08-07-2022, 05:23 PM
(08-07-2022, 04:08 PM)neerathemall Wrote: अब मैने अपने दोनों हाथ भाभी की चुचिओ पर रख दिए और उन्हें दबाना शुरू कर दिआ। भाभी इससे बहुत ही ज्यादा कामुक होने लगी और मेरे गीले होठो से चूसते हुए आहे भरने लगी। भाभी अब पूरी तरह से कामवासना में खो गयी थी जिसका मेने फायदा उठाते हुए उन्हें जमीन पर लिटा दिआ और चूमने लगा।
मैने भाभी का सूट ऊपर करते हुए उनसे अलग कर दिआ और उनकी सफ़ेद ब्रा खोल दी। भाभी के बूब्स छोटे पर उभरे हुए थे जिनपर मेने अपने होठ लगाते हुए चुसाई शुरू कर दी। अपने एक हाथ से मै भाभी के एक चूची को दबाता व दूसरी चुचे को अपने होठो से बारी बारी चूस रहा था।
भाभी इससे बड़ी बड़ी आहे भरने लगी थी और अब मेने भाभी के होठ चूसते हुए भाभी की सलवार का नाडा खोल दिआ। भाभी ने मुझे कोई विरोध नहीं किआ जिसके बाद मेने अपना एक हाथ उनकी चूत पर भी रख दिआ। भाभी की चूत पर छोटे छोटे बाल थे जिनपर मेने ध्यान ना देते हुए अपनी उंगलिआ भाभी की चूत पर फिरानी शुरू कर दी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.