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Incest मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
#61
दोस्तों अब में उनकी चूत का पूरा रस पी गया और मैंने उनकी चूत को चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया था. मैंने महसूस किया कि अब दीदी की झांटे बहुत गीली हो गई थी और मैंने दीदी से अपनी चूत के बाल साफ ना करने का कारण पूछा? तो दीदी ने मुझसे कहा कि आज तक तेरे जीजा जी ने कभी मेरी इस बैचेन चूत में मुहं ही नहीं लगाया था और उनका लंड भी बहुत छोटा था और वैसे भी वो हमेशा जल्दी से आए और दस मिनट में मुझे चोदकर दूर हट जाते थे इसलिए मैंने कभी नीचे की तरफ अपनी चूत पर बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं दिया, लेकिन आज तूने मुझे इस तरह चोदकर जो आनंद दिया है इसके लिए में अब सारी जिंदगी तेरी रखेल बनकर रहूंगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#62
दोस्तों इसी बीच में धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ रहा था और अब में उनकी नाभि चाट रहा था और उनके 36 इंच साईज़ के बूब्स मेरे रगड़ने की वजह से पहाड़ की तरह खड़े और बिल्कुल टाईट हो गये थे. अब में उनके निप्पल को चूस और मसल रहा था और वो तड़प रही थी और मचल रही थी. फिर उन्होंने मेरे कान में कुछ फुसफुसाया और मुझसे कहा कि अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा.

में उनके दोनों पैरों के बीच में आ गया और मैंने उनके पैर खोलकर जगह बनाई और उनकी उस बालों वाली चूत में अपना लंड घुसाया. वो मेरे पहले धक्के से एकदम उछल पड़ी और अब मैंने अपने दूसरे जोरदार धक्के में लंड को चूत की जड़ तक पहुंचा दिया. में थोड़ी देर मस्ती के लिए ऐसे ही पड़ा रहा तो वो भी अब नीचे से धीरे धीरे धक्के मारने लगी और मुझे भी बाहों से सहलाकर नीचे दबा रही थी. अब में भी धक्के लगाने लगा और हमें बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन सब लोग हम दोनों कुछ दूरी पर लेटे हुए थे तो इसलिए वो चिल्ला भी नहीं पा रही थी, लेकिन वो एक अजीब सी सेक्सी आवाज़े निकाल रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#63
मारी यह चुदाई करीब 25 मिनट तक चली और वो इस बीच तीन बार झड़ चुकी थी और अब में भी झड़ने वाला था इसलिए मैंने उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ डालूं? तो वो मुझसे बोली कि अंदर ही डाल दो क्योंकि उन्होंने नसबंदी करा रखी थी तो उन्हें कोई परेशानी नहीं थी. में अब उनकी चूत में ही झड़ गया और कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा. दस मिनट बाद उन्होंने मेरे लंड को अपने पेटीकोट से साफ किया और मुझे एक लंबा किस देकर अपने बिस्तर पर चली गई और अब मेरा सर दर्द ठीक हो गया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#64
पड़ोसन दीदी मेरे सामने नंगी हो गयी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#65
मैं मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ. ये मेरी पहली नंगी गर्ल सेक्स कहानी है … इसलिए मुझसे लिखने में गलती हो जाना सम्भव है, तो प्लीज़ अनदेखा करते हुए सेक्स कहानी का मजा लें.

आज मैं आपको मेरी जिंदगी की जिस सेक्स स्टोरी को साझा कर रहा हूँ, वो मेरी जिंदगी के पहले सेक्स अनुभव की नंगी गर्ल सेक्स कहानी है.

मैं एक पहलवान जैसे जिस्म का मालिक हूँ. मेरे लंड का आकार 6 इंच है और ये अच्छा खासा मोटा तगड़ा है. मैं बिस्तर में किसी भी औरत को संतुष्ट कर सकता हूँ.

मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता है. जिसमें एक दीदी रहती हैं. उनकी उम्र अभी कोई 26 साल के आस पास की है. दीदी का नाम हीना है.

उनका शरीर बिल्कुल बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा जैसा एकदम भरा हुआ है उनका फिगर 36-28-38 का है. हमारे मोहल्ले का हर लड़का उनको देख कर कामुक आहें भरता है. मैं भी उन्हीं में से एक हूँ.

मैं बचपन से ही दीदी के इर्द गिर्द घूमता रहता था. दीदी भी मुझे छोटे भाई जैसा मानती थीं. मैं उनका हर काम किया करता था और दिन भर उनके घर पर ही रहता था.

जिस समय की ये घटना है. उस समय दीदी की जवानी खिल रही थी. मैं हमेशा की तरह उनके घर गया तो वो उस समय घर का काम कर रही थीं. उनके घर वाले काम से बाहर गए थे. मैं जाकर उनके पलंग पर बैठ कर दीदी को देखने लगा.

दीदी हमेशा सलवार कुर्ता पहनती थीं. जैसा कि मैंने आपको बताया कि दीदी का फ़िगर एकदम कातिलाना है … तो उस समय वो उसमें एकदम ज़हरीली नागिन सी कातिल लग रही थीं. उस समय उन्होंने काले रंग का सलवार कुरता पहन रखा था, जो दीदी के गोरे शरीर पर बहुत अच्छा लग रहा था.

मैं बस दीदी को देखे ही जा रहा था. दीदी ने भी कई बार मुझे देखा और हर बार वो स्माईल कर देती थीं.

दोस्तो, उस समय मैं दीदी से उम्र में छोटा था, तो दीदी मुझसे हर काम करवा लेती थीं. वैसे भी दीदी पर भी जवानी का नशा चढ़ा हुआ था.

दीदी कुछ देर बाद झाड़ू लगाने लगी थीं. उन्होंने गहरे गले का सूट पहना था, तो उनके झूलते हुए गोल गोल आकार के मम्मे मेरी आंखों के सामने खटकने लगे थे. मैं बस उन्हीं को देख रहा था. मैं ये भूल ही गया कि दीदी भी मुझे देख रही थीं.

उन्होंने मुझे उनके मम्मे घूरते हुए देख लिया और हंस कर मुझसे बोलीं- क्या हुआ सोनू … ऐसे क्या देख रहा है?
उनकी आवाज से मैं एकदम सकपका गया- कुछ नहीं दीदी ऐसे ही.

दीदी- अरे भाई शर्माता क्यों है … बता ना?
मैं- कुछ नहीं दीदी आपके कपड़े अच्छे लग रहे थे तो बस … मैं उन्हें ही देख रहा था.

दीदी- अच्छा सिर्फ कपड़े देख रहा है या कपड़े के अन्दर भी कुछ और देख रहा है.
ये कह कर दीदी हंस पड़ीं.

दोस्तो, उनकी बात से मेरा चेहरा शर्म के मारे लाल हो गया और मैं नीचे देखने लगा. तभी दीदी ने मेरा हाथ पकड़ कर दूसरे कमरे में ले गईं और उन्होंने अपना कुर्ता निकाल दिया. अब मेरे सामने दीदी की काली ब्रा में कैद मम्मे थे.

मैं बस यूं ही खड़ा हुआ सब देख रहा था.

तभी दीदी बोलीं- क्या तू इन्हें ही देख रहा था?
तो मैंने सिर्फ हां में सर हिलाया.

तभी दीदी ने ने अपनी ब्रा भी उतार दी और मुझे पास में खींच कर मेरा मुँह पकड़ कर अपने मम्मों पर लगा लिया और कहा- चूस इन्हें.

मैं बस नंगी गर्ल की चूचियों को बौरा कर चूसने लगा और मस्ती से दीदी के दूध चूसे जा रहा था. कोई एक मिनट तक मैंने दीदी के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसा और दीदी भी मेरे सर को अपने हाथ से पकड कर अपने दूध चुसवा कर मजा ले रही थीं. उनके मुँह से गर्म आहें निकल रही थीं.

दीदी के एक दूध को चूसते हुए ही मैंने अपना एक हाथ उनके दूसरे मम्मे पर लगा दिया और जोर से उसे दबाने लगा. अब दीदी और भी मस्त आहें भर रही थीं … और मेरा सर दबाए जा रही थीं.

कुछ देर दूध चूसने के बाद दीदी ने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर सलवार के ऊपर से ही अपनी अपनी चूत मेरे लंड पर घिसने लगीं. मैं सिर्फ आंखें बंद करके मजे ले रहा था.

उस दिन दीदी ने मेरे कपड़े तो नहीं निकाले थे, मगर मेरे खड़े लंड के ऊपर अपनी चुत रगड़ कर उसको शांत कर लिया था. दीदी की चुत से पानी निकल गया, तो वो बिना कुछ बोले मेरे ऊपर से उठ गईं.

वो सलवार कुरते को ठीक करते हुए मुझसे बोलीं- अब तू जा … किसी से कुछ मत बोलना … नहीं तो मार खाएगा.
मैंने दीदी से कुछ नहीं कहा … बस उधर से चला गया.

फिर कुछ दिन ऐसे ही बीत गए. अब मैंने दीदी की चूत भी देख चुका था … और उन्होंने मेरा लंड भी महसूस कर लिया था … जो उस वक्त छोटा था. रोज़ में उनके घर जाता था … और हमारा रोज का यही काम हो गया था.

फिर कुछ दिन बाद दीदी की शादी हो गई थी और वे अब अपने आगे की जिंदगी जीने के लिए अपने ससुराल चली गई थीं.

अब मेरा लंड भी उफान मारने लगा था. अब मैं मुठ भी मारने लगा था. मुझे कभी कभी दीदी की याद आ जाती, तो उनके नाम की भी मुठ मार लेता.

एक बार में मेरे घर के बाहर से निकला, तो देखा कि हिना दीदी अपने घर के बाहर अकेले चबूतरे पर बैठी थीं. उन्होंने भी मुझे देख लिया था. वो मुझे देख कर बहुत खुश हो गईं.

दीदी ने मुझे आवाज देकर अपने पास बुलाया. मैं उनके पास जाकर बैठ गया और उनसे बातें करने लगा.

दीदी की शादी हुए अभी 4 साल हो गए थे और उनके अभी तक कोई बेबी नहीं हुआ था.

मैंने दीदी से पूछा- और सुनाओ दीदी … खुशखबरी कब सुना रही हो?
दीदी ये सुन कर हंसने लगीं और बात को टालने लगीं.

मैं भी समझ गया कि जरूर दाल में कुछ काला है. मैं अपनी बात पर अड़ा रहा, तो दीदी कुछ उदास हो गईं और उठ कर अन्दर जाने लगीं.

मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर उन्हें फिर से अपने पास बिठा लिया. मैं फिर से पूछने लगा.
तो दीदी ने कहा- तेरे जीजा जी में कुछ कमी के कारण वो मुझे मां नहीं बना सकते.
ये कह कर दीदी फिर से रोने लगीं.

मैंने उनको अपने घर चलने को कहा. तो वो उठ कर मेरे पीछे पीछे मेरे घर के बेडरूम में आ गईं. हम दोनों बात करने लगे.

वो फिर से रोने लगीं … तो मैंने अपना हाथ उनके कंधे पर रख दिया और उन्हें दिलासा देने लगा.

तभी मेरे दिमाग में घंटी बजी और सोचा क्यों ना मैं अपने बीज से दीदी को मां बना दूँ.
मैंने दीदी को कहा- दीदी आप मां बन सकती हो लेकिन आपको कुर्बानी देनी पड़ेगी.

दीदी ये सुन कर मेरी तरफ देखने लगीं और बोलीं- लेकिन क्या कुर्बानी देनी होगी?
मैं- दीदी कुर्बानी सिर्फ हया की देनी है. अगर मैं आपको मां बना दूं तो!
दीदी- ये क्या बोल रहा है … तुझे शर्म नहीं आती … मुझे ऐसा बोलते हुए?

वे गुस्सा हो गईं.

मैंने स्थिति संभालते हुए कहा- फिर तो आप कभी मां नहीं बन सकती हो.

दीदी मेरी तरफ देखने लगीं, फिर अचानक से मुझसे चिपक कर रोने लगीं.
मैंने उन्हें रो लेने दिया.

कुछ देर सोच कर वो मान गईं … लेकिन दीदी ने कहा कि ये बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
मैंने भी हां कर दी.

अब मैंने दीदी को किस करना चाहा, पर उन्होंने कहा कि अभी नहीं.
मैं- फिर कब!
दीदी- आज रात को तू अपनी छत से कूद कर मेरे ऊपर वाले कमरे में आ जाना.
मैं- ठीक है.

फिर मैं अपने घर आ गया और रात होने का इंतजार करने लगा. रात को लगभग 12 बजे जब मेरे घर में सब सो गए, तब चुपचाप मैं छत की दीवार फांद कर उनके घर में आ गया और ऊपर वाले कमरे का दरवाजे को धक्का लगाया तो वो खुल गया.

दीदी अन्दर ही बैठी थीं … वो अभी जाग रही थीं. वो मेरे आने से खुश हो गईं. मैंने उन्हें अपनी बांहों में ले लिया और उन्हें किस करने लगा. वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे हर किस का एक जवाब दे रही थीं.

करीब 5 मिनट किस करने के बाद मैंने उनका कुर्ता उतार दिया. उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.

मैं- क्या बात है मेरी रानी … आज चुदवाने के लिए पूरी तैयार बैठी हो!
दीदी- हां मेरे भाई राजा, आज तो मैं खुल कर चुदवाऊँगी तुझसे.

कुछ देर बाद मैंने उनकी सलवार भी उतार दी और पैंटी भी निकाल कर अलग फेंक दी. अन एक जवान नंगी गर्ल मेरे सामने थी.

उन्होंने मुझे भी नंगा कर दिया और मेरे लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं. फिर तपाक से पूरे लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं. मैं पूरे मजे से अपना लंड चुसवा रहा था.

मेरा पहली बार होने के कारण मैं जल्दी ही झड़ गया. वो मेरी मलाई खा गईं.

फिर मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और उनकी टांगों को हाथ से पकड़ कर फैलाने लगा. उन्होंने अपनी टांगों को पूरी तरह से चौड़ा दिया और मुझे उनकी एकदम चिकनी चूत दिखने लगी.

मैं अपने आपको रोक ही ना सका और अपनी जुबान दीदी की चूत पर लगा कर चूत को चाटने लगा. वो वासना भरी सिसकारियां लेने लगीं. कुछ देर बाद वो भी झड़ गईं.

फिर कुछ देर यूं ही लेटे रहने के बाद मैं उनके ऊपर आ गया. उन्होंने अपनी टांगें चौड़ी करके मेरा स्वागत किया. मैंने लंड को चूत के मुँह पर लगा कर धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड चुत के अन्दर जा चुका था.

वो मेरे मोटे लंड से कराह रही थीं. मैंने खुद को रोक दिया और उनके दर्द खत्म होने का इन्तजार करने लगा

कुछ देर बाद वो अपने नितंबों को उचकाने लगीं. इससे मेरी समझ में आ गया कि अब दीदी की चुत लंड लेने के लिए रेडी हो गई है.

उनके चार पांच बार कमर उचकाने के बाद मैंने भी एक जोर का धक्का लगा दिया और अपना पूरा लंड उनकी चुत में अन्दर तक डाल दिया. वो फिर से कराह उठीं. मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.

अब वो भी लंड के पूरे मजे लूटने लगी थीं. करीब दस मिनट तक मैं बिना रुके दीदी की चुत की धज्जियां उड़ाता रहा.

दस मिनट तक दीदी को चोदने के बाद मैंने पोज़िशन चेंज की. अब मैं उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदने लगा.

कुछ देर चोदने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया. वो अब तक दो बार झड़ चुकी थीं.

थोड़ी देर लेटे रहने के बाद मैं कपड़े पहन कर अपने घर वापस आ गया.

अब मैं रोज़ रात को उन्हें चोदने लगा था. कुछ दिनों के बाद वो अपने घर चली गईं. कुछ दिनों बाद खबर आई कि वो अब हमल से हो गई हैं. मैं बहुत खुश हुआ … ये मेरा बच्चा था.

कुछ महीनों बाद उन्होंने एक प्यारे से लड़के को जन्म दिया. वो बहुत खुश हुईं.

जब भी वे अपने घर आती हैं तो मैं अपने बेटे को बहुत प्यार करता हूँ. मेरा बेटे अपनी अम्मी की शक्ल पर है तो किसी को कोई शक भी नहीं होता कि वो अपनी अम्मी के शौहर की औलाद नहीं है.

आज भी मैं मौक़ा मिलते ही उन दीदी को चोदता हूँ. वो मेरे लंड से काफी खुश रहती हैं तो वे खुद से ही सेक्स करने का मौक़ा खोजती रहती हैं … और मुझे ही अपना सब कुछ मानती हैं. अब तो दीदी ने मेरी दोस्ती अपने शौहर से भी करवा दी है. मैं एक बार उनके ससुराल में भी जा चुका हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#66
सगी बहन को चोद कर मां बनाया
30-01-2020 by विकी ओबेरॉय

बहन भाई सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी शादीशुदा बहन को सेक्स के लिए मनाया और अपने घर में बहन की चूत की चुदाई की. उसने भी खूब मजा लिया. आप भी मजा लें.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विक्की है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ना अच्छा लगता है. आज मैं पहली बार अपनी सेक्स कहानी लेकर आपके सामने आया हूँ. आशा करता हूँ कि आपको मेरी बहन भाई सेक्स की सच्ची कहानी पसंद आएगी.

मेरे परिवार में पांच लोग हैं. मैं, मेरी बड़ी बहन सुमन, उससे छोटी बहन खुशबू, मां और पापा.

सुमन की शादी को तीन साल पहले हो गई थी और खुशबू की शादी को एक साल हुआ है.

मेरी दोनों बहनें गजब की खूबसूरत हैं … पर मुझे खुशबू बहुत ज्यादा हॉट और सेक्सी लगती है. खुशबू के चूचे काफी बड़े और टाईट हैं, उसकी गदराती जवानी को देखकर कोई भी उसे चोदना चाहेगा. मेरा मन भी बहुत करता था, पर कभी हिम्मत नहीं होती थी.

नवम्बर महीने की बात है, मां की तबीयत खराब हो गई थी, तो खाना बनाने के लिए और मम्मी की देखभाल करने के लिए खुशबू को यहाँ आना पड़ा.

दिल्ली में हमने इलाज कराया, पर कोई फ़र्क नहीं पड़ा … इसलिए पापा मां को गांव ले गए. अब घर पर मैं और खुशबू बचे थे.

सुबह खाना बनाने के बाद वो मुझे खाना देने आयी, तो मैं उससे बात करने लगा- ससुराल में सब कैसे हैं?

खुशबू- सब अच्छे हैं, तू बता, तेरी गर्लफ्रेंड कैसी है?
मैं- कहाँ यार, मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है, तू बनवा दे.

हम दोनों खुले दिमाग के थे, इसीलिए ऐसी बात कर लेते थे. मैं उसके सामने सिगरेट भी पी लेता था. वो भी मेरे साथ सिगरेट और ड्रिंक का मजा ले लेती थी. मगर काफी दिन से उसके साथ मेरी सिटिंग नहीं हुई थी.

मैंने एक सिगरेट जलाई और कश लेते हुए उसके मम्मों को देखने लगा. उसने मुझे यूं ताड़ते हुए देखा तो हल्के से मुस्कुरा दी.

खुशबू- मैं क्यों बनवाऊं, तू खुद ही बना ले. वैसे भी तेरी नजरों में अब लड़कियों को देखने का नशा चढ़ने लगा है.
मैंने फिर से सिगरेट का कश खींचा और कहा- क्या मतलब है तेरा?
वो बोली- साले सुधर जा … सब समझ रहा है तब भी ड्रामा कर रहा है. अभी तू अपनी गर्ल फ्रेंड की बात कर रहा था … वो बता!

मैंने उसके मम्मे ताड़ना बंद नहीं किए और कहा- कोई बनती ही नहीं है यार, पर मन करता है कि काश मेरी गर्लफ्रेंड होती, तो मैं उसके साथ खूब मजे करता. तू बन जा ना मेरी गर्लफ्रेंड.
खुशबू- पागल है क्या, मैं तेरी बहन हूँ.
मैं- तो क्या हुआ, तू मेरे लिए इतना नहीं कर सकती … मैं तुझे खूब प्यार करूंगा.
खुशबू- विक्की तुझे क्या हो गया है. मैं नहाने जा रही हूँ. … खाना खाकर बर्तन किचन में रख दियो.
मैं उसके चूचों के उभार देखता हुआ बोला- मैं तुझे खूब मजे दिलाऊंगा, पक्का कह रहा हूँ.

खुशबू हल्का सा गुस्सा होकर चली गई. मेरा मूड उससे लिपटने का बहुत कर रहा था … ऊपर से मौसम भी ठंडा था. उसके दूध मुझे पागल किये दे रहे थे. मैंने सिगरेट फेंकी और लंड सहलाने लगा.

वो बाथरूम में थी. मैं सोच रहा था कि अपनी नंगी बहन देख कर ही मजा लिया जाए.

मैंने बाथरूम के दरवाजे की एक झिरी में आंख लगाई तो अन्दर का नजारा बड़ा गर्म था. खुशबू अन्दर पूरी नंगी थी और अपनी सफाचट चूत में उंगली कर रही थी. उसकी चूचियां एकदम मस्त उछल उछल कर उसकी उंगलियों की संगत कर रही थीं.

तभी मुझे अपने कानों में शहद घुलता सा महसूस हुआ. खुशबू हल्के स्वर में कहे जा रही थी- आह विक्की … तेरी नजरों ने मेरी चूचियों को क्या ताड़ा, साले चुत में आग लग गई. अब तू मेरा भाई है … नहीं तो उसी समय तेरे लंड से चुद जाती. मगर अब मुझसे रहा नहीं जा रहा. आज मौका मिला तो तेरे लंड को लेकर अपनी चुत की खुजली मिटवा ही लूंगी.

मैं समझ गया कि चुत का इंतजाम हो गया.

मैंने कमरे में आकर अपने कपड़े उतारे और एक फ्रेंची में खड़ा होकर आवाज लगाने लगा- खुशबू तू जल्दी निकल फिर मुझे भी नहाना है.
खुशबू- हां बस आती हूँ.
मेरा लंड इस समय खड़ा था और खुशबू की जवानी को कुचलने के लिए हद से ज्यादा बेचैन हो उठा था.

खुशबू नहाकर बाथरूम से निकली, तो उसे देखकर मेरा लंड और कड़क हो गया … क्योंकि उसने ऊपर से टॉप पहन रखा था, पर अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.

उसने मेरे खड़े लंड को देख लिया और दिलकश स्माइल देती हुई अपने कमरे में चली गई.

शाम को मैंने उससे पूछा- कुछ चलेगी?
खुशबू- हां यार आज मूड तो हो रहा है … एक दो पैग ले लूंगी.

मैंने जल्दी से अपनी अल्मारी में रखी व्हिस्की की बोतल निकाली और दो पैग बना लिए. वो मेरे सामने एक बेबीडॉल पहन कर आ गई. इसमें से उसकी नंगी जांघें बड़ी मस्ती से अपनी चिकनाई मेरी आँखों में चुभो रही थीं.

हम दोनों ने दो पैग खत्म किए. फिर मैंने सिगरेट जला ली तो खुशबू ने मेरे हाथ से सिगरेट लेते हुए अपनी टांगें खोल दीं.

मैंने कहा- आज बड़ी हॉट दिख रही हो.
खुशबू- लेनी है?
मैंने कहा- कब से मर रहा हूँ … तेरी चिकनी चुत देख कर तो लंड फटा पड़ा है.
खुशबू- साले तूने मेरी चिकनी चुत कब देखी?
मैंने- जब तू बाथरूम में मेरे लंड को याद करके अपनी चुत में उंगली कर रही थी. अब ड्रामा न चोद, आजा मेरी गोद में बैठ जा.

वो हंस दी और मेरी गोद में बैठ गई.

रात जवान होने लगी थी और हम दोनों ने एक पैग को एक दूसरे के साथ साझा किया फिर टेबल पर रखा खाना खाकर चुदाई की तैयारी करने में लग गए.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैंने अपनी बहन की बेबीडॉल को खींच कर उतार दिया और उसे नंगी कर दिया. आह … क्या मस्त जवानी थी.

मेरी बहन का गोरा बदन मुझे उसकी ओर खींच रहा था. उसके लाल होंठ किसी गुलाब की पंखुरी की तरह लग रहे थे. मैंने कुछ नहीं सोचा और बिना समय गंवाए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और मस्त होकर चूसने लगा.

एक पल के लिए तो मुझे लगा कि मैंने किसी शहद के बर्तन में होंठ लगा दिया हो.

इससे खुशबू की वासना भी जाग गई और कहने लगी- मैं जानती थी कि तेरा मन मचल रहा है … और तू नहीं मानेगा … पर आज!
मैंने उसकी तरफ वासना से देख कर कहा- पर आज … क्या कहना चाह रही है … पूरा बोल न!
खुशबू- आज तेरा लंड देखकर मुझे भी मजा आ गया. ठीक है … मैं तेरी गर्लफ्रेंड बनने के लिए तैयार हूँ … पर ये बात तू किसी को नहीं बताएगा.
मैं- प्रॉमिस, मैं किसी को नहीं बताऊंगा.

मुझे इसी मौके की तलाश थी और वो मौका मुझे मिल ही गया. अब मेरी बहन खुशबू भी मेरा साथ देने को राजी हो गई थी.

अगले ही पल मैं उसके साथ बिस्तर में घुस गया और उसे अपने साथ चिपका लिया. हम दोनों एक-दूसरे को लिप पर किस किए जा रहे थे. मैंने उसके दूध दबाए, तो उसने अपना सीना मेरी छाती से सटा दिया. उसके मम्मे मुझे सुकून देने लगे, देखते ही देखते मैं उस पर टूट पड़ा.

मैंने उसके मम्मों को काफ़ी देर तक चूसा, काटा और भंभोड़ा. उसने मेरी फ्रेंची में कैद लंड पकड़ा, तो वो उत्तेजित हो गई और उसने मेरा लंड नंगा कर दिया.

खुशबू- भाई, तेरा लंड तो तेरे जीजा से भी मस्त है. ऐसा ही लंड मैं चाहती थी, जो आज मुझे मिला है. अगर मुझे पहले पता होता कि तेरा लंड इतना बड़ा है, तो शादी से पहले तुझसे जरूर चुद जाती.

मैंने उसकी बात सुनकर मस्त हो गया. मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.

मेरी बहन मेरे लंड को सहलाती हुई कहे जा रही थी- आज मैं तेरे लंड से अपनी चूत की प्यास बुझाऊंगी मेरे भाई.
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अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, मैं उसकी चुत को चाटने लगा. उसकी चुत एकदम गुलाबी थी और उसकी झांटें साफ़ थीं.
जब मैं अपनी बहन की चुत चूसने लगा तो वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ़्फ़्फ़.’ करने लगी.

अब वो पूरी तरह से कामुक हो चुकी थी.

खुशबू- चोद मेरे भाई … कस के चोद दे, फाड़ दे अपनी बहन की चुत को … आज तेरा मन जो करे, तू वो कर.
मैं भी फ़ुल जोश में था- हां मेरी बहन, आज तेरी चुत … गांड सब फाड़ दूँगा.

अब मैंने अपना लंड खुशबू की चुत पर सैट किया और एक जोरदार धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड बहन की चुत में समा गया.
खुशबू- अह्ह्ह ह्हह्ह … म्म्म्म्मीम्मी … अह्ह्ह … भाई आराम से.

पर मैं कहाँ रुकने वाला था. मैंने अपना पूरा लंड चुत में डाल दिया, जो उसकी बच्चेदानी से टकरा गया. मैंने उसे पेलना चालू कर दिया.

खुशबू- अह्ह्ह … उफ़्फ़ ह्ह्ह … अह्ह्हुफ़्फ़ … मजा आ रहा है मेरे भाई … और जोर से चोद मुझे. … अपनी रंडी बना ले … मैं तेरी कुतिया हूँ, रखैल हूँ.
मैं- हाँ तू मेरी रंडी है, तुझे बीच बाजार में नंगी करके चोदूंगा … मेरी कुतिया.

कुछ देर चोदने के बाद मैंने अपना लंड उसकी चुत से निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया- आंह … चूस मेरी रंडी चूस इसे.
वो उम्म्म्म … उम्म्म्म. … करके भाई का लंड चूसने लगी.

खुशबू- वाह तेरे लंड का स्वाद भी मस्त है. भाई तू मुझे अपनी बीवी बना ले. मैं जिन्दगी भर तेरी सेवा करूंगी. तू जो कहेगा, मैं वो करूंगी. बस इसी तरह मुझे चोदते रहियो.
मैं- बिल्कुल मेरी रांड बीवी. तुझे मैं जिन्दगी भर चोदूंगा.

खुशबू दो बार झड़ चुकी थी और अब एक बार फिर से उत्तेजित होकर मेरे लंड से चुदने के लिए मचल रही थी.

मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल कर और उसकी चुत में डाल दिया. लंड सटाक से अन्दर तक सरसराता चला गया. उसकी एक हल्की सी आह के बाद मैंने जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.

खुशबू ‘अह्ह ह्ह … अह्ह्हा ओह्ह … उम्म्म्माहह उफ़ हह्ह.’ करने लगी.

करीब 25 मिनट बाद मैं उसकी चुत में ही झड़ गया और कुछ देर तक उस पर ही पड़ा रहा.

इसके बाद मैंने अपनी बहन की गांड मारी और दुबारा झड़ गया. रात भर हमारी चुदाई का खेल चलता रहा.

मम्मी पापा एक महीने बाद आए. पर तब तक मैंने अपनी बहन की खूब चुत और गांड मारी. उसकी चुत का फालूदा बन चुका था. बड़ी बात तो ये थी कि उसने अपना सिन्दूर मिटा दिया था … मंगलसूत्र भी उतार दिया था.

ये यूं हुआ कि तीसरे दिन ही चुदाई करने पहले मैंने उससे कहा- यार, मुझे तुमको चोदते समय बीवी की चुदाई की फीलिंग नहीं आती है.
इस पर उसने कहा- ये ले मेरे भाई सिन्दूर ले … और मेरी मांग भर दे. मुझे अपनी रंडी या बीवी जो मर्जी हो बना ले. मगर चोदना पूरे मन और ताकत से.
मैंने उसकी मांग भर दी और उसे मंगलसूत्र पहना दिया.

उसने मेरे पांव छुए, तो मैंने कहा- सदा मुझसे अपनी गांड-चुत मरवाती रहना और मेरा लंड तेरे मुँह में रहे.
खुशबू ने मेरा लंड हिला कर कहा- जी पतिदेव.

तीन महीने बाद खुशबू अपनी ससुराल चली गई और अपनी ससुराल से फोन करके कहा- मुबारक हो, आप बाप बनने वाले हो.
मैं- सच्ची मेरी बहन!
खुशबू- हाँ पतिदेव और मुझे इसका इनाम चाहिए.
मैं- बोल क्या इनाम चाहिए मेरी रंडी?
खुशबू- आपका लंड मेरे पतिदेव.

मैंने ओके कहा और उसकी ससुराल जाने की तैयारी करने लगा. बहन की चुत लंड लंड कर रही थी न.
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#67
लिंक १
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#68
new story
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#69
मैं और मेरी प्यारी दीदी

Sleepy





पड़ेगा 





आज मैं बहुत ज्यादा मूड में था थोड़ी देर बाद दीदी नहा के कपडे चेंज कर के आई बड़ी ही सेक्सी लग रही थी दीदी ने नहा के सलवार सूट पहना था उन्होंने डार्क बेंगनी कलर का सूट पेहेन रखा था उनके गोरे कलर पे वो डार्क सूट बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनका कुरता बहुत ही पतला था और उनके बदन से चिपका हुआ था जिसकी वजह से उनका फिगर बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनके टाइट बोबे उस चिपके हुए कुर्ते में से बाहर आ रहे थे और नीचे उनके पतले पेट पर कुरता चिपका हुआ था उनके पतले कुर्ते में से मुझे उनकी पूरी ब्रा का शेप उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स साफ़ दिख रही थी उनकी पटियाला सलवार भी उतनी ही पतली थी और दीदी की गोरी गोरी झान्गें नजर आ रही थी उनके बालो की लटे बार बार उनके चेहरे पे आ रही थी और वो अपनी उंगलियों से उन्हें अपने कान के पीछे करती उनका ये रूप देख के मैं पागल हो गया मैं उनके बाथरूम में गया और उनकी उतारी हुई ब्रा पेंटी को पागलो की तरह सूंघने लगा उनकी ब्रा पेंटी में से उनके बदन की बहुत ही कमसिन और कामुख खुशबु आ रही थी मैं यही सब कर रहा था इतने में दीदी की आवाज आई "कहाँ है सोनू खाना खा ले " 





मैंने दीदी की ब्रा पेंटी रखी और बाहर आ गया हम दोनों ने खाना खाया आज तो दीदी के चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी और चमक थी हम दोनों खाना खाने लगे थोड़ी देर में दीदी ने खाना खा लिया और वो बोतल से पानी पीने लगी थोडा सा पानी उनके मुह से गिर के उनके गले से होता हुआ उनके कुर्ते के गले के अंदर चला गया मैं सोचने लगा की काश मैं भी एसे ही अंदर जा पता वो सीन बहुत ही सेक्सी था तभी थोडा सा पानी दीदी के कुर्ते के बाहर गिर गया उनके बोबे पे और गीला होने के कारण मुझे दीदी का निप्पल का शेप दिखा आज इन सब से मैं पागल हो चुका था अब मैंने सोच लिया था की आज रात को दीदी के जिस्म को छुउंगा वापस शाम को मैं खेलने चला गया खेल के वापस आया तो देखा की दीदी नेल पोलिश लगा रही थी मैंने सोचा दीदी आज तो वेसे ही इतनी कातिल लग रही हो और जुल्म क्यों ढा रही हो मैं जाके दीदी के सामने बैठ गया फिर दीदी ने अपने पैरो के नेल्स पे नेल पोलिश लगाना शुरू की जेसी ही दीदी बार बार झुकती मुझे उनकी ब्रा में क़ैद उनके बोबो का थोडा थोडा ऊपर का हिस्सा दिखाई देता मैं आज सुबह से ही बहुत उत्तेजित था मैं रात होने का इन्तेजार करने लगा 





थोड़ी देर बाद रात हो गयी हम लोग खाना खाने लगे खाना खाके दीदी और मम्मी टीवी देखने लगे लेकिन मैंने आज टीवी नहीं देखा मैं रूम मैं आके लाइट बंद करके लेट गया करीब आधे घंटे बाद दीदी अंदर आयी उन्होंने लाइट जलाई मैं सोया नहीं था सोने का नाटक करने लगा दीदी ने लाइट जला के बोला "ओये भंगी सो गया क्या " मैंने कोई जवाब नहीं दिया इतने में मम्मी आई और बोली "अरे प्रीती क्या हुआ सोनू आज इतनी जल्दी कैसे सो गया " दीदी ने कहा " थक गया हो मम्मी खेल खेल के " फिर दीदी ने कहा "अच्छा मम्मी सुनो ना यार मुझे थोड़ी खांसी हो रही है और चेस्ट में भी पेन हो रहा है थोडा थोडा " मम्मी ने कहा "और नहा ले गर्मी में आके इसलिए मना करती हू रुक दवाई लाती हु और हाँ अगर चेस्ट में पेन हो रहा है तो रात को ब्रा का हुक खोल के सो जाना या फिर ब्रा उतार देना और खाली शमीज और टॉप पेहेन लेना " दीदी ने कहा " हाँ मम्मी ब्रा उतार ही देती हूँ और खाली शमीज पेहेन लेती हूँ और ऊपर से टॉप डाल लूंगी " मम्मी ने कहा "ठीक है " मैं ये सब सुन रहा था और मैं मन ही मन बहुत ख़ुश था की चलो आज तो दीदी ब्रा उतार की सोयेंगी तो मैं उनके बोबे आराम से छू पाऊँगा 





थोड़ी देर बाद दीदी ने लाइट ऑफ की और वो भी सो गयी मैं थोडा टाइम निकलने का इन्तेजार करने लगा थोड़ी देर बाद मैंने दीदी को आवाज दी दीदी ने कुछ जवाब नहीं दिया मैंने और तेज आवाज दी दीदी कुछ नहीं बोली फिर मैं उठा दीदी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी मैंने दीदी की गांड पे हाथ रखा और उन्हें जगाने की कोशिश की लेकिन दीदी नहीं उठी मैंने सोचा आज दीदी इतनी गहरी नींद में कैसे सो रही है फिर मुझे लगा की शायद कल विवेक सर वाली टेंशन में दीदी रात भर नहीं सो पाई होंगी इसलिए आज सो रही है ढंग से मैंने सोचा आज बहुत ही अच्छा मौका है मैं दीदी के मुह की तरफ गया और दीदी के कंधे पे हाथ रख उन्हें उठाने लगा दीदी ने अद्खुली पलकों से मुझे देख के कहा "क्या हुआ सोनू " मैंने कहा "दीदी मुझे डर लग रहा है " दीदी ने कहा " आजा यहाँ पे आजा मेरे बेड पे यहाँ सोजा मेरे पास और अब डिस्टर्ब मत करना " मैंने कहा " ठीक है दीदी " अब मैं दीदी के बेड पे उनके बिलकुल पास लेटा हुआ था दीदी मेरी तरफ मुंह करके सो रही थी मेरा लंड खड़ा था 





मैंने धीरे धीरे अपना हाथ दीदी की झांघ पे रखा और धीरे धीरे अपना हाथ उनकी कोमल और नरम झांघ पे फेरने लगा फिर मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर की तरफ लेके जाने लगा मुझे दीदी की पेंटी की लाइन महसूस हुई मैंने अपना हाथ फेरना जारी रखा और अब मेरा हाथ दीदी की गांड तक पहुँच गया था मैं अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरने लगा उनकी गांड को सहलाने लगा फिर मैंने अपना हाथ दीदी की गांड पे से और ऊपर उनके टॉप और उनकी शमीज के अंदर दीदी की पीठ की तरफ किया आज उनकी पीठ पूरी नंगी थी आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी मैंने थोड़ी देर दीदी की नंगी पीठ पे हाथ फेरा फिर अपना हाथ निकाला और दीदी के हाथ पर अपना हाथ रखा और धीरे से उनका हाथ अपने लोअर पे से अपने खड़े हुए लंड पर टच करवाया मुझे 1 करंट सा लगा फिर मैं अपने होंठ दीदी के होंठो की तरफ लेके गया और उन्हें धीरे से किस किया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी को किस किया था दीदी को किस करना मेरा बहुत ही अलग अनुभव था दीदी को किस करने के बाद मैं और ज्यादा मदहोश हो गया था बहुत नरम और कोमल होंठ थे मेरी प्यारी दीदी के मैं फिर धीरे से अपना हाथ दीदी के टॉप पर लेके गया और उनके टॉप पे से उनके नरम बोबे दबाये कितने मुलायम बोबे थे दीदी के मैं थोड़ी देर तक उनके बोबे दबाता रहा फिर





मैंने दीदी के होठो पे वापस किया और उन्हें किस करते करते मैं उनके बोबे दबाने लगा अब मैंने अपना लोअर उतार दिया मेरा लंड बाहर आ गया था अब मैं नंगा दीदी के साथ उन्ही के बेड पे था मैंने दीदी का हाथ लिया और उनके हाथ मैं अपना नंगा लंड पकडाया और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगा और उनके बोबे दबाना लगा फिर उन्हें किस करने लगा फिर मैंने उनके पेट पर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे उनका टॉप और उनकी शमीज ऊपर करने लगा और दीदी के नंगे बोबे मेरे सामने थे आज मैंने बड़े ध्यान से और आराम से अपनी दीदी के प्यारे बोबो को देखा उनके बोबे गोरे गोरे और मोटे मोटे थे और उनके निप्पल ब्राउन कलर के बहुत छोटे छोटे थे मैंने पहले दीदी के नंगे बोबो पे अपना हाथ फेरा उन्हें दबाया उन्हें सहलाया फिर उन्हें किस किया और फिर उनका 1 निप्पल अपना मुह मैं ले लिया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी का निप्पल मुह मैं लिया था मैं उनके निप्पल को चूसने लगा दीदी का निप्पल खड़ा हो चूका था मैंने दीदी के पूरे बोबे को अपने मुह में लिया और चूसने लगा दीदी के बोबे को चूसते चूसते अपने आप ही मेरा हाथ दीदी के दोनों जाँघों के बीच उनकी चूत पे चला गया मैं दीदी की कैप्री के ऊपर से उनकी पूरी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा फिर मैंने दीदी का दूसरा बोबा चूसना चालू किया और अपना हाथ दीदी की केप्री के अंदर डाल दिया और उनकी पेंटी के ऊपर से उनकी चूत पे सामने की तरफ से ऊपर से लेके नीचे तक पूरी चूत में अपना हाथ फेरने लगा मैं तो बिलकुल ही ये भूल चूका था की मैं ये सब तब कर रहा था जब दीदी सो रही थी 





फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ ".......





फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ "....

मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ "......... 

अब आगे - मैंने दीदी से कहा "वो दीदी मुझे बाहर से कुछ आवाजें आ रही थी इसलिए मुझे डर लग रहा था लेकिन आप कल रात को इतनी ज्यादा गहरी नींद में कैसे सो रही थी " दीदी ने बोला " अरे सोनू वो विवेक सर की टेंशन के कारण परसों नींद ही नहीं आई और कल मम्मी ने खांसी की दवाई भी दे दी थी तो उससे और ज्यादा नींद आ गयी चल अब तैयार हो जा फटाफट स्कूल के लिए " फिर हम दोनों स्कूल के लिए हमारी स्कूल बस का वेट करने लगे बस आयी तो मैंने देखा की बस का कंडेक्टर मेरी दीदी को घूर घूर के देख रहा था फिर जेसे ही दीदी बस म चडी तो कंडेक्टर ने धीरे से अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरा उसने ऐसा इतने ध्यान से किया की किसी ने नोटिस नहीं किया लेकिन वो मैंने देख लिया था थोड़ी देर बाद हम स्कूल पहुंचे स्कूल मे कुछ ख़ास नहीं हुआ 1 बजे हम स्कूल से घर पहुंचे घर पहुँच के देखा तो डाइनिंग टेबल पे 1 लड़की बैठी हुई थी और खाना खा रही थी मैंने दीदी से पूछा " ये कौन है दीदी " दीदी ने कहा "स्टुपिड मुझे क्या पता मैं भी तो स्कूल से आई हु अभी अभी तेरे साथ " इतने में मम्मी ने बोल "अरे बच्चो आ गए तुम देखो तो कौन आया है " 



उस लड़की ने पीछे मुड के देखा तो दीदी चिल्ला पड़ी " माय गॉड शिप्रा दीदी आप कब आये " और दीदी भाग के उनके गले लग गयी शिप्रा दीदी को मैं नहीं पहचान पाया क्योंकि मैं उनसे बचपन में मिला था वो मेरी मौसी की लड़की थी जो बी कॉम फाइनल इयर में थी बहुत ही सेक्सी लग रही थी वो दीदी से खूब गले मिली और बोली " ओहो मेरी प्रीती बहुत बड़ी हो गयी तू तो कौनसी क्लास में है तू " दीदी ने कहा " दीदी 12 th में हू और आप क्या कर रहे हो आजकल " तो शिप्रा दीदी ने बोला " मेरा बी कॉम का फाइनल इयर चल रहा है " फिर शिप्रा दीदी ने मेरी दीदी को साइड मे किया और मुझे देख के बोली "ओ हेल्लो मिस्टर कौनसी दुनिया में हो , तूने तो मुझे पहचाना ही नहीं होगा छोटा सा था जब मैं मिली थी तुझसे " मुझे तो शिप्रा दीदी की कोई बात सुनाई ही नहीं दीक्योंकि मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया 







ब्लैक कलर का टॉप ब्लू कलर की जींस लम्बे बाल सर पे गोगल लगा हुआ होंठो पे लाइट ब्राउन कलर का लिप ग्लॉस 1 हाथ में घडी और 1 हाथ मे बेन्गल्स वो बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी वो मेरे पास आई और चुटकी बजा के बोली "ओये दीन दुनिया से बेखबर कौनसी दुनिया में है पहचाना या नहीं " मैंने ना में सर हिला दिया उन्होंने कहा "भोंदूमल मैं शिप्रा हु तेरी मौसी की लड़की अब कुछ याद आया " इतने में मम्मी बोल पड़ी " अरे शिप्रा इसे कहाँ से याद होगा ये तो बहुत ही छोटा था तब फिर तुम मिले भी तो नहीं उसके बाद " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे तो अब मिल लेंगे मौसी , कौनसी क्लास मे है तू भोंदूमल " मैंने कहा "10th में " तभी दीदी ने बोल " शिप्रा दीदी आज इतने सालो बाद 1 दम से कैसे आना हुआ " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे यार मेरे फाइनल इयर के एग्जाम आने वाले है तो 2 - 3 बुक्स है जो मिल नहीं रही है बस वही लेने आई थी यहाँ से परसों निकलने का प्लान है " 



इसपे दीदी बोली "क्या दीदी इतने सालो बाद आये हो और बस 2 दिन में चले जाओगे थोडा तो रुको " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे प्रीती अभी एग्जाम है बाद में आउंगी फिर छुट्टियों में " मैं तो छुप छुप के बस शिप्रा दीदी को ही देख रहा था वो बहुत सेक्सी थी मैं उनका दीवाना हो चूका था उन्होंने v नैक का टॉप पेहेन रखा था जिसमे से उनके कंधो पर से उनकी ब्रा की 1 स्ट्रेप दिख रही थी शिप्रा दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरी नजरे उनके पूरे बदन पे थी उनके टॉप में से उनके बोबे बाहर आ रहे थे फिर नीचे टॉप उनके पेट से चिपका हुआ था और जीन्स में से उनकी प्यारी कोमल गांड बाहर आ रही थी मैं उनके टॉप के गले में से उनके बोबे देखने की कोशिश कर रहा था इतने में मम्मी ने कहा "अरे शिप्रा तू नहा के फ्रेश हो जा और रेस्ट कर ले थोड़ी देर " शिप्रा दीदी ने कहा "जी मौसी " और कुर्सी पे से उठते हुए अपने सेंडल उठाने लगी जैसे ही वो झुकी उनके टॉप के गले में से मुझे अंदर का नजारा देखने का मौका मिला मुझे शिप्रा दीदी की ब्रा की थोड़ी सी झलक मिली 



लेकिन तभी शिप्रा दीदी ने अपना मुह ऊपर करके बोला " अरे सोनू सुन तो " और उन्होंने मुझे उनके टॉप के गले में झांकते हुए पकड़ लिया मैंने जल्दी से अपनी नजरे हटा ली लेकिन मैं जनता था की शिप्रा दीदी मुझे देख चुकी है उनके टॉप के अंदर झांकते हुए वो थोडा सा मुस्कुराई शायद वो समझ गयी थी की मैं क्या देख रहा था उन्होंने मुझसे कहा "अरे सोनू सुन मुझे 2 शेम्पू का पाउच ला के दे " मैंने कहा " हाँ दीदी " मैंने सोचा की बाल बाल बच गए आज तो फिर मैंने सोचा की शिप्रा दीदी नहाने जाने वाली है तो क्यों ना उन्हें नंगी देखा जाये मैं जल्दी से शेम्पू के पाउच लेके आया उन्हें दिए और अपने रूम में जाके बैठ गया थोड़ी देर में शिप्रा दीदी नहाने गयी उन्होंने दरवाजा बंद किया और इतने मैं मेरी दीदी रूम में आगयी और बोली "ओये तुझे मम्मी बुला रही है जा " मुझे इतना गुस्सा आया अपनी दीदी पर की यार इसे भी अभी ही आना था क्या खैर मैंने सोचा चलो रहने दो बाद में देखेंगे कभी और बहार चला गया थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी नहा के बाहर आयी बहुत ही सेक्सी लग रही थी


गीले गीले बाल गोरा चेहरा डार्क ब्लू कलर का स्लीवलेस टॉप चेक्स वाला पजामा चिकने चमकते हाथ वो बहुत सेक्सी लग रही थी थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी और मेरी दीदी दोनों बैठ कर टीवी देखने लगे मैं चुपके से बाथरूम में गया और वहा पे शिप्रा दीदी की ब्रा और पेंटी ढूँढने लगा फिर मैंने देखा की उन्होंने अपने टॉवल के नीचे अपनी ब्रा और पेंटी धोके सुखा रखी थी मैंने उनकी पेंटी उठाई और उसे सूंघने लगा और शिप्रा दीदी की ब्रा को अपने मुह पे रगड़ने लगा उनकी पेंटी में से बहुत ही कातिल और कमसिन खुशबु आ रही थी मेरा लंड खड़ा हो चुका था मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी अपने पूरे नंगे लंड पे फेरी मैं उनकी पेंटी अपने लंड पर लपेट ही रहा था रहा था की तभी मम्मी ने मुझे आवाज लगायी मैंने जल्दी से शिप्रा दीदी की ब्रा पेंटी वापस उसी जगह रखी खुद को नार्मल किया और बाहर आया मुझे देख " मम्मी ने बोला कहाँ घूम रहा है शिप्रा दीदी बुला रही है ना कम से कम ढंग से मिल तो ले उनसे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#70
मैंने कहा " हाँ मम्मी " मैं जाके शिप्रा दीदी के साथ बैठ गया उन्होंने मुझे देखते ही बोला "और हमारे छोटू मोटू सोनू यहाँ तो आओ " मैं उनके पास चला गया शिप्रा दीदी ने मुझे हग कर लिया और उनके बदन की इतनी कामुख खुशबु थी और उनके बोबे मेरी छाती को छू रहे थे इन सब से मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा हो गया और मेरा खड़ा लंड हलके से उनके पैर पे लग गया उन्होंने मुझे अलग किया और वो फिर मुझे देख के फिर से मुस्कुराई शायद उन्हें पता चल चुका था की मेरा लंड खड़ा हुआ था हम लोगो ने थोड़ी सी बातें की फिर रात का खाना खाने बैठ गए हम खाना खा रहे थे तो पापा ने मम्मी से पुछा की "शिप्रा के सोने का एडजस्टमेंट कहा किया 1 काम करो मैं ड्राइंग रूम में सो जाता हू तुम शिप्रा के साथ सो जाना " तो मम्मी ने कहा "नहीं जी मैंने सोनू और प्रीती के जो बेड अलग अलग थे उनको मिला दिया है तो तीनो बच्चे साथ में आराम से सो जाएँगे " मैंने मन ही मन सोचा की काश शिप्रा दीदी मेरे पास सो जाये हम लोगो ने खाना खत्म किया और सोने के लिए अपने रूम में आ गये दीदी ने कहा की "शिप्रा दीदी आप हम दोनों के बीच सोना ताकि हम दोनों आपसे बात कर सके " शिप्रा दीदी ने कहा " ठीक है "

थोड़ी देर बाद हम लोग सो गए शिप्रा दीदी मेरे पास ही सो रही थी मैं सोच रहा था की क्या करू नींद में शिप्रा दीदी के बदन को हाथ लगाऊं या नहीं वो जग गई तो अगर उन्हें पता चल गया तो मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था 1 घंटे बाद मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी की तरफ किया मैंने अपना हाथ उनके चादर के अंदर उनके पजामे के ऊपर से उनके घुटने पे रखा उन्होंने कुछ रियेक्ट नहीं किया फिर मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर ले जाना लगा उनकी झांगो की तरफ उन्होंने कुछ रियेक्ट नहीं किया फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी झांगो पे फेरने लगा फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी दोनों झांगो के बीच डालने लगा तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया मैं बुरी तरह से डर गया मैंने अपना हाथ बाहर खींच लिया तभी शिप्रा दीदी ने मेरे कान में बोला "सोनू मैं अभी सोयी नहीं हू जब सो जाऊ तब करना " मेरी तो हालत ख़राब हो गयी



उन्होंने फिर मेरे कान में बोला "क्या करना चाहता है बोल " मैं कुछ नहीं बोला मेरी डर के मारे हालत ख़राब हो गयी थी तभी शिप्रा दीदी ने अपने हाथ से मेरे खड़े हुए लंड को पकड़ लिया मेरे लोअर पे से और मेरे कान में बोली "तूने जबसे मेरे टॉप के अंदर देखा है तब से ये ऐसे ही खड़ा है ना " मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था की ये हो क्या रहा है तभी अचानक शिप्रा दीदी ने मेरे लोअर में अपना हाथ डाल दिया और मेरे नंगे खड़े लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया और मेरे लंड के टोपे पे अपनी उंगलिया फिराते हुई मेरे कान में बोली "अरे वाह सोनू तू तो बहुत बड़ा हो गया है " मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था शिप्रा दीदी मेरे लंड पे हाथ फेर रही थी और मुझे बहुत डर लग रहा था मैंने डरते डरते और रुआंसा होते हुए कहा "प्लीज शिप्रा दीदी मम्मी से मत कहना प्लीज " शिप्रा दीदी ने मेरे लंड पे अपना हाथ फेरते हुए मेरे कान मे बोला " अरे नहीं बोलूंगी बोलना होता तो पहले ही बोल देती जब दिन में तू मेरी ब्रा की स्ट्रेप देख रहा था मेरे टॉप में झाँक रहा था जब तू बाथरूम मैं मेरी अंडर गारमेंट्स से खेल रहा था तुझे क्या लगता है मुझे नहीं पता था क्या हम लडकियों को सब पता होता है समझा मेरे भोंदूमल , अच्छा ये बता की पहले ये सब किसी के साथ किया है "
मैंने कहा "नहीं दीदी " तो दीदी ने कहा "गुड आयी लव वर्जिन्स " तभी शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी दोनों झांगो के बीच डाल दिया और मेरे कान में बोली "बता क्या क्या देखना चाहता है कहाँ कहाँ हाथ लगाना चाहता है " अब मैं थोडा रिलैक्स था और शिप्रा दीदी अपने हाथ से लगातार मेरे लंड को सहला रही थी इसलिए मैं मदहोश भी हो चुका था मैंने कहा " शिप्रा दीदी सबसे पेहले मैं आपके बोबो पे हाथ फेरना चाहता हूँ " शिप्रा दीदी ने कहा " हाँ ले न फेर न तुझे अच्छे लगते है क्या मेरे बोबे " और वो मेरा हाथ अपने टॉप पे ले गयी अपने बोबो पे और बोली "ले तेरा हाथ मेरे बोबो पे है अब बोल क्या करना चाहता है " मैंने शिप्रा दीदी के बोबो को दबाया और शिप्रा दीदी के बोबे पे हाथ लगते ही मैं पागल हो गया मैं पलट के शिप्रा दीदी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें होंठो पे किस करने लगा वो भी मेरे बालो में अपना हाथ फेरने लगी और मुझे किस करने लगी लेकिन तभी उन्होंने मुझे रोका और कहा " यहाँ नहीं सोनू प्रीती पास में ही सो रही है कहीं और चलते है चल छत पे चलते है "

मैंने कहा " दीदी छत पे तो आस पास सब ऊपर ही सोते है चलो जीने तक ही चलते है " और शिप्रा दीदी और मैं जीने पे चल दिए जीने पे पहुँचते ही मैंने उन्हें दीवार से सटाया और उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा वो भी मुझे वेसे ही किस करने लगी मैं किस करते हुए उनके बोबे दबा रहा था फिर मैंने नीचे उनकी गर्दन पे स्मूच करना चालू किया शिप्रा दीदी मेरे बालो में हाथ फेर रही थी फिर मैं नीचे गया और उनका टॉप इतनी जोर से खींचा की वो थोडा सा फट गया मैंने उनका टॉप उतार के फेंक दिया अब शिप्रा दीदी मेरे सामने अपनी ब्लैक ब्रा में थी मैंने उनकी ब्रा के दोनों कप नीचे कर दिए और शिप्रा दीदी के बोबे मेरी आँखों के सामने नंगे हो गए उनके निप्पल डार्क ब्राउन कलर के थे उनके दोनों निप्पल खड़े हुए थे मैंने उनके 1 बोबे अपने मुह में लिया और चुसना चालू किया शिप्रा दीदी के मुह से सिसकियाँ निकलने लगी फिर मैं उनके दोनों बोबे चूसने लगा और वो मेरे बालो में हाथ फेर रही थी मैं और नीचे गया और उनके पेट पे स्मूच करने लगा फिर मैंने उनकी नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उसे गोल गोल घुमाने लगा उनकी नाभि में जीभ घुमाते हुए मैं उनके बोबे भी दबा रहा था शिप्रा दीदी की सिसकियाँ बढती जा रही थी



फिर मैंने उनका पजामा उतार फेंका शिप्रा दीदी ने पिंक कलर की स्ट्राइप्स वाली लो वेस्ट पेंटी पेहेन रखी थी मैंने अपना मुह उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे रखा उनकी चूत बहुत ही ज्यादा गरम थी मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी पे से उनकी चूत पे किस किया अपने होंठो से उनकी चूत पे स्मूच किया और उनके दोनों निप्पलो को अपनी उंगलियों से गोल गोल घुमाने लगा शिप्रा दीदी मेरे बालों में हाथ फेर रही थी शिप्रा दीदी की पेंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी फिर मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी भी उतार दी अब शिप्रा दीदी मेरे सामने पूरी नंगी थी उनकी चूत बिलकुल चिकनी थी और बहुत ज्यादा गीली थी उनके डिस्चार्ज के कारण मैंने उनकी नंगी चूत के ऊपर की तरफ थोड़ी सी स्किन बाहर निकल रही थी उसपे अपने होंठ रखे शिप्रा दीदी सिहर उठी फिर मैंने उनकी चूत की दोनों स्किन को अलग किया और उसके अंदर अपनी जीभ डाल दी अब शिप्रा दीदी मेरे बालों को खींचने लगी कभी वो मेरे बालो को खींचती कभो मेरे सर को अपनी चूत पे धक्का देती मैं लगातार उनकी चूत चाटता रहा मेरे दोनों हाथ उनके बोबो पे थे और मेरी जीभ शिप्रा दीदी की चूत में शिप्रा दीदी बहुत तेज तेज और लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी



फिर मैंने उनकी चूत के होल पे अपनी जीभ रखी और उसे गोल गोल घुमाने लगा अब शिप्रा दीदी बहुत ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी वो बहुत जल्दी जल्दी मेरे बालों पे अपनी उँगलियाँ चलाने लगी मैं भी शिप्रा दीदी की चूत में अपनी जीभ ऊपर नीचे घुमाने लगा और उनकी पूरी चूत को चाटने लगा और जोर जोर से उनके बोबे दबाने लगा उनके निप्पलो को गोल गोल घुमाने लगा तभी उनके मुह से आवाज निकली " आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सोनॊऒऒ "और उनकी चूत से बहुत सारा पानी निकल गया मैं उनकी चूत का सारा पानी चाट गया और वापस उनकी चूत चाटने लगा फिर थोड़ी देर बाद मैं अपनी ऊँगली उनकी चूत में डालने लगा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली "सोनू तू मुझे बहुत जन्नत दिखा चूका अब मेरी बारी है तुझे असली जन्नत दिखाने की तूने आज तक ऐसी जन्नत नहीं देखी होगी " ये कह के शिप्रा दीदी ने मुझे खड़ा किया और मुझे जोरदार किस किया फिर मेरे गले पे किस किया एसे वो मेरे पूरे बदन को चूमते चूमते नीचे जाने लगी फिर वो घुटनों के बल बैठी मेरा लोअर उतारा और मेरा लंड उनकी आँखों के सामने आ गया उन्होंने मेरे लंड पे किस किया मेरी तो आँखें ही बंद हो गयी शिप्रा दीदी के कोमल होंठ मेरे लंड पे लगते ही



फिर उन्होंने मेरे पूरे लंड को किस करने के बाद उसे अपने मुह में ले लिया मैं तो जेसे दूसरी दुनिया में था शिप्रा दीदी अपने होंठो और जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी चाटने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मैं शिप्रा दीदी के बालो में अपने हाथ फेरने लगा मैंने नीचे देखा तो मेरा लंड शिप्रा दीदी के मुह में था और वो मेरी तरफ देख रही थी मेरे लंड को चूसते हुए हम दोनों की नजरे मिली फिर शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ के अपने बोबे पे लगाया मेरे हाथ पहले शिप्रा दीदी के बालो पे थे फिर उनके कंधे से होते हुए उनके बोबे पे चले गए शिप्रा दीदी मेरा लंड चूस रही और मैं उनके बोबे दबा रहा था फिर मैं 1 हाथ से शिप्रा दीदी का बोबा दबाने लगा और दुसरे हाथ से उनके बाल सहलाने लगा शिप्रा दीदी ने मेरा लंड जल्दी जल्दी चुसना शुरू कर दिया मैं भी जल्दी जल्दी शिप्रा दीदी का बोबा दबाने लगा मेरा मुट निकलने ही वाला था मैंने शिप्रा दीदी के दोनों बोबे अपने हाथो में पकड़ लिए और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा शिप्रा दीदी भी जल्दी जल्दी मेरा लंड चूसने लगी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह मे निकल गया जिसे वो निगल गयी और मेरे लंड को साफ़ कर दिया उन्होंने मेरा लंड अपने मुह से निकाला हम दोनों की नजरे 1 दुसरे से मिली शिप्रा दीदी खड़ी हुई फिर हम दोनों ने 1 प्यारा सा लम्बा सा किस किया मैंने शिप्रा दीदी से बोला " आयी लव यू दीदी " तभी मम्मी की आवाज आयी "कौन है वहा "....
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#71
मैंने थोडा छुप के नीचे देखा तो सीडियो के पास मम्मी थी मैंने जल्दी से अपना लोअर पहना और अपने बाल सही किये और शिप्रा दीदी ने अपनी ब्रा पेंटी उठाई मैंने शिप्रा दीदी को अँधेरे में छुपाया और इससे पहले की मम्मी लाइट जलाती मैंने नीचे आते हुए बोला " मैं हूँ मम्मी सोनू " मम्मी ने मुझे देखते हुए बोला " सोनू इतनी रात को ऊपर जीने पे क्या कर रहा है तू " मैंने कहा "मम्मी वो मुझे छत पे से कुछ आवाज आई थी तो वो चेक करने आया था " 

मम्मी ने ऊपर आते हुए बोला " कहाँ से बता मुझे " मैंने मम्मी को रोकते हुए बोल " अरे मम्मी वो बिल्ली थी मैंने भगा दिया उसे चलो अब सो जाओ आप भी " मम्मी ने कहा " ठीक है बेटा तू भी सोजा " फिर मम्मी अपने रूम में चली गयी और गेट बंद कर लिया मैंने थोडा राहत की सांस ली और वापस जीने पे गया वहां जाके देखा तो शिप्रा दीदी अपने सारे कपडे पेहेन चुकी थी और थोड़ी सी डरी हुई खड़ी थी मुझे देखते ही उन्होंने बोला "आज तो बाल बाल बच गए सोनू , मेरा दिल तो अभी भी जोर जोर से धड़क रहा है " मैंने बोला "देखू तो दीदी " और ये कहते हुए मैंने उनके टॉप पे से उनका 1 बोबा पकड़ लिया और उसे दबाने लगा अपने हाथ से शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ झटकते हुए बोला "पागल है क्या अगर मौसी वापस आगयी तो चल अब यहाँ से " और वो जाने लगी मैंने उनका हाथ पकड़ के उन्हें अपनी तरफ खींचा और हग कर लिया और उन्हें किस करने लगा 

उन्हें किस करते हुए मैं अपने दोनों हाथ उनकी गांड पेफेरने लगा उनकी गांड को सहलाने लगा उसे दबाने लगा थोड़ी देर बाद वो अपने होंठ मुझसे छुडाते हुए बोली " अरे सोनू यार मरवाएगा क्या चल अगर मौसी वापस आ गयी तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी चल ना यार " मुझे उनकी बात सही लगी अगर मम्मी वापस आ जाती तो बचने का कोई चांस नहीं था और हो भी सकता है की वो वापस चेक करने के लिए आ जाये मैंने कहा " हाँ दीदी चलो " हम दोनों अपने रूम में आ गये शिप्रा दीदी ने पहले मेरी दीदी को चेक किया , वो गहरी नींद में सो रही थी फिर हम दोनों बेड पे लेट गए लेकिन आज मुझे जिस जन्नत का एहसास शिप्रा दीदी ने कराया था वो मैं अभी तक भूला नहीं था जब मैंने शिप्रा दीदी को वापस हग करके किस किया था तब से मेरा लंड वापस खड़ा हो गया था जो अभी तक खड़ा था 

फिर शिप्रा दीदी पानी पीके मेरे पास लेटी और उनके लेटते ही मैंने उनके टॉप पे से उनके बोबे पे अपना हाथ रख दिया वो मुस्कुरा के मेरे कान में धीरे से बोली " हाँ हाँ अब तू थोड़ी ना मानेगा आखिर शेर के मुह खून जो लग गया है " मैंने कहा"दीदी खून नहीं आपका बोबा लग गया है" शिप्रा दीदी बोली "धत" मैं उनके टॉप पे से उनके बोबे दबाना लगा शिप्रा दीदी के मुह से धीरे से सिसकी निकली मैंने शिप्रा दीदी के कान में कहा "दीदी आपके बोबे कितने नरम नरम मुलायम मुलायम है" फिर मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी के टॉप के नीचे से उनके पेट पे रखा और उनके पेट को सहलाने लगा शिप्रा दीदी ने मेरे कान मे कहा "मत कर सोनू प्रीती पास में ही सो रही है " 

लेकिन मुझे तो जेसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था मैं शिप्रा दीदी को वापस गरम करना चाहता था मैं उनके पेट को सहलाते हुए अपना हाथ उनके टॉप के नीचे से धीरे धीरे ऊपर लेके जाने लगा शिप्रा दीदी सिसकियाँ लेने लगी फिर मेरा हाथ उनकी ब्रा पे टच हुआ मैंने पहले उनके दोनों बोबे उनकी ब्रा पे से दबाये फिर उनकी ब्रा के दोनों कप्स को नीचे कर दिया शिप्रा दीदी के दोनों बोबे उनके टॉप के अंदर नंगे हो गए थे मैंने उनके 1 नंगे बोबे को दबाया और उनके निप्पल को अपनी ऊँगली से गोल गोल घुमाने लगा अब शिप्रा दीदी भी गरम हो चुकी थी उन्होंने मेरी तरफ करवट ली और अपने होंठ मेरे होंठो पे रख दिए और मुझे पागलो की तरह किस करने लगी 

मैं भी उन्हें किस करने लगा और उनके दोनों नंगे बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी भी मुझे किस करते हुए अपना हाथ मेरे चादर में डालके नीचे ले गयी और लोअर पे से मेरे खड़े हुए लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी शिप्रा दीदी के दोनों निप्पल खड़े हो चुके थे मैं उनके दोनों निप्पलो से खेलने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी के होंठ छोड़े और अपना हाथ उनके पेट से नीचे उनकी चूतकी तरफ लेके गया शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया मैं वापस उन्हें किस करने लगा थोड़ी ही देर में उनकी पकड़ ढीली हो गयी और मैंने जल्दी से अपना हाथ सीधे उनकी कैप्री के अंदर से उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया 

अब मेरा हाथ शिप्रा दीदी की नंगी और चिकनी चूत पे था मैं अपना हाथ उनकी पूरी चूत पे फेरने लगा उनकी नंगी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा उनकी चूत बहुत ही ज्यादा गीली थी धीरे धीरे शिप्रा दीदी अपनी टांगें खोलने लगी अब मेरा हाथ उनकी पूरी चूत में ऊपर नीचे हो रहा था शिप्रा दीदी पूरी तरह गरम हो चुकी थी वो मेरे होंठो को छोड़ ही नहीं रही थी और मैं भी उनके होंठो को चूसते हुए उनकी चूत को सहला रहा था फिर शिप्रा दीदी ने मुझे किस करते हुए मेरे लोअर के अंदर अपना हाथ डाल दिया और मेरे नंगे लंड को सहलाने लगी उसे ऊपर नीचे करने लगी

मैंने अपनी 1 ऊँगली शिप्रा दीदी की चूत के होल पे रखी और गोल गोल घुमाने लगा शिप्रा दीदी इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गयी की उन्होंने अपने दांत से मेरा 1 होंठ को काट लिया मैंने दर्द के कारण अपने होंठ उनसे छुडाये फिर मैंने अपनी उंगलियों से शिप्रा दीदी की clit को सहलाने लगा अब शिप्रा दीदी पागल हो चुकी थी उनकी आँखें बंद थी मैंने उनकी clit को सहलाना जारी रखा और उनकी गर्दन पे स्मूच करते हुए नीचे जाने लगा शिप्रा दीदी ने एकदम से मेरे बाल पकड़ लिए और धीरे से कहा "नहीं वहां नहीं मैं खुद पर काबू नहीं रख पाऊँगी जहाँ तुम्हारी उंगलिया है वहीँ सहलाते रहो मैं झरने वाली हूँ " मैं वापस उन्हें किस करने लगा और अपनी उंगलियों से उनके clit को जल्दी जल्दी सहलाने अब शिप्रा दीदी ने अपना हाथ मेरे लंड पे से हटा लिया और मेरे हाथ को पकड़ लिया मैं फिर भी सहलाता रहा थोड़ी ही देर में उन्होंने अपने नाखून मेरे कंधे पे गडा दिए और उसे रगड़ दिया और उनके मुह से 1 लम्बी सी सिसकी निकली "आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ....." मैंने उनकी आवाज को दबाने के लिए अपने होंठ उनके होंठ पे रख दिए 

शिप्रा दीदी झर चुकी थी उनकी पूरी पेंटी उनकी चूत के डिस्चार्ज में गीली हो गयी थी मैंने अपना हाथ उनकी पेंटी में से निकाला और उसे चाटने लगा शिप्रा दीदी ये देख के मुस्कुराने लगी उन्होंने मुझे 1 प्यारा सा किस किया और अपने हाथ से मेरी चादर के अंदर मेरे लोअर को नीचे तक उतार दिया अब मैं चादर के नीचे बिलकुल नंगा था उन्होंने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और उसे हिलाने लगी मुझे थोड़ी देर तो मजा आया फिर मुझे थोड़ी सी अपने लंड पे जलन होने लगी मैंने शिप्रा दीदी से कहा " दीदी आपके हाथ और आपकी उंगली की अन्घूठी से मुझे थोड़ी सी जलन हो रही है " दीदी ने अपना हाथ निकाला और अपनी पेंटी के अंदर डाला फिर वापस मेरे लंड पे लगाया अब उनका हाथ चिकना हो गया था मैं समझ गया की शिप्रा दीदी अपनी चूत का डिस्चार्ज मेरे लंड को चिकना करने के लिए इस्तेमाल कर रही है अब उनका हाथ चिकना हो गया था वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को हिलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं भी उनके नंगे बोबे दबाने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी से कहा की "दीदी प्लीज अपने मुह में लो न चूसो ना " शिप्रा दीदी ने कहा "नहीं सोनू बहुत रिस्क है प्रीती पास में ही सो रही है उसको पता लग जाएगा तू फ़िक्र मत कर मैं हाथ से ही मजा दे दूंगी "

और वो मेरे लंड को वापस हिलाने लगी मुझे मजा आ रहा था शिप्रा दीदी जल्दी जल्दी मेरे लंड को ऊपर नीचे करने लगी मैं भी उनके बोबे मसलने लगा फिर मुझे कुछ ध्यान आया और मैंने शिप्रा दीदी से कहा की " दीदी मुट निकलेगा तो चादर गन्दी हो जाएगी क्या करे " शिप्रा दीदी ने कुछ सोचा फिर अपनी चादर में हाथ डाला और मैंने धयान से देखा तो उन्होंने अपनी कैप्री पूरी उतार दी फिर अपनी पेंटी उतारी उसे अपने हाथ में लिया मैं समझ गया की उनका आईडिया क्या था उन्होंने अपनी पेंटी मेरे लंड पे रखी और वापस अपनी कैप्री ऊपर करने लगी मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा "नहीं दीदी उसे नीचे ही रहने दो मैं वहां हाथ फेरते हुए झरना चाहता हूँ " शिप्रा दीदी मुस्कुराई और बोली "अच्छा हाथ तो छोड़ चादर तो ओड़ने दे " 


दीदी ने अपनी पेंटी मेरे लंड पे लपेटी और फिर उसे ऊपर नीचे करने लगी अब मुझे पहले से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था मुझे पता था की मेरे लंड पे शिप्रा दीदी की पेंटी है और शिप्रा दीदी खुद उसे अपने हाथो से मेरे लंड पे लपेट कर मेरा लंड हिला रही है अब मेरा लंड बहुत ही चिकना हो गया था शिप्रा दीदी की पेंटी में बहुत ज्यादा डिस्चार्ज था इस वजह से उनके डिस्चार्ज की चिकनाई के कारण अब मेरा लंड आसानी से ऊपर नीचे हो रहा था शिप्रा दीदी ने मेरे लंड को हिलाते हुए मुझे किस करने लगी फिर मैंने शिप्रा दीदी की ब्रा का हुक खोल दिया और उनकी ब्रा उनके टॉप में से बाहर निकाल दी और उनके पूरे टॉप को उनके गले तक ऊपर कर दिया शिप्रा दीदी ने अपनी ब्रा अपने तकिये के नीचे रखी और वापस मुझे किस करने लगी और जल्दी जल्दी मेरा लंड ऊपर नीचे करने लगी मैं भी जल्दी जल्दी उनके बोबे दबाने लगा 

उन्होंने कहा "अरे धीरे दबा ना यार कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूँ " मैंमुस्कुरा दिया और उनके बोबे दबाते हुए उन्हें किस करने लगा अब मैं झरने ही वाला था तभी मैंने शिप्रा दीदी से कहा की " दीदी मैं आपके बोबे चूसते हुए और आपके वहां हाथ फेरते हुए झरना चाहता हूँ " शिप्रा दीदी मुस्कुरा के बोली " धीरे धीरे तेरी इच्छाएं तो बढती ही जा रही है , रुक मैं कुछ करती हूँ " फिर उन्होंने मेरी तरफ करवट ली अपना हाथ अपने सर पे रख के अपने हाथ के बल लेट गयी इससे उनके दोनों बोबे मेरी तरफ भी हो गए और थोड़े से लटक भी गए फिर शिप्रा दीदी ने कहा "अब तू थोडा सा नीचे होजा और कर जो करना है " वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिलाने लगी और मैं उनके बोबे चूसने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी से कहा "दीदी अपनी झांगे तो खोलो मेरा हाथ वहां नहीं जा पा रहा " शिप्रा दीदी ने अपनी झांगे थोड़ी खोली और मैंने अपना हाथ उनकी दोनों झांगों के बीच डाल दिया और उनकी चूत सहलाने लगा 

मुझे बहुत मजा आ रहा था मेरे मुह में शिप्रा दीदी का बोबा थामेरा हाथ उनकी नंगी चिकनी चूत पे था और वो अपने हाथो से मेरा लंड हिला रही थी अब शिप्रा दीदी ने जल्दी जल्दी मेरा लंड ऊपर नीचे करने लगी मैं भी उनके बोबे को चूसने लगा और उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मेरा मुट निकलने ही वाला था मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया की मैंने शिप्रा दीदी का निप्पल अपने दांत से काट लिया उनके मुह से आवाज निकली " आउच ....जंगली आराम से कर ना " मैं मुस्कुरा दिया और वापस उनका निप्पल चूसने लगा शिप्रा दीदी अपनी पेंटी को मेरे लंड के टोपे पे लपेट कर जल्दी जल्दी मेरे लंड को ऊपर नीचे करने लगी और मैं भी जल्दी जल्दी अपना हाथ उनकी चूत पे फेरने लगा और थोड़ी ही देर मैं मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी की पेंटी पे निकल गया शिप्रा दीदी ने अपनी पेंटी से मेरा पूरा लंड साफ़ किया और फिर वो पेंटी अपने मुह के पास लायी और मेरा सारा मुट अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर दिया और मुझे आँख मारके मुस्कुराई 

मुझे इसकी बिलकुल उम्मीद नहीं थी वो सीन और शिप्रा दीदी का आँख मारना इतना सेक्सी लगा की मैंने शिप्रा दीदी को उसी समय पकड़ा और 1 लम्बा किस किया फिर हम दोनों अलग हुए शिप्रा दीदी ने मेरे कान में कहा "मजा आया " मैंने कहा " बहुत दीदी और आपको " दीदी ने कहा "मुझे कितना मजा आया ये तो तुझे मेरी पेंटी से ही पता चल गया होगा ना " और हम दोनों मुस्कुरा दिए फिर शिप्रा दीदी ने कहा "हाँ तो अब ऊपर करलू क्या अपनी केप्री " मैंने कहा " नहीं दीदी ऐसे ही रहने दो ना " दीदी मुस्कुरा दी और अपनी केप्री ऊपर की अपनी ब्रा पहनी अपना टॉप नीचे किया और अपनी पेंटी को तकिये के नीचे रखा मैंने भी अपना लोअर ऊपर किया और फिर हम दोनों सो गए सुबह मेरी आँख खुली तो बेड पे मैं अकेला ही था शिप्रा दीदी और मेरी दीदी दोनों उठ चुके थे मैं लेटा हुआ कल रात के बारे में सोचने लगा तभी बाथरूम का गेट खुला और शिप्रा दीदी नहा के बाहर आयी उन्होंने वाइट कलर का सलवार सूट पहना हुआ था बहुत ही सेक्सी लग रही थी उन्होंने टॉवल से अपने गीले बाल पोछते हुए मुझे आँख मारी और बोला "गुडमोर्निंग ...."

मैं लेटा हुआ कल रात के बारे में सोचने लगा तभी बाथरूम का गेट खुला और शिप्रा दीदी नहा के बाहर आयी उन्होंने वाइट कलर का सलवार सूट पहना हुआ था बहुत ही सेक्सी लग रही थी उन्होंने टॉवल से अपने गीले बाल पोछते हुए मुझे आँख मारी और बोला "गुडमोर्निंग ...."

अब आगे - मैंने भी उन्हें मुस्कुरा के गुड मोर्निंग कहा और आँखों से इशारा करके अपने पास बुलाया शिप्रा दीदी दरवाजे के पास गयी इधर उधर देखा की कोई है तो नहीं और फिर मेरे पास आई और बोली "हाँ जी बोलो क्यों इशारे कर रहे हो " मैंने उनका हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया वो खुद को संभाल नहीं पाई और मेरे ऊपर लेट गयी हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे मैंने उनके गीले बालों में हाथ फेरते हुए कहा "शिप्रा दीदी बड़ी सेक्सी लग रही हो यार " और उन्हें किस करने के लिए आगे बड़ा उन्होंने मेरे होंठ पर अपनी ऊंगली रख के मुझे पीछे करते हुए कहा "नहीं अभी नहीं कोई आ जायेगा" मैंने कहा "चेक किया ना आपने अभी कहाँ है सब " उन्होंने कहा "सब ड्राइंग रूम में बैठे है पेपर पढ रहे है" मैंने पलट के उन्हें बेड पे लिटा दिया और खुद उनके ऊपर लेट गया शिप्रा दीदी मेरे नीचे थी और मैं उनके ऊपर बहुत ही सेक्सी , कामुख और मदहोश कर देने वाली खुशबु आ रही थी उनके बदन में से मैंने उन्हें निहारते हुए बोला "तो एक छोटा सा किस तो दे दो " उन्होंने कहा "नहीं हिम्मत है तो खुद ले लो " मैंने उनके दोनों हाथ पकडे और उनके होंठो के पास अपने होंठ लेके गया उन्होंने अपना फेस घुमा लिया मैंने उनकी नाजुक गर्दन पे किस किया और कहा "किस दे रही हो या काट लूं यहाँ पे सबको दिख जायेगा " उन्होंने कहा "अच्छा बाबा लो " और उन्होंने अपना फेस सीधा कर लिया मैंने अपने होंठ शिप्रा दीदी के होंठो पे रखे और हम दोनों ने एक प्यारा सा किस किया वो मेरे होंठ चूस रही थी और मैं उनके , मैं अपना एक हाथ उनके गीले और खुशबुदार बालों में फेर रहा था और दूसरा हाथ उनके बोबे पे रखा तो उन्होंने मेरा हाथ झटक दिया और "कहा नहीं अभी नहीं अब चलो नहीं तो कोई देख लेगा "
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#72
ये कह के उन्होंने मुझे धक्का दिया और बेड से खड़ी हो गयी और फिर कांच में देख कर अपने बाल सुखाने लगी और बनाने लगी मैं थोड़ी देर तक उन्हें ऐसे ही देखता रहा फिर खड़ा हुआ और उनके पास गया वो अपने दोनों हाथ ऊपर करके अपने बालों में क्लिप लगा रही थी और मैंने पीछे से हाथ डालके उनके दोनों बोबे पकड़ लिए और उन्हें दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा उन्होंने मेरे दोनों हाथ झटकते हुए कहा "बेशर्म इंसान जब देखो इन्ही के पीछे पड़े रहते हो कोई देख लेगा " ये कह के वो खिलखिलाके हंसती हुई रूम के बाहर चली गयी मैं भी उठ के अपना मुह धोके ड्राइंग रूम में गया वहां बस पापा मम्मी ही बैठे थे मैंने उन्हें गुड मोर्निंग कहा और मम्मी से पूछा "मम्मी प्रीती दीदी कहाँ है " मम्मी ने कहा "अरे वो उसकी फ्रेंड के गयी है पास में " मैंने कहा "सुबह सुबह " तो मम्मी ने कहा "हाँ उसने एक बुक मंगाई थी बसवही देने गयी है , अच्छा सोनू वो शिप्रा को बोल की चाय उबल गयी होगी तो छान के ला दे सबके लिए" 

मैंने कहा "हाँ मम्मी " मैं किचन में गया तो शिप्रा दीदी चाये के पास ही खड़ी थी मैंने पीछे से जाके उनकी कमर को पकड़ लिया और उनकी पूरी पीठ पे किस करने लगा मैंने कहा "शिप्रा दीदी आज तो बहुत ही सेक्सी लग रही हो आप " फिर मैं पीछे से उनकी गर्दन पे किस करने लगा और उन्हें किस करते करते मैं अपना हाथ उनकी पतली सी सलवार पे से उनकी गांड पे फेरने लगा उनकी गांड बहुत ही कोमल थी फिर मैंने उनका हाथ पकड़ के उन्हें अपनी तरफ घुमाया उन्होंने कहा "सोनू पागल है क्या कोई देख लेगा " मैंने कहा "कोई नहीं देखेगा प्रीती दीदी है नहीं और पापा मम्मी बातें कर रहे है जब तक उनकी आवाजें हमें सुनाई दे रही है तब तक कोई प्रॉब्लम नहीं है " ये कह के मैं उन्हें किस करने लगा और उन्हें भी मेरी बात सही लगी और वो भी मुझे किस करने लगी मैंने उन्हें किस करते करते उनके बालो का क्लिप खोल दिया जिससे उनके बाल खुल गए 

और मैं उन्हें किस करते हुए उनके बालो में हाथ फेरने लगा वो भी मेरे होंठो को चूस रही थी उन्हें किस करते करते मैंने अपना हाथ उनके बालों से निकाला और उनके बोबे पे रख दिया और उनके होंठ चूसते हुए उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी के दोनों हाथ मेरे बालो में थे और मुझे किस करते हुए वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी थोड़ी देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूसते रहे फिर मैंने उन्हें अलग किया और उनकी आँखों में देखा तो उनकी आँखें नशीली और पूरी तरह से लाल हो चुकी थी मैं और उत्तेजित हो गया और उन्हें वापस किस करने लगा अब मैंने उन्हें किस करते हुए अपने हाथ नीचे से उनके कुर्ते के अंदर डाला आज शिप्रा दीदी ने कुर्ते के नीचे शमीज और उसके नीचे ब्रा पेहेन रखी थी मैंने उन्हें किस करते हुए पहले शमीज पे से उनके बोबे दबाये फिर उनकी शमीज में हाथ डालने के लिए उसे ऊपर करने की कोशिश की लेकिन वो ऊपर नहीं हुई शिप्रा दीदी ने शमीज अपनी सलवार के अंदर डाल रखी थी मैंने और थोडा जोर लगाया तो उनकी शमीज उनकी सलवार में से निकल गयी अब मैंने उनकी शमीज भी ऊपर कर दी और उन्हें किस करते हुए उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा फिर मैंने अपने दूसरे हाथ से शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ को अपने लंड पे लगाया अब शिप्रा दीदी लोअर पे से मेरे पूरे लंड पे अपना हाथ फेरने लगी मैं उन्हें किस कर रहा था और मेरा हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते में था उनकी ब्रा पे और शिप्रा दीदी का हाथ मेरे लंड पे था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#73
तभी शिप्रा दीदी ने अपना हाथ मेरे लोअर के अंदर डाल दिया और लोअर के अंदर से मेरे नंगे लंड को सहलाने लगी मैं अब बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चूका था मैंने उसी समय शिप्रा दीदी को किचन की दीवार से सटा दिया और उन्हें किस करते करते उनका कुर्ता ऊपर करने लगा फिर मैंने शिप्रा दीदी के होंठ छोड़े और उनकी गर्दन पे स्मूच करने लगा उनकी गर्दन पे अपने होंठ फेरने लगा फिर मैं उनके सामने घुटनों के बल बैठ गया और उनका कुर्ता ऊपर कर दिया फिर उनकी शमीज ऊपर की फिर उनकी ब्रा भी ऊपर कर दी आज शिप्रा दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी उनकी ब्रा ऊपर करते ही उनके दोनों बोबे मेरी आँखों के सामने नंगे हो गए शिप्रा दीदी के दोनों बोबो के निप्पल खड़े हुए थे मैंने शिप्रा दीदी का एक बोबा अपने मुह में लिया और उसे चूसने लगा और उनके दूसरे बोबे को अपने हाथ से दबाने लगा शिप्रा दीदी के मुह से सिसकियाँ निकल रही थी उनकी आँखें बंद थी और उनके दोनों हाथ मेरे बालो में चल रहे थे

फिर मैंने उनके दुसरे बोबे को मुह में लिया और उसे चूसने लगा और पहले वाले बोबे के खड़े हुए निप्पल को अपनी उंगली से गोल गोल घुमाने लगा फिर मैं और नीचे गया और शिप्रा दीदी की नाभि पे किस किया फिर मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी और उनकी नाभि में अपनी जीभ गोल गोल घुमाने लगा उनकी नाभि में अपनी जीभ घुमाते हुए मैं उनके दोनों बोबे अपने दोनों हाथ से दबाने लगा फिर मैं और नीचे गया उनकी सलवार पे से उनकी चूत पे किस किया और उनकी सलवार का नाडा खोलने लगा शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया मैंने ऊपर देखा तो उन्होंने ना में अपना सर हिलाया मैं वापस ऊपर गया और उनके बोबे चूसने लगा फिर थोड़ी देर शिप्रा दीदी के बोबे चूसने के बाद मैं वापस ऊपर गया अब शिप्रा दीदी बेकाबू हो चुकी थी उन्होंने मुझे पागलों की तरह किस करना चालू कर दिया वो मेरे होंठो को चूसने लगी और मैं भी उन्हें किस करने लगा और किस करते हुए उनके नंगे बोबे दबाने लगा फिर मैंने अपना हाथ नीचे उनकी दोनों झांगो में डाल दिया और सलवार पे से उनकी पूरी चूत मसलने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#74
तभी मम्मी की ड्राइंग रूम से आवाज आई "शिप्रा चाय लिया बेटा जल्दी " शिप्रा दीदी ने मेरे होंठ छोड़े लेकिन मैं अभी भी उनकी चूत मसल रहा था शिप्रा दीदी ने कांपती और लडखडाती आवाज में कहा "हाँ मॊस्सी बस्स्स्स अभी लाअय्यीईई " लेकिन मैं शिप्रा दीदी को छोड़ ही नहीं रहा था मैं वापस उनके नंगे बोबे चूसने लगा और सलवार पे से उनकी चूत रगड़ने लगा शिप्रा दीदी का हाथ भी मेरे लोअर में था और वो भी मेरे नंगे लंड को मसल रही थी मैं वापस ऊपर गया अब हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे वो मेरी आँखों में देखते हुए मेरे नंगे लंड को रगड़ रही थी और मैं उनकी आँखों में देखते हुए उनकी सलवार पे से उनकी चूत को रगड़ रहा था फिर मैंने उनकी आँखों में देखते देखते अपना हाथ उनकी सलवार के अंदर उनकी पेंटी में डाल दिया और उनकी नंगी चूत को ऊपर से लेके नीचे तक रगड़ने लगा

फिर मैंने उनकी आँखों में देखते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत की दोनों स्किन के बीच डाल दी और उसे ऊपर नीचे करने लगा अब शिप्रा दीदी की आँखें बंद हो चुकी थी और वो बहुत लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी फिर मैं उन्हें किस करने लगा उनके होंठ चूसने लगा और जल्दी जल्दी अपनी उंगली उनकी चूत के अंदर ऊपर नीचे करने लगा और तभी शिप्रा दीदी ने मेरे बालों को जोर से खींचते हुए मुझे एक लम्बा सा किस किया और शिप्रा दीदी झर गयी उन्होंने थोड़ी देर बहुत प्यार से मेरी आँखों में देखा और नीचे घुटनों के बल बैठ गयी और मेरा लोअर नीचे कर दिया मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड उनकी आँखों के सामने था उन्होंने मेरे लंड पे किस किया फिर उन्होंने अपनी जीभ मेरे लंड के टोपे पे गोल गोल घुमाई फिर उन्होंने अपनी उंगली से मेरे लंड के छेद को थोडा सा चोडा किया और उसपे अपनी जीभ घुमाने लगी मैं तो हवा में था और

फिर शिप्रा दीदी ने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया मैं वापस उसी जन्नत में पहुँच गया वो मेरे लंड को चूसने लगी मैं शिप्रा दीदी के बालों में अपना हाथ फेरने लगा फिर शिप्रा दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से अंदर बाहर करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर शिप्रा दीदी ने मेरी आँखों में देखा और मेरे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी फिर मेरी आँखों में देखते हुए ही उन्होंने वापस मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी मेरा एक हाथ शिप्रा दीदी के बोबे पे गया और मैं उनका बोबा दबाने लगा वो भी जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी मैंने दूसरा हाथ उनके सर पे लगाया और अपने लंड पे धक्का दिया वो और जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह में निकल गया जिसे वो निगल गयी फिर वो खड़ी हुई हमने एक किस किया उन्होंने अपने कपडे सही किये मैंने अपना लोअर ऊपर किया और देखा तो चाय पूरी काली होके जल चुकी थी शिप्रा दीदी ने फटाफट वो पतीला धोया और नई चाय बनाने लगी तभी मम्मी के आने की आवाज आई मैं पानी पीने लग गया और शिप्रा दीदी चाय बनाने में मम्मी ने आके पुछा " क्या कर रही है शिप्रा क्या हुआ चाय का ये क्या नई चाय क्यों बना रही है क्या हुआ
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#75
मम्मी ने शिप्रा दीदी से पूछा "अरे शिप्रा चाय तो मैं चड़ा के गयी थी तू नई क्यों बना रही है " शिप्रा दीदी ने जवाब दिया "अरे मौसी वो दूध फट गया था इसलिये नयी चाय बनाई " मम्मी ने कहा "ठीक है जल्दी से छान के लिया " और मम्मी किचन से बाहर चली गयी मम्मी के जाते ही मैंने शिप्रा दीदी को वापस पीछे से पकड लिया और पीछे से हाथ डालके उनके बोबे दबाने लगा और उनकी गर्दन पे किस करने लगा शिप्रा दीदी बोली "ओये अभी तो किया है इतना कुछ तेरा दिल नहीं भरा क्या " मैंने कहा " नहीं दीदी चलो वापस करते है ना आपका बदन तो बहुत प्यारा है " शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ झटकते हुए कहा " पागल है क्या छोड़ मुझे कोई आ जाएगा हट जाने दे मुझे " मैंने उन्हें छोड़ दिया और किचन से बाहर अपने रूम में जाके लेट गया और जो भी अभी किचन में हुआ उस के बारे में सोचने लगा शिप्रा दीदी में कुछ बात तो थी उन्हें हमेशा छूने की इच्छा होती थी मैं सोचने लगा की जब शिप्रा दीदी चली जाएंगी तब मैं क्या करूँगा तभी शिप्रा दीदी की आवाज आई "सोनू चाय पी ले " मैं उठ के ड्राइंग रूम में गया और बैठ के सब के साथ चाय पीने लगा इतने में प्रीती दीदी भी अपनी फ्रेंड के यहाँ से वापस आ गई उन्होंने ग्रे कलर का टॉप और ब्लैक कलर की केप्री पेहेन रखी थी बड़ी सेक्सी लग रही थी प्रीती दीदी उनके पतले टॉप में से उनके मोटे बोबे बाहर निकल रहे थे शिप्रा दीदी के चक्कर में मैं अपनी दीदी को तो भूल ही गया था लेकिन सेक्सी तो दोनों ही थी प्रीती दीदी को देखते ही मम्मी ने कहा "अरे प्रीती बेटा आ गई दे दी बुक " प्रीती दीदी ने कहा " हाँ मम्मा " तो मम्मी ने कहा " चल आजा चाय पी ले " प्रीती दीदी ने मुझे देख के बोला "और आलसी इन्सान आज जल्दी कैसे उठ गया " और मेरे सर पे अपना हाथ फेरते हुए शिप्रा दीदी और मेरे बीच बैठ गयी

उनके पास बैठते ही मुझे पता नहीं क्या होने लगा उनके बदन की खुशबु उनके कोमल बदन का हल्का सा स्पर्श बहुत ही कातिल था मैं छुप छुप के प्रीती दीदी के टॉप में से उनके बाहर निकले हुए बोबो को देख रहा था तभी मम्मी ने कहा "अरे शिप्रा तू आज अपना मार्केट का काम करले आज लिया बुक्स वगेरह जो भी तुझे लाना है " शिप्रा दीदी ने कहा "हां मौसी प्रीती को भी ले जाती हु साथ में मुझे तो पता है नहीं रास्ते और दुकानों के बारे में " तभी प्रीती दीदी बोली " अरे शिप्रा दीदी आप पहले बताते ना मैंने तो आज मेरी फ्रेंड मिनी को बुला लिया घर पे वो आने वाली है 1 घंटे में हमें सिलेबस कम्पलीट करना है " तो शिप्रा दीदी कहा "तो फिर , चल तू रहने दे मैं अकेले ही मैनेज कर लुंगी " तभी प्रीती दीदी ने मेरे कंधे पे जोर से हाथ मारते हुए बोला "अरे ये है ना हमारे घर का सबसे बड़ा फालतू इन्सान इसे ले जाओ इसे कोई काम नहीं है " मैं मन ही मन खुश हुआ मैंने सोचा वाओ !!! दिन भर शिप्रा दीदी के साथ मस्ती करने का मौका इतने में मम्मी ने कहा "हाँ शिप्रा तू सोनू को लेजा साथ में , और सोनू तू चल जा तैयार हो जा शिप्रा तू भी तैयार हो जा जल्दी ही निकल जाओ फिर गर्मी ज्यादा हो जाएगी " मैंने कहा " ठीक है मम्मी " और उठ के तैयार होने चला गया मैं तैयार होके शिप्रा दीदी का वेट करने लगा थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी रूम से बाहर आई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#76
आज तो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी क़यामत ढा रही थी मैं तो थोड़ी देर तक उन्हें देखता ही रहा इतनी सेक्सी लग रही थी की जो देखे उसका खड़ा हो जाये उन्होंने बिलकुल डार्क ग्रीन कलर का सूट पेहेन रखा था खुल्ले काले लहराते चमकते हुए बाल जिनके के ऊपर गोगल लगा हुआ आँखों में काजल कान में बड़े बड़े इअर रिंग्स होंठो पे चमकता हुआ लिप ग्लॉस एक हाथ में घडी एक हाथ में ब्रेसलेट गोर चिकने हाथ गले में एक पतली सी चेन उनके गुलाबी कोमल बदन की खुशबू मैं तो उन्हें देखता ही रह गया उनके मोटे बोबे उनके चिपके हुए सूट के कुर्ते में से बाहर आ रहे जिन्हें उन्होंने अपनी चुन्नी से ढक रखा था उन्होंने आज अपने सूट की चुन्नी अपने सामने की तरफ डाल रखी थी मुझे इस तरह से उन्हें देखते हुए उन्होंने मुझसे कहा "ओये क्या हो गया " मैंने कहा " शिप्रा दीदी कितनी सेक्सी लग रही हो यार " फिर मैं उनके पास गया और जल्दी से उनका हाथ पकड़ के अपनी जींस पे से अपने लंड पे लगा दिया और कहा "देखो न आपको देखते ही पागल हो गया है " शिप्रा दीदी ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ छुडाते हुए कहा "चुप कर बेशर्म इंसान चल अब "

शिप्रा दीदी ने स्कूटी स्टार्ट की चश्मा लगाया और मैं उनके पीछे बैठ गया मैंने कहा " चलो दीदी " शिप्रा दीदी स्कूटी चलाने लगी और मैं अपने दोनों हाथ उनके कंधे पे रख के बैठ गया थोड़ी देर बाद मैं अपने दोनों हाथों से शिप्रा दीदी के कंधे सहलाने लगा फिर मैं अपने दोनों हाथ नीचे उनकी पीठ पे लेके गया और अपने दोनों हाथ उनकी पूरी पीठ पे फेरने लगा मैं शिप्रा दीदी की ब्रा स्ट्रेप पे अपना हाथ घुमाने लगा फिर मैं अपने हाथ से उनकी ब्रा स्ट्रेप को फील करते हुए उनके गले पे किस किया शिप्रा दीदी स्कूटी चलाते हुए बोली "हाँ हाँ उठा जितना हो सके फायदा ले खूब मजे ले मुझे तो पहले ही पता की तू पीछे क्यों बैठ रहा है " मैंने उनके कान में कहा की " दीदी आप हो ही इतनी सेक्सी की आपके नाजुक बदन को छुहे बिना रहा ही नहीं जाता " तो शिप्रा दीदी बोली "ठीक है लेकिन जो भी करे ध्यान से करना रस्ते में किसी की नजर ना पड़े " मैंने कहा " हाँ दीदी " मैं वापस उनकी पीठ पे हाथ फेरने लगा


फिर मैंने देखा की रोड थोडा खाली था आगे से कोई गाडी नहीं आ रही थी तो मैंने फटाफट शिप्रा दीदी के पीछे से अपने दोनों हाथ उनके सामने की तरफ उनके बोबो पे रख दिए और उनके ग्रीन कुर्ते पे से चुन्नी के ऊपर से उनके दोनों बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी स्कूटी चला रही थी और मैं उनके बोबे दबा रहा था फिर मैंने अपने दोनों हाथ उनकी चुन्नी के नीचे डाल दिए अब मेरे हाथ उनके कुर्ते के ऊपर से उनके बोबे पे थे और उनके बोबे दबाते हुए मैंने उनके कान में बोला "शिप्रा दीदी आपके बोबे बहुत नरम नरम है " तभी शिप्रा दीदी ने कहा "सोनू जल्दी से हाथ हटा सामने दूर से एक बस आ रही है " मैंने जल्दी से अपने दोनों हाथ हटा लिए थोड़ी देर बाद बस निकल गयी मैंने देखा की आगे फिर कोई गाडी नहीं थी मैं वापस शिप्रा दीदी के पीछे से हाथ डाल के उनके बोबे दबाने लगा और पीछे से उनकी पूरी गर्दन पे अपने होंठ फेरने लगा स्मूच करने लगा मैं अपने काबू से बाहर होता जा रहा था मैंने सामने से शिप्रा दीदी के कुर्ते में अपना हाथ डालना चाहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बोली "दिमाग तो ठीक है तेरा हम घर में नहीं खुले रोड पे है " मैंने अपना हाथ हटा लिया
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#77
लेकिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैंने शिप्रा दीदी से स्कूटी रोकने को कहा शिप्रा दीदी ने स्कूटी रोकी और पूछा "क्या हुआ सोनू " मैं स्कूटी से उतरा मैंने इधर उधर देखा कोई नहीं था और तभी मैंने शिप्रा दीदी को पकड़ा और उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा हम बिलकुल खुले हुए रोड पे थे और मैं शिप्रा दीदी को किस कर रहा था और उन्हें कोमल होंठ चूस रहा था अपने एक हाथ से उनका बोबा दबा रहा था शिप्रा दीदी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उन्हें कस के पकड़ रखा था तभी मुझसे छुटने के लिए उन्होंने मेरे बाल जोर से खींचे मैंने उन्हें तब भी नहीं छोड़ा और जब उन्होंने मेरे बाल खींचे तो मुझे और मजा आने लगा और मैं और जोर से उनके दोनों होंठ चूसने लगा तभी उन्होंने अपने दोनों हाथो से मेरे बाल खींचे तब मैं उनके अलग हुआ मुझे बहुत ही नशीला लग रहा था मैंने आस पास देखा तो कुछ छोटे बच्चे हमें देख रहे थे बाकी वहां कोई नहीं था फिर मैंने शिप्रा दीदी को देखा उनकी भी आँखें लाल थी मुझे देखते हुए उन्होंने बोला "माय गॉड तू तो पूरा का पूरा पागल है देख तो लेता कहा क्या कर रहा है खुले हुए रोड पे ? अक्ल नहीं है क्या तुझमे क्या रेप करेगा क्या यहीं पे स्टुपिड " मैं उन्हें थोड़ी देर तो देखता रहा फिर वापस उन्हें एक छोटा सा किस किया और कहा की "अब आप पीछे बैठो स्कूटी में चलाऊंगा "


वो मेरे पीछे बैठ गयी और मैं स्कूटी चलाने लगा शिप्रा दीदी ने अपना हाथ मेरी कमर पे रख रखा था मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपने लंड पे लगा दिया और कहा "दीदी सहलाओ ना इसे " शिप्रा दीदी ने कहा " नहीं पागल है क्या " मैंने मुस्कुराते हुए कहा अच्छा स्कूटी रोकू क्या " तो शिप्रा दीदी ने कहा " नहीं मेरे देवता तू स्कूटी मत रोक चलाता रह मैं कर रही हु बस तू ध्यान रखना सामने थोडा कोई आ तो नहीं रहा " मैंने कहा " हाँ दीदी " और फिर मैं स्कूटी चलाने लगा और शिप्रा दीदी ने अपना हाथ जींस पे से मेरे लंड पे रखा और उसे सहलाने लगी मुझे मजा आने लगा थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी मेरे लंड को ऐसे ही सहलाती रही फिर उन्होंने मेरी जींस की चेन खोली और अपनी 3 - 4 उंगलिया अंदर डाल के मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरे लंड के टोपे पे अपनी उंगलिया घुमाने लगी मैं तो मदहोश होता जा रहा था तभी दीदी ने हाथ हटा लिया सामने से कोई गाडी आ रही थी और अब थोडा थोडा मार्किट स्टार्ट हो गया था अब हम कुछ नहीं कर सकते थे तो मैं स्कूटी चलाने लगा और शिप्रा दीदी भी ढंग से बैठ गयी थोड़ी देर बाद हम बुक स्टोर पहुँच गए मैंने स्कूटी स्टैंड पे लगायी और शिप्रा दीदी के साथ बुक स्टाल पे गया शिप्रा दीदी ने अपनी बुक के लिए पूछा तो दुकानदार ने कहा की वो बुक 1 या 2 घंटे में आने वाली है आप 2 घंटे बाद आना तो शिप्रा दीदी ने बोला की " यार सोनू अब क्या करें " तो मैंने कहा की "चलो बैठते है कहीं पे "

हमने स्कूटी उठाई और चलने लगे तभी एक बड़ा सा पार्क आया मैंने कहा चलो यहीं बैठते है थोड़ी देर फिर हम स्कूटी स्टैंड करके पार्क में घूमने लगे वहां ज्यादा लोग नहीं थे 3 - 4 कपल्स थे हम एक झाडी की आड़ में बैठ गए शिप्रा दीदी मेरे सामने बैठी थी और मैं उनके सामने उन्होंने मुझसे पूछा "जंगली क्या हो गया था आज रोड पे तूझे देखा तो कर की कहाँ क्या कर रहा है " मैंने बोला " दीदी आप हो ही इतनी सेक्सी की खुद पर काबू ही नहीं रहा , वेसे दीदी आपका लिप ग्लॉस तो गायब हो गया "
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#78
शिप्रा दीदी बोली "हाँ तू जो खा गया पूरा " फिर हम दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आँखों में देखने लगे मैंने इधर उधर देख कोई नहीं था मैं शिप्रा दीदी के पास गया और उन्हें किस करने लगा इस बार वो भी मुझे किस करने लगी मेरे होंठो को चूसने लगी हम थोड़ी देर तक ऐसे ही एक दुसरे को चूमते रहे फिर हम अलग हुए हम दोनों एक दुसरे की आँखों में देख रहे थे मैंने शिप्रा दीदी की आँखों में देखते हुए कहा " दीदी दिखाओ ना " शिप्रा दीदी ने कहा "क्या " मैंने आँखों से उनके बोबो की तरफ इशारा करते हुए कहा "ये" उन्होंने कहा " पागल है क्या यहाँ केसे देखेगा " मैंने कहा " आप झुकते हुए अपने कुर्ते के गले को अपनी उंगलियों से खींचो ना " शिप्रा दीदी बोली "कोई देख ना ले सोनू " मैंने कहा "कोई नहीं देखेगा दीदी कोई भी तो नहीं है दिखाओ ना " तो शिप्रा दीदी ने मेरे सामने झुकते हुए अपने कुर्ते के गले को खींचते हुए चौड़ा किया और मुझे अंदर का थोडा सा नजारा दिखाई दिया


मुझे शिप्रा दीदी की वाइट कलर की ब्रा दिखाई दी मैंने कहा " दीदी कुछ दिख नहीं रहा ढंग से करो ना चुन्नी हटाओ ना " शिप्रा दीदी ने यहाँ वहां देखा आस पास कोई नहीं था और उन्होंने मेरे सामने झुकते हुए अपने कुर्ते का गला अपने दोनों हाथों से खींच कर चौड़ा कर दिया मुझे तो मजा आ गया मेरी आँखों के सामने शिप्रा दीदी के गोरे मोटे बोबे थे वाइट ब्रा में शिप्रा दीदी ऐसे ही थोड़ी देर तक झुकी रही और मैं उनके बोबे निहारता रहा फिर वो सीधी हो गयी मैंने कहा "दीदी आपके बोबे कितने प्यारे है , और दिखाओ ना ब्रा हटा के " शिप्रा दीदी मुस्कुराई और एक एक करके अपने दोनों हाथ अपने कुर्ते के गले में डाले और फिर मेरे सामने अपने कुर्ते का गला चौड़ा करके वापस झुकी इस बार शिप्रा दीदी के नंगे बोबे मेरी आँखों के सामने थे उनके गोर मोटे बोबे उनके कुर्ते के अंदर नंगे थे उनके दोनों निप्पल खड़े हुए थे
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#79
जल्दी से उनके कुर्ते के गले में अपना हाथ डाल दिया और उनके नंगे बोबे दबाने लगा मेरे एसा करते ही वो जल्दी से पीछे हो गयी मैंने उन्हें पकड़ा और उन्हें किस करने लगा और किस करते करते मैंने अपना हाथ नीचे से उनके कुर्ते में डाल दिया और उनके नंगे बोबे दबाने लगा फिर मै उनकी गर्दन पे स्मूच करने लगा मैंने इधर उधर देखा फिर नीचे झुका और उनका कुरता थोडा ऊपर कर दिया उनके दोनों नंगे बोबे बाहर निकाले फिर मैं उनके बोबे चूसने लगा शिप्रा दीदी मेरे बालों में अपना हाथ फेरने लगी और इधर उधर देख के ध्यान रखने लगी की कोई देख तो नहीं रहा मैं बारी बारी से उनके बोबे दबाने लगा उन्हें चूसने लगा तभी शिप्रा दीदी ने कहा " सोनू जल्दी उठ कोई आ रहा है "


मैं फटाफट सीधा हुआ शिप्रा दीदी ने अपना कुरता नीचे किया और चुन्नी सही से डाल ली अब मुझे मेरे लंड में बहुत दर्द हो रहा था मैंने शिप्रा दीदी से कहा "दीदी मुझे बहुत पैन हो रहा है " शिप्रा दीदी ने कहा "कहाँ " मैंने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा की " यहाँ " तो शिप्रा दीदी बोली "वो तो होगा ही इतनी देर से मुझसे छेड़ छाड़ जो कर रहा है " मैंने कहा "दीदी आप करो ना कुछ " शिप्रा दीदी बोली "मैं क्या करू वो भी यहाँ ? " मैंने अपनी नजर घुमाई तो एक पुराना सा खंडर नजर आया मैंने इशारा करते हुए बोल चलो दीदी वहां चलते है हम दोनों उठ के वहां चल दिए मैंने देखा अंदर कोई नहीं था और बाहर भी कोई नहीं था मैंने शिप्रा दीदी को पकड़ लिया और उन्हें किस करना शुरू कर दिया वो भी मुझे किस करने लगी मैंने उनका हाथ ले जाके अपने लंड पे रख दिया वो जीन्स पे से मेरे लंड को सहलाने लगी मैं भी अपना हाथ शिप्रा दीदी की सलवार पे से उनकी चूत पे फेरने लगा हम दोनों एक दुसरे के होंठ चूस रहे थे फिर मैंने अपने एक हाथ से शिप्रा की सलवार का नाडा खोल दिया शिप्रा दीदी की सलवार नीचे गिर गयी अब मैं शिप्रा दीदी की पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेर रहा था वो मुझे पागलों की तरह चूम रही थी फिर मैंने अपना हाथ उनकी पेंटी में डाल दिया और उनकी चिकनी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा शिप्रा दीदी की पेंटी बहुत ही गीली थी


मैंने उनके होंठ छोड़े और उनकी चूत पे अपना हाथ फेरते हुए बोला "अरे दीदी आप तो बहुत ज्यादा एक्ससाईटेड हो " तो उन्होंने कहा की "हाँ तो नहीं होउंगी क्या इतने देर से मेरे पूरे बदन पे अपना हाथ घुमा रहा है , लेकिन सोनू जो भी करना है जल्दी कर यार ये जगह सेफ नहीं है " मैंने कहा " हाँ दीदी " और मैंने उनकी गर्दन पे स्मूच करने लगा फिर उनकी गर्दन पे स्मूच करते करते मैं उनके कान की तरफ गया और उनकी चूत पे हाथ फेरते हुए उनके कान पे अपने होंठ फेरने लगा फिर मैंने उनके कान में अपनी जीभ डाल दी शिप्रा दीदी की सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गयी थी फिर मैं उनके बदन पे किस करते हुए नीचे की तरफ आया और उनका कुरता उनके गले तक ऊपर कर दिया फिर उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाये उनपे स्मूच किया उन्हें किस किया फिर उनकी ब्रा भी ऊपर कर दी और उनके दोनों नंगे बोबे दबाने लगा और उन्हें चूसने लगा
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#80
फिर मै थोड़ी देर रुक और देखा की शिप्रा दीदी की आँखें बंद कुर्ता और ब्रा दोनों ऊपर सलवार नीचे टांगों पे गिरी हुई क्रीम कलर की पेंटी में मेरा हाथ बहुत ही सेक्सी सीन था फिर मैंने उनकी पेंटी भी नीचे कर दी अब शिप्रा दीदी मेरे सामने बिलकुल नंगी थी मैंने पहले उनकी चूत के ऊपर से अपनी जीभ फेरी फिर उनकी चूत की दोनों स्किन को अलग किया और उसके अंदर अपनी जीभ डाल दी शिप्रा दीदी ने सिसकी ली "आआआह्ह्ह्ह्ह्ह " फिर वो मेरे बालों में अपनी उंगलिया फेरने लगी और आवाज आई " म्म्म्म्म्म्म्म्म्मम्मम्म " मुझे पता चल चूका था की शिप्रा दीदी को मजा आने लग गया है मैं जल्दी जल्दी अपनी जीभ के टिप से उन की चूत को सहलाने लगा वो और लम्बी लम्बी सिसकियाँ लेने लगी मैं अपनी पूरी जीभ उनकी चूत में फेरने लगा उनके दोनों हाथ मेरे बालों से मेरे कंधे पे आ गये और वो मुझे धक्का देने लगी मैं समझ गया किया शिप्रा दीदी झरने वाली है मैं और जल्दी जल्दी उनकी पूरी चूत में अपनी जीभ घुमाने लगा और अपनी एक ऊँगली से उनकी चूत के होल को जल्दी जल्दी सहलाने लगा और तभी शिप्रा दीदी के मुह से एक लम्बी सिसकी निकली "आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह,,,," और उनकी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया जिसे मैंने अपनी जीभ से साफ़ कर दिया


उन्होंने मुझे ऊपर उठाया और मुझे एक लम्बा किस किया फिर उन्होंने अपनी पेंटी ऊपर की अपनी सलवार पहनी अपनी ब्रा नीचे की फिर अपना कुर्ता नीचे किया चुन्नी सही की फिर बोली "एक बार देख ले की आस पास कोई है तो नहीं " मैंने चेक किया वहां कोई भी नहीं था फिर मैं उनके पास गया वो मेरे आँखों में देखते हुए नीचे जाने लगी और फिर मेरी जींस का बेल्ट खोला मेरी जींस नीचे की फिर मेरी अंडर वियर पे से अपना हाथ मेरे खड़े हुए लंड पे फेरा फिर मेरी अंडर वियर भी नीचे कर दी मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड उनकी आँखों के सामने आ गया वो उसे अपने हाथ से सहलाती हुई मेरी आँखों में देखते हुए बोली "ला इसका सारा दर्द दूर कर दू " और ये कहते हुए उन्होंने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया मेरी आँखें बंद हो गयी और मेरे मुह से सिसकी निकल गयी "आह्ह्ह्ह्ह " शिप्रा दीदी मेरा लंड चूसने लगी और मैं उनके बालों में हाथ फेरना लगा वो मेरा लंड अपने मुह से अंदर बाहर करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था कभी वो मेरा लंड को अपने हाथ से हिलाती फिर उसे मुह में लेती कभी लंड के टोपे को चूसती कभी पूरा लंड मुह में ले लेती इस तरह शिप्रा दीदी लंड चूस रही थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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