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रज़ाई में बहन की चूत चुदाई
#1
रज़ाई में बहन की चूत चुदाई




Heart Heart Heart










Heart Heart
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
दोस्तों यह घटना आज से करीब चार साल पहले की है जब मेरी बहन की सगाई थी, तब वहां पर हमारे सभी रिश्तेदार आए हुए थे और उनमे मेरी चचेरी बहन सरिता भी थी, वो एकदम पतली दुबली सी और दिखने में बहुत सुंदर, सेक्सी लड़की थी, लेकिन उसके बूब्स की साईज़ 32 उभरे हुए बिल्कुल सुडोल थे और उसकी कमर बहुत पतली थी, उसकी कमर का साईज 26 था. दोस्तों वो मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी और उसे देखकर मेरा मन करता था कि में उसे अभी पकड़कर चोद दूँ. हम पहले भी एक बार किस कर चुके थे जब वो गर्मियों की छुट्टियों में मेरे गाँव आई हुई थी. हम पहली बार मिलकर एक दूसरे से इतना करीब हुए थे. दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर और हमेशा खुलकर बात करने वाली एक लड़की थी.

दोस्तों में उसे पहली बार देखते ही उसकी तरफ पूरी तरह से आकर्षित हो गया और फिर लगातार उसके सुंदर बदन को देखता रहा. उसके शरीर का हर एक हिस्सा उस एकदम टाईट कपड़ो में मेरे सामने उभरकर बाहर आ रहा था, जिसको देखकर में उसका बिल्कुल दीवाना हो चुका था. फिर वो मेरे इस तरह घूरकर देखने का मतलब समझकर मेरी तरफ थोड़ा सा मुस्कुराई और मुझसे पूछने लगी कि क्या हुआ मुझसे पहले कभी कोई लड़की नहीं देखी क्या? तब मुझे थोड़ा सा होश आया और फिर में उससे बोला कि मैंने लड़कियाँ तो बहुत देखी है, लेकिन आज तक मैंने तुम्हारी जितनी सुंदर लड़की कोई भी नहीं देखी, दोस्तों वो मेरी यह बात सुनकर शरमा गई और फिर मुस्कुराकर वहां से चली गई और में उसे जाते समय पीछे से घूरकर देख रहा था.

फिर उसी शाम को जब हम छत पर बैठे हुए इधर उधर की बातें कर रहे थे कि तभी अचानक से उसने कुछ देर बाद मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? दोस्तों पहले तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ और फिर मैंने कुछ देर सोचकर तुरंत उससे कहा कि नहीं, तो वो झट से बोली कि यह तुम्हारी बात सच है या तुम मुझे ही पागल बना रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि मुझ जैसे लड़के को कौन सी लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाएगी? तो वो तुरंत बोली कि क्यों ऐसी क्या कमी है तुम में, जो तुम यह सभी बातें सोचते हो?

दोस्तों मुझे उसकी बातों से अब कुछ बातें समझ में आ रही थी, वो शायद अब मेरी तरफ झुकने लगी थी और फिर ऐसे ही हमारे बीच बातें चल रही थी. फिर छत पर कुछ घंटे बिताने के बाद हम नीचे आ गए. अब हमने नीचे आकर देखा तो सभी लोग सो चुके थे और उस बात का फायदा उठाते हुए हम दोनों रात को एक ही रज़ाई में बैठकर टीवी देखने लगे और कुछ देर बाद जब उसे ज्यादा सर्दी लगी तो वो अपने पैरों को मेरे पैरों से छूने लगी, लेकिन धीरे धीरे अब वो अपना एक हाथ मेरी जाँघो पर ले गई.

फिर मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा. अब हम दोनों ही कुछ देर बाद सोने का नाटक करके रज़ाई के अंदर आ गये. वहां पर हम अब एक दूसरे के नाज़ुक अंगो से खेल रहे थे और में जैसे ही उसके गाल पर किस करने के लिए थोड़ा आगे बढ़ा तो उसने अपने होंठो को आगे कर दिया और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. हमें ऐसा बहुत अच्छा लग रहा था और हम दोनों यहाँ पर किस से ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते थे, क्योंकि हमारे साथ और भी दो कज़िन सो रहे थे इसलिए हम बस एक दूसरे को प्यार कर रहे थे. फिर हम दोनों उठकर अलग अलग रूम में जाकर सो गये. फिर हमे उसके बाद एक दूसरे के इतना पास आने का समय ही नहीं मिला, क्योंकि वो दूसरे दिन अपने घर पर चली गई, लेकिन वो हमारी अधूरी कहानी को पूरी करने के लिए पूरे 6 महीने बाद मेरे बहुत करीब अपनी सगाई में आई.

दोस्तों इस बार मेरा प्लान उसे चोदने का था और पहले दिन ही वो मुझे देखते ही मेरे पास आ गई थी. अब उस समय घर पर बहुत सारे मेहमान आए हुए थे तो सभी लोगों को रात में सोने के लिए जगह की बहुत बड़ी समस्या थी, उस समय रात भी बहुत हो चुकी थी. कुछ लोग पहले ही इधर उधर जाकर सो चुके थे और उस समय सर्दियों का समय था तो इसलिए सभी रज़ाई ओढ़कर सो रहे थे, वो भी अपनी एक रज़ाई में बिल्कुल अकेली ही थी और उसके पास थोड़ी जगह थी उसने मुझे अपने पास आने का इशारा किया, तो में पहले बाहर गया और सभी लोगों को सोता हुआ देखकर चुपचाप जाकर उसकी रज़ाई में घुस गया और हम दोनों एक बार फिर से पूरे 6 महीने बाद एक दूसरे के बहुत पास थे. में अब अपना हाथ उसके नाजुक अंगो पर घुमाने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.

कुछ देर बाद जब वो थोड़ा सा गरम हो गई तो में उसकी कमीज में अपना एक हाथ डालकर उसके मुलायम, बड़े बड़े बूब्स को दबाने मसलने लगा. दोस्तों मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि उसके निप्पल अब तक बहुत टाईट हो चुके थे और सरिता भी अपना एक हाथ मेरे लंड पर ले गई वो भी अब तक तनकर बहुत टाईट हो गया था. अब धीरे धीरे हम दोनों थोड़ा आगे बढ़े और उस समय रूम में और भी बहुत लोग थे, इसलिए हमें उनका भी ध्यान रखना था कि किसी को हम पर शक ना हो.

फिर सरिता ने अपने मुहं को रज़ाई से थोड़ा सा बाहर रखा, बस वो कभी कभी अपना मुहं अंदर करके मुझे किस कर रही थी, लेकिन उसका हाथ लगातार मेरे लंड को सहला और ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था और हम एक दूसरे के अंगो के साथ खेल रहे थे. अब मैंने उसकी कमीज को पूरा ऊपर किया और फिर दोनों बूब्स को ब्रा से बाहर निकालकर एक बूब्स को चूसने तो दूसरे बूब्स को दबाने लगा दोस्तों ऐसा करने से मुझे बहुत मजा आ रहा था और में कभी उसके निप्पल को काटता तो कभी बूब्स को पूरा अपने मुहं में लेने की कोशिश करता.

दोस्तों मैंने करीब 15 मिनट तक बूब्स से खेलने के बाद उसकी सलवार में अपना एक हाथ डालकर उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा था और वो भी अब तक पूरी तरह से गीली हो चुकी थी, लेकिन दोस्तों बस में उसकी चूत की गरमी और गीलेपन को महसूस कर सकता था, देख नहीं सकता था, क्योंकि उस समय रजाई के अंदर बहुत अंधेरा था.

फिर मैंने उसकी पेंटी को पूरा नीचे कर दिया और मैंने अपनी एक अंगुली को उसकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से वो एकदम से सीहर उठी. दोस्तों में इससे पहले भी एक लड़की की सील तोड़ चुका था इसलिए में उसकी चूत में ऊँगली डालते ही समझ गया था कि यह पहले से ही चुद चुकी हुई है, लेकिन मुझे क्या करना था मुझे तो बस पानी निकालना था और फिर मैंने अपनी एक अंगुली को एक ज़ोर से झटके के साथ पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से उसके मुहं से धीरे धीरे सिसकियाँ निकल रही थी, लेकिन उसने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया, क्योंकि और भी लोग हमारे पास में सो रहे थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
अब उसने मुझे एक किस किया और मुझसे अपनी चूत को चाटने के लिए कहा, दोस्तों में अब धीरे धीरे रज़ाई में ही उसकी चूत के पास जाकर चूत को चूमने और चाटने लगा जिसकी वजह से उसे बहुत अच्छा लग रहा था और वो अपने चूतड़ को ऊपर उठा उठाकर मेरे सर को अपनी चूत के मुहं पर दबाकर मुझसे अपनी चूत को चटवा रही थी. अब मैंने कुछ देर चूत को लगातार चूसते हुए अपनी एक अंगुली को चूत में डालकर पूरा खोल दिया और फिर में अपनी जीभ से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा. फिर करीब दस मिनट तक चूत को अपनी जीभ से चोदने के बाद मैंने उसे किस किया और उससे कहा कि अब तुम रज़ाई के अंदर आ जाओ और मेरा लंड चूसो, में रजाई से बाहर निकलकर ध्यान रखता हूँ.

दोस्तों उसने एक बार तो मुझसे लंड को चूसने से साफ मना कर दिया, लेकिन फिर कुछ देर बाद मेरे बहुत समझाने के बाद वो मान गई. अब उसने रज़ाई में घुसकर सबसे पहले लंड को किस किया और उसके बाद उसने सुपाड़े को धीरे किस किया और अपनी जीभ से छुआ, जिसकी वजह से मेरी हालत अब धीरे धीरे बहुत खराब हो रही थी, मेरे मुहं से आह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह जैसी आवाज़े निकलने लगी थी.

अब वो लंड का सुपड़ा अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, वो अब इतनी ज़ोर से चूस रही थी कि जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे अभी मेरे लंड से पानी निकल जाएगा और उसने करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसा, वो लंड चूसने के काम में बहुत अच्छी थी और वो बहुत ही अच्छे से मेरा लंड चूस रही थी जैसे आज वो सब बाहर निकाल देगी और फिर से हमने किस किया, क्योंकि दोस्तों उस जगह पर हम सेक्स नहीं कर सकते थे, इसलिए हमने बस ऐसे ही चुदाई का मज़ा लिया और कुछ देर लंड चूसने के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा गरम गरम वीर्य गटक गई. दोस्तों इसके बाद हमने दोबारा कैसे सेक्स किया और बहुत मज़े किये.
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#4
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#5
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#6
जवान बहन की चुदाई रजाई के अंदर कर दी
















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#7
मेरा नाम श्रीकांत है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं अब 20 साल का जवान मर्द हो चूका हूँ और मेरी बोडी अब काफी सेक्सी हो गयी है। मेरी 2 गर्लफ्रेंड्स है शीना और मोनिका। दोनों की मैं चुदाई करता हूँ पर दोनों यही समझती है की मेरी सिर्फ एक गर्लफ्रेंड है। दोस्तों मैं नई नई चूत की तलाश में रहता हूँ और पडोस की भाभी लोगो को भी पटाकर चोद लेता हूँ। मैंने अपनी बहन तक को नही छोड़ा है। किसी भी जवान लड़की को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मेरे लंड की लम्बाई 8” की है।
इस लौड़े ने अनेक चूत में गोता लगाया है और कसके चुदाई की है। मैं अपने लंड को योगीबाबा के नाम से पुकारता हूँ। क्यूंकि इसने चोद चोदकर अच्छी अच्छी लड़कियों की चूत का धुंआ निकाल दिया है। मेरा योगीबाबा बहुत ताकतवर है और असली लौड़ा है। मेरा स्टैमिना 30 मिनट से जादा का है। मेरी चुदाई से हर लड़की काफी संतुस्ट दिखती है। कल की बात आपको बता रहा हूँ। मेरी सगी बहन का नाम वसुंधरा है। वो अब 19 साल की हो गयी है और मेरे साथ ही अभी तक सोती थी। मैं पहले वसुंधरा को गलत नजर से नही देखता था पर कुछ दिनों से उसका जिस्म एक सेक्सी औरत की तरह खिल गया था। वसुंधरा का नारी स्वभाव और नारीत्व अब दिखने लगा था और दूध कितने बड़े बड़े हो गये थे। मेरी बहन अब पूरी तरह से जवान हो गयी थी। अब उसे चोदने का दिल करता था। कल रात को सर्दी अचानक से जादा पड़ने लगी तो मैं अपनी बहन की तरफ खिसक गया। वो दूसरी तरफ मुंह करके सो रही थी टी शर्ट और लोवर पहने थी। मुझे सर्दी कुछ जादा ही लग रही थी तो मुझे मजबूर होकर वसुंधरा से चिपकना ही पड़ा। फिर वो करवट ले ली और मेरी ओर मुंह करके लेट गयी। मेरी नजरे उसकी चुस्त टी शर्ट पर पड़ी तो मैं सेक्सी फील करने लगा। जिन बड़े बड़े दूध को मैं दूर से तिरछी नजर से देखता था वो दूध मेरे बिलकुल पास थे। मेरी बहन के दूध 36” के बड़े बड़े गेंद जैसे थे और फिगर 36 32 36 था। रात के वक़्त कमरे में सिर्फ मैं और वसुंधरा ही थे।
मैंने जल्दी से अपना हाथ उसकी टी शर्ट पर रख दिया और चूची को सहलाने लगा। वसुंधरा सोती रही और कुछ न जान सकी। इसी बीच मुझपर सेक्स का भूत चढ़ गया और मैं तेज तेज दूध मसलने लगा। कुछ देर बाद उसकी चूत को छूने की इक्षा होने लगी। मैंने धीरे से उसके लोअर में हाथ घुसा दिया और पेंटी तक मेरी उंगलियाँ पहुच गयी। अब मैं अपनी सगी बहन की चूत पर ऊँगली से पेंटी के उपर सहलाने लगा। “ओह्ह कितनी गर्म चूत है इसकी!! बिलकुल भट्टी जैसी तप रही है” मैंने कहा। उसके बाद चूत को पेंटी के उपर से घिसने लगा। कुछ देर बाद वसुंधरा की आँख अचानक खुल गयी और उसने मुझे रंगे हाथो पकड़ लिया। “ये क्या भाई??? तुम ये क्या कर रहे हो??” वो परेशान होकर कहने लगी “मैं मैं वो वो….” बोलकर हकलाने लगा
“तुम मेरे साथ कुछ गलत काम कर रहे थे न। मैं कल मम्मी को सब बोल दूंगी” वसुंधरा बोली
“प्लीस बहन ऐसा मत करना प्लीस” मैंने हाथ जोडकर कहा
“पहले तुम बताओ की तुम मेरे साथ क्या कर रहे थे???” वसुंधरा बोली दोस्तों वो अभी चुदाई के बारे में कुछ नही जानती थी। उसे तो लंड और चूत की दोस्ती के बारे में भी कुछ नही जानती थी।
“वसुंधरा!! मैं तो तुमसे मजे लेने की सोच रहा था” मैंने धीरी आवाज में कहा “मजा?? किस तरह का मजा??” बहन बोली
मैंने उसी वक़्त अपना मोबाइल ओंन किया और अपनी सेक्सी बहन को कुछ ब्लू फिल्म दिखा दी। वसुंधरा की खूब मजा मिला चुदाई फिल्म देखकर। “बहन!! इसी मजे की बात तो मैं कर रहा था” मैंने कहा
“भाई!! तुम मेरे साथ चुदाई करो। अपना भी मजा लो और मुझे भी दे दो” वसुंधरा बोली फिर उसने खुद ही अपनी टी शर्ट और लोअर उतार दिया। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए। इस समय दिसम्बर का मौसम चल रहा था। काफी सर्दी हो रही थी। पर चुदाई से हम दोनों को काफी गर्मी मिलने वाली थी। जब मैं पूरी तरह से नंगा हो गया तो मैंने अपने फोन की फ़्लैश लाईट ऑन कर दी। और बेड के साइड रख दिया। अब मुझे अपनी जवान बहन के मस्त मस्त दूध दिख रहे थे। जैसे ही मैंने वसुधरा के मस्त मस्त आम पर हाथ रखा और छूने लगा तो वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा सी सी सी ओह्ह” करने लगी। अपने मोबाइल की रौशनी में उसके चुचे किसी औरत की तरह बड़े बड़े लग रहे थे। मैं तो जान ही न सका की बहन कब जवान हो गयी। अंदर से उसका जिस्म कितना गोरा और चिकना था। ये सब देखकर मैं और उत्तेजित हो गया और वसुंधरा के मम्मो को हाथ से हिला हिलाकर दबाने लगा। फिर चूची मुंह में लेकर चूसने लगा। और किसी प्यारे छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा। “ओह्ह भाई!! कितना अच्छा लग रहा है!! और चूसो भाई” वसुंधरा बोली ये सुनकर मैं मुंह चला चलाकर उसके मम्मे चूसने लगा और काफी देर सक चूसता रहा। फिर दूसरी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा। वसुधरा के दूध तो किसी बड़ी उम्र की औरत की तरह अब बड़े बड़े हो गये थे। कितनी सेक्सी दिख रही थी। मैंने हाथ से बड़ी देर तक उसकी चूची को हाथ से मसला। वैसे ही 36” की चूचियां बड़ी रसीली होती है। वसुंधरा
“……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”करती रही। अब मैंने उसे बाहों में कर लिया और पुरे जिस्म पर खूब चुम्मा लिया। “आई लव लू भाई!!” वसुंधरा ऐसा बोलने लगी
“आई लव यू बहना!!” मैंने कहा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#8
और उसके बाद तो मैंने उसको सीने से चिपका लिया। काफी गर्म बदन था उसका। अब मैं समझ गया था की लडकियों का बदन बहुत गर्म होता है। वसुंधरा की जवानी फूट पड़ी और उसने मुझे अपने बॉयफ्रेंड की तरह अपने सीने से चिपका लिया। दोनों लोग एक दुसरे को चुम्मा लेने लगे। फिर मैंने उसके उपर आ गया और उसके होठो पर अपने होठ लगा दिए। उसके बाद दोनों एक दुसरे के लब चूसने लगे। मैंने अपनी जवान 19 साल की बहन की जवानी का खूब रस पीया। उसके होठो को समझ लो खा गया। इस तरह से दोनों आनन्द में सराबोर हो गये। फिर से मेरे हाथ उसके बड़े बड़े हॉर्न पर पहुच गये और उसकी निपल्स को मसलने लगा। फिर रजाई के अंदर अंदर मैं नीचे सरक गया किसी चोर की तरह और वसुंधरा की चूत को हाथ से रगड़ने लगा। मैंने रजाई के अंदर उसकी चूत को ताड़ नही पा रहा था इसलिए मैंने अपने फोन को उठा लिया और अंदर ले गया।
मुझे अपनी सगी जवान मदमस्त बहन की चूत दिख गयी। बाल सफा और बिलकुल चिकनी। जब मैं चूत के लबो को हाथ से सहलाने लगा तो वसुंधरा “अई…..अई….अई…
अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करने लगी। उसके बाद मैं लेट गया और मुंह लगाकर चूत को पीने लगा। मेरे ओंठ लगाते ही वसुंधरा कामुक सिसकारी लेने लगी और उन्नह उन्ह उन्ह सी सी आह आह करने लगी। मैं जल्दी जल्दी फोन की लाईट जलाकर अपनी बहन की जवान चूत को चाट रहा था और देख भी रहा था।
“ह्ह्ह्ह भाई!! बड़ा आनन्द आ रहा है!! चाटो!! और चाटो!!” बहन बोली तो मैंने उसकी हर ख्वाहिश पूरी कर दी और खूब चूसा और चाटा उसकी गुलाबी भोसड़ी को। दोस्तों उसके चूत अब पूरी तरह से परिपक्व हो गयी थी। मेरी बहन अब चुदने को हो गयी थी। मैं जीभ लगा लगाकर उसका रस चूस रहा था। “ओह्ह भाई! मजा आ रहा है!! करते रहो! रुकना मत!” वसुंधरा बोली उसकी गर्म गर्म जोशीली चींखे मुझे और पागल कर रही थी। मैं अपने मुंह से उसके चूत के लबो को चूसने लगा और बहन को जवानी का मजा दे दिया। उसके बाद मैंने रजाई ओढ़ कर ही अपना लंड उसकी भोसड़ी में लग़ा दिया और चोदने लगा। वसुंधरा “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी। मैं लम्बे लम्बे धक्के उसकी चूत में मारने लगा और फोन की लाईट से उसकी चूत की कंडीशन देख रहा था। मेरा लंड हच्च हच्च उसकी चूत का बैंड बाजा बजा रहा था। घच्च्च घच्च मैं अपनी सगी बहन को पेल रहा था। उसकी चिकनी चूत मारने का अपना अलग की मजा था। फिर तो उसकी भोसड़ी भी अपना माल छोड़ने लगी और चूत अच्छे से चिकनी हो गयी। अब तो दोस्तों मेरा लंड उसकी चूत की अच्छे से मरम्मत कर रहा था।
“यस यस यस भाई!! fuck me harder!!” ऐसा वसुंधरा कहने लगी
उसके बाद तो मैने लम्बे लम्बे धक्के देकर उसकी चूत खूब चोद डाली और अब मेरी सांसे भी तेज हो गयी। अब तो मैं भी झड़ने वाला हो गया। वसुंधरा “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम
अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” चिल्लाने लगी। मैंने अपना बैलेंस खो दिया और काफी उतावला हो गया। इस बीच मेरे लौड़े से अपना माल पिच पिच्च करके छोड़ दिया। मैं हाफकर वसुंधरा के उपर ही लेट गया और मेरे माथे से पसीना निकलने लगा। काफी गर्मी निकल गयी थी इस चुदाई में। मेरा 8” का लम्बा चौड़ा योगीबाबा अब भी बहन की भोसड़ी में घुसा हांफ रहा था। फिर से वसुंधरा ने मुझे बाहों में ले लिया और अपने सीने से लगा लिया।
“भाई!! मेरी तो सुहागरात मन गयी” वो बोली
“सच कहा बहन!! मैंने भी तुझे चोदकर शादी से पहले ही सुहागरात मना ली। देख इस चुदाई के बारे में मम्मी पापा को पता न चले” मैंने कहा
“भाई!! तुम मेरे प्यारे चोदू भाई हो। मैं किसी से नही कहूंगी” वसुंधरा बोली उसके बाद उसकी चूत में लंड डाले डाले मैं सो गया अपनी जवान बहन को बाहों में भरके। अगले दिन वसुंधरा भी अलग सेक्सी नजरो से देख रही थी। वो सुबह नहा धोकर कॉलेज चली गयी। मैंने भी अपनी जॉब पर चला गया। आज शायद फिर से चुदाई हो जाए मैं सोच रहा था। रात में मम्मी पापा और मैं और वसुंधरा टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे। तो वो कामिनी टेबल के नीचे से मेरे पेंट पर हाथ लगाकर मेरा लंड पकड़ने लगी। मैं तो डर ही गया।
“वसुंधरा बेटी!! ये अपना हाथ टेबल के नीचे क्यों किया है तुमने??” मम्मी ने पूछा मैं तो बहुत डर गया ये सोचकर की अगर मम्मी पापा को हमारे नाजायज रिश्ते के बारे में खबर हो गयी तो क्या हाल होगा। मैंने वसुंधरा को गुस्से में आँखे दिखाई तब जाकर उसने मेरा लंड छोड़ा। दोस्तों हमारा घर काफी छोटा था। सिर्फ 3 कमरे थे। एक तो स्टोर रूम था और एक में मम्मी पापा सोते थे और दुसरे में मैं और वसुंधरा। रात में हम दोनों फिर से एक ही बेड पर लेट गये। कुछ देर तक टीवी देखकर रात के 11 बज गये। मेरी चुदासी बहन ने टीवी बंद कर दी और दरवाजा पर अंदर से कुण्डी लगा ली। फिर किसी रंडी लौडिया की तरह मेरे सामने उसने अपना सलवार कमीज उतार दिया। फिर किसी छिनाल लड़की की तरह ब्रा और पेंटी उतार डाली।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
“क्यों भाई!! आज क्या ख्याल है!!” वो मेरे पास नंगी होकर आ गयी और बोली “रंडी!! लगता है तेरी चूत में बहुत गर्मी है!! मम्मी के सामने ही मेरा लौड़ा पकड़ रही थी। आज साली तेरी गांड कसके चोदूंगा तो सब रंडीपना भूल जाएगी” मैंने गुस्से में कहा और अपनी चुदासी बहन का गला पकड़ लिया और दबाने लगा। मुझे गुस्सा भी आ रहा है। फिर मैंने भी खड़े खड़े ही उसकी चूत में ऊँगली घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा। अब मेरी रंडी बहन “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”करने लगी।
“साली! बहुत गर्मी ही तेरे जिस्म में!! आज सब निकाल देता हूँ” मैंने गुस्से से आँख दिखाकर कहा और खड़े खड़े उसकी चूत में ऊँगली चलने लगा। वसुंधरा सी सी ई ई आ करने लगी। खूब जल्दी जल्दी बेरहमी से ऊँगली की मैंने और काफी बदतमीजी ने पेश आ रहा था। 10 मिनट तक मैंने खड़े खड़े उसकी में ऊँगली कर दी जिससे उसका पानी चूत गया और मेरा हाथ उसके रस से भीग गया। मैंने एक चांटा उसके गाल पर जड दिया और नीचे बैठ गया और उसकी सांवली बुर को चाटने लगा।
“भाई!! आज मुझे किसी रंडी की तरह चोद डालो!!” वसुंधरा बोली
“साली रांड!! आज तेरी ख्वाहिश जरुर पूरी करूंगा” मैंने कहा “चल छिनाल!! घोड़ी बन!! ” मैंने गुस्से से कहा फिर उनकी बुर में मैंने ऊँगली डालकर उसका सफ़ेद पानी लिया और अपने लंड के मोटे सुपारे पर अच्छे से मल दिया। अब झुक गया और अपनी सेक्सी जवान और आवारा बहन की चूत जीभ लगाकर चाटने लगा।
“भाई!! तू तो बड़ा चोदू मर्द है रे!!” बहन बोली

वसुंधरा अजीब अजीब तरह का मुंह दर्द से कराहकर बनाये जा रही थी। मैं उसको घोड़ी बनाये था उसके दोनों हाथो और घुटनों पर। मैं उसकी चूत को अभी तो आराम आराम से चोद रहा था। उफ्फ्फ्फ़!! कितनी कसी चूतथी दोस्तों। मजा आ गया था मुझे। मैंने काफी देर अपनी सगी बहन की चूत चोदी और उसी में झड़ गया। जब लौड़ा बाहर निकाला तो वसुंधरा भीगी बिल्ली बन गयी थी। उसके आँशु निकल रहे थे। उसकी सब हेकड़ी निकल गयी थी।
अब तो रोज की बहन के साथ सुहागरात मन जाती है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
चचेरे भाई और उसके दोस्त से करवाई 


मैंने डबल चुदाई








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#14
मेरा नाम इशिका है। मैं भरतपुर, (राजस्थान) की रहनी वाली हूँ। मेरे फेमिली में सब काफी पढ़े लिखे है और नौकरी कर रहे है। मेरी उम्र 26 साल की है। अभी कुवारी हूँ पर अनेक मर्दों से चुद चुकी हूँ। मुझे जवान और हैंड्सम लड़के काफी पसंद है और उनको देखकर मुझे उनसे प्यार हो जाता है। फिर मैं लड़को से चुदवा लेती हूँ। आपको बता दूँ की मेरा हाईट कम है। 5’ 3” की हूँ पर मस्त लड़की हूँ। मेरा फिगर 34 28 32 का है। मेरा भरा हुआ बदन मेरे जिस्म से दिखता है और मेरा रंग भी काफी गोरा है। हमेशा अपने बाल खोलकर चलती हूँ। मेरे उड़ते बाल और जुल्फों को देखकर लड़को का दिल मचल जाता है। वो सब मेरे रूप और खूबसूरती के दीवाने हो जाते है।

आपको जो स्टोरी सुना रही हूँ वो मेरी डबल चुदाई की स्टोरी है। मेरे चाचा के लकड़े विक्रम से मेरा अफेयर काफी दिनों से चल रहा था। उसके साथ कई बार सेक्स हो गया था। कुछ दिनों बाद विक्रम का बर्थडे आने वाला था। वो हमारे घर आया और मुझसे कहने लगा की उसके बर्थडे पर मुझे जरुर आना है। फिर मैं भी उसके घर पर चली गयी। उस दिन विक्रम बहुत स्मार्ट दिख रहा था। उसने व्हाईट कलर का कोट पेंट पहना था। जिसमे वो बहुत जंच रहा था। मैंने फूलो का बुके विक्रम को दिया।

“हलो भाई!! आज बहुत जम रहे हो” मैंने फूल वाला बुके उसे देते हुए कहा

“इस्स्स्स!! मुझे भाई मत कहा करो। जिसके पास तेरी जैसी मस्त जवान लड़की होगी वो तेरा भाई तो नही बनना चाहेगा। तू भी किसी से कम नही दिख रही है इशिका!!” विक्रम बोला

मैंने रेड कलर की लोंग कुर्ती और लेगी पहनी हुई थी। मेरे 34” के मस्त मस्त दूध मेरी कुर्ती से दिख रहे थे। गले से हल्के हल्के सफ़ेद दूध की झलक विक्रम को मिल रही है

“थैंक्स विक्रम!!” मैंने कहा

“तुझे देख लेता हूँ तो नियत डोल जाती है। आओ मिलो इनसे। ये है मेरा सबसे क्लोस फ्रेंड विहान!!” विक्रम बोला

विहान ने मुझे हेलो कहा और हाथ आगे बढ़ा दिया। फिर मैंने भी विहान से हाथ मिलाया। उसके बाद हम तीनो बाते करने लगे। मेरा चचेरा भाई मुझे कई बार चोद चूका था इसलिए मैं उससे खुलकर चूत चुदाई की बात करती थी। विक्रम मुझे चोदने के लिए पूछने लगा। वो कहने लगा की आज मैं विहान और उससे डबल चुदाई करवा लूँ। एक लौड़ा चूत में ले लूँ और दूसरा गांड में ले लूँ। मैंने आजतक डबल लंड नही खाया था पर आज मेरा भी दिल कर रहा था। बर्थडे की पार्टी खत्म होने के बाद मैं चाचा के घर पर रुक गयी। फिर रात में विक्रम और विहान मेरे रूम में आ गये।

“भाई!! किसी से देखा तो नही??” मैंने पूछा

“नही!! सब सो रहे है” विक्रम बोला

उसके बाद दोनों मेरे आजू बाजू आकर लेट गये और मुझे छूने लगे। रात को मैं नाईट सूट पहनकर लेटती थी। धीरे धीरे विक्रम और विहान मेरे मस्त मस्त दूध पर हाथ लगाने लगे तो मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”करने लगी। दोनों मेरे एक एक गाल पर चुम्मा लेने लगे और मुझे प्यार कर रहे थे। मेरा नाईट सूट को उतरवा दिया और अब मैं ब्रा और पेंटी में आ गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#15
“विहान!! देख मेरे बहन कैसी है???? क्या तुझे अच्छी लगी???” विक्रम विहान से पूछने लगा

विहान ने मेरे बड़े बड़े दूध को ब्रा के उपर छुआ और सहलाने लगा। फिर मेरी दोनों चूचियों पर हाथ घुमाने लगा। मुझे बड़ा मजा मिला।

“भाई विक्रम!! तेरी बहन तो जबरदस्त सामान है। तू नसीब वाला है जो ये तुझको अपनी मस्त मस्त चूत दे देती है” विहान मेरे बूब्स को प्रेस करके बोला

फिर विक्रम भी मेरी मस्त मस्त चूचियों को दबाने लगा। खूब आनन्द हम तीनो को आने लगा। दोनों ने बारी बारी से मुझे बिस्तर पर लिटाकर मेरे रसीले होठो को चूसा। दोस्तों लड़के तो गुटका तम्बाकू खाते है इसलिए उनके होठ काले और भद्दे हो जाते है। पर हम लड़कियाँ किसी तरह का पान मसाला नही खाती है जिसकी वजह से हमारे ओंठ बहुत सुंदर दीखते है। विहान और विक्रम से बारी बारी मेरे होठ चूसकर मुझे और गर्म किया। मेरे मुंह में दोनों से अपनी जीभ घुसाकर मुझसे चुसाई। जिसके बाद मैं चुदासी लड़की बन गयी। अब दोनों गांडू मेरी सफ़ेद पेंटी पर हाथ घुमाने लगे।

मेरी चूत पर ऊँगली चला रहे थे। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। दोनों दोस्तों से मेरी पेंटी पर काफी ऊँगली चलाई और खूब सहला दिया जिससे मैं बड़ी सेक्सी महसूस करने लगी। फिर दोनों से अपनी अपनी जींस खोल दी और मेरे दोनों हाथो में लौड़ा दे दिया। आज पहली बार मैं दो दो लौड़े से खेल रही थी।

“इशिका!! पहले तुम 1 लौड़ा चूसती थी पर आज तुमको 2 2 लौड़े को चूसकर खड़ा करना है” विक्रम बोला

उसके बाद दोनों मर्द लेट गये और मैं बैठ गयी और दोनों का लौड़ा हिलाने लगी। दोस्तों दोनों के लौड़े काफी मोटे तगड़े थे। विक्रम का 8” लम्बा था और विहान का तो 10” था जो काफी खतरनाक दिख रहा था। मैं अपनी खूबसूरत उँगलियों से दोनों के लंड फेटने लगी और मुझे भी काफी अच्छा लग रहा था। दोनों मर्द आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह् करने लगे। फिर मैं झुक कर मुंह में लेकर चूसने लगी।

“ohh yes beby चूसो इसे!! और अंदर तक मुंह में लो!!” विहान बोला

मैंने उसके लौड़े को और अधिक मुंह में ले लिया और मस्ती से चूसने लगी। दूसरे हाथ से विक्रम का लौड़ा फेट रही थी। काफी देर तक चुस्ती रही। फिर मुंह से विहान का लौड़ा निकाल दिया और विक्रम का लेकर चूसने लगी। सिर हिला हिलाकर मेहनत कर रही थी। विहान से इसी बीच मेरी पेंटी उतार दी और पीछे से मेरे चूतड़ सहलाने लगा। फिर पीछे से मेरी चूत और गांड में ऊँगली करने लगा।

“तुम तो बहुत सेक्सी हो बेबी!!” ऐसा विहान कहने लगा

फिर मैं और जादा खुश हो गयी और मेहनत से उसके लौड़े को फेट फेटकर चूसने लगी। काफी मजा आया इसमें। विक्रम और विहान दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत में ऊँगली की और अंदर बाहर करते रहे। फिर गांड में ऊँगली कनरे लगे तो मैं काँप गयी और “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी। बड़ा आनन्द आया दोस्तों। दोनों मर्दों ने मुझे काफी गर्म कर दिया था।

“बेबी!! क्या तुमने कभी डबल लौड़ा खाया है” विहान पूछने लगा

“नो!!” मैंने कंधे उचकाकर बोला

“आज तुमको डबल लौड़ा मिलेगा” विहान बोला
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#16
उसके बाद दोनों दोस्त मेरी एक एक चूची को हाथ लगाने लगा। सहला सहलाकर दबा रहे थे। दोस्तों मेरे दूध बहुत सेक्सी और मलाई जैसे मुलायम थे। खूब मजा आया रहा था। दोनों जब जब हाथ से मेरे बूब्स प्रेस करते थे तो कितना आनन्द आता था। फिर दोनों गांडू मेरी एक एक चूची मुंह में लेकर एक साथ चूसने लगे तो बड़ा आनन्द मिला। आज मुझे हर तरह का मजा डबल डबल मिल रहा था। दो दो मर्द आज मेरी नर्म नर्म चूची को मुंह में लेकर चूस रहे थे। मेरी चूत अपना पानी छोड़ रही थी। मैं खुद भी अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी।

बड़े देर तक विक्रम और विहान मेरे सेक्सी जिस्म से खेलते रहे। मुझे फॉरप्ले करते रहे और पूरी तरह से चुदासी बना डाला। उसके बाद विक्रम नीचे लेट गया और मुझे अपने उपर ले लिया। मैं उलटी होकर विक्रम के उपर बैठ गयी। उसने होले होले मेरी गांड में 8” लंड घुसा दिया। फिर विहान उपर से आ गया और मेरी चूत में लंड डालने लगा। मुझे दर्द होने लगा। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। मुझे काफी दर्द हो रहा था। पर फिर दोनों मर्दों के लंड मेरी गांड और चूत में घुस गये। फिर दोनों मुझे चोदने लगे “अई. .अई..अई…..मर गयी!! मर गयी मैं … उ उ उ उ उ…” मैं ऐसा कहने लगी। दोनों लड़के मुझे चोदने लगे। मुझे बड़ा अलग तरह का अहसास हो रहा था। मेरे दोनों छेदों में मोटे मोटे लंड दौड़ लगा रहे थे जिसकी वजह से मुझे काफी उत्त्जेना और चुदास वाला नशा मिल रहा था। दोनों बारी बारी से लंड मेरे छेदों में डालकर फाड़ रहे थे।

मैं तो मरी जा रही थी। “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” मैं चिल्लाने लगी तो मेरे चचेरे भाई ने मेरे मुंह पर अपना हाथ रखकर दबा दिया वरना फेमिली के लोग सुन लेते। दोनों मस्ती से मेरी चूत और गांड को फाड़ रहे थे। मैं तो मरी जा रही थी। मेरी आँखों से गर्म गर्म आंसू निकलने लगे। दर्द भी हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था। मुझे मीठा दर्द दोनों छेद में हो रहा था।

“चोदो!! आज मुझे चोद चोदकर रंडी बना दो!! किसी रांड की तरह फाड़ दो मेरे भोसड़े को!!” मैं उत्तेजना में बकने लगी

मेरी नशीली कामोत्तेजक आवाज सुनकर दोनों दरिन्दे बन गये और जल्दी जल्दी अपने पाने अपने लौड़े मेरे सेक्सी चोदनीय छेदों में दौड़ाने लगे। मेरी पीठ विक्रम की तरह थी। मैं उलटा मुंह करके उसके उपर लेटी थी और विहान सबसे उपर था और मेरी चूत फाड़ रहा था। इस तरह से दोनों ने 20 मिनट मेरे छेद को फाड़ा और फिर झड़ गये। “सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” बोलकर विहान कापते हुए मेरी चूत में झड़ गया। फिर मेरा चचेरा भाई विक्रम भी मेरी गांड में झर गया। अब मैं नीचे उतर आई और बेड पर लेटकर आराम करने लगी। मेरी बुरी हालत थी और दोनों छेदों में काफी दर्द हो रहा था।

“बेबी! आई लव यू!! बहुत मजा दिया तूने!!” विहान बोला

उसके बाद विहान ने मेरी टाँगे खोल दी और चूत में जीभ लगाकर चाटने लगा। मुझे फिर से वो मजा देने लगा।

“कुछ देर रुक जाओ!! अभी तो मेरी चूत में दर्द हो रहा है” मैंने विहान से कहा

पर वो गांडू माना ही नही। अपना मुंह लगा लगाकर मेरी गुलाबी चूत को किसी चोकलेट की तरह चाट रहा था। दोस्तों लड़को ने मुझे फाड़ मेरी चूत को फाड़ फाड़कर उसका भरता बना दिया था। मेरा छेद तो अब और भी बड़ा हो गया था। विहान मेरी टांगो और खूबसूरत चिकनी जांघो को बार बार किस कर रहा था। “तुम बहुत हॉट माल हो इशिका बेबी!!” वो बार बार कहे जा रहा था। उसके मुंह में मेरी चूत का सफ़ेद माल लगा हुआ था। मेरी चूत की एक एक पंखुड़ी को वो मजे लेकर चूस रहा था। बड़ा आनन्द मुजको भी देख रहा था। मैं फिर से अब “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी।
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#17
“चाटो विहान!! मेरी खूबसूरत चूत को और चाटो!! अच्छे से चूसो!!” मैंने किसी छिनाल बेशर्म लड़की की तरह कह रही थी


विहान भी पूरे जोश में भर गया और मजे लेकर चूसने लगा। मेरी चूत के सेक्सी कामुक होठो को वो ऐसे चूस रहा था जैसे कोई रबड़ी मलाई मिल गयी हो। फिर से चूत में ऊँगली नही पूरा अंगूठा ही कुत्ते से पेल दिया और मुझे तड़पाने लगा। मैं फिर से कसमसाने लगी। उई उई करने लगी। मेरे चूत के दाने को विहान से अपने दांत से खींचना शुरू कर दिया। मुझे लगा की मैं मर न जाऊं। कमीना मुझे अपना घर का माल समझकर खींच रहा था। जैसे कुत्ते मुर्गी को देखकर नोचने लग जाते है। इस दौरान मुझे दर्द हुआ पर मजा भी बहुत मिला। उसके बाद विहान का लौड़ा फिर से टनटना गया और किसी तट्रोफी की तरह खड़ा हो गया। उस बहनचोद ने फिर से अपना लंड पकड़कर मेरे भरे और गद्दीदार चूत में डाल दिया और मुझे घमा घम पेलने लगा।

“आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…फाड़ो!! और तेज फाड़ो मेरे भोसड़े को!! ….सी सी सी सी..हा हा हा..” मैं बदहवास होकर कहने लगी। मैं अपने दांतों से अपने होठ काटने लगी। इस समय मैं कोई हाई क्लास काल गर्ल दिख रही थी। विहान भी पूरी तरह से चोदू बन गया और कमर उठा उठाकर मेरी चूत की गहराई में लंड को कुदाने लगा। वो किसी रेसर की तरह अपना लंड रूपी बाइक को अपनी चूत की सड़क पर दौड़ाये जा रहा था।

“विहान चोदो!! और चोदो मेरी बहन को!!” उधर से विक्रम बोला

वो हम दोनों की चुदाई का लाइव शो देखने लगा। अब विहान और जोश में भर गया और इतनी जल्दी जल्दी चोदने लगा की मैं आप सबको क्या बताऊं। विहान की आँखे लाल लाल किसी कातिल की तरह दिख रही थी। वो बहनचोद मेरी आँखों में देख देखकर मेरी चूत का भरता बनाए जा रहा था। मेरी एक एक हड्डी चट चट चटक रही थी क्यूंकि विहान मुझे किसी रंडी की तरह घमा घम हावी होकर पेल रहा था। वो हरामी मुझे अपनी गर्लफ्रेंड समझकर पेल रहा था। पका पक!! उस गांडू ने मेरे माथे पर पसीना ला दिया।

“आह झड़ी मैं…..अब झड़ जाउंगी!!” ऐसा बोलते हुए मेरी कमर मरोड़ खाने लगी और मेरा बदन ऐठने लगा। फिर मेरी भोसड़ी से अपनी चूत का पानी किसी पिचकारी की तरह छोड़ दिया।

“इशिका बेबी!! यू आर ए फकिंग सेक्सी गर्ल!! फकिंग हॉट!!” विहान कहने लगा

मेरी झड़ती हुई चूत में उसने फिर से लंड घुसा दिया और फिर से पेलने लगा। मेरी रंडी की तरह फटी चूत अपना पानी छोड़ रही थी और इसी कस्मकश में विहान मुझे लगातार चोदे जा रहा था। “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” मैं कहने लगी और अपना मखमली पेट उपर उठाने लगी। विहान ने मेरी गले में हाथ डाला और मुझे अपने मुंह की तरह खींचा। फिर मेरे सेक्सी गुलाबी चिकने होठो को चूसने लगा। मुझे अपनी तरह उठाकर चोदता रहा। कुछ मिनट बाद वो झड़ गया और अपने माल से मेरी चूत का कुवां भर दिया। फिर लंड बाहर निकालकर विहान हट गया।

अब मेरे चाचा का लड़का मुझसे जलने लगा और आकर तुरंत मेरी चूत को मेरी पेंटी से साफ किया और लंड मेरी चुद्दी में डालकर मुझे चोदने लगा। विक्रम अब मुझे जलन और इर्षा में चोदने लगा और पका पक बजाने लगा। कुछ देर बाद वो भी झड़ गया।
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#18
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