो जोर से हंस पड़ी,

नीतू बोली “ तुम लोग सुधरने वाली नहीं हो”

रीना भाभी “हम लोग बिगड़े ही कब थे”

रजनी ने उसकी चूत को नीतू के मुँह पर रख दिया और उसकी चूत को चाटने लगी,

रजनी भी सिसकारियाँ ले रही थी और रीना भाभी नीतू की साड़ी नकालने लगी।

देखते ही देखते रीना भाभी ने उसकी साड़ी, पेटीकोट, और पेंटी निकाल दी पर ब्लाउज और ब्रा निकालना बाकी रह गया था क्योंकि रजनी अभी उसकी चूत चटवा रही थी।

तभी रजनी की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसे नीतू के मुँह में ही निकाल दिया, उसे खांसी आ गई, लेकिन उसने गर्दन को ऐसे पकड़ा था कि छूटना मुश्किल था।

जब तक वो सारा रस नहीं निगल गई उसने नहीं छोड़ा।

जब वो हटी तो ऐसा लग रहा था कि शायद वो उलटी शायद देगी पर ऐसा नहीं हुआ।

थोड़ी देर बाद उसके बदन पर ब्लाउज़ निकालना रह गया था, वो रजनी ने निकाल दिया, पर उसकी साफ़ चूत देखकर रीना भाभी ने उससे पूछा- तुझे जब मजा करना ही था तो ये सब नाटक क्यों किया?

वो हंसी और बात को घुमा फिरा कर बोलने लगी पर उसका मतलब हाँ था।

तो वो सब हंसी और फिर एक साथ सेक्स किया।

रीना भाभी नीतू को किस करने लगी और रजनी उन दोनों के बीच में बैठ गई पहले उसने रीना भाभी की चूत को चाटा और फिर नीतू की चूत को। वो ऐसे ही थोड़ी देर रीना भाभी की चूत चाटती और थोड़ी देर नीतू की!

रीना भाभी और नीतू  दोनों एक दूसरे को किस करने में मग्न थी और मुँह से बीएस आह्ह्ह ऊम्मम्म उम्म्मन पपऊऊउ प्पप्पलच्च्छ की आवाज निकाल रही थी।
उसके बाद रजनी खड़ी हुई और उन दोनों भी अलग हो गई।

अब नीतू ने रजनी को बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगी, रीना भाभी रजनी के मम्मों को पी रही थी।

तभी पता नहीं रीना भाभी को क्या सूझा कि वो भी नीतू के साथ रजनी की चूत को चाटने लगी।

हालांकि थोड़ी सी समस्या तो हो रही थी पर उन्होंने तालमेल बैठ लिया, और दोनों एक साथ उसकी चूत चाटने लगीं। सच में दोनों ही अब मजे से रजनी की चूत चाट रही थीं, और दोनों की जीभ भी आपस में टकरा रही थीं।

ये शायद इस तरह का उन तीनों का  पहला ही अनुभव था, और मेरा भी,
तीनों ही आनन्द से सागर में डूब गई।

रजनी तो जैसे पागल सी हो गई, उसने इस मदहोशी में उन दोनों की गर्दन को उसकी टांगों से तेज से तेज जकड़ लिया था और सिसकारियाँ लेते हुए बोल बस यही रही थी “आअह्ह आह्ह्ह उंम्मनम्म्म… चूसो और जोर से… बिल्कुल ऐसे ही चूसो। बहुत मजा आ रहा है, उम्म्म्म्म आह्ह्ह्ह्ह्ज!

उन दोनों को चाटने में भी बहुत मजा आ रहा था, पर मुझे ऐसा लग रहा था कि रजनी शायद नाटक कर रही है, पर वो दोनों उसके झड़ने तक उसकी चूत को चाटती रहीं।

जब उसकी चूत ने पानी छोड़ा तो कुछ रस रीना भाभी के मुँह में आ गया और कुछ नीतू के मुँह में उसने उसे थूक दिया पर रीना भाभी ने उसी रस लगे मुँह से उसे जबरदस्ती किस किया।

अब बारी रीना भाभी की थी, अब रजनी और नीतू ने भी उनकी चूत को ऐसे चाटा! और जैसे रीना भाभी सिस्कारिया भर रही थी तो  मुझे लग रहा था कि रजनी कोई नाटक नहीं कर रही थी, उसे सच में मजा आ रहा था।

इसी तरह तीनों ने एक दूसरी की चूत को चाटा।

थोड़ी ही देर में रजनी ने 3-4 नकली लंड निकाले और एक उसकी कमर पर बाँध लिया और रीना भाभी के मम्मों को मसलने लगी, रीना भाभी के मम्मे कुछ ज्यादा बड़े नहीं थे तब, पर बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

थोड़ी देर बाद रीना भाभी ने भी लंड को कमर पर बाँध लिया और शुरुआत नीतू से की।

पहले रजनी बिस्तर पर लेट गई फिर नीतू ने भी देर न करते हुए रजनी के ऊपर लंड को फंसाकर बैठ गई और खुद ही उछल कर मजे करने लगी।

रीना भाभी ने लंड को नीतू के मुँह में डाल ही रही थी कि रजनी नीतू से बोली- तू एक साथ दो लंड का मजा भी ले ना… देख कितना मजा आएगा।

नीतू- नहीं, मुझे बहुत दर्द होगा।

रजनी- अरे यार थोड़ी देर दर्द होगा, फिर मजा आयेगा। वैसे भी ये प्रैक्टिस कर ले, जल्दी ही दो मिल जायेंगे तुझे,

नीतू- नहीं यार!

रीना भाभी - अच्छा तू पहले एक साथ लेकर देख ले, अगर मजा नहीं आया तो बता देना हम नहीं करेंगे।

नीतू- नहीं यार मेरे पतिदेव को पता चल जायेगा।

रजनी- क्या पता चलेगा? हम किसी गैर लोगों से थोड़ी चुद रही हैं? और वैसे भी तेरी गांड तो पूरी चूदी हुई है। तेरी क्या हम तीनों की ही गांड चुदी हुई है।
ये मेरे लिए अप्रत्याशित समाचार थे की तीनो की गांड भी खुली हुई है,

कुछ देर बाद मनाने के बाद नीतू तैयार हो गई, रजनी ने तो पहले से ही लंड फंसाया हुआ था, तो रीना भाभी ने भी आहिस्ते पूरे लंड को उसकी गांड में घुसा दिया।

आपको तो पता ही है कि नीतू के पति का लंड भी कुछ कम नहीं है, लेकिन उसने ये नहीं बताया था की उसकी गांड को चोदता है।

जब लंड अंदर तक चला गया तो अब दोनों ही धीरे धीरे धक्के लगाने लगीं।

हालांकि रजनी को धक्के लगाने में थोड़ी समस्या जरूर हो रही थी क्योंकि यह उसका पहला अनुभव जो था पर धीरे धीरे उसे ये सब करने में मजा आने लगा और नीतू भी उछल उछल कर मजे लेने लगी- आःह्ह अह्हह आआह्ह्ह एआह्ह एअह्ह हह्हह… चोदो मुझे और चोदो… बहुत मजा आ रहा है… आह अह्ह अह्ह ह्हह्ह आअह्ह्ह!

उसकी आवाज सुनकर रजनी ने धक्के तेज कर दिए और थोड़ी देर बाद रीना भाभी ने भी!

इसी बीच नीतू झड़ गई और तीनो अलग हुए, दोनों ने ही लंड को बाहर निकाल लिया।

पर नीतू ने और चुदने के लिये कहा, मिन्नतें करने लगी, कहने लगी  “बहुत मजा आ रहा है।

तो वो दोनों भी मान गईं।

पर इस बार उन्होंने जगह बदल ली, इस बार रीना भाभी ने नीतू की चूत और रजनी ने गांड में लंड को डाला और धक्के लगाने लगीं।

इस बार रजनी को धक्के लगाने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था और अचानक ही तेज धक्के लगाने लगी और नीतू भी मजे से उछल उछल कर साथ दे रही थी।

तभी नीतू फिर झड़ गई और शिथिल पड़ गई।

अब वो अलग हुए तभी रजनी ने रीना भाभी को धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया और उनके चूतड़ पर चपत लगाने लगी।

कुछ देर बाद रीना भाभी जैसे तैसे बैठी और देखा कि तक नीतू भी लंड को उसकी कमर पर बांध चुकी थी, यानि की अब चुदने का नम्बर रीना भाभी का था।

नीतू ने उनको पेट के बल लेटाया और वो चूतड़ पर चपत लगाने लगी, यह देखकर रजनी को भी जोश आया और वो भी चूतड़ पर जोर से चपत लगाने लगी।

अब दोनों की दोनों चूतड़ पर जोर जोर से चपत लगा रहीं थी,

ये सब देख के मुझे जलन हो रही थी पर मजा भी आ रहा था।

फिर रीना भाभी ने ही उन्हें लंड फंसाकर चोदने के लिये कहा, तो उन्होंने भी देर नहीं की और दोनों एक साथ धक्के लगाने लगीं।

ऐसा लग रहा था कि रीना भाभी को पहले से ही 2 लंड साथ लेने का अनुभव है इसलिए उन्हें ये सब करने में कोई भी परेशानी नहीं हो रही थी,

वो उछल उछल कर आवाज निकाल कर मजे ले रही थी।

जब चूत और गांड एक साथ चुद रही थी तो बहुत मजा आ रहा था,

वो आँखें बन्द करके मजे ले रही थी- आआह्ह अह्हह आआअह्ह ऊऊह्ह ऊऊह आआह्ह आआह्ह…

पर पता नहीं उन दोनों ने आपस में क्या इशारा किया कि नीतू ने, जो पहले गांड को चोद रही थी, ने लंड निकाल लिया।

रीना भाभी ने जब इसकी वजह पूछी तो वो कुछ नहीं बोली सिर्फ कमर को पकड़े रखा और फिर 2 जोरदार झटके में ही लंड को अंदर डाल दिया।

जैसे तैसे रीना भाभी ने दर्द को सहन कर लिया और रजनी ने भी धक्के लगाने शुरू कर दिए, एक तरफ गांड का दर्द और चूत में मजा सच में एक नया सा अनुभव मिला।

ऐसी ही हरकत रजनी ने भी की उसने भी लंड को चूत से निकाला और फिर 2 ही झटके में अंदर तक डालकर चोदने लगीं।

रीना भाभी थोड़ी देर बाद झड़ गई।

और इसी तरह उन दोनों ने रजनी को भी चोदा।

कैसे चोदा वो आप समझ ही गए होंगे?

उस दिन उन्होंने दो राउंड चुदाई की, फिर 4 बजे तक नंगी ही रहीं और तीनों ने ही साथ में एक दूसरे को नहलाया।

उसी समय मैंने मेरे घर आ के कमरे में जाके रीना भाभी का नाम ले ले के जो मुठ मारी उससे इतना माल निकला शायद ही कभी निकला हो,
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#26
Part  - 20 

आज काफी अच्छी नींद आयी, पूरी रात बस रीना भाभी को याद करता रहा और मुठ मरता रहा, मेरी किस्मत भी अजीब है जब मिलती है तो दिन में दो तीन चूत मिल जाती है और नहीं तो साला हाथ से काम चलाना पड़ता है, और आज रात वैसे ही कटी,

सुबह समय से उठ कर नहा धो कर ऑफिस के लिए निकल रहा था,

माँ बोली “नाश्ता करके जा, बहु ने स्पेशल बनाया है”

तभी दूसरी तरफ से रीना भाभी आ रही थी, आज पहली बार मैं उनको एक औरत के रूप में देख रहा था जिसका पति दुबई में था और वो लगभग 1 साल से लंड के लिए तड़प रही थी,

रीना भाभी बोली “आ जाओ देवर जी, आपके लिए स्पेशल है, देसी घी में बनाया है, आपको बड़ी मेहनत करनी पड़ती है न”

मैं बोला “ सो तो है भाभी”

रीना भाभी की आँखों में देखा तो लगा की वासना के डोरे तैर रहे है और ये अभी मुझसे चुदाई के  लिए कहने लगेगी,

लेकिन एक भारतीय नारी इतनी आसानी से अपने देवर से कैसे कह सकती है, लाज शर्म की बेड़ियाँ जो होती है, अगर कोई औरत इन बेड़ियों को तोड़ दे तो मजा भरपूर ले सकती है लेकिन साथ ही साथ समाज की नजरों से गिर जाती है, इसलिए जो भी हो घर में तो सबसे बढ़िया है, और शायद यही रीना भाभी सोच रही थी, इसलिए उन्होंने मुझपर मेहरबानियाँ शुरू कर दी थी,

फिर इधर उधर की बात करते हुवे नाश्ता खाके मैं ऑफिस की तरफ चला गया, और ये सोचते हुवे जा रहा था, “कि आज शाम को क्या होने वाला है” रीना भाभी किस तरह से मुझे रिझायेंगी”??

ऑफिस में आज बहुत चहल पहल थी, सप्ताह का पहला दिन था,

उसका पहला कारण था, महीने के कुछ आखिरी दिन चल रहे थे, इसी वजह से सेल्स टीम पर दबाव था और मैं तो सेल टीम का ही एक हिस्सा था, मेरा टारगेट पूरा था और पूरा क्या टारगेट से कुछ अधिक ही था,

दूसरा कारण था हमारी नए सहकर्मी रश्मि, जिसने आज ही हमारी टीम ज्वाइन की थी, मैं सीधा अपने चैम्बर में  गया,

और अपने काम में लग गया, रश्मि मेरे चैम्बर के दरवाजे पर आयी, मैं सर झुकाए मेरा काम कर रहा था,

रश्मि “ क्या मैं अन्दर आ सकती हु सर ?”

मैं सर उठा कर उसकी तरफ देखते हुवे बोला “ जी आइये” आप कौन?

रश्मि “मेरा नाम रश्मि है और मैंने आज ही ऑफिस ज्वाइन किया है”

मैं “टीम में आपका स्वागत है” आइये बेठिये न खड़ी क्यों है’

रश्मि “धन्यवाद सर”

मैं  “देखो रश्मि सब लोग मुझे यहाँ पर सन्नी बुलाते आप भी कृपया मुझे मेरे नाम से बुलाये, सर काफी अटपटा लगता है,

रश्मि “ठीक है सर”

मैं “ फिर से सर “

और फिर दोनों हंस पड़ते है,

थोड़ी देर काम की बात करते हुवे हम लोगों ने चाय मेरे केबिन में माँगा ली, चाय पी के वो चली गयी अपनी डेस्क पर,

पूरा दिन ऑफिस के काम में ही निकल गया, बीच में माँ का फोन भी आया, आते समय बाजार से कुछ लाने के लिए बोला था,

शाम को घर जाने के लिए ऑफिस से निकला तो देखा की रश्मि ऑफिस की बिल्डिंग के दरवाजे पर खडी है

मैं   “अरे क्या हुवा, आप घर नहीं जा रही क्या?

रश्मि   “नहीं मैं वो अपने पति का इंतज़ार कर रही थी, हम लोग इस शहर में कल ही शिफ्ट हुवे है, अभी हम लोग एक रिश्तेदार के यहाँ रुके है, आज अब हम लोग हमारे के एक घर देखने के लिए जायेंगे किराये से,

उसने जब ये कहा की वो उसके पति का इंतज़ार कर रही है तो मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा,

मैं थोड़े अनमने ढंग से बोला   “बेस्ट ऑ लक” कुछ जरूरत हो तो बताना, मेरा घर यही पास में ही है”

रश्मि  “ठीक है”

फिर मैं वहाँ से बाजार गया माँ के लिए कुछ सामान लिया और मेरे घर आ गया,

देखा मेरी बहन अनीता आयी हुई है और रीना भाभी कही जाने की तैयारी कर रही है, रीना भाभी का भाई आया हुवा था  उन्हें लिवाने के लिए, मैं उनके भाई से मिलते हुवे

मैं  “अरे आप, कब आये, सब कुशल मंगल तो है न,

भाभी का भाई  “हाँ जी सब बढ़िया है, वो मेरी मौसी की लड़की की शादी है इसलिए रीना को लिवाने के लिए आया था”

मैं सोचा  “आज ये हो क्या रहा है? रश्मि का पति है जब की वो कुंवारी लग रही थी, उसपे कुछ करने की सोच रहा था और सोच रहा था की आज शायद रीना भाभी, लेकिन ये भी जा रही है, आज का दिन ही ख़राब है साला, मूड ऑफ हो गया,

फिर मैं वही बैठ के उनसे बात करने लगा,

आप लोग ये सोच रही होंगे कि घर में सब की बात होती है लेकिन मेरे पिताजी के बारे में नहीं होती तो आप को बता दू कि वो धार्मिक क़िस्म के व्यक्ति है इसलिए हमेशा पूजा पाठ में ही रहते है और घर का पूरा जिम्मा मेरी माँ को दिया हुवा है”

खाना खाके वो लोग रीना भाभी को ले के चले गए

उनके जाने के बाद मैं भी कपडे बदल कर कामिनी की दुकान की तरफ चला गया,

राज और श्याम दोनों ही अभी तक नहीं आये थी,

श्याम को फोन करने पर पता चला की वो भी कही व्यस्त है,

लेकिन राज वो तो आ गया था लेकिन अब कहा व्यस्त है, साला रजनी के साथ चुदाई में व्यस्त होगा,

कामिनी दुकान के काम में व्यस्त थी, उसने तो आज देखा भी नहीं, साला ये KLPD मेरे साथ ही क्यों हो रहा है,

फिर ये सोच कर सिगरेट पीते पीते राज के घर गया की देखता हु साला कर क्या रहा है, उनके घर पहुँच कर तो देखा राकेश जी (नीतू के पति) आये हुवे है और राज के साथ बैठ कर खाना खा रहे है”

उनको देखते ही झटका सा लगा और ये सोचा “ये लो नीतू भी नहीं और राज आ गया तो रजनी भी नहीं,

राज  “आजा भाई, खाना खाले,

मैं “ नहीं यार खाके आया हु,

राकेश जी  “आइये न खाइए हमारे साथ”

मैं मन ही मन सोच रहा था कि “सालो साथ ही खिलाना है अपनी बीवी के साथ खिलावो”

मैंने फिर  मना कर दिया”

नीतू और रजनी शायद मेरी हालत समझ रही थी”

नीतू  “मैं बताती हु, इसकी तबीयत थोड़ी ख़राब है, परसों रात को जब ये यहाँ हमारे घर सोया था तब से खराब है, परसों रात को तो मैंने इसको दवाई दी थी और कल भी दिन में रजनी भाभी से दवाई ले के गया, फिर भी लगता तबीयत सही हुई नहीं अभी तक,” और मेरी तरफ आँख मार दी

मैं  “हाँ नीतू दी, जब तक दवाई का असर रहता है तब तक सही है, लेकिन जैसे ही असर उतरता है और दवाई की जरूरत महसूस होने लगती है”

रजनी “तो फिर किसी अच्छे से डाक्टर को दिखाओ”

मैं  “सोचा तो कुछ ऐसा ही था की हमारे फॅमिली डाक्टर को दिखा दू लेकिन वो आज किसी शादी की वजह से शहर से बाहर चली गयी”

रजनी  इस बात को समझ गयी कि मैं रीना भाभी की बात कर रहा हु तो वो बोली “अरे हाँ उनका फोन आया था मुझे” मेरा भी चेकअप का अपोइन्टमेट कैंसिल कर दिया था उन्होंने “

राज  “तो भाई जाके आराम कर और बता देना अगर कुछ जरूरत हो तो”

मैं उन सब को बाय बोलता हुवा फिर कामिनी की दुकान पर आ गया, उस वक़्त कामिनी पैसो का हिसाब जोड़ रही थी,

मैं   “ओ हो बड़े पैसे गिने जा रहे है” मैं भी थोड़ी सहायता कर दू??”

कामिनी  “सहायता नहीं पूरा काम तुझ से ही करवाऊंगी पर आज सिग्नल रेड है”

मैं फिर से अपनी किस्मत को कोसते हुवे अपने घर की तरफ आ रहा था, जैसे ही सुमन आंटी के घर के सामने से गुजरा तो देखा की उनके घर कुछ उठा पटक की आवाज आ रही है, शायद सामान इधर उधर करने की,

तभी एक आदमी बाहर आया और बाहर कड़ी टेम्पो में बैठ कर चला गया, उसके जाने के तुरंत बाद सुमन आंटी आयी दरवाजा बंद करने”

सुमन आंटी मुझे देखते हुवे  “अरे सन्नी कहा चला गया था इतने दिन, उस दिन के बाद आज दिखाई दिया है (उसस दिन मतलब जिस दिन उनकी चुदाई की थी)

मैं  “वो थोडा का कम में व्यस्त था” कहो तो आज आ जाऊँ”

सुमन आंटी थोडा मायूस होकर बोली  “दिल में तो बहुत है पर आज नहीं वो सुरेश था न किरायेदार जो उपर वाले कमरे में रहता था,  वो चला गया था मकान  खाली, करके उसकी जगह नए किरायेदार आये है”

मैं  “साला आज मेरा बेडलक ही ख़राब है” और मायूस होकर अपने घर आ गया,

अब जब शेर के मुंह खून लगा जाये और उसको शिकार न मिले तब उसे चैन नहीं आता, और वही हालत मेरी थी, लेकिन किया भी क्या जा सकता है,

यही सोच कर मोबाइल में पोर्न विडियो देखने लगा,  फिर मन नहीं लग रहा था, क्या करू,?

थोड़ी देर ऐसे ही सोचते सोचते सिगरेट लेके छत पर चला गया, सिगरेट पीते पीते देखा की सुमन आंटी के नए किरायेदार के कमरे (वो कमरा छत पर था) से खिल खिलाने की आवाज आ रही थी और साथ ही सिस्करियो की,

मुझे लगा क्या ये सुमन आंटी ने आते ही नए किरायेदार को फंसा लिया,

ये सोच कर कि अंदर कौन है और क्या चल रहा है देखता हु, मैं उनकी छत पर आ गया,

अन्दर झाकं कर देखा तो ये क्या” ये तो रश्मि है” वही जिसने आज मेरे ऑफिस में ज्वाइन किया था,


और वो अपने पति से चुदवा रही थी 

आआह्ह्ह.. आआह्ह्ह.. चिल्लाते हुए रश्मि अपनी गांड उछाल रही थी.

आज रश्मि का जोश सातवें आसमान पे था और पंकज भी उसे चोदने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था. वो बस अपनी बीवी को रगड़ कर चोदना चाहता था.

रश्मि ने बताया की उसकी शादी को 5 साल हो गए थे.

देख के लगा रहा था की उनकी सेक्स लाइफ शुरू से ही अच्छी होगी,

पंकज  “रश्मि पिछले 1  साल में तुम्हारी वासना बढ़ने लगी है, हालाँकि मुझको भी इससे कोई शिकायत नहीं है,

रश्मि को चुदाई देखते हुए मेरी नज़र रश्मि के चूचों पे पड़ी. रश्मि के 36C के भारी भारी मम्मे पंकज के हर धक्के से ताल से ताल मिला रहे थे.

26 साल की उम्र में भी रश्मि ने खुद को फिट कर रखा था. उसका 36-28-34 का फिगर किसी को भी पागल करने के लिए काफी था.

बेड के कोने पे लेटी रश्मि ने अपनी टांगें पंकज की कमर में डाल रखी थीं. पंकज बेड के नीचे खड़ा हुआ रश्मि की चुत में अपना लंड अन्दर बाहर.. अन्दर बाहर कर रहा था. 

पंकज शायद जान गया होगा था कि रश्मि किसी भी पल झड़ सकती है और पंकज भी झड़ने ही वाला था.

पंकज ने झुक कर रश्मि का एक निप्पल मुँह में ले लिया और दूसरे को मरोड़ने लगा. पंकज के झुकने से उसके लंड के ऊपर का हिस्सा रश्मि की चूत के दाने को रगड़ने लगा.

उससे ऐसा करते देख मेरी भी हालत खराब हो रही थी और कब मैंने मेरा लंड बाहर निकल कर मुठ मारने लगा पता भी नहीं चला,

अपने दाने और मम्मे पर हुए इस हमले से रश्मि पिघलने लगी  "आआह्ह्हह आआआअह्ह्ह. और जोर से पंकज.. जोर से चोदो.. चूस लो मेरे मम्मों को.. आह.. और जोर से डालो.. आआह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह…"

इसी वक्त अपनी कमर उठाते हुए रश्मि झड़ने लगी. पंकज भी रश्मि की चुत की गर्मी सहन नहीं कर पाया और रश्मि की चुत में झड़ते हुए रश्मि के ऊपर गिर गया...

रश्मि को पंकज का भार अपने बदन पे अच्छा लग रहा था. दोनों हांफते हुए एक दूसरे से लिपट गए और नींद के आगोश में समा गए.
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#27
Part  - 21

मैं भी उनकी चुदाई देख कर अपने कमरे में आ गया और रश्मि का नाम ले के जबरदस्त तरीके से मुठ मारने लगा, और पता नहीं कब नींद आ आ गयी  

जब आँख खुली, तब सुबह हो चुकी थी. मै सीधे नहाने चली गया, फिर से रश्मि को याद करके मुठ मारी, नहाकर ऑफिस जाते वक़्त मेरी बहन अनीता ने मुझे नाश्ता दिया और मैं वो खाके चला गया,

आज ऑफिस में कुछ फंक्शन था, और नए ज्वाइन किये स्टाफ के लिए बड़ा दिन था. क्यूंकि उसी दिन हमारी MD स्टाफ से मिलती है क्यूंकि वो लन्दन में रहती है,

रश्मि आज जल्दी ही ऑफिस पहुँच गयी थी क्यूंकि उसे किसी ने कल ही ये जानकारी दे दी थी, और सब की तरह यहाँ रश्मि भी अपने बॉस, कंपनी के एमडी को इम्प्रेस करना चाहती थी.

रश्मि आज पंजाबी सूट पहन कर आयी थी, उसमे वो बहुत सुन्दर लग रही थी,

गोरा चिट्टा रंग, साढ़े पांच फुट की हाइट और ऊपर से उसका 36-28-34 का फिगर. आज भी रश्मि 21 साल से ज्यादा नहीं लगती थी.

रश्मि खुले विचारों वाली मॉडर्न औरत थी. एक ही दिन में ऑफिस में कई लोग उससे फ़्लर्ट करने लगे थे और और जिस तरह से रश्मि उनका जवाब दे रही थी लग रहा था कि इससे उसको कोई परहेज़ नहीं था.

मैंने गौर किया कई जब रश्मि के फ़्लर्ट करने की वजह से लोगों का लंड खड़ा हो जाता था, रश्मि को बहुत मज़ा आता था.

शायद उसे लगता था कि वो किसी को भी अपने वश में कर सकती है.

पंकज उसका पहला प्यार था और शादी के बाद रश्मि पंकज के अलावा किसी भी मर्द से नहीं चुदी थी. या कहिये रश्मि को किसी से चुदने की जरूरत नहीं पड़ी.

पंकज उसे हर तरह से खुश रखता था और दोनों हफ्ते में 3-4 बार सेक्स कर ही लेते थे. पर आजकल रश्मि को किसी और लंड की दरकार भी हो चली थी और इसका कारण उसकी बढ़ती कामवासना थी.

और आज रश्मि पंजाबी सूट में कहर ढा रही थी . वो जानती थी कि आज बहुत से लोग उसे देख कर उसके नाम की मुठ मारेंगे. टाइट फिटिंग की वजह से रश्मि के मम्मे और भी बड़े लग रहे थे. मम्मों का ऊपर का हिस्सा सूट से बाहर झांक रहा था.

अपनी बलखाती हुई कमर पे रश्मि ने हाथ फिराया और एक चुन्नी को इस हिसाब से लहरा के डाली की मुझे लगा कि कइयों का तो पेंट में ही निकला गया होगा,

हमारी MD आ चुकी थी, चूँकि रश्मि सबसे नयी थी, इसलिए  रश्मि ने ही MD वेलकम किया और रश्मि ने ही MD को सभी से मिलवाया.

रश्मि लोगों की नज़रों में अपने लिए हवस देख सकती थी. खासकर कोने में खड़ा हुआ राम सिंह, जो कि उसे 40 के आस पास लगा, वो लगातार रश्मि को ही घूरे जा रहा था.

ये सोचते हुए रश्मि ने मन ही मन मुस्कराते हुए उससे हाथ मिलाया  “बहनचोद आज तो आँखों से ही चोद देगा ये हरामी..”.

सबसे मिलवाने के बाद हमारे बॉस मिस्टर रॉय ने रश्मि को मुझे से मिलवाते हुवे कहा “ “रश्मि, यह है मिस्टर सन्नी .. आपके पहले प्रोजेक्ट पे ये आपके साथी होंगे और इसलिए आप दोनों का केबिन एक ही है.” ये कहते हुए एमडी ने रश्मि को मुझसे मिलवाया.

रश्मि ने मुस्कुराते हुए मुझ से हाथ मिलाया और शायद सोचने लगी कि पहला प्रोजेक्ट इनके साथ है तो आराम से हो जायेगा और जाने अनजाने में मेरे लंड को निहार रही थी की इसका लंड न जाने कैसा होगा.

रश्मि को ऑफिस ज्वाइन किये हुए दो दिन हो चुके थे और मेरे बारे में जिस भी लड़की या स्टाफ मेम्बर से पूछा, रश्मि को खुद की किस्मत पर नाज होता गया,

वही पर वो राम सिंह जिसकी नजर रश्मि पर थी दरअसल को एमडी के परिवार से था और एक नंबर का ठरकी था. ऑफिस में कोई भी लड़की ऐसी नहीं थी जिस पर राम सिंह ने लाइन न मारी हो.

रश्मि भी राम सिंह के बारे में मन में सोचने लगी कि “साले का लंड मतलब का हुआ तो ही इसको घास डालूंगी वरना इसने मुझसे पंगा लिया तो इस हरामी को ऐसा सबक सिखाऊंगी कि साला अपनी बीवी को भी आँख उठा के नहीं देख पाएगा.”

यही सब सोचते हुए रश्मि अपने केबिन में एक फाइल ढूंढ रही थी. उसे याद आया कि वो फाइल ऊपर वाले शेल्फ में रखी है.

आज रश्मि ने साड़ी पहनी थी और जैसे ही रश्मि ने फाइल उतारने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, उसे अपने पेट पे एक हाथ महसूस हुआ. रश्मि फ़ौरन पलटी उसके सामने राम सिंह खड़ा था.

रश्मि ने सोचा भी नहीं था कि राम सिंह  की इतना हिम्मत हो सकती है. राम सिंह  के चेहरे की मुस्कराहट को रश्मि ने देखा और मुस्कुरा दी.

तभी राम सिंह का मोबाइल बज उठा और वो रश्मि को आँख मार कर चला गया,

मैं उस वक़्त किसी काम से बाहर था, जब वापस आया तो रश्मि ने मुझे बताया तो मैंने कहा की उस से बच कर रहिएगा

अगले 4-5 मेरी  और रश्मि में बस उतनी ही बात हुई, जितनी जरूरी थी. लेकिन उधर दूसरी  तरफ रश्मि को देखते ही राम सिंह अपनी आँख मार देता. रश्मि को लगने लगा था कि राम सिंह को उसका जिस्म पसंद आ गया है और राम सिंह उसको अपने लंड के नीचे लेटाना चाहता है.

रश्मि ये सब सोच ही रही थी कि तभी मैंने रश्मि को आवाज लगाई  “रश्मि, आपके लिए कॉफी लाया हूँ. आपकी मीटिंग से पहले ये आप में एनर्जी भर देगी...”
रश्मि ने मेरे तरफ देखा, मैं बोला “कहा खो गयी, कॉफ़ी पी लो”

आज रश्मि की एक बहुत ही बड़े क्लाइंट कि साथ मीटिंग थी जिसमें खुद एमडी होने वाले थे. ये प्रेजेंटेशन इस कंपनी में रश्मि का भविष्य बना और बिगाड़ सकती थी. रश्मि ने जैसे ही कॉफी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, कॉफी रश्मि की साड़ी पर गिर गई.

मैं बोला “रश्मि कहा खोयी हो, कॉफ़ी भी गिराली. जल्दी से इससे साफ़ कर लो.” ये कहते हुए मैंने रश्मि को साड़ी साफ़ करने के लिए टिश्यू पकड़ाया.
रश्मि तुरंत लेडीज वाशरूम की तरफ भागी. गरम कॉफी गिरने की वजह से रश्मि जो पेट पे जलन हो रही थी.

रश्मि ने पहले अपने पेट पर से, फिर अपनी सेमीट्रांसपेरेंट साड़ी पर से कॉफी साफ़ की और साड़ी ठीक करने लगी.

लेकिन पेट पे जलन की वजह से रश्मि साड़ी ठीक से नहीं पहन पा रही थी. रश्मि ने साड़ी अपनी नाभि से दो इंच नीचे की, तब जाके उसे अच्छा लगा. ठन्डे पानी की वजह से जलन तो कम हो गई थी,

लेकिन रश्मि को ये पता था कि वो साड़ी ऊपर नहीं बांध पाएगी. रश्मि ने खुद को शीशे में देखा. साड़ी नीचे बाँधने की वजह से रश्मि और भी सेक्सी लग रही थी.

“ये ट्रांसपेरेंट साड़ी भी आज ही पहननी थी मुझे..” बड़बड़ाते हुए रश्मि बाहर निकली और सीधे अपने केबिन में घुस गई,

रश्मि ने घड़ी की तरफ देखा और अपनी फाइल ढूंढ़ने लगी. वो सोच रही थी “यार तू इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है रश्मि. इतनी महत्वपूर्ण फाइल और तू रख के भूल गई.”

मैं  “रश्मि, क्या ढूंढ रही हो?”

रश्मि  “अगर वो फाइल मुझे नहीं मिली तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी यार, तेरे पास हो तो दे ना! इन 5-6 दिनों में हम आप से तुम या तू पर आ गए थे, मतलब अच्छी दोस्ती हो चुकी थी हमारी.
मैं अपनी चेयर पे बैठ गया, और अनजाने में उस फाइल के उपर जो की मेरे आने से पहले रश्मि ने मेरी कुर्सी पर रखी थी
रश्मि जानती थी. कि मैं फाइल के उपर बैठा हु,

रश्मि मुझ  से लगभग लिपटते हुए बोली  “सन्नी प्लीज वो फाइल मुझे दे दो, बदले में तुमको क्या चाहिए मैं दे दूंगी.
मैं एक अजीब स्थिति में था और नहीं समझ पा रहा था की ये ऐसा क्यों बोल रही थी,

मैंने थोडा सोच कर बोला  ““सच में रश्मि मुझे तुम सब कुछ देने को तैयार हो?”
मैं बोला “तो बताओ क्या कर सकता हु”
वैसे तो हर कोई रश्मि को चोदने के चक्कर में था और उसमे मैं भी था, लेकिन ये ऐसा क्यों हो रहा है समझ नहीं पा रहा था,

और रश्मि भी जानती थी की मैं भी उसे चोदने के चक्कर में हु, लेकिन इस वक्त उसे वो फाइल चाहिए थी जो कि कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी.

रश्मि ने अपना पल्लू गिरा कर मम्मों की झलक दिखाई और कहा- हां यार.. जल्दी करो मीटिंग में देर हो रही है.और मुझ से लिपटते हुवे फिर बोली “एक बार खड़े हो जाओ”

मैं बोला “ ठीक है” और मैं कुर्सी से खड़ा हो गया, खड़ा तो मेरा लंड भी हो गया था रश्मि की बातो से और उसके मुम्मो की झलक से,

उसी समय रश्मि ने वो फाइल मेरे निचे से निकाल ली और जाते जाते मुझे अपनी ब्रा निकाल कर दे गयी और बोली , अभी के लिए यही दे सकती बाकि बाद में”
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#28
Super boss please update
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#29
Update please super nice story
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#30
Wonderful boss please
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#31
Update yaar
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#32
Bhai update
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#33
Mast kahani
Bhai please update
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aagle update ki prtiksha me.
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#35
Nice story
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#36
Update yaar
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#37
Very nice story जी बस एक एक पात्र को पूरी तरह से सेक्स करने के बाद ही नया पात्र लाइये।
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#38
waiting
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#39
bahut hi mast kahani hai dost.....

but why are you not updating......

pls continue, if possible, or tell your readers about the problem so that they may not wait and bother you repeatedly......

thanx........
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#40
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???
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