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Incest दीदी चुद ही गयी
#61
मैंने दोनों हाथ खुला छोड़ दिए और अपना लंड अपनी भांजी के मुँह में चूसे जाने के अहसास से मजा लेने लगा. साजिया ने अभी दो मिनट ही मेरा लंड चूसा होगा कि मेरे लंड से रस निकलने को होने लगा, मैंने उससे कहा- लंड झड़ने वाला है, रस पियोगी क्या? साजिया बोली- मामा, लंड से रस से मुझे उबकाई आती है, आप मेरे मुंह में अपना पानी मत निकालना.

मैंने अपना लंड बाहर खींच लिया और अपना पानी बिस्तर पर निकाल दिया. अब मैं आराम से बिस्तर पर लेट गया और साजिया को अपने ऊपर लेकर उसके लबों को चूमने लगा. मेरा एक हाथ उसकी गर्दन पर था और दूसरा उसके कूल्हों पर… साजिया बड़े जोश से मेरे साथ फ्रेंच किस कर रही थी, वो इस खेल की अनुभवी लग रही थी.

थोड़ी देर जवान लड़की के बदन की गर्मी और वासना ने मेरी कामवासना पुनः भडका दी, मेरा लंड फिर से जोश में आने लगा. अब मैंने साजिया के कपडे उतारने शुरू किये, उसे पूरी नंगी किया और बिस्तर पर लिटा कर उसके ऊपर आ गया. साजिया ने खुद से अपनी टाँगें चौड़ी की और मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर लगाया और मुझे धक्का मारने के लिए कहा.

साजिया की कामवासना अपने चरम पर थी. जैसे ही मैंने धक्का मारा, मेरा लंड उसकी चूत में ऐसे घुस गया जैसे मक्खन में गर्म चाकू! साजिया पूरी खाई खेली थी. मैंने साजिया को काफी देर तक चोदा और उसे चुत चुदाई पूर्ण आनन्द दिलाया. इसके बाद जब मैं झड़ने को था तो मैंने साजिया को बताया कि मैं आने वाला हूँ तो उसने कहा- मामा जी, आप मेरी चूत में ही अपना माल छोड़ दो! मेरे पास इसका इलाज है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#62
मैंने अपना रस अपनी भानजी की चूत में छोड़ दिया. अब मैं पूरा थक चुका था तो मैं अपने बिस्तर पर जाकर सो गया. अगले दिन मेरी भानजी साजिया बहुत खुश दिख रही थी और मेरे साथ हंस हंस कर बातें कर रही थी और मौक़ा मिलने पर कामुकता भरी शरारतें भी कर रही थी.

लेकीन मेरी दीदी मेरे पास नाही आ रही थी और चलती भी लंगड़ा के मैं किसी बहाना से दीदी के पास गया और दीदी से पूछा कि दीदी क्या हुआ तभी दीदी गुस्से से कहा तू मेरे पास से हट जा चूत छिल गई हैं और गांड की तो अम्मी चोद दिया है मैं धीरे से वाहा से चला गया.

साजिया सब देख रही थी मैं जैसे ही नीचे आया तभी साजिया मेरे पास आई और बोली क्या हुआ डियर मामा जान अम्मी क्या बोली और साजिया मुस्कुराने लगी मैं गुसे से कहा साली भाव खा रही हैं तभी साजिया बोली मामा साली नाही ओ आपको। दीदी है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#63
Nice story
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#64
[Image: Picsart-24-03-28-19-37-42-694.jpg]
hey google pick a number between one and two
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