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Adultery मनोरमा
#1
मनोरमा



[Image: GAJ_NF_1062_1024x1024.jpeg?v=1557390644]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
अमित की बहन मनोरमा ने मुझसे कहकर चुदवाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
अमित के घर मैं जब भी जाता था उसकी बहन मुझसे एक बार तो मिलने जरुर आती थी. अमित की बहन मनोरमा मुझसे सायद प्यार करने लगी थी. पहले मैंने ध्यान नही दिया पर धीरे धीरे मेरा शक यकींन में बदल गया. असल में मैं और अमित दोनों ही श्रीवास्तव है. सायद उसकी बहन मनोरमा सोचती हो की हम दोनों की शादी हो जाएगी क्यूंकि हम एक ही कास्ट के है. जब भी मैं अमित के घर जाता, मनोरमा झट से आ जाती और वहीँ मेरे इर्द गिर्द घूमने लग जाती. अमित की माँ भी मुझे प्यार करती थी. कभी भी बिना चाय पिए नही जाने देती थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
मेरा शक यकीन में तब बदल गया जब मनोरमा ने मुझे न्यू यिअर पर कार्ड दिया. उसमे उसने प्यार भरी कई शायरी लिखी थी. अपना फोन नॉ भी मनोरमा ने लिख दिया. मेरी मनोरमा में कोई खास दिलचस्पी नही थी. क्यूंकि मेरे पास २ गजब की माल पहले से थी. कीर्ति और रजनी मेरी पहले से ही २ माल थी. दोनों गजब की माल थी. दोनों को मैं बारी बारी से चोदता था. पर इन दिनों मनोरमा लगातार मुझमे दिलचस्पी दिखा रही थी. मेरे समझ में ये नही आ रहा था की मैं उसकी लाइन लू या ना लू. एक नई लौडिया, एक नई चूत मेरा इन्तजार कर रही थी. पर मनोरमा कोई दूसरी या ऐरा गैरा लड़की नही थी. वो मेरे बेस्ट फ्रेंड अमित की सगी बहन थी. इसलिए मैं कशमकश में था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मैं इसी कसमकश में पड़ा ही था की इतने में एक दिन मनोरमा का फोन आ गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
चन्दर!! मैं तुमसे बेपनाह मुहब्बत करती हूँ!! मैं तुमको अपना देवता मानती थी. मेरे दिल के हर पन्ने पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा नाम लिखा है चंदर!! मनोरमा बोली और रोनी लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
मैंने उसके प्रपोज का कोई जवाब नही दिया. ना मैंने हाँ कहा. ना मैंने ना कहा. जिस बात का डर था वही हुआ. मनोरमा मुझसे दिल ही दिल में बेपनाह मुहब्बत करने लगी थी. कुछ दिन जब मैं अमित के घर गया तो वो कहीं बाहर गया था. सिर्फ मनोरमा ही थी. उसने मुझे पकड़ लिया. मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे गले से लगा लिया. मैं हैरान था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
दर!! तुम मेरी पहली मुबब्बत हो. प्लीस मना मत करना! मनोरमा बोली. मैं फिर धर्मसंकट में पड़ गया. अब इस लड़की का क्या करूं. मनोरमा बार बार यही कहती थी की वो मुझसे बहुत जादा प्यार करती है. उसने मुझसे एक बार नही पूछा की मेरी क्या इक्षा है. मेरी मर्जी का है. क्या मेरी जिंदगी में कोई और लड़की है या नही. उसने मुझसे एक बार नही पूछा. फिर वो मुझे अपने कमरे में ले गयी. मेरा दिमाग तब फटा का फटा रह गया जब मैंने उसके सारे कमरे में मेरी और सिर्फ मेरी तस्वीरे देखी. दीवालों पर उसने मेरी बड़ी बड़ी फोटो बनवा कर कांच वाले फोटो फ्रेम में लगा रखी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
सच में मैं उसके लिए सब कुछ था. अब वो मुझे रोज फोन करने लगी. मनोरमा देखने में कोई कटरीना कैफ नही थी. पर कोई बुरी लड़की भी थी. १ २ बार तो चोदने लायक जरुर थी. पर मैं कैसे उसे चोद दूँ, वो मेरे बेस्ट फ्रेंड की सगी बहन है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
कल को बात खुल जाए. कोई ऊंच नींच हो जाए तो मैं अमित और उसकी मा को क्या जवाब दूँगा. इस लिए मैंने एक तरकीब निकाल ली. सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे. १ हफ्ते बाद मनोरमा मेरे घर पर मेरे जन्मदिन पर आई. वो नीली साड़ी पहन के आई थी. वो सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए साड़ी पहन के आई थी. क्यूंकि मैंने एक बार कहा था की वो नीली साड़ी में बहुत सुन्दर लगती है. वो मेरे लिए सोने का ब्रेसलेट लेकर आई थी. जब पार्टी के बाद उसने मुझे अकेले पाया तो मुझे किस करने लगी. मैं उसे अपने कमरे में ले गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
देखो मनोरमा! मैं तुमसे शादी नही कर सकता. क्यूंकि मेरी शादी की बात किसी दूसरी लड़की से चल रही है. पर मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ! मैंने झूठ मूठ कख दिया. क्यूंकि मुझे उसकी चूत भी मारनी थी. हाँ दोस्तों, जब मछली सामने फडफडा रही हो तो शिकार करने में कैसा परहेज. बस ये सुनते ही मनोरमा पागल हो गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
ओह चंदर !! तुम नही जानते की ये शब्द तुम्हारे मुँह से सुनने के लिए मैंने कितनी बेक़रार था. भले ही तुम मुझसे शादी ना करो. भले ही तुम्हारे घर वाले तुम्हारी शादी कहीं और कर दे, पर कम से कम आज तुमने ये तो कहा की तुम मुझसे प्यार करते हो. थैंक यू! चंदर!! मनोरमा बोली और उसने मुझे सीने से लगा लिया. जवानी में ऐसा होता है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
लड़कियों को जो भी पहला लड़का पसंद आ जाता है. वो उसे अपना खुदा मान बैठती है. ऐसा होता है. मनोरमा ने मुझे सीने से चिपका लिया. मैंने भी दिखावा किया की मैं भी उसको पसंद करता हूँ. वरना उसकी चूत नही मिलती. मैं तो इस हसीन लौंडिया को चोदके रहूँगा. मैंने सोच लिया.
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#14
मैंने भी उसे सीने से लगा लिया. मनोरमा उत्तेजना में आकर हाफ़ने लगी’ आई लव यू चंदर!! आई लव यू!!’ वो बोली.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#15
आई लव यू ओल्सो मनोरमा!! मैंने भी कह दिया. मेरे हाथ उसकी पीठ पर उसके ब्लौस पर चले गए. मनोरमा यही कोई २४ साल की रही होगी. मेरी उम्र भी ऐसी ही थी २४ २५. मैंने देखा वो मुझे बड़ी शिद्दत ने कलेजे से चिपकाये हुई थी. ‘मैंने तुमसे इतनी मुहब्बत की है की कायनात के जर्रे जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की है’ मनोरमा बोली. मुझे अच्छा लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
मेरी वासना जाग गयी. जो लड़की मुझे अपना सब कुछ अपना खुदा मानती है, जो चोदना खाना तो मेरा हक भी बनता है और मेरा फर्ज भी. मैंने भी मस्ती से मनोरम को चूमने चाटने लगा. उसकी साड़ी के अंडर उनकी लचीली पतली कमर पर मेरा हाथ चला गया. मनोरमा के जिस्म की खुशबू मेरी नाक में उतर गयी. ‘इस नई चूत का भोग लगाओ आज!!’ मैंने खुद से कहा.
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#17
मैं उसे अपने बिस्तर पर ले गया. मेरा हाथ उसके मम्मे पर जाने लगे. मनोरमा के पास सब कुछ था, बस मम्मे नही थे. बहुत कम जरा जरा से मम्मे थे उसके पास. चेहरा तो ठीक ठाक था उसका. यही मम्मे ना होने के कारण सायद मैंने उसको पसंद नही करता था. पर जैसे भी हो मुझे इस नई चूत को तो आज चोदना ही था. मनोरमा भी जान गयी की मैं उसको चोदने वाला हूँ.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#18
वो तो मुझे शुरू से ही प्यार करती थी. कबसे वो मुझे चुदवाना चाहती थी. मैंने उसका ब्लौस खोल ही रहा था तभी पता नही कहा से अमित का चेहरा मेरी आँखों में उतर आया. नही मैं अपने बेस्ट फ्रेंड की बहन को चोद के गलत काम कर रहा हूँ.
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#19
‘चंदर! तू अगर मनोरमा को चोदना खाना चाहता है तो चोद खा ले, पर फिर शादी इसे से करना. वरना इसे बक्श दे. चंदर! ये उसके प्यार का पूरा पूरा अपमान होगा!! सिर्फ वासना के लिए मनोरमा को चोदना पेलना सही नही ’ मेरी आत्मा ने मुझसे कहा. मैंने तुरंत अपना इरादा बदल दिया. मैंने कपड़े पहन लिए और तुरंत कमरे से बाहर आ गया. अगले दिन मनोरमा का फोन आया तो उसने कारण पूछा.
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#20
मैंने कुछ नही कहा. कोई जवाब नही दिया. कुछ दिन बाद मैं फिर अमित के घर गया तो मनोरमा फिर दिख गयी. अकेले में उसने मुझे पाया तो अपने कमरे में ले गयी और पीछे से उसने मुहे पकड़ लिया. ‘चंदर !! मेरी जान! मेरी मुहब्बत. कहाँ थे तुम इतने दिन से?? आये क्यूँ नही??’ मनोरमा जैसे पागल हो गयी थी. मैंने उससे साफ़ साफ़ ख दिया की मैं उससे शादी नही कर पाउँगा.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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