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Adultery बारिश में भीगी हुई फ्रेंड की चूत चाटी
#21
स दिन मौसम काफी सुहाना था और पल्लवी ने एक मस्त स्लीव लेस टॉप पहन रखी थी. उसकी टॉप बहुत ही लूज थी. नीचे पल्लवी ने मिनी स्कर्ट पहना हुआ था. जिसमें से उसकी टांगें दिखती थीं और बैठने पर जांघ तक का नज़ारा सामने होता था. उसकी कॉफी के रंग जैसी टांगों को देख – देख कर मेरा लंड तन रहा था.

कभी – कभी बैठने पर उसकी मिनी स्कर्ट के अंदर से उसकी लाल फूल वाली चड्डी भी साफ़ दिखाई दे जाती थी. हम दोनों यूं ही मस्ती कर रहे थे कि तभी संयोग से अचानक तेज बारिश होने लगी.
बारिश में हम दोनों भीग रहे थे. तभी मेरी नज़र उसके आम जैसे मम्मों पर पड़ी. उसकी चूचियां तनी हुई थीं और ऊपर से बारिश का पानी मेरे अंदर आग में घी डालने जैसा था. यह सब देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाया. जब वो अचानक हुई बारिश से आह… आह… कर के चिल्ला कर भागी तो मेरी मर्दानगी पूरी तरह जाग गई थी.
बारिश में भीग कर भागते हुए उसके हिलते – डुलते मम्मे मुझे स्लो मोशन में दिखाई दे रहे थे. जिन्हें देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. बारिश के साथ – साथ चल रही हवा से उसका मिनी स्कर्ट भी ऊपर की तरफ उड़ रहा था. जिससे मुझे पैंटी के ऊपर से उसकी गांड दिख रही थी.
उसके मस्त बोबे, गांड, आंख, होंठ और ऊपर से बारिश में खिलखिलाती उसकी आवाज़ सब क़यामत ढा रहे थे. काफी देर तक भीगने के बाद फिर मैंने उसे एक पुराने झोपड़े के अंदर चलने को कहा. जहाँ पर मैंने पहले से ही मौका देख कर खुशबूदार फूल बिछा दिए थे.
अंदर पहुँचते ही फूलों को देख कर वो हैरान रह गयी और बोली कि ये सब क्या है? इस पर मैं पल्लवी से बोला कि सब तुम्हारे लिए ही है. मेरी बात सुन कर वो शरमा गयी और अपनी नज़रे बड़े ही नज़ाकत से नीची कर ली.
अब मुझे मौका मिल गया. फिर मैंने आगे बढ़ कर उसकी चूत पर एक अंगुली रख दी और उसके होंठों को चूम लिया. वो इतने में ही गर्म हो गयी. अब मुझे जो चाहिए था वो मिल गया.
फिर मैंने उसके टॉप को उतार फेंका और भीगी हुई ब्रा को साइड में करके उसके मम्मे चूसने लगा. गज़ब की मिठास थी उसके छोटे – छोटे मम्मों में. अब वो आह – आह करने लगी. उसकी आहों से मेरा दिल मचल गया और मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर करके पैंटी में हाथ उसकी चूत में अंगुली कर दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
उंगली करने से वो कराह उठी. फिर मैंने उसके होंठों को बेतहाशा चूसना शुरू कर दिया और मम्मों को अपनी उंगलियों से चुंटी करने लगा. फिर मैंने समय न गंवाते हुए उसे घोड़ी बना दिया और उसकी कॉफी के रंग की चूत को पहले चाट – चाट कर पानी निकाल दिया.

फिर मैं कुत्ते की तरह उसके ऊपर चढ़ गया और लन्ड चूत में पेल दिया. मेरे इस एक झटके के साथ उसकी कौमार्य की झिल्ली टूट गई और इसके साथ ही उसका उसके बॉयफ्रेंड से रिलेशन भी खत्म हो गया. उसके बाद उस दिन मैंने करीब 10 मिनट तक उसकी जोरदार चुदाई की. इस दौरान वो दो बार झड़ी और फिर मैं भी बारिश की ठंडी और अंदर की गर्मी बर्दाश्त न कर सका और उसकी चूत में ही झड़ गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#24
(08-07-2022, 04:06 PM)neerathemall Wrote:
भाभी की मस्त जवानी और भीगा मौसम

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#25
(08-07-2022, 04:06 PM)neerathemall Wrote:
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भाभी की मस्त जवानी और भीगा मौसम

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#26
री भाभी का नाम सरिता था जो की मेरे बगल वाले घर में ही रहती थी। यु तो वह मेरी सगी भाभी नहीं थी पर वह मुझसे बाहत ही ज्यादा लाड किआ करती थी। भाभी दिखने में बहुत ही सुन्दर और बात करने में बहुत ही प्यारी थी। भाभी जब भी चला करती थी उसकी गांड ऐसे मटका करती थी जैसे वह कोई लड़की हो। भाभी की उम्र भी मुझसे बस 3 साल ज्यादा थी इसलिए शायद उनकी और मेरी अछि बनती भी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#27
अब बारिश का मौसम आ चूका था जो मुझे है साल की तरह बहुत ही रोमांटिक मौसम लगता था। जब भी बारिश आया करती थी मै अपनी गली में नहाने निकल जाया करता था। एक दिन की बात है सुबह के 4 बज रहे थे और बहुत तेज बारिश हो रही थी। मेरी आंख बारिश के शोर से खुल गयी और मै पहले ही जैसा आपको बता चूका हु की बारिश मुझे कितनी पसंद है।

अब बारिश का मजा लेने के लिए 5 बजे करीब अपनी घर की छत पर चला गया। बारिश बहुत ही तेज हो रही जिसमे नहाना मुझे बहुत ही अच्छा भी लगता है। मै अपने कपडे उतरके सीधा बारिश में चला गया और नहाते हुए मजे लेने लगा। पर कुछ देर बाद मुझे किसी की चुडिओ की आवाज आयी जो की हमारे बगल वाली छत से आ रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
जैसे ही मैने उधर झाका की तभी मेने देखा की सविता भाभी लाल कलर के सूट में बारिश में नहाते हुए मजे ले रही है और बहुत सुन्दर भी लग रही है। भाभी को मै एक पल के लिए देखता ही रह गया था। और कुछ समय बाद भाभी ने भी मुझ पर गौर किआ और मुझसे बात करने के लिए किनारी पर आ गई।

भाभी ने मुझे बताया की उन्हें भी बारिश बहुत पसंद है और जब वह कुवारी थी तो बारिश में खूब नहाया करती थी। भाभी से बाते करता हुआ मै उनकी छत पर चला गया और बाते करने लगा और हम दोनों साथ में एन्जॉय करने लगे। भाभी बारिश में जोर जोर से उछलते हुए मजे ले रही थी जिनसे उनकी चूचिया ऊपर निचे हो रही थी।

पर जैसे ही भाभी इस बार उछली उनका पैर बारिश की काई पर फिसल गया और वह मेरी बहो में आ गयी। भाभी मेरी गोदी में कुछ इस तरह फांसी थी की उनका हाथ मेरे लंड पर लग रहा था और वह मेरी बाहो में लेटी हुई थी। हम दोनों पर पानी की बुँदे गिरे जा रही थी और यह बहुत ही रोमेंटिक मूवमेंट हो गया था।

हम दोनों ही एकदम से रुक गए थे और इतने में भाभी ने अपनी आंखे किस करने के लिए बंद करते हुए अपने होठ मेरी तरफ बढ़ाये। मैने भी बिना कुछ सोचे अपने होठ भाभी के होठ से मिला दिए और उन्हें किस करने लगा। मैने भाभी को वापस उनके पेरो पर खड़ा किआ और भाभी के अपने भीगे बदन से मुझे अपनी बाहो में भर लिआ।
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#29
सरिता भाभी और मै दोनों ही गरम और रोमेंटिक मूड में आ गये थे और भाभी ने मुझे देखते हुए वापस अपने होठ मुझसे मिलाये और मेरे होठ चूसने लगी। यह सब किसी हिंदी मूवी की तरह हो रहा था और अब मेने भी भाभी की गांड पर हाथ फेरने शुरू कर दिए। भाभी का सूट पूरी तरह उनके जिस्म से गिला होने के बाद चिपक चूका था और मै अपने दोनों हाथ भाभी की गांड से लेकर उनकी नंगी पीठ पर फेरे जा रहा था।
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#30
अब मैने अपने दोनों हाथ भाभी की चुचिओ पर रख दिए और उन्हें दबाना शुरू कर दिआ। भाभी इससे बहुत ही ज्यादा कामुक होने लगी और मेरे गीले होठो से चूसते हुए आहे भरने लगी। भाभी अब पूरी तरह से कामवासना में खो गयी थी जिसका मेने फायदा उठाते हुए उन्हें जमीन पर लिटा दिआ और चूमने लगा।

मैने भाभी का सूट ऊपर करते हुए उनसे अलग कर दिआ और उनकी सफ़ेद ब्रा खोल दी। भाभी के बूब्स छोटे पर उभरे हुए थे जिनपर मेने अपने होठ लगाते हुए चुसाई शुरू कर दी। अपने एक हाथ से मै भाभी के एक चूची को दबाता व दूसरी चुचे को अपने होठो से बारी बारी चूस रहा था।

भाभी इससे बड़ी बड़ी आहे भरने लगी थी और अब मेने भाभी के होठ चूसते हुए भाभी की सलवार का नाडा खोल दिआ। भाभी ने मुझे कोई विरोध नहीं किआ जिसके बाद मेने अपना एक हाथ उनकी चूत पर भी रख दिआ। भाभी की चूत पर छोटे छोटे बाल थे जिनपर मेने ध्यान ना देते हुए अपनी उंगलिआ भाभी की चूत पर फिरानी शुरू कर दी।
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#31
भाभी बारिश में नंगी लेटी हुई मेरी हरकतों का मजा ले रही थी और वही मै भाभी की चूत की फाको में अपनी उंगली फुराए जा रहा था। भाभी अब चुदाई के लिए तैयार सी दिख रही थी इसलिए मेने भाभी की सलवार को भी उतरना शुरू कर दिआ। शुरू में भाभी ने मुझे थोड़ा सा रोका पर कुछ देर बाद थोड़ी चुम्मा चाटी के बाद भाभी ने मुझे उनकी सलवार उतारने दी।

अब भाभी मेरे सामने पूरी नंगी अवस्था में थी और मै पहले से ही बस अपने कच्छे में था जो मैने अब उतार दिआ। भाभी की चूत पूरी तरह बारिश के पानी से गीली हो राखी थी और भाभी बारिश में भीगी किसी अप्सरा जैसी दिख रही थी। भाभी के पेट पर हाथ फेरता हुआ में उनके ऊपर आ गया। मैने अपना लोडा भाभी की चूत की फाको में सहलाना शुरू कर दिआ जिससे भाभी सिहरने लगी और भाभी ने अपने हाथ से मेरा लंड अपनी चूत के मुह्ह पर रख दिआ।

एक ही झटके में मैने अपना लंड भाभी की चूत में घुसा दिआ और चुदाई करना शुरू कर दी। बारिश के पानी से मेरा लंड भाभी की चूत में आराम से अंदर बाहर हो रहा था जिससे भाभी को भी माजा आ रहा था। अब मैने अपनी चुदाई की रफ़्तार बड़ा दी और भाभी आह्हः अह्ह्ह करती हुई लम्बी सांसे लेने लगी।
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#32
भाभी की कामुकता बढ़ती जा रही थी और भाभी चुदाई का पूरा मजा ले रही थी। चुदाई करता हुआ मै कभी भाभी के होठो पर अपने होठ रगड़ रहा था और कभी उनके बूब्स के निप्पल चूस रहा था। मेरी इन हरकतों से भाभी और मुझे दोनों को चुदाई में आनंद मिल रहा था।

कुछ 20 मिनट तक और चुदाई करने के बाद मेरा लंड पूरा अकड़ गया और पानी छोड़ने लगा। मैने झटके से भाभी की चूत से अपना लंड निकला और उनके मुह्ह में फसा कर मुह्ह की ही चुदाई करने लगा और एकदम से मेरा सारा माल भाभी के मुह्ह में झड़ गया जिसे भाभी आम से पी गयी। और ऐसे ओर दिन हमने बारिश का पूरा मजा लिए और अपनी अपनी जवानी शांत करि।
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#33
मेरा भीगा बदन - मेरी भीगी चूत
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#34
(07-07-2022, 12:06 PM)neerathemall Wrote:
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#35
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#36
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#38
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#40
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