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सलोनी के मुंह से एक तेज चीख निकली -आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ह्हीईईईईईईईईईइ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी |
लेकिन कपिल ने उसे अनदेखा कर दिया और फिर से पूरा लंड निकाल कर एक झटके में फिर से पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया सलोनी की चूत का कसा हुआ छेदअब पूरी तरह से खुल चुका था कपिल का पूरा लंड सलोनी की चूत में घुस चुका था अब सलोनी पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार थी कपिल ने अपनी कमर को जोर जोर से हिलाना शुरू कर दिया, सलोनी भी लंड को अपनी कसी चूत में लेने लगी हालाँकि उसको अभी भी दर्द हो रहा था, लेकिन वो चुदाई ही क्या जिसमे औरतो की चीखे ना निकले | कपिल उसे जोर जोर से चोदने लगा था, और सलोनी की कराहे भी उसी स्पीड से निकलने लगी | कमरे में बस थप थप थप थप और आआआह्ह आईई आःह्ह्ह आआऐईईईईईईईईईई की आवजे ही गूंझ रही थी | कपिल बिलकुल वैसे ही सलोनी को चोदने लगा जैसे कुछ देर पहले है वह मधुरिमा को चोद रहा था सलोनी का दर्द धीरे-धीरे गायब होने लगा और मधुरिमा ने सलोनी के ओंठो छोड़ नीचे की तरफ बढ़ गयी |
कपिल के हर पड़ते तेज करारे झटके के साथ उसके मुंह से आह आह आह आह निकल रहा था सलोनी चुद रही थी और कपिल उसे रंडी की तरह चोद रहा था | मधुरिमा नीचे जाकर कपिल की गोलियों को अपने लार रस सी भिगोने लगी और बीच बीच में मधुरिमा सलोनी के चुदाई के कारन हो रहे मीठे दर्द को अपने हवस भरी आँखों से पीने लगाती | फिर से कपिल की गोलियों को चटाने लगाती | कपिल का लंड बिलकुल उसके मुहँ के सामने सलोनी की गीली गुलाबी चूत में गायब हो जाता | कपिल ने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए थे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका चरम फिर से आने वाला है लेकिन मधुरिमा ने कुछ देर बाद ही कपिल को रोक लिया और उसके लंड को सलोनी की चूत से निकाल कर अपने मुंह में ले लिया और हाथ से लंबे लंबे झटके देकर उसे चूसने लगी |
कुछ देर तक चूसने के बाद उसने कपिल को इशारा किया और कपिल ने मधुरिमा के मुंह में ही अपनी लंड को डालकर कमर हिलाने शुरू कर दी कपिल मधुरिमा के मुंह को चोदने लगा कुछ देर तक मधुरिमा गरिमा के मुंह से सिर्फ गोगो गोगो की आवाजें आ रही थी कपिल ने कुछ देर तक मधुरिमा के मुंह को चोदने के बाद उसके मुंह से अपना लंड निकाल दिया, सलोनी अब घोड़ी बन गयी और कपिल उसके पीछे आकार उसे कुतिया की तरह चोदने के लिए तैयार हो गया | उसने अपने लंड को उसकी गरम चूत के मुहाने पर लगाया और सलोनी की चूत में घुसा दिया | कपिल का कांपता मोटा तना हुआ लंड सटाक से एक ही बार में पूरा का पूरा सलोनी की चूत में घुस गया सलोनी के मुंह से आआह्हीईईईईईईईईईइ ह्हीईईईईईईईईईइ एक लंबी सी कराह निकल गई उसके बाद कपिल ने फिर से पूरी तरह से सलोनी की चुदाई शुरू कर दी थी | मधुरिमा कभी सलोनी के स्तनों को मसलती, कभी उसके होठों को चूमने लगाती |
कपिल का लंड सटासट सलोनी की चूत में जा रहा था कपिल तेजी सलोनी को चोद रहा था सलोनी के मुंह से भी मादक कराएं निकल रही थी कपिल भी तेजी से हाफ रहा था और उसकी सांसें बहुत तेज थी उसकी छाती बहुत तेजी से उठ गिर कर रही थी और उसका सीना धक धक धक धक कर रहा था सलोनी तेजी से अपनी चूत दाने को मसल रही थी ताकि उसे भी उसे भी कपिल के साथ साथ चुदाई का मजा आए | मधुरिमा सलोनी के दोनों स्तनों को बुरी तरह से मसल कर उसे अपने रस भरे होठों से चूस रही थी कपिल तो जैसे जन्नत में ही था कपिल बहुत बुरी तरह से चोदते चोदते अब अब हांफने लगा था । मधुरिमा ने कपिल की हालत देखते ही उसके पास आ गयी |
कपिल ने झुककर मधुरिमा को चूम लिया और अपने सख्त होठों से उसके नरम नरम होंठों को कस कर चूमने लगा | मधुरिमा कपिल के गोलियों को सहलाने लगी कपिल का मोटा तथा हुआ गरम लंड सलोनी की चूत में बहुत तेजी से अंदर बाहर हो रहा था उसकी गोलियां सलोनी की चूत दाने पर पटर पटर करके फच फच करके लड़ रही थी | कपिल की बेचैनी बढ़ने लगी थी और उसके धक्के भी बहुत जोरदार हो गए थे लग रहा था जैसे वह बस जल्द ही झड़ने वाला है | चुदाई का अनुभव लिए मधुरिमा ने पहचान लिया कि कपिल साहब अब बस कुछ देर का मेहमान है, उसने कपिल का लंड सलोनी की चूत से निकाल लिया | और अपने मुहँ में लेकर चूसने लगी | कपिल भी तेज चुदाई से हांफने लगा था | उसने सलोनी के बायीं तरफ लुढ़क कर टेक ले ली और उसके चूत से खेलने लगा | मधुरिमा ने कपिल के लंड को आइस्ते आइस्ते चुसना जारी रखा | वो लंड को गले की गहराई तक लेकर चूस रही थी और कभी कभी सिर्फ सुपाडे पर जीभ फिराने लगती | उधर कपिल में सलोनी के चूत दाने को रगड़ते रगड़ते, उसकी गुलाबी चूत के ओंठो पर अपनी उंगलियों का जादू चलाते चलाते, उसकी गांड के कसे छेद में जोर लगाकर एक उंगली घुसेड़दी | सलोनी चौक गयी, उंगली के घुसने से हुए मीठे दर्द से सलोनी चिंहुक पड़ी |
सलोनी - आऔऊऊऊऊऊऊच्च्च सर यहाँ नहीं |
कपिल - क्यों ?
सलोनी - यहाँ सर अभी तक किसी ने नहीं किया है , वर्जिन है सर |
कपिल - कोई बात नहीं ये लंड है किसलिए, इस सुरंग का दरवाजा भी खोल देगा , कभी न कभी तो इसका कुंवारापन किसी न किसी लंड से तो दूर ही होगा, तो क्यों न मै ही सुभारम्भ कर देता हूँ |
सलोनी - नहीं सर वो बात नहीं है, आपने इसके बारे में रिक्वेस्ट भी नहीं करी थी एडवांस में, इसलिए मैंने साफ़ भी नहीं किया है | से मैंने कभी गांड मरवाई भी नहीं है तो मुझे कोई एक्सपीरियंस भी नहीं है | मै नहीं चाहती आपको किसी तरह का बुरा अनुभव हो |
कपिल - तो क्या हुआ, अब तक नहीं मरवाई है लेकिन किसी न किसी से तो पहली बार तो गांड मरावाओगी, जैसे चूत की सील खुलवाई थी | मै अभी बोगी डालकर सब साफ़ कर दूगां | मैंने भी किसी की अब तक गांड नहीं मारी है इसलिए शिकायत करने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता | मै भी इस मामले में अन एक्सपीरियंस हूँ | इतना कहकर हँसने लगा |
लंड चूसती मधुरिमा ये सुनकर हसने लगी |
सलोनी - सर बहुत दर्द होगा, और क्लीनिंग भी .............................. ????
कपिल - और क्या बोलो न, पैसे की कोई प्रॉब्लम नहीं है , रही बात क्लीनिंग की तो टेंशन मत लो, बाउल साफ़ करके आई ही होगी फिर क्या टेंशन है |
सलोनी - सर मैंने इसकी ट्रेनिंग नहीं ली है, आपको बुरा एक्सपीरियंस भी हो सकता है |
कपिल - तुम उसकी चिंता मत करी, गांड मैंने भी कहाँ मारी है इससे पहले, सुना है वर्जिन गांड मारने का मजा ही कुछ अलग है और तुम चिंता न करो, पहली बार दर्द तो होता है लेकिन मै ख्याल रखूगां |
सलोनी - सर आप समझ नहीं रहे, इसमें बहुत दर्द होता है ऐसा मैंने सुना है ? मधुरिमा आप बोलो न |
इत्मिनान से कपिल का लंड चुस्ती मधुरिमा ने कुछ देर तक सलोनी को देखा - कपिल सर बात दरसल ये है, हम एनल एस्कॉर्ट नहीं है |
कपिल कुछ सोचकर - देखो गांड मारने के बारे में तो नहीं सोचा था, लेकिन बस एक मोमेंट में मूड बन गया, जैसे ही इसके नरम चुताड़ो के गरम गांड पर उंगली गयी, थोड़ा एनल एडवेंचर का मन कर गया | मै तुम्हे अच्छे पैसा दूगां सलोनी | तुम्हे अगले 6 महीने में जितना कमाओगी उतने पैसे दूगां |
सलोनी चुप रही | मधुरिमा और सलोनी ने एक दुसरे को देखा और फिर कपिल ने मधुरिमा की तरफ देखा |
मधुरिमा - कपिल सर मै तो गांड मरवाती नहीं, अब तक नहीं मरवाई तो इसलिए मै तो सर अब भी नहीं कर पाऊँगी, सलोनी नई है, ये चाहे तो कर सकती है, मै न तो उसे फोर्स करुँगी , न ही मना करुँगी | उसकी मर्जी है |
मधुरिमा फिर से कपिल का लंड चूसने लगी |
सलोनी चुप रही | कपिल उसकी चूत के दाने पर उंगली फिराने लगा और दुसरे हाथ की उंगली गांड की कसे हुए छल्ले में अन्दर बाहर करने लगा | कुछ देर तक वो बस उसकी चूत दाने के साथ खेलता रहा और उसकी गांड में उंगली अन्दर बाहर करता रहा | सलोनी चूत दाने के मसलने से उठने वाली वासना की तरंगो में खोने लगी |
तभी कपिल ने एक बार फिर सलोनी को छेड़ा - बोलो सलोनी, कुछ तो बोलो, मेरा बहुत मन है आज तुमारी गांड मारने का, इसी गांड को देखकर अरमान जागे है तो यही गांड उन अरमानो को बुझाएगी भी | इतनी खूबसूरत गांड लेकर क्यों घूमती हो जो मेरे जैसे इउन्सान का मन भी डोल जाये |
सलोनी की जैसे नीद टूटी हो, वो तय नहीं कर पा रही थी, क्या करे - सर मैंने ये कभी नहीं किया है, मुझे नहीं पता ये कैसे होगा, और इसमें तो दर्द भी बहुत होगा |
कपिल - दर्द तो होगा, क्योंकि पहली बार है, पहली बार तो चूत मरवाने में भी चूत फटती है | मधुरिमा तुम क्या कहती हो, मधुरिमा तुमारी मदद करेगी |
मधुरिमा - सर पहली बार तो फटनी तय है, चूत हो या गांड | रही बात सर मदद की तो मैंने खुद गांड नहीं मरवाती लेकिन मैंने अपनी सहेलियों को ही बहुत सारे टिप्स दिए है गांड मरवाने के | इसलिए अगर सलोनी राजी होती है तो मुझे बहुत खुसी होगी आपको जन्नत की सैर करवाने में मदद करने में , बोल सलोनी क्या कहती है |
सलोनी - सर मै ये सब इसलिए करती हूँ ताकि अपनी पढाई की फीस भर सकू और अपना खर्चा निकाल सकू | आप मेरी विर्जिन गांड मारना चाहते है लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा | कुछ पैसे सिर्फ, लेकिन मेरी बेर्जिनिटी तो हमेशा के लिए चली जाएगी | कुछ दिन बाद फिर मुझे किसी के साथ सोना पड़ेगा |
कपिल - कितना चाहिए बोलो |
सलोनी - सर चूत में कर लीजिये, मुहँ में कर लीजिये , मेरी कुंवारी गांड को फाड़ने के पीछे क्यों पड़े है |
कपिल को उसका इस तरह से नाटक करना पसंद नहीं आया - देख लड़की, सीधे सीधे यां तो हाँ बोल या न बोल मधुरिमा की तरह, ये जलेबी न बना | देख तेरी चूत मारने के तो मै पैसे दे ही रहा हूँ | उसमे क्या नया है, अब मुझे तेरी गांड मारनी है अपना रेट बता बस | बाकि सब नौटंकी बाद में |
सलोनी - सर.......................... |
कपिल थोडा सख्त होता हुआ - नौटंकी नहीं, या तो न बोल या रेट बता |
सलोनी - सर मैंने ये नहीं किया है कभी, मुझे कैसे पता होगा इस सबका रेट |
कपिल - अब आई न लाइन पर | ठीक है चल तेरी पढाई का इस साल का सारा खर्चा मै पे कर दूगां, लेकिन शर्त ये है साल भर तक तू सिर्फ मुझी से चुदेगी, मेरे अलावा बाकि टाइम पढाई करेगी | मंजूर हो तो बोल |
सलोनी - सर आप ऐसा क्यों कर रहे है |
कपिल भद्दे तरीके से हँसता हुआ - तेरी कुंवारी गांड मारने के लिए, मुझे पसंद आ गयी तेरी गांड, जिदगी में पहली बार किसी की गांड मारने के अरमान जगे है | बोल कितना चाहिए |
सलोनी मधुरिमा की तरफ देखती हुई, मधुरिमा - क्या देख रही है, दस दस हजार के लिए कहाँ कहाँ भटकेगी, एक बार की ही तो बात है | सोच ले पढाई पर ज्यादा ध्यान दे पायेगी |
सलोनी - सर आप एक ही बार गांड मरोगे |
कपिल - हाँ री पगली तूने मूड बना दिया है, वरना मुझे कौन सा गांड मारने का कीड़ा लगा हुआ है |
सलोनी - सर मेरी पढ़ाई का खर्चा 3 लाख से ऊपर है
कपिल - ठीक है दे दूंगा बस जब याद करूं तब आ जाना चुदवाने के लिए , ऐसे मान ले की मैंने साल भर के लिए तुझे बुक कर दिया है अभी तुझे चोदने का जब भी मन होगा तुझे फोन करूंगा तुझे यहां आकर मुझसे चुदवाना होगा ठीक है, मन करेगा तो गांड भी मार लूँगा लेकिन मेरा वो टेस्ट नहीं है इसलिए निश्चिन्त रह, आज बस मूड में आ गया है इसलिए अब तो गांड ही मारनी है |
सलोनी - सर एक और सवाल पूछना है
कपिल - पूछ |
सलोनी - सर आप सर आप 3:30 लाख रुपये एक बार का गांड मारने के दे रहे है, क्यों सर |
कपिल - अपना अपन टेस्ट है, देख लड़की अभी मेरा मन तेरी गांड मारने का है और मेरे पास पैसे की तो कोई कमी है नहीं | मुझे अभी तेरी गांड मारनी है मै तेरी कुंवारी कोरी गांड मारने का पैसा दे रहा हूँ अब तू इससे साल भर खर्च भी चला लेगी ये तेरी किस्मत है और ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ेगी तो मैं तुझे पैसे दे दूंगा लेकिन साल भर तक तू कहीं नहीं जाएगी और सिर्फ मुझसे ही चुदेगी | अब मेरा मूड बन गया है तो अब चुपचाप झुक जा मुझे अपनी गांड की सील तोड़ने दे, मधुरिमा इसकी मदद कर | इस वक्त तो इस गांड के लिए तीन लाख क्या मै १० लाख भी खर्च कर दू | मुझे ऐश कराएगी तो पैसे की कमी नहीं होगी | थोडा सा दर्द बर्दाश्त कर ले साल भर मौज ही मौज करेगी |
सलोनी झुक गई और मधुरिमा ने अच्छे से कपिल के लंड को चूस चूस कर लार से गिला कर दिया इसके बाद में कपिल ने अपने अंगूठा को पूरा जोर लगाकर सलोनी की सूखी कसी गांड में घुसा दिया | फिर उसने पहले उंगली की पहली पोर घुसी और फिर धीरे धीरे पूरी उंगली उसके गांड के छेद में समां गयी | सलोनी अपने सबसे संवेदनशील छेद में जीवन के पहले अतिक्रमण से उसकी गांड और उसकी दीवारों में दहसत भरी हुई थी | सलोनी की गांड का सख्त छेद हर कोशिश से कपिल की उंगलियों को रोकने की कोशिश कर रहा था |
| कपिल ने फिर अंगूठा चूत में और उंगली गांड में अन्दर बाहर करनी शुरू कर दी | पहले धीमे धीमे अन्दर बाहर करना शुरू किया था फिर हर झटके के साथ स्पीड बढाता चला गया | सलोनी की गांड बहुत ही बहुत ही ज्यादा टाइट सी थी उसकी गांड का छल्ला इस तरह से कसा हुआ था कि कपिल की उंगलियां भी उसकी जकड़न से कस गई | कपिल ने उसके गांड के छेद से उंगली बाहर निकल ली | सलोनी ने राहत की साँस ली, लेकिन उसकी गांड के कसी हुई नरम दीवारे ऐसे आपस में चिपक गयी जैसे किसी को अन्दर आने से रोकना चाहती हो | वो बाहर से होने वाले हिसंक अतिक्रमण की आशंका भरी हुई थी | कपिल ने एक झटके में उंगली बाहर निकल ली थी, इससे पहले सलोनी कुछ सोच पाती कपिल सलोनी के ऊपर आ गया, उसकी उंगली की जगह, उसके कठोर तने हुए खून से भरे लंड ने ले ली | कपिल ने लंड को सलोनी के कसे हुए गांड के छेद के मुहाने पर लगाया, सलोनी को कपिल के कठोर गरम लंड के सुपाडे का स्पर्श महसूस हुआ |
तभी अचानक सलोनी के चीख निकल गयी – आआआआआआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्हईईईईईईईईईइ | सलोनी अपना सर दोनों तरफ दाये बांये पटकने लगी जब कपिल ने बेरहमी से अपने खून से भरे लंड का फूला सुपाडा सलोनी की कसकर बंद कसी हुई गांड के छेद पर ठेल दिया | सलोनी का कुंवारा गांड का छेद बहुत सख्त था, सुपाडा फिसल गया और लंड सलोनी की बायीं जांघ से जाकर टकरा गया | कपिल ने दोबारा कोशिश करी लेकिन लंड फिर से फिसल गया |
मधुरिमा - लगता है सर आपने भी कभी गांड नहीं मारी है |
कपिल - इसलिए तो इस कुंवारी कोरी गांड के लाखो रुपये दे दिए |
मधुरिमा - सर पहले लंड को छेद पर टिकाकर अन्दर तो घुसेडिये, धक्के लगाने से लंड नहीं घुसेगा | गांड में लंड घुसाने में बहुत ताकत लगती है गांड का छेद बहुत सख्त होता है, धीरे धीरे खुलेगा | एकदम से लंड पेलने की कोशिश न करिए सर वरना इस बेचारी की गांड फट जाएगी, बहुत दर्द होगा और इसकी जान निकल जाएगी | लाइए मै आपका लंड छेद पर सटाती हूँ आप तब तक दबाव बनाये रखिये जब तक सुपाडा इस कच्ची कमसिन काली की कुंवारी गांड में घुस नहीं जाता |
मधुरिमा ने उठकर एक लोशन सलोनी की गांड पर उड़ेल दिया और फिर कपिल के लंड की मालिश भी उसी लोशन से करने लगी |
मधुरिमा - सर मै आपका लंड थामती हूँ, जब तक गांड का छेद खुल न जाये, मै लंड को गांड के छेद पर सटाकर रखूंगी , आप बस जोर लगाकर अन्दर ठेलते रहना | झटके से लंड को सलोनी की कसी गांड में घुसेड़ने की कोशिश नहीं करना, वरना उसकी गांड को तो चोट लगेगी ही, सर आपका सुपाडा भी छिल सकता |
कपिल ने बिलकुल वैसा ही किया, मधुरिमा ने उसके कठोर लंडके फूले सुपाडे को सलोनी की कमसिन कुंवारी गांड के छेद पर सटाया और कपिल ने अपना पूरा जोर लंड पर लगा दिया | सलोनी के गांड के छेद और सख्त छल्ले ने जबरदस्त प्रतिरोध किया, लेकिन लंड ने अपने लिए अन्दर जाने का रास्ता बनाना शुरू कर दिया था | गांड के छेद के चारो ओर से घेरे कसे छल्ले पर दबाव पड़ते ही, सलोनी को भीषण दर्द का अहसास हुआ, जिससे उसकी आँखों से आंसुओ की एक नयी धार बह चली | सलोनी जानती थी गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है यहाँ तो वो पहली बार गांड मरवा रही , वो भी कपिल के मुसल लंड से | उसकी तो जान सुखकर हलक में आ गयी | सलोनी ने जब कपिल के लंड का दबाव अपने कसे हुए छोटे से गांड के छेद पर महसूस किया, तो उसके शरीर में सिहरन और कंपकपी दौड़ गयी |
गांड में होने वाले भीषण दर्द से सलोनी रोने लगी | उसने खुद के शरीर को बिस्तर पर ढीला छोड़ दिया | मधुरिमा ने लगातार लंड को गांड के छेद से सटाये रखा उर कपिल लगातार लंड का दबाव सलोनी की कमसिन कुंवारी गांड पर बढाता चला गया | कपिल के मुसल लंड के बढ़ते दबाव की दहसत के बीच, गांड के छेद को कसकर जकडे गाड़ के छल्ले की पकड़ ढीली होने लगी, वो फैलने लगा और सलोनी की गांड का छोटा सा छेद खुलने लगा | कुछ देर तक कपिल ने दबाव बनाये रखा फिर जोर से एक झटका दिया और कपिल का सुपाडा सलोनी की कसी गांड के सख्त छल्ले के जबरदस्त प्रतिरोध को चीरता अन्दर घुस गया | घर्षण इतन तेज और भीषण था ऐसा लगा कपिल का सुपाडा छिल गया हो | सलोनी असहनीय पीड़ा से बिलबिला उठी |
सलोनी – आआआआआऐईईईईईईईईईईऊऊऊऊऊऊ आआआआआ ईईईईईईईईईई ग्घ्ह्हह्ह्हह्ह आः ऊऊ आया ऊ ईईईईईईईईईईईइ ,
आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ह्हीईईईईईईईईईइ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी |
कपिल उसी तरह से थम गया | मधुरिमा उसके चूत दाने की रगड़ने लगी | उसकी चूत को कसकर अपने रसभरे गुलाबी ओंठो से चूमने लगी | सलोनी का दर्द असहनीय था, फिर भी मधुरिमा उसके चूत दाने को जितना हो सके उतनी तेज रगड़ रही थी |
सलोनी - आआआआआआआआ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी फ़ाआआआआआआआआआ आआआआआआअ ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ दिदिदिदिद मेंमेंमेंमेंमेंमेंरीरीरीरीरीरी रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी आआआआ आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |
मधुरिमा का चूत दाना रगड़ना भी व्यर्थ था | गाड़ के छल्ले के चौड़े से उठा दर्द सलोनी की पिंडलियों और जांघो में घर कर गया
सलोनी के गांड के छल्ले ने कसकर कपिल का लंड जकड लिया | | भीषण सर्द के कारन सलोनी की आँखों से आंसुओ की धार और तेज बहने लगी | सलोनी भीषण दर्द के कारन बुरी तरह से कराहती रही कुछ देर तक | फिर अपने दर्द को ओंठ भींचकर बर्दाश्त करने लगी, लेकिन उसके मुहँ से दर्द भरी कराहे बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी | उसकी गांड की दीवारों में आग सी लग गयी थी, भीषण घर्षण से जलन बहुत ज्यादा हो रही थी | कपिल का लंड सलोनी के शरीर के सबसे सवेदनशील छेद के अन्दर घुस गया था | उस छेद में जहाँ आज तक खुद उसने कभी अपनी उंगली नहीं घुसाई थी | आज उसकी कुंवारी गांड के छोटे से छेद में कपिल ने अपना लंड घुसाकर उसका उद्घाटन कर दिया था | सलोनी की गांड भी अब कुंवारी नहीं रही | कपिल ने उसकी पढ़ाई की फीस भरकर उसका कुंवारापन छीन लिया | अब उसके पास दर्द बर्दाश्त करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था | इसी बीच मधुरिमा ने सलोनी का ध्यान बाटने के लिए उसके नीचे उल्टा लेट गयी | अब सलोनी के मुहँ के सामने मधुरिमा की चूत थी | सलोनी दर्द से कराहती हुई, मधुरिमा की जांघो में अपना मुहँ घुसा दिया और उसकी गुलाबी चूत को चाटने लगी |
कपिल ने सलोनी दर्द से भरे आंसुओं से गीले चेहरे को देखते हुए – सलोनी अभी भी दर्द हो रहा है |
सलोनी – हाहाहा आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ईईईईईईइ बहुतत्त्त्तत्त्त्तत्त, सर पहली बार कुछ घुसा है आःह्ह्ह ओह्ह्ह आआऐईईईईईईईईईई रिरिरिरिरिरिरिरिरिरिरी | |
कपिल – दर्द बहुत हो रहा हो तो बता लंड बाहर खीच लू |
मधुरिमा – नहीं सर बिलकुल नहीं, ऐसा सोचना भी मत, पहली बार गया है दर्द तो होंगा ही उसे | थोड़ा दर्द कम होने दो, फिर गांड मारना शुरू करना उसकी, लेकिन गलती से भी लंड को बाहर मत खीचना |
कपिल स्थिर हो गया – बताना कब शुरू करन है |
सलोनी – आःह्ह्ह ओह्ह्ह आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ईईईईईईइ आआऐईईईईईईईईईई रिरिरिरिरि सर आपको कितनी परवाह है मेरी नहीं तो आदमी एक बार हम जैसी रंडी औरतो के जिस्म में लंड घुसेड़ने के बाद रुकता कहाँ है, उसको लगता है थोड़ी देर में दर्द तो वैसे ही गायब हो जाना है, फिर वो चुदाई क्यों रोके |
कपिल – तू रंडी नहीं है लड़की, तू तो मजबूरी में ये सब कर रही है तुझे तकलीफ देकर मुझसे भी एन्जॉय नहीं होगा |
मधुरिमा – हाउ स्वीईईएट कपिल सर , आप बहुत अच्छे कस्टमर है |
सलोनी अभी भी कराह रही थी लेकिन अब उसने अपना पूरा ध्यान मधुरिमा की चूत चूसने में लगा दिया था | मधुरिमा भी सलोनी की चूत चूस रही थी |
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05-06-2019, 08:55 PM
(This post was last modified: 05-06-2019, 08:58 PM by vijayveg. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मधुरिमा को लगा अब कपिल को और ज्यादा इन्तजार नहीं कराना चाहिए - अब दर्द कुछ कम हो गया होगा , पेल दो लंड इसकी कुंवारी गांड में कपिल सर |
मधुरिमा का इतना कहना था, कि कपिल ने हल्का सा लंड बाहर खीचा और फिर से गांड में पेल दिया | सलोनी के मुहँ से फिर चीख निकल गयी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस बार पिछली बार से दर्द कम हुआ, ये उतना बुरा नहीं था जितना पहली बार था | उसकी गांड का छेद बुरी तरह से जल रहा था | कपिल अपने लंड पर सलोनी के गांड के छेद का बेहद सख्त कसाव महसूस कर रह था | उसे यकीन ही नहीं हो रह था वो एक कमसिन कुंवारी लड़की की गांड मार रहा है | उसने अब तक सैकड़ो औरते चोदी होगी लेकिन उसने अब तक किसी लड़की की गांड नहीं मारी थी | ये चुदाई का अनुभव चूत चोदने से बिलकुल अलग था | सलोनी की गांड में लंड बमुश्किल बहुत ही ज्यादा रगड़ खाकर जा रहा था | सलोनी की गांड का छेद खुल चूका था और कपिल को गांड मारने की आदत नहीं थी इसलिए उसे मजा नहीं आ रहा था | उसका लंड सलोनी की गाड़ के सख्त छेद में बहुत मेहनत से घुस रहा था |
उसने अपना लंड बाहर निकाला और उसने सलोनी की गांड के अन्दर ढेर सारा लोशन भर दिया | थोड़ा सा अपने लंड पर लगाया और लंड को सलोनी की गांड में पेल दिया | लोशन लगने से सलोनी का दर्द अब एक अलग तरह के दर्द भरे सुखद अहसास में बदलने लगा था, ये चूत में लंड लेने से बिलकुल अलग था | उसके छेद में अभी भी जलन हो रही थी और कपिल के लंड के चारो ओर अपने गांड के छेद की सख्त गिरफ्त भी उसे महसूस हो रही थी | कपिल के लिए गांड में लंड फिसलाना और आसान हो गया था, अब उसे भी लंड घुसेड़ने में मजा आ रहा था | मधुरिमा ने उसे रोका और पहले पूरा लंड घुसेड़ने को कहा | कपिल ने लंड को बाहर निकाला और पूरी ताकत से अन्दर पेल दिया और पेलता ही चला गया | सलोनी ने भी अपने गाड़ के छेद को फ़ैलाने की कोशिश की, आखिर आधे से ज्यादा लंड कपिल अन्दर घुसेड दिया | कपिल काफी देर से चुदाई कर रहा था उसकी हालत की बुरी हालत हो रही थी क्योंकि गाड़ में लंड पेलने में बहुत ताकत लगती है |
सलोनी– आआआआआऐईईईईईईईईईईइ आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊऊऊऊओफ़्फ़्फ़ | आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ससससससससससरररररररररररररररररररररररर ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ माआआआआआआ |
कपिल हांफता हुआ – बहुत कसी गांड है तेरी लड़की, मै और ज्यादा लंड नहीं घुसेड पा रहा हूँ और मेरे लंड पर तेरीकुंवारी गांड की दीवारों की रगड़न बहुत ज्यादा है, ऐसा लगता है मेरे लंड की खाल छील कर रख देगी |
सलोनी दर्द से बिलबिला रही थी |
मधुरिमा ने जब कपिल के मुहँ से ये सुना तो बोली– सर मै आभी नीचे हूँ, अगर इसका चूत नहीं चुसुंगी तो ये दर्द से बेहोश हो जाएगी | आप अपने लंड को जड़ से पकड़ो और अंदर ठेलने की कोशिश करते रहो, तब तक नहीं रुकना जब तक पूरा लंड अन्दर तक गांड में न चला जाये उसी के बाद फिर कमर आगे पीछे करना | ऐसे ही गांड मारी जाती है | छेद के ऊपर ही हिलाकर कर झड जावोगे तो गांड मारने का फायदा क्या | कितनी तकलीफ में है वो बेचारी चाँद पैसो के लिए , उसकी आँखों से आंसू बंद होने का नाम नहीं ले रहे है लंड गांड में ठीक से अन्दर तक जाये भी न तो क्या फायदा उसकी गांड मारने| अब आप पूरा लंड उसकी गांड में ठेल दीजिये |
कपिल ने मधुरिमा की बात गौर से सुनी, उसने जोश में आकर लंड पर पूरा जोर लगाया, बुरी तरह से रगड़ता हुआ लंड सलोनी की कसी हुई गांड में जड़ तक धंस गया |
सलोनी के मुहँ से चीखे निकल गयी – आआआआआऐईईईईईईईईईई माआआआआआआ मर गयी, आआआआह्ह्ह्ह ओह्ह्हह्ह्ह्ह ओओ आअह्ह्ह्ह | आआअह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ माआआआआआआ ईईईईईईईईईईईईई रेरेरेरेर्र्रे |
मधुरिमा ने कपिल की लटकती गोलियां अपने गुलाबी ओंठो के पास महसूस की जो की नीचे से सलोनी का चूत दाना चूस रहे थे | सलोनी गांड के अन्दर आग लगी हुई थी | लोशन ने घर्षण को कुछ आसान बना दिया था लेकिन फिर भी गांड के अन्दर लंड के भीषण घर्षण से जलन बराबर हो रही थी | अब कपिल के लंड के लिए सलोनी की गांड का पूरा छेद खुला था , हालाकि उसके छल्ले में अभी भी दर्द हो रहा था, लेकिन हर बीतते पल के साथ वो कम होता जा रहा था | कपिल अपने लंड को पूरा का पूरा रीमा की कसी गांड में पेलने लगा लेकिन कसाव इतना ज्यादा था की कुछ ही देर में हांफने लगा, गांड में लंड पिलाई में औरत का जो हाल होता है वो तो होता ही है लेकिन अच्छे अच्छे मर्द के होश फाख्ता हो जाते है | सलोनी को अब गांड के दर्द का अहसास अब मीठा सा हो चला था, दर्द अभी भी था लेकिन अब उतना तकलीफ देह नहीं था, बल्कि अब कसी गांड की नरम दीवारों से रगड़ रहे लंड से उठने वाली कामुक तरंगे कुछ अलग किस्म का अहसास कर रही थी | कपिल ने गांड में लंड पेलने की स्पीड बढ़ा दी, वो बुरी तरह से हांफ रहा था |
कपिल – अभी भी तेरी गांड बहुत टाइट है लड़की| बहुत जोर लगाना पड़ रहा है |
कपिल बहुत देर से दोनों लडकियों को छोड़ रहा था अब उसका सरीर भी जवाब देने लगा था, लेकिन वासना के जोश में दनादन सलोनी की गांड में जबरदस्त धक्के लगा रहा था, मधुरिमा ने अपनी बीच की उंगली सलोनी की गीली मखमली चूत में घुसेड दी और तेजी से अन्दर बाहर करने लली | उसे सलोनी की चूत में अपनी उंगली पर , उसकी चूत की दीवार के दूसरी तरफ उसकी कसी गांड में सटासट आता जाता कपिल का लंड महसूस हो रहा था | कपिल के धक्के भी अब बेतहाशा थे |
हर धक्के के साथ सलोनी - आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् निकल रही थी | कपिल को भी महसूस अब और देर तक खुद को रोक पाना नामुनकिन है | गांड के कसे छल्ले से रगड़ खाते उसके लंड की सफ़ेद झील का बांध अब टूट ही गया | सफ़ेद गरम लावा उसके खून से भरे तने लंड की तरफ बहने वाला है | उसे पता था अब उसके बस में ज्यादा कुछ नहीं है, इसलिए अपनी पूरी ताकत सटासट लंड को सलोनी की गांड में पूरी स्पीड से पेल रहा था | कपिल की गोलियों से गरम सफ़ेद लंड रस ऊपर की तरफ बह चला, अब कपिल के हाथ में कुछ नहीं था | और एक के बाद एक पिचकारी सलोनी की गांड की गरम गुलाबी सुरंग में छुटने लगी |
सलोनी और मधुरिमा के अब तक से सबसे तेज धक्को की स्पीड से जान गयी कपिल झड़ने लगा है | कपिल का गरम लंड रस सलोनी को अपनी गांड की जलती दीवारों पर बड़ा सुखद लग रहा था | कपिल के लंड रस से सलोनी की पूरी गांड चिकना गयी, शरीर की उत्तेजना के कारन उसका दर्द तो अब लगभग गायब ही हो चूका था, वो भी पूरी तरह से उत्तेजित होकर बस झड़ने की कगार पर थी, चूत में अन्दर बाहर हो रही मधुरिमा की उंगली ने उसकी चूत की दीवारों में नयी सनसनी पैदा कर दी |
सलोनी के अन्दर भी तूफ़ान बस उमड़ चूका था- मधुरिमा दीदी रुकना नहीं, ऐसे ही करती रहना और मेरे चूत दाने को भी अंगूठे से रगडो, जल्दी रगडो |
सलोनी का शरीर कांपने लगा, उसके शरीर में रुक रुक कर झटके लगने लगे, उसकी चूत की दीवारे अपने आप ही कांपने लगी, उसकी कमर और गांड के अन्दर कुछ अगल तरह की सनसनाहट उसे कंपा रही थी | कपिल भी सलोनी के गोरे मांसल चुताड़ो पर जोर जोर से थप्पड़ लगाने लगा | कपिल के थप्पड़ से होने वाला दर्द कुछ अलग ही मीठा सा अहसास करा रहा था | सलोनी का शरीर अकड़ा, एक लम्बा सा झटका लगा, कुछ देर तक कांपता रहा और ढीला पड़ गया | कपिल का लंड अभी भी सलोनी की कसी हुई गांड में फंसा था, जो प्रियम के लंड रस से भरी हुई थी | धीरे धीरे कपिल का लंड सिकुड़ने लगा और अपने आप ही सलोनी की कमसिन कसी हुई गांड से बाहर आ गया | जैसे ही कपिल का लंड सलोनी की गांड से बाहर आया, उसकी गांड में भरा सारा लंड रस छलक कर मधुरिमा के मुहँ में आ गिरा |
मधुरिमा ने कपिल का सारा लंड रस मुहँ में भर लिया और और फिर सलोनी के मुंह के पास जाकर उसके मुंह में उड़ेल दिया दोनों ही एक दूसरे से गुत्थम गुत्था हो गई और एक दूसरे के मुंह में उसी लंड रस को बारी-बारी से डालकर उससे खेलने लगी और फिर थोड़ी देर बाद दोनों ही उत्साह से लबरेज होकर लंड और लार के मिश्रण को गटक गई | सलोनी की गांड का खुला धीरे धीरे अपने पुराने रूप में आने लगा, उसकी सुरंग का दरवाजा फिर से बंद होने लगा |
कपिल बिस्तर पर लेटा, दोनों की नटखट कामुक हरकते देख रहा था उसका मन था कि वह एक बार और दोनों लड़कियों को जमकर चोदे लेकिन अब उसके अंदर इतना दम नहीं था कि वह एक और राउंड चुदाई कर सके | इससे पहले कपिल कुछ कहता मधुरिमा पूछने लगी - सर अभी और चोदेगें या फिर आराम करेगें |
कपिल कुछ बोलता इससे पहले ही सलोनी बोल पड़ी - मधुरिमा दीदी सर ने हचक हचक के लंड से मेरी गांड फाड़ दी लेकिन इनका लंड भी बेदम हो गया है अब इसमें इतनी हिम्मत नहीं की दुबारा खड़ा हो सके |
कपिल - पेमेंट चाहिए न लड़की |
सलोनी खिलखिला पड़ी - लड़की की कुंवारी गाड़ मारेगें तो दम तो चाहिए न |
कपिल - अभी ठीक से पेल देता तो चीर के दो कल्ले हो जाती गांड तब समझ में आ जाता |
सलोनी - सर आप कहे तो चुसू |
मधुरिमा बिना कपिल की काहे ही उसके पास पंहुच गयी और उसके मुरझाये लंड की मुहँ में ले लिए - सर आज इसकी गांड फाड़ ही दो आप, मै आप के साथ हूँ, अभी कुछ देर जब गांड मारी जा रही थी तो कैसे चिल्ला रही थी, अब देखो कैसे गांड मटका रही है | अभी सर का खड़ा हो गया न तो तेरी गांड का कचूमर निकाल देगें चोद चोद कर |
सलोनी कपिल और मधुरिमा को देखती रही - दीदी वैसे मेरे पास ब्लू पिल है, सर चाहे तो अभी एक मिनट में खड़ा हो जायेगा |
कपिल - लड़की भाग जा यहाँ से वरना आज तेरी शामत आ जाएगी और अगले महीने की १३ तारीख को आ जाना | अपना अकाउंट नंबर देकर जा, पैसे ट्रान्सफर कर दूगां |
कपिल ने इतना कहते ही अपने ऊपर चादर डाली लड़कियां इशारा समझ गई और उन्होंने भी अपने अपनी कपड़े उठाये और दरवाजा खोल कर बाहर निकल गई
रीमा ने यहां जो कुछ भी देखा उससे उसके दिमाग में बने हुए सारे अनुमान टूट गए उसे लगता था कि समाज के सभी लोग एक बहुत ही अच्छी और सामाजिकजिंदगी जीते हैं लेकिन उसने यहां जमीन के नीचे बने बेसमेंट में जो कुछ भी देखा उससे उसके दिमाग को बहुत जोरदार झटका लगा उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि समाज में धार्मिकता और सामाजिकता का लबादा ओढ़े यह लोग यहां पर ऐसा वासना का नंगा नाच खेलते हैं हालांकि उसके मन में कोने में कहीं दबी इच्छा थी कि वह किसी दूसरे की सेक्स लाइफ को देखें और जाने लेकिन यहां उसने जो कुछ भी देखा उससे यह साफ हो गया कि उसने अब तक अपने जीवन में जो भी सेक्स को लेकर किया है देखा है वह उसकी समझ में बहुत कम है यहां लोग हवस का खुला नंगा नाच खेलते हैं और खुद को जो भी चाहिए वह हासिल करते हैं वह अब तक अपनी इच्छाओं का दमन कर के समाज के बनाए नियमों पर चलती रही और खुद को ही आत्मग्लानि से भर लिया हालांकि अब वह और ज्यादा समाज की नंगी सच्चाई नहीं देखना चाहती थी वह थक गई थी यह सब देखकर और अब उसका दिमाग भी जवाब दे गया था हालांकि रोहित चाहता था कि वह अभी और भी वीडियो देखें लेकिन रीमा ने अब हाथ खड़े कर दिए और उसने रोहित से कहा रोहित बहुत हो गया अब और नहीं देख सकती चलो यहां से यह सब दुनिया की गंदगी अब और नहीं देखनी मुझे |
रोहित - अभी तो तुमने देखा ही क्या है |
रोहित आगे बोला - यह तो बस एक ट्रेलर यहां तो बहुत कुछ ऐसा होता है जो देखकर मैं भी एक बार हिल गया था तुमने तो बस अभी सिर्फ ट्रेलर है देखा है |
रीमा बोली - क्या कहना चाहते हो ?
रोहित - यहां अभी तुमने देखा ही क्या है यहां लोग थ्रीसम करते हैं यहां लोग एक साथ सेक्स करते हैं वह तो तुमने देख लिया लेकिन यहां लोग चार लोग एक साथ सेक्स करते हैं अपनी बीवियों को चेंज करते हैं अपनी बीवी और दूसरे की बीवी के साथ सेक्स करते हैं कभी-कभी तो 4 से 5 लोग एक साथ सेक्स करते हैं और मैंने तो यह भी देखा है कि एक बार तो पूरे के पूरे 20 लोग एक ही कमरे में नंग धड़ंग एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे कौन किसको चोद रहा था पता ही नहीं था बस और जोड़ दो चीजें थी एक लंड और एक चूत दोनों ही एक दूसरे के प्यासे थे और कौन किस की चूत में लंड पेल रहा है किस की चूत किस का लंड ले रही है इससे कोई मतलब नहीं था बस मतलब था तो लंड की चुदाई से और हर कोई इंसान एक दूसरे को चोद रहा था हर चूत एक दूसरे का लंड ले रही थी सभी एक दूसरे के मुंह पर मास्क बांधकर नंगे नंगे एक कमरे में आते हैं और फिर कौन किसका लैंड चुस्ती है कौन किस से लंड चूसाता है कौन किस को चोदता है कौन किस से चुदवाती है किस की चूत किसका लंड कुछ नहीं पता चलता बस चुदाई होती है बस चुदाई होती है जमकर |
आंख बंद करके बस एक दूसरे को चोदते हैं 1 घंटे 2 घंटे रात भर चलता है और सुबह सब अपने अपने कपड़े पहन कर अपने अपने शरीफ कोठियों में खो जाते हैं यहां उम्र का कोई भेद नहीं होता 70 साल का 26 साल को चोद रहा होता है 26 साल का 70 साल को चोद रहा होता है यहां जिसका भी पास बन जाता है उसके अंदर मौजूद सभी चूतों को चोदने का लाइसेंस मिल जाता है इसी तरह से जिस औरत को यहाँ जाने की परमिशन मिल जाती है उसको यहां के सारे लंड से चुदवाने का भी लाइसेंस मिल जाता है इऔर हर संडे यहां यही नंगा नाच होता है तुम यकीन नहीं मानोगी लेकिन यहां शहर की हर रहीस औरत आ चुकी है कम से कम 20 से ज्यादा लंडो से अलग अलग चुद चुकी है
रीमा - दुनिया कुछ भी करे रोहित मैं यह सब नहीं कर सकती ना ही यह देख सकती हूं मेरे अंदर एक कुंठा थी जो तुमने बाहर निकाल दी और मैं सेक्स को लेकर अब काफी ओपन हूँ लेकिन यह सब नंगा नाच नहीं | यह तो देखने में ही इतना घिनौना लग रहा है क्या करूं मन की इच्छा थी इसलिए देख लिया लेकिन अब नहीं और मुझसे नहीं देखा जाएगा |
रोहित - तुम्हें डर लग रहा है यह सब देखकर........ तुम्हें डर लग रहा है कि तुम यह सब नहीं कर सकती |
रीमा - तुम्हें जो कहना है कहो मैं कुछ नहीं कहूंगी लेकिन अब यह सब मैं नहीं देख सकती यहां से चलो |
रोहित - ठीक है बस मेरा काम भी हो ही गया है 2 मिनट रुको और यहां से हम चलते हैं लेकिन अगर चाहो तो तुम अभी जग्गू के बाप की चुदाई देख सकती हो और उसका काला लंड................|
रीमा रोहित की बात काटते हुए - रोहित प्लीज अब और नहीं .........................मुझे मत परेशान करो |
रोहित - इसमें परेशान करने वाली कौन सी बात है काला लंड सुनकर क्यों परेशान हो गई |
रीमा - तुम मुझे अच्छी तरह से जानते हो अब अपनी बकवास नहीं बंद करो |
रोहित - मुझे तो पता ही नहीं था मैडम को काला लंड भी पसंद है |
रीमा - जस्ट शट अप रोहित प्लीज |
रोहित - मैं समझ गया मैडम को सिर्फ मोटे बड़े लंड का ही चस्का नहीं है बल्कि वह काले लंड से भी चुदना चाहती हैं ठीक है इसमें कुछ भी गलत नहीं है ये तो बस औरत के जिस्म की एक चाहत है और मैं नहीं कहूंगा कि तुम अपनी इस चाहत को सिर्फ इसलिए खत्म कर दो क्योंकि यह तुम्हारे हिसाब से गलत है अगर तुम्हे काला मोटा लंड भीपसंद है तो तुम्हें जरूर उसे अपनी चूत में लेना चाहिए कम से कम एक बार तो जरूर ताकि कम से कम मन के अंदर जो एक पुरानी ग्लानी भरी है वह निकल जाए उसके बाद तुम पूरी तरह से उन्मुक्त होकर अपनी जिंदगी जी सको
रीमा - रोहित तुम्हें क्या लगता है जो भी मैं सोचती हूं यह सब करना चाहिए, मुझे नहीं लगता.......... ठीक है सोचने की कोई सीमा नहीं होती और जरूरी नहीं कि हर जो चीज सोची जाए वह की भी जाए | जो गंदा है यह घटिया है वो सही नहीं हो सकता और मुझे यह बिलकुल अच्छा नहीं लगता | मुझे जो भी मिला है मै उसमें बहुत खुश हूं इसलिए आप तो मेरे दिमाग से खेलना बंद करो मुझे यह चीज परेशान कर रही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं चाहती हूं |
रोहित - तो तुम कह रही हो कि तुम्हें काला लंड परेशान कर रहा है लेकिन तुम उससे चुदना नहीं चाहती है |
रीमा - ओफोफोफो रोहित क्यों मुझे परेशान कर रहे हो मैं यह सब करना चाहती | मै तुम्हारी तरह नहीं बोल सकती ...........मैं यह सब गंदा गंदा तुम्हारी तरह नहीं बोल सकती तुम मर्द हो तुम बोल सकते हो लेकिन मैं नहीं बोल सकती और ना ही मुझे यह सब करना है इसको लेकर मैं पूरी तरह से क्लियर हूँ मेरे मन में कोई कंफ्यूजन नहीं है |
रोहित - ठीक है बाबा मैं समझ गया तुम्हें बुरा लग रहा है ओके ठीक है तूम नहीं चाहती लेकिन तुम्हें काला लंड परेशान क्यों कर रहा है यह भी तो सोचने की बात है इसका भी तो समाधान निकालना होगा और इसके लिए मुझे तुम्हारी मदद चाहिए
रीमा - मुझे कुछ नहीं परेशान कर रहा है मुझे बस एक गंदी बातें परेशान कर रही हैं और जो कुछ भी मैंने देखा यह चीज मेरे लिए परेशानी की बात है क्योंकि मैं सोचती थी कि दुनिया ऐसी नहीं है लेकिन दुनिया इससे बहुत ही बदतर है मैं बहुत थकी हुई हूं मुझे आराम करना है |
रोहित - तुम्हें आराम करना है तो मेरी बाहों में कर लो |
रीमा - जी नहीं मुझे अकेले ने आराम करना है मतलब आज कोई चांस नहीं है यह तो बेचारा पैंट के अंदर काफी छलांगे मार रहा था मुझे लगा बेचारे को आज पनाहगाह में आराम करने का मौका मिलेगा|
रीमा - रोहित अगर तुम्हें करना है तो कर दो लेकिन मेरा मूड नहीं है मैं बहुत थक गई हूं और .....................|
रोहित - और बिना तुम्हारे मूड के मैं क्या करूंगा, अचार रखूंगा मजा ही नहीं आएगा जब तक रीमा अप्सरा जैसे हुस्न की मलिका राजी नहीं होगी तब तक कैसे उसको चोदने में मजा आएगा | अब मैडम जी आप ही बताओ बेचारा लंड अकेले ही सारी मेहनत करेगा और मजा भी नहीं आएगा तो फायदा क्या है |
रीमा - ओहो रोहित तुम ना हमेशा ही ऐसी गंदी गंदी बातें करते हो मैंने बोला ना मैं थक गई हूं सोना चाहती हूं लेकिन तुम्हारे लिए मैंने कभी मना किया है |
रोहित = अरे बाबा मैं तो मजाक कर रहा था तुम हमेशा सीरियस हो जाती हो थोड़ा सा जिंदगी में फन लाओ कब तक यह बोरिंग सी जिंदगी जीती रहोगी | जब तूम्हें मजा आता है तभी मुझे भी मजा आता है तुम्हारा मन नहीं है तो मेरा भी मन नहीं है चलो चल कर सोते हैं
सुबह होते ही सब कुछ सेटल हो गया, नूतन अपने पैसे लेकर अपने घर चली गयी और रीमा ने भी उस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई | वो रात के अपने अनुभव से अभी तक सदमे में थी | रोहित रीमा और प्रियम सुबह बाकि सबकी तरह घर लौट आये | सभी ऐसे बिहैब कर रहे थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं |
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धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होने लगा लेकिन रीमा के दिमाग में जग्गू के वर्ड किस घंटे की तरह बज रहे थे, उसे जग्गू किसी भी तरह से स्वीकार नहीं था, जग्गू उसके बारे में सोचता था ये सोचकर भी रीमा को उबकाई आ रही थी | उसे जग्गू को सबक सिखाना था | रीमा ने जग्गू के बारे में सब कुछ पता लगाया और सबूतों के साथ कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत कर दी | शिकायत सही पाई गयी और कॉलेज में ड्रग्स बेचने की आरोप में उसे हमेशा के लिए कॉलेज से निकाल दिया गया | उसके बाप ने कॉलेज मैनेजमेंट के पास जाकर बहुत चिरौरी करी, कॉलेज मैनेजमेंट ने काफी देर बाद जाकर इस बात के लिए राजी हुआ कि अगर शिकायतकर्ता भी इस बाद की सहमती देता है तो कुछ किया जा सकता है | ड्रग्स के आरोप में तो लाइफ टाइम बैन होना ही था | काफी उठापटक और मान मनौउअल के बाद रीमा इस बात पर राजी हुई, की जग्गू की सजा कम कर दी जाये, उसने तरीका मैनेजमेंट पर छोड़ दिया | कॉलेज में रीमा प्रियम की सेकंड गार्डियन के नाम से रजिस्टर थी और इसी बात का उसने फायदा उठाया जग्गू से अपनी खुन्नस निकालने में, हालाँकि रोहित को ये सब बाते पता थी लेकिन रीमा ही मुख्य भूमिका में रही | मैनेजमेंट ने जग्गू और उसके बाप का लिखित माफीनामा लेने के बाद उसका आरोप पत्र में से ड्रग्स को हटा कर अनुशासन हीनता का क्लॉज़ ऐड किया गया, जिससे लाइफ टाइम का बैन एक साल में बदल जाये | अब जग्गू एक साल तक कॉलेज में कदम नहीं रख सकता था |
रीमा की वजह से पुरे कॉलेज में जग्गू के साथ साथ उसके बाप की जो थू थू हुई, जग्गू पर रीमा की हवस का जो बुखार पहले से चढ़ा था वो अब बदले में बदल गया | जग्गू का बाप हरामी तो लेकिन उसे ये भी पता था की सामने वाली पार्टी का सीधे सिक्युरिटी में लिंक है | इसलिए वो कोई पंगे नहीं लेना चाहता था | लेकिन बाप की तरह जग्गू समझदार नहीं था | उसे रीमा को अपनी नजरो में नीचा दिखाने की धुन सवार हो गयी | कॉलेज से निकाले जाने के बाद प्रियम और राजू से भी उसका मिलना कम हो गया | फिर भी वो कोशिश करके मिलने आ ही जाता | रोहित को इससे कोई दिक्कत नहीं थी जब तक प्रियम की पढाई में कोई नुकसान न हो | ड्रग्स को लेकर भी बहुत ज्यादा कठोर नहीं था लेकिन उसे इससे बचा कर रखना भी जरुरी था, इसलिए उसने रीमा का खुलकर साथ दिया था | जग्गू अभी भी जुगाड़ करके कही न कही से ड्रग्स ले ही आता | फिर तीनो की महफ़िल जमती | आखिर एक दिन नशे में धुत होकर जग्गू ने अपने दिल की बात कह ही डाली |
जग्गू - यार प्रियम वो तूने अपनी चाची की एक रिकॉर्डिंग करी थी, बड़ा मन है सुनने का, कहाँ है वो |
प्रियम - कौन सी रिकॉर्डिंग ????
जग्गू - अबे वही लंड चूसने वाली |
प्रियम में नशे में मस्त था - वो तो पता नहीं कहाँ खो गयी |
जग्गू - सालें दुबारा जाकर पानी चाची से लंड चुसवा, मुझे वो रिकॉर्डिंग सुननी है |
प्रियम - अबे तू पागल हो गया है क्या, साले वो बहुत डेंजरस है, मुझे भी नहीं पता था | मै तो उन्हें बहुत सीधे साधी समझता था, उनसे दूर ही रह बेटा, नहीं तो पता नहीं कब गांड मार लेगी |
जग्गू - तेरी मार ली है लगता भोसड़ी के | इतना कहकर जग्गू ठहाके मार मार कर हसने लगा | राजू ने भी जग्गू का साथ दिया | प्रियम को ये मजाक बिलकुल अच्छा नहीं लगा |
जग्गू प्रियम की शक्ल देखकर - लगता है सच में इसकी चाची ने इसकी गांड मार ली बहनचोद | राजू मै हैरान हो सोचकर कैसे एक चूत किसी की गांड मार सकती है |
प्रियम भी झुंझला गया - साले किसी दिन तेरी मार लेगी तो पता चलेगा |
जग्गू की हंसी नहीं रुक रही थी - मारेगी काहे से बीच वाली उंगली से, मिडिल फिंगर का इशारा करके हां हा हा हा हा ह |
प्रियम को भी खुन्नस आ रही थी - साले हंस तो ऐसे रहे हो, कॉलेज से निकलवा दिया तुझे क्या उखाड़ लिया तुमने | रीमा चाची ऐसी ही है बोला न उनसे पंगे लोगो न तो सही बता रहा ऐसी झुका के मारेगी कि दो दिन तक बिस्तर से नहीं उठोगे, तुमारी सारी मर्दानगी तुमारी ही गांड में घुसा देगी, तब समझ में आएगा |
जग्गू को प्रियम की बात गुस्सा आ गया - क्या समझ में आएगा, क्या समझती है वो साली अपने आप को, मुझे कॉलेज से निकलवा दिया तो क्या खुद को दुनिया ऊपर समझने लगी | कुतिया बनाकर उसको न चोदा तो जग्गू मेरा नाम नहीं | साली की चीखे निकाल दूगां औए उनका विडिओ बनाकर पुरे शहर में वायरल कर दूगां | फिर साली की मोटी गाड़ भी मारुगा, तभी कलेजे में ठंडक पड़ेगी |
प्रियम उसको ताना मरता हुआ - अबे तू फेंका कम कर, साला तेरी झोपड़ी की लौंडिया तुझे चोदने नहीं देती और ख्वाब देख रहा है चाची के | साले सोचा वो कर जिसकी गुंजाईश हो |
जग्गू - साले फेंक नहीं रहा हूँ, तेरी चाची को तो मै चोदकर ही रहूगां, उस दिन तेरी चाची की वजह से नूतन की सील तोड़ते तोड़ते रह गया | साला उसकी पैंटी तक उतार दी थी मैंने, लंड पूरी तरह से तन्नाया हुआ था, बस नूतन की गुलाबी चूत में घुसाने को बचा था कि ये मनहूस टपक पड़ी |
राजू - जग्गू यार प्रियम सही कह रहा है, मेरा दिल कहता रीमा चाची से पंगे न ले |
जग्गू - चुप कर साले फट्टू कही के, उसकी चाची है तेरी क्या लगाती है | इसकी चाची को चोदुगाँ तो इसका एक बार को टची होना बनता है |
प्रियम बीच में ही बोल पड़ा - मै काहे को टची होऊंगा |
जग्गू - टची तो तू हो रहा है |
प्रियम - तुझे सही सलाह दे रहा हूँ, बाकि तेरी मर्जी |
जग्गू - लगी १० हजार की, एक महीने में तेरी चाची को चोद के ना दिखाया तो मेरा नाम गांडमारे रख देना |
राजू - सोच ले अच्छे से और रकम 20 हजार होगी और एक साल तक ये माल फ्री लायेगा |
जग्गू जोश जोश में बोल गया - बहनचोदो मंजूर है, साली की गांड भी चोदूगा | बस तुम लोग साथ न छोड़ो | मै प्लान बनाऊंगा |
प्रियम बिना जोश के बोला - मरवाएगा हम सबको |
जग्गू - बहनचोदो तुम लोग ही बैक मार जाते हो | राजू तू बोल |
राजू - मुझे मरना नहीं है, मेरी लाइफ में कोई प्रॉब्लम नहीं, चूत नहीं मिलेगी न सही लेकिन हाथ पाँव तो सही सलामत है |
अगली सुबह सबका नशा उतर गया और टॉपिक ख़त्म हो गया | हालाँकि जब भी तीनो साथ बैठकर माल फूकते थे तो उनका डिस्कशन रीमा पर ही होता था | 20 दिन से ज्यादा बीत गए, जग्गू कुछ ज्यादा कर नहीं पाया था | रोहित भी ऑफिस के काम में बहुत बिजी रहता था, उस प्रियम पर ध्यान देने की लिए टाइम कम मिलता था | इसलिए कई बार शाम को रीमा के यहाँ चली जाती थी और वहीँ डिन्नर बनाती थी | एक दिन रीमा ने प्रियम के पास से ड्रग्स की पुडिया पकड़ ली और बिना किसी सेकंड थॉट के रोहित के ऑफिस से आते ही उसको थमा दी | उस समय तो रोहित कुछ नहीं बोला, लेकिन रीमा के जाने के बाद उसकी जो तुड़ाई हुई है कि उसकी जान निकल गयी | दो दिन कॉलेज नहीं गया लेकिन उसे ये पता चल गया की उसके कमरे में से पुडिया रीमा ने ही निकाल कर दी है, क्योंकि रोहित तो ऑफिस में रहता था इसलिए उसका प्रियम के कमरे में आने का कोई सवाल ही नहीं था | अब तो प्रियम को भी लगता था एक बार रीमा चाची को सबक सिखा ही दिया जाये | अब वो उसके लिए प्रॉब्लम बनती जा रही थी | न चाहते हुए, बेहद ज्यादा डर के बावजूद माल फूकने के बाद रीमा को सबक सिखाने का प्लान बनाने लगे | प्रियम के साथ ये दिक्कत थी अगर वो पकड़ा गया तो रोहित के कहर से बचना मुश्किल है, अभी अभी कुछ दिन पहले ही उसकी अच्छे से मालिश हुई है इसलिए कुछ ऐसा करना होगा जिससे उसके कांड की खबर रोहित तक न पंहुचे |
प्रियम बोला - यार ऐसा कुछ सोचो, जो रीमा चाची मेरे बाप को न बता सके |
राजू - यू मैं हम कुछ एम्बैस्सिंग करे उनके लिए |
जग्गू - एक बार औरत को जमकर चोद दो मोटे लंड से हचक के बिना उसकी मर्जी के | चुदते समय एक बार उसके मुहँ से चीखे और आँखों से आंसू निकल आये समझ लो फिर वो तेरे लंड के सामने खामोश ही रहेगी |
प्रियम - तेरे से नहीं होगा जग्गू तू रहने दे, तू नहीं जानता रीमा चाची को |
जग्गू - तू हमेशा मेरे टैलेंट पर सक क्यों करता है?
राजू - अगर हम रीमा चाची का विडिओ बना ले .............|
प्रियम - यू मैं चुदते समय |
राजू - यस |
प्रियम - मुझे भी लगता है वो इसी तरह काबू में आएगी |
जग्गू - साली कुतिया को चोदूगा मै, तुम विडिओ बनाना राजू |
प्रियम - मेरे डैड दो वीक बाद फोरेन जा रहे है एक महीने के लिए तब तक मै रीमा चाची के कण्ट्रोल में ही रहूगां |
राजू - इसका मतलब जग्गू अपनी शर्त हार गया |
जग्गू - कौन सी शर्त ????
राजू - अबे भूल गया, 20 हजार और साल भर का माल फ्री अगर एक महीने में इसकी चाची को नहीं चोद पाया तो, अब तो सिर्फ चार दिन बचे है |
जग्गू - इन चार दिन में कुछ नहीं हो सकता |
प्रियम हँसने लगा - अपनी बात से पीछे मत हट, तू शर्त हार चूका है | मै डैड के रहते कोई रिस्क नहीं लूगाँ |
राजू - प्लान क्या होगा ????
प्रियम - ज्यादा प्लान मत बना फ़ैल हो जायेगा | तब का तभी देखेगें | मेरी पीठ पर पड़े हर निशान का मुझे बदला लेना है, अब चाहे कुछ भी हो जाये |
रोहित सच में प्रोजेक्ट के काम के लिए विदेश चला गया | प्रियम रीमा के साथ कुछ दिन ही रहेगा, क्योंकि उसकी बुवा लम्बी छुट्टी बिताने यहाँ आ रही थी हालाँकि वो अलग बात है की रोहित के साथ वो वक्त नहीं बिता पायेगी | इसकी वजह से रीमा से ज्यादा प्रियम ने राहत की साँस की थी | प्रियम को अपने साथ रखने पर रीमा को अपनी उन्मुक्त आजादी को त्यागना पड़ता जबकि प्रियम को रीमा के स्कैनर में लाइफ बितानी पड़ती | रोहित के जाने और प्रियम की बुवा के आने के बीच में बस ४ दिन का फर्क था |
पहला दिन शांति से गुजर गया | रीमा और प्रियम में ज्यादा बातचीत भी नहीं हुई | दुसरे दिन तीनो जुगत लगाते रहे आखिर कार प्लान बना ही डाला | कल रीमा ऑफिस से जल्दी घर आने वाली है | वो तीन बजे तक ऑफिस आ जाएगी | प्रियम का काम सारे अपडेट दोनों को देते रहना है | पीछे का दरवाजा खुला रहेगा | जग्गू और राजू दोनों मुहँ ढककर आयेगें | आते ही जग्गू अपनी गन निकल लेगा, पराजू लपककर प्रियम के कमरे का दरवाजा बंद कर देगा | इसके आगे का न उन्होंने सोचा न प्लान करने की जरुरत थी |
अगले तीन रीमा तय समय पर घर पर आ गयी | जग्गू अपने बाप की एक चोरी की खाली गन उठा लाया | रीमा ने आते ही कपड़े बदले, प्रियम का अपडेट लिया और अपने बेडरूम में कोई नावेल पढ़ने चली गयी | प्रियम ने दोनों को मेसेज कर अपडेट दिया | पीछे का दरवाजा प्लान के अनुसार खुला था | जग्गू और दोनों ने जल्दी से मुहँ ढका और बनाये हुए नक्शे के अनुसार घर के अन्दर घुसे | अन्दर घुसते ही जग्गू ने बेड पर पसरी रीमा पर गन तान दी - हिलना मत वरना बेजा उड़ा दूगां |
रीमा के तोअचानक ये देख होश ही उड़ गए | वो नावेल छोड़ बाहर की तरफ भागी कर दिया | इससे पहले बेडरूम से निकल पति, जग्गू ने बमुश्किल उसको कमरे के अन्दर ठेला और बाहर से बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया | राजू ने प्रियम के रूम का दरवाजा बंद किया | राजू भागकर बाहर का गेट बंद करने गया | राजू ने सभी परदे खींच दिए |
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जग्गू बाहर से ही रीमा को धमकाते हुए बोला - अगर चीखी चिल्लाई तो इस कमरे में बंद को लड़के को गोली मार दूगां | रीमा बदहवास ही बहुत डर गयी, उसका चेहरा डर के कारन पीला पड़ गया | कुछ देर तक तो वो समझ ही नहीं पाई कि हो क्या रहा है | राजू अपना काम ख़त्म करके वापस आ गया | प्रियम दुसरे कमरे में बंद था | उसके बाद जग्गू ने रीमा को धमकाया - सुन आचे से कान खोलकर सुन, अगर मेरी बात मानेगी तो तू और तेरा ये लड़का दोनों जिन्दा रहेगें, नहीं तो पहले तेरे सामने इस लड़के को निकालकर गोली मारूंगा फिर तुझे मार दूगां | इसलिए जितना बोली चुपचाप करती जा |
रीमा डरे हुए चेहरे के साथ सहमी आवाज में - प्रियम को कुछ मत करना, तुम जो बोलोगे वो करूंगी | क्या चाहिए तुम लोगो को और कौन हो तुम |
जग्गू ने ठहाका लगाया - साला हमसे पूछती है कौन लोग है हम ? शकल से क्या हम किसी बैंक के मेनेजर लगाते है | गुंडे है हम माल लुटने आये है |
रीमा की डर के मारे हालत ख़राब थी, लेकिन उसने अन्दर से हिम्मत बटोरी और अपना फ़ोन उठा कर सिक्युरिटी को मिलाने चली, खिड़की से ये देखते ही जग्गू ने झट से बेह्र्रोम का दरवाजा खोला और रीमा के बिलकुल सामने जाकर बन्दूक तान दी - मोबाईल फेंक वरना मरने के लिए तैयार हो जा |
रीमा के काटो तो खून नहीं, चेहरा डर के मारे बिलकुल पीला हो गया, फ़ोन अपने आप ही उसके हाथ से फिसल कर फर्श पर गिर गया | राजू ने फट से वो फ़ोन उठा लिया |
जग्गू ने धमकाया - हमसे कोई चालाकी नहीं |
रीमा ने डर के मारे नजरे झुका ली |
जग्गू - इस घर का मालिक कौन है ? क्या नाम है तेरा |
रीमा - मै ही हूँ इस घर की मालिक, रीमा नाम है मेरा |
जग्गू - चालाकी नहीं, पति का नाम बता |
रीमा - वो कई साल पहले गुजर गए |
जग्गू - उस कमरे में जो है वो तेरा लड़का है |
रीमा - नहीं मेरा भतीजा है |
राजू जोश में उछलता हुआ - बॉस काम की बात करे, मालकिन मस्त है |
जग्गू उसे डांटता हुआ - छुप कर बत्तमीज, औरतो की इज्जत करना नहीं जानता | हमें अपने काम से मतलब है, हमें अपना काम करना है और चले जाना है |
रीमा को कुछ जान जान आई, उसे लगा ये बड़ा वाला बदमाश भला इंसान है - तुझे जो चहिये ले ले, बस प्रियम को कुछ मत करना |
जग्गू - सोच ले तू क्या बोल रही है, बाद में पीछे मत हटना |
राजू बीच में ही बोल पड़ा - बॉस ये तो लेने की बात कर रही है, इतनी हसीन जिस्म की मालकिन के एक बार लेने में क्या बुराई है | माल तो हर जगह बना लेटे है लेने का मौका हर जगह नहीं मिलता है |
रीमा के शरीर में एक ठंडी सिरहन दौड़ गयी, मन ही मन सोचने लगी ये क्या बोल गयी मै, ये तो मेरे इज्जत लूटने की सोच रहे है | रीमा डर से कांपते शब्दों में बोली - मेरा मतलब पैसे से था, जग्गू को मुखातिब होते हुए - तुम तो भले इंसान लगते हो, जितना पैसा चाहिए मै दे दूँगी | हम दोनों को छोड़ दो |
जग्गू - हम कौन तुझे साथ ले जाने आये है छोड़ देगें, इतनी जल्दी भी क्या है कुछ खातिरदारी तो करवा ले पहले |
जग्गू - जूनियर जाकर उस छोरे को पकड़ के लावो और सामने वाली कुर्सी में इस धोती से बांध दो |
राजू ने बिलकुल वैसे ही किया | उसने प्रियम को लाकर रीमा के बिलकुल सामने पड़ी कुर्सी पर बांध दिया |
जग्गू ने जमीं पर पड़ी नावेल उठाकर देखने लगा - Fifty Shades of Grey | पति मर गया है और novel ये पढ़ रही हो, कही किसी के साथ अफेयर चल रहा है या बस मन में ख्याली पुलाव पक रहे है |
प्रियम भड़कता हुआ - साले मेरी माँ समान चाची से ऐसे बात नहीं कर सकता |
जग्गू - मै इम्प्रेस हुआ, राजू इसकी पेंट खोल साले की, इसकी चड्ढी उतार |
राजू ने दो मिनट में प्रियम को कमर के नीचे नंगा कर दिया |
रीमा - ये क्या कर रहे हो, तुम्हे पैसा चाहिए तो मै दूँगी | उसे छोड़ दो |
जग्गू - उसे छोड़ दूगां तो तुम कैसे दोगी |
रीमा सदमे की स्थिति में थी हालाँकि अब उसका खून नहीं सुख रहा था लेकिन फिर भी बहुत डरी हुई थी, उसका दिमाग नहीं काम कर रहा था, वो जग्गू की बातो का अर्थ समझ पाने में असमर्थ थी | राजू ने प्रियम को सीने से जकड कर बांध दिया और एक हाथ भी कुर्सी से बांध दिया | बस एक हाथ खुला छोड़ दिया |
जग्गू - चल सामने चाची को देख लंड को मुठियाना शरू कर, समझ ले ये बिलकुल नंगी बैठी | इसकी गुलाबी चूत तेरे सामने बेपर्दा है |
प्रियम चिल्लया - हरामजादो मै तुमारा खून पी जाउगा, एक बार मेरी रस्सी खोल दो |
रीमा बेबस सी लाचार दरी सहमी बैठी थी - क्या चाहिए तुम लोगो को बोलो न कितना पैसा चाहिए. मै देने के लिए तैयार हूँ | प्लीज ये सब मत करो |
जग्गू प्रियम की तरफ देखता हुआ - लड़के लंड मुठियाना शुरू कर वरना ..............................|
प्रियम और ज्यादा भड़कता हुआ - वरना क्या, वरना क्या |
जग्गू कुछ देर तक प्रियम को घूरता रहा फिर रीमा की तरफ देखकर बोला - मैडम आप इसकी कुछ मदद करेगी, क्योंकि मुझे नहीं लगता ये ऐसे मनाने वाला है |
रीमा के चेहरे पर सवालिया निशान थे - मै कुछ समझी नहीं |
जग्गू - आप बड़ी भोली है मैडम, देख रही है न आपका भतीजा कितना जिद्दी है | हम यहाँ से चले जायेगे लेकिन थोडा एंटरटेनमेंट करने के बाद | अब आपका भतीजा तो हमारी बात मान नहीं रहा, तो क्या आप उसके लंड को उठाने में कुछ मदद करेगी | जब आपका नंगा बदन देखेगा तो अपने आप उठेगा ऊपर को, आप इतनी हसीन है कि आपकी चूत को देखेते ही पिचकारी छोड़ देगा | एक बार इसका लंड सीधा हो जाये फिर आगे का काम तो हमारा जूनियर कर लेगा |
रीमा - क्या बकवास कर रहे है आप, ऐसा कैसे हो सकता है |
जग्गू - बिलकुल हो सकता है, आप कोई भी जुगत भिड़ाये, अपने कपड़े उतारे, उसके लंड को मसले, चुसे, अपनी चूत को उसे दिखाए या पूरी नंगी हो जाये | मुझे उसका लंड खड़ा चाहिए |
रीमा बेबस सी बिलकुल मरियल आवाज में - लेकिन क्यों ?
जग्गू - बस हमें देखना है, जितना जोश इसकी आवाज में है, क्या उतना ही दम इसके लंड में भी है या नहीं | इसके लंड की दम देखने के बाद हम तय करेगे कितना माल ले जाये | अगर ये तय समय से पहले झड़ गया तो
आपको न केवल हमें पैसे देने होंगे बल्कि एडिशनल कुछ भी देना पड़ेगा, अगर इसने हमारी डेड लाइन पार कर ली तो हम कम पैसे लेकर भी जा सकते है | ये मान लीजिये हमने और जूनियर ने आपस में शर्त लगी थी |
रीमा को उसका लॉजिक समझ नहीं आया - लेकिन तुम्हे कितने पैसे चाहिए ?
जग्गू - मैडम हम वो अभी नहीं बता सकते |
रीमा की कुछ समझ में नहीं आ रहा था कैसे डकैत है | वो बेहद डरी हुई थी और उसका दिमाग बिलकुल भी काम नहीं कर रहा था | राजू धीरे से बोला - मैडम एक बार अपने हसीन जिस्म के दर्शन तो कराइए, ये लंड क्या चीज है मुर्दे भी बोल पड़ेगे | एक बार अपनी हसीन ऊँची ऊँची चुचियो और उरोजों के तो दर्शन कराइए |
रीमा समझ गयी उन दोनों की नीयत उस पर ख़राब हो चुकी है लेकिन अभी वो कुछ कर भी नहीं सकती थी |
कुछ देर तक रीमा जडवत वैसे ही बैठी रही, मन ही मन सोच रही कैसी मुसीबत आन पड़ी |
जग्गू रीमा को धमकाता हुआ - मैडम हमारे पास टाइम नहीं है, या तो उससे कहिये अपने लंड को मसलना शुरू कर दे या आप अपने कपड़े उतारना शुरू कर दो | जो भी करना है जल्दी करो, वरना हम शुरू हो जायेगे |
जूनियर प्लास लाये हो, देना जरा, इसका एक नौखुन उखाड़ता हूँ तब इसका चीखना चिल्लाना कम होगा |
राजू ने जग्गू को इशारे में, प्लास तो वो लाया नहीं | जग्गू ने बात सँभालते हुए - किचन से ले आ |
प्रियम चिल्लाया - किचन में तुम्हे प्लस कभी नहीं मिलेगा क्योंकि वो तो स्टोर रूम के ड्रोर में रहता है |
जग्गू - थैंक्यू प्रियम |
रीमा हैरान थी प्रियम इतना बड़ा बेवकूफ कैसे हो सकता है | अपनी ही बर्बादी का सामान की जगह बता रहा है |
राजू ढूंढकर प्लास ले आया | जग्गू ने रीमा पर गन ताने रखी | राजू प्रियम की तरफ बढ़ गया |
राजू प्रियम से - किस उंगली का नौखून आप पहले दान करना पसंद करेगे |
प्रियम और ज्यादा जोश से - एक बार मेरी रस्सी खोल दे, तेरी गर्दन ही दान कर दूगां |
राजू - बॉस एनी स्पेसिफिकेशन |
जग्गू - दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली |
रीमा किर्तव्य विमूढ़ सी, बदहवास, वो कभी ऐसे परिस्थिति से गुजारी नहीं थी इसलिए समझ नहीं आ रहा था क्या करे | दो अजनबियों के सामने इस तरह से अचानक कपड़े उतारना, वो भी तब जब प्रियम सामने बैठा हो | कपड़े उतारना बड़ी बात नहीं, एक बार कपड़े उतर गए फिर न जाने ये क्या करेगे | छोटे वाले की नीयत तो अभी से ठीक नहीं लग रही है |
राजू ने प्रियम की उंगली प्लास में दबा ली, दबाई नहीं थी लेकिन प्रियम ने ऐसा जताया जैसे उंगली काट गयी हो | रीमा प्रियम की तरफ उठ कर भागी लेकिन जग्गू ने पीछे धकेल उसके सर पर बंदूक तान दी |
जग्गू गुस्से से - बहुत हो गया मैडम, अब हम और मिन्नतें नहीं करेगे | राजू उखाड़ दे नाख़ून | प्रियम और जोर से चीखने लगा | रीमा बदहवास सी चिल्लाई - रुको, रुको, प्रियम को कुछ मत कर, वो बच्चा है अभी |
जग्गू भी तेज आवाज में बोला - बिना इस लड़के के पिचकारी छुटे हम भी हिलने वाले नहीं है |
रीमा प्रियम से रिक्वेस्ट करने लगी - प्रियम मान जाओ, अपने लिए, वरना तुझे ये हर्ट करेगे |
प्रियम - मै मर जाऊंगा लेकिन इनकी घटिया बात कभी नहीं मानुगा |
इससे पहले जग्गू कुछ कहता, रीमा ने पल्लू नीचे सारा दिया | उसकी छाती से कसकर बंधा ब्लाउज रीमा के गोल गोल बड़े बड़े उरोजो को अपने में समेटे साड़ी के परदे से बाहर आ गया | रीमा का ब्लाउज तो बस उसके उभारो पर बस एक झीना कपड़ा था | रीमा ने एक झटके में साड़ी नीचे गिरा दी और फिर पूरी तरह से उतार दी |
रीमा ने नीचे से पेटीकोट भी उतार दिया | सामने रखे शीशे में अपने मुरझाये चेहरे को देखने लगी | वो क्या कर रही है क्यों कर रही है, एक बार नंगा होने के बाद क्या ये तुझे बिना कुछ किये छोड़ देगें | क्यों खुद ही अपने आप को नरक की तरफ ले जा रही है, ये बिना चोदे तुझे नहीं छोड़ने वाले | फिर एक बार चोदेगे या बार बार पता नहीं, तुझे अपनी सेक्स गुलाम बना लेगें | फाइनली रीमा के दिमाग में आईडिया आने लगे थे | बार बार तुझे सेक्स के लिए मजबूर करेगे | नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता, ये मुझे सेक्स गुलाम नहीं बना सकते, मै रीमा हूँ, रीमा सिर्फ अपने जिस्म के सेक्स की दासी है वो दुसरे की दासी नहीं बनेगी | रीमा का आत्मविश्वास कुछ हद तक लौटा | क्या हुआ अगर एक बार छोड़ लेगें, है तो लंड ही चूत में ही तो जायेगें, इसमें नया क्या है और डरने वाला क्या | अगर ये तुझे चोदना चाहते है तो ये तो तेरे लिए प्लस पॉइंट है | तू इनका इस्तेमाल कर, इन्हें बरगला, इन्हें भटका और प्रियम को आजाद करा |
रीमा ने फैसला कर लिया था अब वो वही करेगी जो वो दोनों चाहते है | उधर रीमा के बदन से कपडे हटते ही रीमा का बदन दमकने लगा | जग्गू और राजू दोनों की लार टपकने लगी | रीमा ऊपर सिर्फ ब्लाउज पहने थी और नीचे पैंटी | दोनों रीमा को कसकर घूर रहे थे |
रीमा ने जग्गू से पुछा - मै इसका लंड हिलाऊ ?
जग्गू एकदम हतप्रभ था ये पल भर में आत्मा परिवर्तन कैसे, उसको आगे का कुछ नहीं सुझा | राजू ने रीमा के आगे बढ़ना का इशारा किया | जग्गू उसकी तरफ गन ताने रहा |
रीमा प्रियम के पास जाते ही कुछ खुसफुसाने लगी- डरो मत मै कुछ करती हूँ इनका |
उसका मुरझाये लंड को खड़ा करने के लिए हिलाने की कोशिश करने लगी | अपने इतने करीब रीमा को देखकर और जब उसके हाथ में उसका लंड हो प्रियम थोडा असहज हो गया, उसे किचन की लंड मसलाई याद आ गयी | रीमा ने प्रियम के लंड पर अपने हाथो की गति बढ़ा दी | जग्गू और राजू दोनों आंखे फाड़े पीछे से रीमा के नंगे चूतड़ जो बड़ी मुस्किल से एक छोटी पैंटी से ढके थे को देखकर ही उत्तेजित हुई जा रहे थे | रीमा ने अपने ऊपर का ब्लाउज भी उतार फेंका | अब वो प्रियम का लंड हाथ में थामे कमर के ऊपर पूरी तरह से नंगी थी | रीमा बिना प्रियम का ख्याल किये स्ट्रोक लगा रही थी और प्रियम का लंड भी सीधा होने लगा था | रीमा खुद को प्रियम के करीब ले आई और उसके लंड को अपनी छातियों के पहाड़ी उरोजो के बीच में रखकर मसलने लगी |
रीमा का डर कम हो गया था या यू कहे उसके अन्दर के सेक्स फंतासी ने कुचाले मारना शुरू कर दिया | इस माहौल में भी उसे प्रियम से मस्ती करने की सूझी - हाँ बेबी यू लाइक इट .........हाँ बेबी यू लाइक माय स्ट्रोक |
प्रियम की उत्तेजना बढ़ने लगी, ये सब देखकर राजू और जग्गू भी अपने मुखौटे के अन्दर से उत्तेजना की तेज सांसे लेने लगे | उनकी निगाहे तो रीमा के नंगे जिस्म पर ही टिकी थी | राजू और जग्गू दोनों ही अपने अपने लंड पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगे | रीमा न केवल प्रियम को लंड को खड़ा कर चुकी थी, बल्कि उसको अब उसका स्वाद भी चखना था लेकिन फिर उसे शर्त का याद आया तो धीरे धीरे ही प्रियम के लंड को मसलती रही | साथ ही धीमी आवाज में प्रियम को उकसाती भी रही - हां बेबी मेरा लंड मसलना अच्छा लग रहा है, मै ऐसे ही मुठ मार मार के तुमारी पिचकारी निकालूंगी | तुमारा लंड बहुत गरम हो गया है | मेरे नाजुक स्तनों को कही झुलसा न दे | प्रियम भी रीमा की आँखों में आंखे मिलाये बस उसी वासना के भाव से देख रहा था |
अन्दर से प्रियम की फटी पड़ी थी, अब तक सब कुछ उसके प्लान के मुताबिक गया था लेकिन अब जो हो रहा था वो प्लान का हिस्सा नहीं था | अनप्रिडिक्टटेबल रीमा के बारे में कुछ भी प्लान बनाना मतलब अपना सर दीवार पर दे मारना है | रीमा प्रियम का लंड हिलाने में लगी है और पीछे राजू, जग्गू भी पेंट से अपने लंड निकाल हिलाने लगे | थोड़ी ही देर में उनके लंड भी तनने लगे और प्रियम की तरह की कठोर होकर पत्थर बन गए | जब से रीमा प्रियम के पास आई थी उसने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा लेकिन सांसो की आवाजो से उसने अंदाजा लगा लिया था पीछे का क्या माहौल है | रीमा ने बस कनिखियो से पीछे देखा, दोनों रीमा को घूर घूर कर अपने लंड मसल रहे थे | प्रियम की फटी पड़ी थी और वो दोनों रीमा के रूप जाल की हवस में धंसते चले जा रहे थे | आखिरकार रीमा ने थोडा और इन्तजार करने की सोची | उसने प्रियम के लंड के लाल सुपाडे पर अपनी खुरधुरी जीभ चला दी | प्रियम की सिसकारी निकल गयी | रीमा प्रियम का लंड मुहँ में लेकर चूसने लगी | प्रियम ने उत्तेजना के कारन मुट्ठियाँ भींच ली | उसके मुहँ की सिसकारी और तेज हो गयी |
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रीमा के मुहँ में प्रियम का लंड फिसलने लगा, रीमा भी अपन सर लहरा लहरा कर गहराई तक प्रियम का लंड मुहँ में लेकर चूसने लगी | ये सब राजू और जग्गू लाइव देख रहे थे जो प्रियम ने उसे बताया था | अपनी आँखों से अपने सामने वो तो अपनी किस्मत पर यकीं ही नहीं कर पा रहे थे | एक ही कमरे में तीनो और उनके सामने लगभग लगभग नंगी रीमा का गोरा गुलाबी बदन, सचमुच की रियल रीमा चाची मौजूद थी | जिसके बारे में सोचकर न जाने कितनी बार पेंट में तम्बू तना था, आज उस चूत को चोदने की चाहत उन्हें यहाँ खीच लायी और वो चूत बस कुछ दूरी के कदमो पर थी | एक पैंटी उतारने की देर थी और वो जन्नत की ओर जाने वाली मखमली गुलाबी सुरंग उनके सामने होगी |
जग्गू की उत्तेजना तो रीमा के बारे में सोच सोचकर काबू ही नहीं हो रही थी | साली के एक झटके में इसकी चूत में पूरा लंड घुसा दूंगा | कितना मजा आएगा, साली जब मेरे चोदने पर चीखेगी | अभी चूस ले लंड प्रियम का, अभी लंड तो मै पेलुगां तेरी चूत में | साला तेरे चक्कर में क्या क्या दिन देखने पड़ गए | राजू का भी यही हाल था, उसने तो इस तरह से पूरी नंगी औरत अपने जिंदगी में कभी देखि नहीं थी, वो तो बस रीमा को देखे के अपने लंड को मुथियाये जा रहा था | चाहता तो वो भी रीमा को चोदना था लेकिन उसके लिए रीमा के जिस्म को नंगा देखना ही बहुत बड़ी बात थी, वो उत्तेजना की रौ में बहता चला जा रहा था | उसकी उत्तेजना उसके काबू में नहीं थी और जितना वो रीमा को देखता उतनी तेज उसका हाथ लंड पर आगे पीछे होता | वो उत्तेजना के कारन बढ़ता बढ़ता रीमा की तरफ चला गया | सभी वासना की उत्तेजना के भंवर में थे इसलिए किसी का भी खुद पर काबू नहीं था | जग्गू ने रोकना चाहा लेकिन वो खुद रीमा को देखकर पगला रहा था | राजू को पास आया देख रीमा एक हाथ से उसके लंड को सहलाने लगी और जैसे ही रीमा ने राजू के लंड पर चार पांच स्ट्रोक लगाये, राजू उत्तेजना में बह निकला | इतनी देर लंड मथने से बना सफ़ेद गाढ़ा लावा उसके शरीर से पिचकारी के रूप में बह निकला |
रीमा के हाथ राजू के लंड रस से सन गए | रीमा भावहीन चहेरे से राजू के ढके मुहँ की तरफ देखती रही | राजू पिच्ज्कारी छुटते ही हांफने लगा |
रीमा ने राजू के लंड रस से सना हाथ प्रियम के लंड पर दौड़ना शुरू किया | रास्ता स्मूथ था इसलिए पिस्टन की तरह प्रियम का लंड रीमा के हाथो में अन्दर बाहर हो रहा था और आखिर कब तक प्रियम रीमा के आगे टिक पाता, उसने भी रीमा के हाथ से मथकर तैयार किये गए लंड को रीमा के ऊपर ही उडेलना शुरू कर दिया | रीमा के ओंठो के आस पास का इलाका प्रियम के लंड रस से बुरी तरह सन गया | रीमा प्रियम को देख रही थी और प्रियम रीमा को देख रहा था | दोनों में से किसी ने भी नजरे नहीं हटाई, शायद झड़ता प्रियम रीमा के सौंदर्य के किसी और रूप के ही दर्शन कर रहा था | रीमा भी प्रियम में कुछ तलाशने में लगी थी | प्रियम के लंड से गरम लावे की आखिरी बूंद निचोड़ने को रीमा के हाथ पुरजोर कोशिश कर रहे थे | तभी राजू उत्साह में बोल पड़ा - जग्गू भाई मजा आ गया |
रीमा की एकाग्रता भंग हुई, उसने कुछ सुना जग्गू, ये नाम तो जाना पहचाना है | प्रियम को लगा अब खेल ख़त्म, जग्गू ने बात संभालते हुए कहा - अबे गधे कितनी बार बोला है, मुझे पता है ये तेरा मुस्किल टाइम है, मुश्किल वक्त में दिमाग का इस्तेमाल किया कर |
राजू - जी बॉस जगदेव प्रसाद |
रीमा को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसे संजीवनी बूटी पिला दी हो | अपने मुहँ पर लगे प्रियम के लंड रस को पोछते हुए तेजी से पीछे की तरफ उठी और जग्गू के हाथ से बन्दूक छीन ली, और जग्गू राजू की तरफ तान दी |
रीमा दहाड़ी - चलो अपने मास्क उतार दो, कोई फायदा नहीं, तुम पकडे जा चुके हो बच्चे जग्गू |
प्रियम चौंक गया, उसे लगा अब सचमे गेम ख़त्म | जग्गू अपनी जगह से इंच भर नहीं हिला |
रीमा दहाड़ी - मास्क उतारो वरना जीतनी गोली उसमे है सब के सब उतार दूँगी |
जग्गू अपने लंड को मसलते हुए हंसने लगा - हा हा हा हा उसमे कोई गोली नहीं है रीमा मैडम, ज्यादा लाल पीला नहीं होने का |
राजू ने अपना मास्क उतार दिया - जग्गू तू मरवाएगा मुझे, खाली पिस्टल लेकर चला आया, साले मुझे बताया तक नहीं | भला ऐसा कोई करता है क्या |
जग्गू उसे धमकाता हुआ बोला - अबे फट्टू, साले इन मैडम की हालत देखि थी | बिना गोली के ये हाल था सोच गोलिया होती तो क्या हाल होता |
जग्गू ने भी अपना नकाब उतार दिया और अपने लंड को मसलते हुए रीमा के करीब जा पंहुचा - उसके हाथ से पिस्टल छीन ली - मेरा लंड तो अभी खड़ा का खड़ा ही है मैडम, इसकी भी पिचकारी निकाल दो | अब बताओ प्यार से करोगी या जबरदस्ती करनी पड़ेगी |
राजू के तरफ देखकर - राजी मैडम की फोटो तो खींच दो चार |
रीमा एक थके हारे इंसान की तरह से बिस्तर पर बैठ गयी, उसको अन्दर ही अन्दर जोर से रोना आ रहा था लेकिन तभी जग्गू का डायलोग याद आ गया | मुसीबत के वक्त दिमाग लगावो | उसने खुद की भावनाओ की काबू करते हुए, जग्गू राजू और प्रियम तीनो को बारी बारी से देखा | प्रियम ने सर झुका लिया | रीमा समझ गयी ये सब इन तीनो का मिलकर किया धरा है |
प्रियम की तरफ लपककर तेजी से गयी और एक तेज झन्नाटेदार झापड़ रसीद कर दिया - रंडी की औलाद, दिखा दी ना अपनी औकात |
राजू की फट के हाथ में आ गयी, उसे लगा अब हड्डी पसली एक होनी है, कांपते हाथो से वो रीमा की जो सिर्फ पैंटी पहने थी फोटो खीचे जा रहा था, रीमा ने एक झन्नाटेदार झापड़ उसे भी रसीद कर दिया | फ़ोन राजू से दूर छिटक कर जा गिरा | राजू पर ताड़बतोड़ हाथ बरसाने लगी |
रीमा रुन्वासी हो आई, राजू की भी आवाज भर्रा गयी | रीमा बड़ी हिकारत से - राजू तुम भी, मै ही मिली थी तुम सबको, यही सब अपनी माँ के साथ कर सकते हो | कुछ अरमान थे एक बार प्यार से आकर दिल की बात कहते तो सही | घिन आती है तुम सबसे मुझे, तुम सब भी इस सड़क छाप की तरह निकले |
प्रियम सर झुकाए बैठा रहा लेकिन राजू सिबुकने लगा - उसे रोते रोते एक साँस में सारी कहानी रीमा को सुना डाली | इन सबकी जड़ में जग्गू और प्रियम थे जो उससे अपना बदला लेने आये थे |
रीमा माथा पकड़कर बैठ गयी | तभी जग्गू अपना लंड मसलता हुआ रीमा के करीब आया - बड़ा अफ़सोस हो रह है न मैडम रीमा जी | उस दिन नहीं हुआ था जब मेरी शिकायत करने कॉलेज गयी थी | अब ले लंड ले मेरा मुहँ में इसको चूस, नहीं तो गन में गोलियां नहीं लेकिन चाकू असली है | उसने पेंट के जेब से एक खतरनाक चाकू निकाला | इसको चूस, अंदर तक गले तक ले जा | आज तुझे जमकर चोदूगा, एक बार में ही पूरा लंड घुसा दूगां, हचक हचक के इतना चोदूगा की तुमारी कमर में दर्द कर दूगां, पूरी रात तुझे कुतिया बनाकर ऊपर से नीचे से पीछे आगे से हर तरह से चोदूगा | तेरी जिस्म की जवानी के रस की जब तक एक एक बूंद नहीं निचोड़ लूँगा तब तक तुझे चोदता रहूगां और तुमारी नाजुक चूत को अपने लंड से कुचलता रहूगां, फिर तेरे बड़े बड़े चुताड़ो को, जिनको खूब मटका मटका कर चलती है इन्हें हवा में उठाकर तेरी गांड भी मारूंगा वो भी बिना लोशन या क्रीम के | तेरा गुरुर तोड़कर ही जाऊंगा |
रीमा भी उसकी आँखों में आँखे डाल घूरती रही | अब उसके लिए हया शर्म के नाम पर बचा ही क्या था | जब उम्मीदे ख़त्म हो जाती है और बन्धनों का मोह छुट जाता है तब इन्सान ज्यादा तार्किक फैसले लेता है | रीमा समझ चुकी थी इस जाल से निकलना मुश्किल है, जग्गू अपना बदला लेने आया है और वो किसी भी हद तक जा सकता है | उसे हर्ट भी कर सकता है | उसे संयम और समझदारी से काम लेना होगा, नहीं तो जग्गू न केवल उसको उसकी मर्जी के खिलाफ चोदेगा बल्कि दुर्गति भी करेगा | वो अगर इस हद तक आ गया है तो कुछ भी कर सकता है, बेहतर होगा उसके साथ बुद्धि से काम लिया जाये | एक पल में रीमा ये सब सोच गयी और जग्गू को देखकर हलके से मुस्कुराने लगी |
रीमा को मुस्कुराता देख जग्गू हैरानी में पड़ गया, मन ही मन सोचने लगा कही रीमा मैडम पागल तो नहीं हो गयी सदमे से | प्रियम और राजू भी हैरान थे |
रीमा उनके हैर्रण चेहरे देखकर - बस इतनी सी ख्वाइश है तुमारी, बच्चे |
जग्गू हैरानी से - चालाकी नहीं, तुम्हे पता है मै बहुत डेंजरस हूँ क्या मतलब है तुमारा |
रीमा निश्चिंत होकर - बस जी भर के चोदना चाहते हो मुझे और उसके लिए इतना सारा ड्रामा
उफफ्फ्फ्फ़ तुम बच्चे भी न | तुम्हे पता है न मेरे पति बरसो पहले मर गए है | अब इतने सालो से लंड का अकाल पड़ा है जिंदगी में और तुम हो कि एक लंड लेकर आये हो तो चाकू दिखाकर धमका भी रहे हो |
जग्गू को अपने कानो पर यकीन नहीं हुआ, जग्गू ही क्यों किसी को भी अपने कानो पर यकीन नहीं हुआ |
जग्गू - मेरे को ये समझ नहीं आई |
रीमा - इसलिए कहा है बच्चे हो अभी तक, इधर आवो, जग्गू को अपनी तरफ खीचकर उसकी शर्ट के बटन खोलने लगी | बच्चा लोग कान खोलकर सुन लो मेरी चूत चोदनी है तो मेरा कहना मानना होगा |
उसके सारे कपड़े उतारकर जग्गू को पूरी तरह से नंगा कर दिया | राजू से प्रियम की रस्सी खोलने को कहा | तब तक अपनी पैंटी भी उतार दी | राजू और प्रियम भी पूरी तरह से नंगे हो गए | उस कमरे में अब सब से सब पूरी तरह से नंगे थे | रीमा ने तीनो को अपने लंड को मुठीयाने को बोला, कमरे का माहौल अब बदल गया था | तीनो आज्ञाकारी बच्चो की तरह अपने अपने लंड मुठीयाने लगे, लेकिन जग्गू को औरत का कण्ट्रोल बर्दाश्त नहीं हुआ और वो जाकर रीमा के पास खड़ा हो गया |
जग्गू - यहाँ बॉस मै हूँ और जो मै कहूँगा वो सबको मानना पड़ेगा |
रीमा चाहती थी मामला शांति से निपट जाये लेकिन जग्गू मानने को तैयार ही नहीं था, हर बात में वो अपनी धौंस ज़माने की कोशिश करता | रीमा को लगा इसका इलाज करना ही पड़ेगा | रीमा ने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और लगी मुठीयाने | जग्गू बीच में कुछ कहना चाहता था, रीमा ने उसे रोक दिया - मुझे तुझसे ज्यादा एक्सपीरियंस है चुदाई का और तेरे से डबल डबल लंड अपनी चूत में लेकर रात रात भर चुदी हूँ, मुझे चोदना मत सिखा | तेरा लंड भी चुसुंगी, मुहँ में लूंगी, चूत में लूंगी | तेरी हर ख्वाइश पूरी होगी अब अपना सड़क छाप अकड़ कुछ देर अपनी जेब में रख |
जग्गू चुप हो गया, बाकि दोनों अपने अपने लंड को हिलाने में लगे रहे | रीमा जग्गू का लंड मुठीयाने लगी और फिर धीरे से उसके सुपाडे पर अपनी गीली लिसलिसी जीभ फिराने लगी | जग्गू के लिए ये बिलकुल नया अनुभव था, वो आनंद से सरोबार हो गया - यस्स्स्सस्स्सस रीमा मैडम, आआअह्ह्ह मजा आ गया |
रीमा उसकी बातो से बेपरवाह उसके लंड को आराम से अपनी जांघे फैलाकर हाथो से मुठिया रही थी | जग्गू को रीमा की गुलाबी चूत साफ़ दिखा रही थी जिसको देख देखकर वो बौराया जा रहा था | रीमा बहुत तेज लंड पर हाथ का स्ट्रोक लगा रही थी | बीच बीच में उसका सुपाडा मुहँ में लेकर चूसने लगाती तो जग्गू अंदर तक मस्तियाँ जाता था - आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मैडम आआआआह्ह्ह्ह ऐसा लग रहा है जैसे स्वर्ग में हूँ |
रीमा के बड़े बड़े उठे उठे सुडौल ठोस उरोजो को देखकर, उसके दुधिया बदन को देखकर जग्गू तो जैसे पागल हुआ जा रहा था | उसे अभी भी खुद को यकीन दिलाना पड़ रहा था की उसके सपनो की रानी रीमा के हाथ में उसका लंड है और वो रीमा के बदन की गर्माहट महसूस कर रहा है |
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रीमा ने उसे बिस्तर की तरफ और झुका दिया और उसके लंड को अब मुहँ में ही भर लिया और चूसने लगी | रीमा के नरम मुहँ का गीलापन , जग्गू के गरम लंड पर बड़ा सुखद लग रहा था | उधर राजू और प्रियम के लंड भी फिर से अकड़ने लगे थे | रीमा जोरो से जग्गू के लंड को मुहँ में लेकर चूस रही थी, धीरे धीरे रीमा जग्गू को बिस्तर पर झुकाती जा रही थी और उसके ऊपर खुद झुकती चली जा रही थी |
जग्गू के लंड के साथ उसकी हरकते अब उग्र होती जा रही थी, जैसे कसकर लंड को मसल देना, उसके सुपाडे पर दांत लगा देना, उसके लंड को कसकर चूस लेना, उसके साथ साथ वो जग्गू को गोलियों के साथ भी खेलने लगी | जग्गू इस समय स्वर्ग में था, उसे अंदाजा नहीं था ऐसे भी लंड चूसा जा सकता है | रीमा ने तो उसे सीधे ही जन्नत की सैर करा दी थी | वो बस उत्तेजना और आनंद से कराहे जा रहा था | प्रियम के लिए ये एकदम नया नहीं था लेकिन राजू के लिए ये सब एक नयी दुनिया से परिचित होने जैसा था |
रीमा ने जग्गू के लंड को अपने मुहँ की गहराई तक उतारने लगी थी | जैसे रीमा मुहँ को नीचे की तरफ ले जाती जग्गू का लंड एक तरह से गायब ही हो जाता | रीमा पूरा का पुरा लंड मुहँ में समाये ले रही थी | रीमा के गुलाबी रसीले ओंठ जग्गू के लंड की जड़ को स्पर्श कर रहे थे | रीमा ने पहले एक दो बार धीरे धीरे सावधानी से पूरा लंड निगला, फिर पूरा लंड सटासट गले तक उतारने लगी | उसे जग्गू के लंड पर ओंठो का दबाव भी बढ़ा दिया था, जग्गू के लंड और उसके गुलाबी रसीले ओंठो के बीच जबदस्त गर्षण हो रहा था |
जग्गू के मुहँ से बस - आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्हह्हहहहहह ही निकल रहा था | रीमा न केवल जग्गू के लंड पर सख्ती किये हुई थी बल्कि उसकी गोलियों को भी दही की तरह मथ रही थी | राजू एकटक जग्गू के लंड की चुसाई देख रहा था, उसने ये नजारा अपने जीवन में कभी भी नहीं देखा था | रीमा पूरी तनमयता से जग्गू का लंड चूस रही थी |
रीमा की ये खास बात थी उसे किसी लंड पसंद हो न हो लेकिन एक बार वो शुरू हो गयी फिर वो दिलो जान से उसके लंड को जन्नत की सैर कराती थी | रीमा एक ही झटके में जग्गुके लंड को मुहँ के अन्दर गायब किये दे रही थी | रीमा ने तेजी से रिद्धम के साथ सर को ऊपर नीचे करना शुरू किया, जग्गू के कराहे बढ़ गयी थी और अब उसकी पिचकारी छूटने वाली ही थी | रीमा ने अपनी गति और बढ़ा दी और बेतहाशा बुरी तरीके से जग्गू के लंड को मुहँ में ही मसलने लगी | जग्गू के शरीर में भी हरकत होने लगी | उसने लंड मंथन का लावा अपने अन्डकोशो से बहा निकला और सीधे पिचकारी के रूप में रीमा के मुहँ में समाने लगा |
रीमा के मुहँ खोलते ही वो जग्गू के पेट पर गिरने लगा | जग्गू स्वर्ग की सैर कर रहा था रीमा उसके लंड को निचोड़ रही थी | जग्गू के आंखे बंद हो गयी | रीमा उसके रिसते लंड को छोड़ जग्गू के ऊपर आ गयी | जग्गू मदहोश थ और रीमा ने तेजी से अपनी साड़ी उठाई और जग्गू के दोनों हाथो में गांठ लगाकर उसे बेड से बांध दिया | जग्गू जब तक कुछ समझ पाता, उसके हाथ कसकर बेड से बांधे जा चुके थे | जग्गू कुछ पूछता इससे पहले ही रीमा उसके कान में फुसफुसा आई - सेकंड राउंड, थोड़ा और ज्यादा मुश्किल लेकिन उतना ही रोमांचकारी | जग्गू उसी मस्ती में मस्तियाँ गया और उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया |
रीमा जल्दी से बेड से उतरी और ड्रोर से चाभी लेकर एक रूम की तरफ चली गयी | वहां से वो दो बड़े बड़े डिब्बे के पैकेट लेकर आई | वही रख दिए, प्रियम और राजू दोनों ही अपने लंडो को मसल रहे थे | रीमा ने देखा जग्गू चुपचाप आंख बंद करके लेता है | रीमा राजू के पास आ गयी और उसके बाद राजू के पास बैठकर उसके लंड को सहलाने लगी | वो राजू की आँखों में एकटक देख रही थी और राजू सुरुआती झेंप के बाद रीमा की नशीली आँखों में खो गया | रीमा राजू का लंड मसलते हुए उसको एकटक देख रही थी | वो राजू के चेहरे के भाव पढ़ा रही थी | राजू मस्ती और कामवासना की उत्तेजना में डूबा हुआ था | राजू के मुहँ से बस - आह आह आह आह ही निकल रहा था |
राजू का लंड पूरी तरह खड़ा हो चूका, उसके लंड में खून का दौरान तेजी से हो रहा था और उसके कारन उसके लंड की नसे साफ़ झलक रही थी | रीमा ने उसके लंड की तरफ झुकते हुए उसके खड़े सख्त लंड की खाल की पीछे तक खीच दिया और उसका लाल फूला सुपाडा रीमा के चेहरे के सामने नुमाया हो गया, उसका लंड तेज खून के दौरान के कारन काँप रहा था | राजू की धड़कने तेज थी और सांसे बेकाबू थी | राजू और रीमा एकक दुसरे की आँखों में एकटक देख रहे थे | रीमा ने बड़ी अदा ने राजू के गरम सख्त लंड का सुपाडा मुहँ में निगल लिया और सर हिला हिला कर चूसने लगी | राजू के मुहँ से जोरो की सिसकारी फूटने लगी | रीमा उसकी आँखों में आंखे डाल उसके लंड को चूसने लगी | रीमा लयबद्ध तरीके से अपना हाथ राजू के लंड को मसलते हुए उसकी जड़ तक ले जाती और फिर आगे सुपाडे तक लाती और उसके सुपाडे को अपने रसीले ओठो की सख्त गिरफ्त में लेकर कसकर चूस रही रही थी और मुहँ में अन्दर बाहर कर रही | रीमा ने राजू को इशारे से उसकी आँखों में लगातार देखने की हिदायत दी | राजू उसकी बात नहीं समझा | रीमा ने मुहँ से उसका फूला सुपाडा निकल कर बोला - वो सिर्फ उसकी आँखों में देखे | पहली बार में राजू टाइम से पहले झाड़ गया था इसलिए रीमा उसे कुछ एक्स्ट्रा आनंद देना चाहती थी | इसलिए जग्गू से निपटे ही रीमा राजू के लंड को लेकर चूसने लगी | रीमा के नरम मुहँ की लिसलिसे गीलापन राजू के गरम लंड पर बहुत ही आनंददायी था | राजू ने मस्ती में आंखे बंद करने की कोशिश की लेकिन रीमा ने दुसरे हाथ से चपत मार कर उसको याद दिलाया की उसे रीमा की नशीली आँखों में ही डूबे रहना है |
इतना रोमांचकारी सीन देखकर प्रियम की भी अच्छे से उत्तेजित हो गया, वो रीमा की राजू के लंड की चुसाई देखकर कर अपने लंड को कसकर मसलने लगा | उधर जग्गू बेड पर पड़ा हुआ था उसके हाथ बांधे थे | वो अपने हाथ खोलने की कोशिश कर रहा था | वो बेड पर लेटे लेटे ही चिल्लया - प्रियम मेरे हाथ खोल मुझे रीमा मैडम की गोरे गोर उठी हुई ठोस उरोजो को मसलना है |
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05-06-2019, 09:28 PM
(This post was last modified: 05-06-2019, 09:35 PM by vijayveg. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
प्रियम उसकी तरफ जाने वाला था , रीमा ने उसे घुड़क दिया | प्रियम फिर से चुपचाप अपने लंड को मसलने लगा | जग्गू का धैर्य जवाब दे रहा था - मैडम मेरे हाथ खोलो, मुझे भी आपको स्वर्ग की सैर करनी है |
रीमा - बस कुछ देर और बच्चे, राजू को निपटा लू फिर तेरे पास ही आ रही हूँ |
जग्गू रीमा की मादक आवाज से फ्लैट हो गया, उसने कुछ नहीं कहा | रीमा फिर से और ज्यदा सख्त हाथो और ओठो से राजू के लंड को चूसने लगी | राजू इस जादुई पल को जीवन भर के समेत लेना चाहता था वो चाहता था ये जादुई सफ़र कभी ख़त्म ही न हो | कामवासना के समद्र में गोते लगाते हुए उसने मादकता से कराहते हुए - रीमा आंटी थोडा स्लो, प्लीज |
रीमा समझ गयी राजू को क्या चाहिए | रीमा ने आइस्ते आइस्ते उसके लंड को चुसना शुरू कर दिया |
राजू अभी अभी झड़ा था इसलिए इस बार इतनी जल्दी झड़ना संभव नहीं था दुसरे वो रीमा के इस स्वर्गदायी आनंद को जीभर के महसूस करना चाहता था | वो चाहता था ये सफ़र कभी खतम ही न हो, रीमा चाची उसके लंड की यू ही जादुई चुसाई करती रहे | रीमा अभी भी लंड चूसते समय राजू की ही आँखों में देख रही थी, उसने राजू की बात मानकर उसकी स्पीड जरुर थोड़ी कम कर दी | रीमा की गीला नरम मुहँ और राजू का कठोर सख्त गरम लंड का फूला सुपाडा, आह क्या जादुई अनुभव था राजू के लिए | कभी प्रियम भी ऐसे ही मैजिकल मोमेंट से गुजरा था | आज राजू के लिए भी वैसा ही जादुई पल था, कोई इतने कलात्मक तरीके से, इतने सलीके से, इतनी बेहतरीन और अलग अंदाज में भी लंड चूस सकता है ये तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था |
राजू अब चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ने लगा था | उसकी सांसो की गति और मुहँ से निकलती कराहे और शरीर के हव भाव बता रहे थे अब वो ज्यादा देर का मेहमान नहीं है | रीमा आराम से धेरे धीरे उसके लंड के सुपाडे से खेल रही थी लेकिन राजू के लिए अब अन्दर उमड़ते लावे को रोक पाना मुश्किल हो गया था | उसकी झील का बांध टूट गे अता उर उसमे से तेज धार के साथ सफ़ेद गरम गाढ़ा लावा बाहर की तरफ बह निकला | एक तेज पिचकारी रीमा के ओंठो से टकराती हुई हवा में उछाल गयी | राजू के म्यहं से बस इतना ही निकला - रीम्म्म्मम्म्मम्म्म्म आंटी मैमैमैमैअमिया गयाआआआ आआआआआआआआआआआअ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आअहाआअहाआह्ह आअहाआअहाआह्हआअहाआअहाआह्हआअहाआअहाआह्ह |
रीमा ने राजू के टूटे बांध की धार अपने नरम हाथो की सख्त सख्त जकड़न से रोक ली और राजू के मुहँ की तरफ लंड सीधा करके हल्का सा हाथ हिलाया, दूसरी पिचकारी सीधे राजू के सीने से लेकर मुहँ तक उसी को भीगो गयी |
सामने रीमा के गोल गोल सुडौल पुष्ट उरोज धीरे धीरे हिल रहे थे, रीमा एकटक राजू की आँखों में ही देख रही थी बिना किसी अतिरिक्त उत्तेजना के और उसका हाथ राजू के लंड को हलके हाथो से हिला रहा था पिचकारी की बौछार उसमे से निकल कर राजू को ही तरबतर किये से रही थी | राजू बस अपने लंड से निकलते सफ़ेद लावे के कारन कराह रहा था | प्रियम और जग्गू दोनों ही हैरानी से ये सब देख रहे थे | वो एक एक पल को अपने दिलो दिमाग में हमेशा के लिए संजो लेना चाहते थे | उन्होंने ऐसा कभी न देखा था न सोचा था |
राजू की पिचकारियाँ निकालनी बंद हो गयी थी | रीमा ने उसके लंड को छोड़ दिया और बस उठने को हुई, तभी उसने देखा जग्गू ने किसी तरह अपने हाथो की गांठ लगभग लगभग खोल ली | ये देखकर रीमा सिहर गयी | उसने जल्दी से अपने दोनों लाये पैकेट में से एक को खोला और गन निकल ली, पाना मोबाइल उठाया | पलक झपकते ही गन को लोड किया और जग्गू की तरफ तान दिया | जग्गू को लगा रीमा मजाक कर रही है उसने जोश में आकर कहा - ईइस्स्स आआऐईस्स्स्स अब आएगा मजा | राजू और प्रियम दोनों चौंक गए | आंखे फाड़ फाड़ कर देखने लगे आखिर अचानक ये क्या हो गया | किसी को कुछ समझ नहीं आया |
रीमा जग्गू की तरफ गन ताने ताने चिल्लाई - हिलना मत लड़के, ये असली गन है लोडेड भी | हाथ बांध फिर से अपने | .................कुछ सोचकर - प्रियम इसके हाथ बांध जैसे पहले बांधे थे |
प्रियम बिलकुल शुन्य हो गया, उसे समझ ही आया ये माजरा क्या है | रीमा फिर चिल्लाई - हाथ बांध जग्गू के मादरचोद |
अब प्रियम को करंट जैसा लगा - बिना कुछ सोचे, बिना दिमाग लगाये वो बेड पर चढ़ गया |
जग्गू ने प्रतिरोध किया, तो प्रियम बोला - मरवाएगा क्या साले, मान जा न | प्रियम जग्गू के हाथ बांधने में असफल रहा, रीमा ने राजू को इशारा किया, जो अभी भी अपनी उखड़ी सासें नार्मल करने की कोशिश कर रहा था |
रीमा खिड़की पर से ही गन ताने धमकाने लगी - राजू मदद कर प्रियम की जग्गू को बांधने, वरना आज सब के सब मरोगो | ये गन भी अलसी है, इसमें गोली भी है | चुपचाप बांध इसके हाथ और जैसा मै कहती हूँ वैसा करता जा |
रीमा के हाव भाव देखकर प्रियम और राजू दोनों को लगा मामला सीरियस है लेकिन उन्हें समझ नहीं आया अचानक ऐसा क्या हो गया | कही जग्गू ने अपने हाथ खोलकर रीमा चाची का प्लान तो नहीं बिगड़ दिया | लेकिन इतना ज्यादा गुस्सा करने की जरुरत क्या है |
राजू भी वही पंहुच गया, प्रियम जग्गू से - मान जा न यार, काहे पंगे ले रहा है , रीमा चाची का कुछ प्लान होगा, तूने बिगड़ दिया है इसलिए गुस्सा कर रही है |
जग्गू मानने को तैयार नहीं था | रीमा एक झटके में कमरे से बाहर निकल गयी और कमरे को बाहर से बंद कर दिया |
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क्या अपडेट हैं भाई... रिमा की जिंदगी मे ऐसा पल भी आयेगा ये सोचा नही था. 3 लडके और 1 औरत , फिर भी ये औरत 3 लौंडो के लंड मसल कर रखेगी.. रीमा को आपने जीस तराह से पाठको के सामने प्रस्तुत किया है वो सचमे लाजवाब है.. में खुश हूं की में इस कहाणी को शुरवात से पढ रहा हूं और आपके अद्वितीय लेखनशैली का लुफ़्त उठा राहा हूं
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Gazab......
Bahut jabardast update....
Lekin aise thrilling point par kahani roki hai ki...
Ab intzar nahi hota
Update next
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रीमा ने बाहर खिड़की से तीनो को धमकाया - अब कान खोल के सुनो लड़कों, तुम सब यहाँ अपनी मर्जी से आये थे और क्या इरादा लेकर आये थे ये भी मुझ अच्छी तरह पता है | अब ये दरवाजा मेरी मर्जी से खुलेगा |
चल राजू वो मोबाईल उठकर दे जिसमे तूने मेरी नंगी तस्वीरे खींची थी |
राजू फ़ोन उठाने चला लेकिन जग्गू ने रोक दिया - राजू मत देना, वही तो एक चीज है जिसके दम पर ये हमारे काबू में रहेगी |
रीमा जोर से ठहाका लगाकर हसने लगी - बेवखूफी मत करो बच्चो, बच्चे हो बच्चो की तरह रहो | तुम सबका MMS है मेरे पास |
जग्गू - ये तुझे डराने की कोशिश कर रही है और कुछ नहीं |
रीमा - एक सड़क छाप, सबको पाने जैसा फर्जी समझता है | एक खाली गन लेकर मेरे घर में घुसकर मुझे ही चोदने चले थे | रीमा को चोदने आये थे | एक बात तो है हिम्मत ही तुम सभी दाद दूँगी लेकिन हो सब एक नंबर के चूतिये लंड | तुम्हे क्या लगा था तुम यहाँ आवोगे, मुझे धमकाओगे, और मै डर जाउंगी | तुमारे सामने कपड़े उतार नंगी हो जाउंगी और जांघे खोल कर अपनी चूत तुमारे सामने कर दूँगी और कहूँगी लो चुतिया लंडो छोड़ लो मुझे |
रीमा फिर ठहाका लगाकर हंसने लगी - कितने बड़े चुतिया लंड हो तुम सब के सब |
प्रियम की तरफ हैरानी से देखते हुए - प्रियम तुम भी इस चुतिया जग्गू की बातो में आ गए, तुम तो मुझे जानते हो |
जग्गू - सुन बे चुतिया लंड, जीतनी तेरी उम्र नहीं है उससे ज्यादा सालो से मै चुदाई कर रही हूँ, अपनी चूत में ले लंड रही हूँ | तुम रीमा की चूत चोदने चले थे | मुझे तो बड़ी हैरानी होती है तुम ने ये सोच भी कैसे लिया |
राजू मोबाईल दे इधर, वरना तेरा MMS तेरे बाप को भेजू बता |
राजू को लगा सचमुच रीमा उसका चुतिया काट रही है - कौन सा MMS |
रीमा - आआलेलेलेल मेरे बच्चे कितने मासूम है, जब तुमता लंड नूतन चूस रही थी | अगर भरोसा न हो तो दिखा भी सकती हूँ, प्रियम और तुम और नूतन, रिवर लाउन्ज में पीछे वाले हट में .....................कुछ याद आया |
प्रियम को लगा रीमा चाची ब्लफ मार रही है - रीमा चाची आप जो कहेगी वो हम करेगे लेकिन इस तरह से ब्लफ मार कर हमें ब्लैकमेल ना करिए |
रीमा बड़ी अदा से - आआलेले मेरे प्रियम, तेरे खिलाफ तो इतना कुछ है न , अगर मेरा सगा भतीजा न होता तो तेरी एक भी हड्डियाँ सलामत नहीं बचती | मोबाइल से राजू |
जग्गू ने रोका - राजू यही आखिरी चाभी है रीमा की चूत चोदने की, मत देना |
रीमा ने मोबाइल खोला और एक विडिओ क्लिप चला दी और स्क्रीन अन्दर कमरे की ओर करके बोली - देख लो अपन सेक्स विडिओ, वैसे तो भरोसा करोगे नहीं |
राजू की आंखे फटी की फटी रह गयी, वो रुआंसा सा हो आया, उसकी आँखों के सामने अँधेरा छाने लगा | उसके रोने से चेहरे को देखकर रीमा बोली - बच्चे अब तो वो मोबाईल दे दे | वरना ये विडिओ मै तेरे बाप कपिल को बेज देती हूँ |
जब तक जग्गू राजू से मोबाईल छीनने के लिए उसकी तरफ लपकता तब तक राजू ने फुर्ती से रीमा की बात मानकर आज्ञाकारी बच्चे की तरह मोबाईल खिड़की से रीमा की तरफ फेंक दिया |
रीमा मोबाईल उठाकर - वेरी गुड | अब जैसा जैसा मै कहती जाऊ वैसा वैसा करते जावो, तो तुम तीनो इज्जत के साथ सही सलामत घर जा पावोगे | अब इस जग्गू को उलटा लिटाकर इसके हाथ और पैर दोनों बेड में कसकर बांध दो | जग्गू प्लीज उन दोनों की मदद करो | वरना तुमारा तो रेप का MMSहै | जब तुम नूतन के साथ जबदस्ती करने की कोशिश कर रहे थे | एक बार सिक्युरिटी के पास पंहुच गया फिर सोच लो | जग्गू को लगा वो फंस गया है |
राजू और प्रियम दोनों ही दहसत में आ गए, उन्हें जग्गू की बात नहीं मनानी चाहिए थी | पता नहीं रीमा चाची ने और क्या क्या उनके खिलाफ इकठ्ठा कर रखा है | क्या रीमा चाची को इसकी भनक पहले ही लग गयी थी कि हम ऐसा कुछ करने वाले है | राजू सोच रहा था प्रियम सही कह रहा था रीमा चाची से पंगे नहीं लेने चाहिए थे, जितना ऊपर से सीधी दिखाती है उतना ही अन्दर से हरामिन कामिनी है | प्रियम के भी कुछ ऐसे ही ख़यालात थे | रीमा ने बाहर से ही खिड़की से झांककर देखा | अन्दर का माहौल उसे ठीक लगा, लेकिन उसे भरोसा नहीं | हो सकता तीनो मिलकर सिर्फ ड्रामा कर रहे हो | मेरे अन्दर जाते ही मुझ पर एक साथ टूट पड़े | उसके बेडरूम की खिड़की के सारे परदे राजू से खोलने को कहा | राजू ने बिलकुल वैसा ही किया |
रीमा बाहर से एक कैमरा लेकर खडी हो गयी | रीमा बोली चलो किसी को भी बांधने की जरुरत नहीं लेकिन खड़े होकर अपने अपने लंड हिलावो | प्रियम और राजू शुरू हो गए जग्गू शुरूआती आनाकानी के बाद जग्गू भी अपना लड़ मसलने लगा | तीनो शरीफ बच्चो की तरह अपने अपने लंड का मुठ मारने लगे | तीनो के ही सर पराजय से झुके हुए थे, क्या प्लान सोचकर आये थे और क्या हो गया |
रीमा कमरे के बाहर कैमरा लेकर खड़ी हो गई और बाहर से ही कमरे के अंदर की सारी रिकॉर्डिंग करने लगी, तीनों कमरे के अंदर एक नंगी कमसिन औरत से हारकर शर्म से सर झुका कर बस अपने हाथों से अपने अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहे थे तीनों एक-दूसरे से नजरें भी नहीं मिला पा रहे थे वह यहां क्या क्या सोच कर आए थे लेकिन यहां तो सारा गेम ही पलट गया वह तीनों अकेले नंगी कमसिन गुलाबी औरत को चोदने का सपना पाले उसे डराने धमकाने आए थे लेकिन यहां तो वह अकेले ही तीनों पर भारी पड़ गई अब तीनों ही नंगे होकर अपने अपने लंड पाने हाथो में थामे उसके इशारों पर नाचने के लिए तैयार थे
रीमा जोर से चिल्लाई तेजी से अपने हाथ हिलावो नहीं तो अन्दर आकर सबकी गांड फाड़ती हूँ
तीनों ने अपने हाथ से अपने लंड पर आगे पीछे करने की स्पीड तेज कर दी जल्द ही तीनों के मिसाइल लंडों में अकड़न आने लगी उनके लंड में खून का दौरान बढने लगा और उनके लंड खड़े होने लगे
ऐसे मुर्दों की तरह मुठिया रहे हो ऐसे मुरझाये लंडो से चोदने आये थे ये तयारी की थी भोसड़ी वालों मुहे चोदने के लिए | इन मुरझाये लंडो से तो मेरी चूत के ओंठ तक नहीं खोल पावोगे | तेजी तेजी हाथ चलावो अपने लंडो पर नहीं तो तुम सब की गांड मारती हो अंदर आकर |
यह सब देख के राजू की आंखों में आंसू आ गए वह यह सब नहीं करना चाहता था लेकिन जग्गू और प्रियम के दबाव में आकर उसने भी थोड़ा सा एडवेंचर करने की कोशिश की और यहां बुरी तरह से फंस गया इससे पहले वह कभी भी किसी के सामने इस तरह से नंगे नहीं हुआ था यहां तो वह अपने दोस्तों के सामने ही अपना लंड अपने हाथ में लेकर मुठीया रहा था और शर्म से गडा जा रहा था तीनों अपने अपने लंड को तेजी से मुठिया रहे थे | रीमा ने उन्हें अभी अभी मादक तरीके से चूस के हल्का किया था तीनों के लौंडो की गर्मी खत्म हो चुकी थी, उनके लंडो की उत्तेजना में आने में समय लग रह था लेकिन तेज तेज मुठीयाने से तीनों के शरीर में भी उत्तेजना की गर्मी बढ़ने लगी थी यहां सब देख कर रीमा ने दिमाग में कुछ और ही प्लान बन गया | उसने जल्दी से कैमरे का एंगल बदलते हुए तीनों के ऊपर ही जूम करके फोकस कर दिया अब कैमरा सीधे-सीधे तीनों की कमर और उनके लंड पर फोकस कर रहा था इसके बाद भी मज़े लेटे हुए चिल्लाई चलो अब एक दूसरे का लंड को मुथियाओ|
तीनों हैरान थे यह क्या बकचोदी है तीनों को समझ में नहीं आ रहा था |
रीमा फिर बोली - चुपचाप एक दूसरे का लंड पकड़ कर मुट्ठी आओ वरना सोच लो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा |
राजू बोला - रीमा मैम्म यह मुझसे नहीं होगा प्लीज हमें माफ कर दो हमने गलती हो गई आगे से ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोचेंगे |
रीमा - चुपचाप जैसा कहूँ] वैसा करो वरना अभी एक फ़ोन घूमाउंगी तो समझ में आ जाएगा | वैसे भी तुमारे नंगे वीडियो क्लिप और तुमारे समाज के बीच्ग में बस एक क्लिक का फर्क है और सारे तुम्हारे दोस्त मोहल्ले वाले जान जाएंगे तुम लोग कैसे गड़ मरे हो जो एक दूसरे के सामने नंगे होकर अपना लंड मुठीआते हो |
प्रियम कुछ बोलने वाला ही था उससे पहले ही रीमा उसके ऊपर भड़क गयी - तू तो कुछ मत बोल चुप रह , भोसड़ी वाले तेरी हरमजदगी की वजह से आज मैं इन सब साले दो कौड़ी के लौंडो के सामने नंगी खड़ी हूं तेरे कारण ही आज इनका साला घटिया लंड मुझे चुसना पड़ा है तू साला चुप रहना तेरी तो ऐसी दुर्गति करूंगी तो सबके सामने मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा |
जग्गू बोला - अब ऐसा भी क्या गुस्सा रीमा मैडम, बच्चे है गलती हो गई माफ कर दो आगे से नहीं करेंगे, और तुम्हे भी तो मजा आया हमारा लंड चूसकर | उसकी सारी मलाई चाट गयी हूँ और अब नखरे दिखा रही हो |
रीमा का गुस्सा और बढ़ गया - अबे छछुंदर के लंड जब लंड चूसती हूँ तो ढंग से चुस्ती हूँ नहीं तो नहीं | और वो तो तुम लोगो के चंगुल से निकलने का प्लान था | उसे जग्गू पर बड़ा गुस्सा आ रह था लेकिन अभी गुस्सा निकालने का वक्त नहीं था क्योंकि अभी मछलिया आचे से फंसी नहीं थी और उसका गेम प्लान बिगड़ सकता था |
रीमा - मुझे अपनी घटिया सोच मत दिखा और चुपचाप उस सोफे पर बैठ जाओ और एक दोसरे के लंड को मुठीयाने लगो और तब तक मुठियाते रहो जब तक पिचकारी ना छूट जाए नहीं तो यह वीडियो में अभी अभी मैंने शूट किया है वो तुमारे मोबाइल से उन लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करने वाली हूं जहाँ रोज तुम लोग गप्पे मारते हो |
राजू बोला - नहीं मैम प्लीज ऐसा मत करिएगा हम लोगों की सारी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी हम बस जो आप कहोगे हम बिल्कुल वैसा ही करेंगे |
रीमा गुस्से से दांत किटकिटाते हुए - साला छछुंदर इज्जत की बात करता है भोसड़ी के दो टके के लौंडे, साला गन दिखाकर कर मुझे साला लंड चूस लिया, तुझे लगता है की फ्री में तुम्हें छोड़ दूंगी साला एक दूसरे के लंड को हिलाना चालू करो |
तीनो मूर्तिवत वही खड़े रहे |
रीमा दहाड़ी - ठीक तुम लोगो का mms देखने का सुख तुमारे दोस्त भी लेंगे मुझे क्या तकलीफ है |
धमकी सुनकर राजू प्रियम वहीं पड़े एक सोफे पर बिस्तर पर बैठ गए और एक दूसरे का लंड आपस में हाथ में लेकर कि हिलाने लगे जबकि जग्गू अलग से लंड को मुठीयाने लगा | प्रियम और राजू को आपस में लंड मुठियाते देख ................
रीमा बोली - वेरी गुड बच्चे ऐसे ही एक दूसरे का लंड मुठियाते रहो | चलो अब शुरू हो जाओ, स्पीड बढ़ाओ, शर्म झिझक छोड़ो, जैसे मै अदा से तुम लोगो का लंड चूस आरही थी वैसे ही तुम भी अदा से एक दुसरे का लंड मुथिआओ |
तीनों एक दूसरे का लंड बारी-बारी से मुठयाने लगे रीमा को बड़ा मजा आ रहा था वह बारी-बारी से अलग अलग एंगल से तीनों की शूटिंग कर रही थी तभी रीमा ने राजू को बोला कि बक्से से एक प्लास्टिक का लैंड उठा कर के अपनी गांड में घुसेड़ ले | राजू हैरान था उसे एक के बाद एक झटके रीमा से लग रहे थे अब ये नयी बला | राज एक बार की तो हैरानी से देखता रह गया लेकिन रीमा ने दोबारा से वही दोहराया - राजू बच्चे उस सामने पड़े बक्से से प्लास्टिक का छोटा वाला लंड निकाल और अपनी गांड में अंदर बाहर करना शुरू कर दे ...........................|
राजू के तो जैसे तोते उड़ गए वह तो ऐसा कुछ सोच कर आया भी नहीं था कि ऐसी दुर्गति होने वाली है रीमा के साथ उन तीनो ने उसे चोदने का जो प्लान उन्होंने बनाया था वह अब उन्हें बहुत भारी पड़ने वाला था और इसके लिए दोनों राजू और प्रियम मन ही मन सबसे ज्यादा जग्गू को जिम्मेदार ठहरा रहे था साला जग्गू के चक्कर में आज अपनी ही नजरो में कोई इज्जत नहीं रह जाएगी | एक औरत हमारी इज्जत का ऐसा फलूदा करेगी ये उन लडको ने सपने में भी नहीं सोचा था | राजू तो मन ही मन जग्गू को जमकर गरिया रहा था |
अपनी गांड में नकली प्लास्टिक का लंड ये सोचकर ही राजू की आँखों में आंसू आ गए | क्या क्या दुर्गति होने वाली है उसका तो दिल बैठा जा रहा था | उसकी आंखे नम हो गयी वो रुवांसा सा हो आया |
राजू रोने वाले स्वर में - रीमा चाची प्लीज ये माय कीजिये, हमसे गलती हो गयी आप जो कहेंगी वो सजा भुगतने को तैयार है हम | प्लीज हमें माफ़ कर दीजिये |
रीमा जानती थी राजी तो उन दोनों के चक्कर में फंसा है लेकिन साथ तो उसने भी दिया ही है - बच्चे गेंहू के साथ घुन भी पिसते है | अब दोस्ती की है तो निभानी तो पड़ेगी | चुपचाप जो कहती हूँ करते रहो | मेरी बात मानेगा तो तुम सबकी इज्जत बच जाएगी चारदीवारी के बाहर कोई भी बात नहीं जाएगी | चुपचाप बख्से से रबर वाला लंड निकाल और अपनी गांड की सील तोड़ के अंदर बाहर करना शुरू कर|
राजू मन मसोसकर बेहद ही निराश होकर के, थके कंधो के शरीर के साथ धीरे से उठा और चुपचाप बख्शा खोलकर उसमें से एक रबर का डिल्डो निकाल लाया | उसके बाद में फिर से आकर के प्रियम और जग्गू के बीच में बैठ गया | प्रियम और जग्गू अब एक दूसरे का लंड मिठिया रहे थे | राजू के आते ही दोनों अलग अलग हो गए | बीच में राजू बैठकर अपनी कोरी कुंवारी गांड में प्लास्टिक का लंड घुसेड़ने की कोशिश करने लगा | उसे गांड पर दबाव पढ़ते ही दर्द होने लगता इसलिए वो रुक जाता लेकिन रीमा उसे रुका हुआ देखकर झिड़कने लगाती | आखिर कई बार लगातार कोशिश के बाद उसने अपनी गांड का छेद खोल ही लिया | दर्द के मारे उसके मुहँ से दर्द भरी सिसकारियां निकल रही थी | वो रबर वाला लंड पानी गांड में डालकर उसे अंदर-बाहर करने लगा, कोरी करारी गांड में लंड जाने से उसे बहुत ही ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा था, इसलिए एक बार उसने रीमा की तरफ देखा और रीमा ने उसे एक लम्बी घुड़की दी, रीमा की घुड़क से वो अपनी गांड में जोर लगाकर प्लास्टिक का लंड घुसेड़ने लगा | उसके बाद उसने लगाकर धीरे धीरे से अपनी गांड मारना शुरू कर दिया, शुरू शुरू में राजू की गांड में ठीक से लंड नहीं आ जा रहा था लेकिन फिर उसने पूरा जोर लगा कर के उस प्लास्टिक के रबड़ के लंड अपनी गांड में घुसेड़ना शुरू कर दिया धीरे-धीरे करके पूरा का पूरा लंड उसकी नंगी कोरो करारी गांड में घुस गया | राजू के गांड का दर्द बर्दाश्त करने की पूरी कोशिश कर रहा था और इसमें उसकी मदद प्रियम और जग्गू कर रहे थे | रीमा जानती थी बच्चो के मन में क्या बीत रही होगी लेकिन वो गुस्से भरी थी सिलिये रियायत की कोई गुंजाईश नहीं थी | जो लड़के गे नहीं होते है उनके लिए ये काम बहुत घिनौना और घटिया लगता है , इसी काम का विडियो रीमा बना रही थी | लड़को की एक और शरारत और लड़के पुरे शहर में गे के नाम से मशहूर हो जायेगें फिर लडकियों का कुत्ता भी इन्हें घास नहीं डालेगा | तीनो ग्लानी से भरे मन मार कर बस मशिन्वत वही कर रहे थे जो रीमा कह रही थी |
इसी बीच रीमा बोर होने लगी क्योंकि उसके लिए इसमें कुछ भी एक्ससिटिंग नहीं था |
वो बोली - अच्छा बच्चों अब एक काम करो ,अब एक दूसरे का लंड चुसना शुरू करो, मै तुम्हे लंड चूसने की ट्रेनिंग देने वाली हूँ एक दूसरे को चूसकर ही पता लगेगा कि लंड चूसना होता कैसा है |
तीनो हैरानी और सदमे से भौचक्क थे - ये रीमा चाची क्या कह रही है |
तीनो को हैरान परेशान देखकर रीमा बोल पड़ी - जब मैं चूस रही थी तब तो बहुत ही आह से देख कर आहे भर रहे थे दुनिया के जहान की जन्नत की सैर कर रहे थे एक बार जरा अपने मुंह में लंडलेकर देखो तो कैसा लगता है तब पता चलेगा ना लंड चूसने का क्या मजा होता | उसकी चुसाई जो मजा आता है आता है तो मजा कितना होता है कैसा होता है |
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अब जग्गू का धैर्य जवाब दे गया - रीमा मैडम यह मत करो प्लीज यह मुझसे नहीं होगा अब तक तो ठीक था हम आप कहोगी तो दिन भर मुठ मारते रहेंगे लेकिन प्लीज यह मुंह में लेने को मत कहो | यहं तो आप बहुत ज्यायती कर रही हो हम बच्चो पर |
रीमा ने अहकारी ठहाका लगाया - बच्चे कौन से बच्चे, बच्चे किसी चूत को चोदने की कवाब नहीं देखते | क्यों जब मैं लैंड चुस्ती हूं तो मुझ पर ज्यायती नहीं होती क्या, तब क्या लंडो से फूल झरते है | तभी तो यही लंड होता हिया अभी अभी तो तुम सबके लंड चुसे है मुझे तो कोई दिक्कत नहीं हुई |
जग्गू - आपकी बात अलग है रीमा मैडम, आप लंड चुस्ती रहती हो |
रीमा - चूसती रहती का क्या मतलब है, कभी न कभी तो पहली बार चूसा होगा, फिर तुम लोगो को आपस में एक दुसरे के लंड लेने में क्या दिक्कत है मैं जैसे लोलीपोप चुस्ती हूँ वैसे ही लंड चुस्ती हूँ, लोलीपोप समझ कर चूस जावो |
जग्गू - मैडम हम गांडू लड़के नहीं ही है जो एक दुसरे का लंड चुसे | हमसे नहीं होगा, हमें पानी चूत का मूत पिला दो वो मजूर है लेकिन ये हमसे नहीं होगा |
रीमा - ये रोने धोने और दुखी होने का ड्रामा बंद करो ये मुझ पर असर नहीं करने वाला, चुपचाप एक दुसरे की लोलीपोप चुसना शुरू कर दो | चलो अब देश एक दूसरे का लंड चूसना शुरु करो वैसे भी लंड पूरी तरह से खड़े हो चुके हैं बेवजह ये तड़पते रह जाएंगे चलो शुरू हो जाओ अच्छा गेम है और ये तो अभी स्टार्ट हुआ है |
राजू निराशा से भरकर - रीमा चाची प्लीज हमारे साथ ऐसा क्यों कर रही हैं हम नादान बच्चे हैं |
रीमा गरजी - नादान की मां का भोसड़ा भोसड़ी वालों सब साले यहां मुझे चोदने का प्लान बना कर आए थे अभी सब कुछ तुमारे हिसाब से हुआ होता तो इसी बिस्तर पर मेरे हाथ पाँव बांधे पड़े होते और मेरी चूत तुमारे लंड रस से सरोबार हो चुकी होती और तुममे से ही कोई न कोई मुझ पर चढ़कर कूद रहा होता | मुझे पता है अगर बाजी मेरे हाथ में नहीं होती तो बस कुतिया की तरह तुम तीनो की गुलाम बनकर चुद रही होती | तो मुझे पता है क्या हो सकता था इसलिए ये मासूमियत अपनी गांड में घुसेड लो ....................... अब तो तुमने मुझे नंगा देख भी लिया है साला मेरी चूत मेरे छाती मेरे हाथ मेरी गांड मेरे चूतड़ सब तो तुमने नंगा देख लिया है अब बचा ही क्या है खाली हाथ तो जाने नहीं दूंगी, नहीं तो साला कॉलेज से लेकर मोहल्ले तक डींगे मारते फिरोगे |
राजू रोने की कगार पर पंहुच गया, जग्गू को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था |
रीमा - अब मेरा सब कुछ देख लिया है तो एक आध शो अपना भी तो करके जाओ |
राजी - प्रियम तू कुछ बोलता क्यों नहीं अपनी चाची से |
प्रियम तो कुछ बोल ही नहीं रहा था, राजू के कहने से भी कुछ नहीं बोला लेकिन राजू ने फिर से एक बार लगभग रोते रोते
- प्लीज हमसे गलती हो गई है हमें माफ कर दो अब हम आगे से ऐसा कुछ नहीं करेंगे |
रीमा बोली - अगर गलती हो गई है तो उसकी सजा भुगतो | मेरे डिक्शनरी में माफ़ी नाम का शब्द नहीं है तुम सब को एक दूसरे का लंड चूसना होगा और यही तुम्हारी सजा है आगे का भी मैंने डिसाइड नहीं किया है तो फिलहाल एक दूसरे का लंड चूसना और मुठियाना जारी रखो तब तक मैं तुम सबकी अच्छी-अच्छी फोटो ले लेती हूं तीनों कसैले मन से बहुत ही ज्यादा हिकारत के साथ एक दूसरे को देखते हुए धीरे धीरे आने पाने हाथ एक दुसरे के लंड की तरफ बढ़ाने लगर | उन पर अपना हाथ रख कर एक दुसरे को मुठीयाने लगे |
तीनो एक दुसरे के लंड हिला रहे थे और कमरे की खिड़की पर कड़ी रीमा को देख रहे थे |
रीमा - लंदूरो इसको चुसेगा का क्या तेरा बाप, मिलाऊ फ़ोन बुलाऊ यहाँ |
तीनो आँखे मीचकर एक दुसरे के लंड पर झुक गए और उसको जबरदस्ती मुंह में लेने की कोशिश करने लगे तीनों को उबकाई तो आ रही थी लेकिन और कोई रास्ता नहीं था इसी बीच रीमा ने कैमरे की रिकॉर्डिंग बंद कर दी, कैमरे से रिकार्डेड विडियो को अपने अकाउंट पर मेल कर लिया और उसके बाद उसने गन उठाई और कमरे का दरवाजा खोल कर अंदर आ गई | उसने अन्दर गुस्ते ही तीनो की तरफ गन तानकर डायलॉग मारा - सुनो भोसड़ी वालो मैंने तुमारे वीडियोस अपने अकाउंट पर बेज दिए है अगर मुझे कुछ होता है तो वो अकाउंट सिर्फ रोहित एक्सेस कर पायेगा | उसकर बाद तुम सबका क्या होगा ये तुम्हे अच्छी तरह से पता है तो कान खोलकर सुन लो यहं मजा लेने आये थे तो मजा लो और मुझे भी मजे मजे करने दो | जरा सी भी होशियारी दिखाई तो जान से जावोगे |
उसने कुछ अपने कैमरे को त्रिपाद पर खड़ा किया और तीनो की तरफ घुमाकर उसमें सेटिंग कर दी और उसके बाद में उसने एक दूसरा कैमरा निकाला उन सब की फोटो खींचने शुरू कर दी | फोटो वाले कैमरे से फोटो देते समय सीमा बोली देखो बच्चों को इसी तरह की कोई स्मार्टनेस मत दिखाना क्योंकि जब तुम पहले स्मार्ट दिखाए थे वह तुमको इतनी भारी पड़ रही अब अगर तुम्हें कोई स्मार्टनेस दिखाई तो बहुत भारी पड़ेगी मैंने सारी सेटिंग्स कर दी हैं र मेरा कैमरा मैंने सारे के सारे वीडियो इस कमरे में रखे हुए हैं और यह बस मेरे एक सिंगल क्लिक पर कहीं भी जा सकते इसलिए किसी तरह की कोई स्मार्ट में सिखाने की कोशिश मत करना मैंने यहां पर एक बटन क्लिक करी और तुम्हारे सारे वीडियो ऑनलाइन हो जाएंगे तुम्हारी इज्जत का फालूदा निकल जाएगा शहर की लड़कियां तुम्हें गे समझेगी और तुमसे दूर हो जाएंगी तुम्हारे मां-बाप तुमसे नफरत करेंगे और समाज में तुम मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे | रीमा हर तरफ से कमरे के कोने में जा जाकर उनके अलग-अलग पोज से फोटो खींच रही थी पर वह तीनों एक दूसरे के लंड को मुठिया रहे थे अपने मुंह में ले रहे थे तभी रीमा ने ऑर्डर दिया चल राजू जग्गू की गांड मारना शुरू कर राजू हैरान है क्या ?????????.एकदम से ......................सॉरी मैम यह क्या कह रही है | उसे लगा उसने कुछ गलत सुन लिया |
रीमा - चल जग्गू की गांड मरण शुरू कर |
राजू को अपने कानो पर यकीं ही नहीं हुआ - नहीं रीमा चाची ये आप क्या कह रही है | ऐसा आप कैसे कह सकती है मुझसे तो नहीं होगा |
रीमा - अच्छी बात है , मेरी चूत चोदने आ सकते हो लेकिन जग्गू की गांड मारने में शर्म आ रही है | अच्छा सुन तो प्रियम इस राजू की गांड मारना शुरू कर, साला बहुत संस्कारी बन रहा है भोसड़ी वाला, इसकी गांड का छेद खुल चुका है उसने प्लास्टिक के लंड से अपनी गांड का छेद को खोला है और उसका छल्ला भी नरम हो गया होगा चल इसकी गांड मरना शुरू कर |
पियम एक दम से सकते में आ गया, नहीं ये मै कैसे कर सकता हूँ | रीमा और प्रियम की आंखे मिली, रीमा ने प्रियम को घूरा - चल शुरू हो जा बच्चे ज्यादा टाइम नहीं मेरा पास जल्दी से शुरू हो जा नहीं तो सोच ले तेरे बाप को सीधे भी यह वीडियो भेज रही हूं |
रीमा बिस्तर पर बैठी थी प्रियम ने एक बारी रीमा को देखा , प्रियम के अंदर बहुत हिचकिचाहट थी उसे अन्दर से घिन आ रही थी उसका मन भी गंदा हो चुक था उसे बुरा भी बहुत लग रहा था लेकिन वह जानता था कि अगर उसने रीमां की बात नहीं मानी तो उसका क्या हाल होने वाला है वह चुपचाप राजू के पीछे गया, राजू ने प्रतिरोध किया |
प्रियम - चाची प्लीज ये मेरा सबसे अच्छा दोस्त है, गलती मेरी और जग्गू की है इसकी बेचारे की कोई गलती नहीं |
रीमा - लडके नौटंकी नहीं, वरण अभी मै अपने लंड (एक मोटे से प्लास्टिक से डिल्डो की तरफ इशारा करते हुए ) से इसकी गांड मारूंगी तब इसकी गांड फट के छित्तर हो जाएगी |
प्रियम राजू से माफ़ी मांगता हुआ - भाई माफ़ करना | उसने राजू की गांड\में अपना लंड सटा दिया |
राजू बोला - यार प्रियम जिंदगी भर कंही मुहँ दिखाने लायक नहीं रहेगें, क्या कर रहा है प्रियम यार हम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगें .................अबे ऐसा मत कर प्लीज .......................रीमा चाची हमें माफ कर दो हमसे गलती हो गई हम दोबारा कभी ऐसा नहीं करेंगे |
रीमा बोली - तुम सालो के साथ रियायत का कोई फायदा नहीं है | रीमा उठकर एक हाथ में गन थामे और दुसरे हाथ से स्ट्रैप वाला लंड अपनी कमर में बांधने लगी |
रीमा - रीमा की चूत चोदने चले थे |
राजू रोते हुए - बहुत दर्द होगा रीमा चाची, मेरी गांड फट जाएगी |
रीमा - चूत भी तो चोदने पर फट जाती है एक बार अपनी गांड मरवाने का टेस्ट भी लेकर देखो, चूत में पेलते समय तो बहुत मजा आता है एक बार गांड में लंड आने जाने में कितना दर्द होता है कैसा मजा आता है ये भी तो महसूस करो | लड़की को चोदते हो तो उसमें उसके साथ क्या होता है कैसे वो सारा दर्द बर्दाश्त करती है कैसे पूरा का पूरा लंड पेलने के बाद भी वो बिना शिकायत के सारा दर्द सह लेती है कम से कम उसका थोड़ा मजा तो लेकर कर देखो चूत ना सही कम से कम का गांड मार कर देखो तो सही महसूस कैसा होता है जब कही लंड घुसता है | एक बार गांड में ले कर तो देखो राजू पता तो चलेगा चुदाई होती कैसी है |
राजू रोते हुए - गलती हो गई प्लीज मुझे माफ कर दो मैं आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगा सब अपने मां बाप की कसम मैं आपको सपने में भी नहीं देखूंगा, सपने में भी नहीं सोचगां आपके बारे में |
रीमा - मैंने कब मना किया कि तुम मेरे बारे में मत सोचो मेरे बारे में सोचो, खूब सोचो अगर तुम अच्छे से गांड मरवाओगे तो वह सकता मैं तुम्हें जो भी चोदने को दे दूं | निराश हताश हारे लुटे पिटे जग्गू को पहली बार इतनी देर में हल्की सी आशा की किरण दिखाई दी
जग्गू उत्साह से भरकर - सच में मैं क्या मैं आपको चोद सकता हूं |
रीमा ने जग्गू के उत्साह को भांप लिया - हमम्म्म्मम्म्म्मम्म] सोचूंगी अगर तुम्हारी गांड मरवाना मुझे पसंद आ गया तो | अभी कुछ कह नहीं सकती | अपनी अपनी पेर्फोमांस से खुश कर फिर देखूँगी | अगर तुम लोगों की गांड मरवाना मुझे पसंद आया तो एक बार में सोचूंगी कि तुम्हें अपनी चूत चोदने दू या नहीं |
जग्गू जोश में - निहुर साले राजू भोसड़ी के, कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है |
जग्गू राजू को झुकता हुआ अबे भोसड़ी के तेरी मां की चूत साले एक बार गांड मारने में क्या हो जाता है कौन सा साला तेरी गाड़ चौराहा हो जाएगी, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा | जग्गू के कहने के बाद में राजू का जो प्रतिरोध है वह थोड़ा और कम हो गया इधर प्रियम भी राजू को झुकाने में लगा था और राजू था कि वह मानने को तैयार नहीं था राजू ने जग्गू से बोला - एक काम कर तू ही गांड मरवा ले मेरे पीछे क्यों पड़ा है |
जग्गू बोला - रीमा चाची तुझे झुकने को कहा तो तू झुकना |
रीमा ने बीच में ही क्लेरिफाई किया - ऐसा कुछ नहीं कि सिर्फ राजू की गांड मरी जाएगी लेकिन अभी राजू से ही शुरुआत होगी, चलो लड़कों शुरू हो जाओ मुझे गुस्सा मत दिलाओ अगर मेरी चूत चोदानी है चुपचाप लग जाओ और एक दूसरे से अपनी गांड हंसते-हंसते मरवाते रहो मुझे पता है गांड मरवाने में दर्द होता है और तुम लोगों की गांड भी तो अभी कोरी करारी है तो धीरे-धीरे शुरू करो मैं नहीं कहती एकदम से पेल दो ताकि दूसरों की गांड फट जाए बस मुझे यह खेल देखना है और खेल लंबे तक देखना है इसलिए चुपचाप मेरी बात मान लो अगर मेरी चिकनी चूत चाहिए | तब तक तुम लोगों के फोटो खींचती हूं | चलो अपने अपने काम पर लग जाओ |
प्रियम ने राजू को झुका दिया और आगे से जग्गू ने भी राजू को अपनी कमर तक झुका लिया जिससे कि उसका लंड राजू के मुंह के सामने आ गया, प्रियम में राजू की गांड पर अपना लंड सटा दिया और उस पर ढेर सारी लार छोड़ कर उसे अंदर घुसाने लगा राजू थोड़ा सा कसमसआने लगा लेकिन धीरे-धीरे प्रियम के लंड ने राजू के गांड के छेद में जगह बनानी शुरू कर दी और अंदर घुसने लगा | इधर आगे जग्गू ने अच्छे से राजू के सिर को पकड़ लिया और अपना लंड राजू के मुंह पर सटा दिया, राजू ने ना चाहते हुए भी मर्जी के खिलाफ अपना मुंह खोल दिया और जग्गू के लंड को अपने मुंह में लेने लगा जग्गू नीचे से कमर हिलाने लगा और उसका लंड राजू के मुंह में जाने लगा पीछे प्रियम राजू की गांड में लंड को घुसेड़कर आगे पीछे होने लगा अब राजू आगे पीछे दोनों तरफ से चुद रहा था | यह द्रश्य देखकर देखकर रीमा को तो जैसे ओर्गास्म आ गया वह बड़ी मस्ती से उन तीनों की फोटो खींचती रही, तीनो को पाने एक इशारे पर नाचती रीमा अन्दर ही अन्दर फूली नहीं समां रही थी | राजू के आगे जग्गू कमर हिला रहा था और पीछे प्रियम कमर हिला रहा था राजू दोनों तरफ से बुरी तरह से चोदा जा रहा था एक तो मुंह में और दूसरा गांड में उसका लंबा खड़ा लंड अपनी फूली हुई गोलियों के साथ में प्रियम के हर धक्के के साथ हिल रहा था आगे जग्गू भी उसी शिद्दत के साथ प्रियम राजू के मुंह में अपना लंड उसे रहा था जो कि बमुश्किल ही उसके सुपाडे के साथ इंच 2 इंच ही राजू के मुहँ के अंदर जा पा रहा था
राजू दोनों तरफ से चोदा रहा था प्रियम और जग्गू तो मिलकर उसे अच्छे से चोद रहे थे और यह देख कर ही रीमां को बहुत ही मजा आ रहा था दो लंडो के साथ में चुदाई कैसी होती है यह भी रीमा ने पहली बार देखा था रीमा को लड़कों की चुदाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी वह बस उन लड़कों को सजा देना चाहती थी जो कि उसके बारे में ऐसे गंदे गंदे ख्याल ला सकते थे | वह चाहती थी लड़के समझे हर रिश्ता अलग-अलग होता है और हर कोई औरत एक सिर्फ सेक्स ऑब्जेक्ट नहीं होती कि वह लोग उसको जब छाए अपनी हवस की प्यास बुझाने को चोद सके | रीमा ने जो कुछ भी जग्गू से अपने बारे में सुना था उसको लेकर उसके अंदर बहुत ही गुस्सा भरा हुआ था और वह जग्गू को खासकर कब से सबक सिखाना चाहती थी बाकी राजू और प्रियम की किस्मत बुरी थी कि वह जग्गू का साथ देने आ गए इसलिए अब वह भी आटे के साथ में घुन की तरह पिस रहे थे |
रीमा को उनका एडवेंचर आब उबाऊ लगने लगा - अच्छा बच्चों चलो अब एक काम करो अब एक दूसरे की गांड बारी बारी से मारना शुरू करो | अब तक जो भी किया बहुत अच्छा किया अब एक काम करो राजू तू जग्गू की गांड में लंड घुसा और प्रियम तू राजू की गांड मार है एक दूसरे के आगे झुक जाओ और कुत्ते की तरह गाड़ मारना शुरू शुरू कर दो |
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हांफता हुआ प्रियम - मैं कुछ समझा नहीं चाची |
रीमा बोली - अबे गधे मेरी चूत को चोदने की बारी आती है तो बहुत जल्दी दिमाग तेज चलने लगता है साले मैंने बोला है भोसड़ी के तू झुक जा राजू की गांड मारता रह राजू तू अपने आगे जग्गू को झुका ले और उसकी गांड मारना शुरू कर दे |
जग्गू हैरान हो गया | ये क्या हो रहा है रीमा तो हम सबकी गांड मरवाने के प्लान में है ऐसे तो अपनी की इज्जत मीती में मिल जाएगी | जग्गू ने साफ़ मना कर दिया - यह क्या है रीमा मैडमम मै किसी से अपनी गांड नहीं मर्वाऊंगा
रीमा - सोच ले जग्गू अभी फायदे में रहेगा, बाद में तुझे ज्यादा तकलीफ हो सकती है |
जग्गू - जो भी आप कह रही है वो सब तो कर ही रहा हूँ, मेरी अपनी कोई इज्जत है कोई रेपुटेशन है इन साले दो टके के लौंडो के चक्कर में आकर मैं भी यहां पर फस गया हूं | अब मुझसे आप जो भी बोलोगी मैं सब करने के लिए तैयार हूं आपकी चूत को चाट दूंगा आपकी गांड को भी चाट दूगां, आप तलवे चाट लूंगा, जो भी कहेगी सब करूगां लेकिन ये नहीं, यह काम मुझसे आप मत कहिए वैसे भी मैं इनके सालों के घटिया इंसानों के लंड को सहला रहा हूं यही क्या कम है | मन करता है सालो के सर फोड़ दू |
रीमा - अभी मौका है सोच ले जग्गू यहां पर तू फायदे में रहता आगे तुझे ज्यादा नुकसान हो सकता है देख अभी तू चुपचाप किसी एक का लंड अपनी गांड में डालवा ले , तो तुझे वह नहीं लेना पड़ेगा जो तुझे मैं दूंगी |
जग्गू कुछ उत्साह में आ गया - आप भी कुछ देने वाली हो, आप जो भी दोगी सब ले लूगाँ मै, आपसे तो मै अपनी गांड भी मरवा लूगाँ |
रीमा जग्गू को देखकर हैरान थी, कैसे वो उसके लिए उतावला हो रहा था, लेकिन इसी उतावले पन में जग्गू ने रीमा को एक आईडिया तो दे ही दिया - जग्गू जैसी तेरी मर्जी एक काम करो तुम भी झुक जाओ जब राजू गांड मरवाएगा तो तुम भी मार लो प्रियम की | राजू प्रियम तेरी गांड मारेगा क्योंकि उसको तेरी गांड मारने का ठेका दे दिया है जग्गू को समझ में नहीं आया क्या कहा |
जग्गू - मै कुछ समझा नहीं |
रीमा - अबे छछुंदर के लंड जब प्रियम राजू की गांड मार रहा है तू प्रियम के पीछे जाकर उसकी गांड नहीं मार सकता चुतिया भोसड़ी वाला | अब तो चुपचाप जाकर के प्रियम की गांड मार |
जग्गू को घिन आ गयी, पता नहीं रीमा क्या क्या करवाएगी उससे | उसका लंड भी तना हुआ था, काफी देर से वो उसे हाथ से मसल रहा था, जग्गू के दिमाग में रीमा पूरी तरह से छाई हुई थी रीमा के लिए वो अभी समुन्दर में भी कूद जाये यहाँ तो बस प्रियम पर झुकाना था | जग्गू प्रियम के पीछे जाकर के खड़ा हो गया राजू पहले से झुका हुआ था प्रियम ने बाहर निकले लंड को फटाक से राजू की गांड में पेल दिया | प्रियम जानता था यहाँ उसका कुछ बस नहीं चलने वाला है, रीमा चाची से पंगे लेने पर आज वो सचमुच में पछता रहा था | उसे पहले ही अकल आ जानी थी लेकिन पता नहीं किसने उसकी बुद्धि भ्रस्त कर दी थी | ये आफत उसकी खुद की बनायीं हुई थी अब तो बस उसे अपनी और रीमा चाची की नजरो में अपमानित होना ही बाकि रह गया था | रीमा ने वो भी कसर पूरी कर दी | अब इससे ज्यादा और कोई क्या उसकी इज्जत उछाल सकता था | उसका ही खास दोस्त उसके पीछे अपना लंड थामे खड़ा था | इस घोर अपमान से प्रियम की आंखे गीली हो गयी | उसने मन ही मन कसम खाई अब से वो कभी भी रीमा चाची के बारे में कुछ भी गलत नहीं सोचेगा | क्योंकि जो भी उसके साथ होने जा रहा है वो खुद उसकी ही गलती है | जग्गू ने प्रियम को अच्छे से पीछे से जकड़ लिया और उसकी गांड पर अपना मोटापा फूला हुआ सख्त लंड सटा दिया | प्रियम की कोरी करारी गांड का छेद भी इससे पहले कभी नहीं खुला था | जग्गू ने अपना जोर बढ़ा दिया | प्रियम को तो समझ में आ गया था उसकी गांड की फट रही है क्योंकि उसकी गांड में मोटा लंड छोड़ो उंगली तक नहीं गई थी | उसने कहा जग्गू से बोला अबे जग्गू लार तो लगा ले |
जग्गू बोला - हां यार मैंने भी नहीं चाहता कि तेरी गांड मेरे सीखे लंड से चीर जाए |
प्रियम को जग्गू के इस डायलोग पर गुस्सा आ गया - बेटा अभी तेरी मारूगां तब पता चलेगा सुखा लंड क्या होता है |
जग्गू ने अपने लंड पर ढेर सारी लार उड़ेल दी और उसे मलने लगा |
आगे प्रियम अपनी कमर हिला कर के राजू की गांड मारने लगा था राजू नीचे की तरफ झुका हुआ उसकी गांड ऊपर की तरफ हवा में उठी हुई थी और उस पर प्रियम लदा हुआ था अब उसके ऊपर जग्गू लद गया था | प्रियम का लंड राजू के गांड में घुसा हुआ था लेकिन प्रियम राजू को पकड़कर थम गया क्योंकि जग्गू ने जोर बढ़ा दिया था और प्रियम की गांड का छल्ला फ़ैलाने लगा था उसको दर्द होने लगा | उसने जबड़े भीच लिए थे और उसके हाथो की पकड़ राजू पर और ज्यादा सख्त हो गयी | जग्गू ने प्रियम को थामकर एक जोरदार तरीके से झटका मारा जग्गू का लंड का सुपाड़ा प्रियम की कोरी कुंवारी गांड में घुस गया था प्रियम के मुंह से चीख निकल गई | उसकी आंखे आंसुओं से डबडबा आई | प्रियम की चीख सुन रीमा के अंदर ही अंदर एक सुकून की लहर दौड़ गयी - हरम जड़ो मेरी इज्जत से खेलने चले थे, अब मेरे सामने ही सबकी इज्जत तार तार हो रही है |
रीमा गरजी - अब पता चला ऐसे ही चीख निकलती है जब कोई लंड किसी चूत में जाता है या किसी औरत की गांड में ऐसे ही लंड को घुसाते हैं तब भी तो ऐसी ही चीखे निकलती हैं | आह्ह खुस कर दिया तुमने प्रियम बेबी | अब तुम भी चुदाई का दर्द का अनुभव कर रहे हो | उम्मीद है तुम्हे अकल आएगी |
रीमा - जग्गू शुरू हो जा, तुझे क्या न्योता बेजू |
उसको बदला लेते समय इतना सुकून कभी नहीं मिला जितना उसे प्रियम की चीख सुनकर मिला था अब साले इसको समझ में आएगा लंड की चुदाई क्या होती है अब सालो को पता चलेगा जब कोई लंड अंदर घुसता है तो कैसा महसूस होता है |
जग्गू ने फिर से लंड को हल्का सा पीछे खींच लिया जोरदार झटका दिया | प्रियम तो घुटनों के बल होकर भी खडभड़ा गया | जग्गू ने पूरी ताकत से उसकी गांड पर लंड की ठोकर मरी | उसका लंड प्रियम की गांड के सख्त छेद को फैलाता हुआ अन्दर तक घुस गया | प्रियम के मुहँ से एक लम्बी जोरदार चीख निकल | वो दर्द से हाथ पैर पटकने लगा | जग्गू के लगे धक्के से उसका लंड भी राजू की गांड में घुस गया | जग्गू ने जोर से दबाव बनाये रखा जग्गू का लंड प्रियम की गांड में और अन्दर तक घुसता हुआ चला गया | ये देखकर जग्गू को बहुत ही खुशी हुई की उसका लंड प्रियम की कसी हुई गांड में समां गया था | जग्गू ने एक हुंकार भरी | राजू दोनों के बोझ से दबा जा रहा था | प्रियम को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था और उसकी गांड में बहुत तेज जलन भी हो रही थी यही हाल राजू का था लेकिन राजू कुछ देर पहले से गांड मरवा रहा था इसलिए उसका दर्द कम हो चुका था लेकिन प्रियम की तो बुरी हालत है उसने अपनी कमर हिलाने बंद कर दी वह अपनी गांड में होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने की पूरी कोशिश कर रहा था उर इसीलिए इधर उधर हाथ पाँव पटक रहा था | इसके उलट जग्गू पुरे जोश में था |
रीमा ने तीनो की हालत देखि और धमकाते हुए बोली - मैंने यहाँ कोई गांड का दर्द निवारण केंद्र खोल रखा है, गांड मरवाओगे तो दर्द तो होगा ही | जग्गू मेरी चूत के दर्शन करने है की नहीं |
रीमा की चूत की बात सुनते ही जग्गू को जोश आ गया | उसके सटक से एक जोर दार धक्का प्रियम के चुताड़ो पट लगाया और उसका मोटा लंड प्रियम की गांड में पैबस्त हो गया | ठोकर इतनी तेज थी की प्रियम का लंड भी राजू के गांड में घुस गया | जग्गू प्रियम को थाम कर तेज तेज अपनी कमर हिलाने लगा | उसके ठोकरों से प्रियम भी हिलाने लगा जिससे उसका लंड अपने आप ही राजू की गांड मारने लगा | क्या नजारा था रीमा तो अन्दर तक वासना से नाहा सी गयी | वो कैमरा छोड़कर तेजी से अपनी गुलाबी चूत मसलने लगी | और जग्गू की तरफ जांघे फैलाकर दिखाते हुए - जग्गू तुझे ये चाहिए की नहीं |
जग्गू तेज मारते धक्को की वजह से हांफता हुआ - हाँ मैडम बिलकुल चाहिए |
रीमा - तो जोर जोर से चोद साले इस भडवे को | मार साले की गांड जोरदार तरीके से | अपने लंड से मसल कर कुचकर रख दे इसकी हरामी गांड को |
जग्गू का जोश तो दुगना हो गया जैसे उसे किसी ने वियाग्रा की गोली खिला दी हो | जग्गू पुरे जोश से धक्के मारने लगा | प्रियम की हालत पतली हो गयी | एक तो पिछवाड़े में भीषण दर्द और उसपर से जग्गू के भीषण धक्के | प्रियम तो जैसे बेहोश होने की कगार पर पंहुच गया | प्रियम के मुहँ से बस दर्द भरी कराहे ही निकल रही थी और उसके शरीर में जीतनी ताकत थी उससे वो खुद की गांड में हो रहे दर्द को बर्दास्त करने की कोशिश कर रहा था | जग्गू के धक्को से राजू की गांड तो अपने आप ही प्रियम का लंड अन्दर ले रही थी |
रीमा ने जोश में हुंकार भरते हुए - मजा आ रहा है प्रियम, देख लिया रीमा से पंगा लेने का हस्र | बहुत देर हो गयी मोटे लंड के मजे लेट हुए अब तोडा मजा राजू को भी दे | राजू प्रियम की गांड अब तू मार और जग्गू का लंड तेरी गांड में जायेगा |
राजू के अन्दर अब किसी तरह का प्रतिरोध करने की हिम्मत नहीं थी | प्रियम के घुटने और पैरो में अब जान नहीं बची थी | उसकी गांड में तेज दर्द हो रहा था और जो उसके जंगो और पैरो को कमजोर कर रहा था | प्रियम पीठ के बल लेट गया | उसके ऊपर राजू आ गया | उसके [पीछे जग्गू आ गया | अब कमरे का सीन देखकर कोई नहीं कह सकता था ये तीनो बिलकुल नार्मल लड़के है और इनमे से कोई भी गे नहीं है | असल में अब तीनी के अन्दर किसी तरह का विरोध करने की ताकत नहीं बची थी | जो होना था सो हो चूका था | एक बार लंड गांड में जाये या १० बार , लंड तो गांड में घुस चूका था | इसलिए अब कम से कम अपने अन्दर की आग तो बुझा ही लो | राजू ने अपने लंड को जोर जोर से मसलते हुए उस पर ढेर सारा लार मल दिया और उसे प्रियम की गांड के खुले छेद पर सटा दिया | पीछे से जग्गू कुछ ज्यादा ही जोश में था | उसने बिना किसी इशारे के ही राजू की गाड़ पर लंड रखकर तेजी से पेल दिया | झटका जोरदार था जग्गू का पूरा लंड राजू की गांड में समां गया और उस झाके के कारन राजू की कमर भी हिली और इउसका लंड प्रियम की गांड में घुस गया | अब प्रियम का दर्द बर्दाश्त करने की हालत में आ गया था | दोनों एक दुसरे के उपर घोड़ी बने लंड पेलने में जुटे थे | तीनो बुरी तरह हांफ रहे थे | और ये कामुक नजारा देख रीमा अट्टहास लगा रही थी और अपनी गुलाबी चूत मसल रही थी | जग्गू जैसे ही रीमा के गुलाबी चूत को देखता उसका जोश कई गुना बढ़ा जाता | वो तेजी से हांफ रहा था लेकिन उसके धक्के दनादन जारी थे | पहले उसने प्रियम की गांड को सुरंग बना डाला था अब राजू की गांड में भी बुरी तरह से लंड पेल रहा था |
रीमा का रोमांच थम सा गया था उसे और ज्यादा और ज्यादा की लत लग गयी थी रीमा ने और ज्यादा रोमांच लाने के लिए - अब गांडमरो थोड़ा साइड पोज में भी एक्शन कर दो तो कुछ विडियो और फोटो ले लू मै |
तीनो थम गए | किसी को कुछ समझ नहीं आया | जग्गू रीमा की तरफ देखने लगा |
रीमा हैरानी से - तुम लोगों को साइडपोज नहीं पता है और चले थे जो है रीमा को चोदने के लिए भोसड़ी वालों ........साइड पोज वह होता है जिसमें एक तरफ एक कंधे पर झुक कर के एक दूसरे की चुदाई की जाती है , राजू तुम एक काम करो तुम जो है अपने बाएं कंधे पर झुक जाओ और उसके पीछे से प्रियम आ करके तुम्हारी गांड में लंड घुसा देगा और उसके पीछे तुम जग्गू फिर से प्रियम की गांड मरोगे | इस तरह से तीनों एक कंधे पर हो करके एक दूसरे के पीछे से एक दूसरे की गांड मारोगे आते हैं | फटाफट अपनी पोजीशन लेकर एक्शन शुरू कर दो ताकि मैं एक फोटो ले लू , पता नहीं कब तुम लोगों की पिचकारी शुरू हो जाये | काफी देर से गांड मार रहे हो और मुझे पता है गांड मारने में बहुत ही ज्यादा मेहनत लगती है और लंड में बहुत ज्यादा रगड़न होती है जिससे कि बहुत ही जल्दी पिचकारी छूट जाती है इस बार किसी ने ना कोई प्रतिरोध किया ना कोई नौटंकी की | तीनों अपने आप ही उस पोजीशन में सेट हो गए और एक दूसरे की गांड में लंड घुसाकर पीछे से अपने चूतड़ हिलाने लगे | तीनों के अंदर बहुत ही ज्यादा हीनता और शर्म भाव भर गया था इतनी ज्यादा ग्लानि से भर गए थे कि वह एक दूसरे की शक्ल भी नहीं देख रहे थे तीनों ने जो भी किया था वह उनके कर्मों का फल था लेकिन फिर भी यहां पर दाद देनी होगी कि रीमा' जिसने अपने कठिन समय में उस सिचुएशन में खुद को बहुत ही संयमित बनाए रखा और उन लड़कों की भावनाओं को बहुत जल्दी पहचान गई और मौका मिलते ही बाजी पलट दी | अब वह तीनों बहुत ही ज्यादा पछता रहे थे और मन ही मन एक दूसरे को कोस रहे थे कि सालों ऐसा प्लान बनाया ही क्यों था जो यह दिन देखना पड़ा | तीनों की चेहरे की हवाइयां उड़ते देख कर रीमा समझ गई थी कि अब बस यह लौड़े कुछ देर के मेहमान हैं इसीलिए रीमा ने आदेश दिया अच्छा बच्चे एक
काम करो अब अपने दोस्तों की गन्दी गन्दी गांडो से अपने लंड को निकालो और अपने हाथ से मुठियाना शुरू कर दो मैं चाहती हूँ तुम लोग अपनी अपनी पिचकारी अपने ऊपर ही गिराओ, मेरे कैमरे को भी मजा आएगा शूट करने में | एक दूसरे की गांड में छोड़ने से पता ही नहीं चलेगा पिचकारी कब छूती | अपनी पिचकारी अपने हाथ से निकालो ताकि अपनी मेहनत का फल खुद को मिल सके चलो फटाफट अलग हो जाओ और अपने अपने हाथों को हिलाते हुए अपनी अपनी सबसे झील के सफेद पानी को बाहर निकालो |
तीनों ही चुपचाप एक दूसरे से अलग हो गए और सोफे पर आकर बैठ गए उसके बाद में अपने लंड को पकड़ के मुठीयाने लगे और कुछ ही देर में तीनों के लंडो ने अपनी-अपनी पिचकारिया छोड़नी शुरू कर दी तीनों के लंडो से निकला हुआ सफेद गरम लावा उनकी नाभि और उनके लंड के आसपास फैल गया रीमा यह सब देखकर कस कर अपनी चूत गाने को रगड़ने लगी थी उसके आनंद की कोई सीमा नहीं थी | 3 जवान लड़के जो उसको चोदने का खाका बना कर के यहां आए थे जो उसे बंधक बनाकर उसे चोदना चाहते थे कुत्तिया की तरह चोदना चाहते थे हचक हचक के चोदकर उसकी चूत फाड़ने के लिए आये थे, अब शर्म से झुके चेहरों से उसके सामने पराजित बैठे थे | उसने उनके गेम की पूरी बाजी ही पलट दी और अब तीन लड़के मायूस से निराशा से थके हारे पराजय से भरे हुए अपने अपने झड चुके लंड को बड़ी निराशा से मसल रहे थे |
तीनों की ना तो नजर एक दूसरे से मिल रही थी ना एक दूसरे को देख रहे थे तीनों पर सर झुकाए अपने अपने लंड को मसल रहे थे जो की पूरी तरह से उनकी से सने हुए थे और अब वह धीरे धीरे नरमी की तरफ बढ़ने लगे थे | तभी रीमा ने कैमरा अलग रख दिया और एक स्ट्रैप डिल्डो निकाल कर के अपनी कमर में बांध दिया और अपने हाथ में गन पकड़ ली तीनो के तीनो लड़के अपनी हार स्वीकार कर चुके थे लेकिन रीमा के अंदर भरा गुस्सा कम ही नहीं हो रहा था, वो उन्हें बुरी तरह से सबक सिखाने के चक्कर में थी, साथ ही साथ वो बेहद सतर्क थी कही कोई उससे बगावत न करे जो उसे लेने के देने पड़ जाये | इनमें से अगर किसी एक दिन बगावत कर दी तो उसकी दुर्गति हो सकती इसलिए उसने अपने हाथ में गन थाम रखी थी |
रीमा ने स्ट्रैप पहनकर के राजू को अपने पास आने को कहा | राजू के पास में आते ही रीमा ने उसके ऊपर गन तान दी और अपना प्लास्टिक वाला लंड उसके मुंह के सामने तान दीया राजू घुटनों के बल बैठ गया | उसने बिना किसी रेसिस्टेंस के अपना मुंह खोल दिया क्योंकि गन देखकर उसकी और ज्यादा फट गई थी रीमा ने चुपचाप उसके मुंह में अपने प्लास्टिक के लंड का सुपाड़ा घुसेड़ कर अपनी कमर हिलाने लगी जबकि दूसरे हाथ से गन थामकर राजू के सर पर तान दी | जग्गू और प्रियम की ये देखकर ही फट गयी | अब तो वो किसी अनहोनी की आशंका से बुरी तरह डर गए | दोनों ने नज़ारे नीची कर ली और अपनी मुरझाये लंडो पर जाकर टिका दी | राजू के सर पर तना हुआ गन....................... यह देखकर प्रियम और जग्गू के चेहरे जो पहले से ही निराशा से लटके हुए थे अब डर दहशत और निराशा से भर गए | जग्गू की कुछ ज्यादा ही फट के हाथ में आ गयी ..............तो क्या रीमा चाची अब इस प्लास्टिक के लंड से हम सब की गांड फाड़ने जा रही है |
जग्गू अपने मन को दिलासा देता हुआ बोला नहीं नहीं यह साले इन गांडमरो के लिए यह है ये साले हैं ही इसी लायक, रीमा चाची मेरे साथ नहीं करेगी जब मैं गाड़ मरवाई ही नहीं | ये सब इन सबको सबक सिखाने के लिए | इनके साथ ऐसा ही सलूक होना चाहिए ये है ही एक नंबर के घटिया इंसान इसलिए इनके साथ जो हुआ सही हुआ |
जग्गू अपने अन्दर की दहशत को काबू में करता हुआ - रीमा मैडम आप तो हुस्न परी हो अप्सरा भी फ़ैल है आपके हुस्न के आगे और ऊपर से आप की कमर में बंधा ये प्लास्टिक का लंड सोने पर सुहागा लगा रहा है | एक बार इससे जरा राजू की गांड भी मार दो हमें भी तो सिखावो कैसे अच्छे से गांड मारी जाती है | आपके मटकते चूतड़ जब राजू की गांड में ये मुसल रबर का लंड पेलेगें तो सच में देखने में बहुत मजा आएगा |
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राजू ने एक मुस्त ढेर सारी गालियाँ मन ही मन जग्गू को दी |
जग्गू - हम तो अनाड़ी है रीमा मैडम, जैसे-तैसे निपटा तो दिया लेकिन मजा नहीं आया, अच्छे से कैसे गांड मरी जाती है एक बार जरा डेमो दिखा दो | हम भी देखे कैसे अदा से आपके मोटे मोटे भरी भरकम चूतड़ और नाजुक कमर झटके मारती है | कसम से आपको धक्के मारते देख मजा आ जायेगा |
जग्गू की बाते सुनकर रीमा का अन्दर तक खून खौल गया लेकिन उसने एक लम्बी साँस ली और बहुत ही प्यार से बोली - जैसी तेरी मर्जी जग्गू, तुझे तो लाइव डेमो दिखाउंगी with प्रैक्टिकल | अब तुम तो झड चुके हो, तुमारी जवानी का जोश तो उतार गया है लेकिन मेरा चूत दाना तो अभी भी खुजला रहा है , अभी थोडा सा जिस्म गरम कर लू , अभी राजू कच्चा है इसलिए राजू को थोड़ा और ट्रेनिंग दे दू, राजू की गांड को ट्रिंग की ज्यादा जरुरत है और तुम लोग भी अच्छे से देख लो कैसे अच्छे से गांड मारी जाती है अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है |
राजू - मै ही क्यों रीमा चाची |
रीमा - क्योंकि तेरी गलती सबसे कम है, और तू ही सबसे अनाड़ी है चला था रीमा चोदने | रीमा को चोदने के लिए बहुत ही ट्रेंड लंड की जरूरत होती है जो कि तुम लोगों के पास नहीं है इसलिए पहले बच्चों का ट्रेनिंग ले लो, थोड़ा लंड को बचपने से बाहर ले कर आओ, रीमा की चूत तुम जैसे किसी अनाड़ी के लिए नहीं है इसको चोदने वाला मोटा तगड़ा लंड बहुत ज्यादा स्किल वाला होना चाहिए |
अभी तो तूने चुदाई का सुभारम्भ किया है, एक बार असली लंड लिया है गांड में अब एक बार मोटा लंड लेकर देख | एक बार आदमी से गांड मरवाई है एक बार औरत के नाजुक मादक जिस्म से गांड मरवाकर देख |
रीमा - एक काम कर तू चुपचाप आकर मेरे ऊपर बैठ जा | इतना कहकर रीमा पीठ के बल सोफे पर बैठ गई और उसने राजू को अपने ऊपर बैठा लिया और अपने लंड को उसकी गांड पर सटा करके उसके ऊपर बैठने को कहा गया | राजू ने प्लास्टिक के लंड जो की उसकी गांड के छेद से सटा हुआ था उस पर अपनी गांड से नीचे को दबाव डाल | प्लास्टिक का लंड आराम से उसकी गांड में घुस गया | राजू की गांड का छेद वैसे भी नरम हो चुका था इसलिए प्लास्टिक का लंड लेने में उसे सिर्फ थोड़ी सी तकलीफ हुई क्योंकि यह थोड़ा सा मोटा था रीमा ने अपनी गन राजू की खोपड़ी पर तान रखी है जिससे राजू की और ज्यादा फटी हुई हुई थी इसीलिए राजू भी रीमा के बिना कहे ही अपनी कमर को हिलाने लगा और प्लास्टिक का लंड जो कि रीमा की कमर से से बंधा हुआ था राजू की गांड में अपने आप ही जाने लगा उसका मुरझाया हुआ लंड और ज्यादा सिकुड़ गया था |
रीमा हुंकारा भरती हुई - मजा आ रहा है ना ............. तू मुझे चोदने के सपने देखता था अब मुझे चोदने की कुछ तो कीमत देनी ही पड़ेगी ना अब अच्छे से अपनी गांड मरवा ले मुझसे उसके बाद सोचूंगी कि तेरे को कुछ और भी देना है या नहीं |
तेरा लंड तो वैसे भी मै चूस ही चुकी हूँ इसलिए जन्नत की सैर तो तू कर ही चुका है अब तेरी बारी है मुझे जन्नत की सैर कराने की अच्छे से पूरा का पूरा अपनी गांड में ले | अच्छे से हचक हचक के धक्के लगा ताकि मेरा चूत दाने पर आचे से ठोकर आये और ठोकर खा खा कर के मेरी चूत झर झर कर बह निकले .......................... मुझे अच्छे से स्वर्ग की अनुभूति हो |
अभी कुछ ही देर हुई थी कि राजू की फट के हाथ में आ गई उसकी गांड ने जवाब दे दिया और वो रीमा से गिडगिडाने लगा - रीमा चाची मम्मी अब मुझसे और नहीं होगा, आब नीचे करके मेरी गांड भले ही मार लो लेकिन अब मेरे में दम नहीं बचा है | आप नीचे लिटाकर जीतनी गांड मारनी है मार लो लेकिन इस गन से मुझे मत डराओ | मै अब पस्त हो चूका हूँ, कसम खाता हूँ अब ऐसी गलती दुबारा कभी नहीं करूगां | इतना कहकर कि वह जोर-जोर से रोने लगा रीमा को भी लगा कि राजू की इतनी ज्यादा गलती भी नहीं थी |
इसमें गलती प्रियम और जग्गू की थी | रीमा को लगा इतनी सजा राजू के लिए ठीक है इसलिए उसने राजू की गांड से अपने प्लास्टिक लैंड को निकाल दिया और उसे चुपचाप किनारे बैठकर अपने सूखे हुए लंड को मसलने को कह दिया |
इसके बाद उसने बक्से के पास आते हुए - जग्गू अच्छा ये बता ये मोटा वाला लंड प्रियम की चिकनी गांड के लिए कैसा रहेगा |
जग्गू का डर अब ख़त्म हो गया था, जग्गू उत्साह से बोल पड़ा - मैडम बहुत मजा आएगा इस साले प्रियम की वजह से ही हम सब यहां फस गए हैं अब आप इसकी जमकर गांड मारो मुझे भी देखने में बहुत मजा आएगा उसके बाद आप जो कहोगी वह मैं करूंगा |
रीमा आत्मियता से - ठीक है मेरे बच्चे इसके बाद तेरा ही नंबर है तुझे भी जन्नत की सैर कर आऊंगी जग्गू यह सुनकर गदगद हो ,उसे लगा रीमा चाची उसको अब जन्नत की सैर कराएगी इसका मतलब है है वो अब रीमा की चूत छोड़ पायेगा | वो इसी ख्याल से ही जोश से भर गया , उसके लंड में अकडन आने लगी | रीमा ने एक नया प्लास्टिक का लैंड निकाला और उसे अपनी चूत के सामने जो के स्ट्रिप पर फंसा लिया यह पहले से थोड़ा ज्यादा मोटा लंड था और रीमा ने बिना देखे चुपचाप प्रियम के ऊपर जा कर चुके उसके गांड में वो मोटा लंड पेल दिया | उसके एक हाथ में गन थी इसलिए उसने राजू से कैमरे से फोटो खीचने को कहा | जग्गू सोफे पर पसरे हुए अपने लंड को मसलता रहा जो फिर से अकड़ने होने लगा था |
प्रियम कराह उठा उसे उम्मीद नहीं थी कि रीमा चाची ऐसा कुछ उसके साथ करने वाली है लेकिन अब और वह कुछ कर नहीं सकता था उसे चुपचाप ही ये सब बर्दाश्त करना था | रीमा ने प्रियम की गांड में पूरा का पूरा रबर का लंड घुसेड़ दिया था | रीमा की कमर बार-बार तेजी से हिल रही थी और उसका स्ट्रैप उसके चूत दाने पर आचे से ठोकर मार रहा थाजिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रही थी | रीमा इसी उत्तेजना में और ज्यादा जोर से ही करारे झटके लगाने लगाती | प्रियम के मुहँ से दर्द भरी कराह निकल रही थी लेकिन रीमा भावहीन होकर उसकी गांड मार रही थी उसका रबर का लंड खनन सटासट प्रियम की गांड में के छेद की सुराग को साफ़ कर चौड़ा करने में लगा हुआ था | प्रियम कराहता हुआ - रीमा चाची धीरे धीरे करिए दर्द होता है |
इतन गुस्सा होने के बावजूद भी रीमा के दिल के किसी कोने में प्रियम के लिए बार बार प्यार उमड़ ही आता था |
प्रियम की हालत देख रीमा को उस पर दया आ रही थी लेकिन अगले ही पल उस पर गुस्सा भी आ रहा था | रीमा ने प्रियम को गरिआते हुए उसकी गांड में जोर जोर से हचक कर लंड पलते हुए - दर्द हो रहा है ................ साले मैंने तुझे पहले भी समझाया था लेकिन तू तो साला समझने लायक है ही नहीं,................... मैंने बोला था ना मेरी चूत का ख्वाब देखना छोड़ दे लेकिन तुझे समझ में नहीं आया | अब गांड में लंड जा रहा है, अब मुझ्से अपने दोस्तों के सामने गांड मरवाकर खुस है | अब उतर गयी सारी मेरी चूत की ठरक | अब अकल ठिकाने आ गई जब मेरी चूत पर बंधा मोटा लंड तेरी गांड को चीर कर रखे दे रहा है | अपनी चाची से ही गांड मरवाकर खुश है न अब , अब तुझे समझ आ रहा होगा कि रीमा चाची के कहने का क्या मतलंब था | रीमा बाते करते करते अपनी कमर भी तेजी से हिला रही थी | रीमा - ले अन्दर तक मेरा लंड , और अन्दर तक ले पूरा का पूरा |
तेरे लंड में इतनी खुजली माजी है साले की मुझे से गांड मराने आ गया, तो ले तेरी गांड मारकर मै तेरे लंड की सारी खुजली मिटा देती हूँ आज | आज देख चूत का लंड कितना ताकतवर होता है, ले पानी गांड में पूरा का पूरा औरत का लंड |
रीमा प्रियम को कोसते हुए जोरदार तरीके से लंड उसकी गांड में पेल रही थी | प्रियम के तो सारे अस्थि पंजर ढीले हो चुके थे | रीमा के करारे करारे झटको से प्रियम पूरी तरह हिल गया | उसके मन में भी बहुत ज्यादा अस्थिरता थी | उसकी चाची का रबर का पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में घुसा हुआ | वो चाची के इस नए रूप को देखकर हैरान परेशान था | रीमा ने एक करारा जोरदार झटका मारा, प्रियम तो जैसे भीषण दर्द से पूरा का पूरा बेहोश ही होने की कगार पर पहुँच गया | ये सब उसके साथ पहली बार हो रहा था इसलिए उसकी और ज्यादा फटी पड़ी थी | उसे रीमा चाची का ये रौद्र रूप बहुत ज्यादा परेशान किये था | वो उनकी हरकते उनका अंदाज सबकुछ पढ़ पाने में बिलकुल नाकाम साबित हो रहा था | वो जितना रीमा की हरकतों से हैरान था और जग्गू के व्यवहार से भी उतना ज्यादा दुखी लग रहा था उसे अहसास हो गया था कि उसे जग्गू के चंगुल में पड़ना ही नहीं चाहिए , उससे जितना हो सके उससे दूर रहना चाहिए था रीमा के प्लास्टिक के लंड से लगते हर झटके के साथ में प्रियम कसम खा रहा था कि अब वो रीमा से हर मामले में दूर ही रहेगा उसे किसी भी मामले में नहीं पड़ना को कितनी बार उसने रीमा से पंगा लेने की कोशिश करी हर बार उसने मुंह की खाई है और इस बार तो कुछ ज्यादा ही हो गई आज वह एक खूबसूरत औरत एक खूबसूरत हसीना से अपनी गांड मरवा रहा है, जबकि उसे तो इस समय उसकी चूत चटानी थी उसकी चुन्चिया मसलनी थी और उसके खूबसूरत जिस्म के आगोश में अपने प्यार की पींगे बढ़ानी थी वहां आज उसकी गलतियों की वजह से वही औरत क्रोध में भरी उसकी गांड मार रही थी | इससे ज्यादा और घटिया क्या बात हो सकती है कि एक औरत जो कभी प्रियम को अपने आगोश में लेने को आतुर थी आज घुस्से और बदले से भरी प्रियम की गांड मार रही है | प्रियम के लंड में भी अब हरकत होने लगी, लगातार गांड पर पड़ते धक्को से आब उसमें भी अकड़न आ गयी थी | उसकी गांड का दर्द बहुत कम हो गया था | रीमा को भी लग रहा था की प्रियम की पोजीसन अब्दल देनी चाहिए | रीमा ने प्रियम को उलट दिया और फिर से उसकी गांड में लंड को घुसेड़ दिया और जग्गू रीमा के धक्के मारते हिलाते चूतड़ देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हो रहा था | रीमा के खूबसूरत गुलाबी जिस्म और उसकी हिलती पतली कमर, उसके चौड़े भारी भरकम चूतड़ जब जोर लगाकर प्रियम की गांड चीर रहे थे तो जग्गू का लंड ये सब देख फिर से अकड़ रहा था |
जग्गू ने ताना मारते हुए - लगता है इसको अपनी गांड मरवाने में मजा आ रहा है रीमा मैडम .............|
रीमा जग्गू की बात सुनते ही गूसे से अन्दर ही अन्दर भर गयी लेकिन उसकी भी मजबूरी थी, अभी जग्गू को बुरी तरह से सबक सिखाने का टाइम आया नहीं था | रीमा बनावटी मुस्कराहट के साथ - क्या कहते हैं जग्गू |
जग्गू - मैंने बोला था न साला गांड मरा है ये ............ इसको तो गांड मरवाने में भी मजा आ रहा है वरना इसका लंड ऐसे नहीं खड़ा होता |
रीमा के शांत दिमाग में एक विचार कौधा - जग्गू मेरा लंड प्रियम की गांड मारते मारते सुख गया है, थोडा सा मुहँ में लेकर गीला कर दो न | देखो सूखे लंड से गांड मरूंगी तो इसकी गांड का फलूदा बाद जायेगा |
जग्गू रीमा के इस अनुरोध से एकदम सकपका गया, उसकी मस्ती छु मंतर हो गयी - मै कैसे मैडम ऐसे कैसे |
रीमा बड़ी ही मादक अदा से - क्या कैसे ऐसे , एक छोटा सा तो काम बोल रही हूँ |
जग्गू खुद को संभालता हुआ - मैडम ये गन्दा लंड मै अपने मुहँ में कैसे ले सकता हूँ | ये तो बहुत गंदा होगा इसमें से से तो बदबू आ रही होगी यह मैं कैसे मै अपने मुहँ में ले सकता हूं |
रीमा ने अपना पांसा फेंका, बहुत ही कामुक अदा से - क्यों मेरी चूत में लंड डालना है या नहीं डालना है मुझे चोदना है हचक हचक के या नहीं |
जग्गू उत्साह से - हां चोदना है न रीमाँ मैडम |
रीमा - तो एक बार ले लो न ...............क्या हुआ थोड़ा सा गंदा ही तो है एक ही बार में मुहँ में लेकर अच्छे से गीला कर दो इसके बाद तुम्हे मेरी चिकनी चूत भी तो चोदने को मिलेगी, मेरे खूबसूरत हसीन जिस्म को चूसने, चटाने का भी तो मौका मिलेगा और यकीं दिलाती हूँ तुम्हे रंडी की तरह से चोदना मुझे , अच्छे से हचक हचक कर पूरा लंड पेल कर |
प्रियम अब तक रीमा की अच्छे से समझ गया था, वो जान गया था जग्गू की शामत आने वाली है, अभी रीमा चाची मछली का चारा फेंक रही है | वो भी चाहता था की रीमा चाची जग्गू को सबक सिखाये | उसकी इज्जत तो जमीं पर पड़ी थी तो क्यों न जग्गू की भी यही दुर्हती हो |
इतना सुनते ही जग्गू जोश से भर गया लेकिन उसको यह सोच कर कि घिन और उबकाई आ रही थी कि प्रियम की गांड से निकला प्लास्टिक का लंड उसे अपने मुंह में लेना है |
जग्गू बोला - मैं मैं आपकी चूत के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं लेकिन मुझे बहुत घिन आ रही है, मुझसे ये नहीं होगा मैडम |
रीमा कामुक अदा से - कोई नहीं तो मेरे पास तो आ जा बच्चे मैं तेरी नाक और आंख दोनों ही बंद कर दूंगी, न तुझे कुछ दिखेगा न तुझे कोई गांड आएगी | बस प्रियम की गांड के रस का स्वाद लेना | तुझे सिर्फ मुहँ खोलना है और मुंह में लंड लेना है | ज्यादा सोच मत नहीं तो मेरी चिकनी गुलाबी चूत तेरे हाथ से फिसल जाएगी | जग्गू की आत्मा और मन हिकारत से भरे हुए थे वो जग्गू के कदम आगे बढने से रोक रहे थे लेकिन जग्गू का लालच उसे नरक की गन्दगी में डुबाने को आतुर था | रीमा की चूत के लालच में जग्गू धीरे-धीरे रीमां के पास आ गया उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह एक गांड से निकले प्लास्टिक के लंड को अपने मुंह में लेने जा रहा है लेकिन दिमाग की चूत के लालच में वह सब कुछ करने को तैयार था रीमा ने भी आपको अच्छे से पोजीशन किया | जैसे ही जग्गू पास आया | रीमा ने उसकी आंखे बंद कर दी | और उसकी नाक को भी कसकर बंद कर लिया ताकि उसको प्रियम की गांड से निकला हुआ गन्दा प्लास्टिक का लंड अपने मुहँ में लेने में किसी तरह की कोई तकलीफ ना हो | फिर भी रबर का लंड मुहँ में जाते हु जग्गू को एक बारतेज उबकाई आ ही गई लेकिन उसके बाद उसने किसी तरह से रीमा के लंड को अपने मुहँ में घुसेड लिया | एक बार मुहँ में लंड जाने का मतलब साफ़ है अब बिना चुसे तो रीमा उसे निकाल नहीं लेगी |
रीमा बोली - एक बार चुसो तो सही |
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प्रियम का लंड अच्छे से तना हुआ था जिसे रीमा अपने हाथ में लेकर मुस्कुराने लगी और तेजी से उसकी गांड मारने लगी यह सब देख कर जग्गू बहुत ही ज्यादा जोश में आ गया था उसका लंड बुरी तरह अकड़ा हुआ था | रीमा कनखियों से राजू के लंड को भी अच्छे से देख रही थी राजू अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर मसलने लगा था |जग्गू को बुरी तरह से लंड मसलता देखा रीमा समझ गयी की जग्गू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया है और उसके दिमाग में क्या चल रहा है इसका भी अनुमान लगाने की कोशिश करने लगी थी रीमा को अंदाजा था उसकी बातों को सुन सुनकर जग्गू उत्तेजित हो गया है और उसकी चूत को चोदने के सपने पालने लगा है | इसी बात ने उसके अन्दर का गुस्सा और ज्यादा बढ़ा दिया उसने प्रियम को करारे झटके देने शुरू कर दिए थे और उसके लंड को बहुत तेजी से मुठीयाने लगी थी | प्रियम लंड और गांड पर हो रहे इस दोहरे हमले से कराहने लगा | रीमा ने भी दनादन चौकड़ी भर कर प्रियम की गांड पर धक्के दे धक्के की गांड के चीथड़े उड़ा दिए | प्रियम की अब बर्दाश्त से बाहर था |
उसने दोनों हाथ जोड़ लिये - चाची चाची अब मैं आपसे बहुत दूर रहूंगा आपके साथ कोई गलत काम नहीं करूंगा आपके बारे में कुछ भी गलत नहीं सोच लूंगा प्लीज मुझे माफ कर दो और इससे ज्यादा मैं और नहीं सह सकता |
रीमा को भी लगा कि अब इस लड़के के लिए इतनी सजा ठीक है | रीमा को अब प्रियम पर तरस आ रहा था |
रीमा ने उसे अपने सीने से चिपका लिया - आजा मेरे बच्चे मेरे पास आ जा अभी तेरी गांड मारनी तो नहीं बंद करूंगी लेकिन तू मेरी खूबसूरत चुचियों को चूस सकता है रीमा ने प्रियम को अपने आंचल में भर लिया और प्रियम बच्चों की तरह उसके खूबसूरत बड़े-बड़े तने हुए उरोजो के चुचियों को अपने मुंह में भरकर उन्हें चूसने लगा उसके बाद रीमा ने उसकी गांड में धक्के लगाने फिर से शुरू कर दिए |प्रियम लगातार उसकी चूचियों को अपने मुंह में भरकर चूसता रहा और रीमा उसी गांड में धक्के लगाती है | रीमा का एक हाथ प्रियम के लंड को मसलता रहा | चाची और भतीजे की यह कामुक हरकतें देख कर के जग्गू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई उसे लगा रीमा चाची प्रियम को चाहती हैं रीमा भी प्रियम के बालों को सहलाने लगी लेकिन उसने धक्के मारने कम नहीं किए और उसकी नाजुक गांड को फैलाकर के सुरंग बना दिया रीमा ने प्रियम को बहुत ही करारे झटके मारे थे इससे वह भी हांफने लगी थी रीमा को लगा इतना प्रियम के लिए पर्याप्त उसने प्रियम के बाल को सख्ती से पकड़कर कहा - सुन लड़के तू मेरा रिश्ते में कुछ भी लगता हो लेकिन आज के बाद मेरी चूत पर मेरे जिस्म के बाद में अगर कोई गन्दा ख्याल आया ना इससे बुरी तरह से तेरी गांड मारूंगी और मेरे पास इससे भी मोटे मोटे प्लास्टिक के बड़े बड़े लंड है जिनसे तेरी गांड फाड़ के सुरंग बना दूंगी इसलिए आगे से इस मामले में तू मुझसे दूर ही रहना | इतना कहकर प्रियम के लंड को तेजी से मुठीयाने लगी | पप्रियम भी उत्तेजना के भंवर में गोते लगाता अपने आखिरी पड़ाव पर पंहुच गया था | रीमा - यह आखरी चेतावनी है इसके बाद में कोई हरकत के लिए तू ही जिम्मेदार होगा | प्रियम के लंड को रीमा तेजी से मुठीयाने लगी , प्रियम की कराहे बढ़ने लगी, रीमा ने प्रियम की गांड में चार पांच करारे करारे झटके मारे और प्रियम की गोलियां का सफ़ेद रस उसके लंड के मुहाने की तरफ बह चला | प्रियम की पिचकारी छुटने लगी, प्रियम मस्ती और उत्तेजन से कराहने लगा | सात आठ पिचकारियो में ही प्रियम का काम तमाम हो गया | प्रियम अपनी लम्बी लम्बी उखड़ी सांसे काबू करने लगा | रीमा ने प्रियम की गांड से प्लास्टिक का काला लंड निकाल लिया, उसका हाथ प्रियम के लंड रस से सान गया था | वो बड़ी अदा से अपने हाथ को चटाने लगी और जग्गू को देखने लगी | उसके मन में हल्की सी शंका थी लेकिन प्रियंका लंड रस चूसते हुए वो आत्मविश्वास से भरी हुई थी और उसे पटा था वो जग्गू को अच्छे से काबू कर सकती है | प्रियम तो किसी मुर्दे की तरह वहीं बिस्तर पर निढाल हो गया | रीमा जग्गू के पास आ गई और उसके सख्त करारे लंड को पकड़कर के हिलाने लगी जग्गू की आंखों में आंखें डाल रीमा बोली- अभी तुम मेरी चूत मारने के लिए तैयार नहीं दीखते |
जग्गू बिस्तर पर उछलता हुआ बोला - मै पूरी तरह से तैयार हूँ रीमा मैडम |
रीमा - ये तो तुम कह रहे हो, तुमारी बॉडी और लंड तो ऐसा नहीं कह रहे |
जग्गू - मै कुछ समझा नहीं |
रीमा - अभी समझ जावोगे | थोडा आगे को खिसको |
रीमा ने जग्गू का लंड हाथ से थम लिया | उसके नरम हाथो का स्पर्श जग्गू के अन्दर आनद की एक नयो तरंग भर गया | जग्गू पीठ के बल लेता हुआ था , वैसे ही थोडा सा आगे खिसक गया |
रीमा ने उसके तने हुए सूखे लंड को हाथों से जकड़ लिया और अपने प्लास्टिक के काले मोटे लंड को उसकी गांड पर सटा दिया | जैसे ही रीमा ने उसकी गांड पर अपने रबर के काले लंड को सताया जग्गू चौक गया |
उसने धीमा से रीमा से पूछा - यह क्या है रीमा मैडम |
रीमा - अगर मेरी चूत रंडियों की तरह चोद चोदनी है तो एक बार अपनी गांड में मेरा यह मोटा लंड लेना होगा |
जग्गू हैरान था - लेकिन ऐसा तो कुछ आपने कहा नहीं था कि पहले कि मुझे अपनी गांड मरवाने पड़ेगी | इससे पहले जग्गू कुछ रियेक्ट करता , रीमा ने प्रियम और राजू को इशारा किया, दोनों आकर जागु के ऊपर लद गए और अच्छे से उसके हाथ को पकड़ लिया | जग्गू अपनी जगह से हिलाने की स्थिति में नहीं था |
रीमा भावहीन होकर बोली - अच्छी तरह से सोच ले जग्गू मुझे कोई शौक नहीं तेरी गांड मारने से मुझे कुछ नहीं मिलने वाला है लेकिन अगर तुझे मेरी चूत मारनी है तो तुझे मुझसे गांड मरवानी ही पड़ेगी | तभी हिसाब बराबर होगा | सोच ले नहीं तो कल तो तू दुनिया भर में गाता फिरेगा मैंने रीमा की चूत मारी जो कि आज तक किसी ने नहीं किया है| तू मुझे चोदने के लिए बाद गली गली में इसके नारे न लगाये इसीलिए मुझे यह करना पड़ रहा है.................... मुझे कोई शौक नहीं है तेरी गंदी सी गांड मारने का | अब चुपचाप अपनी गांड के छेद को आराम दे और मुझे अपना लंड घुसाने दे उसकी गांड पूरी तरह से सूखी हुई थी लेकिन रीमा का लंड प्रियम की गांड में जाने से थोड़ा सा गीला था | जग्गू के प्रतिरोध न करते देख रीमा बोली - राजू तो अपने काम पर लग जा | राजू जग्गू के ऊपर से हटकर कैमरा उठकर फिर से फोटो खीचने लगा |
रीमा ने पूरा जोर लगा कर के काले लंड का मोटा सुपारा जग्गू की गांड में घुसा दिया , रीमा को बहुत ज्यादा ताकत लगनी पड़ी | जग्गू की गांड फैलने लगी जग्गू को बहुत ही तेज दर्द होने लगा लेकिन जग्गू ने दोनों मुठ्ठिया बीच करके उस दर्द को बर्दाश्त करने लगा हालांकि वह अभी भी हैरान था कि यह गांड मारने वाली बात कब हुई लेकिन अभी उसके दिलो-दिमाग पर रीमा की गुलाबी चूत छाई हुई थी और उसको चोदने का ख्वाब .....................इसलिए जग्गू ने भी रीमा से बहुत ज्यादा बहस नहीं करी | रीमा ने रबर के लंड को अच्छे से जड़ से सख्ती से पकड़ा हुआ था | जग्गू की गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी और रीमा पूरी ताकत से जोर लगाये हुए थी | उसका तना लंड रीमा के एक हथेली की मालिश का लुफ्त उठा रहा था | जागु को समझ ही नहीं आ रहा था की उसके साथ हो क्या रहा है | उसे बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी उसकी गांड में रीमा के रबर के लंड ने अपनी जगह बना ली थी | रीमा ने पूरा का पूरा जोर लगा दिया था लेकिन जग्गू की गांड के छेद को खोल पाने में नाकाम रही उसने पूरा का पूरा जोर लगाने के बाद भी उसका काला मोटा लंड सिर्फ 2 इंच तक जग्गू की गांड में गया था | जग्गू की गांड वैसे भी बुरी तरह फैल गई थी और जग्गू को बहुत ही भीषण दर्द हो रहा था लेकिन जग्गू को यह सब बर्दाश्त ही करना था क्योंकि उसके जिंदगी का सबसे लंबा सपना पूरा होने जा रहा था और जल्दी ही वो रीमा की चूत में अपने लंड को पेल देगा इसी के साथ जग्गू ने तय किया था कि रीमा की चूत को फाड़ के रख देगा और इस समय होने वाले हर दर्द का बदला रीमा से उसको करारे करारे झटके मार मार कर के उसकी चूत फाड़ फाड़ करके देगा ताकि रीमा को एहसास हो कि गांड मारने के बाद उसे कितना दर्द हुआ था इसी सब चक्कर में जग्गू चुप था | रीमा उसकी गांड में लंड पेलने की कोशिश कर रही थी लेकिन जग्गू की गांड बहुत टाइट थी इसलिए जोर लगाने के बाद भी रीमा को कोई फायदा नहीं हो रहा था | उसने अपनी काले मोटे लंड को बाहर निकाल लिया और जग्गू के बालों को पकड़ कर उसे उठा लिया और अपने लंड पर उसे जोर देकर झुकाने लगी |
जग्गू ने जब यह देखा तो वो हैरानी से भर गया उसे यकीन नहीं था कि रीमा कुछ ऐसा करने वाली है उसने रीमा की आंखों की तरफ देखा रीमा बोली - चूस ले एक बार चूसने में क्या जाता है तेरी ही घर का रास्ता है |
जग्गू बोला - अब तो बर्दाश्त से बाहर हो रहा रीमा मैडम, आप अपनी चूत तो चोदने दे नहीं रही हो ऊपर से पता नहीं किसकी किसकी गांड का माल मुझसे चटवा रही हो | मुझे आपकी चूत चोदनी है इसलिए सब बर्दाश्त कर रहा हूं लेकिन यह क्या है यह तो नहीं हो पाएगा मुझे तो सोचकर ही घिन आ रही है |
रीमा - अरे बेवकूफ इसमें कौन सी बड़ी बात है रोज सुबह सुबह तेरी गांड से जो रस निकलता है उसी रस की थोड़ी सी गंध है इसमें | चूत चाटने में तो कोई हिचक नहीं होती, वहां क्या फूल बरसते है | चुपचाप गीला कर दे इसे नहीं तो सुखी गांड मारूंगी इससे तेरी |
जग्गू को भी ताव आ गया - इतनी देर से मुझे लगा रहा है आ मेरा चुतिया काट रही है | इसको गीला करना है तो अपनी लार लगाइए न |
रीमा भी उसी टन में बोली - इसे चुपचाप अपने मुहँ में ले, मै तेरी बकवास सुनने को नहीं बैठी हूँ यहाँ | जल्दी कर ताकि मैं अपना आगे का काम कर सकूं और फिर तू मेरी कमसिन गुलाबी चिकनी चूत को चोद सके |
रीमा की चूत का नाम आते ही जग्गू का गुस्सा काफूर हो गया ..............उसकी आंखों में फिर से एक बार सपने तैर गए | ये देख प्रियम ने एक कुटिल मुस्की मारी | जग्गू ने अपने अंतरूनी प्रतिरोध को दबाते हुए रीमा के जोर से झुकता चला गया |
उसने अपने गांड की गंध से बसाते रबर लंड के लिए अपने मुंह को हल्का सा खोल दिया | रीमा ने जोर से उसके बालो को पकड़ा और उसके मुंह में अपने लंड पर ठेल दिया | रीमा के अंदर जग्गू को लेकर कितनी नफरत भरी थी ये सिर्फ रीमा जानती थी आज जग्गू अपनी ही गांड के रस से सने हुए लंड उसी के मुहँ में घुसेड़ कर बहुत खुसी हो रही थी उसके दिमाग के लिए इससे ज्यादा सुकून वाला पल कोई नहीं था वह जग्गू को इस तरह से अपमानित कर रही थी जैसे जग्गू को पता भी नहीं चल रहा था और जब वह अपनी जिंदगी के सबसे नीच काम भी कर रहा था | जग्गू की नाक में उसकी गांड में गए लंड की गांड बहुत तेज आ रही थी और उसे बहुत बुरा लग रहा था लेकिन रीमा ने कसकर उसके सर को थाम रखा था जिससे कि ना चाहते हुए भी अपने मुंह से वो लंड लेना पड़ रहा था | जग्गू इस समय असहाय सा हो गया था रीमा उसकी इस असहाय असहाय पन को देखकर के अंदर ही अंदर बहुत ज्यादा खुस हो रही थी | आज उसने जग्गू को उस स्थान पर लाकर पटक दिया था जहां से उसके लिए अपनी आंखों में आंखें मिला कर के शीशे के सामने खड़े हो पाना भी नामुमकिन था रीमा जग्गू से ऐसा बदला ले रही था जिसकी भरपाई कर पाना लगभग नामुमकिन था | वो पहले ही प्रियम की गांड का लंड चूस चूका था और कब खुद उसकी गांड के रस से सने हुए लंड को उसके मुंह में रीमा ने घुसा दिया उसे पता ही नहीं चला | जग्गू तो जैसे रीमा के हुस्न के मोह पाश में बंधा हुआ मंत्रमुग्ध होकर के उसका गुलाम बन गया था वो वही कर रहा था जो रीमा कह रही थी उसमें किसी तरह से उस लंड को चुसना शुरू कर दिया और फिर ढेर सारी लार निकालकर उस काले मोटे लंड को गीला कर दिया | उसके बाद रीमा ने जग्गू के पीछे आ गई और उसकी गांड में लंड को पेल दिया और उसके सख्त हाथ को उसी के लंड पर रखकर उसे ही हिलाने का इशारा करने लगी |
जग्गू तेजी से अपने लंड को हिलाने लगा और अपनी गांड में जा रहे हैं रीमा के मोटे काले लंड से होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने लगा | अभी तक उनको यकीन ही नहीं हो रहा था रीमा ये सब क्या करवा रही है उससे | उसे समझ में ही नहीं आ रहा था आखिर उसके साथ ये सब हो क्या रहा है बस वह रीमा का गुलाम बना रीमा की आंखों में आंखें डाल वही कर रहा था जो भी वो जग्गू से करवाना चाह रही थी | रीमा ने जैसे-तैसे तेज झटके लगाने शुरू कर दिए लेकिन जग्गू की गांड पूरी तरह से खुली नहीं थी इसलिए रीमा को बहुत जोर लगाना पड़ा था इसके बाद रीमा ने जग्गू को कसकर पकड़ कर के अपने लंड को जग्गू की गांड में अंदर तक घुसाने का जतन करने लगी और आठ-दस बार जोर लगाने के बाद में उसका पूरा का पूरा प्लास्टिक का लंड जग्गू की गांड में पूरी तरह से समा गया इसके बाद रीमा ने उसकी गांड को फुल स्पीड में मारना शुरू कर दिया था | वो वह थकी हुई थी लेकिन बदले की आग उसकी थकान पर हावी थी ................ जग्गू को इस तरह से मारने अपमानित करने के आत्म संतोष के कारण उसका जोश हाई था उसने जग्गू को बहुत अच्छे से गांड मारना शुरू कर दिया उसने जग्गू को उल्टा लिटाया उसके यहां मोटर उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ से पकड़ कर के और बेदर्दी से अपने लंड को उसकी गांड में पेलने लगी | जग्गू की गांड का छेद भी पूरी तरह से खुल चुका था , लगातार लगते धक्को से उसकी गांड में बहुत तेज दर्द हो रहा था लेकिन रीमा को इन सब से कोई परवाह नहीं की | वो तेजी से अपनी कमर को पूरे पूरे लंबे-लंबे झटके देकर अपने मोटे प्लास्टिक के लंड को जग्गू की गांड में गहराई तक पेल रही थी इतनी गहराई तक कि उसकी गांड के अंतिम छोर पर जाकर टकरा रहा था | साथ ही साथ उसके खड़े लंड को बहुत तेजी से मुठिया रही थी | जग्गू भी हैरान परेशान थे एक तरफ तो उसक लंड मसला जा रहा था और दूसरी तरफ उसकी गांड मारी जा रही थी जिसमें दर्द हो रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था उसके साथ क्या हो रहा है कैसे हो रहा है |
जग्गू रीमा के आगे लेटा हुआ अपनी गांड मरवा रहा था उसके बाद रीमा ने उसकी पोजीशन बदल दी और उसको घुटनों के बल खड़ा करके उसके पीछे आ गई उसे पता था जग्गू की सूखी गांड मारने में उसे भी बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन बदले की आग उसकी अन्दर भरी हुई थी, वो बिना जग्गू की परवाह किये पूरा का पूरा उसके गांड में गुसा देती | जग्गू के मुंह से एक लंबी कराह निकल जाती | रीमा ने बेतहाशा धक्के मारने शुरू कर दिए | जग्गू की तो फट के हाथ में आ गयी | रीमा ने उसी पोजीशन में जग्गू की गांड मारने शुरू कर दी और दे दना दन तक को के धक्कों से जग्गू की गांड का पुर्जा पुर्जा हिला के रख दिया | रीमा बुरी तरह से हांफ रही लेकिन उसके झटके की स्पीड कम ही नहीं हो रही थी | जग्गू हैरान था आखिर रीमा मैडम थक क्यों नहीं |रीमा सटासट पूरी तरह से जग्गू की गांड में लंड पेल उसकी गांड थी उसका मोटा काला प्लास्टिक का लंड सटासट जग्गू की गांड में जा रहा था यह देखकर राजू और प्रियम दोनों बहुत ही खुश हो रहे थे क्योंकि कुछ देर पहले जग्गू ने ही रीमा को उनकी गांड मारने के लिए उकसाया था | दोनों बहुत खुश थे कि कम से कम अब जग्गू उनके सामने अपनी डींगे नहीं मार पाएगा | औरे रीमा ने तीनो की गांड मारकर सबका हिसाब बराबर कर दिया था | इसके बावजूद वो चाहते थे की रीमा बुरी तरह से उसकी गांड को कुचल कुचल कर उसका भरता बना दे ताकि जग्गू के अंदर की जो अकड़न है जो रौब वो दूसरो पर जमाता वह हमेशा के लिए खत्म हो जाए | वह इस तरह से जग्गू को लाचार और बेबस देखकर बहुत ही खुश हो रहे थे |
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रीमा में जोश भरते हुए राजू बोला - रीमा मैडम आप बहुत आचे से गाड़ मारती है देखिये न जग्गू कैसे मजे से सरोबार हो रहा है |
जग्गू को अपनी गांड में भी अभी भी दर्द हो रहा था | लंड जाने की कसक तो राजू और प्रियम की गांड में भी महसूस हो रही थी लेकिन इस समय उनके सामने जो था उस दृश्य को देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हो रहे थे जग्गू के तो जैसे हाथ पैर ढीले हो गए थे | इतने मोटे करारे रबर के लंड से रीमा ने भीषण ठोकरे मार मार कर जागु की गांड की सारी अकड़ निकाल दी थी | उसके अन्दर भरा सारा जोश धुंवा हो गया | वो रीमा का सेक्स स्लेव बन चूका था | रीमा के मोटे लंड से अपनी गांड को चीरते हुए देखकर उसकी असरी अकड़ गायब हो गयी | अब तो उसके हाथ पाँव में कमजोरी आने लगी थी, वो कांपने लगा था | रीमा ने उसे जब कांपते हुए देखा तो उसे लगा यह किसी और तो उसने जग्गू को उसी सी पोजीशन में पेट के बल लिटा दिया | और उसके चूतड़ों के पास आकर अपने लंड को उसकी गांड पर रख कर अन्दर पेल दिया | रीमा का रबर का लंड सरसराता हुआ जागु की गांड में घुस गया |
जग्गू पेट के बल पूरी तरह से सीधा लेट नीचे की तरफ लेटा हुआ था और रीमा उसके ऊपर बैठी हुई उसकी गांड में लंड को धीरे धीरे हौले हौले से अपने पूरे लंड को उसकी गांड में घुसेड़ रही थी | उसे पता था अगर उसने ज्यादा जोर से जग्गू की गांड मारदी तो अभी यहीं पर हथियार डाल देगा इसलिए वो आइस्ते से लंड पेल कर लंबा खेल खेलना चाहती थी |
रीमा - जग्गू अभी भी दर्द हो रहा है क्या बच्चे |
जागु कराहता हुआ - थोडा थोडा |
रीमा - मेरा लंड कैसा महसूस हो रहा है गांड में |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम | गांड मरवाना तकलीफ जरुर होता हिया लेकिन इसमें भी मजा आता है ये मुझे नहीं पता था |
रीमा - लडके तुझे मजा आ रहा है |
जग्गू - हाँ मैडम, आपके नाजुक बदन की नरम नरम जांघो का स्पर्श और आपका मोटा लंड .............. ऐसा लग रहा है जैसे जानत में ही पंहुच गया हूँ |
रीमा जग्गू के मुहँ से ये सुनकर जलभुन गयी , उसने एक जोरदार झटका जग्गू की गांड पर दे मारा | रीमा - कैसा लगा |
जग्गू - आःह्ह्ह मैडम आपने तो चीर ही दी इस बार |
रीमा - अच्छा बताओ तुम भी तो मुझे ख्वाब देखते थे चोदने के, कैसे चोदना चाहते थे मुझे |
जग्गू - आह मैडम अब क्या बताऊ, आप गांड भी बहुत अच्छे से मारती हो , बस ऐसे ही ख्वाब था आपको चोदने का | जोर से झटके मार मार कर |
रीमा ने फिर एक जोर का झटका दिया - ऐसे जोरदार झटके की बात कर रहे हो |
जग्गू - आआह मैडम आप तो सब कुछ जानती है |
रीमा - तुम्हे अच्छा लगा |
जग्गू - बहुत अच्छा मैडम |
रीमा ने फिर से थप थप करते कई झटके मारे |
जग्गू - अआह्ह्ह मैडम आआआआअह्ह्ह्हह्हह्ह्ह |
रीमा - ये ले और जोरदार तरीके से |
रीमा ने दे दना दान जग्गू की गांड में अपने लंड की पेलाई से उसकी रेल बना दी | अब दनादन लंड पेलने की वजह रीमा का मोताराबर लंड जग्गू की गांड में फच फच की आवाज से घुस रहा था, जग्गू ने भी अपनी गांड उचकाकर रीमा का मोटा लंड ले रहा था | उसे गांड मरवाने में मजा आने लगा था | उसे अपनी गांड में ऐसा लग रहा था कि कोई उसकी गांड की अंदरूनी दीवारो की मालिश कर रहा हो | हलके दर्द के बावजूद अब जग्गू को मजा आने लगा था उसे लग रहा था गांड मरवाना भी बुरा नहीं है और यह एक्सपीरियंस उसे पहले लेने की कोशिश क्यों नहीं की | रीमा की नरम मांसल मोटी गोरी जांघे जब जग्गू के जिस्म से रगड़ खाती तो जग्गू आनंदित हो उठता | वो इसी उत्तेजना में ही बहुत ज्यादा खुश हो रहा था कि रीमा का बदन उसके आसपास सटा हुआ है और वह उससे रगड़ भी खा रहा है जग्गू तो जैसे रीमा का दीवाना हो गया था और इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार था उसके अंदर का सारा अहंकार और सारी अकड़ सारी अकड़ गायब हो गई थी वह बस रीमा के जिस्म का सुख भोगना चाहता था चाहे उसे वो अपनी गांड मरवाकर ही क्यों न हाशिल हो | रीमा को जग्गू की गांड में अपना लंड घुसेड़ने में दिक्कत हो रही थी इसलिए उठकर गयी और एक लोशन का डिब्बा उठा लायी |
उसे काफी देर तक जग्गू की गांड मारनी थी इसलिए उसके साथ ज्यादा ज्यादती करना उसे सही नहीं लगा | उसने एक लोशन उठाया और ढेर सारा लोशन जग्गू की गांड पर उड़ेल दिया और उसके बाद मालिश करने लगी | उसके जग्गू के गांड के खुले छेद में ढेर सारा लोशन भर दिया | जग्गू ने भी राहत की सांस ली क्योंकि उसको सुखी गांड में रीमा के मोटे लंड को लेटे समय जो तकलीफ हो रही थी वो अब कम होगी | काफी देर तक रीमा जग्गू के छेद की लोशन से मालिश करती फिर पीछे से आ कर के मोटा काला लंड एक ही बार में उसकी गांड में घुसा दिया चिकनाई के कारण मोटा काला लंड एक ही बार में उस की कसी गांड में समाता चला गया | रीमा के गांड मारते समय उसके और जग्गू के बदन आपस में रगड़ रहे थे और जग्गू के लिए इससे बड़े संतोष की और क्या बात हो सकती थी लेकिन यह उसका सुख और संतोष ज्यादा देर तक नहीं चला |
रीमा ने जल्द ही उसको घुटनों के बल ला दिया | अपना पूरा का पूरा लंड फिर से उसकी गांड में पेल दिया | इस बार वह ज्यादा तेज करारे झटके लगा रही थी इससे जग्गू को बहुत ही ज्यादा दर्द होने लगा और वह उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था लेकिन रीमा तो बस जैसे उसकी गांड के चिथड़े ही उड़ा देना चाहती थी ...............उसे मतलब ही नहीं था जग्गू को और दर्द हो रहा है या नहीं हो रहा है वह जग्गू के द्वारा किए गए अपमान का बदला लेना चाहती थी, या यू काहे की उसने रीमा के अहंकार को चोट पंहुचायी थी | रीमा को यह बर्दाश्त नहीं था उसके जैसा घटिया गलीच इंसान उसको चोदने के सपने देखे | रीमा अपने आप को बहुत ही श्रेष्ठ मानती थी ऊपर से अप्सराओं जैसे हुस्न ने उसके अहंकार में और चार चाँद लगा रखे थे | उसे अपनी सुंदर चिकनी गुलाबी चूत पर बहुत ही अहंकार था और वह नहीं चाहती कि कोई ऐरा गैरा दो टके लौंडा उसको चोदने के ख्वाब देखने लगे ................उसे ब्लैकमेल करने और उसका बलात्कार करने का प्लान बनाने लगे | वो इसी अपमान में जली भुनी जा रही थी और अभी तो जग्गू उसके लंड के नीचे है इसलिए उसको घुटनों के बल से जमींन पर लिटाने तक वो कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाली थी | वह चाहती थी कि जब जग्गू यहां से उठकर अपने पैरों पर कमरे से बाहर निकलता हुआ जाए और जाकर कभी भी अपनी शक्ल आईने में देखें तो उसे रीमा का वह चेहरा नजर आए जिसे वो जिंदगी भर भुला न पाए और कभी भी उसके बारे में सोचने से पहले रीमा की दहशत उसके अन्दर आ जाये | रीमा बहुत तेजी से जग्गू के गांड के ऊपर अपनी कमर हिला रही थी जिससे पूरे कमरे में थप थप की आवाजें आ रही थी जबकि वह दर्द से कराह रहा था |
रीमा ने प्रियम और राजू की तरफ देखा | राजू और प्रियम दोनों ही अपने लंड पर अपने हाथों से चलाते हुए जग्गू का मुखड़ा देख रहे थे | रीमा - लड़कों क्या हाल है गांड मरवा कर मजा आया |
दोनों के सर नीचे की तरफ झुक गए उन्हें पता था कि बोलने का मतलब है कि और ज्यादा अपनी दुर्गति करवाना उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया |
रीमा खिलखिला पड़ी - अरे शरमाते क्यों हो, रीमा से शर्माने की क्या जरुरत है, मै ही तो सब सिखा रही हूँ | क्या फर्क पड़ता है तुम्हे लड़कियों की चूत और गांड मारते हो तो तब कोई फर्क पड़ता है लड़कियां आराम से गांड मरवाती है और तुरंत ही गांड मारने वालो को चूमना शुरु कर देती हैं |
राजू और प्रियम दोनों को अच्छे से पता था कि रीमा उनके साथ गेम खेल रही है और अब वह किसी गेम में नहीं फंसना चाहते थे वह पूरी तरह पस्त हो चुके थे वह पूरी तरह से टूट चुके थे वह पूरी तरह से हार चुके थे उनके अंदर किसी भी तरह का जोश कामना इच्छा नहीं बची हुई थी कि उन्हें पता था अगर कुछ भी उन्होंने ऊपर नीचे किया तो उनकी और ज्यादा दुर्गति होने वाली है जो वो कतई नहीं चाहते थे | रीमा के सामने इससे ज्यादा अपमान के कुछ बचा भी नहीं था सब कुछ तो हो चुका था अब इससे ज्यादा और ज्यादा अपमानित होने के लिए क्या बचा था इसीलिए राजू ने हिम्मत करके पूछा - अच्छा रीमा चाची क्या मैं आपकी चूचियों को छू सकता हूं |
रीमा अभी पूरी तरह से मस्ती के मूड में थी , जिस इंसान से वो नफ़रत करती थी वो उसके लंड के नीचे था - क्यों नहीं रे, बिलकुल चूस सकता है लेकिन अभी तो मैं गांड मार रही हूं, पहले इससे निपट लू | अभी इसकी जवानी लंड से उछाल मार रही है |
जग्गू भी जोश से बोला - मै भी आपकी चूत मरुगा |अब मुझे आपकी चूत मारने का मौका कब मिलेगा |
रीमा को गुस्सा आ गया, उसने करारे तरीके से जग्गू की गांड को चीरते हुए - मैं तेरी गांड मार रही हूँ उसी पर आचे फोकस कर, इतने अच्छे से तेरी गांड मार रही हूं, वहां ध्यान नहीं है तेरा | अपनी गांड में मेरा मोटा लंड लेकर मजा आया या नहीं |
जग्गू - हाँ आप बहुत अच्छे से गांड मारती हूँ, आप गांड मारने में एक्सपर्ट हो, आप लंड भी बहुत आचे से चूसती हो |
रीमा - हां अगर तुझे गांड मरवाने का शौक है तो मेरे पास आया कर तुझे बहुत अअच्छे से ट्रिंग दूँगी | तेरी गांड मार मार कर उसकी छेद को इतना मजबूत कर दूंगी उसके बाद तो तू इस शहर का सबसे बड़ा गांड मरा बन जाएगा |
जग्गू बोला - मैम मुझे नहीं बनना शहर का गांड मरा | मैं बस आपकी चूत चोदना चाहता हूं |
रीमा की गुस्सा आ गया - साले तू मेरी चूत तो तब चोदगा जब मैं तेरी गांड को चोदना छोडूंगी, अभी आचे से अपनी गांड मरवा ले | मजा आ रहा है गांड मरवाने में | रीमा पर भी वासना का बुखार बुरी तरह से चढ़ा हुआ था | वो भी वासना की भठ्ठी में जल रही थी | उसके चूत दाने पट लगाते हर ठोकर ने उसकी उत्तेजन की चरम पर पंहुचा दिया था |
जग्गू - हाँ हाँ बहुत मजा आ रहा है, इससे पहले मैंने कभी गांड नहीं मरवाई थी मुझे लगताथा ये गंदा और घटिया होता है लेकिन आपने तो मेरी गांड मार मार के जो सुख दिया है अब तो मुझे अपनी गांड मरवाने में बहुत मजा आ रहा है |
रीमा - इसलिए तो कह रही हूँ आ जाओ कुछ दिन मेरे पास, अच्छे से ट्रिंग दूँगी, अच्छे से गांड मार मार कर तेरी गांड मजबूत बना दूंगी उसके बाद उसे कितने भी बड़े मोटे लंबे लंबे लंड से मरवा सकता है पुरे शहर में मशहूर हो जायेगा | तेरे पीछे गांड मारने वालो की लाइन लग जाएगी | कहां अभी दो टेक की लड़कियों की चूत मारता फिरता है | तेरी गांड इतनी मजबूत कर दूँगी तेरी गांड देख दुनिया का एक से एक रहीस मैं तेरी गांड मारने के लिए उतावला हो जाएगा, रोज लाखो में कमाएगा | प्रअभी कहाँ ड्रग्स बेचकर 2000 5000 कमाता फिरता है | एक बार गांड मरायेगा और लाखो कमा लेगा | जागु और रीमा दोनों ही वासना में बुरी तरह से नहाये हुए थे |
जग्गू बहुत ही बुरी तरह थक चुका था उसे रीमा पहले भी दो बार झड़वा ही चुकी थी | रीमा बहुत तेजी से उसके लंड को मसल रही थी और उसकी गांड को मार रही थी | जग्गू के अन्दर तो जोश और एनर्जी कुछ बचा ही नहीं था वह बस लेटे लेटे एक औअरत से अपनी गांड मरवा रहा था | जग्गू की वही हालत थी जैसे जब एक औरत कई लंडो से लगातार चुदाई के बाद पस्त हो जाती है उसके बाद में आदमी बस उसकी चूत में लंड डालता रहता है और औरत बिना हरकत के बस अपनी चूत में लंड देती रहती है उसी तरह से अब जग्गू भी पस्त पड़ा बस रीमा का लंड अपनी गाड़ में ले रहा था | जग्गू के सारे सपने चकनाचूर हो चुके, रीमा को चोदने का ख्वाब बस एक ख्वाब बनकर रह गया था | वो अब बस चाहता था जल्दी से जल्दी रीमा उसकी गांड मारना बंद करें और वो घर जाकर आराम से सो जाए | उसके चेहरे पर थकान दिखने लगी थी | उसके लंड में अकड़न थी और वो रीमा के हाथो में झूल रहा था | रीमा ने उसकी गांड मार मार कर उसका सारा दम निकाल दिया था | जाहिर सी बात है जग्गू को लगता था कि चूत को चोदने में ही दम लगता है लेकिन उसे आज पता चला गांड मरवाने में उससे ज्यादा दम लगता है | अब तो उसके अंदर हिम्मत भी टूट चुकी थी अब उसमे इतनी हिम्मत नहीं थी की वो रीमा को चोद सके | रीमा भी बुरी तरह से थक चुकी थी लेकिन जग्गू के सामने वह किसी तरह से अपने आप को कमजोर नहीं दिखाना चाहती थी और धना धन धना धन धना धन की गांड में लंड पेल रही थी ताकि जग्गू पूरी तरह पस्त हो जाए | जग्गू के पास अब इतना दम नहीं बचा था की वो कोई और हरकत कर सके | रीमा उसकी गांड में सटासट लंड पेल रही थी और वो अपनी गांड में मोटा लंड ले रहा था | रीमा अपनी विजय पर गर्व से फूली नहीं समां रही थी वो बारी बारी से विजयी भाव से अलग-अलग पोज बना रही थी उसने प्रियम से कैमरा उठाने को कहा और उसकी फोटो खींचने को कहा | प्रियम जो अब तक जग्गू के गांड मारने का वीडियो बना रहा था अब रीमा को अलग-अलग पोज में जग्गू के साथ फोटो खींचने लगा |
जग्गू ने एक बारगी जब ये देखा तो उसने प्रतिकार किया |
जग्गू - अबे प्रियम ये क्या कर रहा है बे साले | भरे बाजार में क्या रंडी बना देगा मुझे ..............रीमा चाची ने वैसे भी मेरी गांड मार ली | पता नहीं की उनकी चूत चोदने को मिलेगी या नहीं मिलेगी, ऊपर से साला तू फोटो खींच रहा है |
प्रियम - अबे चुतिया है क्या जग्गू, इतनी देर से जो कैमरा लगा है तेरे सामने तीन कैमरे लगे हैं तीनों में अलग अलग एंगल से तेरी गांड मारने के अच्छे से रिकॉर्डिंग कर रहे हैं साथ में पूरा का पूरा पोर्न वीडियो जो चाची ने बना दिया | अब साला मैं फोटो खींच रहा हूँ तो इसको दिक्कत हो रही है |
जग्गू निराशा के साथ - रीमा चाह्ची ऐसा क्यों कर रही है मेरे साथ अब तो मै चुपचाप अपनी गांड मरवाई रहा हूं अब इससे ज्यादा और आपको क्या चाहिए |
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रीमा - तो मान ले अपनी हार और मुझे चोदने का ख्वाब छोड़ दे सपने में भी नाम मत लेना मेरी चूत का .............................मैं वह हरामी चूत हूँ जो तेरी गांड फाड़ फाड़ के चौड़ी सुरंग बना दूंगी इसे कानखोल कर सुन ले | मै रीमा हूँ मैं रीमा और मेरी चूत में मेरे पति को छोड़कर किसी ने आज तक मेरी गुलाबी चूत में लंड नहीं डाला है ठीक है 10 साल से ज्यादा हो गए हैं चूत में कोई लंड लिए हुए लेकिन मेरी जिंदगी में पति के अलावा कोई नहीं आया | तुम साले दो टेक के लौंडे मुझे चोदने का ख्वाब देख रहे हैं तेरे लंड चुस दिए है इतना बहुत है राजा इसे मेरा एहसान मानना .......................यह रिकॉर्डिंग मेरे पास रहेगी और उसके बाद मजाल है जो किसी ने छु चपड़ करी तो सोच लेना और जो भी तुम्हें बाहर मिले और मेरे बारे में उल्टा सीधा बोले उसे अच्छे से समझा देना कि मैं कैसे कैसे अपने बारे में उल्टा सीधा सोचने वाले की गांड मार लेती हूं तो अच्छे से समझ में आया | जग्गू अभी तो तेरी में 5 मिनट और गांड मारूंगी मेरे मन तो भर गया है शरीर भी थक गया है लेकिन आत्मा तृप्त नहीं हुई है अपनी उम्र की लड़की चोद साले | नहीं तो सोच ले तेरा लंड तेरी गांड में घुसेड दूँगी अगली बार अगर ऐसा कुछ किया |
प्रियम और राजू दोनों हाथ जोड़कर रीमा की तरफ खड़े हो गए | प्रियम में कैमरा रख दिया और माफी मांगने लगे |
रीमा बोली - ठीक है चुपचाप अपने कपड़े पहन लो निकल जाओ यहां से |
दोनों चुपचाप कपड़े पहनने लगे जबकि कैमरे की रिकॉर्डिंग चालू थी रीमा में जग्गू को अभी नहीं छोड़ा था प्रियम कपड़े पहन चुका था रीमा से उसे करीब आकर अपने बॉक्स से एक हथकड़ी निकालने को कहा | प्रियम ने चुपचाप वैसे ही किया जैसा रीमा ने कहा | उसने चुपचाप एक हथकड़ी निकाली और रीमा को पकड़ा दी | रीमा ने जग्गू के में दोनों हाथ पकड़ के जग्गू को हथकड़ी पहना दी है | जग्गू कुछ सोच पाता या प्रतिरोध कर पता इससे पहले ही उसके दोनों हाथ बन चुके थे | इसके बाद में रीमा ने फिर से उसकी गांड में लंड पेल दिया | अब वह हाथ चला पाने की स्थिति में था |
वह रीमा के सामने घुटनों पर बस अपने चूतड़ उठकर के गांड मरवाने की पोजीशन में था और उसने भी ज्यादा प्रतिरोध नहीं किया क्योंकि उसे पता था उसकी अब कोई भी चाल चलने वाली नहीं है | रीमा उससे ज्यादा स्मार्ट और बहादुर है उसने दोनों हाथ अपनी कमर पर रख लिए और रीमा भी अब बिना किसी सहारे के उसकी गांड मारनी शुरू कर दी | अब ना तो वो जग्गू को ही पकड़े थी और ना ही आस पास की कोई चीज | जागु की गांड का छेद अब बेहद नरम हो चूका थ और उसका लंड आराम से बस कमर हिलाने से ही पूरा का पूरा उसमे घुस रहा था | वो सटासट अपनी कमर हिला रही थी उसका लंड आसानी से ही जग्गू की गांड में जा रहा था जो की पूरी तरह से फैल चुकी थी और जग्गू पूरी तरह से आगे की ओर झुका हुआ था कर चुका था |
उसका रीमा की चूत चोदने का ख्वाब तो ख्वाब ही रह गया था | अब तो वह बस जल्दी से जल्दी झड कर यहाँ से छुटकारा पाना चाहता था | रीमा के दना दन धक्को के साथ में ही जग्गू की आंखों में आंसू आ गए उसे पता था उसने अब तक तो वो सब कुछ रीमा की चूत के लालच में ही बर्दाश्त कर रहा था लेकिन अब उसे समझ में आ गया था उसकी इज्जत और गांड को रीमा ने रौंद कर रख दिया है उसकी आंखों में आंसू आ गए और उसने भरे हुए गले से कहा कि रीमा चाची गलती हो गई | मुझसे मुझे लगा था आप भी दूसरी लड़कियों की तरह हो जिनको एक बार कपड़े उतार कर छोड़ दो तो पीछे पीछे भागने लागती है | लेकिन आप तो सबसे अलग हो आपने तो अकेले ही हम तीनो की गांड मार ली | हम अपनी ही नजरो में गिर गए | मुझे अब तो अपनी ही नजरों से नजरें मिलाने में दिक्कत होगी आपने मुझे इतना नीचे गिरा दिया है अपनी नजरों में शायद ही मैं किसी लड़की की आंख में आंख डाल कर देख पाऊंगा प्लीज मुझे माफ कर दो लड़कियों के बारे में मै अलग सोचता था मुझे लगता कि लड़कियां होती ही है चुदने के लिए | मुझे लगा था आप भी बाकि चूतों की तरह हो लेकिन आपने तो उलटा मेरी ही मार आपने तो मुझे ही लड़की बना कर रख दिया है अब मैं समझ गया हूं |
रीमा चाची मुझसे सचमुच में गलती हो गई मुझे माफ कर दो मैंने आपको कुछ और ही समझ लिया था |
रीमा - क्या समझ लिया था तुमने मुझे |
जग्गू बोला - मुझे लगा था आप ही बाकी देसी चूतों की तरह हो मैं अपने आप को बहुत गलत समझता था मुझे लगता था लड़कियां सजाती संवारती ही चुदने के लिए है इसलिए लडकिया चोदने के लिए सिर्फ होती है उनकी चूत तो सिर्फ लड़को की प्यास बुझने के लिए होती है लेकिन आपने तो ऐसा मेरी गांड मारली मुझे अपनी ही नजरों में इतना नीचे गिरा दिया है कि अब शायद ही किसी लड़की के सामने उसकी आंखों में आंखें डाल कर उसे नजर मिला पाऊं |
रीमा - कान खोल कर सुन लड़के चूत सिर्फ चोदने के लिए नहीं होती चूतों का प्यार चाहिए दुलार चाहिए उन्हें सहलाना होता है चूमना होता है चाटना प्यार करना होता है समझ गए| चूत का मलतब सिर्फ ये नहीं की लड़की की जांघ फैलाई और अपना लंड घुसेड दिया |
सबसे बड़ी बात कान खोलकर सुन ले जिंदगी भर के लिए चूत की मर्जी के बिना चूत की तरफ देखना भी नहीं | अपनी औकात में रहकर अपने हिसाब से अपने सर्किल में लड़कियों को ढूंढ समझना................ हर किसी खूबसूरत औरत को चोदने का ख्वाब देखना छोड़ दें औरत के साथ जबरदस्ती तो कभी मत करना और सबसे बड़ी बात अगर किसी लड़की को चोदना ही है तो पहले प्यार से उसका दिलजीत ठीक है उसको चाट चूम रगड़ मसल उसके साथ हंसी ठिठोली कर पुचकार प्यार कर उसके बाद चूत खुद ही अपनी जांघे खोल देगी और जितना मर्जी है उसको चोद वह मना नहीं करेगी | जब चूत की मर्जी हो तो जमकर चोदो उसे, दिखाओ सारी मर्दानगी | लेकिन अगर तू सोचता है कि दुनिया की हर चीज बस तेरे लिए ही बनी है जब मर्जी हो तब उसे गिरा कर उसकी पैंटी फाड़ कर उसके अंदर लंड घुसेड़कर कर उसे चोदेगा तो ऐसे नहीं होता चूत को चोदना है तो पहले उसकी मर्जी जान जब उसकी मर्जी होगी तब वह चुदेगी | अपनी मर्जी उस पर कभी मत थोपना |
जग्गू - मैं समझ गया कि |
रीमा - तो बोल आगे से किसी लड़की के साथ कोई जबर्दस्ती नहीं करूंगा जब उस लड़की का मन होगा तभी उसको चोदूंगा औरकिसी से जबरदस्ती करने का ख्याल तो मैं सपने में भी नहीं आऊंगा |
जग्गू - प्लीज मुझसे गलती हो गई माफ कर दो और किसी आप जैसी खूबसूरत चरित्रवान औरत के खिलाफ तो कभी मुड़ कर भी नहीं देखूंगा |
चल इसी के साथ मैं भी बस चरम पर पहुंचने वाली हूं तेरी गांड में ठोकरे मार मार मार कर मेरा साला चूत का दाना सूज गया दिया है | इसी के साथ रीमा के झटके एक्सप्रेस स्पीड पकड़ लिए | उसने जग्गू की गांड में दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन अपना लंड पेलने लगी | उसी के साथ वो जग्गू के लंड को भी तेजी से मसलने लगी | जग्गू के मुंह से कराह बहुत तेज हो गयी ऐसा लगा जैसे उसकी गांड फट के हाथ में आ जाएगी लेकिन इससे पहले कि जग्गू का शरीर जवाब दे जाता इंदौर और उसकी गांड जवाब दे जाती है रीमा झरने लगी | इसी के साथ रीमा की बह निकली, इतनी देर से उसकी वासना का रुका हुआ बांध टूट गया और उसे लगा जैसे चूत में बाढ़ आ गयी | रीमा के लिए सबसे अजीब था किसी लड़के की गांड मार मार कर ओर्गास्म हहासिल करना | यह बहुत ही सुखद और बहुत ही आश्चर्य चकित करने वाला और बहुत ही अनोखा अनुभव था जो रीमा को अब से पहले कभी नहीं हुआ था रीमा लड़कों की गांड मार मार कर झड़ गई इससे ज्यादा अच्छी और गौरवशाली बात रीमा के लिए कुछ नहीं हो सकती थी | उसने रिवर लॉज में जो भी देखा था उसके बाद उसके अंदर वही बात घर कर गयी थी | फर्क सिर्फ इतना था की वहां ओर्गास्म उसको हुआ था जो गांड में लंड ले रही थी यहाँ रीमा दुसरे की गांड मार रही थी | रीमा ने अब जग्गू के लंड को बुरी तरह से मुठियाना शुरू कर दिया |
उसको इस हालत में तड़पता हुआ छोड़ना हुआ उसे सही नहीं लगा | जग्गू ने माफ़ी मांग ली थी इसलिए रीमा का कोमल ह्रदय जाग उठा | रीमा के हाथ के लगाते करारे झटको से जग्गू ज्यादा देर तक ठहर नहीं पाया और उसके अन्दर से सफ़ेद लावे की धार फुट पड़ी | एक एक बाद एक लगातार पिचकारियो से उसने अपने पेट और रीमा के हाथ को बिगो दिया | रीमा ने जग्गू का लंड छोड़ कर आइस्ते से जग्गू की गांड से लंड बाहर निकाला | जागु की गांड का रस बाहर निकलने लगा था |
रीमा अब आत्मविश्वास से भर गई थी और आज जो कुछ भी यहाँ हुआ उसके बाद रीमा को लग रहा था कि जो कुछ भी रिवर लाउन्ज में उसने वहां देखा था उसमें से कोई भी चीज वो अब कर सकती है | इन लड़कों की ब्वेखूफी ने उसे एक ऐसा मौका दिया जब उसके अंदर का डर है संकोच शर्म हया सब मिटा दिया था अभी रीमा जो भी चाहे कि वह करेगी और ऐसा करने से उसे कोई नहीं रोक सकता | जग्गू बिस्तर पर पस्त पड़ा हुआ था | रीमा ने थोड़ी देर सुस्ताने के घुड़की दी -जल्दी से कपड़े पहन कर निकल जा एस आना हो मेरा मूड बन जाये और मै दूसरा राउंड शुरू कर दू | ये सुनकर जग्गू के मरे हुए शरीर में जान सी आ जाए उसमें फटाफट फटाफट अपने कपड़े को अपने शरीर पर लपेटा और तेजी से वहां से निकल गया रीमा चुपचाप बिस्तर पर निढाल पड़ी रही |
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Mast bahut hi hot update next more
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