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Adultery रंगीली बीबी
Heart 
मामाजी- अभी कुछ समय के लिए तो बुझ ही गई… देखो कितना शान्त है और सॉरी यार.. इसी के कारण तो यह सब हुआ। जब तुम अंकुर का लण्ड चूस रही थी, तभी इसने तुम्हारे ये फूले हुए चूतड़ और चिकनी चूत को देख लिया था। फिर तो इसने बवाल ही खड़ा कर दिया और इसकी मर्जी के आगे मुझे झुकना ही पड़ा।

सलोनी- ओह भगवान… अपने वो सब देख लिया था… अब देखा ना आपने? वो तो ठण्डे होकर चले गए और मैं यहाँ… सच में मैं हल्की नींद में थी और तो यही समझी कि वो ही हैं मेरे पास…

मामाजी- अरे यार, कुछ गलत नहीं हुआ… तुम वो बताओ, जो बता रही थी।

सलोनी- वही तो बता रही हूँ… तब भी ऐसा ही हुआ था, हमारी शादी के कुछ दिनों बाद की बात है, हम जयपुर गए थे, मई का महीना था, बहुत गर्मी थी वहाँ पर… इनको कम्पनी की ओर से होटल का कमरा मिला था, पर ये अपने एक दोस्त के यहाँ रुके थे। शाहरूख नाम था उनका, अंकुर के बहुत पक्के दोस्त हैं।

सलोनी के मुख से यह बात सुन मुझे शाहरूख और वो पूरी घटना याद आ गई। वह बिल्कुल सच बोल रही थी… पर शाहरूख… क्या वह भी? यह जानकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ।

मैं ध्यान से आगे सुनने लगा…

सलोनी- मैं तो देखकर डर ही गई थी, वो शाहरूख साहब बहुत लम्बे-चौड़े थे और लम्बी दाढ़ी थी उनकी! पहले पहल तो देख कर ही डर लगा पर बाद में अच्छा लगने लगा। उनका स्वाभाव बहुत ही अच्छा था, बहुत ही मजाकिया थे तो बहुत जल्दी हम दोस्त बन गए।

बस एक ही परेशानी थी, मई महीने के आखिरी दिन थे, बहुत गर्मी थी, उनका घर एक ही कमरे का सेट था… मेरे पास भी बहुत ही हल्के कपड़े थे, शॉर्ट्स, स्कर्ट और हल्के छोटे टॉप वगैरा…

वैसे भी मुझे और अंकुर को मॉडर्न ड्रेसेज़ ही पसन्द हैं। फिर अब तो हम टूर पर थे तो मैंने वैसे कपड़े ही पहन रखे थे, नाइटी भी पारदर्शी और जांघों तक की ही थी। बस सफर के लिए ही मैंने कैप्री और शर्ट पहनी थी, उस में भी बहुत गर्मी लग रही थी।

15 दिन का टूर था, समझ नहीं आ रहा था कि क्या पहनूँ?

मगर सच अंकुर इस मामले में बहुत सुलझे हुए हैं, उन्होंने कहा- अरे यार क्यों तकल्लुफ करती हो? यह समझो हम बाहर ही हैं और कौन तुम्हें देख रहा है। यह शाहरूख तो वैसे भी खुद को खुदा के हवाले कर चुका है, इसीलिए इसने शादी तक नहीं की, इसको तुम से कोई मतलब नहीं…

मेरे मन से सभी शंका दूर हो गई और मैंने एक शार्ट और टॉप पहन लिया।

अंकुर को तो सब नॉर्मल ही लगा पर औरत तो गैर मर्द की आँखें एकदम समझ जाती है। शाहरूख मुझे चोर निगाहों से बार बार देख रहे थे, मुझे उनकी इस अदा पर हंसी ही आ रही थी तो मैंने इसको ज्यादा तूल नहीं दिया।

दो दिन तक तो सब ठीक रहा, शाहरूख हम दोनों से और भी ज्यादा खुल गए, हम एक साथ घूमने जाते, साथ साथ खेलते खाते। पर अंकुर अपने ऑफिस टूर पर थे तो जब अंकुर काम से जाते तो हम दोनों खूब बातें करते।

पर मैंने महसूस किया कि मेरे कपड़ों से बाहर झांकते जिस्म को देख वो शाहरूख साहब बेचैन हो जाते… पर इस सब में मुझे मजा ही आ रहा था इसलिए मैंने इस ओर कोई ज्यादा ध्यान नहीं दिया। हम सब एक ही कमरे में सोते थे, अंकुर और मैं तो उनके बेड पर और शाहरूख साहब नीचे अपना बिस्तर लगाते थे।

मगर तीसरी रात को मुसीबत आ ही गई वो भी अंकुर के कारण ही, उस रात अंकुर का मूड सेक्स का करने लगा। मैंने मना भी किया पर वो माने ही नहीं, बोले ‘अरे शाहरूख तो सो रहा है। कुछ नहीं होगा…!’

और उन्होंने मेरी कच्छी और ब्रा निकाल दी पर मैंने नाइटी नहीं निकालने दी, नाइटी वैसे भी बहुत छोटी और नेट वाली थी, उन्होंने उसको मेरी गर्दन तक सिमटा दिया और मेरी चूचियों और फ़ुद्दी को खूब चूसा।

मैं बहुत ही गर्म हो गई तो उन्होंने अपने लौड़े को भी मुझसे चुसवाया। मैं तो बिल्कुल भूल सी ही गई थी कि शाहरूख भाई भी इसी कमरे में सो रहे हैं। मैंने अपने होंठों से चूस-चूस कर ही उनके लण्ड का पानी निकाल दिया। उन्होंने फिर मेरे जिस्म से खेलना शुरू कर दिया, तभी उनके सेलफ़ोन पर किसी का मैसेज आ गया।

उन्हें उसी समय किसी से मिलने जाना पड़ गया था। उफ्फ… वो उनका ऑफिस का काम… और क्या… वो खुद तो शान्त हो गए थे पर मैं अभी भी अपनी अन्तर्वासना की आंच में सुलग रही थी… पर मैं कर ही क्या सकती थी?

ये अंकुर तो जाने कब तैयार होकर चले गए, पता ही नहीं चला, मुझे भी हल्की सी झपकी आ गई थी पर जिस्म में इतनी बेचैनी थी कि उठकर ब्रा पैंटी भी नहीं पहनी। बस नाइटी को थोड़ा सा सही करके लेट गई।

ये शायद जाते हुए मेरे बदन को चादर से ढक गए होंगे पर गर्मी के कारण वो मैंने खुद हटा दी होगी। इस बीच शाहरूख भाई उठे होंगे और उन्होंने मेरे नंगे अंगों को देख लिया था। यह बात उन्होंने ही मुझे बताई थी।

फिर नीचे सोने से अपनी कमर में दर्द के कारण वो मेरे पास बिस्तर ही लेट गए थे। उनके मजबूत बदन पर केवल एक लुंगी ही थी, मेरी जब आँख खुली तो उनकी लुंगी खुली पड़ी थी, वो मेरे बदन से बिल्कुल चिपके लेटे थे। मैं तो उनका लौड़ा देखती रह गई, बहुत लम्बा और मोटा था।

वैसे तो अंकुर का बहुत ही अच्छा है पर उसका लण्ड 6 इंच के आस पास ही है।
मैंने इतना बड़ा और अजीब तरह का कभी नहीं देखा था, ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसकी चमड़ी उतार दी हो।

मामाजी- हाँ बेटा.. उनका ऐसा ही होता है, उनका खतना कराया जाता है इसलिए खाल काट दी जाती है। उससे चुदाई का मजा कुछ अलग सा आता है। इसीलिए औरतें अगर एक बार उस तरह के लण्ड से चुदवा लेती हैं तो उनकी दीवानी हो जाती हैं… है ना?

सलोनी- हाँ मामाजी, आप ठीक कह रहे हैं। मैं भी उसको देख कर बहुत ही ज्यादा उत्सुक हो गई थी। एक तो पहले ही अंकुर मुझे प्यासी छोड़ गए थे और फिर उस जैसे लौड़े को देख मेरी बुरी हालत हो गई थी। पर शाहरूख भैया का डर ही था, मैं बस उसको देख रही थी मगर उसको छूने का बहुत मन था।

तभी एक आईडिया मेरे मन में आया! मैं, रानी और उसका पति, तीनों दरवाजे से ऐसे चिपके थे जैसे उस पर गोंद लगा हो। हम तीनों ही सलोनी के उस राज का एक एक शब्द सुनना चाहते थे। मेरा तो फिर भी सही था और रानी के पति का भी, क्योंकि वो मजा लेते हुए अपना लण्ड रानी के हाथ से हिलवा रहा था रन्तु रानी भी इसमें पूरा रस ले रही थी, उसको बहुत मजा आ रहा था।

शाहरूख मेरा बहुत पुराना दोस्त है पर लड़कियों से हमेशा दूर रहता था, वो बहुत ही स्मार्ट है इसलिए हर लड़की उसको लाइन देती है मगर उसने किसी को घास नहीं डाली। इसीलिए उस समय मैंने सलोनी को उसके सामने बिल्कुल फॉर्मल रहने को कहा था, मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि वह सलोनी के साथ कुछ करेगा।

मगर अब तो मामला कुछ और ही लग रहा था! क्या सलोनी के कामुक बदन से शाहरूख जैसे आदमी का ईमान डोल गया था? मुझे यह सब सुनकर गुस्सा बिल्कुल नहीं आ रहा था बल्कि मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा था, सलोनी भी अपके इस गुप्त राज भरी घटना को बहुत रस ले ले कर सुना रही थी।

सलोनी- मैंने जैसे ही खुद को उस आईने में देखा, मैं खुद ही शर्म के मारे झेंप गई, इस बीच में मैंने खुद की ओर ध्यान ही नहीं दिया था, मेरी महीन सी नाइटी मेरी कमर के ऊपर तक सिमट गई थी, चड्डी और ब्रा तो थी ही नहीं, वो तो अंकुर ही खोलकर चले गए थे तो मैं कमर से नीचे हलफ़ नंगी थी, मतलब मेरे खुले हुए नंगे कूल्हे शाहरूख भाई के सामने थे, जिनको देखकर ही वे अपना लण्ड सहला रहे थे।

अब मैं खुद को ढक भी नहीं सकती थी वरना उनको पता चल जाता कि मैं जाग रही हूँ तो मैं ऐसे ही चुपचाप लेटी रही। तभी मुझे अपने चूतड़ों पर एक भारी हथेली का एहसास हुआ, शाहरूख भाई का ईमान भी डोल गया था, उन्होंने अपना हाथ मेरे चिकने चूतड़ों पर रख दिया था तो मेरे शरीर में सनसनाहट होने लगी।

contd....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
Mast update Bhai thanks Bhai
[+] 1 user Likes Pandu1990's post
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Waiting for update Bhai
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Waiting for update guruji
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next update...........
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Wonderful story. Keep updating regularly. Also just a suggestion, if you can add a situation where Saloni is narrating her full story of debauchery to her husband and he is supporting her fully. Also add situation where he is also along with her when she is enjoying herself openly with his support and also participating with her.

It would be a very good situation where there is a healthy relationship between Saloni and Ankit, when they are enjoying with the knowledge of each other, without the fear of getting caught.

Request you to think it over and add situations accordingly.
[+] 1 user Likes zerob3's post
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(05-06-2024, 09:56 PM)zerob3 Wrote: Wonderful story. Keep updating regularly. Also just a suggestion, if you can add a situation where Saloni is narrating her full story of debauchery to her husband and he is supporting her fully. Also add situation where he is also along with her when she is enjoying herself openly with his support and also participating with her.

It would be a very good situation where there is a healthy relationship between Saloni and Ankit, when they are enjoying with the knowledge of each other, without the fear of getting caught.

Request you to think it over and add situations accordingly.
I really appreciate your valuable suggestion but sorry to say that i have mostly finished this story. Now a days I was not feeling well so could not continue and really sorry for that.
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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Waiting for update Bhai
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Waiting for yours valuable update guruji
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hot story
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Intezaar hai agale update ka bhai
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this is so hot and wonderful story... keep it rolling please
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Please continue
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Please update Bhai
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Plz update
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Guruji waiting for update . Update aake 1 month hogaya guruji please update guruji
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(27-03-2024, 07:10 PM)KHANSAGEER Wrote:
कमरे में वो लड़की अभी भी दो आदमियों के साथ मस्ती भरी चुदाई कर रही थी। ऋज़ू उस हब्शी का लण्ड चूस रही थी और अब बाथरूम में मेरी बीवी, मेरी प्यारी जान सलोनी, पूरी तरह नंगी!! जी हाँ, उसके कातिल बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसकी स्कर्ट तो मेरे हाथ में ही थी और टॉप भी बाथरूम में एक तरफ पड़ी नजर आ गई। ब्रा भी कहीं न कहीं होगी। पर सलोनी के बदन पर कपड़े के नाम पर एक रेशा तक नहीं था। वो बाथरूम की तेज लाइट में मेरे ठीक सामने कमोड पर बैठी थी।

और वो मोटा, काला आदमी पूरा नंगा उसके आगे जमीन पर बैठा था। अपने मोटे शरीर की वजह से वो बड़े अजीब तरीके से ही वहाँ बैठा था। उसके दोनों पैर फैले थे और चूतड़ जमीन पर टिके थे। उसने अपना मुँह मेरी बीवी के दोनों टांगों के बीच डाल रखा था। मतलब वो उसकी रसीली छोटी से चूत का रस पी रहा था।

मैंने जैसे ही दरवाजा खोला, तो यही दृश्य मेरे सामने था। सलोनी और मेरी नजरें आपस में मिलीं और उस मोटे ने भी चूत से मुँह हटा कर पीछे घूमकर मुझे देखा। तभी मुझे सलोनी का हर अंग नंगा नजर आ गया। मोटे के चेहरे पर कोई शिकन तक नहीं आई पर हाँ, सलोनी के चेहरे पर कुछ परेशानी नजर आई।

मतलब नशे के बाबजूद उसने मुझे पहचान लिया था और उसको यह भी समझ आ रहा था कि शायद वो कुछ गलत कर रही है। उसने वहाँ से उठने की कोशिश की पर मोटे ने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथों से जकड़ लिया तो उसको मजबूरन फिर कमोड पर बैठना पड़ा। यह गनीमत थी कि उसने कुछ बोला नहीं वरना सबको वहाँ पता चल जाता कि हम दोनों पति पत्नी हैं।

मैंने मुस्कुराकर आँखों ही आँखों में उसको इशारा किया कि मजे लो। उसकी आँखें एक पल के लिए कुछ सिकुड़ी पर फिर सामान्य हो गईं मगर उसका चेहरा बता रहा था कि वो जैसे मजबूरी में ये सब कर रही हो, उसको बहला फ़ुसला कर यहाँ लाया गया हो। तभी मोटे ने सलोनी की दोनों टांगें उठा ली और अपने कन्धों पर रख ली, इस अवस्था में सलोनी की चूत की दोनों फ़ांकें खुलकर सामने आ गई।

और वो मोटा बहुत मदमस्त तरीके से उसको चाट रहा था। मुझे देखते देखते ही धीरे धीरे सलोनी की आँखें बंद होने लगी। मतलब उसको बहुत मजा आ रहा था और उसके मुँह से निकली आवाज ने भी यह सच साबित कर दिया- “अह्ह्ह्ह्हाआआआ अह्हाआआआ मईइइइइ अह्ह्ह्हाआआ”

मेरे होंठों की मुस्कराहट गहरी हो गई। यह पहला मौका था जब मैं सलोनी के ठीक सामने था, उसने मुझे देख लिया था और वो पूरी नंगी एक अजनबी के सामने बैठी थी और वो अजनबी बड़े मजे से उसकी चूत चाट रहा था और सलोनी भी पूरा मजा ले रही थी।

ऐसी थी सलोनी की चूत की गर्मी, जिसने उसकी सारी घबराहट को दूर कर दिया था और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।

तभी ऋज़ू मेरे पास आ गई। मैंने एक नजर कमरे में देखा, पलंग पर अभी भी वो लड़की उन दो आदमी से मजे ले रही थी। एक उसको चोद रहा था और दूसरे का लण्ड उसके मुँह में था, तीसरा शायद बाहर चला गया था तभी ऋज़ू फ्री हो गई थी और वो लड़का भी नहीं था जो सलोनी के पास से गया था।

उसका मुझे अंदेशा था कि क्या वो सलोनी को चोदकर गया था या ऐसे ही चला गया था? क्योंकि उसका चेहरा बता रहा था कि गया तो वो लण्ड का पानी निकाल कर ही था। अब यह तो सलोनी जाने या फिर ये दोनों, पता नहीं?

ऋज़ू ने मेरी जींस खोलनी शुरू कर दी मेरा लण्ड भी अब आजादी चाह रहा था और कुछ ही देर में ऋज़ू नीचे बैठ मेरे लण्ड को चूस रही थी। मैंने सलोनी को देखा वो आँखें खोल मुझे देख रही थी, अब उसके होंठों पर भी एक आकर्षक मुस्कुराहट थी। जो थोड़ी बहुत ग्लानि थी वो इस दृश्य ने खत्म कर दी थी। अब हम दोनों पति पत्नी अपने लण्ड और चूत किसी अजनबी से चुसवा रहे थे।

मैं अब सलोनी को कुछ और भी करते देखना चाह रहा था इसीलिए मैंने ऋज़ू को खड़ा किया और उसकी कुर्ती निकाल उसको भी पूरी नंगी कर दिया क्योंकि उसने कुर्ती के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। मैंने ऋज़ू वहीं वाश वेसिन से लगाकर उल्टा खड़ा कर दिया।

वो खुद झुक गई, उसको चुदाई का अच्छा अनुभव था, ऋज़ू ने झुककर अपनी गांड को ऊपर को उठाकर अपने दोनों छेद खोल दिए कि चाहे किसी में भी डाल दो। मैंने सलोनी की ओर देखा वो अभी भी मुझे मुस्कराकर देख रही थी और उसकी लाल आँखें बता रही थी कि डाल दो इसकी चूत में।

मैंने भी ऋज़ू की चूत को अपने बाएं हाथ से सहलाया और दायें हाथ से लण्ड को पकड़ उसके चूत के छेद से चिपका एक ही झटके में लण्ड चूत की गहराई में उतार दिया। मोटे को मेरी चालू बीवी की चूत चाटने में इतना मजा आ रहा था कि वो एक पल को भी अपना मुँह नहीं हटा रहा था।

अब उस बाथरूम में कई आवाजें एक साथ शोर करने लगी। सलोनी और ऋज़ू की आहें और सिसकारियाँ, चूत चाटने की चपर शपर और मेरी जांघें जब ऋज़ू के मोटे चूतड़ से टकराती तो पट-पट साथ ही लण्ड के चूत में जाने की भी आवाज।

मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि आज ही इतना मजेदार सीन हो जायेगा। सलोनी हमारी चुदाई को देखते हुए अपनी चूत की चुसाई का पूरा मजा ले रही थी पर मैं तो उसकी भी चुदाई का इन्तजार कर रहा था।

क्या मुझे उसकी चुदाई देखने को मिलेगी? 
तभी वो मोटा सलोनी की चूत के मुख से अपना मुँह हटा हाँफ़ने लगा… 
और सलोनी…?

TO BE CONTINUED .....


One of the best story writing I have ever read. This whole episode was extremely well written. I hope you will retain this kind of flow throughout, till the end.
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Waiting for update Bhai
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Bhayya ji update please
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Bahut hot and kamuk hai
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