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Adultery मधुर संगम
#21
बहुत-बहुत बधाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#22
Video 
दिलावर सिंह अपने आदमियों के साथ चौधरी के बहु को लेकर गांव में आया, चौधरी और कामिनी देवी हां जब आंख उठाकर देखा आधा नगी फटा हुआ साड़ी ब्लाउज में, अपनी फूल जैसी बहू को. बाल बिखरे हुए पूरे शरीर पर. हवा के प्रभाव में हिलती-दुलती दुबला पतला शरीर, कब चक्कर खाकर गिर जाए उसका पता नहीं. कामिनी देवी अपनी बहू को ऐसी हालत में देखकर फूट-फूट कर रोने लगी. चौधरी भी अपनी बहू को हालत देख के गुस्से में आग बबूला हो गया. चौधरी दौड के जाके दिलावर की गर्दन पकड़ लेता है और उसको उठा के दो गुस्सा मारता है. और दिलावर को अपने हाथों से उठा कर फेंक देता है. आदमियों ने अपने बंदूक निकाल कर सर पर लगा दिया.

 चौधरी को पकड़ लिया और एक पेड़ पर बांध दिया.

दिलावर –क्या चौधरी अभी तक तेरा अकड़ नहीं गया. साला मेरा बार बार मना कर ने के बाद भी तू सिक्युरिटी भेज के हमारे बस्ती उजाड़ ता रहा. तेरा बेटा को छोड़ दिया, तेरे बोहु हमारे रंडी बनके 1महीना रही. उसकी स्वाद हम सबने चखा, आज तक उसको चढ़ी पहनकी जरुरत नहीं पड़ी,आब नाजुक कली फूल बनगयी. और हसने लगा, उसकी सारे आदमी भी हसने लगे..

चौधरी – अगर तूने मेरे बोहु को छुआ तो, तुझे फाड़ दूंगा साले.मेरा हात को खोल दे उसके बाद देख क्या करता हुँ तेरा.

दिलावर –मैने तेरे से वादा किया था के मै तुझे बर्बाद करदूंगा .जिस दिन ऐसी गाओं में मैने अपनी पिताजी को खोया था,थाबी से तेरे बर्बादी के दिन सुरु होगया था .

फिर उसने सब गाओं वालों को बोला

दिलावर-देखो गाओं वालों चौधरी कि इज़्ज़त का धछिया उड़ाते हुऐ उसने ,चौधरी . कि बोहु के शरीर उप्पर बचा कुछ फटा मेला सारी को पकड़ खीछ लिया, बिचारि आधी नगें बोहु कुछ ना कर सकी, पूरा नगीं होगई.शरीफ फटा हुआ ब्लाउज़ को पकडे चुप चाप सदमे में खड़ी रही .

अभी तो तेरी बोहु को मेरे आदमीओंकी लंड कि आदत पड़ गये है . वोः आब बिना लंड चूसे, सोते नहीं हे. देखगा क्या??

 गाओं वाले ने सर निचे झुका लिया ,चौधरी बी अपनी बेटी जैसी बोहु के हालत देख के अपना आँख निचे कर के रोने लगा ..कामिनी देबी बोहु के हालत देख के खुद को रोक ना साकि,दिलावर के पैर पड़ ने लगी उनके बोहु को छोड़ देने केलिए .लेकिन उसकी बातों का ऑनसुना कर दिया सरदार ने .
दिलावर उसकी बोहु के तरफ देख के मुस्कुराता हुआ बोला -अभी छुपाने के लिए कुछ बचा नहीं मेरी रानी ,चाल ब्लाउज़ खोल के मुझे देदे.. और जा के मेरे सारे आदमीओंकी लंड चूस के आ.
कामिनी देबी रोते हुऐ चीला के बोले –नहीं बेटी मत करो ऐसा.
चौधरी का बोहु अपनी फटी ब्लाउज निकाल के दिलाबर को दे देता है, जिसे देख चौधरी और कामिनी देबी सुन पड़ जाते हैं.
कुछ गाओं वाले इसका बिरोध केलिए उठे तो दिलाबर धमकी दी, अगर किसने उसके खिलाफ गया तो उनलोक का हालत चौधरी कि जैसा होगा.. उनकी घर कि औरत का भी एही हाल होगा, और उनकी घर जला दिया जाएगा.सब चुप होगये.

दिलावर अपने साहियोगी डाकूउनको इशारे से नंगा होने को बोला. सब अपने पेंट खोल के उसके सामने खड़े होगये. फिर चौधरी कि बोहु बारी बारी करके सव कि लंड हाथ में पकड़ के हिला रहीथी और खड़ा होने पर मुंह मै लेके चूसती थी.
दिलावर-देख चौधरी देख आंख उठा के देख तूने हमारी बातों का उनसुना कर ने का नतीजा.
कामिनी देबी गुसे मै आके दिलाबर को एक थप्पड़ मार देती हे.बोलति हे

कामिनी देबी -जो कर ना है मेरे साथ कर उसको छोड़ दे हरामी ,इसने क्या उकाहाड़ा हे तेरा
.
 दिलबर के मुंह पर थूक देती हे.

दिलाबर को बहुत गुस्सा आता हे, बो कामिनी देबी कि गला एक हात से पकड़ लेता है, कमिनी देबी बी उसके हात को अपने दोनों हातों से पकड़ ति है इतनमे उनके सारे उनकी ब्लाउज़ के ऊपर से गिर जाता हे.. बड़े बड़े स्तन ब्लाउज़ के अंदर से दिलाबर के सामने आजाते हैं,दिलाबर गुसे मै दूसरे हात से कामिनी देबी कि ब्लाउज़ को पकड़ के फाड़ देता है.तो कामिनी देबी चौक जाती हे, अपनी आँखे बड़ी बड़ी कर अपनी चूचियाँ को हतों से छुपाने लगती हे.
दिलाबर -इस उम्र भी तेरे अंदर बहुत आग हे.. आज मै तुझे ठंडा करदूंगा. रुक

अपनी आदमीउनको बोलता है, तुम लोक 

चौधरी कि बोहु को चोदो, में उसकी बीवी का लेता हुँ.

चौधरी .-नहीं छोड़ दे कमीने. उनके. तू चाहिए तो मेरे जान ले ले..

और अपना हात का राशि खोलने लगा.
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#23
अगर कोई suggestion हे तो [email protected] पर.
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#24
[Image: image.jpg]

[Image: image.jpg]
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#25
एहे कामिनी देबी..
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#26
bahu kaisi dikhti hai koi pic to dikaho
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#27
Brother थोड़ा slow slow लिखो | seduce कराओ | थोड़ा forced थोड़ा humiliation thik hai |
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#28
दिलावर अपनी आदमियों की और देखता है और बोलता है चलो तुम लोग चौधरी की बहू को ठंडा करो और मैं उसकी बीवी की सारी गर्मी निकालता हूं.

 चौधरी- चौधरी अपनी आंखों में आंसू ले तो यह बोलता है माफ कर दो मेरी बीवी और मेरी बहू को चाहे तो तू मेरा जान ले ले लेकिन उनको छोड़ दो.

 खुले बालों में कामिनी देवी एक मादक औरत लग रही थी. कामिनी देवी लगने लगा था कि कहीं उनकी हालत, की बहू के जैसे ना हो जाए.

लेकिन उनके सुनेवाल था कौन.

 सारे गांव वाले ना पुशंक निकले. कोई भे उनके मदद केलिए आगे नहीं आया. उनके बेटे को इतना मारा पिटा था को जिंदा लाश हो गया था. अपने बिस्तर से उठ नहीं सकता था.

 दिलावर के बात सुन के उसके क एक आदमी चौधरी के बहू को अपने सामने झुकने के लिए बोलता है, और उसकी चुत और गांड को लंड पर रगड़ ने के लिए बोलता है. चौधरी के बहु सर झुका के अपनी आदरणीय पिता समान ससुर और माता समान सासू मां के आगे , ना चाहते हुए भी झुक के अपनी गांड और चुत को उस आदमी के लंड के ऊपर रगड़ने लगती है. और वह आदमी अपना लंड चौधरी के बहु की चुत और गांड के ऊपर घिस ता है.और घिस ते हुऐ वह चौधरी की बहू की चुत के अंदर अपनी खड़ा लंड.को डाल देता है. तो चौधरी के बोहु के मुंह से आह करके हल्की चीख निकल जाती है. दिलावर हंसने लगता है कामिनी देवी को देखकर, अब कामिनी देवी खुले बालों में शर्म के मारे दिलावर के हाथ को झटका देकर, अपने हाथ से अपनी फटे हुए ब्लाउज को पकड़कर घूम जाती है.

 फिर दिलावर वो कर बैठता है जिसकी अपेक्षा किसी को भी नहीं था. वो कामिनी देवी की साड़ी को पीछे से पकड़ कर पैरों के पास से धीरे-धीरे करके उनके गांड के ऊपर तक ले आता है. जैसे ही दिलावर कामिनी देवी के साड़ी को पकड़ता है,तो कमीनी से भी सिहर जाती है.और वह पीछे अपने सर घुमा के उसको ना करते हुए रुकने के लिए,आंसुओं से भरी आंखों से इशारा करती है. वह विचारे कुछ कर नहीं पा रही थी अपनी दोनों हाथों से अपनी आगे फटा हुआ ब्लाउज को पकड़ कर रखी थी. अभी पीछे से जब तिलावर उसकी साड़ी ऊपर कर दी तो उसको बहुत शर्म आने लगी और वो लड़खड़ा आने लगी.

 कामिनी देवी रोते हुए कहती है – हमें छोड़ दो ऐसा मत करो. मैं एक सीधी-सादी घर की संस्कारी औरत हूं, मेरी इज्जत कैसे भरे बाजार में सबके सामने मत उछा लो. मुझे और मेरे बोहु को जाने दो. मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़कर विनती करती हूं.

 गांव की सारे औरत और मर्द लोग ऐसे चौधराईन कामिनी देवी के पीछे से मोटा गोरा जांघो और उनकी बड़ी चौड़ी गांड देखकर, शर्म के मारे आंख छुपा लिया. औरत लोगों ने तो अपना मुंह अपनी साड़ियों से ढक लिया.

दिलावर- कहां गई तेरी अकड़. तूने सबके सामने मुझे चांटा मारा और मेरे मुंह पर थुकि थी. मैं भी देखना चाहती हूं कि तेरी चुत में कितना पानी है जो कि चौधरी खाली ना कर सका और तेरे में इतनी अकड़ आ गई. देख तेरी बहू को कितने मजे से चुदवा रही है.

 कामिनी देवी अपनी बहू की ओर देखती है तो वह दंग रह जाती है. आदमी अभी चौधरी की बहू को पीछे से पकड़ कर उसको आगे झुका कर उसकी चुत में अपने लंड पैले जा रहा था. और चौधरी की बोहु आगे झुक कर अपनी आंख बंद कर अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह करके सीसीकिया भर रही थी.

 दिलावर इस बकत का फायदा उठाकर अपनी एक हाथ कामिनी देवी के चड्डी के अंदर पीछे से डाल देता है, और चड्डी के अंदर अपने हाथों की उंगलियों से कामिनी देवी की चुत और गांड के साथ हरकत करने लगता है. जिससे कि चौधराइन कामिनी देवी चौक पड़ती है और उछाल के चिल्ला उठती है.

 कामिनी देवी – नहीं ऐसा मत करो. ऊँगली निकाल लो बहुत दर्द हो रहा हे, मैं एक पतिव्रता औरत हूं. मेरी इज्जत और आबरू मेरे पति के सामने मत लूटो.

कामिनी देवी रोती हुई दिलावर की हाथों के चड्डी के अंदर हरकत से इधर उधर हिल ने लगती है.

 इतने में ही चौधरी खुद को रोक ना सका और चिल्लाते हुए बांधा हुआ रस्सी को तोड़ने की कोशिश करने लगा.

 दिलावर हंसते हुए चौधरी की ओर देखता है और कामिनी देवी के चड्डी के अंदर से अपने हाथ निकालकर नाक में सूखता है, और अपनी जुवान निकाल कर अपनी उंगलियों को चाटने लगता है. चाटते बक्त उसको चौधरी और चौधराइन कामिनी देवी देख लेते हैं.

 दिलावर – बहुत ही नमकीन है तेरी बीवी का गिली चुत. और उसकी गांड में पसीने के वजह से मेरी उंगली पर लगा उसकी गांड के अंदर का गू का खुशबू बहुत ही अच्छा है. बहुत दिन के बाद मुझे कोई ऐसी झांटेवाली औरत मिली है,जिसकी गांड और चुत की खुशबू में मुझे उसका दीवाना बना दिया.

 और जोर जोर से हंसने लगता है और उसके साथ बाकी डाकू भी हंसने लगते हैं. शर्म के मारे अपनी आंसू भरी आंखों के सर झुका के सामने कि और झुक जाती है.

 आब चौधरी खुद को रोक ना पाया. और चिलाते हुए बांधे हुए रसी को तोड़ दिया. उसका चिल्लाता हुआ रूप देख के सारे डाकू डर जाते हैं. ओर जा के उस शख्स को एक धका मारता है, जो उसकी बहू की चुत में अपना लंड पेल रहा था. और पास में पड़े थे एक फटे कपड़े से अपने बहू का नंगा बदन ढक देता है.फिर वोः दिलवार कि गला पकड़ के धका देदात हे. तुरंत कामिनी देबी अपनी सारी निचे कर देती हे, सारी से अपनी फटा ब्लाउज़ को घेर लेती हे. जाके अपनी बोहु को फटे कपडे घेर देती हे. उधर चौधरी और दिलाबर कि बिच जोर दार मारपीट चालू हो जाता हे. तभि एक डाकू अपना बंधुक दिलाबर कि और फेकता हे तो दिलाबर चौधरी के ऊपर गोली चला देता हे. जो चौधरी कि टांग में लगजाती हे. जिसे चौधरी घायल हो जाता है. खून उसके पैर से बहने लगता हे.चौधरी बोन्ही पै गिर जाता हे.

दिलाबर -साले चौधरी, तेरी बोहु का इज़्ज़त लुटलिया है ,और तेरा बेटा को जिन्दा लाश बना दिया और आभी तू लंगड़ा हो गया है. तेरा अकड़ नहीं गया.तेरा बर्बादी देख ने केलिए आभी खाली तेरी ए सती सबत्री बीवी बची है.जिसकी नमकीन चुत मुझे भा गई. मुझे ए तेरी बीवी बहुत पसंद आई.

उसके बात सुनकर चुधरयन कामिनी देबी अपनी सारी से खुद कि मुंह ढक लेती हे.

दिलाबर कामिनी देबी को ऐसा करते देख हस पड़ता हे.

दिलाबर -सुन चौधरी मैं तेरी बीवी को आब अपने साथ लेके जा रहा हूँ, अगर तूने या तेरे ए गाऊँ वाले मुझे रोक ने कि कोसिस कि तो उसका हालत तेरे जैसा हो कर दूंगा.मै तेरे बीवी को 1साल अपने पास रखूँगा, जाब तक तेरे बीवी मुझे एक बच्चा पैदा कर के ना दे दे, जिस कि रघो मै मेरा खून बहता हो.जो तेरी बोहु मुझे ना दे सकी.

कामिनी देबी उसकी बात सुन के घबरा जाती हे.साड़ी के अंचल से चुपके से देखने लगती हे.

चौधरी -कोई इसका बात मत सुनो .हम लोक सब मिल जायँगे तो इसको इन्ही पै जिन्दा गाड़ देंगे जमीन में इस कि आदमियों के साथ.

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#29
https://mybust.top/picture/original/nUE0...g-5210.jpg
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#30
Very hot update brother. ऐसे ही लिखो. Kamini debi को seduce कराओ तो और मजा आएगा. बहुत achi build-up है story की.
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#31
कुछ गाओं वालों हैमत कर के आगे आये डाकूओको पकड़ भी लिया.  दिलाबर ने उनलोगो के ऊपर गोली चल्दी. कुछ लोक घ्याल हो गये. सब डर के मारे पीछे हट गए. फिर गुसे मै आग्ग बबूला हो के चौधरी कि तरफ बन्दुक कर के गोली मार ने बाला था कि. चौधरीन कामिनी देबी उसकी हात ऊपर कर देती है. गोली हबा में चलजती है.


दिलाबर -तुझे अपनी पति के साथ  मरना हे क्या,  तेरी बोहु कि हालत जैशा तेरी भी कर दूँ.

फिर दिलाबर उसकी साड़ी को पकड़ खींचने लग ता हे. ऐसा देख चौधरी उठ के फिर लाढ पड़ा दिलाबर से. आब दिलाबर को बहुत मारा, लेकिन दिलाबर फिरसे उसकी जुन्गाल से निकल गया और एक गोली मार दी, चौधरी के सामने उसकी बोहु आ जाती हे.उस को छू के निकल जाता हे.उसके को देख कामिनी देबी, चौधरी, गाओं वाले चौक जाते हैँ.और कितनो को आंख आसु से भर जाता हो .

 चौधरी कि बोहु -माफ़ कर दो.छोड़ दे मेरे ससुर और सासु माँ को, .हात जोड़  बिनती कर ने लगी.

कामिनी जी अपने आँखों से आँसू पोछते हुऐ चीला के बोलति हे – बस,आब बंध करो मासूम लोको कि जान लेना और ए खून ख़राब .तुमको  कया चाइये  मेरा ए जिस्म. ठिक है मै तुम्हारे साथ चल ने केलिए तैयार हूँ. लेकिन मेरी एक सर्त है ,कि आभी ऐसी गाओं कि तरफ तुम लोक कभी भी नजर उठा के नहीं देखो गे .नहीं इस गाओं में अपना दहसथ फैलाओगी,नाहीं कोई औरत को छुओगी .

चौधरान का ए अंगारावाला रूप देख के चौधरी को लाज से सर झुकालेटा है और दिलाबर  बहुत प्रभावित होता है, ऐसी चंचल और इस उमर में भी, इतना हौसला रखने वाली महिला उसने अपनी पूरी जिंदगी में पहली बार देख रहा था. फिर चौधराइन कामिनी देवी के आंखों से आंसू टपक पड़ते हैं और वह अपनी साड़ी सेहो करते हुए, अपनी बहू की तरफ भागती है और उसको खून से लथपथ अपनी बाहों में उठा देती है.

चौधरी जी- ऐसा मत करो चौधरीन.. मैं जीते जी मर जाऊंगा, किसी को भी शक्ल दिखाने के लायक नहीं रहूंगा,

 सारे गांव वाले, सारे रिश्तेदार यही बोलेंगे कि मैं तुम को रोक नहीं सका,,, और तुम्हारी जिंदगी खराब कर दी..

 कामिनी   देवी – ऐसा मत बोलिए जी, इसमें आपकी कोई गलती नहीं है यह तो मेरा दुर्भाग्य है जो मैं आप और अपने बेटे को छोड़कर गांव वालों का रक्षा करने के लिए उसको सामने खुद को समर्पित कर रही हूं,,, कितने औरतों की इज्जत और आबरू मेरी वजह से बच जाएगी..  बोल कर रोने लगी…. उसी समय पर ऐसे आ गया ज्यादा खून बह जाने की वजह से चौधरी भी वहां पर बेहोश हो जाता है.

चौधरी सरम के मारे खून से लटपट अपना सर जमीन में  मार रहा था ,उसे ऐसा लग रहता जैसे उसके सामने उसकी इज़्ज़त भरे बाजार नीलम हो रहा है.

 दिलावर का गुस्सा थोड़ा शांत होता है और वह बोलता है. सरदार ने एक निघा चौधरीनी को देखा और चौधरीनी ने भी सरदार को नजर  उठा के असून वाली नजर से देखा ..उस  नजर मिलने से कितने जिंदगी तभा होन से बच्गई.

मगर चुधारनी अंदर  पहेली बार आग कि चिंगारी लग गई थी, जो चौधरीनी  को जिनझोडेके रख दिया था ,और सरदार कि अंदर भी .
दिलावर- ठीक है, अगर तुम मेरी बात से सहमत हो और मेरे साथ 1 साल रहोगी और  मेरा बच्चा पैदा करके दोगी , तो मैं वादा करता हूं कि इस गांव और चौधरी के खानदान के ऊपर हम लोग के तरफ से कभी कोई आफत नहीं आएगा.

उसके बात सुन के सारे गाओं वाले ,चौधरी ,और डाकू लोक  हैरान हो गये.आभी इस उम्र में चौधरनी का बच्चा पैदा कर पायेगी .

फिर चौधरान कि आँखों में आसू आजाते हैँ..और अपनी बोहु और पति को गाओं वालों के मदत से घर ले जाती हे डॉक्टर साहब को बुलाने कुछ लोक चलेजाते हैं .अर अपनी फटे हुऐ ब्लाउज़ को निकाल दूसरे ब्लाउज फेहन के, फूट-फूट कर रोने लगी.. रोती हुई वह कमरे से बाहर जाने वाली थी कि अजय ने,, कामिनी   देवी का हाथ पकड़ लिया. फिर कामिनी   देवी रुक गई  और पीछे की तरफ मुड़ के अजय को देखा 
फिर वह  अपने बेटे के पास आई

 कामिनी   देवी – बेटा मुझे जाने दो,, नहीं तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा..

उस के वाद सारे गाओं कि औरत आके चुदारनी से गले मिले के रोनी लग ति है.कामिनी देबी गाओं वालो से हाथ जोड़ के अपनी पति, बोहु और बेटा का ध्यान रखने केलिए बिनती करति हे.

गांव वाले – हाथ जोड़ते हुए बोले मालकिन आपका एहसान हम लोग कभी नहीं भूलेंगे आप हमारे लिए भगवान हो.. हम गांव वालों की औरत लोग की इज्जत बचाकर आपने हम लोग के ऊपर इतना बड़ा एहसान किया है कि आप कभी भी वापस इस गांव में आएंगे तो हम लोग आपकी पूजा करेंगे,,

दिलाबर से बर्दास्त नहीं होता हे, वोः घर के अंदर आता हे और कामिनी देबी का हाथ पकड़ बाहर किछ लेता हे,गाड़ी मै बैठा के निकल जात हे.

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#32
Thoda lamba update pls
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#33
बहुत ही badhia update था | देखते हैं कैसे डाकू choudharani की chut का bhasoda karta hai |
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#34
Next अपडेट
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#35
(11-08-2022, 10:44 PM)Lingaaa Wrote: कुछ गाओं वालों हैमत कर के आगे आये डाकूओको पकड़ भी लिया.  दिलाबर ने उनलोगो के ऊपर गोली चल्दी. कुछ लोक घ्याल हो गये. सब डर के मारे पीछे हट गए. फिर गुसे मै आग्ग बबूला हो के चौधरी कि तरफ बन्दुक कर के गोली मार ने बाला था कि. चौधरीन कामिनी देबी उसकी हात ऊपर कर देती है. गोली हबा में चलजती है.


दिलाबर -तुझे अपनी पति के साथ  मरना हे क्या,  तेरी बोहु कि हालत जैशा तेरी भी कर दूँ.

फिर दिलाबर उसकी साड़ी को पकड़ खींचने लग ता हे. ऐसा देख चौधरी उठ के फिर लाढ पड़ा दिलाबर से. आब दिलाबर को बहुत मारा, लेकिन दिलाबर फिरसे उसकी जुन्गाल से निकल गया और एक गोली मार दी, चौधरी के सामने उसकी बोहु आ जाती हे.उस को छू के निकल जाता हे.उसके को देख कामिनी देबी, चौधरी, गाओं वाले चौक जाते हैँ.और कितनो को आंख आसु से भर जाता हो .

 चौधरी कि बोहु -माफ़ कर दो.छोड़ दे मेरे ससुर और सासु माँ को, .हात जोड़  बिनती कर ने लगी.

कामिनी जी अपने आँखों से आँसू पोछते हुऐ चीला के बोलति हे – बस,आब बंध करो मासूम लोको कि जान लेना और ए खून ख़राब .तुमको  कया चाइये  मेरा ए जिस्म. ठिक है मै तुम्हारे साथ चल ने केलिए तैयार हूँ. लेकिन मेरी एक सर्त है ,कि आभी ऐसी गाओं कि तरफ तुम लोक कभी भी नजर उठा के नहीं देखो गे .नहीं इस गाओं में अपना दहसथ फैलाओगी,नाहीं कोई औरत को छुओगी .

चौधरान का ए अंगारावाला रूप देख के चौधरी को लाज से सर झुकालेटा है और दिलाबर  बहुत प्रभावित होता है, ऐसी चंचल और इस उमर में भी, इतना हौसला रखने वाली महिला उसने अपनी पूरी जिंदगी में पहली बार देख रहा था. फिर चौधराइन कामिनी देवी के आंखों से आंसू टपक पड़ते हैं और वह अपनी साड़ी सेहो करते हुए, अपनी बहू की तरफ भागती है और उसको खून से लथपथ अपनी बाहों में उठा देती है.

चौधरी जी- ऐसा मत करो चौधरीन.. मैं जीते जी मर जाऊंगा, किसी को भी शक्ल दिखाने के लायक नहीं रहूंगा,

 सारे गांव वाले, सारे रिश्तेदार यही बोलेंगे कि मैं तुम को रोक नहीं सका,,, और तुम्हारी जिंदगी खराब कर दी..

 कामिनी   देवी – ऐसा मत बोलिए जी, इसमें आपकी कोई गलती नहीं है यह तो मेरा दुर्भाग्य है जो मैं आप और अपने बेटे को छोड़कर गांव वालों का रक्षा करने के लिए उसको सामने खुद को समर्पित कर रही हूं,,, कितने औरतों की इज्जत और आबरू मेरी वजह से बच जाएगी..  बोल कर रोने लगी…. उसी समय पर ऐसे आ गया ज्यादा खून बह जाने की वजह से चौधरी भी वहां पर बेहोश हो जाता है.

चौधरी सरम के मारे खून से लटपट अपना सर जमीन में  मार रहा था ,उसे ऐसा लग रहता जैसे उसके सामने उसकी इज़्ज़त भरे बाजार नीलम हो रहा है.

 दिलावर का गुस्सा थोड़ा शांत होता है और वह बोलता है. सरदार ने एक निघा चौधरीनी को देखा और चौधरीनी ने भी सरदार को नजर  उठा के असून वाली नजर से देखा ..उस  नजर मिलने से कितने जिंदगी तभा होन से बच्गई.

मगर चुधारनी अंदर  पहेली बार आग कि चिंगारी लग गई थी, जो चौधरीनी  को जिनझोडेके रख दिया था ,और सरदार कि अंदर भी .
दिलावर- ठीक है, अगर तुम मेरी बात से सहमत हो और मेरे साथ 1 साल रहोगी और  मेरा बच्चा पैदा करके दोगी , तो मैं वादा करता हूं कि इस गांव और चौधरी के खानदान के ऊपर हम लोग के तरफ से कभी कोई आफत नहीं आएगा.

उसके बात सुन के सारे गाओं वाले ,चौधरी ,और डाकू लोक  हैरान हो गये.आभी इस उम्र में चौधरनी का बच्चा पैदा कर पायेगी .

फिर चौधरान कि आँखों में आसू आजाते हैँ..और अपनी बोहु और पति को गाओं वालों के मदत से घर ले जाती हे डॉक्टर साहब को बुलाने कुछ लोक चलेजाते हैं .अर अपनी फटे हुऐ ब्लाउज़ को निकाल दूसरे ब्लाउज फेहन के, फूट-फूट कर रोने लगी.. रोती हुई वह कमरे से बाहर जाने वाली थी कि अजय ने,, कामिनी   देवी का हाथ पकड़ लिया. फिर कामिनी   देवी रुक गई  और पीछे की तरफ मुड़ के अजय को देखा 
फिर वह  अपने बेटे के पास आई

 कामिनी   देवी – बेटा मुझे जाने दो,, नहीं तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा..

उस के वाद सारे गाओं कि औरत आके चुदारनी से गले मिले के रोनी लग ति है.कामिनी देबी गाओं वालो से हाथ जोड़ के अपनी पति, बोहु और बेटा का ध्यान रखने केलिए बिनती करति हे.

गांव वाले – हाथ जोड़ते हुए बोले मालकिन आपका एहसान हम लोग कभी नहीं भूलेंगे आप हमारे लिए भगवान हो.. हम गांव वालों की औरत लोग की इज्जत बचाकर आपने हम लोग के ऊपर इतना बड़ा एहसान किया है कि आप कभी भी वापस इस गांव में आएंगे तो हम लोग आपकी पूजा करेंगे,,

दिलाबर से बर्दास्त नहीं होता हे, वोः घर के अंदर आता हे और कामिनी देबी का हाथ पकड़ बाहर किछ लेता हे,गाड़ी मै बैठा के निकल जात हे.

Update do bhai
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#36
Superb awesome story he bhai..... waiting next update
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#37
Waiting next update
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