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28-06-2025, 07:41 AM
(This post was last modified: 28-06-2025, 07:44 AM by Basic. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
शादी का माहौल था। सब लोग खुश थे। सुप्रिया और अनुप्रिया ने दुल्हन का कमरा सजाया और दुल्हन को सुहागरात के लिए सजाया। रात हो चुकी थी। अंतू और कीर्ति को जरा सा भी वक्त नहीं अलग और दोनों शुरू हो गए एक दूसरे को प्यार करने। लेकिन आज हरिया और सुकीर्ति के बीच एक अजीब सी उलझन उत्साह और बेचैनी छाई थी।
हरिया आज सुकीर्ति के साथ सुहागरात मनाएगा। सुकीर्ति लाल रंग की साड़ी में फूलों से सजी बिस्तर पर बैठी थी। हरिया अपने कमरे जानेवाला था कि घर के बाहर सुप्रिया ने हरिया को आवाज देकर अपने पास बुलाया। काले रंग Sleveless ब्लाउज और पीली साड़ी में खड़ी सुप्रिया हरिया से कुछ बात करना चाहती थी।
हरिया मुस्कुराते हुए बोल "सुप्रिया क्या हुआ ? मुझे क्यों बुलाया ?"
"तुमसे कुछ जरूरी बात करनी थी।" सुप्रिया हरिया का हाथ पकड़कर अंधेरे में पेड़ के पास ले गई।
हरिया मुस्कुराते हुए पूछा "क्या बात है आज मेरी याद आ रही है तुम्हे ?"
"चुप रहो। आप भी न। मैं आपको इसीलिए बुलाई कि मैं आपको ये बता सकूं कि आपको शादी सुकीर्ति से हुई है और आप आज से हमेशा उसका ख्याल रखना।"
"मैं जरूर रखूंगा। लेकिन एक बात कहूं सुप्रिया ?"
"हां कहो।"
"बेशक सुप्रिया को मैं पसंद करता हूं। उम्रभर उसके साथ रहूंगा लेकिन मेरा पहला प्यार तुम थी और रहेगी।" हरिया को आंखे नम हो गई।"
सुप्रिया भी भावुक हो गई और बोली "आप भी न। क्या इतना प्यार करते है आप मुझसे ?"
हरिया सुप्रिया को बाहों में भर लिया और हल्के से उसके होंठ चूमकर बोला "हमेशा करूंगा। तुम जानती नहीं अंतू भी तुमसे मोहब्बत करता है। लेकिन सुप्रिया बस कुछ देर के लिए मेरी बाहों में आ जाओ।" हरिया सुप्रिया का हाथ पकड़कर पास के अंधेरे को झोपडी में ले गया।
हरिया ने साड़ी का पल्लू खींच लिया और सुप्रिया को खटिया पर लिटाकर उसके पेट को चाटने लगा फिर स्तन दबाकर होठ को चूमता रहा। सुप्रिया ने हरिया का साथ दिया। कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को चूमते रहे। फिर सुप्रिया हरिया से अलग हुई और बोली "अब तुम्हारे मोहब्बत का हम सुकीर्ति को पिलाओ और पूरी रात उसे बाहों में भरकर प्यार करो।"
हरिया रोते हुए बोला "भगवान करे जग्गा की उम्र लंबी हो। लेकिन जब वो चल जाएगा तो तुम्हे मेरे पास एक रात के लिए आना होगा।"
"मैं आऊंगी और तब तुम्हे न रोकूंगी और न खुद से दूर करूंगी।" सुप्रिया मुस्कुराते हुए दौड़कर चली गई।"
"I love you supriya" हरिया ने कहा।
हरिया जल्दी अपने कमरे में आया। सामने घूंघट में ढकी सुकीर्ति को देखा।सुकीर्ति के दिल की धड़कने बढ़ने लगी। वो शर्म से लाल थी। हरिया सुकीर्ति के पास आया और बोला "आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। सच कहूं तो तुम अप्सरा लग रही हो।"
सुकीर्ति ने कुछ न कहा। हरिया सुप्रिया के घुंघट को उठाया और देखता रह गया। हरिया बोलिया "इतना भी शरमाओ मत। अब तुम मेरी पत्नी हो। अब से हमारे बीच कोई पर्दा नहीं।" हरिया ने हल्के से सुप्रिया के गाल को चूमा और बोला "कितनी भीनी खुशबू आ रही है। देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूं ?" हरिया ने जेब से सोने का कमरबंद निकाला।
"आओ इसे तुम्हारे कमर पर लगाकर इसकी शोभा बढ़ाता हूं।"
हरिया बोला "आओ मेरी पत्नी आज तुम्हे देखकर आंखों में बसाने दो।"
हरिया ने सुकीर्ति के सदी के पल्लू को उतर दिया। ब्लाउज पेटीकोट में सुकीर्ति का चांदी सा बदन निखरके बाहर आने लगा। सुकीर्ति के दोनों कंधे को मजबूती से पकड़कर बिस्तर पर लिटाया और कमरबंद को सामने लाया। कमर पर सोने का कमरबंद लगाकर बड़े प्यार से सुकीर्ति के गोरे और चिकने पेट को देखने लगा। सुप्रिया शर्म से लाल हो रही थी। हरिया ने हल्के से उस गोरे गोरे पेट को चूमा। सुकीर्ति को आह निकल गई। हरिया ने अपने बदन से सारे कपड़े उतर दिया। उसके काले शरीर और झुर्रियां के सामन गोरा शरीर और सख्त चंडीवाला जिस्म। हरिया पेट पर टूट पड़ा। बेतहाशा चूमता और फिर हल्के से ब्लाउज उतरने लगा। सुकीर्ति के बदन से धीरे धीरे सारे कपड़े उतर गए। हरिया सुकीर्ति के स्तन को चूमने लगा। हल्के से स्तन को जुबान से चटाता। बहुत प्यार से उसके हर हिस्से को स्पर्श करता।
"सुकीर्ति कितनी सुंदर हो तुम। आज तुम्हारे जिस्म को इतना प्यार करूंगा कि अपने सालों के अकेलेपन को दूर कर दूंगा।" हरिया सुकीर्ति के हाथ को कसके अपने हाथ से लगा लिया और चूसने लगा। सुकीर्ति बजाने गरम होने लगी।
"जब मैने तुम्हे देखा था न पहली बार तभी से तुम्हे अपना बनाना चाहता था। मैने और बड़े भाई ने सबसे पहले तुम्हारी बहन कीर्ति को करीब लाने का सोचा। कीर्ति के साथ अकेले संभोग कर सके इसीलिए तुम्हे लेकर बाहर काम से गया। हम दोनों भाई ने मिलकर तुम दो बहनों से शादी करने की योजना बनाई ताकि हम सारी जिंदगी तुम दोनों बहनों के जिस्म और प्यार को भोग सके।"
हरिया ने हल्के से सुकीर्ति की योनि में लिंग डालना शुरू किया। कीर्ति जैसे दर्द से चिल्ला पड़ी।
"हटाए इसे मै मर जाऊंगी। कितना दर्द हो रहा है।"
"आह आह नहीं अभी नहीं। आज मुझे रुकना नहीं। आज तो तुम्हारी जवानी लूटूँगा। तुम आज की रात के बाद मेरी हो जाओगी।"
"दर्द बर्दाश नहीं हो रहा।" इतना कहकर सुकीर्ति बेहोश हो गई। लेकिन हरिया ने इसी का फायदा उठाकर जोर से धक्का दिया और लगातार धक्का मारने लगा। हरिया तो जैसे आनंद में मग्न था। थोड़ी देर सुकीर्ति की आँखें खुली तो देखा कि हरिया अभी भी धक्का मार रहा था। हरिया कसके सुकीर्ति के बदन को अपने बदन से चिपकाकर होठ चूमते हुए धक्का देर रहा था। अब सुकीर्ति को अच्छा लगने लगा। अपने दोनों पैरों को हरिया के कमर पर फसाकर बहुत आनंद ले रही थी। हरिया समझ गया कि सुकीर्ति अब उसका साथ दे रही है।
हरिया सुकीर्ति को जितने जोर से धक्का मार रहा था उतना ही सुकीर्ति को मजा आ रहा था। आखिर सुकीर्ति बोल पड़ी "आह और जोर से।"
हरिया मुस्कुराते हुए बोल "अब आई न सही जगह पर। आखिर तुमको मेरा प्यार पसंद आया ही।"
हरिया आखिर में सुकीर्ति के बच्चेदानी तक खाद गया। सुकीर्ति बहुत ज्यादा थक गई। आखिर ये उसके जिंदगी का पहला संभोग था। पूरी रात हरिया सुकीर्ति के साथ संभोग किया। और अब इतना तय हो गया कि सुकीर्ति को हरिया भा गया।
हरिया और अंतू को वो मिल गया जिसका उनको बरसो से इंतजार था। ऐसे ही दो हफ्ते बीत गए। सब कुछ अच्छा चल रहा था सुप्रिया अपने बच्चे के साथ खुश थी। दोनों बच्चों को जग्गा बहुत प्यार देता। ऐसे ही एक साल गुजर गए। इन एक साल में सुकीर्ति और कीर्ति ने एक एक बच्चे को जन्म दिया। अनुप्रिया ने माली के दूसरे बच्चे को जन्म दिया।
साल 1995
जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी सबकी। लेकिन एक रात ऐसा हुआ जिसने सब कुछ बदल दिया। दरअसल हर बार की तरह सुप्रिया और जग्गा भरी संभोग करके अपने बिस्तर पर। सो गए। लेकिन उस रात जग्गा के हृदय में भारी सा लगने लगा। एक जोर के झटके से जग्गा के हृदय ने काम करना बंद कर दिया और जग्गा के प्राण पखेरू उड़ गए। सुप्रिया तीसरी बार विधवा हो गई। जनवरी के महीने में जग्गा की मृत्यु हुई। सुप्रिया बहुत दुखी थी लेकिन यह दुख ने 2 महीने तक सुप्रिया का साथ न छोड़ा। लेकिन एक रात हरिया और अंतू ने तय किया कि वो सुप्रिया को पहले जैसा करेंगे। कीर्ति और सुकीर्ति जानती थी कि सुप्रिया दोनों बूढों का पहला प्यार है। एक रात ऐसा हुआ कि दोनों बूढ़े सुप्रिया को अपने साथ लेकर दूर चले गए और दोनों ने जमकर सुप्रिया के साथ संभोग किया। सिर्फ इतना ही नहीं तीनों 5 दिन तक घर से दूर गाय के तबेले के पास बने घर में रहे। सुप्रिया को दिन रात प्यार करते और तब तक करते रहे जब तक सुप्रिया दर्द से बाहर न निकली। दोनों ने खूब समझाया और सुप्रिया मान गई। सुप्रिया ने जिंदगी को खुलकर जीना तय कर लिया। तीनों के करीब 1 महीने तक तीनों में प्रेम संबंध बना। सुप्रिया अब सिर्फ शारीरिक और दिल का रिश्ता ही बनाएगी। शारीरिक का सिर्फ नहीं। सुप्रिया अब 30 साल की हो गई।
सुप्रिया को यह न पता था कि एक ऐसा चरण सामने आनेवाला हैं जो सुप्रिया की जिंदगी बदल देगा। एक नहीं दो लोग अब उसकी ज़िंदगी में आयेंगे।
(1) लल्लन:- उमर 68 साल। सुप्रिया का रिक्शावाला। आपको पहले भी इस किरदार के बारे में थोड़ा सा बताया था। लल्लन पहले से ही सुप्रिया का सम्मान करता है इसीलिए वो सुप्रिया के साथ प्रेम संबंध नहीं बनानेवाला।
(2) लल्लन का पिता कल्लू : उमर 90 साल। लल्लन का पिता। एक अपाहिज बूढ़ा जो ठीक से नहीं चल सकता।
(3) लल्लन का चाचा हल्दी :- उमर 88 साल। काल और कुबड़ा।
अब देखते है कि हल्दी और कल्लू सुप्रिया के साथ जिंदगी नई बसाएगा या नहीं। सरजू, गंगू, जग्गा, अंतू और हरिया जैसे 5 बुड्ढे से साथ सुप्रिया ने जिंदगी के खुशी के रंग देखे। अब क्या ये दो बूढ़े उसका साथ देंगे ?
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सुप्रिया की जिंदगी सच में कितनी अजीब है। कहां एक रहीस अमीर बिगड़े इंसान से शादी की, जेल में रही फिर सरजू के गांव आई उससे प्यार किया फिर गंगू से शादी की जो उसकी दूसरी थी। जग्गा से तीसरी शादी को और फिर अंतू और हरिया के साथ जिस्मानी संबंध। जग्गा की मौत के बाद सुप्रिया घर में वैसे ही रहती जैसे पहले रहती। दुख था लेकिन अंतू हरिया ने उसे इतना प्यास दिया कि वो पहले जैसे ही है। 30 साल की उम्र में वो पहले से ज्यादा खूबसूरत और कामुख लगती थी। बच्चों का खूब ख्याला रखती। खंडार गांव में 12 लोग रहते थे। जिसमें 6 बच्चे थे। 6 बच्चे को कीर्ति सुकीर्ति के लिए संभालना थोड़ा मुश्किल था इसीलिए एक कामवाली को घर में रहने के लिए बुलाया। उसका नाम पद्म था। पद्मा की उम्र 50 साल की थी।
पद्मा स्वभाव की बहुत अच्छी और बच्चों से तो जैसे वो जान से भी ज्यादा प्यार करती। बच्चे पूरे दिन उनके साथ रहते। अब कीर्ति सुकीर्ति भी थोड़ा वक्त आराम से रहते। रोज को तरह सुप्रिया और अनुप्रिया कॉलेज गए। उन्हें लेने चोदने का काम लल्लन करता। लल्लन स्वभाव का अच्छा और शरीफ थम लल्लन अपने पिता कल्लू और चाचा हल्दी के साथ रहता।
रोज की तरह वो दोनों बहनों को लेने आया। लेकिन आज उसका मूड कुछ ठीक नहीं था। वो थोड़ा मायूस था। लल्लन और सुप्रिया 2 साल से एक दूसरे को जानते थे। दोनों के बीच परिवार वाला रिश्ता था। सुप्रिया अपने ऑफिस गई और अनुप्रिया पढ़ने गई। सुप्रिया लल्लन को चिंतित में देखी तो उसे अपने ऑफिस बुलाया।
"नमस्ते सुप्रियाजी।" लल्लन ने हाथ जोड़कर कहा।
"बैठो लल्लन।"
लल्लन सामने वाली कुर्सी पर बैठा।
"बोलो लल्लन क्या हुआ ? तुम इतने परेशान क्यों हो ?"
"सुप्रियाजी वो क्या है न मेरी एक जगह नौकरी लगी है। एक सरकारी गेस्ट हाउस में चौकीदारी की नौकरी लगी और तनख्वाह बहुत अच्छी है। वहां ही रहने का बंदोबस्त भी हो गया। अब से रोज सुबह आपको छोड़कर फिर दोपहर घर छोड़कर वहां चला जाऊंगा नौकरी करने। घर पर अपने नहीं रह सकूंगा।"
"तुम इसीलिए चिंतित हो कि तुम्हारे चाचा और पिता का ख्याल कौन रखेगा ?"
"हां। पिताजी बिस्तर पर पड़े और चाचा मेरे कुबड़े। भला दोनों कैसे रहेंगे। कौन खाना बनाएगा और ख्याल रखेगा उनका ?
"यह तो थोड़ा चिंता का विषय है।"
तभी लल्लन थोड़ा हिम्मत दिखाते हुए बोला "आप क्या उन्हें देख सकती है ?"
"यह कैसे हो सकता है ?" सुप्रिया ने हैरानी से पूछा।
"देखिए आपके बच्चों का ख्याल वैसे भी सब रख रहे है। और दूसरी वजह है कॉलेज से 400 मीटर दूर मेरा घर है। आप कुछ दिन वहां रहकर उनका ख्याल रखिए न। वैसे भी आप उनको जानती है और वो आपको। अगर आप उनके साथ रहकर उनका ख्याल रखेंगी तो बड़ी मेहरबानी होगी।"
लल्लन बार बार मानने लगा और आखिर में सुप्रिया को मानना पड़ा। वो वहां कल्लू और हल्दी के साथ रहेगी और उनका ख्याल रखेंगी। सुप्रिया ने पूरे घर को ये बात बताई। सभी मान गए। फिर क्या सुप्रिया समान बांधकर चली गई लल्लन से घर रहने। वैसे आपको बता दूं कि लल्लन का घर घने जंगल में है। वहां एक मिट्टी का घर है और कमरे दो। वहां चूल्हा और कीच है। छोटा सा आंगन और नहाने की सुविधा अच्छी न थी। वहां आंगन में ही नहाने की जगह थी। खुले में नहाना। सुप्रिया को बहुत अजीब लग रहा था।
कल्लू दिखने में पतला और बहुत काला। कमजोरी शरीर में रहती और रही बात हल्दी की तो वो कुबड़ा। थोड़ा पेट निकला हुआ और ऊंचाई के वो सुप्रिया के कंधे से थोड़ा नीचे आता। चेहरा थोड़ा सा घाव के निशान से बना।
सुप्रिया का हल्दी ने स्वागत किया।
"आप सुप्रिया आओ। इस घर में तुम्हारा स्वागत है।"
हल्दी कल्लू के कमरे अप्रिय को ले गया। कल्लू सुप्रिया को देखकर कुछ न बोला क्योंकि कमजोरी और बीमारी मुख्य कारण था। हल्दी ने सुप्रिया को घर दिखाया। घर बहुत ज्यादा पुराना था और उसकी दुर्गंध भी पुराने जैसा था। घर के बाहर एक कुआं था जो कई सालों से इस्तमाल में नहीं आया। अब से सुप्रिया को रोज कुआं से पानी निकालकर घर में भरना होगा। सुप्रिया का काम होगा खाना बनाना और फिर रात को कल्लू और हल्दी के पैर दबाकर सुलाना।
सुप्रिया की एक आदत थी और वो था sleveless साड़ी पहनना। गर्मी के कारण वो रोज sleveless साड़ी पहनती है। उसका मुलायम और गोरा कंधा निखरकर दिखता। दोनों बूढों को आदत नहीं थी औरत के साथ रहने की ऊपर से सुप्रिया जवान और बेहद खूबसूरत। सुप्रिया ने बड़े श्रद्धा से उनकी सेवा करनी शुरू कर दी। रोज सुबह उठना कुआं से पानी भरना और नहा धोकर दोनों के लिए नाश्ता बनाना और कॉलेज चले जाना। दोपहर एक बजे घर आती सब्जी बनती और हल्दी रोटी बनाता। हल्दी पहले से सब्जी काटकर रखता। चावल डाल सुप्रिया देख लेती। हल्दी और सुप्रिया साथ में खाना बनाते। सुप्रिया एक चूल्हे पर सब्जी पकाती तो दूसरे चूल्हे पर रोटी सकती। हल्दी बेलता और सुप्रिया सकती। डाल चावला सब्जी के बाद बन जाता। 1 घंटे में खाना बनता और तीन बजे तक सब खा लेते। सुप्रिया का साथ हल्दी बर्तन धोने में भी देता। सुप्रिया और हल्दी ज्यादातर साथ रहते। सुप्रिया दोपहर 2 घंटे सो जाती। शाम के वक्त सुप्रिया बाहर खुले जंगल में खटिया रखती और कल्लू के साथ रहती। कल्लू को चलने में समस्या थी तो वो एक खटिया पर लेटता। दूसरे खटिया पर हल्दी लेटता। सुप्रिया सब्जी काटती और दोनों के साथ बातें करती। रात के वक्त कल्लू के कमरे जाती और उसके पैर दबाती। कल्लू जब तक सो न जाता तब तक वहां रहती। दोनों रात में अकेले बातें करते। कल्लू सोता तो सुप्रिया हल्दी के कमरे जातीआर पैर दबाती। दोनों बूढ़े से जाते तब सुप्रिया आंगन में खटिया लगाकर सो जाती। कल्लू के कमरे का दरवाजा खुला रहता। आंगन से उसका कमरा साफ साफ दिखता। रात के बीच बिस्तर से लगे खिड़की से कल्लू सुप्रिया को देखता और यह निश्चित करता कि सुप्रिया सो गई या नहीं।
सुप्रिया हर बुधवार और गुरुवार को घर जाती अपने और बच्चों और परिवार के साथ रहती। सुप्रिया को हर शनिवार और रविवार को छुट्टी मिलती। शनिवार को वो कल्लू और हल्दी के कपड़े धोती और घर की सफाई करती। उसके आने से दोनों बूढ़े की तबियत में सुधार आया। सुप्रिया को हल्दी के कुबड़ा और घनी बदसूरत शरीर से कोई फर्क नहीं पड़ता था। उसको हल्दी के साथ बात करना अच्छा लगता। सुप्रिया की वजह से सालों से कम बात करनेवाले कल्लू अब बहुत बातें करने लगे। कल्लू को सख्त आदेश था कि वो सुप्रिया से पैर दबवाएं और वो भी अपने कमरे में। सुप्रिया के साथ रात को अकेले में खूब बातें करता।
एक दिन की बात है जब शुक्रवार की रात थी और अगले दो दिन छुट्टी थी कॉलेज में। सुप्रिया रात को कल्लू का पैर दबा रही थी। कल्लू से बात कर रही थी। बात करते करते सुप्रिया को आँखें बंद होने लगी। कल्लू ने ध्यान से देखा तो सुप्रिया नींद में झील रही थी और अगले ही पल वो गिर गई नींद में। कल्लू उठकर सुप्रिया को उठाने के लिए उसके कंधे पर हाथ रखा लेकिन सुप्रिया को छूते ही उसे पता चला कि सुप्रिया का शरीरी बहुत गरम है। कल्लू ने सुप्रिया पे पेट और गले पर हाथ घुमाया तो शरीर तप रहा था। कल्लू बोला बैठा "अरे ये तो बीमार है। इसे तो बुखार है। एक काम करता हूं इसे यहां ही सुला देता हूं।"
गहरी नींद में पड़ी सुप्रिया को ठीक से अपने बिस्तर लेटाया कल्लू ने और उसके शरीर पर चादर रखकर उसके बगल बिस्तर पर लेट गया कल्लू। फिर कल्लू वापिस उठा और कमरे को अंदर से बंद कर दिया। दोनों एक हो बिस्तर पर सो गए। कल्लू बार बार सुप्रिया को छूकर देखता की बुखार बढ़ा तो नहीं। लेकिन कल्लू से रहा नहीं गया और वो उठकर बगल के कमरे में पड़े हल्दी को उठाया और सुप्रिया के तबियत के बारे में बताया। हल्दी तुरंत सुप्रिया के पास आया और उसे सोता हुआ देख। हल्दी सुप्रिया के पैर दबाने लगा। कल्लू सुप्रिया के तपते सिर पर हल्के से मसाज किया और कंधे का मसाज किया। हल्दी सुप्रिया के बगल एक खटिया डाला और सो गया। सुप्रिया दोनों के बीच सोई हुई थी।
अगले दिन सुप्रिया की नींद उड़ी तो दोनों बूढ़े के बीच खुद को पाया। सुप्रिया ने तुरंत उठाने की कोशिश को लेकिन शरीर ने साथ न दिया। उसे कमजोरी महसूस होने लगी। तभी दोनों बुड्ढे उठ गए।
कल्लू ने सुप्रिया को कल रात के बारे में बताया। हल्दी बोला "बहुत हमारी सेवा की अब हमारी बारी।"
सुप्रिया बोली "लेकिन मैं कैसे आपसे काम करवाऊं ?"
कल्लू ने सख्त आवाज में बोला "जो बोला है वो करो। चलो आज पूरे दिन आराम करो। हल्दी तुम आज नाश्ता बनाओ।"
दोनों के फिक्र को देख सुप्रिया मन ही मन खुद से बोली "दोनों कितने अच्छे है। मेरे लिए कितनी तकलीफ उठाई रातभर। सच में मैं कितनी खुश नसीब हूं जो इनके साथ रहती हूं। काश मैं कुछ महीनों तकनीकें साथ हो रहूं।"
सुप्रिया को नहलाने के लिए हल्दी ने पानी लाया और फिर सुप्रिया को नहाने के लिए भेजा। सुप्रिया नहाकर आई और कल्लू के कमरे में आकर बिस्तर पर लेट गई। कल्लू गरम पानी से सुप्रिया का ताप उतर रहा था। हल्दी पैर दबा रहा था। ऐसे ही दोनों सुप्रिया को सेवा करने लगे। लेकिन सुप्रिया को ये नहीं पता था कि दोनों बूढ़े उसे प्यार करने लगे है। दोनों सुप्रिया को अपना बना चाहते थे। खास करके कल्लू। सुप्रिया जब रोज नहाती थी तब कल्लू उसके जवान और नग्न शरीर को देखता। दरअसल आंगन से सता कल्लू का कमरा था और कमरे का दरवाजे पर हल्का सा छेद था। कल्लू उसी छेद से सुप्रिया को नहाने देखता। कल्लू कभी कभी सुप्रिया को खिड़की से भी नहाते हुए देखता। हल्दी आकर रात के समय सुप्रिया को देखने आंगन में आता। सुप्रिया तो आंगन में सोती थी।
अब दोनों बूढ़े भाइयों में प्रेम को अग्नि भड़कने लगी। दोनों ने एक दूसरे से सुप्रिया के प्रति काम अग्नि के भड़कने के बारे में बात की। हल्दी ने कल्लू से कहा कि वो कैसे भी करके सुप्रिया को हमारे साथ प्रेमभरे रात बिताने को कहे। कुछ दिन बीते और एक रात रोज को तरह सुप्रिया कल्लू का पैर दबा रही थी। कल्लू सुप्रिया को लगातार देख रहा था।
"क्या हुआ कल्लूजी आज आप इतना क्यों मुझे घूर रहे है ?" सुप्रिया ने पूछा।
पीछे से हल्दी आकर बोला "सुप्रिया हमे तुमसे कुछ बात करनी है।"
सुप्रिया बोली "बताइए क्या बात करनी है ?"
हल्दी पूछा "तुम्हे यहां कैसा लगता है ?"
सुप्रिया मुस्कुराकर बोली "ये भी कोई पूछनेवाली है ? आप दोनों के साथ यहां रहने में मुझे कितना अच्छा लग रहा है। आप दोनों के साथ मेरा दिन कितना अच्छा बीतता है। मेरा बस चले को कुछ महीनों तक यहां से जाऊं ही नहीं।"
"हम दोनों तुम्हे कैसे लगते है ?"
"आप दोनों तो बहुत अच्छे है। आपके साथ तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। पता है जब छुट्टी होती है तो आप लोगों के साथ हर लम्हा बिताना अच्छा लगता है। लेकिन ये सवाल आप क्यों पूछ रहे है ?"
हल्दी चुप रह गया। कल्लू थोड़े सख्त आवाज में बोला "मैं मुद्दे की बात करूंगा सुप्रिया। हम दोनों तुम खूबसूरत और अच्छी लगती हो। हमें तुम्हारे साथ प्यार का रिश्ता बना है।"
सुप्रिया हैरान होकर पूछी "ये क्या कह रहे है आप ?"
कल्लू बोला "देखो सुप्रिया हम दोनों भाई अकेले और तुम भी। क्यों न हम तीनों प्रेम और काम की अग्नि में खो जाए। तुम हम दोनों को शारीरिक सुख दे सकती हो और हम तुम्हे पूरी जी जान से शारीरिक सुख देंगे। तुम्हारे साथ हमें इसी बिस्तर पर सहवास करना है। और तुम्हे पूरी तरह से अपना बना चाहते है। तुम्हारे जिस्म की मिठास हमे चाहिए। तू।हे चूमना चाहते है तुम्हारे अंदर खुद को सामना चाहते है। तुम्हारे प्यार का रस हमें चाहिए। तुम्हारे सौंदर्य भरे शरीर को भोगकर हम दोनों तुम्हारे साथ सोना चाहते है। बस एक बार अपना यौवन और जवान भरा हम हम दोनों के हवाले कर दो। हम तुम्हारे जिस्म को प्यार करना चाहते है।"
"मुझे मुश्किल लग रहा है।"
हल्दी सुप्रिया के हाथ में एक बक्सा रखता है और कहता है "तुम्हे सोचने का कल तक वक्त देते है। अगर तुम्हारी जान है तो कल रात पास के पड़े झोपडी में आ जाना। हम तुम्हारे इंतजार करेंगे। तुम्हारी हां ही होनी चाहिए।"
तभी कल्लू बोला "कल इस कपड़े को पहन हमारे हाथों अपने आप को सौंप दो। तुम्हारी हां हम तीनों को खुशी से भर देगा।"
सुप्रिया जल्दी से उठकर बाहर चली गई। उस बक्से को खोला तो देख उसमें लाल रंग को sleveless ब्लाउज और सिर्फ लाल रंग का पेटीकोट है और उसमें एक चिट्ठी थी जिसमें लिखा था "कल हमारे पास आना ही होगा तुम्हे।"
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सुप्रिया की जिंदगी जैसे बूढों से प्यार करना ही हो गया। पंच बूढों के बाद 2 और बूढ़े अब उसे अपने साथ रखना चाहते है। सुप्रिया को मिलते भी ऐसे ही थे जो उसके दिल में जगह बना लेते है। सुप्रिया ने इसे ऊपरवाले का इशारा कहा। वो समझ गई को विधि ने उसे इसीलिए बनाया। अकेले और बेसहारे लोगों का प्यार बनाने के लिए। सुप्रिया ने सोचा वैसे भी दोनों बूढ़े कुछ दिन हो दुनिया में रहेंगे क्यों न उनके साथ कुछ वक्त बिता ले। सुप्रिया ने तय किया कि वो कल्लू और हल्दी के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी। एजल दिन सुबह उठी सुप्रिया और सबसे पहले खुद को शारीरिक रूप से उन दोनों के लिए तैयार किया। कल्लू और हल्दी जंगल के पासवाले झोपडी में चले गए। वहां एक बड़ा सा बिस्तर तैयार किया। दोनों को यकीन था कि सुप्रिया आयेगी।
हल्दी ने कल्लू से पूछा "भैया क्या सुप्रिया हमारे पास आएगी ?"
"हां आयेगी। वो हमारे पास आएगी।"
"बड़े भाई अगर आप बुरा न मानो तो एक बात पूछूं ?"
"पूछो।"
"अगर आज की रात वो हमारे पास आई तो उसके साथ हम हमेशा के लिए हो जायेंगे ?"
कल्लू मुस्कुराकर बोला "आज हम ऐसा प्यार करेंगे कि वो हमारे साथ हर रातें ऐसे बताएगी।"
"आपसे कुछ मांगू ?"
"मांगो।"
"क्या आप मुझे सुप्रिया को गर्भवती करने का अवसर देंगे ? मुझे उसके अंदर अपना बच्चा डालना है। मै कुबड़ा हूं और आज तक प्यार क्या होता है मुझे पता नहीं। मैं उस खूबसूरत औरत से प्यार करके उसकी कोख में अपना बच्चा डालना चाहता हूं।"
"भाई तू ही सुप्रिया को अपने बच्चे की मां बना। तू कर उसे गर्भवती।"
दिन का सूरज ढल गया और रात को चांदनी सिर पर आ पहुंची। रात को जुगनू की आवाजें और सन्नाटा पूरे जंगल का खूबसूरती बढ़ा रहा था आस पास जगहों की। सुप्रिया ने लाल रंग का sleveless ब्लाउज और लाल रंग का पेटीकोट पहना। बाल को एक पोनी में बांधकर आंखों को काजल से सजाया और चेहरे पर गुलाबी रंग की सजावट, बदन से गुलाब की महक, हाथों में लाल रंग को चूड़ी, पैरों में पायल। सुप्रिया को अगर कोई देख ले तो पागल हो जाए। घर से झोपडी 100 मीटर दूर था। सुप्रिया अपने नए सफर के लिए निकालनेवाली थी। रात के अंधेरे में वो खुद को मानसिक तरह से तैयार कर रहित ही। रात के अंधेरे में सुप्रिया कुछ देर तक घर में अकेले बैठी थी। सुप्रिया को लगा कि इलाका बहुत सुनसान है लेकिन उसे ये नहीं पता था कि कोई बुढ़ा आदमी उसे छुपकर देख रहा था।
चेहरा आधा जल हुआ और काले रंग का वस्त्र। उमर 80 साल और उसके साथ तीन और बूढ़े थे। जो उसी के उमर के थे। उन चार बूढों का नाम राका, वाका, इक्का और टिक्का था। वो पेशेवर तांत्रिक थे और सुप्रिया पर सालों से नजर रखे हुए थे। उन चारों का सरदार था राका।
"देख रहे हो कैसे जा रही है एक खूबसूरत औरत अपने दो नए प्रेमी से मिलने। लेकिन हमें उसे रोकना चाहिए। वरना अनर्थ हो जाएगा।" वाका ने कहा।
"नहीं ये सही वक्त नहीं। सुप्रिया को हम चारों के पास आना हो होगा लेकिन सही वक्त पर।" राका ने कड़क स्वर में कहा।
"लेकिन अगर सुप्रिया ने दोनों के साथ संभोग किया तो अनर्थ हो जाएगा। दोनों पर शैतान का वास है। अगर आज रात दोनों ने संभोग किया तो वो दरिंदे और ताकतवर हो जायेंगे। फिर वो सुप्रिया के परिवार की सारी औरतों को अपने साथ उठाकर ले जायेंगे। और फिर हम कभी अनुप्रिया कीर्ति सुकीर्ति को देख नहीं पाएंगे।"
(कहानी का नया मोड)
कल्लू और हल्दी ये दोनों अच्छे इंसान नहीं थे। वह काल जादू करते थे। इस काले जादू से उन्होंने कई लोगों को जिंदगी बर्बाद की। दोनों काले जादू से आता बुलाते और गांव का उद्धार करते थे लेकिन धीरे धीरे अपने तांत्रिक विद्या का घमंड आने लगा और फिर उनमें धन कमाने की लालच जागी। फिर दोनों ने आत्म बुलाकर लूट पाट शुरू की। कई लोगों के सालों की कमाई उनके हाथ चली गई। कल्लू ने करीब 4 स्त्री का बलात्कार भी किया। लेकिन एक दिन कल्लू की पत्नी बीमार पड़ी और फिर उसकी मृत्यु हुई। कल्लू उसे बचा न सका। कल्लू को अपनी गलती का एहसास हुआ। लोगों की बददुआ के कारण उसकी पत्नी की मृत्यु हुई। दोनों ने अपने द्वारा लाए गए शैतान को खत्म करना का निर्णय किया ताकि और किसी को जिंदगी बर्बाद न हो लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
शैतान उन दोनों पर हावी हो गया और उनके शरीर में वास करने लगा। लल्लन को ये सब पता था। लल्लन जो सरकारी लॉज में नौकरी का हवाला देकर सुप्रिया को यहां लाया था वो सब झूठ था। लल्लन अपनी जान बचाने के लिए ये सब झूठ बोला। लल्लन कांटा था कि अगर सुप्रिया के साथ दोनों बूढों ने संभोग किया तो शैतान ताकतवर हो जाएगा और फिर वो एक छात्रा राज करेगा। कल्लू और हल्दी शैतान के अधीन हो चुके है। वो अब खुद शैतान हो गए है। अब वो भी शैतान को अपना सब कुछ मानते है। लल्लन अपनी जान बच्चे के लिए सुप्रिया को यहां लाया और खुद हमेशा के लिए कही दूर भाग गया। लल्लन का अब कोई आता पता नहीं कि वो कहां गया। नेपाल में वो घुसा और उसके बाद कोई आता पता नहीं। शायद से वो नेपाल में बस गया।
अब आते है वास्तविकता में।
वाका चिंतित मुद्रा में बोला "फिर हम क्या करें ?"
"अगर हम सुप्रिया से मिले तो वो शैतान जान जाएगा और फिर सब खत्म।फिर हमारी आनेवाली तैयारी सब कुछ नष्ट हो जाएगा।"
"तो फिर हम बचाएंगे कैसे ?"
"सुप्रिया को हम यहां से दूर ले जाना होगा। लेकिन हमें सुप्रिया को बलि का बकरा बना होगा। शैतान को पकड़ने के लिए पहले उसे ताकतवर बनाने देना होगा। ताकत में आकर इंसान और शैतान दोनों कुछ न कुछ गलती करते है उस गलती का फायदा उठाकर हम सुप्रिया को अपने साथ ले जायेंगे और यज्ञ करेंगे।" राका ने कहा।
"लेकिन। यज्ञ की शर्त पता है आपको ? उस यहां के अनुसार सुप्रिया को हम चार बूढों के साथ शारीरिक संबंध बनाना पड़ेगा। हमारे वीर्य को अपने अंदर लेना होगा तभी वो ताकतवर बनेगी और शैतान को मारेगी। शैतान की मौत स्त्री के हाथों ही है।"
इन सबके बीच टिक्का बोला "देखिए यही वक्त है दो शैतान बूढों को खत्म करना का। हम रुक नहीं सकते।"
चारों बूढों में बहस हुई। लेकिन आखिर में सभी लोगों ने तय कर लिया कि सुप्रिया से पहले उस झोपडी में वो पहुंचेंगे। चारों आगे बढ़े ही थे कि अचानक से एक धुआं आया और चारों लोग बेहोश हो गए। कुछ देर बाद चारों की आँखें खुली तो खुद को एक काल कोठारी में पाया। सभी लोग चिंता में पड़ गए।
राका पूछा "हम यहां आए कैसे ?"
तभी एक शैतानी सी हंसी पूरे कोठारी के गूंजी।
टिक्का बोला "हम यहां गांव के पुराने किल्ले में फंस गए जहां वो दो बूढों का अड्डा है।"
"सही कहा तुमने ।" एक शैतानी आवाज आई।"
चारों ने देखा कि कल्लू और हल्दी थे।
कल्लू बोला "ये किल्ला हमारा अड्डा है। 50 सालों से हमने इस किल्ले पर अपनी काली विद्या से साम्राज्य बनाया था लेकिन 20 साल पहले सब कुछ खत्म हो गया। अब हम जल्दी इस किल्ले में वापिस आकर रहेंगे और अकेले नहीं और भी होंगे हमारे साथ।"
"कौन ?" राका ने गुस्से से पूछा।
"सुप्रिया, अनुप्रिया कीर्ति और सुकीर्ति।
"क्या ?" राका हैरान होकर पूछा।
"आज सुप्रिया को बिस्तर पर लाकर संभोग करेंगे और कल अंतू हरिया और माली को मार देंगे। फिर उन तीन जवान औरतों को अपना लाकर चार जवान महिलाओं के साथ जी भरके शारीरिक संबंध बनाएंगे और हर रोज अपनी हवस बुझाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं। उसके गर्भ से बच्चे पैदा करके अपनी फौज बनाएंगे। और रही बात उनके बच्चों की तो उन्हें दूर भेजकर अपनी हवस उनके माताओं से बुझाएंगे।" कल्लू ने कहा।
हल्दी ने कल कोठरी खो दिया और कहा "यह किल्ले का पिछला हिस्सा है जिसमें 6 कमरे और बड़ा आंगन है। तुम लोग खुलकर रहो लेकिन यहां से बाहर जाने को सोचना नहीं क्योंकि यहां हमने आटा की रेखा बनाई है जो तुम्हे यहां से जाने नहीं देगा। अब जब तक चारों जवान महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनकर यहां नहीं लाए तब तक तुम यहां ही रहोगे।"
अगले पल दोनों बूढ़े गायब।
दोनों बूढ़े वापिस अपने झोपडी में आ गए।
कल्लू सख्त आवाज में बोला "सुन हल्दी आज सुप्रिया के साथ संभोग करके उन तीन लोगों को मार देना। अंतू, हरिया और माली। उनको मारकर एक चिट्ठी उनके अक्षर में लिखना जिसमें यह लिखना कि वो तीनों हमारे पास आ जाए। वो तीनों हमको सालों से जानते है। उनके अपनी आत्मा की कसम दिलाकर यह भी लिखवाना कि सुप्रिया और कीर्ति मेरे साथ और अनुप्रिया, सुकीर्ति तुम्हारे साथ शादी करे।"
हल्दी खुश होके बोला "वह भैया। दो दो जवान औरतें हमारी होगी। अब तो इतना मजा आएगा। जवान औरतें हमारी बिस्तर गरम करेंगी और इतना उनके साथ संभोग करूंगा कि वो हमारे घर से बाहर नहीं निकलेंगी। उन्हें 10 दिनों तक बाहर नहीं जाने दूंगा।"
"सब्र कर मेरे कुबड़ा भाई। अभी पहले सुप्रिया की जवानी लूट ले। उसको अपने वश में कर ले फिर दो दो शादी करके और जवान औरतों को यहां लाएंगे और उनसे शैतानी बच्चे पैदा कर दुनिया पर अपना राज बनाएंगे।"
वैसे दोस्तो कल्लू और हल्दी जैसे दिखते है वैसे नहीं है। दोनों में धन और स्त्री को वासन थी। सुप्रिया के साथ संबंध बनाने के बाद उनमें ज्यादा शक्ति आ जाएगी जिसकी वजह से वह अपनी हुकूमत बना लेंगे और ढेर सारा धन बना लेंगे।
दोनों बुड्ढे झोपडी के बिस्तर पर लेते थे। इतने में पायल की आवाज आई। आवाज सुनते हो दोनों बुड्ढे खुश हो गए। खुले बाल, लाल रंग का साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज में सुप्रिया बेहद खूबसूरत लग रही थी। सुप्रिया ने दरवाजा खोला और दोनों बुड्ढे के सामने खड़ी थी।
कल्लू कड़क आवाज में बोला "आओ सुप्रिया आओ। हमारे पास आ जाओ।"
हल्दी ने तुरंत अंदर से झोपडी को बंद कर लिया। अब दोनों बूढ़े सुप्रिया पर रौब झाड़ने लगें। सुप्रिया का हाथ पकड़कर हल्दी सुप्रिया को बिस्तर के पास ले गया। कल्लू से राह नहीं गया। तुरंत सुप्रिया का हाथ पकड़के अपनी तरफ खींचा। सुप्रिया के नाजुक कंधे पर अपने हाथ गड़ा दिया। पीछे हल्दी सुप्रिया के चीन पीठ को चूमने लगा। कल्लू सुप्रिया के नर्म होठ को अपने काले होठ से चूमने लगा। सुप्रिया कुछ देर तक उसका साथ दी। फिर कल्लू ने अपनी जुबान सुप्रिया के मुंह में डालकर उसकी जुबान को चूस रहा था। वही हल्दी सुप्रिया के नर्म नरम पीठ पर अपनी जुबान चलाकर चाट रहा था।
सुप्रिया के होंठ से अपने होंठ अलग कर कल्लू भरी आवाज में बोला "सुप्रिया अपने बदन से ये कपड़े उतर दो और पूरी तरह से खुद को हम दोनों ने हवाले कर दो।"
हल्दी ने सुप्रिया के ब्लाउज को तुरंत उतारकर फेक दिया। कल्लू ने सुप्रिया को बिस्तर पर लिटाया और खुद बिस्तर से खड़ा होकर अपने कपड़े उतारने लगा। हल्दी ने सुप्रिया के पेटीकोट के बाद तमाम कपड़े उतारकर फेक दिया। सुप्रिया के बदन पर एक भी कपड़ा न बचा।
कल्लू सुप्रिया के चिकने पेट को चूमने लगा। वहीं हल्दी दोनों हाथों से स्तन को मसल रहा था। सुप्रिया के नाभि पर जुबान घुमाते हुए कल्लू ने कहा " सुप्रिया कितना इंतजार करवाया तुमने।"
सुप्रिया आनंद मग्न में खोई। हल्दी स्तन को मुंह में भरकर चूसने लगा। सुप्रिया हल्दी के कबसे शरीर को देख रही थी। काला पतला और चेहरे पर घाव के निशान। कल्लू ने सुप्रिया की योनि पर अपने मुंह को लगा दिया। योनि को चाटते ही कल्लू में जोश भरा। कल्लू योनि को बड़े मजे से चैट रहा था।"
कुबड़ा बूढ़ा हल्दी बोला "सुप्रिया तुम दूध जैसी गोरी और बदन इतना मखमल है कि खा जाने का मन करता है।"
कल्लू बोला "अब इसी मखमल बदन का हर रोज मजे लेना।"
सुप्रिया को अजीब सी हलचल महसूस हो रही थी। दोनों बूढ़े कुछ ज्यादा ही अजीब बात कर रहे थे। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि आज की रात के बाद वो दोनों बुड्ढों के जाल में फंस गईं।
योनि की आग में सुप्रिया खुद को रोक न सकी और झड़ गई। हल्दी आगे बढ़ा और अपने लिंग को सुप्रिया की योनि के डालने लगा। कल्लू अपने लिंग को सुप्रिया के नितंब में डाला। सुप्रिया के दोनों छेद में लिंग का धक्का शुरू हुआ। धक्का मारते हुए जोश में हल्दी ने सुप्रिया के चेहरे को मुट्ठी से पकड़ा और उसकी आंखों के आँखें डालकर धक्का मार रहा था। सुप्रिया ने हल्दी की आंखों में लाल समंदर देखा। हल्दी सुप्रिया के होंठ को चूमने लगा। सुप्रिया के स्तन को कल्लू पीछे से मसल रहा था। कल्लू ने जोर से सुप्रिया के नितंब पर थप्पड़ मारा। सुप्रिया ने पहली बार ऐसा जंगली संभोग किया होगा। हल्दी ने जोश में आकर सुप्रिया के कंधे पर दांत गड़ा दिया और काटने लगा।
"आह आह आह आराम से हल्दीजी मैं भाग नहीं रही हूं।" सुप्रिया ने कहा।
हल्दी शैतानी तरह से हंसते हुए कहा "भाग कर जाओगी कहा ? अब जहां भी भागेगी हम दोनों भाई उठाकर तुम्हे यहां लाएंगे।"
कल्लू हकले से सुप्रिया के बाल को खींचकर कान में बोला "अब से हमारे सिवा कोई मर्द तुझे छू नहीं सकता।समझी ? तू अब से यहां ही रहेगी। तेरी जवानी का सारा रस मेरा भाई हल्दी पियेगा। तू अब उसकी है और वो जो चाहे वो तेरे साथ करेगा। तेरी शादी अब हल्दी से होगी। और तेरे कोख में उसके बच्चे होंगे। हल्दी ही तेरा पति है।"
सुप्रिया को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर इतना अजीब व्यवहार क्यों कर रहे है दोनों ? सुप्रिया की योनि में हल्दी झड़ गया और उसका वीर्य सुप्रिया के गर्भाशय में चला गया। सुप्रिया भी समझ गई कि वो गर्भवती हो जाएगी। तीनों नग्न शरीरी बिस्तर पर पड़ा हुआ था। देखते देखते आधी रात हुई। हल्दी और कल्लू की आँखें खुली और दोनों दबे पांव झोपडी से बाहर निकले और जंगल की गुफा में घुसे। वहां काल जादू शुरू किया। हवन में दोनों ने माली, हरिया और अंतू पर तांत्रिक विधि शुरू की। तीनों बूढ़े उस वक्त अपनी पत्नियों के साथ संभोग कर रहे थे। अचानक से तीनों बूढ़े दिल के दौरे से मारे गए। उस घर में चीख पुकार और रोने को आवाजें गूंजी। तीनों जवान औरतें रोने लगी। लेकिन सुप्रिया उन सब से बेखबर नग्न अवस्था में झोपडी में थी।
शैतानी हंसी गुफा में गूंजी। कल्लू बोला "अब उन तीन जवान औरतों को यहां लाने की तैयारी करना होगा। लेकिन उसे पहले चलो सुप्रिया के पास।"
दोनों बूढ़े झोपडी में वापिस गए। वहां सुप्रिया का गोरा नग्न बदन बिस्तर पर पड़ा हुआ था। दोनों की आहट से सुप्रिया उठ गई।
"आप दोनों कहां थे ?" सुप्रिया ने पूछा।
"अब एक बात सुन लो सुप्रिया। जो कह रहा हूं उसे सुनो।" कल्लू ने कहा।
"क्या हुआ ?"
"कल रात जो भी कुछ हुआ। उससे इतना तय है कि हल्दी का बच्चा तुम्हारे पेट में होगा। इसीलिए अभी तैयार हो जाओ। अब तुम्हारी शादी हल्दी से होगी। क्योंकि बिन विवाह की महिला गर्भवती हो ये सही नहीं। चलो अब हल्दी से अभी ही तुम्हारी शादी होगी।"
सुप्रिया को कुछ समझ न आया लेकिन वो करे भी तो करे क्या अब उसे दोनों बुड्ढों से घबराहट होने लगी। हल्दी सुप्रिया का हाथ पकड़ा और उसे नदी के पास ले गया और उसके साथ स्नान किया। फिर उसे लाल साड़ी में दुल्हन सा सजाकर मंडप में ले गया। कल्लू ने हल्दी और सुप्रिया को शादी करवाई। सुप्रिया की चौथी शादी हुई। तीनों शादी समारोह से बाहर निकले तो देखा कीर्ति सुकीर्ति और अनुप्रिया रोते हुए बाजार खड़ी थी। सुप्रिया को तीनों ने बताया कि हरिया,अंतू और माली अब इस दुनिया में नहीं रहे। सुप्रिया के पैरों तले जमीन सरक गई।
लेकिन दोनों बूढ़े के चेहरे पर मुस्कान बिखरी। तीनों बुड्ढों का अंतिम संस्कार हुआ। अनुप्रिया को दुख इस बात का है कि वो सुप्रिया को उसकी शादी के लिए बधाई भी न दे सकी। ऐसे ही कुछ दिन बीत गए। कल्लू और हल्दी सभी के साथ घुल मिल गए। 6 बच्चों के साथ दोनों बूढ़े घुल मिल गए। एक दिन कल्लू ने सुप्रिया से खुद को और कीर्ति के साथ शादी की बाद करने को कहा। सुप्रिया पर कल्लू का प्रभाव था। अपने जादू से उसने सुप्रिया को वश में कर रखा था।
सुप्रिया ने कीर्ति से बात की और कहा कि वो कल्लू से शादी कर ले। दोनों में बहुत बात हुई और आखिर में कीर्ति मान गई। कल्लू और कीर्ति को शादी हुई। कल्लू ने अनुप्रिया को कहा कि वो उसके साथ अपने प्रेम संबंध को बढ़ाए। हल्दी सुकीर्ति को अपने साथ संभोग करके फसा लिया। एक रात उसने सुकीर्ति के साथ संभोग किया और उसको अपने प्रेम जाल में सफा लिया।
कीर्ति की शादी कल्लू से हुई। कल्लू कीर्ति और अनुप्रिया को लेकर अपने रहस्यमय जगह चला गया। हल्दी सुप्रिया और सुकीर्ति को लेकर अपने दूसरे रहस्यमय जगह चला गया। अगले अपडेट में आपको कल्लू अनुप्रिया और कीर्ति के बारे में बताए गए।
दोस्तो इस कहानी को में जल्द खत्म करनेवाला हूं। बहुत ही ट्विस्ट आनेवाला है। तैयार रहिए।
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