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22-08-2022, 01:47 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:18 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
क्यों चुदवाने लगी मेरी खूबसूरत बड़ी बहन मुझसे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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मेरी बहन 38 साल की शादी शुदा है, मेरे जीजाजी एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते है, इस वजह से वो अक्सर टूर पे ही रहते है. मेरे जीजा जी और बहन को भी लगा की मैं उन दोनों के साथ ही रहु ताकि दीदी को हेल्प हो जाये क्यों की बड़े शहर में अकेले रहना थोड़ा मुश्किल है. जीजा जी जब दिल्ली आते भी थे तो मैं देखता था वो काफी बिजी रहते थे, वो अपनी कंपनी के कामों में ही रहते थे, वो ना तो अपने बच्चों को टाइम दे पाते थे ना तो दीदी को . मेरी दीदी काफी खूबसूरत है, उनका शारीर बहुत ही अच्छा था, वो जिम जाती है और योग करती है, वो अपने बॉडी को काफी मेन्टेन करके रखी है,
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दीदी का घर डुप्लेक्स है तो मैं ऊपर रहता हु, मुझे अपनी दीदी को देख कर लगता था की वो इन दिनों काफी उदास रहती है, वो थोड़ा स्ट्रेस में रहने लगी. मैं समझने की कोशिश की पर वो ज्यादा मुझे नहीं बताई. मुझे समझ आ रहा था की लगता है इनका शादीशुदा लाइफ ठीक से नहीं चल रहा है. मैं दीदी के सबसे क्लोज थे, मैं उनसे ज्यादा से ज्यादा बात करने लगा, ताकि वो खुश रहे, मैं इन तिन महीनो में दीदी का अच्छा दोस्त बन गया, जीजा जी लगातार तिन महीने तक टूर पर ही रहे,
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22-08-2022, 01:48 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:19 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
इस बिच मैं दीदी को काफी समझ चूका था. पर मैं कुछ कर नहीं सकता था. एक दिन की बात है, दीदी एक किट्टी पार्टी में गई थी. आपको तो पता होगा किट्टी पार्टी, उस पार्टी में सिर्फ औरतें थी. पार्टी बड़ी ही रॉयल थी. दिन में ही दीदी का फ़ोन आया था जब मैं ऑफिस में था, की मैं शाम को पार्टी में जाउंगी, और रात लेट आउंगी तुम कहना बाहर ही खा लेना, मैंने कहा ठीक है दीदी.
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22-08-2022, 01:49 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:20 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
शाम को मैं घर आया कहना फिर कहकर टीवी पर डीवीडी लगाकर मैं ब्लू फिल्म देखने लगा. और वही सोफे पर ही बैठे बैठे मूठ मारने लगा. क्यों की मैं घर में अकेला था. रात को करीब बारह बज गए तभी फ़ोन आया की मैं दस मिनट में आ रही हु, मैं फटा फट टीवी बंद किया और अपने कमरे में चला गया, दीदी दूर बेल्ल बजाई, और मैं दरवाजा खोल तो हैरान रह गया. दीदी गजब की लग रही थी. बाल खुले थे, रेड कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी, टाइट फ्रॉक पहनी थी. गजब की सुन्दर लग रही थी. मैं तो देखते ही उनको देखता रह गया, उनकी चूचियाँ फ्रॉक के ऊपर से दबकर निकल रही थी. गोरी और लम्बी तो है. ही, निचे हिल बाला सेंडल पहनी थी. जब वो अंदर आने लगी.
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22-08-2022, 01:49 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:55 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
तो लगा तो ठीक से चल नहीं पा रही थी. मैंने पूछा दीदी क्या बात है. तो वो लड़खड़ाते आवाज में बोलने लगी. कुछ नहीं यार एक पेग ले ली. पर जानते हो सूरज आजकल जवना कितना खराब हो गया है. मैं तो आज की पार्टी देखकर हैरान रह गई. पंद्रह औरत थी किट्टी पार्टी में. आज खूब पार्टी, शराब, खाना, पिन और एक नई चीज थी, जिगोलो, पता है. चार लड़के आये थे, सब औरतों को खुश कर रहे थे, मैंने कहा क्या दीदी खुश कर रहे थे मतलब, अरे सूरज तुम नादान हो, तुम भोले हो, आजकल जमाना बदल गया है.
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22-08-2022, 01:49 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:21 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
आजकल औरतें भी पैसे दे के सेक्स करवाती है. पर मुझे ठीक नहीं लगा, मेरी कई सहेलियां सेक्स करवा रही थी. मैं थोड़ा हिम्मत रखा और बोला , इसका मतलब वो लोग किट्टी पार्टी में ग्रुप सेक्स कर रहे थे. दीदी बोली हां सही पकडे हो.
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(This post was last modified: 23-08-2022, 11:26 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
दीदी बोली, पर मैं ऐसी नहीं हु, मैं इसलिए आ गई, मुझे समाज में बदनाम नहीं होना है. और वो लड़खड़ाते हुए कहने लगी. बस थोड़ी पि ली यही मेरे लिए काफी है. मैं तो अवाक् रह गया की दीदी कैसी कैसी पार्टी में जाती है. वो बैडरूम में गई और नाइटी चेंज कर के आई. वो क्रीम कलर की नाइटी पहनी थी. अंदर ब्रा के बगैर थी. सो उसकी दोनों चूचियाँ बड़ी बड़ी टाइट हिल रही थी. गांड भी गोल गोल दिख रहा था. मैं पहली बार ऐसी सेक्सी दीदी देखि थी. वो बाथरूम में गई. और मुंह हाथ धो कर आई और बोली तुमने खाना खा लिया, मैंने कहा हां खा लिया, और मैं भी वाशरूम जाने लगा, जब वापस आया तो देखा दीदी वीडियो सीडी हाथ में था.
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(This post was last modified: 23-08-2022, 11:27 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ओह्ह्ह माय गॉड मैं सोफे पर ही सीडी भूल गया था, कवर भी था, जिसमे एक लड़की एक लड़के का लंड चूस रही थी. दीदी उस सीडी को अपने बैडरूम में ले गई. मैं डर गया की कहनी दीदी मुझे पूछ ना ले, मैं अपने रूम में चला गया, करीब आधे घंटे बाद मैं अपने कमरे से निकला और, सोचा देखता हु अगर दीदी सो गई होगी तो किसी तरह से सीडी निकाल लूंगा, पर क्या बताऊँ दोस्तों, मेरी दीदी, उस सीडी को लैपटॉप में देख रही थी. लैपटॉप टेबल पर रखा था और वो अपना नाइटी उतार कर अपनी चूचियाँ दबा रही थी
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(This post was last modified: 23-08-2022, 11:27 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
और अपने चूत में ऊँगली डाल के, आह आह आह आह आह आह कर रही थी. वो जोर जोर से मोअन कर रही थी एक तो वो ऐसे ही नशे में थी, और मुझे लगा की शायद आज वो ग्रुप सेक्स देखकर आई थी इलिए वो इतनी व्याकुल थी. मैं दरवाजे के पास ही खड़ा होकर देखने लगा. वो आह आह उफ़ उफ़ कर रही थी.
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(This post was last modified: 23-08-2022, 11:59 AM by neerathemall. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
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22-08-2022, 01:51 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:40 AM by neerathemall. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
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22-08-2022, 02:21 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:43 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
दीदी ने शुरुआत कर दी...."क्या बात है.. आज तुम बैचेन से लग रहे हो....? "
" हां दीदी.... मुझे कुछ अजीब सा हो रहा है.... " मेरा लन्ड खडा हुआ था.... मैं ने उसकी जांघो में हाथ फ़ेरा.... उसे सिरहन सी आ गयी.... मैं उसकी हालत समझ रहा था दोनों के दिल में आग लग चुकी थी। दीदी ने कुछ ऐसा हाथ चलाया कि उमेरे लन्ड को छूता हुआ और रगड़ता हुआ निकला। मेरे लन्ड के कड़ेपन का अहसास य्न्हे हो गया। मै ने हिम्मत की और उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हे खींच लिया। वह शायद जानकर मुझ पर लुढ़क गई.... पर झिझक के मारे वापस उठ गयी.... ।उनहे लगा कि यदि मैं बैठी रही तो कुछ गड़बड़ न हो जाये ............
रात के ११ बज रहे थे ....पर नीन्द कोसों दूर थी। वो उठी और बालकनी में आ गयी। मै ने कमरे की लाईट बुझा दी....और उनके साथ बालकनी में आ गया। सब तरफ़ अन्धेरा था.... दो मकान के आगे वाली स्ट्रीट लाईट जल रही थी। मेरे मन में वासना सुलग उठी थी। उन्हे पति से चुदे हुए काफी अरसा हो चूका था चूत में चुल्ल उठ रही थी जिसे दबाने की बहुत कोशिश वह कर चुकी थी पर अजीब सी खुजली और चुदास दबाने से और भड़क रही थी ।
मै भी उसी आग में जल रहा था। मेर खडा हुआ लन्ड अन्धेरे में भी उठा हुआ साफ़ नजर आ रहा था। कुछ देर तो मै उनके पास खड़ा रहा ....फिर उनके पीछे आ गया। मैंए उनके कन्धों पर हाथ रख दिया.... उन्होने मुझ्से कुछ नहीं कहा.... बस उन्हे झुरझुरी सी आ गयी।मेरे हाथ की गर्मी वह अपने कंधे पर महसूस कर रही थी , अब मैं ने अपना दूसरा हाथ उनके दूसरे कंधे पर रख दिया , ऐसा लगा कि किसी ने गरम कपड़ा उनके दूसरे कंधे पर रख दिया , उस गर्मी ने उन्हे अन्दर से हिला दिया , मैं खुद पर नियंत्रण खोने सा लगा था .मेरे पाँव काँप रहे थे , वह भी खुद को किसी तरह रोक कर खडी थी .तभी
मेरी हिम्मत बढ़ी और उनकी कमर में हाथ डाल करउन्हे अपनी और खींच लिया और अपने लन्ड को उनके चूतडों से सटा दिया साथ ही दूसरे हाथ से कंधे को भी खींच कर उंनका पूरा शरीर खुद से चिपका लिया
मेरे लन्ड का चूतडों पर स्पर्श पाते ही उनके शरीर में सिरहन उठने लगी। मेरे लन्ड का भारीपन और मोटा पन और साईज उनके चूतडों पर महसूस होने लगा। उनके पजामे में वो घुसा जा रहा था। वह मेरे लंड की गर्मी तथा उसके आकर को , पूरी शिद्दत से महसूस कर रही थी .लग रहा था कि इस स्थिति से वापस जानना आब मेरे और उनके बस में नहीं रह गया था उन्होने मेरी तरफ़ देखा। मै ने उनकी आंखों में देखा .... मौन इशारों मे स्वीकृति मिल गयी।
मै ने अपने हाथ उनके बोबे पर रख दिये.मै उनके आकर को अपने हाथो से महसूस करने का प्रयास ही नहीं कर रहा था बल्कि धीरे -धीरे उन्हें दबा रहा था मै ने उनके निपल्लो को टटोल कर जोर से दबा दिया साथ ही दोनों स्तनों को भी साथ ही हथेलियों से दबा ... दिये....वह हाथ हटाने की असफ़ल कोशिश करने लगी....वास्तव में वह हाथ हटाना ही नहीं चाहती थी।और हटा भी नहीं पा रही थी , चुचुको के दबाने से वे कड़े हो कर खड़े हो चुके थे .साथ ही चुचुको के दबाने और सहलाने से उठने वाली उत्तेजना सीधे उनकी चूत से जुड़े तारों को बुरी तरह से झंकृत कर रही थी , वह झंकार उन्हे अन्दर तक हिला रही थी .
" भैय्या.... हाय रे.... मत कर ना...." उन्होने मेरी तरफ़ धन्यवाद की निगाहों से देखा....और अपने स्तनों को दबवाने के लिये और उभार दिये.... नीचे चूतडों को और भी लन्ड पर दबा दिया।
" दीदीऽऽऽऽऽऽ........" कह कर उसने अपने लन्ड का जोरसे उनकी गान्ड पर लगा दिया....उनके स्तन जोर से दबा दिये।
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"भैय्या.... मर गयी .... हाऽऽऽय...." मेरा लन्ड उनके पीचे से ही उंकी गान्ड में घुसा जा रहा था। मैँ ने उंका ढीला सा पजामा पीछे से नीचे उतार दिया। वह बालकनी को पकड़ कर झुक कर घोड़ी बनी जा रही थी। मैँ ने अपने पजामा भी नीचे कर लिया। अब हम दोनो नीचे से नंगे थे....वह तो खुशी से मरी जा रही थी.... हाय उनकी चूत में अब मोटा सा लन्ड घुसेगा.... वह भैया से चुद जाऊंगी.... मैँ ने अपने लन्ड को उनकी गान्ड पर रगड़ कर धीरे से चूत के मुहँ पर दबा दिया। उसका मोटा सुपाड़ा उनकी चूत मे घुस पडा। वह आनन्द से कराह उठी।
"भैय्या.... हाय मत कर ना........ ये तो अन्दर ही घुसा जा रहा है...."
"जाने दे बहना.... आज इसे जाने दे.... वर्ना मै मर जाऊंगा.... दीदी .... प्लीज...."
उनकी सिसकारी निकल पडी....मेरा लन्ड उनकी चूत में प्रवेश कर चुका था। उंके बोबे मसलने से मुझे खूब तेज उत्तेजना होने लगी थी। मेरा लन्ड अब धीरे धीरे अन्दर बाहर होने लगा था मेरे बलिष्ठ हाथों का कसाव उंके शरीर पर बढता ही जा रहा था। मेरा लन्ड उनकी चूत में जबरदस्ती रगड़ता हुआ आ जा रहा था। उन्हे दर्द होने लगा था.... पर मैने कुछ कहा नहीं.... ऐसा मौका फिर कहां मिलता। शायद उसे तकलीफ़ भी हुई....मैं ने उनकी चूत पर अपने थूक लगाया.... और अब लन्ड आसानी से अन्दर बाहर फ़िसलने लगा था। हम दोनो मुड़ कर एक दूसरे की आंखो में आंखे डाल कर प्यार से देख रहे थे .... मेरे होंठ उंनके होंठों को बार बार चूम रहे थे।
" दीदी.... आप कितनी अच्छी है.... हाय....मुझे कितना मजा आ रहा है...." मैँ मस्ती में लन्ड पेल रहा था। उनकी चूत में अब दर्द तो नहीं हो रहा था.... पर उनकी चूत में आग भड़कती ही जा रही थी....
"भैय्या .... अब छोड दो ना प्लीज़.... आगे भी तो आग लगी है उन्होने मेरे से विनती की।
"भैया.... देखो वह झड़ जाऊंगी.... प्लीज़.... अब लन्ड को चूत में आगे से घुसेड़ दो ना....।"
मैँ ने एक बार फिर से उंनके बोबे दाब कर आगे से ही उनकी चूत मे लन्ड घुसेड़ दिया।
गली में सन्नाटा था.... बस एक दो कुत्ते नजर आ रहे थे....कोई हमें देखने वाला या टोकने वाला नहीं था । उनकी चूत एकदम गीली थी .... लन्ड फ़च की आवाज करते हुये गहराई तक उतर गया। आग से आग मिल गयी.... मन में कसक सी उठी.... और एक हूक सी उठी.... एक सिसकारी निकल पड़ी।
"चोद दे मुझे .... चोद दे.... अपनी बहन को चोद दे.... आज मुझे निहाल कर दे........" वह सिसकते हुए बोली।
"हाय दीदी....इसमें इतना मजा आता है.... मुझे नहीं मालूम था.... हाय दीदी...." मैँ ने जोश में अब चोदना चालू कर दिया था। मुझे भी तेज मजा आने लगा था। वह भी सुख के सागर में गोते लगाने लगी.... शायद भैया के साथ ये गलत सम्बन्ध.... गलत काम .... चोरी चोरी चुदाई में एक अजीब सा आकर्षण भी था........ जो आनन्द दुगुना किये दे रहा था।
"वह !हाय तेरा मोटा लन्ड रे.... कितना मजा आ रहा है....फ़ाड दे रे मेरी चूत...."
"दीदी रे.... हां मेरी दीदी........ खा ले तू भी आज भैया का लन्ड........ मुझे तो दीदी.... स्वर्ग का मजा दे दिया...."
उसकी चोदने की रफ़्तार बढती जा रही थी.... मुझे कुत्ते की तरह चोदे जा रहा था.... उंनके मन की इच्छा निकलती जा रही थी...”. आज मेरा भैया मेरा सैंया बन गया.... उसका लन्ड ले कर मुझे असीम शान्ति मिल रही थी।“
"अब जोर से चोद दे भैय्या .... दे लन्ड.... और जोर से लन्ड मार .... उनकी चूत पानी छोड़ रही है....ऊऊऊउईईईई.... दे ....और दे.... चोद दे मैँ...."
उनकी चरमसीमा आ रही थी.... वह बेहाल हो उठी थी.... मुझे लग रहा था मैँ और चोदू... इतना चोदू कि.... बस जिन्दगी भर चोदता ही रहे .... और और.... अति उत्तेजना से वह स्खलित होने लगी। वह झड़ने लगी........वह रोकने कि कोशिश करती रही पर.... मेरा रोकना किसी काम ना आया.... बस एक बार निकलना चालू हो गया तो निकलता ही गया.... मेरा शरीर खडे खडे ऐंठता रहा.... एक एक अंग अंगड़ाई लेता हुआ रिसने लगा.... मेरा जिस्म जैसे सिमटने लगा। वह धीरे धीरे जमीन पर आने लगी। अब सभी अंगों मे उत्तेजना समाप्त होने लगी थी। वह मेरे का लन्ड निकालने की कोशिश करने लगी। पर मेरा शरीर पर कसाव और पकड बहुत मजबूत थी। मेरालन्ड अब मुझे मोटा और लम्बा लगने लगा था.... लन्ड के भारीपन का अह्सास होने लगा था.... उनकी चूत में अब चोट लगने लगी थी....
"भैया....छोड़ दो अब.... हाय लग रही है........"
परमेरा मोटा लन्ड लग रहा था उनकी चूत को फ़ाड डालेगा.... ओह ओह ये क्या.... मैँ ने अपने लन्ड उनकी चूत में जोर से गड़ा दिया.... वह छटपटा उठी.... तेज अन्दर दर्द हुआ.... शायद जड़ तक को चीर दिया था....
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(22-08-2022, 01:47 PM)neerathemall Wrote: क्यों चुदवाने लगी मेरी खूबसूरत बड़ी बहन मुझसे
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