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Adultery ......काला जामुन..... A mommy's boy
#61
" सफर " part update....

[Image: FB-IMG-1760805238871.jpg]

मेरे छोटे मामा संदीप एक दिन घर पे आये हुऐ थे बेटे की शादी का कार्ड देने और फिर चले गए । तो बस उस दिन से हम सब शादी में जाना का तैयार करने लगे थे । लेकिन पापा उस शादी में जा रहे थे मगर हमलोग के साथ नहीं जा रहे थे वह शादी वाले दिन वहां जाने वाले थे और हमलोगों दो दिन पहले जा रहे थे । वहां जाने से एक दिन पहले पापा बोले :-' पंखुरी तुम और नयन दोनों शादी में शामिल होने के लिए चले जाना में शादी वाले दिन आओं गा ' जब मम्मी ने यह सुना तो वह पापा से बोल ' नहीं मैं भी नहीं जाउंगी अगर आप शादी वाले दिन जाओगे तो मैं भी अपने साथ जाउंगी ' मम्मी यह बोलकर अपने रूम में चली गई ।

अगली सुबह पापा किसी से फोन पर बातकर रहे थे फिर थोड़ी देर बाद मम्मी को बुलाया और कहा तुम्हारा और नयन , रामपुकार जी ( फुफा जी ) तीनों के लिए एक फुल एसी बस में धनबाद से रामगढ़ के लिए तीन टिकट बुकिंग करवाया क्योंकि यह सफर एक पूरी रात का सफर था ( यानी शाम 4 बस चढ़ते अगली दिन सुबह 10 उतरे ) तो पापा ने दो बैठने वाला एक स्लीपर टिकट बुक कराया था ।

मम्मी अभी नाराज़ थी मगर फुफा जी का साथ मैं जाने का कारण पूछा तो पापा ने बताया :-' पुनम का अक्सर तबियत खरा ही रहने लगा है इसीलिए पुनम शादी में शामिल नहीं होगी और उसके दोनों बच्चे पुनम का ख्याल रखने के लिए उसके पास रूकेंगे , पुनम ने रामपुकार जी को खुद शादी में शामिल होने को कहा सुबह रामपुकार जी फोन आया था तो जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने मुझे सब बता तभी मैंने उन्हें तुम दोनों के साथ जाने को कहा तो वह मान गऐ क्योंकि यात्रा के दौरान एक गारजन का हो जरूरी था।
पापा जी के दुवारा मम्मी को लगातार तीन दिन तक मनायें जाने के बाद मम्मी जाने को तैयार होती है।

सफर वाले दिन .........

सप्ताह का पहला सोमवार का दिन था मम्मी बहुत खूबसूरत लग रही थी। एक दम टाइट साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी , हाथों में चूड़ियां, गले में मंगलसूत्र, कानों में बालियां। मम्मी ने ऊँची हील वाली सैंडल पहनी थी, जिससे उनकी गोल गांड चलते वक्त इस कदर हिल रही थी हर कदम पर लोग का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा था और कुछ लोग उनकी तरफ घूर - घूर देख रहे थे। उन्हें देखकर किसी के भी मन में चुदाई का ख्याल आ सकता था।

उस दिन शाम 4 बजे हमारी बस का टाइम था। हम सब स्टैंड पहुचे गये और बस में सवार हुए। हम सब एक दम फुल एसी बस में सवार थे । तो हम अपने नीचे की सीट पर ही बैठे थे। मैं विंडो वाली सीट पे था और मम्मी मेरे बगल , और फुफा जी हमारे पीछे वाले सीट पर बस निकल पड़ी ।

फुफा जी पीछे से ही मम्मी से बात कर रहे थे, और मम्मी को बार-बार पीछे मुड़ कर उन्हें जवाब देना पड़ रहा था। फुफा जी बोले को...

फुफा जी : पंखुरी भाभी आप यहीं आकर बैठ जाओ ना, हम आराम से बात कर पाएंगे बैठ के।

मम्मी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने बोला कि बैठ जाओ।

उसके बाद मम्मी उठी और फुफा जी के बगल में जाकर बैठ गई। मम्मी विंडो साइड पे बैठी थी.और मुझे अपना मोबाइल दे दिया और कहा लो मोबाइल में जो देखना है देखों । बस की सीटें काफी बड़ी थीं और ऊंचाई भी ज्यादा थी, सीटों के बीच में हल्का सा गैप था, जिसे झुककर आगे - पीछे देख सकते थे।

फिर वो दोनों बाते करने लगे और मैं कान में ईयरफोन लगा के गाने सुनने और देखने लगा।

फुफा जी ने कई बार मेरी तरफ देखा उन्होंने लगा मैं मोबाइल में कुछ देखा ने और सुनने में मैं बिजी हूं। लेकिन मैं उनको दोनों को नोटिस कर रहा था।

मम्मी भी उस दिन बहुत गरम लग रही थी। एक दम टाइट साड़ी और ब्लाउज पहनना हुआ थी । साड़ी नेट की थी जिसमें उनके बड़े बड़े चूची का उभार और उनका पेट साफ नजर आ रहा था।

फुफा जी बार-बार उठाकर मुझे देख रहे थे, एक बात मैंने नोटिस की फुफा जी काफी दिनों बाद मम्मी से अकेले मिलने का मौका मिला है लेकिन मैं बीच में रीड की हड्डी बन बैठा था

थोड़ी देर गाना सुनने के बाद मैंने गाना बंद कर दिया और पीछे उन दोनों पे ध्यान देने लगा। बस की लाइट बंद हो चुकी थी, बस हल्की-हल्की लाइट चालू थी और सामने से आने वाले वाहन की लाइट भी पड़ती थी अंदर।


मैंने धीरे से सीट के पीछे के छेद से पीछे देखा, देखते ही मैं शॉक हो गया, फुफा जी का हाथ मम्मी के चूची पर था और वो जोर - जोर से चूची को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे। मैं थोडा और नीचे झुका और ऊपर उनके चेहरे की तरफ देखा।

मैंने देखा कि फुफा जी , मम्मी को किस भी कर रहे थे।

ये देखकर मेरी हालत खराब होने लगी, मैं बस में इधर-उधर देखने लगा, कोई देख तो नहीं रहा, लेकिन हम थोड़ा पीछे बैठे थे और लाइटें भी बंद थीं तो कोई भी नहीं देख रहा था।
मैं वापस होल से देखना लगा।
फूफा जी , मम्मी के मुंह में मुंह डालकर उन्हें चूस रहे थे और एक हाथ से चूची को जोर जोर से मसल रहे थे।
इसके बुरे फुफा जी ने मम्मी की साड़ी का पल्लू खींच कर गिरा दिया और मम्मी के ब्लाउज के बटन खोलने लगे, मम्मी उन्हें रोक रही थी लेकिन वो नहीं माने।
फुफा ने ब्लाउज का बटन खोल दिया जिसे मम्मी की ब्रा सामने आ गयी, उफ्फ्फ…. क्या सीन था वो, काली ब्रा में मम्मी के 36 साइज़ के चुची संभल नहीं रहे थे।

फुफा जी तो जैसे पागल हो गए. फुफा जी वापसी मम्मी को किस करने लगे और एक हाथ में मम्मी की ब्रा में घुसा दिया और चूची को धीरे-धीरे मसलने लगे।
फुफा जी भूखे जानवर की तरह टूट पड़े और चूची को मुँह में लेकर चूसने और काटने लगे। मैंने मम्मी के चेहरे को देखा तो वो हल्की हल्की सिसकियाँ ले रही थी सस्स्सशह आआआह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हम्म्म्म।
5 मिनट तक फुफा जी ऐसे ही मम्मी के दूधो को मसलते और चूसते रहे। उसके बाद वो रुके, मम्मी ने फुफा जी को हटाया और अपना ब्लाउज पहन लिया।

फुफा जी : अब तुम्हें चोदे बिना नहीं रह सकता बहुत दिन हो गये है पंखुरी .
पंखुरी : पागल हो गया हो, यह पर ये सब करोगे ?
फुफा जी : चाहे कुछ हो जाये आज तुम्हारी चूत में अपना लंड डालकर ही रहूँगा भाभी जी।

इसके बाद फुफा जी एक दम जोश में आ चुके थे, तो उन्हें जल्दी से अपना पेंट खोला और उसमें से अपना लंड बाहर निकला।
मम्मी यह देखकर एकदम घबरा गई और बोली
पंखुरी : ये क्या कर रहे हो आप ?
फुफा जी ने मम्मी का हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख दिया।
फुफा जी : भाभी जी इसी लंड से चुदना है आज आपको, तैयार हो जाओ।
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#62
Awesome update
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#63
next hot and long update bro... come fast
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#64
Wonderful story ❤❤❤❤❤

Next update fast or long dijiya bhai
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#65
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#66
Update " सफर" ....

उसके बाद मम्मी लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
फुफा जी ने मम्मी के बाल पकड़ के उनका मुँह अपने लंड पे लाकर, लंड को मम्मी के मुँह में घुसा दिया।
मम्मी झटपटाने लगी, उनकी चूड़ियों की खन खन की आवाज मेरे कानों में गूंज रही थी।
पर फुफा जी पूरे जोश में आ गये थे और मम्मी के मुँह को जबरदस्त तरीके से अपने लंड पर ऊपर नीचे कर रहे थे। थोड़ी देर बाद वो रुके और मम्मी ने सांस ली। मम्मी बहुत जोर जोर से सांसे ले रही थी।
उसके बाद फुफा जी ने अपना पेंट पहनना और खड़े होने लगे, तो मैं झट से आखे बंद कर के बैठ गया।

फुफा जी ने मुझे देखा और मुस्कुराते हुए आगे बढ़े ।

थोड़ी देर में वो वापस आ गए और मम्मी के पास बैठ गए। मैं वापस होल से पीछे देखना लगा और कान लगा के उनकी बात सुनने लगा।
फुफा जी : सब इंतजाम हो गया है पंखुरी जी , अब आप तैयार हो जाओ अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने के लिए।
पंखुरी : प्लीज़ अभी रहने दीजिए मेरे साथ मेरा बेटा भी है।
फुफा जी : आप उसकी चिंता मत कीजिए पंखुरी जी मैं सब‌ सभाल लुंगा।
पंखुरी : नहीं मैं तैयार नहीं हूं.
फिर फुफा जी मम्मी को लगातार मनाने लगे आगे की कार्यक्रम के लिए।
मगर मम्मी बार - बार मेरा नाम और मेरी ओर इशारा करके बार - बार मना कर दे रही थी।

फुफा जी और मम्मी की यह बकचोदी सुनते सुनते और बस के विंडो से आती ठंडी हवा में मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
फिर एक दम से मेरे बस ने तेज झटका मारा जिसकी वजह से मेरी आंखें खुल गई और बगल से गुजरती गाड़ी की रौशनी अंदर आ रही थी। मैंने जब टाइम देखा तो रात के 11 बजे थे, मैंने पीछे मुड़कर पीछे वाली सीट पर देखा तो फुफा जी वहीं बैठे थे मगर मम्मी वहीं नहीं थी मैंने फुफा जी पुछा मम्मी कहां है उन्होंने कहा वह स्लीपर केविन में चली गई हैं जब मैंने स्लीपर केविन को देखा तो दरवाजा बंद था , में मोबाइल चलाने में बिजी हो गया । फिर बस एक छोटे शहर में दखल हुआ,बस में रोड लाइट की रोशनी आ रही थी, मुझे प्यास लगी, पर पानी की बोतल मम्मी के पास ही थी। मैं मम्मी के स्लीपर के पास गया और खटखटाया , 3-4 खटखटाने के बाद मम्मी ने दरवाजा खोला । मम्मी ने थोड़े अनुमान वाली आवाज में " पूछा क्या है " । मैंने सोचा कि शायद मम्मी का नींद ख़राब हो गया होगा , मैंने जल्दी से पानी की बोतल माँगी और लेकर सीट पर बैठ गया। बस अपनी रफ़्तार में चल रही थी। ठंडी हवा और थोड़ी देर मोबाइल चलाने की वजह से मुझे फिर नींद आ गया।
..........….......

फिर मेरे नींद एक ढाबे पर बस रूकने पर खुली जब मैंने पीछे वाली सीट पर देखा तो फुफा जी वह नहीं थे मुझे लगा शायद फुफा जी नीचे उतरेंगे होगें फिर मैं भी नीचे उतरा इधर - उधर देखने पर फुफा जी मुझे कहीं नजर नहीं आये तब मुझे लगा शायद फुफा जी भी स्लीपर केविन में गये होंगे।फिर मैं बस के अंदर पहुंचा सीधे स्लीपर केविन के पास पहुंचा और एक खटखटाया । तो केविन का दरवाजा खुला तो सामने फुफा जी थे और बोला " क्या है नयन ? मैंने कहा
वो बस एक ढाबे पर रूकी है आपलोगों नीचे आना चाहेंगे तो आये । तभी रोड साइड एक मरकरी का लाइट की रोशनी से मम्मी का स्लीपर में रोशन हो गया। फुफा जी सिर्फ अंडरवेयर में थे । उनका पेंट और शर्ट एक कोने में पड़े थे और मम्मी जो कि जगी हुई थी ने अपनी साड़ी से अपने सीने (चूची) के ऊपर डाली हुई थी और मम्मी की साड़ी जांघों तक समेटीं हुई थी। उन्होंने मुझे से बात भी नहीं की। फुफा जी ने मुझे जाके सीट पर बैठने को कहा और दरवाजा बंद कर लिया। मुझे बड़ा ही अजीब लगा .

मैंने वैपिस खटखटाया और फुफा जी ने दरवाजा खोला । मैंने कहा कि मुझे मम्मी के पास आकर सोना है तो फुफा जी ने कहा की वो और उसकी मम्मी बहुत महत्वपूर्ण बात केर रहे हैं वो खत्म हो जाए तो फुफा जी मुझे बुला लेंगे। और दरवाजा बंद कर दिया. मैं सीट पर जेकर बैठ गया

मैं सीट पर बैठे बैठे इंतजार करते करते मैं सो गया लेकिन फुफा जी ने नहीं बुलाया। सुबह कंडक्टर की आवाज से मेरी नींद खुली, हमलोग रामगढ़ में प्रवेश कर चुके हैं। मैंने मम्मी और फुफा जी को जगाने के लिए उठाया और स्लीपर पर खटखटाया । फुफा जी ने डोर खोला , फुफा जी ने नींद में ही दरवाजा खोला, सुबह के हल्के उजाले में सब कुछ साफ दिख रहा था तो मैंने देखा कि फुफा जी और मम्मी चिपकी हुई थीं और मम्मी की साड़ी फुफा जी की बॉडी पर उलझी हुई थी। और देखा कि फुफा जी का अंडरवियर और मम्मी की ब्रा और ब्लाउज दुसरी तरफ एक कोने में पड़ा था । मैं ये सब देखता ही रह गया मुझे कुछ समझ नहीं आया, तभी फुफा जी ने मुझसे पूछा क्या हुआ तो मैंने कहा की रामगढ़ आ गया है। फुफा जी ने मेरे माथे पर हाथ फेरा।

फुफा जी ने कहा मैं और तुम्हारी मम्मी अभी आते हैं और तुम जाके सीट पर बैठो और दरवाजा बंद किया। थोड़ी देर में फुफा जी नीचे आ गए , जब दरवाजा खुला तो मैंने देखा मम्मी अपना ब्लाउज और ब्रा उठाकर पहन रही थी और उसके चहरे पर हल्की मुस्कान थी। मैं मम्मी के पास गया और पूछा का हुआ मम्मी क्यों मुस्करा रही हो तो फुफा जी ने मुझे कहा ये बड़ों की बात तुम्हें समझ नहीं आएगी। मैंने सोच कि इससे पहले भी हम कई बार पापा साथ सफर पर गये है मगर मम्मी पहले कभी नहीं मुस्कुराईं।

फ़िर बस स्टैंड आया हम तीनों बस से उतरे। मम्मी बहुत शर्मा रही थी, मम्मी फुफा जी से को कुछ ज्यादा ही महत्व दे रही थी पहले ऐसा कभी नहीं हुआ । जब भी फुफा जी मम्मी से कोई बात करते थे मम्मी अपनी नजर नीचे रखकर ही उनकी बात का जवाब देती थी , फुफा भी उन्हें देखकर अजीब तरीके से मुस्कुराते थे। फिर फुफा जी ने मम्मी को एक तरफ ले गए मुझसे दूर और उनके कंधों पर हाथ रखे हुए मम्मी से बोले-
फुफा जी – भाभी जी धन्यवाद और आप इतना शर्मा क्यों रही हैं मुझसे। कई दिनों बाद ऐसी रात मेरे जीवन में सबसे हसीन रात बनी , आपने जो मुझे दिया वो बहुत अच्छा था और आप चिंता मत करना, इस हसीना रात के बारे में, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा।
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#67
Awesome story ❤❤❤❤❤
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#68
Romanchok story ❤️❤️

Waiting big and fast update
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#69
mast update maa or bete ki sex ke topic par baat karwao... khulkar
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#70
Superb...beta ko moka milna chahiye
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#71
Bhai Update dijiya
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#72
अगले अपडेट की प्रतीक्षा में ❤
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#73
Superb story ❤️❤️

Next update jaldi dijiya bhai
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#74
बहुत ही ज्यादा उत्तेजक और अच्छी कहानी है. कृपया जल्दी अपडेट करे.
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#75
Awesome story and nice update
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#76
Waiting for next update
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#77
Awesome story

Waiting for next update...
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#78
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#79
मम्मी ने फुफा जी को देखा, फुफा जी ने मम्मी को स्माइल दी और कंधों से अपने हाथ मम्मी के चुची पर लाए और दबा दिए। फिर फुफा जी ऑटो लेने चले गए और जब ऑटो आया तो मम्मी हम दोनों के बीच बैठ गईं। फुफा जी ने मम्मी का हाथ पकड़ लिया, मम्मी ने हाथ हटाने की कोशिश की पर फुफा जी ने नहीं हटाया। फिर चुपके से उन्होंने मम्मी के गालो पर किस कर दिया। मम्मी का शर्म से बुरा हाल था। ऐसे ही हम मामा जी के घर पहुंचे।

फिर मम्मी और मैं भी नहा धोकर तैयार हुए। नहाने के बाद मम्मी ने एक पीले रंग की साड़ी पहनी और लाल रंग की चूड़िया पहनी । मम्मी बहुत ही खुबसूरत लग रही थी । सुबह 11 बजे और फंक्शन चालू हुआ। 11:30 बजे तक फुफा जी भी आ गए तैयार हो कर । फुफा जी मेरे और मम्मी के पास आये । मम्मी ना जाने क्यों उनको देखकर ज्यादा खुश हो रही थी , जब भी फुफा जी मम्मीसे कोई बात करते थे तो मम्मी हां हां सर हिलाकर जवाब देती थी। फ़िर मेरी मामेरी बहन आई और मुझे साथ ले गई । हम सब उसके आंगन में खेल रहे थे, मैं फुफा जी और मम्मी को साफ देख सकता था। थोड़ी देर तो फुफा जी मम्मी बैठकर कुछ बातें कर रहे थे। फ़िर मम्मी को मामी जी ने बुला लिया और मम्मी मामी जी के बताये अनुसर काम कर रही थी । दोपहर 1 बजे के बाद पूजा चालू हुई उसमें मम्मी का कोई काम नहीं था, पर मम्मी ने मुझे अपने साथ पूजा में बैठने को कहा, मैं बैठ गया। पूजा लंबी चली जिससे मम्मी और मैं बैठे बैठे बोर हो गया तो मम्मी ने मुझे थोड़ी देर में आने को कहकर चली गई। फुफा जी भी दूसरे मेहमानों के साथ बैठे थे । मम्मी के जाने के 5 मिनट बाद फुफा जी भी पुजा से उठकर गेट के बाहर चले गए. तब काफी टाइम हो गया मम्मी नहीं आईं, मैं उठकर के उन्हें देखने लगा । तो मम्मी को कुछ खाते हुए देखी मैं वही एक कोने में बैठ गया सब माजरा देखने लगा . फिर मैंने गेट की और देखा तो फुफा जी भी कुछ लाने गये थे और अब वह वापस आ रहे थे उनके हाथ में 1 बड़ा गिफ्ट बॉक्स था। मम्मी को देखकर फुफा जी जल्दी से मम्मी के पास पहुंचे और उन्हें गिफ्ट बॉक्स की और इशारा करके कुछ कहा । मम्मी गिफ्ट बॉक्स लेकर चली कमरे के अंदर चली गई फुफा जी ने इधर उधर देखा और वो भी कमरे के अंदर चले गए । मुझे बहुत अजीब लगा मैं कोने से उठकर बाहर आया और कमरे का एक खिलाड़ी जो कि एक कोने में था । मैं वहां पहुंचा और उस खिड़की में एक छोटा छेद था उससे देखने लगा । मम्मी गिफ्ट बॉक्स रखने के लिए झुकी फुफा जी उनके पीछे खड़े थे और मम्मी की गांड़ को निहार रहे थे फिर मम्मी फुफा जी की तरह मुड़ी और उनको बहुत धीरे से बिना किसी आवाज के दरवाजा बंद करने को कहा । और फुफा जी ने बिना किसी आवाज के दरवाजे बंद किया।

फुफा जी मम्मी के पीछे जाकर खड़े हो गए और मम्मी के कमर को पकड़ लिया और उसके गर्दन को चूमने लगे। मम्मी ने उन्हें हटाने की कोशिश की पर वो नहीं हटा पाई। फुफा जी ने मम्मी के चूची पकड़कर दबा दिया , मतलब बहुत जोर से दबा दिये कि मम्मी की हल्की चीख ही निकल गयी।
मम्मी फुफा जी से बोलीं-- ये आप क्या कर रहे हैं, प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए।

फुफा जी - भाभी कैसे छोड़ दूं आप इतने सुंदर हो आप मेरा दिल आपके बिना छुए मानता ही नहीं ।
मम्मी - प्लीज़ मुझे जाने दो आप ने कल बस में किया था ना और आप ने कहा था कि अब आप दोबारा ऐसा नहीं करेंगे।
फुफा जी – कल रात क्या किया था हमने, मैं समझा नहीं खुल के बताऊँ……..

मम्मी (शर्माते हुए)- जी आप जानते तो हैं आपने क्या किया था...
फुफा जी - उसका कुछ नाम है वो बोलो..
मम्मी - (शर्मती राही और बोली) मुझे शर्म आती है...
फुफा जी – अरे भाभी आपके इसी अंदाज पर तो मेरा मन भड़क जाता है लो अब लंड खड़ा हो गया ।
मम्मी (फुफा जी के मुँह से लंड सुनकर उनको देखने लगी)
फुफा जी – पर भाभी मेरा तो कल रात मन नहीं भरा था और इच्छा हो रही है करने दो।
और फुफा जी ने मम्मी को चूमना जारी रखा।
मम्मी - प्लीज कोई देख लेगा तो मैं कहीं मुंह दिखाऊंगा नहीं रहूंगी।
फुफा जी - तो जल्दी से मुझे प्यार केर ले दो मैं चला जाऊंगा।
मम्मी - नहीं मुझे पर रहम केरो मुझे जाने दो कोई देख लेगा।
और मम्मी छुटने की कोशिश केर रही थी जिसकी वजह से वहा रखे गिफ्ट बॉक्स गिर गए।
फुफा जी बोले- मेरी बात मान लो किसी को कुछ पता नहीं चलेगा सब पूजा में है। इस तरह केरोगी तो कोई ना कोई आ जाएगा.

और मम्मी के साड़ी को हटा दिया और उनके ऊपर से जिसे मम्मी के बड़े-बड़े चुची दिखने लगे।

अब मम्मी चुप हो गई और फुफा जी को करने दिया जो उसको करना था । फुफा जी ने मम्मी के ब्लाउज को निकाल दिया और ब्रा भी हटा दी। मम्मी ने अपने हाथों से अपने चुचियों को चिपकाने लगी। तब फुफा जी ने कहा “जान अपने इन ख़ूबसूरत चूची को तो ना छिपाओ और मुझे इन्हें छुने दो आज मैं इनका पूरा रस पी जाउगा।” और मम्मी के बड़े बड़े सफ़ेद चूची चूसने लगे। कभी फुफा जी चुची दबाते तो कभी चूमते और चूसते। मगर मम्मी के चुची से दूध नहीं निकला ।

फिर मम्मी की साड़ी पूरी उतार दी और फिर पेटीकोट भी उतार दिया। मम्मी पैंटी नहीं पहनी हुई थी इसलिए पूरी नंगी हो गई। फुफा जी मम्मी की मोटी मोटी सफ़ेद जांध को चूमते हुऐ मम्मी की चूत तक पहुंचे। चूत पर एक भी बाल नहीं था . फुफा जी ने अपना मुंह चूत में घुसा दिया और पागलों की तरह चाटने लगे। चाटने की वजह से मम्मी एक्ससाइट होने लग गई। और वो हल्की से आहे निकलने लगी.

मम्मी की आहे को सुनकर फुफा जी का जोश बढ़ गया और वह और ज़ोर ज़ोर से चटने लगे, फिर फुफा जी ने चूत में उंगली घुसा दी और आगे पीछे करने लागे, मम्मी की आहे बढ़ने लगी।

फुफा जी ने फिर अपने आप को पुरा नंगा कर दिया। उनका लंड काले नाग की तरह 6 इंच मोटा खड़ा था। फुफा जी ने मम्मी को अपना लंड दिखाया। मम्मी ने शर्म से अपनी आंखें बंद कर ली।

फुफा जी फिर मम्मी की टांगों के बीच बैठकर और लंड को हल्का सा चूत में घुसाया । लंड के थोड़ घुसते ही मम्मी के मुँह से आह.... निकली. मम्मी फर्श पर लेटी हुई थी और फुफा जी को सब कुछ करने दे रही थी पर उनका साथ नहीं दे रही थी। फुफा जी ने धक्का लगाना शुरू किया । पहले एक धक्का लगाया तो फुफा जी का लंड पूरा अंडर चला गया तो इसपर फुफा जी ने मम्मी से कहा “लगाता है दिनेश तुम्हें बहुत चोदता है, चूत ज्यादा टाइट नहीं है।” मम्मी ने ये सुनकर हल्की सी हामी दी फ़िर फुफा जी ने एक जोर का धक्का लगाया जिसे मम्मी को दर्द हुआ और मम्मी चिल्लाई। उसके बाद फुफा जी शुरू हुआ और धीरे-धीरे धक्का लगाने लगे । थोड़ा तेज धक्का लगता ही , मम्मी के चूची हिलते जोर जोर से, इन्हें देखकर फुफा जी का जोश और बड़ जाता और वह तेज धक्के लगाने लगते । थोड़ा तेज धक्का लगाने के बाद फुफा जी रुक गए और मम्मी के चूची चूसने लगे।

जब काफी देर बाद भी फुफा जी का माल नहीं छूटा तो मम्मी बोलीं- भाई साहब जल्दी करो तुम इतने आराम से क्यों कर रहे हो जल्दी करो नहीं तो कोई आ जाएगा।
फुफा ने कहा - अब भी मुझे भाईसाहब बोल रही हो भाभी, अब तो मैं आपके पति के जैसा हो गया हूं आपको चोदने के बाद और तेज धक्के लगाने लगे.
करीब 5 मिनट हुआ होगा धक्के लगाते हुए, फिर फुफा जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और करीब 6-7 धक्के के बाद फुफा जी के मुंह से आवाज आई , हे भगवान। और हल्के-हल्के ढकेलने लगे . फिर शांत होकर मम्मी के ऊपर लेटकर हाफने लगे। मम्मी और फुफा जी पसीने से भीग गये थे। सांस नॉर्मल होने के बाद फुफा जी उठे तो मम्मी की चूत से अपना लंड निकाला जो कि थोड़ी आवाज के साथ निकला। फूफा जी ने मम्मी के ब्रा और पेटीकोट को उठाया। और पेटीकोट से अपना लंड पोछा. और मम्मी के पास बैठकर मम्मी के पसीने को उनके पेटीकोट से पूछा, फुफा जी की इस हरकत से मम्मी शर्मा रही थी। फिर फुफा जी ने मम्मी को कपडे दिए और मम्मी उठकर अपने कपड़े पहने लगी । फ़िर फुफा जी भी उठी और अपने कपड़े पहने लगे । जब दोनों ने कपड़े पहन लिये तो फुफा जी ने दरवाजा खोला और बाहर आये। मम्मी को देखकर उनका मन फिर मचल गया और मम्मी को पकड़कर लिप पर किस किया और मम्मी की गांड और चुची दबा दिए और फिर चले गए । इधर मम्मी बाथरूम मैं चली गई ।
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#80
Romanchok story ❤️❤️❤️❤️

Waiting for next big update
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