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मैं अपनी उंगली उसकी चूत की दरार में डाल के रगड़ने लगा। मैंने धीरे धीरे अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगा। वो हल्के-हल्के दर्द से सिसकारी ले रही थी। मैंने कोई जल्दी न दिखाते हुए उसकी चूत में उंगली करना जारी रखा।
थोड़ी देर की मेहनत के बाद मेरी उंगली उसकी चूत में समां गई थी। उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया था। मेरा काम उसकी चूत को इतना चौड़ा करने का था कि जब मैं उसमे अपना लंड डालूँ तो उसको ज्यादा दर्द न हो।
मैंने उसकी चूत में अपनी एक और उंगली डाल दी।
अब मैं उसकी चूत में अपनी दो उंगली डाल के आगे पीछे कर रहा था, बार बार उसके दाने को मसल रहा था, वो उत्तेजना से सिसकारी ले रही थी।
उसकी चूत ने पानी चोड़ दिया था और वो एकदम से निढाल हो गई।
पानी उसकी चूत से बह कर बाहर आ रहा था। अब मौका सही था, झड़ने के कारण उसकी आँखें मस्ती में बंद थी।
अब मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी टांगों के बीच में आकर बैठ गया।
मैंने उसकी टाँगें हवा में उठा दी और अपने कंधों पर रख ली।
दोस्तों ऐसा करने से लड़की की चूत थोड़ी खुल जाती है।
अब मैं अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रख कर रगड़ने लगा। मेरा टोपा उसकी चूत के मुँह पर था और पानी की चिकनाहट से फिसल रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरा हाथ उसकी कमर पे रख दिया, लंड को उसके चूत के छेद पे रखा, मेरा लंड एकदम डण्डे की तरह टाईट था।
धीरे धीरे मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरु किया।
मैंने सारा काम धीरे धीरे करना शुरु किया क्योंकि मैं जानता था कि उसको थोड़ा दर्द तो होगा।
धीरे धीरे मेरा लंड उसकी चिकनी चूत की फांकों में घुसने लगा था।
जैसे ही उसको दर्द होता तो मैं अपने लंड को वही रोक लेता और थोड़ी देर बाद फिर से लंड अंदर-बाहर करने लगता।
अभी तक मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस चुका था पर काम अभी काफी बाकी था।
मैंने उसको एक बार दर्द देने का तय करके अपना पहला जोर का झटका मारने का तय किया।
जब तक मैं जोर से झटका नहीं मारता मेरा लंड उसके अन्दर पूरा नहीं जाता।
सो मैंने अपने लंड को पूरा बाहर निकला और निशाना लगाते हुए पूरे जोर से उसकी चूत में घुसा दिया।
मैंने उसको मेरे इस धक्के के बारे में बताया नहीं था वरना वो पहले ही डर जाती और उसको ज्यादा दर्द होता।
मेरी इस हरकत से उसको दर्द हुआ और वो चिल्लाने वाली थी पर मेरा हाथ उसके मुँह पर चला गया और उसकी आवाज नहीं निकल पाई।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने लंड अन्दर डाल कर उसको वहीं छोड़ दिया।
उसके आँसू निकल गए थे।
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अपना हाथ हटाया मैंने तो वो लंड बाहर निकलने को कहने लगी पर मैंने उसकी बात पे ध्यान दिए बिना उसके मम्मों को दबाना जारी रखा।
थोड़ी देर तक ऐसा करते रहने से उसका ध्यान दर्द से हट के मेरी हरकतों की तरफ लग गया।
जब मुझको लगा कि उसका दर्द कुछ कम हुआ है तो मैंने बहुत धीरे धीरे अपना लंड हिलाना शुरु किया ताकि उसकी चूत मेरा लंड खाने लायक चौड़ी हो जाये।
थोड़ी देर में ही मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर-बाहर होने लगा था।
उसका दर्द भी काफी कम हो गया था। इतनी टाईट चूत में एकदम से लंड डालने से मेरे लंड में भी हल्का सा दर्द हो रहा था पर मिलने वाला मज़ा उस दर्द से काफी ज्यादा था।
रीना मुझको कहने लगी- जब मैंने लंड निकालने को बोला तो अपने सुना नहीं?
तो मैंने कहा- मेरी जान, उस वक़्त अगर लंड निकाल लेता तो तुम दुबारा लेने की हिम्मत नहीं कर पाती और दुबारा डालने पर तुमको उतना ही दर्द सहना पड़ता और मैं अपनी रीना को और दर्द कैसे देता।
यह कहते हुए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। मेरा लंड अब अपनी पूरी तेजी से उसकी चूत को पेल रहा था, मेरी गोटियाँ उसकी चूत के फलक से टकरा कर दोनों को मस्त कर रही थी।
मैंने उसकी टाँगें सीधी कर दी और उस पर चढ़ गया।
उसका नंगा जिस्म मेरी बाहों में था और वो मेरी बाहों में मचल रही थी जैसे जल बिन मछली ! मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर दूसरा उसकी गांड पर।
दोस्तो, उम्मीद है आप अपनी कल्पना के सहारे वो फील कर रहे होगे जैसा मैं उस वक़्त महसूस कर रहा था।
मेरा लंड अब पिस्टन की तरह उसकी चूत के अन्दर-बाहर हो रहा था और हाथ उसके पूरे जिस्म को मसल रहे थे।
वो मुझसे इतना चिपकी थी कि उसके तीखे मम्मे मेरे सीने में गड़ रहे थे।
मैं कभी उसकी टाँगें चौड़ी करके लंड डालता, कभी एक टांग उठा देता। मैंने जितने भी आसन कामसूत्र में देखे थे आज सब उस पर आजमा रहा था।
वो मस्ती से अपनी चुदाई में लगी थी। मेरे होंठ उसके मुँह और होंठों को चूस रहे थे।
करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने को हुआ तो मैंने उसको कहा- क्या पसंद करेगी? अन्दर या बाहर?
उस पर तो पोर्न साइट्स का भूत था तो बोली- जैसे उसमें होता है आप मेरे ऊपर सारा पानी गिरा दो।
मैंने अपना लंड निकाला और मुठ मारते हुए अपना सारा पानी उसके पेट, सीने और मुँह पर गिरा दिया।
उसने अपने पेट, मम्मों पर सारा पानी रगड़ लिया।
वो पहले ही दो बार झड़ चुकी थी।
मैं अभी भी उसके जिस्म को चूम रहा था और अपने ही पानी का मज़ा ले रहा था। मेरा ध्यान उसकी चूत पर गया जहाँ से पानी के साथ हल्का सा खून भी निकल रहा था।
मैंने अपनी चड्डी से उसकी चूत साफ़ कर दी और उसको मूत के आने को कहा।
वो नंगी ही खड़ी हुई और मूतने चली गई।
उसका नागा पिछवाड़ा और मटकती हुई कमर बहुत मस्त लग रही थी और जब वो मूत कर आई तो सामने से उसका नंगा बदन ऐसे लग रहा था मानो अप्सरा मेनका मेरे सामने नंगी खड़ी हो।
वो वापस मेरे पास आकर लेट गई और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे। अब उसकी शर्म चली गई थी और वो बिंदास हो कर मेरे लंड को अपने हाथों से मसल रही थी और मुठ मर रही थी।
मैं भी उसके मम्मों, होंठों और जिस्म का रसपान कर रहा था।
थोड़ी देर तक ऐसे ही करते रहने से मेरा लंड फिर से अपने बड़े रूप में आ गया था और वो भी गरम हो चुकी थी।
मैंने उसको उठ कर मेरे लंड पे बैठने को कहा।
वो बैठने की कोशिश करने लगी पर मेरा लंड बार बार उसकी चूत से फिसल रहा था।
मैंने अपना लंड पकड़ कर फिर से उसको निशाने पे लगाया और उसको बैठने को कहा।
इस बार जैसे ही वो बैठी मेरा लंड उसकी चूत के दरवाजे खोलता हुआ उसमें उतर गया।
वो मेरे लंड पर बैठ कर उचकने लगी।
मैं मन ही मन इन्टरनेट का शुक्रिया कर रहा था जहाँ से वो ये सब पहले ही देख कर सीख चुकी थी और उसका यूज यहाँ कर रही थी।
वो जैसे ही नीचे आती उसके चूतड़ मेरी टांगों से टकराते।
उसकी चूत अभी तक पानी छोड़ रही थी जिससे पूरे कमरे में पच पच की आवाज गूँज रही थी।
उसके उचकने से उसके मम्मे भी जोर जोर से ऊपर नीचे हो रहे थे जो मादकता को और बढ़ा रहे थे।
मैंने उसके मम्मों को पकड़ लिया और मसलने लगा। थोड़ी देर बाद वो अपना पानी निकाल कर मेरे ऊपर गिर गई।
पर मेरा मन नहीं भरा था सो मैंने उसको लेटाया और उस पर चढ़ गया चुदाई करने को।
मेरा लण्ड पिस्टन की तरह उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था और वो उचक उचक कर मज़े से लंड खा रही थी।
वो मेरी बाहों में बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी और मेरे हाथ उसके नंगे जिस्म को सहला रहे थे।
क्या मस्त सीन था, ऐसा आज तक मैंने सिर्फ कंडोम के एड में ही देखा था लड़की को इस तरह तड़पते हुए लंड के लिए।
मैं उसकी गांड पर हाथ रख कर उसको अपनी ओर उछाल रहा था ताकि उसकी चूत में अंदर तक लंड पेल सकूँ।
यह सारा चुदाई का प्रोग्राम आधे घंटे तक चलता रहा। तब कही जाकर मेरा पानी निकला।
मन तो था सारा पानी उसकी चूत में निकाल दूँ पर रिस्क नहीं लेना चाहता था तो सारा पानी उसके शरीर पर निकाल दिया।
उसको बहुत तेज मूत आ रहा था तो वो उठ कर जाने लगी, मैंने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया और मेरे सामने वहीं मूतने को कहा।
वो शरमा गई पर मेरे जिद करने पर उसने भी अपनी मूत की धार छोड़ दी।
वह खड़ी थी और उसकी चूत से उसका मूत निकल कर दोनों टांगो के बीच से नीचे गिर रहा था। ऐसा लग रहा था मानो कोई झरना नीचे गिर रहा हो।
अब बहुत देर हो चुकी थी सो मैंने उसको कपड़े पहन कर तैयार होने को कहा। उसको नहाना था क्योंकि मेरे लंड का पानी उसके जिस्म पर था और वो उससे महक रही थी।
बाथरूम में घुस गए हम दोनों और साथ साथ नहाने लगे। मैंने एक बार फिर उसके पूरे जिस्म को मसल दिया और शावर के नीचे उसकी चूत लेने का सपना पूरा किया।
हम लोग नहा कर तैयार हो गए। हमने कमरा साफ़ किया, एक दूसरे को किस किया और अपने घर आ गये।
रीना आज बहुत खुश थी और मैं भी। आज मेरी प्यारी बहन मेरे बिस्तर की रानी बन चुकी थी।
उस दिन के बाद मैंने कई बार रीना की चूत के मज़े लिए।
उसको हर तरह से चोदा, कुतिया बना के, रंडी बना के।
एक बार वो मेरे घर रहने के लिए आई जहाँ मैं जॉब करता था।
वहाँ वो और मैं तीन दिन के लिए अकेले थे।
दोस्तो, कसम से तीन दिन तक ना वो घर के बाहर निकली ना मैं।
तीन दिन तक मैंने उसको कपड़े नहीं पहनने दिए। सारा समय उसको नंगा रखा और चोदा।
जाते वक़्त उसकी आँखों में मुझसे दूर जाने के गम में आँसू थे।
उसने भी वो तीन दिन बहुत मज़े किया।
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CDबहन मुझसे चुदवाने लगी ?
!!!!!
?
मेरी उम्र 28 साल है, पढ़ी लिखी हु, सुन्दर हूँ और बैंक में जॉब करती हु, बहुत ही हॉट हु, 36 साइज की ब्रा पहनती हु, गोरा बदन है, मखमली शरीर, पर बहुत ही शर्मीली हु, मैंने आजतक किसी को भी बॉय फ्रेंड नहीं बनाई, क्यों की मुझे समाज का बहुत ही डर था, और पापा मम्मी की इज्जत का सवाल भी था, लड़के छेड़ते भी नहीं थे, क्यों क मेरे पापा सिक्युरिटी अफसर है, इस वजह से कोई ज्यादा तंग भी नहीं किया, पर जवानी एक ऐसी आंधी है जिसमे अच्छे अच्छे उड़ जाते है। मैं अब अपनी कहानी पे आती हु,
मैं जब २२ साल की हुई तब से मुझे सेक्स करने की काफी इच्छा होने लगी, पर मैं इस चीज को पूरा नहीं कर सकती क्यों की मेरी शादी नहीं हुई थी और मेरा कोई ऐसा फ्रेंड्स भी नहीं था जिससे मैं सेक्स कर सकती थी, मैं सिर्फ इंटरनेट पे कहानी पढ़कर, क्लिप देखकर ही काम चलाती थी, पर जब मेरे शरीर की वासना भड़क रही थी तब मैं लाचार हो जाती थी और तकिये को अपने चूत के पास लगा के सो जाती थी, करती भी क्या कोई चारा भी नहीं था, अपनी भावनाओ को दबाते रही यही सिलसिला बरसो तक चलता रहा, अब मेरे लिए लड़का ढूंढने के लिए माँ पापा अकसर जाया करते थे, क्यों की मैं अठाईस साल की हो भी गई हु, शादी बहुत ही जरूरी काम उन दोनों के लिए हो गया है।
मेरे से एक छोटा भाई है जो की २१ साल का है, हम दोनों में काफी अच्छी बनती है, अपनी बात एक दूसरे को शेयर करते है, एक दिन की बात है पापा और मम्मी दोनों बाहर गए थे दो दिन के लिए, हम घर तो दोनों भाई बहन ही थे, उस दिन मैंने एक ऐसी ही कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ ली जो मेरे बर्दास्त के बाहर हो गया और मैं सोच ली की जब शादी होगी सो होगी आज मैं एक प्लान बनाती हु जिससे की मेरा छोटा भाई ही मेरे साथ सेक्स सम्बन्ध बना ले, मेरी जवानी भरपूर थी, चूचियाँ तनी हुई रहती थी, मेरा चूतड़ गोल गोल मटकते रहता था, मैं प्लान किया शाम को की कैसे आज मैं अपने भाई को सेक्स के लिए मजबूर करूँ।।
मेरा भाई शाम को जिम चला गया और मैं खुले छत पे टहलने लगी और आईडिया की तलास करने लगी की क्या करूँ क्या करूँ, मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, तभी बेल बजी मेरा भाई जिम से वापस आ गया था, वो तौलिया ले के नहाने चला गया, और मैं खाना बनाने चली गई, रात को नौ बन गए थे, मैं और मेरा भाई दोनों खाना खाए तभी माँ पापा का फ़ोन आ गया और बात चित होने लगी, हम दोनों ने कह दिया की कोई दिक्कत नहीं है खाना हम दोनों खा रहे है, फिर पापा बोले की हम दोनों परसो आयेगे और गुड नाईट बोल के फ़ोन काट दिया।
इसे भी पढ़ें पार्टी का टिकट पाने के लिए मुझे नेताजी से अपनी बीवी को चुदवाना पड़ा
हम दोनों टीवी देखने लगे, बिग बॉस, पर मेरी धड़कन तेज हो रही थी सोच रही थी की क्या होगा, अगर ये बात माँ पापा को पता चल गया तो या तो मेरा भाई मुझे चोदने से मना कर दिया तो क्या करुँगी? यही सब सोच रही थी कभी तो लग रहा था ठीक है कभी लग रहा था जिसको मैं राखी बांधती हु और उसके साथ सेक्स सम्बन्ध अच्छा नहीं होगा, पर ये सब सोच सोच कर डर के साथ साथ मेरी वासना भी भड़क उठी, मेरी चूत गीली हो गई थी और साँसे तेज हो गई थी, मैंने सोच लिया चुदुंगी आज चाहे जो हो जाये,
मैंने नाटक किया, भाई मेरा मन ठीक नहीं लग रहा था, भाई मैं अच्छी महसूस नहीं कर रही हु, बहुत घबराहट हो रही है, अचानक मैं ये सब बात बोलने लगी और कहने लगी मेरे सीने में दर्द होने लगा है, आअह आअह, मेरा छोटा भाई घबरा गया, बोला दीदी चलो हॉस्पिटल चलो, पर आप को भी पता है मुझे क्या हुआ था, मैंने कहा नहीं नहीं मैं जा नहीं पाऊँगी, आह आअह आअह और मैं बैडरूम में चली गई वो भागता हुआ आया और मेरे पास बैठ गया, और हाथ पकड़ लिया और पूछने लगा दीदी बताओ कैसा लग रहा है, मैंने कहने लगी सांस लेने में दिक्कत हो रही है, मैंने उसको इसारे से कहा मेरी छाती को दबाओ,
वो मेरी छाती को दबाने लगा, मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ को दबाने लगा, मैंने कहा हां ठीक लग रहा है वो मेरी छाती को दबा रहा था, मैं नाईटी पहनी थी ब्रा पहले ही खोल चुकी थी, मेरी चूची को वो दबा रहा था, और कह रहा था बोलो दीदी कैसा लग रहा है, मैं कह रही थी ठीक लग रहा है, दबाते रहो, वो दबाता रहा, फिर मैंने कहा दिपु ऐसे नहीं होगा बाम ले आओ आलमारी से, वो दौड़कर गया और बाॅम लेके आ गया, मैंने कहा देख भाई तू ही घर में है, मम्मी रहती तो वो मालिश कर देती, पर मैं तुम्हारी बहन हु, क्या तुम बाम मेरे सीने पे लगा दोगे, तो वो बोला दीदी अगर आपको बुरा नहीं लगे तो मैं बिलकुल लगा दूंगा, इस वक्त कर भी क्या सकते है।
वो बाम हाथ में लेके नीति के गले से ही हाथ अंदर डाल के मेरे छाती पे या तो यूं कहिये की वो मेरी चुचिओं पे बाम लगाने लगा पर वो पुरे छाती पे कैसे लगाता हाथ सही से घुस नहीं रहा था अंदर उसके बाद मैंने कहा कोई बात नहीं दिपु, मैं नीति खोल देती हु, और मैंने नाईटी खोल दी बस पेंटी में थी, मेरा गदराया हुआ बदन देखकर वो ऊपर से निचे तक मेरे शरीर को देखने लगा, और मैंने कहा लगा दे बाम ऑव वो बाम लगाने लगा, मैं उससे देख रही थी और वो मुझे देख रहा था, धीरे धीरे मैं नार्मल हो गई, मेरी चूत तो पानी पानी हो गया था, जब मैं अपने भाई के पेंट के तरफ देखि तो उसका लैंड खड़ा हो रहा था पर वो छुपाने की कोशिश कर रहा था, मैं समझ गई, मैंने अपना पैर अलग अलग कर दिया, वो मेरे पेंटी के तरफ देखा और फिर मुझे देखा, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा भाई शर्म मत कर, आज तो तूने मेरा सब कुछ देख लिया, और मैं ये भी देख रही हु तेरा प्राइवेट पार्ट कैसे खड़ा हो गया है, अगर तुझे प्यार करना है तो कर ले आज मैं कुछ भी नहीं बोलूंगी। तो दिपु ने कहा नहीं दीदी अगर ये बात माँ पापा को पता चल गया था वो हम दोनों को गोली मार देंगे।
इसे भी पढ़ें भैया की तेल मालिश – छोटी बहन की चुदाई की कहानी
मैंने कहा आज मौक़ा है यहाँ है नहीं और उनको कहेगा कौन, रात को बारह बज रहे है, और मैंने उसको खीच लिया उसकी गरम गरम साँसे मेरे होठ के पास चलने लगा, मैंने उसके होठ को निहार रही थी, वो भी मेरे होठ को निहार रहा था और धीरे धीरे एक दूसरे के होठ चिपक गए, हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, वो मेरी चूचियों को सहलाने लगा, मैंने अपना पैर एक दूसरे पैर से रगड़ने लगी, मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी, मैंने अपने भाई का पेंट खोल दिया और उसका लंड हाथ में पकड़ ली, मोटा लंड, लंबा काला सा, ओह्ह्ह क्या बताऊँ क्या एहसास था, मैंने कहा दिपु तुम तो जवान हो गया है, कितना मोटा लंड और काले काले झांट है तेरे, वो फिर मेरे पेंटी में हाथ डाल दिया और बोला दीदी आपके भी झांट तो बड़े बड़े हो रहे है और ये क्या आपकी चूत तो पूरी गीली हो चुकी है,
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(29-04-2024, 04:18 PM)neerathemall Wrote: CDबहन मुझसे चुदवाने लगी ?
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मेरी उम्र 28 साल है, पढ़ी लिखी हु, सुन्दर हूँ और बैंक में जॉब करती हु, बहुत ही हॉट हु, 36 साइज की ब्रा पहनती हु, गोरा बदन है, मखमली शरीर, पर बहुत ही शर्मीली हु, मैंने आजतक किसी को भी बॉय फ्रेंड नहीं बनाई, क्यों की मुझे समाज का बहुत ही डर था, और पापा मम्मी की इज्जत का सवाल भी था, लड़के छेड़ते भी नहीं थे, क्यों क मेरे पापा सिक्युरिटी अफसर है, इस वजह से कोई ज्यादा तंग भी नहीं किया, पर जवानी एक ऐसी आंधी है जिसमे अच्छे अच्छे उड़ जाते है। मैं अब अपनी कहानी पे आती हु,
मैं जब २२ साल की हुई तब से मुझे सेक्स करने की काफी इच्छा होने लगी, पर मैं इस चीज को पूरा नहीं कर सकती क्यों की मेरी शादी नहीं हुई थी और मेरा कोई ऐसा फ्रेंड्स भी नहीं था जिससे मैं सेक्स कर सकती थी, मैं सिर्फ इंटरनेट पे कहानी पढ़कर, क्लिप देखकर ही काम चलाती थी, पर जब मेरे शरीर की वासना भड़क रही थी तब मैं लाचार हो जाती थी और तकिये को अपने चूत के पास लगा के सो जाती थी, करती भी क्या कोई चारा भी नहीं था, अपनी भावनाओ को दबाते रही यही सिलसिला बरसो तक चलता रहा, अब मेरे लिए लड़का ढूंढने के लिए माँ पापा अकसर जाया करते थे, क्यों की मैं अठाईस साल की हो भी गई हु, शादी बहुत ही जरूरी काम उन दोनों के लिए हो गया है।
मेरे से एक छोटा भाई है जो की २१ साल का है, हम दोनों में काफी अच्छी बनती है, अपनी बात एक दूसरे को शेयर करते है, एक दिन की बात है पापा और मम्मी दोनों बाहर गए थे दो दिन के लिए, हम घर तो दोनों भाई बहन ही थे, उस दिन मैंने एक ऐसी ही कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ ली जो मेरे बर्दास्त के बाहर हो गया और मैं सोच ली की जब शादी होगी सो होगी आज मैं एक प्लान बनाती हु जिससे की मेरा छोटा भाई ही मेरे साथ सेक्स सम्बन्ध बना ले, मेरी जवानी भरपूर थी, चूचियाँ तनी हुई रहती थी, मेरा चूतड़ गोल गोल मटकते रहता था, मैं प्लान किया शाम को की कैसे आज मैं अपने भाई को सेक्स के लिए मजबूर करूँ।।
मेरा भाई शाम को जिम चला गया और मैं खुले छत पे टहलने लगी और आईडिया की तलास करने लगी की क्या करूँ क्या करूँ, मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, तभी बेल बजी मेरा भाई जिम से वापस आ गया था, वो तौलिया ले के नहाने चला गया, और मैं खाना बनाने चली गई, रात को नौ बन गए थे, मैं और मेरा भाई दोनों खाना खाए तभी माँ पापा का फ़ोन आ गया और बात चित होने लगी, हम दोनों ने कह दिया की कोई दिक्कत नहीं है खाना हम दोनों खा रहे है, फिर पापा बोले की हम दोनों परसो आयेगे और गुड नाईट बोल के फ़ोन काट दिया।
इसे भी पढ़ें पार्टी का टिकट पाने के लिए मुझे नेताजी से अपनी बीवी को चुदवाना पड़ा
हम दोनों टीवी देखने लगे, बिग बॉस, पर मेरी धड़कन तेज हो रही थी सोच रही थी की क्या होगा, अगर ये बात माँ पापा को पता चल गया तो या तो मेरा भाई मुझे चोदने से मना कर दिया तो क्या करुँगी? यही सब सोच रही थी कभी तो लग रहा था ठीक है कभी लग रहा था जिसको मैं राखी बांधती हु और उसके साथ सेक्स सम्बन्ध अच्छा नहीं होगा, पर ये सब सोच सोच कर डर के साथ साथ मेरी वासना भी भड़क उठी, मेरी चूत गीली हो गई थी और साँसे तेज हो गई थी, मैंने सोच लिया चुदुंगी आज चाहे जो हो जाये,
मैंने नाटक किया, भाई मेरा मन ठीक नहीं लग रहा था, भाई मैं अच्छी महसूस नहीं कर रही हु, बहुत घबराहट हो रही है, अचानक मैं ये सब बात बोलने लगी और कहने लगी मेरे सीने में दर्द होने लगा है, आअह आअह, मेरा छोटा भाई घबरा गया, बोला दीदी चलो हॉस्पिटल चलो, पर आप को भी पता है मुझे क्या हुआ था, मैंने कहा नहीं नहीं मैं जा नहीं पाऊँगी, आह आअह आअह और मैं बैडरूम में चली गई वो भागता हुआ आया और मेरे पास बैठ गया, और हाथ पकड़ लिया और पूछने लगा दीदी बताओ कैसा लग रहा है, मैंने कहने लगी सांस लेने में दिक्कत हो रही है, मैंने उसको इसारे से कहा मेरी छाती को दबाओ,
वो मेरी छाती को दबाने लगा, मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ को दबाने लगा, मैंने कहा हां ठीक लग रहा है वो मेरी छाती को दबा रहा था, मैं नाईटी पहनी थी ब्रा पहले ही खोल चुकी थी, मेरी चूची को वो दबा रहा था, और कह रहा था बोलो दीदी कैसा लग रहा है, मैं कह रही थी ठीक लग रहा है, दबाते रहो, वो दबाता रहा, फिर मैंने कहा दिपु ऐसे नहीं होगा बाम ले आओ आलमारी से, वो दौड़कर गया और बाॅम लेके आ गया, मैंने कहा देख भाई तू ही घर में है, मम्मी रहती तो वो मालिश कर देती, पर मैं तुम्हारी बहन हु, क्या तुम बाम मेरे सीने पे लगा दोगे, तो वो बोला दीदी अगर आपको बुरा नहीं लगे तो मैं बिलकुल लगा दूंगा, इस वक्त कर भी क्या सकते है।
वो बाम हाथ में लेके नीति के गले से ही हाथ अंदर डाल के मेरे छाती पे या तो यूं कहिये की वो मेरी चुचिओं पे बाम लगाने लगा पर वो पुरे छाती पे कैसे लगाता हाथ सही से घुस नहीं रहा था अंदर उसके बाद मैंने कहा कोई बात नहीं दिपु, मैं नीति खोल देती हु, और मैंने नाईटी खोल दी बस पेंटी में थी, मेरा गदराया हुआ बदन देखकर वो ऊपर से निचे तक मेरे शरीर को देखने लगा, और मैंने कहा लगा दे बाम ऑव वो बाम लगाने लगा, मैं उससे देख रही थी और वो मुझे देख रहा था, धीरे धीरे मैं नार्मल हो गई, मेरी चूत तो पानी पानी हो गया था, जब मैं अपने भाई के पेंट के तरफ देखि तो उसका लैंड खड़ा हो रहा था पर वो छुपाने की कोशिश कर रहा था, मैं समझ गई, मैंने अपना पैर अलग अलग कर दिया, वो मेरे पेंटी के तरफ देखा और फिर मुझे देखा, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा भाई शर्म मत कर, आज तो तूने मेरा सब कुछ देख लिया, और मैं ये भी देख रही हु तेरा प्राइवेट पार्ट कैसे खड़ा हो गया है, अगर तुझे प्यार करना है तो कर ले आज मैं कुछ भी नहीं बोलूंगी। तो दिपु ने कहा नहीं दीदी अगर ये बात माँ पापा को पता चल गया था वो हम दोनों को गोली मार देंगे।
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मैंने कहा आज मौक़ा है यहाँ है नहीं और उनको कहेगा कौन, रात को बारह बज रहे है, और मैंने उसको खीच लिया उसकी गरम गरम साँसे मेरे होठ के पास चलने लगा, मैंने उसके होठ को निहार रही थी, वो भी मेरे होठ को निहार रहा था और धीरे धीरे एक दूसरे के होठ चिपक गए, हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, वो मेरी चूचियों को सहलाने लगा, मैंने अपना पैर एक दूसरे पैर से रगड़ने लगी, मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी, मैंने अपने भाई का पेंट खोल दिया और उसका लंड हाथ में पकड़ ली, मोटा लंड, लंबा काला सा, ओह्ह्ह क्या बताऊँ क्या एहसास था, मैंने कहा दिपु तुम तो जवान हो गया है, कितना मोटा लंड और काले काले झांट है तेरे, वो फिर मेरे पेंटी में हाथ डाल दिया और बोला दीदी आपके भी झांट तो बड़े बड़े हो रहे है और ये क्या आपकी चूत तो पूरी गीली हो चुकी है,
और मेरे दोनों हाथ को ऊपर कर दिया, और कहा दीदी मुझे काँख का बाल चाटने में बहुत अच्छा लगता है, मेरी एक गर्ल फ्रेंड है उसका मैं चोदने के पहले मैं कांख के बाल को चाटता हु, तो मैंने कहा मैं कहा मना कर रही हु मेरे राजा आज तुम्हे जो करना है कर लो आज तू आजाद बही आज मैं नहीं रोक रही हु, तुम्हे जो करना है कर ले, आज तू मुझे बहन नहीं मान आज तू मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड या तो अपनी बीवी या तो अपनी रखैल समझ ले, और कर दे जो करना है तुम्हे, और वो मेरी पेंटी उतार के मेरे दोनों पैरो के बीच बैठ गया, और मेरी चूत को दोनों ऊँगली से अलग कर के अंदर देखने लगा, और बोला दीदी आप तो वर्जिन हो, आप तो आज तक चुदी नहीं हो, तो मैंने कहा हां दिपु आज तक मैं चुदी नहीं हु पर अब बर्दास्त के बाहर हो रहा है, मेरी जवानी अब चुदाई चाहती है, मैं चुदना चाहती हु, आज तो मुझे खूब चोद,
इसे भी पढ़ें मैं अपनी बहन की नाईटी उठाकर चूत में लंड पेल दिया, वो भी चुदक्कड निकली
वो अपना मोटा लंड मेरे चूत के छेद के बीचो बीच रखा और घुसाने लगा मुझे दर्द होने लगा पर अंदर अजब की एहसास थी और गुदगुदी भी थी, मैंने उसके छाती के बाल को सहला रही थी तभी वो जोर से एक झटका दे दिया, और उसका आठ इंच का लंड आधा मेरे चूत में चला गया, मेरे मुह से आह की आवाज निकल पड़ी और आँशु भी वो थोड़ा रुका मेरे चूच को सहलाया और फिर एक झटका दो इंच फिर गया मुइझे तेज का दर्द होने लगा, पर मैं सहती रही और एक झटका फिर दिया और लंड पूरा मेरे चूत में डाल दिया, फिर वो धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा,
क्या बताऊँ दोस्तों दर्द कहा गया पता ही नहीं चला अब तो मेरी चूत इतनी फिसलन हो गई की उसका लंड आ जा रहा है और मैं गांड उठा उठा के बस फ़क मी फ़क मी और जोर से और जोर से, आआअह आआह उफ्फ्फ्फ्फ़ आआह हाय हाय हाय उफ्फ्फ उफ्फ्फ आउच आउच की आवाज निकाल रही थी और वो भी बोल रहा था तू बहन नहीं रंडी है, आअह आआह आआह आआअह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ वो मेरी चूचियों को मसल रहा था, और चोद रहा था, जोर जोर से झटके दे रहा था, मैं दो बार झड़ चुकी थी मेरे चूत से सफ़ेद सफ़ेद कुछ क्रीम सा निकलने लगा, और फिर थोड़े देर बाद मेरा भाई भी एक लम्बी सांस लेके झड़ गया,
दोनों फिर एक दूसरे को पकड़ के सो गए, थोड़ी देर बाद वो फिर अंगूर लेके आया और मेरे शरीर के हरेक जगह एक एक अंगूर रखता और वह किश कर के खाता फिर वो चॉकलेट लगा दिया मेरे चूत पे और चूची पे फिर वो चाटा, इस तरह से एक एक घंटे के अंतराल में रात भर हम दोनों एक दूसरे को संतुष्ट करते रहे, अब मेरी शादी अगले महीने है, पर ये मजा लेने से नहीं चुकती हु, रोज रोज हम दोनों एक दूसरे की वासना की आग को शांत कर रहे है।
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(29-04-2024, 04:22 PM)neerathemall Wrote: दीदी ने मुझसे चुदवाया
शादी में लेट क्या हो रहा है वो मुझे ही अपने जाल में फंसा ली और अब मुझसे ही चुदवाती है और वो भी रोज रोज मुझे कभी कभी डर भी लगता है की कही मेरी दीदी मुझसे ही प्रेग्नेंट ना हो जाये, पर मैं कर भी क्या सकता हु, वो अब मुझे कहती है की ये बात किसी और की नहीं बताना, थोड़े दिन की ही तो बात है फिर मेरी शादी हो जाएगी और मैं अपने पति के पास चली जाउंगी फिर तुम्हे तंग नहीं करुँगी, मैं इसलिए चुप हु क्यों की मुझे भी लगता है की कही अगर मैं नहीं चोदा तो वो कही और चुदबायेगी इसलिए अच्छा है की अपने घर की इज्जत अपने ही घर में रह जाये.
दोस्तों पहले तो मुझे लग रहा था की मैं ये कहानी किसी और को नहीं बताऊँ पर मेरा मन नहीं मान रहा था, मेरे अंदर ये बात काटे खा रहा था की क्या मैं सही कर रहा हु क्या मैं गलत कर रहा हु, मैं अपने दिल का बोझ ख़तम करने के लिए आप लोगो को सामने अपनी कहानी हॉट सेक्स स्टोरी के माध्यम से इस वेबसाइट पर डाल रहा हु, ताकि मैं अपने दिल का बोझ हल्का कर सकूँ, दोस्तों अब मैं सीधे कहानी पर आता हु,मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहता हु, मैं आपको शहर का नाम नहीं बताऊंगा क्यों की मैं अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहता, मेरे घर में मैं मेरी बहन सरिता दीदी मेरे पापा और मेरी माँ है. पापा को ढाबा है जीटी रोड पर वो अक्सर ढाबा में ही रहते है और वही सोते है. ये जो चुदाई की शुरुआत है वो तब की है जब मेरी माँ नानी घर गयी थी क्यों की नानी की तबियत ख़राब थी, हम घर में दोनों भाई बहन थे, मैं २१ साल का हु और मेरी बहन २६ साल की है. उसके लिए काफी लड़का ढूढ़ रहे है पर अभी तक कोई काबिल नहीं मिला है. जब से उसके लिए लड़का ढूंढने का काम शुरू हुआ था तब से वो ना जाने किस ख्वाब में रहने लगी.
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देर रात तक जागती, कभी कभी उसका पलंग से आवाज आने लगता, मैंने धीरे धीरे नोटिस करना चालू किया की वो आखिर रात में करती क्या है की जोर जोर से पलंग हिलता और आवाज आती. मुझे ऐसा लगने लगा की वो शायद अपने चूत में कुछ डालती है और थोड़े देर में शांत होती है और फिर सो जाती है. ये सारे कारनामा हम रोज रोज देखते थे, क्यों की हम दोनों एक ही कमरे में सोते थे, पर अलग अलग पलंग पर सोते थे, कुछ दिन बाद मैंने नोटिस किया की वो रात में अपनी पेंटी और ब्रा खोल कर सोने लगी. क्यों की उसकी चूचियां साफ़ साफ़ नजर आती थी उसकी नाईटी से, बड़ी बड़ी सॉलिड सॉलिड, दोस्तों मेरा भी मन ख़राब होने लगा, अपनी बहन की इस हरकत से, है भी बहूत ही हॉट, सरिता दीदी की साइज ३६-२४- ३६ है, दोस्तों किसी का भी दिमाग ख़राब हो जाये उसके चूतड़ को पीछे से देखकर और आगे से उनकी चूचियों को देखकर, बड़े बड़े लंबे लंबे बाल गुलाबी होठ, लंबी और गोरी जबरदस्त दिखती है. जब वो काजल और होठ को गुलाबी रंग से रंगती है तब तो वो सेक्स की देबि लगती है.
दोस्तों ऐसे ही दिन बीतने लगा. मैं भी रात में मजे लेने लगी. अब मैं भी अपनी आँख अपनी बहन को देखकर सेकने लगा. उस दिन की बात है जब माँ नानी के यहाँ गई थी. रात के करीब ११ बजे थे गर्मी का दिन था. वो हल्का सा बेडशीट ओढे थी. मैं सोने का नाटक करने लगा. तभी फिर से उसका पलंग हिलने लगा. फिर करीब दस मिनट में ही शांत हो गई. मैं समझ गया की मेरी दीदी आज भी अपने चूत में शायद बैगन पेल रही है. तभी वो उठी, उसकी चुचिया साफ़ साफ़ टाइट दिख रही थी. निप्पल भी साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था. जब वो उठी और बाथरूम के तरफ जाने लगी. उसकी चूतड़ हिलोरे मारते हुए चलने लगी. गजब की लग रही थी बाल निचे तक थे खुला हुआ, मैं तो मर गया दोस्तों, मेरा लंड खड़ा हो गया, ऐसा लग रहा था की मैं चोद दू,तभी वो वापस आने लगी. मैं चुपचापहो गया, शांत हो गया पर मेरा लंड शांत नहीं था, वो तम्बू बना कर खड़ा था. सरिता दीदी जैसे ही आई बोली आलोक तुम जाग रहे हो. मैं कुछ भी नहीं बोला, वो फिर से बोली तू जाग रहे हो.
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मैं फिर भी चुप था. उसने फिर से कहा मैं सब समझ रही हु, तुम क्या देख रहे थे, तुम्हे शर्म नहीं आई एक जवान बहन को रात में ऐसे घूरते हुए. मैंने जाग गया, मैं डर गया था की पता नहीं वो माँ से तो नहीं कह देगी, तभी वो मेरे पलंग पर बैठ गई और मेरा लौड़ा पकड़ ली. मेरा लौड़ा काफी मोटा और तना हुआ था. वो भी ये है सबूत मुझे घूरने का, मैंने कहा सॉरी दीदी, गलती हो गई अब ऐसा नहीं होगा. वो मेरे ऊपर चढ़ गई. और मेरा पेंटी निचे कर दिया. और मेरे लंड को पकड़ कर बोली, इसका कीमत तुम्हे चुकानी पड़ेगी. मैंने कहा कैसी कीमत, उसने अपने सारे कपडे उतार दिए, दोस्तों पहले तो मेरा लंड थोड़ा डर से छोटा भी हो गया था पर, जैसे उसने कपडे उतारी, मेरा लंड तो और भी मोटा और लंबा हो गया, मैंने कहा ये क्या कर रही हो दीदी मैंने तुम्हारा भाई हु, तो वो बोली जब भाई बहन की चूचियां और गांड को घूर रहा हो तब वो भाई नहीं बचता है. वो बॉय फ्रेंड हो जाता है. मैंने कहा पर मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा, तो वो बोली नहीं कर देख मैं क्या करती हु, मैं माँ और पापा को बोलूंगी की जब मैं सो रही थी तब तुम मेरे प्राइवेट पार्ट को सहला रहा था. दोस्तों मैं डर गया, बहूत ही ज्यादा डर गया.
उसने कहा जैसा मैं कहती हु, वैसा कर मैं कुछ भी नही बोलूंगी और मेरी दीदी मेरे लंड को अपने मुह में लेके चूसने लगी. धीरे थोड़े देर बाद वो ऊपर आ गई और मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे होठ को चूसने लगी. दोस्तों मैं बहूत ही ज्यादा कामुक हो गया था. और जब दीदी ने अपनी चूचियां मेरे मुह में दी. और बोली ले चूस, मैं अपने बहन की चूचियों को चूसने लगा, मेरे तन बदन में आग लग गई. और मैंने जोर जोर से अपनी बहन की चुचिओं को पिने लगा और दबाने लगा. थोड़े देर बाद वो मेरे मुह के पास बैठ गई उसके चूत मेरे मुह के पास था. उसने कहा मेरे चूत की पानी को अपने जीभ से साफ़ कर और पि जा.दोस्तों मैंने अपने बहन की चूत को चाटने लगा. वो अपने चूत से नमकीन पानी निकाल रही थी और मैं तुरंत ही चट कर जा रहा था. वो आह आह आह आह आह कर रही थी. और मैं दोनों हाथो से चूचियों को मसल रहा था और जीभ से चूत को चाट रहा था. उसके थोड़े देर बाद वो निचे हो गई और मेरा लंड जो की अब करीब नौ इंच का हो गया था पकड़ कर अपने चूत पे रख कर बैठ गई. दोस्तों मेरा लंड पूरा उसके चूत के अंदर समा गया.
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अब वो जोर जोर से बैठने लगी और उठने लगी. लंड अंदर बाहर जा रहा था और मेरी बहन के मुह से सिर्फ आह आह आह आह आह निकल रहा था. वो खूब जोर जोर से चुदवाने लगी. फिर वो निचे हो गई और मैं ऊपर हो गया और फिर मैंने उसके दोनों पेअर को अपने कंधे पर रख कर, जोर जोर से उसके चूत में अपने लंड को डालने लगा. इस तरह से वो मुझे रात भर मेरे से अलग अलग पोजीशन में चुदवाने लगी. उसके फिर मेरे साथ ही नंगे ही सो गई.दोस्तों दूसरे दिन मेरी दीदी मुझे २०० रूपये दी और बोली कंडोम ले आना, मैंने कंडोम शाम को बाजार से कंडोम भी लेके आ गया. रात में फिर से वो मुझेसे चुदवाने के लिए अपने सारे कपडे उतार दी.
और मेरा भी कपडे उतार दी. और फिर से चुदवाने लगी, जब हम दोनों झड़ गए तो मैंने कहा दीदी ये सब गलत हो रहा था. उसने कहा क्या गलत हो रहा है. जब तक मेरी शादी नहीं हो जाती तुम मुझे ऐसे ही चोदते रहो, नहीं तो मैं मम्मी को क्या क्या बताउंगी तुम्हे समझ भी नहीं आएगा और बे मतलब में बदनाम हो जायेगा. दोस्तों उसके बाद वो मझसे बिना कंडोम के ही चुदवाने लगी. कहती है की कंडोम में मजा नहीं आता है. दोस्तों अब मैं क्या बताऊँ आपको मुझे डर है की कही वो प्रेग्नेंट ना हो जाये
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