Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मेरी चचेरी विधवा बहन की कामुकता
#21
पर एक चीज की जो कमी थी वो थी लंड की मुझे चुदना बहुत पसंद है। मैं रोजाना नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर आकर कहानियां पढ़ने लगी और अपने हाथों से ही अपनी चूत को सहलाने लगी। रोजाना आदत हो गयी थी कहानियां पढ़ने की। पर अब कहानी से काम नहीं चलने वाला था मैं अपने भाई के तरफ आकर्षति होने लगी। वो भी अकेला था और मैं भी अकेली दोनों एक फ्लैट में तो बात आगे बढ़ना लाजमी था। संडे के दिन मेरा भाई मुझे मूवी दिखाने ले गया और शाम को आते आते चिकन और एक बोतल bear le आया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#22
मेरा नाम पायल है मैं अभी 26 साल की हूँ। मेरा पति गुजर गया है बाइक एक्सीडेंट में। शादी के तीन साल बाद ही मेरा पति मुझे छोड़ गया। मैं अकेली रही गई मेरी शादी 20 की उम्र में हो गई थी और 23 की उम्र में विधवा हो गई। जब औरत को लंड चाहिए जब जवानी भरपूर हिलोरे मार रही हो और पति की मौत हो जाये। सोचकर ही कलेजा फट जाता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ मेरे माँ बाप ने मेरे लिए खूबसूरत लड़का देखा शादी हुई ज़िंदगी बहुत अच्छी चल रही थी तभी दुःख हो गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#23
धीरे धीरे नशे में आ गए और और हम दोनों कब एक दूसरे के करीब आ गए समझ भी नहीं आया। मैं ऐसे भी हॉट और सेक्सी कपडे पहनी थी मेरी दोनों चूचियां साफ़ साफ़ दिख रही थी। वो शायद मेरी चूचियों को देख कर दीवाना हो गया और मेरे ऊपर टूट पड़ा। भैया बोला वक्त आ गया है जो मैंने तुम्हे आज बोलै था वक्त आने दो। शायद तुम्हे जिस्म की भी जरुरत है। इतना कहते ही मेरा भी मेरे होठ को चूमने लगा और मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे जिस्म को सहलाते हुए मेरे हॉट मेरे गाल पर चुम्मा लेने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#24
मदहोश होने लगी और अपना सब कुछ सौंप दी अपने भाई को। उसने सबसे पहले मेरे सारे कपडे उतार दिए मुझे बेड पर लिटा कर मेरी चूचियों को मसलते हुए निप्पल को अपनी दाँतों से दबाने लगा। मेरी चुत पर जैसे ही हाथ लगाया मैं अंगड़ाई लेट हुई सिसकारियां लेने लगी। वो तुरंत ही निचे हो गया और मेरी दोनों पैरों के बिच में बैठ कर पहले मेरी चूत को निहारा और फिर अपना ऊँगली लगाया। मेरी चूत पहले से ही काफी गीली थी उसने अपना जीभ लगा पर मेरी चूत को चाटने लगा मैंने अपना दोनों पैर और भी फैला दी ताकि मेरे भाई को किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत नहीं हो।

मेरा भाई मेरी जिस्म से खेलने लगा उसका लंड बहुत मोटा हो चूका था। उसने रहा नहीं गया और अपना लंड मेरी चूत के छेड़ पर लगाया और जोर से धक्के देकर घुसा दिया। पूरा लंड जैसे ही मेरी चूत के अंदर गया मैं और भी ज्यादा तड़पने लगी। मैंने गांड गोल गोल घुमा घुमा कर अपने भाई के लंड को चूत के अंदर लेने लगी। भैया जोर जोर से धक्के दे रहा था। उसका लंड बहुत मोटा हो गया था इस वजह से दर्द भी हो रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#25
मुझे करीब एक घंटे तक चोदा जब मैंने कहा अब छोड़ दो मेरी चूत सूज गई है मेरी कमर में दर्द हो गया है। तब जाकर उसने माल मेरी चूत के अंदर छोड़ा। उस दिन के बाद से मेरी ज़िंदगी बदल गयी बेहतरीन हो गई। रोजाना वो मुझे चोदने लगा अब हम दोनों भाई बहन पति पत्नी के तरह रहने लगे। मैं अब उसके साथ ही सोती हूँ। अब मजे से कट रही है मेरी ज़िंदगी। मैं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#26
Good story
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)