23-05-2022, 05:13 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery सलहज
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23-05-2022, 05:13 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 06:15 PM
एक रात सलहज चोदने को मिल गई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 06:16 PM
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27-05-2022, 06:19 PM
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भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 06:30 PM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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27-05-2022, 06:32 PM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
15-06-2022, 02:15 PM
एक रात सलहज की चूत चोदने मिल गई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
15-06-2022, 02:19 PM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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15-06-2022, 02:21 PM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
15-06-2022, 02:23 PM
उस बार मैंने उसे हचक कर चोदा.
वो भी अपनी चूत को हर आसन में चुदवाने को मचल रही थी. मैंने रात भर अपनी सलहज की चूत का मजा लिया. पूरी रात चुदाई के चार राउंड करने के बाद हम दोनों काफी थक चुके थे. अमिता को भी नींद आ रही थी. मैंने उसको सोने के लिए कहा और हम दोनों बिना कपड़ों के सो गए. अगली सुबह मॉर्निंग जब मैं उठा तो देखा कि वह बिस्तर पर नहीं थी. जब मैंने बाहर देखा, तो वो किचन में काम पर लगी हुई थी. मैंने उसे आवाज लगाई और चाय बनाने के लिए कहा. मेरे दिमाग़ में अभी भी सेक्स करने की इच्छा चल रही थी. मैंने उसके रूम में आने से पहले ही लंड सहलाना शुरू कर दिया था. कुछ ही देर में वो अन्दर आई और मुझे लंड सहलाते देख कर मुस्कुराने लगी. उसने कहा- जीजू, अभी तक शांत नहीं हुए आप! मैंने कहा- तू है ही इतनी सेक्सी कि कंट्रोल करना मुश्किल है. मेरी बात सुनकर वो मेरे पास आकर मुझे लिपकिस करने लगी. मैंने उसे कपड़े उतारने के लिए कहा. वो झट से अपना सलवार कुर्ता उतार कर मेरे पास आ गई. उसने सिर्फ़ ब्लैक कलर की ब्रा डाल रखी थी. मैंने उसे मेरे मुँह पर बैठने को कहा. वो अपनी चूत चटवाने के लिए मेरे मुँह पर बैठ गई. मैंने जीभ से उसकी फुद्दी चाटना शुरू कर दिया. मेरी जितनी जीभ अन्दर तक जा सकती थी, मैंने डालकर मजा लिया. मेरी इस हरकत से वो फिर से चुदासी हो गई और मेरे मुँह से चूत हटा कर मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसकी चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया. वो और ज़्यादा गर्मा गई और मुझे लंड अन्दर डालने के लिए कहने लगी. मैं झट से उसके ऊपर चढ़ गया और लंड सैट करके एक ही झटके में पूरी ताक़त से अपना लंड उसकी फुद्दी में उतार दिया. वो ‘आह मर गई …’ कह कर सिहर उठी. कुछ ही मिनट में ही उसको चरम सुख की प्राप्ति होने लगी और उसकी चूत से पानी बाहर बहने लगा. वो चिल्लाने लगी. मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड बाहर निकाला और उसके मम्मों पर मुठ मारने लगा, अपने लंड का सारा पानी उसके मम्मों और पेट पर निकाल दिया. वो खुश हो गई. उस दिन शाम को मेरे साले और सासू मां को वापस आना था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-07-2022, 05:58 PM
(15-06-2022, 02:15 PM)neerathemall Wrote: neerathemall स्वरा मुझसे अपनी हर बार साझा करती रहती थी, जिस कारण से हम दोनों काफ़ी क्लोज हो गए थे. उसकी बातों से मुझे ये भी मालूम थी कि उसका पति उसमें कम इंटरेस्ट लेता था. पता नहीं क्यों … लेकिन मेरे लिए तो ये सही था. एक दिन मेरी सासू मां और उसके बेटे को उनके कोई निजी काम से एक दिन के लिए दिल्ली जाना पड़ा. उन्होंने मुझसे कहा- आप या तो यहां रुक जाना या स्वरा को वहां अपने घर ले जाना. स्वरा ने कहा- मैं जीजा जी के घर जाऊंगी तो घर सूना हो जाएगा. जीजू यहीं रुक जाएंगे. एक रात की तो बात है. ये बात सुनकर उन्होंने भी हां कर दी और मैं उन दोनों को बस पर छोड़ कर उनके घर दस बजे के करीब पहुंच गया. स्वरा ने नाइट सूट पहना हुआ था. नीचे पज़ामा और ऊपर बटनों टी-शर्ट वाली. तो स्वरा ने मुझसे कहा- जीजू आपको चेंज करना है, तो कर लीजिए, फिर आराम से बैठते हैं. मैं बाथरूम में चेंज करने चला गया. मैंने जानबूझकर बाथरूम का गेट पूरा बंद नहीं किया. जब मैं अन्दर गया तो अन्दर स्वरा की ब्रा टंगी हुई थी. मैं वहां उसकी ब्रा अपने लंड पर लपेट कर मुठ मारने लगा. कुछ ही देर में मैंने अपने लंड का पानी ब्रा में निकाला और चेंज करके बाहर आ गया. मुझे ये नहीं पता था कि उस ब्रा को थोड़ी देर में ही उठा कर मशीन में डालने वाली है. मैं अन्दर बैठा था तो मैंने देखा कि वो बाथरूम में गई और उसने बाथरूम से कपड़े उठाए. फिर उसने मेरी और थोड़ा अजीब सी नजरों से देखा. फिर वो वॉशिंग मशीन की तरफ चली गयी. मैं समझ गया कि इसे पता चल चुका है कि मैंने इसकी ब्रा के साथ क्या किया है. फिर वो कमरे में आ गई. कमरे की लाइट्स ऑफ होने के बाद रूम में अंधेरा हो गया था. हम दोनों ही बेड पर लेटे हुए बातें कर रहे थे. बातों बातों में वो मुझे बताने लगी थी कि इनको सेक्स में कोई इंटरेस्ट ही नहीं है. मैं कुछ कहूँ तो उन्हें मेरी बात बुरी लगती है. मैंने कहा- नहीं तुम नहीं कहा करो, तुम क्यों ये सब कह कर अपनी वैल्यू कम करती हो. वो बोली- हां, अब मुझे उनसे कुछ नहीं कहना है. मुझे उनसे अब कोई शिकायत नहीं है. उसकी ऐसी बातें सुनकर मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था. मैंने अंडरवियर भी नहीं पहनी थी, तो पजामे में मेरा लंड तम्बू बना रहा था. रात के 12.30 बज चुके थे और स्वरा को नींद आ चुकी थी. फिर भी मैंने चैक करने के लिए उसको आवाज लगाई. उसका कोई जवाब नहीं आया. मुझे कुछ हिम्मत मिली और मैं धीरे धीरे सरक कर उसके पास चला गया. वो चित सोई हुई थी और उसने अपने बदन पर चादर डाला हुआ था. शायद एसी के कारण उसे ठंड लग रही थी. मैंने चादर को धीरे से एक तरफ किया और जहां उसकी टी-शर्ट के बटन थे, वहां हल्के हाथों से बटन खोलने लगा. उसकी शर्ट में बटन आराम से खुलने वाले थे, तो जरा सी कोशिश में ही उसके दो बटन खुल गए. एसी की एलईडी की रोशनी कमरे में काफी उजियाला कर रही थी जिसमें से में मुझे उसका पेट साफ़ दिखाई देने लगा था. फिर मैं ऊपर वाले बटनों की तरफ गया तो वो उसके फूले हुए मम्मों के कारण उधर के बटन काफी टाइट लगे थे. मुझसे बड़ी मुश्किल में उसमें से एक ही बटन खुल पाया. तभी वो हिलने लगी और करवट लेकर पलट गई. मुझे बहुत खीज हुई क्योंकि मुझे उसके बूब्स टच करने थे और अब वो उस साइड मुँह करके सो गई थी. फिर भी मैंने अपनी कोशिशें जारी रखीं और कुछ मिनट बाद उसकी पीठ तरफ से उसका पज़ामा नीचे करने की कोशिश करने लगा. स्वरा की फूली हुई गांड होने के कारण पजामा ने नीचे उतरने से मना कर दिया और मुझसे झांट कुछ नहीं हो पाया. अब जब तक वो वापिस नहीं मुड़ जाती, तब तक मेरे पास कोई रास्ता नहीं था. थोड़ी ही देर बाद मुझे ऐसे लगा जैसे शायद उसको सुसु आई क्योंकि वो हिल रही थी और उठने की कोशिश में थी. मैंने इसे एक मौक़ा माना और मैं फटाफट उठ कर वॉशरूम में चला गया. बाथरूम का गेट बिना बंद किए मैं मूतने लगा. मैं इस तरह से खड़ा था कि मेरा लंड उसे दिख जाए. एक मिनट बाद ही वो आंखें मसलती हुई जब बाथरूम के पास आई तो मैं अपने लंड को हिला रहा था. उसने मेरे लंड को देखा और वो एक तरफ हो गई. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-07-2022, 05:58 PM
वो बोली- जीजू, गेट बंद नहीं किया आपने.
मैंने कहा- कोई और था नहीं घर पर, मुझे नहीं पता था कि तुम भी उठ जाओगी. गर्मी कुछ ज्यादा थी तो नहीं किया. वो बोली- ओके. कुछ पल बाद मैं बाहर आ गया और वो अन्दर चली गई. उसने सुसु की और हम दोनों वापिस बेड में आ गए. हम दोनों फिर से सोने लगे. उस समय रात के 3 बजे से ज्यादा का समय हो गया था. उसने ठंड की वजह से एसी बंद कर दिया था और चादर भी हटा दिया था. वो जब सो गई तो मैंने उसके मम्मों को सहलाना शुरू किया. उसका कोई विरोध नहीं हुआ तो मुझे हिम्मत आ गई. मेरी सोच यही थी कि आज कैसे भी करके ये मौका नहीं छोड़ना है. मैंने हल्के से उसको आवाज दी, ‘स्वरा …’ उसका कोई उत्तर नहीं आया. मैंने फिर से उसे जगाया, तो वो नींद में ही बोली- हां जीजा जी. मैंने कहा- स्वरा यार, मैं तुझे पसंद करता हूँ. ये बात सुनकर वो हंसने भी लगी और शर्मा गई. वो बोली- मैं नींद में इतनी भी बेसुध नहीं हूँ, जो मुझे पता नहीं चल रहा कि आप क्या कर रहे हो. पहले मेरी ब्रा में अपना पानी गिराया, फिर मेरी शर्ट के बटन खोले. मुझे सिड्यूस करने के बाद भी आपने कुछ नहीं किया और 3 बजा दिए. मैंने कहा- क्या मतलब? वो बोली- मुझे भी जरूरत है जीजू … बहुत दिन से मैं भी प्यासी हूँ. इतना कहते ही वो मेरे गले लग गई और हम दोनों लिपकिस करने लगे. वो मेरे ऊपर आ गई और उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया. वो मेरे सीने को पागलों की तरह चूमने और चूसने लगी. मैंने उसकी शर्ट को उतार दिया और वो ऊपर ब्रा में रह गई. मैंने उसका पज़ामा उतार कर उससे कहा- हनी 69 में आ जाओ. उसके पति ने कभी उसकी चूत नहीं चाटी थी तो वो 69 समझ नहीं पा रही थी. फिर मैंने खुद ही उसकी चूत की तरफ आकर उसकी चूत चाटी, तो वो कंट्रोल से बाहर हो गई. मैं लगा रहा और वो आंह आंह करती रही अपनी चूत मेरे मुँह में देती रही. कुछ ही पलों में उसकी चूत का सारा पानी मेरे मुँह में आ गया. वो झड़ कर मेरे बाजू में लेट गई. कुछ मिनट बाद मैं नंगा हो गया और उसको गोदी में उठा कर उसे चूमने लगा. मेरा लंड उसकी चूत में रगड़ मार रहा था. उसने मेरे लंड को हाथ पकड़ कर रास्ता दिखाया और मैंने लंड चूत में डाल दिया. वो आंह कह कर सिसक उठी. उसकी चूत एकदम कसी हुई थी. साले साहब का लंड एक तो छोटा था और काफी दिन से चूत में गया भी नहीं था. कुछ देर की उन्ह आह के बाद वो चुदाई के पूरे मजे लेने लगी. हमारी चुदाई धकापेल चलने लगी. पहली बार का मामला था तो ये चुदाई 10 मिनट ही चली और मेरा लंड पानी छोड़ने को हो गया. मैंने लंड चूत से निकला और पानी बाहर ही छोड़ दिया. वो काफी खुश थी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-07-2022, 05:59 PM
मैंने रात भर अपनी सलहज की चूत का मजा लिया.
पूरी रात चुदाई के चार राउंड करने के बाद हम दोनों काफी थक चुके थे. स्वरा को भी नींद आ रही थी. मैंने उसको सोने के लिए कहा और हम दोनों बिना कपड़ों के सो गए. अगली सुबह मॉर्निंग जब मैं उठा तो देखा कि वह बिस्तर पर नहीं थी. जब मैंने बाहर देखा, तो वो किचन में काम पर लगी हुई थी. मैंने उसे आवाज लगाई और चाय बनाने के लिए कहा. मेरे दिमाग़ में अभी भी सेक्स करने की इच्छा चल रही थी. मैंने उसके रूम में आने से पहले ही लंड सहलाना शुरू कर दिया था. कुछ ही देर में वो अन्दर आई और मुझे लंड सहलाते देख कर मुस्कुराने लगी. उसने कहा- जीजू, अभी तक शांत नहीं हुए आप! मैंने कहा- तू है ही इतनी सेक्सी कि कंट्रोल करना मुश्किल है. मेरी बात सुनकर वो मेरे पास आकर मुझे लिपकिस करने लगी. मैंने उसे कपड़े उतारने के लिए कहा. वो झट से अपना सलवार कुर्ता उतार कर मेरे पास आ गई. उसने सिर्फ़ ब्लैक कलर की ब्रा डाल रखी थी. मैंने उसे मेरे मुँह पर बैठने को कहा. वो अपनी चूत चटवाने के लिए मेरे मुँह पर बैठ गई. मैंने जीभ से उसकी फुद्दी चाटना शुरू कर दिया. मेरी जितनी जीभ अन्दर तक जा सकती थी, मैंने डालकर मजा लिया. मेरी इस हरकत से वो फिर से चुदासी हो गई और मेरे मुँह से चूत हटा कर मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसकी चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया. वो और ज़्यादा गर्मा गई और मुझे लंड अन्दर डालने के लिए कहने लगी. मैं झट से उसके ऊपर चढ़ गया और लंड सैट करके एक ही झटके में पूरी ताक़त से अपना लंड उसकी फुद्दी में उतार दिया. वो ‘आह मर गई …’ कह कर सिहर उठी. कुछ ही मिनट में ही उसको चरम सुख की प्राप्ति होने लगी और उसकी चूत से पानी बाहर बहने लगा. वो चिल्लाने लगी. मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड बाहर निकाला और उसके मम्मों पर मुठ मारने लगा, अपने लंड का सारा पानी उसके मम्मों और पेट पर निकाल दिया. वो खुश हो गई. उस दिन शाम को मेरे साले और सासू मां को वापस आना था. मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली और तीन बजे तक अपनी सलहज को चोद चोद कर तृप्त कर दिया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-07-2022, 06:08 PM
मेरी मस्त सलहज
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-07-2022, 06:09 PM
(28-07-2022, 06:08 PM)neerathemall Wrote: जब मेरी साले की शादी होने वाली थी. मेरा साला एक सरकारी नौकरी में है और उसके लिए एक अच्छी सी लड़की ढूंढी जा रही थी. यह जिम्मेदारी मुझे दी गई थी. एक बार मैं और मेरा साला, एक लड़की देखने के लिए गए. ये लड़की मुझे देखते ही पसंद आ गई. उस समय मेरे मन में उसको लेकर ऐसा कोई विचार नहीं था कि कभी इसे चोद सकूंगा. वो लड़की बहुत ही सुंदर थी. उसका नाम काव्या था. उसका फिगर भी बड़ा मस्त था. उस टाइम उसकी उम्र करीब 25 साल की रही होगी. मेरे साले को काव्या पसंद आ गई और कुछ ही समय बाद उन दोनों की शादी हो गई. शादी में काव्या एक मस्त पटाखा माल लग रही थी. उस दिन शादी की मस्ती में मैंने ड्रिंक की हुई थी. हल्के शुरुर में मेरा मन कर रहा था कि काश किसी दिन इस लड़की को अपने नीचे लिटा कर चोद लूं. यहां मैं आपको बता दूं कि काव्या एक खुले विचारों की पढ़ी-लिखी लड़की थी, जिसको लेकर मुझे ये समझ आ गया था कि यदि पट गई, तो इसको चोदने में ज्यादा देर नहीं लगेगी. मेरे साले की शादी के कुछ दिन बाद एक बार मेरी पत्नी की तबीयत कुछ खराब हो गई. मेरी वाइफ को डॉक्टर ने पूर्ण विश्राम बताया था, इस वजह से वह कुछ काम नहीं कर पाती थी. मेरी पत्नी ने अपनी मम्मी से बात की और मेरी साले की पत्नी को मेरे यहां बुलवा लिया. काव्या बहुत ही खुश मिजाज प्यारी सी लड़की थी. सारा काम मेरे साले की पत्नी करती थी. ऐसे ही रसोई में काम करते करते कभी कभी मैं उससे मजाक कर लिया करता था और उसकी तारीफ कर दिया करता था. एक बार मैंने उसकी तारीफ की और बोला- तुम बहुत खूबसूरत हो और मुझे लंबी लड़कियां पसंद हैं. वह थोड़ी शर्मा गई और मुझे देख कर मुस्कुरा दी. मैं ऊपर अपने बारे में बताते समय एक बात बताना भूल गया था कि मैं करीबन 6 फीट लंबा हूं, पर मेरी वाइफ की हाइट करीब 5 फुट 1 इंच है. इसी बात को लेकर मेरे साले की वाइफ ने मुझसे पूछा- जीजाजी, अगर आपको लंबी लड़कियां पसंद हैं, तो आपने दीदी से शादी क्यों की? उसकी बात का मैंने कोई जवाब नहीं दिया. बस यूं ही हंस कर रह गया. फिर एक दिन अचानक वह रसोई में कुछ काम कर रही थी और मैं रसोई में पानी लेने के लिए गया. वह अचानक से डर गई और मुझसे बोली- जीजा जी, आपने तो मुझे डरा ही दिया. मैंने भी मजाक में बोल दिया- मुझसे डरने की क्या जरूरत है. उसने मुझे बोला- क्यों … आप इतने लंबे तगड़े आदमी हो … आपसे तो डर लगेगा ही. मैंने फिर से छेड़ते हुए बोला- तगड़ा मतलब? इस बात पर वो चुप हो गई. मैंने उससे फिर से पूछा- बोलो ना तगड़ा मतलब क्या? उसने बताया- दीदी बता रही थी कि आप बहुत रोमांटिक हो और जब दीदी ठीक थीं, तो आप उनको बहुत परेशान करते थे. मैंने मुस्कुरा कर पूछा- क्यों तुमको मेरे साले साहब परेशान नहीं करते हैं क्या? वो शर्म से लाल हो गई और उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया. मैंने भी उससे अब इस तरह की चुहलबाजी शुरू कर दी थी. वो भी मुझसे खुलने लगी थी. इस तरह बातें करते हुए मेरी और मेरे साले की वाइफ की अच्छी दोस्ती हो गई. एक दिन मेरी पत्नी डॉक्टर के यहां गई थी. मैं हाफ-डे में ही ऑफिस से घर आ गया. काव्या ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर वो मेरे लिए पानी का गिलास ले आई. मैंने उसको बोला- वाह मैडम, आज तो तुम कुछ ज्यादा ही ब्यूटीफुल लग रही हो. उसने भी मुझे रिप्लाई किया- अच्छा … घर पर दीदी नहीं है … तो जनाब का इरादा कुछ अलग दिख रहा है. मैंने उसको बोला- इरादा का तो बहुत कुछ है … जिस दिन से तुमको देखा था … इरादे तो मेरे उसी दिन बन गए थे, पर मैं कभी किसी लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं करता हूँ. इसलिए इंतजार कर रहा था कि अगर तुम मेरी किस्मत में हुई, तो इरादा भी बता दूंगा. इससे वह थोड़ी शरमा गई. उसने मेरी बात का कोई उत्तर नहीं दिया. मगर हम दोनों में अब और भी खुल कर मजाक होने लगा था. वो मेरे सामने ही अपनी साड़ी के आंचल को ढलका देती थी, जिससे मुझे उसके नुकीली उभार दिखने लगते थे. मैं भी उस मौके पर उसे टोक देता था कि आज तो छटा बिखर रही है. वो तब भी अपने पल्लू को ठीक नहीं करती थी, बल्कि मुझे और भी झुक कर अपने मम्मों के दीदार करवाने लगती थी. उसकी लालसा अब जोर पकड़ने लगी थी, ऐसा मुझे लगने लगा था. मैं भी लंड सहला कर से अपनी चुदास से रूबरू करवाने लगा था. इस तरह एक-दो हफ्ते बीत गए और हम दोनों की छेड़खानी चलती रही. एक दिन उसने मुझसे बातों ही बातों में पूछा- आपको मुझमें क्या अच्छा लगता है? मेरे मुँह से निकल गया- तुम्हारी चूचियां. इससे वो एकदम जोर से हंसते हुए बोली- बड़े गंदे हो आप! मैंने उसको बोला- तुमने अभी गंदापन देखा ही कहां है. उसने तुरंत उत्तर दिया- मैं तो कब से वेट कर रही हूं. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-07-2022, 06:11 PM
फिर अचानक से काव्या बोली- अभी नहीं जीजाजी … आज रात को मैं आपके कमरे में आऊंगी. मैंने उसके दूध दबाते हुए कहा- ठीक है मेरी जान … मुझे इन्तजार रहेगा. मैं उससे अलग होकर अपने कमरे में जाकर लेट गया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-07-2022, 04:50 PM
neerathemall Wrote: Good ?
14-08-2022, 06:46 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
20-08-2022, 04:45 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-09-2022, 02:22 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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