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Incest दीदी चुद ही गयी
#1
दीदी चुद ही गयी





















fight fight 
fight
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मेरा नाम रोहित है. मेरी उम्र २५ साल है. मेरी फॅमिली में मेरे पेरेंट्स के अलावा मेरी एक बड़ी दीदी है, कंचन.
दीदी २८ साल एक कामुक लड़की है. दीदी का फिगर ३८-३०-३८ का होगा. फुटबॉल के साइज की बड़ी बड़ी चूचियां, पतली कमर में कयामत लगती है. सबसे मस्त उभरी हुई बड़ी सी गांड. दीदी किसी मॉडल के तरह तन कर चलती है, जिससे उनकी चूचियां और बड़ी लगती है और गांड को बाहर की तरफ निकली रहती है. मैं दीदी की जवान गदरायी हुई जिस्म का दीवाना हूँ.
कंचन दीदी मेरी अच्छी दोस्त है और हम एक सेक्सी स्टोरी दूसरे से सब बातें शेयर करते है. दीदी ने मुझे अपने बॉयफ्रेंड अतुल के बारे में बताया और उसकी बहन सपना के साथ मेरी सेटिंग करवाई. हम चारो काफी एन्जॉय करते है.
एक बार हमारे पेरेंट्स रिलेटिव के पास चले गए. दीदी ने अतुल और सपना को अपने घर बुला लिया.

मैं: दीदी आज आप बहुत खुस लग रही हो?
कंचन: हाँ भाई, बहुत दिनों बात हम मजे करेंगे
मैं: हाँ दीदी वो तो है, आज पार्टी करेंगे जमकर
कंचन: हम्म .. तू कंडोम तो ले आया न
मैं: हाँ दीदी, २० पैकेट्स कंडोम ले आया हूँ. आज जमकर चुदाई होगी घर में
कंचन: हाँ भाई, बहुत दिन से सूखा पड़ा था..
मैं: हाँ दीदी, अतुल तो आपको छोड़ेगा नहीं.. बहुत चोदेगा आपको
कंचन: तू जैसे सपना को छोड़ देगा
मैं: हाँ दीदी मैं तो सपना को रगड़ रगड़ कर चोदूंगा
कंचन: हाय भाई ..क्यू गीली कर रहा है चूत मेरी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
दीदी अपना गांड हिलाते हुए नहाने चली गई. उफ्फ्फ्फ़ कब इस गांड को मारने का मौका मिलेगा. मैं दीदी को नहाता हुआ देख रहा था. दीदी बिलकुल नंगी होकर नहा रही थी, इतनी बड़ी चूचियां नहीं देखि मैंने आज तक. दीदी से अपनी बूर के शेविंग की, अब उनकी बूर में एक भी बाल नहीं थे. इतनी चिकनी और सुन्दर बूर है की खा जाने का मन करता है. फिर दीदी नाहा कर रेडी हो गयी. दीदी ने ग्रीन कलर के बहुत छोटी से ड्रेस पहनी हुई थी.

दीदी: भाई मैं कैसी लग रही हूँ
मैं: उफ्फ्फ दीदी गजब की सेक्सी लग रही हो. आपकी सेक्सी स्टोरी यह बड़ी बड़ी चूचियां तो ड्रेस में आ नहीं रही है. आधे से ज्यादा क्लीवेज मुझे दिख रहा है. वैसे दीदी क्या साइज है इन आमो का.
दीदी: भाई ३८ की हो गयी है..
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी क्या चूचियां है आपकी, और आपकी इतनी बड़ी गांड कयामत लग रही है. काश सपना का फिगर भी आपके जैसे होता
दीदी: अरे वो भी तो सेक्सी है..
मैं: हाँ दीदी वो भी सेक्सी है पर आपका बदन रस से भरा हुआ है. जो चोदेगा उसकी किस्मत ही खुल जाये. देखो मेरे पैंट में टेंट बन गया है.
दीदी: हाय भाई .. अपनी बहन को देख कर लन्ड खड़ा हो गया तेरा. वैसे काफी बड़ा हथियार लगता है तेरा..
मैं: हाँ दीदी मेरा लन्ड ९ इंच का है और ३ इंच चौड़ा है.. किसीके बूर की भी धज्जिया देता है ये.
दीदी: उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ….. अह्ह्ह्ह भाई मेरी बूर पूरी गीली हो चुकी है.. अतुल का सिर्फ ६” का है. सपना की तो किस्मत खुल गयी.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
उसी टाइम अतुल और सपना आ गए. सपना भी आज जबरदस्त सेक्सी लग रही थी. उसका फिगर ३६-२८-३८ है. बड़ी बड़ी चूचियां और बड़ी सी चुत्तड़.
हमसब ड्रिंक करने लगे, और मजे करने लगे. अतुल कंचन दीदी को किश कर रहा था और उसकी चूचियों को मसल रहा था, दीदी भी आँहे निकाल रही थी. हमपर नशा छाने लगा और हम सब आउट हो गए. अतुल ने एक गेम खेलने के लिए बोला

अतुल: हमसब एक गेम खेलते है, जिसका भी नाम इस पर्चे में आएगा उसे जो करने बोला जायेगा वो करेगा
सब ने हामी भर थी, किसीको कुछ होश नहीं था. पहली बारी मेरी आयी

सपना: तुझे आज एक सच कंफेस्स करना है, जो हम नहीं जानते
मैं:आज तक ये मैंने कभी किसी को नहीं बताई. मैं कंचन दीदी के नाम की डेली मूठ मारता हूँ
दीदी: उफ्फ्फफ्फ्फ़ भाई .. तू ये सोचता है मेरे बारे में
मैं: दीदी मैं क्या करू मैं आपकी जवानी का दीवाना हूँ. आपकी ये पहाड़ जैसी चूचियां मेरा लन्ड खड़ा कर देती है. इतनी बड़े बड़े बॉल आज तक नहीं देखे मैंने दीदी और आपकी ये भारी चुत्तड़ मेरा नींद हराम कर रखी है
दीदी: अह्ह्ह्हह्हह भाई…. और क्या सोचता है मेरे बारे में
मैं: मैंने सपनो में कई बार आपको चोदा है, मैं इन रसीले आमो को चूसना और मसलना चाहता हूँ. और अपने लन्ड से आपकी बूर और गांड को फाड़ना चाहता हूँ.
दीदी: अह्ह्ह्ह भाई..
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#5
फिर सपना की बारी आई. अतुल शायद इसी का वेट कर रहा था.
अतुल: सपना, मेरी बहन आज तुझे अपनी इन चूचियों के दर्शन करवाने होंगे
सपना: भैया मुझे शर्म आ रही है..
मैं: दिखा दे सपना, आज अपना बदन अपने भाई को दिखा दे

फिर सपना ने अपनी ब्रा उतर दी, उसके दोनों बड़े बड़े चूचे आजाद हो गए. अतुल से संभाला नहीं गया.. वो सपना की चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा

मैं: साले तू सपना की चूचियों को दबा रहा है
अतुल: भाई तेरा चांस आएगा तो तू कंचन का दबा लेना
फिर नेक्स्ट टर्न कंचन दीदी का आया..

अतुल: कंचन मेरी रानी, अब तेरी चूचियों के साथ रोहित खेलेगा
मैंने तुरंत कंचन दीदी को पकड़ा और एक स्मूच दे दिया.. दीदी ने भी विरोध नहीं किया, शायद मेरी बातों से गरम हो गयी.. मैंने दीदी की गांड को खूब दबाया. फिर मैंने दीदी की चूचियों को नंगा कर दिया.. क्या बड़ी बड़ी चूचियां थी साली की.. खूब मसला मैंने उसे
दीदी: अह्ह्ह्ह भाई… मजा आ रहा है.. जोर से दबा ..
मैंने १० मिनट तक दीदी की चूचियों को खूब दबाया. दीदी ने अपने कपडे ठीक किये और फिर हम खेल आगे बढ़ाने लगे. फिर मेरा टर्न आया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#6
दीदी: रोहित ने मेरी चूचियां को नंगा करके उसके साथ खेला है, मैं भी अपने भाई के लन्ड के साथ खेलूंगी
अतुल: दिखा भाई अपनी दीदी को अपना हथियार
मैं: दीदी तुम्ही निकाल

दीदी ने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लन्ड बाहर निकाल लिया..लन्ड का विकराल रूप देख कर दीदी की आँखों में चमक आ गयी..

दीदी: उफ्फ्फफ्फ्फ़ क्या हथियार है भाई, मैंने कई भाई तेरा लन्ड देखा है बाथरूम और हमेशा अपने चूत में इसकी कल्पना की है
मैं: सच दीदी.. मेरा लन्ड चूस लो प्लीज

मैंने अपना लन्ड दीदी के मुंह में डाल दिया. दीदी भी किसी पेशेवर रंडी की तरह मेरा लन्ड चूसने लगी. उधर अतुल ने अपना लन्ड सपना के मुंह में डाल दिया
मैं: अह्ह्ह्हह .. दीदी आज मेरा ड्रीम पूरा हो गया …चूस अपने भाई का लन्ड..
दीदी: कितना प्यार लन्ड है भाई…आज तो मैं इसे अपनी चूत में डाल कर ही रहूंगी
मैं: सच दीदी.. तेरा भाई कब से आपको चोदने के लिए तड़प रहा है…

दीदी ने १० मिनट में चूसकर मेरा लन्ड झाड़ दिया.
दीदी: चल भाई आज तुझे सही में बहनचोद बना देती हूँ
मैं: आह्ह्ह्हह्ह दीदी.. मजा आ जायेगा
दीदी: अतुल मैं जा रही हूँ अपनी भाई को चोदने.. आज तू भी अपनी बहन को चोदले
अतुल: ठीक है जान.. एन्जॉय
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#7
दीदी ने मुझे अपने कमरे में ले गयी और मुझे गले लगा लिया. मैंने भी दीदी को हग किया और अपना हाथ दीदी की गांड पर ले गया. बहुत सॉफ्ट गांड थी. मैंने दीदी को एक किश किया, दीदी ने भी पूरा साथ दिया. ये किसी भाई बहन का नहीं हवस में डुबे एक लवर्स का किश था. मुझे दीदी का क्लीवेज पूरा दिख रहा था, आधी से ज्यादा दीदी की चूचियां नंगी थी. हर साँस के साथ चूचियां ऊपर निचे हो रही थी, मेरा कण्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. मैंने ऊपर से दीदी की चूचियों को मसलना सुरु कर दिया…

मैं: उफ्फ्फ कंचन जानेमन क्या चूचियां है साली तेरी.. खा जाऊँगा इसे..
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह.. भाई दबा इसे .. जोर से मसल डाल इसे
मैंने दीदी की ड्रेस की ज़िप खोल दी, अब दीदी की चूचियां पूरी नंगी मेरे सामने थी..
मैं: दीदी ये चूचियां तो मेरी उम्मीद से भी बहुत बड़ी है.. हमेशा आपकी तनी हुई छाती मेरा लन्ड खड़ा करती रही है…
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई तो सोच क्यू रहा है.. आ चूस इन्हे.. दबा जोरसे
मैं एक चुची को चूसने लगा और दूसरी को दबा रहा था. चूचियां इतनी बड़ी थी की एक हाथ में आ नहीं रही थी..
दीदी: आअह्ह्ह्हह भाई… मेरा बुरा हाल है …मेरे चूत में आग लगा दी है तूने..
मैंने दीदी की ड्रेस निकल दी और पैंटी भी उतर दी, अब दीदी पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी.
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी… कयामत का बदन है आपका..कितनी चिकनी बूर है और इतनी बड़ी गांड.. उफ्फफ्फ्फ़
दीदी: भाई मुझे शर्म आ रही है..
दीदी ने मेरा लन्ड निकल कर हिलने लगी.. २ मिनट में ही मेरा लन्ड फिर पूरी तरह अकड़ गया.
दीदी: भाई अब सहा नहीं जा रहा है.. घुसा दे ये लन्ड मेरी बूर में और बन जा बहनचोद..
मैं: दीदी तैयार हो जाओ अपनी भाई का लन्ड लेने के लिए..

मैंने अपना लन्ड दीदी की बूर में सेट किया और एक जोर का झटका मारा. लन्ड का सूपड़ा ३ इंच तक दीदी की बूर में घुस गया..

दीदी: आह्ह्हह्ह्ह्ह.. उईईईईई माँ मर गयी भाई..फाड़ दिया तुमने आखिर मेरा बूर..
मैंने एक और धक्का मारा, लन्ड बूर में आधा धंस गया.. दीदी की चीख निकल आयी..
दीदी: उईईईईई .. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .. भाई आराम से चोद … तेरा लन्ड बहुत मोटा और बड़ा है
मैं: बस दीदी थोड़ा दर्द और फिर जमकर चुदाई होगी आपकी..
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#8
मैंने अपना लन्ड पूरा बाहर निकाला और एक जोर का झटका मारा. मेरा पूरा लन्ड इस बार दीदी की बूर में समां गया.

दीदी: आइईईईई.. अह्ह्hह्हह.. फाड़ दिया पूरा..
मैं ५ मिनट ऐसे ही रहा और उसके बाद दीदी को किश करते हुए चोदने लगा.. अब दीदी का दर्द ख़तम हुआ और वो भी मजा लेने लग.

दीदी: अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह.. ओह्ह्ह्हह्हह …..
मैं: बहुत तरसाया है दीदी अपनी गदरायी जवानी दिखा कर..
दीदी: आअह्ह्ह्हह्हह …. भाई निकाल ले अपनी हवस .. चोद अपनी बहन को…
मैं: ये ले साली.. खाले अपने भाई का लन्ड..
दीदी: फ़क मी रोहित.. फास्टर भाई… फ़क मी डीप
मैंने चोदने की रफ्तार और तेज कर दी. मेरा लन्ड घाचा घच दीदी सेक्सी स्टोरी की बूर में अंदर बाहर हो रहा था…हर शॉट के साथ दीदी की चूचियां हिल रही थी..

मैं: क्या चूचियां है दीदी ..
दीदी: दबा दबा कर चोद मुझे..
मैं: आई लव यू दीदी..
मैं ताबड़ तोड़ दीदी को चोद रहा था और उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को मसल रहा था. ३० मिनट चोदने के बाद मैंने दीदी को डोग्गी स्टाइल में ले लिया और पीछे से उसकी बूर में लन्ड पेलने लगा.. उनकी चूचियां आगे की तरफ झूल रही थी.. जिसे मैं दबा दबाकर चोद रहा था. दीदी की चुत्तड़ बहुत बड़ी थी, जो मेरे लन्ड के साथ टकरा रही थी.

मैं: क्या मस्त गांड है दीदी आपकी .. आपका भाई आपकी गांड भी मारना चाहेगा..
दीदी: उईईईईई …मार लेना भाई.. पहले बूर इस बूर की प्यास बुझा.. और चोद मुझे.. फ़क मी बेबी..
मैं: दीदी मेरा झड़ने वाला है..अह्हह्ह्ह्ह
दीदी: थोड़ा और चोद बहनचोद… घुसा अपना लन्ड जोर जोर से मेरी बूर में.. भोग अपनी दीदी का जवान बदन.. चोद डाल..
मैं: ये ले मेरी कंचन रंडी.. देख साली मेरा लन्ड पूरा खा है तेरे बूर ने..

मैं बहुत तेजी से दीदी को चोदने लगा, लन्ड फचा फच दीदी की बूर में अंदर बाहर हो रहा. करीब १ घंटा मैंने दीदी को कसकर ठोका और उनकी बूर में ही झड़ गया..

दीदी: उफ्फ्फ्फ़ भाई.. क्या चुदाई की है तूने..आज पूरा संतुस्ट कर दिया तूने मुझे..
मैं: अह्ह्ह्हह.. दीदी कबसे आपको चोदना चाहता था मैं मजा आ गया.. अब मैं आपको हमेशा चोदूंगा ..
दीदी: जरूर मेरे भाई….
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#9
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#10
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#11
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#12
kanchan deedee baha bhanhi
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#13
सहेली ने दिलाया अपने भाई का तगड़ा जवान लंड
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#14
मेरा नाम अपूर्वी है. मैं अभी मुम्बई में रह रही हूँ, कॉलेज में पढ़ती हूँ. मैं एक गरीब परिवार से समबंध रखती हूँ. मेरे पापा फल बेचने का काम करते है. रेडी पर वो फल बेचते है. जिस बस्ती में मैं रहती हूँ वो मुंबई की गरीब बस्तियों में गिनी जाती जाती है. यहाँ पर जादातर छोटे मोटे काम करने वाले रहते थे और किसी तरह अपनी जिन्दगी गुजर बसर करते है. मैंने अभी 21 की उम्र में कदम रखा है पर मैं पूरी तरह से जवान और सेक्सी लड़की दिखती हूँ. मेरी बस्ती के कितने लड़के मुझे लाइन देते है और मेरे को बार बार गुलाब का फूल देकर प्रपोस करते है. वो सब मेरे को “आई लव यू अपुर्वी!!!” बोलते है. पर मैं अच्छी तरह से जानती हूँ की वो मेरे से कम और मेरी चूत से जादा प्यार करते है. वो सब जवान और व्यस्क लड़के मेरे को नंगा करके अपने लंड पर बिठाकर चोदना चाहते है. मैं जानती हूँ.

मदहोश मत करो खुद को किसी का हुस्न देखकर
मोहब्बत अगर चेहरे से होती तो खुदा छेद न बनाता
फ्रेंड्स ये शेर बार बार याद आता है. मेरी कई सहेलियाँ मुझे बता चुकी है की उनके बॉयफ्रेंड उनसे बहोत प्यार करते है पर बात अंत में चुदाई पर आ जाती है. सब लडको को एंड में लड़की की चूत मारना अच्छा लगता है. फ्रेड्स मेरा रंग करीना की तरह गोरा है. मेरा कद 5 फुट 4 इंच है. मैं चाहे सलवार कमीज पहनू या जींस टॉप मैं सबसे सुंदर और हॉट दिखती हूँ. उपर वाले से मुझे सही तरह से बनाया है. मेरा बदन अब पूरी तरह से भर गया है और मेरे बूब्स 34 इंच के होकर बड़े बड़े तन गये है जिससे मैं हमेशा की लड़को को नजर में आ जाती हूँ.
फ्रेंड्स जब मैं सड़क पर चलती हूँ तो मेरे दोनों दूध हिलते है जिसे देखकर जवान लड़को के लंड खड़े हो जाते है. सब मेरे को चोदना चाहते है. मेरा फिगर 34 -30- 32 का है. मैं चलते समय अपने कुल्हे और गांड मटका मटका कर चलती हूँ जिससे मैं बहोत कमाल की सेक्सी माल दिखती हूँ. कई बार तो लड़के मेरी गांड पर हाथ लगाकर जोर से दबा देते है. मैं बिलकुल भी नाराज नही होती हूँ क्यूंकि मैं हूँ की इतनी सेक्सी माल की किसी की नियत फिसल जाए. आज आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ.
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#15
मैं भी जवान होने लगी तो मेरी दोस्ती अब विपुल से होने लगी. विपुल मेरी सबसे अच्छी सहेली अंजना का भाई था. अब वो भी मेरे साथ BA फर्स्ट ईअर में पढ़ रहा था कॉलेज में. पर वो अभी अभी जवान हुआ था और बड़ा हॉट ब्लड था उसका. अक्सर कॉलेज में दूसरे लडकों से मार पीट की खबरे उसके बारे में सुनने को मिलती थी. जब मैं अंजना के घर जाती था विपुल कसरत करता हुआ मिलता था. वो भारी भारी चीजे लेकर शोल्डर पुश अप करता था. वो देखने में किसी हीरो से कम नही लगता था और बड़ा मर्दाना व्यक्तित्व था उसका. हमेशा गुस्से में रहता था और मेरे को एंग्री यंग मैन लगता था. अब मेरे को उससे प्यार हो गया था. पर सबसे बड़ी मुस्किल थी की कैसे मैं उससे बात करती.
मैं: अंजना!! मेरे को तेरा भाई अच्छा लगता है
एक दिन मैंने बोल दिया.
अंजना: अच्छा लगने से क्या मतलब है??
मैं: मतलब की मैं उसे पसंद करती हूँ. जैसे कोई लड़की किसी लड़के से प्यार करती है उस तरह से
अंजना: ओह्ह !! तो ये बात है. तू मेरे भाई से लव करती है!!
मैं: यार!! तू अपने भाई से मेरे दिल की बात बता दे. उससे कहदे की मैं उसे अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती हूँ
अंजना: मैं बोल दूंगी. तू फ़िक्र मत कर
उसके बाद मेरी सबसे अच्छी दोस्त ने मेरे दिल की बात अपने भाई विपुल से बोल दी. मैं भी उसे पसंद आ गयी थी. जब भी मैं अंजना के घर जाती थी विपुल मेरे से बहोत अच्छी तरह से बात करता था. उसके बात से मेरे को आईडिया लग गया था की वो मेरे को पसंद करता था. कुछ दिनों बाद जब वेलेंटाइन डे आया तो विपुल ने मेरे को बड़ा सा लव कार्ड गिफ्ट किया. उसने उसने कई तरह की प्यार भरी मोहब्बत वाली कविताएं लिखी थी और मेरे को एक लव लेटर भी लिखा था जिसमे उसने अपने प्यार को दिखाया था. अब मेरी और विपुल की दोस्ती बढने लगी और हम दोनों ने एक दूसरे के फोन नम्बर ले लिए और प्यार मोहब्बत शुरू हो गयी. हम प्यार करने लगे और जल्द की प्यार वासना में बदल गया. कई बार मैं अपनी सहेली अंजना के पास से उठ जाती और विपुल के कमरे में चली जाती.
वहां पर हम दोनों आपस में गले लग जाते है कई तरह से प्यार होने लग जाता. आज तक किसी लड़के ने मेरे को गले से नही लगाया था. पर अब मुझे विपुल रोज की गले से लगा लेता तो मेरा रोम रोम जाग जाता. चुदने और सेक्स करने को मन तडप उठता.
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#16
विपुल मेरे को खड़े खड़े ही गले से चिपका लेता और किस करने लग जाता. जब वो मेरे सेक्सी और गुलाबी होठो को चूसता तो उसके हाथ मेरे दूध पर चले जाते. वो मेरे सूट के उपर से मेरे दोनों 34 इंच के दूध को पकड़ लेता और हाथ से मसलने लग जाता. ऐसा करने से मेरे तन मन बदन में आज सी लग जाती और चुदाने का बड़ा दिल करता. विपुल बड़ी बड़ी देर तक मेरे होठो का चुम्बन लेता और पी लेता. इससे मैं गर्म हो जाती और “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लग जाती. धिरे धीरे चुदाई की आग दोनों तरफ से लग गयी. मैं भी चुदने के मूड में थी और अंजना का भाई विपुल भी मेरे को चोदने के मूड में था. अगले दिन मैं शाम के 8 बजे अंजना के घर गयी तो वो बाहर शोपिंग की गयी थी. विपुल ने मेरा स्वागत किया और मेरे लिए काफी बनाई. घर में सिर्फ विपुल ही था और उसकी माँ की अंजना के साथ शोपिंग को गयी हुई थी.
मैं: क्या घर में और कोई नही है???
विपुल: नही. तुम बोलो तो हम मौके का फायदा उठा सकते है. तुमको सेक्स करना है क्या??
मैं: नही नही. मन तो मेरा भी है पर अभी हम दोनों को और दोस्ती बनानी चाहिए
विपुल मेरे पास आ गया और सोफे पर बैठ गया. मेरे को वो पकड़ने लगा और कुछ ही देर में उसने मेरे को अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे गले के पीछे की साइड किस करने लगा. वो मेरे कंधे और गालो पर किस करने लगा. मैं गर्म होने लगी. मैं चुदने में संकोच कर रही थी.
विपुल: अपुर्वी!! देखो हम दोनों एक दूसरे से बहोत प्यार करते है. अब कितना जानना बाकी रह गया है. अब चलो मेरे को चुत दे दो आज
बोलकर वो फिर से मेरे दूध कमीज के उपर से दबाने लगा. मैं “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी. कुछ देर बाद विपुल से सोफे पर बैठे बैठे ही मेरी सलवार का नारा खोल दिया और पेंटी के उपर से चूत को घिसने लगा. मैं तडप गयी और पूरी तरह से गर्म होने लगी. विपुल मेरे होठो को चूसने लगा और वो भी चुदासा हो गया. उसने 10 मिनट तक मुझे अपनी गोद में बिठाकर पेंटी के उपर से चूत को घिसा तो मेरी चूत अपना रस चोदने लगी. कुछ देर बाद मेरा पानी छूट गया और पूरी पेंटी चूत के रस से तर हो गयी. मैं “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”करने लगी. विपुल का खून अब खौल गया.
विपुल: अपुर्वी!! तेरी माँ की चूत!! तुजे तेरी माँ की कसम है. आज मेरे को अपनी भीगी चूत पिला दे
तो मैं भी उसको मना नही कर पायी क्यूंकि मेरा भी अंदर से चुदने का दिल था. विपुल से मेरे को सोफे पर लिटा दिया और मेरी सलवार खोल कर पैरो से बाहर निकाल दी.

अब उसने मेरी भीगी पेंटी को उतार दिया. विपुल ने मेरे पैर खोल दिए और चूत के छेद को गौर से देखने लगा. मैं पूरी तरह से कुवारी थी. विपुल ने अपनी ऊँगली से मेरी चूत फैलाई तो गुलाबी चूत की बंद झिल्ली उसे दिख गयी. बंद चूत पाकर उसे काफी अच्छा महसूस हुआ. संतोष का भाव उसके चेहरे पर मैं पढ़ सकती थी.
विपुल: अपुर्वी जान!! मैं हमेशा से जानता था तू कुवारी माल होगी
उसके बाद वो जल्दी जल्दी मेरी चूत का पानी चाटने लगा. अपनी जीभ निकाल निकाल कर वो अच्छे से पिने लगा तो मैं पागल होने लगी.
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#17
क्यूंकि फ्रेंड्स आज फर्स्ट टाइम मैं किसी को अपनी चूत चटवा रही थी. अब मुझे बुखार सा आ गया था. मेरा बदन जल रहा था. विपुल तो सिर्फ मेरी चूत में घुसा हुआ था. और कुछ नही देख रहा था. उसने मेरे क्लाईटोरिस (चूत के दाने) को हजारो बार दांत से काट लिया जिससे मेरे को सेक्स चढ़ गया.
मैं: विपुल!! मेरे जानम!! आज तुम मेरे को अच्छे से फक करो. मेरे को अच्छे से चोदना
उसके बाद वो पूरी तरह से नंगा हो गया. उसने अपना कच्छा उतार दिया और लौड़ा मेरे चूत के बिल में डालने लगा. फ्रेंड्स आज मैंने अपने बॉयफ्रेंड का लौड़ा देखा. 5.5 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा. मैं समझ गयी की आज वो मेरे को चोद चोदकर खूब मजा देगा. विपुल से मेरे दोनों पैर को उपर उठा दिया और पैर खोल दिए. मेरी चूत की सीलबंद झिल्ली में उसने अपना लौड़ा का सुपाडा रखा. फ्रेंड्स उसका सुपाडा बहोत गुलाबी गुलाबी था और चमक रहा था. फिर वो लौड़े को हाथ से पकड़कर चूत के छेद में डालने लगा. कुछ मिनट की मेहनत के बाद विपुल कामयाब हो गया.
उसके मोटे लौड़े से मेरी झिल्ली को फाड़ दिया और चूत में घुस गया. मैं “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी क्यूंकि मेरे को काफी दर्द हो रहा था. अब मेरा बॉयफ्रेंड विपुल मेरे को जल्दी जल्दी फक (यानी चोदने) करने लगा. मैं तो बेहाल होती जा रही थी. विपुल सिर्फ मेरी चूत की तरह देखे जा रहा था. वो जल्दी जल्दी कमर आगे पीछे करके मेरे को चोद रहा था. इस ठुकाई में मेरा पसीना छूट गया और मैंने दर्द की वजह से आँखें बंद कर ली. अब विपुल मेरे उपर चढ़ गया और मेरी कमीज को उतार दिया. मेरी ब्रा को खोलकर उसने मेरे को नंगा किया और मेरे दोनों 34 इंच के कसे कसे दूध को मुंह में लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगा. अब मेरे को मजा आ रहा था. कुछ देर विपुल मेरे दूध पीता. फिर कुछ देर मेरी चुदाई करता. फिर कुछ देर मेरी निपल्स को दांत से चूसता और चबाता फिर मेरी चूत मारता. एंड में वो झड़ने वाला था.
विपुल: मेरी जान!! बोलो किधर अपने लंड का पानी निकालू
मैं: भगवान के वास्ते मेरी चुत में पानी मत छोड़ना वरना मैं प्रेग्नेंट हो जाउंगी.

तो उसने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाला और ठीक मेरे मुंह के सामने आ गया. चुदाई करने की वजह से उसका लंड तमतमाया हुआ और काफी गुस्सैल दिख रहा था. विपुल जल्दी जल्दी हाथ से लंड को फेटने लगा. जल्दी जल्दी मुठ देने लगा. फिर 2 मिनट बाद उसने मेरे पुरे मुंह पर अपना पानी छोड़ दिया. मेरे गाल, आँखों , पलकों और मुंह में सब जगह उसका पानी जाकर चिपक गया. पर मेरे को अच्छा लगा. मैं हाथ से उसकी गाढ़ी मलाई को गालो से छुडाकर मुंह में लेकर चाटने लगी.
विपुल: बहन की लौड़ी!! चल जल्दी से मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूस
वो बोला तो मैं भी काफी सेक्सी हो गयी. उसके लौड़े को हाथ से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी. फिर आगे बढकर मुंह में लेकर चूसने लगी. फ्रेंड्स अंजना का भाई का लौड़ा काफी मोटा था. किसी तरह मुस्किल ने मेरे मुंह में जा सका. फिर मेरे सिर को पकड़कर विपुल से लंड पर दबा दिया. अब उसका लंड मेरे गले में जाकर फस गया. मैंने खूब चूसा और हाथो से उसके लौड़े को काफी देर तक फेटती रही.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#18
अपने बड़ी दीदी के साथ सुहागरात मनाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#19
मैं बहूत दिन बाद अपना यूनिवर्सिटी परीक्षा दे कर छुट्टी बिताने घर आया था।घर पर सब हमको बहुत प्यार करते है। दीदी तो मुझे बहुत बहुत प्यार करती है।ऐशे ही घर पर मेरा बहुत अच्छे से परिवार के साथ समय बीतने लगा।इस बार दी कुछ ज्यादा ही सुंदर हो गयी थी।और इस बार मैं देखा कि जब मम्मी सब के साथ बैठ कर बात करता था तो दी अपनी सलवार में हाथ डाल कर चुत खुजलाती थी।हम दी कि ये आदत कई दिनों से नोटिस कर रहे थे। कई बार तो दीदी जब खुजलाती थी तो मेरा दी कि नज़र से भी मिल जाता था।और दी जल्दी से सलवार से हाथ निकल लेती थी।दी भी जान गई थी कि मेरा भाई देखता है।फिर भी दी ये आदत नही छोड़ी दी तो और ज्यादा ही खुजलाने लगी थी।ये सब देख कर मेरा मन अब दी को चोदने के लिए हो गया था।मैं दी कि नाम की मुठ भी मारने लगा था।मैं मौका ढूंढ़ने लगा कि अगर मम्मी पापा कहीं बाहर चले जाएं तो घर पर अकेले रहेंगे तो बात बन जाये। मैं प्लान सोचने लगा कि मम्मी पापा को कैसे कहीं घूमने भेजे। एक दिन हम सब ऐशे ही बैठे थे तो हम मम्मी पापा से बोले कि आप लोग नानी के घर से आ जाये ।बहुत दिन हो गया एक बार नानी नाना को देख के आ जाये। घर पर हम और दी रह लेंगे और दी भी बोली हाँ पापा।।बहुत कहने पर पापा मान गए।और पापा 4 दिन बाद ऑफिस से 1 सप्ताह की छुट्टी लेकर मम्मी के साथ नानी के घर चले गए। अब घर पर मैं और दी रह गए ।उस दिन तो ऐशे ही बीत गया। दूसरे दिन दी और हम दोपहर में खाना खा के बैठ कर बात कर रहे थे तो देखा कि दी मुझसे बात भी कर रही है और सलवार में हाथ डाल कर चुत खुजला रही है। ये देख मैं सोचा आज दी को बोल ही देता हूं क्या कर रही है।और मैं बोल दिया दी ये क्या कर रही हो।दी ये सुन के सरमा गयी।मैं दी से बोला कि दी पापा से बोल दे कि आपकी शादी करा दे ।दी बोली क्यो हम बोले आप को हमेशा देखते है सलवार में हाथ डाल कर पता नही क्या करती रहती है।दी बोली अच्छा तुम येही सब देखते हो।तो हम बोले आप दिखा कर करती हो तो देखेंगे ही।हम फिर बोले पापा से बोल देते है कि दी को शादी करनी है तो दी बोली पलीज मत बोलना भाई नही तो सच मे शादी करा देंगे ।मुझे अभी नही करना है। फिर हम बोले ठीक है है दी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#20
और हम दी से बोले एक बात पूछे दी आप बुरा नही मानोगे तो दी बोली नही और फिर हम दी से बोले दी आपको सेक्स करने का मन करता है ना।ये सुन के दी गुस्सा हो गयी हम दी से बोले की शांत हो जाओ हम किसी से नही बोलेंगे ।दी बोली प्रोमिस तो हम बोले हाँ।तो दी बोली हाँ भाई बहुत मन करता है।तो हम दी से बोले हम पहले से जान गए थे। और हम बोले दी क्या मैं आपकी हेल्प कर सकता हूं।दी ये सुन के बोली कि तुम्हरे दिमाग ठीक तो है।क्या पागल जैसा बात बोल रहा तुम मेरे भाई हो ।अगर कोई जान जाएगा तो क्या कहेगा।तो हम बोले कि अगर आप किसी को नही बताओगे और हम नही बताएंगे तो दूसरों को कैसे पता चलेगा।दी बोली फिर भी मुझे नही करना है अपने भाई के साथ। बहुत समझाने पर दी बोली कि ठीक है लेकिन एक शर्त हम इसे स्पेशल बनाना चाहती हूं।तो हम बोले बोलो दी कैसा स्पेसल दी बोली मुझे सुहागरात मनाना है।तो हम बोले हां दी क्यो नही मैं भी यही चाहता हूं इसीलिए तो पापा मम्मी को नानी के घर भेजा हूँ।मैं चाहता तो ऐशे भी आपके साथ कर सकता था मैं समझ गया था कि आपकी मन बहुत कर रहा है।दी बोली बहुत समझदार हो गया है मेरा प्यारा भाई।फिर हम बोले
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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