09-03-2022, 05:01 PM
सलहज
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery सलहज
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09-03-2022, 05:01 PM
सलहज
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
09-03-2022, 05:02 PM
(This post was last modified: 17-03-2022, 01:18 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अमिता मेरे बड़े साले की बीवी यानि मेरी सलहज है, दो बच्चों की माँ है, मुझसे करीब आठ साल बड़ी यानि कि 38 साल की लेकिन उसे देखकर लगता है कि उसकी उम्र 30 की होगी।
(09-03-2022, 05:01 PM)neerathemall Wrote: जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
09-03-2022, 05:03 PM
(This post was last modified: 10-03-2022, 05:12 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
......
गोरा रंग, 34-30-36 का बदन, उसके बाल लम्बे हैं और कूल्हों तक आते हैं, खुले बाल लेकर जब वो चूतड़ मटकाती हुई चलती है तो आग सी लग जाती है। मुझे उसकी नज़रों से लगता था कि मेरी तरफ़ उसका कुछ झुकाव है। मेरे सामने उसकी हरकतें बड़ी मादक होती थी, छेड़छाड़ और मज़ाक वगैरह, कभी कभी व्यस्क चुटकले भी! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
09-03-2022, 05:05 PM
Quote:मैंने कुछ सुना नहीं, उनके बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे… मैंने सलवार की इलास्टिक खींची तो साथ में गुलाबी रंग की पैंटी भी नीचे आ गई। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
10-03-2022, 11:59 AM
लेकिन उसने कभी भी अपनी सीमा नहीं लांघी थी और उसकी यही अदा मुझे उसकी तरफ खींचती थी।
उससे मिल कर आने के बाद मैं बेचैन हो जाता था और उस दिन सुरेखा (मेरी बीवी) को बुरी तरह चोदता था। वो भी कहती थी ‘आज क्या हो गया है.. उफ़ मार डालोगे क्या..?’ वो बेचारी वैसे ही मेरे मोटे लंड से खौफ खाती थी, पहली रात की चुदाई के बाद ही उसने मुझसे वादा लिया था कि मैं उसके साथ आहिस्ता और सलीके से सेक्स करूँ। बेचारी को क्या मालूम कि मैं उसे नहीं अमिता भाभी को चोद रहा हूँ। मैं उन्हें भाभी कहता हूँ। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
10-03-2022, 12:00 PM
और अमिता भाभी को तो ऐसे ही चोदना होगा… तभी मजा आयेगा… मैं दिन-रात उस मौक़े की तलाश में रहता था…
और एक दिन वो मौका आ ही गया! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
10-03-2022, 12:01 PM
हुआ यों की मेरी बीवी और उसके भाई यानि अमिता भाभी के पति को अपने किसी प्रॉपर्टी के सिलसिले में अपने पुश्तैनी गाँव में जाना था, मुझे भी उन्होंने चलने के लिये कहा लेकिन मुझे ऑफ़िस में कुछ जरूरी काम था।
मैं उन्हें सुबह स्टेशन पर छोड़ने गया.. तब भाई साब ने कहा- अमिता अकेली है और बच्चे भी नाना के यहाँ गए हैं एक महीने के लिये, तुम शाम को एक फ़ोन कर लेना घर पर या फ़िर घर जाकर आना। मैंने कहा- जी ठीक है! और मैं वहीं से ऑफ़िस चला गया। शाम को लौटने में देर हो गई, करीब सात बज चुके थे, अचानक सेल पर मेरी बीवी का फ़ोन आया- अरे भाभी का फ़ोन नहीं लग रहा.. तुमसे कोई बात हुई क्या? मैंने कहा- नहीं! ‘प्लीज़ जरा उनके घर जाकर आओ!’ मैंने कहा- ठीक है.. लेकिन अचानक मेरे दिमाग में घंटी बजी, ‘यह गोल्डन चांस है, आज उसे उत्तेजित करो और मौका मिले तो… काम कर लो।’ जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
10-03-2022, 12:02 PM
मैंने घर आकर टीशर्ट और जींस पहने, एक अच्छा वाला सेंट स्प्रे किया और कार लेकर चल पड़ा उनके घर।
उनका घर दोमंजिला है। मैं वहाँ पहुँचा तो आवाज़ दी- भाभी…!! कोई उत्तर नहीं आया। फ़िर दरवाज़ा खटखटाया, तब हल्की आवाज़ आई- तुम रुको, मैं आती हूँ। थोड़ी देर में दरवाजा खुला.. उफ़्फ़… भाभी के बाल थोड़े बिखरे हुये उनके चेहरे पर आ गए थे और सीने पर दुपट्टा नहीं.. क्या मस्त चूचियाँ हैं… मेरी बीवी की इनके सामने कुछ भी नहीं… ‘आओ!’ ‘भाभी, आपका फ़ोन बंद है क्या?’ ‘मालूम नहीं, वैसे बहुत देर से किसी का फ़ोन आया नहीं!’ मैं फ़ोन का रीसिवर उठाया.. ‘ओह भाभी, यह तो बंद है।’ मैंने अपने सेल पर सुरेखा का फ़ोन लगाया- हाँ सुरेखा, भाभी का फ़ोन बंद है.. लो भाभी से बात करो। उन दोनों ने कुछ बात की फ़िर भाभी ने कहा- तुम थोड़ा बैठो, मैं ऊपर स्टोर में से कुछ समान और बिस्तर निकाल रही हूँ। अभी और भी थोड़ा काम है, फ़िर चाय बनाती हूँ.. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
10-03-2022, 12:05 PM
मैं चुप रहा और उन्हें देखता रहा।
उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा- लगता है सुरेखा की बहुत याद आ रही है? और एक सेक्सी मुस्कान मेरी ओर फ़ेंक दी। मैं तो तड़प गया, फ़िर वो अपने सेक्सी कूल्हे मटकाते हुए सीढ़ियाँ चढ़ने लगी और कहा- तब तक तुम टीवी देखो! मैं अपने को रोक नहीं सका और 5 मिनट बाद मैं भी सीढ़ियाँ चढ़ कर ऊपर पहुँचा, वहाँ भाभी की पीठ मेरी तरफ थी और वो बेड को ठीक कर रही थी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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10-03-2022, 04:41 PM
(This post was last modified: 10-03-2022, 05:08 PM by neerathemall. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया।
‘क्या कर रहे हो?’ ‘प्यार! अभी आपने कहा ना कि सुरेखा को मिस कर रहे हो? मैं उसे नहीं आपको मिस करता हूँ भाभी!’ ‘बदमाशी मत करो!’
पर मैंने अपने लंड को उनके चूतड़ों पर दबाया.. जो अब थोड़ा कड़क हो रहा था.. वहाँ लगते ही उसकी आकार बढ़ने लगा।वो मुझसे छुटने की कोशिश करने लगी.. मेरा हाथ उनकी चूचियों पर पहुँच गया.. मैंने उनके गर्दन पर पीछे चूम लिया। ‘अखिलेश…!!! प्लीज़… यह गलत है!’ ‘क्या गलत है भाभी?’ ‘मैं सुरेखा की भाभी हूँ!’ ‘तो क्या हुआ.. आप इतनी हसीं हो कि मेरा दिल मचल गया है आपके लिये!’ मैंने हाथों से उनकी चूचियाँ और जोर से दबाई। ‘नहींई कर…ओ… आआह्ह धीईरे…’ मेरा लौड़ा पूरा अकड़ कर उनके चूतड़ों में जैसे घुसा जा रहा था। अमिता बोल रही थी- नहीं…ई…ई… मैंने हाथों से उनकी चूची और जोर से दबाई। ‘आआह्ह… ह्ह्ह… धीरे…’ यह सुन कर मैं समझ गया कि भाभी चुदवाना तो चाहती हैं लेकिन नखरे कर रही हैं। मेरा लंड पूरा खड़ा होकर उनकी गांड में घुसा जा रहा था। अब वो भी अपनी गांड मेरे लंड पर दबा रही थी, मैंने उनकी कमीज़ के अंदर पीछे से हाथ डाल दिया.. नरम पीठ से होता हुआ मेरा हाथ सीधे ब्रा के हूक पर गया, मैंने उसे जोर से खींचा, वो टूट गया। ‘क्या कर रहे हो?’ ‘आप प्यार से नहीं करने दे रही हैं।’ ‘क्या नहीं करने दे रही हूँ??’ और वो घूम गई, मैंने इस मौक़े पर एकदम उनका चेहरा पास लाया और उनके रसीले लाल होंटों पर अपने होंठ चिपका दिये। पहले तो वो मुँह इधर उधर करने लगी.. फ़िर थोड़ी देर बाद मेर होंठों को जगह मिल गई… वो लम्बा चुम्बन.. गीला… ऊओह.. और भाभी मुझसे दूर हटने लगी.. मैंने फ़िर भी नहीं छोड़ा, उन्हें और अब उनके चूतड़ जोर से पकड़ कर खींचा.. मेरा लंड उनके पेट पर लगा… उनके हाथ झटके से मेरे गले पर आ गए.. फ़िर एक बोसा… इस बार कूल्हे दबाते हुये और उन्होंने मुँह मेरे मुँह से नहीं हटाया। मैंने भाभी के शर्ट को ऊपर करना शुरू किया और गले तक ले आया, उनके हाथ ऊपर किये और निकाल दिया। ‘क्या कर रहे हैं आप?’ ‘प्यार भाभी!’ मैंने अपना कुरता भी अब उतारा… वो जाना चाहती थी लेकिन कमीज़ निकल गई, वो ऊपर पूरी नंगी थी, जाली वाली ब्रा थी और उसमें से उनके अंगूर जैसे काले निप्पल दिख रहे थे। मैंने देर नहीं की, झपट कर उन्हें पकड़ लिया और निप्पल पर मुँह लगाया। ‘आआह्ह हा… मैं तुमसे बड़ी हूँऊ.. ये मत करो..; लेकिन मेरा सिर उन्होंने अपनी छाती पर दबा लिया। मैंने पीछे हाथ किये और ब्रा का हुक तोड़ दिया, बड़ी बड़ी दूधिया चूचियाँ बाहर मेरे हाथो में आ गई.. जोर से दबाया। ‘ऊऊफ़्फ़्फ़ फ्फ धीईरेएए… इतने ज़ोर से मत दबाओ…’ मैंने कुछ सुना नहीं, उनके बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे… मैंने सलवार की इलास्टिक खींची तो साथ में गुलाबी रंग की पैंटी भी नीचे आ गई। ‘जीईईजाजी, क्या कर रहे हओओ.. मुझे खराब मत करो…’ लेकिन उन्होंने गांड उठा दी और सलवार निकल आई और पैंटी भी… चूत पर छोटे छोटे बाल थे.. मेरा तो लंड अब बेकाबू होने लगा… भाभी की गांड पर हाथ फेरा और ज़ोर से मसल दिया। ‘आआआअह्ह ह्ह्ह… प्लीज मत करो… वो उछल पड़ी… क्या गोरी और चिकनी गांड थी उनकी… मैंने अब अपने कपड़े उतारना शुरू किया.. इस मौक़े का फायदा उठा कर भाभी उठी और कपड़े उठा कर जल्दी से नीचे भागी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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14-03-2022, 12:19 AM
भाभी को मौका मिला और वो भाग निकली। अब वापस बुलाओ।कहानी को आगे बढ़ाओ।
14-03-2022, 03:13 PM
(This post was last modified: 17-03-2022, 03:12 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने कुछ सुना नहीं, उनके बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे… मैंने सलवार की इलास्टिक खींची तो साथ में गुलाबी रंग की पैंटी भी नीचे आ गई।
‘जीईईजाजी, क्या कर रहे हओओ.. मुझे खराब मत करो…’ लेकिन उन्होंने गांड उठा दी और सलवार निकल आई और पैंटी भी… चूत पर छोटे छोटे बाल थे.. मेरा तो लंड अब बेकाबू होने लगा… भाभी की गांड पर हाथ फेरा और ज़ोर से मसल दिया। ‘आआआअह्ह ह्ह्ह… प्लीज मत करो… वो उछल पड़ी… क्या गोरी और चिकनी गांड थी उनकी… मैंने अब अपने कपड़े उतारना शुरू किया.. इस मौक़े का फायदा उठा कर भाभी उठी और कपड़े उठा कर जल्दी से नीचे भागी। मेरी पैंट आधी खुली थी.. मैंने पूरी खोली, उसे वहीं फेंका और अंडरवीयर में उनके पीछे भागा, वो अपने बेडरूम में घुस गई, दरवाजा बंद दिया… मैं दरवाजे के पास गया और हल्के से धकेला… दरवाजा खुल गया। भाभी वैसी ही बेड पर उलटी लेटी हुई थी.. मैं समझ गया, मैं उनके पीछे गया, मैंने अपना अंडरवीयर भी निकाल दिया.. मेरा काला मूसल जैसा 7″ का लंड छिटक कर बाहर आ गया, मैंने पीछे से उनके बदन पर लण्ड छुआया। वो चौंक कर पलटी- आआह्… ओह… मुझे क्यों परेशान कर रहे हो.. और यह क्या… हाय अल्ल्लाआह्ह्ह इतना बड़ा और मोटा… बाप रे… सुरेखा तो रोती होगी? ‘उसकी बात छोड़ दो भाभी!’ लेकिन आपको तो यह अच्छा लगेगा। मैंने फ़िर से उन्हें दबोच लिया। अब मेरा लंड उनके पेट के पास था, मैंने उनकी चूचियाँ ज़ोर ज़ोर से मसलन शुरू की और उनके होंठ चूमने लगा। इस बार वो सिर्फ ‘आआह नहीं.. ऊऊओह्ह अखिलेश मत करो..’ बोल रही थी लेकिन साथ में मुझसे लिपटी जा रही थी, मेरे लंड का प्री-कम उनके पूरे पेट को गीला कर रहा था। मैंने उनसे कहा- इसे पकड़ो ना… और उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर लगाया.. उन्होंने बदमाशी की और उसे पकड़ के जोर से दबा दिया। ‘आआआह भाभी… प्यार से सहलाओ!’ ‘क्या प्यार से इतना मोटा?’ भाभी पुरानी खिलाड़ी थी लेकिन फ़िर भी कहा- तुम्हारा बहुत लम्बा और मोटा है… तुम आज मुझे बर्बाद कर के छोड़ोगे! मैंने कुछ नहीं कहा और उनके गोरे पेट को सहलाते हुए जीभ से गीला करने लगा। भाभी मुझे धकेल रही थी लेकिन उन्होंने मेरा लंड नहीं छोड़ा। मैंने अब सीधे उनके पैर फैला दिये, अपना मुँह उनके पैरों के बीच रखा और चूमा। ‘आआआअ अह्ह्हह… कितने गंदे हो.. वहाँ क्यों मुँह लगा रहे हो?’ ‘भाभी, अभी आप कुछ मत कहो!’ ‘तुम भाभी भाभी कहते हो, कहते हो ‘इज्जत करता हूँ!’ यह इज्जत का तरीका है? ..उईईई ईईइ…’ मेरी जीभ चूत के अंदर दाखिल हो गई और अंदर गोल गोल घुमाने लगा। ‘आआह्ह ह्ह्ह… अखिलेश… मैं पागल हो रही हूँ… मत करओ… प्लीज.. मैं तुम्हारी भाभी हूँऊ…’ लेकिन मुझे अब उनकी गुलाबी चूत और उसके अंदर का नमकीन पानी ही याद था.. मैंने तेजी से चाटना शुरू किया.. भाभी अपने चूतड़ उछालने लगी थी- अखिलेश… हरामीई ये क्या कर रह है… ईआआअह! भाभी का बदन अकड़ने लगा था, उनका पानी निकलने वाला है, यह मैं समझ गया। अब मैंने अपनी एक उंगली उनके मुँह में डाली, उन्होंने काट ली। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-03-2022, 05:20 PM
17-03-2022, 01:25 PM
(This post was last modified: 21-03-2022, 11:47 AM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
फ़िर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू किया.. मैंने पोजीशन बदली और उन्हें उठाया, किनारे पर मैं बैठ गया और उनसे कहा- नीचे आओ!
‘क्यों?’ ‘आओ तो!’ वो नीचे आई मैंने उन्हें घुटनों पर बिठाया, मेरा लंड उनके मुँह के सामने था, वो तो तड़प रही थी, फ़िर भी उठ कर जाने लगी। मैंने जबरदस्ती बिठाया और लंड को उनके गालों पर रगड़ा, फ़िर होंठों पर रख कर कहा- इसे किस करो ! वो मेरी तरफ देखने लगी। मैंने उनके सिर को पकड़ा और लंड को होंठों पर रगड़ा। चाहती तो वो भी थी… पहले थोड़ा चाटा, जीभ से फ़िर होंठों को खोला और लंड का सुपारा मुँह में लिया। मैंने देखा उनके छोटे मुँह में लंड नहीं जा रहा था.. बहुत मोटा जो है.. मैंने सिर को कस के पकड़ा और दबाया- ले साली… बहुत दिनों से तडपा रही है… अपनी चूची और चूतड़ दिखा दिखा के.. अब उन्होंने चूसना शुरू किया मैं तो जन्नत में पहुँच गया था.. ‘ऊओह्ह भाभीईईई… मज़ा आ रहा है…! थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मेरे गोटियों में सूजन आ रही है, मेरा हो जाएगा, मैंने भाभी को उठाया और बेड पर लिटा दिया। पैर नीचे लटक रहे थे, पैरों को उठाया। ‘नहीं प्लीज़… अभी मैं सेफ नहीं हूँऊ.. मेरे ठहर सकता है.. नहीईई…’ मैंने कहा- फ़िक्र मत करो, मैं बाहर निकाल लूँगा। और पैरों को फैलाया, अपने कंधे पर रखा, लंड को चूत के ऊपर रगड़ना शुरू किया- भाभी, कैसा लग रह है? ‘हरामजादे अपने लंड को मेरी चूत पे लगा के भाभी कह रहा है…? अब जल्दी कर जो करना है।’ यह सुन कर मुझे तो जोश आ गया और अपना लंड उनकी चूत पे धीरे धीरे रगड़ने लगा, रगड़ता रहा, रगड़ता रहा, भाभी को छटपटाता हुआ देख कर मुझे बहुत मजा आ रहा था!! फ़िर मैं भाभी के मम्मे दबाने लगा !! वो बोली- मादरचोद… और कितना तड़पायेगा? मैं हंसा और अपना लंड उनके छेद पर रख कर दबाया। भाभी तड़प उठी- ऊऊओह्ह ह्ह्ह मर गई मादरचोद निकाल… निकाआल… बहुत मोटा है.. अह… मैं मर जाऊँगीई!मैं रूक गया और लंड को बाहर खींच लिया। भाभी ने आँखें खोली और पूछा- अब क्या हुआ? मैंने कहा- आपने कहा ‘निकाल!’ इसलिए निकाल लिया। ‘हरामी, क्यों तड़पा रहा है… अब जो करना है कर…’ मैंने आव देखा ना ताव और लंड को चूत पर रख कर जोर का झटका मारा। भाभी का पूरा बदन ऐंठ गया- आआअ आआह्ह ह्ह्ह मार डालाआअ रे हरामीईईई… ये आदमी का है या घोड़े का, सुरेखा की क्या हालत करते हो, ऊऊफ़्फ़्फ़ पूरी भर गई मेरी… मैं अब थोड़ा थोड़ा आगे पीछे करने लगा और भाभी को चूमने लगा, निप्पल चूसने लगा.. वो थोड़ा नॉर्मल हुई और उनकी चूत ने भी अब फ़िर से पानी छोड़ा… मैंने आधा लंड बाहर निकाल के इस बार तूफानी शॉट मारा और बिल्कुल धोनी के सिक्सर की स्पीड से लंड पूरा भाभी के चूत में पेल दिया। ‘आआआअ… उईईईइ ईईईई माआआआ… किस मनहूस घड़ी में मैं तुम्हारे हाथ लग गईईईई…!’ मैंने उनके बगल के नीचे से हाथ डालकर उनके कंधों को पकड़ा जिससे वो हिल नहीं पाए और फ़िर मैंने धोनी की स्टाइल बैटिंग शुरू की। वो उफ़ उफ्फ्फ आआह अह्ह्ह कर रही थी, चूत से पानी की धार बहने लग गई। उनकी गांड तक बहने लगी और नीचे चादर भी गीली हो रही थी। मेरी स्पीड जोर की थी, भाभी के मुँह से निकला- वाह मेरे शेर !!! वाह… आज मुझे पहली बार इतना मजा आया ऊऊऊ.. आज मेरी मुराद पूरी हो गईईइ… ऊऊह ऊओह्ह मेरा होने वालाआ हैईई ! और ज़ोर सेईई… मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था, काट रह था.. उनके लंबे नाखून मेरी पीठ में गड़ रहे थे। ‘फाड़ दे… मेरी फाड़ दीईईईए… आआ आआह्ह्ह!’ उन्होंने मुझे कस के पकड़ा और वो झड़ने लगी। करीब दो मिनट उनका ओर्गैस्म चालू था। इधर मेरा भी होने वाला था। उस तूफानी स्पीड में मैंने कहा- भाभी, मेरा झड़ने वाला है, मैं कहाँ निकालूँ। ‘मेरे अंदर डाल दो दओ.. आआह्ह !’ ‘लो भाभी… ये लओ !’ और मैंने लंड को उनकी चूत के एकदम अंदर मुँह पर टिका दिया और मेरी पिचकारी शुरू हो गई। दोनों ने एक दूसरे को कस के पकड़ा था.. इसी तरह हम करीब दस मिनट रहे। उन्होंने फ़िर मुझे धकेला और मेरी तरफ देखा- कर दिया ना भाभी को खराब..? और मुझे धकेला। मैंने उनकी चूत से लंड बाहर खींचा, वो मासूम भाभी के और मेरे पानी से लिपटा हुआ था। उसे देख कर भाभी ने कहा- देखो कैसे मासूम लग रहा है..!! उन्होंने नीचे देखा, चूत फ़ूल गई थी। उन्होंने हाथ लगाया और सिहर उठी- देखो क्या हालत की तुमने… छोटी सी थी.. कितना सूज गई है और कितना दर्द हो रहा है… उनकी चूत से मेरा सफ़ेद पानी और उनका पानी बाहर टपक रह था, चूत का मुँह भी खुल गया था… वो उठ भी नहीं पा रही थी। एक बार की चुदाई के बाद भाभी की हालत तो एकदम खराब हो गई थी.. इस उमर में इतनी जबर्दस्त चुदाई होगी, यः उन्होंने सोचा भी नहीं था लेकिन मुझे भी उनका वो गदराया बदन इतने सालों बाद मिला.. मैंने जम कर चोदा.. सबसे बड़ी बात.. मुझे पता था कि भाभी को मोटे और लंबे लंड से ज्यादा मजा आयेगा और वो मेरे पास है… लेकिन मेरी बीवी मुझसे इस तरह चोदने नहीं देती, रोने लगती है और मुझे चुदाई में रहम से नफ़रत है… जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-03-2022, 11:47 AM
खैर मैं उठा, लंड तो पूरा लथपथ था भाभी के योनि रस से और मेरे वीर्य से.. इतना माल तो मेरा कभी नहीं निकला था..
और भाभी की चूत भी मुँह खोले ‘O’ की आकृति की हो गई थी.. पूरी लाल दीख रही थी.. बाथरूम बाजू में था। मैंने देखा कि भाभी ठीक से उठ नहीं पा रही हैं… मैंने उन्हें हाथ पकड़ कर उठाया.. मैंने देखा भाभी की कांख में बाल है.. और चूत पर भी बाल बढ़े हुए थे.. किसी तरह मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम ले गया। मैं- भाभी, आप कांख के बाल क्यों साफ नहीं करती? भाभी- नहीं, क्यों? मैं- किया करो ना.. और स्लीव्लेस पहना करो! भाभी- वहाँ शेव कैसे करूँ… डर लगता है, कट जाएगा तो? मैं- शेविंग का सामान दो मुझे.. भाभी- क्यों? मैं- मैं कर देता हूँ आपका जंगल साफ! मैंने वहीं बाथरूम में रखा शेविंग का सामान लिया, भाभी को अपने सामने खड़ा किया, भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था। उन्होंने एक हाथ ऊपर कर लिया, उनके कांख में साबुन लगा कर आराम से शेव किया, इस बीच मैं उनकी चूचियाँ भी सहला रहा था तो उनके निप्प्ल कड़क होने लगे थे। भाभी- तुमने मुझे रंडी बना दिया.. मैंने पहली बार किसी दूसरे मर्द को नंगा देखा.. और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खडी हूँ। मैंने दोनों बगलों के बाल साफ़ करके पानी से धोया और उस पर चुम्बन करने लगा। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-03-2022, 11:58 AM
भाभी- आआअह… फ़िर से मुझे मत गर्म करो प्लीज… एक बार मैंने गुनाह कर लिया है… आआ आह्ह्ह…
मेरे होंठ उनके निप्प्ल पर आ गए और उन्होंने मेरा सिर जोर से दबा लिया.. मेरा खड़ा लंड उनकी चूत के दरवाजे पर खड़ा था… वो अपनी चूत उसके साथ सटा रही थी- आआ ह्ह्ह… मत करो नाआह… मैं- क्या मत करो? भाभी- बहोत बदमाश हो तुम? अपने से बड़ी भाभी के साथ ये सब किया? मैं अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा… चूत का पानी अब भाभी की जांघों पर बह रहा था.. भाभी से नहीं रहा गया और खुद मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और अपने चूत के दाने पर रगड़ने लगी। मैं तो बेकाबू होने लगा, वहीं दीवार पर उनकी पीठ टिका दी और उनके पैर खुद ही फ़ैल गए लंड को रास्ता देने के लिए… मैंने वैसे ही खड़े खड़े अपना लंड सेट किया और क़मर हिला कर धक्का मारा। भाभी- आआअह्ह ह्ह हरामीईई धीरे कर ना.. अपनी बीवी की चूत समझी है क्या? मैं- बीवी की नहीं, मेरी सेक्सी भाभी की गदराई चूत है यह तो ! भाभी- अरे अभी तक दर्द हो रहा है.. आआअह्ह ह्ह… उन्होंने हाथ लगा कर देखा- अभी तो इतना बाहर है.. हईईइ अल्लाह मैं तो मर जाऊँगी। मैं- आपको दर्द हो रहा है तो मैं बाहर निकाल लेता हूँ? मैंने तड़पाने के लिए कहा। भाभी- अरे.. अब इतना डाल के बाहर निकालेगा… और अब उन्होंने खुद चूत को लंड पर दबाया- कितना मोटा है! मैं अब क़मर हिला कर आगे पीछे कर रहा था। भाभी की चूत ने इतना पानी छोड़ दिया कि अब लंड आराम से जा रहा था और मैंने भी अब सनसना कर धक्का मारा और पुरा लंड अंदर! ‘मर्र गईई रे ! आप सच में मर्द हो… आज मुझे पता लगा कि असली मर्द क्या होता है… आई लव यू.. मेरे राजा… चोदो मुझे ज़ोर से चोदओ… फाड़ दो मेरीईइ… मैं धक्के लगाते हुए और उनके निप्प्ल को काटते हुए- क्या फाड़ दूँ भाभी? भाभी- जो फोड़ रहे हो… मैं- उसका नाम बोलो? भाभी- अपना काम करो! मैं- अभी तो एक जगह और बची है उसे भी फाड़ना है… सबसे सेक्सी तो वो ही है तुम्हारे पास! भाभी- क्या? मैंने भाभी के चूतड़ों पर हाथ लगाया और उनकी गांड के छेद में उंगली डाल कर- ये वाली फाड़नी है। भाभी- आआह्ह्ह हह नहींईई वो नईइ.. वो तो मैंने उनको भी नहीं दी! मैं- तो क्या हुआ.. मुझे तो पसंद है। भाभी- नहीं नहीं.. मेरे धक्के चालू थे, मैंने देखा कि भाभी का बदन अकड़ने लगा है, वो पैर सिकोड़ कर लंड को कस रही थी और मेरे कंधे पर दांतों से काट रही हैं… नाख़ून मेरी पीठ में गड़ा रही हैं- यह क्या किया.. आआह्ह मैं गयईईइ मेरा हो गया ओऊओह्ह अब नहीईईइ आआआह हाह! और भाभी की चूत का पानी धार निकलने लगी, मैं गिरने लगा.. मैं रूक गया.. वो एकदम हल्की हो गई थी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-03-2022, 04:38 PM
(This post was last modified: 28-03-2022, 05:10 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
खैर मैं उठा, लंड तो पूरा लथपथ था भाभी के योनि रस से और मेरे वीर्य से.. इतना माल तो मेरा कभी नहीं निकला था..
और भाभी की चूत भी मुँह खोले ‘O’ की आकृति की हो गई थी.. पूरी लाल दीख रही थी.. बाथरूम बाजू में था। मैंने देखा कि भाभी ठीक से उठ नहीं पा रही हैं… मैंने उन्हें हाथ पकड़ कर उठाया.. मैंने देखा भाभी की कांख में बाल है.. और चूत पर भी बाल बढ़े हुए थे.. किसी तरह मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम ले गया। मैं- भाभी, आप कांख के बाल क्यों साफ नहीं करती? भाभी- नहीं, क्यों? मैं- किया करो ना.. और स्लीव्लेस पहना करो! भाभी- वहाँ शेव कैसे करूँ… डर लगता है, कट जाएगा तो? मैं- शेविंग का सामान दो मुझे.. भाभी- क्यों? मैं- मैं कर देता हूँ आपका जंगल साफ! मैंने वहीं बाथरूम में रखा शेविंग का सामान लिया, भाभी को अपने सामने खड़ा किया, भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था। उन्होंने एक हाथ ऊपर कर लिया, उनके कांख में साबुन लगा कर आराम से शेव किया, इस बीच मैं उनकी चूचियाँ भी सहला रहा था तो उनके निप्प्ल कड़क होने लगे थे। भाभी- तुमने मुझे रंडी बना दिया.. मैंने पहली बार किसी दूसरे मर्द को नंगा देखा.. और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खडी हूँ। मैंने दोनों बगलों के बाल साफ़ करके पानी से धोया और उस पर चुम्बन करने लगा। कहानी जारी रहेगी। भाभी- आआअह… फ़िर से मुझे मत गर्म करो प्लीज… एक बार मैंने गुनाह कर लिया है… आआ आह्ह्ह… जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-03-2022, 05:12 PM
(This post was last modified: 22-11-2024, 10:42 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं- शेविंग का सामान दो मुझे..
भाभी- क्यों? मैं- मैं कर देता हूँ आपका जंगल साफ! मैंने वहीं बाथरूम में रखा शेविंग का सामान लिया, भाभी को अपने सामने खड़ा किया, भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था। उन्होंने एक हाथ ऊपर कर लिया, उनके कांख में साबुन लगा कर आराम से शेव किया, इस बीच मैं उनकी चूचियाँ भी सहला रहा था तो उनके निप्प्ल कड़क होने लगे थे।
28-03-2022, 08:32 PM
Hotttt !!!
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
04-04-2022, 10:46 AM
दोस्त, इस पेज पर तो सिर्फ फोटो ही फोटो हैं ...कहानी का जादू तो बिना फोटो के भी बोलता है ....
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!! |
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