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उसने कहा कोई बात नही है. वो बार बार ख रही थी की बस एक बार मैं उससे प्यार करूं. तू मैंने कहा की अब इसकी चोद लो. मैंने उसका ब्लौस आज खोल दिया. मनोरमा आज मुझसे चुदने वाली थी. वो अच्छी तरह जानती थी की उसका मेरे संग प्यार कभी भी पूरा नही होगा. पर फिर भी उसने मुझे उसे चोदने का आग्रह किया था. मैंने उसको पूरा का पूरा नंगा कर दिया. उसके मम्मे बड़े छोटे छोटे थे. पर उसका मेरे लिए बेपनाह प्यार मैं उसकी आँखों में देख सकता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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मैंने मनोरमा को उसी के बिस्तर पर लिटा दिया. उसका ब्लौस मैंने आज उतार दिया. जो लड़की मुझे देवता मानती है उसे तो मैं जरुर चोदूंगा. मैने मनोरमा के मम्मे देखे. बड़े सामान्य से थे. बहुत गोरे नही, हलके उजले. हाँ काले घेरे जरुर थे उसके निपल्स पर. मैंने हाथ में उनके मम्मे भर लिए. जहाँ किसी लौंडिया के दूध को छूना एक बड़ी बात होती है, वहीँ मैं मजे से उसके मम्मों को हाथ में भरे हुए था. मनोरमा मेरी आँखों में डूब गयी. मैंने उस पर लेट गया.
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मैंने उसके दूध को मुँह में भर लिया. वो मुझे बड़ी शिद्दत से प्यार करती थी. मैंने ये बात जानता था. मैं उसके दूध पीने लगा. सायद वो मुझसे जादा मजा पा रही थी.
कितने दिनों से ये अमित की बहन मुझसे प्यार करती है. कितने दिनों से ये मेरी तस्वीर दिल में लगाए बैठी है, आज इसका सपना पूरा कर ही दूँ. आज इसको चोद ही दूँ मैंने दिल ही दिल में कहा.
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मैं मस्ती से उसका दूध पीने लगा. फिर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी. मनोरमा को चोदने के लिए तयार कर लिया. वो ये बात साफ साफ जानती थी की उसका मुझसे शादी करने का सपना कभी पूरा नही होगा फिर भी वो मुझसे चुदवाने जा रही थी. ये बात मुझे भी पसंद आई. आखिर मुझे मनोरमा की चूत के दर्शन हो गए. कोई बहुत जादा सुंदर चूत नही थी, फिर भी उसकी इज्जत थी. मनोरमा ने अपनी इज्जत मुझे दे दी थी. एक सेकेंड के लिए लगा जैसे मैं अपने जिगरी दोस्तों अमित के घर डाका डालने जा रहा था. मनोरमा ने मेरे लिए कितने सपने सजाये थे. आज इसको चोदकर इसके सारे सपने मैं पूरे कर दूँगा
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मैंने उनकी चूत पर अपने लब रख दिए. कितनी बड़ी बात अपनी दोस्त की बहन को मैं चोदने जा रहा था. मैं उसकी चूत पीने लगा. कितनी लड़कियों को मैंने इससे पहले चोदा था. पर कोई भी मुझसे उतना गहरा प्यार नही करती थी. पर इस मनोरमा को तो अच्छे से चोदना होगा. मुझसे प्यार जो करती है. मैं उसकी चूत पीने लगा. कुंवारी बंद चूत थी इसकी. किसी ने छुआ भी नही था. मनोरमा ना जाने किस दुनिया में खो गयी थी. मैं मजे से उसकी नमकीन चूत पी रहा था.
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वो खामोश थी. शांत थी. मैं मजे से उसकी चूत पी रहा था. कुछ देर बाद मैं उसको चोदने लगा. मेरे लौडे पर उसका खून लग गया. मनोरमा ने कहीं किसी तरह का मना नही किया. हर लड़की की तरह उसने भी अपने दोनों पैर हवा में उठा दिए. मैंने उसके गाल, गले, कान, कंधे पर बड़ी जोर जोर से काट लिया था. लड़कियों को काट काट के चोदने में अधिक मजा मिलता है. आज मुझे पता चला.
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मेरा लौड़ा उसकी चूत में पूरा अंडर चला गया. दिल तो हुआ की कास मैंने अपने लौडे को उसकी चूत में गोते लगाता देख पाता, पर ये नामुमकिन बात थी. मैं उसको चोदू या विडियो बनाऊं. मैं जोर जोर के धक्के देने लगा. मेरा लौड़ा उसकी नई नई चूत में अंदर और अंदर सरकने लगा. इसी दौरान मैंने मनोरमा की नाक को अपने दांत में दबा लिया और जोर जोर से उसको चोदने लगा. वो निहाल हो गयी. जब कोई लौंडिया अपने आशिक से चुदवाती है तो उसको परम सुख प्राप्त होता है. ठीक ऐसा ही मनोरमा के साथ हो रहा था. सुख और संतुष्टी के भाव मैं उसके चेहरे पर साफ साफ पढ़ रहा था.
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मैं उसको अच्छे से पेल रहा था. मैं अमित की बहन को अच्छे से चोद रहा था. वो अच्छे से मुझसे चुदवा रही थी. जब मैं झड़ने को आया तो उसने मुझे बड़ी जोर से खुद से जकड लिया. सायद वो जान गयी थी मैं झड़ने वाला हूँ. मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा और फिर मनोरमा की योनी में ही झड गया. वो परम संतुष्ट लग रही थी. कुछ दिन बाद मैं फिर अमित के घर गया. अब तो ये सुनहरा चुदाई के खेल चल निकला. मनोरमा अब मुझसे कह कर चुदवाती.
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मनोरमा!! तुम मेरे चक्कर छोड़ दो. किसी अच्छे लड़के से शादी कर लो और घर बसा लो! मेरे घर वाले कभी मेरी शादी तुमसे नही करेंगे !! मैंने उससे बार बार कहता.
‘मुझे कोई हर्ज नही है!!’ वो हर बार कहती और मुझे हर बार अपने कमरे में ले जाकर हर बात चुदवाती.
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बाहर से मैं मना करता. बाहर से मैं दिखावा करता, पर अंदर से मैं भी उसको पेलना चाहता. जैसी ही मैं उसके कमरे में आ जाता. सीधा उसकी बुर पर उसकी साड़ी के उपर से हाथ लगाने लगता. बड़ी बेफिक्री से उसके दूध दबा देता और फिर उसकी चूत में मैं गोते लगाता. १ साल तक मैंने अमित की बहन मनोरमा को खूब चोदा, फिर मैंने शादी कर ली. अब वो कहाँ है, मैं नही जानता.
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(22-08-2022, 02:46 PM)neerathemall Wrote: मनोरमा
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