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16-03-2022, 05:11 PM
(This post was last modified: 07-12-2024, 11:49 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ये सभी कार्य उन्होंने आँगन में लगे हैण्ड पम्प से ही किए और फ़िर वहीं पर फिर जब नहाने बैठने लगी तो पहले उन्होंने अपनी कमीज उतारी और दीनी की बड़ी बड़ी चूचियाँ पूरी नंगी मेरे सामने थी। दीदी के बदन पर उस वक्त सिर्फ़ एक कच्छी थी।
तभी दीदी ने कच्छी भी उतार दी और पटरी पर बैठ कर अपनी चूत को देखने लगी।
बालों के जंगल से भरी चूत मेरे आँखों के बिल्कुल सामने ही खुली नंगी दिख रही थी।
मैं न जाने क्यों थर थर काँप रहा था, शायद किसी के आ जाने के डर के कारण या फिर ममता दीदी का चेहरा ऊपर हो और वो मुझे ना देख लें, इस डर से!
जो भी हो मैं डरते डरते अपनी नंगी दीदी को देखता रहा। उनकी उफनती जवानी अपने चरम पर थी, बड़ी बड़ी चूचियाँ फूली हुई चूत…. माँ कसम गजब नजारा था!
—-
नंगी होने के बाद दीदी ने देखा कि पानी की बाल्टी तो खाली थी।
वो खड़ी हुई और हैण्ड पम्प चला कर बाल्टी में पानी भरने लगी।
गजब… दीदी का पूरा बदन हिल रहा था, चूचियाँ ऊपर नीचे झूल रही थी, नंगे चूतड़ भी इधर उधर ऊपर नीचे मटक रहे थे।
जिन लोगों ने हैण्डपम्प से पानी भरा है या भरते देखा है उन्हें पता होगा कि पूरा बदन कैसे हिलता है।
मज़ा आ गया…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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24-11-2024, 03:08 PM
(This post was last modified: 30-11-2024, 11:17 AM by neerathemall. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
(31-01-2019, 11:52 AM)neerathemall Wrote: शादी की सालगिरह बहन के साथ
अब वह कहानी
-
शादी की पहली सालगिरह और मैं अपने घर पर अकेला था. मेरी बीवी मोना डेलिवरी के लिए अपने मयके गयी हुई थी. उसके बिना हमारा छोटा सा घर बिल्कुल सुना पड़ गया था. मुझे अपने उपर गुस्सा भी आया की अगर मोना इतनी जल्दी प्रेग्नेंट नही होती तो आज पहली सालगिरह हम दोनो साथ मानते. मैं ऑफीस से छुट्टी लेकर उसको घूमने ले जाता फिर किसी अच्छे से रेस्टोरेंट में खाना ख़ाकेर घर वापस आते.
डिसेंबर का महीना था और हमारे शहर में थोड़ी ठंड पड़ने लगी थी. मैं खिड़की से बाहर झकने लगा और मुझे याद आया पिछले जाड़ों में मोना जब नयी नयी दुल्हन बनकर आई थी तो उसको ठंड से दिक्कत हुई थी. उन दीनो की मधुर यादें मेरे मॅन में घूमने लगी. कैसे मोना हरदम मेरी बाँहों में रहती थी गर्मी पाने के लिए. जाड़ों के वो भी क्या दिन थे और इस बार का जाड़ा मोना के बिना में बहुत अकेलापन महसूस कर रहा था.
फिर ध्यान भटकने के लिए मेने ऑफीस के काम के बारे में सोचा , ऑफीस में बहुत से प्रॉजेक्ट पेंडिंग पड़े थे. चलो ठीक है अकेलेपन से जो उदासी फील हो रही है उसको काम के बोझ से भूलने में मदद मिलेगी , ऐसा ही सही. मेने सोचा आज इतना काम है घर लौटे वक़्त देर हो जाएगी. आज के दिन साक्षी दीदी से भी मिलने का टाइम नही होगा. उसके घर जाने में कार से 1 घंटा लग जाता था.
तभी फोन की घंटी बजी देखा तो मोना की कॉल थी. उसने सालगिरह की विश की. विश करते हुए उसका गला रुंध गया और वो सुबकने लगी. अब 1000 km की दूरी फोन से तो मिट नही सकती थी.मेने उसे दिलासा दिया. वो ज़्यादा बोल नही पाई उसने फोन रख दिया. उससे बात करने के बाद मुझे अब और भी ज़्यादा अकेलापन महसूस होने लगा.
जैसे ही मैं बाथरूम में घुसा फिर फोन आ गया.
“हॅपी आनिवर्सयरी, समीर” साक्षी दीदी की खनकती आवाज़ थी.
उसकी आवाज़ सुनते ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी.
मैं बोला, “थॅंक योउ , में अभी तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था की घर आने का टाइम मिले ना मिले.”
वो बोली, “झूठ मत बोल, सालगिरह के दिन तू दीदी को नही अपनी बीवी को याद कर रहा होगा.”
मेने कहा, “ ये भी सही है. मोना को तो मैं मिस कर ही रहा हूँ. लेकिन मैं तुम्हे फोन करने वाला था की आज डिनर पर नही आ पाउँगा, ऑफीस में बहुत काम है.”
“मुझे मालूम था तू कुछ ना कुछ बहाने बना देगा. ये नौकरी भी ना तेरी दूसरी बीवी की तरह है. लेकिन तुझे नही लगता की कम से कम महीने में एक बार तो मेरे घर अपने दर्शन दिया कर , एक शहर में इतने नज़दीक़ होते हुए भी हम कितने दूर है.” उसकी आवाज़ में कुछ उदासी सी आ गयी.
“हन सो तो है, मैं कब से तुमसे नही मिल पाया हूँ.” मुझे कुछ गिल्टी फीलिंग सा हुआ.
“इसीलिए तो मैं यहाँ हूँ बुद्धू, ज़रा बाहर तो झाँक.” साक्षी दीदी हंसते हुए बोली.
मैं खिड़की के पास गया और बाहर देखा . साक्षी दीदी गेट से अंदर को आ रही थी. हमारी नज़रें मिली और वो दूर से ही मुस्कुराइ. मेने फोन बंद किया और दीदी को लेने दौड़ा.
“दीदी आपने सुबह सवेरे आकेर क्या सर्प्राइज़ दिया है,”
“मुझे मालूम था तू आज अकेलापन महसूस कर रहा होगा , इसलिए मेने सोचा सुबह आकर तुझे सालगिरह की विश कर दूं. फिर तो तू ऑफीस चला जाएगा.“
फिर हम सोफे पर बैठकर बातें करने लगे. बीच बीच में दीदी की हँसी से घर का सन्नाटा दूर हो गया.
कुछ देर बाद साक्षी दीदी बोली, “नाश्ते का क्या प्लान है?”
मैं हँसते हुए बोला, “ शाही नाश्ता , ब्रेड और बटर.”
दीदी ज़ोर से हंस पड़ी. उसे मालूम था बाकी मर्दों की तरह ही मुझे किचन में काम करना पसंद नही.
फिर उसने अपने बैग में से एक पॅकेट निकाला जो एक चमकदार पंनी में लिपटा हुआ था और टेबल पर रख दिया, “ आज सालगिरह के दिन तो अच्छे से नाश्ता कर ले.”
“थॅंक योउ दीदी, सो नाइस ऑफ योउ.” नाश्ते का पॅकेट देखकर मैने उसे धन्यवाद दिया.
हमारी गुप शुप फिर शुरू हो गयी. साक्षी दीदी सोफे पर बैठे बैठे बोलते समय कभी मेरी तरफ देखती , कभी सामने खिड़की से बाहर को देखती. वो मुझसे सिर्फ़ 2 साल बड़ी थी पर तुषार से उसकी शादी हुए 6 साल हो चुके थे. हंसते समय उसके गालों पर डिंपल पड़ते थे जो बहुत क्यूट लगते थे. मेरा ध्यान उसके चेहरे की तरफ चला गया. उसने सुबह की ठंड से बचने के लिए हल्के मरून कलर का शॉल ओड़ा हुआ था. तभी उसने मेरी तरफ देखा , और मुझे अपने को ताकते हुए पाया. उसकी आँखो में ऐसे भाव आए जैसे कह रही हो , ऐसे क्या देख रहा है.
मेने बात पलटने के लिए कह दिया, “ देखो ना दीदी , ये घर कितना सुना सुना लग रहा है.”
वो बोली, “जब तेरा बेबी आएगा ना यहा, तब सब सूनापन ख़तम हो जाएगा.”
“मुझसे इंतज़ार बर्दस्त नही होता”
“मुझे मालूम है, तुझे हर चीज़ की जल्दी हुई रहती है. तू हमेशा से ऐसा ही था, जल्दबाज़ी वाला. तभी तो मोना इतनी जल्दी प्रेग्नेंट हो गयी.” साक्षी दीदी आँख मारते हुए बोली, उसने अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया.
दीदी के जोक से मैं शर्मा गया. बातचीत करते समय मेरे चेहरे या कंधे को वो हाथ से छूते रहती थी पर कभी भी उसने जाँघ पर हाथ नही रखा था. ये कुछ अजीब सी फीलिंग थी.
फिर वो एकद्म से सीरीयस होकर बोली, “ मैं चाहती हूँ की बेबी होने के बाद भी तू मोना की पहले जैसे ही केयर करना. बाप बनने के बाद बीवी को भूल मत जाना.” उसकी आवाज़ में कुछ उदासपन था.
मैं जनता था जीजाजी बिज़्नेस में बिज़ी रहने लगे थे. साक्षी दीदी का इशारा उन्ही की तरफ था .
मैं दीदी को दिलासा देते हुए बोला, “ जीजाजी अच्छे आदमी है, अपने परिवार के लिए ही तो वो इतनी मेहनत करते हैं बिज़्नेस में.”
“तुषार का बस चले तो वो ऑफीस में ही बेड रख ले” दीदी की आँखे गीली हो गयी.
“चलो , कुछ और बात करते हैं” मैं जल्दी से बोला, मुझे दर था कहीं दीदी रो ना पड़े.
“ई आम सॉरी, मैं तो तुम्हे विश करने आई थी और अपने घर का रोना शुरू कर दिया.” दीदी अपने को सम्हलते हुए बोली.
19
मैं तुम्हारे लिए गरमागरम एक कप कॉफी बनाकर लता हूँ”, मैं सोफे से उठने लगा.
“ज़्यादा फॉरमॅलिटी मत करो,” कहते हुए दीदी ने हाथ पकड़कर मुझे वापस सोफे पर बैठा दिया.
मैने कहा, “तुम ठंड में आई हो , मेरे ख़याल से एक कप गरम कॉफी पीकर तुम्हे अच्छा लगेगा. “
“मैं उतनी दूर से एक कप कॉफी के लिए नही आई हूँ “ , साक्षी दीदी शरारत से मुस्कुराइ, फिर बोली,” मैं तुम्हारी सालगिरह पर तुम्हे बढ़िया नाश्ता कराने आई हूँ.”
मैं नाश्ते के पॅकेट की तरफ देखते हुए बोला , “ इतनी जल्दी ? अभी तो नाश्ते का टाइम नही हुआ है ?”
“ तू भी तुषार की तरह ही अँधा है” , फिर साक्षी दीदी मेरे नज़दीक़ खिसकते हुए धीमे स्वर में बोली , “ तुझे अपने सामने इतना बढ़िया नाश्ता नही दिख रहा ? एकद्म ताज़ा और गरमागरम.”
मुझे दीदी की बात सुनकर एक झटका सा लगा .
साक्षी दीदी की पुरानी यादें एकद्म से मेरे दिमाग़ में घूमने लगी की कैसे शादी से पहले मैं उसे चोरी छिपे तकता था , शायद उसने भी कभी नोटीस किया हो. मेरे सपनो में आकर कई बार दीदी मुझे गीला कर गयी थी. पर वो पुरानी बातें थी. जिंदगी की भागदौड़ में हम एक दूसरे से बहुत दूर चले गये थे.
“ ठीक है मैं नाश्ते का पॅकेट खोल देती हूँ “ कहते हुए साक्षी दीदी ने मुस्कुराते हुए अपना शॉल हटाकर बगल में रख दिया.
मेने देखा अंदर साक्षी दीदी ने ग्रीन कलर का पंजाबी सूट पहना हुआ था जिसकी कमीज़ कड़ाई वाली और लो नेक की थी. उस सूट में वो बहुत सुंदर दिख रही थी. उसके क्लीवेज से उसकी गोरी गोरी चुचियों का उपरी भाग दिख रहा था. मेरी नज़र सीधे उन्ही पर गयी. उततेज़ना से मेरा गला सुख गया. जब हम साथ ही रहते थे तो चोरी छिपे मेने कई बार उनको देखने की कोशिश की थी पर आज दीदी खुद ही उन्हे मेरी आँखो के सामने ला रही थी. उन्हे देखकर दुनिया का कोई भी मर्द अपने उपर काबू नही रख सकता था और मैं भी कोई अपवाद नही था.
साक्षी दीदी ने मुझे एकटक अपनी छाती को घूरते हुए पाया तो वो मुस्कुराइ और मेरे चेहरे के नज़दीक़ अपना सर लाकर, मेरे बाए गाल पर अपने होठों से एक चुंबन ले लिया. मैं अभी भी बुत बनकर सिर्फ़ उसे ही देख रहा था और वो मेरी हालत पर मुस्कुरा रही थी. तभी मेने महसूस किया की मेरे पाजामे में तंबू बन चुका है.
“समीर, मैं तुम्हारी सालगिरह को यादगार बना देना चाहती हूँ” दीदी सीधे मेरी आँखो मेी देखते हुए मुस्कुरकर बोली. फिर एक झटके में उसने अपनी कमीज़ सर के उपर से उतार दी. अब वो सिर्फ़ ब्रा में थी और फिर उसने अपने दोनो हाथ मेरी जाँघ पर रख दिए इससे उसकी ब्रा ठीक मेरी आँखो के सामने आ गयी.
अभी तक सारी पहल साक्षी दीदी ही कर रही थी मैं अवाक सा सिर्फ़ देख रहा था . सयद मेरे अंदर कहीं दर था की कहीं मैं कुछ ग़लत ना कर दूं और वो नाराज़ ना हो जाए . इसलिए मैने अपनी तरफ से कोई पहल नही की सब कुछ उसी को करने दिया. दूसरी बात ये भी थी की मुझे ये सब सपने जैसा लग रहा था मुझे विस्वास ही नही हो रहा था की ये हक़ीकत में हो रहा है , इसलिए मुझे कुछ भी नही सूझ रहा था की मुझे क्या करना है और मैं सिर्फ़ उसे ही देखता रहा.
फिर साक्षी दीदी ने अपनी टांग उठा कर मेरी टाँगों के उपर रख दी और मेरे चेहरे के नज़दीक़ अपना चेहरा लाकर धीमे से मादक स्वर में बोली, “ समीर, मैं चाहती हूँ की आज के दिन तुम मुझे मोना समझकर वैसे ही ट्रीट करो .”
अपने चेहरे पर दीदी की गरम साँसे पड़ते ही मैं अपने उपर कंट्रोल नही रख पाया और मेने एक हाथ से उसका सर पकड़कर अपने होठ साक्षी दीदी के रसीले होठों पर रख दिए और उन्हे चूसने लगा. आज मेरी वर्षों की दबी हुई इच्छा पूरी हो रही थी. फिर मेने उसके होठों के बीच से मुँह के अंदर जीभ डाल दी और उसके पूरे मुँह में जीभ घूमकर चूसने लगा.
फिर हम दोनो एक दूसरे को चूमते हुए ही सोफे से नीचे कालीन पर आ गये. साक्षी दीदी मेरे उपर लेटी थी और उसके होठ मेरे होठ से चिपके हुए थे. उसकी चुचियाँ मेरी छाती में दबी हुई थी और मेरा लंड पाजामा के अंदर से ही दीदी के पेट के निचले भाग पर रगड़ खा रहा था. फिर दीदी ने पीछे को जाकर मेरे पाजामा का नडा खोलकर उसे मेरे पैरों से निकल दिया.
फिर साक्षी दीदी मेरे उपर चढ़ गयी और कपड़ों के उपर से ही अपना बदन मुझसे रगड़ने लगी . फिर वो आगे को झुकी तो उसके बालों ने मेरा चेहरा ढक लिया. उसने अपना सर झटक कर मेरे चेहरे से अपने बाल हटाए और फिर मेरे होठों पर अपने होठ रख दिए. अपने दाये हाथ से वो मेरे सर के बालों को सहला रही थी. उसकी ब्रा में क़ैद चुचियाँ मेरी छाती पर दबी हुई थी और उसके ताने हुए निपल्स ब्रा के अंदर से ही मेरी छाती पर रगड़ खा रहे थे. मेने अपने हाथ साक्षी दीदी के सलवार के बाहर से ही उसके नितंबों पर रख दिए और उन्हे मसलने लगा. फिर मेने फर्श पर ही उसको नीचे पलटकर उसके उपर आ गया. साक्षी दीदी ने अपनी टाँगे मेरी कमर पर कस ली और मुझे अपने ओर नज़दीक़ खींच लिया.
फिर मेने साक्षी दीदी के निप्पल को ब्रा के बाहर से ही मुँह में भर लिया . एक भीनी भीनी मादक सी खुसबु मुझे आई , शायद ब्रा में उसके पसीने की थी . उससे मुझे और भी मदहोशी छा गयी. थोड़ी देर तक ब्रा के साथ ही निप्पल चूसने के बाद मेने दीदी की ब्रा को उतार दिया . साक्षी दीदी की बड़ी बड़ी गोरी चुचियाँ अब खुली हवा में थी. मेने उसकी बाई चुचि को मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा. साक्षी दीदी मदहोशी में सिसकारियाँ भरने लगी.
मैं जीतने ज़ोर से चुचि को चूसता वो उतने ही ज़ोर से सिसकारियाँ लेती. मेने दीदी के उततेज़ना से ताने हुए निपल को अपने मुँह में भरकर चूसा . फिर निपल को चूस्टे हुए ही मैं अपने दोनो हाथों को दीदी के बदन के नीचे ले जाकर बड़े सुडोल नितंबों को ज़ोर से मसालने लगा.
उसके बाद मेने साक्षी दीदी की सलवार और पनटी उतार दी. साक्षी दीदी अब मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थी. उसकी चूत पर बाल नही होने से एकद्म चिकनी चूत नज़र आ रही थी. पूरी तरह से निर्वस्त्रा होने के बाद जब साक्षी दीदी ने मुझे अपनी चिकनी चूत को देखते पाया तो वो शर्मा गयी और उसने अपने दोनो हाथ आगे करके हाथों से अपनी चूत छिपा ली. मेने उसके हाथों को हटाकर चूत पर अपना मुँह लगा दिया और चूत के अंदर जीभ घुसकर चूत की गर्मी और गीलेपन का जयजा लिया. साक्षी दीदी ने मेरे सर के बाल पकड़ लिए और उततेज़ना में भरकर अपने नितंबों को मेरे मुँह पर उछालने लगी. मेने अपने दोनो हाथों में साक्षी दीदी के नरम नितंबों को पकड़ लिया . और फिर चूत चाटने के साथ साथ साक्षी दीदी के नितंबों को बुरी तरह से मसलने लगा.
मेरी जीभ के चूत की दीवारों पर रगड़ने से साक्षी दीदी का चूत रस बह निकला , वो ज़ोर ज़ोर से मदहोशी में सिसकारियाँ लेने लगी. और उसकी कमर उपर को उठ कर टेडी हो गयी . फिर मेने अपनी जीभ निकालकर दो उंगलियाँ साक्षी दीदी की चूत में डाल दी और तेज़ी से उन्हे अंदर बाहर करने लगा . साक्षी दीदी उततेज़ना से चीखने लगी.
उसके ऐसे चीखने से मैं भी बहुत उततेज़ीत हो गया और बोला,” दीदी , आज तुम बहुत अच्छा फील करोगी. जब तुम यहाँ से जाओगी तो तुम्हारे होठ सुज़ चुके होंगे और तुम्हारी चूत पहले से ज़्यादा चौड़ी हो चुकी होगी.”
साक्षी दीदी उततेज़ना में बोली,” आहह…… इस तरह की मादक बातें सुनने को मेरे कान तरस गये हैं….. और बोलो समीर …….और बोलो….”
थोड़ी देर में ही एक जबरदस्त ऑर्गॅज़म से दीदी झड़ गयी. मेरी उंगलियाँ उसकी चूत के रस से पूरी तरह भीग गयी.
थोड़ी देर तक उसका बदन अकड़ गया और वो तेज तेज साँसे लेती रही.
कुछ पल बाद साक्षी दीदी बोली , “आह्ह समीर, बहुत मज़ा आया . आज बहुत दिन के बाद मुझे इतना तेज ऑर्गॅज़म आया है.”
N
फिर मेने अपना अंडरवेर उतार दिया और साक्षी दीदी के उपर लेटकर उसके होठों को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद उसने अपने होठ हटा लिए और मुझे नीचे गिराकर अपना उपर आ गयी. फिर वो मेरे माथे, चेहरे को चूमते हुए नीचे को बड़ी. छाती और पेट पर चुंबन लेने के बाद उसने अपने हाथ से मेरा तना हुआ लंड पकड़ लिया और उपर नीचे मूठ मरने लगी. फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझे देखा और लंड को अपने मुँह में भरकर लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगी.
साक्षी दीदी के नरम होठों का स्पर्श मेरे लंड पर लगते ही में आनंद से भर गया. उसके मुँह के अंदर अपने लंड को मैं गायब होते देख रहा था. वो पूरी तन्मयता से मेरा लंड चूस रही थी. साक्षी दीदी ने इतनी अच्छी तरह से मेरा लंड चूसा की मैं अपने उपर काबू नही रख पाया और कुछ देर बाद मेरे लंड से वीर्या की धार दीदी के मुँह में गिरने लगी . साक्षी दीदी ने पूरा वीर्या निगल लिया . झड़ने के बाद मेरा लंड सिकुड गया. साक्षी दीदी ने फिर से मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने हाथों में पकड़ा और उसे उपर नीचे हिलने लगी. थोड़ी ही देर में साक्षी दीदी के हाथों का जादू काम कर गया और मेरा लंड फिर से टन कर खड़ा हो गया.
लंड के तनते ही साक्षी दीदी ने जल्दी से अपनी दोनो टाँगे मेरी कमर के दोनो तरफ रख दी. फिर उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत के छेद पर लगाया और धीरे धीरे लंड पर नीचे को बैठने लगी. मेरा पूरा लंड साक्षी दीदी की प्यासी चूत की गहराईयों में जड़ तक जा घुसा. फिर साक्षी दीदी लंड पर उपर नीचे होकर मुझे चोदने लगी. थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैं भी जोश में आ गया और साक्षी दीदी के दोनो नितंबों को अपने दोनो हाथों में पकड़कर नीचे से धक्के मरते हुए मेने साक्षी दीदी को उपर उछालना शुरू कर दिया. साक्षी दीदी अपने निचले होठ को मुँह में दबाकर मादक अंदाज़ में चुदती रही . हम दोनो ही कामांध हो चुके थे.
V
साक्षी दीदी के मुँह से ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ निकलने लगी. जो मेरा घर कुछ ही देर पहले तक सुनसानी का शिकार था वो साक्षी दीदी की मादक सिसकारियों के संगीत से गूंजने लगा. मैं तो जैसे जिंदा ही स्वर्ग के आनंद का अनुभव कर रहा था. मेने सपने में भी नही सोचा था की मैं कभी साक्षी दीदी को चोद पाउँगा. इससे पहले तो मेने कभी उनकी चुचि भी नग्न नही देखी थी और आज वो मेरे उपर नंगी होकर चुदवा रही थी.
मेरे तेज तेज धक्कों से साक्षी दीदी की गोरी बड़ी चुचियाँ हवा में उपर नीचे उछाल रही थी. कुछ देर बाद साक्षी दीदी की सिसकारियाँ चीखों में बदल गयी . मैं समझ गया अब वो झड़ने वाली है. मेने धक्कों की स्पीड और तेज कर दी . साक्षी दीदी इतनी ज़ोर से चीखने लगी की मुझे लगा कोई पड़ोसी ना आ जाए. फिर साक्षी दीदी एक और ऑर्गॅज़म से झड़ गयी. अब मैं खुद ज़्यादा देर नही रुक पाया और मेने साक्षी दीदी की चूत अपने वीर्या से लबालब भर दी. हम दोनो ही दो बार झड़ चुके थे.
साक्षी दीदी आगे को झुककर मेरे उपर लेट गयी . उसके घने काले बालों से मेरा चेहरा ढक गया. उसकी बड़ी चुचियाँ मेरी छाती में दबी हुई थी.
कुछ देर बाद जब साक्षी दीदी की सांस लौटी तो उसने अपना चेहरा उठाया और मुस्कुराने लगी . उसके चेहरे पर पूर्ण संतुस्टी के भाव थे.
साक्षी दीदी बोली, “ समीर, कैसा लगा तुझे नाश्ता ?”
मेने उसके सर को नीचे झुकाकर कहा, “ बहुत ही अच्छा.” और फिर उसके होठ अपने होठों से चिपका लिए और पूरी तन्मयता से दीदी के होठों को चूसने लगा. जी भरकर चूसने के बाद मेने उसके होठों से अपने होठ अलग किए.
साक्षी दीदी मुस्कुराते हुए बोली, “ जब मैं आई थी तो तूने कैसे शक़ल बना रखी थी और अब देखो.”
उसकी इस बात पर हम दोनो खिलखिलाकर हंस पड़े.
फिर साक्षी दीदी बोली, “ मेने कहा था ना की मैं तेरी सालगिरह यादगार बना दूँगी. करेगा ना अब याद ?”
मैं हँसते हुआ बोला, “ दीदी , इस सालगिरह को तो मैं जिंदगी भर नही भूलूंगा.”
फिर साक्षी दीदी बोली, “ तुझे नाश्ता अच्छा लगा ……पर अगर तू आज ऑफीस से छुट्टी ले ले ……तो मुझे लंच सर्व करने में भी कोई एतराज़ नही है.”
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खुशियों की बगिया हरी रहे,
ये जोड़ी हमेशा करीब रहे।
सौ सालों तक मिले दोनों को एक दूसरे का प्यार,
यही कामना हम करते हैं हजार बार।
हैप्पी एनिवर्सरी दीदी और जीजू
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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Accidental sex with cousin
!Ya 2 years pehle ki baat hai jab me 20 years ka tha and me aapni bua ka ghr nagpur gaya tha summer vacation me.
Bua ke ghr pe mere bua ke husband jinka apna bahut acha business hai. And unki 2 ladkiya hai, ek ki shadi ho chuki hai jo mujhe 6 years badi hai. Aur dusri ladki jo iss kahani ki heroine hai, uska name aayushi hai. Par ghr pe use sab pyar se Preeti bolte hai, jo mujhse 1 year choti hai.
Uski height 5’6″ hoga and slim figure hai, bilkul alia bhatt ki tarha figure and alia bhatt ki tarha gori. And rose ki petals ki tarah pink lips. Uske boobs chote medium size ke and gol gol gand.
Hum dono ke bich achi bonding hai and ham dono open minded hai. Ek dusre ke sath chipak ke baithna, hat pakad lena and Preeti ek sath hi sona jab bhi uske ghr jata tha, ye sab normal tha.
Ham dono khul ke baat karte hai, ek dusre ke sath problem share karna, apas me apna feeling share karna. And apne gf bf ke bare me baat karna ye sab bhi common tha. Han lekin kavi sex se related baat nahi ki.
Baat uss time ka hai jab me college vacation ke time apni bua ke ghr gaya hua tha. Me 11 baje bua ke ghr pahucha.. And bua ne mujhe chai di me chai pe hi raha tha ki meri bua ki ladki niche aye mujse milne.
Preeti mujhe dekh ke bahut khush hui.
Hum dono baith ke baate karne lage. Tab hi bua ne Preeti ko kaha ki mujhe upr le jaaye. Toh hum dono upr chale gaye. Fir aise hi casual baate ki. Uske baad usne mujhse meri gf ke baare me pucha. Mera haal hi me breakup hua tha dipika ke sath.
Maine breakup ke bare me kaha kaise hua breakup. Me ek din drink kar ke use (dipika my ex gf, dipika ke sath bhi maine khub masti ki hai agar iss kahani ko pyar milta toh iski bhi kahani jarur likhunga.) Khub jhagda kiya. Uske baad dipika and mera bich kuch acha nahi chal raha tha. Fir 1 month ke baad breakup ho gaya.
Preeti ne kaha galti toh tumhari hi thi tumhe use bina matlab jhagda nahi karna chahiye tha
10:30 ho raha tha and humne apna plan execute karna start kar diya. Bua and fufa 11 baje tak soo chuke the
Uske baad hum dono baat kar rahe the and kuch der baad hi hum dono bed pe chale gaye sone ke liye.
Thore der ke baat Preeti ne mujhe achanak se pucha ki tume dipannita ko kiss wagera kiya tha ki nahi? Toh me thoda ghabra gaya and bola ki haan kiya hai. Wo boli tum toh kiss ka naam sunke hi ghabra gaye tum kya kiss karoge.. mazzak me bolne lagi.
toh mene bola dekho mera mazzak mat udao mujhe kiss karna ata hai and kiya bhi hai. Maine sex chor ke sab kuch kiya hai. toh woh bhi thoda shocked ho gaye mera muh se sex sunke. woh mujhe chida rahi thi tumhe kaha ata hoga kiss wagera karne. toh mujhe thoda gussa aya. mene bola ki dekho aur mat chidao nahi toh me tumhe hi kiss kar dunga. Toh Preeti boli ata hoga tab hi karoge.
Woh mujhse aise baat nahi karti but us din woh nasha me thi isiliye aise bol rahi thi.
Thoda der ke baad meine use pakad ke gaal pe kiss kar diya toh hanse woh lagi. Tum ise hi kiss kehte ho, aise kiss toh chote baby ko karte hai. tumhe nahi ata kiss karna.
Toh me gussa ho gaya and use pakad ke lips pe kiss kar diya. Usne kuch bhi response nahi diya. Boli ki ye kya kar rahe ho? Toh mene bola ki kiss kar raha hun. Mujhe lagta hi ki tumhe hi kiss karna nahi aata isliye koi bhi response nahi kiya apne taraf se.
Thoda der khamos rehne uske baad maine fir se Preeti ko kiss karna start kar diya. Iss baar maine uske neck pe and ears ke pass kiss karne laga.
Thoda hi der kiss karne ke baad Preeti ki saanse tej hone lagi. Toh me samjh gaya ki woh garam hone lagi and me fir se use lips pe kiss karne ka try kiya. Iss baar woh bhi response kar rahi thi. Fir maine kiss karte karte uske inner thighs ko sehlane laga. Toh uski sas aur tej hone lagi uska body pura garam ho chuka tha.
Fir me uske neck me kiss karte karte uske boobs ke upar apna hath rakh ke use halke hato se dabane laga. Usne mujhe roka nahi and dhire dhire moan karne lagi.
Fir maine kiss karna roka and uske face ke taraf dekha toh mere mind me achanak se ye baat aai ki ye me kya kar raha hun, ye toh meri behan hai and avi alcohol ke nashe me hai. Kal jab iska nasha utrega toh me Preeti se apne nazre kaise mila paunga. Hahi Preeti mujhse gussa na ho jaye.
Tabhi-
Preeti: kya hua ruk kyun gaye and kya soch me pad gaye?
Me: sorry Preeti me khud ko rok nahi paya and tumhe kiss karne laga ye sahi nahi hai. Avi tum bhi nashe me ho and me bhi. Jab mera nasha utrega toh me shayad tumse nazre nahi mila paunga. Shayad tumhe aisa na lage ki maine tumhare nashe me hone ka faida uthaya.
Preeti: kyun aise soch rahe ho me nahi sochungi stupid.
Me: nahi nahi hum ye sahi nahi kar rahi.. Sorry Preeti me tumhe like karta hun isiliye me khud ko rok nahi paya tumhe kiss karne se. I am really sorry but i can’t do this to you, i respect you and i can’t do this to a person whom i loved so much, i am really sorry.
Preeti: i also like u a lot that’s why i permit you to kiss me.
Me: no Preeti this is not ethical we shouldn’t do this. Please so jao ab, hum is bare me kal baat karenge.
Preeti thodi der chup rahi and thoda gussa me boli-
Preeti: thik hai so jati hun!
Lekin Preeti thodi sad lag rahi thi and mujhe bhi thik nahi lag raha tha fir Preeti ne mujhe good night bola na so gaye.
Mujhe neend nahi aa rahi thi aur me soch me pad gaye kya ye sab sahi hai. shayad Preeti bhi yahi chati thi ki me use pyaar karu. Ya fir woh nashe me aise karna chaah rahi thi, me bahut confuse tha. Yahi sab sochte sochte me bhi kab soo gaya pata hi nahi chala.
Subha jab 7 baje mere neend khuli toh Preeti soo hi rahi thi and uska ek hat mere chest me tha and ke per mere per ke uper. Maine dheere se uske per and hat apne upr se hataya and tab hi Preeti jag gayi.
Preeti: good morning.
Me: good morning Preeti, uth gayi..
Preeti: han, chalo fresh ho lete hai.
Me: tum chalao me ata hun.
Hum uthe and brush kiya and and chai pene lage.
Me chai pe raha tha and kal raat ke bare me soch raha tha. shayad Preeti kal raat ke bare me bhul gaye. Ya fir ye bhi sarminda hai isiliye kuch jikar nahi kar rahi kal raat ke baare me. Tabhi aunty humlog ke pass ayi, aunty new clothes pahne hue thi. Maine socha itni subha kyun ready ho gaye.
Me: bua itni subha ready kyun ho gaye aap kahi jaa rahi ho?
Bua : aaj Preeti ki didi ke ghar function hai uski nanad ki angegement hai wohi jana hai tumlog bhi ready ho jao.
me: Bua me kaha me toh unke ghar kavi gaya bhi nahi, aise directly angegement me kaise. Aur mere sar bhi thoda vari lag raha hai. Aap log Preeti ko lekar chali jaye me akela reh lunga and lunch online order kar dunga.
Preeti: nahi maa me bhi nahi jaungi. Ashish ghar me akela bore hoga me bhi ruk jaati hun.
Me: nahi aunty me bore nahi honga aap le jaye Preeti ko, mere wahjah se ye kyun nahi jayegi function me.
Preeti: tum chup karo.
Bua y: haan beta Preeti sahi toh keh rahi hai tum akele bore ho jaoge. Ye bhi yahi ruk jayegi, iska toh pehle se hi maan nahi tha jaane ko.
Preeti: haan me toh pehle se hi bol rahi thi mujhe nahi jana.
Me: thik hai tab toh, sach me tumhe pahle se hi jane ka maan nahi tah na?
Preeti: are baba han me sach me nahi jane wali thi.
Fir bua toofa nikal gaye and Preeti ne uncle ko bola aate time hamare liye kuch khane ko le aana papa.
Foofa : hame toh raat ho jayega. Aur raat ko toh shop band ho chuki hongi.
Preeti : oh.. Papa aap jab return aaoge toh shop ke pass ruk ke mujhe call karna agar shop khula ho toh and shop me kya kya available hai mujhe batana mujhe jo acha lagega me bol dungi aap lete ana.
Foofa : ohh hoo ye ladki bhi naa thik hai iska bachpana gaya nahi avi tak.
Fir Bua nikal gaye
Hum dono baith ke apna apna mobile scroll karne lage.
Me Preeti se nazre nahi mila paa raha thi. Preeti ko bhi ye ahsaas hone laga.
Preeti: kya hun tum itne tenssion me kyun ho mera rukna acha nahi laga tumhe?
Me: aise koi baat nahi hai..( sochne laga chalo ise kal raat ki baat yaad nahi hai.)
Preeti: ya fir?
Me: (thoda ghbrate hua ) ye fir kya?
Preeti: kal raat ko leke pareshan ho?
Me: i am sorry Preeti mujhse kal control nahi ho paya. Mujhe laga tha jab tumhara nasha utrega toh tumhe lagega ki maine tumhare faida uthaya. I am sorry me tumhare faida nahi utha raha tha..
Preeti mera pass aake bhaith ke boli
Preeti: i know ki tumne mera faida nahi uthaya. Uthana hota toh kal hi utha lete and uske wajah se mere dil me tumhare liye aur bhi izzat badh gaye but…
And woh ruk gayi.
Me : but kya? Maine kiss jaan bujh ke nahi kya tha sach bol raha hun. i like you that’s why i lost my control.
Preeti: tumne kavi bataya nahi ki you like me.
Me: baate ghumane ki kosis karne laga. Han i like you my cousin, sab koi apne cousin ko like karta hai.
Preeti: mujhe toh aisa feel hua ki tum mujhe as a cousin like nahi karte ho. Aisa lag raha tha ki sach me like karte ho.
Me: i was drunk that’s why tumhe aisa laga hoga, tumne bhi toh kaha tha i like you.
Preeti: han but maine cousin ki tarha nahi bola tha.. kal nashe me kaha tha and avi pure hosh me bol rahi hun… I like you ashish and kal ke baat mere dil me tumhare liye pyaar aur bhi badh gaya hai. Tum chate toh aur bhi aage badh sakte the but tumne mere liye khud ko roka.
And Preeti mere hothon ke pass aake mujhe kiss karne lagi and mera toh pura sarir hi jam gaya ho and maine uske kiss ka koi bhi response nahi diya.
usne apne se alag karke kaha Preeti ye kya kar rahi hai i can’t do this. me tumse bahut pyaar kata hun and me nahi chata ki mere wajah se tumhe taklif ho.
Preeti: kyun me tumhri cousin hun isiliye?
Me: han isiliye
Preeti: agar me tumhri cousin na hoti toh?
Me: baat woh nahi hai.
Preeti: toh kya baat hai kya me achi nahi hun.. Ya fir tum mujhe hi galat samjh rahe ho?
Me: nahi Preeti me tumhe kyan galat samjhunga, tum galat nahi ho sakti kavi bhi.
Preeti: toh bhul jao ki me tumhri cousin hun and mujhe pyaar karo.
Me: kya ye galat nahi hai?
Preeti: tum bahut sochte ho and then she again started to kiss me.
Aab aage kya -
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30-11-2024, 12:45 PM
(This post was last modified: 01-12-2024, 04:25 PM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
Iss bar me khud ko rok nahi paya and use kiss karne laga.. Hum dono dahut passionately kiss kar rahe the. Me uske lower lips ko ek baar kiss karta nad fir uske upper lips ko kiss karta..
Fir Preeti apna tounge mere mujh me dalne lagi and mere tounge se jang ladane lagi. \me bhi uski tounge ko muh me leke chusne laga and uska sath de raha tha. Ye bhul ke ki me jise kiss kar raha hun woh meri cousin hai.
Kuch der lip kiss karne ke baad hum alag hue and me aab Preeti ke neck me kiss karne laga.
Preeti: (gehri saans barte) ohhh han mujhe aise hi pyaar karo.
Thodi hi der kiss karne ke baad Preeti ki saanse tej hone lagi. Toh me samjh gaya ki woh garam hone lagi hai and me fir se uske lips pe kiss karne laga.
Maine kiss karte karte uske inner thighs ko sehlane laga toh uski sas aur tej hone lagi uska body pura garam ho chuka tha.
Fir me uske neck me kiss karte karte uske boobs ke upar apna hath rakh ke use halke hatho se dabane laga and woh dhire dhire moan karne lagi.
Me fir apna haath dhire dhire uske t-shirt ke andar daal ke uske chote chote milk jaise gore gore boobs ko dabane laga. Uski garam saanse mujhe aur pagal kar rahi thi. Me khud ko rok nahi paa raha tha.
Fir thodi der baad maine uska t-shirt utaar diya aur uski bra bhi utaar di. And uske neck me kiss karte hua uske boobs ko suck and kiss karne laga.
Uske nipples ko apne tongue se circular motion me chat raha tha. And dusre haath se uske dusre boobs daba and pinch kar raha tha. Fir maine Preeti ki left boobs ko halke se bite kiya toh-
Preeti: uuhhh aaah bite maaat karoooo ooohhh aaaahh me pagal ho jaungi oohh…
Uske moan mujhe pagal kar rahe the. Woh bilkul madhosh ho chuki thi and dhere dhre siskari le rahi thi.
Preeti: aahhh aahh ohhh hmmmm ooohhh…
Jab bhi me uske boobs ko bite karta toh aaah aaah awaz nikal rahi thi. Uske boob ko kiss karte karte maine apna hath uske skirt ke andar dala and uske chut ko rub karne laga panty ke upar se.
Tab woh aaah aaah aaah awaze jyada frequently nikalne lagi. Uske awaze mujhe aur pagal kar rahi thi. Mujhse aur ruka nahi gaya and me aur der naa karte hua uske forehead me kiss karte karte niche aata gaya. And nabhi ka paas aake uske nabhi ko chatne and kiss karne laga.
Fir aur niche gaya and uski skirt upar karke uske thighs ko kiss karne laga. Woh machli ki tarha uchal rahi thi aur uske rongte khade ho gaye aur uski chut ki mehek mujhe bhi madhosh kar rahi thi.
Uske baad maine uski panty ke upar se hi uski chut pe apne honth rakh diye aur chusne laga.
Preeti: aahhh ohhh shitttt…
Thodi der uski chut ko chumne ke baad maine fir Preeti ki panty ko uski chut ke side pe kiya. Aur kya kahu uski chut bahut pyari thi redish colour ki.
Uski chut puri tarha gili ho chuki thi me aur der naa karte hua uski chut ke hontho ko apne hontho mein bhar liya aur kulfi ki tarah chusne laga. Bilkul garam thi uska chut and soft bhi, aisa laga jaise garma garam rasgulla ho.
Me apni jibh uski chut ke hole ke andar tak daal ke lick kar raha tha, uski chut ki taste aaj bhi mujhe yaad hai. Woh jor jor se moan kar rahi thi. Mujhe dar lag raha tha ki kahi uski awaj bahar tak na pahuch jaaye.
Preeti to jaise satwe asmaan pe thi. Wo apni kamar hila hila kar apni chut ko mere hontho pe ragad rahi thi. Thodi der mein Preeti ka badan akadne laga aur uski saansein tej ho gyi. Uski chuchiyaan upar niche ho rahi thi jor jor se. Main smjh gaya tha Preeti jhadne wali hai.
Maine tabhi Preeti ki chut ke daane ko hontho mein daba liya. Aur uske chuchiyon ko dono hatho mein daba liya aur chuchiyaan masalne laga. Aur uski chut ke daane ko jeebh se ragad ragad ke chus raha tha.
Preeti: aahh ohh shitttt ahh yessss keep goinggggg… Ye kya ho raha hai mujhe aaahh bahut acha lag raha hai mmm ahahh fuckk yesss…
Main bina ruke uski chut ke daane ko tongue se ragad ragad ke chusne laga aur chuchiyaan masal raha tha. 5 min mein Preeti ki kamar jhatke khaane lagi aur uski chut se ras ris ris kar mere muh mein beh raha tha.
Pehle toh mujhe ganda lag raha tha but uska taste mujhe acha lag raha tha.
Preeti: aahh ahh shitt maiinnnn jhaaddd rahi hu aahhhh fcukkk yesssss…. Oh maaaa main jhaaddd rahi
Wo ab kamar hila hila kar mere muh pe ragad rahi thi. Aur uski chut jhatke kha kha kar mere muh pe jhad rahi thi. Mujhe uski chut ka ras bahut hi mast laga.
Fir wo 5 min baad shant hui aur uth ke mujhe kiss karne lagi aur fir mere kapde utarne lagi.
Pehle Preeti ne mera t-shirt utar ke fek diya aur mere chest me pagalo ki tarha kiss karne lagi. Me uske ankho me mere liye itna pyar dekh ke dang rah gaya. Fir usne mere boxer bhi utar diya and mujhe nanga karne lagi.
Ab woh apne ghutne ke baal baith gayi and mere lund ko dekh rahi thi. Fir apne haat me le ke hilane lagi. Mere pure sarir me current dor gaya. Jaise hi Preeti mere lund apne muh me lene jaa rahi thi maine use roka-
Me: you don’t need to this for me, it’s dirty.
Preeti: no i want to love you, i want to love your every part.
Me: thik but mujhe ek baar dho lene do uske baad jo karna hai karo.
Preeti khush ho gayi and me jaldi se apna lund acha hi dho ke aya. Meine apna lund ke pass ke hair pehle se hi trim kya hua tha. (mujhe shave karna acha nahi lagta.)
And Preeti fir mere lund ko apne haath me pakad ke hilane lagi aur apne muh me le ke aage piche karne lagi. Mujhe toh aisa lag raha tha ki woh mere pura atma ko chus legi. Me apne ankh band kar ke pure maze le raha tha.
Preeti pure maze me mere pura lund gale tak le ke maze se chus rahi thi. Aur me pyaar se apne hath uske sar me fer raha tha aur pure maze le raha tha. Karib 10 minutes woh mere lund chus aur chat rahi thi.
Fir maine Preeti ka sar pakda aur uske muh ko chodne laga. Pura kamra chup chup khap khap sound se gunjh utha. Karib 3-4 minutes muh chudai ke baad me jhadne wala tha
I
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30-11-2024, 12:46 PM
(This post was last modified: 01-12-2024, 04:21 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
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01-12-2024, 12:36 PM
(This post was last modified: 01-12-2024, 04:12 PM by neerathemall. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
We Chudai ke baad Preeti ko chalne me problem ho raha tha and woh kamar matka matka ke chal rahi thi.
Preeti: baby mujhe chalne me problem ho raha hai and pain bhi ho raha hai and thoda jalan bhi hai.
Me: tum thoda rest karo me bahar jaa ke medicine and kuch khane ko le ata hun.
Me 30 minutes baad painkiller and khana le aya and humne jaldi se lunch kiya. Aur maine Preeti ko medicine diya and use hug kar ke so gaya.
Shaam ke 5 baje meri neend khuli Preeti abhi bhi soo rahi thi. Maine Preeti ko uthaya.
Me: utho ab pain kaisa hai baby?
Preeti: ab thik hai.
Me: tum rest karo me hit water bag me pani garm ke lata hun. Tum thodi sekai kar lena tab jaldi thik ho jayega.
Preeti: itni care kyun karte ho mera, isi baat ke liye toh me tumhare liye pagal hue rehti hun.
Me: kyun na karu jab itni pyari behen ho toh care karna he padta hai.
Us din hamne aur sex nahi kya maine Preeti ko rest lene diya. Next day morning jab meri ankh khuli toh Preeti uth chuki thi. Me bhi uth ke fresh ho ke Preeti ko dhundte hue kitchen me gaya. Dekha toh Preeti chai bana rahi thi.
Preeti: uth gaye chai ready hai pe lo.
Me: haan do, ab toh tumhara pain thik hai na.
Preeti: haan ab puri tarah se thik hai.
Kuch der baad humne breakfast kiya and niche aa ke tv dekhne lage. Tabhi uncle ka call aya-
Uncle: hello yaha pe sab kaam ho gaya hai hum shaam tak wapas aa jayenge. Ghar pe sab thik hai na?
Preeti: ok papa aram se aaiye aap log yaha sab thik hai.
Preeti: me jaa ke naha leti hun.
Me: haan thik hai jaao.
Preeti towel utha ke washroom mein chali jaati hai.
Mein 5 min tak wahi baitha reha hu sochte hua ki meri kismat kitni achi hai Preeti meri apni cousin mere se chud rahi hai. Kal ke baare me soch raha tha and mera lund khada ho gaya. Maine socha uncle aunty ke aane se pehle aur ek baar Preeti ko chod he leta hun unke ane ke baad milega bhi ya nahi.
Aur me washroom ki taraf badha aur jab maine bathroom ke door open kiya toh dekha Preeti wall ki taraf face kiya hua hai aur aram se naha rahi hai koi gana gungunate hua.
Piche se Preeti ki chikni peeth ek dam saaf aur makhmali dudh jaisi safed thi. Aur Preeti ki gaand to jaise seb ko do hisso mein kaat diya ho. Ekdam prefect shape thi uski gaand.
Ye najara dekhte hua mera lund firse khada hua ja raha tha. Me dhire se jaake Preeti ko piche se apni baahon mein pakad liya aur uski gaand pe apna lund daba diya.
Preeti: aahh kya kar rahe ho ohhhhhh..
Fir maine apne hoth piche se uski gardan par rakh diye aur chumne laga.
Preeti: aahh mmmmm uffffff.. Preeti siskariyaan lene lagi..
Maine Preeti ke hath ko piche laya aur ek hath se uske dono hatho mein apna elbow tak daal ke usko pakad liya. Preeti ke rasile chuche ab diwar se dab gaye the aur maine jor se Preeti ki gaand pe thappad lagaya.
Preeti: aahhh mmmm dard hota hai..
Mai: is dard ka bhi ek alag hi maja hai meri jaan… Aur ek aur jor se thappad laya uski gori chikni gaand pe.. Aahhh ufffffffffffff… Preeti siskariyaan lene lagi.
Fir maine ek hath aage le jaake Preeti ke ek boobs ke aage rakh liya aur fir se usko diwar se daba diya. Uski ek chuchi ab mere pure hath mein thi aur mein apni ungliyon ko uske nipple pe ragadne laga.
Preeti ki saansein tej hone lagi. Aur maine apne honth Preeti ki gardan pe rakh kar chumte aur chuste hua kabhi uske kandhe pe chale jata to kabhi peeth se hota hua uski kamar tak apne hontho ko ragadta. To kabhi apni jeebh se uske pure badan ko chatne lagta.
Mera lund Preeti ki gaand pe daba hua tha aur uski chut ki garmi mujhe apne lund pe feel ho rahi thi.
Thodi der baad Preeti ne apna ek hath piche laake mere lund ko pakad liya. Uske hatho ka sparsh mere lund me current dor gaye, aur mera lund to jaise pathhar ho gaya tha.
Ab Preeti mere lund pe apne komal hatho se muth maar rahi thi. Meri aankhein band hui jaa rahi thi maje mein.
Fir maine apna dusra hath aage le jaake Preeti ki makhmali jaangho ke bich mein rakh diya aur uski chut ke upar apni ungliyon se dheere dheere masalne laaga.
Preeti: mmm aahhh mmm ohh aahhhhhh yessssss…
Ab mein apne hatho se uski chut ko speed se masalne laga tha aur uske hath ab mere lund pe jor se pakde hua the bas. Usne muth marna band kar diya tha aur apni gaand ko aage piche karke mere hatho se apni chut masalwa rahi thi.
Fir maine apna hath piche khich ke Preeti ki gori chikni gaand pe jor se thappad lagaya. Preeti ke muh se cheekh nikal gayi.
Preeti: aahhhhhhh…
Mai: *uske kaano ke pass jaake* Preeti bolo ab kya karu?
Preeti: aahh pleaseeee meri chut bahut gili ho chuki hai please ise chod chod ke paani nikal do.
Mai: mmm bol tu meri hai bas aur mujhse hi chudwayegi.
Preeti: aahh mein sirf aur sirf tumhari hi hu. Tum hi meri chut ke malik ho ab se aahh… Please ab chod do meri chut ko mmmmm ohh yesssss..
Maine fir Preeti ke pet ke aage hath le jaake piche ki aur khich liya jis se uski gaand bahar aa gayi thi.
Fir uski tangein chodi karke apna lund uski chut ke muh pe rakha aur uski chut ke daane pe apne lund ko ragadne laga. Uski chut sach mein bahut gili ho rahi thi.
Uski chut ka ras ris ris kar shower ke paani se saaf ho raha tha. Fir Preeti ke hath piche laa ke apne ek hath se uske dono hatho mein ghusa ke elbow tak pakad liya aur uske chuche diwar se dab gaye.
Preeti: aahh ab aur raha nahi jata ghusa do apne lund meri chut mein ufff ahhhhhh…
Maine ek hi dhakke mein apna lund jad tak Preeti ki rasili ras tapkati hui chut mein pel diya. Preeti ke muh se cheekh nikal gayi aur wo haafne lagi.
Fir maine ek baar firse pura lund bahar nikal aur ek jordar dhakke se firse uski chut mein utaar diya. Preeti ke muh se firse ek jordar cheekh nikal gayi.
Is baar maine Preeti ke muh pe apna hath rakh diya tha taaki awaj neighbours tak na jaayee. Ab dusre hath se maine Preeti ke baalon ko piche khich liya aur uski chut pe pehle dheere dheere dhakke lagane laga.
Najara bahut hi madhosh karne wala tha. Preeti apne cousin ka lund apni rasili chut mein ek randi ki tarah le rahi thi. Uski baalon ko ghode ki lagam ki tarah bana ke uski chut ki sawari karne laga, Preeti ki cheekh ab siskariyon mein badal gayi thi.
Preeti: aah mmm oh yesssss bahhutttt maaajjjaaaa aa rahhhhaaa hai ufffffff…
Mai: aahh Preeti bahut hi tight chut hai teri.. Meri sexy behen mmmm oh yesssssss..
And Preeti ki chut mein apne lund ko bade bade dhakke laga ke jad tak pelne laga. Mano Preeti ki chut ki chatni ban rahi ho kut kut ke. Fir maien Preeti ke baal fir se piche khice aur uski chut mein jor jor dhakke lagate hua uski gaand pe dusre hath se aur jor se thapad lagaya.
Preeti: aahh ufff kya mast chodte ho aaahhhh mmmmm aur jor se chodo mmm aahh yesss…
Mai: aahh Preeti uuufff tum ab bas meri ho oooh shit fuck..
Fir maine Preeti ki chut mein dhakke lagate hua uski gaand ko apne ek hath se masalne aur sehlane laga. Kuch der baad maine Preeti ki gaand ke ched mein apni index finger dheere se ghusa di..
Preeti chudai ke maje le rahi thi to use itna dard nahi hua. Ab mein Preeti ki chut ko apne lund se aur Preeti ki gaand ke ched ko apni ungli se chod raha tha. Lagbhag 15 min ki chudai ke baad Preeti jor se boli-
Preeti: aahh fuckk ruko mat please ahahh yess fuck mai harder oh my goddd aaahh aaahh…
Mujhe samjh me aa gaya ki Preeti jhadne wali hai maine fir gaand ke ched use ungli nikal kar uski gaand pe ek jor se thappad lagaya. Aur uske baalon ko ghode ke lagam bana kar fir se uski chut ki chudai karne laga.
Preeti: aahh mm aahh yess fuck me haarddder ruko mat pleaseee yess yess yess yess aise he aaah..
Mai: aahh mmm yes Preeti apni chut mein jad tak kha jao mere lund ko aahhhh ufff yess…
Preeti: aahh please aur jor se chodo mmm aaahh aaahh…
Ye word Preeti ke muh se sunke pata nahi kyon mera lund aur hard ho gaya. Maine ek hath se uske baal piche khiche aur dusre hath se uske gale ko pakad ke uski chut mein jor jor se dhakke laga kar chodne laga.
Karib 1-2 minutes lagatar dhakko ke sath Preeti ki siskariyaan bhadne lagi aur jor jor se haafne lagi.
Preeti: aahh aahh fuckk meeiiinnnn jhaadddd rhiiii huuu aahhh yessss oohhhhhh aaaahh fuckkkkk…
Mein ruka aur Preeti ko apne lund ke upar aram se jhadne diya. Mujhe uski chut se ras behta hua meri jaanghon tak feel ho raha tha. Karib karib uski chut 7-8 jhatke kha kar jhad gayi mere lund pe.
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My Married Cousin Sister Asma
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Coming to the story Asma she is my cousin sister i.e. Daughter of my father’s elder sister. Her name is Asma age is 30 yrs. Married to a medical representative in Mumbai. She is fair height 5.6 inches and has a perfect figure 36 32 38. With beautiful butts. She is the only daughter to my aunty. She is married in 2008 but no kid till now. As medical representative have to travel a lot my jiju is a regional manager in zydus pharmaceutical. He has sangli kolhapur satara district in his region every month he has to travel to these cities for the promotion of medicines. As well as Hubli (Karnataka) his native place where his mom and dad and other relatives stay there. This is the time when my sister will alone at home for 4-5 days or she will come to Pune. My jiju cannot drop my sister to pune because he travels with his colleagues. Whenever I go to Mumbai for any work I halt at my sister’s house. We go for shopping, bandstand, chowpaty and other places
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As well as Hubli (Karnataka) his native place where his mom and dad and other relatives stay there. This is the time when my sister will alone at home for 4-5 days or she will come to Pune. My jiju cannot drop my sister to pune because he travels with his colleagues. Whenever I go to Mumbai for any work I halt at my sister’s house. We go for shopping, bandstand, chowpaty and other places. I used to touch her boobs and ass while traveling in local train also while walking.
This incident happened in July when I visited Mumbai for a job interview. I arrived a day before as interview was at 10 am so it was too difficult traveling to Mumbai in morning. I went there at 4 pm she opened the door and welcomed she was wearing a top and leggings with no dupatta her 36o boobs were looking huge as the top was tight. I got settled on the sofa and she gave me a glass of water. Later I got fresh up she served me lunch we together had it.
We had a casual chat I asked her about jiju she said he is out of the city for 3-4 days. She asked me what’s my plan for today I said nothing she told me can we go for shopping. I said ok. She got ready and we both went for shopping. We took her bike I drive till railway station we parked the bike at the station and took local to dadar. She exchanged her old ring and took new from a jeweler. She took some lingerie’s I was feeling good as the salesgirl asked her that I am his husband.
She looked at me and gave a smile and said yes to the sales girl. Meanwhile, I was enjoying her ass touches as there was a rush in that shop I was standing very close to her and enjoying each and every touch. She took two pairs. After that, we had a cappuccino at CCD and went back to the station to board a train to mulund. As it was 8 pm too much of rush at dadar station we somehow boarded in handicap compartment as there were 4-5 families already there was no place to sit so we had to stand near the door. As it was rush we were standing face to face I had placed my hands on her waist for her protection.
After few minutes a next station arrived and some more passengers boarded the train now the compartment was packed, my hands were on either side of my sister I had placed my hand just above her ass she did not say anything what a feeling it was I was out of control my dick was full erect feeling her body. I was able to feel her panty linings. I also touched her ass many times in our journey.
As our station was about to arrive she stood before me I was in such a position that my erect dick was touching her ass I had placed my hand just above her ass. Passengers were pushing me so my dick was strongly touching her ass. I was enjoying each and every movement. As the station arrived I got down with her in the same position. After that, we reached home as it was 9 pm.
I got fresh up changed my clothes and wore my track pant and t-shirt. As she was also tired so ordered food from the hotel. We had our dinner at 10 pm we had a casual chat while watching tv. It was around 11 pm now. She told me that I should sleep in her bedroom as I was too hot in the hall as her bedroom has an a/c. I said her I will be comfortable in the hall. She forced me to accompany her in the bedroom. I told her to sleep on the bed I will sleep down. She said no we both can together acquire bed. I said ok and I laid on her bed.
[url=http://mediax.dscgirls.live/p/home?affid=2&oid=4&source_id=ISS&sub1=web&sub2=outstream&sub3=instory-outstream&sub4=DSC_Preroll_UPI_2.mp4][/url]
Now it was 11.40 pm she came after finishing her work. She took her nighty for wardrobe and went in the bathroom to change. She returned wearing a blue color satin nighty. My dick was hard seeing her I became very horny looking at my cousin’s figure in nighty.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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She switched off the lights and on night lamp. She came and lied beside me and started chatting about my life. I also started to ask about her life. She felt sad as I asked her why u don’t have a child after so many years of marriage.
Later she told me that her husband smokes a lot of 3-4 packets a day that’s the reason they did not have a child and started crying. I tried to make her calm down. She was quite in few minutes.
Is there something I can help you with. I asked my sis.
She said what help you can do ???
I told her can I give you a child.
She looked at my face and said no you can’t you are my cousin brother.
I said that’s not a problem I can help you out.
She said my husband is trying so hard for me to get pregnant.
We are been doing that for the last 7 years. It still has happened.
The doctor told him his sperm counts so low that there are very fewer chances of me getting pregnant. Do you really mean that? Would you really like to help me get pregnant?
I said “Sure I would help in any way if I could ” if you really want me too, and I will never tell anyone about our secret.
She stared at me for a minute and said do whatever you want but please make me pregnant. And she agreed after convincing her a lot.
I started kissing on her lips and gave her smooch. She responded to my action soon. We were hugging each other rolling all over the bed, kissing each other. She was wearing nighty, I started unzipping her nighty, and she was much co-operative.
We kneed on the bed and she raised her hands to take off her nighty. She was wearing panty only, no bra. her panty was of pink color. Her boobs were hanging in front of me. I sucked her 1 boob while pressing the other one for about 10 minutes. She did the same to take off my t-shirt.
We were still on our knees. I could never resist and started hugging kissing her boobs and around. She held my butts tightly to her, as my hard dick touched her, she was hot now and hold my butts still tighter and reached my neck hugging with her.
When it was on the go, I slowly placed my hands on her ass and slowly lowered her panty. She had the most beautiful pussy and such a snow white fleshy skin. I removed my pant and inner wear too. She was shocked by seeing my 6.5 inches thick penis. And gave me a tight hug. We hugged each other with nude body and I realized the heat of her body in mine. I dragged my tongue all over her body and boobs especially.
She was so curious and hold my back hair and guided me from her boobs to belly. She raised and turned me down and started kissing me from top to bottom. I was not shy when she was doing this stuff. I was nude before my cousin sister, but she was also very shy to look me nude in dim lights so I switch on the lights. When she was trying to touch my dick then I voluntarily took her hands and lead her to touch my hard dick. She made a feather touch, and my dick was hard up.
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Now it was time to fuck my sister my penis became as hard and pre-cum wet on my penis head. I lay her down on bed as she opened her legs, her pussy lips split open and I could see the dark pink inner lips and I placed my hard dick on her cunt slowly I started to enter my dick in her pussy I guided the head of my dick, and slowly slid it in to her tight pussy. It was so warm, moist, soft. I slowly began pumping and feeling the walls of my cousins sweet pussy. I buried my dick all the way until my balls in her hot cunt.
After a stand still silence, I gradually started moving my dick in and out. She was moaning and told me to do slowly uuuuufffff aaaahh aaaahh uuufffff aaaahh aaaahh uuuuufffff aaaahh aaaahh. She wrapped her legs around my waist and began pulling her cunt up at my dick. She made my dick enter even deeper inside of her cunt. I continued thrusting my dick in and out of her sweet pussy, the sensation was unexplainable. I started fucking mom with my full strength and stamina.
She was hugging me so tightly and moaning slowly aaaaauu uuu yeess aaaahhhh aaaahhhuu. I pumped her for 10-15 minutes with full speed. I increased my speed and filled her vagina with my thick and warm semen. I collapsed on the bed, I was fully exhausted. It was so good to sleep on nude with my sister after a long fucking session.
She told me that she never had this type of orgasm with her husband. We slept for 20 minutes. She asked me if I was ready for another session, and I responded enthusiastically. I rolled on her and spread her legs with mine. And said yes with a smile. My dick was hard again as an iron rod.
As she opened her legs. I placed my penis on her virginal lips. I gave a full strength and inserted my dick in her vagina. I fucked her for 20 minutes and ejaculated my juice in her sweet pussy. And slept nude for the whole night.
The next morning we woke up late due to the fun we had last night. I was unable to go for my interview. I called my dad and said the interview was postponed for tomorrow. I stayed there for 2 more days and enjoyed a lot. We have 7 more fucking sessions in those 2 days. While leaving she gave me tight hug and said I will inform you when your jiju will go out for his business tour. I never had such a thrill in my life as fucking my cousin.
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मेरी विवाहित चचेरी बहन अस्मा
.
मेरी चचेरी बहन अस्मा के साथ मेरे रिश्ते की कहानी.. तो मैं एक नई कहानी के साथ वापस आ गया हूँ। कृपया मुझे बताएँ।
कहानी पर आते हैं अस्मा, वह मेरी चचेरी बहन है यानी मेरे पिता की बड़ी बहन की बेटी। उसका नाम अस्मा है, उम्र 30 साल है। मुंबई में एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से शादी की है। उसकी लंबाई 5.6 इंच है और उसका फिगर 36 32 38 है। सुंदर नितंबों के साथ। वह मेरी मौसी की इकलौती बेटी है। उसकी शादी 2008 में हुई थी, लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव होने के कारण मुझे बहुत यात्रा करनी पड़ती है, मेरे जीजू ज़ाइडस फार्मास्युटिकल में क्षेत्रीय प्रबंधक हैं। उनके क्षेत्र में सांगली कोल्हापुर सतारा जिला है, उन्हें हर महीने दवाओं के प्रचार के लिए इन शहरों की यात्रा करनी पड़ती है। साथ ही हुबली (कर्नाटक) उनका पैतृक स्थान है जहाँ उनके माता-पिता और अन्य रिश्तेदार रहते हैं। यह वह समय है जब मेरी बहन 4-5 दिनों के लिए घर पर अकेली रहती है या वह पुणे आ जाती है। मेरे जीजू मेरी बहन को पुणे नहीं छोड़ सकते क्योंकि वे अपने सहकर्मियों के साथ यात्रा करते हैं। जब भी मैं किसी काम से मुंबई जाता हूँ तो मैं अपनी बहन के घर रुकता हूँ। हम खरीदारी करने, बैंडस्टैंड, चौपाटी और अन्य जगहों पर जाते हैं। मैं लोकल ट्रेन में यात्रा करते समय और चलते समय भी उसके स्तन और नितंबों को छूता था।
यह घटना जुलाई में हुई जब मैं नौकरी के लिए इंटरव्यू देने मुंबई गया था। मैं एक दिन पहले पहुँच गया क्योंकि इंटरव्यू सुबह 10 बजे था इसलिए सुबह मुंबई जाना बहुत मुश्किल था। मैं शाम 4 बजे वहाँ गया, उसने दरवाज़ा खोला और स्वागत किया, उसने बिना दुपट्टे के एक टॉप और लेगिंग पहनी हुई थी, उसके 360 के स्तन बहुत बड़े दिख रहे थे क्योंकि टॉप टाइट था। मैं सोफे पर बैठ गया और उसने मुझे एक गिलास पानी दिया। बाद में मैं फ्रेश हुआ, उसने मुझे लंच परोसा और हमने साथ में खाया।
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meree chacheree bahan asma ke saath mere rishte kee kahaanee.. to main ek naee kahaanee ke saath vaapas aa gaya hoon. krpaya mujhe bataen.
kahaanee par aate hain asma, vah meree chacheree bahan hai yaanee mere pita kee badee bahan kee betee. usaka naam asma hai, umr 30 saal hai. mumbee mein ek medikal riprejentetiv se shaadee kee hai. usakee lambaee 5.6 inch hai aur usaka phigar 36 32 38 hai. sundar nitambon ke saath. vah meree mausee kee ikalautee betee hai. usakee shaadee 2008 mein huee thee, lekin abhee tak koee bachcha nahin hai. medikal riprejentetiv hone ke kaaran mujhe bahut yaatra karanee padatee hai, mere jeejoo zaidas phaarmaasyutikal mein kshetreey prabandhak hain. unake kshetr mein saangalee kolhaapur sataara jila hai, unhen har maheene davaon ke prachaar ke lie in shaharon kee yaatra karanee padatee hai. saath hee hubalee (karnaatak) unaka paitrk sthaan hai jahaan unake maata-pita aur any rishtedaar rahate hain. yah vah samay hai jab meree bahan 4-5 dinon ke lie ghar par akelee rahatee hai ya vah pune aa jaatee hai. mere jeejoo meree bahan ko pune nahin chhod sakate kyonki ve apane sahakarmiyon ke saath yaatra karate hain. jab bhee main kisee kaam se mumbee jaata hoon to main apanee bahan ke ghar rukata hoon. ham khareedaaree karane, baindastaind, chaupaatee aur any jagahon par jaate hain. main lokal tren mein yaatra karate samay aur chalate samay bhee usake stan aur nitambon ko chhoota tha.
yah ghatana julaee mein huee jab main naukaree ke lie intaravyoo dene mumbee gaya tha. main ek din pahale pahunch gaya kyonki intaravyoo subah 10 baje tha isalie subah mumbee jaana bahut mushkil tha. main shaam 4 baje vahaan gaya, usane daravaaza khola aur svaagat kiya, usane bina dupatte ke ek top aur leging pahanee huee thee, usake 360 ke stan bahut bade dikh rahe the kyonki top tait tha. main sophe par baith gaya aur usane mujhe ek gilaas paanee diya. baad mein main phresh hua, usane mujhe lanch parosa aur hamane saath mein khaaya
.मेरी चचेरी बहन अस्मा के साथ मेरे रिश्ते की कहानी.. तो मैं एक नई कहानी के साथ वापस आ गया हूँ। कृपया मुझे बताएँ।
कहानी पर आते हैं अस्मा, वह मेरी चचेरी बहन है यानी मेरे पिता की बड़ी बहन की बेटी। उसका नाम अस्मा है, उम्र 30 साल है। मुंबई में एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से शादी की है। उसकी लंबाई 5.6 इंच है और उसका फिगर 36 32 38 है। सुंदर नितंबों के साथ। वह मेरी मौसी की इकलौती बेटी है। उसकी शादी 2008 में हुई थी, लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव होने के कारण मुझे बहुत यात्रा करनी पड़ती है, मेरे जीजू ज़ाइडस फार्मास्युटिकल में क्षेत्रीय प्रबंधक हैं। उनके क्षेत्र में सांगली कोल्हापुर सतारा जिला है, उन्हें हर महीने दवाओं के प्रचार के लिए इन शहरों की यात्रा करनी पड़ती है। साथ ही हुबली (कर्नाटक) उनका पैतृक स्थान है जहाँ उनके माता-पिता और अन्य रिश्तेदार रहते हैं। यह वह समय है जब मेरी बहन 4-5 दिनों के लिए घर पर अकेली रहती है या वह पुणे आ जाती है। मेरे जीजू मेरी बहन को पुणे नहीं छोड़ सकते क्योंकि वे अपने सहकर्मियों के साथ यात्रा करते हैं। जब भी मैं किसी काम से मुंबई जाता हूँ तो मैं अपनी बहन के घर रुकता हूँ। हम खरीदारी करने, बैंडस्टैंड, चौपाटी और अन्य जगहों पर जाते हैं। मैं लोकल ट्रेन में यात्रा करते समय और चलते समय भी उसके स्तन और नितंबों को छूता था।
यह घटना जुलाई में हुई जब मैं नौकरी के लिए इंटरव्यू देने मुंबई गया था। मैं एक दिन पहले पहुँच गया क्योंकि इंटरव्यू सुबह 10 बजे था इसलिए सुबह मुंबई जाना बहुत मुश्किल था। मैं शाम 4 बजे वहाँ गया, उसने दरवाज़ा खोला और स्वागत किया, उसने बिना दुपट्टे के एक टॉप और लेगिंग पहनी हुई थी, उसके 360 के स्तन बहुत बड़े दिख रहे थे क्योंकि टॉप टाइट था। मैं सोफे पर बैठ गया और उसने मुझे एक गिलास पानी दिया। बाद में मैं फ्रेश हुआ, उसने मुझे लंच परोसा और हमने साथ में खाया।
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हमने एक अनौपचारिक बातचीत की, मैंने उससे जीजू के बारे में पूछा, उसने कहा कि वह 3-4 दिनों के लिए शहर से बाहर गए हुए हैं। उसने मुझसे पूछा कि आज के लिए मेरी क्या योजना है, मैंने कहा कुछ नहीं, उसने मुझसे कहा कि क्या हम खरीदारी के लिए जा सकते हैं। मैंने कहा ठीक है। वह तैयार हो गई और हम दोनों खरीदारी के लिए चले गए। हमने उसकी बाइक ली, मैं रेलवे स्टेशन तक चला, हमने बाइक स्टेशन पर खड़ी की और लोकल से दादर गए। उसने अपनी पुरानी अंगूठी बदली और एक जौहरी से नई अंगूठी ली। उसने कुछ अधोवस्त्र लिए, मुझे अच्छा लग रहा था क्योंकि सेल्सगर्ल ने उससे पूछा कि मैं उसका पति हूं।
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराई और सेल्सगर्ल को हाँ कह दिया। इस बीच, मैं उसके नितंबों को छूने का आनंद ले रहा था क्योंकि उस दुकान में भीड़ थी, मैं उसके बहुत करीब खड़ा था और प्रत्येक स्पर्श का आनंद ले रहा था। उसने दो जोड़ी लीं। चूंकि रात के 8 बजे थे और दादर स्टेशन पर बहुत भीड़ थी, हम किसी तरह विकलांग डिब्बे में चढ़ गए क्योंकि वहां पहले से ही 4-5 परिवार थे, बैठने की कोई जगह नहीं थी इसलिए हमें दरवाजे के पास खड़ा होना पड़ा। चूंकि भीड़ थी, हम आमने-सामने खड़े थे, मैंने उसकी सुरक्षा के लिए अपने हाथ उसकी कमर पर रखे थे।
कुछ मिनटों के बाद अगला स्टेशन आ गया और कुछ और यात्री ट्रेन में चढ़ गए, अब डिब्बा भरा हुआ था, मेरे हाथ मेरी बहन के दोनों ओर थे, मैंने अपना हाथ उसकी गांड के ठीक ऊपर रखा था, उसने कुछ नहीं कहा, कैसा अहसास था, मैं नियंत्रण से बाहर हो गया था, उसका शरीर महसूस करते हुए मेरा लिंग पूरी तरह खड़ा हो गया था। मैं उसकी पैंटी की लाइनिंग को महसूस कर पा रहा था। मैंने हमारी यात्रा में कई बार उसकी गांड को भी छुआ।
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hamane ek anaupachaarik baatacheet kee, mainne usase jeejoo ke baare mein poochha, usane kaha ki vah 3-4 dinon ke lie shahar se baahar gae hue hain. usane mujhase poochha ki aaj ke lie meree kya yojana hai, mainne kaha kuchh nahin, usane mujhase kaha ki kya ham khareedaaree ke lie ja sakate hain. mainne kaha theek hai. vah taiyaar ho gaee aur ham donon khareedaaree ke lie chale gae. hamane usakee baik lee, main relave steshan tak chala, hamane baik steshan par khadee kee aur lokal se daadar gae. usane apanee puraanee angoothee badalee aur ek jauharee se naee angoothee lee. usane kuchh adhovastr lie, mujhe achchha lag raha tha kyonki selsagarl ne usase poochha ki main usaka pati hoon.
usane meree taraph dekha aur muskuraee aur selsagarl ko haan kah diya. is beech, main usake nitambon ko chhoone ka aanand le raha tha kyonki us dukaan mein bheed thee, main usake bahut kareeb khada tha aur pratyek sparsh ka aanand le raha tha. usane do jodee leen. choonki raat ke 8 baje the aur daadar steshan par bahut bheed thee, ham kisee tarah vikalaang dibbe mein chadh gae kyonki vahaan pahale se hee 4-5 parivaar the, baithane kee koee jagah nahin thee isalie hamen daravaaje ke paas khada hona pada. choonki bheed thee, ham aamane-saamane khade the, mainne usakee suraksha ke lie apane haath usakee kamar par rakhe the.
kuchh minaton ke baad agala steshan aa gaya aur kuchh aur yaatree tren mein chadh gae, ab dibba bhara hua tha, mere haath meree bahan ke donon or the, mainne apana haath usakee gaand ke theek oopar rakha tha, usane kuchh nahin kaha, kaisa ahasaas tha, main niyantran se baahar ho gaya tha, usaka shareer mahasoos karate hue mera ling pooree tarah khada ho gaya tha. main usakee paintee kee laining ko mahasoos kar pa raha tha. mainne hamaaree yaatra mein kaee baar usakee gaand ko bhee chhua.
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जैसे ही हमारा स्टेशन आने वाला था, वह मेरे सामने खड़ी हो गई। मैं ऐसी स्थिति में था कि मेरा खड़ा लिंग उसकी गांड को छू रहा था। मैंने अपना हाथ उसकी गांड के ठीक ऊपर रखा था। यात्री मुझे धक्का दे रहे थे, इसलिए मेरा लिंग उसकी गांड को जोर से छू रहा था। मैं हर हरकत का आनंद ले रहा था। जैसे ही स्टेशन आया, मैं उसी स्थिति में उसके साथ नीचे उतर गया। उसके बाद, हम घर पहुँचे, क्योंकि रात के 9 बज चुके थे।
मैंने फ्रेश होकर अपने कपड़े बदले और ट्रैक पैंट और टी-शर्ट पहनी। चूंकि वह भी थकी हुई थी, इसलिए होटल से खाना मंगवाया। हमने रात 10 बजे खाना खाया और टीवी देखते हुए कुछ देर बातें कीं। अब रात के करीब 11 बज रहे थे। उसने मुझसे कहा कि मुझे उसके बेडरूम में सोना चाहिए, क्योंकि मुझे हॉल में बहुत गर्मी लग रही थी, क्योंकि उसके बेडरूम में एसी है। मैंने उससे कहा कि मैं हॉल में आराम से सो जाऊँगा। उसने मुझे अपने साथ बेडरूम में ले जाने के लिए मजबूर किया। मैंने उससे कहा कि वह बिस्तर पर सो जाए, मैं नीचे सो जाऊँगा। उसने कहा कि नहीं, हम दोनों साथ में बिस्तर ले सकते हैं। मैंने कहा ठीक है और मैं उसके बिस्तर पर लेट गया।
अब रात के 11.40 बज चुके थे, वो अपना काम खत्म करके आई। उसने अपनी नाइटी अलमारी में रख दी और कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में चली गई। वो नीले रंग की साटन की नाइटी पहनकर वापस आई। उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं अपनी चचेरी बहन की नाइटी में फिगर देखकर बहुत उत्तेजित हो गया।
उसने लाइट बंद कर दी और नाइट लैंप जला दिया। वो मेरे पास आकर लेट गई और मेरी ज़िंदगी के बारे में बातें करने लगी। मैंने भी उसकी ज़िंदगी के बारे में पूछना शुरू कर दिया। जब मैंने उससे पूछा कि शादी के इतने सालों बाद भी तुम्हें बच्चा क्यों नहीं हुआ, तो उसे दुख हुआ।
बाद में उसने मुझे बताया कि उसका पति दिन में 3-4 पैकेट सिगरेट पीता है, यही वजह है कि उन्हें बच्चा नहीं हुआ और वो रोने लगी। मैंने उसे शांत करने की कोशिश की। वो कुछ ही मिनटों में शांत हो गई।
क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ? मैंने अपनी बहन से पूछा।
उसने कहा कि तुम क्या मदद कर सकती हो???
मैंने उससे कहा कि क्या मैं तुम्हें बच्चा दे सकता हूँ।
उसने मेरे चेहरे की तरफ़ देखा और कहा कि नहीं तुम नहीं दे सकते, तुम मेरे चचेरे भाई हो।
मैंने कहा कि यह कोई समस्या नहीं है, मैं आपकी मदद कर सकता हूँ।
उसने कहा कि मेरे पति मुझे गर्भवती करने के लिए बहुत कोशिश कर रहे हैं।
हम पिछले 7 सालों से ऐसा कर रहे हैं। यह अभी भी हुआ है।
डॉक्टर ने उसे बताया कि उसके शुक्राणुओं की संख्या इतनी कम है कि मेरे गर्भवती होने की संभावना बहुत कम है। क्या तुम सच में ऐसा कहना चाहती हो? क्या तुम सच में मुझे गर्भवती होने में मदद करना चाहोगी?
मैंने कहा “ज़रूर, अगर मैं कर सकता हूँ तो मैं किसी भी तरह से मदद करूँगा” अगर तुम सच में चाहती हो, और मैं कभी भी किसी को हमारे रहस्य के बारे में नहीं बताऊँगा।
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jaise hee hamaara steshan aane vaala tha, vah mere saamane khadee ho gaee. main aisee sthiti mein tha ki mera khada ling usakee gaand ko chhoo raha tha. mainne apana haath usakee gaand ke theek oopar rakha tha. yaatree mujhe dhakka de rahe the, isalie mera ling usakee gaand ko jor se chhoo raha tha. main har harakat ka aanand le raha tha. jaise hee steshan aaya, main usee sthiti mein usake saath neeche utar gaya. usake baad, ham ghar pahunche, kyonki raat ke 9 baj chuke the.
mainne phresh hokar apane kapade badale aur traik paint aur tee-shart pahanee. choonki vah bhee thakee huee thee, isalie hotal se khaana mangavaaya. hamane raat 10 baje khaana khaaya aur teevee dekhate hue kuchh der baaten keen. ab raat ke kareeb 11 baj rahe the. usane mujhase kaha ki mujhe usake bedaroom mein sona chaahie, kyonki mujhe hol mein bahut garmee lag rahee thee, kyonki usake bedaroom mein esee hai. mainne usase kaha ki main hol mein aaraam se so jaoonga. usane mujhe apane saath bedaroom mein le jaane ke lie majaboor kiya. mainne usase kaha ki vah bistar par so jae, main neeche so jaoonga. usane kaha ki nahin, ham donon saath mein bistar le sakate hain. mainne kaha theek hai aur main usake bistar par let gaya.
ab raat ke 11.40 baj chuke the, vo apana kaam khatm karake aaee. usane apanee naitee alamaaree mein rakh dee aur kapade badalane ke lie baatharoom mein chalee gaee. vo neele rang kee saatan kee naitee pahanakar vaapas aaee. use dekhakar mera land khada ho gaya, main apanee chacheree bahan kee naitee mein phigar dekhakar bahut uttejit ho gaya.
usane lait band kar dee aur nait laimp jala diya. vo mere paas aakar let gaee aur meree zindagee ke baare mein baaten karane lagee. mainne bhee usakee zindagee ke baare mein poochhana shuroo kar diya. jab mainne usase poochha ki shaadee ke itane saalon baad bhee tumhen bachcha kyon nahin hua, to use dukh hua.
baad mein usane mujhe bataaya ki usaka pati din mein 3-4 paiket sigaret peeta hai, yahee vajah hai ki unhen bachcha nahin hua aur vo rone lagee. mainne use shaant karane kee koshish kee. vo kuchh hee minaton mein shaant ho gaee.
kya main tumhaaree kuchh madad kar sakata hoon? mainne apanee bahan se poochha.
usane kaha ki tum kya madad kar sakatee ho???
mainne usase kaha ki kya main tumhen bachcha de sakata hoon.
usane mere chehare kee taraf dekha aur kaha ki nahin tum nahin de sakate, tum mere chachere bhaee ho.
mainne kaha ki yah koee samasya nahin hai, main aapakee madad kar sakata hoon.
usane kaha ki mere pati mujhe garbhavatee karane ke lie bahut koshish kar rahe hain.
ham pichhale 7 saalon se aisa kar rahe hain. yah abhee bhee hua hai.
doktar ne use bataaya ki usake shukraanuon kee sankhya itanee kam hai ki mere garbhavatee hone kee sambhaavana bahut kam hai. kya tum sach mein aisa kahana chaahatee ho? kya tum sach mein mujhe garbhavatee hone mein madad karana chaahogee?
mainne kaha “zaroor, agar main kar sakata hoon to main kisee bhee tarah se madad karoonga” agar tum sach mein chaahatee ho, aur main kabhee bhee kisee ko hamaare rahasy ke baare mein nahin bataoonga.
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उसने मुझे एक मिनट तक घूरा और कहा कि जो भी करना है करो लेकिन प्लीज मुझे प्रेग्नेंट कर दो। और बहुत समझाने के बाद वह मान गई।
मैंने उसके होठों पर किस करना शुरू किया और उसे चूमा। उसने जल्द ही मेरी हरकत का जवाब दिया। हम एक दूसरे को गले लगा रहे थे और बिस्तर पर लोट रहे थे, एक दूसरे को चूम रहे थे। उसने नाइटी पहनी हुई थी, मैंने उसकी नाइटी खोलनी शुरू की, और वह बहुत सहयोग कर रही थी।
हम बिस्तर पर घुटने टेके और उसने अपनी नाइटी उतारने के लिए अपने हाथ ऊपर उठाए। उसने सिर्फ़ पैंटी पहनी हुई थी, ब्रा नहीं। उसकी पैंटी गुलाबी रंग की थी। उसके स्तन मेरे सामने लटक रहे थे। मैंने उसके एक स्तन को चूसा और दूसरे को करीब 10 मिनट तक दबाया। उसने भी मेरी टी-शर्ट उतारने के लिए ऐसा ही किया।
हम अभी भी घुटनों के बल पर थे। मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसके स्तनों और आस-पास चूमना शुरू कर दिया। उसने मेरे नितंबों को कसकर पकड़ लिया, जैसे ही मेरा कठोर लिंग उसके स्पर्श में आया, वह अब गर्म हो गई थी और उसने मेरे नितंबों को और भी कसकर पकड़ लिया और मेरी गर्दन तक पहुँच गई।
जब यह चल रहा था, मैंने धीरे से अपने हाथ उसकी गांड पर रखे और धीरे से उसकी पैंटी नीचे कर दी। उसकी चूत बहुत ही खूबसूरत थी और उसकी त्वचा बर्फ की तरह सफ़ेद और मांसल थी। मैंने अपनी पैंट और इनरवियर भी उतार दिए। मेरा 6.5 इंच मोटा लिंग देखकर वह चौंक गई। और मुझे कसकर गले लगा लिया। हमने नग्न शरीर से एक दूसरे को गले लगाया और मुझे उसके शरीर की गर्मी का एहसास हुआ। मैंने अपनी जीभ उसके पूरे शरीर और खास तौर पर स्तनों पर घुमाई।
वह बहुत उत्सुक थी और उसने मेरे पीछे के बालों को पकड़ लिया और मुझे अपने स्तनों से पेट तक ले गई। उसने मुझे उठाया और नीचे कर दिया और मुझे ऊपर से नीचे तक चूमना शुरू कर दिया। जब वह यह सब कर रही थी तो मैं शर्मिंदा नहीं था। मैं अपनी चचेरी बहन के सामने नग्न था, लेकिन वह भी मुझे कम रोशनी में नग्न देखने में बहुत शर्मीली थी इसलिए मैंने लाइट चालू कर दी। जब वह मेरे लिंग को छूने की कोशिश कर रही थी तो मैंने स्वेच्छा से उसका हाथ पकड़ लिया और उसे मेरे कठोर लिंग को छूने के लिए प्रेरित किया। उसने पंख से स्पर्श किया, और मेरा लिंग कठोर हो गया।
अब मेरी बहन को चोदने का समय आ गया था मेरा लिंग कठोर हो गया था और मेरे लिंग के सिर पर प्री-कम गीला हो गया था। मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया, जैसे ही उसने अपनी टाँगें खोलीं, उसकी चूत के होंठ खुल गए और मैं गहरे गुलाबी रंग के अंदरूनी होंठ देख सकता था और मैंने अपना कठोर लिंग उसकी योनि पर रखा, धीरे-धीरे मैंने अपना लिंग उसकी योनि में डालना शुरू किया, मैंने अपने लिंग के सिर को निर्देशित किया, और धीरे-धीरे उसे उसकी तंग योनि में सरका दिया। यह बहुत गर्म, नम, मुलायम थी। मैंने धीरे-धीरे पंप करना शुरू किया और अपनी चचेरी बहन की मीठी योनि की दीवारों को महसूस किया। मैंने अपना लिंग उसकी गर्म योनि में अपने अंडकोष तक पूरी तरह से दबा दिया।
एक स्थिर चुप्पी के बाद, मैंने धीरे-धीरे अपना लिंग अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। वह कराह रही थी और मुझे धीरे-धीरे करने के लिए कह रही थी उउउउफ़्फ़फ़्फ़ आआआह्ह आआआह्ह उउउफ़्फ़फ़्फ़ आआआह्ह आआआह्ह उउउउफ़्फ़फ़्फ़ आआआह्ह आआआह्ह। उसने अपनी टाँगें मेरी कमर के चारों ओर लपेट ली मैंने अपनी पूरी ताकत और सहनशक्ति के साथ माँ को चोदना शुरू कर दिया।
वह मुझे बहुत कसकर गले लगा रही थी और धीरे-धीरे कराह रही थी आआआऊ ऊऊ यस्स आआआह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह। मैंने उसे पूरी गति से 10-15 मिनट तक चोदा। मैंने अपनी गति बढ़ा दी और उसकी योनि को अपने गाढ़े और गर्म वीर्य से भर दिया। मैं बिस्तर पर गिर पड़ा, मैं पूरी तरह से थक गया था। लंबे चुदाई सत्र के बाद अपनी बहन के साथ नग्न होकर सोना बहुत अच्छा था।
उसने मुझे बताया कि उसे अपने पति के साथ इस तरह का संभोग कभी नहीं मिला। हम 20 मिनट तक सोए। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं एक और सत्र के लिए तैयार हूं, और मैंने उत्साह से जवाब दिया। मैं उसके ऊपर लुढ़क गया और अपने पैरों से उसकी टांगें फैला दीं। और मुस्कुराते हुए हाँ कहा। मेरा लिंग फिर से लोहे की छड़ की तरह सख्त हो गया था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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usane mujhe ek minat tak ghoora aur kaha ki jo bhee karana hai karo lekin pleej mujhe pregnent kar do. aur bahut samajhaane ke baad vah maan gaee.
mainne usake hothon par kis karana shuroo kiya aur use chooma. usane jald hee meree harakat ka javaab diya. ham ek doosare ko gale laga rahe the aur bistar par lot rahe the, ek doosare ko choom rahe the. usane naitee pahanee huee thee, mainne usakee naitee kholanee shuroo kee, aur vah bahut sahayog kar rahee thee.
ham bistar par ghutane teke aur usane apanee naitee utaarane ke lie apane haath oopar uthae. usane sirf paintee pahanee huee thee, bra nahin. usakee paintee gulaabee rang kee thee. usake stan mere saamane latak rahe the. mainne usake ek stan ko choosa aur doosare ko kareeb 10 minat tak dabaaya. usane bhee meree tee-shart utaarane ke lie aisa hee kiya.
ham abhee bhee ghutanon ke bal par the. main khud ko rok nahin paaya aur usake stanon aur aas-paas choomana shuroo kar diya. usane mere nitambon ko kasakar pakad liya, jaise hee mera kathor ling usake sparsh mein aaya, vah ab garm ho gaee thee aur usane mere nitambon ko aur bhee kasakar pakad liya aur meree gardan tak pahunch gaee.
jab yah chal raha tha, mainne dheere se apane haath usakee gaand par rakhe aur dheere se usakee paintee neeche kar dee. usakee choot bahut hee khoobasoorat thee aur usakee tvacha barph kee tarah safed aur maansal thee. mainne apanee paint aur inaraviyar bhee utaar die. mera 6.5 inch mota ling dekhakar vah chaunk gaee. aur mujhe kasakar gale laga liya. hamane nagn shareer se ek doosare ko gale lagaaya aur mujhe usake shareer kee garmee ka ehasaas hua. mainne apanee jeebh usake poore shareer aur khaas taur par stanon par ghumaee.
vah bahut utsuk thee aur usane mere peechhe ke baalon ko pakad liya aur mujhe apane stanon se pet tak le gaee. usane mujhe uthaaya aur neeche kar diya aur mujhe oopar se neeche tak choomana shuroo kar diya. jab vah yah sab kar rahee thee to main sharminda nahin tha. main apanee chacheree bahan ke saamane nagn tha, lekin vah bhee mujhe kam roshanee mein nagn dekhane mein bahut sharmeelee thee isalie mainne lait chaaloo kar dee. jab vah mere ling ko chhoone kee koshish kar rahee thee to mainne svechchha se usaka haath pakad liya aur use mere kathor ling ko chhoone ke lie prerit kiya. usane pankh se sparsh kiya, aur mera ling kathor ho gaya.
ab meree bahan ko chodane ka samay aa gaya tha mera ling kathor ho gaya tha aur mere ling ke sir par pree-kam geela ho gaya tha. mainne use bistar par leta diya, jaise hee usane apanee taangen kholeen, usakee choot ke honth khul gae aur main gahare gulaabee rang ke andaroonee honth dekh sakata tha aur mainne apana kathor ling usakee yoni par rakha, dheere-dheere mainne apana ling usakee yoni mein daalana shuroo kiya, mainne apane ling ke sir ko nirdeshit kiya, aur dheere-dheere use usakee tang yoni mein saraka diya. yah bahut garm, nam, mulaayam thee. mainne dheere-dheere pamp karana shuroo kiya aur apanee chacheree bahan kee meethee yoni kee deevaaron ko mahasoos kiya. mainne apana ling usakee garm yoni mein apane andakosh tak pooree tarah se daba diya.
ek sthir chuppee ke baad, mainne dheere-dheere apana ling andar-baahar karana shuroo kar diya. vah karaah rahee thee aur mujhe dheere-dheere karane ke lie kah rahee thee uuuuffaff aaaaahh aaaaahh uuuffaff aaaaahh aaaaahh uuuuffaff aaaaahh aaaaahh. usane apanee taangen meree kamar ke chaaron or lapet lee mainne apanee pooree taakat aur sahanashakti ke saath maan ko chodana shuroo kar diya.
vah mujhe bahut kasakar gale laga rahee thee aur dheere-dheere karaah rahee thee aaaaoo oooo yass aaaaahhh aaaaahhhh. mainne use pooree gati se 10-15 minat tak choda. mainne apanee gati badha dee aur usakee yoni ko apane gaadhe aur garm veery se bhar diya. main bistar par gir pada, main pooree tarah se thak gaya tha. lambe chudaee satr ke baad apanee bahan ke saath nagn hokar sona bahut achchha tha.
usane mujhe bataaya ki use apane pati ke saath is tarah ka sambhog kabhee nahin mila. ham 20 minat tak soe. usane mujhase poochha ki kya main ek aur satr ke lie taiyaar hoon, aur mainne utsaah se javaab diya. main usake oopar ludhak gaya aur apane pairon se usakee taangen phaila deen. aur muskuraate hue haan kaha. mera ling phir se lohe kee chhad kee tarah sakht ho gaya tha.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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