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(22-12-2018, 09:22 PM)vijayveg Wrote: रीमा ने अपना सारा संकोच शर्म हया सब किनारे रख दी थी , उसका सिर्फ एक ही मकसद था प्रियम का लंड चूस कर उसे चरम सुख देना | उसने अपना शरीर और आत्मा सब कुछ बस अपने भतीजे प्रियम के लंड चूसने में झोक दिया था, दिल आत्मा मन शरीर सब कुछ लगाकर वो बस अपने भतीजे का पूरा का पूरा लंड अपने मुहँ की गहराई तक ले रही थी | अब तो बस उसका एक ही मकसद था भतीजे के सख्त फूले लंड को मुहँ से चोद चोद के उसको अपने मुहँ में झड्वाना | वो उसकी मलाईको अपने मुहँ में लेना चाहती थी और उसकी एक एक बूँद से उसे इतना प्यार था कि वो उसकी मलाई की एक बूँद भी बेकार नहीं जाने देना चाहती थी | उसे प्रियम की पूरी मलाई अपने मुहँ के अन्दर ही चाहिए, आखिर बूंद तक | उसने अपना पूरा ध्यान इस पर लगाया की जब प्रियम झाड़ेगा तो उसे भरपूर आनंद मिलना चाहिए | उसने गलगलाकर अपना गला ठीक करने की कोशिश की लेकिन प्रियम की चुदाई के चलते ठीक से साफ नहीं कर पाई | प्रियम के लंड पर उसके ओठो का कसाव अभी भी उतना ही तगड़ा था, उसके ओठो के कसाव को चीरते हुए प्रियम का लंड बार बार रीमा के मुहँ में गले तक आ जा रहा था | इतने सलीके से इतनी गहराई तक अपने जीवन में प्रियम शायद ही किसी लड़की का मुहँ चोद पाए, ये सुख उसको सिर्फ उसकी चाची ही दे सटी थी | वैसे भी नौसखिये लडको का शादीशुदा या अनुभवी औरतो को चोदना ज्यादा मजेदार होता है, क्योंकि वो सब सिखाती बताती है और उनके नखरे भी नहीं होते, और नए लंड को भरपूर सुख भी देती है |
रीमा काफी देर से बेड पर झुके हुए प्रियम का लंड चूस रही थी इसलिए उसकी गर्दन और कंधे दर्द करने लगे थे लेकिन उसको इसकी कोई परवाह ही नहीं थी | वो प्रियम के लंड को और ज्यादा कसकर पकड़कर आक्रामक और वाइल्ड तरीके से चूसने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे सालो से इस लंड की भूखी हो |
प्रियम आनद में गोते लगाते हुए- आह चाची बहुत मजा आ रहा है, क्या लंड चूसती हो आप | आह आह आह...और जोर से , और अन्दर तक लेकर चूसो आह आह अह्ह्ह्ह |
उधर वासना के जूनून में डूबी रीमा भी उत्तेजना में कुछ बडबडा रही थी लेकिन पता नहीं वो क्या बोल रही थी | प्रियम ने इसी बीच देखा की रीमा चाची की स्कर्ट अभी भी एक तरफ से कमर पर पलटी पड़ी है, जिससे उनकी पैंटी साफ साफ दिख रही है | उनकी झीनी पारदर्शी पैंटी से उनकी चूत के ऊपर के काले बालो की एक झलक मिल रही है | वासना से भरे भूखे आदमी की तरह रीमा के कसमसाते नितम्बो को देखकर प्रियम ने अपने लंड के धक्के रीमा के नरम गीले मुहँ में और तेज कर दिए | फिर खुद को न रोक पाते हुए उसने कापते हुए एक हाथ रीमा के नितम्ब की तरफ बढ़ाया |
रीमा के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी जब प्रियम ने उसके गोलाकार ठोस मांसल चुतड पर एक हलकी चपत मरी और फिर पुरे हाथ में उसके बड़े से मांसल ठोस गोल चुतड को भरने की असफल कोशिश करने लगा | उसके बाद उसने स्कर्ट को ऊपर की ओर और ज्यादा पलट दिया अब जांघो के बीच में उसकी पैंटी के अलावा कुछ नहीं था | रीमा ने फूले हुए लंड चूसते चूसते बीच में एक लम्बी साँस ली, और एक पल को ठहर सी गयी, जब उसे अहसाह हुआ की प्रियम की उंगलियाँ उसके चुतड की दरार के बीच नाच रही है | उसने खुद को पूरी तरह से परिस्थितियों पर छोड़ दिया, जो हो रहा था उसने होने दिया, जब प्रियम की उंगलियाँ उसकी जांघो के बीच जाकर नाचने लगी, तो उसके शरीर की वासना का जंगलीपन जाग उठा | रीमा ने लंड चूसने के रफ़्तार और बढ़ा दी | इस तरह का कामुक समर्पण और काम पीड़ा उसके अन्दर भी है उसे तो पता ही नहीं था | अब उसका सालो से चुदाई से दूर रहे मांसल गोरा शरीर का एक एक इंच चूमना चाटना सहलाना मसलना कुचलना रगड़ना मागने लगा | प्रियम के लंड चूसने के बदले उसके शरीर को अब कुछ चाहिए, प्रियम को झाड़ने के अलावा अब उसकी इक्षा होने लगी की उसको भी तृप्ति मिले वो भी चरम को प्राप्त करे | उसके शरीर का रोम रोम अब उसके खुद के झड़ने की मांग करने लगा | ओ नो ये क्या हो रहा है मुझे, ये नहीं होना चाहिए | उसने प्रियम के लंड को और ज्यादा आक्रामक तरीके से मुहँ में लेना शुरू कर दिया. इससे उसके मुहँ में चोट भी लग सकती थी लेकिन उसे परवाह ही नहीं थी |
उधर प्रियम की उंगलिया जांघो के अन्दर घुस कर उसकी पैंटी से नीचे की तरफ जांघो को सहला रही थी | वो कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी थी, कपड़ो के नाम पर एक छोटी सी झीनी सी पैंटी थी जो बड़ी मुश्किल से उसके चूतडो के आधे हिस्से को ढक पा रही थी थी इसके अलावा उसकी चिकनी गीली हो चुकी चूत को ढके हुए थे जिस पर के काले बाल इधर उधर से बाहर झांक रहे थे, इसके अलावा पैंटी के हल्की पारदर्शी होने के कारन उसकी चूत के बाल पैंटी के ऊपर से भी दिख रहे थे | लेकिन रीमा को सबसे ज्यादा डर प्रियम के उन हाथो का था जो उसकी जांघो के बीच की घाटी में जाकर उसको सहला रही थी, इससे रीमा का खुद पर से बचा खुचा नियंत्रण भी समाप्त हो रहा था | रीमा पूरी गति से प्रियम को लंड को चूस रही थी, उसका हाथ और ओठ लंड पर ऊपर नीचे तेजी से हो रहे थे, और उधर प्रियम की उंगलिया रीमा की पैंटी की इलास्टिक पार करके, चूत के घने काले जंगल में विचरण कर रही थी | जैसे जैसे वो रीमा की चूत के बाल सहला रह था वैसे वैसे चूत के ओठ उत्तेजना से कम्पित होने लगे |
उसके बाद एक तेज सिसकारी रीमा के मुहँ से निकली, प्रियम की एक उंगली ने चूत के गीले हो चुके ओठ पर से गुजरते हुए, ठोस खून से भरे लाल, उत्तेजना से फडकते, कली नुमा चूत के दाने को छु लिया | रीमा के नितम्ब अपने आप ही हिलने लगे, उसको गोरी चिकनी गुदाज जांघे कापने लगी |
रीमा ने महसूस किया की प्रियम का दूसरा हाथ धीरे धीरे पैंटी की इलास्टिक को पकड़कर नीचे खीच रहा है | उसने चूतडो पर आधी दूर तक पैंटी खिसका भी दी है |
जब प्रियम की मिडिल फिंगर रीमा के चूतडो की दारार को सहलाती हुई गांड के छेद पर से गुजरी तो प्रियम ने मिडिल फिंगर से गांड के छेद पर हल्का दबाव डाला और आगे सहलाते हुए चला गया | रीमा के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन दौड़ गयी | रीमा ने अब पागलो की तरह प्रियम का लंड चूसना शुरू कर दिया | और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी गड़ाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी | रीमा जिस तरह से प्रियम के लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे प्रियम की कराहने की आवाज और बढ़ गयी | कराहते हुए प्रियम ने एक बार फिर अपना ध्यान रीमा चाची के लगभग नंगे हो चुके चुतड और घने काले बालो से घिरी चूत की तरफ लगाया | उसकी मिडिल उंगली गांड के छेद से हटकर रीमा की चूत पर आ गयी और नीचे से ऊपर की तरफ चूत के ओठो को रगड़ने लगी | उगली रगड़ते रगड़ते चूत के फूले दाने के पास तक जाती और फिर नीचे आ जाती | कभी कभी दाने को भी छु लेती आयर तभी रीमा के पुरे शरीर में सिहरन दौड़ जाती | इसके बाद प्रियम ने रीमा के चूत के ओठो अलग करते हुए, अपनी उंगली रीमा की गरम गीली मखमली गुलाबी चूत के अन्दर घुसा दी | प्रियम का पूरा शरीर चूत के स्पर्श से रोमांचित हो गया | इधर रीमा ने भी प्रियम का लंड चूसने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखी |
प्रियम – ओह ओह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह चाची
प्रियम ने अपने अब तक के जीवन में ऐसा कुछ कभी अनुभव नहीं किया था | उसे पता था अब कभी भी रीमा चाची के लंड चूसते मुहँ के अन्दर उसके अन्दर उबल रहे गरम लावे की शूटिंग शुरू हो सकती है | उसके लंड पर रीमा चाची के जीभ और ओठो का गीला नरम स्पर्श उसके चरम आनंद की अनुभूति करा रहा था | उसे पता था अब उसका नियंत्रण कभी भी टूट सकता है वो कभी भी रीमा चाची के मुहँ में झड़ना शुरू कर सकता है | प्रियम की टांगे तनने लगी चुतड सिकुड़ने लगे, अब उसका खुद को काबू में रखना असंभव था, फिर भी रीमा चाची की चूत से खेलने के लालच में उसने खुद को थोड़ी देर और रोकने की नाकाम कोशिश करने लगा | जितना देर वो खुद को रोक लेगा उतनी ही ज्यादा देर वो रीमा चाची की चूत से खेल पायेगा | लेकिन रीमा अपनी पूरी स्पीड से प्रियम के लंड को चूस रही थी, इसलिए उसका अब ज्यादा देर तक रुक पाना असंभव था | इससे पहले किसी भी औरत ने उसके लंड को छुवा भी नहीं था इसलिए इतनी भयानक त्रीव उत्तेजना नाजुक से बच्चे के सँभालने भर की नहीं थी | प्रियम को अहसाह होने लगा था अब गरम सफ़ेद गाढ़ा लावा बस निकलने ही वाला है और दुनिया में कोई भी तरीका ऐसा नहीं जो इसे रोक सके | अब उसे झड़ना ही है, अगर चाची ने इसी स्पीड से चूसना जारी रखा तो मै इनके मुहँ में ही झड जाऊगा | रीमा ने महसूस किया की प्रियम का शरीर अकड़ने लगा है और वो भी बेतहाशा तरीके से चूस चूस के थक चुकी थी इसलिए जल्दी से फ्री होना चाहती थी, उसको भी अब जल्दी मची थी और उसे पता था अब प्रियम को झड़ने में बस कुछ ही सेकंड बचे है | उसने भी अपनी जांघे और कुल्हे जोर जोर से झटकने शुरू कर दिए, वो प्रियम की चूत में घुसी उंगली के इर्द गिर्द अपनी कमर और कुल्हे हिलाने लगी , ताकि उसकी गीली चिकनी मखमली चूत भी साथ में झड जाये |
प्रियम- ओह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मै झड़ने वाला हूँ चाची, मै तुमारे मुहँ में झड़ने वाला हूँ | ओ गॉड गॉड ओह्ह्ह | अब मै और नहीं रोक सकता
प्रियम का कुल्हा पहले ऊपर उठा फिर नीचे गिरा | रीमा समझ गयी ये क्या करना चाहता है | प्रियम को कोई अनुभव नहीं था इसलिये उसके साथ ये सब कभी हुआ नहीं | जैसा की प्रियम से रीमा बोली की वो उसका लंड चूसेगी तो उसने पुरे तन मन और आत्मा से वो किया, अब वो प्रियम का रस अपने मुहँ में ही गिराना चाहती है ताकि एक भी बूँद बेकार न जाये तो वो ये भी करेगी | प्रियम नौसखियो की तरह इधर उधर हिल रहा था, लेकिन रीमा ने कठोरता से उसका लंड थामे रखा और मुहँ में गले की गहराई तक ले जा कर पूरा अन्दर लेती रही | रीमा ने इससे पहले कभी किसी के लंड का रस अपने मुहँ में नहीं गिराया था लेकिन वो प्रियम का लंड रस मुहँ में लेने को लेकर उसने फैसला कर लिया था और वो ये करके रहेगी| वो चाहती थी प्रियम सिर्फ और सिर्फ उसके मुंह में झड़े |
काम उत्तेजना के चरम पर बैथे प्रियम ने बेदर्दी से अपना लंड रीमा के मुहँ में पेल दिया, उसका लार से सना, खून से भरा फूला लंड रीमा के ओठो को चीरता हुआ रीमा के मुहँ में घुसता चला गया और जब तक रीमा के ओठ लंड की जड़ तक नहीं पंहुच गए, लंड सरसराता हुआ मुहँ में जाता रहा | प्रियम ने एक लम्बी कराह ली, उसने अपने लंड को पूरी तरह रीमा के हवाले कर दिया और खुद की उंगली और ज्यादा तेजी से रीमा की चूत में अन्दर बाहर करने लगा | उसे अपनी गोलियों में फट रहे ज्वालामुखी की आग साफ़ महसूस होने लगी | लग रहा था गरम धधकते लावे की एक तेज लहर उसके गोलियों को छोड़कर आगे की तरफ निकल पड़ी थी |
तभी रीमा ने अपने गीले मुहँ में प्रियम के सफ़ेद गाढे लंड रस की गरम ताजा बूँद महसूस की, जिसे वो तुरंत ही गटक गयी, ताकि इस बार दम घुटने की कोई गुंजाईश न रहे और लंड अपनी गहराई तक जाका पूरा समाये और झड़ता रहे |
जिस तरह प्रियम इस समय झड रहा था बिलकुल इसी तरह की संवेदना और करंट वो भी अपने कमर के आसपास महसूस कर रही थी जहाँ प्रियम तेजी से अपनी उंगली रीमा की चिकनी गीली चूत में अन्दर बाहर कर रहा था | रीमा की चूत में भी झड़ना शुरू होने का कम्पन महसूस होने लगा था, एक गुदगुदी भरी कंपकपी से उसकी चूत की दीवारे झनझनाने लगी थी | उसका पूरा शरीर अकड़ा पड़ा था |वह भी प्रियम के लंड पर क्रूर से क्रूरतम होती जा रही थी जिसके कारन प्रियम के नितम्ब तेजी से हिल रहे थे कांप रहे थे| रीमा के ओठो की सख्ती चरम पर थी और लंड रस के मुहँ मे झड़ने से, लंड को उसकी जड़ तक मुहँ में निगलने से रीमा के मुहँ से बस गलगल्लाने की आवाज ही आ रही थी |
प्रियम के लंड से निकलती हर बूँद को रीमा अपने मुहँ में लेकर निगलती जा रही थी, प्रियम अब तक 6-7 बार शूट कर चूका था और रीमा झट से लंड रस को निगलकर उसके लंड को अपने सख्त ओठो जकडे हुए, उस पर अपनी जीभ तेजी से फिर रही थी | प्रियम के परम आनंद की सीमा नहीं थी, झड़ते लंड पर गीले मुहँ में जब लगातार गीली खुर्खुरी जीभ आपके लंड को अपने आगोश में लेकर सहलाये तो भला कौन नहीं काम आनंद से पागल हो जायेगा | प्रियम ने चार पांच बार और अपने कुल्हो को तेज झटका दिया और पहले की तरह की पूरा लंड रीमा के मुहँ में, इसी के साथ उसके लंड रस की बची आखिरी चार पांच किस्ते भी रीमा के मुहँ में जा गिरी | रीमा का पूरा मुहँ प्रियम के लंड रस से भर गया |
pप्रियम ने भी रीमा की चूत में अपनी पूरी उंगली घुसा दी और ठहर गया | रीमा का कुल्हा जोर से कांपा, रीमा के मुहँ से लम्बी सिसकारी भरी आह निकली और कुछ देर तक रीमा का पूरे शरीर में कंपकपी होती रही, प्रियम रीमा का कम्पन महसूस कर सकता था और रीमा का अकड़ा शरीर निढाल होने लगा | प्रियम भी हांफते हुए प्रियम बिस्तर पर निढाल हो गया, रीमा सारा लंड रस गटक गयी और फिर से प्रियम का लंड चूसने लगी | अब वो धीरे धीरे लंड चूस रही थी |
कुछ देर बाद रीमा ने प्रियम का लंड चूसना छोड़ दिया और अपनी आंखे बंद कर ली और प्रियम के नाभि पर अपना सर टिका दिया, उसकी सांसे भी उखड़ रही थी | रीमा और प्रियम दोनों की ही आनंद की चरम सीमा पर पंहुचने से आंखे बंद थी |
दोनों कुछ देर अपनी सांसे काबू में आने का इन्तजार करते रहे, थोड़ी देर बाद रीमा ने धीरे से आंखे खोली, कामवासना के कारन गायब हो गयी उसकी मन की चेतना लौटने लगी, चुसाई के इस लम्बे थकावट भरे सेशन ने रीमा को पूरी तरह थका डाला था, हशीश के असर के कारन आई उत्तेजना अब गायब से होने लगी थी और शरीर अपने मूल रूप में वापस आ रहा था और इसी के साथ उसकी विचार करने की शक्ति भी लौट रही थी |
प्रियम अपने सिकुड़ते लंड की तरफ देखता हुआ, जिसमे से लंड रस वीर्य की एक आध बूँद अभी भी निकल रही-चाची मुझे बहुत मजा आया, बहुत मजा आया, मै बहुत अच्छा फील कर रहा हूँ, आप बहुत अच्छी हो दुनिया में सबसे अच्छी चाची हो | प्रियम ने तारीफों की झड़ी लगा दी |
It's amazing n exciting story.
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Thankyou so much all of you for giving this story 5 star. there is a good news, one more update is coming soon than expected.
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रीमा भावहीन होकर-हाँ मुझे पता है प्रियम डार्लिंग, लेकिन अब ये हम कभी दोबारा नहीं करेगें. प्रोमिस करो |
रीमा को डर था कही प्रियम ये सब अपने दोस्तों को न बता दे, या फिर रोहित को इसके बारे में बता दे, फिर वो कैसे एक्सप्लेन करेगी की उसने क्या किया, क्यों किया | प्रियम को पता था उसकी चाची ने जो कहा है उनका वही मतलब है, लेकिन प्रियम को पता था उसके और चाची के बीच ये सब आखिरी बार नहीं है | प्रियम ने अपनी शॉर्ट्स की जेब में एक ऑडियो रिकॉर्डर रखा हुआ, वो प्लान बनाकर आया था कि अगर रीमा चाची ने उसके साथ सेक्स किया तो उसकी ऑडियो रिकॉर्ड करके, राजू को सबूत के तौर पर सुनाएगा, क्योंकि राजू ने प्रियम से शर्त लगी थी कि वो चाची को चोदता है तो वो उसे एक पैकेट हशीश देगा | प्रियम को पता था राजू उसकी बात का भरोसा नहीं करेगा इसलिए प्रियम ने अपनी चाची के साथ लंड चूसने को रिकॉर्ड कर लिया था | इसका एक और फायदा ये था कि अगर आगे चलकर चाची ने प्रियम को सेक्स से मना किया तो वो इस टेप के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल भी कर सकता है | प्रियम को अभी भी यकीन नहीं हो पा रहा था की चाची ने उसके लंड को अपने मुहँ में लेकर इतने अच्छे से चूसा | इसी बात को लेकर मन ही मन मुस्कुराता हुआ प्रियम बोला –मै वादा करता हूँ चाची मै ये बात किसी को नहीं बताउगा |
रीमा-बहुत अच्छा प्रियम डार्लिंग, ये सही रहेगा, मुझे भी तुमारी मदद करके बहुत अच्छा लगा, अब तुम्हे अपने घर जाना चाहिए और इतनी अच्छी पेस्ट्री के लिए थैंक्स |
रीमा ने प्रियम के कपडे ठीक किये और विदा कर दिया | प्रियम जाने के बाद रीमा बिस्टर पर ढेर हो गयी | दिमाग में जबरदस्त अंतर्विरोध चल रहा था | उसके मुहँ में हल्का हल्का दर्द महसूस हो रहा था लेकिन उसने जो भी किया उसको लेकर उसे अपनी नजरो में शर्मिंदा होना चाहिए था लेकिन उसे शर्मिंदगी की जगह तृप्ति का अहसास हो रहा था, प्रियम का लंड अपने खुद के मुहँ में, कुछ ही दिनों में वो कितना बदल गयी, की अपनी पहचान ही भूलने लगी थी, ये मै नहीं हूँ, मै इस हद तक कैसे गिर सकती हूँ क्या मेरी हवस इतना मुझ पर हावी हो गयी है कि सगे भतीजे के सामने नंगी होने में कोई शर्म नहीं है | मेरा इतना पतन, हाय किसी नरक में मुझे जगह मिलेगी |
नहीं नहीं मुझे नर्क में क्यों जगह मिलेगी, मैंने ऐसा किया ही क्या है वो मुझसे मदद मांगने आया था और मैंने उसे बताने की जगह कर के दिखा दिया | जवानी ने सेक्स की चाह तो सबको होती हैऔर वो तो बस जवानी की दहलीज पर कदम रखने ही वाला है कम से कम अब वो किसी गलत रास्ते पर तो नहीं जायेगा, अपनी वासना की कुंठा मिटाने को किसी लड़की पर हिंसक तो नहीं होगा | उसे सेक्स के बारे में सब पता होना चाहिए और सबसे बड़ी बात उसे कैसे खूबसूरत तरीके से सेक्स एन्जॉय करना है ये पता होना चाहिए | जिनको ठीक से सेक्स करने को नहीं मिलता या सेक्स में तृप्ति नहीं मिलती वो कुंठा का शिकार होकर हिंसक हो जाते है और फिर औरतो से रेप और हिंसा जैसी घटनाये होती है | शादीशुदा लोगो में भी ज्यादातर (एक आध अपवाद तो हर जगह होता है)उन्ही जोड़े के बीच ज्यादा दिक्कते होती है, जिंसकी सेक्स लाइफ बदतर होती है | कभी सेक्स में तृप्त जोड़े को हिंसा गली गलौज या मार पीट करते नहीं देखा होगा | मेरा भतीजा किसी लड़की या औरत का रेप नहीं करेगा, मै उसे ऐसा करने नहीं दूँगी | उसे सेक्स का भरपूर मजा लेना सिखाऊंगी, ताकि को औरतो और लडकियों को ज्यादा से ज्यादा प्यार कर सके | उसे जो सीखना होगा मै सब उसको सिखाऊंगी | दुनिया भर के विचारो से के आते गुजरते उसकी कब आंख लग गयी पता ही नहीं चला|
आसमान में सूरज ढलने की तरफ था, रोहित ने घर के सामने सड़क पर अपनी कर पार्क की और अपना ऑफिस बैग उठाकर चहल कदमी करते हुए घर की तरफ चलने लगा | रोहित आज पार्टी के मूड में था इसलिए जल्दी घर अ गया | पिछले कुछ दिनों से वो चाहे घर में हो या बाहर, वो रीमा के बारे में ही सोचता रहता था | जब से रीमा ने प्रियम-नूतन वाली घटना के बारे में बताया था रोहित बस एक ही निष्कर्ष निकाले बैठा था, कि जब रीमा कमरे में आई तो नूतन का स्वेटर बिलकुल ठीक था इसका मतलब रीमा पहले से ही बच्चो को देख रही थी | कितने पहले से बच्चो को देख रही थी, क्या बच्चो को देखकर खुद भी एन्जॉय कर्रकर रही थी जितना ज्यादा वो रीमा के बारे में सोचता उतना ही वो इस बात को लेकर निश्चित हो रहा था की हो न हो रीमा का शरीर हवस में जल रहा है उसके अन्दर वासना का तूफ़ान उमड़ रहा है और उसको चुदने की तलब चढ़ी है, शादी के कुछ ही सालो बाद मेरे भाई की मौत हो गयी थी, इधर काफी सालो से अकेली है, उसका कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है, शायद पिछले कुछ सालो से चुदाई से भी दूर है इसलिए उसकी सभी दबी कुचली ख्वाइश उसके दिमाग पर हावी हो गयी है, जिससे उसको चुदने की तलब लगी हुई है, उसकी चूत को लंड की तलब लगी हुई है |
रोहित तो बहुत पहले से ही रीमा की तरफ आकर्षित था लेकिन रिश्तो की मर्यादा ने उसको बांध रखा था | रोहित ने पहले भी रीमा को अपने दिल की बात बताने की सोची, लेकिन किसी न किसी वजह से खुद को पीछे खीच लिया | उसे लगा ये सही समय है रीमा से अपने दिल की बात कहने का | पहले भी रीमा की लेकर उसके मन में काफी भावनावो के ज्वार उठे, कई बार वो रातो को सो भी नहीं पाया, लेकिन सच ये भी है कभी सीधे सीधे रीमा को अप्रोच ही नहीं किया | उसने कभी भी रीमा को चोदने के लिए ईमानदारी से कोशिश भी नहीं करी | खुद पर ही पछता रहा था, इतने साल से रीमा अकेली , अकेलेपन में उसका स्वाभाव भी थोडा रुखा हो गया लेकिन कभी रोहित ने सोचा ही नहीं, रीमा में आये बदलाव इस कारण है की वो अकेलापन महसूस कर रही है | भाई की मौत के बाद और अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद इतने सालो से वो चुदने का इंतजार कर रही है और मै फट्टू कभी भी इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया की रीमा से दिल की बात पूछ सकू, पाने दिल की बात रीमा को बता सकू, उसके सामने रिक्वेस्ट करके उसके ही मन की बात उससे मनवा सकू | मै भी परम चुतिया था साला इधर उधर दो कौड़ी की लडकियों पर अपना समय ख़राब करता रहा | रीमा के सेक्सी बदन को अपने ही तरीके से सोचते हुए अपने काम जल्दी जल्दी निपटा रहा था |
रोहित ने प्रियम को खाना खिलाया और उसके सोने का इन्तजार किया | अभी कुछ दिन पहले ही रीमा का बर्थडे था, और रोहित ठीक से विश भी नहीं कर पाया था इसलिए उसने सोचा आज उसके घर पर जाकर ही उसको स्पेशल गिफ्ट दू | रीमा का घर रोहित से दो घर छोड़कर था | प्रियम के सोने के बाद रोहित ने फ्रिज से एक शम्पेन निकाली और दबे पाँव घर से निकल गया |
रीमा के चेहरे पर आज एक अलग चमक थी, उसकी स्किन एक अलग ही चमक मार रही थी |
अपने भतीजे के द्वारा मिले ओर्गास्म के कारण रीमा काफी रिलैक्स फील कर रही थी, क्या हुआ जो वो उम्र में इतना छोटा है मै उसके साथ एक खूबसूरत सीक्रेट अफेयर तो रख ही सकती हूँ जिसका किसी को कुछ पता न चलेगा | प्रियम कोई बाहरी थोड़े ही है है तो मेरा सगा भतीजा ही |बहुत दिनों के बाद रीमा ने बाथरूम में काफी टाइम बिताया, उसने अपने पुरे शरीर की वैक्सिंग की, आइब्रो सेट करी, और जांघो के बीच नीचे पूरी तरह से क्लीन सेव किया | उसके बाद उसने अच्छे से मेकअप किया |
इतना प्रॉपर मेकअप किये हुए उसे कई महीने हो गए थे |
मेक अप करने के बाद रीमा ने स्कॉच के दो पैग बनाये और टीवी ऑन करके सोफे पर पसर गयी | टीवी तो उसने चला दिया था, लेकिन उसके दिमाग से प्रियम उतर ही नहीं रहा था | अक्सर वो खिडकियों सड़क पर आते जाते आकर्षक लडको को देखती रहती थी, लेकिन किसी लड़के का जवान होता लंड अपने मुहँ में फील करने का अनुभव बिलकुल अलग था | उसकी याद आते ही रीमा के पुरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया | आखिर अकेली जवान औरत अगर एक जवान होते लड़के को अपना शरीर स्पर्श करने देती है तो इसमे गलत क्या है और अगर गलत है भी तो क्या हुआ उसने कुछ गलत नहीं किया | वो मेरा भतीजा है और उसे पूरा हक़ है मेरे शरीर को स्पर्श करने का | रीमा अभी भी भतीजे का लंड अपने मुहँ में महसूस कर रही थी, उसके अन्दर वासना का ज्वार बढ़ने लगता, कैसे भतीजे की उंगली ने उसके नितम्बो पर से उसका नियंत्रण ख़त्म कर दिया था, उसको अपने ऊपर नीचे उठते गिरते कुल्हे याद आ रहे थे | इतनी संतुष्टि के बाद भी एक बात उसको हैरान कर रही थी की उसके अन्दर कामवासना की लहरे जोरो से हिलोरे मार रही थी शायद उसकी काम वासना को तृप्त करने की बजाय प्रियम ने और बढ़ा दिया था , अब उसे और ज्यादा चाहिए था | उसे पता था कि वो ये नहीं कर सकती, आज नहीं तो कल अगर किसी को पता चल गया तो ये बहुत खतरनाक होगा | यही सब सोचते सोचते रीमा स्कॉच के सिप मारते हुए सोफे पर पसरी थी | तभी अचानक उसके घर के पिछले दरवाजे की डोर बेल बजी | इससे पहले वो कुछ गेस करती, उसके कानो में रोहित की आवाज पड़ी |
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रोहित- रीमा मै रोहित, क्या तुम जाग रही हो अभी तक ?
रीमा..ओह नो रोहित इस वक्त यहाँ, कही उसे मेरे और प्रियम के बारे में पता तो नहीं चल गया, क्या प्रियम ने रोहित को जाकर ये बता तो नहीं दिया की मैंने उसका लंड चूसा है और लंड रस भी पी गयी हूँ, अब क्या होगा, रोहित तो मुझे मार ही डालेगा | इतना विचार आते ही रीमा का चेहरा फीका पढ़ गया | फिर पलक झपकते ही उसने रोहित के पुकारने की टोन पर ध्यान दिया वो काफी नार्मल लग रही थी | रीमा ने दरवाजा खोला |
रीमा- अन्दर आ जावो रोहित....
रोहित-मै तुमारे लिए शैम्पेन की बोतल लाया हूँ, मै तुम्हे तुमारे बर्थडे पर कोई गिफ्ट भी नहीं दे सका, इसलिए सोचा आज चलकर तुमारे साथ पार्टी करता हूँ, बशर्ते तुमारा कोई और प्लान न हो और तुम किसी और काम में न बिजी हो |
रोहित रीमा को एकटक देखने लगा, वो बाकि दिनों से आज काफी अलग लग रही थी, सेक्सी, ब्यूटीफुल, रिलैक्स्ड, चेहरे पर संतुष्टि और मुस्कान का सम्मिश्रण | रोहित को थोडा अजीब लगा, लेकिन वो रीमा के सौन्दर्य में ऐसा खोया की उसे कुछ और याद ही नहीं रहा |
रीमा- नहीं कुछ खास नहीं तुम आ गए अच्छा किया, तुम बैठो मै गिलास लेकर आती हूँ |
रोहित को लग रहा था जैसे रीमा को पता हो कि वो आ रहा है और उसके लिए वो पूरी तरह से सज धज के बैठी है | लेकिन रीमा इतनी खूबसूरत तो तब लगा करती थी जब नयी नयी शादी हुई थी | रोहित ने तो महीनो महीनो उसे बिना मेकअप के रूखे बाल और इमोशन लेस चेहरे के साथ देखा है, इसलिए उसको तो यकीन कर पाना बिलकुल मुश्किल हो रहा था
रोहित रीमा को सोफे उठकर जाते हुए देखता रहा, उसके हर कदम के साथ उछलते कुल्हे और चूतडो में संतुष्टि का एक भाव था, चाल में एक मादकता थी |
इतनी सेक्सी और खूबसूरत रीमा को उसने सालो बाद देखा था इसलिए उसके अन्दर की वासना में रीमा की खूबसूरती ने आग में घी वाला काम किया | रोहित ने तय कर लिया था की आज तो वो रीमा की स्कर्ट और पैंटी दोनों उतार कर ही दम लेगा, उसे चाहे जो करना पड़े | वो रीमा को कपडे पहने पहने ही पूरी तरह नंगे इमेजिन कर रहा था | कमर लचकाती, कुल्हे मटकाती मद मस्त चलती रीमा !! आह !!!!!!!! रोहित ने तो उसे बिना कपडे उतारे ही नंगा कर दिया था |
रीमा गिलास लेकर वापस आई और सोफे पर बैठते हुए उसने एक सभ्य औरत की तरह अपने कपड़ो को थोडा ठीक किया ताकि हैण्डसम रोहित के सामने किसी तरह का कुछ अश्लील न लगे | रोहित रीमा की बरसो से फंतासी था लेकिन रीमा ने हमेशा रिश्तो की गरिमा में रहकर ही रोहित से व्यवहार किया | या यु कहे कि कपडे इसलिए ठीक किये थे ताकि वो खुद की वासना के ज्वार पर काबू रख सके | रोहित ने शैम्पेन की बोतल खोली और गिलास में दारू उड़ेलने लगा | रोहित को नहीं पता था की रीमा में ये बदलाव किस वजह से आया है, लेकिन वजह को दरकिनार करते हुए उसे बहुत ख़ुशी थी कि रीमा ने कम से कम खुद के बारे में ख्याल तो किया | उसकी खूबसूरती को बार बार रोहित निहार रहा था और खुश हो रहा था | आज रीमा उसे पहले से कई गुना ज्यादा सेक्सी और आकर्षक लग रही थी |
दोनों आराम से सोफे पर बैठ गए और शैम्पेन पीने लगे, रोहित बस सिप मार रहा था और सुनिश्चित कर रहा था की रीमा उससे ज्यादा शराब पिए| जैसे ही रीमा का पैग ख़तम होता रोहित फिर से पैग बना देता | रीमा पहले ही दो स्कॉच के पैग पी चुकी थी और अब हर नया पैग उसके शुरुर में और बढ़ोत्तरी कर रहे थे और वो अर्द्ध बेहोशी की तरफ बढ़ रही थी | उसे लग रहा था स्कॉच के बाद शैम्पेन नहीं पीनी चाहिए थी लेकिन रोहित को मना नहीं कर पाई | वो कोई रेगुलर ड्रिंकर नहीं थी इसलिए 6 पैग उसकी क्षमता के हिसाब से काफी ज्यादा थे |
रोहित रीमा की तारीफ करता हुआ- रीमा तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हूँ, मेरा मतलब तुम हमेशा ही खूबसूरत लगती हो लेकिन आज तुम कमाल की लग रही हो,पता नहीं इसकी वजह क्या है लेकिन तुम सच में बहुत खूबसूरत और दिलकश लग रही हो | रीमा बालो पर उंगलिया फिराते हुए सोचने लगी- आज मै जैसी भी दिख रही हूँ रोहित ये तुमारे बेटे का कमाल है | उसने मेरे अन्दर की सोई औरत को जगा दिया है | रीमा ने रोहित की तरफ एक लम्बी मुस्कान छोड़ दी | उसे भी पता था आज उसका अंग अंग दमक रहा है, शरीर के हर कोने में संतुष्टि झलक रही है | वो रोहित की तारीफों से खुसी में झूम रही थी तभी रोहित ने कुछ ऐसा कहा की रीमा के होश उड़ गए | नशे में झूमती रीमा के ऊपर जैसे किसी ने बाल्टी भर बर्फ का पानी डाल दिया हो |
रोहित – रीमा तुम उस दिन प्रियम और नूतन की हरकतों को काफी देर से दरवाजे की ओट लेकर देख रही थी न...
रीमा एकदम हडबडाते हुए-तुम क्या बकवास कर रहे हो रोहित, लगता है तुम्हे चढ़ गयी है |
रोहित-नहीं.....तुम्हे अच्छी तरह से पता है मै तुमसे क्या पूछ रहा हूँ | तुमने मुझे फ़ोन पर कहा था की नूतन का स्वेटर ऊपर था और उसके दोनों स्तन बिन्कुल नग्न थे, प्रियम राजू एक एक निप्पल मुहँ में लेकर चूस रहे थे और बीच में उसके स्तन को मसल भी रहे थे | लेकिन प्रियम ने बताया जब तुम कमरे में आई थी तब नूतन के स्तन पुरे तरह से स्वेटर से ढके थे | इससे मै इस निष्कर्ष पर पंहुचा की तुम कमरे में झांक रही थी, इससे मै एक और निष्कर्ष पर पंहुचा कि तुम बेहद अकेली हो और तुमारा मन और शरीर वासना की आग में जल रहा है | तुमारी चूत ने सालो सेलंड देखा नहीं है तुमने सालो से चुदवाया नहीं है इसलिए चुदाई की तलब ने तुमारा ये हाल कर दिया है कि अब तुम दूसरो के कमरों में झाँक रही हो और अपनी काम वासना की कुंठा को मिटाने की असफल कोशिश कर रही हो |
रोहित बेहद ही विनम्र भाषा में बोला – देखो रीमा सेक्स जवान शरीर की जरुरत है तुम अपनी वासना को कितना भी दबावों, वो दबने वाली नहीं है, बल्कि तुम्हे बीमार बना देगी | देखो रीमा मै सिर्फ इतना कह रहा हूँ की सच से आंखे न चुराओ, इससे सिर्फ तुम खुद का नुकसान करोगी, तुम जवान हो और बहुत खूबसूरत भी | अगर तुमारे अन्दर चुदवाने के इक्षा होती है तो इसमे कुछ भी गलत नहीं है ये तो प्राकृतिक है | तुम अपनी चुदवाने की इक्षा मारकर खुद पर घनघोर अत्याचार कर रही हो|
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Story is progressing very nicely. Keep it up. Looking forward for your next update.
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26-12-2018, 02:01 PM
(This post was last modified: 26-12-2018, 02:06 PM by Motalund14.)
Kya mast likhte ho yar lund fatne ko go rha hai
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Kamal likhte ho yar mja aa gya
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आपके आने वाले अप्डेट्स के इंतजार में।।।
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रीमा पहले से ही शराब के नशे में धुत थी ऊपर से रोहित के विनम्रता से बोले गए शब्दों ने पता नहीं क्या जादू किया, रीमा रोहित के कंधे पर सर रखकर बेतहाशा रोने लगी | उसे भी नहीं पता था कि रोहित के शब्दों में क्या जादू था कि सालो से उसके अन्दर दबी भावनाए, कुंठा, हताशा निराशा, सब आंसुओं के डगर बाहर निकलने लगी |
कुछ देर बाद खुस को काबू करते हुए, आंसुओं से भरी आँखों से रोहित को देखते हुए-मुझे नहीं पता रोहित, मै क्या कहू, मुझे नहीं पता मुझे क्या चाहिए मैंने हमेशा वही करने की जो समाज ने हमें सिखाया, बताया| दुनिया के बने बनाये नियमो पर बस चलती रही, और इस जंगली दुनिया में अपना दामन बचाती रही, कभी अपने बारे में सोचा ही नहीं |
रोहित-तुम्हे कुछ कहने की जरुरत नहीं है, तुम्हे बस खुद को प्यार करने की जरुरत है जिससे तुम्हे खुसी मिले वो करो, अपने शरीर के सुख के लिए तुम्हे जो करना पड़े करो | क्या सही है क्या गलत है, दुनिय क्या सोचेगी, लोग क्या कहेगे ये सब फालतू की बातो पर अपना दिमाग मत लगावो |
इतना कहकर रोहित ने रीमा को गले लगा लिया और रीमा भी जोर से रोहित से लिपट गयी, रोहित रीमा की बांह के ऊपर सिरे पर हलके हलके हाथो से सहलाने लगा |
रीमा के लिपट जाने से उसके स्तन और चूची रोहित के सीने से टकराने लगे| रोहित को भी रीमा के स्तन और चुचियो का अहसाह हो रह था, रोहित ने रीमा पर अपनी बांहों का कसाव बढ़ा दिया, जिससे स्तन और चूची ज्यादा कसकर रोहित के सीने से रगड़ने लगी | इस रगडन से पेंट के अन्दर कैद रोहित के लंड में हल्की सी हरकत हुई |
रोहित- तुम्हे पता है रीमा, मेरे भाई की मौत के बाद से तुम अकेली हो, तुम बहुत खूबसूरत औरत हो, तुम सच में बहुत खूबसूरत औरत हो मेरा यकीन करो | तुम एक ऐसी बला की खूबसूरत औरत हो जिसे कोई भी मर्द अपनी पत्नी होने पर गर्व महसूस करेगा |
रीमा जैसी अकेली औरत के लिए ये कुछ ज्यादा ही हो गया, उसने फिर से सुबुकना शुरू कर दिया और कसकर रोहित से फिर लिपट गयी | रीमा का खुद से नियंत्रण कम होता जा रह था, उसे लग रहा था उसने प्रियम को कच्ची उम्र में वासना के भंवर में फंसा दिया | वो सिर्फ आदमी और औरत के बीच की बाते उससे जानने आया था, वो लंड चूत, चुदाई के बारे में जानने आया था लेकिन उसने तो आगे बढकर न केवल उसका लंड थाम लिया बल्कि एक जवान औरत का पूरा शरीर दिखा दिया, उसका लंड भी मुहँ में लेकर चूसा, उसे वासना की आग से परिचित करवा दिया जो उसका पूरा जीवन खाक कर सकती थी | वो एक कामरोगी है, उसने अपनी काम पिपाशा मिटाने के लिए भतीजे का जीवन तबाह कर दिया, वो किसी चुड़ैल से कम नहीं है |
रोहित रीमा के पीठ सहलाता हुआ- कोई बात नहीं रीमा चुप हो जाओ, मैंने भी नूतन को एक बार दूर से देखा है नूतन एक जवान खूबसूरत लड़की है और मै शर्त लगाता हूँ उसके स्तन बाकि लडकियों से काफी बड़े होंगे |
रीमा -रोहित..........तुम ऐसा कैसे कह सकते हो ?
रोहित- अब जो सच्चाई है उसे कहने में क्या बुराई है |
शराब के नशे में धुत रीमा के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी जब उसे अहसास हुआ की पीठ पर से हाथ फेरते फेरते रोहित का एक हाथ उसकी कमर ने नीचे बेहद निजी वर्जित क्षेत्र में जाकर उसके उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड पर जम गया है
और उसके बाद रोहित के हाथ ने चुतड पर दबाव बनाकर रीमा की कमर को अपनी तरफ ठेलने लगा |
रीमा ने अपना सर पीछे को हटाया और उसके आंसुओं सी भरी आँखों में एक दहशत सी भर गयी, जब उसे महसूस हुआ की, रोहित के लंड कड़ा होने लगा है,
उसके कोमल शरीर को उसका अहसास साफ साफ़ हो रहा था,उससे चिपकी होने की वजह से वो रोहित के पेंट के अन्दर के तनाव को अपनी नाजुक कमर के निचले हिस्से और केले के तने जैसी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चुतड़ो पर महसूस कर रही थी |
रोहित खुद को संयत करता हुआ- कोई बात नहीं रीमा , सब ठीक है मै सब समझता है |
तभी अचानक रीमा को अहसास हुआ की रोहित उसके साथ पिता तुल्य व्यवहार करने की कोशिश कर रहा है, रीमा रोहित से दूर होना चाहती थी लेकिन रोहित ने अपनी सख्त बांहों से जकड रखा था | तभी रीमा को रोहित की नीयत का अहसास हुआ- छोड़ो मुझे रोहित, मुझे जाने दो प्लीज रोहित, मुझे जाने दो | रीमा भयभीत हो गयी, रोहित ने पहले भी कई बार उससे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की लेकिन कभी इस हद तक नहीं गया | क्या रोहित को मेरे और प्रियम के बारे में पता चल है, इसलिए अपनी भड़ास निकालने आया है, मेरी असलियत का पता चलने के कारन ही अब ये भी मुझे बुरी तरह चोद डालना चाहता है | इसलिए मेरे मना करने के बावजूद रूक नहीं रहा है | यही सोचकर रीमा डर गयी | उसके दिमाग में हाहाकारी तरीके से बुरी तरह चोदने के सीन चलने लगे |
अब क्या होगा, क्या रोहित भी अपने बेटे ही तरह मुझे चोद डालेगा, क्या बाप बेटे दोनों के अपने लंड की प्यास मेरे छेदों में ही बुझाना चाहते है........ वो कंफ्यूज हो गयी, उसके दिमाग कुछ ठीक से सोच ही नहीं पा रहा है, वो बहुत परेशान हो गयी, इस हालत में भी उसकी चूत में हल्की सी वासना के उफान की सनसनाहट सी महसूस हो रही थी, इससे वो इंकार नहीं कर सकती थी, हर बीतते पल के साथ ये सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि रोहित अपने एक हाथ से रीमा के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड लगातार मसल रहा था और रीमा के शरीर को अपने ऊपर ठेल रहा था|
रीमा अपनी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चूतडो के बीच रोहित के बढ़ते, कठोर होते लंड के तनाव को महसूस कर रही थी |
जैसे ही रोहित ने रीमा के ओठो को कसकर चूम लिया, रीमा के मुहँ से हल्की आह निकल गयी, रोहित सख्ती से रीमा के ओठ चूमने लगा और अपनी जीभ रीमा के मुहँ में डाल दी,
एक हाथ से रोहित ने कसकर रीमा को खुद से चिपकाये हुए था जबकि उसका एक हाथ रीमा के भारी गोल मांसल चुतड की लगातार मालिश कर रहा था| रोहित बार बार रीमा की कमर को धक्का लगाकर खुद पर ठेल देता जिससे रोहित का सख्त होकर तन चुके खड़े लंड का उभार रीमा की चिकनी नरम गुदाज जांघो पर पहले से ज्यादा जोर से महसूस होता |
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27-12-2018, 08:59 PM
(This post was last modified: 29-12-2018, 12:34 PM by vijayveg.)
रीमा का दिमाग रोहित को रोकना चाहता था, उसका विरोध करना चाहता था, उसे धकेल कर खुद से दूर करना चाहता था लेकिन उसका दिल उसके साथ नहीं था | पिछले कुछ महीनो से उसके अन्दर जो काम वासना उफान मार रही थी, हर बार की तरह इस बार उसने खुद को रोकने की बिलकुल कोशिश नहीं की | उसकी चेतना का विरोध कमजोर होता जा रहा था | उसे अपनी चूत के अन्दर एक लंड चाहिए था | उसे खून से भरा हुआ, फूला हुआ, गरम, लोहे की राड की सख्त हुए एक तगड़ा लंड अपनी चूत में चहिये था जो उसकी चूत की दीवारों में दहसत पैदा कर दे, अन्दर जाकर चूत का हर कोना चोद दे, जैसे पहले किसी ने उसकी चूत को चोदा न हो | उसे ऐसा लंड अभी चहिये था, भले ही क्यों न वो उसके देवर रोहित का ही हो | उसे अपनी चूत में एक लंड चहिये था और लंड की सबसे ज्यादा जरुरत उसे अभी थी | अपने दिमाग के सारे विरोध, अंतर्विरोध के बाद भी रीमा अपनी जगह से एक इंच भी न हिली, जब रोहित ने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए | रोहित ने उसका टॉप उसके कंधो के उपर से खीचकर उतार दिया | उसके गोरे गोरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए ठोस स्तन नुमाया हो गए, जिसके ऊपर तनी हुए सख्त चुचियाँ पूरी तरह से नंगी हो गयी|
रीमा ने अब हार मान ली थी, उसने खुद को पूरी तरह से रोहित को सौपने का मन बना लिया था | रोहित ने टॉप को कमर से होते हुए पैरो में गिरा दिया और रीमा की ओठो को जोर से चूम लिया | उसके बाद झुककर टॉप को रीमा के पैरो से निकाल कर अलग फेंक दिया | रीमा के स्तन और चूचिया पूरी तरह नंगी हो गयी थी, रीमा ने ब्रा नहीं पहन रखी थी, इसलिए कंधो से लेकर कमर तक अब वो पूरी तरह से नंगी थी | रोहित ने स्कर्ट का कमरबंद भी खोल दिया जिसने उसके कमर के नीचे का हिस्सा ढक रखा था, जैसे की कमर के नीचे का कपड़ा जमीन में गिरा रीमा ने एक हल्की मादक आह भरी | जब तक रीमा कुछ सोच पाती रोहित ने झटके से उसकी पैंटी भी घुटनों के नीचे तक खिसका कर निकाल दी |
रीमा ने कुछ ही देर पहले पुरे शरीर की वैक्सिंग और नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाया था, जिससे शरीर पर बालों का नामोनिशान नहीं था , जिसके कारन कंधो से लेकर कमर तक उसकी नरम गोरी त्वचा से ढका नाजुक बदन बल्ब की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था | रीमा ने सर झुकाकर अधखुली आँखों से खुद के नंगे खूबसूरत शरीर को देखने लगी | उसके स्तन कठोर होकर समाने की तरफ तने हुए थे, जब उसने अपनी तनी हुई चुचियाँ देखि तो रीमा की सांसे तेज हो गयी | उसकी गरम गरम सांसे मक्खन जैसे मुलायम गोरे गोरे सुडौल स्तनों पर से होती हुई चुचियों पर जाकर लग रही थी | वो बला की खूबसूरत लग रही थी | इतने साल अपनी हवस को कुचलने का एक फायदा भी उसे मिला | उसके स्तन अभी भी किसी कुंवारी लड़की की तरह सुडौल, ठोस और सामने की तरफ तने हुए थे , वरना इस उम्र तक स्तनों में लटकन आ ही जाती है|
रोहित ने रीमा के चुतड छोड़ कर अब स्तन मसलने शुरू कर दिए, धीरे धीरे उसकी हथेली और उँगलियों की सख्ती बढती जा रही थी, बीच बीच में रीमा के ओठ चुसना छोड़ चुचियो पर अपने दांत गडा देता, तो रीमा के मुहँ से सीत्कार भरी सिसकारी फूट पड़ती, फिर वह उन्हें छोटे बच्चे की तरह चूसने लगता, फिर वापस जाकर रीमा के ओठो से ओठ सटा देता और अपनी जीभ रीमा के मुहँ में ठेल देता और दोनों के मुहँ की लार एक दुसरे में घुलने मिलने लगी |
रोहित को अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रह था, बिना कपड़ो की परतो के क्या ये वही रीमा का जादुई खूबसूरत जिस्म है जिसको वो वर्षो से बिना कपड़ो के देखने की तमन्ना पाले हुए था | इतनी खुसुरत रीमा को चोदने के ख्याल से ही रोहित का रोम रोम खड़ा हो गया , लंड की तरफ खून का दौरान तेज हो गया | आज सालो बाद वो रीमा को चोदने जा रहा है , वो भी वो रीमा जो उसकी कल्पनाऔ से भी कही ज्यादा खूबसूरत है | इतनी खूबसूरत, फूल सी नाजुक रीमा को जब वो चोदेगा तो कितना मजा आएगा, ये सोच के ही उसका लंड और ज्यादा तनता चला गया | रोहित तो रीमा को आंखे फाड़ फाड़ कर देख रहा था | जांघो के बीच में त्रिकोण बनाती, चिकनी गोरी बाल रहित चूत त्रिकोण घाटी, जिसे शायद वो दूसरा आदमी है जो देख रहा था | रोहित तो जैसे स्वर्ग से भी अच्छे लोक की सैर कर रह था और उसके समाने एक नंगी अप्सरा खड़ी होकर उसे अपने अन्दर समां जाने का आमंत्रण दे रही थी | उसकी खूबसूरत कसी हुई चिकनी गुलाबी चूत में समां जाने की | पूरी तरह समा जाने की, अन्दर तक, आखिर छोर तक |
रोहित रीमा के स्तन पर से हाथ हटाकर उसके दोनों चूतडो का जायजा लेने लगा |
कमर से नीचे जांघो तक उभरे हुए, कुंवारी लडकियों की तरह सुडौल कसावट लिए हुए, नरम नरम मांसल बड़े बड़े चुतड देख कर वो पागल सा होने लगा |
रोहित ने धीमी आवाज में कहा- क्या हम बाथरूम में चल सकते है?
रीमा ने मौन सहमती में सर हिलाया | वो समझ ही नहीं पा रही थी कि वो कर क्या रही है, पूरी तरह से नंगी रीमा अपने कुल्हे हिलाते हुए हलके कदमो से बाथरूम की तरफ चल दी, उसके अन्दर का प्रतिरोध ख़त्म हो गया था, उसकी सोचने समझने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी, वो वही कर रही थी जो रोहित कर रहा था | हर उठते पड़ते कदम के साथ उसके सुडौल मांसल बड़े बड़े गोलाकार नितम्ब बारी बारी से उठ गिर रहे थे | उसके पीछे चला रहा रोहित टकटकी लगाये रीमा को पूरी तरह से हमेशा के लिए अपनी आँखों में समा लेना चाहता था | बलखाती कमर और मटकते कुल्हे और हिलते चुतड देखकर रोहित तो जैसे पलक झपकाना ही भूल गया |
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If you like the story please comment.
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Interesting ... lets see how story goes on
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Very hot update. Aise hi update ki apeksha thi aapse.. Aage kya hoga ye sochkar hi excitement badh rahi hai..
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29-12-2018, 01:15 PM
(This post was last modified: 13-01-2019, 04:08 PM by vijayveg.)
बाथरूम पंहुचते ही रोहित ने कपडे उतारने शुरू कर दिए, आगे क्या होने वाला है ये सोचकर ही रीमा कांप उठी | जैसे ही रोहित ने शर्ट उतारी, उसका बालो से भरा मांसल चौड़ा सीना देखकर रीमा के नितम्बो और कमर में एक सुरसुरी दौड़ गयी | रोहित ने तेजी से अपने जूते उतारे, उसके बाद पेंट और अंडरवियर साथ ही उतार दी | जैसे जी रोहित ने अंडरवियर उतारी, उसका फनफनाता मुसल जैसा मोटा लंड सीधा हो गया , और उछाल कर बाहर आ गया |
रीमा ने आश्चर्य से रोहित की कमर की तरफ देखा, रोहित का मोटा लम्बा, खून के तेज दौरान से कांपता लंड बिलकुल धमकाने वाले अंदाज में ऊपर की तरफ सीधा होता जा रहा है |
रोहित का लंड की मोटाई और लम्बाई देख रीमा की आंखे फटी की फटी रह गयी |
रोहित के मोटे लंड का सुपाडा खून के तेज बहाव के कारन फूल गया था और खून के बहाव के कारन होने वाला कम्पन साफ नजर आ रहा था | इतना मोटा बड़ा लंड उसने कभी जिंदगी में नहीं देखा था | उसे थोडा बहुत अंदाजा था की रोहित का लंड बड़ा है लेकिन इतना बड़ा होगा ये उसकी कल्पना से भी परे था |
रोहित अपने मुसल लंड को हाथो में लेकर मसलने लगा | तेजी से मसलने लगा |
रीमा एकटक उसे देखती रही | रोहित ने रीमा से इशारे में पुछा , क्या वो उसके मोटे तने हुए लंड को अपने नाजुक हाथो में लेगी | रीमा रोहित का इशारा समझ नहीं पाई क्योंकि वो तो रोहित के मुसल जैसे तनकर एकदम कड़क लोहे की राड की तरह हो चुके लंड को देखने में खोयी हुई थी | उसे कहाँ होश था की रोहित क्या कह रहा है | कुछ देर तक रोहित लंड को मसलता रहा, फिर आखिरकार हारकर उसने बाथरूम की ख़ामोशी तोड़ी - रीमा इसे अपने हाथो में लो न, ये तड़प रहा है तुमारे लिए , इसे अपने नरम नरम हाथो से सहलाओ मसलो रगडो कुचलो , जो मर्जी हो वो करो लेकिन इसे अपने हाथो में ले लो |
रीमा की जैसे तन्द्रा भंग हुए, उसने धीरे से रोहित के लंड की तरह हाथ बढ़ा दिए और अपने नाजुक हथेलियों में रोहित के कठोर लंड को जकड़ लिया |
रोहित - इसे रगड़ो न रीमा, देखो कितना काँप रहा है | रीमा ने हौले हौले उसके लंड पर हथेली फिसलानी शुरू कर थी | रीमा के हाथ रोहित के सख्त खड़े लंड पर फिसलने लगे | रोहित में लय में कमर हिलाने लगा और अपने लंड की तरफ देखते हुए – इस तरह से पेलूगा तुमारी चूत में ये मोटा लंड |
रीमा कुछ नहीं बोली बस लंड मसलती रही |
रोहित पत्थर बनते लंड को देखकर बोला - रीमा इसे अपने मुहँ में लेकर चुसो न |
रीमा ने अपने ओठ भींच लिए, वो आंखे फाड़ फाड़ कर बस रोहित के लंड को ही देखे जा रही थी और उस पर अपने हाथ तेजी से फिसला रही थी , उसकी नज़रे ही नहीं हट रही थी रोहित के लंड से, बार बार उसके दिमाग में रोहित और प्रियम के लंड की तस्वीरे एक साथ आ जाती और वो दोनों की तुलना करने लगती | प्रियम का लंड चिकना छोटा और पतला था इसलिए उसने आसानी से पूरा का पूरा लंड मुहँ में निगल लिया था लेकिन रोहित का लंड तो बहुत बड़ा है और मोटा भी ये तो मेरा मुहँ और गला दोनों फाड़ डालेगा, अगर इसको मैंने मुहँ में लेने की कोशिश की तो पक्का है मेरा दम घुट जायेगा और मै मर जाउंगी | वो इतना बड़ा लंड अपने जीवन में कभी देखेगी ऐसा उसने सपने में भी नहीं सोचा था | कोई औरत, कोई भी औरत इतने बड़े लंड को अपनी चूत के अन्दर कैसे ले सकती है, शायद इसलिए रोहित की बीबी इसको छोड़कर चली गयी, मैंने कई बार रोहित से तलाक की असली वजह पूछनी चाही लेकिन हर बार वो टाल देता था | जो औरत इतने मोटे लंड से चुदेगी वो दो दिन तो बिस्तर से न उठेगी, इसलिए शायद कोई भी लड़की रोहित की महीने दो महीने से ज्यादा फ्रेंड नहीं रहती | जो एक बार इतने बड़े लंड के दर्शन कर लेगी, चुदवाना तो दूर रोहित के आस पास भी नहीं फटकेगी | रोहित के मोटे लम्बे मुसल जैसे लंड की दहशत के बावजूद रीमा के दिमाग के कोने में एक अनजानी आकर्षण भरी चाह उपज रही थी | रीमा ने इनकार में सर हिला दिया |
रोहित मन मसोस कर रह गया, उसने एक कोशिश और की - रीमा प्लीज एक बार मुहँ में लेकर चुसो न, आग लगी हुए है मेरे लंड में, शायद तुमारे मुहँ में जाकर इसे तोड़ी नमी मिल जाये और इसकी जलन कुछ कम हो |
इस बार रीमा ने मुहँ खोल ही दिया - नहीं मै इसे मुहँ में नहीं ले सकती, ये बहुत बड़ा है मोटा भी और फूलकर कितना बड़ा हाहाकारी हो गया है भला ये मेरे मुहँ में कैसे आएगा | नहीं नहीं मै इसे मुहँ में नहीं ले पाउंगी, ये मेरे नाजुक छोटे से मुहँ से बहुत बड़ा |
रोहित - रीमा प्लीज एक बार कोशिश तो करो |
रीमा - नहीं रोहित ये बहुत बड़ा है ,मेरे मुहँ में नहीं जायेगा |
रोहित - जायेगा तो तब जब तुम कोशिश करोगी |
रीमा भी थोड़ा खीझ गयी - ये बहुत बड़ा और मोटा है मेरे मुहँ में नहीं जायेगा, मै बोल रही हूँ न |
रोहित निराश हो गया, रीमा ने उसके फूले हुए सुपाडे पर अपने नरम होठो को मादक किस करते हुए कहा - ये मेरे मुहँ के अन्दर नहीं जायेगा, ये इतना मोटा बड़ा है ऊपर से इतना सख्त है मेरे मुहँ को चीर के रख देगा , ये मेरे मुहँ के नहीं जा पायेगा | तुम्हें जो करना हो कर लो लेकिन मै इसे मुहँ में लेने की आत्मघाती गलती नहीं कर सकती |
रोहित को हल्का निराश देखकर समझाने वाले अंदाज में - रोहित तुम मुझे तकलीफ पंहुचाना चाहते हो, तुम्हे पता है न कितना तकलीफ देह होगा ये, कितना दर्द होगा हो सकता है मुहँ में , चोट लग सकती मुझे भी और तुमारे इस मुसल लंड को |
सच तो ये था रोहित के हाहाकारी लंड को देखकर रीमा की हिम्मत टूट गयी थी वो अगर हिम्मत करके कोशिश करती तो शायद कुछ होता लेकिन उसके दिमाग में बैठ गए डर ने सारे रास्ते बंद कर दिए थे |
रोहित भी समझ गया रीमा की न का मतलब न ही है | रोहित ने बाथरूम में बने रिलैक्सिंग बेड पर रीमा को लेटने का इशारा कर दिया | रीमा रोहित का लंड छोड़ कर बाथरूम में बने रिलैक्सिंग बेड पर करवट के बल लेट गयी |
इस एंगल से रोहित का लंड और ज्यादा हाहाकारी लग रहा था | रीमा ने एक लम्बी आह भरी और वासना भरी आँखों से रोहित को देखने लगी |
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रोहित के लंड ने रीमा के मन में दहशत भर दी थी, लेकिन उसे पता था अब बहुत देर हो चुकी है, अब वो दोनों ही इतना आगे आ चुके है है कि पीछे नहीं लौट सकते, इस हालत में न ही वो रोहित को रोक पायेगी, अगर वो रोहित को रोकना भी चाहे तो वो मानेगा नहीं, और मानने का सवाल भी नहीं उठता, इतनी खूबसूरत नंगी औरत का एक एक रोम देखने के बाद कौन पीछे हटना चाहेगा, कौन रस टपकाते गुलाबी ओठो का रस नहीं पीना चाहेगा, कौन इतनी कोमल, गुलाबी संगमरमर की तरह चमकते दमकते जिस्म को बिना भोगे छोड़ देगा, कौन सुडौल तने हुए स्तनों को नहीं मसलना चाहेगा, कौन गोरी गुदाज मांसल जांघो पर अपनी जांघे नहीं रगड़ना नहीं चाहेगा, कौन मक्खन जैसी चिकनी नरम गुलाबी चूत को बिना चोदे छोड़ देगा | रोहित को रोकना के बारे में सोचना तो बहुत दूर की बात थी, असल में वो खुद को ही नहीं रोक पा रही थी | उसे ये करना ही होगा, हर हाल में करना होगा, अगर उसे अपनी आत्मा की खिलाफ जाकर भी ये करना पड़े तो वो भी सही | उसे रोहित की हर धड़कन के साथ कांपते मोटे तगड़े लंड को अपनी मक्खन जैसी चूत के अन्दर गहराई तक लेना ही होगा, यही हाहाकारी मुसल लंड सालो से हवस की आग में जल रहे शरीर की भूख मिटा सकता है, यही वो लंड है जो उसकी चूत में उमड़ रहे वासना की आग को ख़तम कर रिमझिम फुहारे बरसा सकता है | सालो से लंड की प्यासी चूत को चीर कर, फाड़कर चूत के दूसरे छोर तक जाना होगा, जितना ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेगा मै ले जाउंगी | चाहे जितना दर्द हो, चाहे चूत फट जाये, उसकी दीवारों चटक जाये, उनसे खून बहने लगे फिर भी ये मोटा सा भयानक लंड मेरी चूत की अंतिम गहराई तक जायेगा | जब तक मेरे शरीर में दम रहेगा तब तक इससे चुदवाती रहूंगी | मुझे अपनी चूत की वर्षो की प्यास मिटानी है, मुझे अपनी चूत की दीवारों में उमड़ रही चुदास की आग को बुझाना है, जैसे सावन में बार बार बरसते बादल धरती की प्यास बुझाते है ऐसे ही ये मोटा लम्बा रोहित का लंड बार बार मेरी चूत में जाकर मुझे चोदेगा और मै बार बार झड़ झड़ कर चूत के अन्दर लगी आग को बुझाऊंगी, और अपनी तृप्ति हासिल करूगी, असली तृप्ति भरपूर तृप्ति, परम सुख परम संतुष्टि, ऐसी संतुष्टि जिसको मेरे नंगे जिस्म का एक एक रोम महसूस करे | रीमा ने अपनी टूटी हुई हिम्मत और पस्त हौसलों को एक नयी जान दी |
रोहित रीमा को घूर घूर कर अपने लड़ को हाथ मसल रहा था उससे मनमाने तरीके से खेल रहा था
रीमा का चुनौती देने वाले अंदाज (शायद वो जताना चाहता था क्या ले पावोगी इतना मोटा लम्बा , फट जाएगी चूत तुमारी, चीथड़े उड़ जायेगें तुमारी चूत की गुलाबी गीली दीवारों के) में मखौल उड़ा रहा था और रीमा चुपचाप छत की तरफ मुहँ करके लेटी थी, उसने रोहित की हरकतों पर गौर ही नहीं किया, वो कामवासना की पीड़ा में अपनी ही उधेड़बुन में खोई हुई थी |
वो अब अपनी सालो से मन के कोने में दबी हवस और चुदाई की लालसा को छिपाना नहीं चाहती थी | अब वो खुलकर चुदना चाहती थी और उसकी चूत भी उसके वासना में जलते जिस्म की आग बुझाने को तैयार थी | रोहित को देखकर रीमा को प्रियम के लंड चूसने के सीन याद आने लगते, नूतन के बड़े बड़े स्तन और कलुये राजू का वो जोर जोर से नूतन का स्तन मसलना और चूची मुहँ में लेकर चुसना | वो अपनी हर सेक्स फंताशी को पूरा करना चाहती थी, सालो से दबी उसकी वासना और हवस की तमन्नाये अब उफान मार मार कर बाहर आने लगी थी, अब वो और अपनी वासना को दबाना नहीं चाहती थी, जो होगा देखा जायेगा, प्रियम का लंड चूसने के बाद उसकी इतनी हिम्मत हो गयी थी कि अब लोकलाज को किनारे रख, समाज के खोखले ढकोसलो को दरकिनार कर वो अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए तैयार थी , अब रोहित के लंड से वर्षो से दबाती आई अपनी वासना को जी भर के मिटाएगी |
अब रोहित से रहा नहीं गया, रोहित ने रीमा को अपने आगोश में ले लिया और हौले हौले चूमने लगा | कभी गर्दन कभी कानो कभी कान फिर से गर्दन को चूमने लगता | रीमा पूरी तरह से वासना के आगोश में चली गयी थी, उसकी गरम सांसे धौकनी की तरह चलने लगी थी, छाती तेजी से उठने गिरने लगी | यही हाल रोहित का भी हो चूका था, रोहित की सांसे भी तेज हो गयी थी, बदन गरम हो गया था और उसका लंड इतना सख्त हो गया था फटने की कगार पर पंहुच गया था |
चुमते चुमते रोहित रूक गया और रीमा के खूबसूरत जिस्म की एक एक बनावट एक एक कोना अपनी आँखों के जरिये अपने दिलो दिमाग में उतारने लगा | रीमा का गोरा सपाट पेट, उसकी गोरी, केले के तने जैसी चिकनी मुलायम मांसल जांघे और जांघो के बीच बना चूत घाटी त्रिकोण सब कुछ नुमाया हो गया, बड़े बड़े गोल सुडौल मांसल चुतड | जांघो के बीच स्थित चिकनी चूत घाटी में बालो का नामोनिशान नहीं था, उसने जांघ के बीच चूत के इलाके का न केवल आज क्लीन सेव किया था, बल्कि उसका स्पेशल मेकअप भी किया था ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं और पूरा इलाका हल्का गुलाबी रंग में चमक रहा था |
रोहित को रीमा की त्रिकोण चूत घाटी साफ़ नजर आ रही थी, बिलकुल संगमरमर की तरह सफ़ेद, मक्खन की तरह चिकनी सपाट और उसके बीच में बनी मदमस्त चूत के नरम ओठो का गुलाबी कटाव भी साफ़ नजर आ रहा था |
सर से लेकर पांव तक रीमा के शरीर पर अब एक कपड़ा नहीं था, वो बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में रोहित के पास थी, ऊपर से नीचे तक एक दम नंगी, न कोई कपड़ा था न कोई पर्दा था | उसका संगमरमर की तरह चमकता शरीर, हर एक अंग की झलकती मादकता सब कुछ खुलकर बाहर आ गया था |
रोहित तो सीधे जैसे स्वर्ग पंहुच गया हो और कोई अप्सरा बिलकुल नंगी होकर अपना मखमली जिस्म लिए उसके सामने हो, रोहित जितनी खूबसूरत औरत की कल्पना कर सकता था उससे परे बेमिशाल खूबसूरत जिस्म की मालकिन रीमा उसके सामने थी और अपने गुलाबी अप्सराओ जैसे हुस्न से रोहित को वासना में मदहोश किये दे रही थी | रोहित की आंखे पलक झपकाना भूल गयी , रीमा को नंगी देखकर रोहित के लंड में खून का दौरान दोगुना हो गया, उसका लंड फूलकर बिलकुल पत्थर बनने की कगार पर आ गया था | रोहित कुछ देर तक एकटक रीमा की खूबसूरती देखता रहा |
रीमा के नाजुक मखमली जिस्म की कसावट देखकर कोई भी रीमा की उम्र १० साल कम ही बताएगा | रोहित हमेशा बस अंदाजा ही लगाता था, उसे भी नहीं पता था रीमा के जिस्म बनावट इतनी कमाल की है की किसी के भी होश उड़ा दे | रोहित बस ऊपर से नीचे तक रीमा को जी भर के देख ही रहा था | अपनी फंताशी में उसने कई बार रीमा को नंगा किया लेकिन उसे यकीन नहीं था की कभी वो रीमा को सर से पांव तक पूरा साक्षात् नंगा अपनी आँखों से देख पायेगा | लम्बा गोलकार मुहँ, रस टपकाते पतले ओठ सुराही जैसी पतली गर्दन, छाती पर भरे पुरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए स्तन और उनके शीर्ष पर विराजमान दो चुचियाँ, सपाट पेट और उसके बीच में सुघड़ नाभि,पेट पर फैट का नामोनिशान नहीं, भरी भरी गोलाकार गोरी गोरी गुदाज जांघे, उठे हुए गोलकार मांसल बड़े बड़े चुतड और जांघो के बीच में हल्की गुलाबी सफ़ेद रंग की तरह चमकती मखमल की तरह चिकनी त्रिकोण चूत घाटी, किसी को भी पागल कर दे|
रोहित पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन रीमा ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये | ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया | इससे सामने से देखने वालो को रीमा साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की परी जैसी लग रही थी | रोहित की नजर कभी रीमा के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी रीमा के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वो रीमा की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता | रोहित को समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारे | रीमा ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी |
रोहित रीमा की जिस्म के और करीब आ गया रीमा ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली | जैसे ही रोहित का सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था ) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, रीमा ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए|
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Aap sach me bahut hi ache tarike se situation ko dikha rahe ho.. Rima ki dabi vasna ko jis tarah se aapne dikhaya hai usase lagata hai ki ye story jarur ek bada makam haasil karegi...
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Xossip k ashokafun ki tarah hi aaap bhi story like the ho.pics aur gif bhi gajab h
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