06-08-2019, 04:47 AM
पड़ोस के भैया ने तड़पते जिस्म को शांत किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
रज़ाई में बहन की चूत चुदाई
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06-08-2019, 04:47 AM
पड़ोस के भैया ने तड़पते जिस्म को शांत किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:47 AM
मेरा नाम कल्पना है मैं 24 साल की हु, मेरी शादी पिछले साल ही हुई है, मैं करनाल की रहने बाली हु, दिल्ली में रहती हु, मेरे पति एक कंपनी में मेनेजर है, मैं घूमने फिरने, डांस करने, नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे कहानियां पढ़ने, में बहूत मजा आता है, पर जब से मेरी शादी हुई मैं बोर हो चुकी हु, शादी के पहले मेरा कई लड़को के साथ दोस्ती थी पर वो दोस्ती सिर्फ किस और चूचियों को दबाने तक ही सिमित था, शादी के पहले कभी सेक्स नहीं किया था, बस ऊपर ऊपर से ही मजे लिए. मेरा शरीर भरा पूरा है, मैं 34 C साइज की ब्रा पहनती हु, मैं अक्सर जीन्स और टॉप में होती हु, मेरे होठ गुलाबी है, और गाल गोर गोर है, मेरी गांड थोड़ा पीछे की तरफ उभार है, जब मैं चलती हु तो लोग मेरे आगे से मेरी चूचियों को निहारते है क्यों की मेरी चूचियां आगे की और नुकीली सी निकली है. और बहूत ही हॉट है. और जब मैंने गुजर जाती हम तो लोग पीछे से मेरी गांड को निहारते नहीं थकते है. अब तो आपको समझ आ गया होगा की मैं कैसी हॉट और सेक्सी जवानी से भरपूर औरत हु, औरत तो नहीं लड़की कह सकते है, क्यों की अभी तक तो ठीक से मेरी चुदाई भी नहीं हो पाई थी. मैं अब सीधे अपनी सेक्सी कहानी पे आती हु,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:47 AM
रा पति जिनका नाम है पंकज, वो मुझे खुश नहीं रख पा रहे है. क्यों की वो मेरे से ज्यादा अपने काम को ही प्रायोरिटी देते है. उनको काम प्यारा है. वो अपने काम से ही ज्यादा बीजी रहते है. वो मेरे ऊपर ध्यान नहीं देते. मुझे चुदवाने का बहूत ही ज्यादा मन करता है. पर वो देर रात आते है और फिर अपना बोतल लेके बैठ जाते है. और फिर सोने चले जाते है. आज तक वो जितनी बार मुझे चोदे है मुझे खुश नहीं कर पाए है. जब मैं उनको कस के पकड़ कर उनका लंड अपने चूत में डलवाने लगती हु, तभी वो झड़ जाते है. यानी की डिस्चार्ज हो जाते है. मैं अभी जोश में ही आती हु और वो निचे उत्तर कर सो जाता है आप भी बताओ दोस्तों मेरी ज़िन्दगी कैसी होगी. जिसकी चूत लंड के लिए तड़प रहा हो और लंड आते ही लंड सो जाए तो उस चूत का क्या हाल होगा. मेरी कहानी यही से शुरू होती है. क्यों की मैं अपना मुह इधर उधर मारने की कोशिश करने लगी.
मेरे फ्लोर पे ही एक भैया रहते है. उनकी भी शादी हो गई है. वो पार्ट टाइम काम मुझे देते है. मैं अपने घर पर आके उनका काम करती हु और दिन में एक से दो घंटे जाके उनसे सहारा काम समझ लेती हु, धीरे धीरे उनकी सेक्सी अदाएं मुझे उनकी और आकर्षित करने लगी. मुझे वो अच्छे लगने लगे. फिर मैंने उनके पास जाती, और उनसे काफी सारे बाते करती, और मैं कोशिश करती की वो मेरी जिस्म को देखे इसलिए मैं हमेशा वैसे टॉप को पहनती जिसका गला बड़ा हो. ताकि चूचियां बड़ी बड़ी साफ़ साफ़ दिखे, मेरा निशाना सही जगह पर लगा. पर हमेशा भी नहीं कर सकती, क्यों की उनकी भी नई नई ही शादी हुई थी. उनकी भी वाइफ साथ रहती थी. दोस्तों कुछ ही दिन में वो मेरे से काफी ज्यादा खुल गए. वो तो अब मेरे से कभी कभी नॉनवेज डिस्कशन भी करते थे. मुझे भी अच्छा लगता था. उनकी बातों में जादू था. उनकी बात और उनके पास ही बैठ कर मेरी चूचियां टाइट हो जाती थी और चूत हलकी हलकी गीली हो जाती थी. एक दिन की बात है. भैया बोले की आपको भाभी जी, गाँव जा रही है आज उनकी माँ की तबियत ख़राब है. आज शाम को ४ बजे नई दिल्ली से राजधानी ट्रैन है मैं चढ़ा कर आऊंगा. भाभी बोली तब तक आप इधर भी ध्यान देना, मैंने कहा ठीक है भाभी अगर मैं दो की रोटी बनाउंगी तो भैया के लिए भी दो रोटियां सेक दूंगी. और उस दिन भाभी चली गई. भैया लेट आये, मैंने फ़ोन किया की रोटी बनाया दू तो वो बोले आज मैं अपने दोस्त के यहाँ ही रुकुंगा, आज आ भी नहीं पाउँगा. तभी बेल्ल बजी मेरे पति देव आ गए, आते ही जूता उतारते हुए बोले, की कल सुबह मैं बंगलुरु जा रहा हु, ऑफिस के काम से चार दिन बाद आऊंगा, कंपनी बाले ने हवाई टिकेट भी बना दिया है. जाने आने का, तो वो फिर मुझे पांच हजार रूपये दिए और बोले की ठीक से रहना. दूसरे दिन वो चले गए. अब मेरे घर में मैं अकेली थी और भैया के घर में सिर्फ भैया, पता नहीं मेरा दिल क्यों कह रहा था की आज मैं चुदुंगी, मैं दूसरे दिन संडे था तो मैं उनके घर दिन के ग्यारह बजे ही चली गई. वो नहा कर निकले थे. वो सिर्फ तौलिया में थे. जब मैंने उनके मजबूत बदन को देखा तो मैं दीवानी थी गई. क्या सिक्स पैक था. मुझे तो ऐसा लग रहा था की मैं उनके बदन से लिपट जाऊं और अपनी चूचियां को निकाल कर, उनके सीने से रगड़ दू. मैं अपने आप को संभाल कर, सोफे पे बैठी रही, वो मुझे भाभी कहते है. तो वो बोले और क्या हाल है भाभी तो मैं बोली कैसा रहेगा? पति के वियोग में. भले पति मुझे कुछ नहीं कर पता हो पर ये सब तो आपको पता है बोलना पड़ता है. फिर मैंने भी पूछा और आपका? तो वो बोले की पत्नी के वियोग में क्या होगा? फिर हम दोनों हँसने लगे. तभी मैं बोल उठी की चलो आज समझ लो मैं आपकी बीवी हु और आप मेरे पति. भैया बोले, सिर्फ बोलने से नहीं होता है भाभी पति पत्नी का रिश्ता तो आपको पता है किससे होता है. मैं बोली कोई बात है. जैसा भी होता हो. लाइफ में चेंजेज तो चाहिए इससे ज़िन्दगी खूबसूरत बन जाती है. दोस्तों आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. उसके बाद बात आगे बढ़ गई. वो बोले तो ठीक है आज आप मेरे यहाँ ही रहो पत्नी बनकर, मैं भी बिना देर किये बोल दी ठीक है. भैया बोले अभी कहना मंगवाता हु. उन्होंने कहना मंगवाया बाहर से, हम दोनों मिलकर खाये. तभी भैया बोले और अब. मेरे भी वेशर्म होकर बोल दी. अब हनीमून, तभी उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया और मैं सिहर गई. और वो मेरे करीब आ गए वो मेरी आँख में झाँक रहे थे और मैं उनकी आँख में, और फिर दोनों के होठ एक दूसरे के होठ से जा मिले और फिर उन्होंने मेरे बाल को खोल दिया., और मुझे अपने सीने से चिपका लिए. मेरी चूचियां दाबाब के कारण आधी निकल गई थी .. वो पहले मेरे चूचियों को ऊपर से ही किश करने लगे. मैंने भी उनके बाल को सहलाते हुए उनके होठ को चूस रही थी. दोनों की वासना धधक रही थी. वो मुझे गोदी में उठाकर अपने बैडरूम में ले गए और मेरे सारे कपडे उतार कर, वो मेरी दोनों टांगो को फैला कर, मेरे चूत को चाटने लगे. मैं पानी पानी हो गई. वो बोले गजब! मजा आ गया, क्या खुशबु है अपनी चूत की! ओह्ह्ह्ह आज मैं पहली बार चूत को चाट रहा हु. मेरी बीवी चूत नहीं चटवाती है. और मैं चूत का दीवाना हु. मैंने कहा अब तो जब तक वो दोनों नहीं आते आप मेरी चूत को खूब चाटो, मुझे चूत चटवाना बहूत ही ज्यादा अच्छा लगता है. और मेरी चूत से पानी निकलने लगा. और वो सारे पानी को अपने जीभ से साफ़ कर रहे थे. दोस्तों मुझे पहली बार इतना आनंद आ रहा था. मैं खूब मस्त थी. फिर वो ऊपर जाके, मेरे बूब्स को दाबने लगे और मेरे होठ को चूसने लगे. उन्होंने मेरे गर्दन पर एक लव बाईट दे दी. वो काफी जोश में आ गए. मैंने कहा मुझे अब मत तड़पाओ. आज तक मेरा पति मुझे तड़पाते ही आया है. आज तक मैं कभी भी अपने पति से खुश नहीं हो पाई. आज मुझे खुश कर दो, जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:49 AM
मैंने कहा मेरे जिस्म में जहा जहा भी छेद है आप अपने लंड को घुसा सकते हो. और वो अपना मोटा लंड निकाल कर पहले तो वो मेरे बूब्स के बिच में डाल कर, दोनों चूचियों को आपस में सटा कर, घुसाने लगे. और फिर निचे होकर, अपना मोटा लंड का सूपड़ा मेरे चूत के ऊपर सेट किया, और फिर मेरे पैरों को ऊपर किया और जोर से घुसा दी. मेरी चीख निकल गई. लगा की आज ज़िन्दगी में पहली बार चूत के अंदर लंड गया. दोस्तों उनका लंड मेरे चूत के बिलकुल अंदर तक चला गया था. मुझे थोड़ा दर्द होने लगा क्यों की मेरे पति का लंड इससे आधी है. तो आप समझ सकते हो मेरा क्या हाल हुआ होगा. फिर वो मेरे बूब्स को प्रेस करने लगे मेरे होठ को चूसने लगे. और मेरी चूत में लंड को अंदर बाहर जोर जोर से करने लगे. मैंने भी उनके चुदाई में साथ देने लगी.
करीब दस मिनट तक वैसे चोदने के बाद उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में कर के पीछे से लंड को मेरे चूत में घुसाने लगे. और हरेक दस सेकंड में मेरे चूतड़ पर मारते, और लंड को जोर जोर से घुसा देते . मैं आह आह आह कर रही थी. मुझे काफी ज्यादा मजा आ रहा था. मैं भी धक्के पे धक्के दे रही थी. फिर वो निचे लेट गए और मैं उनके ऊपर आ गई, मैं उछाल उछाल कर चुदवाने लगी. फिर लैपटॉप चुदाई, यानी को वो बैठ गए और मैं उनके गोद में बैठ गई. और उन्होंने फिर मेरे चूत में लंड घुसा रहे थे. आपको सच बता रही हु. मुझे पहली बार एहसास हुआ की सेक्स इतनी अच्छी होती है. बस आपको सिर्फ चोदने बाला हो. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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06-08-2019, 04:53 AM
(Bahen Ne Bhai Se Chut Chudai Rajayi Me)
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06-08-2019, 04:54 AM
मेरा नाम राखी कत्याल है.. मेरी फिगर 36-30-32 की है. आप समझ सकते हैं कि मैं दिखने में कैसी हो सकती हूँ. जब भी मैं सड़क पर निकलती हूँ, तो गली मोहल्ले में भी कई लड़के मेरी मचलती जवानी पर कमेंट्स करते हैं.
मेरे घर में 2 भाई हैं, मम्मी पापा हैं. सबसे पहले तो में आपको ये बता दूँ कि भाई भी सीधे नहीं होते. वो भी अपनी बहन की चुदाई करने के चक्कर में रहते हैं. बहुत से तो नहाते हुए भी बाथरूम में कहीं ना कहीं छेद करके देखते हैं और मुठ मारते हैं. पर कोई भी भाई ऐसा नहीं होगा कि लड़की सामने नंगी हो, तो उसे चोदे ना. मेरी प्यारी बहनो.. आप सब भी कोशिश करके देखो आपका भाई भी आराम से हंस कर मान जाएगा. ये मेरा खुद का एक्सपीरियेन्स बोलता है और 100% सच भी है. बस यही एक ऐसा शिकार है जो खुद करना पड़ता है, बाकी और लौंडे तो गांड के पीछे दुर दुर करते हुए चोदने के चक्कर में पीछे पीछे लंड हिलाते हुए घूमते हैं. जब तक आप ट्राई ही नहीं करोगी तो कैसे पता चलेगा. अपनी चूत की खुजली को मिटाने का भी यह एक सही तरीका है, इसमें ना बाहर की बदनामी का डर, ना कुछ.. कल को कुछ बात कहीं बिगड़ती भी है तो भाई संभाल लेते हैं क्योंकि उसको भी तो इस समाज में जीना है. एक धर्म में तो रिश्तों में चुस्त चुदाई का खेल खुल्लम खुल्ला चलता है, तो हम में क्यों नहीं? मेरे घर वाले पुराने ख्यालात के हैं.. बात बात में टोका टाकी, ऐसा नहीं करना, वैसा नहीं करना.. पहले मुझे सेक्स स्टोरी, ब्लू-फिल्म के बारे में नहीं पता था.. लेकिन धीरे धीरे वक्त के साथ जब मैं जवान हुई तो मेरे अन्दर कई तरह तरह की गरम गरम फीलिंग आने लगी, मैं रातों में सेक्स के लिए तड़पने लगी. मैंने सोचा क्या किया जाए, मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था. बस चूत में उंगली और मम्मे दबाने के अलावा कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा था. मेरा घर कोई ज़्यादा बड़ा नहीं है, बस नीचे और ऊपर एक एक कमरे बने हैं. नीचे वाले में मम्मी पापा और छोटा भाई सोता है और ऊपर वाले कमरे में और मेरा भाई. मेरा भाई बहुत स्मार्ट है, उसे मॉडल बनने की बड़ी तमन्ना है, वो बहुत स्टाइलिश भी है. मैंने कई बार अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी साईट पर भाई बहन, जीजा साली की स्टोरी पढ़ी हैं. इस तरह की हिंदी सेक्स कहानी पढ़ कर मेरा भी मन मचलता है कि मैं भी ऐसा करूँ. पर थोड़ा ऐसा भी लगता था कि शायद ये सब स्टोरी झूठी होती हैं. पर अखबारों में घटनाएं पढ़ कर तथा कुछ और जानकारी होने पर मुझे भी यकीन हो गया कि वाकयी ये सब सच है. मैंने भी अपने भाई से चुदने का फ़ैसला कर लिया क्योंकि अगर भाई मान गया तो रोज रात में मस्त चुदाई होगी और नींद भी अच्छी आएगी. ये सोचकर ही मेरा तो चुत से पानी निकल गया. लेकिन कुछ समझ नहीं आया कि भाई को कैसे पटाऊं. मैंने कई स्टोरी पढ़ीं कि भाई को कैसे सिड्यूस किया जाए. एक दिन खाली दिमाग़ में कई विचार आए. मैंने सबसे पहले ये फ़ैसला किया पहले देखूं कि मेरा भाई भी मेरे शरीर का कुछ दीवाना है या नहीं. वैसे मेरा भाई कई बार रात में सोते वक्त कामुक आवाजों में सीत्कार सी करता था, शायद वो नींद में चुदाई के सपने देखता होगा. मैंने उसकी इन आवाजों को कई बार रातों में 3-4 बजे के करीब सुना है. उस वक्त मुझे कई बार लगता भी था कि शायद ये मुठ मार रहा होगा लेकिन वो नींद में ही सिसकारियां लेता रहता था. इसी प्लान के साथ मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया. हमारे इस कमरे में हम दोनों अकेले सोते हैं. कमरे में हमारे पास एक लैपटॉप है जिसे हम दोनों शेयर करते हैं. इसमें मेरे भाई की भी कुछ फाइल्स थीं. मैं एक दिन उसके एक फोल्डर को चैक करने लगी. अचानक मेरी नज़र एक फोल्डर में पड़ी, मैंने उसको खोला, मैं देख के हैरान हो गई. उसमें बहुत सारी ब्लू फिल्म थीं.. जो बहुत ही अलग किस्म की चुदाई से भरपूर फ़िल्में थीं. खास बात ये वो ब्लू-फ़िल्में बहुत ही बढ़िया प्रिंट में थीं. मैंने खुद ब्लू-फ़िल्में पहले कई बार देखी हैं लेकिन ऐसी मस्त चुदाई की फ़िल्में कभी नहीं देखी थीं. उसने भी इस फोल्डर को कोई ज्यादा छुपा कर नहीं रखा था. मैंने फिलहाल तो उस पूरे फोल्डर को अपने फोन में डाल लिया. फिर मैंने सोचा शायद और भी कुछ मसाला मिल जाए. लेकिन इस वक्त समय नहीं था और भाई कभी भी आ सकता था तो मैंने ये सब अगले दिन पर टाल दिया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:55 AM
मैंने अगले दिन देखा. वही हुआ, जो मैंने सोचा था, जिसकी मुझे उम्मीद भी थी. एक फोल्डर में मुझे भाई के पर्सनल पार्ट की फोटो ओर वीडियो मिली. इस वीडियो को देखकर मैं हैरान हो गई. भाई का बहुत ही सेक्सी लंड था. मैंने सोचा जब फोटो में लंड इतना अच्छा है तो असली में कैसा होगा.
फिर हुआ यूं कि उन दिनों जाड़े का मौसम था, रात के 2:30 बजे के करीब मेरी नींद खुली, तो मैंने सोचा क्यों ना आज भाई का लंड देखा जाए. मैंने उसकी रज़ाई में हौले से हाथ घुसेड़ा, ये सोच कर कि मान गया तो बल्ले बल्ले… नहीं तो नींद में होने का नाटक कर लूँगी ताकि उसे ये लगे कि नींद में गलती से हाथ चला गया. लेकिन मैं 100% पक्की थी कि भाई कुछ नहीं कहेगा क्योंकि भाई कैसे भी लड़ते भिड़ते हों लेकिन एक जवान लड़की की दावत कभी नहीं छोड़ेगा, चाहे वो उसकी सग़ी बहन क्यों ना हो. और मेरे साथ भी यही हुआ, कोई भी भाई अगर वो जवान है तो कभी मना नहीं करेगा. वैसे मैंने उसे एक बार मेरे मामा की लड़की के साथ रात में हरकत करते हुए देखा था लेकिन मैं उस टाइम कुछ नहीं बोली थी. उस वक्त मेरा दिमाग़ भी बच्चों जैसा था. मेरा भाई रात में सोते वक्त बेल्ट नहीं पहनता और जीन्स के बटन खोल कर सोता है. बस मैंने रज़ाई में अन्दर हाथ डाला और धीरे धीरे कच्छे में हाथ घुसेड़ कर लंड मसलने लगी, सहलाने लगी. मेरा जी तो कर रहा था कि मुँह में लेकर लंड चूस लूँ. पहले तो भाई का लंड बैठा हुआ था. करीब 5 इंच का रहा होगा. तभी भाई एकदम से हल्का सा हिला तो मैं वहीं हाथ रोक कर दम साधे लेटी रही. फिर दो पल बाद मैंने लंड हिलाया तो उसका लंड एकदम से टाइट हो गया और खड़ा होने लगा. लंड करीब 7 इंच पूरा खड़ा हो गया. मैं समझ गई कि साला सोने का नाटक कर रहा है. क्योंकि आप सभी जानते हो कि जो लड़के होते हैं, नॉर्मली नींद में उनका लंड ढीला ही रहता है. लंड में सख्ती जब तक नहीं आती है जब तक वो खुद होश में ना हो. मतलब बिना उसकी इच्छा के लंड खड़ा नहीं होता. मैं समझ गई कि भाई भी लंड हिलवाने के मज़े ले रहा है. अब मैं और कस कस के लंड हिलाने लगी. मेरा डर निकल गया, ग्रीन सिग्नल जो मिल गया था. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगा- आअहह हहा.. आहह.. ऊऊहह ह्म्म्म्म.. मुझे उसकी अकड़न से समझ में आ गया कि उसके लंड का माल निकलने वाला है. फिर उसने एकदम से पलट कर मुझे गले से लगा लिया, मुझे चिपक गया और मेरे चूचे दबाने लगा. मैं तो खुश हो गई मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा. मैं भी उसे सहयोग करने लगी. हम दोनों ने रात में बिल्कुल भी किस नहीं की. क्योंकि रात में मुँह थोड़ी सी स्मेल जमा हो जाती है इसलिए.. उसने मुझसे अपना टॉप उतारने को कहा. मैंने कहा- तुम ही उतारो. उसने कहा- ठीक है तू मेरे कपड़े उतार.. मैं तेरे.. हम दोनों ने यही किया, उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.. ब्रा पैंटी भी निकाल दी, मैं मादरजात नंगी हो गई. हम दोनों रज़ाई में एक दूसरे को मसले जा रहे थे, किस किए जा रहे थे. सेक्स का पूरा बुखार चढ़ा हुआ था. फिर वो अपना मुँह मेरी चुत की तरफ ले गया और चूत चाटने लगा. मैंने अपनी चूत के बाल पहले से ही साफ़ करके रखे हुए थे कि मौक़ा मिलते ही भाई को अर्पित कर दूंगी अपनी चिकनी चूत! भाई मेरी चिकनी चूत चाट रहा था और मेरी तो हालत खराब हो रही थी, मेरे मुँह से आवाज़ निकलने लगी- आआअहह ऊहमम्म्म.. आअहह.. मर गईईई.. भाईईई आआज्ज तो मसल दे भाई मसल अपनी इस प्यारी ठरकी बहन को आअहह उऊहह.. सच में क्या मज़ा आ रहा था, जब वो जीभ को मेरी चूत के अन्दर डाल डाल के जीभ की नोक से चोद रहा था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:55 AM
फिर मैंने भी उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से उसका मोटा लंड चूसने लगी.. लंड चूसते हुए मैं हिल हिल कर अपनी चूत उसके मुँह पर रगड़ने लगी. हम दोनों ने पूरी तरह से 69 की पोज़िशन ले ली और लंड चूत की चुसाई का मजा लेने लगे.
मैंने कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बस कर भाई मत तड़पा अपनी बहन को.. डाल दे अंदर जल्दी से.. वो खड़ा हुआ और उसने मुझे लेटा कर मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं. फिर अपने लंड को मेरी चूत की फांकों में हल्का सा फंसा कर जोर लगा कर अन्दर पेल दिया. भाई का लंड क्या घुसा, मेरी तो जान ही निकल गई. मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी. बस मैं इतना ही बोल पाई- आआअहह भाईई.. मररर गईई.. आरामम्म से अभी बाहर निकालऊ.. बहुत दर्द हो रहा है.. लेकिन वो बिल्कुल भी नहीं माना और लंड घुसाता हुआ चला गया, साथ ही वो झटके देने लगा. ‘खच खच पच पच..’ की आवाज़ आ रही थी. वो चोदता रहा. कुछ देर बाद मेरी चूत ने लंड से दोस्ती कर ली और चुदाई का मजा आने लगा. करीब दस मिनट बाद वो झड़ा और उसने अपना रस मेरी चुत में ही झाड़ दिया. हम दोनों ने उस रात तो बस 2 बार ही चुदाई का खेल खेला क्योंकि मुझे दर्द बहुत हो रहा था. उसे चुदाई का बड़ा एक्सपीरियेन्स था. उसने बहुत सारी लड़कियों की चूत चोद रखी थी. ये सब उसने मुझे बाद में बताया. क्या मस्त चोदता है मेरा भाई.. मैं तो उसकी दीवानी हो गई. मैंने तय कर लिया कि जब तक मेरी शादी नहीं होती, मैं तो अपने भाई से चुदती रहूँगी और शायद शादी के बाद भी उसका लंड लेती रहूँगी. अब हम दोनों भाई बहन हर रोज सेक्स करते हैं और रातों रात जागते हुए चुदाई करते रहते हैं. मैं तो अपनी सभी पाठिकाओं से यही कहूँगी कि अपने भाई को पटा लो, ब्वॉयफ्रेंड से अच्छा रहता है, ना खर्चा होता और ना दिल टूटने का डर.. जब मन में आए चूत पसार कर चुद लो. आख़िर दोस्तो, आपको पता ही है कि सेक्स है ही ऐसी चीज़.. और ये ग़लत नहीं है.. ना कोई पाप है. जब भगवान ने लंड चूत बनाया ही है, तो उसने ऐसा दिमाग़ ही क्यों दिया, जिसमें ऐसे ख्याल आते हैं. मुझे लगता है कि कोई भगवान नहीं होता, आख़िर ऐसा कौन है जो मरने के बाद लौटा हो और उसने बताया हो कि भगवान होते हैं. इसलिए सबसे बढ़िया बात ये कि जो करना चाहो, बिंदास करो, कुछ पाप नहीं होता. ये शरीर की ज़रूरत होती है सो लेट्स एंजाय दि लाइफ आंड सेक्स.. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:56 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:56 AM
(06-08-2019, 04:41 AM)neerathemall Wrote: जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:36 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:43 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:48 AM
(Girlfriend Ke Ghar Me Uski Bahan Ke Samne Choda)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:48 AM
लगभग दो वर्ष पहले मुझे नेहा नाम की लड़की से प्यार हो गया था. उस वक्त उसकी उम्र करीब 18 साल थी. वह 12 वीं क्लास में थी. वो लड़की दिखने में बड़ी स्मार्ट थी. एकदम पतली और छरहरी सी थी, उसका फिगर 28-24-26 का था.. रंग भी ठीक ठाक था. उसके चेहरे की बनावट बहुत ही अच्छी थी, जिसके कारण वह मुझे बहुत पसंद थी. उसके चुचे ज्यादा बड़े नहीं थे.
वह बचपन से ही अपने नाना-नानी के यहां रहती थी. उसके दो मामा थे, जिनमें से एक गुड़गांव रहते थे. जबकि दूसरे गांव में ही थे. नाना व मामा भी अलग अलग रहते थे तो वो नाना नानी के पास रहती थी. नानी के घर में उसके सोने का कमरा अलग था. यह बात लगभग नवम्बर की है, जब हमारी दोस्ती हुई. हम फोन पर बातें किया करते थे. कुछ रोमाँटिक कुछ सेक्सी कुछ प्यारी सी बातें होती थीं. मेरा दिल पूरी तरह से उस पर आ गया था. बस उसे चोदने की इच्छा बाकी रह गई थी. मैं उसे चोदने के तरह तरह के सपने देखता रहता था. कुछ दिन बीत जाने पर वो दिन भी आ ही गया. काफी मनाने के बाद उसने रात को अपने घर पर मिलने के लिए बुलाया. वो गांव में थी और मैं करीब एक किलोमीटर दूर खेतों में बने एक मकान में रहता था. मेरे मन में उसको चोदने को लेकर तरह तरह की कामनाएं थीं. मेरा लंड चूत चोदने के नाम से काफी अकड़ जाता जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:48 AM
था. उसकी चूत को लेकर मेरे लंड में मानो तूफान आ रहा था.
मैं अपने एक दोस्त को लेकर रात करीब ग्यारह बजे उसके घर पहुँचा. उसके घर के पास खंडहर से मकान थे, मेरा दोस्त वहां बैठ गया. मैं उसके दरवाजे पर पहुँचा, तो वह मेरा इंतजार कर रही थी. वह मुझे अपने कमरे के अन्दर ले गई. उसने ब्राउन जींस व ग्रे कलर का टॉप पहना हुआ था. वह बहुत हॉट व सेक्सी लग रही. मेरा लंड बार बार चोदने की चाह में उठ बैठ रहा था. लंड में तूफान आ चुका था. हम दोनों बेड पर बैठ थे, पहले हम दोनों कुछ बातें की. मैं उसके होंठों को अपनी वासना भरी नजर से निहार रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था मानो इसके होंठों से अभी रस टपक रहा हो. मैंने हरकत शुरू की.. उसके हाथ को पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बांहों में ले लिया. उसे किस करते हुए मैंने बेड पर लेटा दिया.. वो चुप थी. मैंने उसके होंठों को चूमा जो काफी रसीले थे, उसकी गर्दन पर किस किया. करीब दस मिनट तक ऐसा ही चलता रहा. उसने भी थोड़ा साथ दिया.. लेकिन वो मेरे साथ अभी सहज नहीं हो पा रही थी. मैंने उसके टॉप को निकाला. नीचे उसने व्हाईट कलर की समीज पहनी थी. फिर समीज को उठाकर उसके चूचों पर चुम्बन करने लगा. वह लंबी लंबी सांसें लेने लगी. मैं कभी उसके होंठों पर, कभी गर्दन, कभी पेट पर किस करने लगा. मेरा हाथ उसके संतरे के आकार के मम्मों को सहला रहा था. उसके मम्मे छोटे थे, जिस वजह से मेरे मुँह में पूरे आ रहे थे. दस पंद्रह मिनट बाद मैंने उसकी जींस उतारनी चाही, लेकिन उसने मना कर दिया. लेकिन तब भी मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया. मेरी उंगलियों ने उसकी चुत के मुहाने को टच किया, चूत गीली हो चुकी थी. उसकी कामवासना भी भड़क रही थी लेकिन वह बार बार मना करती रही. मेरे हाथ को खींचती रही. मैं भी सेक्स में पागल होकर कुछ जबरदस्ती करता रहा. कुछ देर सहलाने के बाद मैंने अपनी उंगली उसकी चुत में डाल दी, लेकिन उसने नाराज होकर उंगली बाहर निकलवा दी. अब मुझे गुस्सा आ गया और मैं भी नाराज होकर बिना चुत चोदे अपने घर वापिस आ गया. मेरा लंड मानो पागल सा हो गया हो. हम दो चार दिन नाराज रहे. फिर एक दिन उसका कॉल आया, मैंने उठाया. मैं उससे नाराज था.. मेरा लंड उसके खिलाफ गवाही दे रहा था. फिर मैंने उसे चुत न देने का कारण पूछा. उसने बताया- मुझे डर था कि बहुत दर्द होता है.. न जाने क्या होगा. मैंने उसे समझाया.. लेकिन कारण कुछ और ही था. उसने बताया कि वह पहले दो बार सेक्स कर चुकी है और मुझसे सच्चा प्यार करती है. कहीं पता लग गया तो मैं उसे छोड़ न दूँ. इसलिये उसने मेरे साथ सेक्स नहीं किया. मैंने उसे समझाया और फिर मिलने के लिये कहा. अब वह तुरंत मान गई. उसकी हामी से ही मेरा लंड मानो हवा में सैर करने लगा था. आखिर इस बार चुत मिलनी पक्की थी. फिर बात जनवरी की है. उसने मुझे बुलाया. मैं फिर अपने दोस्त को लेकर पहुँचा. इस बार कड़ाके की ठंड थी. सर्दियों की छुट्टियों में उसकी सगी बहन स्नेहा व मौसी आई हुई थीं. नेहा ने अपनी बहन स्नेहा को मेरे बारे में बता दिया था. रात को कमरे में स्नेहा, मैं और वो तीनों थे. मौसी दूसरे कमरे में नानी के साथ थीं. ग्यारह बजे थे, हम तीनों ने कुछ देर बातें की. फिर स्नेहा सो गई. मैंने एक कोने में गद्दा लगाया व रजाई ले ली और दोनों वहां सो गए. सर्दी अधिक थी, हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बाहें डालकर लेट गए. मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया. उसने भी मेरा साथ दिया. मेरा एक हाथ उसकी कमर को सहला रहा था. उसने भी अपना हाथ मेरी कमर पर रखा हुआ था. मैंने उसकी गर्दन पर किस किया, वह चुदास से एकदम गरम हो उठी. वह इस वक्त लोवर टी-शर्ट में थी, मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी तो देखा कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना था. मैंने अपनी भी शर्ट उतार दी. फिर उसके पेट पर चुम्बन करना शुरू किया, उसकी कमर को हल्के से प्यार से च्यूंटी काटी.. वह उछल कर मेरे ऊपर आ गई. वो काफी पतली थी.. मुझे उसका वजन फूल सा लगा. वह धीरे धीरे मजा ले रही थी. मैंने उसके लोवर को उतारा, नीचे उसने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी थी. मैंने उसको भी उतार दिया. फिर उसने मेरी पेंट व अंडरवियर भी उतरवा दी. मेरा लंड टाईट हो चुका था. लंड से पानी टपकने लगा था. हम दोनों बिस्तर पर लेट गए. मैंने उसके मम्मों को दबाया और ऐसे चूसा.. मानो मम्मों से रस बह रहा हो. फिर उसके होंठों को चूमा, गर्दन पर किस किया. कान को चूमा.. वह वासना से पानी पानी होने लगी. मैंने चूत पर हाथ फेरा तो पाया कि उसकी चुत पर हल्के बाल थे. शायद दो तीन दिन पहले ही चूत शेव की हुई थी. उसकी चुत भी रसीली हुई पड़ी थी. मैं उसके ऊपर चढ़ गया. मेरा उस्ताद उसकी चुत से बार बार टच हो रहा था. मानो वह कह रहा हो कि मुझे अन्दर जाना है. वह हल्की आवाज में मादक सिसकारियां ले रही थी. फिर वह मेरे ऊपर आकर बैठ गई. उसने मेरे लंड को देखा, वह शर्मा कर पानी पानी हो रही थी. उसने मुझे किस किया और मुझे ऐसे चूसने लगी.. मानो खा जाएगी. मैंने उसे लंड चूसने के लिए कहा, पहले उसने मना किया पर कई बार कहने पर मान गई. उसने मेरे आधे लंड को अपना शिकार बनाया. दो मिनट बाद उसने लंड चूसना बंद कर दिया. उसे उबकाई सी आने लगी थी. फिर मैंने उसे झट से नीचे लेटाया… उसके मम्मों को चूसा.. गर्दन.. नाक आंख पर चुंबन किया. मेरा लंड उसकी चूत के छोटे कांटे जैसे बालों को टच कर रहा था मानो किसी कंटीले पार्क में हो. मेरा लंड बार बार मानो मुझसे कह रहा था कि उस्ताद अन्दर घुस जाऊं क्या.. लंड से रस टपकने वाला हो रहा था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:49 AM
फिर मैंने उसे उल्टा लेटाया और ऊपर चढ़ गया. उसकी छोटी सी गोल गांड मुझे बहुत पसंद आ रही थी. मैं उसकी कमर पर किस करने लगा. उसके चूतड़ों को सहलाया व अपने दांतों से एक चूतड़ पर कट्टू कर लिया.
वह गरम सिसकारियां ले रही थी- आहह..उम्म्ह… अहह… हय… याह… अआहहह.. थोड़ी देर बाद उसे सीधा लेटाकर उसकी जुबान अपने मुँह में ले ली और भयंकर तरीके से चूसते हुए उसको किस करने लगा. इस दौरान उसके हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे. फिर एक हाथ उसकी चुत पर रखा और उसको सहलाया. हम दोनों की सेक्स की इच्छा बहुत तीव्र हो चुकी थी. अचानक उसने अपने हाथ से मेरे लंड टच किया और हिलाने लगी. लंड हिलाने का ये अलग सा आनन्द था. मैं नीचे चला गया और मैंने उसकी चूत को देखा.. चूत रस से गीली हो चुकी थी. मैंने चूत को कपड़े से साफ किया और एक हल्का सा चुंबन चूत के ऊपरी भाग पर किया. वह मुट्ठियाँ भींच कर आहें लेने लगी- ससस… उअ्.. आहहह.. फिर मैं उसकी चूत पर चुंबन करने लगा. मैंने अपनी पूरी जीभ चूत के अन्दर डाल दी. मैंने उसकी पूरी चूत को मुँह में भर कर चुंबन किया. वह सेक्स के लिए तैयार थी- आहहह.. उहहह.. सससस.. मर गई.. अब मत तड़फाओ.. बस अब कर लो.. आहहहह… अन्दर डाल दो.. उहहह.. सससस… मैंने नेहा की टांगों को फैलाया और घुटनों पर बैठकर लंड उसकी चूत पर रखा, वह चुदने बेताब थी. उसकी चूत चिकनी हो चुकी थी. मैंने झटका मारा तो मेरा दो इंच लंड चूत के अन्दर चला गया. वह दर्द से तड़फने लगी. मैंने लंड बाहर निकाला और उसके होंठों को अपने मुँह में डाल कर उसकी जुबान चूसने लगा. हालांकि उसकी चूत से खून नहीं आया था.. क्योंकि वह पहले दो तीन बार चुदाई करवा चुकी थी. मैंने दोबारा से लंड डाला तो इस बार आधा लंड अन्दर घुस गया. वो तड़फी, लेकिन इस बार मैं लगातार किस कर रहा था. कुछ पल बाद वह भी सामान्य हो गई व चुदाई का आनन्द लेने लगी. उसकी आहें अब मजा देने लगी थीं- अहहहउउ.. आअआ.. ओआहहह.. वह लंड अपनी चूत में लिए हुए मेरी पीठ को सहला रही थी. करीबन पांच मिनट बाद वह झड़ गई. लेकिन मैंने चुदाई को जारी रखा. ‘आहहह.. उउउउ.. इइइआ हहह..’ उसके दस मिनट बाद मैंने भी अपनी मलाई उसकी चूत में बहा दी. तब तक वह दोबारा झड़ चुकी थी. उसके बाद हमने एक दूसरे को चुंबन किया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:50 AM
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भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:50 AM
गर्लफ्रेंड की
बहन की
ननद की चुत चुदायी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:51 AM
एक बार मोनिका की बहन भी उसके साथ आई थी. उसका नाम सोनिया है. उस दिन हम 3-4 घंटे साथ रहे, जिससे सोनिया भी मुझसे खुल कर बात करने लगी.
इस मुलाकात से बाद अब जब भी सोनिया मुझे कहीं पर भी मिलती तो बात कर लेती थी. एक बार सोनिया मार्केट में मिली, उसके साथ एक लड़की थी. उस लड़की को देख कर मैं देखता ही रह गया. एकदम गोरी चिट्टी, कसे हुए शरीर वाली पंजाबन माल थी. उसकी हाइट 5 फुट 8 इंच थी. वो इतनी गोरी थी कि दूध की सफेदी भी उसके सामने फीकी लगती थी. उसका साइज 34-28-36 था. उसको देख कर मेरा तो बुरा हाल हो गया. अभी मैं उसके ख्यालों में खोया ही था कि मुझे सोनिया की ‘ओ हैलो.. किधर खो गए..?’ सुनायी दी. मैंने भी एकदम से अचकचा कर हैलो कहा और उससे हाल चाल पूछा. ऐसे ही हमारी बातें होने लगीं. तभी मैंने सोनिया से पूछा कि ये जो आपके साथ आई हैं, कौन हैं? सोनिया ने मुझसे सॉरी बोला और कहा- मैं तो आपको इससे मिलाना ही भूल गयी. मैंने उस कांटा माल के दूध देखते हुए बीच में ही बोल दिया- कोई बात नहीं अब मिला दो. तो सोनिया ने बताया कि ये मेरी ननद है. इसका नाम नेहा है और ये एम बी ए कर रही है. नेहा ने मुझे हाय बोला तो मैंने उसको हैलो बोल कर हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिया. उसने भी हाथ आगे करके हाथ मिला लिया. उसका हाथ मैंने हल्का सा दबा दिया. मेरा ऐसा करने पर वो हंस दी. मेरे मुँह से एकदम ही मद्धिम स्वर में निकल गया- हंसी तो फंसी. मेरे ऐसा बोलने पर सोनिया ने मुझे हल्का सा मुक्का मारा और हम सब हंसने लगे. फिर मैंने उन दोनों को काफी के लिये बोला. सोनिया थोड़ा ना नुकर करने के बाद मान गयी. अब हम तीनों ढाई घंटे तक एक रेस्तरां में बैठे रहे और बातें करते रहे. इसके बाद मैंने जानबूझ कर उन्हें घर छोड़ने की जिद की. मेरा थोड़ा सा जोर डालने पर वो मान गईं. जब मैं उन्हें घर छोड़ने गया तो मैं रास्ते भर बार बार नेहा को देखता रहा. मैंने यह भी नोटिस किया कि नेहा भी मुझे तिरछी नजर से देख रही है. इस दौरान मैंने नेहा के बारे में काफी कुछ जान लिया था कि वो किस कॉलेज में पढ़ रही है और उसके कॉलेज आने जाने की क्या टाइमिंग रहती है. उस दिन उनको घर छोड़ने के बाद तो मुझे नेहा ही दिमाग में भर गई थी. मैं जानबूझ कर नेहा के कॉलेज की तरफ उसकी छुट्टी के समय जाने लगा. उससे बातचीत बढ़ाने लगा. दो तीन बार मैंने उसको काफी के लिये भी बोला और अब शायद उसको एहसास हो गया था कि मैं उसके लिये क्या सोच रखता हूँ, इसलिए वो कभी मना नहीं करती थी. शायद उसको भी मुझसे मिलना पसंद आने लगा था. ऐसे ही मौका देखकर एक दिन मैंने उसे प्रपोज कर दिया, तो उसने मुँह बना दिया. मेरा प्रपोजल नजरअंदाज कर दिया और गुस्सा सी हो गई. उसके बाद उसने मुझसे बात करना बंद कर दिया. मेरी भी फट गयी कि कहीं नेहा ने घर में सोनिया को बता दिया तो मैं तो गया काम से क्योंकि मोनिका को पता चला तो वो मुझे कहीं का नहीं छोड़ेगी. यही सोच कर मैं एक महीने तक नेहा के कॉलेज की तरफ नहीं गया और इसी बीच मैं मोनिका से कोई दस बाद मिला. जब मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ नहीं हुई है, तो मैं फिर से नेहा के कॉलेज की तरफ जाने लगा. पर 4 दिन तक मुझे नेहा नहीं दिखी तो मैं उदास हो गया. पांचवें दिन मैंने ठान लिया कि मैं उसके कॉलेज की तरफ नहीं जाऊंगा. पर उसकी छुट्टी के समय मेरे कदम उसके कॉलेज की तरफ खुद ब खुद चल पड़े. उस दिन जैसे ही मैं वहाँ पहुंचा, तो नेहा मुझे आती दिखी. उसे देख कर मेरे मन में खुशी की लहर दौड़ गयी. जैसे ही नेहा गेट से बाहर निकली, मैंने उससे बात करनी चाही.. पर उसने जवाब नहीं दिया. मैंने कारण पूछा तो उसने बताने से मना कर दिया. फिर मेरे जोर देने पर वो बात करने के लिये मान गयी. बात करने के लिये हम एक पार्क में बैठ गए. वहाँ उसने बताया कि उसका एक लड़के ने दिल तोड़ा है, इसलिए अब वो किसी के करीब नहीं आना चाहती. मैंने उसे समझाया कि सारी दुनिया एक जैसी नहीं होती. तीन घंटे समझाने के बाद भी ‘सोच कर बताने…’ का बोल कर जाने को उठी. जैसे ही वो उठी तो मैंने उसे अपना नम्बर दिया और बोला कि मुझसे दोस्ती मंजूर हो तो कॉल करना, नहीं तो आज के बाद कभी तुझसे नहीं मिलूँगा. दस दिन के बाद उसका काल आया और उसने मुझे मिलने के लिये बोला. मैं उससे मिला तो उसने दोस्ती के लिये हां कर दी. अब हम पार्क रेस्तरां में मिलने लगे और बात चूमाचाटी से शुरू होकर एक दूसरे के लंड चुत को छूने तक पहुंच गयी. अब तलाश थी एक अच्छे मौके की, तो वो भी उसने खुद ही पैदा कर दिया. एक दिन उसने मुझे उसके हिमाचल में घुमाने के लिये बोला. मैं खुश हो गया. फिर प्रोग्राम बनाया और तय समय पर चंडीगढ़ से निकल गए. जब मैंने उससे पूछा कि घर में क्या बोला है? तो उसने हंस कर बताया कि वो सहेली की शादी का बहाना करके आई है. मैं अपने एक दोस्त की गाड़ी लेकर आया था. इसलिए हम मस्ती करते हुए मनाली पहुंच गए. वहां पर मैंने पहले ही कॉल करके होटल बुक करवा दिया था.. तो हम पहले सीधे होटल गए. सबसे पहले मैंने होटल के रूम में जाकर उसको हग किया. फिर मैं उसे उठा कर बाथरूम में ले गया और हम दोनों फ्रेश होने लगे. मैंने जानबूझ कर अपने कपड़े उतारे और नहाने लगा. नेहा नहाने में मेरी मदद करने लगी. तो मैंने उसके ऊपर पानी फेंक कर उसे गीला कर दिया. फिर मैंने उसे भी नहाने को बोलकर उसके कपड़े उतारने लगा, वो थोड़ा विरोध करने लगी… पर मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी टी-शर्ट उतार दी. वो अपने मम्मों को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी. मैंने सही मौका देखकर उसकी जींस भी उतार दी. उसे इस वक्त टू पीस में देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था. अब मुझसे सब्र करना मुश्किल हो रहा था, इसलिए मैंने उसे जोर से हग किया और चूमने लगा. वो आई तो चुदने ही थी, सो अब वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं उसे उठा कर बाहर रूम में ले आया और उसे और खुद को तौलिये से सुखाया. मैंने उसे फिर से बांहों में भर कर स्मूच करने लगा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 10:51 AM
अब मैंने उसके मुँह में जीभ डालनी शुरू कर दी और एक हाथ से उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया. उसकी गर्मागर्म सिसकारियां निकलनी शुरू हो गईं. कुछ ही देर में वो भी जोश में आ गई. मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया, तो वो हल्के हल्के से मेरे लंड को दबाने लगी.
मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसे बेड पर लिटा दिया.. खुद भी उसके ऊपर लेट गया. मैं एक हाथ से उसका एक दूध दबाने लगा, दूसरा दूध मुँह में लेकर चूसने लगा, मैंने दूसरा हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा. चूत पर मेरे हाथ का स्पर्श पाकर वो जोर जोर से ‘आ आ आह..’ करने लगी. मैं थोड़ा नीचे होकर उसकी नाभि को सक करने लगा.. जिससे वो और भी मचलने लगी. अब मैं और नीचे हो कर अपनी पसंदीदा चीज, उसकी चुत पर पहुंच गया. मैंने बड़े प्यार से पैंटी उतारी और उसकी सील पैक चुत देखकर मेरा लंड फटने को हो गया. मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा था, इसलिये मैं जल्दी से चुत चाटने लगा. क्योंकि चुत चाटना मुझे बहुत पसंद है. मैंने लगभग पांच मिनट चुत चाटी होगी कि और बर्दाश्त करना उसके बस से बाहर हो गया और वो झड़ गयी. लेकिन मैं उसकी चूत चाटता ही रहा. इससे नतीजा ये निकला कि वो फिर से गरम हो गई. वो बिना कुछ बोले, मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. मैं समझ गया कि अब इसे लंड चाहिये. इसलिये मैंने अपना अंडरवियर उतार कर फेंक दिया और अपना मूसल लंड उसके मुँह के सामने कर दिया. उसने आज्ञाकारी बच्चे की तरह एक मिनट के लिए लंड मुँह में ले लिया और फिर निकाल कर मुझे नीचे की तरफ धक्का दे दिया. मैं समझ गया कि इसको चूत में लंड लेना है. मैंने भी देर नहीं की और अपना 6 इंच का मोटा लंड उसकी चुत पर सैट कर दिया. उसने भी टांगें फैला कर चूत का मुँह खोल दिया. जैसे ही मैंने हल्का सा धक्का लगाया, तो जो पानी निकलने की वजह से उसकी चूत चिकनी हुई पड़ी थी, उसका फायदा हुआ और मेरा दो इंच लंड अन्दर चला गया. लंड क्या घुसा, उसकी जोर से चीख निकल गयी. उसकी चीख की परवाह किये बिना, मैंने एक और जोर का झटका मार दिया. अब मेरा पूरा लंड चुत में समा गया. वो बहुत जोर से चिल्लायी और उसकी चूत से खून और आंखों से आंसू निकल आए. उसने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा दिए, मेरी पीठ से भी खून निकल आया. वो रोते हुए लंड बाहर निकालने को बोलने लगी.. जिससे मैंने लंड तो नहीं निकाला.. लेकिन अब मैं रूक गया था. मैं उसको स्मूच करने लगा तथा एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा.. जिससे वो थोड़ी देर में ही शांत हो गई.. और उसकी कमर कसमसाने लगी. मैंने धीरे धीरे प्यार से चुदायी शुरू कर दी. उसको अब भी दर्द हो रहा था. लेकिन अब वो चिल्ला नहीं रही थी. उसको दर्द के साथ साथ मजा भी आ रहा था, इसलिए वो दर्द को सहती हुई साथ देने लगी. थोड़ी देर बाद वो भी कमर चलाने लग गयी. यह देखकर मैंने चुदाई तेज कर दी. उसने कुछ ही देर में पानी छोड़ दिया, पर अभी भी वो ढीली नहीं हुई थी. यह देख कर मैंने उसे अपनी पसंदीदा पोजिशन में कर दिया. इस पोज में मैं बैड से नीचे उतर कर खड़ा हो गया और उसे बेड के किनारे पर लिटा दिया. फिर उसकी टांगें उठाकर उसे दस मिनट तक हचक कर चोदा और हम दोनों साथ में छूट गए. फिर मैं उसे उठाकर बाथरूम ले गया और हम दोनों नहाये. उससे चला नहीं जा रहा था, इसलिये उसे उठाकर फिर बेड पे लिटा दिया. हम दोनों एक दूसरे को हग करके सो गए. उस बाद हम वहां दो दिन रहे और हमने कुल 16 बार चुदायी की. अब वो जॉब के लिए नोएडा चली गयी है.. तो मिलना साल में एक दो बार ही हो पाता है.. हम मिलते है तो चुदाई जरूर करते हैं. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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