अब आगे.....
एक दिन मैं सुबह कॉलेज के लिए निकल रहा था। पापा आज जल्दी ऑफिस चले गए, क्योंकि उनको कोई जरूरी काम था। जब मैं बाहर आया , तो मैंने देखा मम्मी और आंटी दोनों बैठ कर चाय पी रहे थे। मम्मी ने एक ढीली नाइटी पहनी थी, और आंटी ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी।
फिर मुझे देख कर मम्मी किचन में नाश्ता बनाने चली गई। मैंने नाश्ता किया, और कॉलेज के लिए निकल गया । मैं ऑटो में कॉलेज जा रहा था । कॉलेज के पास पहुंचकर जब मैंने अपना बैग चेक किया तो उसका एक असाइनमेंट मिस हो गया था, जो मुझे आज सबमिट करवाना था।
मैंने जल्दी से ऑटो वाले को ऑटो वापस मोडने को कहा। थोड़ी देर में मैं वापस घर पहुँचा । मैं जल्दी से घर के अंदर चला गया , और फिर अपने कमरे की तरफ बढ़ा । मम्मी कहीं नजर नहीं आ रही थी, लेकिन मेरे पास उनको ढूंढने या बात करने का टाइम नहीं था। मैंने जल्दी से असाइनमेंट ली, और वापस जाने लगा ।
जैसे ही मैं मम्मी के कमरे के पास से गुजरा , तो मुझे किसी के कहराने की आवाज आई। अचानक आई इस आवाज से मैं डर गया । मैंने मम्मी के कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खोला, और अंदर झाँका, ये देखने के लिए, कि सब ठीक था या नहीं। लेकिन जो मैंने देखा, उसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं किया था ।
मम्मी और आंटी दोनों ब्रा और पैंटी बिस्तर पर लेती हुई एक दूसरे को किस कर रही थी। दोनों के हाथ एक-दूसरे की पैंटी में थे। शायद दोनों में से किसी ने दूसरे की चूत में उंगली घुसाई थी, इसलिए कहराने की आवाज आई थी।
मुझे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि मैं क्या देख रहा था । मेरे पैर वही जम गये और मुझे कॉलेज भी जाना था, ये मैं भूल गया था । फिर वो दोनों उठी, और अपने घुटनो पर खड़ी हो गई। दोनों के चेहरे पर मदहोशी चाय हुई थी।
दोनों ने अपनी-अपनी ब्रा उतारी, और एक दूसरे को बाहों में भरकर किस करने लगी। उन दोनों के नंगे चूंचियां आपस में दब रहे थे। ये सब देख कर इधर मेरे लौड़े में हलचल हो रहा था ।
फिर मम्मी ने किस निंद्रा थोड़ी और आंटी की गार्डन को चूमने लग गई। आंटी भी मम्मी का सर सहला रही थी। गार्डन चूमते हुए मम्मी उनके चूची चूमने लगी। आंटी कहराने लगी. मम्मी जंगली तरीके से उनके चुचियों के निपल्स खीच-खींच कर चूस रही थी। और आंटी पूरा मजा ले रही थी।
कुछ देर तक चुचियों चुसवाने के बाद आंटी ने मम्मी को पहले बिस्तर पर लिटा दिया, और उनके ऊपर आ गए। वो मम्मी के होठों को चुनने लगी, और कुछ देर में ही उनकी गर्दन पर किस करने लगी। मम्मी के चेहरे पर जो संतुष्टि वाले एक्सप्रेशन आज तक मैंने नहीं देखे थे, आज मुझे वो देखने को मिल रहे थे।
फ़िर आंटी मम्मी के चूची चुसने लगी। वो आम की तरह दबा-दबा कर उनके चूची चूस रही थी। मम्मी भी आंटी के सर पर हाथ रख कर उनके मुँह को अपने चूची में दबा रही थी। कुछ देर चूची चुसने के बाद आंटी मम्मी के पेट पर आई, और उनकी नाभि चाटने लगी। उसके बाद आंटी नीचे मम्मी की पैंटी पर आईं।
आंटी ने मम्मी की बिकिनी वाली पैंटी पर हाथ रखा और पैंटी के ऊपर से ही हाथ घुमाने लगीं.
मम्मी कामुक सिसकारियां लेने लगीं- आअह... हाऊम्म... उफ.. फ्फ़... मार डालेगी डार्लिंग बेबी … कम ऑन फक मी.
आंटी ने मम्मी की पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया और मम्मी की चूत को रगड़ने लगीं, धीरे से कमर से पीछे हाथ डाल कर पैंटी के अन्दर घुसा दिया.
वो आंटी के सुडौल टाइट बड़े चूतड़ों को मसलने लगीं, दबाने लगीं.
अब मम्मी की हालत खराब होने लगी थी. वो ज़ोर ज़ोर से हांफ रही थी.
आंटी ने एक झटके से मम्मी की पैंटी उतार दी.
चूंकि पैंटी टाइट और छोटी सी थी तो पैंटी उतरते ही रोल होकर एक जरासी पट्टी सी बन गयी थी.
अब मुझे मम्मी की चिकनी शेव्ड सफेद चूत साफ़ साफ़ दिखने लगी थी.
उनकी जांघें उफ्फ़ क्या बताऊं … पूरी मक्खन सी सफेद, सुडौल, एकदम चिकनी चमकीली थीं.
अब आंटी धीरे धीरे उसकी चूत और जांघों पर उंगलिया फेरने लगीं.
मम्मी इससे और उतेज़ित हो गईं.
उसने आंटी का हाथ पकड़ कर अपनी चिकनी मुलायम चूत पर रख दिया और मादक आवाज में कराहने लगी- अहहा … आहह..... डार्लिंग बेबी … मज़ा आ रहा है.
आंटी ने उसकी चूत के गुलाबी होंठों पेर हाथ फेरा और चूत मसलने लगीं.
ये देखकर मेरा तो हालत खराब होने लगा .
मेरे लौड़े के अन्दर भी हल्की सुरसुराहट होने लगी, एक अजीब सी सिहरन और मज़ा भी आने लगा था.
धीरे से आंटी ने अपनी एक उंगली मम्मी की चूत में घुसा दी.
इससे मम्मी तड़प उठी. वो ऊफ्फ़.... आआह.... करने लगी.
आंटी ने दूसरी भी उंगली भी चूत में पेल दी और अन्दर बाहर करने लगीं.
आंटी की उंगलियां मम्मी की चूत के गर्म पानी से गीली हो चुकी थीं और फच फच की आवाज़ को मैं सुन रहा था .
अब आंटी ने स्पीड बढ़ा दी और तेजी से अपनी उंगलियां अन्दर बाहर करने लगीं.
वो दोनों ही हांफने लगी थीं.
इतने में मम्मी के मुँह से अजीब सी सिसकारियां और मादक आवाजें निकलने लगीं. उसने अपनी गांड उछालना शुरू कर दी.
ये मेरे लिए तब नया था कि मम्मी क्यों उछल रही है और उसका पूरा बदन क्यों अकड़ सा गया था.
मगर खुशबू आंटी समझ गयी थीं कि पंखुरी अब झड़ने वाली है.
आंटी ने तुरंत मम्मी को बेड पर चित लिटा दिया और टांगें बेड के नीचे नीचे कर दीं. आंटी खुद ज़मीन पर बैठ गईं और मम्मी की टांगें खोल कर अपना मुँह उसकी चूत में लगा दिया.
इससे मम्मी एकदम से सिहर उठीं और उसने जोर से आंटी का सिर अपनी चूत में दबा लिया.
वो आआहह.... ऊओह.... करने लगी.
आंटी ने मम्मी की चूत चाटनी शुरू कर दी और स्पीड से अपनी जीभ चूत के अन्दर बाहर करने लगीं.
मम्मी ज़ोर ज़ोर से सांसें लेने लगी और अजीब सी आवाजें निकालने लगी.मम्मी बोली- ऊवऊ... ययएस.. बेबी फास्ट फास्ट … मैं आने वाली हूँ.
आंटी ने और स्पीड बढ़ा दी.उनकी जीभ अन्दर बाहर चलने से मम्मी की पूरी चूत गीली हो गयी थी.
तभी अचानक से मम्मी ने ज़ोर से आवाज निकाली- आआयय गयई मैं!
ये कहते हुए मम्मी ने अपनी कमर को दो तीन झटके दिए, फिर वो शांत हो गयी.
उसने आंटी का सिर अपनी चूत में ज़ोर से दबा दिया और बोली- आंह थैंक्यू बेबी … तुमने मुझे वो सुख दिया, जो एक मर्द नहीं दे सकता. मैं बहुत दिन से प्यासी थी … आज तुमने पूरी बुझा दी.आंटी ने पूरी चूत चाट ली.
मम्मी की चूत अब और ज्यादा फूली और गीली मस्त मस्त लग रही थी.
अब आंटी की बारी थी।
मम्मी खड़ी हो गईं और उन्होंने आंटी को उठा लिया.
दोनों खड़ी होकर एक दूसरे से चिपक कर हग करने लगीं.
मम्मी ने आंटी से कहा- अपना मुँह खोलो.
आंटी ने मुँह खोला, तो मम्मी ने अपनी जीभ आंटी के मुँह में डाली और हल्का सा अन्दर घुसा दी.
मम्मी की जीभ पिंक सॉफ्ट लंबी ओर रसीली थी.
अन्दर जाते ही मम्मी आंटी की जीभ चूसने लगी.
चूसते चूसते ही मम्मी ने आंटी की ब्लैक लेस वाला शॉर्ट गाउन उतार दिया.
अब आंटी क्या कयामत लग रही थीं. ब्लैक लेस वाली ब्रा-पैंटी में आंटी के आधे चूंचियां बाहर तने हुए थे.
उनकी काली लेस वाली ब्रा में सफेद दूध जैसे दूर से चमक रहे थे.
ऐसा देखकर लगता है कि आंटी ने एक दिन पहले अपना मेनीक्योर पैडीक्योर और फुल बॉडी का वॅक्स करवाया था.
वो बहुत हॉट लग रही थीं.
मम्मी ने घूमकर पीछे से आंटी को टाइट हग किया. उसके बड़े कड़क चूंचियां अब आंटी की चिकनी सफेद पीठ से चिपके थे.
मम्मी के दोनों हाथ आंटी के 36डी नाप के चूची को मसलते हुए दबा रहे थे.
आंटी सिसकारियां लेने लगीं- आआहह.... बेबी पंखुरी दबाओ चूची को … और ज़ोर से लव यू बेबी.
फिर मम्मी ने पीछे से आंटी की ब्रा का हुक खोला और ब्रा अलग कर दी आंटी की चूचियों के निप्पल भी पिंक हैं, वो एकदम तनकर खड़े थे.
मम्मी ने अब धीरे से आंटी की पैंटी के अन्दर हाथ घुसा दिया और सीधे चूत पर उंगली फेरने लगी.
आंटी कराह उठीं- उउऊयई बेबी … क्या कर रही हो … मर जाऊंगी.
मम्मी ने पैंटी के अन्दर से आंटी की चूत को धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया.
आंटी भी पूरे नशे में थीं और अपनी चौड़ी गांड से पीछे से मम्मी को धक्के मार रही थीं.
मम्मी समझ गयी कि खुशबू भी एकदम रेडी हैं और पूरी गर्म हो चुकी हैं.
मम्मी ने पैंटी में हाथ डाल रखा था. आंटी की पैंटी गीली थी.
मम्मी बोली- हाय बेबी मेरी जान … तेरी चूत तो गीली हो गयी ओर बहुत गर्म भी है. आग जैसी तप रही है.
ऐसा बोलते हुए उसने एक झटके से आंटी की पैंटी उतार दी.
अब मम्मी और आंटी दोनों पूरी तरह से नंगी थीं. उन दोनों की शेव्ड चिकनी चूत दूर से ही मस्त लग रही थी.
दोनों को ऐसे करते देख कर यहां मेरे हालत धीरे धीरे खराब होने लगा था .
फर्स्ट टाइम मैंने अपने लौड़े के उपर अपने हाथ रख लिए थे
मुझे एक अद्भुत मज़ा आने लगा था.
जैसे ही मैंने अपने हाथ रखा लंड पर रखे मेरे पूरे बदन आग जैसे तपने लगा था. मुझे समझ नहीं आया कि ये मेरे साथ क्या हो रहा है.
अब मैं खड़े खड़े थक गया था , तो मैंने बिना शोर किए बगल से कुर्सी उठाया और ग्लास डोर के बाजू में छुपकर बैठ गया और उन दोनों के सेक्सी खेल देखने लगा .
अब आंटी भी मम्मी का पूरा साथ दे रही थीं.
मम्मी आंटी के दोनों चुचियों को पीछे से पकड़े हुई थीं और उनको मसल रही थीं. मम्मी ने आंटी के दोनों निप्पल एक साथ मरोड़ दिए.
इससे आंटी उछल पड़ीं- आआह.... पंखुरी लव यू … मुझे और मस्त करो … मज़ा आ रहा है.
अब मम्मी ने दोनों पिंक निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया और होंठों से आंटी के कानों को बारी बारी से चूसने लगी.
आंटी सिहर उठीं और अजीब से आवाजें निकालने लगीं.
मम्मी ने धीरे से आंटी के कान को काटा और खींच दिया.
आंटी - आह ईयसस्स ईसस्स डू इट पंखुरी …
मम्मी ने फिर पीछे से आंटी को गले पर क़िस किया और अपनी जीभ से चाटने लगी.
मम्मी ने आंटी की चिकनी गद्देदार पीठ पर किस की और चाटने लगी.
अभी तक दोनों खड़ी हुई थीं और ये सब कर रही थीं.
अब मम्मी थोड़ा और नीचे झुक गई और आंटी की कमर को चाटने लगी.
आंटी उछल रही थीं और उनके मुँह से मादक चीखें निकल रही थीं- उऊययई पंखुरी … मार देगी क्या आआह सच में मज़ा आ रहा है.
मम्मी ने पूरी जीभ से कमर और सुडौल टाइट मिल्की हिप्स को चूसना शुरू कर दिया, बीच बीच में हल्के हल्के से वो आंटी के हिप्स को काट भी रही थी.
आंटी को और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था.
मम्मी ने झुककर आंटी के दोनों चूतड़ों के बीच की दरार में जीभ लगा दी और ऊपर से नीचे तक चाटने लगी.
आंटी इस काम से एकदम से सिहर गईं और बोलीं- इस्स और चूस मेरी जान … मजा आ गया आज तो!
मम्मी की लार से आंटी की गोरी गांड गीली हो गई थी.
तब मम्मी ने आंटी को बेड पर घोड़ी बना दिया और खुद नीचे बैठकर आंटी की चूत चाटने लगी.
आंटी उछलती हुई लंबी लंबी सांसें लेने लगीं- आआहाअ आहाअ मज़ा आ रहा है पंखुरी डार्लिंग यू आर एन एक्सपर्ट सक मी.
नीचे से मम्मी लगातार आंटी की चूत में अपनी गाढ़ी लार वाली जीभ अन्दर डाल कर चूसने में लग गई.
मम्मी की जीभ काफी अन्दर चली गई थी, इससे आंटी चिल्ला उठीं- उऊयऊ.... बेबी क्या कर दिया … मेरी चूत में गर्म गर्म टेस्टी जीभ पेल दी … आहआआ अब बस ज़ल्दी कर दे.
आंटी की चूत की गुलाबी फांकों को मम्मी ने चूसना चालू कर दिया; आंटी के दाने को भी चूसने लगी.
अब आंटी अपने आपे से बाहर हो गई थीं, वो अपनी गांड नचाने लगीं और गांड उछालने लगीं.
आंटी ने मम्मी के सिर को अपनी दोनों चिकनी जांघों में जकड़ लिया और मम्मी जीभ अन्दर बाहर करने में लगी रही- यस यस डू फास्ट बेबी पंखुरी आई एम रेडी टू कम …मैं अब झड़ने वाली हूँ पंखुरी … जल्दी करो.
मम्मी ने अपने सिर की स्पीड बढ़ा दी और अपनी जीभ चूत में अन्दर बाहर करने लगी.
उसी वक्त अचानक से आंटी ज़ोर से धक्के मारने लगीं और बोलीं- आंह मैं झड़ गयी मेरी बेबी … आहाआअ.
आंटी की चूत का गर्म टेस्टी पानी मम्मी पीने लगी. मम्मी का मुँह और आंटी की चिकनी चूत दोनों रस से पूरे गीले थे.
मम्मी ने चूत का पूरा रस पिया, जीभ को अपने मुँह पर चारों ओर फेरा और सब मलाई चाट ली. मम्मी ने आंटी की चूत भी पूरी चाट कर उसको साफ़ कर दिया.
लेस्बो सेक्स के बाद अब मम्मी और आंटी निढाल हो चुकी थीं. वो बेड पर लेट गईं.
इधर आंटी ऊपर आई और मम्मी के ऊपर चढ़ गई.
दोनों बुरी तरह से थक गयी थीं मम्मी और आंटी दोनों के शरीर आपस में चिपके थे. दोनों के बड़े भरावदार चूंचियां एक दूसरे से चिपके थे और वो दोनों आपस में किसिंग कर रही थीं.
शायद वो दोनों धीरे धीरे कुछ बोल भी रही थीं, जो मुझे सुनाई नहीं दिया.
अब मम्मी और आंटी वॉशरूम जाने के लिए बेड से उठीं.
मैं डर के मारे भाग जब घर से बाहर निकला तो ओटो वाला था चुका था।
मैं दरवाजे पर थोड़ा देर खड़े होकर फिर घर में घुसा । इससे मम्मी और आंटी को शक भी नहीं हुआ और आंटी मेरे पास आ गईं. उन्होंने मेरे सिर पर हाथ घुमाया और अपने घर चली गईं.।