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Adultery मधुर संगम
#1
Hello dosto
Kese ho app log. Bahut jaldi naya story anaewala hai iss thread pe
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#2
Konsi bro jaldi upload karo
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#3
एक खानदानी,संस्कारी, घरेलू और जिम्मेदार औरत. जो अपने पति के लिए सालों साल पूजा-पाठ व्रत और उसकी हर ख्वाहिश पूरी करती है. जो अपनी जान से ज्यादा प्यार अपने बेटे और बहू के लिए अपनी जीवन निछावर कर ति है..
 अगर नियति के आगे मजबूरन उसको दूसरी गैर मर्द के साथ शादी करनी पड़ जाए, ना चाहते हुए भी अगर गैर मर्द के प्यार में वो औरत पड़ जाए..
 तो फिर वह अपनी जिंदगी में किस को छूने गी                 ?? फिश हमसफर के साथ वह अपनी आगे की जिंदगी बिताई की???


 इसी को आधार पे है यह कहानी,...
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#4
जल्दी start करो
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#5
Story start करो brother
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#6

हेलो दोस्तों 
 यह स्टोरी मैं लीखने जाह रहा हूं यह एक ऐसी औरत की  है,वह दुर्भाग्य बस  एक ऐसे आदमी से प्यार कर बैठति, जिसने उसकी जिंदगी बर्बाद कर उसकी मान सम्मान इज्जत कै लूट के उसको समाज और उसकी परिवार लोगों की मुंह दिखाने के लायक नहीं रखा.लेकिन वक्त बदलने में समय नहीं लगता है, औरत का प्यार, मोहब्बत, सादगी ने उस आदमी में ऐसा बदलाव लाया कि उसके आदमी ने अपनी जिंदगी वोः औरत के नाम कर दिया.
दोस्तों प्यार एक नाम या किताब में पढ़ने वाली चीज नहीं है. उसमे जो गिरता है या वह बहुत दर्द में रहता है नहीं तो आत्माखुस करने वाली सुकून में रहता है. अगर आप कभी अच्छे मूड में है तो आपको गर्मी के मौसम में भी ठंडी हवाओं का आनंद मिलता है . सुकून मिलने वाली गाने कान में सुनाई देता और उनको गुनगुना ने लगते हो.जबकि उस गाने ना . रियल में दूर-दूर तक बज रहा होता है . यह प्यार भी ऐसे ही खुशी का एहसास है. चलो दोस्त तो वह औरत क्या क्या कहानी है उसका प्यार नफरत उसकी उलझन भरी जिंदगी के रास्ते में कितनि दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
बिहार में रामगढ  बोल के गाँव था ,उस गाओं के मुखियाजी थे चौधारी ब्रिजमोहन मिश्रा . चौधारी जी देखने में बहुत ही हटते कट्टे और आकर्षित पुरुष है.  भल्ले हि उमर 52 साल हो गया हो लेकिन शारीरिक पूर्ति अभी था. हररोज 2 लीटर दूध पीना, शुद्ध शाकाहारी थे.अखाड़े में अच्छे-अच्छे पहलवान उनके सामने धूल चाट लेते थे जैसा उनका तन था वैसा उनका मन भी था. वह बहुत ही शांत स्वभाव सत्यवान दयालु आदमी थे. उनके नाम का करीबन 200एकर जमीन के होते हुए भी उनके मन में अहंकार प्लपने नहीं दिया. सबके साथ उनका व्यवहार बहुत ही अच्छा था. उनका एक ही दिक्कत था कि वह अपने दुश्मन को निस्तहो नाबूद कर देते थे.
 उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी चौधराइन कामिनी देवी  थी. जो एक बहुत ही सीधी की साधी संस्कारी और घरेलू महिला थी. उमर में 45 साल के होने के बाद भी शारीरिक तंदुरुस्ती और फुर्ती  बहुत थी. क्यों ना हो घर के सारे छोटे से छोटा काम गाय,फसल, बच्चों को संभालना सब कुछ अकेले ही करती थी. हर रोज सुबह 5:00 बजे से लेकर रात को घर का हर सदस्य, यहां तक कि गाय बकरी को दाना देना, सबका ख्याल रखती थी. पूजा पाठ में हमेशा खुद को निच्छावरकर देती थी. पारिवारिक सुख और समृद्धि के लिए कई कई दिनों तक नरजल उपवास भी करती थी. जिसके कारण हमेशा खुशी उन के मुख पर रहता था. उनके सौंदर्य की चर्चा कई कई गांव तक फैला हुआ था. भरा हुआ गोदराई जिस्म की मालकिन थी,   उबरी हुई स्तन गुलाब की पकौड़ी सेक्सी हॉट और काले बादल से गिहरा नैयन नक्श, माथे पे बड़ा सा लाल रंग की बिंदी, और सर पर सिंदूर, एक पति बरता पत्नी होने का हर चीज उन में दिखाई देता था. उन के सुंदरिया को देखे कोई बोल नहीं सकता था कि वह दो बच्चों की मां है. 
 उनकी पहला बच्चा सरिता, जिसकी उम्र 26 साल थी और वह शादी करके दूसरी गांव में  अपने घर संसार में व्यस्त थी.
 और उनकी दूसरा बच्चा अजय,जो 24 साल का एक लौंडा था, उसने भी अभी 1 साल पहले ही शादी किया था. जो अपने पिता के जैसा जोशीला था मगर वह बहुत ही गुस्से वाला लड़का था. उसकी बीवी रेणुका जो कि 18 साल की एक कच्ची उम्र वाली लड़की थी. जिससे अजय बहुत प्यार करता था,और उसने इतनी कम उम्र में उससे शादी कर लिया था



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#7
बहुत अच्छी शुरूवात किया है ब्रदर | इनके दुश्मन के बारे में नहीं लिखा? देखते हैं next एपिसोड मैं क्या होता है ||
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#8
स्टोरी के साथ साथ पिक्चर भी हो जाये तो मज़ा दुगुना हो जाता है
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#9
.एक समय की बात है, सब कुछ सही चल रहा था अचानक गांव पर डाकू उने हमला कर गांव को चारों तरफ से घेर लिया 2 दिन तक, उन लोगों ने बहुत सी लूट मचाई किसी किसी का सोना, किसी का बकरी, किसका खाने-पीने का राशन पर कब्जा कर लिया , उन डाकू का सरदार था सुबोध सिंह जिसकी उम्र लगभग 60 साल के आसपास होगा. बहुत ही खूंखार और गुस्से वाला आदमी था. और उसका बेटा दिलावर सिंह जो कि एक 35 साल का नौजवान और जोशीला तंदुरुस्त लड़का था .

 उन डाकुओं के साथ चौधरी जी, उनका बेटा और पूरे गांव के मर्दों ने बहुत संघर्ष किया , लेकिन डाकुओं ने बंदूक की नोक पर पूरे गांव को अपने कब्जे में ले लिया था. सुबोध सिंह ने धमकी दी थी अगर गांव वाले उनके खिलाफ गए, यह या पुलिस को इत्तला दी . तो गांव के मर्दों को जान से मार देंगे और औरत लोग को गांव के चौराहे पर नंगा करके उनके पेड़ों पर उल्टा लटका देंगे. गांव वाले उनके बातों से डर गए. और पूरे गांव लूटने दिया. लेकिन चौधरी जी को यह मंजूर नहीं था कि कोई उनके होते हुए, गांव को लूट ले जाए तो उन्होंने कुछ तरीके से. आपनी बेटा अजय के हाथ पुलिस को खबर पहुंचा दिया. तुरंत पुलिस के द्वारा किया गया ऑप्शन में डाकू बोही जगह पर मारे गए और कुछ बच निकलने में सफल हुए. मारे गए डाकू में डाकू की सरदार सुबोध सिंह भी मारा गया. और उसका बेटा दिलावर सिंह पकड़ा गय. और दिलावर को 10 साल की सजा हुई. जेल में रहने के समय दिलावर को यह पता चला कि चौधरी ने अपने बेटे के हाथों पुलिस को खबर पहुंचाया था. जिसकी वजह से पुलिस ने गांव सही समय पर पहुंचकर हमला किया और उसकी पिता सुबोध सिंह का मृत्यु हुआ था. तो वह आग बबूला हो गया और चौधरी से बदला लेने का कसम खाया.
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#10
कहानी दमदार लग रही है।
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#11
बहुत ही badhia plot है | अपडेट थोड़ा लंबा दीजिए
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#12
2 साल गुजर गए डाकुओं के हमला को, गांव में वापस हंसी का माहौल लौट आया था चौधरी ने जिस किसी का हानि हुआ था उन सबको बहुत सहारा दिया और गांव में हरियाली लौट आई थी 
 1 दिन पुलिस का एक ऑफिसर गांव में आया चौधरी जी से मिलने उनको यह बताया कि दिलावर सिंह जेल तोड़कर फरार हो गया है, और वह चुप नहीं बैठेगा चौधरी जी से अपना बदला लेने के लिए गांव पर फिर हमला करेगा, चौधरी जी की सुरक्षा के लिए दो हविलदार को गांव में, तैनात किया गया, और गांव वालों को चौकन्ना रहने के लिए बोलकर वह पुलिस वाला निकल गया. यह बात जो पूरे गांव वालों को पता चला तो गांव में एक आतंक का माहौल पैदा हो गया. इसी डर के वातावरण में करीबन 3 से 4 महीना बीत जाता है.
 ऐसे ही 1 दिन सुबह कुछ औरतें गांव के बाहर से दौड़ते हुए गांव में आई और चौधरी के घर के पास आकर रोने लगे. चौधरी ने उन औरतों को रोते हुए देख कर पुलिस वालों को बुलाया, फिर सारे गांव वाले भी जमा होने लगे. उन औरतों में से एक औरत बोली
 औरत – चौधरी जी, हम लोग सुबह हगने के लिए खेतों में जाते हैं. जब आज सुबह हम लोग खेतों में गए थे, तो उनका कुंवर ने हमको खेतों में घेर लिया. और वह लोग हमारे साथ बदतमीजी करने लगे.
 चौधरी जी- किसी बत्तमीजी. क्या बो लोगों ने तुम में से किसी को चोट पहुंचाई.
 वह औरत शर्म के मारे अपनी मुंह के ऊपर साड़ी लपेट लिया और बोली
 औरत – वह डाकू ने हम सबको नंगा होने के लिए बोले, जब हम लोगों ने मना किया तो वह लोगों ने हमारी तरफ अपनी बंदूक निकाल लिया. तो हम लोग डर के, अपनी पहनी हुई साड़ी ब्लाउज और पेटिकोट निकालकर उनके सामने नंगे खड़ा होना पड़ा.
 चौधरी – छी,कितने गंदे लोग हैं वह. क्या उनके घर में उनकी मां बहने नहीं है. क्या बो लोग किसी के साथ कुछ गलत व्यवहार किया क्या.
 वह औरत अपनी शक्ल साड़ी में ढके हुए बोली – नहीं वह लोग हमको अपने पास बुलाया और उन सब ने हमारी नंगी स्तन पे , पेट पे और हमारे नंगे योनि पर हाथ लगाया. फिर उन लोगों ने हमारी दो औरतों को उठा के ले गए. और आपके नाम यह चिट्ठी भेजा है.
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#13
दोस्तों, आप लोगों की फीडबैक बहुत कम आता है. अगर आप लोग को एस्टोरी पसंद नहीं तो मैं बंद कर दूंगा.
 आप अपनी सुझाव रिप्लाई में जरूर दीजिए 
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#14
Dhire dhire ज्यादा feedback आयेंगे | आप story लिखते रहिए | अछा build-up है story ka | अपडेट थोड़ा बड़ा कीजिए |
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#15
Update bro
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#16
गाओं वालों आप लोक ने हम  को धोका दिया ,आप लोक की बजेसे हामारी सरदार डाकू सुबोध सिंह की मृत्यु हुये.,जब की हमने अपलोक  को वादा की मुताबिक चोट नहीं पोंछाई थी.,हमने एही सर्त रखा था की हम सामान लेकर एनहा से चलाजागे, लेकिन आप की चौधरी का तेज दिमाक के ने हमारे सरदार कि जान लेली...अभी से आप कि गाओं को लूट ने हम फिर आएंगे और इस बार सामान के साथ तुम लोक कि बीवी बेटी सब को उठा लेंगे ,साला तुम लोक कंही मुंह देखनेकी लायक नहीं रहोगेई .तुम्हारे चौधरी को बर्बाद कर देंगे साथ साथ जो हमरे खिलाफ जायगा उसको मौत का घाट उतार के पेड़ पे टांग देंगे. अभी हम लोक तुम्हारे दो औरोत को उठा लिया हे.. हम थोड़ दिन इनलोगो के साथ अच्छे से चुदाई करेंगे उसके बाद वोः खुदी वापस आजांगे..

सरदार डाकू दिलावर सिंह.

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#17
(03-08-2022, 10:00 PM)Lingaaa Wrote: गाओं वालों आप लोक ने हम  को धोका दिया ,आप लोक की बजेसे हामारी सरदार डाकू सुबोध सिंह की मृत्यु हुये.,जब की हमने अपलोक  को वादा की मुताबिक चोट नहीं पोंछाई थी.,हमने एही सर्त रखा था की हम सामान लेकर एनहा से चलाजागे, लेकिन आप की चौधरी का तेज दिमाक के ने हमारे सरदार कि जान लेली...अभी से आप कि गाओं को लूट ने हम फिर आएंगे और इस बार सामान के साथ तुम लोक कि बीवी बेटी सब को उठा लेंगे ,साला तुम लोक कंही मुंह देखनेकी लायक नहीं रहोगेई .तुम्हारे चौधरी को बर्बाद कर देंगे साथ साथ जो हमरे खिलाफ जायगा उसको मौत का घाट उतार के पेड़ पे टांग देंगे. अभी हम लोक तुम्हारे दो औरोत को उठा लिया हे.. हम थोड़ दिन इनलोगो के साथ अच्छे से चुदाई करेंगे उसके बाद वोः खुदी वापस आजांगे..

सरदार डाकू दिलावर सिंह.


Bahut shandar shuruat hai. Keep it up  horseride
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#18
अपडेट lamba दिया करो brother | स्टोरी achi hai
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#19
 उस धमकी भरी चिट्ठी पढ़ने के बाद चौधरी जी को बहुत गुस्सा आया उन्होंने बोला गांव वालों इन डाकू से डरने की कोई जरूरत नहीं हमारे साथ पुलिस वाले हैं . ढेर सारे गांव वाले अपने अपने घर चले गए मगर सबके मन में दहशत का माहौल बना हुआ था. 2 हफ्ते के बाद वह दोनों औरत गांव में वापस आ गई फिर, चौधरी ने उन दोनों औरतों से पूछा कि डाकुओं ने उनके साथ कुछ गलत किया नहीं ना. वह दोनों औरत शर्म के मारे अपनी मुंह पर अपना साड़ी लपेट ते हुए रोते हैं और बोलते हैं.
 चौधरी साहब अब हम किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहे, ना ही हमारे घर वालों को,ना ही हमारे पति को,ना हमारे बच्चों को,अब हमारा क्या होगा. उन कमीनी डाकुओं ने, हमारी इज्जत लूट ली. उन लोगों ने हमारे सारे कपड़े उतार कर फाड़ दिए,दो हफ्ता पूरे ऐसे ही नंगा उनके साथ रहना पड़ा. और इस दो हफ्ते में ऐसा कोई दिन नहीं था ना ही कोई ऐसा कोई रात था जिस समय उनका कोई भी आदमी आकर हमारे साथ नहीं सोता था. हर रोज बारी-बारी करके वह हम लोगों के इज्जत के साथ खेलते थे. और कभी-कभी तो दो दो एक साथ आकर हम पर टूट पड़ते थे और हमारी चुत और गांड यहां तक कि हमारे मुंह भी छोड़ा नहीं. और फिर दोनों औरत फूट-फूट कर रोने लगे. चौधरी के बोलने पर वह दोनों औरतों के घर वाले उन दोनों औरतों को अपने साथ ले जाते हैं और उनका ख्याल रखने के लिए भी बोलता है
 फिर गांव में पुलिस की छावनी बन जाती है. पुलिस वाले गांव के पहरेदारी करते रहते हैं. ऐसे ही 4 से 5 महीना बीत जाता है कोई दिक्कत नहीं होता है यह सब लोग को सुकून मिलने लगता ह. धीरे-धीरे पुलिस की घेराबंदी बंद हो जाती है .
एक बार गांव में पूजा महोत्सव हो रहा था, डाकू औ ने गांव पर फिर से हमला किया. उन लोगों ने बहुत सारे लूटपाट मचाई किसी का सोना किसी का बकरी यहां तक गांव के औरत लोग को भी 4 लोग उठाकर ले गए. और औरतों में चौधरी के बेटा और बहू थे. और डाकू ने भी धम दी की थी अगर इसके बारे में किसी ने पुलिस को यह बताया तो वह लोग उन औरतों के साथ-साथ चौधरी की बेटा और बहू को भी मार डालेंगे. गांव वाले उनके धमकियों से डर गए और चौधरी भी अपने बेटे और बहू के बचाव के लिए किससे कुछ नहीं बोला.
 लूटपाट हुए कम से कम एक हफ्ता हो गया था.लेकिन किसी का भी कुछ खोज खबर नहीं था.ना ही उन औरतों का नाही चौधरी के बेटे और बहू का. फिर एक दिन चौधरी का बेटा नंगे बदन सुबह-सुबह गांव के पेड़ से बांधा हुआ मिला. उसके शरीर के ऊपर काफी छोटे लगे हुए थे.और उसका शरीर से कहीं कहीं से खून भी निकल रहा था. और उसके शरीर पर एक चिट्ठी भी हो लोगों ने बांध दिया था. फिर चौधरी ने गांव के डॉक्टर को बुलाकर अपने बेटे का इलाज करवाया, उसकी यह हालत देखकर चौधराइन कामिनी देवी रो रो के बेहोश हो गई,और चौधरी जी के आंखों से आंसू बंद नहीं हो रहे थे. फिर उस चिट्ठी में जो लिखा गया था वह सारे गांव वालों के सामने पढ़ा गया,
 देख चौधरी तेरा करतूत, साले तेरे वजह से पुलिस वालों ने हमें बहुत तंग किया. हमारी बस्ती उजाड़ दी. आपसे हम तुम्हारे गांव को भी यही हाल करेंगे, तुम्हारे घर में आग लगा देंगे और तुम्हारे औरतों को उठा लेंगे. इसकी शुरुआत चौधरी के बहु से हो चुकी है. अगर तुम लोग जिंदा रहना चाहते हो, तो हर रोज हमारा आदमी गांव में आएगा उसको खाने पीने का अनाज और साथ में कोई भी औरत को भेजना होगा. हम किसी को चोट नहीं पहुंचाएंगे ना आए हो उस औरत को ना ही तुम लोग को. अभी तो हम चौधरी की बेटे को जिंदा छोड़ रहे हैं मगर बाद में, अगर ऐसी कोई गड़बड़ की तो उसकी बेटे के साथ उसको भी लटका देंगे पेड़ों पर .
 मुखिया दिलावर सिंह
इस चिट्ठी से चौधरी के ऊपर बिजली गिर गई हो. चौधरी एकदम शांत अपने बेटे के हालात पर रो रहा था. तेरा हर रोज गांव से गई हुई औरतों में से एक एक करके गांव लौटने लगे. चौधरी और कामिनी देवी औन सबसे अपनी बहू के बारे में पूछते रहते थे. वह लोगों के हालात ऐसे नहीं देखनी बोलोगे कुछ बता सकते. कुछ औरत तो शर्म के मारे जहर खा लिया और कुछ तो अपने आप को टांग भी लिया. 15 – 20 दिन बीत गए लेकिन चौधरी के बहू का कुछ पता नहीं था. जितने भी औरत गांव से उठाए गए थे सब लोग वापस आ गए थे. उन लोगों ने बताया गए थे कि कैसे उनकी इज्जत के साथ खराब व्यवहार किया और उनको बहुत सताया और कैसे हो उनको लूट लिया . फिर चौधरी को पुलिस का सहारा लेना पड़ा अपनी बहू को ढूंढने के लिए लेकिन फिर भी कोई नतीजा ने निकला. ऐसे ही एक महीना बीत गया तभी जाकर एक दिन
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#20
बहुत ही बढ़िया लिख रहे हो brother | achi build-up कर रहे हैं | seduction धीरे धीरे करवाना ताकि मज़ा आए ज्यादा |
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