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Romance Pehi Nazar:Jab Neeraj Mila Shipra se
#21
Shipra खिड़की से झाँक रही थी।
उसके होंठ काँप रहे थे, आँखें चौड़ी होकर सामने देख रही थीं।

Shipra (सिसकारी लेते हुए):
“हे भगवान… ये क्या कर रहा है मेरा बेटा… इतनी ज़ोर से…”

Neeraj उसके कान पर फुसफुसाया—

Neeraj (गंदी हँसी में):
“देख रही है? तेरा छोकरा तेरी उमर की औरत को भी फाड़ दे… इतना जानवर है।”

Shipra ने गुस्से से Neeraj को धक्का देना चाहा, मगर आँखें फिर भी कमरे से हटी नहीं।


---

अंदर:

Rohit अब Tara को बिस्तर पर धकेल चुका था।
उसने उसकी panty नीचे खींच दी — भीगी हुई।

वो झुका और उसकी जाँघें खोलकर चाटना शुरू किया।
Tara ज़ोर से कराहने लगी—

Tara (हांफते हुए):
“ओह्ह्ह… Rohit… रुक… नहीं… आह्ह्ह…”

उसके नाखून चादर में गड़ गए।

कुछ देर बाद Rohit खड़ा हुआ, अपनी पैंट नीचे उतारी।
उसका लंड पूरा तन चुका था।
Tara की आँखें डर से फैल गईं।

Tara (डरी आवाज़ में):
“इतना बड़ा… Rohit… कैसे… अंदर जाएगा… फट जाऊँगी मैं…”

Rohit ने उसकी ठुड्डी पकड़कर ऊपर उठाया और बोला—

Rohit (क्रूर हँसी में):
“आज तेरी चूत में इतना लंड डालूँगा कि ज़िंदगी भर याद रखेगी तू Rohit को।”
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#22
खिड़की के बाहर (उस वक़्त):

Shipra ने ये सब देखा और उसके मुँह से अनजाने में निकल गया—

Shipra (हकलाकर):
“इतना… बड़ा है Rohit का…?”

Neeraj उसकी ठुड्डी पकड़कर बोला—

Neeraj:
“अबे… यही तो कह रहा था मैं… अब आँख खोलकर देख ले, तेरा छोकरा किस तरह अपनी लौंडिया को फाड़ेगा।”

Shipra पूरी तरह shock में थी, मगर नज़रें हटाना उसके लिए नामुमकिन था।

Rohit ने Tara को पलंग पर दबा दिया।
उसके ग्रे कुर्ती और नारंगी दुपट्टा पहले ही फर्श पर पड़े थे।
Tara काँप रही थी, उसके होंठ सूखे हुए थे।

Rohit झुककर उसके चेहरे के पास आया।
पहले उसके गाल पर, फिर धीरे-धीरे होंठों पर… और फिर एकदम से लम्बा, गहरा किस।
Tara ने पहले विरोध किया, होंठ बंद रखने की कोशिश की, लेकिन Rohit ने उसका चेहरा दोनों हथेलियों में दबाकर होंठ खोल दिए।
उनकी जीभें आपस में उलझ गईं, साँसें भारी हो गईं।
किस इतना लंबा था कि Tara ने बीच में खुद ही उसे कसकर पकड़ लिया।
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#23
खिड़की के बाहर (उस वक़्त):

Shipra ने ये सब देखा और उसके मुँह से अनजाने में निकल गया—

Shipra (हकलाकर):
“इतना… बड़ा है Rohit का…?”

Neeraj उसकी ठुड्डी पकड़कर बोला—

Neeraj:
“अबे… यही तो कह रहा था मैं… अब आँख खोलकर देख ले, तेरा छोकरा किस तरह अपनी लौंडिया को फाड़ेगा।”

Shipra पूरी तरह shock में थी, मगर नज़रें हटाना उसके लिए नामुमकिन था।

Rohit ने Tara को पलंग पर दबा दिया।
उसके ग्रे कुर्ती और नारंगी दुपट्टा पहले ही फर्श पर पड़े थे।
Tara काँप रही थी, उसके होंठ सूखे हुए थे।

Rohit झुककर उसके चेहरे के पास आया।
पहले उसके गाल पर, फिर धीरे-धीरे होंठों पर… और फिर एकदम से लम्बा, गहरा किस।
Tara ने पहले विरोध किया, होंठ बंद रखने की कोशिश की, लेकिन Rohit ने उसका चेहरा दोनों हथेलियों में दबाकर होंठ खोल दिए।
उनकी जीभें आपस में उलझ गईं, साँसें भारी हो गईं।
किस इतना लंबा था कि Tara ने बीच में खुद ही उसे कसकर पकड़ लिया।


---

खिड़की के बाहर

Shipra अपने होंठ काट रही थी।
उसकी उंगलियाँ खिड़की की लकड़ी पर ज़ोर से जमी थीं।
Neeraj उसके कंधे पर हाथ रखे खड़ा था, उसके कान के पास फुसफुसाया—

Neeraj (गंदी हँसी में):
“देख… तेरा छोकरा कैसे अपनी लौंडिया को पिघला रहा है… पहली बार है, फिर भी जानवर बना है।”

Shipra का गला सूख गया।
उसने बस धीमे से कहा—
“हे भगवान…”


---

कमरे के अंदर

Rohit ने Tara की गर्दन पर किस करते हुए धीरे-धीरे नीचे तक सरकना शुरू किया।
उसके सीने तक पहुँचते ही Tara ने सिसकारी ली और आँखें बंद कर लीं।
Rohit ने उसके गले, कंधों और सीने के बीच लंबी-लंबी चुम्मियाँ लीं।
हर चुम्बन पर Tara का शरीर ढीला पड़ता जा रहा था।

फिर Rohit ने उसके कान में फुसफुसाया—
“आज तुझे ऐसे याद रहेगा… कि भूल नहीं पाएगी।”

Tara काँपते हुए बोली—
“धीरे Rohit… पहली बार है मेरा…”
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#24
खिड़की के बाहर

Shipra की आँखों में अजीब सा shock और अजीब सा खिंचाव दोनों था।
Neeraj उसकी गर्दन के पास झुककर बोला—
“रंडी… तेरा बेटा धीरे नहीं होगा… देख ले… तू रोकेगी भी तो नहीं।”

Shipra ने मुँह फेरना चाहा, पर नज़रें फिर भी अंदर से हटी नहीं।

Rohit ने Tara को कसकर पकड़ा।
उसके चेहरे पर अब जुनून साफ झलक रहा था।
Tara काँप रही थी, होंठ कांपते हुए बोले—

Tara (धीरे से):
“Rohit… मैं सच कह रही हूँ… पहली बार है मेरा… बहुत डर लग रहा है…”

Rohit ने उसकी ठुड्डी उठाकर उसकी आँखों में देखा और ज़ोर से बोला—

Rohit:
“डर मत… आज के बाद तू मेरी है। सिर्फ मेरी।”

उसने फिर से उसके होंठों पर लंबा किस किया।
किस इतना गहरा था कि Tara की आँखों से आँसू की एक बूंद निकल आई, पर होंठों ने अब उसका विरोध करना छोड़ दिया।


---

खिड़की के बाहर

Shipra ने वो आँसू देखा और उसके दिल में अजीब-सी टीस हुई।
उसका मन चिल्लाने का था, मगर आवाज़ गले से बाहर नहीं आई।
Neeraj ने Shipra की कमर दबाते हुए कहा—

Neeraj (हँसते हुए):
“देख… तेरी बहू जैसे रो रही है… पर चुद भी तो रही है।”

Shipra ने गुस्से से उसकी तरफ देखा, मगर खिड़की से नज़रें हटाईं नहीं।


---

कमरे के अंदर

Rohit ने Tara के गालों पर हाथ रखकर धीरे-धीरे उसके डर को कम किया।
वो उसके सीने पर झुका, फिर उसके पेट पर, फिर धीरे-धीरे और नीचे।
Tara ने चादर पकड़ ली और आँखें कसकर बंद कर लीं।

Tara (सिसकते हुए):
“Rohit… प्लीज़…”

लेकिन Rohit रुका नहीं।
वो हर जगह अपनी गर्म साँसों और होंठों के निशान छोड़ता जा रहा था।
धीरे-धीरे Tara की कराहों में से डर कम होकर हल्की सिसकारियाँ आने लगीं।


---

खिड़की के बाहर

Shipra के चेहरे पर अब shock और disbelief दोनों थे।
उसके होंठ फटे जा रहे थे जैसे कुछ बोलना चाहती हो, मगर गले से सिर्फ एक टूटी हुई सिसकारी निकली।
Neeraj ने उसके कान में कहा—

Neeraj:
“अब देखना… अगला कदम उसका सबसे दर्दनाक होगा… पहली बार है न?”

Shipra ने गुस्से से कहा—
“चुप रह हरामी…”
लेकिन उसकी आँखें अब भी खिड़की से हटी नहीं थीं।


---Rohit ने Tara के दोनों हाथों को पकड़कर सिर के ऊपर टिका दिया।
उसका orange salwar अब उसकी कमर से ढीला होकर नीचे सरक रहा था।
Rohit ने झुककर उसकी नाभि पर होंठ रखे, फिर नीचे की ओर सरकते हुए salwar को उसकी टाँगों से खींचकर उतार दिया।
Orange कपड़ा फर्श पर गिर गया।

अब Tara सिर्फ अपनी cream-colored panty और bra में थी।
उसका चेहरा लाल था, साँसें तेज़ थीं।

Rohit ने उसकी जाँघों पर हाथ फेरते हुए धीरे से उसकी panty की लेस पकड़ी।
Tara ने दोनों जाँघें कसकर बंद कर लीं।
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#25
Tara (हकलाते हुए):
“Rohit… मत… प्लीज़… पहली बार है मेरा…”

लेकिन Rohit की आँखों में सिर्फ आग थी।
उसने उसकी जाँघों को पकड़कर धीरे से अलग किया और panty नीचे खींच दी।

अब Tara उसके सामने पूरी तरह नंगी थी।
उसका शरीर काँप रहा था, हाथ अपने सीने और जाँघों पर रखने की कोशिश कर रहे थे।


---

Rohit की नज़र

उसने पहली बार Tara को बिना कपड़ों के देखा।
उसके होंठों से अनजाने में निकला—
“कमाल है…”

उसकी नज़र उसके नीचे ठहर गई।
वहाँ हल्के-हल्के बाल थे, पतले और नरम…
और बिना चुदी हुई चूत की कसावट साफ झलक रही थी।
इतनी टाइट कि लगता था जैसे उँगली भी मुश्किल से अंदर जाएगी।

Rohit ने हल्की हँसी छोड़ी और उसकी जाँघों के बीच उँगली फिराई।
Tara का पूरा शरीर झटका खाकर काँप उठा।

Tara (सिसकते हुए):
“आह्ह… Rohit… प्लीज़ धीरे…”


---

खिड़की के बाहर

Shipra ने ये पल देखा तो उसकी आँखें चौड़ी रह गईं।
उसके होंठ काँपे, और उसने खिड़की को और कसकर पकड़ लिया।

Shipra (अपने आप से फुसफुसाकर):
“हे भगवान… अभी तक untouched थी ये लड़की… और अब…”

Neeraj उसके कान के पास हँसते हुए बोला—

Neeraj:
“देख… कैसी टाइट है… तेरे छोकरा फाड़ देगा आज इसे।”

Shipra ने पलटकर उसे गुस्से से देखा, मगर आँखों में डर और हैरानी दोनों थे।


---Rohit ने Tara की panty हटाकर उसकी जाँघों को थोड़ा फैलाया।
उसका चेहरा पूरी तरह शर्म और डर से लाल था, लेकिन आँखों में हल्की नमी और चाह दोनों दिख रही थी।

Rohit उसके ऊपर झुका और होंठों को ज़ोर से Tara के होंठों पर चिपका दिया।
पहले Tara ने होठ कसकर बंद कर लिए, मगर Rohit के दबाव और गर्म साँसों के बीच उसके होंठ खुल गए।

अब दोनों की जीभें आपस में लिपट गईं।
Rohit उसकी गर्दन तक किस करता गया, फिर धीरे-धीरे सीने तक पहुँच गया।

उसने Tara का bra पकड़कर खींचा और पट्टियाँ फाड़ दीं।
Tara के गोल, सफेद boobs उसके सामने झूल गए।
उसने दोनों हाथों से कसकर उन्हें दबाया और बारी-बारी से मुँह में लेकर चूसना शुरू किया।

Tara (कराहते हुए, हाँफकर):
“आह्ह Rohit… बस… धीरे… ओह्ह…”

Rohit ने निप्पल को दाँत से हल्का काटा और हँसते हुए बोला—
“रंडी… आज तुझे निचोड़-निचोड़कर छोड़ूँगा।”


---

खिड़की के बाहर

Shipra ये नज़ारा देख काँप गई।
उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
Neeraj ने पास आकर उसके कान में फुसफुसाया—

Neeraj (हँसते हुए):
“देख… तेरी होने वाली बहू… कैसी रंडी की तरह तड़प रही है।”

Shipra (धीरे से, दबे स्वर में):
“चुप कर… गंदा… ऐसी बातें मत कर।”
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#26
Neeraj ने उसकी कमर दबाई और फिर बोला—
“आज ये रंडी तेरे छोरे का लंड चूस रही होगी… और तू बाहर खड़ी देख रही होगी।”

Shipra की आँखें गुस्से और शर्म से भीग उठीं, लेकिन शरीर काँपने लगा।


---

कमरे के अंदर

अब Rohit नीचे सरक आया।
उसने Tara की जाँघें उठाईं और बीच में अपना चेहरा घुसा दिया।
उसकी ज़ुबान ने पहली बार Tara की कसावट को छुआ।

Tara (ज़ोर से चीखकर):
“आआह्ह्ह… Rohit… ओह माय गॉड…”

उसके होंठ काँप रहे थे, शरीर झटके ले रहा था।
Rohit लगातार उसकी चूत को चाट रहा था, जीभ से अंदर तक सरका रहा था।
Tara अब सिसकते हुए कराह रही थी, उसके हाथ बेख़ुदी में Rohit के बालों में धँस गए।

करीब पाँच मिनट तक Rohit उसे लगातार चाटता रहा।
उसकी साँसें टूट रही थीं, शरीर पसीने से भीग गया था।


---

खिड़की के बाहर

Neeraj ने Shipra की ओर देखते हुए कहा—
“अब देख… अभी तो चाटा है… थोड़ी देर में तेरी बहू तेरे छोरे का लंड चूस रही होगी।”

Shipra ने झटके से मुँह घुमा लिया, लेकिन उसके होठ काँप रहे थे।
उसकी आँखों में एकदम shock था—
जैसे उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसका बेटा ऐसा करेगा।


---

कमरे के अंदर

Rohit अब ऊपर आया और Tara के मुँह के पास अपना खड़ा लंड ले आया।
उसने Tara के गाल पकड़कर कहा—

Rohit:
“ले… अब तू चूस… आज मैं तुझे पूरी रंडी बना दूँगा।”

Tara ने पहले सिर हिलाकर मना किया।
लेकिन Rohit ने ज़ोर से उसका मुँह खोल दिया और अपना लंड उसके होंठों पर रख दिया।

धीरे-धीरे Tara ने हिचकते हुए लंड मुँह में लिया।
उसकी आँखें बंद हो गईं।
पहले वो थोड़ा-थोड़ा चूस रही थी… फिर धीरे-धीरे पूरा मुँह भरकर suck करने लगी।

Rohit (कराहते हुए):
“हाँ… ऐसे ही… और जोर से… आह्ह रंडी…”

Rohit उसके बाल पकड़कर झटके मार रहा था, और Tara का मुँह पूरा भर गया था।
लार उसके होंठों से बहकर नीचे गिर रही थी।


---Rohit ने जबरदस्ती Tara को बिस्तर पर सीधा लिटा दिया।
उसकी साँसें तेज़ थीं, बदन पसीने से भीग चुका था।

Rohit ने उसकी दोनों टाँगे पकड़कर फैला दीं और बीच में बैठ गया।
उसका लंड अब पूरी तरह खड़ा था—लाल और मोटा।

Tara (डरी हुई, काँपते स्वर में):
“Rohit… प्लीज़… धीरे… ये मेरा first time है…”

Rohit ने उसके होंठ दबाकर लंबा किस किया और मुस्कराकर बोला—
“चुप रह रंडी… पहली बार ही तो यादगार बनानी है।”

उसने लंड पकड़कर Tara की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।
Tara की कराहें निकलने लगीं, उसकी कमर ऊपर उठने लगी।

धीरे-धीरे Rohit ने धक्का मारा—
“धप्प्प…”

Tara (चीखकर):
“आआआआह्ह्ह्ह… Rohittttt… दर्द हो रहा है… फाड़ देगा तू… आह्ह्ह…”

Rohit ने उसके दोनों हाथ सिर के ऊपर दबा दिए और फिर से ज़ोर से धक्का मारा।
Tara की आँखों से आँसू फूट पड़े।

Rohit (गंदी हँसी में):
“गांडू… तेरा virgin blood मुझे ही निकालना था।”

बिस्तर पर खून की हल्की बूंदें फैल गईं।
Tara काँप रही थी, उसकी चीख पूरे कमरे में गूँज रही थी।


---

खिड़की के बाहर

Shipra का दिल धक-धक करने लगा।
उसकी आँखें चौड़ी हो गईं, होंठ काँपने लगे।

Shipra (धीरे से, हाँफते हुए):
“हे भगवान… सच में… खून निकल रहा है…”

Neeraj ने गंदी हँसी में Shipra की कमर पकड़ ली और बोला—

Neeraj:
“देख… तेरा छोरा आज पहली बार में ही अपनी रंडी को फाड़ रहा है… वाह मादरचोद।”

Shipra ने आँखें मूँद लीं, लेकिन उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
वो shock में थी, मगर खिड़की छोड़ नहीं पा रही थी।
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#27
कमरे के अंदर

अब Rohit पूरी तरह जानवर बन चुका था।
उसने और ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर दिए।

“धप्प्प… धप्प्प… धप्प्प…”

Tara हर धक्के पर चीख रही थी।

Tara (रोते-रोते):
“आआआह्ह्ह… Rohit धीरे… मादरचोद… सच में फट रही हूँ मैं…”

Rohit (गरजते हुए):
“रंडी… आज तेरी चूत की औक़ात बता दूँगा…
साले कोने-कोने तक अपना लंड चखा दूँगा।”

उसने उसके बाल पकड़कर चेहरा ऊपर खींचा और मुँह पर फिर से ज़बरदस्ती किस कर दिया।
Tara की आँखों से आँसू गिर रहे थे, लेकिन उसके होंठ खुद Rohit के साथ लिपट रहे थे।


---

खिड़की के बाहर

Neeraj ने Shipra के कान में जीभ फेरते हुए कहा—

Neeraj:
“देखा… तेरे छोरे की ताक़त?… साली की चूत से खून भी निकाल दिया… और फिर भी गालियाँ दे-देकर चोद रहा है।”

Shipra काँप रही थी।
उसका चेहरा शर्म और हैरानी से लाल हो गया।
उसके होठों से बस हल्की कराहें निकल रही थीं।


Rohit अब बिल्कुल जानवर की तरह हो गया था।
उसने एक झटके में Tara की दोनों टाँगे अपने कंधों पर रखीं और पूरी ताक़त से लंड अंदर ठोक दिया।

“धप्प्प… धप्प्प… धप्प्प…”

Tara हर झटके पर ज़ोर से चीखती—

Tara (आँखें बंद करके, दर्द में):
“आआआह्ह्ह… मादरचोद… सच में फाड़ रहा है तू… आह्ह्ह…”

लेकिन धीरे-धीरे उसके शरीर की कराहें बदलने लगीं।
दर्द की जगह उसकी साँसों में सिसकियों के साथ हल्का-सा मज़ा घुलने लगा।

उसकी चूत खून और गीलापन दोनों से फिसलन भरी हो गई थी।
Rohit ने और गहरी एंट्री मारी, तो उसके होंठ से अचानक कराह निकली—

Tara (हकलाकर, काँपते स्वर में):
“आह्ह्ह… Rohit… धीरे… अब… अब अच्छा लगने लगा है…”

Rohit हँस पड़ा और उसके दोनों boobs पकड़कर दबाने लगा।

Rohit (गंदी हँसी में):
“अब मज़ा आ रहा है न रंडी?… यही तो चाहिए था मुझे… तेरी चीखें भी और तेरी कराहें भी।”

उसने एक निप्पल को दाँतों में दबाया और ज़ोर से खींचा।
Tara चीखकर उसकी पीठ पकड़ ली और nails गड़ा दिए।


---

खिड़की के बाहर

Shipra ने ये सब देखकर होंठ काट लिए।
उसकी आँखें फटी रह गईं जब उसने देखा कि उसका बेटा अपनी गर्लफ्रेंड को पूरी तरह जानवर बनकर चोद रहा है।

Shipra (हकलाकर, Neeraj से फुसफुसाकर):
“इतना… इतना ज़ोर से… खून भी निकल रहा है… फिर भी चुद रही है वो…”

Neeraj ने उसकी कमर दबाकर गंदी हँसी छोड़ी।

Neeraj:
“अबे देख… तेरा छोरा तुझसे भी आगे निकल गया।
रंडी को फाड़ भी रहा है और मज़ा भी दिला रहा है… यही कहते हैं असली मर्द।”

Shipra ने आँखें बंद कर लीं लेकिन उसके चेहरे पर शर्म और अजीब-सा सुकून दोनों था।
उसके होंठों से हल्की-सी कराह निकल गई।

Neeraj कान में फुसफुसाया—

Neeraj:
“बता Shipra… तुझे कैसा लग रहा है अपने छोरे को ऐसे देखके?
तेरी आँखों के सामने उसका लंड रंडी की चूत फाड़ रहा है।”

Shipra ने गुस्से और शर्म से Neeraj को हल्का धक्का दिया, लेकिन खिड़की से हट नहीं पाई।
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#28
कमरे के अंदर

अब Rohit ने पूरी स्पीड पकड़ ली थी।
उसका हर धक्का गहरे से गहरा जा रहा था।
Tara अब चीखते-चीखते कराहने लगी थी।

Tara (आँखें बंद करके, हाँफते हुए):
“आह्ह्ह… Rohit… और… और ज़ोर से… चोद मुझे… मादरचोद…”

Rohit ने और ज़ोर से उसके बाल पकड़कर उसका सिर पीछे झुका दिया और ज़बरदस्ती लंबे-लंबे किस करने लगा।
उसकी जीभ पूरी तरह Tara के मुँह में घुस गई।

कमरा अब सिर्फ़ कराहों, धप्प-धप्प और गालियों से गूँज रहा था।



Rohit अब पूरी तरह जानवर हो चुका था।
उसने Tara को बिस्तर से पकड़कर खींचा और उल्टा करके घोड़ी की तरह चारों हाथ-पैरों पर खड़ा कर दिया।

उसका सूट पहले ही फटा पड़ा था, अब नीचे से उसकी गुलाबी panty भी पूरी तरह खून और गीलापन में चिपकी हुई थी।
Rohit ने एक झटके में panty घुटनों तक खींच दी और पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा।

“चपाक-चपाक” की आवाज़ आने लगी।

Tara (काँपते हुए):
“आह्ह्ह… Rohit… धीरे… ये पोज़िशन और टाइट लग रही है… आह्ह…”

Rohit (गरजते हुए):
“चुप रंडी… तेरी पहली चुदाई है न… तो हर पोज़िशन में तेरी गांड फाड़ूँगा।”

उसने जोर से पकड़कर एक झटके में लंड अंदर धकेल दिया।
Tara के मुँह से चीख निकली, उसका पूरा बदन काँप उठा।

अब Rohit दोनों हाथों से उसकी गांड पकड़कर पागल की तरह धक्के मार रहा था।
“धप्प-धप्प-धप्प” की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी।


---

खिड़की के बाहर

Shipra ने अपनी आँखें चौड़ी कर लीं।
उसकी उंगलियाँ खिड़की के पल्ले में गड़ गईं।

Shipra (हकलाकर):
“हे भगवान… ये तो… ये तो पूरा आदमी घुस गया लगता है उसमें…”

Neeraj उसकी कमर दबाकर हँस पड़ा।

Neeraj (कान में फुसफुसाकर):
“अबे रंडी… देख तेरा छोरा कैसे झुका-झुका कर चोद रहा है अपनी लौंडिया को…
साली का खून भी निकाला और मज़ा भी ले रहा है।”

Shipra ने गुस्से से उसकी तरफ देखा लेकिन फिर भी नज़र हट नहीं पाई।
उसकी साँसें भारी हो गई थीं।


---

कमरे के अंदर

कुछ देर बाद Rohit ने पोज़ बदली।
उसने Tara को पलटकर पीठ के बल लिटा दिया, दोनों पैर ज़ोर से फैला दिए।
फिर उसका एक पैर अपने कंधे पर और दूसरा हवा में लटका कर धक्का मारना शुरू किया।

Tara की चीख निकल गई—

Tara (चीखते हुए):
“आआआह्ह्ह… Rohit… इतना गहरा… आह्ह्ह… फाड़ देगा तू…”

Rohit ने उसके मुँह पर झुककर फिर लंबे किस करने शुरू कर दिए।
उसकी जीभ गहरे तक Tara के मुँह में थी और नीचे से उसके झटके तेज़ होते जा रहे थे।


---

खिड़की के बाहर

Neeraj ने Shipra के कान में गंदी हँसी के साथ कहा—

Neeraj:
“देख… तेरे छोरे का हर धक्का पेट तक जा रहा है उस रंडी के…
बता Shipra, कैसा लग रहा है?”

Shipra ने होंठ काट लिए, उसके गाल लाल हो चुके थे।
वो फुसफुसाकर बोली—

Shipra:
“इतना बड़ा… मैंने कभी सोचा भी नहीं था मेरा बेटा…”

Neeraj ने उसकी ठुड्डी पकड़कर ऊपर किया और उसकी आँखों में घूरते हुए बोला—

Neeraj:
“रंडी… अब मान गई न कि तेरे छोरे का लंड भी मुझसे बड़ा है?”

Shipra ने चुपचाप खिड़की पकड़ ली, उसकी साँसें रुक-रुक रही थीं।

Shipra खिड़की पकड़े काँप रही थी।
अंदर उसके बेटे Rohit का हर झटका Tara की चीखों के साथ गूंज रहा था।

तभी पीछे से Neeraj उसके बिल्कुल पास आया, और धीरे-धीरे उसकी गुलाबी नाइटी ऊपर खींच दी।
उसकी सांसें Shipra की गर्दन से टकरा रही थीं।

Shipra (घबराकर, फुसफुसाकर):
“अबे हरामी… यहाँ क्या कर रहा है तू… कोई देख लेगा…”

Neeraj ने उसकी कमर पकड़कर कान में गरम साँस छोड़ी और गंदी हँसी के साथ बोला—

Neeraj:
“देख रंडी… तेरा छोरा अपनी लौंडिया की चूत फाड़ रहा है… और मैं तुझे चोदूँगा।”
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#29
उसने Shipra की गुलाबी panty नीचे से सरका दी।
Shipra ने तुरंत उसकी कलाई पकड़ ली और गुस्से में फुसफुसाई—

Shipra (कराहते हुए):
“साले… अभी नहीं… मेरी चूत तो सुबह से ही तेरे झटकों से सुज गई है… लाल पड़ी है पूरी… चल नहीं सकती मैं…”

Neeraj रुक गया, फिर उसकी आँखों में शरारती चमक आ गई।
उसने ज़ोर से Shipra की गांड दबाई और थूककर अपनी उंगली उसकी टाइट गांड पर रख दी।

Neeraj (गंदी हँसी में):
“तो चूत नहीं… आज तेरी गांड फाड़ूँगा रंडी… पहली बार।”

बोलते ही उसने ज़ोर से Shipra की गांड में उंगली घुसा दी।
Shipra चीखकर खिड़की से लटक गई।

Shipra (चीखकर, गाली देते हुए):
“आआआह्ह्ह… मादरचोद… वहाँ नहीं… साले हरामी…”

Neeraj ने और गहरी उंगली चलाई, उसकी कमर कसकर पकड़ ली।

Neeraj:
“चुप रह… देख तेरा छोरा अपनी रंडी को कैसे रुला-रुला कर चोद रहा है… और तू मेरी उंगली से पागल हो रही है।”

Shipra की आँखें भर आईं, गुस्सा और मज़ा दोनों उसकी सांसों में घुल गए।

Shipra काँपते हाथों से खिड़की पकड़े, बेटे की ये हालत देख रही थी।
उसकी साँसें थम नहीं रही थीं।
पीछे से Neeraj ने उसकी कमर कसकर पकड़ रखी थी।

उसकी गुलाबी panty अब आधी जांघों तक खिसकी हुई थी।
Neeraj ने अपनी उंगली उसकी गांड में और ज़ोर से घुसा दी।

Shipra (कराहते हुए, दाँत दबाकर):
“आआआह्ह्ह… मादरचोद… ज़ोर से मत… फाड़ देगा हरामी…”

Neeraj उसकी गर्दन पर काटता है और गरम साँस फेंकता है।

Neeraj (गंदी हँसी में):
“चुप रह… देख तेरे छोरे का लंड… कैसे ग़ायब कर रहा है उस रंडी की चूत में…
और तू… तेरी गांड से मेरी उँगली पी रही है।”

Shipra ने कराहकर होंठ काट लिए, उसकी आँखें बेटे पर जमी थीं, लेकिन उसकी कमर Neeraj की पकड़ में और कसती जा रही थी।


---

अंदर — Rohit और Tara

अब Rohit ने Tara के बाल पकड़कर उसके चेहरे को ऊपर खींचा और लंबा, गहरा किस करने लगा।
दोनों की साँसें एक-दूसरे में उलझ गईं।
Rohit ने उसके मुँह में अपनी जीभ गहरा धँसाई, और Tara ने भी हाँफते हुए जीभ चूस ली।

फिर Rohit झुककर उसकी चूत को लंबे समय तक चाटने लगा।
उसकी जीभ हर कोने में दौड़ रही थी, और Tara काँपती हुई बिस्तर पर गिर पड़ी।

Tara (कराहकर चीखते हुए):
“आआआह्ह्ह… बस कर Rohit… पागल कर रहा है तू…”


---

खिड़की के पास

Shipra ये सब देखकर खुद को रोक ही नहीं पा रही थी।
Neeraj अब उसकी गांड में दो-दो उंगलियाँ डाल चुका था।
Shipra की कमर थरथरा रही थी।

Shipra (सिसकते हुए):
“साले… तू रुक… फाड़ देगा मेरी गांड…”

Neeraj (गंदी आवाज़ में):
“तेरे छोरे को देख… और मेरी उँगलियों का मज़ा ले रंडी…
आज से तेरी गांड भी मेरी है।”

Shipra ने चीखकर खिड़की और कसकर पकड़ ली, उसकी साँसें तेज़ हो गईं।

Rohit ने Tara की टाँगें दोनों तरफ से उठाकर अपने कंधों पर रख दीं।
उसकी चूत पूरी तरह भीग चुकी थी।

Rohit (गरजते हुए):
“अब देख रंडी… ये है असली झटका।”

उसने एक ही धक्के में पूरा लंड अंदर धँसा दिया।
Tara चीख पड़ी, उसके नाखून बिस्तर की चादर में गड़ गए।

Tara (कराहते हुए चीख):
“आआआआह्ह्ह… मादरचोद… फाड़ डाला तूने…”

Rohit अब पूरी ताक़त से झटके मार रहा था।
कमरा “धप्प-धप्प-धप्प” की आवाज़ों से गूँज रहा था।

कभी वो Tara को मिशनरी में दबाता, कभी करवट देकर उसकी चूत में लंड गाड़ता,
फिर उसे घोड़ी बनाकर पीछे से पूरी ताक़त से धक्के लगाता।

Rohit (हर बार गाली देते हुए):
“ले बे रंडी… ऐसे चोदूँगा तुझे कि कल उठ भी न पाएगी…
तेरी चूत आज मेरी है… सिर्फ मेरी।”

Tara का शरीर काँप रहा था, आँखों से आँसू बह रहे थे, लेकिन उसके होंठों से कराहें निकल रही थीं।
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#30
खिड़की के पास — Shipra और Neeraj

Shipra ये सब देख रही थी — उसका बेटा अपनी औरत को जानवर की तरह चोद रहा था।
उसकी साँसें तेज़ हो गईं।

Neeraj अब पीछे से Shipra की गांड में तीन उंगलियाँ डाल चुका था।
उसकी कमर काँप रही थी, चीख उसके गले में अटकी थी।

Shipra (सिसकते हुए, दबे स्वर में):
“आआआह्ह्ह… हरामी… सच में फाड़ डालेगा तू…”

Neeraj (कान में फूँक मारते हुए):
“तेरी चूत तो सुबह सुज गई थी…
अब ये गांड मेरी लंड के लिए बची है…
आज पहली बार का मज़ा लूँगा तेरी tight गांड का।”

उसने उसकी गर्दन पर दाँत गड़ा दिए।
Shipra की चीख उसके मुँह में ही दब गई।
उसकी आँखें अब भी बेटे पर टिकी थीं, लेकिन उसकी कमर Neeraj की पकड़ में थरथरा रही थी।


---

अंदर —

Rohit अब Tara को दीवार से सटा कर खड़ा कर चुका था।
उसने उसकी कमर पकड़कर खड़ा ही खड़ा घोड़ी बना दी और तेज़ धक्के मारने लगा।

Tara (कराहकर चीखते हुए):
“आआआह्ह्ह Rohit… धीरे… नहीं सहा जा रहा…”

Rohit (गरजकर):
“चुप रह… तेरी चूत मेरी है… चाहे खून निकले या आँसू।”

उसके हर झटके के साथ Tara की कराह बाहर तक गूँज रही थी।

Rohit अब पागल की तरह Tara की चूत तोड़ रहा था।
उसने उसके दोनों पैर चौड़े फैलाए और पूरा लंड इतनी तेज़ी से धँसाना शुरू किया कि Tara चीखते-चीखते हाँफ गई।

Rohit (गरजते हुए):
“ले रंडी… अब आ रहा हूँ मैं…
तेरी चूत को भर दूँगा अपने बीज से।”

उसके हर धक्के से Tara का पूरा शरीर हिल रहा था।
उसके बाल बिखर चुके थे, होंठ काँप रहे थे।

Tara (चीखते हुए, आँसू बहाते):
“आआआह्ह्ह… Rohit… बस… और नहीं… फाड़ डाला तूने…
मादरचोद… मेरे अंदर आग लग गई है…”

Rohit ने उसे कसकर पकड़ा, एक लंबा गहरा किस किया, और फिर पूरी ताक़त से झटके मारते-मारते अचानक पूरा लंड जड़ तक धँसा दिया।

“धप्प्प्प्प्प्प… धप्प्प्प्प्प्प…”

Tara की चीख कमरे की दीवारों से टकराई और उसी पल Rohit ने जोरदार दहाड़ के साथ अपना सारा गर्म वीर्य उसके अंदर उंडेल दिया।

Rohit (दहाड़ते हुए):
“ले रंडी… सब ले ले… अब तू मेरी है पूरी तरह।”

Tara का शरीर काँपकर ढीला पड़ गया।
उसकी आँखों से आँसू बहे, लेकिन होंठों पर एक थकी हुई कराह और अजीब-सी संतुष्टि थी।


---

खिड़की के पास —

Shipra ने सब अपनी आँखों से देखा।
उसका मुँह आधा खुला था, साँसें काँप रही थीं।

Neeraj उसकी गांड में उँगलियाँ पूरी ताक़त से चला रहा था।
वो Shipra के कान में फुसफुसाया—

Neeraj (गंदी हँसी में):
“देख… तेरा छोरा कैसा जानवर है…
रंडी बना डाली अपनी औरत को… और तू… मेरी उँगलियों से ही टूट रही है।”

Shipra कराहकर खिड़की पर सिर टिका दी, उसकी कमर Neeraj की पकड़ में काँप रही थी।


---Shipra हाँफते-हाँफते काँप रही थी।
Neeraj की दो-दो उँगलियाँ उसकी गांड में पूरी तरह धँसी थीं।
लेकिन Shipra ने अचानक दोनों हाथों से उसकी कलाई पकड़ ली और ज़ोर लगाकर अपनी गांड से उँगलियाँ खींच लीं।

Shipra (कराहते हुए, गुस्से में):
“बस कर हरामी… और नहीं… फाड़ देगा तू…”

Neeraj गंदी हँसी हँसते हुए उसके कान पर काट लिया।
लेकिन Shipra ने खिड़की को कसकर पकड़ लिया और फिर अंदर देखने लगी।


---

कमरे के अंदर

Rohit अब थक चुका था।
उसने आख़िरी जोरदार झटका मारा और फिर Tara के ऊपर ही ढेर होकर हाँफने लगा।

“ह्ह्ह… ह्ह्ह…”

Tara का आधा शरीर Rohit के भारीपन से दबा हुआ था।
उसकी साँसें उखड़ी हुई, बाल बिखरे, होंठ सूजे हुए और जाँघें काँप रही थीं।

Neeraj ने खिड़की से झाँकते हुए ये नज़ारा देखा।
उसे साफ़ Tara के जाँघों के बीच पसीने और गीलापन में चिपके जंघ के बाल (jhat ke baal) दिखे।
कमरे में दोनों पूरी तरह थके पड़े थे — एकदम निढाल।


---

खिड़की के पास खड़ी Shipra हिल भी नहीं पा रही थी।
उसकी आँखें अभी भी बेटे और उसकी औरत पर जमी हुई थीं, चेहरा हैरानी और शर्म दोनों से लाल था।
Neeraj उसके और पास आकर गंदी हँसी हँसने लगा।

Shipra ने हड़बड़ी में अपनी गुलाबी panty उठाई और जल्दी-जल्दी पहनने लगी।
जाँघों तक ही चढ़ाई थी कि पीछे से Neeraj ने अचानक खींचकर उतारने की कोशिश की।

Shipra (गुस्से से, हाथ झटकते हुए):
“छोड़ हरामी… हर वक्त मेरी panty पे ही क्यों तू झपटता है?”

लेकिन Neeraj ने ज़ोर लगाकर elastic पकड़ ली और — “चर्र्र्राक्क्क्क” — पूरी panty बीच से फाड़ दी।

Shipra का चेहरा गुस्से और शर्म से लाल हो गया।
उसने काँपते हाथों से फटी panty उठाई और Neeraj के मुँह पर दे मारी।

Shipra (गरजकर):
“मादरचोद… रोज़ मेरे कपड़े फाड़ता है तू…
अबे बता… क्या मैं नंगी घूमूँ पूरे घर में?”

Neeraj ने गंदी हँसी छोड़ी, आँखें तरेरकर बोला—

Neeraj:
“हाँ… तू नंगी ही अच्छी लगती है रंडी।
और सुन… एक दिन आएगा जब तेरा बेटा और मैं…
तुझे साथ मिलकर चोदेंगे।”

Shipra हाँफते हुए पीछे हटी, उसके गाल तमतमा रहे थे।
उसने फटी panty हाथ से निकाली, Neeraj की हथेली में चिपकाई और गुस्से से कमरे से बाहर निकलने लगी।

Neeraj ने उसी वक़्त चालाकी की, पीछे से वो फटी panty उठाई और हँसते हुए Rohit के कमरे की तरफ़ फेंक दी।
Panty हवा में उड़ी और सीधा बिस्तर के कोने पर जाकर गिरी, जहाँ Tara और Rohit अभी भी थके हुए पड़े थे।

Shipra ग़ुस्से में तेज़ कदमों से आगे बढ़ रही थी कि Neeraj ने पीछे से उसकी गांड में उँगली डाल दी।
Shipra चीखते हुए रुक गई, मगर Neeraj उसी पकड़ के साथ उसे धकेलता हुआ अपने कमरे की तरफ़ ले गया।


---

To be continued…

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#31
Shipra ग़ुस्से से Neeraj से दूर हटने लगी थी।
उसकी गुलाबी नाइटी आधी खुली हुई थी और साँसें अभी भी तेज़ चल रही थीं।
तभी Neeraj ने पीछे से झपटकर उसकी कलाई पकड़ ली और उसे दीवार से जोर से टिका दिया।

Shipra (कराहकर, गुस्से से):
“छोड़ हरामी… रोज़ मेरे कपड़े फाड़ता है, अब क्या करने आया है?”

Neeraj ने उसके कान पर दाँत गड़ा दिए और गंदी हँसी में बोला—

Neeraj:
“आज तेरी चूत नहीं… तेरी गांड मेरी होगी। पहली बार… और सीधा मेरी मुठ्ठी जितना भरेगा।”

Shipra की आँखें डर और हैरानी से फैल गईं।
उसने दोनों हाथों से Neeraj को धक्का देने की कोशिश की लेकिन वो और कसकर उसके ऊपर झुक गया।

Shipra (सिसकते हुए):
“नहीं… मादरचोद… वहाँ मत करना… फाड़ देगा मुझे…”

Neeraj ने उसकी नाइटी ऊपर उठाई, नंगा किया और उसकी गांड पर जोर का चाटा जड़ा।
आवाज़ गूँजी— “चटाक्क्क”।

Shipra दर्द से चीख पड़ी।
Neeraj हँसते हुए उसके बाल पकड़कर बोला—

Neeraj (जानवर की तरह):
“तेरे मुँह से यही चीख सुननी है मुझे… अब चुपचाप झुक जा।
तेरी गांड को आज पहली बार खोलूँगा मैं।”

Shipra ग़ुस्से और बेबसी से काँप रही थी।
उसकी आँखों से आँसू आने लगे, होंठ काँप रहे थे।
लेकिन Neeraj की पकड़ और गर्म साँसें उसकी रगों में एक अलग सनसनी भी दौड़ा रही थीं।

धीरे-धीरे उसने अपना माथा दीवार पर टिका लिया, आँखें बंद कर लीं और दाँत भींचकर बोली—

Shipra (धीमी लेकिन टूटी आवाज़ में):
“हरामी… कर ले आज… लेकिन याद रखना, तेरा ये करज़ा मैं कभी माफ़ नहीं करूँगी।”

Neeraj ने उसके कान में जीभ फेरते हुए गंदी हँसी छोड़ी और हाथ उसकी कमर तक सरका दिए।
Shipra (तेज़ स्वर में, गुस्से से):
“हरामी… रोज़-रोज़ कपड़े क्यों फाड़ता है तू? नंगी घूमूँ मैं घर में?”

Neeraj उसके कान के पास आकर गंदी हँसी हँसा —
Neeraj:
“तू नंगी ही सबसे हसीन लगती है रंडी… अब देख, तेरी नाइटी भी ज़्यादा देर बचने वाली नहीं है।”

Shipra पलटी और धक्का देने लगी।
लेकिन Neeraj ने उसके दोनों हाथ ऊपर की ओर दीवार से चिपका दिए।
उसकी साँसें गरम होकर Shipra की गर्दन पर गिर रही थीं।

Neeraj (धीरे से फुसफुसाते हुए):
“तेरा छोरा जिसको चोद रहा है… तू सोच, उसी के बाप की तरह मैं भी तुझे नंगा करके मज़े लूँ।”

Shipra (झटके से, गुस्से में):
“चुप कर साले… मुझे छोड़!”

लेकिन Neeraj ने उसकी गर्दन पर जोर से काट लिया।
Shipra ने “आह्ह” की हल्की चीख मारी और दीवार को कसकर पकड़ लिया।

धीरे-धीरे Neeraj का हाथ उसकी नाइटी के अंदर सरक गया।
उसकी हथेली ने Shipra के गर्म, नरम boobs पकड़ लिए।

Shipra (हांफते हुए, आधा गुस्सा आधी सिसकी):
“मत छू… कमीने…”

Neeraj (हँसते हुए, कसकर दबाते हुए):
“बस अब यहीं से शुरू होगा मज़ा… तेरे ये दूध जैसे बोसड़े… मेरे हाथों के लिए ही बने हैं।”

उसने दोनों हथेलियों से कसकर Shipra के boobs दबा दिए।
Shipra की कमर अनचाहे ही पीछे खिंच गई।
Neeraj की उंगलियाँ बार-बार उसके निपल्स को पकड़कर मरोड़ने लगीं।

Shipra की साँसें तेज़ हो चुकी थीं, आँखें बंद होने लगीं।
उसका पूरा शरीर गर्म हो रहा था — गुस्सा और झिझक के बीच उसके होंठ खुद-ब-खुद काँप रहे थे।

Neeraj ने उसके होंठों पर अचानक लंबा किस जड़ दिया।
Shipra ने पहले मुँह मोड़ने की कोशिश की, मगर Neeraj ने उसके गाल पकड़कर होंठ कसकर सील दिए।
धीरे-धीरे Shipra की साँस टूटने लगी और उसकी जीभ भी Neeraj की जीभ से उलझ गई।
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#32
कमरे में सिर्फ़ कराह और चूसने की आवाज़ गूँज रही थी।
कमरे का माहौल अब और भी गरम हो चुका था।
Neeraj ने Shipra के होंठों को इतना लंबा और गहरा चूमा कि उसकी साँसें टूटने लगीं।
Shipra ने धक्का देने की कोशिश की, मगर उसके हाथ अभी भी दीवार से दबे थे।

Neeraj (बीच-बीच में होंठ चूसते हुए, भारी साँसों में):
“हम्म… तेरे होंठ… साले इतने मीठे हैं कि चूसता ही रह जाऊँ…”

Shipra (सिसकते हुए, धीरे):
“मत कर… छोड़ मुझे…”

लेकिन उसकी आवाज़ में अब पहले वाला गुस्सा नहीं था, उसमें कंपकंपी और थकान थी।

Neeraj धीरे-धीरे नीचे सरक आया।
उसने Shipra की नाइटी का पल्ला उठाया और अपने मुँह से उसके boobs तक पहुँच गया।
उसकी जीभ पहले हल्के-हल्के निपल्स पर घूमी, फिर अचानक कसकर दाँत से पकड़ लिया।

Shipra (चीखते हुए, गर्दन पीछे फेंककर):
“आआह्ह… साले… काट मत…”

Neeraj (हँसते हुए, और ज़ोर से दबाते हुए):
“ये बोसड़े आज से मेरे हैं… जितना चाहूँगा चूसूँगा, दबाऊँगा…”

उसने दोनों हथेलियों से Shipra के दूध जैसे बड़े boobs कसकर पकड़ लिए और बार-बार मसलने लगा।
निपल्स उसके दबाव से कड़े और गुलाबी हो चुके थे।

Shipra अब दीवार से टिक गई थी, उसकी आँखें आधी बंद, होंठ हिलते लेकिन आवाज़ नहीं निकल रही थी।
उसका सीना हाँफते हुए ऊपर-नीचे हो रहा था।

Neeraj ने एक-एक करके दोनों boobs को मुँह में भर लिया।
कभी चूसता, कभी दाँत से हल्का काटता, कभी जीभ से निपल्स को गीला करता।
Shipra हर बार सिसक कर उसकी पकड़ ढीली करने की कोशिश करती, मगर उसके अपने हाथ अब धीरे-धीरे Neeraj की पीठ पर सरकने लगे थे।

Neeraj (गरम साँसें छोड़ते हुए):
“देखा… बोलती है मत कर, और तेरी साँसें बता रही हैं मज़ा आ रहा है।”

Shipra ने कराहकर आँखें बंद कर लीं।
उसकी जाँघें हल्के-हल्के Neeraj की टांगों से छू रही थीं।
नाइटी अब पूरी तरह ऊपर सरक चुकी थी — नीचे उसका शरीर नंगा और गरम हो चुका था।

Neeraj ने Shipra की गर्दन पर फिर से अपने होंठ जमा दिए।
वो बार-बार उसकी त्वचा को चूमता, चाटता और कभी-कभी हल्का-हल्का काटता।
उसकी जीभ गरम और गीली थी, और Shipra का पूरा जिस्म काँप उठा।

Shipra (सिसकते हुए, दबी आवाज़ में):
“ने… Neeraj… रुक जा… किसी ने देख लिया तो…”

Neeraj ने उसकी ठुड्डी पकड़कर चेहरा ऊपर उठाया और ज़ोर से होंठों पर किस कर दिया।
ये किस लंबा था, इतना गहरा कि Shipra हाँफने लगी।
Neeraj की जीभ उसके मुँह में घुसकर हर कोने को चाट रही थी, और धीरे-धीरे Shipra ने भी अपनी जीभ उसके साथ मिला दी।

उन दोनों के होंठों से आवाज़ें आने लगीं — “चप-चप-चप…”
कमरा अब सिर्फ़ उनकी साँसों और इन गीली आवाज़ों से गूंज रहा था।


---

Neeraj का हाथ धीरे-धीरे नीचे फिसला।
उसने Shipra की नाइटी को ऊपर उठाते हुए उसके पेट तक सरका दिया।
उसकी उँगलियाँ अब Shipra की नाभि के चारों ओर गोल-गोल घूमने लगीं।

Neeraj (हँसते हुए):
“तेरी ये नाभि तो साली सीधी जीभ माँग रही है…”

और सच में — वो नीचे झुका और Shipra के पेट पर, फिर नाभि पर अपनी जीभ से लप-लप चाटने लगा।
Shipra की कमर एकदम से ऊपर उठी और उसके मुँह से कराह फूट पड़ी।

Shipra (कराहकर):
“आआह्ह… साले… वहाँ मत…”

लेकिन उसके हाथ अब Neeraj के बालों में उलझ चुके थे, जैसे उसे और गहराई में दबाना चाहती हो।


---

Neeraj अब नीचे सरक चुका था।
उसके होंठ Shipra की जाँघों तक पहुँच गए।
Shipra की साँसें और तेज़ हो गईं, उसकी जाँघें काँप रही थीं।
Neeraj ने उसकी जाँघों को दोनों हाथों से पकड़कर अलग किया और बीच में झुककर उसकी भीगी हुई जगह के बिलकुल पास आ गया।

वो पहले हल्के-हल्के उसकी जाँघों को चूमता, फिर जीभ से स्लो-लीकिंग करता ऊपर-नीचे।
Shipra की कमर थरथरा उठी, और उसने खिड़की को कसकर पकड़ लिया।

Shipra (कराहते हुए, आधी टूटी आवाज़ में):
“आआह्ह… ने… Neeraj… बस कर…”

Neeraj (गरम साँस छोड़ते हुए):
“बस कुछ नहीं… आज तेरा हर हिस्सा चखूँगा मैं।”

Neeraj का चेहरा अब Shipra की जाँघों के बीच झुक चुका था।
उसकी गरम साँसें Shipra की गीली चूत को छू रही थीं।
Shipra ने एक झटका लिया, दोनों हाथ खिड़की पर और कस दिए।

Neeraj (धीरे, होंठ पास लाते हुए):
“साली… कितनी भी मना कर… तेरी चूत खुद भीगकर मुझे बुला रही है।”

फिर उसने अपनी जीभ बाहर निकाली और Shipra की चूत की दरार पर हल्का-सा लिक किया।
Shipra की पूरी कमर काँप गई, उसकी आँखें एकदम बंद हो गईं।

Shipra (कराहकर):
“आआह्ह्ह… साले… मत… वहाँ नहीं…”

लेकिन Neeraj अब रुका नहीं।
उसने धीरे-धीरे, बहुत स्लो, पूरी लंबाई में चाटना शुरू किया।
हर चाट पर “च्र्र्र्र्र्र्र्र्रक… च्र्र्र्र्र्र्र्र्रक” की आवाज़ गूँज उठती।

Shipra के होंठ काँप रहे थे, गाल लाल हो चुके थे।
उसके पैरों में इतनी थरथराहट थी कि वो मुश्किल से खड़ी रह पा रही थी।


---
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#33
Neeraj अब और पास झुका।
उसकी जीभ सीधी Shipra के छोटे गुलाबी क्लिट पर घूमने लगी।
धीरे-धीरे गोल-गोल घुमाता, कभी हल्का काटता, कभी कसकर चूसता।

Shipra (तेज़ सिसकी छोड़ते हुए):
“आआह्ह्ह्ह… बस कर… नहीं तो निकल जाएगी…”

Neeraj (गंदी हँसी में):
“यही तो चाहिए रंडी… तेरी चीख, तेरे झटके… आज सब निकाल दूँगा।”

उसने अपनी दो उँगलियाँ भी धीरे-धीरे चूत में घुसा दीं।
अब एक साथ उसकी जीभ ऊपर चूस रही थी और उँगलियाँ अंदर रगड़ रही थीं।
Shipra की कमर अनचाहे ही आगे को धकेल रही थी, जैसे खुद और माँग रही हो।


---

Shipra अब दीवार से टिक चुकी थी।
उसकी आँखें बंद, होंठ खुले हुए, और साँसें हाँफती हुई।
उसका पूरा जिस्म पसीने से भीग चुका था।

उसने रोते-से स्वर में फुसफुसाया—

Shipra (सिसकते हुए, दबी आवाज़ में):
“ने… Neeraj… मैं नहीं रोक पाऊँगी…”

Neeraj ने और गहराई से चूस लिया।
अब आवाज़ें और गंदी हो गईं—
“चुप्प्प… चुप्प्प… च्र्र्र्र्र्र्र्र्रक… च्र्र्र्र्र्र्र्र्रक…”

Shipra का शरीर एकदम से झटके खाने लगा।
उसकी जाँघें Neeraj के सिर को कसकर दबा चुकी थीं।
आँखों से आँसू बह रहे थे और होंठों से टूटी-फूटी कराहें निकल रही थीं।

Shipra की जाँघें अब Neeraj के सिर को ऐसे जकड़ चुकी थीं कि मानो उसे छोड़ने ही न दें।
उसका पूरा बदन पसीने से तर-बतर था, कमर बेकाबू होकर ऊपर-नीचे हिल रही थी।

Neeraj (हाथों से उसकी गांड पकड़कर और कसते हुए):
“हाँ… ऐसे ही दबा… साली… निकाल दे सब… मेरे मुँह में…”

उसकी जीभ अब Shipra के क्लिट को तेजी से चूस रही थी, और दो उंगलियाँ लगातार अंदर-बाहर।
आवाज़ें गूंज रही थीं —
“च्र्र्र्र्र्रक… चुप्प्प… च्र्र्र्र्र्र्र्र्रक…”


---

Shipra का पूरा जिस्म कांपने लगा।
उसकी साँसें इतनी तेज़ हो चुकी थीं कि लग रहा था अभी फट जाए।
उसने खिड़की को कसकर पकड़ लिया, सिर पीछे फेंककर चीख निकाली—

Shipra (चीखते हुए):
“आआआआआआह्ह्ह्ह्ह… म्म्म्म्म्म… साले… मैं… निकल… रही… हूँssssss…!!!”

और अगले ही पल उसके बदन से तेज़ झटका निकला।
उसकी चूत से गरम गीलापन Neeraj के चेहरे पर फूट पड़ा।
Neeraj हँसते हुए और गहराई से उसका रस पीने लगा।

Shipra अब काँपती हुई, दीवार से चिपकी हुई, आधी रोती-सी, आधी हाँफती हुई खड़ी थी।
उसका पूरा शरीर ढीला पड़ चुका था, जैसे पहली बार किसी ने उसकी आत्मा तक चूस ली हो।


---

Neeraj (उसकी जाँघों को थामते हुए, गंदी हँसी में):
“देखा रंडी… कितनी मना कर रही थी… अब देख, खुद अपनी चूत मेरे मुँह में फोड़ दी।”

Shipra (साँस टूटती हुई, आँखों से आँसू बहते हुए):
“ने… Neeraj… तू हरामी है… तूने मुझे मजबूर कर दिया…”

Neeraj ने उसका चेहरा पकड़कर होंठों पर गंदा, गहरा किस जड़ दिया।
Shipra पहले मुँह मोड़ना चाहती थी, लेकिन उसकी अपनी जीभ Neeraj के मुँह में फिसल गई।
वो कराहते हुए फिर से उसके होंठ चूसने लगी।


---

अब Neeraj धीरे-धीरे नीचे से उसकी गांड पकड़कर और कस रहा था।
उसके गरम हाथ Shipra की गांड की दरार में दब रहे थे।
Neeraj (उसके कान में गरम साँस छोड़ते हुए):
“अभी तो बस चखाया है… असली मज़ा तो जब तेरी गांड चीरूँगा तब आएगा।”

Shipra काँप गई, उसके होंठ से टूटी-फूटी कराह निकली—
“नहीं… वहाँ मत करना… पहली बार है…”
Shipra अभी भी दीवार से लगी हाँफ रही थी।
उसकी नाइटी आधी ऊपर सरकी हुई थी और पसीने से उसका बदन चमक रहा था।
Neeraj झुककर उसकी गांड पर जोर से “चटाक्क” मारा।

Shipra (दर्द से चीखकर):
“आआह्ह… साले…!”

Neeraj (गंदी हँसी में):
“यहीं से तो आज मज़ा शुरू होगा रंडी… तेरी गांड अब मेरी है।”


---

वो घुटनों पर झुक गया और Shipra की दोनों गांडों को पकड़कर अलग किया।
उसके बीच का गुलाबी-संकरा छेद अब साफ़ दिख रहा था।
Neeraj ने जीभ बाहर निकाली और धीरे-धीरे उसकी गांड की दरार पर लप-लप चाटना शुरू किया।

Shipra (काँपकर, कराहते हुए):
“आआआह्ह्ह… मत कर उधर… गंदा है…”

लेकिन उसके होठों से दबा हुआ सिसकार निकल ही गया।
Neeraj की जीभ ऊपर से नीचे तक बार-बार उसकी गांड को गीला कर रही थी।
कभी वो कसकर चाटता, कभी अचानक छेद पर जीभ घुसेड़ देता।

Shipra की कमर झटके मारने लगी।
उसने दीवार को कसकर पकड़ लिया, होंठ काट लिए लेकिन मुँह से सिसकियाँ निकलती ही रहीं।

Neeraj (चाटते हुए गरजकर):
“हम्म्म… तेरी गांड तो शहद जैसी लग रही है… अब इसमें अपना लंड गाड़ दूँगा।”


---

फिर उसने एक उंगली धीरे से उसके छेद पर रखी और दबाने लगा।
Shipra की आँखें चौड़ी हो गईं, मुँह से चीख निकली—

Shipra (सिसकते हुए):
“नहीं… Neeraj… वहाँ नहीं… मेरी गांड कभी किसी ने…”

उसकी बात पूरी होती उससे पहले Neeraj ने जीभ के साथ उंगली भी अंदर घुसा दी।

Shipra (चीखकर, काँपते हुए):
“आआआआआह्ह्ह्ह… मादरचोद… जल रहा है… फाड़ देगा…”

उसकी आँखों से आँसू बह निकले।
वो दीवार से सिर टकराकर कराहने लगी।


---

Neeraj अब उसकी गांड पर और तेज़ी से जीभ चला रहा था।
कभी गहराई तक छेद चाटता, कभी उसकी गांड की गोलाई पर काट लेता।
Shipra का पूरा शरीर थरथरा रहा था।

Shipra (रोते-कराहते हुए, अंदर से बुदबुदाकर):
“Rohit… बेटा… कोई बचा ले मुझे… तेरा बाप नहीं… ये हरामी मेरी गांड मारने वाला है…”

उसके दिल में डर और शर्म एक साथ उमड़ रहे थे।
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#34
Neeraj अब खड़ा हुआ, उसका लंड हाथ में पकड़े हुए।
वो Shipra की गांड पर रगड़ते हुए बोला—

Neeraj (जानवर की तरह गरजकर):
“आज पहली बार इस छेद में घुसेगा… और सीधे जड़ तक जाएगा।”

Shipra (सिर हिलाकर, रोते हुए):
“नहीं… मेरी जान निकल जाएगी… मत कर…”

Neeraj ने उसके बाल पकड़कर चेहरा दीवार से टिका दिया।
फिर धीरे-धीरे अपने लंड का सिरा उसकी गीली गांड पर रखा।
Shipra का पूरा शरीर सख़्त हो गया।

Neeraj (गरम साँस छोड़ते हुए):
“बस… अब तू रोएगी… और मुझे मज़ा आएगा।”

Neeraj ने उसका बाल पकड़कर मुँह दीवार से चिपका दिया था।
उसकी नाइटी अब कमर तक ऊपर थी और नीचे पूरा पिछवाड़ा नंगा।

उसने अपना मोटा, लंबा लौंड पकड़कर Shipra की गांड के बीच फँसा दिया।
सिरा उसके छेद पर रगड़ा…

Shipra (काँपते हुए, कराहकर):
“आआआह्ह… Neeraj… मत कर… मेरी चूत तो तेरे लंड से वैसे ही फट चुकी है… दो दिन से खून आ रहा है… अब अगर गांड में घुसा दिया तो मैं खड़ी भी नहीं हो पाऊँगी…”

उसकी आँखों से आँसू बह निकले।
उसका पूरा शरीर डर से कांप रहा था, कमर सख़्त हो गई थी।

Neeraj (गंदी हँसी में, गरम साँस छोड़ते हुए):
“साली… इसी डर का तो मज़ा है। तेरी गांड आज पहली बार खुलेगी… और खोलने वाला मैं रहूँगा। इतना भरूँगा कि तू बैठ भी नहीं पाएगी।”

उसने लंड का सिरा कसकर छेद पर धँसाना शुरू किया।

Shipra (चीखते हुए, सिर दीवार पर मारते हुए):
“आआआआआह्ह्ह्ह्ह… मादरचोद… मत कर… मर जाऊँगी मैं… आआआह्ह्ह…”

उसका चेहरा पसीने से भीग चुका था, होंठ काँप रहे थे।
वो बार-बार दीवार को थपथपा रही थी जैसे खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही हो।


---

Neeraj अब और ज़ोर लगाने लगा।
उसका मोटा लौंड धीरे-धीरे छेद को फैलाने लगा।

Shipra (रोते हुए, सिसकते हुए):
“आआह्ह… नहीं… नहीं… फाड़ देगा… Rohit… बेटा… बचा ले मुझे… ये तेरी माँ की गांड मार रहा है…”

उसकी सिसकियाँ अब कमरे में गूँज रही थीं।
गांड़ का छेद जलने जैसा महसूस कर रहा था।

Neeraj (दाँत पीसकर, दबे स्वर में):
“बस… आधा घुस चुका है… अब तू चाहे रो, चाहे गालियाँ दे… पूरा लंड तेरी गांड में जाएगा।”

उसने एक जोर लगाया —
लौंड का आधा हिस्सा धँस गया।

Shipra (कराहकर, चीखते हुए):
“आआआआआआआआह्ह्ह्ह… ओ माँ… फट गई मेरी गांड… आआह्ह्ह…”

उसकी आँखों से आँसू धारा बनकर बहने लगे।
उसके पैर काँप रहे थे, कमर हिल नहीं पा रही थी।

दीवार से दबाई हुई Shipra काँप रही थी। उसकी गुलाबी नाइटी ऊपर सरकी हुई थी और नंगी गांड Neeraj के हाथों में थी।
उसका चेहरा डर और गुस्से से लाल था।

Shipra (रोती आवाज़ में):
“हरामी… मत करना… मेरी चूत तो तूने दो दिन से फाड़ ही दी… अब गांड मत छेड़… मर जाऊँगी मैं…”

Neeraj (गंदी हँसी में, लंड उसकी गांड पर रगड़ते हुए):
“आज तो यही होगा रंडी… तेरी गांड मेरी होगी… देखना, पूरा लंड कैसे ग़ायब करूँगा।”


---

पहली स्लिप
Neeraj ने धीरे-धीरे लंड का टॉप उसकी टाइट गांड में धँसाया।
Shipra की आँखें फट गईं, उसका पूरा शरीर झटका खा गया।

Shipra (चीखकर):
“आआआह्ह्ह… माँऽऽ… फट गई… निकाल हरामी… मेरी गांड जल रही है…”

उसकी आँखों से आँसू टपकने लगे।
उसने खिड़की को कसकर पकड़ लिया, नाखून लकड़ी में धँस गए।


---

दूसरा इंच
Neeraj ने धक्का मारा और थोड़ा और अंदर घुस गया।
Shipra की कमर थरथराने लगी, उसकी टांगें काँप गईं।

Shipra (सिसकते हुए, जोर से चिल्लाकर):
“भगवान… बचा लो मुझे… सच में मर जाऊँगी… मेरी गांड फट रही है… ओ बेटा Rohit… देख ले… तेरी माँ की गांड मार रहा है ये हरामी…”

Neeraj उसकी चीखें सुनकर और ज़ोर से हँसा।

Neeraj (जानवर की तरह):
“चुप रंडी… जितनी ज़ोर से चिल्लाएगी, उतना गहरा घुसाऊँगा।”


---

तीसरा इंच
अब Neeraj ने उसकी गांड कसकर पकड़कर धक्का मारा।
लंड का तीसरा हिस्सा भी अंदर चला गया।
Shipra दीवार से सिर टकराने लगी, दर्द से कराह रही थी।

Shipra (रोते हुए, काँपती आवाज़ में):
“ओह्ह माँऽऽ… अब नहीं सहा जाता… साला खून निकल रहा है… रोक ले कोई… निकाल ले इसको… मेरा पिछवाड़ा फट गया है…”

सच में उसकी गांड से हल्का-हल्का खून बहना शुरू हो चुका था।


---

पूरा लंड
Neeraj ने गरजते हुए एक जोर का धक्का मारा और पूरा लंड उसकी गांड में ग़ायब कर दिया।
Shipra की आँखें पलट गईं, उसकी चीख पूरे कमरे में गूँज उठी।

Shipra (ज़ोर से चीखते हुए):
“आआआआह्ह्ह… माँऽऽऽऽ… फट गई मेरी गांड… सच में फट गई… ओ बेटा… बचा ले मुझे… तेरा दोस्त तेरी माँ की गांड चीर रहा है…”

उसके आँसू उसके गालों पर बह रहे थे, उसका शरीर दर्द से काँप रहा था।

Neeraj ने उसकी कमर कसकर पकड़ ली और गरम साँस छोड़ते हुए बोला:

Neeraj (क्रूर हँसी में):
“अब तेरी गांड मेरी है रंडी… चाहे तू भगवान को पुकार या अपने छोरे को… आज तेरे इस टाइट छेद को मैं अपनी मर्दानगी से खोल दूँगा।”


---Shipra दीवार से चिपकी काँप रही थी, उसकी साँस टूट रही थी।
गांड से खून बह रहा था और Neeraj का पूरा लंड उसके अंदर कसकर अटका हुआ था।

Neeraj (गरजते हुए):
“अब शुरु होगा असली खेल… तेरी गांड की चीख सुननी है मुझे रंडी।”

उसने पहली जोरदार थप्प-थप्प की आवाज़ के साथ झटका मारा।
Shipra दर्द से दीवार पर सिर पटकने लगी।

Shipra (चीखते हुए):
“आआआह्ह्ह… माँऽऽऽ… मत मार… फट गई मेरी गांड… ओ भगवान… बचा लो… कोई तो रोक लो इस दरिंदे को…”


---

Neeraj ने उसकी कमर पकड़कर लगातार झटके मारने शुरू कर दिए।
उसका लंड खून और गीलेपन में बार-बार घुसता-निकलता रहा।

Shipra (रोते हुए, काँपती आवाज़ में):
“ओ बेटा Rohit… देख ले… तेरी माँ की गांड चीर रहा है ये हरामी… बचा ले मुझे…”

उसकी आँखें लाल हो चुकी थीं, आँसू लगातार गिर रहे थे।

Neeraj (गंदी हँसी में):
“जितना चिल्ला सके उतना चिल्ला… अब तेरी गांड मेरी है… और आज मैं इसे इतना फाड़ूँगा कि याद रखेगी जिंदगी भर।”


---

हर धक्के पर Shipra की चीख कमरे में गूंज रही थी।
उसके नाखून दीवार में धँस गए थे, खून नीचे टपक रहा था।

Shipra (सिसकते हुए, टूटी आवाज़ में):
“आआआह्ह्ह… भगवान… ओ माँ… कोई निकालो इसे… सच में मेरी गांड फट गई… ओ बेटा… तेरा दोस्त दरिंदा है… बचा ले मुझे…”

Neeraj का पसीना Shipra की पीठ पर टपक रहा था।
वो और पागलपन से धक्के मार रहा था।

Neeraj (गरजते हुए):
“तेरी गांड की चीख ही मेरा मज़ा है रंडी… और जोर से रो, और जोर से पुकार… आज तुझे भगवान भी नहीं बचाएगा।”


---

Shipra अब पूरी तरह टूट चुकी थी।
उसकी टांगें काँप रही थीं, कमर हर झटके पर दर्द से चीख उठती थी।
उसकी सिसकियाँ और कराह पूरे कमरे को भर रही थीं।

Neeraj ने झटके से Shipra को पीछे से खींचा और धड़ाम से बिस्तर पर फेंक दिया।
Shipra का चेहरा तकिये में दब गया, बाल बिखर गए, आँसू गालों पर चिपक गए थे।
उसकी गुलाबी नाइटी आधी कमर तक ऊपर चढ़ चुकी थी, नीचे उसकी गांड से खून की पतली धार चादर पर लग चुकी थी।

Shipra (हांफते हुए, डर और गुस्से से):
“आह्ह्ह… हरामी… छोड़ मुझे… अब नहीं सहा जाता… मेरी गांड फट गई…”

लेकिन Neeraj ने उसकी दोनों टाँगें पकड़कर फैलाकर पीछे से कसकर पकड़ लिया।
उसका मोटा लंड अभी भी Shipra की गांड में आधा फँसा हुआ था।

Neeraj (गरजते हुए, गंदी हँसी के साथ):
“बिस्तर पर और भी मज़ा आएगा… यहाँ तेरी चीखें लंबी निकलेंगी रंडी।”


---

वो झुककर Shipra की गर्दन चाटने लगा, उसकी गरम साँसें Shipra की रूह तक काँपाने लगीं।
फिर धीरे-धीरे अपनी पूरी ताक़त लगाकर झटका मारा —
Shipra का पूरा शरीर बिस्तर पर उछल गया।

Shipra (तेज़ चीख के साथ):
“आआआह्ह्ह्ह… माँऽऽऽ… फाड़ डाला हरामी ने… ओ भगवान… कोई निकालो इसे… बेटा रोहित, बचा ले माँ को…”

उसकी आँखों से आँसू धार बनकर गालों से बह रहे थे।
Shipra ने तकिये को पकड़कर दाँतों से दबा लिया, लेकिन हर धक्का उसकी कराह को बाहर निकाल ही देता।


---

Neeraj अब उसकी कमर पकड़कर और भी पागलपन से झटके मारने लगा।
थप्प-थप्प-थप्प की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी।
Shipra की गांड से खून और गीलापन चादर पर फैल रहा था।

Neeraj (जानवर की तरह गरजते हुए):
“तेरी गांड तो सच में कमाल है… जितना फट रही है उतना मज़ा दे रही है… आज मैं इसे पूरी तरह खोल दूँगा।”

Shipra (रोते-रोते, टूटी आवाज़ में):
“आह्ह्ह… मत कर… अब नहीं… सच में मर जाऊँगी… ओ बेटा… तेरा ये हरामी बाप मुझे जान से मार देगा…”
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#35
उसकी दोनों टाँगें बिस्तर पर काँप रही थीं, कमर हर झटके पर ऊपर उठ जाती थी।
Neeraj का पसीना उसके पीठ पर टपक रहा था, और हर बार वो झुककर Shipra के कान में गंदी गालियाँ फुसफुसाता।

Shipra की हालत अब पूरी तरह टूटी हुई थी — उसका शरीर झटकों के साथ बिस्तर पर धँसता और हिलता जा रहा था।

Neeraj ने Shipra की कमर पकड़कर पीछे से दबाया और अपने मोटे लंड को उसकी गांड के और गहराई तक धँसाना शुरू किया।

पहले उसने धीरे-धीरे आगे धकेला —
हर एक-एक इंच पर Shipra की चीख निकल रही थी।

Shipra (तकिये में मुँह दबाते हुए, रोते-कराहते):
“आआह्ह्ह… माँऽऽऽ… फट रही हूँ… ओ भगवान… रुक जा… बेटा… बचा ले माँ को…”

लेकिन Neeraj की आँखों में पागलपन उतर आया था।
उसने कसकर उसकी गांड पर दोनों हथेलियाँ जमा दीं और झटके पर झटका मारना शुरू कर दिया।

धप-धप-धप-धप!

Shipra बिस्तर पर धड़ाम से आगे-पीछे हिल रही थी, चादर उसके खून और गीलापन से और गंदी हो रही थी।

Neeraj (गरजते हुए, गंदी हँसी में):
“साली… जितनी चीख रही है… उतना और गहरा डालूँगा… देख, पूरा लंड ग़ायब कर दूँगा तेरी गांड में।”

Shipra (सिसकते-चीखते हुए):
“आआआह्ह… बस कर… अब नहीं सहा जाता… मेरी गांड सच में फट गई… कोई निकालो इसे… बेटा, तेरा ये हरामी बाप मुझे मार देगा…”


---

Neeraj अब स्लो स्लो नहीं कर रहा था।
उसने पूरी रफ़्तार पकड़ ली —
हर झटके पर Shipra का शरीर बिस्तर से उठकर फिर गिरता।

उसकी चीखें कमरे में गूंज रही थीं।
“आह्ह्ह… ओ माँऽऽऽ… आआआह्ह…”

Neeraj (उसके कान में गरम साँस छोड़ते हुए):
“ये दर्द ही तेरा मज़ा बनेगा रंडी… अब तू रोज़ यही चीखेगी मेरी रफ़्तार पर।”

Neeraj ने Shipra को बिस्तर पर सीधा लिटा दिया, उसके दोनों पैर ऊपर उठाकर अपने कंधों पर रख लिए।
उसका लंड सीधा Shipra की गांड पर टिका और — धप्प्प! एक झटके में अंदर।

Shipra (रोते-कराहते हुए):
“आआआह्ह्ह… माँऽऽऽ… रुक जा हरामी… मेरी जान निकल रही है…”

Neeraj (गरजते हुए):
“साली… तेरी गांड की हर चीख़ चाहिए मुझे।”

हर धक्के पर Shipra का पेट ऊपर-नीचे हो रहा था, boobs हिल रहे थे और बिस्तर चर्र-चर्र की आवाज़ कर रहा था।


---

2. Side position (तिरछा करके)

अब Neeraj ने Shipra को एक तरफ़ लिटाया, उसका एक पैर ऊपर उठाया और पीछे से घुसा।
उसकी जांघें काँप रही थीं, और हर thrust पर Shipra की चीख़ और गहरी निकल रही थी।

Shipra (हकलाते हुए):
“ओह्ह भगवान… मेरे बेटे… कोई रोक ले इसे… मेरी गांड जल रही है…”

Neeraj (हँसते हुए, तेज़ झटके मारते हुए):
“रंडी… तेरी गांड में आग लगाकर ही छोड़ूँगा।”


---

3. Lap position (गोदी में बैठाकर)

Neeraj अब पलंग पर बैठ गया और Shipra को खींचकर अपनी गोदी में बिठा लिया।
उसका मोटा लंड नीचे से सीधा Shipra की गांड में गया।

Shipra (कराहते हुए, आँसू बहाते):
“नहींऽऽऽ… बहुत गहरा लग रहा है… फट गई हूँ…”

Neeraj उसके boobs पकड़कर दबाता, काटता और कहता —
“झेल… जितना तू रोएगी, उतना मज़ा आएगा मुझे।”

Shipra हर झटके पर ऊपर उछलती और उसकी चीख़ बिस्तर हिला देती।


---

4. Doggy style (घोड़ी पोज़िशन)

आख़िर में Neeraj ने Shipra को चारों हाथ-पैरों पर झुका दिया।
उसकी गांड ऊपर थी, नाइटी पूरी तरह फट चुकी थी।

Neeraj ने पीछे से पकड़कर सीधा लंड उसकी गांड में धँसा दिया।
धप-धप-धप-धप!

Shipra (चीखते हुए, आँखों से आँसू बहाते):
“आआआह्ह्ह… ओ माँऽऽऽ… बचा ले कोई… मेरा बेटा… देख, तेरी माँ की गांड फट गई…”

Neeraj (जानवर की तरह, कसकर पकड़ते हुए):
“अब साली… घोड़ी की तरह दुलकी चाल चलेगी तू… और मैं तुझे पूरा चीरकर ही दम लूँगा।”

Shipra का पूरा शरीर आगे-पीछे झूल रहा था, boobs नीचे लटककर बिस्तर से टकरा रहे थे।
हर झटके पर खून की बूँदें टपक रहीं थीं, लेकिन Neeraj और भी तेज़ होता जा रहा था।
---
---
Shipra चारों हाथ-पैरों पर बिस्तर पर झुकी थी।
उसका 45 साल का शरीर हाँफते हुए काँप रहा था।
पीछे से Neeraj — 22 साल का जवान, तगड़ा और जानवर बना हुआ।

उसका मोटा-लंबा लंड बार-बार Shipra की गांड में घुस-घुसकर चीर रहा था।
खून की बूंदें टपक रही थीं, बिस्तर लाल हो चुका था।


---

Shipra का दर्द + guilt

Shipra की आँखों से आँसू बह रहे थे।
हर झटके पर उसका सीना नीचे चर्र-चर्र करता, और boobs हिलकर बिस्तर से टकराते।

Shipra (रोते-चिल्लाते हुए):
“आआआह्ह्ह… ओ माँऽऽऽ… भगवान… बचा लो…
मेरा बेटा… देख ले… तेरी माँ की गांड फाड़ डाली इस हरामी ने…
22 साल की उम्र में तू बाहर और… मैं यहाँ तेरी उम्र के लौंडे से… हायऽऽऽ…”

उसकी आवाज़ काँप रही थी, गला बैठ चुका था।


---

Neeraj की जानवर वाली रफ़्तार

Neeraj अब और भी तेज़ हो गया।
उसने Shipra की कमर पकड़कर धड़ाधड़ झटके मारे।

धप्प-धप्प-धप्प-धप्प!

Neeraj (गरजते हुए, गंदी हँसी में):
“आवाज़ और ऊँची कर रंडी… ताकि भगवान भी सुन ले कि तेरी 45 साल की गांड अब मेरी है!”

उसकी साँसें भारी थीं, लंड लगातार गहरा घुसता जा रहा था।


---

Shipra का टूटना

Shipra के होंठ काँप रहे थे, उसका शरीर अब थक चुका था।
उसने सिर बिस्तर पर पटक दिया, दोनों हाथों से चादर नोच ली।

Shipra (टूटती आवाज़ में):
“मेरा बेटा… मेरी बेटी की अभी शादी हुई… और मैं यहाँ… हाय रे किस्मत… आआआह्ह्ह…
Neeraj… रुक जा… मेरी गांड सच में फट गई है… खून बह रहा है…”

उसकी साँसें टूट चुकी थीं, पूरा शरीर थरथरा रहा था।


---

Neeraj का climax build-up

Neeraj ने उसका बाल पकड़कर सिर ऊपर खींचा और गरजते हुए बोला:

Neeraj:
“साली… तेरी 45 साल की गांड भी 22 वाले लंड के आगे झुक गई।
अब देख, तेरे अंदर अपना बीज भी छोड़ दूँगा!”

उसने झटके और तेज़ कर दिए।
Shipra चीखती रही, उसका शरीर काँपता रहा।
Neeraj ने पूरी ताक़त से झटका मारा।
Shipra की चीख़ निकल गई, आँसू बहने लगे।

उसी वक़्त Neeraj गरजकर बोला —

Neeraj (गंदी हँसी में):
“साली कुतिया… देख तेरे घर की औक़ात।
पहले तेरी बेटी की शादी हुई, वो आज अपने पति से चुद रही होगी।
तेरा छोरा अपनी randi Tara को चोद रहा है…
और तू—तेरी गांड मेरी है, रंडी!”

Shipra (रोते-कराहते हुए):
“चुप हरामी… मेरी बेटी का नाम मत ले… कमीने…”

Neeraj (बाल पकड़कर झटका देते हुए):
“चुप रंडी! एक दिन देखना… तेरी बेटी की चूत भी ऐसी चोदूँगा
कि तू खुद देखेगी कैसे उसकी तंग चूत तेरे से भी ज़्यादा ढीली हो जाएगी।
और गांड… उसकी गांड के छेद में तो पूरा आदमी घुसेगा—इतना खोलूँगा मैं।”

Shipra ने दाँत भींचकर ज़ोर से सिर हिलाया, उसका चेहरा शर्म और ग़ुस्से से लाल हो गया।

Shipra (चीखकर):
“हरामज़ादे! मेरी बेटी को छोड़ दे… मेरी औलाद को गाली मत दे…”

Neeraj (जानवर की तरह धक्के मारते हुए):
“तेरे घर की हर औरत मेरी होगी…
आज तू… कल तेरी बेटी… समझी रंडी?”

Neeraj धड़ाधड़ झटके मार रहा था, Shipra की चीख़ पूरे कमरे में गूँज रही थी।
उसकी गांड से खून की बूँदें चादर पर टपकने लगीं।

Shipra (दर्द से कराहते-चिल्लाते हुए):
“आआआह्ह्ह… हरामी… मेरी गांड फट गई…
ओ बेटा! बचा ले अपनी माँ को… ये जानवर मेरी माँ की गांड मार रहा है…
भगवान! बचा लो… मेरी जान निकल रही है…”

Neeraj (उसके बाल खींचकर कान में फुसफुसाते हुए):
“चिल्ला रंडी… जितना तू रोएगी, उतना मज़ा आएगा।
तेरी बेटी की चूत भी ऐसे ही चीरूँगा… उसकी गांड में पूरा डंडा डाल दूँगा।”

Shipra की आँखें लाल हो गईं, आँसू बहते रहे।
वो ग़ुस्से और दर्द में पलटकर बोली —

Shipra (रोते-चीखते हुए):
“साले कमीने! मेरी बेटी का नाम लिया न…
तो सुन, तेरी बहन की चूत भी चिरवाऊँगी मैं…
तेरी माँ की गांड भी तेरे सामने मरवाऊँगी… हरामी!”

Neeraj हँसते हुए और तेज़ झटके मारता रहा, Shipra की कमर आगे धकेल-धकेलकर।

Neeraj (जानवर की तरह गरजते हुए):
“वाह साली! तू भी मेरी माँ-बहन को चोदने की बात कर रही है?
अब मज़ा दुगुना हो गया…
तेरी गांड को तो आज इतना बड़ा कर दूँगा कि तू खड़ी भी नहीं हो पाएगी।”

Shipra की चीख़ अब और तेज़ हो गई।
उसके होंठ काँप रहे थे, और वो चिल्लाई —

Shipra (रोते हुए, बेटे को याद करते):
“ओ मेरे लाल! देख ले… तेरी माँ की गांड फाड़ दी इस हरामी ने…
कहाँ है तू… कोई रोक ले इसे…”

Neeraj (ठहाका लगाते हुए):
“तेरा छोरा? अबे वो भी चूत में घुसा पड़ा है कहीं…
तेरी माँ की गांड मेरी है, समझी!”

हर झटके के साथ Shipra का पूरा बदन काँप रहा था,
उसकी कराहें और गालियाँ Neeraj के कानों में घुलकर उसे और पागल बना रही थीं।
Neeraj ने पूरी ताक़त से Shipra की गांड पकड़कर अपने मोटे लंड को धड़ाधड़ अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
उसकी हर ठोकर पर Shipra का पूरा जिस्म आगे धकेल जाता और उसका चेहरा बिस्तर से टकराता।

Shipra (फटते गले से चीखते हुए):
“आआआह्ह्ह… माँऽऽऽ… फट गई मेरी गांड… कोई बचा लो मुझे…
ओ बेटा… तेरी माँ की लाज लूट ली इस हरामी ने… ओ भगवान… मेरी जान निकाल दे…”

उसकी गांड से खून बह रहा था, लाल चादर पर बूँदें फैली हुई थीं।
Neeraj और पागल होकर उसकी कमर पर धप्प-धप्प मारता रहा।
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#36
Neeraj ने अचानक उसके बाल पकड़कर ऊपर खींचा और कान में गुर्राया —

Neeraj (जानवर की तरह):
“बता साली… मथुरा की सबसे बड़ी रांड कौन है?”

Shipra ने दाँत भींचकर कुछ नहीं बोला।
तभी Neeraj ने उसके खुले गाल पर जोर से “चटाक्क्क” तमाचा जड़ा।

Neeraj (और तेज़ झटके मारते हुए):
“बोल… वरना और चीर दूँगा तेरी गांड!”

Shipra रोते हुए सिर हिलाती रही।
लेकिन Neeraj ने एक के बाद एक तीन-चार थप्पड़ मारे, उसकी आँखों से आँसू और खून की धार मिलकर बह निकली।

आख़िरकार Shipra टूट गई, उसका गला फट गया और वो चीख़ते हुए बोली —

Shipra (हकलाते-रोते हुए):
“मैं… मैं हूँ… मथुरा की सबसे बड़ी रांड Shipra Bhardwaj हैऽऽऽ!!!”


---

Neeraj की आँखों में और भी हैवानियत आ गई।
उसने उसके बाल पकड़कर नीचे दबाया और और भी गहरे धक्के मारने लगा।

Neeraj (ठहाका लगाकर):
“वाह रंडी! अब सही बोली…
तेरी बेटी भी रांड बनेगी, तेरी बहू भी…
और तू तो मेरी स्थायी गांड है!”


---

Shipra अब टूट चुकी थी।
उसका मुँह बिस्तर में दबा हुआ, आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे।
वो बार-बार चिल्लाती —

Shipra (टूटे गले से, बीच-बीच में):
“आआआह्ह… मेरी गांड फट गई…
ओ बेटा, बचा ले अपनी माँ को…
भगवान, क्यों दी मुझे ये सज़ा…
नेर्र्र्र्र्राज… निकाल ले… मर जाऊँगी मैं…”

लेकिन Neeraj और पागल होता गया।


---

आख़िरकार उसकी साँसें भारी हो गईं, पसीना टपक रहा था।
उसने Shipra की गांड कसकर पकड़ ली और आख़िरी झटका मारा।

धड़धड़धड़धड़ — धप्प्प्प!!!

Shipra की चीख़ गूँज गई —
“आआआआह्ह्ह्ह… माँऽऽऽ बचा लोऽऽऽ!!!”

और तभी Neeraj का सारा पानी उसकी गांड में ही फूट पड़ा।
गर्म, गाढ़ा वीर्य खून में मिलकर Shipra की फटी गांड से बहने लगा।

Neeraj हाँफते हुए उसके ऊपर झुका और कान में फुसफुसाया —

Neeraj (भारी साँसों में, हँसते हुए):
“अब बता… मथुरा की रांड कौन है?”

Shipra (सिसकते हुए, टूटे गले से):
“म… मथुरा की सबसे बड़ी रांड… Shipra Bhardwaj है…”


---

Shipra का शरीर काँप रहा था, आँसू और खून से पूरा बिस्तर गीला हो चुका था।
वो अब भी कराह रही थी —
“ओ बेटा… देख ले… तेरी माँ की गांड चीर दी इस दरिंदे ने…”

और Neeraj पीछे से हँसता रहा, उसके बाल पकड़कर उसकी पीठ चाटते हुए।

✨? TO BE CONTINUED... ?✨
? अगला पार्ट पढ़ने के लिए जुड़े रहो ?
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#37
Brilliant update and great story
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#38
(29-09-2025, 02:26 PM)Shipra Bhardwaj Wrote: Neeraj ने अचानक उसके बाल पकड़कर ऊपर खींचा और कान में गुर्राया —

Neeraj (जानवर की तरह):
“बता साली… मथुरा की सबसे बड़ी रांड कौन है?”

Shipra ने दाँत भींचकर कुछ नहीं बोला।
तभी Neeraj ने उसके खुले गाल पर जोर से “चटाक्क्क” तमाचा जड़ा।

Neeraj (और तेज़ झटके मारते हुए):
“बोल… वरना और चीर दूँगा तेरी गांड!”

Shipra रोते हुए सिर हिलाती रही।
लेकिन Neeraj ने एक के बाद एक तीन-चार थप्पड़ मारे, उसकी आँखों से आँसू और खून की धार मिलकर बह निकली।

आख़िरकार Shipra टूट गई, उसका गला फट गया और वो चीख़ते हुए बोली —

Shipra (हकलाते-रोते हुए):
“मैं… मैं हूँ… मथुरा की सबसे बड़ी रांड Shipra Bhardwaj हैऽऽऽ!!!”


---

Neeraj की आँखों में और भी हैवानियत आ गई।
उसने उसके बाल पकड़कर नीचे दबाया और और भी गहरे धक्के मारने लगा।

Neeraj (ठहाका लगाकर):
“वाह रंडी! अब सही बोली…
तेरी बेटी भी रांड बनेगी, तेरी बहू भी…
और तू तो मेरी स्थायी गांड है!”


---

Shipra अब टूट चुकी थी।
उसका मुँह बिस्तर में दबा हुआ, आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे।
वो बार-बार चिल्लाती —

Shipra (टूटे गले से, बीच-बीच में):
“आआआह्ह… मेरी गांड फट गई…
ओ बेटा, बचा ले अपनी माँ को…
भगवान, क्यों दी मुझे ये सज़ा…
नेर्र्र्र्र्राज… निकाल ले… मर जाऊँगी मैं…”

लेकिन Neeraj और पागल होता गया।


---

आख़िरकार उसकी साँसें भारी हो गईं, पसीना टपक रहा था।
उसने Shipra की गांड कसकर पकड़ ली और आख़िरी झटका मारा।

धड़धड़धड़धड़ — धप्प्प्प!!!

Shipra की चीख़ गूँज गई —
“आआआआह्ह्ह्ह… माँऽऽऽ बचा लोऽऽऽ!!!”

और तभी Neeraj का सारा पानी उसकी गांड में ही फूट पड़ा।
गर्म, गाढ़ा वीर्य खून में मिलकर Shipra की फटी गांड से बहने लगा।

Neeraj हाँफते हुए उसके ऊपर झुका और कान में फुसफुसाया —

Neeraj (भारी साँसों में, हँसते हुए):
“अब बता… मथुरा की रांड कौन है?”

Shipra (सिसकते हुए, टूटे गले से):
“म… मथुरा की सबसे बड़ी रांड… Shipra Bhardwaj है…”


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Shipra का शरीर काँप रहा था, आँसू और खून से पूरा बिस्तर गीला हो चुका था।
वो अब भी कराह रही थी —
“ओ बेटा… देख ले… तेरी माँ की गांड चीर दी इस दरिंदे ने…”

और Neeraj पीछे से हँसता रहा, उसके बाल पकड़कर उसकी पीठ चाटते हुए।

✨? TO BE CONTINUED... ?✨
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Ek number bc ..... khatarnak.....maa chudi h to beti to chudegi hi sath me Rohit ki biwi ya gf ko bi chodna
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