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मम्मी को हुआ पापा जी के दोस्त से प्यार part 5 start
तो एक दिन ऐसा हुआ कि मैं , मम्मी , खुशबू आंटी मंदिर में पूजा के लिए जा रहे थे पर हम जिस रास्ते से जा रहे थे वो रास्ता एक ,., कॉलोनी होकर जाता था हम उसी रास्ते से जा रहे थे तो एक आदमी मेरी मम्मी को देखकर घूर रहा था और अपने हाथ को अपने पहने हुए पैंट के ऊपर फेर रहा था ये सब मैंने तो देखा पर मम्मी ने नहीं देखा था। क्योंकि खुशबू आंटी भी साथ में थी वह दोनों बातें करते जा रही थी।
मेरे तो समझ में आ गया कि इस लंड मम्मी की मटकती गांड़ को देखकर ही खड़ा हो गया है, हम लोग जैसे जैसे रास्ते आगे बढ़ते जा रहे थे और वह आदमी भी हमारे पीछे पीछे आ रहा था थोड़ी देर में हम लोग मंदिर पहुंच गए । वो आदमी मंदिर के बाहर खड़ा होकर इंतजार कर रहा था और मम्मी को ही देख रहा था फिर हमलोगों पूजा करके वापस निकले तो वो भी हमारे पीछे पीछे हमारे घर के पास आकर रुक गया ।
मैंने मोहल्ले के कुछ लड़कों से उसका नाम पता किया उस आदमी का नाम कसाब अंसारी था और वह एक कसाई था और वह देखने में बहुत ही हट्टा कट्टा था और उसकी उमर कुछ 54 साल की होगी
मंदिर जाने का वही एक रास्ता था और जब भी मम्मी मंदिर के लिए निकलती में भी चुपके से मम्मी के पीछे जाने लगा । एक दिन जोर का तूफान और बारिस आया तो मम्मी रास्ते में ही थी तभी कसाब उनके पास आकर बोला " मैडम मेरा घर बगल में ही है आप वहां रुक सकती है " तो मम्मी उसके घर चली गए और थोड़ी देर उसके घर पर रूकने के बाद मम्मी फिर मंदिर के लिए निकल गई।
अगले दिन मम्मी बाज़ार जा रही थी तो बारिश की वजह से सड़क की बहुत खराब थी । घर से थोड़ी दूर चलने पर कसाब उनके पास आकर बोला मैडम बाजार जा रही है चलिए आपको छोड़ देता हूं मैं भी उसी रास्ते जा रहा हूं तो मम्मी उसकी बाइक पर बैठ कर चली गई और ऐसा बहुत बार होता था अब तो मम्मी और कसाब की बहुत अच्छी दोस्ती भी हो गई थी और मम्मी कभी कभी उसके घर चाय पीने चली जाती थी।
एकदिन ऐसा हुआ कि मम्मी बाज़ार जाकर आरही थी तो मम्मी की मुलाकात कसाब से हुआ तो उसने मम्मी को अपने साथ अपने घर लेकर चला गया।
जब मम्मी उसके घर गई तो थोड़ी देर बाद उसने मम्मी को चाय दी मम्मी ने चाय लेकर पीने लगी मम्मी ने उससे पूछा आपकी पत्नी नहीं है किया । कसाब ने बताया कि वो 1 महीने के लिए अपने घर चली गई है। ऐसे बहुत सारी बातें होने के बाद उसने कहा भाभीजी आप बहुत खुबसूरत हो तो मम्मी मुस्कुराके बोली " सच.. "
कसाब - हा अगर आप मेरे धर्म की होती तो मैं आपसे शादी कर लेता। मगर मम्मी कुछ नहीं बोली.
फिर कसाब बोला भाभी एक बात कहूंगा तो आप बुरा नहीं मानोगी न। मम्मी बोली बोलिये क्या बात है.
कसाब - पर आप बुरा नहीं मानोगी ना.
मम्मी- बताइये तो सही.
तो कसाब बोला भाभी मैं आपको इतने दिनों से जानता हूँ पर मैं आपको जब भी देखता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
मम्मी- आप कुछ भी बोल रहे हो मैं चलती हूं.
कसाब - सच भाभी जी और मम्मी का हाट पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया।
मम्मी ने किसी तरह खुद को उससे अलग किया और उसके घर से बाहर निकल गई और घर आई।
मम्मी जब भी चाहें बाजार या मंदिर जाती अगर रास्ते में कसाब दिखाई देता तो उसे इग्नोर कर देती ।
इसी तरह दो तीन सप्ताह निकल गया। एक दिन मम्मी बाज़ार गई हुई थी बाजार करते करते उन्हें काफी देर हो गया
जब वह उसे मुहल्ले वाले रास्ते से आ रही थी रास्ते बहुत शुंशान लग रहा और काफी अंधेरा भी था मम्मी अपने मोबाइल की रोशनी जलाये हुए और तेजी में आगे बढ़ते जा रही थी तभी पीछे से किसी ने मम्मी को आवाज लगाई ।
" कैसे हो पंखुरी जी " मम्मी रूक कर पीछे मुड़कर देखी तो वह कसाब था
इतना बोलते मम्मी के करीब आ गया और कसाब बोला " क्या बात है पंखुरी जी में देख रहा हूं कि आप मुझे दो तीन सप्ताह से इग्नोर कर रही हो " और मम्मी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया।
मम्मी ने कहा मुझे से दूर रहों और उससे धक्का दे कर दुर कर दिया। शायद यह हरकत कसाब को पसंद नहीं आया और कसाब ने मम्मी को रंड़ी कह कर बुलाने लगा । और मम्मी का हाथ पकड़ कर अपने घर की ओर खींचने लगा।
तभी गली के दुसरे छोर ( पहला छोर मेरे घर की ओर ) से किसी ने कसाब के चहरे पर टॉर्च की । और एक आवाज आई " जल्दी वहां से हट , माधर्चोद " और कसाब इतना सुनते ही मम्मी का हाथ छोड़ कर अपने घर की ओर भाग। मम्मी ने राहत की सांस ली। वह अंजान व्यक्ति मम्मी से करीब 10 फिट के दूरी पर खड़ा था और अंधेरे में उसका चेहरा भी नहीं दिखाई दे रहा था और उसने चहरे पर मास्क लगाया हुआ था इसकी वजह उस अंजान व्यक्ति को नहीं पहचान पाई और वह व्यक्ति बोली " आप ठीक हो है मैडम " । मम्मी ने कहा " हां ठीक हुं "
फिर मम्मी ने उस अंजान व्यक्ति को धन्यवाद कहा और बोली अगर आप सही समय पर आवाज नहीं लगता तो वह बदमाश ना जाने क्या करता। फिर मम्मी जल्दी जल्दी घर की ओर बड़ी और घर पहुंच गई ।
अगले दिन मम्मी ने यह बात खुशबू आंटी को बताई तो खुशबू आंटी ने मम्मी से कहा तुम्हें उस अंजान व्यक्ति को उसके घर जा धन्यवाद कहना चाहिए । मम्मी और आंटी ने उस अंजान व्यक्ति के बारे में पता लगाई मगर कुछ पता नहीं चला । फिर वह अंजान आदमी फिर मम्मी को चार महीने बाद वह होली पर मिला दिया ।
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एक बार होली पर मोहल्ला की सभी आंटी मम्मी से मिलने आईं, होली खेलने के लिए। पापा होली तो खेलते हैं, लेकिन सिर्फ गुलाल से और वो भी थोड़ी सी। मैं होली नहीं खेलता, क्योंकि मुझे रंगों से एलर्जी है।
दोपहर का समय , मम्मी किचन में काम कर रही थी। सभी आंटी मेरे घर आई उन्होंने मम्मी को अपने साथ होली खेलने का निमंत्रण दिया मगर मम्मी होली खेलने से मन कर दिया। लेकिन आंटीयों के मनाने पर मान गई।
एक आंटी : आज तो होली का त्यौहार है, होली तो खेलनी ही पड़ेगी आपको। चाहे थोड़ी सी ही खेले, लेकिन गुलाल से होली खेलनी ही पड़ेगी।
तो मम्मी ने उनकी बात मान ली और चेंज करके होली खेलने चली गई। मम्मी ने साड़ी पहन ली थी. मम्मी ने एक पुरानी साड़ी निकाल कर पहन ली थी, ताकि अगर होली के रंग लग भी जाए, तो कोई परेशान न हो।
वह सफेद रंग की साड़ी में थी और उसका ब्लाउज नीले रंग का था। साड़ी तो ठीक थी, लेकिन ब्लाउज़ काफ़ी टाइट था मम्मी का। मम्मी के चूंचियां बड़े तो थे ही मगर ब्लाउज में और बड़े बड़े लग रहे थे और वैसे तो उस मम्मी और आंटी के झुंड में मम्मी से भी बहुत अच्छे फिगर वाली एक , दो आंटी भी थी फिर होली खेलते हुए, मम्मी रंग से भर गई। मम्मी को सब ने रंग लगाया और उसके बाद सब पायल आंटी के घर चले गए।
वह पहुंचते ही रोहित अंकल से भेंट हुई। वह पायल आंटी के पति हैं और पापा के पुराने वाले मित्र हैं ।
रोहित अंकल: आपलोगों सिर्फ पायल को ही कलर लगाओगे, मुझे नहीं ? क्या आपलोगों मेरे साथ होली नहीं खेलोगे ?
तभी एक आंटी ने कहा: लगता है आपका भी कलर लगाने का मन है ।
फिर उन्हें अंकल को भी रंग लगाया और अंकल ने भी सबको रंग लगाया और ऐसे ही मस्ती में सबकी गांड भी दबाई, पर होली का त्योहार था, तो सब ने गांड दबाने की बात को इग्नोर कर दिया और क्योंकि अंकल का नेचर भी काफी अच्छा था, तो किसी ने कुछ भी नहीं कहा।
फिर सब ने पायल आंटी को रंग लगाया और उनके साथ होली खेली। होली खेलने के बाद, सब अपने घर वापस चले गये ।
...................................
फिर कुछ दिनों के बाद, एक दिन पापा घर आये उन्होंने मम्मी से कहा आज थोड़ा ज्यादा खाना बनाने को जब मम्मी ने पूछा तो पापा ने बताया रोहित जी आज़ हमारे घर पर खाना खायेंगे ( क्योंकि पायल के पिता जी की तबीयत ठीक नहीं थी, तो पायल अपने बेटे के साथ अपने मायके चली गईं। ) शाम को अंकल आये उन्होंने मेरे घर खाना नहीं खाया मगर खाना लेकर अपने घर चले गए।
जिस दिन पायल आंटी अपने घर गईं, उस दिन दो दिन बाद शाम को अंकल घर पर अकेले थे। मम्मी और खुशबु आंटी बाज़ार से कुछ शॉपिंग करके आ रही थी तभी मम्मी की नजर अंकल पर पड़ी मम्मी ने कहा : रोहित , पायल घर पर नहीं हैं, इसलिए कभी अगर तुम्हें कुछ काम हो, तो बता देना, तुम हमारे छोटे भाई जैसे हो। किसी भी चीज की जरुरत के लिए हिच-किचाना मत और इसके अलावा मम्मी ने पायल आंटी के हाल-चाल भी पूछी और ये भी पूछी , कि वो वापस कब आएगी अपने मायके से।
रोहित अंकल: नहीं-नहीं भाभी तो कोई काम नहीं है.
फ़िर ऐसे ही रोज़-रोज़ बातें होती रहती हैं। एक दिन उनका कोई त्यौहार था और अंकल के घर में रिवाज था, इस त्यौहार पर उनके घर में खीर बनाना ज़रूरी थी। और घर आंटी भी नहीं थी तो अंकल मम्मी के पास आये और बोले-
रोहित अंकल: भाभी क्या आप मुझे बता सकती हैं, खीर कैसी बनानी है।
जब अंकल आये तो मम्मी उस वक्त घर का काम कर रही थी। मम्मी को थोड़ा पसीना आया था और मम्मी काफी अच्छी लग रही थी पसीने में। मम्मी साड़ी पहन रखी थी आप तो जानते ही कि भीगे हुए ब्लाउज में चूंचियां का नाज़ारा कुछ अलग ही होता है।
लेकिन अंकल का कोई भी ऐसा इरादा नहीं था और वो बस खीर बनाने की रेसिपी पूछने आए थे।
तभी मम्मी ने कहा: आओ , क्या हुआ?
फिर अंकल ने बताया, कि उनके घर में रिवाज है आज के दिन खीर बनाने का।
फिर अंकल ने कहा : भाभी पायल घर में नहीं है. बाकी सब कुछ तो मैं बना लेता हूं, लेकिन खीर नहीं आती मुझे।
फिर मम्मी ने कहा: चिंता मत करो , मैं खीर बना दूंगी।
जब अंकल को मम्मी ने कहा, कि वो खीर बना देंगी, तब अंकल ने मम्मी से रिक्वेस्ट की-
अंकल: भाभी आप मुझे ही रेसिपी बता दो। मैं ही बनाउंगा खीर .
पहले तो मम्मी ने नहीं बताई, लेकिन जब अंकल ने जिद की, तो मम्मी ने उनको रेसिपी बता ही दी। फिर थोड़ी देर बाद अंकल वापस आये। अंकल के हाथ में एक कटोरी थी, जिस में खीर थी। अंकल मम्मी को खीर चखाने आये थे.
मम्मी: वाह! क्या बात है, ये तो बहुत अच्छी बनी है।
फ़िर अंकल ने कहा: बिल्कुल आपके जैसी बनी है मीठी-मीठी। आपने इतने अच्छे से रेसिपी बताई थी, तो अच्छी तो बन्नी ही थी।
ये कहकर अंकल वापस चले गये। मुझे लगा था, कि उनके मन में कुछ नहीं है, लेकिन आज वाली बात सुनकर मुझे थोड़ा अजीब सा लगेगा। फिर मैंने सोचा, आख़िर है तो मर्द ही।
फिर क्योंकि मम्मी ने अंकल की मदद की थी। इसलिए अंकल ने भी सोचा, वो भी मम्मी को मदद के बदले में कोई गिफ्ट दे दे।
जब अंकल गिफ्ट लेके आए, तब मम्मी ने ब्राउन कलर की साड़ी पहन रखी थी। मम्मी का पेटीकोट उनकी नाभि से नीचे बंधा हुआ था और मम्मी की नाभि बड़े कमाल की थी और सेक्सी लग रही थी। मम्मी आमतौर पर घर का काम ही कर रही थी।
मम्मी का पल्लू उनके चूची से हटा हुआ था और उनकी क्लीवेज काफ़ी बड़ी और सेक्सी लग रही थी। उनको ऐसी पोजीशन में देख कर, तो मेरा भी लंड खड़ा होने लगा था।
जैसे ही अंकल आए, तो मम्मी ने उनकी तरफ देखा और अपने कमर और चूची को अपने पल्लू से ढकने लग गई। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और अंकल मम्मी के प्यारे चूंचियों की दरार देख चुके थे। उस वक्त मम्मी के सेक्सी चूची देखकर, अंकल के मन में कुछ हलचल सी हुई और जाहिर सी बात है, कि पायल आंटी भी घर पर नहीं थीं, तो अंकल अपने लौड़े की गर्मी नहीं निकल रहे होंगे । अंकल लगतार मम्मी के जिस्म पर अपनी नज़र जमाए हुए थे। फिर अंकल ने मम्मी को कहा-
रोहित अंकल: भाभी, ये आपके लिए छोटा सा गिफ्ट है, खीर बनाने में मदद के लिए।
फिर मम्मी ने कहा: अरे गिफ्ट किस बात का, ये तो मेरा फ़र्ज़ था। इसमें ऐसा कुछ खास नहीं था.
फ़िर अंकल ने कहा: कोई बात नहीं भाभी. अब मैं ले आया हूं, तो आप इसको रख लो। चॉकलेट खा लेना और बरतन आपका काम आ जायेगा। रखलो इन्हे प्लीज.
मम्मी: चलो ठीक है, रख लेती हूँ।
मम्मी गिफ्ट लेने के बाद सामान्य व्यवहार कर रही थी, अंकल के साथ। फिर अंकल ने मम्मी से थोड़ी देर बात की और उनको अच्छे से देखा। आज जैसे अंकल मम्मी को देख रहे थे, उस बात से ये पता चल रहा था, कि उनकी नज़र मम्मी के लिए बदल चुकी थी।
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very very very hot and sex seduce update par apne sex encounter ko bahut hi fast kar diya or apki pics bahut hot or achchhi hai.. next update me bete ke dost bhi chode threesome bana dena
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(28-09-2025, 10:28 AM)exbiixossip2 Wrote: very very very hot and sex seduce update par apne sex encounter ko bahut hi fast kar diya or apki pics bahut hot or achchhi hai.. next update me bete ke dost bhi chode threesome bana dena
Next update में जरूरी
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30-09-2025, 08:50 PM
(This post was last modified: 01-10-2025, 09:54 AM by Dhamakaindia108. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अब आगे...part 5 ka update.....
फिर ऐसे ही मम्मी ने अंकल से पूछा-
मम्मी: फिर कब आएगी पायल ?
तो अंकल थोड़े से मायुस हो गए और कहा: असल में मेरे ससुर जी (पायल आंटी के पापा) की तबीयत थोड़ी खराब है, तो उसे मायके से आने में थोड़ी दिन लगेगा । वो चाहती है, कि कुछ और दिन वही रह कर उनकी सेवा करे।
तब मम्मी ने बोला: फिर आपको तो कोई तकलीफ़ नहीं है ना ? सारा काम हो जाता है?
तब अंकल ने कहा: हां काम तो हो जाता है, पर उसकी और टुकटुक ( पायल का बेटा ) की याद बहुत आती है। अब आप तो जानते ही हैं कि……
और अंकल चुप हो गये.
तब मम्मी ने पूछा: क्या बोलो?
अंकल : नहीं कुछ नहीं.
मम्मी: अच्छा ठीक है. आप बैठो आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।
अंकल : नहीं-नहीं भाभी जी, बस अभी चला जाऊंगा . आपसे बात करके अच्छा लगा, धन्यवाद।
मम्मी: अरे आपको थैंक्स गिफ्ट के लिए और अब आप आये हैं, तो कम-से-कम चाय पीकर ही जाओ।
फिर मम्मी उठी और अचानक से उनका पैर सोफा के नीचे गली की वजह से फिसल गया और अंकल ने उनको हाथ से पकड़ लिया और मम्मी गिरने से बच गई।
फ़िर दोनो एक- दूसरे को थोड़ी देर देखते रहे । झुकने की वजह से मम्मी का पल्लू नीचे चला गया और कुछ 7-8 सेकंड बाद, मम्मी एकदम सही हुई और सब सही करके
अंकल को कहा-
मम्मी: धन्यवाद रोहित जी .
अंकल: अरे आप क्या कर रही हैं? अभी लग जाती है।
अंकल: ठीक है, अब मैं चलता हूँ।
मम्मी: नहीं रोहित जी बस थोड़ी देर रूकते ना तुरंत चाय बना कर ले आती हुं ।
और मम्मी गांड मटकाते किचन में गई , अब अंकल का दिल मम्मी को पसंद करने लगा था । मम्मी की मटकी हुईं गांड़ , मम्मी के उछलते हुए चूंचियां , अब अंकल को बेचैन कर रही थी।
मम्मी चाय लेके आई और अंकल को दी। अंकल चाय लेकर पीने लगे और अंकल चाय पीकर अपने घर चले गए . ऐसे ही कुछ दिन निकल गये. अंकल मम्मी और आंटीयों से बात करते रहते थे फिर एक दिन मम्मी और आंटी सब इकट्ठे एक जगह बैठे थे , तब अंकल और टुक-टुक (उनका बेटा) आया तो खुशबू आंटी ने कहा-
खुशबू आंटी : आ गई पायल और टुक-टुक ? ठीक है अब उनके पापा ?
अंकल: नहीं पायल के पिता की तबियत ज्यादा खराब हो गई है. मैं कल गया था और मिल के आया हूँ। मैं फिर टुक-टुक को ले आया, क्योंकि इसकी याद भी आ रही थी और पढ़ाई भी अब खराब हो रही थी इसकी। नई क्लास में हो गया है और छुटियां ख़तम हो चुकी है।
खुशबू आंटी: अच्छा फिर आप इसका और अपना दोनों का काम कर लोगे?
अंकल : हाँ कर लूँगा. बाकी पंखुरी भाभी जी से कह दूंगा, कुछ मदद कर देगी तो अच्छा होगा
मम्मी: हां भैया , बता देना जो भी काम हो।
फिर अगले दिन अंकल आये कहने-
अंकल: भाभी जी (घर के अंदर आते हुए) वो टुक-टुक के कॉलेज में पेरेंट्स टीचर मीटिंग है और मुझे किसी काम से बाहर जाना है। आप इसको ले जाओगे तो मुझे परेशान नहीं होगी ?
मम्मी: कब है ?
अंकल: अज जाना है और जाना जरूरी है.
मम्मी : ठीक है.
फिर मम्मी उसके साथ कॉलेज आईं और अंकल को आके वह सारी बात बताया , जो टीचर्स ने उनको टुक-टुक के बारे में बताया।
अंकल : धन्यवाद भाभी जी, आज आपने इसकी माँ बनकर बहुत अच्छा काम किया।
मम्मी: ये क्या बोल रहे हो?
अंकल: अरे आप ग़लत मत समझये, एक अभिभावक मम्मी के तौर पर आप ने मेरी मदद की , वरना मुझे काम छोड़ कर जाना पड़ता, धन्यवाद।
मम्मी: अरे इसमें क्या बात है, ये तो मेरा फ़र्ज़ था।
अंकल: हां इसकी मम्मी के और भी कोई फ़र्ज़ है, पर वो अपने पापा के पास है और यहाँ पे अब मैं बहुत अकेला हो गया हूँ।
अंकल मायूस होते हुए सब कह रहे थे।
मम्मी: अरे कहां अकेले है आप. टुक-टुक है ना यहां और आप मेरे साथ भी तो बात कर लेते हो। मुझे बता दिया करो कुछ काम हो तो।
अंकल: अरे भाभी जी, काम के अलावा भी एक पति की भी कुछ जरूरत इच्छा होती है .
मम्मी: हां वो तो है, पर पायल भी क्या कर सकती है. उसका वहां भी रहना जरूरी है.
अंकल मायूस होते हुए बोले: हां.
मम्मी: अब मैं जाती हूं अगर आपको काम हो तो बता देना कोई काम भी ।
अंकल : आपने इतनी मदद की है, वही बहुत है। अब बस पायल की ही कमी महसूस हो रही है, वो आप थोड़ी पूरी कर सकते हैं।
इस बात पर मम्मी कुछ नहीं बोलीं। फिर अंकल चले गए और मम्मी भी अपना काम करने लगी गईं। फिर एक दिन,
रोहित अंकल बिल्कुल अच्छे से तैयार होकर , टाइट टी-शर्ट पहन के, परफ्यूम लगा के, जींस पहन के और गले में सोने की चेन दाल के, अच्छे से तैयार होकर आये और बेल बजाई।
मम्मी ने भी आज अच्छी साड़ी पहन ली थी। मम्मी ने दरवाजा खोला और अंकल को देख कर शॉक हो गई और पूछा-
मम्मी: क्या हुआ इतना सज संवर कर कहा चल दिए ?
अंकल: कुछ नहीं भाभी , आज टुक-टुक मूवी देखने जाने की जिद कर रहा था, तो मैंने सोचा आप से भी पूछ लूं।
मम्मी: नहीं-नहीं मुझे मूवी का शोक नहीं है। आप नयन से पूछ लो।
अंकल: नहीं-नहीं आप सब लोग चलिए. आप , भाईसाहब और नयन सब चलो, हम घूम-फिर के आएंगे।
मम्मी: आपके भाई साहब तो बिजनेस के काम से बाहर गए हैं।
ये बात सुन कर, अंकल तो मानों एक दम खुश हो गए। उनकी आंखों में चमक आ गई थी। अब तक तो वो ऐसे ही पूछने आये थे, पर अब उनके दिमाग में कुछ अलग ही चल रहा था।
अंकल: तो आप दोनों चलो .
मम्मी: नहीं । आप , नयन और टुक-टुक चले जाओ।
फिर मैं आया और अंकल ने मुझसे पूछा, तो मैं उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गया। फिर मैंने मम्मी को भी मना लिया।
अंकल: आप दोनों तैयार हो जाओ। फिर हम चलते हैं.
और हम अंकल की कार में चले गये। फिर अंकल टिकट काउंटर पर गए, तो एक सिंगल टिकट 150 रुपये का और फैमिली टिकट 500 रुपये की मिल रही थी। अंकल ने मेरे से पूछा, तो मैंने कहा-
मैं: हां अंकल, फैमिली टिकट लेलो, इसमें ज्यादा फायदा है।
फिर हम सिनेमा हॉल अंदर गए , तो वह दो टाइप की सीटें थीं। उसमें एक बड़ी जोड़ी के हिसाब से थी और एक बच्चों के हिसाब से सीट था ।
फिर मैं और मम्मी बैठ गईं एक पे और एक पे अंकल और टुक-टुक बैठ गए।
फ़िर हमारे पीछे एक और परिवार था। वो हँसे और उन्होंने कहा-परिवार (सीटों की तरफ इशारा करते हुए): किया सीट्स जोड़ी आपकी है और ये बच्चों की।
तो हमलोगों में से किसी ने कुछ नहीं कहा और पता नहीं अपने आप ही अंकल उठे और हमारी सीट की तरफ आ गए। मैं भी उठकर टुक-टुक के पास चला गया और अंकल और मम्मी एक सीट पर बैठ गए।
फिर मम्मी बोली - अरे आप इधर क्यों आ गये. बोलने दीजिए उन लोगों को , जो बोलते हैं।
अंकल बस थोड़ा सा हंसे और बोले: कोई बात नहीं.
मूवी काफी अच्छी थी और उसमें काफी कॉमेडी सीन था। हम सब फिल्म का मजा ले रहे थे। पहले इंटरवल से, फिल्म में एक हॉट सीन आया। सीन में हीरो-हीरोइन एक दुसरे को चुम रहे थे। उनदोनों की आवाज भी निकल रही थी। उस सीन को देखकर अंकल की पैंट में तंबू बन गया।
मम्मी भी सीन देख कर थोड़ी गरम हो चुकी थी और अंकल ने गलती से मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया। अंकल का हाथ लगने से मम्मी को एक दम करंट लग गया। मम्मी ने पहले तो कुछ नहीं कहा, लेकिन फिर अंकल का हाथ हटा दिया।
फिर इंटरवल हो गया और अंकल टॉयलेट के लिए जाने लगे। मैं समझ गया, कि अंकल अपना लंड शांत करने के लिए टॉयलेट जा रहे थे। जब उन्होंने मुझे और टुक-टुक को टॉयलेट जाने के लिए पूछा, तो हमने मन कर दिया। मम्मी ने कहा-मुझे भी बाथरूम में जाना है.
फ़िर मम्मी और अंकल बाथरूम जाने के लिए निकल गये। मूवी अच्छी थी। मम्मी आगे थी और अंकल उनके पीछे थे चले जा रहे थे ।
इंटरवल के बाद फिर फिल्म शुरू हो गई और अंकल ने कई सीन में मम्मी के जांघों पर हाथ रखा। मम्मी बार-बार अंकल का हाथ अपनी जांघों से हट रही थी।
मम्मी ने अजीब सा मुँह बनाकर , अंकल की तरफ गुस्से से देख रही थी । लेकिन अंकल आउट ऑफ कंट्रोल हो चुके थे। अंकल करते भी क्या, इतनी देर से उनको चुदाई करने को जो नहीं मिली थी। फिर फिल्म के बाद हम सब घर आ गए और मम्मी ने सब लोगों के लिए खाना बना दिया।
जब मम्मी खाना परोस रही थी तो उनका पल्लू थोड़ा साइड हो गया। जैसे ही मम्मी का पल्लू साइड हुआ, तो अंकल ने मम्मी के चूंचियों पर अपनी नजर डाल ली। मम्मी भी समझ गई थी और उनको काफी अजीब भी लग रहा था। मम्मी को ये सब बहुत गलत लग रहा था।
डिनर करने के बाद, अंकल और टुक-टुक अपने घर वापस चले गए। फ़िर ऐसे ही अंकल एक दिन आये और मम्मी को आवाज़ लगायी। मम्मी अंकल की आवाज सुनकर बाहर चली गई और उनसे आवाज लगाने का कारण पूछा।
फ़िर अंकल बोले- सॉरी पंखुरी , ओह! भाभी.
मम्मी अंकल के मुंह से अपना नाम सुनकर थोड़ा शॉक हो गई और थोड़ा अलग व्यवहार कर के कहा- बोलो क्या हुआ?
अंकल : पंखुरी आई लव यू. आप ने मुझसे होली पर रंग लगावाया , आप टुक-टुक के कॉलेज गए और मेरी खीर बनाने में हेल्प की। तब से मेरे दिल में आपके लिए कुछ-कुछ होना शुरू हो गया है।
मम्मी पहले तो एक दम से चुप हो गई और फिर बोली-
मम्मी: क्या.. क्या.. क्या बोल रहे हो तुम. दिमाग तो ठीक है तुम्हारा.
फिर मम्मी गुस्से में बोलीं- पायल यहां नहीं है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी बोलो। मैंने तो बस आपकी पड़ोसन होने के नाते मदद की थी।
अंकल मायूस हो गए और बोले: मैंने जो कहा, एकदम सच कहा। मैं तुमसे प्यार करता हूं, आई लव यू पंखुरी।
फिर मम्मी ने अंकल को वहां से जाने के लिए कहा। अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और उसे किस कर दी। मम्मी बहुत गुस्से में थीं और अंकल किस करने के बाद चले गए।
माँ पूरा दिन सोचती रही. मम्मी बहुत मायुस थी, जो भी हुआ उसके बारे में सोच रही थी ।
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मम्मी पूरे दिन मायुस बैठी रही और सोचती रही, कि ये क्या हो गया। फ़िर ऐसे ही कुछ दिन निकल गये। एक दिन खुशबू आंटी, मम्मी के पास आयी और बोली-
खुशबू आंटी : पंखुरी आज कल आप बाहर नहीं आती. ना ही महिला-मंडल की बैठकों में आती है, क्या बात है?
मम्मी: अरे वो थोड़ा काम में बिजी थी, इसलिए नहीं आ पाई।
फिर कुछ देर ऐसे ही खुशबू आंटी और मम्मी की बातें चलीं। फिर एक दिन टुक-टुक घर पर आया और उसने मम्मी को बुलाया।
मैंने पूछा: हां टुक-टुक , क्या हुआ?
तो उसने कहा: आंटी कहा है?
मैंने कहा: मम्मी तो अन्दर है.
टुक-टुक ने कहा: आंटी से बात करनी है.
फ़िर मैंने मम्मी को आवाज़ दी। मम्मी आई और बोली- हां , क्या हुआ?
मैंने कहा: टुक-टुक आया है. बोल रहा है कुछ काम है आप से।
मम्मी उसको देख कर शॉक हो गई और बोली: क्या हुआ टुक-टुक ?
टुक-टुक : आंटी पापा की तबीयत बहुत खराब है। तो क्या आप हमारे लिए खाना बना सकते हैं?
मम्मी: बेटा मुझे काफ़ी काम है.
और फिर मम्मी ने मुझसे कहा: बेटा इनके लिए खाना ऑर्डर कर देना।
मैंने कहा: ठीक है मम्मी कर देता हूं।
मयंक: नहीं आंटी, डॉक्टर ने बाहर का खाने से मन किया है पापा को।
मम्मी सोचने लगी और बोली: ठीक है फिर मैं बना दूंगी।
और मम्मी खाना बनाने के लिए किचन में जाने लगी। थोड़ी देर बाद मैं और मम्मी खाना पका के टुक- टुक के घर चले गए। वहां जाके मैंने देखा, तो अंकल को बहुत तेज़ बुखार था। मैंने मम्मी से कहा- मम्मी अंकल को तो तेज़ बुखार है.
फिर मम्मी भी अंकल के पास गई और देखा, बुखार तो सच में बहुत तेज़ है उनका।
मम्मी: क्या हुआ एक दम से आपको?
अंकल कुछ नहीं बोले और वो बहुत टेंशन में लग रहे थे।
फिर अंकल ने मुझसे कहा: जाओ तुम सबके लिए आइसक्रीम और चॉकलेट ले आओ। फिर हम खाना खाते हैं.
मैं बहार गया, पर पैसे लेना भूल गया था। मैं वापस अंदर जा रहा था, तो अंकल मम्मी से बात कर रहे थे।
अंकल (अंकल की आंखों में आंसू थे और उन्हें बताया गया था): पायल ने मेरे को तलाक के लिए बोला है।
मम्मी चौंक गई और चुप थी. मम्मी को लगा अंकल झूठ बोल रहे हैं।
अंकल: पंखुरी भाभी सच में. वो इतने दिन से वाह है और मुझे अब पता चला, उसका वही कोई और प्यार है।
मम्मी ये सुन के शॉक रह गई. उनको विश्वास नहीं हो रहा था, कि इतना प्यार करने वाले कपल में ऐसा कैसे हो सकता है। अंकल ने फिर अपने फोन पर पेपर दिखाए और सब बताया, उनकी बीवी का वहां रिश्ता कैसा है और टुक-टुक की कस्टडी भी उसको ही मिलेगी। अंकल ये सब बोलते हुए रोने लग गए।
मम्मी तब सब भूल कर अंकल का हाथ पकड़ कर उनको समझाने लगी और बोलने लगी-
मम्मी: ऐसा कैसे? आप दोनो में तो इतना प्यार है।
अंकल: मुझे भी कुछ समझ नहीं आया, पर अब ये हो गया है।
ये सब बताते हैं अंकल की आंखों में आंसू थे और वो बहुत दुखद थे। वो बता रहे थे, कि उनकी बीवी पायल ने ऐसा कैसे कर दिया और बाकी सब कुछ भी बता रहे थे।
एक सप्ताह बाद, टुक-टुक फिर अपनी मम्मी के पास चला गया था। अंकल अब अकेले रहने लगे एकदम मायूस । मम्मी की भी अंकल से जो बात हुई थी, मम्मी उसके बारे में सोचती रहती थी। फिर एक दिन अंकल घर आये।
मम्मी ने गेट खोला. पहले तो मम्मी उनको देखकर डर गई, पर फिर मम्मी ने अंकल को बैठने के लिए कहा।
अंकल: भाभी मैं आपसे माफ़ी मांगना चाहता हूँ, उस दिन के लिए। मुझे ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए था। मैं बस च..
मम्मी: क्या?
अंकल : कुछ नहीं भाभी.
और ये कहकर, अंकल ने मुंह नीचे कर लिया।
अंकल: मैंने बस चूत के नशे में कुछ भी बोल दिया, पर ऐसा हो जाएगा मेरे साथ मुझे बिल्कुल पता नहीं था।
मम्मी: आपने मुझसे जो भी कहा था उस दिन। आपको पायल के बारे में क्या पता चल गया था, या उसके बाद पता चला?
अंकल: सच कहु, तो मुझे पता नहीं था. मुझे सच में आपके लिए अचानक से एक अहसास आ गया। मुझे आप में एक दम से बहुत अच्छी औरत दिखने लग गई और मैं पागल हो गया था।
मम्मी: अच्छा फिर अब?
अंकल: कुछ नहीं भाभी, बस आपसे माफ़ी माँगनी थी।
और यह वक्त भी अंकल की आंखों में आंसू थे। मम्मी अंकल को देख के थोड़ी पिघल गई और कहा-
मम्मी: ऐसे मत रोइये. आप तो इतने हैंडसम हो. आप भी अब आगे बढ़ो और दूसरी शादी की सोचो।
अंकल (उदास होते हुए बोले): नहीं भाभी जी. मैं अब सोच भी नहीं सकता कुछ ऐसा। अब मुझसे कौन शादी करेगा और प्यार करेगा?
मम्मी: क्यों नहीं करेगा?
अंकल : आप करेंगी?
मम्मी: क्या?
मम्मी अंकल की बात सुन कर बहुत गुस्से में आ गई और बोली: ये क्या कह रहे हैं आप। मैं शादी शुदा हू. मेरे इतने बड़े बच्चे हैं. मेरे बारे में आप ऐसा कैसा सोच सकते हैं ?
अंकल: सॉरी भाभी जी, पर आपका केयरिंग नेचर दिखता है। आपका स्वभाव की वजह से , जिसके लिए मैं आपको पसंद करता हूं। मुझे बस आपकी जैसी औरत चाहिए। मैं लाइफ में अब शादी-वादी नहीं करना चाहता हूं।
मम्मी ये सुन कर कुछ नहीं बोली और कहा: मैं
ये सब नहीं कर सकती।
अंकल: क्या में आपको अच्छा नहीं लगता?
मम्मी: नहीं ऐसी बात नहीं है, पर..
अंकल : पर क्या?
मम्मी: नहीं मैं किसी को धोखा नहीं दे सकती, पायल की तरह।
अंकल: मैं किसी को धोखा देने के लिए नहीं कह रहा हूं। मैं सिर्फ अपनी जिंदगी में एक अच्छी औरत चाहता हूं, जो आप हैं।
मम्मी: नहीं, ये नहीं हो सकता.
अंकल: ठीक है.
अंकल की आंखों में आंसू थे और उन्हें कहा: मैं आया तो माफी मांगने था, पर एक बात कहना चाहता हूं, कि मैं आपको प्यार करने से खुद को रोक नहीं पा रहा हूं। मैं सिर्फ एक औरत चाहता हूँ। आपका रिश्ता किसी के साथ ख़राब करना नहीं चाहता।
मम्मी: लेकिन?
अंकल को लेकिन सुनकर लगा, कि मम्मी मान रही है। मम्मी से कहा- लेकिन नहीं, मैं कुछ नहीं कर सकती, आप जाइये।
और फिर अंकल चले गए. जाने से पहले अंकल ने मम्मी को कहा-अगर आपको कुछ मेरे बारे में लगता है, तो मुझे मैसेज कर दीजियेगा.
मम्मी दिनभर सोच में डूबी रही। पापा भी बिजनेस में बिजी हैं और मम्मी को भी शायद अंकल के लिए फीलिंग्स आ रही थीं। मम्मी ने दो दिन बाद अंकल को मैसेज कर ही दिया।
अंकल उसी दिन घर आ गए और बोले: भाभी जी आपने मैसेज किया था।
मम्मी: हां बस मैं यही कहना चाहती हूं, कि मैं किसी को धोखा नहीं दे सकती। तो आप कृपया किसी और के साथ अपनी जिंदगी के बारे में सोचे।
पर अंकल जिद करने लगे और उन्हें मम्मी को बैठने को कहा। मम्मी बैठ गई और एक बार फिर पता नहीं कैसे मम्मी फ़िसल गई। पर इस बार मम्मी का पल्लू पूरा हट गया था। मम्मी अंकल की बाहों में थी.
फिर मम्मी खड़ी हुई, अपना पल्लू सही किया और अंकल को धन्यवाद बोला।
अंकल बोले: मेरे होते हुए आपको चोट नहीं लग सकती, आई लव यू पंखुरी जी ।
मम्मी ने कुछ नहीं कहा और बैठ गई। फिर मम्मी सोचने लगी.
अंकल: भाभी जी मुझे आपके साथ कुछ नहीं करना हैं . बस मुझे मानसिक समर्थन चाहिए। आप ऐसा-वैसा कुछ मत सोचो।
मम्मी: हां पर.. अच्छा ठीक है फिर और अंकल ने ठीक है सुनते ही मम्मी के मुलायम गोरे गालों पर किस कर दी। अब उनकी आँखों में ख़ुशी के आँसू थे।
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mast update sahi ja rahe ho....
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Bete ka kuch hoga ki use bhi chuck banana hai bakiyo ki tarah
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Part 5 update....
charles w mulaney jr
मम्मी को चुंबन का एहसास हुआ , उनको अपने शरीर में एक दम से करंट लगा और वो शॉक रह गई। उन्होंने अंकल पर गुस्सा दिखाया और उठकर चली गई और इससे अंकल भी डर गए।
अंकल: सॉरी-सॉरी वो गलती से हो गया.
मम्मी थोड़ी देर में पानी लेके आई और बोली- लो पानी. आप तो बोल रहे थे , आपको सिर्फ मानसिक समर्थन चाहिए..
अंकल: सॉरी वो आपको पता है ना इतने दिनों से मैं अकेली हूं और आप कितनी ख़ूबसूरत हो...
मम्मी: क्या?
अंकल: हॉट भी है.
मम्मी: मैं कहा से हॉट हू. मैं तो बुड्ढी हो गई हू. एक बच्चे हैं वह भी बड़े और आपको मेरे अंदर पता नहीं क्या दिखता है।
अंकल: सिर्फ कलर और साइज़ ही मायने नहीं रखता है भाभी. आपका नेचर, आपकी आदतें और आपके नारियल तो मुझे घायल ही कर देते हैं।
मम्मी कुछ नहीं बोली.
फिर अंकल बोले: आई लव यू पंखुरी , मेरा मतलब है पंखुरी भाभी.
मम्मी फिर कुछ नहीं बोली.
अंकल : बोलो ना भाभी क्या हुआ?
मम्मी: नहीं, मैं अभी भी सोच रही हूं, कि ये गलत है।
फिर अंकल ने मम्मी को अपने पास खींच लिया और अब मम्मी अंकल से बिल्कुल चिपक गई थी।
अंकल ने कहा: मैं आपके साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता भाभी। जो आपका मन करेगा वही होगा और मुझे वो उम्मीद सिर्फ आपसे है , इसलिए मैंने ये सब यहां आ के बोल रहा हूं ।
मम्मी अंकल को मायूस देखते हुए बोली: रोहित जी, वो तो सही है, पर आप जानते हैं कि मेरे इतने बड़े बच्चे हैं और आपका यहां ऐसा आना-जाना कुछ ठीक नहीं है।
अंकल: ठीक है फिर मैं चल जाता हूँ.
और अंकल चले गये. मम्मी अंकल के बारे में ही सोचती रही। फिर अंकल का मैसेज आया-
अंकल : हाय पंखुरी , कैसी हो?
मम्मी ने रिप्लाई किया: मैं ठीक हूं। आप कैसे हैं?
अंकल: बस आपसे बात करने की इच्छा थी, इसलिए मैसेज किया। मुझे वास्तव में आप जैसे किसी महिला की आवश्यकता है। पंखुरी मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
मम्मी: ठीक है.
अंकल : कल आऊंगा आपके पास चाय पीने.
मम्मी : ठीक है.
अगले दिन मम्मी भी अच्छे से तैयार हो गईं। अब ऐसा लगने लगा था, कि मम्मी भी अंकल से इम्प्रेस हो चुकी थी। पापा तो अपने बिजनेस में बिजी थे और शायद मम्मी के मन में भी कोई दबी हुई चिंगारी जाग उठी थी और उनके मन में कुछ था अंकल के लिए।
मम्मी ने आसमानी रंग की साड़ी पहनी थी डीप क्लीवेज वाले ब्लाउज के साथ और मस्त लुक में थी।
अंकल दरवाजे पर आये और बोले: नयन, कहां है तुम्हारी मम्मी?
मैने कहा: कमरे में हैं।
अंकल अंदर आये और अंदर आते ही उनको किसी चीज का परफ्युम का गंध का एहसास हुआ। फिर मम्मी अंकल के सामने आए और अंकल समझ गए, कि वो परफ्युम का गंध मम्मी से आ रही थी।
मम्मी कुछ नहीं बोली और चाय बनाने चली गई। अंकल कुछ देर बैठने के बाद किचन में मम्मी की मदद करने चले गए । पता नहीं अज कहा से अंकल के अंदर इतना जोश आया था कि उन्होंने जा के सीधे मम्मी को कमर से पकड़ लिया।
अचानक अंकल के पकड़ने से मम्मी एक-दम डर गई। पहले मम्मी कुछ नहीं बोलीं, फिर मम्मी ने कहा- ये क्या कर रहे हो ? ये सब नहीं रोहित जी.
अंकल : पंखुरी मैं तुमसे प्यार करता हूँ. क्या आप भी मुझसे प्यार करती हो? सच-सच बताना.
मम्मी : हां करती हूं , लेकिन ये सब नहीं रोहित जी। मैं सिर्फ आपकी मदद कर रही हुं
अंकल तो पागल से हो गए थे. आज वह ज्यादा खुश थे. अंकल को लगने लगा, जैसे उनको जन्नत मिल गई थी और वह मम्मी को पीछे से किस करने लग गए थे। मम्मी दूर हो गई और अंकल को अलग निगाहों से देख कर बोली-
मम्मी: मैंने इन सब के लिए नहीं कहा.
अंकल के आखों में आंसू थे, पर ख़ुशी के। उन्होंने कहा-
ये भी प्यार का एक भाग है, पर अभी आप अप्सरा लग रही हो, इसलिए। और सच में, मैंने आपसे प्यार किया है, कोई हवस नहीं ।
मम्मी : आप बाहर जाइये, में चाय लेके आती हूं।
फिर अंकल बाहर आके बैठ गए. मम्मी चाय लेकर आई और दोनो ने बैठ के चाय पी। मम्मी अंकल को निहार रही थी. अंकल मम्मी को निहार रहे थे और मम्मी अंकल को इधर-उधर की बातें समझा रही थीं।
मम्मी अंकल को लाइफ में आगे बढ़ाने के लिए बोल रही थी और अंकल 'ओके-ओके' कह रहे थे हर बात पे। फिर अंकल चले गए. मैंने देखा, कि मम्मी भी काफी खुश थीं। उनको भी अंकल से बात करके काफी अच्छा महसूस हो रहा था और उनका समय भी अच्छे से पास हो रहा था। फिर एक दिन अंकल ने मैसेज किया - पंखुरी भाभी , मेरे घर पर कलर पड़े हैं. आप आएंगी खेलें?
मम्मी ने बोला: होली का त्योहार खत्म हो गया है .
अंकल ने कहा: होली ख़ुशी और प्यार का त्यौहार है। जो मेरी जिंदगी में अभी - अभी आया है , प्लीज़ आ जाइये.
अंकल मम्मी से अब खुलकर प्यार करना चाहते थे, इसलिए वो ऐसा कर रहे थे। ( जहां तक मुझे समझ आ रहा था )
अंकल: अगर आप मुझसे सच में प्यार करती हैं तो आओ ना प्लीज़. इससे मुझे ख़ुशी मिलेगी।
फिर मम्मी ने कहा: देखती हूं.
दोनों की किस्मत अच्छी थी, कि पापा किसी काम के सिलसिले में 2 दिन के लिए बाहर चले गए।
अगले दिन मम्मी अंकल के घर गयीं। आज मम्मी ने खीर बनाई थी, जो बहुत अच्छी बनी थी। मम्मी वही खीर अंकल के लिए लेके गई थी। अंकल भी घर पर ही थे. उन्होंने कहा-
अंकल: आओ भाभी , आख़िरकार आप आ ही गई होली खेलने के लिए।
मम्मी ने कहा: नहीं, मैंने खीर बनाई थी, तो देने आई थी। आपको खीर अच्छी लगती है ना।
अंकल ने कहा: मुझे आप ज्यादा अच्छी लगती हो।
मम्मी थोड़ा सा हंसी और वापस घर आ गई। मम्मी फिर दोपहर 4 बजे अंकल के घर गई। अंकल ने सफ़ेद रंग का कुर्ता-पायजामा पहना हुआ था, ( जैसे लोग होली पे पहनते हैं ) । मम्मी ने नॉर्मल पर्पल साड़ी पहनी थी, लेकिन मम्मी भी कुछ कम नहीं लग रही थी।
अंकल को देखकर मम्मी बोली: हाय राम आपने ये क्यों?
अंकल बोले: मुझे पता था आप आएंगी.
मम्मी ने कहा: में होली खेलने नहीं, में तो बस बर्तन लेने आई थी।
और मम्मी हंसने लगी. फिर अंकल मम्मी को देख के बोले -
हाहा मज़ाक मत करये प्लीज़ , भाभी.
और उन्हें कटोरे में गुलाल के रंग मिलाकर रखें थे । अंकल ने प्यार से मम्मी को रंग लगाया।
मम्मी ने कहा: नहीं, बाहर जाऊंगी तो कोई देख लेगा।
अंकल ने कहा: वो बाद में देख लेंगे।
अंकल ने जमकर मम्मी को रंग लगाया और मस्ती में मम्मी के कमर पर भी रंग लगा दिया। फिर अंकल ने कहा- में ही लगता रहूंगा क्या?
फिर मम्मी ने भी अंकल को कलर लगाया और जैसे ही मम्मी ने कलर लगाया, अंकल ने पास में आके मम्मी के टांग अड़ा दी, जिसे मम्मी का बैलेंस बिगड़ गया और पल्लू हट गया।
मम्मी के सुनहरे चूची के अंकल को दर्शन हो गए और अंकल के पजामे में उसका असर नज़र आने लगा। मम्मी ने फिर भी पल्लू सही नहीं किया और पहले अंकल को कलर लगाया।
अंकल ने भी मजे से कलर लगवाया और फिर पीछे से जग लेकर मम्मी पर पानी वाला रंग डाल दिया। इसे मम्मी को एक-दम गुस्सा आया और उन्हें भी अंकल का हाथ मोड़ के पानी वाला रंग डाल दिया। अब दोनों मस्ती के मूड में।
अंकल ने मम्मी को खींचा और ज़ोर से चुंबन किया। दोनों के चुंबन से उम्म.. उम्म.. आवाज आ रही थी। मम्मी ने अंकल को धक्का दिया और वो एक-दम होश में आ गई। फिर उन्हें पल्लू सही किया और महसूस किया, कि ये क्या हुआ था। अंकल ने मम्मी को पास किया और नीचे बैठ के प्रपोज किया- पंखुरी भाभी, पंखुरी.. मैं सच में सच्चा प्यार करता हूं तुमसे और ऐसा बिल्कुल नहीं चाहता हूं, कि तुम किसी को धोखा दो। तुम बस मेरे साथ रहो, मुझे वही चाहिए।
और मम्मी ने उनका प्रपोजल स्वीकार करते हुए कहा: ठीक है रोहित जी।
अंकल उठे और उन्हें मम्मी को कमर से पकड़ा और पास में लेके फिर से चुंबन करने लगे। इस बार मम्मी ने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर बाद पीछे हट के कहा- अब जाऊं मैं ? खेल ली होली?
अंकल : भाभी अभी कहा ? अभी तो बहुत कुछ...
मम्मी : रोहित जी नहीं.
अंकल : प्लीज़ भाभी.
और अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और कहा: खेलो ना।
मम्मी को जोश आया और उनके पीछे से पूरा एक जग अंकल पे डाल दिया और हंसने लगी-
मम्मी: हेहेहेहे.
अंकल : अच्छा, मौके पर चौका?
और अंकल ने अपना कुर्ता उतार दिया और बोले : आपने तो पूरा गीला कर दिया मुझे।
मम्मी शरमाने लगी और अंकल को ऐसे देख कर उनके गाल लाल हो चुके थे।
मम्मी ने कहा: ये क्या, आपने तो कुर्ता ही उतार दिया। होली ही तो खेल रहे हैं.
अंकल ने फिर से कलर लिया और इस बार जान-बूझ के मम्मी का पल्लू हटा कर उनके कंधे पर और ब्लाउज को साइड करके खूब कलर लगाया।
मम्मी : रोहित जी...
अंकल ने मम्मी की एक ना सुनी और ब्लाउज साइड में करके ही कलर लगाया। मम्मी ने भी अंकल हो धक्का देके पूरा कलर उनका गिरा दिया और कहा- अब ख़तम हो गया कलर. अब मैं जाउ?
अंकल ने मम्मी को खींच कर फिर चुंबन किया और कहा-
जाने का नाम भी मत लो पंखुरी . अभी तो आई हो 15 मिनट पहले। प्यार भी नहीं करने देती मेरी जान.
मम्मी : रोहित जी, मैं तो बर्तन लेने आई थी और आप यहां..
अंकल ने मम्मी को पास खींचा और माथे पर चुंबन करके कहा: पंखुरी आई लव यू..
फ़िर अंकल ने पूछा: क्या तुम मुझसे प्यार करती हो पंखुरी ?
मम्मी ने कहा: आप भी ना .
अंकल ने बस खुश होके मम्मी को उठाया और बेडरूम में बिस्तर पर लेटा दिया।
पहले की मम्मी कुछ रिएक्ट करती थी, मम्मी को चुंबन करना शुरू कर दिया और सच कहूं तो उस वक्त उनकी आंखों में आंसू थे।
अंकल : सच में मैं आपसे प्यार करता हूं। मैं आप से प्यार करती हूं पंखुरी जी।
मम्मी ने कुछ नहीं कहा
फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी को नीचे करके नाभि पे चुंबन किया और मम्मी के मुँह से आह.. निकल गई। अंकल और भी जोश में आ गए और मम्मी की साड़ी को नीचे कर दिया। मम्मी ने उन्हें रोके हुए कहा- रोहित जी, नहीं...
अंकल मम्मी के ऊपर आये और उनको चुंबन करते हुए उनके चूची दबाने लगे। फ़िर अंकल बोले- मैंने खीर तो खाली , पर आज मैं आपका मीठा दूध पीना चाहता हूँ।
आप सच में बहुत-बहुत खूबसूरत हैं। आपकी सेक्सी अदाओ पे मैं फिदा हूं। मुझे बहुत औरतें, भाभी और लड़कियां दिखीं, पर आपका नेचर बहुत अलग है।
मम्मी अपनी तारीफ सुनने लगी और कहा- आप भी ना, कुछ भी बोल रहे हैं।
फिर अंकल ने मम्मी के ब्लाउज को खोला और ब्रा भी खोल दी। अब मम्मी भी तैयार थी. मम्मी को आख़िरकार अंकल से प्यार हो ही गया। ( आप जानते ही हैं, इमोशनल प्यार और हवस का मेल हो ही जाता है। )
अंकल ने बहुत सॉफ्ट आवाज में कहा: आज मुझे स्वर्ग मिला है।
ये सुन कर मम्मी ने अपनी आंखें नीचे कर ली। अंकल ने मम्मी के दोनो चूचियों को दबाया और चूसा। अब अंकल के लंड का तंबू बन चूका था और इसका एहसास मम्मी को भी हो रहा था और मम्मी भी अब गरम हो ही चुकी थी।
आह.. उह.. की आवाज़ से अंकल और गरम हो गए और मम्मी की साड़ी निकाल दी। मम्मी ऊपर से नंगी और पेटीकोट में एक दम बम लग रही थी।
मम्मी ने भी अंकल से बोल - मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ. प्लीज मुझे छोड़ दो , इससे आगे मत बढ़िएगा। मैं अपने पति और बच्चों को दुखी नहीं देख सकती।
अंकल ने कहा: मैं आपके घर पर कभी कोई आंच नहीं आने दूंगा। मैं सिर्फ आपसे प्यार ही करना चाहता हूं।
अंकल ने फिर मम्मी का पेटीकोट भी हटा दिया और वो अभी भी उनके चूची से खेल रहे थे और मम्मी को गुदगुदी कर रहे थे। मम्मी आह.. आह.. सिसकियाँ ले रही थी.
अंकल मम्मी की सेक्सी आहें सुनकर पागल हो गए। फिर उन्हें जल्दी से मम्मी की पैंटी हटा दी। पैंटी हटाते मम्मी की क्लीन-शेव्ड चूत अंकल के सामने आ गई और उन्होंने तुरंत अपनी जुबान मम्मी की चूत में लगा दी।
फ़िर अंकल ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की चूत को चाटने लग गये। मम्मी भी पागल हो रही थी और आअहह.. आअहह… उम्म.. आअहह.. की आवाज कर रही थी। मम्मी अंकल का सर अपनी चूत में दबाये जा रही थी।
फ़िर अंकल एक हाथ से मम्मी के चूची दबा रहे थे और एक हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहे थे। मम्मी मस्त आहें भर रही थी और अंकल को भी बहुत मजा आ रहा था । अंकल का लंड खंभे की तरह खड़ा था और मम्मी सिसकियाँ लेते हुए झड़ गयी। मम्मी के चेहरे पर सुकून साफ दिख रहा था।
अंकल ने मम्मी के चुचियों चूस-चूस के लाल कर दिया और फिर उन्हें कहा- आई लव यू मेरी रानी.
मम्मी भी शर्म रही थी. फ़िर अंकल ने अपना पजामा उतारा और अपना लंड बाहर निकाल कर मम्मी की चूत के मुँह पर सेट कर लिया। मम्मी ने उनका लंड देख के कहा- ओह! इतना बड़ा. और मम्मी हंस पड़ी. अब मम्मी भी अंकल का साथ दे रही थी। इतने उमर होने के बाद भी अंकल ने मम्मी में जोश ला दिया था। मम्मी की आवाज़ पूरे कमरे में गुंज रही थी।
मम्मी : आआहह.. रोहित जी आआहह..
अंकल : आअहह.. पंखुरी आअहह..
ऐसे ही दोनो अब एक-दूसरे को नाम से बुला रहे थे। अंकल ने लंड चूत के अंदर डाल दिया और मम्मी चिल्लाई-
आअहह.. आराम से करो.
अब मम्मी के मुँह पर हल्का सा डर भी दिख रहा था। अंकल ने जब मम्मी के चहरे पर डर देखा तो अपना लंड मम्मी की चूत से निकल लिया और मम्मी से पूछा- भाभी क्या हुआ?
मम्मी ने कहा: रोहित जी, अगर किसी को भी इसका पता चला, तो हम सब बर्बाद हो जायेंगे।
अंकल ने मम्मी की बात को रोककर कहा: आपको भरोसा है मुझ पर?
मम्मी ने कहा: हां हां .
फिर अंकल ने मम्मी को चुंबन दिया और लंड फिर से चूत के अंदर डाल दिया। फ़िर मम्मी आआ.. आआहह.. करने लगी. अंकल ने ज़ोर से धक्का और मम्मी हर धक्के के साथ ओह्ह.. आह.. करके मजे ले रही थी। मम्मी के चुचियों हिल रहे थे और उनकी सांसें तेज़ थीं। फच फच की आवाज आ रही थी.
मम्मी : आआह.. आराम से.
अंकल ज़ोर-ज़ोर से चोद रहे थे और बार-बार 'आई लव यू' बोल रहे थे। कुछ मिनट की दमदार चुदाई के बाद, अंकल ने अपना गरम पानी मम्मी की चूत के बाहर निकाल दिया और दोनों अब नंगे बिस्तर पर पड़े थे। वो एकदम पति-पत्नी की तरह लेते थे और अंकल मम्मी के चूची से खेलते हुए पूछ रहे थे-
अंकल : पंखुरी , तुम खुश हो ना?
मम्मी ने कहा: हां , पर मेरे को डर भी है।
अंकल ने कहा: डरो मत जान.
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cgrcu
अब धमाकेदार चुदाई के बाद मम्मी भी अब अंकल को प्यार कर रही थी और दोनों काफी खुश थे। फिर एक दम से मम्मी का ध्यान घड़ी पर पड़ा और उससे यहां आये हुऐ एक घंटा हो गया। उनको लगा कि कहीं नयन सोके उठ तो नहीं गया होगा वह एकदम से उठी और अंकल से कही -
मम्मी: बहुत टाइम हो गया. अब मैं जाती हूं रोहित जी।
अंकल ने भी मम्मी को रुमाल से साफ किया और फिर चुंबन किया और बोले- अच्छा ठीक है.
और एक लव बाइट भी दिया अंकल ने मम्मी को फिर जाने दिया। मम्मी उठी, उन्हें कपड़े पहने और घर वापस आ गई। आज मम्मी बहुत खुश थी और मम्मी का चेहरा खिल गया था। पर उनको थोड़ा डर भी था ।
तो आप सबको पता ही है, वह दोनों कितने खुश थे। फिर एक मैं अपने छत पर था तभी मेरे घर के सामने एक कार रूकी उससे फुफा जी और बुआ उतरे वह दोनों वापस आ गये थे। अब मम्मी और अंकल को वापस मिलने का मौका नहीं मिला रहा था ।
एक दिन अंकल बालकनी में खड़े थे और मम्मी कपड़े बाहर सुखा रही थी। मम्मी काफ़ी सेक्सी भी लग रही थी। जब भी मम्मी बाल्टी से कपड़े निकलती थीं, तो उनके चूची दिख जाते थे इस दृश्य से किसी का भी लंड खड़ा कर सकता था।
अंकल मम्मी को देखकर बहुत खुश थे और शरमा रहे थे। फ़िर अंकल ने वही से मम्मी को 'हाय' का इशारा किया।
पहली बार में मम्मी ने शायद उनको देखा नहीं।
अंकल ने फिर से 'हाय' का इशारा किया और इस बार मम्मी ने अंकल को देख लिया। फिर मम्मी ने मुस्कुराते हुए 'हाय' वापस कर दिया और अंदर आ गई। कुछ दिनों में बुआ और फुफा जी भी अपना घर वापस चले गई और पापा भी काम में व्यस्त हो गए।
तब जाके अंकल को फिर मम्मी के साथ टाइम बिता का मौका मिला। एक बार अंकल घर आये चाय पीने और मम्मी से बहुत सारी बातें। उन्होंने मम्मी को बताया, इन दिनों बाद उन्होंने क्या-क्या किया। मम्मी ने भी अंकल को सब बताया और बहुत सारी बातें कीं। अंकल थोड़े मायूस लग रहे थे.
फ़िर मम्मी ने अंकल को पूछा: क्या हुआ? आज आप खुश नहीं लग रहे?
अंकल : मुझे सच में मेरी बीवी की कमी महसूस हो रही है। अब मेरे पास सिर्फ आपका प्यार ही बचा है। इतने दिनों से आप भी नहीं मिली, तो मैं आपको बहुत मिस कर रहा था।
ये बात कहकर अंकल ने मम्मी के हाथ पर चुंबन क्या और चले गए। फिर अगले दिन अंकल ने मम्मी को व्हाटअप पर मैसेज किया-
अंकल: कैसी हो पंखुरी भाभी, मेरी जान आई लव यू.
मम्मी ने कहा: ठीक हूं मैं .
अंकल : मेरी जान मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है. बहुत ज़्यादा मिस कर रहा हूँ मैं आपको।
मम्मी ने कहा: अच्छा जी? ऐसा क्यू?
अंकल: क्या आप ने अपने प्यार को और अपने पार्टनर को मिस नहीं किया ?
मम्मी: नहीं , पर पूनम आई हुई थी और मैं भी बिजी थी। बोलो क्या हुआ?
अंकल: कुछ नहीं, अकेला हूं, तो कोई चाहिए था.
मम्मी ने कहा: हम बात तो कर ही रहे हैं ना।
अंकल: अरे सिर्फ बात नहीं, प्यार भी करना है।
और ये कहकर, अंकल ने हंसने वाले इमोजी भेज दिए।
मम्मी : हां हां , वही करना है । नहीं ?
अंकल : अरे यार भाभी, क्या अब प्यार भी ना करू?
मम्मी: रोहित जी, आपको तो पता ही है, सब आये थे और मैं किसी के सामने कुछ गलत नहीं करना चाहती।
अंकल: हां , तभी तो मैंने आपको परेशान नहीं किया.
मम्मी : हां.
अंकल : अब बताओ भाई साहब कहां हैं और कब मिलेंगे हम?
मम्मी: वो अपने बिजनेस में बिजी है, आप ही बताओ।
अंकल: ठीक है बताता हू।
उसके बाद उन्हें मम्मी के लिए एक मस्त गुलाबी सूट और कुछ आभूषण और सौंदर्य का समान ख़रीदा ।
फ़िर अंकल ने मम्मी को व्हाटअप पर मैसेज किया : भाभी जी, ज़रा खीर चखाने आओगी ? और हंसने वाले बहुत सारे इमोजी भेज दिए।
मम्मी: आप भी ना, एक दम से क्या हुआ?
अंकल: एक दम से क्या? मुझे तुमसे प्यार है। मेरे को आपको प्यार करना है जी, तो आपके लिए सरप्राइज़ है।
मम्मी सरप्राइज़ पढ़कर खुश हो गई और कहा: क्या सरप्राइज़ है?
अंकल: पहले यहां आओ, फिर बताऊंगा .
फिर मम्मी ने अगले दिन खीर बनाई और खीर लेके अंकल के घर गई। उस दिन बहुत गर्मी थी तो मम्मी अंकल के घर आराम से चली गई। वह जाके मम्मी ने बेल बजाई, पर कोई दरवाज़ा खोलने नहीं आया।
मम्मी ने फिर से बेल बजाई।
फ़िर अंकल आये और उनका दरवाज़ा खोला। अंकल पायजामा और टी-शर्ट में थे।
अंकल ने मम्मी को देख के कहा: ओह! पंखुरी भाभी. आओ आओ, खीर लाओ प्यारी भाभी। आप कितने ज्यादा सुंदर हो यार. पता नहीं कैसे इतनी सुंदर हो जाती हो।
मम्मी : ऐसा कुछ नहीं है और आपके आस-पास रहने वाली औरतें मुझसे भी कहीं ज्यादा सुंदर हैं।
अंकल: आप उस सभी से ज्यादा सुन्दर हो , आप उस सभी से बहुत अच्छी हैं, मेरी सेक्सी पड़ोसन ।
फ़िर मम्मी अंदर आ गयी और कहां : लो खा लो अपनी पसंद की खीर।
अंकल: आप मुझे यह तक देने आई हो , तो आप ही मुझे खिला दो ?
मम्मी: नहीं-नहीं.और मम्मी हंसने लग गई.
अंकल ने मम्मी के हाथ से कटोरा ले लिया और बैठकर खीर खाने लगे।
अंकल ने मम्मी को भी खीर खिलाई। मम्मी ने पहले-पहले माना कर दिया , फिर अंकल ने बार-बार कहा, तो मम्मी ने खीर खा ली। अंकल ने अपने हाथों से मम्मी को खीर खिलाई । जब मम्मी खीर खा रही थी तो थोड़ी सी खीर मम्मी के होठों से बाहर आ गई और नीचे की तरफ बहने लगी। अंकल ने मौके पर चौका मार दिया और फट से मम्मी को खींचा और खीर चाट ली। अंकल के अचानक ऐसा करने से, मम्मी को शॉक लगा और वो शर्माई ।
फ़िर मम्मी बोली: इतनी सारी खीर है, तो वो खाओ ना।
और मम्मी नखरे दिखाने लगी. अंकल ने सारी खीर खा ली और कहा-
अंकल : सरप्राइज़ का याद नहीं आपको?
मम्मी: याद है, अब बताओ भी क्या है?
अंकल फिर अंदर गए और अलमारी में से एक प्लास्टिक बैग लाए। बैग मम्मी को दे दिया । मम्मी ने बैग में देखा और देख के शॉक हो गई।
मम्मी बोली: ये क्या? आप ये सब क्यों लाए हैं?
अंकल: आपके लिए लाया हूँ.
मम्मी थोड़ा उदास हो गई और बोला: नहीं यार, में आपसे यह सब नहीं ले सकती और नयन के पापा को पता लगा तो मैं उसे किया जबाव दुंगी ।
अंकल: क्या ? फिर अंकल गुस्से से बोले क्या बोल रही हो आप? आप मेरा प्यार हो. मैं आपसे सच में प्यार करता हूं और ये सब सिर्फ इसलिए है, क्योंकि मुझे आप को इस कपड़ों में देखना है और इन्हीं कपड़े में प्यार करना है। ऐसा नहीं है, कि मैं आपको ये सब देकर आप पर कोई एहसान कर रहा हूं ।
मम्मी , अंकल का गुस्सा देखकर डर गई और सहम गई। उनकी आंखों में आंसू आ गए और मम्मी ने अंकल को कहा-
रोहित मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ. पर एक औरत को सबसे ज़्यादा डर रहता है।
रोहित : मैं भी डरता हूं रेखा भाभी, पर मैं प्यार का इज़हार करने से नहीं डरता और मैं यह सब किसके लिए कर रहा हूं। अपने प्यार के लिए ही तो कर रहा हूँ।
मम्मी ने फिर बैग लिया और कहा: तुम्हारे कमरे में जाके पहन लू?
अंकल: वो आपका रूम नहीं है क्या ?
और अगर कमरे में नहीं, तो यहीं पहन लो। अगर आप चाहों तो मैं पहना देता हूं। ये कहते हुए, अंकल हंसने लगे और मम्मी शरमाने लगे।
मम्मी: नहीं-नहीं, में पहन कर आ जाती हूं.
फिर मम्मी रूम में चली गयी और चेंज करके आ गयी। मम्मी गुलाबी सूट में बहुत गजब की लग रही थी और क्योंकि अंकल को मम्मी का साइज बिल्कुल पता नहीं था, सलवार थोड़ी सी टाइट थी। मम्मी की गांड एक-दम शेप पर दिख रही थी और मम्मी बहुत ही कयामत लग रही थी।
फ़िर मम्मी आते ही अंकल को गुस्से भरी, टेढ़ी नजरों से देख रही थी। अंकल थोड़े हंसे और कहा-
अंकल : क्या हुआ जान? क्या सेक्सी सूट के साथ सारा मैचिंग समान है। ये सूट पहन कर तुम पायल से भी कई गुना ज्यादा अच्छी लग रही हो।
मम्मी फिर भी गुस्से से देख रही थी, पर शर्म भी रही थी।
अंकल: क्या हुआ यार, ऐसे क्यों देख रही हो?
मम्मी (नखरे दिखा कर बोली): अरे, ये सेम-सेम अंडरगारमेंट्स भी ले आये हो। मैं ऐसे कपडे नहीं पहनती. पता नहीं क्या सुरूर है आपको, मुझे इन कपड़ो में देखने का।
अंकल जोर से हंसे और कहा: मुझे इनको उतारने में बहुत मजा आता है।
मम्मी: बस उतारते ही रहना मेरे कपडे.
और मम्मी गुस्सा होके बैठ गयी. फिर अंकल उठे और अपने फोन पर रोमांटिक गाना लगा दिया। अब अंकल ने मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और डांस करने लगे। मम्मी अभी भी नखरे कर रही थी.
फिर अंकल ने खुद ही फोर्स लगाकर डांस किया मम्मी के साथ। मम्मी ने भी फिर उनका साथ दे ही दिया और मान गई ।
फ़िर अंकल मम्मी को बहुत ज़ोर से चुंबन करने लगे और पास होकर बोले-
अंकल: सच में, आप बिल्कुल कयामत हो।
मम्मी शरमाने लगी और बोली: धन्यवाद इस सब के लिए है।
अंकल ने फिर कहा: अब तो प्यार करने दो और मम्मी के चुचियों को दबा दिया ।
मम्मी : हाय.. माँ, रोहित जी.
अंकल : क्या हुआ मेरी रानी?
मम्मी बोली: राजा जी कुछ नहीं.
और मम्मी हंसने लगी. फिर अंकल ने मम्मी को चुंबन किया और दोनों बहुत मन से चुंबन कर रहे थे। पूरे कमरे में आवाज़ आ रही थी उम्म उम्म की। अंकल आगे से मम्मी के चुचियों और पीछे से गांड के मजे ले रहे थे।
अब मम्मी और अंकल दोनों बहुत गरम हो चुके हैं। फिर अंकल ने मम्मी को सब जगह चुंबन किया और सूट उतारने लगे।
मम्मी नाटक करने लगी और हंसने लगी।
पर अंकल भी कहा मान-ने वाले थे। वो बस मजे ले रहे थे और उन्हें पूरा सूट उतार दिया।
मुझे अब समझ आया, कि अंकल ने मम्मी को गुलाबी डोरी वाली ब्रा और चड्ढी दी थी। उसमें मम्मी के आधे चूची और आधी गांड बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। अंकल का लंड पजामे के अंदर ही खड़ा हो गया था और अंकल बाहर से ही अपने लंड को सहला रहे थे और कह रहे थे-
अंकल: बेटा आज तो मजा आ जाएगा.
मम्मी हंसने लगी और अंकल के लंड को प्यार से इधर-उधर करने लगी। अंकल बहुत खुश थे और उन्हें अपने भी कपड़े उतारे और मम्मी को प्यार करने लगे। वो मम्मी की गर्दन पे और सीने पर चूमने लगे।
फिर उन्हें डोरी खोली और खुश होके बोले: इसीलिये तो ये लाया था मैं ।
मम्मी हंसी और बोली: हा हा, बिकुल पागल हो तुम।
रोहित अंकल ने मम्मी को जोश दिलाया और अंकल मम्मी का चूची चूस के दूध पीने की कोशिश करने लगे और ज़ोर-ज़ोर से मम्मी के चूची को दबाते जा रहे थे और मगर दूध निकले का नाम ही नहीं ले रहा था
उधर मम्मी बोली: आआअहह रोहित जी.
मम्मी के निपल एकदम टाइट हो गये थे और अंकल एक-एक मोटे-मोटे चूचों को मुँह में लेके मजे ले रहे थे। मम्मी अपनी उंगली मुंह में ले रही थी और अंकल और मम्मी दोनों मजे से सिसकियाँ ले रहे थे।
अंकल: पंखुरी ओह्ह, तुम कमाल की हो.
पंखुरी : रोहित जी, क्या कर रहे हो आअह..
फ़िर अंकल नीचे आये और चड्ढी की डोरी हटाते ही उनके सामने मम्मी की चूत आ गयी। क्या बताऊ, कि मम्मी की चूत क्या कमाल की लग रही थी। फ़िर अंकल प्यार से मम्मी की चूत चाट रहे थे और मम्मी गरम हो रही थी।
अंकल मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे और चूत को चाट रहे थे बहुत और मम्मी उनका सर अपनी चूत में दबा रही थी।
मम्मी- आआह.... रोहित जी, ओह्ह.... ओह्ह... मेरे राजा आह.. सच मुझे बहुत मजा आ रहा है आह... आह.... आह...
और मम्मी का पानी निकल गया। फिर अंकल ने भी अपना लंड निकाला और
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(05-10-2025, 12:31 AM)Missing Wrote: Bhai hinenglish me likh
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अंकल ने अपना लंड निकाला और सीधे मम्मी की चूत में डाल दिया। मम्मी बोली - आअहह.....राजा जी.
अंकल बोले: रानी आपकी चूत में तो सच में नशा है. आप इतनी कयामत कैसी हो? काश मैं आपका पति होता और अगर ऐसा होता, तो हमारे कम से कम 5 बच्चे होते अब तक।
मम्मी ये सुन कर शर्म गई और हंसने लग गई। फ़िर अंकल ने अपना लंड आराम से मम्मी की चूत में डाल दिया और धक्के देने लगे। मम्मी भी उछल रही थी और उछलने की वजह से मम्मी के चूची तो मानो जन्नत के जैसे उछल रहे थे।
मम्मी : आआहह.. रोहित जी आआह..
रोहित अंकल : आआआह.... पंखुरी मेरी जान क्या मजा है तुम्हारी चूत का.
ये बोलते हुए अंकल मम्मी के चूची दबा रहे थे। दोनों चुदाई का पूरा मजा ले रहे थे.
मम्मी : रोहित जी आआअहह…ओहह..
और अंकल ने अपने झटके तेज़ कर दिये।
अंकल : आअहह..... पंखुरीआआहह..... कम ऑन पंखुरी .
पंखुरी : हां हां नकुल जी आअह..
और ये करते हुए मम्मी पूरे मजे ले रही थी। मम्मी और अंकल एक दूसरे को सच में प्यार करने लगे और अपने-अपने जिस्म को मजा दे रहे थे। फ़िर अंकल और मम्मी दोनो झड़ गये। झाड़ने के बाद अंकल ने मम्मी को चुंबन किया और कहा- कैसा लगा मेरी जान?
मम्मी बोली: मुझे बहुत अच्छा लगा मेरे राजा जी.
अंकल बहुत खुश लग रहे थे और उनकी खुशी उनकी आंखों में साफ नजर आ रही थी। फिर मम्मी ने अंकल से कहा-
मम्मी: में जाऊं अब रोहित जी?
अंकल मायूस होके बोले: थोड़ी देर और रुक जाओ।
मम्मी ने कहा: नहीं, घर पर सिर्फ नयन ही है और फिर शाम को सब बाहर आ जायेंगे।
और मम्मी घर वापस आ गयी। मम्मी आज बहुत खुश लग रही थी और उनका डर भी पहले से कम हो गया था। फिर ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और अंकल बार-बार मम्मी की चाय पीने आते थे।
तीन दिन बाद अंकल घर आए और उन्होंने बेल बजाई। मम्मी दरवाज़े पर गयी और उन्होंने दरवाज़ा खोला।
मम्मी ने अंकल को देखा और बोली: रोहित जी आप? एक-दम से कैसे?
अंकल ने दरवाजे पर खड़े हुए ही मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और चूमते हुए बोले-
अंकल: अपनी रानी के पास आया हूँ.
मम्मी डर गई और उन्होंने अंकल को धक्का देते हुए कहा-
मम्मी: रोहित जी यहाँ नहीं. यह आपने सही नहीं किया.
यह बोलकर मम्मी अंदर आ गयी. अंकल भी मम्मी के पीछे-पीछे अंदर आ गए और अंकल ने मम्मी को पीछे से गले लगा कर बोला-
अंकल : सॉरी मेरी जान.
फिर मम्मी ने अंकल को बैठने के लिए कहा और पूछा-
मम्मी: क्या हुआ? आज यहाँ कैसे आये?
अंकल ने कहा: आपको देखने का मन था, इसलिए आपको मिलने चला आया।
मम्मी ने कहा: ठीक है.
अंकल मम्मी का गुस्सा देखकर डर गए और मम्मी को सॉरी बोला। तभी वापस से बेल बजाई और मम्मी देखने गई तो बाहर पापा आए थे। पापा अंदर आये और अंकल को वहां बैठा देखकर शॉक हो गये।
फिर पापा बोले: आप यहां कैसे?
अंकल ने दुखी सी शकल बना ली और बोले-
अंकल: कुछ नहीं भाई साहब, बस भाभी से कुछ पूछने आया था रसोई के बारे में। अकेला हूं ना, तो सारा काम खुद ही करना पड़ता है।
पापा ने कहा: अच्छा बढ़िया है.
फिर पापा भी अंकल के साथ बैठ गए और वो दोनों बिजनेस की कुछ बातें करने लग गए। अंकल ने चाय पी और पापा से बात करके चले गए। अब अंकल और पापा के बीच बिजनेस के सिलसिले में बातें होती रहती थीं।
फ़िर अंकल के यहां किसी की शादी थी, तो उन्हें आस-पास के सारे घरो में निमंत्रण कार्ड दिया। अंकल हमारे घर भी शादी का कार्ड देने आये और हमारे पूरे परिवार के साथ शादी में शामिल होने को बोले।
पापा उस वक्त घर पर ही थे और उन्होंने अंकल से कार्ड रिसीव किया। फ़िर अंकल कार्ड देकर चले गए। जाते हुए अंकल ने मम्मी को कहा-
अंकल: भाभी पूरे परिवार के साथ आइएगा।
पापा अपने काम में काफी बिजी थे तो उन्होंने मम्मी को कहा- मुझे काम बहुत है, तो मैं नहीं जा पाऊंगा। और इस तरह से शादी पर जाने का प्लान कैंसिल हो गया। मम्मी का भी मन था शादी पर जाने का। फिर मम्मी को पता चला, खुशबू आंटी की फैमिली और एक और फैमिली भी जा रही थी वाहा। मम्मी ने ये सब पापा को बताकर पापा से जाने की परमिशन मांगी । फिर पापा ने कहा- चलो ठीक है, तुम और नयन चले जाओ।
मम्मी ने जाने की पैकिंग और पार्लर के लिए निकल गई । मम्मी पार्लर से अच्छे से रेडी हो के आई । सब लोगो ने अपनी-अपनी तैयारी कर ली थी। फिर हम टैक्सी करके शादी में गए और वहां जाके बहुत मजे किये ।
अंकल वहा पहले से मौजूद थे . उन्होंने वह आये सभी मेहमानों के लिए रूम का व्यवस्था थी और हमें भी एक रूम दिया गया । हम दोनों को काफी अच्छा रूम मिला था और फिर हम रूम में चले गए । आज शादी का प्रोगाम था और सब लोग बड़े अच्छे से तैयार हुए थे।
मम्मी ने डार्क ब्लू कलर की साड़ी और उसके साथ मैचिंग ज्वेलरी और ब्लाउस पहनी थी। आंटी भी अच्छे से तैयार हुई थी. अब सब लोग कमरे से बाहर ग्राउंड फ्लोर आ गये थे. सब औरतें वहां पर सेक्सी लग रही थी।
फिर अंकल ने जैसा ही हमको देखा, तो वो खुश हो गए। उन्होंने हमें अपने पास बुलाया और फिर सबसे मिलवाया भी। अंकल ने सारे मेहमानों के बारे में मुझे बताया भी। फिर अंकल ने मम्मी को साइड में ले जाकर कहा-
अंकल: भाभी मेरा तो मन कर रहा है, कि आपसे यहीं शादी कर लू और सुहागरात मन लू।
मम्मी हंसी और बोली: यहां बहुत सी लेडीज आई हैं, आप यहीं पर किसी से शादी कर लो।
अंकल ने मम्मी को कहा: अब आपसे प्यार कर लिया है अब और किसी पे मुँह कैसे मार सकता हूँ।
और ये बोल कर अंकल चले गये। उसके बाद हमने सबका डांस देखा और काफी एन्जॉय किया। फिर हमने खाना खाया और अपने कमरे में आ गये। वहां पर मेरे अलावा काफी बच्चे थे और मैं उन बच्चों के साथ खेलने चला गया।
मुझे क्या पता था, कि अंकल मेरी मम्मी के साथ अंदर खेलेंगे। अंकल ने मम्मी से पूछा- भाभी किसी सामान की कमी तो नहीं है ना?
मम्मी बोली: नहीं, कोई कमी नहीं है.
अंकल: अच्छा ये नयन कहा है?
मम्मी ने कहा: वो तो बाहर चला गया है।
अंकल तो ये सुनकर जैसे पागल हो गए। और कहीं से भागे भागे मेरे कमरे में चले आये और आते ही उन्होंने मम्मी को पुश करके दीवार के साथ सटा दिया और चूमने लगे। अंकल मम्मी के होंठ चूस-चूस कर उनकी साड़ी लिपस्टिक खा गए। फ़िर अंकल मम्मी के चूची दबाने लगे।
मम्मी को भी मजा आ रहा था, लेकिन उनको डर भी था। मम्मी ने अंकल को धक्का दिया और कहा-
मम्मी: ये आप क्या कर रहे हैं? यहां सब लोग है.
फ़िर अंकल बोले: आज आप बहुत सुंदर लग रही हैं। आई एम सॉरी, मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा हूं। आप अगली बार जब खीर लेके आओगी, तो ऐसे ही तैयार होके आना।
और ये कहकर अंकल हंसने लग गए। फिर मम्मी ने उनकी छाती पर मारा और बोली-
मम्मी: हा हा मेरे राजा, अभी आप जाओ।
फिर अंकल चले गए. फिर हम भी घर आ गये और सब सामान्य ही चल रहा था। मम्मी ने अंकल को फोन पर 'थैंक यू' बोला, शादी पर इनवाइट करने के लिए और शॉपिंग करवाने के लिए।
अंकल ने कहा: आपको तो वहां आना ही था। अच्छा हुआ आप आये और मुझे एक सेक्सी औरत से और ज्यादा प्यार हो गया।
मम्मी ने कहा: किसे प्यार हो गया?
फिर अंकल बोले: एक पंखुरी रानी.
मम्मी ने हंसने वाले इमोजी भेजे और कहा: हां हां।
फ़िर अंकल ने मम्मी से कहा: जब अगली बार मिलने आओगी, तो शादी जैसे ही तैयार होके आना।
मम्मी ने कहा: ये कैसे संभव है?
फिर मम्मी ने बातों-बातों में कहा, सोमवार को उनका व्रत है और उस दिन वो लाल साड़ी पहनने वाली है। उन्हें कहा, कि मैं उसी दिन तैयार हो जाऊंगी। अंकल ये सुनकर बहुत खुश हो गए और मम्मी से कहा-
अंकल : हां भाभी, प्लीज़ आना. मैं भी काम से जल्दी फ्री हो जाऊंगा।
मैंने जब मम्मी और अंकल से चैट पढ़ी, तो मैं बहुत एक्साइटेड हो गया , कि अब मम्मी अंकल के पास तैयार हो जाएंगी। मैं सोच रहा था कि कैसा माहौल होगा ।
मेरे मन में भी सवाल था. फिर पापा के जाने के बाद, मम्मी नॉर्मल अपना काम करने लग गईं। फिर सोमवार को मम्मी का व्रत था, तो वो सब काम निपटाकर तैयार हो गई और पूजा करने लगी।
थोड़ी देर बाद अंकल का मैसेज आया: भाभी दिखा नहीं रही हो , कैसी लग रही हो। बालकनी में आओ ना.
पहले तो मम्मी ने नखरे दिखाए और फिर मम्मी बालकनी में आ गई। इतने उमर होने के बाद भी, मम्मी ने लाल साड़ी चुनरी वाली, हाथों में चूड़ियाँ और जोड़ी में पायल पहने हुए थे। मम्मी सच में कमाल की लग रही थी।
फिर जैसे ही अंकल ने मम्मी को देखा, तो वो बहुत खुश हो गए और वही से मम्मी को चुम्मा देने लगे। मम्मी ये देखकर शर्म गई और जल्दबाजी में अंदर आ गई। फिर अंकल ने अपना मैसेज लिखा-
अंकल: भाभी आपको देखकर तो लगता ही नहीं, आप इतने बड़े बच्चों की मम्मी हो।
फ़िर मम्मी बोली: तो कितने बच्चों की मम्मी लगती है?
अंकल हंस और बोले: मतलब 35-36 साल की हॉट लेडी लगती हो।
मम्मी भी ये सुनके हंस पड़ी और बोली: आप भी ना, कुछ भी कहते हो।
फिर अंकल ने दुख वाला इमोजी भेजा और कहा: काश मेरी भी पत्नी मेरे लिए व्रत रखती और ये सब कुछ करती।
फिर मम्मी ने 'हम्म' करके रिप्लाई किया। अंकल फिर से उदास व्यवहार करने लगे। फिर मम्मी ने कहा-
मम्मी: आज मैंने आपके लिए भी विश की थी. बस ख़ुश?
फिर अंकल ने कहा: आपने तो भाईसाहब के लिए विश की होगी। ऐसे दो-दो के लिए थोड़ी ना इच्छा पूरी होती है।
फिर ये सुनने के बाद, मम्मी ने वो बात बोल ही दी, जिसका अंकल को कब से इंतज़ार था।
मम्मी: अरे अब तो मैं आपसे भी प्यार करती हूं और जिसे प्यार करते हैं उसके लिए विश कर ही सकते हैं। बस? अब तो खुश हो जाओ.
फिर अंकल खुश हो गए और मम्मी को धन्यवाद बोला। फिर अंकल ने पूछा-
अंकल : अब कब आ रही हो?
इस पर मम्मी ने कहा: देखती हूं.
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फिर वो हुआ, जिसका अभी तक किसी को भी अंदाज़ा नहीं था। पापा घर आये और उन्होंने मम्मी से कहा-
पापा: मेरे को कोई ज़मीन के केस के लिए गाँव जाना होगा।
मम्मी ने कहा: ठीक है, हम भी चलेंगे आपके साथ?
पापा ने कहा: नहीं, सिर्फ मैं जा रहा हूँ। सब जायेंगे-आयेंगे तो परेशान हो जाओगे।
और फिर पैकिंग करके पापा घर से स्टेशन के लिए निकल गये। मम्मी भी थोड़ी टेंशन में थी. फिर अंकल का मम्मी को मैसेज आया-
अंकल : भाभी कैसी हो? कुछ खाया आपने?
मम्मी टेंशन में थी, इसलिए उन्हें लिख दिया-
मम्मी: हां खा लिया.
अंकल मम्मी का रूखा जवाब देख के टेंशन में आ गए। उन्होंने तुरंत वपास गुस्से की वजह पुछा -
अंकल: क्या हुआ पंखुरी भाभी, आप ऐसा व्यवहार क्यों कर रही हो? कुछ हुआ है क्या?
मम्मी ने कहा: अरे कुछ नहीं, नयन के पापा गांव गए हैं।
फिर मम्मी ने अंकल को सब बताया, क्या-क्या हुआ। फ़िर अंकल ने मम्मी को दिल वाले इमोजी भेज कर कहा-
अंकल: सब अच्छा होगा और आप टेंशन मत लो। आज सारे व्रत वाले रिवाज मैं आपके साथ पूरा करूंगा।
मम्मी ने सिर्फ 'हम्म' मैसेज किया, पर अंकल बहुत खुश थे। शाम को अंकल का मम्मी को मैसेज आया-
अंकल : भाभी शाम को आ रही हो ना आप?
मम्मी ने फिर शाम को देर से मैसेज किया।
मम्मी: हां देखती हूं.
क्योंकि मम्मी मुझे टेंशन दे रही थी. फिर पापा का फ़ोन आया, कि वो गाँव पहुँच गए हैं और सब ठीक है। उन्होंने कहा, कि वो अगले दिन वकील के पास जाएंगे। अब मम्मी भी नॉर्मल हैं और खुश हैं।
फिर मम्मी ने शाम का खाना बनाया और अंकल को बताया, उसके पति का फोन आया था और गांव में सब ठीक है। लेकिन अंकल सैड थे और उन्होंने फोन पर कहा- अच्छा.
फ़िर अंकल मायुस होके बोले: अब तो आओगी ना भाभी?
मम्मी को फिर एहसास हुआ, अंकल कब से उनका इंतजार कर रहे थे। फिर मम्मी ने अंकल को सॉरी बोला और कहा-
मम्मी: रियली सॉरी रोहित जी . मैं जरूर आउंगी. रोहित जी देखती हूं मैं , कब मौका मिलता है।
फिर अंकल खुश हो गए और उन्होंने कहा-
अंकल: हां, बिलकुल दुल्हन जैसी तैयार होना रानी.
और अंकल शर्म कर हंसने लगे. मम्मी भी हंसी और कहा-
मम्मी: मेरी शादी भी हो चुकी है और बच्चे भी।
फ़िर अंकल ने मम्मी को कहा : प्लीज़ रानी, प्लीज़।
मम्मी ने ठीक कहा.
और मैं ये सब पढ़कर खुश भी हुआ। मेरे मन ही मन में सोच रहा था कि क्या आज मम्मी अंकल की दुल्हन बन जाएगी?
शाम को मम्मी अच्छे से तैयार हुई और वह रेड लिपस्टिक लगायी, जो मम्मी कभी-कभी लगाती थी। मम्मी ने गले में चेन, लाल लिपस्टिक, बिंदी, चूड़िया, पायल पहनना था।
url=https://ibb.co/sztqpwx] ![[Image: 8038f0e1-882b-4453-88df-3c5a37069b4e.jpg]](https://i.ibb.co/bD7XjBw/8038f0e1-882b-4453-88df-3c5a37069b4e.jpg) [/url]
![[Image: d10f182d-3b42-42f2-823f-ee4b66d108f1.jpg]](https://i.ibb.co/5xhwtXtx/d10f182d-3b42-42f2-823f-ee4b66d108f1.jpg)
आज मम्मी मेकअप करके एकदम माल और कयामत लग रही थी। उनकी साड़ी भी नाभि के जरा सी नीचे थी, जिसकी मम्मी सच में एक नई-नवेली दुल्हन के जैसी लग रही थी।
इतनी उम्र के बाद भी उन कपड़ों में मम्मी ज़बरदस्त लग रही थी। वी-कट ब्लाउज़ में, मम्मी कसम से कयामत लग रही थी। आप लोग देखो, तो आप भी कहोगे कि मम्मी लगती ही नहीं, वो इतनी उमर वाली होगी।
मम्मी शाम से शीशे के सामने निखार सवार थी और निखरे भी क्यों ना, आज उनके प्यार ने इतनी मिन्नतें जो मांगी थीं। फिर शाम को मैंने कहा-
मैं : मम्मी आज मैं थक गया। थोड़ा जल्दी खाना दो, मैं जल्दी सो रहा हूं आज।
फिर मैं 8 बजे ही सोने चला गया, जो मम्मी देख के शॉक ही रह गई और वह खुश भी थी, कि अब वह आराम से अंकल के पास जा सकेगी।
फ़िर 8: 30 बजे मम्मी टिफिन पैक करके अंकल के घर चली गई और जैसे ही अंकल ने दरवाजा खोला, उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। मम्मी की साड़ी नाभि के नीचे देखकर अंकल ने सोचा-
अंकल: वाह! ये औरत ऐसी भी लग सकती है।
वो कपड़ो में ही इतनी ज्यादा कयामत लग रही थी, अब तो मेरा भी मन मचल रहा था। अंकल ने मम्मी को अन्दर खींच लिया और दरवाज़ा बंद कर दिया और अन्दर खींचते ही एक ज़ोर से उम्म्मआह चुम्मा भी दे दिया। मम्मी शॉक हो गई और कहने लगी-
मम्मी: मैंने व्रत किया है और खाना बनाया है, इसलिए चखाने आई हूं।
अंकल मायूस हो गए और कहा-
अंकल: अच्छा ठीक है.
मम्मी भी फिर कातिलाना रूप में हंस के कहने लगी-
मम्मी: अच्छा बाबा, पहले खाना तो खा लो।
तब जाके अंकल खुश हुए और मम्मी की तारीफ पे तारीफ करने लगे। अंकल बोले-
अंकल: भाभी आप तो आज सच में कयामत लग रही हो। अप्सरा, नई नवेली दुल्हन, जन्नत, और क्या-क्या नाम दूं मैं आपका? आपको तो परी कहना चाहिए।
ये सब सुनकर मम्मी के गाल खिल उठे और उनके लाली चमकने लगी थी। फिर दोनो पास-पास में बैठकर खाना खाने लगे। पहली बार मम्मी अंकल के घर रात में गई थी और उनको टेंशन थी, किसी को कुछ शक न हो जाए।
मम्मी का चेहरा देखकर अंकल समझ गए, कि वह टेंशन में थी। अंकल ने बोला-
अंकल: पंखुरी , सब आज काम में बिजी है और आप फोन लेकर आई हो ना, तो कोई आएगा तो फोन कर लेगा। आराम से खाना खा लो.
फिर मम्मी जैसा ही खाना खाने लगी, तो अंकल ने उन्हें रोका और कहा-
अंकल : एक मिनट रुको.
और फटाफट अंकल रूम में चले गए और बाहर वापस आ गए। उनके हाथ में एक छोटा सा बॉक्स था। उन्होंने मम्मी को कहा-
अंकल: आंखें बंद करो.
मम्मी ने कहा: क्या हुआ?
उन्होंने कहा: अरे करो तो यार.
और उन्हें नीचे बैठाकर मम्मी के हाथ अपने हाथ में ले लो। ये महसूस करते हुए मम्मी ने आंखें खोली और देखा, कि अंकल के हाथ में एक अंगूठी थी, जो वो मम्मी को पहना रहे थे।
मम्मी ने रिंग को देखा, तो वह बहुत महँगी लग रही थी और उसकी चमक बहुत दूर तक जा रही थी।
मम्मी ने रिंग देखते ही कहा: ये क्या है? इसकी क्या जरुरत है. और ये तो बहुत महँगी लगती है।
अंकल ने जवाब नहीं दिया और रिंग पहन दी। फ़िर अंकल ने ज़ोर से कहा-
अंकल : पंखुरी मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
मम्मी ये सब देख के थोड़ी इमोशनल हो गई और उन्होंने अंकल को कहा-
मम्मी: मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ. पर ये क्यों लाए यार? मेरे पास तो कुछ है ही नहीं आपको देने को।
अंकल ने फिर अपने हाथ की अंगूठी उतारी और मम्मी को पहचानने को कहा। मम्मी ने भी फिर अंकल को रिंग पहना दी और कहा-
मम्मी: आई लव यू रोहित जी. आपको बहुत अच्छा लग रहा है.
अंकल के आंखों में आंसू थे और उन्हें कहा- अब आप मेरी दुल्हन हो. अब मैं आपका व्रत खोलूंगा।
और फिर अंकल ने मम्मी को पहला निवाला देके कहा-
अंकल: खाओ.
फिर मम्मी ने निवाला खाया और अंकल को खिलाया भी। वो दोनों एक पति-पत्नी की तरह लग रहे थे। फिर खाना खाते-खाते अंकल ने मम्मी को कहा-
अंकल: कुर्सी से उठो.
और अंकल ने मम्मी को अपनी गोद में बिठा लिया और उनको पीछे से चूमते हुए खाना खिलाने लगे। मम्मी भी खाना खाने लगी और अब मम्मी ऐतराज़ भी नहीं कर रही थी अंकल की बातों पर।
फिर उन दोनों ने खाना खाया और प्यारी बातें की। फिर मम्मी ने हंस के कहा-
मम्मी: जानू मैं अब..
अंकल ने कहा: कहां पर जाओगी, बेडरूम में?
और अंकल हस पड़े. फिर मम्मी ने कहा-
मम्मी: हां , अपने बेडरूम में, जो मेरे अपने घर में है।
और मम्मी घर वापस आने लगी। अंकल ने मम्मी को पीछे से पकड़ा और कहा-
अंकल: आज सुहागरात नहीं मनाओगी जान?
मम्मी अंकल का हाथ छुड़कर और शर्म कर भागने लगी और अंकल उनके पीछे उनको पकड़ने लगे। दोनों बहुत मस्ती करने लगे। अंकल ने मम्मी को पकड़ा और चूमने लगे।
अंकल : उम्म्म्माआह.. पंखुरी कितनी मीठी हो आप. मैं खा जाऊंगा आपको आज तो।
अब अंकल की पैंट में उनका लंड अंगड़ाई लेने लगा था। मम्मी ने खुद को उससे अलग किया और कहा-
मम्मी: राजा जी, जाने दो ना.
अंकल ने फिर मम्मी को पकड़ा और कहा-
अंकल : सच में तुम्हें जाना है? भाभी.
मम्मी ज़ोर से हँसने लगी और कहा-
मम्मी: नहीं राजा जी.
फिर क्या था, अंकल ने मम्मी को बाहों में उठा लिया और बेडरूम में ले गए। वहां जाके अंकल ने मम्मी को शीशे के सामने खड़ा किया और कहा-
अंकल: रुको, एक और सरप्राइज़ है.
मम्मी ने कहा: क्या?
और शरमाने लगी. अंकल पीछे से आये और डिब्बे में से सोने की चेन निकाल कर मम्मी को पहचानने लगे। मम्मी की आँखों में ख़ुशी थी और उनके वी-कट ब्लाउज़ में डायमंड चेन ने चार चाँद लगा दिए। मम्मी बहुत खुश थी.
फ़िर अंकल ने कहा: भाभी आप सब कुछ हो मेरा।
फिर अंकल मम्मी को चूमने लगे और मम्मी के चूची दबाने लगे। मम्मी भी गरम होने लगी थी और आह्ह.. ओह्ह.. रोहित जी, ऐसी आवाज निकलने लगी।
मम्मी : राजा जी , आपके लिए दूध लेके आती हूं।
और फिर मम्मी किचन से गरम दूध लेके आई। वो बिल्कुल दुल्हन जैसे मटकते हुए गई और वापस आ गई। अंकल ने तब तक सारे पलंग पर फूल बिछा दिये । मम्मी ने अंकल को दूध पिलाया और फिर अंकल ने कहा-
अंकल: रानी मेरे को तो आपका दूध पीना है.
और ये कहकर अंकल मम्मी की तरफ भुखे आँखों से देखने लगे।
बस अब क्या था, अंकल ने मम्मी को पलंग पे धक्का दे दिया। फिर अंकल खुद मम्मी के ऊपर आ गए। मम्मी भी शरमाने लगी और अंकल ने मम्मी के बाल भी खोल दिये। मम्मी एक-दम अंकल की रंडी लग रही थी।
मम्मी और अंकल एक दूसरे को चुम रहे थे थोड़ी देर बाद अंकल फिर नीचे आये और मम्मी की साड़ी उठाने लगे। अरे दोस्तो! क्या सीन था ।
क्या बताऊं मम्मी के क्लीन , गोरे पैर पर पायल क्या चमक रही थी। अंकल ने मम्मी की साड़ी उतारी और उनकी जंघे चाटने लगे। उह्ह.. वो मम्मी की पूरी जांघे चाटने लगे आह.. ओह्ह.. अंकल पगलो जैसे मम्मी को प्यार कर रहे थे। मम्मी भूलभुलैया ले रही थी और बोल रही थी-
मम्मी: आआअहह.. रोहित जी ओह्ह.. राजा जीईईई..
फ़िर अंकल मुझे मम्मी को नंगा कर दिया। मम्मी ने ब्लैक सेक्सी बिकिनी पहनी थी और आज मम्मी पूरी तैयार हुई पड़ी थी। जैसे ही अंकल ने मम्मी को नंगा किया, मैंने क्या देखा, कि मम्मी ने अपनी चूत के बाल हटाये थे। मम्मी ने कांधे के बाहों के भी सारे बाल भी हटाये हुए थे।
अब मम्मी किसी भी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। अंकल ये सब देख के पागल हो गए। वो सीधी मम्मी की चूत चाटने लगे और उनकी चूत का दाना दबाने लगे।
मम्मी : आह.. ओह्ह.. उई…
मम्मी की आवाज़ से कमरा गूँज उठा। मम्मी के शरीर पर सिर्फ पायल, चेन अंगूठी और मंगल-सूत्र था और मम्मी के चूची उछल रहे थे।
फ़िर अंकल मम्मी के दूध से भरे चूची चूसने लगे। मम्मी सिस्कियो पे सिक्सिया लेने लग गयी.
मम्मी- आह.. आह.. राजा ओह.. आह.. और करो आह.. और चूसो मेरी राजा .
और मम्मी के मुँह से ये सुनकर मैं डंग रह गया। मम्मी की चूत और पूरी बॉडी चमक रही थी।
अंकल- उम्माहह.. पंखुरी उम्म्म.. आह.. पंखुरी मेरी जान, मेरी नूर की परी.
और अंकल मम्मी की चूत में उंगली करने लगे।
मम्मी : आहाहा.. आहाहा.. मजा ओह्ह.. ओह्ह.. रोहित जी आआह्ह…
अंकल भी ओह्ह.. आह्ह.. करके मजा ले रहे थे. इतने में मम्मी का पानी निकल गया और अंकल ने सारा पानी चाटने लगे। मम्मी ये देखकर बोली-
मम्मी: छी.
और मम्मी हंसने लगी. अंकल ने फिर कपड़े निकाले और अंकल ने भी लंड के सारे बाल हटाये हुए थे और उनके लंड का टोपा भी चमक रहा था। मम्मी ये देखकर बोली-
मम्मी: हाय रब्बा!
और मम्मी आंखें बंद करके शरमाने लगी। अंकल ने लंड मम्मी की चूत में सेट किया और ज़ोर का धक्का दिया।
मम्मी: आआह्ह्ह्हा.. उईइइम्माआ.. राजा आराम से.
और अंकल फिर मम्मी के चूची के साथ खेलते-खेलते धक्के देने लगे। पूरे कमरे में फच फच की आवाज आनी लगी थी. अब वो दोनों चरम सीमा पर।
मेरे कान उनके सुख को सुन रहे थे और मेरी आंखें उनके सुख को देख रही थे ।
फ़िर अंकल ने धक्के तेज़ किये और मम्मी मज़ा लेने लगी।
मम्मी: हाय राजा और करो, ज़ोर से करो आअहह.. मज़ा आ रहा है.
और फिर अंकल ने सारा पानी मम्मी की चूत में निकल दिया और शांत होके मम्मी को चूमने लगे और चाटने
लगे. आगे फिर से अलग-अलग पोजीशन में चुदाई करी और सुहागरात और हनीमून सब मनाया।
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फ़िर वह दोनो ऐसे ही नंगे पड़े रहे।
अंकल: डार्लिंग तुम अंदर जाकर नाइटी पहन लो.
मम्मी: अब मैं कहां घर जाऊंगी और कहां नाइटी लेके आऊंगी यार।
अंकल हंसे और बोले: अरे अलमारी में है, लेलो और पहन लो।
मम्मी बोली: क्या ज़रूरी है.और ये कह कर मम्मी हँसने लगी।
मम्मी: हेहेहेहे.
फ़िर अंकल बोले: पेहनो तो। मैं देखना चाहता हूं, कि आप हमें कैसी लगोगी।
पंखुरी वहा मैरून कलर की नाइटी है प्लीज़ पहन लो।
फ़िर मम्मी अंदर गयी और अलमारी खोलकर देखने लगी। लेकिन जब मम्मी उठकर नंगी ही अलमारी तक गई , तब क्या बताउ यार। उनकी मोटी गांड कमाल की लग रही थी। वह गांड ऐसे मटका रही थी कि अंकल का लंड वही देख के फुफकार मारने लगा ।
थोड़ी देर ढूंढने के बाद, मम्मी को नाइटी मिल गई। फिर मम्मी ने कहा- ये तो बहुत छोटी है. मैं ऐसे कपड़े नहीं पहनती रोहित जी।
अंकल हस्से और बोले: अब इनकी आदत डाल लो जानू।
और अंकल मम्मी को आंख मारने लगे. मम्मी फिर बाथरूम गई और शायद उन्हें वहां शॉवर भी लिया, क्योंकि मम्मी 5 मिनट बाद वापस आई थी। वो नाइटी मम्मी पे बहुत फिट थी। वो स्लेवलेस नाइटी थी और उसमें से मम्मी के जांघ क्या चिकनी लग रही थी। मम्मी एक दम मस्त लग रही थी.
मम्मी के बाल भी हल्के गीले थे, जो उनके बदन पे चिपक रहे थे। इसे वह चार्मिंग मॉम लग रही थी। वो जैसे ही अंकल के करीब आ रही थी, अंकल उनको आंखें फाड़-फाड़ के देख रहे थे। मम्मी के गोरे रंग पर मैरून रंग की नाइटी बहुत जच रहा थी। अंकल बहुत खुश थे और उन्होंने कहा-
अंकल: पंखुरी डार्लिंग, तुम सच में इस दुनिया में मेरे लिए सबसे खूबसूरत हो। क्या कमाल लग रही हो.
फिर उन्हें मम्मी को खींच लिया और सीधा पलंग पे लिटाकर चूमने लगे।
अंकल : उम्माआ पंखुरी आअहह..
मम्मी भी अंकल का साथ दे रही थी-
मम्मी : आअहह.. रोहित राजा ओह्ह..
और फिर एक लंबा चुंबन के बाद दोनों अलग हो गए। फिर अंकल ने मम्मी से पूछा-
अंकल: क्या भाई साहब भी आपसे इतना ही प्यार करते हैं?
मम्मी: हां वो भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं।
अंकल : अरे मतलब इतनी चुदाई करते है?
मम्मी शर्मकर बोली: नहीं, वो तो आपको ज्यादा पसंद है, हेहेहेह।
अंकल ने मम्मी के सर को पकड़ा और प्यार से किस करके कहा-
अंकल: आई लव यू अगर आप जैसी प्यारी और सच्ची बीवी हो, तो मैं दिन भर यहीं करू।
मम्मी ने कहा: अच्छा जी, फिर काम कौन करेगा?
फिर अंकल ने कहा- अब तो आप मेरी बीवी हो.
मम्मी ने कहा: नहीं-नहीं.
फिर अंकल सोच के बोले: चलो हम पति-पत्नी नहीं, तो प्रेमी-प्रेमिका तो बन ही सकते हैं ना?
मम्मी ने कहा: हां.
अंकल ने कहा: फिर क्या करोगी आप मेरे लिए?
मम्मी ने कहा: अब क्या करना है?
अंकल: हनीमून पर चलना है और दिन रात खुली हवा में तुमसे प्यार करना है। जानू मैं आपकी बाहों में रहकर घूमना चाहता हूँ।
मम्मी ने भी कहा: रोहित जी देखते हैं।
अंकल ने ठीक कहा कर रूम से किचन में गए चॉकलेट लेने के लिए । मम्मी ने उनको आवाज़ दी- कहां जा रहे हो रोहित जी?
अंकल बोले: बस आ रहा हूँ. भूख लग रही है, इसलिए किचन जा रहा हूं ।
अंकल किचन से वापस आये मम्मी को अपने हाथों से चॉकलेट खिलाने लगे। आह…. मम्मी इन कपड़ो में अंकल के हाथों से चॉकलेट खा रही थी। बहुत मस्त नजारा था.
फिर मम्मी ने भी अंकल को चॉकलेट खिलाई और किस करने लगी। मम्मी की आगे से किस देखकर अंकल खुश हो गए और कहा-
अंकल: पंखुरी भाभी, मेरे मन में एक और इच्छा है।
मम्मी ने खाते-खाते बोला: बोलो रोहित जी.
अंकल ने कहा: मुझे तुमको लंड चुसवाना है यार.
मम्मी ने गुस्से से बोला: छी, मुझे नहीं चुनना।
फ़िर अंकल मायूस हो कर बोले: ठीक है.
मम्मी ने कहा: अरे मैंने कभी अपने पति का भी नहीं चूसा , इसलिए।
अंकल ने कहा: एक बार चूसकर देखो तो।
फ़िर अंकल ने थोड़ी सी चॉकलेट लंड पे गिरा दी। मम्मी नखरे करने के बाद नीचे हो गयी और अंकल के लंड को थोड़ा मुँह में लेने लगी । फ़िर अंकल ने थोड़ा अपना लंड आगे बढ़ाया और मम्मी ने भी अंकल का लंड चुसना शुरू कर दिया।
अंकल : ओह.. आह..
अंकल मजे ले रहे थे और मम्मी भी अब आराम से लंड चूस रही थी। ओह.. ऊउम्म.. ऊऊप्प.. कि धीमी-धीमी आवाज़ आ रही थी और अंकल बोल रहे थे।
अंकल- आअहह.. पंखुरी आआआअहह… चूसो पंखुरी, चूसो मेरी जान
और फिर अंकल ने अपना लंड निकाला और मम्मी को नीचे लिटाकर उनको किस करने लगे। अब मम्मी और अंकल दोनों गजब का किस कर रहे थे और अंकल ने मम्मी की चूत में उंगली डाल दी।
और जैसे ही मम्मी बोली: ऊऊ.. उई.. आह.. ओह्ह…
फ़िर अंकल ने उसका वक़्त मम्मी की नाइटी निकाल दी और मम्मी की चूत फिर से चाटने लग गई। मम्मी सिसकियाँ ले रही थी आह.. रोहित जी और हर सिस्कियाँ के साथ उनको आनंद मिल रहा था।
अंकल अपनी पूरी ज़ुबान से मम्मी की चूत चाट रहे थे। फिर 7-8 मिनट तक चूत चाटने के बाद, अंकल मम्मी के चूची को काटने लगे और मम्मी के निपल टाइट हो गए। मम्मी फिर से कामुक हो चुकी थी।
अंकल बहुत मजे से कभी एक, तो कभी दूसरा चूची चूस रहे थे।
अंकल : आह.. उम्म… बेबी आअहह.. पंखुरी .. भाभी आआहह…
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और अंकल भूलभुलैया कर रहे थे. फिर अंकल ने अपना लंड मम्मी की चूत पर सेट किया और मम्मी खुद आगे खिसक गयी। फिर मम्मी चिल्लाई-
मम्मी : आअह्ह्ह्ह… राजा.
अंकल ने फिर झटके देने शुरू किये।
अंकल : आह.. ओह्ह.. भाभी आह..
मम्मी भी मजे से बोलीं: चोदो राजा शाह, आअहह.. अय्यीइ.. चोदो.
मम्मी ऐसी आवाज कर रही थी और अंकल और जोश में आ रहे थे। अंकल चोदते-चोदते मम्मी को चुचियों भी चूस रहे थे और कभी चूम भी रहे थे। अंकल के धक्के अब तेज़ हो गए।
फिर कुछ 20 मिनट फच फच की आवाज आने के साथ अंकल और मम्मी झड़ गए और एक-दूसरे में समा गए। फिर अंकल मम्मी को किस करके कहने लगे-
अंकल : धन्यवाद भाभी. आप नहीं होते, तो शायद मैं अब तक जिंदा नहीं रह पाता।
और वो दोनो सुकून से बातें कर रहे थे। फिर ऐसे ही थोड़ी बातों के बाद, मम्मी ने अंकल को बोला-
मम्मी: ठीक है, अब मैं जाती हूं।
और मम्मी उठी और वो दोनो बाथरूम गये। फिर वहां से भी चुदाई की आवाज आ रही थी और फिर बाहर आ के अंकल ने तौलिया लपेट लिया और मम्मी ने भी अपनी साड़ी पहन ली। इसके बाद अंकल ने मम्मी को कहा-
अंकल: यार तुम्हें जींस में देखने का मन है.
मम्मी हंसी और बोली: मैं 46 साल की हूं रोहित जी।
और फिर मैं घर आ गई और पीछे से मम्मी भी आ गई। मम्मी आज अलग ही चाल में चल रही थी और थक भी गई थी। मम्मी अपने कमरे में चली गई और मैं भी अपने कमरे में आ के सो गया ।
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07-10-2025, 10:04 AM
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