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मैं दीदी की चूचियां चूसने और दबाने लगा। दीदी मजे लेकर अपनी चूचियां चुसवाने लगी और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी। मैंने अपना लोअर उतार दिया और दीदी की चूचियों को मसलने लगा और चूसने लगा।
तभी दीदी के फ़ोन की घंटी बजी। उधर से नीरा का कॉल था।
दीदी ने मुझे रुकने का इशारा किया और फ़ोन उठा कर बोली- सॉरी नीरा, मनीष सो गया है। अभी उसको उठाना ठीक नहीं है। कल बात करते हैं। मैं भी सोने जा रही हूँ अब।
यह कहकर दीदी ने फ़ोन काट दिया और मेरे लंड को हाथो में ले कर ऊपर नीचे करने लगी।
“ओह्ह मनीष … तुम्हारा लौड़ा कितना बड़ा है!” यह कहते हुए दीदी नीचे सरक कर मेरे लंड को चूसने लगी। पहली बार किसी ने मेरे लंड को मुंह में लिया था और मुझे स्वर्ग जैसा महसूस हो रहा था।
मैं मजे ले कर अपना लंड चुसवाने लगा और दीदी के चेहरे को पकड़ कर अपनी कमर हिलाने लगा।
मेरा लंड पूरा तन गया था और दीदी किसी पोर्न स्टार की तरह उसे चूसे जा रही थी।
फिर दीदी ने अचानक ही अपने भाई का लंड चूसना बंद कर दिया और बोली- अब तेरी बारी।
दीदी बेड पर लेट गयी और अपनी पेंटी उतरने को मुझसे कहा।
मैंने एक ही झटके में दीदी की पेंटी उतर कर उसे पूरी नंगी कर दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। दीदी की चूत पर एक भी बाल नहीं था। मैं जोर जोर से दीदी की चूत को चूस रहा था और चूत की लिप्स को दांतों से बीच बीच में काटने भी लगा।
“उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मनीष … उम्म्म उम्म्म!” करती हुई दीदी मुझसे अपनी चूत को चटवा रही थी और बिस्तर पर अपना सर इधर उधर कर रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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अचानक ही दीदी ने जोर से उम्म्म आह करना शुरू कर दिया और मेरा चेहरा उसके चूत के रस से भर गया। यह मेरे लिए पहली बार था जब किसी लड़की की चूत का रस का स्वाद मुझे मिला था। मैंने पूरी चूत को चाट कर दीदी का रस अपने मुंह में ले लिया।
दीदी की सांसें तेज़ चल रही थी। वो पूछने लगी- कैसा लगा मनीष मेरा पानी?
“दीदी, पहली बार टेस्ट किया है, कुछ अजीब सा स्वाद है!” मैंने जवाब दिया।
दीदी मुझे अपने ऊपर खींचते हुए बोली- तूने तो मुझे अपना पानी टेस्ट करवाया ही नहीं? अब मेरी चूत को करवा दे। चोदेगा मेरी चूत? डाल अपना लंड मेरी चूत में।
मैंने दीदी की चूत पर लंड का सुपारा रखा और धक्का दिया लेकिन वो फिसल गया।
फिर दीदी ने अपनी गांड के नीचे तकिया लगा कर कहा- अब डाल।
इस बार मैंने चूत की छेद पर सुपारा रख कर जोर से धक्का मारा और मेरा लंड आधा घुस गया।
“ओह्ह इतनी जोर से नहीं … आराम से कर ना … चुदाई करनी है, जान नहीं लेनी है मेरी!”
“ओह्ह सॉरी दीदी!” बोलकर मैंने अपने लंड को दुबारा धक्का दिया और इस पर मेरा सात इंच का लंड पूरी चूत में समा गया।
दीदी की मानो आँखें बाहर आ गयी। मैं कुछ देर के लिए रुका और फिर अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा।
“उम्म मनीष … उम्म्म हाँ ऐसे ही … करते रहो … ओह्ह उम् उम्!” करती हुयी दीदी मुझसे चुदवाने लगी।
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“ओह्ह … आज पहली बार लंड का मजा मिला है … उम्म्म उम्म्म ओह्ह … चोद मनीष मुझे … और चोद!” बोलती हुयी दीदी मुझे अपने ऊपर खींचने लगी।
मेरी स्पीड बढ़ गयी थी और मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा और मेरे हर धक्के से दीदी की चूचियां हिल रही थी। मैंने चूचियों को मसलते हुए चुदाई जारी रखी।
दीदी मुझे ‘और चोदो … और चोदो …’ बोलकर उकसाती जा रही थी।
मेरे लंड की गोटियां दीदी की चूत से टकरा रही थी।
“ओह्ह दीदी … उम्म … उम्म … कितनी कसी हुई है तुम्हारी चूत! मेरा लंड चूस रही है!”
“उम्म्म … हाँ मनीष पहली बार किसी का लंड घुसा है न इसलिए मजे ले कर चूस रही है।”
करीब 7-8 मिनट तक चोदने के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी आने वाला है, मैं बोला- दीदी मेरा पानी आने वाला है … ओह्ह!
“अंदर मत गिराना!” यह बोल कर दीदी ने मेरा लंड अपनी चूत से निकाल दिया और अपने हाथों से मुठ मारने लगी।
मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी जो उनके गले और चूचियों पर जा कर गिरी।
“ओह्ह दीदी … उम्म्म्म उम्म्म!” करते हुए मैंने पूरा पानी अपने लंड से निकाल दिया। कुछ दीदी के हाथ में भी लगा जिसे दीदी ने चाट लिया और मुझे आँख मारते हुए बोली- उम्म्म … बहुत नमकीन हो तुम मनीष।
तो इस तरह मैंने पहली बार अपनी दीदी की चुदाई की.
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फिर दीदी बोली- चलो अब इसे साफ भी तो करना है.
और वो बाथरूम की तरफ जाने लगी।
मैं भी उनके साथ बाथरूम में गया और दीदी ने मेरे लण्ड की सफाई की और मैंने दीदी की चूत और चूचियों की।
वापस बेड पर आकर हम दोनों एक दूसरे के गले लग गए और दुबारा चूमने लगे।
मैंने दीदी से पूछा- कि तुमने पहले किसी के साथ किया है क्या?
तो दीदी ने कहा- नहीं।
“फिर तुम्हारी चूत में मेरा लंड इतनी आसानी से कैसे घुस गया और तुम्हारा खून भी नहीं आया?”
“वो इसलिए क्योंकि मैं उंगली से करती हूँ … और नीरा भी करती है मेरे साथ!”
“तो फिर नीरा को तुमने ये क्यों कहा कि मैं सो गया हूँ अभी?”
“मनीष जब तेरे साथ मुझे करना ही था तो नीरा के साथ क्यों करती? हम दोनों अकेले भी तो मजा ले सकते हैं। क्यों?” यह बोलकर दीदी मेरे लंड को फिर से ऊपर नीचे करने लगी।
“चल ना फिर से करते हैं!” यह बोलकर दीदी ने अपनी नंगी टाँगें मेरी टांगों पर चढ़ा दी।
तभी दीदी के मोबाइल पर मैसेज आया। दीदी ने मैसेज पढ़ा और फिर मुझे दिया पढ़ने को!
नीरा का था- साली कमीनी … मुझसे झूठ मत बोल! तूने मनीष के साथ चुदवाया ना अभी? नहीं चुदवा रही होती तो बिना मेरे साथ किये तुझे नींद आती ही नहीं। कल तेरे घर आ कर मैंने तेरे सामने मनीष से नहीं चुदवाया तो मेरा नाम नीरा नहीं।
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