06-08-2019, 04:17 AM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
रज़ाई में बहन की चूत चुदाई
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06-08-2019, 04:17 AM
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' जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:18 AM
बहन को चोदा उसके शादी के बाद और मैंने ही सील तोड़ा, पता है क्यों?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:22 AM
मेरी बहन की अगले सप्ताह ही शादी हुयी है और कुछ ऐसा रश्म है की दीदी को पांच दिन के अंदर ही वापस आना पड़ा, फिर वो दो दिन बाद चली जाएगी. इस दो दिनों में क्या हुआ ये मैं आपको आज बताने बाल हु, कैसे मैंने दो दिनों तक अपनी शादी शुदा बहन की चुदाई की और ज़िंदगी का मज़ा लिया,
मैं कानपूर देहात का रहने बाल हु, शहर के बगल में ही एक छोटा सा कस्वा है, मेरी बहन की शादी, लखनऊ में हुआ है, जीजा जी स्कूल में टीचर है, इस वजह से मेरी दीदी की शादी उनसे हो गयी अन्यथा दीदी काफी अच्छी और सुडोल शरीर की लड़की है, भरा पूरा शरीर है और आप कह सकते है की रूप की रानी है नाम है राशि और मेरा नाम कमल मेरी दीदी २२ साल की है और मैं २१ साल का हु, अब आगे की कहानी विस्तार से सुनाता हु. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:23 AM
मैं अपने दीदी को पहले से ही लाइक करता था, और कई बार मैंने उनके जिस्म को सहलाया और चुचिया भी दबाया ये सब बात हो सकता है की दीदी को लगता था की ये सब गलती से हो गया होगा पर आज मैं आपसे कह रहा हु, मैं जान कर इस तरह की कामीणपंथी करता था, क्यों की मैं अपने बहन को चोदना चाहता था पर वो साली चुदने को तैयार ही नहीं होती थी, मैं बस मुठ मार कर ही काम चला लेता था, पर आज मेरा सपना हकीकत में बदल गया.
आज ही मेरी दीदी ससुराल से वापस आई थी, जैसा की मैंने कहा अगले सप्ताह ही मेरी बहन की शादी हुई थी पर रस्म के चलते ही उसे पांच दिन में वापस आना पड़ा, उस दिन मेरे गाँव का ट्रांसफार्मर खराब हो गया था इस वजह से लाइट नहीं थी, ज्यादा गर्मी होने की वजह से मैं छत पर खाना खाके लेता हुआ मैं मोबाइल से गाने सुन रहा था, और उसी दिन माँ और पापा दोनों बनारस पूजा करने गए थे क्यों की उनका मन्नत था, घर में मैं और मेरी बहन थी, कुछ देर बाद मेरी बहन छत पे आयी, उसकी पायल की आवाज सुनकर मैंने कहा दीदी आप भी छत पर ही सोओगे क्या? दीदी बोली हां कमल निचे बहुत ही गर्मी है, दीदी की काफी अच्छा डिओड्रेंट लगाई हुयी थी, और उनका चेहरा काफी खिला खिला लग रहा था जैसे नयी नवेली दुल्हन का लगता है, लाल लाल सूट में काफी सेक्सी लग रही थी, वो आकर मेरे बेड पर ही बैठ गयी, फिर मैंने पूछा दीदी क्या हाल है, कैसे लगे जीजाजी और आपका ससुराल, सुनते है काफी पैसे बाल है, घर में किसी चीज़ की कमी नहीं है, वो चुप हो गयी मैंने पूछा क्या बात है दीदी आप कुछ बोल नहीं रहे हो सब ठीक ठाक है ना? दीदी सिसकने लगी, मैं लेटा था उठकर बैठ गया, दीदी और रोने लगी मैंने हाथ पकड़ लिया छत पर अन्धेरा था, और मैंने कहा में आपका भाई और दोस्त दोनों हु अगर कोई प्रॉब्लम है तो मुझे बताओ मैं इसका समाधान करने की कोशिश करूंगा, दीदी बोली की कमल क्या बताऊ तुझे तुम्हारे जीजाजी नामर्द है, उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं, मेरी तो ज़िंदगी खराब हो गयी है, क्या करू समझ में नहीं आ रहा था मैं ये बात माँ पापा को भी नहीं बता सकता, मैं ये बात तुम्हे बता रही हु, और रोने लगी और मेरे गले से चिपक गयी, मैंने उसे हौसला दिया और कहा की कोई बात नहीं, मैं उनका इलाज करवाऊंगा, तो वो बोलने लगी कोई फायदा नहीं डॉक्टर ने कह दिया की उनका प्राइवेट पार्ट का नस ही नहीं हो, वो खड़ा नहीं हो सकता. वो काफी रो रही ही मैंने उसे धाडस बांधते हुए ना रोने की कसम दी फिर वो चुप हुई, वो बोली मैं आ रही हु कमल निचे से बिछावन लेकर मैं भी यही सो जाऊँगी तो मैंने कहा क्यों दीदी इसी बेड पे सो जाओ, वो मान गयी और हम दोनों एक ही बिछावन पे सो गए. बात करते करते रात के करीब ११ बज गए था, धीरे धीरे हम दोनों करीब आ गए थे उनका एक पैर मेरे पैर के ऊपर था और बात चिट चल रही थी, फिर वो मेरे साइड घूम के सो गयी तो उनकी दोनों चुचिया मेरे में सट रहा था, मैं उसके पीठ को सहला रहा था उका ब्रेसियर का आकार और उभार को मैं महसूस कर रहा था, मैं उनके गदराये पीठ को सहलाते हुए मैं बात कर रहा था तभी वो बोली कमल क्या मैं एक बात कह सकती हु अगर तुम मेरी कसम खाओ की किसी से शेयर नहीं करोगे मैंने कहा नहीं दीदी बोलो मैं तुम्हारी कसम खता हु, ये राज राज ही रहेगा, दीदी बोली “क्या तुम मुझे सेक्स का आनंद दे सकते हु” मैंने कहा क्यों नहीं दीदी मैं आपसे पहले ही कह चुका हु आपके लिए कुछ भी करूंगा आप चिंता ना करो. मैंने उनको किश करना शुरू किया वो भी मुझे चूमने लगी फिर वो मेरे लुंगी के अंदर हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ ली और सोटने लगी, मैं उस उस उस आह आह आह करने लगा फिर मैंने दीदी के कपडे उतार दिए वो बोलने लगी चोद दे कमल मुझे चोद दे, मैं तुम्हारी ही होकर रह जाऊँगी, शादी शुदा होकर भी कुंवारी हु अभी तक मेरा सील नहीं टूटा है तू तोड़ दे, मैं चुद जाना चाहती हु, और वो मुझे कस के पकड़ ली और बोलने लगी जो करना है कर लो, मैं नहीं रोकूंगी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:24 AM
मैंने दीदी के छूट को चाटने लगा वो कामुक होने लगी और उनके कांख का डिओड्रेंट की खुसबू मुझे मदहोश कर ताहि थी, मैंने फिर उनके चूच को दबाने लगा और फिर निप्पल दो दांत से दबाने लगा वो बोलने लगी फाड़ दे मेरे बूर को, मुझे कुंवारी से औरत बना दो, तुम ही मेरा रात रंगीन कर दो, आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. फिर मैंने अपना लंड निकाल के दीदी के चुत के ऊपर रख कर दीदी कहने लगी चोद मुझे, मेरा लंड उनके चुत को सलाम कर रहा था मैंने अपने लंड पे थोड़ा थूक लगाया और कस के धक्का मारा तो मेरा लंड का सुपारा ही अंदर गया मेरी दीदी चीख उठी और कहने लगी निकालो निकालो मैंने बिना देर किया दुसरा धक्का लगाया वो छटपटा गयी और सिसकिया लेने लगी और आँख में आंसू आ गयी मेरा लंड करीब ४ इंच अंदर चला गया था, वो कहने लगी निकालो मैं मर जाऊँगी मेरे से दर्द बर्दास्त नहीं हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, मैं सह नहीं पाऊँगी, फिर मैंने हल्का हल्का अंदर बाहर करने लगा, तब उनका थोड़ा दर्द काम हुआ और वो भी सहयोग करने लगी और करीब ५ मिनट के बाद वो काफी गरम और वाइल्ड हो गयी, वो अपना कमर उठा उठा के चुदवाने लगी, और कह रही थी डाल कस के डाल, और गांड उठा उठा के पूरा का पूरा लंड अपने बूर में समा रही थी, आखिर कार मेरा वीर्य उनकी बूर में समा गया और वो भी शांत हो गयी सिर्फ उनके मुह से उह्ह्न उह्ह्ह्न उह्ह्ह्ह्न की आवाज़ आ रही थी और मैं भी अचेत होकर लेट गया, फिर करीब १० मिनट बाद वो उठी और कपडे पहनते हुए बोली कमल बिछावन पे खून लगा हुआ है, सुबह ही मैं इसे धो दूंगी, मैं डर गया खून!!! वो बोली पगला डरने की बात नहीं है मेरा सील टूटा है ना इस्सवजह से खून निकला है. तब मैं खुश हो गया और उस रात को मैंने ३ बार चोदा और एक बार गांड मारा, दूसरे दिन सुबह माँ पापा आ गए और फिर वो अपने ससुराल चली गयी, मैं १० दिन बाद उनके यहाँ जाने बाला हु फिर मैं वह की चुदाई की कहानी आपके साथ शेयर करूंगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:24 AM
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भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:29 AM
दिवाली पे मेरा भाई मुझे खूब चोदा : सच्ची कहानी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:30 AM
(06-08-2019, 04:29 AM)neerathemall Wrote: मेरा नाम नंदिनी है, मैं २३ साल की हु, बहूत ही खुबसूरत हु, क्यों की मैं अपने कॉलेज की सबसे सुन्दर लड़की हु, बहूत ही हॉट हु, मुझे ब्लू फिल्म देखना बहूत अच्चा लगता है, और ये दिवाली की चुदाई की कहानी है, और चोदने वाला और कोई नहीं बल्कि मेरा भाई है, वो भी छोटा भाई, पर मैं भी उसके बड़े लंड पर फ़िदा हो गई की मैं खुद अपनी सलवार का नाडा खोल दी और पेंटी उतारने में भी देर नहीं लगे थे, और चूचियां उसके हवाले कर दी, आज जब मैं ये कहानी लिख रही हु, तब भी मेरी चूत में पानी आ रहा है, कोई की अभी २४ घंटे ही हुए है अपने भाई का मोटा लौड़ा अपने बूर में लेते हुए, पर दोस्तों बहूत दर्द भी अभी तक हो रहा है, मेरी बूर भी सूजी हुई है, दिन भर आज चलने फिरने में भी काफी परेशानी हुई ही, अब मैं सीधे अपने चुदाई की कहानी पर आती हु. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:31 AM
स्तीं मेरे भाई दिवाली के सुबह ही दिल्ली से आया था, दिवाली मनाने के लिए, वो दिल्ली में रहकर पढाई कर रहा है, वो करीब दो साल से दिल्ली में रह रहा है, अब वो बहूत ही हॉट हो गया है, दाढ़ी रखता है, बड़ा ही सेक्सी लगता है, वो सुबह छह बजे ही आया था, माँ पापा को प्रणाम किया और उन दोनों के गले लगे और फिर बोला नंदिनी दीदी कहा है, माँ बोली ऊपर कमरे में सोई हुई है, तब तक मैं सुन ली, और जल्दी जल्दी उठने लगी, तभी वो दौड़ता हुआ सीधी से ऊपर आ गया और मी कमरे में पहुच गया.
मैं तुरंन्त सो कर ही उठी थी नाईटी ड्रेस में थी, ऊपर के कुछ बटन खुले हुए थे मेरी चूचियां झाँक रही थी बाहर, मेरे बाल खुले हुए थे, वो मुझे देखकर ऐसा लगा की उसे शॉक लग गया हो, वो टुकुर टुकुर मेरी चुचियों को निहारने लगा, और फिर मेरे गुलाबी होठ को, मैं समझ गई की मेरे भाई का इरादा ठीक नहीं है. मैं तुरंत ही अपने बटन लगाने लगी और वो फिर मेरे गले से लग गया, अब मैं समझ नहीं पा रही थी की कैसे रियेक्ट करूँ, आ पहली बार वो मेरे गले लगा था, मेरी बड़ी बड़ी चूचियां उसके छाती से चिपक गया था और वो मेरे पीठ को सहलाने लगा. और बोलने लगा की दीदी, आपको बहूत मिस करता हु दिल्ली में, मैं अपनी प्यारी दीदी को बहूत याद करता हु, आई लव यू दीदी, मैंने भी फिर उसके पीठ को सहलाकर बोली आई लव यू टू माय डिअर बरो, पर उसके इरादे ठीक नहीं थे क्यों की उसका लौड़ा तन गया था, मैं अपने जांघो में महसूस कर रही थी, तभी माँ जोर से चिल्लाई अरे निचे आ जाओ दोनों, और फिर दोनों निचे चले गए, अब दोनों दिन भर नैन लड़ाते रहे, वो मेरी चुचियों को निहार रहा था बार बार क्यों की इधर एक साल में मेरी चूचियां बहूत बड़ी और गोल गोल हो गई थी, मेरी चूतड भी बड़ी गोल गोल हो गई थी, पर मैं क्या झूठ बोलूं मैं भी फ़िदा थी, उसके नैन नक्स पर, ऊपर वो वो मेरी जांघ पर अपना मोटा लंड का करेंट दे दिया था, शाम हुई पूजा करके, सब लोग दीपक जलाने लगे, मैं रेड कलर का सूट पानी वो भी कुर्ता पजामा, निचे जब दीपक जल गया तो हम दोनों भाई बहन ऊपर के फ्लोर पर आ गए दोनों दीपक जलाने लगे. वो मेरी चुचिओं को निहार रहा था क्यों की मी गला थोड़ा बड़ा था सूट का इसलिए तोड़ा थोड़ा दोनों बूब्स बाहर की और झांक रहा था, मैं महसूस की की उसका लौड़ा भी पजामा में तम्बू बना रहा था. फिर हम दोनों ऊपर छत पर चले गए, फिर मेरा भाई मुझे फिर से गले लगा लिया, वह थोड़ा अंधरा था क्यों की अभी दीपक नहीं जलाई थी, और हैप्पी दिवाली कहने लगा, मैं भी उसको हैप्पी दिवाली बोलकर, अपने सीने से लगा ली, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं, उसके बाद तो दोस्तों खेला शुरू हो गया, वो मुझे किस करने लगा और धीरे धीरे वो मेरे गांड को सहलाने लगा, उसका लौड़ा बहूत मोटा हो गया था क्यों की वो हौले हौले से सटा रहा था, मैं भी जोश में आ गई, क्यों की वो सुबह से ही मेरा नियत ख़राब कर दिया था, फिर क्या था, मैं भी टूट पड़ी और वो भी टूट पडा, छत पर ही स्टोर रूम था वहीँ चले गए, वहा पर एक सोफा कम बेड था, मैंने लेट गई और फिर अपना सलवार उतार दी, और फिर पेंटी उतार दी, मेरा भाई अपने मोबाइल की रौशनी में मेरी बूर को देखा और एक लम्बी सांस लिया और फिर चाटने लगा, मैं भी कामुक हो गई थी, मैं उसका बाल पकड़ कर अपने बूर में सटाने लगी और वो जीभ से मेरी बूर को चाट रहा था, मैं बोली भाई तुम देर ना करो, अभी एक बार कर लो फिर रात को करेंगे उसने लौड़ा निकाल कर फिर से मोबाइल की लाइट में मेरी बूर के छेद पर सेट किया और घुसाने लगा पर मेरी चूत काफी टाइट थी, उसमे जा नहीं रहा था, फिर उसने अपने लौड़ा में थोड़ा थूक लगाया और जोर से मेरी बूर में अपना मोटा लौड़ा पेल दिया. मैं दर्द से करह उठी. वो धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. और फिर जोर जोर से स्टार्ट हो गया, वो फिर मेरी चूची को मसल रहा था और जोर जोर से धक्के दे रहा था, मैं आह अह अह आह कर रही थी और वो मुझे चोदे जा रहा था, करीब वो पन्द्रह मिनट तक चोदा और फिर वो झड गया, सारा माल मेरी चूत में ही डाल दिया, मैं भी शांत हो गई वो भी शांत हो गया, अब फिर दोनों दीपक जलाने लगे, तब तक माँ आ गई बोली बहूत देर हो गया अभी तक तुम लोग दीपक नहीं जला पाए, भला माँ को क्या पता की हम दोनों क्या जला रहे थे या बुझा रहे थे, हम दोनों एक दुसरे को देख कर मुस्कुराने लगे., फिर हम लोगो निचे आये खाना खाया पटाखे चलये, और फिर करीब एक बजे सोने चले गए, माँ पापा पहले ही सो गए थे वो फिर से मेरे कमरे में आ गया और दो से तिन बार मुझे चोदा, वो सुबह के पांच बजे मेरे कमरे से बाहर गया, दोस्तों दिन भर दर्द से परेशां रही, पर आज शाम को वो प्फिर कह रहा था आज भी प्रोग्राम रखंगे, पर मैं दिन में ही बोल दी थी की मैं अब बिना कंडोम के नहीं, क्या बताऊँ दोस्तों जब कहानी लिख रही थी तभी वो बाजार से आया और मुझे बोला तेरा सामान ला दिया हु अब ना नहीं कहना, अब आज रात को जो भी होगा मैं कल के कहानी में बतौंगी, तब तक के लिए आपको बहूत सारा प्य्यार जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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06-08-2019, 04:31 AM
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भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:32 AM
भाई ने चोदा मुझे छत पर हैप्पी दिवाली बोलकर
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:33 AM
“दीदी मुझे गले लगा लो आज दिवाली है, आज मैं हैप्पी दिवाली बोलकर आपको गले लगाना चाहता हु” मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की आखिर मेरा भाई मुझे गले लगाने की बात क्यों कर रहा है, मैं जब से जवान हुई आज मैं 22 साल की हु, मुझे कभी भी इसने गले लगाने की बात नहीं की थी पर कल दिवाली पे इसे क्या हो गया था की मुझे अपनी बाहों में समेटना चाह रहा था. मुझे लगा की आजकल जवान बदल गया है. होस्टल में रहता है और मैं गांव में रहती हु तो हो सकता है की आजकल का ट्रेंड हो. इसलिए मैं रोकी नहीं और गले लगा ली.
रात के आठ बज रहे थे, निचे पूजा पाठ कर के, मैं भाई बहन छत पर दीपक जलाने आ गए थे, मेरा भाई किशोर मेरे से १ साल छोटा है. दोनों मिल कर दिवाली के लिए दिये जला रहे थे, जब मैं बैठ कर दिये की बत्तियां ठीक कर रही थी, उस समय मेरे चोली के (मैं लहंगा और चोली पहनी थी) ऊपर से मेरी चूचियां मेरे घुटनो से दब रहा था इस वजह से मेरी चुइयाँ चोली से बाहर आ रही थी. मेरी चूचियां ऐसे भी बड़ी बड़ी है और उसपर से मेरी चोली का गला ज्यादा कटा होने की वजह से मेरी आधी चूचियां बाहर आ गई थी. शायद वही देखकर उसका मन ख़राब हो गया था और मुझे पाने का प्रयत्न करने लगा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:33 AM
वो मेरे गदराये हुए बदन को देखकर अपने आप पे काबू नहीं रख पाया और उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी, मैंने पूछा की किशोर क्या हुआ है. तो बोला की दीदी पिछले साल जब मैं दिवाली पे नहीं आ सका था तब मैंने आपको बहूत ही ज्यादा मिस किया, और आज आप बहूत ही सुन्दर लग रही हो, आपसे इतना सुन्दर इस दुनिया में कोई नहीं है. मेरी दीदी जहा जाएगी वह पर खुशियां ही खुशियां होगी. दीदी आज प्लीज मुझे आप गले से लगा लो. मैं अवाक् रह गई. फिर सोची की चलो आजकल तो गले लगाना बड़ा आम बात है इसमें शायद कोई बुराई भी नहीं है. मैंने अपनी बाजु फैला दी, और वो एक आंधी के तरह आया और मेरे सीने से चीपक गया, मेरे शरीर में भी एक नया एहसास हुआ और मैंने भी उसको जकड लिया.
किशोर मेरे पीठ को सहलाते हुए, आई लव यू दीदी, हैप्पी दिवाली कहा मैंने भी उसको विश की, पर उसकी जो पकड़ थी, वो कुछ और आगे बढ़ गई, वो मुझे अपने से समा लेना चाहता था, छत पर उस समय एक ही दीपक जलाई थी, विजली नहीं थी. माँ और पाप निचे थे, उन्होंने आवाज लगाया की बेटा कितना टाइम लगेगा, मेरे भाई बोल दिया की पापा जी अभी आधे घंटे लगेंगे, उन्होंने कहा की ठीक है, मैं और तुम्हारी मम्मी अभी गुप्ता जी के यहाँ से आ रहे है उनका गिफ्ट देके. दोस्तों इतना सुनते ही, मेरा भाई उस दीपक को बुझा दिया, ताकि दूर से किसी को दिखई नहीं दे, और मुझे फिर से जोर से बाहो में भर लिया, वो पानी के टंकी के पास ले गया, वह एक और दिवार था और दूसरे और टंकी, यानि की किसी को भी दिखई नहीं दे सकता था और वो मुझे अपने और खीचते हुए कहा, दीदी आई रियली लव यू, मैंने कहा किशोर ये सब ठीक नहीं है. दिवाली का विश ऐसा भी नहीं होता है. किशोर बोला हां मुझे पता है ऐसा नहीं होता है पर प्लीज मुझे मत रोको, वो मेरी चूतड़ को सहलाने लगा, दोस्तों आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. मैंने भी अपने आप को रोक नहीं सकी और मैंने भी उसको वासना भरी बाँहों में उसको जकड लिया, वो मेरी होठ को चूसने लगा, उसकी साँसे तेज हो चुकी थी, मैं भी गरम हो रही थी. मैंने भी उसके बाल पकडे और उसके होठ को चूसने लगी. वो मेरी चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा. मैंने पीछे से डोरी खोल दी. ब्लाउज ढीला हो गया, मैंने कहा हाथ नीच डाल लो. उसने मेरे चूच को दबाना शुरू कर दिया, उसके हाथ में मेरी चूचियां नहीं आ रही थी. वो ऊपर से जितना पकड़ पा रहा था वो पकड़ रहा था. मैंने कहा आई लव यू, किशोर हैप्पी दिवाली, किशोर बोला काश ऐसी दिवाली हमेशा आये. और वो मुझे घुमा दिया, और मेरी गांड पर वो लैंड रगड़ने लगा. मैंने पीछे से उसके सर को पकड़ ली. वो मेरी चूचियों की पीछे से पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा. मैं बुरी तरह से वासना में भर गई थी. उसने मेरी लहंगा को निचे से ऊपर कर दिया, मुझे उसने घोड़ी बना दिया. और फिर उसने मेरी पेंटी को थोड़ा सरका दिया, और फिर अपने लंड पर थूक लगा कर, मेरी चूत के ऊपर रखा, पर अँधेरे की वजह से उसको ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था उसके उसका धक्का बेकार गया. उसके बाद मैंने उसका लंड पकड़ कर, अपने चूत पे सेट की, और मैंने कहा अब डालो. और उसने एक जोर से धक्का दिया. और उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा गया. अब वो मेरी चूतड़ पे थापड़ मार मार कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:40 AM
वो मेरे गदराये हुए बदन को देखकर अपने आप पे काबू नहीं रख पाया और उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी, मैंने पूछा की किशोर क्या हुआ है. तो बोला की दीदी पिछले साल जब मैं दिवाली पे नहीं आ सका था तब मैंने आपको बहूत ही ज्यादा मिस किया, और आज आप बहूत ही सुन्दर लग रही हो, आपसे इतना सुन्दर इस दुनिया में कोई नहीं है. मेरी दीदी जहा जाएगी वह पर खुशियां ही खुशियां होगी. दीदी आज प्लीज मुझे आप गले से लगा लो. मैं अवाक् रह गई. फिर सोची की चलो आजकल तो गले लगाना बड़ा आम बात है इसमें शायद कोई बुराई भी नहीं है. मैंने अपनी बाजु फैला दी, और वो एक आंधी के तरह आया और मेरे सीने से चीपक गया, मेरे शरीर में भी एक नया एहसास हुआ और मैंने भी उसको जकड लिया.
किशोर मेरे पीठ को सहलाते हुए, आई लव यू दीदी, हैप्पी दिवाली कहा मैंने भी उसको विश की, पर उसकी जो पकड़ थी, वो कुछ और आगे बढ़ गई, वो मुझे अपने से समा लेना चाहता था, छत पर उस समय एक ही दीपक जलाई थी, विजली नहीं थी. माँ और पाप निचे थे, उन्होंने आवाज लगाया की बेटा कितना टाइम लगेगा, मेरे भाई बोल दिया की पापा जी अभी आधे घंटे लगेंगे, उन्होंने कहा की ठीक है, मैं और तुम्हारी मम्मी अभी गुप्ता जी के यहाँ से आ रहे है उनका गिफ्ट देके. दोस्तों इतना सुनते ही, मेरा भाई उस दीपक को बुझा दिया, ताकि दूर से किसी को दिखई नहीं दे, और मुझे फिर से जोर से बाहो में भर लिया, वो पानी के टंकी के पास ले गया, वह एक और दिवार था और दूसरे और टंकी, यानि की किसी को भी दिखई नहीं दे सकता था और वो मुझे अपने और खीचते हुए कहा, दीदी आई रियली लव यू, मैंने कहा किशोर ये सब ठीक नहीं है. दिवाली का विश ऐसा भी नहीं होता है. किशोर बोला हां मुझे पता है ऐसा नहीं होता है पर प्लीज मुझे मत रोको, वो मेरी चूतड़ को सहलाने लगा, दोस्तों आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. मैंने भी अपने आप को रोक नहीं सकी और मैंने भी उसको वासना भरी बाँहों में उसको जकड लिया, वो मेरी होठ को चूसने लगा, उसकी साँसे तेज हो चुकी थी, मैं भी गरम हो रही थी. मैंने भी उसके बाल पकडे और उसके होठ को चूसने लगी. वो मेरी चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा. मैंने पीछे से डोरी खोल दी. ब्लाउज ढीला हो गया, मैंने कहा हाथ नीच डाल लो. उसने मेरे चूच को दबाना शुरू कर दिया, उसके हाथ में मेरी चूचियां नहीं आ रही थी. वो ऊपर से जितना पकड़ पा रहा था वो पकड़ रहा था. मैंने कहा आई लव यू, किशोर हैप्पी दिवाली, किशोर बोला काश ऐसी दिवाली हमेशा आये. और वो मुझे घुमा दिया, और मेरी गांड पर वो लैंड रगड़ने लगा. मैंने पीछे से उसके सर को पकड़ ली. वो मेरी चूचियों की पीछे से पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा. मैं बुरी तरह से वासना में भर गई थी. उसने मेरी लहंगा को निचे से ऊपर कर दिया, मुझे उसने घोड़ी बना दिया. और फिर उसने मेरी पेंटी को थोड़ा सरका दिया, और फिर अपने लंड पर थूक लगा कर, मेरी चूत के ऊपर रखा, पर अँधेरे की वजह से उसको ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था उसके उसका धक्का बेकार गया. उसके बाद मैंने उसका लंड पकड़ कर, अपने चूत पे सेट की, और मैंने कहा अब डालो. और उसने एक जोर से धक्का दिया. और उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा गया. अब वो मेरी चूतड़ पे थापड़ मार मार कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा.LLLLLLLLLLLLLLL जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:40 AM
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भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:41 AM
कमीना भाई : भाई ने चूत माँगा
अपने बर्थडे पर और उसने मेरी चूत फाड़ दी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:41 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:43 AM
मेरा नाम काजल है, मैं 22 साल की हु और मेरा भाई रणवीर 21 साल का है. हम दोनों कानपूर में रहते है, घर में हम दोनों के अलावा सिर्फ मेरे मम्मी पाप रहते है. पापा रेलवे में नौकरी करते है और माँ मेरी टीचर है. वो दोनों अभी मां जी के यहाँ गए है, घर में हम दोनों भाई बहन ही थे, आज मैं आपको अपनी ये कहानी सूना रही हु, मेरा भाई अपने बर्थडे गिफ्ट में मेरी चूत मांग ली, और मुझे मजबूरी में उसको देना पड़ा, मैंने कभी इसके पहले सेक्स नहीं किया था, पर नौबत ही ऐसी आ गई थी की मुझे चुदना पड़ा और वो भी अपने भी सगे भाई से.
. जब मेरा छोटा भाई रणवीर का बर्थडे था. आपको तो पता है माँ पापा उस दिन नहीं थे, सुबह सुबह मेरा भाई उठा तो मैं उसके लिए एक बड़ा सा केडबरी का सिल्क चॉकलेट दी और उसको हैप्पी बर्थडे कहा, उसने थैंक्स कहा पर उसने चॉकलेट नहीं लिया, मुझे लगा की शायद मम्मी पापा नहीं है यहाँ इसलिए उससे अच्छा नहीं लग रहा है. मैं उसको बोली की मैं अभी पापा से बात कराती हु, उसने कहा नहीं नहीं कोई जरूरत नहीं है. पापा को तो मैं अभी फ़ोन कर लूंगा. तो मैंने कहा यार मैंने तेरे लिए कितनी मुश्किल से ये चॉकलेट मंगबाई थी और तुमने मना कर दिया. तो रणवीर बोला, मैं ये नहीं ले सकता, मैं तो इससे काफी बड़ा गिफ्ट लूंगा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:44 AM
मैंने कहा अभी ले ले, फिर तू जो बोलेगा वो दे दूंगी पर मांगना जो मेरे वश का हो, जो मैं दे पाऊं, वो बोला मंजूर है. दीदी मैं ऐसा कुछ भी नहीं मांगूंगा, जो आपके पास नहीं होगा. आपके पास है इसलिए मैं आपसे कह रहा हु, मैंने कहा ठीक है अगर मेरे पास कुछ है तो मैं जरूर दूंगी. वो खुश हो गया. और मुझे अपने सीने से लगा लिया, मैंने कहा अरे रे रे ऐसा भी खुश होने की क्या जरूरत, तो वो बोला कैसे नहीं खुश ही, मुझे वो मिलेगा जिसका मुझे इन्तजार है. तो मैंने भी कह दिया ठीक है बाबा दूंगी. और फिर वो चॉकलेट ले लिया खुद भी खाया और मुझे भी खिलाया. दिन भर वो बहूत खुश था. मैं समझ नहीं पा रही थी की इतनी ख़ुशी का कारण क्या है. पर जो भी हो मेरा भाई खुश था तो मैं भी बहूत खुश थी.
शाम को मैं और मेरा भाई और मेरी चचेरी बहन तीनो बाहर गए माल घूमे, और बाहर ही रणवीर ने हम दोनों को कहना खिलाया और हम दोनों को भी गिफ्ट दिया, बाद में गोलगप्पे और आइसक्रीम कहते हुए घर पहुचे, रात के करीब नौ बज चुके थे. मैंने रणवीर से पूछी की रणवीर तुम अभी तक नहीं बताये हो तुम्हे क्या चाहिए, यार अब तो बता दो. मेरा भाई मेरे सामने खड़ा हो गया. और वो मुझे निहार रहा था घबरा गया था. उसके पसीने निकलने लगे. मैंने कहा रणवीर तू ठीक तो है. वो चुपचाप रहा, मुझे डर लग गया की आखिर वो इतना डरा हुआ क्यों है. मैंने फिर पूछा रणवीर क्या हुवा, तुम्हारी तबियत तो ठीक है. वो बोला हां. उसने कहा दीदी वक्त आ गया है आपको आपका अपना वादा निभाने का. मैं पूछी हां बोल तुम्हे क्या चाहिए. रणवीर थरथराते होठों से कहा. मुझे आपका चूत चाहिए, मुझे लगा की वो बूट कह रहा है. मैंने कहा तू मेरा बूट क्या करेगा. उसने कहा मुझे बूट नहीं मुझे आपका चूत चाहिए. मैंने कहा चु……. उसने कहा हां, मैं आज आपसे सेक्स करना चाहता हु, मेरी ये बर्षों की तमन्ना है. मैंने कहा पागल हो गया है. तुम्हे शर्म नहीं आई ऐसी बात अपने बहन से बोलने के लिए. तुम ऐसा बोल कैसे दिया. तुम कितना बदतमीज है. कोई अपने बहन के साथ सेक्स करता है क्या? उसने कहा क्या आप नहीं देना चाहती हो? मैंने कहा नहीं, वो बोला फिर क्यों बोला की जो मेरे पास होगा उसके लिए मना नहीं करुँगी. तो मैंने कहा तू पागल है तू अपने बहन का जिस्म मांग रहा है. मैं कैसे दे दू. कोई ऐसा करता है क्या. उसने कहा मेरे दो दोस्त ऐसे है जो रोज अपने बहन के साथ सेक्स करते है और एक तुम हो जो अपने भाई को खुश नहीं देखना चाहते. मैंने कहा मुझे ऐसा भाई नहीं चाहिए. इतना कहते ही वो अपने कपडे फाड़ दिया. वो इधर उधर भागने लगा. वो अपना सर दीवाल से टकराने लगा, वो कह रहा था आज मैं मर जाऊंगा. मुझे डर लगने लगा. मुझे लगा की वो सचमुच में कुछ कर लेगा. मैंने कहा भाई तू ऐसा मत कह. तो वो बोला आज से मैं तेरा भाई नहीं हु, मैंने रोने लगी. तो वो बोला अभी आँशु दिखती है. तुम्हे सच में अपने भाई पे तरस नहीं है नहीं तो तू मना नहीं करती, दोस्तों वो रोने लगा. मुझे लगा की कही वो कुछ कर ना ले क्यों की माँ और पापा भी घर पे नहीं थे. मैंने कहा ठीक है जैसा तू चाहता है वैसा ही करुँगी. और उसने तुरंत ही मेरे सर को पकड़ कर मेरे होठ पे किश करने लगा. मैंने चुचाप खड़ी थी. और वो मेरे होठ को चूस रहा था. उसके बाद उसने कहा क्या तुम ऐसे ही मूर्ति के तरह खड़ी रहोगी. मैंने घूर कर देखा और बोली जो तुम्हे चाहिए वो मिल रहा है ना, अब बकवास करने की जरूरत है. उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुहे बैडरूम में ले गया, उसने थरथरते हुए हाथों से मेरा नाडा खोल दिया और फिर ऊपर का पकड़ा निकालने लगा. तभी मेरा हुक मेरे बाल में फास गया वो बहूत ही जल्दी कर रहा था. मैंने कहा जल्दी क्यों कर रहा हैं, मैं कही भाग रही हु, फिर मैं अपना कपड़ा उठा दी मैं अब सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. उसने पहले मेरे ब्रा को उतार कर मेरे बूब्स पे चूम और फिर मेरे पेंटी को उतार कर मेरे चूत को सूंघ और फिर चूमा, उनके बाद वो बेडके निचे से एक डब्बा निकाला, उसमे एक ब्रा और पेंटी था रेड कलर का. वो डिज़ाइनर था, चूत के पास झिल्लीदार कपड़ा था और चूच के पास पारदर्शी था, उसने मुझे खुद से पहनाया, और फिर मुझे बेड पर लिटा दिया, और फिर उसने मुझे एक अंगूठी दी जो की सोने की थी. मैंने कहा अरे तू ये सब कहा से लाया तो वो बोला क्यों मैं ट्यूशन पढ़ाता हु, ये मेरे कमाई के पैसे है. मुझे उसपर प्यार आ गया, और मैंने उसको अपने बाहों में भर लिया और चूमने लगी. वो मुझे भी चूमने लगा. अब मुझे उसका स्पर्श अच्छा लगने लगा. वो बहूत देर तक मेरे जिस्म से खेलता रहा, मेरे ब्रा को ऊपर से चूमता मेरी पेंटी को चूमता, ये सब करते करते मेरे तन बदन में आग लग गई. मेरी चूत गीली हो गई, मुझे बहूत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था. मैंने उसके लैंड को पकड़ा तो वो काफी मोटा और लंबा था, मुझे वो लैंड चाहिए थी, मैंने खुद से उसके लैंड को अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी. वो आह आह आह करने लगा. रणवीर बोला की दीदी अब मुझे मत तड़पाओ, और उसने फिर से मेरे ब्रा और पेंटी को उतार दिया और मेरे चूत पे अपना लंड रख कर, घुसाने लगा. पर अंदर जा नहीं रहा था. वो ठीक से लगा नहीं रहा था, मुझे दर्द हो रही थी. फिर मैंने खुद से उसके लंड को अपने चूत पे सेट की और मैंने उसको डालने के लिया बोली. और वो कामयाब हो गया, पर मैं परेशां हो गई मेरी चूत फट चुकी थी. मुझे काफी ज्यादा दर्द हो रहा था, मैं बैचेन थी. वो धीरे धीरे अपने लंड को मेरे चूत में अंदर बाहर करने लगा. मैंने धीरे धीरे मजे लेने लगी. मेरी चूत काफी गीली हो जाने की वजह से छोटे से छेद में भी उसका लंड अब आने जाने लगा. मैं उसके ऊपर चढ़ गई और अपना चूच उसके मुह में रगने लगी. वो खूब मजे ले रहा था और मैं भी तृप्त हो रही थी. \ जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
06-08-2019, 04:44 AM
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,,, जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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