Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
तभी मैंने शिप्रा दीदी को रोका और ऊपर उठाया उन्होंने पूछा "क्या हुआ " मैंने कहा "दीदी अगर मेरा मुट निकल गया तो आप प्यासी रह जोगी इसलिए पहले मैं आपकी प्यास भुजा दू क्योंकि बहुत रिस्क है" वो मुस्कुराने लगी और मैं उन्हें किस करने लगा फिर मैं घुटनों के बल नीचे बैठा और मैंने अपना मुह उनकी चूत पे रखा उनकी चूत बहुत ही ज्यादा गरम थी फिर मैंने उनकी चूत पे बहुत बार किस किया अपने होंठो से उनकी चूत पे स्मूच किया मैं शिप्रा दीदी चूत पे अपने होंठ फेर रहा था शिप्रा दीदी आँखें बंद करके लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी और मेरे बालों में अपना हाथ फेर रही थी फिर मैंने उनकी चूत की दोनों स्किन को अलग किया और उसके अंदर अपनी जीभ डाल दी और अपनी जीभ को गोल घुमाने लगा मैं ऐसे ही थोड़ी देर तक उनकी चूत चाटता रहा मेरे दोनों हाथ शिप्रा दीदी की कमर पे थे तभी शिप्रा दीदी ने मेरा एक हाथ पकड़ा और उसे अपने कुर्ते के अंदर से अपने बोबे पे रख दिया मैं उनके बोबे दबाने लगा फिर मैं अपना दूसरा हाथ भी उनके कुर्ते में ले गया मैं दोनों हाथों से शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा था और अपनी जीभ से उनकी चूत चाट रहा था


फिर मैं अपनी जीभ को उनकी चूत के और अंदर लेके गया और जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगा शिप्रा दीदी बहुत ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी वो बहुत तेजी से मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ घुमाने लगी मैं समझ गया था की वो झरने वाली है इसलिए मैं भी शिप्रा दीदी की चूत में अपनी जीभ जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगा और उनकी पूरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और जल्दी जल्दी उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा तभी उन्होंने मेरे बालों को जोर से खींचा और उनकी एक लम्बी सिसकी निकली " आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..............." शिप्रा दीदी की चूत से बहुत सारा पानी निकला जो उनकी झांगों पे से बेहने लगा मैंने अपनी जीभ से उनका सारा पानी चाट के साफ कर दिया और उनकी झांग और चूत भी चाट के साफ़ कर दी उन्होंने मुझे ऊपर किया एक किस किया और बोली "मजा आ गया यार " और फिर वो घुटनों के बल बैठी और मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी वो उसे पूरा अपने मुह में लेके चूसने लगी कभी वो अपनी जीभ मेरे पूरे लंड पे फेरती उसे चाटती कभी मेरे लंड के टोपे को जल्दी जल्दी अपने होंठो से अंदर बाहर करती कभी अपने मुह से मेरा लंड निकाल के अपने हाथों से उसे जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करती मुझे बहुत मजा आ रहा था


मैं शिप्रा दीदी के गीले बालों में हाथ फेर रहा था अब दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले के अंदर डाल दिया और उनके बोबे दबाने शिप्रा दीदी अपने हाथ से मेरा लंड हिलाने लगी फिर शिप्रा दीदी ने वापस पूरा लंड अपने मुह में लिया और जल्दी जल्दी चूसने लगी अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मैंने अपने दोनों हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले में डाल दिए और उनके दोनों बोबे जोर जोर से दबाने लगा शिप्रा दीदी मेरा लंड लगातार जल्दी जल्दी चूस रही थी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह में था और वो अभी भी मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी तरफ ऊपर देख रही थी मैंने उनके कुर्ते में से अपने हाथ निकाले और उन्हें ऊपर उठाया फिर हम दोनों ने एक लम्बा किस किया और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे शिप्रा दीदी बोली "यार सोनू तू भी ना कभी भी कहीं भी मूड बना लेता अब ले बस मिल गयी शांति तुझे कर दिया मेरा लिप ग्लोस और मेकअप गायब उतार दिया मेरा सूट मेरी ब्रा पेंटी सब कुछ " मैंने कहा "नहीं दीदी कुर्ता और ब्रा कहाँ उतारी उतारो ना " शिप्रा दीदी बोली "चुप कर तेरा तो कभी मन ही नहीं भरेगा चल अब तैयार होने दे मुझे " ये कह के शिप्रा दीदी अपने बाल बाँधने लगी जिस से उनके दोनों बोबे बाहर की तरफ आ गए और मैं उनके बोबे दबाने लगा उन्होंने मेरा हाथ झिड़क दिया मैंने फिर उन्हें पकड़ के दीवार से सटा दिया और उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए उनकी नंगी चूत को अपने हाथों से सहलाने लगा उन्हें वापस गरम करने के लिए तभी उन्होंने मुझसे अपने होंठ छुडाये और जोर से चिल्लाई " मौसी............" मैं एक दम से डर गया और मैंने उन्हें छोड़ दिया वो हँसने लगी और बोली "देखा बहुत आईडिया है मेरे पास " तभी मम्मी गेट पे आ गयी और गेट खटखटाते हुए बोली "क्या हुआ शिप्रा तूने बुलाया "हम दोनों की हालत ख़राब हो गयी शिप्रा दीदी ने कहा "नहीं मौसी " तो मम्मी ने कहा "अच्छा गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से " शिप्रा दीदी बोली "वो मौसी मैं चेंज कर रही हूँ " तो मम्मी बोली "हाँ तो क्या हुआ बस मैं ही हूँ यहाँ पे तू गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से" अब हम दोनों की हालत ख़राब हो चुकी थी आज तो लगा की हम फंस गए बुरी तरह से ......
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
अब हम दोनों की हालत ख़राब हो चुकी थी क्योंकि मम्मी गेट के बाहर ही खड़ी थी हम दोनों ने जल्दी जल्दी अपने कपडे ठीक किये मम्मी ने फिर कहा "अरे खोल ना शिप्रा " शिप्रा दीदी ने डरते डरते कहा "हाँ मौसी खोल रही हूँ " और उन्होंने मेरी तरफ देख के आँखों से इशारा करके पूछा की क्या करे अब मेरा भी दिमाग काम नहीं कर रहा था तभी मैंने फटाफट अपना मोबाइल निकाला और घर के लैंडलाइन नंबर पे कॉल कर दिया दूसरे रूम में से फोन की घंटी बजने लगी मम्मी फोन उठाने उस रूम में गयी तो शिप्रा दीदी ने फटाफट गेट खोला इधर उधर देखा और मुझे बाहर निकाल दिया मैं जल्दी से रूम में से निकल के बाहर की तरफ चला गया और शिप्रा दीदी ने वापस गेट बंद कर लिया थोड़ी देर में मम्मी फोन रख के रूम से बाहर आई और शिप्रा दीदी ने मम्मी के सामने गेट खोला गेट खुलते ही मम्मी बोली "क्या शिप्रा बेटा कितनी देर लगा दी " तो शिप्रा दीदी बोली "अरे मौसी वो चेंज कर रही हाँ क्या हुआ कुछ चाहिए था क्या आपको"

मम्मी बोली "हाँ बेटा वो डायरी लेनी थी और तुम लोग निकले नहीं अभी तक मार्किट के लिए जल्दी निकल जाओ फिर आज तुझे शाम को ट्रेन भी पकड़नी है " शिप्रा दीदी बोली "हाँ मौसी बस निकल ही रहे है" इतने में मैं बाहर से अंदर आया और बोला "क्या हुआ शिप्रा दीदी अभी तक तैयार नहीं हुए क्या आप चलो ना" उन्होंने कहा "बस हो गयी तैयार" फिर शिप्रा दीदी कांच के सामने बाल बनाने लगी और मैं उन्हें देखने लगा अभी थोड़ी देर पहले वो मेरे साथ में नंगी थी लेकिन अब वापस उनके कोमल बदन को उस ग्रीन और मेहरून सूट में ढका हुआ देख के वो वापस मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी शिप्रा दीदी भी अपने बाल बनाते बनाते मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी थोड़ी देर में मम्मी डायरी लेके रूम से चली गयी मैं शिप्रा दीदी के पास गया और कहा "यार दीदी बड़ी कातिल और सेक्सी लग रही हो आप " तो शिप्रा दीदी मुस्कुराते हुए बोली "हाँ हाँ सीधा ही बोल दे ना की कपडे उतार दू वापस " मैंने कहा "उतार दो ना" तो वो बोली "यार सोनू आज दूसरा इंसिडेंट हुआ है की हम बाल बाल बचे है अब मौसी आस पास हो तो ध्यान रखना तू अगर किसी को थोडा सा भी शक हो गया न तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी " मैंने कहा "हाँ दीदी अब चलो ना " तो शिप्रा दीदी बोली रुक और बाथरूम की तरफ जाने लगी मैंने पूछा "क्या हुआ कहाँ जा रही हो " तो वो बोली "जो तूने किया उसे साफ़ करने पेंटी चेंज करने जा रही हूँ " मैंने कहा "क्या जरुरत है ऐसे ही चल चलो ना और पेंटी उतार के चल चलो " तो वो बोली "चुप कर कपडे भी उतार के चलूँ तेरे साथ " हम दोनों हँसने लगे फिर वो बाथरूम में चली गयी और मैं रूम से बाहर आ गया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
मैंने बाहर आकर देखा तो बाहर बहुत काले काले बादल हो रहे थे जिसकी वजह से थोडा थोडा अँधेरा सा हो गया था मैंने सोचा आज तो पक्का बारिश आएगी थोड़ी देर में शिप्रा दीदी तैयार होके और अपना हैण्डबैग लेकर बाहर आई बहुत ही सेक्सी लग रही थी शिप्रा दीदी वो वापस अपना मेकअप करके आई थी ग्रीन मेहरून चूड़ीदार सूट बंधे हुए बाल आँखों में काजल होंठो पे लिप ग्लॉस कानो में इअर रिंग्स गले में चेन बाहर आकर वो बोली "मौसी हम निकल रहे है चल सोनू " तभी मम्मी आई और बोली "देखा कहा था ना मैंने की टाइम से ही निकल जाओ देखो अब कितने काले बादल हो रहे है अटक मत जाना कहीं बारिश में फटाफट बुक लेके आ जाना और शिप्रा ये छाता रख तेरे हैण्डबैग में " उन्होंने कहा "हाँ मौसी " मैंने कहा "दीदी बड़ी सेक्सी लग रही हो आज आप " वो बोली "चल अब" और हम दोनों बस स्टॉप की तरफ चल पड़े रास्ते में शिप्रा दीदी को सब घूर घूर के देख रहे थे सबकी आँखें उन्ही पर टिकी हुई थी तभी बाइक पे कुछ लड़के उन पर कमेंट मार के गए "ओये होए कंचा कहाँ जा रही है हमारे साथ आजा " मैंने देखा की शिप्रा दीदी थोडा सा मुस्कुराई उनका कमेंट सुन के थोड़ी देर में हम बस स्टॉप पहुँच गए और बस का वेट करने लगे


थोड़ी देर में बस आ गयी हम बस में चढ़े बस में बादलों के कारण थोडा थोडा अँधेरा था बस में ज्यादा भीड़ तो नहीं थी लेकिन बैठने के लिए कोई सीट नहीं थी मैं शिप्रा दीदी के पीछे था मैंने कहा "दीदी चलो पीछे चल के ही खड़े हो जाते है अगर आगे जाके बस में भीड़ हो भी गयी तो कम से कम पीछे तो धक्का मुक्की नहीं होगी " उन्होंने कहा "हाँ " और हम दोनों पीछे जाके खड़े हो गए बस में सब शिप्रा दीदी को ही देख रहे थे सब उनके सूट में से अपनी आँखों से उनके जिस्म को टटोल रहे थे मुझे ये सब देख के बहुत खुशी हो रही थी मैं मन ही मन सोच रहा था की जिसको तुम घूर घूर के देख रहे हो उसे मैं रोज नंगी करके उसके मजे लेता हूँ मैं यही सब सोच रहा था तभी पीछे की और साइड में दो जनों वाली सीट पे से एक लड़का खड़ा हुआ वो हमारी तरफ आने लगा शायद उसका स्टॉप आ गया था शिप्रा दीदी आगे खड़ी थी और मैं उनके पीछे उस लड़के ने शिप्रा दीदी के पास आके कहा "ऐक्सक्यूज मी " और शिप्रा दीदी थोडा सा घूम गयी ताकि वो लड़का निकल सके मैंने ध्यान से देखा की वो लड़का जब शिप्रा दीदी के पास से निकल रहा था तो वो अपना लंड शिप्रा दीदी की गांड पे से पूरी तरह से अड़ाकर निकला उसने अपना लंड शिप्रा दीदी के कुर्ते पे से उनकी गांड पे अच्छी तरह से फेरा था मुझे ये सब देख के बहुत ही अजीब सा लगा और मजा भी आया मैंने सोचा की शायद शिप्रा दीदी मुझसे कुछ बोलेंगी जो भी हुआ उसके बारे में लेकिन वो तो इस तरह से रियेक्ट कर रही थी जैसे की कुछ हुआ ही ना हो मुझे ये बहुत अजीब लगा


खेर जहाँ से वो लड़का उठा था उस जगह एक सीट अब खाली हो गई थी वहां बस एक बूढी औरत ही बैठी हुई थी मैंने शिप्रा दीदी से कहा "दीदी आप यहाँ बैठ जाओ " शिप्रा दीदी वहां बैठ गयी और मैं उन्ही की सीट के पास खड़ा हो गया थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी की पीछे वाली सीट पे से एक आदमी खड़ा हुआ उतरने के लिए और मैं जाके उसकी सीट पे बैठ गया अब हम दोनों को सीट मिल चुकी थी बस शिप्रा दीदी मेरी आगे वाली सीट पे बैठी थी और मैं उनकी पीछे वाली सीट पे अगले स्टॉप पे से सात आठ जने बस में चढ़े सीट तो थी नहीं सब खड़े हो गए उनमे से कुछ लोग शिप्रा दीदी को देखने लगे लेकिन शिप्रा दीदी खिड़की से बाहर देख रही थी तभी एक 35-40 साल का आदमी शिप्रा दीदी की सीट के पास आके खड़ा हो गया शिप्रा दीदी सीट के कोने पे बैठी थी वो थोड़ी देर तक दूसरी तरफ मुह करके खड़ा रहा फिर उसने शिप्रा दीदी की तरफ मुह घुमाया और उन्हें देखने लगा शिप्रा का ध्यान उस पर नहीं था वो तो बाहर देख रही थी वो आदमी लगातार नीचे देख रहा था शिप्रा दीदी की तरफ मैंने सोचा की ये ऐसा क्या देख रहा है फिर मैंने नोटिस किया की वो शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले के अंदर झाँकने की कोशिश कर रहा था मैंने सोचा क्या दिखेगा तुझे बस में तो अँधेरा है फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी की सीट के कोने पे रखा और ऐसे ही खड़ा रहा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
फिर उसने अपने हाथ से शिप्रा दीदी के हाथ को टच किया ऐसा उसने दो तीन बार किया फिर उसने अपने हाथ से हलके से शिप्रा दीदी के कंधे को टच किया शिप्रा दीदी की तरफ से कुछ रिएक्शन नहीं आ रहा था फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी के कंधे पर रख दिया और धीरे धीरे उनका कंधा सहलाने लगा मुझे उसकी हिम्मत देख के बहुत अजीब लग रहा था और ये भी अजीब लग रहा था की शिप्रा दीदी ने उसे एक बार भी टोका क्यों नहीं वो थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी का कंधा सहलाता रहा फिर उसने वो किया जो मैंने कभी नहीं सोचा था उसने शिप्रा दीदी के कंधे पे से उनका कुर्ता थोडा सा नीचे कर दिया जिस से शिप्रा दीदी की ब्लैक ब्रा की स्ट्रेप बाहर आ गयी अब वो शिप्रा दीदी की ब्रा की स्ट्रेप के ऊपर से उनके कंधे को सहलाने लगा मुझे ये सब देख के बहुत ही अजीब फील हो रहा था लेकिन मजा भी आ रहा था मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा था तभी शिप्रा दीदी के पास वाली बूढी औरत खड़ी हुई शायद उनका स्टॉप आ गया था शिप्रा दीदी अब अंदर खिड़की के पास खिसक गयी और वो आदमी शिप्रा दीदी के पास बैठ गया


अब मुझे सब कुछ देखना था की वो आदमी क्या कर रहा है लेकिन मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तभी उस ही स्टॉप से एक बूढा आदमी भी बस में चढ़ा मेरे दिमाग में एक आईडिया आया मैंने अपनी सीट उस बूढ़े आदमी को दे दी और खुद जाके शिप्रा दीदी की सीट के पास खड़ा हो गया बस में मेरे आलावा कोई भी खड़ा हुआ नहीं था शिप्रा दीदी की सीट के साथ वाली सीट वालों को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था क्योंकी बीच में मैं खड़ा था मुझे पास में खड़ा देख के वो आदमी मुझे देखने लगा लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया मैंने ऐसा जताया की मेरा ध्यान मोबाइल में गाने सुनने में है और मैं दूसरी तरफ देखने लगा शिप्रा दीदी को भी नहीं पता था की उनकी सीट के पास मैं खड़ा हुआ हूँ क्योंकि वो तो लगातार बाहर देख रही थी वो आदमी थोड़ी देर तक ऐसे ही बैठा रहा फिर धीरे धीरे वो बस के हिलने का बहाना लेके अपना घुटना शिप्रा दीदी के घुटने से टच करने लगा फिर उसने अपना हाथ अपने घुटने पे रखा और बार बार अपना घुटना शिप्रा दीदी के घुटने से टच करने लगा फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे से उनके घुटने पे रख दिया और शिप्रा दीदी का घुटना सहलाने लगा वो थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी का घुटना सहलाता रहा फिर उसने अपना हाथ उनके घुटने के ऊपर किया और उनकी झांग को सहलाने लगा वो शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे से उनकी झांग को सहला रहा था


थोड़ी देर तक उसने शिप्रा दीदी की दोनों झांगों को सहलाया फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी के दोनों घुटनों के बीच किया और शिप्रा दीदी की टांगों को थोडा सा चौड़ा किया अपने हाथ से फिर वो अपना हाथ शिप्रा दीदी के दोनों टांगों क बीच उनके घुटने से ऊपर लेके जाने लगा शिप्रा दीदी की सांसें तेज चल रही थी और वो बस बाहर देखे जा रही थी अब उस आदमी का हाथ शिप्रा दीदी की अंदरूनी झांग पे था वो उनकी दोनों झांगों को अंदर से अपने हाथ से सहला रहा वो अपनी उँगलियों से शिप्रा दीदी की झांगों को सहला रहा था मुझे ये सब देख के बहुत मजा आ रहा था मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था फिर वो आदमी अपना हाथ और ऊपर लेके गया और अब उसका हाथ शिप्रा दीदी की दोनों झांगों के बीच उनकी चूत पे था जैसे ही उसका हाथ शिप्रा दीदी की चूत पे टच हुआ शिप्रा दीदी सिहर उठी अब वो आदमी शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे उनकी चूत को सहलाने लगा शिप्रा दीदी की साँसें बहुत तेज चल रही थी उनके बोबे उनके कुर्ते पे से ऊपर नीचे हो रहे थे वो आदमी शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और शिप्रा दीदी को कितना मजा आ रहा था ये उनकी तेज साँसों को देख के पता चल रहा था वो आदमी शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और उसे भी पता चल चुका था की शिप्रा दीदी को मजा आने लग गया है


उसने उनकी चूत को सहलाते सहलाते अपने दूसरे हाथ से शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनका हाथ लेजा के अपने लंड पे रख दिया शिप्रा दीदी ने अपना हाथ थोड़ी देर तक उसके लंड पे ऐसे ही रखे रखा मुझे बहुत ही ज्यादा आश्चर्य हुआ की शिप्रा दीदी आराम से उसे अपनी चूत सहलाने दे रही है और अब तो उसके लंड पे भी अपना हाथ रख रखा है लेकिन मैं ये सब बस में प्रीती दीदी के साथ पहले कर चुका था और उन्होंने बताया भी था की वो डर गई थी तो मैंने सोचा की हो सकता है की शायद शिप्रा दीदी भी डर गयी हो लेकिन जो भी हो रहा था उसमे मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था फिर उस आदमी ने वापस शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना लंड दबाने लगा अब वो अपने एक हाथ से शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और अपने दूसरे हाथ से शिप्रा के हाथ से अपना लंड दबवा रहा था शिप्रा दीदी बाहर देख रही थी फिर उस आदमी ने अपनी उँगलियों से जल्दी जल्दी शिप्रा दीदी की चूत को सहलाने शुरू कर दिया शिप्रा दीदी को बहुत मजा आने लग गया था फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी के हाथ से हटा लिया और मैंने देखा की शिप्रा दीदी अब खुद अपने हाथ से उसकी पेंट पे से उसके लंड को सहला रही है मुझे पता चल चुका था की शिप्रा दीदी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी की दोनों झांगों के बीच में से निकाला और उनके कुर्ते पे से उनके पेट पे हाथ फेरने लगा और हाथ फेरते फेरते अपना हाथ ऊपर लेके जाने लगा


अब उसका हाथ शिप्रा दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके बोबो पे था वो कुर्ते के ऊपर से शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा था वो बहुत तेज तेज शिप्रा दीदी के दोनों बोबे मसल रहा था उन्हें दबा रहा था मुझे शिप्रा दीदी की चुन्नी के नीचे से उसके हिलते हुए हाथों को देख के साफ़ पता चल रहा था की उसका हाथ कहाँ पे है और वो क्या कर रहा है फिर उसने शिप्रा दीदी की चुन्नी उनके कुर्ते के गले तक ऊपर कर दी और उनके कुर्ते के ऊपर से उनके दोनों बोबे दबाने लगा अब मुझे साफ़ साफ़ दिख रहा था की वो शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा है शिप्रा दीदी भी अपने हाथ से उसका लंड सहला रही थी और वो उनके बोबे दबा रहा था फिर उस आदमी ने शिप्रा दीदी का हाथ अपने लंड पे से हटाया अपनी पेंट की चेन खोली और अपना खड़ा हुआ लंड बाहर निकाल लिया और फिर वापस शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनका हाथ लेजा के अपने नंगे लंड पे रख दिया अब वो शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा था और शिप्रा दीदी उसका नंगा लंड सहला रही थी उसे हिला रही थी अपने हाथ से फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी के बोबो पे से हटाया और वापस से उनकी झांगों के बीच डाल दिया और उनकी सलवार पे से उनकी चूत को सहलाने लगा शिप्रा दीदी बाहर देखते हुए उसका लंड अपने हाथ से हिला रही थी और वो अपने हाथ से शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था वो जल्दी जल्दी शिप्रा दीदी की चूत रगड़ने लगा


शिप्रा दीदी से अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था उन्होंने उसका लंड छोड़ा और अपने दोनों हाथों को अपने आगे वाली सीट पर रखा और अपने हाथों पर अपना सर रख के सर झुका के बैठ गयी उस आदमी ने अपना हाथ उनकी झांगों से निकाला और उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी अपने आगे वाली सीट पे सर रख के बैठी थी जिस से उनके बोबे थोड़े आगे की तरफ लटक गए थे उस आदमी ने उनके लटके हुए बोबो को दबाया फिर शिप्रा दीदी के लटके हुए कुर्ते के गले में से अपना हाथ अंदर डालने लगा अब शिप्रा दीदी कसमसाने लगी क्योंकि ये बहुत रिस्की था मुझे भी लगा की अब ये ठीक नहीं हो रहा अब प्रॉब्लम हो सकती है मैंने अपना मोबाइल निकाला और शिप्रा दीदी को कॉल किया उनके पर्स में उनका मोबाइल बजने लगा वो आदमी एक दम से सकपका गया उसने अपना हाथ हटाया और फटाफट अपना लंड अंदर किया मैंने उनसे थोड़ी सी बात की और कॉल काट दिया तभी पीछे की एक सीट खाली हो गई मैं थोडा पीछे गया और आगे आया ताकि शिप्रा दीदी को ये लगे की मैं पीछे से आया हूँ मैं उनकी सीट के पास आया और उस आदमी से कहा "अंकल आप मेरी सीट पे बैठ जाओ मुझे यहाँ बैठना है " उसने कहा "क्यों " मैंने कहा "ये मेरे साथ है मेरी बेहेन इसीलिए "


उसकी शक्ल देखने लायक थी क्योंकि उसे नहीं पता था की शिप्रा दीदी के साथ कोई होगा और उसे ये भी डर था की फोन पे शिप्रा दीदी ने कुछ बोल तो नहीं दिया मुझे जो मैं एक दम से आ गया वो उठ के पीछे वाली सीट पे चला गया मैं शिप्रा दीदी के पास बैठ गया जैसे है मैं उनके पास बैठा शिप्रा दीदी ने मेरे कंधे पे अपना सर रख दिया और मुझसे चिपक के बैठ गयी मैंने कहा "क्या हुआ दीदी " उन्होंने कहा "कुछ नहीं " मुझे पता था की वो पूरी तरह से गरम है अभी हमें आखरी स्टॉप पे उतरना था वो अभी दो स्टॉप बाद था अगला स्टॉप आया तो इस स्टॉप पे ज्यादा लोग उतर गए वो आदमी भी इसी स्टॉप पे उतर गया बस ऑलमोस्ट खाली हो गयी थी बस 6-7 लोग आगे बैठे हुए थे बाकी कोई नहीं था हमारी आस पास की सीटें खाली हो गई थी मैं एक हाथ से शिप्रा दीदी की झांग सहलाने लगा उनकी सलवार पे से तभी शिप्रा दीदी ने एक दम से मुझे पकड़ा और मुझे किस करने लगी हम दोनों ही बहुत गरम थे मैं भी उनके होंठ चूसने लगा वो पागलों की तरह मेरे होंठ चूस रही थी उन्हें किस करते हुए मैं उनके कुर्ते पे से उनके बोबे दबाने लगा


थोड़ी देर किस करने के बाद हम अलग हुए मैंने आगे देखा किसी ने हमें नहीं देखा था मैंने शिप्रा दीदी से कहा "दीदी अपनी सलवार का नाडा खोलो " उन्होंने कहा "यहाँ पे सोनू यहाँ कैसे सलवार उतारूंगी " मैंने कहा "पूरी मत उतारो बस नाडा खोल के सलवार घुटनों तक उतार दो अभी कोई है भी नहीं जल्दी करो " वो पूरी तरह से गरम थी उन्होंने अपनी सलवार का नाडा खोला और अपनी सलवार और पेंटी घुटनों तक उतार दी अब मैं शिप्रा दीदी की नंगी चूत को सहलाने लगा उनकी चूत पूरी तरह से गीली थी मैंने कहा "दीदी आप इतनी कैसे गरम हो " उन्होंने कहा "बस ऐसे ही तूने कर दिया ना अभी " मैं मुस्कुराने लगा उन्हें नहीं पता था की मैंने सब देखा है ना मैंने उन्हें बताया मैं उनकी चूत सहलाने लगा उन्हें मजा आने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
लगा


फिर मैंने उनकी टांगें चौड़ी की और उनकी चूत के होल को सहलाने लगा उन्हें बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उनके चूत के होल में डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगा उन्हें बहुत मजा आ रहा था मैं सामने की तरफ देख रहा था और नीचे शिप्रा दीदी की चूत में ऊँगली कर रहा था मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में ऊँगली करने लगा और अपने अंघूठे से उनकी क्लिट को सहलाने लगा शिप्रा दीदी को बहुत मजा आ रहा था उनकी आँखें बंद थी मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में ऊँगली करने लगा और थोड़ी देर में शिप्रा दीदी झर गयी उनकी चूत से बहुत सारा डिस्चार्ज निकला मैंने अपना रुमाल उन्हें दिया उन्होंने अपनी चूत साफ़ की और पेंटी और सलवार ऊपर कर ली अब मैंने अपनी जींस की चेन खोली और अपना खड़ा हुआ लंड बाहर निकाला शिप्रा दीदी ने अपने हाथ से मेरा लंड सहलाया मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर वो थोडा सा पीछे हुई झुकी और मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था वो उसे पूरा अपने मुह में लेके चूसने लगी वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनके सर में हाथ फेर रहा था फिर वो मेरे लंड के टोपे को चूसने लगी मैं एक हाथ से उनके कुर्ते पे से उनके बोबे दबाने लगा मैंने कहा "दीदी जल्दी करो आखरी स्टॉप आने वाला है " वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी उसे चाटने लगी थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया मेरा मुट थोडा उनके मुह में गया बाकी नीचे गिर गया जिसे उन्होंने रुमाल से साफ़ कर दिया हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुराने लगे मैंने अपना लंड अंदर किया हम दोनों ने अपने कपडे ठीक किये इतने में आखरी स्टॉप आ गया बस रुक गयी हम दोनों बस से उतरे और मार्किट में गए और शिप्रा दीदी की बुक लेने लगे बुक स्टाल से ......

हम मार्किट में गए और शिप्रा दीदी ने अपनी बुक ली और कुछ सामान लिया फिर हमने सोचा की थोड़ी देर मार्किट में घूम लेते है हम हाथ में हाथ डाले मार्किट में घूम रहे थे थोड़ी थोड़ी बारिश शुरू हो गई थी तभी शिप्रा दीदी के सेल पे मम्मी का फोन आया शिप्रा दीदी ने फोन उठाया "हेलो हाँ मौसी हाँ सब ले लिया बस घर आने की तैयारी कर रहे है हाँ देती हूँ " शिप्रा दीदी ने सेल मुझे दिया मैंने कहा "हाँ मम्मी" मम्मी बोली "अरे सोनू तेरा नंबर ऑफ कैसे आ रहा है" मैंने कहा "पता नहीं मम्मी मैंने तो चेक नहीं किया क्यों क्या हुआ" मम्मी बोली "अरे बेटा मौसम बहुत ख़राब हो गया है न्यूज़ में बहुत ज्यादा और तेज बारिश होने को कह रहे है तुम लोग कहा पे हो " मैंने कहा " मम्मी हम तो मार्किट में ही है अभी बस के आने का वेट कर रहे है " तो मम्मी बोली "नहीं नहीं तुम बस के चक्कर में मत रुको तेरे पापा कार से वहां से क्रॉस होंगे तो तुम उन्ही के साथ आ जाना " मैंने कहा "ठीक है मम्मी"


थोड़ी देर में पापा कार लेके आ गये मैं आगे बैठ गया और शिप्रा दीदी पीछे हम दोनों बहुत उदास थे क्योंकी हम लोगो ने साथ घूमने का प्लान बनाया था लेकिन अब वो कैंसिल हो गया था हम दोनों यही सोच रहे थे की अब पता नहीं कब मिलना होगा हमारा बारिश तेज हो चुकी थी थोड़ी देर में हम लोग घर पहुँच गए हम कार से उतरे और अंदर गए हमें देख के मम्मी बोली "आ गए बेटा बस मुझे यही चिंता हो रही थी क्योंकि मौसम बहुत ख़राब हो गया है मुझे यही था की कहीं अटक ना जाओ बारिश में , चल शिप्रा बेटा पाँच बज गए है तेरी ट्रेन है सात बजे की तू अपनी पैकिंग खत्म कर " शिप्रा दीदी बोली "जी मौसी " मैंने कहा "अरे मम्मी प्रीती दीदी कहाँ है अभी तक आई नहीं " मम्मी बोली "हाँ मैंने उसे भी फोन कर दिया है वो भी आने वाली है बस थोड़ी देर में " फिर मम्मी सब के लिए चाय बनाने लग गई और शिप्रा दीदी पैकिंग करने लग गई मैं शिप्रा दीदी के पास जाके बैठ गया हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे शिप्रा दीदी बोली "क्या यार सारा प्लान ख़राब हो गया " मैंने कहा "हाँ दीदी इस मौसम को भी आज ही ख़राब होना था क्या , अब कब आओगे वापस " शिप्रा दीदी बोली " पता नहीं यार मम्मी कब भेंजे वापस जब कोई काम पड़ेगा तभी आ पाऊँगी " तभी मम्मी ने मुझे बुलाया "सोनू ये चाय ले जा के सब को दे "


मैं गया और सबको चाय देने लगा फिर मम्मी शिप्रा दीदी के पास जाके बैठ गई और उनसे बात करने लगी और उन्हें कुछ सामान देने लगी थोड़ी देर बाद पापा ने बोला "शिप्रा बेटा छ: बज गए है तू तैयार हो गयी क्या चल स्टेशन के लिए निकलते है थोड़ी देर में अभी बारिश कम हुई है " शिप्रा दीदी ने कहा " हाँ मौसाजी पैकिंग तो हो गयी बस पांच मिनट में तैयार होके आती हूँ " थोड़ी देर में शिप्रा दीदी तैयार होके आई ब्लैक वी नेक का टॉप ब्लू जींस उनके बोबे उस ब्लैक टॉप में से बाहर निकल के बहुत अच्छा शेप बना रहे थे उन्होंने बालों को क्लचर से बांधा हुआ था वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी हम दोनों ने एक दूसरे को देखा हम दोनों ही उदास थे पापा मम्मी ड्राइंग रूम में बैठे हुए थे मैं पापा मम्मी की नजर से बच के शिप्रा दीदी के पास गया और उन्हें टाइट हग कर लिया उन्होंने भी मुझे कस के पकड़ लिया मैं उनसे चिपके हुए उनके टॉप पे से उनकी पूरी पीठ पे हाथ फेरने लगा फिर मैंने उनके टॉप के नीचे से हाथ अंदर डाला और उनकी नंगी पीठ पे हाथ फेरने लगा और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स से खेलने लगा मेरा लंड खड़ा हो चुका था इतने में पापा की आवाज आई "शिप्रा बेटा थोड़ी देर में निकलते है तू चेक करले एक बार कुछ रहा तो नहीं" हमने फटाफट एक दूसरे को छोड़ा दिया शिप्रा दीदी ने कहा "हाँ मौसा जी" और शिप्रा दीदी हमारे रूम में चेक करने लगी मैं भी उनके पीछे पीछे हमारे रूम में आ गया वो भी मुझे इस तरह से देख रही थी की बस मौका मिले और हम चिपक जाएँ


तभी लाइट चली गयी मैंने जल्दी से शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उन्हें बाथरूम में ले गया और उन्हें बाथरूम के दीवार से सटाकर उन्हें किस करने लगा वो भी मुझे किस करने लगी हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे हो चूम रहे थे चाट रहे थे मैं शिप्रा दीदी के होंठ चूसने लगा वो भी मेरे होंठ चूसने लगी उनके होंठ चूसते चूसते मैं एक हाथ से उनके टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा वो मेरे बालों में अपना हाथ फेरने लगी फिर मैंने उनके होंठ छोड़े और उनके गले पे स्मूच करने लगा फिर मैंने उनका टॉप ऊपर किया और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा वो तेज तेज सांसें लेने लगी फिर मैं वापस ऊपर गया और उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी भी मेरे होंठ चूस रही थी और मुझे किस करते करते वो अपने हाथ से मेरी जींस पे से मेरा लंड सहलाने लगी थोड़ी देर बाद मैंने उनके होंठ छोड़े और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाते हुए पूछा " शिप्रा दीदी कौन सी वाली ब्रा पेहेन रखी है आज अँधेरे में दिख नहीं रहा" उन्होंने कहा "वाइट वाली जॉकी की जो नेट के मटेरियल में है वो " मैंने कहा "और पेंटी" वो मेरा लंड सहलाते हुए बोली "तू खुद देख लेना भाई "
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
उन्हें वापस किस करने लगा वो भी मुझे चूमने लगी मैं उनकी नेट वाली ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी के निप्पल खड़े हो चुके थे मैं उनके निप्पलों को सहलाने लगा फिर उन्होंने मेरे होंठ छोड़े और मैं स्मूच करते हुए नीचे गया और उनकी ब्रा पे से उनके बोबो को किस करने लगा उन्हें अपने होंठो से सहलाने लगा उनके निप्पलों को उनकी ब्रा पे से चूसने लगा शिप्रा दीदी लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी और उनकी उँगलियाँ मेरे बालों में चल रही थी फिर मैंने उनकी ब्रा ऊपर कर दी और उनके मोटे बोबे बाहर आ गए मैंने उनके दोनों नंगे बोबो पे किस किया और एक को अपने मुह में लिया और उसे चूसने लगा और दूसरे को अपने हाथ से सहलाने लगा उसे दबाने लगा शिप्रा दीदी आहें भरने लगी उनकी सांसें बहुत तेज चल रही थी मैंने उनके दोनों बोबे चूसे उनके दोनों निप्पलों को चूसा फिर मैं और नीचे गया और उनके नंगे पेट पे स्मूच करने लगा उनकी नाभि को सहलाने लगा तभी शिप्रा दीदी ने मुझे ऊपर खींच लिया और मुझे किस करने लगी मुझे पता था की वो अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है मैं भी उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए मैंने उनकी टांगें थोड़ी सी चौड़ी की और उनकी जींस पे से उनकी चूत को सहलाने लगा


फिर शिप्रा दीदी ने मेरे होंठ छोड़े और कहा "सोनू हमें जल्दी करना होगा सब लाइट कभी भी आ सकती है और मौसाजी कभी भी बुला सकते है जाने के लिए " मैंने उनकी चूत को सहलाते हुए कहा "हाँ दीदी" फिर मैं उनके पूरे बदन पे अपने होंठो से स्मूच करता हुआ नीचे आया और उनकी जींस का बेल्ट खोला बटन खोला और उनकी जींस उतार दी और शिप्रा दीदी की पेंटी पे से उनकी चूत पे किस करने लगा उसे सहलाने लगा शिप्रा दीदी को बहुत मजा आ रहा था उनकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी फिर मैंने उनकी पेंटी भी उतार दी और उनकी नंगी चूत पे किस करने लगा उनकी चूत को अपने होंठो और अपनी जीभ से सहलाने लगा शिप्रा दीदी मेरे बालों को सहलाने लगी फिर मैं अपनी जीभ से उनकी क्लिट को सहलाने लगा मैं अपनी जीभ से शिप्रा दीदी की चूत के होल को सहलाना चाहता था लेकिन शिप्रा दीदी खड़ी हुई थी तो ये पॉसिबल नहीं था तो मैंने शिप्रा दीदी की टांगें थोड़ी और ज्यादा चौड़ी की और उनके होल में अपनी ऊँगली डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगा


शिप्रा दीदी सिसकियाँ लेने लगी मैं एक हाथ से शिप्रा दीदी की चूत में ऊँगली कर रहा था और दूसरे हाथ से उनके नंगे बोबे दबा रहा था तभी शिप्रा दी की सिसकियाँ तेज होने लगी "स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ...आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .....हाम्म्म्म्म्म ....सॊन्न ...उउ " मैं समझ गया की उन्हें मजा आने लग गया है मैं जल्दी जल्दी अपनी ऊँगली उनकी चूत से अंदर बाहर करने लगा दूसरे हाथ से उनके बोबे दबाने अपनी उंगलियों से उनके निप्पल को दबाने लगा सहलाने लगा शिप्रा दीदी और तेजी से सिसकियाँ लेने लगी मैं अब और तेजी से उनकी चूत में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी ऊँगली करते हुए मैं अपनी जीभ से उनकी चूत को सहलाने लगा उनकी क्लिट को अपनी जीभ से सहलाने लगा तभी शिप्रा दीदी ने तेजी से मेरे बाल पकड़ के खींचे और उनकी चूत से पानी बहने लगा जिसे में अपनी जीभ से चाटने लगा वो थोड़ी देर तक ऐसे ही खड़ी रही फिर उन्होंने मुझे ऊपर खींचा और मुझे किस करने लगी मुझे किस करते हुए वो अपने हाथ से मेरा लंड सहलाने लगी फिर मुझे किस करते करते ही उन्होंने मेरी जींस का बटन खोला और मेरी जींस उतार दी और अंडरवियर पे से मेरे खड़े हुए लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था


फिर वो नीचे घुटनों के बल बैठ गयी और मेरी अंडरवियर पे से मेरे पूरे लंड पे स्मूच करने लगी अपने होंठ फेरने लगी फिर उन्होंने मेरी अंडरवियर नीचे कर दी और मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड उनके सामने आ गया उन्होंने मेरे लंड पे बहुत सारी किसेस की फिर उन्होंने अपनी जीभ मेरे लंड के टोपे पे गोल गोल घुमाई और मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसे अपने मुह में ले लिया मुझे बहुत मजा आ रहा था वो थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसती रही और मैं उनके बालों को सहलाता रहा फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुह से बाहर निकाला और अपनी उंगली से मेरे लंड के छेद को थोडा सा चोडा किया और उसपे अपनी जीभ घुमाने लगी मेरी आँखें बंद हो गयी फिर उन्होंने मेरे लंड वापस अपने मुह में लिया और उसे चूसने लगी मैं अपनी आँखें बंद करके शिप्रा दीदी के बालों में अपना हाथ फेरने लगा फिर शिप्रा दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से अंदर बाहर करने लगी मेरे लंड के टोपे को चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर शिप्रा दीदी ने मेरा लंड अपने मुह से बाहर निकाला और मेरी बाल्स को किस करने लगी और मेरे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी


फिर उन्होंने वापस मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी के बालों पे से हटाया और उनके बोबे दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा शिप्रा दीदी मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनके बोबे दबा रहा था अब शिप्रा दीदी मेरे लंड को जल्दी जल्दी चूसने लगी और मेरे मुह से सिसकियाँ निकलने लगी और मैं भी उनके दोनों बोबे जल्दी जल्दी मसलने लगा वो समझ गयी थी की मैं झरने वाला हूँ वो जल्दी जल्दी मेरे टोपे को अपनी जीभ से चाटने लगी उसे जल्दी जल्दी अपने होंठो से अंदर बाहर करने लगी और तभी मेरा मुट निकल गया शिप्रा दीदी के मुह में वो मेरा सारा मुट निगल गई और मेरे लंड को चूसती रही मैंने उन्हें ऊपर उठाया और फिर हम दोनों किस करने लगे उन्हें किस करते हुए मैं उनके बोबे सहलाने लगा फिर मैंने उनके दोनों बोबो पे किस किया फिर हम दोनों अपने कपडे ठीक करने लगे मैं बाथरूम से बाहर निकला थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी भी बाहर आ गई


लाइट अभी तक नहीं आई थी शिप्रा दीदी बोली "मजा आया" मैंने कहा "हाँ दीदी बहुत अब पता नहीं कब मौका मिलेगा" तभी पापा की आवाज आई "शिप्रा बेटा चल बारिश कम हो गयी जल्दी से सामान लिया अपना निकलते है" शिप्रा दीदी अपना सामान लेके बाहर आ गयी मैंने उनका सामान कार में रखा वो सबको बाय कह के कार मैं बैठ गयी और पापा शिप्रा दीदी को स्टेशन छोड़ने चले गए मैं बहुत ज्यादा उदास था मैं बाहर ही अँधेरे में ही खड़ा रहा तभी किसी का फोन आया मम्मी उस से बात करने में लग गयी मेरा मूड बहुत ऑफ था क्योंकि मेरी शिप्रा दीदी चली गई थी तभी थोड़ी देर बाद पापा आ गए मैं बाहर ही खड़ा था जैसे ही पापा ने कार रोकी मेरी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा शिप्रा दीदी कार से उतरी मैंने पूछा "पापा क्या हुआ" पापा बोले "अरे बारिश के कारण इसकी ट्रेन तो बहुत लेट है कल सुबह आएगी यहाँ आठ बजे" ये सुनते ही हम दोनों एक दूसरे को ख़ुशी से देखने लगे पापा कार से उतर के अंदर चले गए और पापा मम्मी से नजरे बचा कर मैं और शिप्रा दीदी ने एक दूसरे को हग किया हम दोनों बहुत खुश थे फिर हम अंदर आए मम्मी ने पूछा "अरे क्या हुआ कैसे वापस आ गए " तो पापा ने कहा "ट्रेन लेट है बारिश की वजह से कल सुबह आएगी यहाँ पे " मम्मी ने कहा "चल अच्छा है शिप्रा एक दिन और रुक जा तू हमारे साथ " तभी लाइट आ गयी हम दोनों लाइट मैं एक दूसरे को देखने लगे हम दोनों बहुत खुश थे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
तभी मम्मी के सेल पे फोन आया ये प्रीती दीदी का था मम्मी ने फोन उठाया "हाँ प्रीती बेटा कहाँ है तू अभी तक आई नहीं , ओहो इसलिए मना करती हूँ मैं की शाम के टाइम मत निकला करो अटक गयी ना अब और मौसम वैसे ही ख़राब है रुक मैं तेरे पापा को भेजती हूँ " मम्मी ने फोन रखा मैंने पूछा "क्या हुआ मम्मी" मम्मी ने कहा "अरे प्रीती की स्कूटी स्टार्ट नहीं हो रही उसको लेके आना है" फिर मम्मी ने पापा से कहा "अजी सुनो आप जरा प्रीती को लेकर आ जाओ उसकी स्कूटी अटक गयी है " पापा ने कहा "तो चलना तो तुम्हें भी पड़ेगा मेरे साथ " मम्मी बोली "मुझे क्यों " तो पापा ने कहा की " अगर मैं स्कूटी ठीक करा के लाऊंगा तो कार कौन ड्राइव करेगा तुम ही तो करोगी तुम कार से प्रीती के साथ घर आ जाना मैं स्कूटी ठीक करा के स्कूटी से घर आ जाऊंगा" मम्मी ने कहा की "हाँ ये बात भी सही है चलो मैं तैयार हो जाती हूँ " पापा ने कहा "वो छाता और रेनकोट रख लेना " मम्मी ने कहा "हाँ रख लेती हूँ " ये सब सुन के शिप्रा दीदी ने मुझे देखा और मैंने उन्हें देखा हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही देखते रहे क्योंकि अब थोड़ी देर बाद हम इस घर में अकेले होने वाले थे और हमें पता था की आज आगे क्या होने वाला है मैंने शिप्रा दीदी को मेसेज किया "शिप्रा दीदी आज तो मैं आपको चोदूंगा" शिप्रा दीदी का रिप्लाई आया "हाँ भाई मैं खुद तुझसे चुदना चाहती हूँ , तुझसे चुदवाना चाहती हूँ ".....
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
थोड़ी देर में पापा मम्मी प्रीती दीदी को लेने चले गए जैसे ही वो निकले और शिप्रा दीदी ने गेट बंद किया मैंने उन्हें गेट बंद करते ही पकड़ लिया और उन्हें किस करने लगा वो भी मुझे किस करने लगी हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे मैं उन्हें किस करते हुए उनके लम्बे खुले बालों को सहला रहा था वो भी मेरे होंठ चूस रही थी आज हमें पहली बार ऐसा मौका मिला था की घर पे बस हम दोनों अकेले थे थोड़ी देर किस करने के बाद शिप्रा दीदी ने अपने होंठ मुझसे छुडाये और बोली "सब यहीं कर लेगा क्या रूम में तो चल " मैंने उन्हें धक्का देके गेट से लगा दिया और बोला "शिप्रा दीदी आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो " और उन्हें वापस किस करने लगा उन्हें किस करते करते मैं उनके टॉप पे से उनके बोबे दबाने ही वाला था तभी उन्होंने मुझे धक्का दिया और हँसते हुए रूम की तरफ भाग गई मैं भी उनके पीछे भागा और उन्हें पीछे से पकड़ के बेड पे लिटा दिया शिप्रा दीदी बोली "क्या बात है बड़ी जल्दी है तुझे तो " मैंने कहा "हाँ दीदी आज पहली बार ऐसा मौका मिला है " और फिर मैं शिप्रा दीदी के ऊपर लेट गया और उनके होंठ चूसने लगा वो भी मेरे होंठ चूसने लगी फिर ऐसे ही किस करते करते वो मेरे ऊपर आ गयी



जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
Good story
Like Reply
Thanks
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
(12-04-2019, 12:36 AM)neerathemall Wrote:
मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
















[Image: 0241_640.webp]
[Image: IMG-0450.png]
[Image: IMG-0451.png]
[Image: IMG-0452.png]
[Image: IMG-0446.png]
[Image: IMG-0427.png]

[Image: IMG-0414.png]
[Image: IMG-0413.png]
[Image: IMG-0411.png]
[Image: IMG-0408.png]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: