22-08-2025, 05:12 PM
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पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर
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22-08-2025, 05:12 PM
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22-08-2025, 08:06 PM
अगला दिन सुबह की ठंडी हवा के साथ शुरू हुआ। कांगड़ा के गांव में हल्की धुंध छाई थी, और पूजा शर्मा के घर की खिड़की से पहाड़ों की सिल्हट दिख रही थी। पूजा शर्मा ने रोज की तरह सुबह जल्दी उठकर पूजा की, मंदिर जाकर माथा टेका, और राहुल को नाश्ते के साथ ऑफिस के लिए विदा किया। "जी, आज जल्दी आइएगा," उसने मुस्कुराते हुए कहा। राहुल ने उसकी कमर को हल्के से छुआ और बोला, "पूजा, कल रात का मजा अभी भी याद है। आज भी कुछ नया करोगी?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए नजरें नीची कीं और कहा, "जी, देखते हैं।" राहुल की स्कूटर की आवाज दूर होती गई, और घर में सन्नाटा छा गया।
पूजा शर्मा ने घर के काम निपटाए – बर्तन धोए, कपड़े मशीन में डाले, और फिर सोफे पर बैठ गई। टीवी ऑन किया, लेकिन उसका मन फिर उसी लैपटॉप की ओर खिंचा। कल की चैट्स, खासकर चौथे स्ट्रेंजर के साथ वह बेकाबू अनुभव, उसकी सिसकारियां, और वो खुले शब्द – "लोड़ा," "भोसड़ी" – अभी भी उसके मन में गूंज रहे थे। उसका शरीर फिर से गर्मी से भर रहा था। उसने सोचा, "बस थोड़ा और ट्राई कर लूं। मास्क तो है, कोई पहचानेगा नहीं।" लेकिन आज उसकी जिज्ञासा और गहरी थी – वह फिर से उस विशाल लिंग की छवि को जीना चाहती थी। करीब 10:45 बजे, पूजा शर्मा बेडरूम में गई। उसने दरवाजा बंद किया, लैपटॉप को बेड पर रखा, जहां गुलाबी चादर बिछी थी। उसने काला मास्क पहना, जो सिर्फ उसकी गहरी भूरी आंखें और गुलाबी होंठ दिखा रहा था। आज उसने हल्का मेकअप किया – गुलाबी लिपस्टिक, काजल, और थोड़ा ब्लश, जो उसके चेहरे को और आकर्षक बना रहा था। उसने एक नीली सलवार-कुर्ती पहनी थी, जो साधारण थी, लेकिन उसके फिगर को उभार रही थी। अंदर उसने वही लाल लेस वाली ब्रा और थॉन्ग पैंटी पहनी थी, जो राहुल की पसंद थी। उसने एक गहरी सांस ली, और ऐप पर रैंडम चैट शुरू की। परिचित चेहरा और घबराहट स्क्रीन पर एक स्ट्रेंजर का चेहरा उभरा। वह 50 के आसपास का था, चश्मा लगाए, बालों में हल्की सफेदी, और चेहरे पर एक गंभीर लेकिन दोस्ताना मुस्कान। पूजा शर्मा ने "हाय" कहा, और उसने जवाब दिया, "हाय, कैसे हो?" उसकी आवाज में एक परिचित-सी गर्माहट थी। पूजा शर्मा ने बात शुरू की, "बस, घर पर हूं। आप?" वह बोला, "मैं भी घर पर। फ्री टाइम में थोड़ा ऑनलाइन घूम रहा हूं।" पूजा शर्मा ने उसकी आंखों और चेहरे को गौर से देखा। कुछ सेकंड बाद, उसका दिल जोर से धड़का। "ये तो... सर?" उसने मन ही मन सोचा। उसे याद आया – यह वही चेहरा था जो उसने शिमला के कॉलेज में देखा था। वह उसके क्लास टीचर थे, मिस्टर शर्मा, जो मैथ्स पढ़ाते थे। उस समय पूजा शर्मा 16-17 साल की थी, और मिस्टर शर्मा 30 के आसपास। अब उनकी उम्र और चेहरा बदला था, लेकिन वो चश्मा और मुस्कान वही थी। पूजा शर्मा घबरा गई। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "अगर सर ने मुझे पहचान लिया तो?" उसने सोचा। उसने तुरंत मास्क को चेक किया – वह ठीक था, चेहरा पूरी तरह ढका हुआ। फिर उसे ख्याल आया, "मैं तो अब पूजा ठाकुर हूं। सर मुझे कैसे पहचानेंगे? मैं 45 की हूं, और तब 17 की थी। मास्क भी है, और आवाज भी बदली-सी है।" उसकी घबराहट धीरे-धीरे कम हुई। उसने हिम्मत जुटाई और बात आगे बढ़ाई। "आप क्या करते हैं?" उसने पूछा। मिस्टर शर्मा ने कहा, "रिटायर्ड टीचर हूं। अब बस घर पर रहता हूं, बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाता हूं।" पूजा शर्मा ने फर्जी जवाब दिया, "मैं दिल्ली में हूं, जॉब करती हूं।" वह बोले, "तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं।" पूजा शर्मा की सांसें तेज हो गईं। "शुक्रिया," उसने कहा, और उसकी आवाज में एक हल्की-सी शरारत थी। खुली बातें और रोमांच बातें धीरे-धीरे गहरी होने लगीं। मिस्टर शर्मा ने कहा, "तुम्हारा फिगर बहुत अच्छा लग रहा है। ये नीली कुर्ती... बहुत फिट है।" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसते हुए कहा, "आप भी तो तारीफ में कम नहीं।" वह बोले, "तुम जवान लगती हो। उम्र क्या है?" पूजा शर्मा ने फर्जी जवाब दिया, "30।" मिस्टर शर्मा हंसते हुए बोले, "मुझसे तो छोटी हो। लेकिन तुममें वो बात है।" पूजा शर्मा की धड़कनें तेज हो गईं। उसे अजीब-सा मजा आ रहा था – यह वही मिस्टर शर्मा थे, जो कभी उसे डांटते थे, और अब उसकी तारीफ कर रहे थे। उसने पूछा, "आप इस उम्र में भी इतने रोमांटिक कैसे हो?" वह हंसते हुए बोले, "उम्र तो बस नंबर है। मन तो जवान है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "अच्छा? फिर कुछ दिखाइए ना।" मिस्टर शर्मा की आंखों में शरारत चमकी। "पहले तुम," उन्होंने कहा। पूजा शर्मा की सांसें और तेज हो गईं। उसने धीरे से अपनी कुर्ती ऊपर उठाई, और लाल लेस वाली ब्रा की झलक दिखाई। उसके बड़े, तने हुए स्तन लेस में चमक रहे थे। मिस्टर शर्मा की आंखें फैल गईं। "वाह... ये तो कमाल है," उन्होंने कहा। पूजा शर्मा ने हल्के से कहा, "अब आपकी बारी।" मिस्टर शर्मा ने अपनी शर्ट के बटन खोले, और उनकी सांवली छाती दिखी। पूजा शर्मा ने तारीफ की, "वाह, आप तो फिट हो।" वह बोले, "तुम और दिखाओ।" पूजा शर्मा की उत्तेजना अब बेकाबू हो रही थी। उसने कुर्ती पूरी तरह उतार दी, और अब वह सिर्फ ब्रा और सलवार में थी। उसने ब्रा का स्ट्रैप हल्के से नीचे सरकाया, जिससे उसकी क्लीवेज साफ दिखी। मिस्टर शर्मा की सांसें तेज हो गईं। "तुम तो आग हो," उन्होंने कहा। पूजा शर्मा ने हिम्मत जुटाई और पूछा, "आप इसे क्या कहते हो?" उसने अपने स्तनों की ओर इशारा किया। मिस्टर शर्मा हंसते हुए बोले, "चूची। और मेरे को?" पूजा शर्मा शरमाई, लेकिन उसकी जिज्ञासा अब चरम पर थी। "लोड़ा," उसने कहा। दोनों हंस पड़े, लेकिन कमरे में गर्मी बढ़ रही थी। पूजा शर्मा ने अपनी सलवार उतारी, और अब वह सिर्फ थॉन्ग पैंटी में थी। उसकी गोरी त्वचा और गोल गांड स्क्रीन पर चमक रही थी। मिस्टर शर्मा ने अपनी पैंट का बटन खोला और हल्के से नीचे सरकाया। पूजा शर्मा की नजरें स्क्रीन पर टिक गईं – उनका लिंग बड़ा और मोटा था, जैसा उसने कल देखा था, लेकिन इस बार यह ज्यादा रोमांचक था। "ये तो..." पूजा शर्मा ने अनायास कहा। मिस्टर शर्मा बोले, "क्या? पसंद आया?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "हां... बहुत।" बेकाबू उत्तेजना और चरम बातें अब पूरी तरह खुली थीं। मिस्टर शर्मा ने कहा, "अब सब दिखाओ।" पूजा शर्मा की सांसें भारी थीं। उसने अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी। अब वह पूरी तरह नग्न थी, सिर्फ मास्क चेहरे पर। उसकी गोरी त्वचा, तने हुए स्तन, और गीली योनि स्क्रीन पर साफ दिख रही थी। मिस्टर शर्मा ने तारीफ की, "तुम तो भोसड़ी हो।" पूजा शर्मा ने पहली बार यह शब्द उनके मुंह से सुना, और उसकी सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं। "और तुम्हारा लोड़ा..." उसने जवाब दिया। उसने अपनी योनि को हल्के से सहलाया, और एक गहरी सिसकारी ली, "आह..." मिस्टर शर्मा ने भी अपने लिंग को सहलाना शुरू किया। "इसे और करो," उन्होंने कहा। पूजा शर्मा की उंगलियां अब तेजी से चल रही थीं, और उसकी आहें कमरे में गूंज रही थीं, "ओह... और..." जैसे वह उनके सामने ही हो। मिस्टर शर्मा की सांसें भी भारी हो गईं। "देखो, मैं क्या कर रहा हूं," उन्होंने कहा। पूजा शर्मा की नजरें स्क्रीन पर टिकी थीं। उनका लिंग अब और सख्त था, और उनकी हरकतें तेज। अचानक, उनकी पिचकारी स्क्रीन पर दिखी, और पूजा शर्मा की आंखें फैल गईं। उसकी अपनी उंगलियां अब और तेज चल रही थीं, और वह चरम पर पहुंच गई। उसकी सिसकारियां अब चीखों में बदल गईं, "आह... ओह..." कमरे में सिर्फ उसकी आवाजें गूंज रही थीं। यह चैट 1 घंटे से ज्यादा चली, और पूजा शर्मा का शरीर उत्तेजना से कांप रहा था। चैट खत्म होने के बाद, पूजा शर्मा बेड पर लेट गई। उसने मास्क उतारा और अपने चेहरे को हाथों में लिया। "ये मिस्टर शर्मा थे... और मैंने उनका लोड़ा देख लिया," उसने सोचा, और एक अजीब-सी खुशी ने उसे घेर लिया। "कितना मजेदार है ये रैंडम चैट," उसने बुदबुदाया। उसे मजा आ रहा था कि वह अपने पुराने टीचर के साथ इतनी खुली बातें कर पाई, बिना पहचाने जाने के डर के। रात का खुलासा रात को जब राहुल घर लौटा, पूजा शर्मा ने डिनर तैयार किया – रोटी, सब्जी, और दही। खाने के बाद, बेडरूम में, पूजा शर्मा ने राहुल को गले लगाया। "जी, आज कुछ खास हुआ," उसने कहा। राहुल की आंखें चमक उठीं। "बताओ," उसने उत्सुकता से कहा। पूजा शर्मा ने बताया, "आज एक स्ट्रेंजर मिला... और बाद में मुझे याद आया कि वो मेरे कॉलेज के टीचर थे, मिस्टर शर्मा।" राहुल हैरान हो गया, "सच? फिर?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "मैंने मास्क पहना था, तो उन्होंने मुझे पहचाना नहीं। मैंने उनकी सारी बातें मानी... और सब दिखाया। उनका लोड़ा भी देखा, इतना बड़ा था।" राहुल उत्तेजित हो गया। "पूजा, तुम तो कमाल हो," उसने कहा। उसने पूजा शर्मा की नाइटी उतारी, और उसकी लाल लेस ब्रा के ऊपर से स्तनों को सहलाया। पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "आह, जी..." राहुल ने कहा, "सोचो, वो टीचर तुम्हें ऐसे देख रहा था।" पूजा शर्मा ने कमर हिलाते हुए कहा, "जी, वो विचार ही इतना मजेदार था।" उस रात का प्रेम फिर तीव्र था, और पूजा शर्मा की सिसकारियां कमरे में गूंजीं। विस्तृत सीन: राहुल का प्रस्ताव और पूजा शर्मा की उत्तेजना (उत्तेजक लेकिन मर्यादित रूप में): रात के 11:00 बज रहे थे। कांगड़ा के छोटे से गांव में चांदनी रात की सैर कर रही थी, और पूजा शर्मा के घर की खिड़कियों से हल्की-सी ठंडी हवा कमरे में आ रही थी। बेडरूम में ट्यूबलाइट की मद्धम रोशनी गुलाबी चादरों पर पड़ रही थी, और अगरबत्ती की हल्की खुशबू अभी भी हवा में तैर रही थी। पूजा शर्मा और राहुल डिनर के बाद बेडरूम में थे। डिनर में रोटी, सब्जी, और दही खाने के बाद, पूजा शर्मा ने राहुल को दिन की सारी बातें बता दी थीं – खासकर उस चौंकाने वाले अनुभव के बारे में, जहां उसे अपने पुराने कॉलेज टीचर, मिस्टर शर्मा, के साथ रैंडम चैट में मुलाकात हुई थी। उसने बताया कि कैसे उसने मास्क की आड़ में अपनी पहचान छुपाई, और फिर खुलकर बातें कीं, यहाँ तक कि मिस्टर शर्मा का लिंग भी देख लिया। राहुल की आंखें उत्तेजना से चमक उठी थीं, और उस रात का प्रेम तीव्र था। लेकिन अब, जब दोनों बेड पर लेटे थे, पूजा शर्मा की सांसें अभी भी तेज थीं। वह उस दिन की चैट की उत्तेजना में खोई थी, और राहुल उसकी बेचैनी को भांप रहा था। पूजा शर्मा सिर्फ एक काली साटन की नाइटी में थी, जो उसके फिगर को पूरी तरह उभार रही थी। नाइटी के नीचे उसने लाल लेस वाली ब्रा और थॉन्ग पैंटी पहनी थी, जो राहुल की पसंद थी। उसकी आंखों में एक चमक थी, और होंठ हल्के से कांप रहे थे, जैसे वह अभी भी उस स्ट्रेंजर – मिस्टर शर्मा – की छवि में खोई हो। राहुल ने उसकी ओर देखा, और उसकी कमर को हल्के से सहलाते हुए कहा, "पूजा, तुम तो अब पूरी हॉट वाइफ बन गई हो।" उसकी आवाज में एक शरारत थी, लेकिन साथ ही एक गंभीरता भी। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए नजरें नीची कीं और कहा, "जी, ये क्या बोल रहे हैं?" लेकिन उसकी आवाज में एक हल्की-सी हंसी थी, जैसे वह इस तारीफ को सुनकर खुश हो रही हो। राहुल ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया और उसके कान में फुसफुसाया, "सच, पूजा। तुमने लैपटॉप पर जो किया, वो तो बस शुरुआत थी। अब वक्त आ गया है कि हम रियल में कुछ एक्सपेरिमेंट करें।" पूजा शर्मा की सांसें रुक गईं। उसने राहुल की ओर देखा, उसकी आंखों में घबराहट और जिज्ञासा का मिश्रण था। "रियल में? मतलब?" उसने पूछा, उसकी आवाज में हल्की-सी कांप थी। राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "सोचो, पूजा। अगर कोई स्ट्रेंजर तुम्हें टच करे, तुम्हारी चूची को दबाए, तुम्हारी कमर को सहलाए... कितना मजा आएगा।" उसने पूजा शर्मा की नाइटी के ऊपर से उसके स्तनों को हल्के से दबाया, और पूजा शर्मा ने एक सिसकारी ली, "आह, जी..." उसकी सांसें तेज हो गईं, लेकिन वह अभी भी हिचक रही थी। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, नहीं... लैपटॉप ही ठीक है। रियल में... मुझे डर लगता है। अगर किसी ने देख लिया, गांव में बदनामी हो गई, तो?" उसकी आवाज में गांव की मर्यादा का डर साफ झलक रहा था। लेकिन राहुल ने हंसते हुए कहा, "पूजा, हम गोवा जाएंगे। वहां कोई नहीं जानता। सोचो, कोई स्ट्रेंजर तुम्हें करीब से देखे, तुम्हें छूए, और मैं देखूं... कितना उत्तेजक होगा।" उसने पूजा शर्मा की नाइटी का कंधा नीचे सरकाया, और उसकी लाल लेस वाली ब्रा की झलक दिखी। पूजा शर्मा की सिसकारियां तेज हो गईं, "ओह, जी... आप बहुत शैतान हैं।" लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी, जैसे वह इस विचार से उत्तेजित हो रही हो। पूजा शर्मा ने राहुल को गले लगाया और कहा, "जी, अभी तो बस इमेजिन करो। मुझे स्ट्रेंजर समझकर चोदो। एक्सपेरिमेंट के बारे में बाद में सोचेंगे।" उसकी आवाज में एक मिश्रित शरम और उत्तेजना थी। राहुल की आंखें चमक उठीं। उसने पूजा शर्मा की नाइटी पूरी तरह उतार दी, और अब वह सिर्फ लाल लेस वाली ब्रा और थॉन्ग पैंटी में थी। उसका गोरा बदन बेडरूम की मद्धम रोशनी में चमक रहा था। राहुल ने कहा, "ठीक है, आज मैं स्ट्रेंजर हूं। बोल, क्या करूं?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जैसे वो स्ट्रेंजर बोला था... मेरी चूची दबाओ, मेरी चूत सहलाओ।" उसने वही खुले शब्द बोले, जो उसने चैट में सीखे थे। राहुल उत्तेजित हो गया। उसने पूजा शर्मा की ब्रा का हुक खोला, और उसके बड़े, तने हुए स्तन आजाद हो गए। उसने उन्हें दोनों हाथों से पकड़ा और हल्के से दबाया। पूजा शर्मा की सिसकारी कमरे में गूंजी, "आह... और जोर से..." राहुल ने पूजा शर्मा की थॉन्ग पैंटी उतारी, और उसकी गीली योनि को उंगलियों से सहलाया। पूजा शर्मा ने अपनी कमर हिलाई, और उसकी आहें तेज हो गईं, "ओह, जी... ऐसे ही..." राहुल ने कहा, "सोच, मैं वो स्ट्रेंजर हूं। मेरा लोड़ा देख।" उसने अपनी पैंट उतारी, और अपना तना हुआ लिंग पूजा शर्मा की योनि के पास रगड़ा। पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "हां... तुम्हारा लोड़ा... इतना सख्त..." उसकी आवाज में वही उत्तेजना थी, जो उसने चैट में महसूस की थी। राहुल ने धीरे से प्रवेश किया, और धक्के मारने लगा। पूजा शर्मा ने अपने पैर राहुल की कमर पर लपेट लिए, और उसकी सिसकारियां अब चीखों में बदल रही थीं, "आह... और जोर से... स्ट्रेंजर..." उसने जानबूझकर राहुल को स्ट्रेंजर कहकर पुकारा, जैसे वह उस चैट के पल को फिर से जी रही हो। राहुल ने पूजा शर्मा को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर झुक गया। उसने पूजा शर्मा के निप्पल्स को चूसा, और उसकी योनि में गहरे धक्के मारे। पूजा शर्मा की आहें कमरे में गूंज रही थीं, "ओह... स्ट्रेंजर... और... मेरी भोसड़ी..." उसने वही शब्द बोले, जो उसने चैट में सीखे थे। राहुल ने जवाब दिया, "हां, मेरी हॉट वाइफ... तुम्हारा लोड़ा..." दोनों की बातें अब उतनी ही खुली थीं, जितनी पूजा शर्मा ने स्ट्रेंजर के साथ की थीं। राहुल ने गति बढ़ाई, और पूजा शर्मा ने अपनी कमर को और तेज हिलाया। दोनों चरम की ओर बढ़ रहे थे। पूजा शर्मा की सिसकारियां अब चीखों में बदल गईं, "आह... ओह... बस..." और दोनों एक साथ चरम पर पहुंचे। कमरे में सन्नाटा छा गया, सिर्फ उनकी भारी सांसें सुनाई दे रही थीं। पूजा शर्मा ने राहुल के सीने पर सिर रखा, और उसका शरीर अभी भी उत्तेजना से कांप रहा था। राहुल ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, "पूजा, तुम सच में हॉट वाइफ हो। लेकिन सोचो, रियल में कितना मजा आएगा।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, अभी तो यही ठीक है। रियल में... बाद में सोचेंगे।" उसकी आवाज में एक हल्की-सी हंसी थी, जैसे वह इस विचार को पूरी तरह नकार नहीं रही थी। राहुल ने उसे गले लगाया और कहा, "ठीक है, मेरी रानी। जब तुम तैयार हो, तब।" दोनों मुस्कुराए, और पूजा शर्मा उसके सीने पर सिमट गई। उसका मन अभी भी उस स्ट्रेंजर की छवि में खोया था, लेकिन राहुल के साथ यह अनुभव उसे और करीब ले आया था।
22-08-2025, 08:15 PM
विस्तृत सीन: ज्योति की बेटी की शादी और यात्रा की योजना (उत्तेजक लेकिन मर्यादित रूप में):
सुबह के 7:30 बजे थे। कांगड़ा के छोटे से गांव में सूरज की किरणें पहाड़ों के ऊपर से छनकर पूजा शर्मा के घर की खिड़कियों में दाखिल हो रही थीं। हल्की ठंडी हवा के साथ मंदिर की घंटियों की आवाज दूर से सुनाई दे रही थी। पूजा शर्मा ने रोज की तरह सुबह जल्दी उठकर पूजा की थी, मंदिर जाकर माथा टेका, और अब किचन में राहुल के लिए नाश्ता बना रही थी। आज उसने परांठे और चाय तैयार की थी, और मेज पर रखकर राहुल को आवाज दी, "जी, नाश्ता तैयार है।" राहुल, जो अभी-अभी नहाकर निकला था, एक साधारण नीली शर्ट और पैंट में तैयार होकर मेज पर आया। उसकी आंखों में अभी भी कल रात की उत्तेजना की चमक थी, जब पूजा शर्मा ने उसे स्ट्रेंजर की तरह चुदवाने की बात कही थी। पूजा शर्मा ने एक साधारण हरी सलवार-कुर्ती पहनी थी, दुपट्टा कंधे पर लटका हुआ, और बालों को जूड़े में बांधा था। उसका चेहरा शांत था, लेकिन मन में एक हल्की-सी उत्तेजना थी, जो अब उसकी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी थी। नाश्ते की मेज पर दोनों बैठे। पूजा शर्मा ने राहुल को परांठा परोसा और चाय का कप थमाया। राहुल ने चाय की चुस्की लेते हुए पूछा, "पूजा, आज क्या प्लान है? फिर से लैपटॉप पर?" उसकी आवाज में शरारत थी। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए नजरें नीची कीं और हल्के से हंसते हुए कहा, "जी, आप भी ना... हर वक्त वही बात।" लेकिन उसकी मुस्कान में एक चमक थी, जैसे वह उस रोमांच को याद कर रही हो। फिर उसने माहौल बदलते हुए कहा, "जी, एक बात बतानी थी। मेरी दोस्त ज्योति ने फोन किया था। उसकी बेटी की शादी है।" राहुल ने परांठा खाते हुए पूछा, "ज्योति? वो कौन?" पूजा शर्मा ने चाय का कप हाथ में लेते हुए बताया, "जी, ज्योति मेरी पुरानी दोस्त है। हम दोनों शिमला में एक साथ कॉलेज में पढ़ते थे। वो मेरे साथ मेरी क्लास में थी। उसके पापा आर्मी में थे, तो वो शिमला में रहते थे। लेकिन उसका घर उत्तर प्रदेश में है, कासगंज से थोड़ा आगे एक छोटा-सा टाउन है – नगरीया।" राहुल ने भौंहें उठाईं और पूछा, "नगरीया? वो तो गंगा के पास है ना?" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "हां, जी। ज्योति के घर से गंगा नदी बस तीन-चार किलोमीटर दूर है। वहां का माहौल बहुत अच्छा है। ज्योति ने बताया कि उसकी बेटी की शादी वहीं हो रही है।" राहुल ने चाय का कप टेबल पर रखा और उत्सुकता से पूछा, "शादी कब है?" पूजा शर्मा ने जवाब दिया, "अगले हफ्ते, जी। ज्योति ने मुझे बुलाया है। बोली कि मैं जरूर आऊं, क्योंकि उसकी बेटी मुझे भी जानती है। वो भी शिमला में मेरे साथ पढ़ती थी, छोटी थी तब।" राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "अच्छा, तो ये शादी तो खास है। चलो, मैं कंपनी से छुट्टी ले लेता हूं। हम अपनी कार से चलेंगे।" पूजा शर्मा की आंखें चमक उठीं। "सच, जी? आप चलेंगे?" उसने उत्साह से पूछा। राहुल ने हंसते हुए कहा, "हां, पूजा। शादी में मजा आएगा। और वैसे भी, तुम्हारी दोस्त की बेटी की शादी है, तो हमें जाना चाहिए।" पूजा शर्मा ने अपने जूड़े को ठीक करते हुए कहा, "जी, ज्योति बहुत खुश होगी। लेकिन रास्ता तो लंबा है। कांगड़ा से नगरीया... कितने घंटे लगेंगे?" राहुल ने सोचते हुए कहा, "देखो, कार से शायद 12-14 घंटे लगें। लेकिन हम रास्ते में कहीं रुक सकते हैं। गंगा के किनारे का वो टाउन, नगरीया, सुना है बहुत सुंदर है। शादी में मस्ती करेंगे, और थोड़ा घूम भी लेंगे।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, जी। ज्योति ने बताया कि वहां गंगा के किनारे एक मंदिर है, बहुत शांत जगह है। शादी में खूब रौनक होगी।" राहुल ने पूजा शर्मा की ओर देखा, और उसकी आंखों में शरारत चमकी। "पूजा, शादी में तो तुम्हें सजना होगा। वो सेक्सी साड़ी पहनना, जो मैंने तुम्हें दी थी।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, शादी में साड़ी तो ठीक है, लेकिन वो ट्रांसपेरेंट वाली? वहां तो सब लोग होंगे।" राहुल ने हंसते हुए कहा, "अरे, तुम हॉट वाइफ हो। थोड़ा दिखाओ, क्या हुआ? कोई नहीं पहचानेगा। और मैं तो साथ हूं।" पूजा शर्मा ने हल्के से राहुल के कंधे पर मारा और कहा, "जी, आप भी ना... हमेशा शैतानी। लेकिन ठीक है, मैं अच्छी साड़ी पहनूंगी।" उसकी आवाज में एक हल्की-सी उत्सुकता थी, जैसे वह इस नए अनुभव के लिए तैयार हो रही हो। नाश्ता खत्म करने के बाद, राहुल ने पूजा शर्मा को अपनी बाहों में लिया और कहा, "पूजा, ये ट्रिप मजेदार होगी। शादी में नाच-गाना, खाना-पीना, और रास्ते में हम दोनों का रोमांस।" उसने पूजा शर्मा के गालों को सहलाया, और पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "जी, आप तो बस रोमांस की बात करते हैं।" राहुल ने हंसते हुए कहा, "और तुम तो अब हॉट वाइफ बन गई हो। शादी में कोई स्ट्रेंजर मिले, तो थोड़ा फ्लर्ट कर लेना।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, बस लैपटॉप तक ठीक था। रियल में... अभी सोचूंगी।" लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी, जैसे वह इस विचार को पूरी तरह अनजान नहीं थी। राहुल ने अपनी चाय खत्म की और कहा, "ठीक है, मैं ऑफिस जाकर छुट्टी की बात करता हूं। तुम ज्योति को फोन करके बता दो कि हम दोनों आ रहे हैं।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया और कहा, "जी, मैं अभी फोन करती हूं।" राहुल ने उसे माथे पर चूमा और ऑफिस के लिए निकल गया। पूजा शर्मा ने ज्योति को फोन किया। "ज्योति, हम दोनों आ रहे हैं। राहुल जी भी साथ होंगे," उसने उत्साह से कहा। ज्योति ने खुशी से जवाब दिया, "पूजा, बहुत अच्छा! तुम्हारे बिना शादी अधूरी थी। नगरीया में मिलते हैं। गंगा के किनारे शादी का पंडाल सजा है, बहुत सुंदर लगेगा।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए फोन रखा, और उसका मन इस नए सफर की कल्पना में खो गया। वह सोच रही थी – नगरीया का शांत माहौल, गंगा का किनारा, और शादी की रौनक। लेकिन राहुल की बातें – "हॉट वाइफ," "स्ट्रेंजर," "फ्लर्ट" – उसके मन में गूंज रही थीं। उसने लैपटॉप की ओर देखा, जो बेडरूम में रखा था। "क्या शादी में भी ऐसा रोमांच होगा?" उसने सोचा, और उसकी सांसें हल्के से तेज हो गईं।
23-08-2025, 04:44 AM
Wonderful update.
ab tak jo kuch hua woh virtual tha... ab bari hai real m interaction karne ka... Kyonki ab Hotwife ban hi gayi hai toh apni hotness bhi bikherna chahiye...
23-08-2025, 12:12 PM
23-08-2025, 06:41 PM
Shandaar update
23-08-2025, 08:58 PM
विस्तृत कहानी: नगरीया की यात्रा और शॉपिंग (मर्यादित रूप में):
सुबह के 6:00 बजे थे। कांगड़ा के छोटे से गांव में अभी अंधेरा छाया हुआ था, लेकिन सूरज की पहली किरणें पहाड़ों के सिर पर चढ़ने लगी थीं। पूजा शर्मा और राहुल दोनों तैयार हो चुके थे। राहुल ने अपनी सिल्वर कलर की कार को बाहर निकाला था, जो पिछले हफ्ते ही सर्विस कराई गई थी। कार की बूट में दो सूटकेस रखे थे – एक में पूजा शर्मा के कपड़े, ज्योति की बेटी की शादी के लिए कुछ गिफ्ट्स जो उन्होंने पहले से तैयार किए थे, और दूसरा राहुल का। पूजा शर्मा ने एक साधारण सलवार-कुर्ती पहनी थी – सफेद कुर्ती और काली सलवार, दुपट्टा सिर पर लपेटा हुआ। उसके चेहरे पर यात्रा का उत्साह था, लेकिन मन में एक हल्की-सी बेचैनी भी – राहुल की कल रात की बातें, हॉट वाइफ और रियल एक्सपेरिमेंट्स, अभी भी उसके कानों में गूंज रही थीं। राहुल ने कार स्टार्ट की, और पूजा शर्मा ने घर को ताला लगाया। "जी, चलिए। गंगा के किनारे पहुंचकर कितना अच्छा लगेगा," पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा। राहुल ने कार चलाते हुए जवाब दिया, "हां, पूजा। रास्ता लंबा है, लेकिन मजा आएगा।" कार हिमाचल की घुमावदार सड़कों पर सरपट दौड़ रही थी। सुबह की ठंडी हवा कार की खिड़की से आ रही थी, और रेडियो पर पुराने गाने बज रहे थे – "ये रेशमी जुल्फें, ये शरबती आंखें..." राहुल ने पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "पूजा, तुम तो शादी में स्टार बनोगी। वो नई साड़ी पहनना।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, आप भी ना... बस साधारण ही रहूंगी।" लेकिन राहुल ने हंसते हुए कहा, "नहीं, तुम अब हॉट वाइफ हो। थोड़ा सजना-सवरना बनता है।" पूजा शर्मा ने हल्के से उसका कंधा थपथपाया और कहा, "चलिए, रोड पर ध्यान दो।" करीब 4 घंटे बाद, वे चंडीगढ़ पहुंचे। शहर की रौनक – व्यस्त सड़कें, बड़े-बड़े मॉल्स, और लोगों की भीड़ – पूजा शर्मा को ताजगी दे रही थी। राहुल ने कार एक बड़े शॉपिंग मॉल के पार्किंग में रोकी। "चलो, थोड़ी शॉपिंग कर लें," उसने कहा। पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "हां, जी। शादी में देने के लिए कुछ गिफ्ट ले लें।" मॉल में घुसते ही ठंडी एसी की हवा ने उन्हें तरोताजा कर दिया। पहले वे एक गिफ्ट शॉप में गए। राहुल ने ज्योति की बेटी के लिए एक सिल्वर का डिनर सेट चुना, और पूजा शर्मा ने एक सुंदर फूलदान लिया। "ये अच्छा रहेगा," पूजा शर्मा ने कहा। राहुल ने बिल पे किया, और गिफ्ट्स पैक करवाए। फिर राहुल ने पूजा शर्मा को एक फैशन स्टोर की ओर ले जाया। "पूजा, तुम्हारे लिए कुछ ले लें," उसने कहा। पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, जरूरत तो नहीं है।" लेकिन राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "शादी में पहनना। थोड़ा नया लुक।" स्टोर में वे महिलाओं के सेक्शन में गए। राहुल ने कुछ ट्राउजर चुने – हल्के रंग के, जैसे सफेद और पेस्टल पिंक, जो पतले कपड़े से बने थे। "ये ट्राई करो," उसने कहा। पूजा शर्मा ने ट्रायल रूम में जाकर पहना। ट्राउजर इतने हल्के थे कि ध्यान से देखने पर अंदर की पैंटी का रंग और डिज़ाइन हल्का-सा झलक सकता था। पूजा शर्मा ने शीशे में खुद को देखा – उसका फिगर और उभर रहा था। वह बाहर आई, और राहुल ने तारीफ की, "पूजा, कितनी सेक्सी लग रही हो।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, ये तो बहुत पतले हैं।" लेकिन राहुल ने कहा, "शादी में पहनना, कोई नहीं देखेगा।" उन्होंने दो ट्राउजर खरीदे। फिर राहुल ने फ्रंट ओपन टॉप्स की ओर इशारा किया – सफेद और नीले रंग के टॉप्स, जिनमें फ्रंट में बटन लगे थे, और गला हल्का खुला था। "ये ट्राई करो," उसने कहा। पूजा शर्मा ने ट्रायल रूम में पहना। टॉप उसके फिगर को फिट कर रहा था, और बटन खुलने पर ब्रा की झलक दिख सकती थी। "ये तो बहुत आकर्षक हैं," राहुल ने बाहर आकर कहा। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, मैंने कभी ऐसे नहीं पहने।" लेकिन राहुल ने कहा, "अब पहनोगी। शादी में मस्ती करो।" उन्होंने दो टॉप्स खरीदे। अगले सेक्शन में, राहुल ने पूजा शर्मा को लिंगरी स्टोर की ओर ले जाया। "थोड़ा आकर्षक ब्रा-पैंटी ले लें," उसने कहा। पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, जरूरत तो नहीं।" लेकिन राहुल ने कहा, "शादी में पहनना।" उन्होंने कुछ सेट चुने – एक काला लेस वाला, जो पारदर्शी था, और एक लाल साटन वाला, जो बहुत आकर्षक डिज़ाइन का था। पूजा शर्मा ने ट्रायल रूम में पहना, और खुद को शीशे में देखा। ब्रा उसके स्तनों को पूरी तरह उभार रही थी, और पैंटी उसकी गांड को गोलाई दे रही थी। "ये तो बहुत हॉट हैं," राहुल ने बाहर आकर कहा। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, मैंने कभी ऐसे नहीं पहने।" लेकिन उन्होंने दो सेट खरीदे। आखिर में, राहुल ने एक साड़ी स्टोर में पूजा शर्मा के लिए एक खास लहंगा चोली चुना। लहंगा लाल रंग का था, भारी कढ़ाई वाला, और चोली का गला काफी गहरा था, जो उसके स्तनों को उभारता था। लेकिन पूजा शर्मा ने कहा, "जी, इसे दुपट्टे से ढक लूंगी।" राहुल ने कहा, "ये बारात के वेलकम के दिन पहनना। तुम पर सूट करेगा।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया। शॉपिंग खत्म होने के बाद, उन्होंने मॉल के फूड कोर्ट में लंच किया – पंजाबी थाली, जिसमें दाल मखनी, नान, और रायता था। "अब सफर शुरू करें," राहुल ने कहा। कार फिर सड़क पर दौड़ रही थी। चंडीगढ़ से निकलकर वे हाईवे पर थे। पूजा शर्मा ने बैग में नए कपड़े देखे और सोचा, "ये सब पहनकर कितना अलग लगेगा।" राहुल ने गाना ऑन किया – "तुम्हें देखा तो ये जाना सनम..." और पूजा शर्मा की ओर देखा। "पूजा, नगरीया पहुंचकर गंगा के किनारे घूमेंगे," उसने कहा। पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, जी। शादी में मजा आएगा।" रास्ता लंबा था, लेकिन दोनों के मन में उत्साह था। कहानी जारी है... पूजा शर्मा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर विस्तृत सीन: ट्रक वाले और ढाबे का रोमांच (मर्यादित रूप में): हाईवे पर कार तेजी से दौड़ रही थी। अम्बाला को पीछे छोड़ने के बाद, सूरज अब सिर के ऊपर था, और दोपहर की गर्मी हल्की-हल्की बढ़ रही थी। रास्ते में खेतों की हरियाली, दूर-दूर तक फैले सरसों के पीले फूल, और बीच-बीच में दिखने वाले गांवों की मिट्टी की सड़कें पूजा शर्मा को एक अजीब-सा सुकून दे रही थीं। लेकिन उसके मन में एक नया रोमांच भी था। कार की बैकसीट पर उसने चंडीगढ़ में खरीदे गए नए कपड़े पहने थे – एक सफेद ट्राउजर, जो इतना हल्का और टाइट था कि उसकी लाल थॉन्ग पैंटी का रंग और डिज़ाइन हल्का-सा झलक रहा था, और एक नीला फ्रंट ओपन टॉप, जिसके बटन हल्के खुले होने की वजह से उसकी लाल लेस वाली ब्रा की झलक दिख सकती थी। पूजा शर्मा ने अपने दुपट्टे को कंधों पर लपेटा हुआ था, लेकिन वह जानती थी कि कपड़े आकर्षक थे। राहुल ड्राइविंग सीट पर थे, और उनकी आंखें बार-बार रियर व्यू मिरर में पूजा शर्मा की ओर जा रही थीं। रेडियो पर "दिलबर मेरे, कितने तुझे चाहें..." गाना बज रहा था, और राहुल ने हल्के से गुनगुनाते हुए कहा, "पूजा, तुम इन कपड़ों में कमाल लग रही हो। अब कोई ट्रक वाला देख ले, तो उसका दिल धड़क जाएगा।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए हंसकर कहा, "जी, आप भी ना... बस शैतानी करते रहते हैं। मैंने ये कपड़े सिर्फ आपके कहने पर पहने हैं। नगरीया पहुंचने से पहले नॉर्मल कपड़े पहन लूंगी।" लेकिन उसकी आवाज में एक हल्की-सी उत्सुकता थी, जैसे वह इस नए एक्सपेरिमेंट का मजा ले रही हो। राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "अरे, थोड़ा मस्ती कर लो। रास्ता लंबा है, और तुम्हारा हौसला बढ़ेगा।" ट्रक वाले का अनुभव हाईवे पर कार की स्पीड लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी। अचानक, एक बड़ा ट्रक उनकी कार के पास आया। ट्रक का रंग लाल था, और उस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, "बुरी नजर वाले, तेरा मुंह काला।" ट्रक ड्राइवर, जो 30-35 साल का एक हट्टा-कट्टा मर्द था, सिख पगड़ी में था। उसने अपनी खिड़की से बाहर झांका, और उसकी नजर पूजा शर्मा की ओर गई। पूजा शर्मा सामने की सीट पर बैठी थी, और उसका दुपट्टा हल्का-सा सरक गया था, जिससे ट्राउजर की टाइट फिटिंग और टॉप का खुला बटन साफ दिख रहा था। ट्रक ड्राइवर की आंखें चमक उठीं, और उसने एक लंबी सीटी बजाई। पूजा शर्मा की सांसें तेज हो गईं। उसने शरमाते हुए दुपट्टा ठीक किया, लेकिन राहुल ने हंसते हुए कहा, "देखा, पूजा? मैंने कहा था ना, तुम हॉट वाइफ हो। उसका दिल धड़क गया।" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसकर कहा, "जी, ये क्या? लोग ऐसे देख रहे हैं।" लेकिन उसकी आंखों में एक शरारत थी। ट्रक ड्राइवर ने अपनी स्पीड थोड़ी कम की, और कुछ देर तक उनकी कार के साथ-साथ चला। उसने फिर से पूजा शर्मा की ओर देखा और मुस्कुराया। पूजा शर्मा ने अनायास उसकी ओर देखा और हल्की-सी मुस्कान दी, जैसा राहुल ने कहा था। ट्रक ड्राइवर ने जवाब में एक और सीटी बजाई और अंगूठा दिखाया, जैसे तारीफ कर रहा हो। पूजा शर्मा का चेहरा लाल हो गया, और उसने जल्दी से नजरें हटा लीं। "जी, ये तो गलत है," उसने फुसफुसाते हुए कहा। राहुल ने हंसकर कहा, "गलत क्या? ये तो मजा है। तुमने उसकी आंखों में चमक देखी? तुम्हारा हौसला बढ़ रहा है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, बस अब और नहीं।" लेकिन उसके मन में एक अजीब-सा रोमांच था। ट्रक ने फिर ओवरटेक किया और आगे बढ़ गया, लेकिन पूजा शर्मा का दिल अभी भी धड़क रहा था। ढाबे का अनुभव करीब 1:30 बजे, राहुल ने कार एक ढाबे के सामने रोकी। ढाबा हाईवे के किनारे था, "पंजाबी तड़का" नाम से, और उसका माहौल देसी था – लकड़ी की मेजें, चारपाइयां, और मिट्टी के कुल्हड़ में चाय की खुशबू। ढाबे के बाहर कुछ ट्रक और कारें खड़ी थीं, और कुछ लोग चारपाइयों पर बैठकर खाना खा रहे थे। पूजा शर्मा ने दुपट्टा अपने कंधों पर ठीक किया, लेकिन ट्राउजर और टॉप की आकर्षक फिटिंग अभी भी हल्की-सी झलक रही थी। राहुल ने कहा, "चलो, चाय पीते हैं। थोड़ा खाना भी खा लेंगे।" पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, इन कपड़ों में? लोग देखेंगे।" राहुल ने हंसकर कहा, "अरे, यही तो मजा है। थोड़ा बिंदास बनो।" वे ढाबे की एक चारपाई पर बैठे। पूजा शर्मा ने दुपट्टा अपने सीने पर लपेट लिया, लेकिन ट्राउजर की टाइट फिटिंग और टॉप के खुले बटन हल्के-से दिख रहे थे। एक वेटर, जो 25-30 साल का था, सांवला, और देसी लुक में, उनके पास आया। उसने पूजा शर्मा की ओर एक नजर डाली और मुस्कुराते हुए कहा, "मैडम, क्या लेंगे?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "दो चाय, और... कुछ खाने को क्या है?" वेटर ने मेन्यू की ओर इशारा करते हुए कहा, "मैडम, हमारे यहां पंजाबी थाली बेस्ट है – दाल मखनी, शाही पनीर, और तंदूरी रोटी। या फिर परांठा ले लीजिए, आलू का या प्याज का।" उसकी नजरें बार-बार पूजा शर्मा के टॉप और ट्राउजर पर जा रही थीं, लेकिन उसने मर्यादा रखी। राहुल ने कहा, "दो पंजाबी थाली और दो चाय लाओ।" वेटर ने सिर हिलाया और चला गया। पूजा शर्मा ने फुसफुसाते हुए कहा, "जी, वो वेटर मुझे देख रहा था। ये कपड़े... मैंने कहा था ना।" राहुल ने हंसकर कहा, "देखने दे, पूजा। तुम हॉट वाइफ हो। उसकी आंखों में चमक देखी? तुम्हारा हौसला बढ़ रहा है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए हल्की-सी मुस्कान दी और कहा, "जी, आप तो बस मजा लेते हैं।" थोड़ी देर बाद वेटर चाय के दो कुल्हड़ लेकर आया। उसने मेज पर रखते हुए पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "मैडम, आप दिल्ली से हैं?" पूजा शर्मा ने चौंककर कहा, "हां... मतलब, हां।" उसने झूठ बोला, जैसा वह चैट में करती थी। वेटर ने मुस्कुराते हुए कहा, "पहली बार देखा, कोई इतनी सुंदर मैडम हमारे ढाबे पर।" पूजा शर्मा का चेहरा लाल हो गया, और उसने दुपट्टा और ठीक किया। "शुक्रिया," उसने धीरे से कहा। राहुल ने हल्के से हंसकर वेटर की ओर देखा और कहा, "भाई, खाना जल्दी लाओ। मेरी वाइफ को भूख लगी है।" वेटर ने हंसते हुए सिर हिलाया और चला गया। पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा और कहा, "जी, ये क्या था? वो इतना खुलकर बोल रहा था।" राहुल ने कहा, "पूजा, ये तो हल्का-सा फ्लर्ट था। तुमने भी तो मुस्कुराकर जवाब दिया। शादी में भी ऐसे ही कर लेना।" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसकर कहा, "जी, बस इतना ही। ज्यादा नहीं।" लेकिन उसके मन में एक नया रोमांच था। खाना आया – दाल मखनी, शाही पनीर, और गरम-गरम तंदूरी रोटी। खाते वक्त पूजा शर्मा ने देखा कि पास की मेज पर बैठा एक ट्रक ड्राइवर उनकी ओर देख रहा था। उसने दुपट्टा और ठीक किया, लेकिन राहुल ने फुसफुसाते हुए कहा, "देखने दे, पूजा। ये तो तुम्हारी तारीफ है।" खाना और चाय खत्म करने के बाद, वे कार की ओर बढ़े। पूजा शर्मा ने कहा, "जी, अब नॉर्मल कपड़े पहन लूं?" राहुल ने कहा, "अरे, अभी थोड़ा और मस्ती कर लो। नगरीया अभी दूर है।" पूजा शर्मा ने हंसते हुए कहा, "जी, आप तो मुझे बिगाड़ देंगे।" कार फिर हाईवे पर दौड़ने लगी, और पूजा शर्मा का मन इस छोटे-से रोमांच में खोया था। विस्तृत सीन: दिल्ली पार करने के बाद का रोमांच (मर्यादित रूप में): दिल्ली को पार करने के बाद, कार हाईवे पर और तेज दौड़ रही थी। शाम के 5:30 बज रहे थे, और सूरज अब क्षितिज के नीचे उतर रहा था, जिससे आसमान में नारंगी और गुलाबी रंगों की छटा बिखर रही थी। उत्तर प्रदेश की सीमाओं में दाखिल होने के बाद, रोड पर ट्रैफिक थोड़ा कम हो गया था, और दोनों ओर अंधेरा छाने लगा था। हल्की ठंडी हवा कार की खिड़की से आ रही थी, और रेडियो पर एक पुराना गाना बज रहा था – "ये शाम मस्तानी..."। पूजा शर्मा अभी भी सफेद ट्राउजर और नीले फ्रंट ओपन टॉप में थी, जो चंडीगढ़ में खरीदे गए थे। ट्राउजर की हल्की फिटिंग और टॉप के बटन उसे थोड़ा असहज कर रहे थे, लेकिन राहुल की बातों से उसका मन रोमांच से भर रहा था। राहुल ड्राइविंग कर रहे थे, और उनकी आंखें रोड पर टिकी थीं, लेकिन बीच-बीच में पूजा शर्मा की ओर देखकर मुस्कुरा रहे थे। "पूजा, दिल्ली पार हो गई। अब नगरीया ज्यादा दूर नहीं," उन्होंने कहा। पूजा शर्मा ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा, "हां, जी। लेकिन अंधेरा हो रहा है। थकान लग रही है।" राहुल ने स्टीयरिंग पर हाथ थपथपाते हुए कहा, "मुझे चाय पीनी है। कोई ढाबा या दुकान मिल जाए।" पूजा शर्मा ने चौंककर कहा, "जी, ये उत्तर प्रदेश है। कासगंज जैसा इलाका है, यहां अब कोई एक्सपेरिमेंट नहीं। अगर कुछ उलटा-सीधा हो गया तो?" उसकी आवाज में थोड़ी घबराहट थी, क्योंकि गांव के इलाके में शाम को रुकना उसे जोखिम भरा लग रहा था। राहुल ने हंसते हुए कहा, "चिंता मत करो, पूजा। मैं साथ हूं। बस चाय पीकर निकल जाएंगे। और तुम्हें तो अब आदत हो गई है ऐसे रोमांच की।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, आदत तो नहीं, लेकिन... ठीक है। लेकिन सावधानी से।" राहुल ने कार की स्पीड कम की और एक छोटी-सी सड़क की ओर मुड़ गए, जहां एक एकांत जगह पर एक छोटी-सी दुकान दिखी। दुकान पुरानी थी, लकड़ी की, और उसके सामने एक बेंच पड़ी थी। दुकानदार एक बुजुर्ग व्यक्ति था, जो चूल्हे पर चाय बना रहा था। आस-पास कुछ ट्रक खड़े थे, लेकिन लोग कम थे। राहुल ने कार रोकी और कहा, "यहां पूछते हैं।" वे कार से उतरे। पूजा शर्मा ने अपने टॉप के बटन ठीक करने की कोशिश की, लेकिन ऊपर का एक बटन फिर से खुल गया। उसने जल्दी से हाथ से ढक लिया, लेकिन बिना दुपट्टे के वह थोड़ा असहज थी। राहुल ने बुजुर्ग दुकानदार से पूछा, "जी, वॉशरूम कहां है? मैडम को जरूरत है।" दुकानदार ने सिर खुजाते हुए कहा, "साहब, यहां तो ज्यादातर ट्रक वाले रुकते हैं चाय पीने। वो तो खुले में ही सुसू कर लेते हैं। आप जैसी हीरोइन जैसी लेडी तो पहली बार यहां रुकी है। ऐसा करो, थोड़ा आगे जाओ, वहां झाड़ियां हैं। वहां कोई नहीं आता।" पूजा शर्मा की सांसें तेज हो गईं। उसने राहुल की ओर देखा और फुसफुसाया, "जी, खुले में? ये ठीक नहीं।" लेकिन सुसू का दबाव इतना था कि वह मान गई। "ठीक है, जल्दी करके आती हूं," उसने कहा। राहुल ने कहा, "मैं यहीं रुकता हूं। सावधान रहना।"
24-08-2025, 10:03 AM
Good one... rahul koi mauka nahi chhoda raha biwi ko expose karne mein...pata nahi shadi mein kya hoga
24-08-2025, 08:37 PM
comment nahi aa rahe dosto
24-08-2025, 10:35 PM
(This post was last modified: 25-08-2025, 10:24 PM by Ashish jain. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Bhai shandaar story plz update ASAP
25-08-2025, 11:43 AM
next update kab de rahe ho
26-08-2025, 12:05 PM
please update
28-08-2025, 12:56 AM
Next Update❓
28-08-2025, 02:44 PM
Amazing story
29-08-2025, 11:11 PM
Next Update
31-08-2025, 08:53 PM
झाड़ियों में अनपेक्षित मुलाकात
पूजा शर्मा हिम्मत जुटाकर दुकान से थोड़ा दूर, रोड साइड की झाड़ियों की ओर चली गई। चांदनी की हल्की रोशनी में रास्ता दिख रहा था, लेकिन आसपास का सन्नाटा उसे डरा रहा था। उसने एक घनी झाड़ी के पीछे जगह चुनी, जहां कोई नहीं देख सकता था। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "बस जल्दी कर लूं," उसने मन ही मन सोचा। उसने अपने सफेद ट्राउजर और थॉन्ग पैंटी को नीचे सरकाया और सुसू करने के लिए बैठ गई। ठंडी हवा उसके नंगे कूल्हों पर लग रही थी, और उसका शरीर कांप रहा था। वह जल्दी-जल्दी काम निपटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन तभी एक ट्रक की तेज आवाज ने उसे चौंका दिया। एक बड़ा लाल ट्रक ठीक पास में रुक गया। उस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, "हॉर्न प्लीज!"। ट्रक से एक हट्टा-कट्टा ड्राइवर उतरा – 35-40 साल का, सांवला, दाढ़ी वाला, और मजबूत कद का। उसने अपनी नीली पजामा नीचे सरकाई और सुसू करने लगा। पूजा शर्मा ने घबरा कर उसकी ओर देखा, और उसी पल ड्राइवर की नजर उस पर पड़ गई। दोनों की आंखें एक-दूसरे से मिलीं। पूजा शर्मा की सांसें रुक गईं। वह सुसू करते हुए ड्राइवर को देख रही थी, और ड्राइवर उसे। पूजा शर्मा की जिंदगी में यह पहला मौका था जब उसने अपने पति राहुल के अलावा किसी और पुरुष का लिंग नंगी आंखों से देखा था। ड्राइवर का लिंग बड़ा और मोटा था, भले ही वह उत्तेजित नहीं था। पूजा शर्मा को लगा कि यह राहुल के लिंग से कहीं बड़ा था। उसका मन रोमांच और डर के मिश्रण से भर गया। "ये क्या हो रहा है?" उसने सोचा। उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया, लेकिन उसकी आंखें ड्राइवर के लिंग पर टिकी रहीं। ड्राइवर ने उसे देखकर हल्की-सी मुस्कान दी, फिर अपने लिंग को हल्के से हिलाया और पजामा बांध लिया। उसने पूजा शर्मा की ओर देखकर एक शरारती अंदाज में सिर हिलाया और हंसते हुए अपने ट्रक की ओर चला गया। पूजा शर्मा का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। वह जल्दी-जल्दी सुसू खत्म करके ट्राउजर और पैंटी ठीक की और कार की ओर भागी। उसका चेहरा लाल था, और सांसें तेज। "ये क्या था? उसने मुझे देख लिया... और मैंने उसे..." वह मन ही मन सोच रही थी। उसका मन डर और उत्तेजना के तूफान में डूबा था। एक तरफ, गांव की मर्यादा और शरम उसे डरा रही थी; दूसरी तरफ, इस अनपेक्षित मुलाकात का रोमांच उसे बेकाबू कर रहा था। "पहली बार... राहुल के अलावा किसी का लिंग देखा... इतना बड़ा..." उसने सोचा, और उसकी सांसें और तेज हो गईं। कार में वापसी और बातचीत पूजा शर्मा कार में पहुंची और दरवाजा बंद करके हांफते हुए बैठ गई। राहुल ने कार स्टार्ट की और पूछा, "पूजा, क्या हुआ? तुम तो बहुत घबराई हुई लग रही हो।" पूजा शर्मा ने बैकसीट पर जाकर अपनी सलवार-कुर्ती निकाली और कपड़े बदलते हुए कहा, "जी, आप नहीं समझेंगे। वहां... एक ट्रक ड्राइवर आ गया। उसने सुसू किया, और... मैंने उसे देख लिया। और उसने मुझे देख लिया।" उसकी आवाज में घबराहट थी, लेकिन साथ ही एक अजीब-सी उत्तेजना भी। राहुल ने हंसते हुए कहा, "सच? फिर क्या हुआ?" पूजा शर्मा ने कपड़े बदलते हुए कहा, "जी, मैंने पहली बार... आपके अलावा किसी का लिंग देखा। वो... बहुत बड़ा था।" उसने शरमाते हुए नजरें नीची कीं। "वो उत्तेजित भी नहीं था, लेकिन फिर भी... आपके से बड़ा।" राहुल की आंखें चमक उठीं। "पूजा, ये तो कमाल हो गया। तुझे कैसा लगा?" उसने शरारत भरे लहजे में पूछा। पूजा शर्मा ने सलवार-कुर्ती पहन ली और सामने की सीट पर आकर बैठ गई। "जी, डर भी लगा और... थोड़ा अजीब-सा मजा भी। लेकिन मैं डर गई थी। वो मुझे देखकर हंसा और चला गया।" राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, ये तो एक नया एक्सपेरिमेंट था। तू अब हॉट वाइफ बन रही है।" पूजा शर्मा ने हल्के से उसका कंधा थपथपाया और कहा, "जी, अब बस। नगरीया पहुंचकर कोई एक्सपेरिमेंट नहीं।" लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी, जैसे वह इस अनुभव को पूरी तरह भूल नहीं पा रही थी। "पहली बार... नंगी आंखों से..." वह मन ही मन सोच रही थी, और उसका शरीर अभी भी उत्तेजना से कांप रहा था। विस्तृत सीन: नगरीया पहुंच और रात का रोमांच (मर्यादित रूप में): रात के 10:00 बज चुके थे जब पूजा शर्मा और राहुल की कार नगरीया के छोटे से टाउन में दाखिल हुई। हाईवे से निकलकर गांव की कच्ची-पक्की सड़कों पर कार हल्के-हल्के हिचकोले खा रही थी। गंगा नदी की हल्की ठंडी हवा दूर से आ रही थी, और टाउन की सड़कों पर शादी की तैयारियों की रौशनी चमक रही थी – रंग-बिरंगे बल्बों की लड़ीयां, घरों के बाहर फूलों की मालाएं, और दूर से आती बारात की बैंड की रिहर्सल की आवाज। नगरीया एक छोटा-सा टाउन था, कासगंज से थोड़ा आगे, जहां गंगा के किनारे पर बसे घरों में जीवन की सादगी थी। ज्योति का घर टाउन के बीच में था, तीन मंजिला पुराना लेकिन मजबूत, गंगा से महज तीन-चार किलोमीटर दूर। कार रुकते ही ज्योति बाहर आई, उसके चेहरे पर मुस्कान थी। "पूजा! आ गई तू! कितने साल बाद मिली," उसने गले लगाते हुए कहा। पूजा शर्मा ने भी ज्योति को गले लगाया और कहा, "हां, ज्योति। तेरी बेटी की शादी है, तो आना ही था।" राहुल ने सामान उतारा और ज्योति से हाथ मिलाया, "बधाई हो, ज्योति जी।" ज्योति ने उन्हें अंदर बुलाया। घर में शादी की तैयारियों की रौनक थी – महिलाएं मेहंदी लगा रही थीं, बच्चे इधर-उधर दौड़ रहे थे, और हवा में मिठाई और फूलों की खुशबू फैली हुई थी। ज्योति ने कहा, "तुम दोनों थक गए होगे। ऊपर तीसरी मंजिल पर एक कमरा है, वहां आराम कर लो। वहां एकांत है, बस एक बेडरूम और अटैच्ड वॉशरूम। नीचे शोर ज्यादा है, क्योंकि तैयारियां चल रही हैं।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "अच्छा है, ज्योति। हम ऊपर ही रहेंगे।" ज्योति ने उन्हें गिफ्ट्स दिए – पूजा शर्मा ने एक सुंदर फूलदान और राहुल ने सिल्वर का डिनर सेट। ज्योति खुश हो गई, "वाह, कितना प्यारा गिफ्ट।" चाय का समय और माहौल का अहसास ज्योति ने उन्हें तीसरी मंजिल पर ले जाया। सीढ़ियां चढ़ते हुए पूजा शर्मा ने देखा कि घर पुराना था, लेकिन साफ-सुथरा। तीसरी मंजिल पर सिर्फ एक कमरा था, बाकी छत खुली थी। कमरा बड़ा था – एक डबल बेड, साइड टेबल, और अटैच्ड वॉशरूम। खिड़की से गंगा की दिशा में हल्की ठंडी हवा आ रही थी। सामान रखकर वे नीचे आए, जहां ज्योति ने चाय और नाश्ता तैयार किया था – गरम-गरम चाय, समोसे, और मिठाई। चाय पीते हुए पूजा शर्मा और राहुल ने घर के माहौल को गौर से देखा। घर में ज्यादातर लोग ग्रामीण परिधान में थे – पुरुष धोती-कुर्ता में, महिलाएं साड़ी या सलवार-कुर्ती में। कोई पैंट-शर्ट नहीं पहने था। ज्योति की बेटी, जो 22 साल की थी, मेहंदी लगवा रही थी, और उसके आसपास रिश्तेदार हंस-खेल रहे थे। राहुल ने पूजा शर्मा से फुसफुसाकर कहा, "पूजा, यहां का माहौल सच में ग्रामीण है। लोग धोती-कुर्ता में ही हैं।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "हां, जी। यहां वो नए कपड़े नहीं पहन सकते। लेकिन मजा आएगा। गंगा के किनारे शादी – कितना सुंदर होगा।" ज्योति ने कहा, "हां, पूजा। कल मेहंदी है, परसों संगीत, और उसके बाद बारात। तुम दोनों आराम करो।" चाय पीकर वे ऊपर कमरे में गए। पूजा शर्मा ने कमरे की खिड़की खोली, और दूर गंगा की लहरों की आवाज सुनाई दी। "जी, कितना शांत है यहां," उसने कहा। राहुल ने उसे बाहों में लिया और कहा, "हां, पूजा। लेकिन हमारा रोमांच तो अभी शुरू हुआ है।" रात का गहरा रोमांच नगरीया में ज्योति के घर की तीसरी मंजिल पर रात के 11:30 बज चुके थे। कमरे में एक छोटी-सी बल्ब की मद्धम रोशनी बेड पर पड़ रही थी, और खिड़की से गंगा की हल्की-सी ठंडी हवा आ रही थी। बाहर शादी की तैयारियों का शोर अब धीमा हो चुका था, और तीसरी मंजिल का एकांत पूजा शर्मा और राहुल को एक गहरे रोमांच में ले जा रहा था। पूजा शर्मा ने अपनी सलवार-कुर्ती उतार दी थी और अब सिर्फ चंडीगढ़ में खरीदी गई लाल लेस वाली ब्रा और थॉन्ग पैंटी में थी। उसका गोरा बदन चांदनी में चमक रहा था, और उसके बड़े, तने हुए स्तन ब्रा में उभर रहे थे। राहुल ने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी थी, और वह अब सिर्फ अंडरवियर में था। वह पूजा शर्मा की कमर को सहला रहा था, और उसकी उंगलियां धीरे-धीरे उसकी ब्रा के स्ट्रैप की ओर बढ़ रही थीं। पूजा शर्मा की सांसें तेज थीं – दिन का वह अनपेक्षित अनुभव, जहां उसने हाईवे पर ट्रक ड्राइवर का लिंग नंगी आंखों से देखा था, अभी भी उसके मन में गूंज रहा था। उसका शरीर डर और उत्तेजना के मिश्रण से कांप रहा था। राहुल ने पूजा शर्मा के कान में फुसफुसाया, "पूजा, आज का वो ट्रक वाला... कितना रोमांचक था ना? तूने उसका लोड़ा देखा, और उसने तुझे।" पूजा शर्मा की सिसकारी निकली, "जी, हां... मैं तो डर गई थी। लेकिन वो... इतना बड़ा था। आपके से भी बड़ा।" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन साथ ही एक गहरी उत्तेजना। राहुल ने उसकी ब्रा का हुक खोला, और पूजा शर्मा के तने हुए स्तन आजाद हो गए। उसने उन्हें हल्के से दबाया, और पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "आह..." राहुल ने कहा, "चल, उस सीन को फिर से क्रिएट करें। लेकिन इस बार फैंटसी में और आगे बढ़ते हैं। सोच, वो ट्रक वाला तुझे ट्रक के केबिन में ले जाता है।" पूजा शर्मा की आंखें चमक उठीं। उसने शरमाते हुए कहा, "जी, फैंटसी में? ठीक है... लेकिन आप ड्राइवर बनो।" राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, मेरी हॉट वाइफ। मैं वो ड्राइवर हूं।" ट्रक के केबिन वाली फैंटसी पूजा शर्मा और राहुल ने कमरे में उस हाईवे के सीन को फिर से जीवंत करने की शुरुआत की। पूजा शर्मा ने अपनी पैंटी उतार दी और बेड पर बैठ गई, जैसे वह झाड़ी में सुसू कर रही हो। राहुल बेड के किनारे खड़ा हो गया, जैसे ट्रक ड्राइवर। उसने अपनी आवाज को भारी बनाया और कहा, "ए, मैडम! ये क्या कर रही हो?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए, लेकिन फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "जी, बस... सुसू कर रही हूं। आप जाओ ना।" उसकी आवाज में नकली डर था, लेकिन उसकी आंखें शरारत से चमक रही थीं। राहुल ने हट्टे-कट्टे ड्राइवर की तरह हंसते हुए कहा, "अरे, इतनी सुंदर मैडम और झाड़ी में? चल, मेरे ट्रक में।" उसने पूजा शर्मा को अपनी बाहों में उठाया, जैसे ड्राइवर उसे कंधे पर उठा रहा हो। पूजा शर्मा ने नकली विरोध किया, "नहीं, छोड़ दो मुझे! मेरे पति इंतजार कर रहे होंगे।" राहुल ने पूजा शर्मा को बेड पर लिटाया, जैसे वह ट्रक के केबिन में हो। कमरे की मद्धम रोशनी में पूजा शर्मा का नग्न शरीर चमक रहा था। राहुल ने ड्राइवर की तरह कहा, "मैडम, तुम तो आग हो। थोड़ा मजा कर लो।" पूजा शर्मा ने फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "नहीं, ड्राइवर जी। मुझे मेरे पति के पास जाना है। जो करना है, जल्दी करो।" उसकी आवाज में एक मिश्रित शरम और उत्तेजना थी। राहुल ने पूजा शर्मा की योनि को हल्के से सहलाया, और पूजा शर्मा की सिसकारी निकली, "आह... ड्राइवर जी..." राहुल ने कहा, "देख, मेरा लोड़ा।" उसने अपना अंडरवियर उतारा, और पूजा शर्मा ने फैंटसी में ड्राइवर के उस बड़े, मोटे लिंग को याद किया। "हां... इतना बड़ा..." उसने सिसकारी लेते हुए कहा। राहुल ने पूजा शर्मा के पैरों को फैलाया और धीरे से प्रवेश किया। पूजा शर्मा की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं, "आह... ड्राइवर जी... धीरे..." राहुल ने गति बढ़ाई और कहा, "मैडम, तुम तो भोसड़ी हो।" पूजा शर्मा ने फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "और तुम्हारा लोड़ा... इतना सख्त..." उसने अपनी कमर को लय में हिलाया, जैसे वह ट्रक के केबिन में ड्राइवर के साथ हो। "छोड़ दो मुझे... मेरे पति इंतजार कर रहे हैं," उसने फिर कहा, लेकिन उसकी सिसकारियां बता रही थीं कि वह इस फैंटसी में पूरी तरह डूबी थी। राहुल ने कहा, "नहीं, मैडम। आज तुझे पूरा मजा दूंगा।" उसने पूजा शर्मा को पलटकर पीछे से प्रवेश किया, और पूजा शर्मा की आहें तेज हो गईं, "ओह... और जोर से..." कमरे में उनकी सिसकारियां गूंज रही थीं, जैसे वे सचमुच उस ट्रक के केबिन में हों। पूजा शर्मा का मन उस ड्राइवर की छवि में खोया था – उसका हट्टा-कट्टा शरीर, उसकी शरारती हंसी, और वो बड़ा लिंग। "पहली बार... नंगी आंखों से देखा था..." वह सोच रही थी, और उसकी उत्तेजना चरम पर थी। राहुल ने उसकी कमर को कसकर पकड़ा, और दोनों एक साथ चरम पर पहुंचे। पूजा शर्मा की चीखें कमरे में गूंजीं, "आह... ड्राइवर जी..." और फिर सन्नाटा छा गया। दोनों थककर बेड पर लेट गए, पसीने से भीगे हुए। पूजा शर्मा ने राहुल के सीने पर सिर रखा और कहा, "जी, ये फैंटसी... बहुत तीव्र थी।" राहुल ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, "हां, पूजा। तू अब हॉट वाइफ बन गई है। लेकिन सोच, रियल में कितना मजा आएगा।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, अभी फैंटसी ही ठीक है।" पूजा शर्मा के मन का भाव पूजा शर्मा का मन अभी भी उस ट्रक ड्राइवर की छवि में उलझा था। दिन में झाड़ी में हुआ वह अनुभव – ड्राइवर का लिंग, उसकी शरारती हंसी, और उसकी नजरें – उसे डर और रोमांच दोनों दे रहा था। "मेरी जिंदगी में पहली बार... राहुल के अलावा किसी का लिंग देखा। और वो इतना बड़ा था," वह सोच रही थी। उसका मन डर से भरा था – "अगर किसी ने मुझे पहचान लिया होता? गांव में बदनामी हो जाती।" लेकिन साथ ही, उस उत्तेजना ने उसे बेकाबू कर दिया था। "क्या मैं सच में बदल रही हूं?" उसने सोचा। राहुल की हॉट वाइफ वाली बातें, और अब ये फैंटसी, उसे एक नई दुनिया में ले जा रही थीं। वह शरम और उत्तेजना के बीच झूल रही थी, लेकिन राहुल की बाहों में उसे सुकून मिल रहा था। "शादी में क्या होगा? क्या मैं बारात में फ्लर्ट कर पाऊंगी?" उसने सोचा, और उसकी सांसें फिर तेज हो गईं। रात का अंत पूजा शर्मा और राहुल थककर एक-दूसरे की बाहों में सिमट गए। कमरे में सिर्फ उनकी सांसों की आवाज थी। बाहर गंगा की लहरों की हल्की-सी आवाज आ रही थी, और चांदनी खिड़की से कमरे में बिखर रही थी। पूजा शर्मा ने राहुल को गले लगाया और कहा, "जी, ये सफर और ये फैंटसी... बहुत यादगार थी।" राहुल ने उसके माथे को चूमा और कहा, "हां, पूजा। लेकिन अभी तो शादी बाकी है। वहां और मजा आएगा।" दोनों मुस्कुराए और नींद की आगोश में चले गए। पूजा शर्मा की नींद में फिर वही ट्रक ड्राइवर आया – उसका बड़ा लिंग, उसकी हंसी, और वो ट्रक का केबिन।
31-08-2025, 11:02 PM
Shandaar update
01-09-2025, 02:01 PM
Asli maza toh ab ayega...
01-09-2025, 07:10 PM
नगरीया में सुबह का माहौल शांत और पवित्र था। सूरज अभी-अभी उग रहा था, और गंगा के किनारे की हल्की ठंडी हवा ज्योति के घर की तीसरी मंजिल तक पहुंच रही थी। सुबह के 6:00 बजे थे, और पूजा शर्मा की आंखें धीरे-धीरे खुलीं। कमरे में चांदनी की जगह अब सूरज की किरणें खिड़की से आ रही थीं, जो गुलाबी चादरों पर पड़ रही थीं। पूजा शर्मा ने बेड पर पलटकर देखा – राहुल अभी गहरी नींद में थे, उनके चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान थी, शायद कल रात की उस तीव्र फैंटसी के सपने में खोए हुए। पूजा शर्मा का मन भी उस ट्रक ड्राइवर की छवि में उलझा था, लेकिन सुबह की ताजगी ने उसे एक नया उत्साह दिया। उसने धीरे से बेड से उठकर खिड़की खोली। बाहर गंगा की लहरों की हल्की-सी आवाज और दूर से मंदिर की घंटियों का स्वर सुनाई दे रहा था। "कितना शांत है ये माहौल," उसने मन ही मन सोचा।
पूजा शर्मा ने अपने सूटकेस से एक साधारण हल्की नीली सलवार-कुर्ती निकाली, जो गांव के माहौल के लिए मर्यादित थी। उसने नहाने के लिए अटैच्ड वॉशरूम में प्रवेश किया। गर्म पानी की बाल्टी और देसी साबुन की खुशबू ने उसे तरोताजा कर दिया। नहाते समय उसका मन फिर से कल के अनुभवों की ओर भटक गया – ट्रक ड्राइवर की नजरें, उसका बड़ा लिंग, और रात की वह फैंटसी। "क्या मैं सच में बदल रही हूं?" उसने सोचा, लेकिन फिर अपने आप को झटका और मर्यादा की याद दिलाई। नहाकर उसने सलवार-कुर्ती पहनी, बालों को गीले ही जूड़े में बांधा, और माथे पर एक छोटी-सी बिंदी लगाई। उसने हल्का मेकअप किया – गुलाबी लिपस्टिक और काजल – जो उसे सादगी के साथ आकर्षक बना रहा था। मंदिर में पूजा पूजा शर्मा ने राहुल को अभी सोने दिया और धीरे से कमरे से निकलकर नीचे आई। ज्योति पहले से जाग चुकी थी और किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी। "पूजा, इतनी सुबह उठ गई?" ज्योति ने मुस्कुराते हुए पूछा। पूजा शर्मा ने कहा, "हां, ज्योति। नींद खुल गई। सोचा, पास के मंदिर में पूजा कर आऊं।" ज्योति ने सिर हिलाया, "अच्छा है। मंदिर पास में ही है, गंगा के किनारे। थोड़ा पैदल चलकर चली जाओ। वहां बहुत शांति है।" पूजा शर्मा ने एक छोटा-सा पूजा का थाल लिया – फूल, अगरबत्ती, और एक दीया – और मंदिर की ओर चल पड़ी। मंदिर नगरीया के किनारे पर था, गंगा के ठीक पास। रास्ते में कुछ स्थानीय लोग दिखे – ज्यादातर धोती-कुर्ता में पुरुष और साड़ी में महिलाएं। पूजा शर्मा ने देखा कि गांव का माहौल सादा और पारंपरिक था। मंदिर एक छोटा-सा पत्थर का ढांचा था, जिसमें शिवलिंग और नंदी की मूर्ति थी। पुजारी, एक बुजुर्ग व्यक्ति, ने पूजा शर्मा का स्वागत किया। "बेटी, कहां से आई हो?" उसने पूछा। पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "जी, कांगड़ा से। शादी में आई हूं।" उसने पूजा की, माथा टेका, और गंगा की ओर देखा। नदी का पानी सूरज की किरणों में चमक रहा था, और कुछ लोग सुबह-सुबह स्नान कर रहे थे। पूजा शर्मा ने गंगा को प्रणाम किया और मन ही मन प्रार्थना की, "हे मां गंगा, मेरे मन को शांति दो।" लेकिन उसका मन फिर से उस ट्रक ड्राइवर की छवि में खो गया। "क्या मैं गलत कर रही हूं?" उसने सोचा, लेकिन फिर मन को शांत किया और वापस ज्योति के घर की ओर चल पड़ी। नाश्ता और गंगा स्नान की योजना वापस लौटकर पूजा शर्मा ने देखा कि राहुल अब जाग चुके थे। वह नीली शर्ट और पैंट में तैयार थे, और ज्योति के साथ नीचे बैठे चाय पी रहे थे। पूजा शर्मा को देखकर राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "पूजा, इतनी सुबह कहां चली गई थी?" पूजा शर्मा ने जवाब दिया, "जी, पास के मंदिर में पूजा करने। बहुत शांति मिली।" ज्योति ने नाश्ता परोसा – गरम-गरम परांठे, दही, अचार, और चाय। नाश्ते की मेज पर बैठकर पूजा शर्मा ने गंगा की सुंदरता का जिक्र किया। "ज्योति, मंदिर के पास गंगा कितनी सुंदर लग रही थी। पानी में सूरज की किरणें चमक रही थीं।" ज्योति ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, पूजा। गंगा यहां की शान है। तुम लोग आज स्नान करने चले जाओ। वहां नाव भी हैं, और पानी ज्यादा गहरा नहीं है। बहुत शांति मिलेगी।" राहुल ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा, "हां, अच्छा विचार है। पूजा, कार से चलते हैं। गंगा स्नान करके ताजगी मिलेगी।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "जी, ठीक है। लेकिन मैं सलवार-कुर्ती ही पहनूंगी।" उसने हल्के से हंसते हुए कहा, जैसे चंडीगढ़ के उन आकर्षक कपड़ों की बात को टाल रही हो। ज्योति ने कहा, "वहां स्नान करने वाली जगह साफ है। बस सावधानी रखना। कुछ लोग नाव पर घूमते हैं, कुछ स्नान करते हैं। सुबह का समय सबसे अच्छा है।" नाश्ता खत्म करने के बाद, पूजा शर्मा और राहुल ने अपने कपड़े तैयार किए। पूजा शर्मा ने एक साधारण गुलाबी सलवार-कुर्ती चुनी, और राहुल ने कुर्ता-पायजामा। "जी, गांव के हिसाब से यही ठीक है," पूजा शर्मा ने कहा। राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, गांव में सादगी, लेकिन रात में हॉट वाइफ।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए उसका कंधा थपथपाया और कहा, "जी, बस चुप करो।" वे कार में सवार हुए और गंगा के किनारे की ओर चल पड़े। रास्ते में पूजा शर्मा का मन फिर से उस ट्रक ड्राइवर की छवि में खो गया। "क्या गंगा स्नान मेरे मन को शांत करेगा?" उसने सोचा। लेकिन राहुल की शरारती मुस्कान उसे बता रही थी कि यह सफर और रोमांचक होने वाला था। कहानी जारी है... सुबह के 9:00 बज रहे थे, और गंगा का किनारा सूरज की सुनहरी किरणों में चमक रहा था। नगरीया का यह घाट छोटा लेकिन जीवंत था। गंगा का साफ पानी लहरा रहा था, और किनारे पर कुछ लोग स्नान कर रहे थे, जबकि कुछ स्थानीय नाविक अपनी नावों को सैलानियों के लिए तैयार कर रहे थे। हवा में गंगा की नमी, अगरबत्ती की खुशबू, और पास के मंदिर से आती घंटियों की आवाज एक पवित्र माहौल बना रही थी। पूजा शर्मा और राहुल घाट पर खड़े थे, उनके हाथ में एक छोटा बैग था जिसमें तौलिया और कुछ कपड़े थे। पूजा शर्मा ने गुलाबी सलवार-कुर्ती पहनी थी, जो गांव के माहौल के लिए मर्यादित थी। उसका दुपट्टा कंधों पर लटका हुआ था, और बालों को साधारण जूड़े में बांधा था। राहुल ने सफेद कुर्ता-पायजामा पहना था, जो उन्हें देसी और सादा लुक दे रहा था। पूजा शर्मा का मन अभी भी उस द्वंद्व में था – एक तरफ मर्यादा और पवित्रता, दूसरी तरफ पिछले दिन के रोमांच और रात की तीव्र फैंटसी। नाव की सैर राहुल ने घाट पर खड़े एक नाविक की ओर देखा, जो 40-45 साल का था, सांवला, और धोती-कुर्ता में। नाविक ने मुस्कुराते हुए कहा, "साहब, नाव में सैर करोगे? गंगा मां की गोद में शांति मिलेगी।" राहुल ने पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "चल, पूजा। नाव पर चलते हैं। स्नान भी करेंगे, और थोड़ा घूम लेंगे।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "जी, ठीक है। लेकिन पानी गहरा तो नहीं है ना?" नाविक ने हंसकर कहा, "मैडम, चिंता मत करो। पानी गहरा नहीं है, और मैं नाव धीरे-धीरे चलाऊंगा।" पूजा शर्मा ने हल्की-सी मुस्कान दी और राहुल के साथ नाव में सवार हो गई। नाव छोटी थी, लकड़ी की, और उस पर रंग-बिरंगे फूलों की माला सजी थी। नाविक ने चप्पू चलाना शुरू किया, और नाव धीरे-धीरे गंगा के बीच की ओर बढ़ने लगी। पानी की लहरें नाव से टकरा रही थीं, और ठंडी हवा पूजा शर्मा के चेहरे को छू रही थी। पूजा शर्मा ने गंगा के पानी को हाथ से छुआ और प्रणाम किया, "मां गंगा, मन को शांति दो।" उसका मन अभी भी उस ट्रक ड्राइवर की छवि और रात की फैंटसी में उलझा था, लेकिन गंगा की शांति उसे सुकून दे रही थी। राहुल ने नाविक से पूछा, "भाई, कोई ऐसी जगह है जहां भीड़ कम हो और स्नान कर सकें?" नाविक ने दूर की ओर इशारा किया, जहां गंगा के बीच में एक छोटी-सी रेतीली जमीन दिख रही थी – एक छोटा-सा टापू, जहां पानी उथला था। "साहब, वहां चले जाओ। वहां भीड़ नहीं है, और पानी भी कम गहरा है। स्नान के लिए अच्छी जगह है।" राहुल ने पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "पूजा, उस टापू पर चलते हैं। वहां एकांत है, स्नान करेंगे।" पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, ठीक है। लेकिन सावधानी रखना।" उसका मन फिर से द्वंद्व में था – एक तरफ वह गंगा स्नान की पवित्रता चाहती थी, दूसरी तरफ राहुल की शरारती मुस्कान उसे किसी नए रोमांच की ओर खींच रही थी। नाविक ने नाव को उस टापू की ओर मोड़ा, और कुछ ही मिनटों में वे वहां पहुंच गए। टापू छोटा था, रेत और छोटे-छोटे पत्थरों से भरा, और चारों ओर गंगा का पानी हल्के-हल्के लहरा रहा था। आसपास कोई नहीं था, सिर्फ दूर से कुछ नावें दिख रही थीं। टापू पर पहुंच और स्नान की शुरुआत नाविक ने नाव को टापू के किनारे लाकर एक रस्सी से बांध दिया। टापू छोटा था, रेत और छोटे-छोटे पत्थरों से भरा, और चारों ओर गंगा का उथला पानी इसे घेरे हुए था। आसपास कोई भीड़ नहीं थी, सिर्फ दूर से कुछ अन्य नावें और घाट पर स्नान करते लोग दिख रहे थे। नाविक ने मुस्कुराते हुए कहा, "साहब, मैडम, आप स्नान कर लो। मैं यहीं नाव में रुकता हूं। बस इतना ध्यान रखना, नाव के पास ही नहाना। थोड़ा आगे पानी गहरा हो जाता है।" राहुल ने सिर हिलाया और कहा, "ठीक है, भाई।" पूजा शर्मा ने अपनी सलवार-कुर्ती को स्नान के लिए तैयार किया। उसने दुपट्टा उतारकर नाव पर रख दिया, क्योंकि पानी में स्नान करते समय वह बाधा बन सकता था। बिना दुपट्टे के उसकी गुलाबी कुर्ती उसके फिगर को हल्का-सा उभार रही थी, खासकर जब वह गीली होने वाली थी। राहुल ने भी अपना कुर्ता उतार दिया और सिर्फ पायजामा और बनियान में रह गया, जो स्नान के लिए उपयुक्त था। पूजा शर्मा ने पानी की ओर कदम बढ़ाए। गंगा का ठंडा पानी उसके पैरों को छू रहा था, और उसने दोनों हाथों से पानी लेकर अपने चेहरे पर छिड़का। "जी, कितना ताजगी भरा है ये पानी," उसने राहुल से कहा। राहुल ने हंसकर जवाब दिया, "हां, पूजा। गंगा मां की गोद में शांति ही शांति है।" लेकिन उसकी आंखों में शरारत थी, जैसे वह इस एकांत में कुछ और रोमांच की तलाश में हो। फोटो सेशन का विचार राहुल ने अपने iPhone को नाव पर रखते हुए पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "पूजा, क्यों ना स्नान करते हुए कुछ फोटो ले लें? इस खूबसूरत जगह की यादें रहेंगी।" पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, लेकिन मोबाइल गीला हो जाएगा।" राहुल ने नाविक की ओर देखा और कहा, "भाई, तुम हमारी फोटो खींच दोगे? बस यहीं, यादों के लिए।" नाविक ने सिर खुजाते हुए मुस्कुराया, "साहब, मैं तो नाव चलाता हूं, लेकिन अगर आप सिखा दो, तो खींच दूंगा।" राहुल ने उसे iPhone थमाया और कैमरा ऑन करने का तरीका समझाया। "बस ये बटन दबाना, और फोटो लेते रहना," उसने कहा। नाविक ने सिर हिलाया, "ठीक है, साहब। मैं खींच लूंगा।" पूजा शर्मा ने थोड़ा असहज होकर कहा, "जी, फोटो ठीक है, लेकिन सावधानी से।" उसने अपनी कुर्ती को ठीक किया, लेकिन बिना दुपट्टे के वह थोड़ा असुरक्षित महसूस कर रही थी। नाविक ने नाव को टापू के पास स्थिर रखा और फोटो लेने की तैयारी की। राहुल ने कहा, "पूजा, कुछ फोटो नेचुरल भी लें। तुम बस स्नान करती रहो, वो रैंडमली ले लेगा।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, लेकिन उसका मन थोड़ा बेचैन था। "क्या नाविक मुझे ऐसे देखेगा?" उसने सोचा, लेकिन फिर राहुल की शरारती मुस्कान ने उसे हल्का-सा रोमांच दिया। नाविक का मन और उसका गुप्त कार्य नाविक, जिसका नाम रामू था, नाव के किनारे बैठा था और iPhone को संभाल रहा था। उसने पहले कुछ फोटो खींचे – पूजा शर्मा और राहुल पानी में डुबकी लगाते हुए, हंसते हुए, और एक-दूसरे पर पानी के छींटे मारते हुए। पूजा शर्मा की गुलाबी कुर्ती अब गीली हो चुकी थी, और वह उसके शरीर से चिपक रही थी, जिससे उसके फिगर की हल्की-सी आउटलाइन दिख रही थी। बिना दुपट्टे के उसके स्तन और कमर की बनावट हल्की-सी उभर रही थी, जो गांव के माहौल में असामान्य थी। रामू की आंखें बार-बार पूजा शर्मा की ओर जा रही थीं। "ये मैडम तो शहर वाली है," उसने मन ही मन सोचा। "इतनी सुंदर, इतनी गोरी... और ये कपड़े, गांव में तो कोई ऐसा नहीं पहनता।" उसका मन थोड़ा विचलित हो रहा था, लेकिन वह मर्यादा में रहा। रामू ने फोटो खींचते समय चुपके से iPhone का वीडियो मोड ऑन कर दिया, जिसका पूजा शर्मा और राहुल को कोई अंदाजा नहीं था। उसने कैमरे को जूम करके पूजा शर्मा पर फोकस किया, खासकर जब वह पानी में डुबकी लगा रही थी या राहुल के साथ हंस रही थी। "ये तो हीरोइन जैसी है," उसने सोचा। "ऐसी मैडम को तो मैंने पहले कभी नहीं देखा।" उसकी उंगलियां iPhone पर स्थिर थीं, लेकिन उसका मन पूजा शर्मा की गीली कुर्ती और उसकी हंसी में खोया था। वह जानता था कि यह गलत है, लेकिन इस एकांत में उसका मन थोड़ा ललचा रहा था। फिर भी, उसने कोई हरकत नहीं की और सिर्फ वीडियो और फोटो लेता रहा। आसपास के लोग और उनका पहनावा टापू से थोड़ा दूर, गंगा के किनारे कुछ परिवार स्नान कर रहे थे। दो-तीन महिलाएं साड़ी में थीं, जो गीली होने की वजह से उनके शरीर से चिपक रही थीं। उनकी साड़ियां पारंपरिक थीं – लाल, हरी, और पीली – और वे अपने बच्चों के साथ हंस-खेल रही थीं। पुरुष गमछे या धोती में स्नान कर रहे थे, और कुछ बच्चे पानी में छप-छप कर रहे थे। पूजा शर्मा ने उन्हें देखा और सोचा, "यहां का माहौल कितना सादा है। मेरी गीली कुर्ती भी शायद ज्यादा आकर्षक लग रही होगी।" उसने अपनी कुर्ती को थोड़ा ठीक किया, लेकिन पानी में बार-बार डुबकी लगाने से वह और चिपक रही थी। राहुल ने पूजा शर्मा का हाथ पकड़ा और उसे पानी में थोड़ा और खींचा। "पूजा, थोड़ा और मस्ती कर लें," उसने शरारत भरे लहजे में कहा। पूजा शर्मा ने हंसकर पानी का छींटा मारा, "जी, बस इतना ही। कोई देख लेगा।" लेकिन उसकी हंसी और शरारत रामू की नजरों में थी। रामू ने सोचा, "ये साहब भी कितने बिंदास हैं। मैडम को ऐसे हंसने दे रहे हैं।" उसने वीडियो में पूजा शर्मा की हंसी और राहुल के साथ उनकी शरारत को कैद कर लिया। पूजा शर्मा और राहुल की पानी में शरारत पूजा शर्मा और राहुल पानी में एक-दूसरे पर छींटे मार रहे थे। पूजा शर्मा ने एक बार जोर से डुबकी लगाई, और जब वह बाहर आई, तो उसकी गीली कुर्ती उसके स्तनों और कमर को उभार रही थी। राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, तू तो गंगा में भी हॉट वाइफ लग रही है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, चुप रहो। मां गंगा के सामने ये सब?" लेकिन उसकी आंखों में शरारत थी। उसने राहुल पर और पानी फेंका, और दोनों हंसने लगे। राहुल ने उसे कमर से पकड़कर पानी में थोड़ा और खींचा, और पूजा शर्मा ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा, "जी, छोड़ो ना। नाविक देख रहा होगा।" राहुल ने फुसफुसाया, "देखने दे। ये भी तो एक एक्सपेरिमेंट है।" रामू ने ये सब देखा और मन ही मन सोचा, "ये शहर वाले कितने बिंदास होते हैं। मैडम की हंसी और साहब की शरारत... ये तो गंगा में भी मस्ती कर रहे हैं।" उसने चुपके से वीडियो को जूम करके पूजा शर्मा की गीली कुर्ती और उनकी शरारत को रिकॉर्ड किया। पूजा शर्मा और राहुल को इसका कोई अंदाजा नहीं था। फोटो और स्नान का अंत करीब 20 मिनट स्नान करने के बाद, पूजा शर्मा और राहुल टापू की रेत पर वापस आए। पूजा शर्मा ने अपनी गीली कुर्ती को निचोड़ा और बालों को तौलिये से पोंछा। राहुल ने रामू से iPhone लिया और फोटो चेक की। "वाह, रामू भाई। अच्छी फोटो खींची हैं," उसने कहा। रामू ने मुस्कुराते हुए कहा, "साहब, बस कोशिश की। मैडम और आप बहुत अच्छे लग रहे हो।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "शुक्रिया, भाई जी।" लेकिन उसे नहीं पता था कि रामू ने वीडियो भी लिया था। रामू का सुझाव और पूजा शर्मा की हिचक नाव में सवार होने के बाद, रामू ने पूजा शर्मा की ओर देखा और सादगी भरे लहजे में कहा, "मैडम, आप गीले कपड़ों में बीमार पड़ जाओगी। कपड़े बदल लो।" उसकी आवाज में एक भोलापन था, लेकिन उसकी आंखें बार-बार पूजा शर्मा की गीली कुर्ती पर टिक रही थीं। पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा और फुसफुसाते हुए कहा, "जी, ये ठीक कह रहा है। गीले कपड़ों में ठंड लग सकती है। लेकिन नाव पर कपड़े बदलने की कोई जगह तो है नहीं।" उसकी आवाज में हिचक थी, लेकिन साथ ही एक हल्की-सी उत्सुकता भी। राहुल ने रामू की ओर देखा, और अचानक उसकी नजर रामू के पजामे पर गई, जहां एक हल्का-सा उभार दिख रहा था। रामू की आंखें पूजा शर्मा की गीली कुर्ती और उसके उभरे हुए फिगर पर टिकी थीं, और उसका यह उभार इस बात का सबूत था कि वह पूजा शर्मा को देखकर उत्तेजित हो रहा था। राहुल ने पूजा शर्मा को इशारे से रामू की ओर देखने को कहा। पूजा शर्मा की नजर भी रामू के पजामे के उस उभार पर पड़ी, और उसका चेहरा शरम से लाल हो गया। "जी, ये... क्या है?" उसने फुसफुसाते हुए राहुल से पूछा। राहुल ने हल्के से हंसकर कहा, "पूजा, तूने इसे बेचैन कर दिया। देख, उसका टेंट बना है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए नजरें नीची कीं, लेकिन उसका मन एक नए रोमांच से भर गया। रामू ने, जैसे कुछ हुआ ही न हो, अपने पजामे को हल्के से ठीक किया और फिर से कहा, "मैडम, जल्दी कपड़े बदल लो। नहीं तो ठंड लग जाएगी।" उसकी आवाज में अब भी वही भोलापन था, जिससे पूजा शर्मा और राहुल को एहसास हुआ कि रामू एक सीधा-सादा, भोला इंसान है। नाव को एकांत में ले जाना पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा और धीरे से कहा, "जी, अगर कपड़े बदलने हैं, तो नाव को थोड़ा और एकांत में ले जाएं। यहां कोई और न देख ले।" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन उसकी आंखों में एक शरारत भी। राहुल ने मुस्कुराते हुए रामू से कहा, "रामू भाई, नाव को थोड़ा और बीच पानी में ले जाओ, जहां कोई न हो।" रामू ने तुरंत सिर हिलाया और चप्पू चलाने लगा। "ठीक है, साहब। मैं नाव को गहराई में ले जाता हूं।" उसने नाव को गंगा के बीच की ओर ले जाकर रोका, जहां चारों ओर सिर्फ पानी और हल्की लहरें थीं। दूर से घाट और टापू अब धुंधले दिख रहे थे, और कोई दूसरी नाव पास नहीं थी। रामू ने भोलेपन से कहा, "साहब, मैडम, अब कपड़े बदल लो। यहां कोई नहीं आएगा।" पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा, जैसे उनकी मंजूरी मांग रही हो। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "जी, क्या मैं...?" उसने हिचकिचाते हुए पूछा। राहुल ने उसका हाथ पकड़ा और फुसफुसाया, "बदल लो, पूजा। रामू भोला है, और मैं हूं ना। थोड़ा मस्ती कर लेते हैं।" पूजा शर्मा का मन भी इस नए रोमांच के लिए तैयार था, लेकिन वह राहुल की मंजूरी चाहती थी। उसने सिर हिलाया और धीरे से कहा, "ठीक है, जी।" कपड़े बदलने का सीन और रामू की प्रतिक्रिया पूजा शर्मा ने अपने सूटकेस से एक साधारण नीली सलवार-कुर्ती निकाली, जो स्नान के बाद पहनने के लिए रखी थी। वह नाव के एक कोने में खड़ी हुई और धीरे-धीरे अपनी गीली कुर्ती उतारने लगी। उसने रामू की ओर देखा और हल्की-सी मुस्कान दी, जैसे उसे इस बात का मजा आ रहा हो कि वह एक अनजान मर्द की नजरों के सामने कपड़े बदल रही है। रामू की आंखें चौड़ी हो गईं। उसने iPhone को अब भी पकड़ा हुआ था, और उसने चुपके से वीडियो मोड ऑन रखा था, जिसका पूजा शर्मा और राहुल को कोई अंदाजा नहीं था। पूजा शर्मा ने अपनी गीली कुर्ती उतारी, और उसकी लाल लेस वाली ब्रा अब साफ दिख रही थी। उसका गोरा बदन सूरज की किरणों में चमक रहा था, और रामू की सांसें तेज हो गईं। "ये मैडम... हीरोइन से कम नहीं," उसने मन ही मन सोचा। उसका पजामा अब और तन गया, लेकिन वह भोलेपन से नजरें हटाने की कोशिश कर रहा था। पूजा शर्मा ने अपनी गीली सलवार भी उतारी, और अब वह सिर्फ ब्रा और थॉन्ग पैंटी में थी। उसने रामू की ओर फिर से देखा और मुस्कुराई, जैसे जानबूझकर उसे छेड़ रही हो। राहुल ने यह सब देखा और हंसते हुए रामू से कहा, "क्या बात है, रामू भाई? पहले कभी ऐसी नंगी औरत देखी है?" रामू ने शरमाते हुए सिर नीचे किया और कहा, "साहब, मेरी तो शादी भी नहीं हुई। मेरे परिवार में कोई नहीं। बस, एक-दो बार फिल्मों में नंगी औरतें देखी हैं। लेकिन सामने से... कभी नहीं।" उसकी आवाज में भोलापन था, लेकिन उसकी आंखें पूजा शर्मा के शरीर पर टिकी थीं। "मैडम तो हीरोइन जैसी सुंदर हैं," उसने धीरे से कहा। पूजा शर्मा को यह सुनकर आश्चर्य हुआ। "क्या? इसने कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा?" उसने मन ही मन सोचा। उसका मन एक अजीब-से रोमांच से भर गया। उसने रामू से पूछा, "रामू भाई, तुमने कभी किसी को... चोदा है?" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन वह जानबूझकर यह सवाल पूछ रही थी। रामू ने और शरमाते हुए कहा, "नहीं, मैडम। चुदाई तो बस फिल्मों में देखी है।" उसकी सादगी और भोलापन पूजा शर्मा को और उत्तेजित कर रहा था। उसने धीरे-धीरे अपनी नई कुर्ती पहनी, और फिर सलवार। हर कपड़े को पहनते समय वह रामू की ओर देखकर हल्की-सी मुस्कान दे रही थी, जैसे उसे इस बात का मजा आ रहा हो कि वह रामू की जिंदगी का पहला ऐसा अनुभव बन रही है। रामू का भावनात्मक मन रामू का मन उथल-पुथल में था। उसने अपने 45 साल के जीवन में कभी किसी औरत को इतने करीब से, इतने खुले रूप में नहीं देखा था। पूजा शर्मा का गोरा बदन, उसकी लाल ब्रा, और उसकी शरारती मुस्कान उसे बेचैन कर रही थी। "ये मैडम... इतनी सुंदर, इतनी बिंदास," उसने सोचा। "साहब भी कितने खुले विचारों वाले हैं। मुझे तो अपनी फोटो खींचने को कहा, और अब ये..." उसने चुपके से वीडियो रिकॉर्ड करता रहा, लेकिन उसका मन अपराधबोध से भी भरा था। "मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं? लेकिन ये मौका फिर कहां मिलेगा?" उसने सोचा। उसकी उंगलियां iPhone पर कांप रही थीं, और वह बार-बार पूजा शर्मा की ओर देख रहा था। पूजा शर्मा के कपड़े बदलने का दृश्य उसके लिए एक सपने जैसा था, और वह इसे हमेशा याद रखना चाहता था। पूजा शर्मा और राहुल की शरारत पूजा शर्मा ने कपड़े बदल लिए, लेकिन उसकी शरारत खत्म नहीं हुई थी। उसने राहुल की ओर देखा और कहा, "जी, अब ठीक है? ठंड नहीं लगेगी।" राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, तूने तो रामू को पागल कर दिया। देख, उसका टेंट अभी भी है।" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसते हुए कहा, "जी, बस चुप रहो। वो बेचारा भोला है।" लेकिन उसका मन इस रोमांच से भरा था। वह जानती थी कि रामू ने उसे इस तरह देखा है, और यह बात उसे एक अजीब-सी उत्तेजना दे रही थी। राहुल ने रामू से कहा, "रामू भाई, फोटो और वीडियो अच्छे आए?" रामू ने शरमाते हुए कहा, "हां, साहब। बहुत अच्छे आए।" उसने वीडियो की बात छिपा ली, और iPhone वापस दे दिया। पूजा शर्मा और राहुल नाव में बैठ गए, और रामू ने नाव को घाट की ओर मोड़ लिया। पूजा शर्मा का मन अब भी उस अनुभव में खोया था। "पहली बार किसी अनजान मर्द ने मुझे इस तरह देखा," उसने सोचा। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, लेकिन राहुल की मौजूदगी उसे सुकून दे रही थी। "ये सब उनकी मर्जी से हो रहा है," उसने खुद को तसल्ली दी। राहुल ने उसका हाथ पकड़ा और कहा, "पूजा, ये गंगा स्नान और ये मस्ती... याद रहेगी।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, जी। लेकिन अब मंदिर चलते हैं।"
02-09-2025, 08:56 AM
बहुत अच्छा लिखा. अगला update जल्दी देना.
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