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चचेरी बहन की रजाई
#61
मेरी चचेरी बहन शानू प्रिया के पति अर्थात मेरे जीजा जी नेवी मे है तो साल के 6 महीने तो क्रू पर ही होते है और मेरी प्यासी चचेरी बहन शानू प्रिया नागपुर मे अपने दो प्यारे बच्चो के साथ अकेले ही रहती है और दोस्तों आप समझ ही सकते हो की जब किसी शादी शुदा महिला को कई दोनों तक लौड़ा नसीब नहीं होगा तो उस महिला की चुदवाने की चुदास कितनी बढ़ जाती है.

हम चचेरे भाई बहन जरुर थे पर उसके साथ साथ बहुत अच्छे दोस्त भी थे तो मै हमेशा उन के अकेले पन की आड़ ले कर उन्हे सिम्पथी दिखता, हमेशा उनको उकसाता, कहता “कैसे मॅनेज करती है तू” बोर नही होता क्या तुझे” कोई दोस्त बना ले” ,  तो वो मुझे सारी बात खुल कर बोलती थी और हमेशा न्यू न्यू एक्सर्साइज़स के टिप्स लेती थी क्यू की मै रेग्युलर जिम जाता हू तो मैने उसे रेग्युलर स्काउट करने के लिये बताया जिस से उसकी गोरी – गोरी गांड थोड़ी बाहर की तरफ निकल कर और भी शेप मे आ गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#62
एक दिन मुझे चचेरी बहन शानू प्रिया की कॉल आई कहती है बसंत भाई मै और डिंपल पुणे आरहे है (डिंपल मेरी भांजी है जो सबसे बड़ी बहन की बड़ी बेटी है) मै बहुत खुश हुआ और पूछा तो पता चला की डिंपल को पुणे के कॉलेज मे अड्मिशन मिल गया है तो उसका होस्टेल मेस और ट्रांसपोर्ट का सेटल करने के लिए चचेरी बहन शानू प्रिया उसके साथ आने वाली थी, किसी भी बहाने से ही सही.  मै चचेरी बहन शानू प्रिया से मिलने के लिए बहुत बेकरार था. चचेरी बहन शानू प्रिया बहुत सुंदर थी उसके सामने तो 17 साल की डिंपल भी चाय कम पानी थी चचेरी बहन शानू प्रिया तीखे नयन नक्श फेयर और सेक्सी फिगर की मालकिन उसे देख के तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. बच्चो के स्कूल होने के वजह से सिर्फ़ दो दिन ही रहेगी उसने बताया, फ्राइडे रात के 8.30 की स्लीपर कोच बुक हुई , सॅटर्डे सनडे मेरी छुट्टी होने के वजह से उनकी मेहमान नवाज़ी मे कोई खलल नही आएगा ऐसा प्लान किया.  अब मै सॅटर्डे सुबह 9 बजे का उनका अराइविंग टाइम का इंतज़ार करने लगा, रात भर चचेरी बहन शानू प्रिया से मिलने की खुशी मे सो नही पाया, सुबह 7 बजते ही कॉल किया की कन्फर्म कर लू कहा तक पहुंचे. न्यूज़ मिली की बस बीच रास्ते मे पंचर हुई 1घंटा वाहा लेट हुआ, उसके बाद दो बारी बस बंद पड़ गयी तो अभी और लेट होगा आने मे. 

मेरा बहुत गंदे तरीके से मूड ऑफ हुआ, दोपहर के 12 बाज गये थे और अब भी वो औरंगाबाद भी नही पहुंचे थे, मै फ़्लैट् पर वापस आ गया और अपनी किस्मत को कोसने लगा, अभी और 5 घंटे थे उनको आने मे, जैसे तैसे वो बस रात को 9 बजे पुणे पहुची, मै उन्हे लेने बाइक पर पहुचा तो हम ट्रिपल सीट फ़्लैट् तक आए.  खराब और 20 घंटे लंबा थका देने वाला सफ़र होने की वजह से दोनो बुरी तरह से थक गये थे, मैने उन्हे फ्रेश होने को कहा और मैने ऑनलाइन फूडपंडा से खाना ऑर्डर कर दिया, दोनो भी बुरी तरह थके हुए थे तो ठीक से बात भी नही कर पा रही थी. पर मै बहुत खुश था क्योंकि अपनी चचेरी बहन शानू प्रिया के सेक्सी जिस्म को पूरे एक साल बाद जो देख रहा था, बिल्कुल भी चेंज नही लग रहा था उसमे,  वैसा ही सेक्सी फिगर और चेहरे पर वही 20 साल की जवान लड़की वाला चार्म.  दोनो भी फ़्लैट् पर आते ही बेड पर गिर पड़ी मैने उन्हे फ्रेश होने क लिए फोर्स किया, कहा “ दीदी प्लीज़ जाओ जाके शावर ले लो. मेरे बहुत रिक्वेस्ट करने पर वो मान गयी और फ्रेश होने बाथरूम चली गयी, मै बाहर ही इंतज़ार कर रहा था पर डिंपल सोफे पर ही सो गई उसे तो कोई होश ही नही था.  10 बज चुके थे ऑर्डर किया हुआ खाना आ गया था , मैने डिंपल को खाना खाने के लिए उठाया तो उसने तबीयत का बहाना कर फिर सो गयी.

अब मै बाहर से बाथरूम के दरवाजे पर नज़रे गढ़ाए बैठा था की चचेरी बहन शानू प्रिया एक टी-शर्ट और नीचे टावल बँधे बाहर आई, उफ़फ्फ़,, क्या लग रही थी वो क्या बताऊँ दोस्तो मै तो देखते ही रह गया उसके गीले बाल और चमकते बदन को, टावल भी घुटनो से उप्पर तक पह्न रखा था तो मेरा तो हाल बेहाल था उसकी गोरी टाँगे देख कर. मैने जैसे तैसे डिन्नर लगाया और हम दोनो ने खाना शुरू किया, बैचलर होने क वजह से फ़्लैट् मे फर्निचर लिमिटेड ही है तो हम बेड पर ही खाना खाने लगे, मेरी प्यारी सुंदर सेक्सी चचेरी बहन शानू प्रिया के साथ इतनी रात को एक बेड पर मेरे लिए सपने से कम नही था.
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#63
पल अब उस सोफे पर ऐसे सो गयी थी की उठने का कोई चान्स ही नही था, चचेरी बहन शानू प्रिया ने सोने की जल्दिबाजी मे डिन्नर निपटा लिया, जब तक मै सब समेटता तब तक मेरी शादी शुदा चचेरी बहन ने मेरे ही सामने पर्पल कलर की लॅगिंग पह्न ली और पेट के बल बेड पर जा गिरी, मै कहा शांत बैठने वाला था मैने पुछ तच्छ जारी रखी तो चचेरी बहन शानू प्रिया ने बोला की “मेरा बदन बहुत दर्द कर रा है तो कोई पेन किल्लर है तो दे दो. 
मैने कहा “दीदी पेन किल्लर तो नही है” और उसकी साइड जा कर उसके करीब बैठ गया, बिना किसी पर्मिशन के उसकी सेक्सी पीठ पर हाथ से मसाज देना शुरू किया , बहुत ही सेक्सी लग रही थी उस वक़्त वो तो, मैने पीठ से धीरे धीरे हाथ कमर पर ले गया पर वो चुप ही रही, शायद मसाज से उसे तोड़ा आराम महसूस हुआ हो.   उसकी शांति का फ़ायदा उठाते हुए मैने दोनो हाथो से मसाज शुरू कर दी, मेरा लौड़ा अब पूरी तरह से खड़ा हो गया था, मुझे और आगे बढ़ना था तो मै दी के कानो मे धीरे से बोला दी कमर पर तेल से मालिश कर दू ? तुझे और भी आराम मिलेगा.[Image: Housewife-Fucked-In-Saree-Blouse-And-Pet...=640&ssl=1]
उसने कहा “थॅंक यू सो मच बसंत भाई तू बहुत अच्छा है’तेरे हाथो मे जादू है” प्लीज़ ज़रा तेल लगा दे, तो मै झट से उठा सबसे पहले लाइट बंद कर के ज़ीरो लॅंप जला दी और मै जीन्स उतार कर बॉक्सर पे आ गया दी वैसे ही पड़ी हुई थी आखे बंद कर रखी थी.  मैने हिम्मत की और मेरी चचेरी बहन की गोल गोल गोरी – गोरी गांड पर लंड सेट कर के बैठ गया और टी-शर्ट को थोडा उप्पर कर मेरी चचेरी बहन की गोरी चिकनी स्लिम्म कमर पर तेल से मालिश करने लगा, दी के मुह से निकला ” वाहह मेरे शेर क्या बात है” मुझे तो समझ नही आया की उसकी ये तारीफ मेरी मसाज स्किल के लिए थी या उसकी गांड पर मेरे 8 इंच बड़े लंड के टच करने के लिए थी.
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#64
धीरे धीरे मसाज के बहाने उस बहन की लौड़ी की टी-शर्ट और ब्रा उतार दी और उसकी नंगी पीठ से कमर तक के अपने गरम हाथो से मसाज देने लगा. अब मेरी शादी शुदा चचेरी बहन की चुदास बढ़ती जा रही थी अब उन पर भी मस्ती छा गयी थी. मैने तेल मसाज जारी रखते हुए मेरी चचेरी बहन की लॅगिंग नीचे कर दी तो मेरी चुदासी चचेरी बहन ने भी सपोर्ट मे अपनी गोरी – गोरी गांड उप्पर उठा कर चुदाई के लिए अपनी सहमति दिखा दी, मै तो ज़ीरो लॅंप मे अपने सपनो की रानी चचेरी बहन शानू प्रिया की गोरी – गोरी गांड देख रहा था, लाल कलर की पेंटी पहन रखी थी जिस पर फ्लवर्स डिज़ाइन थे.  [img]मैने जल्दबाज़ी ना दिखाते हुए मेरी चचेरी बहन की सॉफ्ट चिकनी गोरी – गोरी गांड पर चड्डी पर से मालिश जारी रखी, दी को भी मज़ा आरहा था, वो भी मौन करना सुरू कर दिया, डिंपल पास ही सोफे पर सो रही थी तो दी मज़े लेते हुए ” वॉववव” आहह ” आवेसोंम्म” खुस्फुसा कर रही थी. मैने हिम्मत कर के शादी शुदा चचेरी बहन की पेंटी भी नीचे सरका डाली अब क्या बताऊँ दोस्तो मेरी चचेरी बहन की गोरी – गोरी गांड तो थी ही आसम बट मुझे उसकी चूत के भी दर्शन हो गये क्यू की उसने अपनी गोरी – गोरी गांड उठा ली थी. [/img][Image: Housewife-Fucked-In-Saree-Blouse-And-Pet...=640&ssl=1]

मैने जल्दबाज़ी ना दिखाते हुए मेरी चचेरी बहन की सॉफ्ट चिकनी गोरी – गोरी गांड पर चड्डी पर से मालिश जारी रखी, दी को भी मज़ा आरहा था, वो भी मौन करना सुरू कर दिया, डिंपल पास ही सोफे पर सो रही थी तो दी मज़े लेते हुए ” वॉववव” आहह ” आवेसोंम्म” खुस्फुसा कर रही थी.  मैने हिम्मत कर के शादी शुदा चचेरी बहन की पेंटी भी नीचे सरका डाली अब क्या बताऊँ दोस्तो मेरी चचेरी बहन की गोरी – गोरी गांड तो थी ही आसम बट मुझे उसकी चूत के भी दर्शन हो गये क्यू की उसने अपनी गोरी – गोरी गांड उठा ली थी.
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#65
अब मेरा कंट्रोल छूट गया और मैने मेरी चचेरी बहन की गोरी – गोरी गांड को दोनो हाथो से फैला कर अपना मुह घुसा दिया और कुत्ते की तरह बहन की गांड का छेद चाटने लगा, गोरी – गोरी गांड को गीली कर उसमे उंगली डाल कर अपनी उंगलिया चाटने लगा, क्या नशीली बदबू थी बहन के गांड के छेद की.
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#66
शादी शुदा बहन की  गांड के साथ कांड करने के बाद  मैंने उसे सीधा किया और 69 की पोज़िशन मे मेरी चचेरी बहन की चिकनी चूत चाटने लगा और अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई करने लगा.  बट में उस वक्त सर्प्राइज़ हो उठा जब मेरी शादी शुदा चचेरी बहन मेरा लौड़ा अपने मुह मे लेकर किसी रंडी की तरह चुदासी होकर चूसने लगी, अपनी चचेरी बहन से ब्लोजॉब पाकर मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नही रहा. मेरी चचेरी बहन की टेस्टी जुयसी चूत, टेस्टी गोरी – गोरी गांड, रसीले गुलाबी गुलाबी होंठ मुझे तो मानो जैसे आज जन्नत मिल गयी थी. हम भाई बहन का ये गन्दा खेल करीब दो घंटा चला, शुक्र है मै जल्दी झड़ा नहीं. मेरी बहन की चूत चुदवाने की चुदास अब बहुत बढती जा रही थी और अब मुझसे भी सब्र नहीं हो रहा था. अब मैंने बिना समय ख़राब करे बहनी की चुदाई करना ही उचित समझा.[Image: %E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0...C480&ssl=1]
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#67
मैंने जैसे ही मेरी चचेरी बहन की गीली चूत मे मेरा 8 इंच लम्बा और चार इंच मोटा लंड डाला वो दर्द के मारे चिल्ला उठी और मुझसे बुरी तरह लिपट गई, मै जब मेरी चचेरी बहन की चूत में शॉट दे रहा था तब वो कह रही थी की भाई काश तेरे जीजू का लौड़ा भी इतना बड़ा होता तो वो मेरी चुदास कब की शांत कर चूका होता.  मैने हस्ते हुए पूछा “क्या? और उसकी नशीली आँखो मे आँखे डाल के उसके मुह से सुनना चाहता था की वो चुदासी होते हुए बोल पड़ी “बसंत मेरे भाई आई… आह… आह… क्या मस्त लंड है तेरा आज तो मेरी चूत को मजा ही आ गया”.

रीब दो घंटे की शानदार चुदाई के बाद में मेरी चचेरी बहन की छुट में ही झड गया और मैंने सारा पानी उसकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और फिर हम काफी देर तक ऐसे ही नंगे एक दुसरे से चिपक कर लेते रहे और फिर एक साथ बाथरूम में नहा धो कर सो गए[Image: Housewife-Fucked-In-Saree-Blouse-And-Pet...=640&ssl=1][Image: Indian-Aunty-Doggy-Style-%E0%A4%9A%E0%A5...=755&ssl=1]



[Image: 187860-422123413983-688417892522-218539-...=400&ssl=1]
शादी शुदा चचेरी बहन की चुदाई करके चुदास शांत करी



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#68
(06-06-2022, 03:02 PM)neerathemall Wrote:
चचेरी बहन की चूत

मेरा नाम विनय है और में 23 साल का हूँ और मेरी चचेरी बहन का नाम रश्मि है और वो 22 साल की है और उसका फिगर तो ऐसा है कि पूछो मत.

वो बहुत ही सुंदर है, जिसको देखकर कोई भी पहली बार में उसका दीवाना हो जाए और वो एकदम गोरी, उसके लंबे काले बाल, उसकी लम्बाई करीब 5.5 और उसके फिगर का आकार 36-25-38 है. उसका फिगर बहुत मस्त उभरा हुआ है और जब वो मटक मटककर चलती तो में उसके कूल्हों को देखकर अपने लंड को सहलाने लगता.
दोस्तों यह घटना उस समय की है, जब हम दोनों भाई बहन हमारे घर से बाहर आगरा में एक ही रूम में रहकर अपनी अपनी पढ़ाई कर थे और हम दोनों उस समय अपनी जवानी के उस पहले दौर से गुजर रहे थे और हम अभी अभी जवान हुए थे, इसलिए हम जोश से पूरे भरे हुए थे और हम दोनों को सेक्स करने की बहुत जरूरत महसूस होने लगी थी.
इसलिए मैंने हमारे रूम में पढ़ने के लिए कुछ सेक्सी कहानियों की नंगे चित्र वाली किताबें रखी हुई थी, जिनको में हर कभी सही मौका देखकर अपनी बहन से छुप छुपकर पढ़कर मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया करता था और मुझे ऐसा करने में बड़ा मज़ा आता था, उसका मुझे पता नहीं था कि वो अपनी चूत को कैसे शांत करती थी.
लेकिन वो मुझसे पिछले कुछ दिनों में कुछ ज्यादा करीब आने लगी थी और मुझे बाद में पता चला कि उसको मेरी सेक्सी किताबों को पढ़कर मेरे बारे में सब कुछ पता चल चुका था और वो मेरे साथ इसलिए ऐसा व्यहवार करने लगी थी. एक दिन मेरी एक छोटी सी गलती की वजह से रश्मि के हाथ वो किताब लग गई.


जिसको उसने पढ़कर बहुत मज़े लिए और इसलिए वो अपनी चूत की प्यास और में अपने लंड की भूख को नहीं रोक सके और धीरे धीरे वो मेरे बहुत करीब होती चली गई और हमारे बीच हम दोनों की मर्जी से वो काम होने लगा और में उसको चूमने लगा, लेकिन उसने मेरा कभी कोई भी विरोध नहीं किया और मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ने लगी थी.
दोस्तों में उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही दबाकर उसके मज़े लेने लगा था, वो मेरी एक गर्लफ्रेंड बन गई थी, जिसका हम दोनों ने बहुत मज़े लेकर पूरा फायदा उठाना शुरू किया और एक दिन की बात है, में उसको किस करते हुए उसके कपड़ो के अंदर हाथ डालकर उसके गोरे मुलायम बूब्स की निप्पल को मसल रहा था और वो उस समय मेरी बाहों में थी.
तभी वो मुझसे बोली की में ही तुम्हारी असली पत्नी बन जाती हूँ और तुम आज से मुझे अपनी पत्नी समझो और मेरे साथ जमकर सेक्स करो. दोस्तों वो उस समय जींस, शर्ट में थी और वो मुझसे बोली कि चलो तुम शुरू हो जाओ और इतना कहकर उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और वो मेरे होंठो को बहुत बुरी तरह से चूसने चूमने लगी.
और में भी पूरी तरह से जोश में आ चुका था और में भी उसको किस करने लगा और में उसको अपनी बाहों में लेकर दबाने लगा और में बिल्कुल पागलों की तरह उसके साथ यह सब कर रहा था और कुछ देर बाद उसको मैंने खींचकर बेड पर लेटा दिया और में तुरंत उसके ऊपर आ गया और मैंने उसको चूमने के साथ साथ उसके बूब्स को दबाना भी शुरू कर दिया.
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#69
करीब दस मिनट तक में उसको लगातार चूमता रहा और फिर मैंने उसका जोश देखकर उसकी शर्ट को खोल दिया, जिसकी वजह से वो मेरे सामने ब्रा में थी, लेकिन मैंने ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत उसकी ब्रा को भी खोल दिया और जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को खोला. फिर मैंने देखा कि उसके बड़े आकार के दोनों बूब्स उछलकर बाहर आ गये.

जिसको में अपनी चकित नजरो से कुछ देर घूरकर देखता रहा और उसके बाद में उसके दोनों बूब्स को पागलों की तरह दबाने उसकी निप्पल को निचोड़ने लगा. में मन ही मन में सोचता रहा कि आज कितने दिनों के बाद मुझे इसके पूरे के पूरे बूब्स बिना कपड़ो के देखने को और दबाने को मिले है और मेरा वो सपना आज पूरा हो गया, जिसको में बहुत दिनों से देख रहा था.



फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए झट से उसकी हल्के भूरे रंग की निप्पल को अपने मुहं में रख लिया और में उसको चूसने लगा और वो लगातार अपने मुहं से आहहह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ कर रही थी. में उसके बूब्स को तब भी चूसता ही रहा और मुझे उसके साथ ऐसा करने में बहुत मज़ा जोश आ रहा था और वो गरम होकर आहें भरने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.

तभी थोड़ी देर बाद मैंने उसकी जींस को भी खोलकर उसको अपने सामने पेंटी में कर दिया. फिर मैंने नीचे उसकी चूत की तरफ देखा और महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम हो गई थी, जिसकी वजह से उसकी पेंटी चूत वाले हिस्से से पूरी गीली हो चुकी थी.
मैंने उसकी पेंटी को भी उतारकर में उसकी सुंदर कामुक रसभरी चूत को कुछ देर अपनी प्यार भरी नजर से देखता रहा और वो बहुत सुंदर गुलाबी रंग की बड़ी ही कामुक दिखाई दे रही थी और फिर में कुछ देर बाद उसकी चूत को अपने एक हाथ से फैलाकर चाटने लगा और उसकी गुलाब जैसी पंखुड़ियों को अपनी जीभ से चाटकर उनके मज़े लेने लगा.
और वो सिसकियाँ भर रही थी, अह्ह्ह्हह्ह्ह आस्स्स्स्श कर रही थी. वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर खींच रही थी और जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी और फिर कुछ देर बाद रश्मि ने अपनी कमर को ऊपर उठा लिया और वो मेरे तने हुए लंड को अपनी दोनों जाँघो के बीच में लेकर धीरे धीरे रगड़ने लगी थी.
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#70
और वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी, जिससे कि मेरे लंड को वो ठीक तरह से अपनी मजबूत पकड़ से पकड़ सके और उस समय उसके निप्पल मेरे मुँह के बिल्कुल पास थे और में उन्हें कस कसकर दबा रहा था. तभी अचानक से उसने अपने दूसरे बूब्स को जबरदस्ती मेरे मुँह में डालते हुए कहा कि चूसो इनको अपने मुँह में पूरा अंदर लेकर.

मैंने उसके एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और में उसको ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसके साथ साथ में उसके दूसरे बूब्स की निप्पल को निचोड़ने लगा था और थोड़ी देर के लिए मैंने उसके बूब्स को अपने मुँह से बाहर निकाला.
और में उससे कहने लगा में हमेशा से तुम्हारे कसे हुए बूब्स को देखकर मन ही मन इनके बारे में सोचता था और में हमेशा बड़ा हैरान भी होता था और मुझे इनको छूने की हमेशा बहुत इच्छा होती थी और मेरा मन करता था कि में इन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दूँ और में इनका पूरा रस पी जाऊं.
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#71
लेकिन में बहुत डरता था कि पता नहीं तुम क्या सोचो और कहीं तुम मुझसे नाराज़ ना हो जाओ और तुम नहीं जानती कि तुमने मुझे और मेरे लंड को कितना परेशान किया है? में कितना तरसा हूँ, इसको पाने के लिए और में तुम्हें बता नहीं सकता.

रश्मि कहने लगी कि अच्छा तो आज तुम अपनी एक एक इच्छा को पूरा कर लो और जी भरकर दबाओ, चूसो और मज़े लो, में तो आज से पूरी की पूरी तुम्हारी हूँ और तुम आज मेरे साथ जैसा चाहे वैसा करो. फिर क्या था दोस्तों? में रश्मि की तरफ से हरी झंडी को पाकर में रश्मि के बूब्स पर टूट पड़ा और मेरी जीभ उसके खड़े निप्पल को महसूस कर रही थी.
और मैंने अपनी जीभ को उसके उठे हुए खड़े निप्पल पर घुमाना शुरू किया और में उसके दोनों अनारों को कसकर पकड़े हुए था और में उनको बारी बारी से चूस भी रहा था, में ऐसे कसकर बूब्स को दबा भी रहा था, जैसे कि आज में उनका पूरा का पूरा रस निचोड़ लूँगा और रश्मि भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
और उसके मुहं से ओह्ह् सईईईई की आवाज़ निकल रही थी और वो मुझसे पूरी तरफ से सटे हुए मेरे लंड को बुरी तरह से मसल भी रही थी और मुठ भी मार रही थी. उसने अपने एक पैर को मेरे दूसरे पैर के ऊपर चड़ा दिया और मेरे लंड को उसने अपनी दोनों जांघो के बीच में रख लिया.
मुझे उसकी जांघो के बीच एक मुलायम रेशमी एहसास हुआ. दोस्तों यह उसकी मुलायम चूत का असर था, क्योंकि रश्मि ने उस समय पेंटी नहीं पहन रखी थी और मेरे लंड का टोपा उसकी झांटो के बीच में घूम रहा था, लेकिन मेरा सब्र का बाँध टूट रहा था और मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था.
में रश्मि से बोला कि रश्मि मुझे कुछ हो रहा और उस वजह से में अपने आपे में नहीं हूँ, प्लीज़ मुझे बताओ में क्या करूं? तो रश्मि मुझसे कहने लगी कि करना क्या है, तुम मुझे चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत को और आज तुम मेरी जमकर चुदाई करो, मुझे भी अपने लंड की चुदाई से खुश कर दो और मेरी चूत की आग को भी बुझा दो.
में भी कब से तुम्हारे साथ अपनी चुदाई के सपने देख रही हूँ, चलो तुम शुरू हो जाओ. में चुपचाप उसके चेहरे को देखते हुए उसके बूब्स को लगातार मसलता रहा और उस समय उसने अपना मुँह मेरे मुँह से बिल्कुल सटा दिया और वो मुझसे फुसफुसा कर बहुत धीमी आवाज में बोली कि तुम जल्दी से अपनी रश्मि को चोद दो.
मुझे तुम कब तक ऐसे ही तरसाते तड़पाते रहोगे और उस समय रश्मि ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत के निशाने पर लगाकर उसको अंदर जाने का रास्ता दिखा रही थी और सही रास्ता मिलते ही मेरे लंड का टोपा मेरे एक ही हल्के से धक्के में अंदर चला गया और इससे पहले कि रश्मि संभले या वो अपना आसान बदले.
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#72
मैंने अपनी तरफ से उसको दूसरा एक जोरदार धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी मक्खन जैसी मुलायम चिकनी चूत की जन्नत में पहुंच चुका था. रश्मि ज़ोर से चिल्ला पड़ी, उईईईईईईईई आईईईई माँ ऊहुहुहहह विनय में मर गई, तुम ऐसे ही कुछ देर हिलना डुलना नहीं और मुझे तुम्हारे लंड से बहुत ज़ोर से जलन दर्द हो रहा है.

ऊह्ह्हह्ह तुम्हारा लंड बहुत मोटा है और मेरी चूत अभी छोटी है, तुमने आज मुझे मार ही डाला आईईई ऐसा दर्द मैंने कभी नहीं महसूस किया, तुमने यह क्या किया, में आज मर ही जाउंगी, प्लीज धीरे से करना. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि रश्मि को बहुत दर्द हो रहा था, क्योंकि तक उसकी चूत वर्जिन थी.
और आज पहली बार जो उसकी चूत में मेरा इतना मोटा और लंबा लंड में घुसा था और वो दर्द की वजह से अपनी दोनों जांघो को चिपकाकर मेरी कमर पर अपने नाखूनों से निशान कर रही थी, जिसकी वजह से मुझे भी जलन हो रही थी और में कुछ देर तक अपने लंड को उसकी चूत में डालकर चुपचाप ऐसे ही पड़ा हुआ था.
तब मैंने महसूस किया कि रश्मि की चूत फड़क रही थी और वो अंदर ही अंदर मेरे लंड को मसल भी रही थी और तेज गति से चलती हुई सांसो की वजह से उसकी बार बार उठी छाती उसके बूब्स बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहे थे और वो बहुत आकर्षक नजर आ रहे थे.
फिर मैंने तुरंत अपने हाथ आगे बढ़ाकर उसके दोनों बूब्स को पकड़ लिया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर मैंने महसूस किया कि रश्मि को दर्द से कुछ राहत मिली और उसने भी अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और फिर उसने अपनी कमर को एक झटका देकर.
वो मुझसे कहने लगी आह्ह्हह् विनय तुम मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदना शुरू करो, मेरी चूत को चोदकर पूरी तरह से शांत कर दो और उसके उस धक्के की वजह से मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया. फिर रश्मि मुझसे बोली कि तुम इस लंड को मेरी चूत से बाहर निकालो.
लेकिन में अपने लंड को धीरे धीरे रश्मि की चूत में अंदर बाहर करने लगा और उसी समय रश्मि ने मुझसे मेरे धक्को की स्पीड को बढ़ाकर करने को कहा और मैंने अपनी स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और में और भी तेज़ी से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा.
और रश्मि को भी पूरी तरह से मस्ती आ रही थी और वो जोश में आकर अपनी कमर को नीचे से उठा उठाकर मेरे हर एक धक्के का जवाब देने लगी थी. उसने अपने रसीले बूब्स को मेरी छाती पर रगड़ते हुए अपने गुलाबी होंठो को मेरे होंठ पर रख दिए और मेरे मुँह में अपनी जीभ को डाल दिया और वो अपनी चूत में मेरा लंड समाए हुए तेज़ी से ऊपर नीचे हो रही थी.
दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में सीधा जन्नत में पहुँच गया हूँ और फिर मैंने महसूस किया कि वो जैसे जैसे झड़ने के करीब आ रही थी. उसकी धक्को की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी और पूरे कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी और में रश्मि के ऊपर लेटकर धनाधन धक्के लगाने लगा.
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#73
और रश्मि ने अपने पैर को मेरी कमर पर रखकर मुझे ज़ोर से जकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से अपने कूल्हों को उठा उठाकर अपनी चुदाई में मेरा साथ देने लगी थी. और में भी रश्मि के दोनों बूब्स को मसलते हुए लगातार धक्के लगा रहा था और पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ से भरा पड़ा था.

और रश्मि अपनी कमर को हिलाकर अपने कूल्हों को उठा उठाकर मुझसे अपनी चुदाई रही थी और वो मुझसे बोले जा रही थी आअहहह्ह्ह्हह ऊओह्ह्ह्हह ऊऊहह्ह्ह्ह हाँ मेरे राजा, में मर गई रे हाँ ऐसे ही चोद रे मुझे उईईईईई में मर गईईरीईई माँ मेरी चूत फट गई, मेरी चुदाई जमकर शुरू करो चोदो मुझे और ले लो तुम आज पूरा मज़ा मेरी इस जवानी का मेरे राजा और वो अपनी गांड को भी हिलाने लगी.
दोस्तों मैंने लगातार धक्के देते हुए उसको करीब तीस मिनट तक बहुत मज़े लेकर चोदा और में भी उससे बोल रहा था उफ्फ्फ्फ़ हाँ ले और ले मेरी रानी ले मेरा लंड अपनी ओखली में तूने मुझे बड़ा तड़पाया है, ले मेरी जान यह लंड तेरा है, अहहह्ह्ह क्या मस्त जन्नत का मज़ा आ रहा है, में तो तेरा गुलाम हो गया हूँ.
रश्मि अपनी गांड को उछाल उछालकर मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी और में भी पूरे जोश के साथ उसके बूब्स को मसल मसलकर अपनी जान को चोदे जा रहा था, लेकिन रश्मि मुझको ललकार कर कहने लगी, हाँ लगाओ और ज़ोर से धक्के मारो मेरे राजा और में उसको जवाब देकर उससे कहता हाँ यह ले मेरी रानी ले ले अपनी चूत में.

फिर वो कहती हाँ ज़रा और ज़ोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत में मेरे राजा, तब में कहता हाँ यह ले मेरी रानी यह लंड तो आज से बस तेरे लिए ही है. फिर वो कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ देखो मेरे राजा मेरी यह चूत तो आज तेरे लंड की दीवानी हो गयी है, हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से आईईईई मेरे राजा में गई रे और यह बात कहते हुए मेरी रश्मि ने मुझको कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसकी चूत ने अपने ज्वालामुखी का लावा छोड़ दिया. मेरा भी लंड वीर्य छोड़ने वाला था और में उससे बोला कि में भी आया मेरी जान.
और फिर मैंने भी अपने लंड से वीर्य निकाल दिया और में हांफते हुए उसके बूब्स पर अपना सर रखकर उससे चिपककर लेट गया और उसके गोरे गरम सेक्सी बदन से खेलने लगा और हम दोनों एक दूसरे से बहुत देर तक ऐसे ही लिपटकर तब तक पड़े रहे, जब तक मेरा लंड उसकी चूत से अपने आप ठंडा होकर बाहर नहीं आया और उसके बाद हम दोनों उठकर बाथरूम में जाकर नहाए और अपने अपने बदन को साफ किया. तब मैंने उसकी तरफ देखकर महसूस किया कि वो बहुत खुश थी और मेरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#74
छोटी चचेरी बहन
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#75
री बहन रिशू को देखकर किसी का भी मन उसको चोदने के लिए व्याकुल हो जायेगा क्योंकि उसकी पतली कमर और छोटी छोटी चूचियां जो बहुत ही मस्त हैं.

मैं रिशू को रोज चोदता हूं.
तो चलिए आपको जल्दी से अपनी छोटी बहन की चुदाई की कहानी सुनाता हूं!
जाड़ों का समय था; मैं और सभी लोग मैच देख रहे थे.
रिशू को मैच में ज्यादा रुचि नहीं थी तो वह आराम से सो रही थी.
उसने रजाई ओढ़ रखी थी.
मैंने जैसे ही देखा कि रिशू सो रही है तो मैंने सोचा की क्यों न मैं भी रजाई में घुस जाऊं और रिशू की बुर चोदने की कोशिश करूं!
तब तक मैंने अपनी चचेरी बहन के साथ कुछ नहीं किया था पर मेरा दिल बहन की जवानी पर आया हुआ था.
मैं ठण्ड लगने का नाटक करके तुरंत रजाई में आ गया और रिशू के पैर में पैर लगाया.
उसने कुछ रिस्पॉन्स नहीं दिया, आराम से सोती रही.
मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया और धीरे धीरे उसकी सलवार नीचे कर दी.
फिर मैंने जल्दी से पैंटी में हाथ डाल दिया और बुर सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसके दूध दबाने लगा!
तब मैंने सोचा कि जब मेरी बहन सो ही रही है तो क्यों न नाइटी भी नीचे कर के दूध दबाने के बाद पीने की कोशिश करूं!
लेकिन कमरे में और भी लोग थे तो मुझे ये करना सही नहीं लगा.
फिर मैंने उसकी नाइटी में हाथ डाल दिया और अपनी बहन के नर्म गर्म दूध दबाने लगा.
दोस्तो, क्या बताऊं … बहुत ही मस्त दूध थे!
फिर मैंने अपनी बहन की पेंटी को नीचे कर दिया और अपना लन्ड बाहर निकाल कर पहले रिशू के हाथ में दिया. फिर मैंने एक पैर रिशू के ऊपर रख दिया जिससे मेरा लन्ड रिशू की बुर को टच करने लगा.
मैंने रिशू को थोड़ा सा सीधा किया और मैंने उसके ऊपर जाने की कोशिश भी की लेकिन असफल रहा क्योंकि तब तक मैच समाप्त हो गया था.
तभी मैंने रिशू के कपड़े ठीक किए जल्दी जल्दी से!
उस दिन से मैं सोचने लगा कि कैसे भी करके अपनी चचेरी बहन रिशू की बुर की चुदाई करनी है।
इसके बाद हम सब लोग गर्मियों की छुट्टियों में अपनी बुआ जी के घर गए.
वहाँ पहुंच के सबने आराम किया.
फिर जब रात हुई तो सोने के लिए बिस्तर छत पर लगाया गया क्योंकि बिजली गुल थी.
मैं और रिशू पास पास लेटे थे एक ही पलंग पर … और बुआ जी, फूफा जी, सब लोग नीचे लेटे थे जमीन पर बिस्तर बिछा के!
सब लोगों ने थोड़ी देर बात की.
फिर सब सोने लगे.
रात के 1 बजे मैंने उठ के देखा कि बुआ जी और फूफाजी, सब लोग लाइट आने की वजह से नीचे चले गए थे.
मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि मैं बहुत दिन से रिशू की बुर चोदना चाहता था. आज मेरा सपना पूरा होने वाला था.
मैंने तुरंत रिशू के पेट पर हाथ रखा.
वो वैसे ही सोती रही.
फिर मैंने उठ के पहले जीने का दरवाजा बन्द कर लिया जिससे कोई आ न जाए चुदाई करते समय!
इसके बाद तुरंत मैंने रिशू की नाइटी उतार दी और लैगी भी उतार दिया.
अब रिशू मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी.
क्या बताऊं दोस्तो … क्या माल लग रही थी मेरी बहन रिशू!
फिर मैंने दूध दबाये थोड़ी देर तक उसके बाद रिशू की ब्रा और पैंटी भी निकाल दिया.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने तुरंत अपनी अंडरवियर निकली और रिशू के ऊपर बिना किसी डर के लेट गया।
लेकिन रिशू जाग गई और जब उसने देखा कि वो बिना कपड़ों के है तो उसने कहा- भाई, ये क्या कर रहे थे तुम मेरे साथ?
मैंने कहा- यार रिशू, तुम इतनी हॉट और सेक्सी हो. तुमको अपने पास पाकर चोदने का मन कर रहा था. तभी तुमको चोदने की कोशिश कर रहा था. लेकिन तुम जाग गई.
वो मना करने लगी.
फिर मैंने कहा- यार आज चोद लेने दो प्लीज. अगर तुमको मजा नहीं आयेगा तो कभी मत चोदने देना!
उसने थोड़ी देर सोचा, फिर मान गई.
अब किसी बात का डर नहीं था क्योंकि हम दोनों राजी थे।
पहले मैंने रिशू से कहा- मेरा लन्ड चूसो पहले … फिर कुछ करते हैं!
लेकिन उसने मना कर दिया और बोली- यार, ये सब न करवाओ!
फिर मेरे बहुत कहने के बाद मेरी बहन मान गई और मेरा लन्ड चूसने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर जब मैंने कहा- बस करो!
तो रिशू ने कहा- भाई अब थोड़ा और रुक जाओ, मुझे चूस लेने दो, मुझे बहुत मजा आ रहा है ऐसा करने में!
मैंने कहा- ठीक है, तुम चूस लो जितना मन हो! फिर मैं भी जितना मन होगा उतनी देर तेरी बुर चोदूंगा!
रिशू बोली- ठीक है भाई … अब तो मैं तुम्हारी ही हूं जब मन करे तब चोद लिया करना!
तो रिशू बहुत देर तक मेरे लंड को चूसती रही, खेलती रही.
जब वो लंड चूस कर hat गयी तो मैं रिशू के ऊपर आ गया.
मैंने कहा- जब लंड तेरी बुर में घुसे तो चीखना मत! थोड़ा बर्दाश्त कर लेना! लंड मेरा बड़ा है, तुम्हारी बुर अभी तक चुदी नहीं है तो टाइट होगी. थोड़ा बर्दाश्त कर लेना, आवाज न करना!
फिर मैंने रिशू की बुर पर लंड लगाया और उसके दूध पीने लगा.
तभी मुका देख कर मैंने एक धक्का लगाया.
मेरा आधा लंड मेरी बहन रिशू की बुर में चला गया.
रिशू दर्द के मारे तड़प कर रह गयी पर कुछ नहीं बोली.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने पूरा लन्ड रिशू की बुर में डाल दिया.
अब रिशू को और ज्यादा दर्द होने लगा तो वो बोली- भाई, बहुत दर्द हो रहा है. निकाल लो प्लीज अमन … तुम्हारा बहुत बड़ा लंड है. मेरी बुर दर्द कर रही है.
थोड़ी देर तक मैं रुका रहा, बहन की चूची पीता रहा.
फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं उसे चोदने लगा.
और अब रिशू को भी मजा आने लगा, वो कहने लगी- भाई, आज अपनी बहन की बुर चोद दो खूब! अमन दूध भी दबा लो जितना मन हो!
मैंने कहा- बहुत दिन से मैं तुम्हें छोड़ने की कोशिश कर रहा था … आज जाकर मिली हो मेरी जान!
उस रात रिशू को कई बार चोदा.
तब से रिशू हर हफ्ते में 5-6 दिन तो अपनी चूत मुझसे चुदवाती ही है.
मैं भी अपनी चचेरी बहन को खूब चोदता हूँ क्योंकि रिशू खुद कहती है- भाई आओ चलो, चोद दो चल के थोड़ा!
उसको तो रोज रोज चुदवाने की आदत हो गई है.
(06-06-2022, 03:09 PM)neerathemall Wrote:
छोटी चचेरी बहन
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#76
मैं 20 वर्षीय युवती हूं. रंग साफ, कंटीले नैन नक्श की मालकिन हूं, कद पांच फीट, फिगर 32-28-34 है। कद मेरा छोटा है परंतु मेरे खूबसूरत चेहरे और गदराए जिस्म के आगे कोई मर्द मेरा कद नहीं देखता।

तो मैं आपको बताना चाहूंगी उस रात के बारे में … मेरी कामुकता कहानी के बारे में जब पहली बार किसी मर्द ने मेरे जिस्म को छुआ था।
बात है आज से दो वर्ष पूर्व की जब मैं अठारह वर्ष से कुछ महीने ऊपर की हो चुकी थी. मैं गोरखपुर अपनी मौसी के घर गई थी.
मेरी मौसी का विवाह एक धनी परिवार में हुआ है. वहां उनके पास ऐशो आराम की कोई कमी नहीं है।
मौसी के घर में उनके पति के अलावा उनका एक देवर अमित भी रहता है।
मैं रात भर के थकान भरे सफर के बाद गोरखपुर स्टेशन पर पहुंची.
मेरे मौसा मुझे लेने आए थे, उनके साथ कुछ मिनट में ही मैं मौसी के घर पहुंच गयी।
मौसी मुझे देख बहुत खुश थीं और मेरे स्वागत में उन्होंने तमाम पकवान बना रखे थे। मैं बहुत खुश हुई मौसी के प्यार भरे सत्कार से!
खा पीकर मैं गहरी नींद में सो गई.
आंख खुली तो शाम चढ़ चुकी थी। मैं चाय वाय पी कर बाग में टहलने लगी। मेरी मौसी के बंगले से सटे ही एक आम का छोटा सा बगीचा है।
मैंने देखा बाग में एक कोने में एक लड़का, जिसका कद कुछ 6 फीट, रंग जैसे शहद और दूध का मिश्रण, और अच्छे गठीले देह का, फोन पर किसी से बातें करता हुआ टहल रहा था। मैंने उसे एक नजर देखा और मैं समझ गई यह मौसी के देवर महोदय हैं।
यूं तो आज तक मैंने किसी लड़के का हाथ भी नहीं पकड़ा था क्यूंकि मैं हमेशा अपनी पढ़ाई लिखाई में ही व्यस्त रही, और इन सब चक्करों में फंसने का कभी वक़्त ही नहीं मिला, हां परंतु मैंने मर्दों से मिलने वाले अटेंशन को बहुत इंज्वाय किया है.
जब मर्द मेरी उभरी हुई चूचियों को लालच भरी निगाहों से देखते हैं, तो मेरा रोम रोम प्रफुल्लित हो उठता है।
खैर आती हूं वापस कहानी पर!
मैंने उसे देखा, और अचानक से मेरे हृदय में काम की ज्वाला जग गई. मेरी आंखों में कल्पनाओं का सागर उमड़ने लगा. लगा बस अब मेरी जवानी की नैया का खिवैया मिल चुका।
अब मैं इस ताक में थी कि कब वह मुझे देखे।
मैंने एक तरकीब सोची।
उस वक्त मैंने एक रेड टॉप और ब्लैक स्कर्ट पहनी थी।
मैंने पेड़ के आड़ में जाकर अपनी पैंटी निकाल दी और उसे पेड़ के कोटर में छुपा दिया।
जैसे ही हवा का एक झोंका मेरे स्कर्ट के अंदर मेरी चूत को छूकर निकला मेरे शरीर में झुरझुरी छूट गई।
मैंने आसपास देखा तो उस वक्त बाग में मेरे और उसके अलावा कोई नहीं था। मैं सरपट बेधड़क पेड़ पर चढ़ती गई। पेड़ की बनावट कुछ ऐसी थी कि चढ़ाई आसान थी. मेरी कोमल देह से कभी पत्तियां टकराती, तो कभी कुछ छोटी टहनियों मेरी मांसल जांघों को छेड़ देती.
और नीचे से मेरी चूत का नंगा होना मुझे रोमांचित कर दे रहा था. मैं सोच रही थी कि मुझे ब्रा भी निकाल के आनी चाहिए थी।

(07-01-2021, 04:37 PM)neerathemall Wrote:
मेरी चुदक्कड़ बहन जब ठंड में मेरे से चुद गयी
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#77
चचेरी बहन को दी सर्दी में चुदाई की गर्मी
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#78
बात तब की है जब वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से ठंडी की छुट्टियों में घर आती थी, घर में सब लोग उन छुट्टियों में जमा हुए थे. मैं भी कानपुर में पढ़ाई करता हूं तो मैं भी छुट्टियों में घर गया हुआ था। सब मजे में एक दूसरे के साथ मस्ती करते हसी मजाक करते घूमते फिरते। छुट्टियां अच्छी बीत रही थी.
उस ठंड के मौसम में अनुपमा को देख देख कर घर पर मैंने दो तीन बार मुट्ठियां पेल दी थी। बस सोचता ही रहता था कि कैसा इसकी जवानी को पाऊंगा।
पर तभी एक ऐसा दिन आया जिसने मेरी जिंदगी बदल दी।
हुआ यूं कि घर वाले रिश्तेदारी में शादी में जाने वाले थे. सभी का जाना तय हुआ लेकिन तभी हमारी दादी कि तबीयत खराब हुई और कहा गया कि अनुपमा घर पे रहे ताकि दादी को उठाना बैठना, नहलाना करा सके. दादी की उम्र काफी थी और सुनती भी कम थी।
मेरी नजर अनुपमा पे तभी से टिकी थी जब से वो दिल्ली से वापस आई थी. कुछ सोचने के बाद मैं भी दादी की सेवा के बहाने रुक गया और घर वाले चले गए।
उस दिन मैंने सोचा कि आज इस मिठाई को चख कर जरूर रहूंगा.
दादी को दवा देकर सुलाने के बाद हम लोग लैपटॉप पर मूवी देखने बैठे, ठंड थी तो एक ही रजाई में हम दोनों मूवी देख रहे थे।
तभी मैंने बातों ही बातों में उससे उसके कॉलेज लाइफ के बारे में जानना चाहा. वो भी कुछ देर बाद मूवी से ध्यान हटा कर मुझसे अच्छे से बात करने लगी. बातों में पता चला कि उसका वहां एक बॉयफ्रेंड भी है, मुझे उस वक़्त लगा कि गई भैंस पानी में।
पर मैंने सोचा प्रयास करने में क्या हर्ज है मुझे कौन सा प्रेम के पींगें बढ़ानी हैं इसके साथ … बातों बातों में मैंने पूछ लिया- क्या तुम अपने ब्वॉयफरेंड के साथ सब कर चुकी हो?
तब वो चुप हो गई.
मुझे लगा कि मैंने जल्दबाजी कर डाली.
लेकिन उसने जवाब दिया- नहीं, अभी तक कुछ वैसा नहीं किया जैसा तुम सोच रहे हो।
मैं समझ गया कि अब लोहा गर्म हो रहा है, मैं अब माहौल बनाने में लग गया।
तकरीबन बारह बजे इधर उधर की बात करते करते मैंने कहा- चलो चाय बनाते हैं.
उसने हामी भरी और हम रसोई में चले गए.
चाय बनाते वक़्त मैंने उससे कहा- तुम जबसे दिल्ली गई हो, बहुत खूबसूरत हो गई हो.
तो वो हंसने लगी और शुक्रिया कहा.
फिर उसने कहा- तुम भी हैंडसम बन गए हो, कोई मिल गई क्या?
मैंने भी कहा- नहीं मिली तो नहीं … पर लग रहा है जल्दी मिल जाएगी.
शायद इशारों में कहीं बात उसने पकड़ ली थी।
तभी उसने कहा- जब से दिल्ली से आईं हूं, देख रही हूं तुम्हें, मेरे ऊपर से नजर हट नहीं रही तुम्हारी?
चोरी पकड़े जाने पर मैं सकपका गया और कुछ ना बोल पाया.
फिर उसने कहा- अब इतनी बातें हो गई तो बता दो क्या चल रहा है दिमाग में?
उसने मजाकिया लहजे में ही पूछा.
लेकिन मैंने बहुत ही प्यार से कहा- तुम अच्छी लग रही हो मुझे!
और सब सांस में कह डाला कि क्यों मैंने रुकने का फैसला किया।
चाय उबल के गिर गई और उसने मुझे ऐसे देखा की बस जैसे सन्न रह गई हो.
मैंने कहा- चाय उबल गयी.
मुझपे से नजर हटाते हुए उसने चाय उतारी और मंद मंद मुस्कुराने लगी.
मैं समझ गया तीर निशाने पे लगा है।
चाय लेकर हम अंदर कमरे में आए और रजाई में घुस गए. बाहर ठंड भी काफी थी. रजाई के अंदर हमारे पैर टकराने लगे.
उसने पहले कोई हरकत नहीं की पर बाद में वो भी धीरे से अपना पैर मेरे पैर के पास ले आई।
चाय पीकर मैंने उससे कहा- इस ठंड में गर्मी चाय से भला कहाँ मिलेगी?
इशारों में उसने भी कहा- हां, इसकी गर्मी तो पल भर की ही है।
फिर मैंने उसके गले में हाथ डाला और कहा- तो क्या तुम्हें लंबी गर्मी दे दूँ अगर तुम कहो?
मुस्कुराते हुए उसने कहा- अच्छी चीज किसे नहीं पसंद?
बस फिर क्या था … मैंने धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और फिर होंठों के बीच ऐसी रगड़न शुरू हुई कि बगल में रखा कप नीचे गिर पड़ा.
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#79
लेकिन लड़की का दिल्लीपना जाग गया था और मैं भी रुकने के मूड में कतई नहीं था।
ना जाने कब मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसने मेरा … आंख खुली तो कुछ देर के लिए उसे देखता रह गया. सुडौल बदन, पतली कमर और उसके मम्मे जो ट्रक में लदे सामान की तरह बाहर झांक रहे थे.
उसने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी, कसम से कहर ढा रही थी. यह नजारा इतना हॉट था कि लंड मेरा पैंट के अंदर से ही फुंफकारने लगा.
मैंने अनुपमा से पूछा- तुम्हें कैसा सेक्स पसंद है रोमांस वाला या?
बोलते बोलते उसने कहा- भाई, मुझे रफ सेक्स पसंद है.
इतना कहते ही मैं उस पर टूट पड़ा और अगले ही पल उसकी ब्रा बाहर और मम्मे मेरे मुंह में थे. उसकी सिसकारियां मेरे होश उड़ाए जा रही थी।
तभी उसने मुझे बिस्तर पे धक्का दिया, मेरे ऊपर बैठ गई और बेल्ट खोलने लगी. इन सबके बीच मेरी नजर उसके झूलते हुए मम्मों पर ही टिकी रही.
अचानक मैंने उसे अपनी बांहों में भींच लिया और उसके मम्मे चूसने लगा.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने भी उसकी लेगी उतारी. दूसरा झटका उसकी घाटी जैसी चूत को पैंटी के ऊपर से देख कर लगा. लाल ब्रा के साथ ही लाल पैंटी और दूध जैसा गोरा बदन अब तो बस यूं लग रहा था कि कितना तगड़ा चोद दूँ इसे।
अब तक हम दोनों भाई बहन नंगे हो चुके थे और मैं एकदम जोश में था. मैंने उसे पीछे से पकड़ा और जो मम्मे रगड़ना शुरू किए कि उसका शरीर ढीला पड़ गया। पीछे से मेरा लंड भी उसकी गान्ड की दरार में बार बार जाने के लिए मचल रहा था.
तभी अनुपमा ने एक टांग उठाई और बिस्तर के किनारे पर रखा और पीछे से लंड पकड़ कर चूत पर टिका दिया। मैं उस वक़्त पूरे जोश में था समझ नहीं आ रहा था कि जिसे सिर्फ ख्यालों में चोदा है उसके साथ अब असली में क्या करूँ?
चूत को छूते ही मैंने धक्का लगाना शुरू किया. लंड इतना कड़क हो गया था कि उसके टपकते पानी से फिसल जा रहा था।
तब अनुपमा पलटी और बिस्तर पर टांग खोल कर लेट गई. मैं समझ गया कि वो चूत चटवाना चाह रही है.
उसे ज्यादा इंतजार ना करवाते हुए मैंने भी तुरंत अपनी जीभ उसकी चिकनी चूत में घुसा दी. जीभ लगते ही अनु उछल पड़ी और मेरा सर अंदर की तरफ दबाने लगी जैसे मुझे अंदर तक भर लेगी. उसके जोश को देखकर मैं और अच्छे से चूत से खेलने लगा और एक हाथ से उसके मम्मे सहलाने लगा।
अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने भी चूत का पानी साफ कर दिया था.
उसने मुझे कहा- अविनाश भाई, प्लीज़ फक मी हार्ड!
उसकी इन बातों को सुन कर मैंने भी उससे कहा- बस जानेमन, ऐसे चोदूंगा अब कि तेरा ब्वॉयफ्रेंड भी तुझे कभी ऐसे ना चोद पाएगा।
इतना कहते ही मैंने एक झटके में चूत पर लंड टिकाया और दे मारा।
अनुपमा चीख उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
उसकी चीख दबाने के लिए मैंने उसके होंठ अपने होंठों से दबा दिए. उसने उस वक़्त काफी कोशिश की मुझे हटाने की क्योंकि उसे दर्द हो रहा था.
लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था, धीरे धीरे मैंने धक्के की रफ्तार को बढ़ाया और उसे भी तब मजा आने लगा। मैंने अब उसके होंठों से अपने होंठ हटा लिये. अब वो पूरे मस्ती में चुदवा रही थी, उसका जोश देखने लायक ही था, वो भी मेरा पूरा साथ देते हुए मुझे पकड़ के चूत उठा उठा कर चुदवा रही थी.
उसके उछलते हुए मम्मे आग में घी जैसे काम कर रहे थे।
कुछ देर बाद मैंने उससे मेज की तरफ इशारा करते हुए कहा- चलो उसे पकड़ के झुक जाओ!
वो समझ गई कि मैं उसकी गान्ड मारने की बात कर रहा हूं, उसने कहा- बहुत दर्द होगा … नहीं?
मैंने उसे बांहों में उठा कर चुम्मा करते हुए मेज के पास खड़ा किया और उसके मना करते करते मैंने उसे झुका दिया था। अनुपमा लगातार मना कर रही थी लेकिन मैं कुछ सुनने के मूड में नहीं था.
मैंने उसके मम्मे सहलाते हुए कहा- जानू कुछ पल का दर्द … बस फिर मजा ही मजा।
ये कहते हुए मैंने गान्ड को हाथ से फैलाया और छेद पर अपना सुपारा रख कर अंदर डालने की कोशिश करने लगा।
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थोड़ा सा छेद फैलने पर वो तेज चिल्लाने लगी, उसकी आवाज दबाने के लिए पहले मैंने एक क्रीम अपने लन्ड और गान्ड के छेद पर लगाई, फिर पीछे से उसका मुंह पकड़ कर लंड गान्ड में देने की कोशिश करने लगा.
धीरे धीरे उसकी सिसकारियों के बीच आधा लंड गान्ड में जा चुका था. अब मैंने उसका मुंह खोला और बहन की गान्ड मारनी शुरू की।
वो ऐसा पल था कि बस मानो जन्नत मिल गई हो।
कुछ देर तक गान्ड मारने के बाद हम अब थक चुके थे।
उस रात तीन राउंड चोदने के बाद हम बुरी तरह थक गए थे. लगभग तीन बज रहे थे, हम नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
थोड़ी देर बाद वो उठी उसने ब्रा पैंटी पहनी. और वो कपड़े पहन ही रही थी तब मैं उठा, मैंने उससे कहा- जानेमन, तुमने मीठा तो खाया ही नहीं?
वो मुस्कुराई और चली गई.
मैं उसके पीछे पीछे साथ गया और वहां उसे दीवार से सटा कर लिप लॉक किया. कुछ देर तक करने के बाद उसने अपना हाथ लंड की तरफ बढ़ा दिया और फिर वहीं मैंने उसे अपना लंड चुसवाया. जैसे ही उसने मेरे लन्ड को अपने मुंह में रखा, मेरा शरीर ढीला पड़ने लगा. दोनों हाथ से अच्छे से पकड़ कर मेरी बहन एकदम रंडियों की तरह मेरा लंड चूसे जा रही थी। उसे उस वक़्त देख कर शायद कोई ना कहता कि इस पहले कभी लंड नहीं चूसा होगा।
उसका जोश देखकर मैंने उसका सिर पीछे से दबाया और लंड को गले तक पहुंचा दिया. कुछ देर में ही उसने लंड बाहर निकलते हुए खांसना शुरू कर दिया. फिर अगले ही पल फिर से चूसने लगी और अंदर तक ले गई. लगभग दस मिनट के बाद मेरा माल निकल गया, उसने सारा माल अपने मुंह में ही भरा और उंगलियों से बाकी चाट चाट के पी गई.
आखिरी की कुछ बूंदें उसके होंठों पर लगाते हुए मैंने लंड बाहर निकाला।
फिर वो उठी और कहा- अब से हर छुट्टी में मुझे ये मिठाई चाहिए।
मैंने भी लिप लॉक करते हुए उसे कहा- जरूर मेरी बहना।
सुबह सब वापस आ गए थे. कुछ दिन बाद अनुपमा चली गई और वो रंगीन यादें जो हमने बनाई थी, उनके भरोसे मैं भी अपने घर आ गया।
आज भी जब मेरी चचेरी बहन घर आती है तो मुझसे जरूर चुदवाती है। हमने बाइक पर बैठ के भी खूब मजे किए है।
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