22-02-2024, 02:28 PM
अब
आगे
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Incest मां बेटा ने लिया चुदाई का मजा
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22-02-2024, 02:28 PM
अब
आगे जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-02-2024, 02:40 PM
मैंने उनकी नाक पर अपनी नाक लगाई और मैंने नीचे से झटके मारने के लगा.
उनकी मैक्सी में से हल्की हल्की हवा आ रही थी जिसमें से उनके जिस्म पर आए हुए पसीने की महक आ रही थी. मेरी मां चुदते हुए सिसकारियां भर रही थीं. क्यों न भरतीं, उनकी मस्त चुदाई जो हो रही थी … वो भी अपने सगे बेटे के मजबूत लंड से. मेरी मां अपने बेटे के बड़े वाले लौड़े से चुदाई का मजा गांड उठा कर लेने लगी थीं. अब मैंने फिर से एक बार उनके होंठों में होंठ लगाकर किस करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इसमें मेरा साथ नहीं दिया. मैंने उनका मुँह अपने एक हाथ में पकड़ा और कहा- रज्जी मुँह खोल दे. इस बार मैंने उनके मुँह में अपना मुँह डालते हुए किस करना शुरू कर दिया था. कुछ समय बाद उन्होंने साथ देना शुरू कर दिया. अब वो भी मेरी जीभ को अपने मुँह में खींच कर चूसने लगी थीं और साथ देने लगी थीं. मैं तेजी से किस करने लगा. बाहर जोरों से बारिश हो रही थी और अन्दर में मेरी मां को चोद रहा था. हम दोनों पूरे पसीने से भीग गए थे. मैं अपनी मां को काफी देर से चोद रहा था और लगातार झटके मारे जा रहा था. मेरी मां मुझसे पहले झड़ चुकी थीं मगर मैं उन्हें चोदता रहा था. अब वो फिर से झड़ने वाली हो गई थीं तो उन्होंने हमारी चूमाचाटी को तोड़कर आवाज लेना शुरू कर दिया. ‘आआह … विशाल अअहह … अअअ विशाल … मैं गईईई …’ मां ने अपने पैर खोलते हुए हवा में उठा दिए. उनकी चुत से पानी निकला तो उसने मेरे पूरे लंड को भिगो दिया. चुदाई में चिप चिप की आवाज आने लगी. मैं लगातार झटके मारे जा रहा था. मैं इस वक्त पूरा नंगा था तो मां ने अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रखे और मुझे जकड़ने लगीं. मेरे चूतड़ लगातार चल रहे थे, जिस वजह से मां के हाथों में चूड़ियां होने की वजह से उनकी खनखनाने की आवाज आने लगी. वो तेजी से मदभरी सिसकारियां ले रही थीं. कुछ देर बाद मैं भी झड़ने को आने लगा. मेरी मां मुझसे चुदवाती हुई बोल रही थीं- आआह विशाल अन्दर मत निकलना … आआह अन्दर मत विशु … ऊऊऊ अन्दर मत … आआह उईई … मगर मैं उत्तेजना में था तो मां की चूत में ही झड़ गया. झड़ कर मैं कुछ देर मां के ऊपर ही लेटा रहा. वो लम्बी लम्बी सांसें लेती हुई मेरी पीठ और कमर पर हाथ फिराने लगीं. हम दोनों काफी थक गए थे, हमारी इसी अवस्था में आंख लग गई. सुबह मेरी मां ने मुझे आवाज दी- विशाल विशाल … उठ, मुझे उठना है. मैंने आंखें खोल दीं और हड़बड़ा कर जाग गया और अपनी मां के ऊपर से उठ गया. अब मैंने देखा कि मां की मैक्सी ऊपर उठी थी और मैं पूरा नंगा उनके ऊपर चढ़ा था. मां ने मेरे लंड को एक नजर देखा और मैंने मां की चूत देखी. मां की चूत पर काफी काले बाल थे, जिसकी वजह से मुझे उनकी चूत नहीं दिख रही थी. मां उठ कर अपनी मैक्सी को ठीक करने लगीं और मैं अपनी अंडरपैंट ढूंढने लगा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-02-2024, 02:41 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:43 PM
मेरी मां- क्या खोज रहा है?
मैं- मां मेरी अंडरपैंट? मां- तूने ही निकाली थी अपनी और मेरी भी … मेरी किधर रख दी! मैं- हां मां निकाली तो मैंने ही थीं. आपकी पैंटी तो आपके सिरहाने पर रखी है. मां ने अपनी पैंटी उठाई और पहन लगीं. वो उठीं, तो मैंने देखा कि मेरी अंडरपैंट मां के नीचे ही थी. मेरी मां अपनी पैंटी पहनती हुई बोलीं- ये ले तेरी अंडरपैंट. मैं- ये तो गीली हो गई. मेरी मां- शायद रात को पानी के वजह से गीली हो गई. ला मुझे दे … उसे मत पहन, मैं दूसरी दे देती हूं. मैं- हां. मां दूसरे रूम में चली गईं और कुछ देर बाद दूसरी अंडरपैंट ले आईं. मेरी मां- ये ले, पहन ले. उन्होंने अंडरपैंट मेरी तरफ उछाल दी और कहा- अब तू मेरा नाम लिया कर! मैं- क्यों मां? मां- वो सब हम बाद में बात करेंगे. अभी मैं बाथरूम जा रही हूँ. मैंने अंडरपैंट पहनते हुए कहा- ठीक है. मां चली गईं. वो कुछ देर में नहा धोकर बाहर आ गईं. मां- जा नहा ले, बाथरूम में गर्म पानी रखा है. मां रसोई घर में चली गईं. हमारा रसोई घर और बाथरूम बगल बगल में ही था. मैं ब्रश करते हुए मां से बात करने लगा. मैं मां को देखते हुए बोला- मां, आप कुछ बात करने वाली थीं. मां ने आज ब्लैक मैक्सी पहनी थी. ये स्लीव लैस थी. बाहर अभी भी बारिश चल रही थी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:45 PM
मां- तू पहले नहा ले और अब .
मैं- क्यों मां ग़ुस्सा हो क्या? मां- गुस्सा नहीं, तुम पहले नहा लो. मैं तेरे लिए नाश्ता और चाय बना देती हूं. मैं बाथरूम में नहाने घुस गया. मैंने बाथरूम में जाकर देखा कि मां के रात के कपड़े वहां पड़े हुए थे. उनकी गीली पैंट ब्रा के साथ नाइटी भी पड़ी थी. मैं नहाकर बाहर आ गया और कपड़े पहन कर हॉल में आ गया. मां- आ गया … बैठ मैं नाश्ता लगाती हूँ. मेरी मां दोनों के लिए चाय नाश्ता ले आईं. हम दोनों नीचे फर्श पर बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे. मां- ये लो कचौड़ी खाओ. मैं- मां आप कुछ बात करने वाली थीं. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:49 PM
मैं- लेकिन मां मुझे माफ कर दो, मुझसे गलती हो गई.
मां- देखो फिर मां … और ध्यान से सुनो … रात को जो कुछ भी हुआ, वो हम दोनों की मर्जी से हुआ. आपने कोई जबरदस्ती नहीं की. मुझे भी वो सब अच्छा लगा, जो हम दोनों ने रात को किया. मैं- क्यों … आप नाराज नहीं हो? मेरी मां- नहीं. उन्होंने अपनी नजरें नीचे रखते हुए कहा. मैं- ऊओ यार … मैं तुमको काफी दिनों से अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता था. कल रात को कुछ दस्तूर ऐसे ही हो गए … मगर मैं अब जरूरी दस्तूर पूरे कर देता हूँ. मैंने अपनी मां को गर्लफ्रेंड बनाने किए प्रपोज कर दिया- क्या तुम मुझसे शादी करोगी रज्जी? मां- चुप बैठो आप … मुझे ये सब नहीं करना, जो हमारे बीच हुआ, वो ऐसे ही हो गया. आप इस बारे में किसी को कुछ मत बताना. ये हमारे बीच का राज रहेगा … समझे! मैं- हां जान ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊंगा … और ये जो रात को हमने किया था … ये हमारे बीच चलता रहेगा जान. मेरी मां हंस दीं और बोलीं- हां मेरी जान, लेकिन जब घर में कोई नहीं रहेगा तो हम दोनों पति पत्नी बनकर रहेंगे. घर में सब रहे, तो आपको मुझे मां कहना होगा और मैं आपको नाम से पुकारूंगी. बस ये ध्यान रखना होगा. अगर आपको ये सब मंजूर हो, तो मैं आपके साथ रिलेशन में रहूँगी, नहीं तो हम मां बेटे बनकर रहेंगे और हमारा शारीरक रिश्ता भी आगे नहीं होगा. आपको मंजूर है तो बोलो. एक बात और … आप मुझसे कभी भी जबरदस्ती नहीं करोगे. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:50 PM
ये बोलकर मां रसोई में चली गईं.
मैं थोड़ी देर बाद उनके पास आया तो देखा, वो मुझे नजरअंदाज करके रसोई में काम करती रहीं. मैं- रज्जी मेरी तरफ देखो न! रज्जी- हां बोलो? मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लेकर उंगलियों में उंगली फंसाते हुए कहा- मुझे सब मंजूर है शोना … आई लव यू जान! रज्जी मुस्कुराती हुई बोलीं- पक्का न! मैं- तेरी कसम जान एकदम पक्का. रज्जी- आई लव यू टू जान … लेकिन किसी को हमारे प्यार के बारे में पता नहीं चलना चाहिए. वरना दुनिया हमारा प्यार परवान नहीं चढ़ने देगी. मैं- तुम चिंता मत करो जान, हम ये रिश्ता अच्छे से निभाएंगे. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:51 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:52 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:56 PM
(This post was last modified: 22-02-2024, 03:00 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अब हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ कर उंगलियों में उंगलियां फंसाए हुए एक-दूसरे की आंखों में आंखें डालकर देखने लगे.
मैं उनको किस करने के लिए आगे बढ़ गया. मेरी मां रज्जी की हाइट कम होने की वजह से वो अपने मुँह को ऊपर उठाने लगीं. वो अपनी एड़ियों के बल उचकीं और खड़े होकर उन्होंने मुझे अपने होंठ सौंप दिए. मैं मेरी मां रज्जी के होंठों में होंठ डालकर किस करने लगा. थोड़ी देर में मेरी मां रज्जी ने अपने होंठ हटा लिए और हमारा किस रुक गया. मैं- क्या हुआ जान? मेरी मां रज्जी बोलीं- आपकी हाइट ज्यादा है. मुझे उचककर आपको किस करना पड़ रहा है. मैं हंसने लगा और अपनी मां का हाथ पकड़कर उन्हें कमरे में ले गया. जहां मां ने कपड़े बदल लिए. बाहर अभी भी बारिश चल रही थी. हम जिस रूम में थे, वहाँ एक छोटा बेड था … जिस पर सिर्फ एक आदमी सो सकता था. मैं उस पर बैठ गया और मां से कहा- लाइट ऑन कर लो. मां ने लाइट ऑन की और मेरे पास आकर खड़ी हो गईं. मैंने देखा कि उनके चेहरे पर शर्म की लाली छाई थी. मैं- आ जाओ मेरी गोदी में बैठ जाओ. वो अपनी गांड एक तरफ डाल कर मेरी गोदी में बैठने लगीं. मैं- ऐसे नहीं डियर रज्जी … अपनी दोनों टांगें दोनों तरफ डालकर बैठो. मेरी मां रज्जी थोड़ा शर्माती हुई बोलीं- ऐसे कैसे बैठ सकती हूं … मैंने मैक्सी पहनी हुई है. मैं- मैक्सी ऊपर कर लो और मेरी बांहों में आ जाओ जान. मेरी मां रज्जी अपनी मैक्सी ऊपर करने लगीं और वो घुटनों से ऊपर तक मैक्सी करके बैठने लगीं. मुझे उनकी गोरी टांगें और उसकी गोरी गांड दिखने लगी. यह देखते ही मेरे मुँह से निकल गया- बाप रे रज्जी … तू तो माल है यार, कितनी हॉट है तू. मेरी मां रज्जी हंस दीं और अपनी दोनों टांगें डालकर मेरी गोदी में बैठ गईं. अब वो बोलीं- क्या बोले आप? बस मां ने मेरे गले में हाथ डालकर मुझे अपने मम्मों से चिपका लिया. मैं उनकी गोरी गांड पर हाथ फिराने लगा. यूं ही हाथ फिराते हुए मैं अपने हाथ मां की पैंटी के अन्दर ले गया उनकी गांड के छेद को टटोलते हुए उनकी गांड को उंगली से सहला दिया. उसी वक्त मेरी मां रज्जी मेरे मुँह में अपना मुँह डालकर मुझे किस करने लगीं. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. मैं नीचे से मां की गदरायी हुई गांड को दबाते और मसलते हुए अपनी मां को किस करने लगा. कुछ पल बाद मैं मां से अलग हो गया और अपनी टी-शर्ट निकालने लगा. मां मेरी छाती पर हाथ घुमाने लगीं तो मैंने उनसे मैक्सी निकालने को कहा. मैं- मैक्सी निकाल दे रज्जी. मेरी मां रज्जी- आप रात जैसे ही कर लो ना! मैं- नहीं आज मैं तुझे नंगी करके चोदना चाहता हूँ. मेरी मां रज्जी मेरी गोदी से उठकर खड़ी हो गईं और अपनी मैक्सी निकाल कर वो मेरे सामने खड़ी हो गईं. उनका बदन अन्दर से गोरा और गदराया हुआ था. मां ने काली ब्रा पहनी थी और उनके बूब्स लटके हुए थे. शरीर पर एक्स्ट्रा फैट्स था, उनका पेट लटका हुआ था. मैंने उनसे कहा- अब पेटीकोट भी उतार दो. वो पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगीं और मैं अपनी मां का परिपक्व बदन देखे जा रहा था. मेरी मां आज मेरे सामने नंगी हो रही थीं. ये देख कर मेरा बुल्ला टाइट हो रहा था. मैं भी खड़ा हो गया और मेरी नाईटपैंट उतार दी. मैं मां के सामने सिर्फ फ्रेंची में था. मां ने मेरा फूला हुआ लौड़ा देखते हुए अपना पेटीकोट उतार दिया. मेरा बुल्ला मेरी फ्रेंची से गुर्राता हुआ दिखाई दे रहा था जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 02:58 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:11 PM
वो पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगीं और मैं अपनी मां का परिपक्व बदन देखे जा रहा था.
मेरी मां आज मेरे सामने नंगी हो रही थीं. ये देख कर मेरा बुल्ला टाइट हो रहा था. मैं भी खड़ा हो गया और मेरी नाईटपैंट उतार दी. मैं मां के सामने सिर्फ फ्रेंची में था. मां ने मेरा फूला हुआ लौड़ा देखते हुए अपना पेटीकोट उतार दिया. मेरा बुल्ला मेरी फ्रेंची से गुर्राता हुआ दिखाई दे रहा था. मेरी मां रज्जी मेरा खड़ा लंड देखने लगीं. मैं बेड पर बैठ गया और वो मेरे पास आने लगीं. तो मैं बोला- जरा रुको मेरी जान … मुझे तुम्हें अच्छे से देखना है. मां रुक गईं, मैं उन्हें नजर भर कर वासना से देखने लगा. मेरी मां के गदराए पेट बार स्ट्रेच मार्क थे और पेट लटका हुआ था. मैंने उन्हें पीछे घूमने को कहा तो वो घूम गईं. मैं मां की गोरी गांड देखने लगा. उस पर भी स्ट्रेच मार्क थे. मैं वो देखने लगा और गांड को छूने लगा. मैंने उनसे कहा- अब मेरे ऊपर आ जाओ. वो अपनी दोनों टांगें मेरे दोनों तरफ डालती हुई मेरे बुल्ले पर अपनी चूत सैट करके बैठ गईं और मुझे बांहों में कस लिया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:16 PM
वो अपनी दोनों टांगें मेरे दोनों तरफ डालती हुई मेरे बुल्ले पर अपनी चूत
सैट करके बैठ गईं और मुझे बांहों में कस लिया. वो मेरा नाम लेने लगीं- आंह विशुऊऊऊ … आप कितने गर्म हो. मेरी मां रज्जी मुझे किस करने लगीं. मैं भी उन्हें किस करने लगा. हम दोनों एक दूसरे के बदन को झंझोड़ने लगे. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:18 PM
(This post was last modified: 22-02-2024, 03:23 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं उनका पूरे बदन अपने आगोश में लेने लगा. मैं और मेरी मां काम के नशे में डूबने लगे.
मैंने उनकी ब्रा खोल दी … वो मुझे चूमे जा रही थीं. ‘आआह विशुऊऊऊ …’ वो सीत्कार कर रही थीं और मैं ‘ओ राआजे मेरी जान आआह मेरी शोनाआआ …’ कह रहा था. फिर मैंने मां को थोड़ा अलग किया और उनके मम्मों को दबाने लगा. उनके मम्मे हाथों में लेकर भींचने लगा. मेरी मां के दूध लटके हुए थे और काफी नर्म थे. क्यों न होते … क्योंकि मेरी मां अब जवान नहीं थीं. मैं उनके दोनों मम्मे बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और उन पर दांत गड़ा कर काटने लगा. वो आंख बंद करके मादक सिसकारियां लेने लगीं. थोड़ी देर दूध चूसने के बाद हम दोनों ने वापस हगिंग और किसिंग की और एक दूसरे को मसलने लगे. मुझे और रज्जी को ये भी याद नहीं था कि बाहर क्या चल रहा है. हम दोनों बस एक दूसरे के आगोश में समाए हुए प्यार कर रहे थे. मेरी मां रज्जी ने मेरी पूरी पीठ पर अपने नाखूनों से खरोंच कर निशान बना दिए थे. हमारे बीच ये खेल करीब आधा घंटे से चल रहा था. हम दोनों उत्तेजित हो चुके थे और अब हम दोनों से ही रहा नहीं जा रहा था. मैंने मां की आंखों में देख कर कहा- जान, मुझे अन्दर करना है. मेरी मां रज्जी- हां जान, अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है. मैं- तो उठो और बेड पर लेट जाओ. मेरी मां रज्जी- जानू, हम इस बेड पर नहीं कर पाएंगे, इधर जगह कम है. ये कह कह मां ने एक दरी और तकिया नीचे बिछा दिया. वो किसी पहलवान की तरह अपनी कमर पर हाथ रखती हुई बोलीं- आ जा अब नीचे हो जाए! मैं- बैठे बैठे करने में तुम्हें प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना! मेरी मां रज्जी- नहीं, आप मेरे ऊपर चढ़ कर करो. वो नीचे लेट गईं और अपनी टांगें खोलकर मुझसे अपनी चुत चुदाई का इशारा देने लगीं. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:20 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:20 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:24 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:26 PM
वो किसी पहलवान की तरह अपनी कमर पर हाथ रखती हुई बोलीं- आ जा अब नीचे हो जाए! मैं- बैठे बैठे करने में तुम्हें प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना! मेरी मां रज्जी- नहीं, आप मेरे ऊपर चढ़ कर करो. वो नीचे लेट गईं और अपनी टांगें खोलकर मुझसे अपनी चुत चुदाई का इशारा देने लगीं. मैंने खड़े होकर अपनी फ्रेंची निकाल दी और लंड हिला दिया. मेरी मां रज्जी, मेरे खड़े लौड़े को बाहर निकलता देख कर एक मादक सिसकारी लेती हुई बोलीं- आह कितना सॉलिड लंड है आपका. मैं नीचे बैठ गया और मां के चिकने पैरों को पकड़ कर फैला दिए. मेरी मां की पैंटी थोड़ी भीगी हुई थी, उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था शायद. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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22-02-2024, 03:32 PM
मैं दोनों हाथों से अपनी मां रज्जी की पैंटी निकालने लगा. वो अपनी कमर उठाकर मुझे साथ देने लगीं. मैंने उनकी पैंटी निकाल कर ऊपर बेड पर रख दी. आज मैं अपनी मां रज्जी की चूत को पहली बार देख रहा था. उन्होंने अपने पैर पूरी तरह से खोलकर मेरी गांड पर रखे हुए थे. मैं देख रहा था कि मां की चूत पर काफी घनी झांटें थीं पर टांगें खोलने की वजह से उनकी चूत की दरार खुली हुई थी. उनकी चूत काफी गदरायी हुई और खुली हुई थी. चॉकलेटी कलर की उनकी चूत की एकदम फैली हुई थी और फांकें दूर दूर थीं. उनकी चूत का छेद आसानी ने नजर आ रहा था. मेरी मां की चुत ने चार चार बच्चों को पैदा किया था और मेरे पापा अभी भी उनसे खुल कर चुदाई के मजे लेते थे. ये बात उन्होंने खुद मुझे बताई थी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-02-2024, 03:33 PM
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