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चचेरी बहन की रजाई
#41
पैंट नीचे होते ही उनका राजा एक दम से उछल कर बाहर आ गया. बहुत बड़ा हो गया था वो. जिसे देख मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं और मैं एकटक उसे देखती ही रह गई.

फिर जब भाई ने दोबारा मेरे सीने पर हाथ रखा तो मेरी तंद्रा टूटी और मैंने नीचे जाकर भाई का लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे भी और मेरे भाई को भी.

थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद भाई के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया. मैं उनका गर्मागर्म पूरा पानी पी गई. फिर भाई भी निढाल होकर पड़ गए. तब मैं जाकर उनके ऊपर लेट गई. फिर उन्होंने मुझे थोड़ा ऊपर खींचा और मेरे मम्मे को अपने मुंह की सीध में किया. इसके बाद उन्होंने मेरी टी-शर्ट को साइड में करके मेरे मम्मों को बाहर निकाल लिया और मुंह में लेकर चूसने लगे.

फिर थोड़ी देर बाद भाई ने कहा, “मज़ा आ गया नेहा! बस अब मुझे मेरी बहन की चूत चोदने को मिल जाए तो फिर बात ही क्या!” तब मैंने भाई से कहा कि ये गाड़ी है औए यहां पर ये सब करना ठीक नहीं है, हम पहुंचने के बाद सीधा तुम्हारे फ्लैट पर चलेंगे और वहां पर तुम मज़े से पूरा मजा लेकर मेरी चुदाई करना.

चूंकि मुझे होस्टल में रहना था तो वहां पर कुछ करना पॉसिबल ही न था. भाई भी मेरी बात को समझ गया और फिर मुझे किस करके बोला ठीक है. इसके बाद हम सोने की कोशिश करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#42
फिर सुबह 9 बजे उतारने के पहले हमने एक बार हमने फिर अपना रात वाला खेल खेला. लेकिन इस बार भाई ने मेरी चूत मसलने के साथ उसे चूसा भी और इसके बाद मैंने दोबारा से भाई का लंड चूस कर उसका पानी निकाल दिया. हमने ये सब पर्दा लगा कर किया इसलिए किसी को कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद हम दोनों अपने बस स्टॉप पर उतर गए और भाई के फ्लैट पर चले गए.






























.......................
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#43
न चाहते हुए भी छोटे भाई से चुद गई
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#44
मेरा भाई देखने में काफी आकर्षक है. मैं भी बहुत खूबसूरत हूं. मेरे कई बॉयफ्रेंड हैं लेकिन मैंने उन्हें खुद को हाथ भी नहीं लगाने दिया. लेकिन एक रात ऐसा कुछ हुआ कि न चाहते हुए भी मैं अपने छोटे भाई से चुद गई…

हेलो फ्रेंड्स, मैं निकिता दिल्ली की रहने वाली हूं. आज मैं आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रही हूं, जिसमें रिश्तों की मर्यादा तार – तार हो गई थी. पर क्या करें? जब आग पास होती है तो मोम पिघल ही जाता है. मैं भी मोम की तरह पिघल गयी. जब मेरे छोटे भाई का लन्ड मेरे चूतड़ में सट रहा था तो मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर पाई. मैं चुदना नहीं चाहती थी पर मैं मजबूर थी, मुझे मेरी हवस ने चुदने के लिए राजी कर लिया, खैर जो हो गया सो गया.

अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं. मेरी उम्र 21 साल है और मेरी ये कहानी पिछली सर्दियों की है. हमारे घर में मेरे पापा – मम्मी और मेरा एक छोटा भाई है. मेरे भाई का नाम जतिन है और वो देखने में काफी खूबसूरत है. अभी वो कॉलेज में पढ़ता है और 19 साल का नौजवान लड़का है.

मैं भी देखने में किसी से कम नहीं हूं. मेरी उभरी हुई चूचियों को देख कर कोई भी डोल जाता है और जब वो मेरे चूतड़ को निहारता है तो बिना मुठ मारे उसका लन्ड शांत नहीं हो सकता.

मैं हमेशा डिज़ाइनर ब्रा और पैंटी पहनती हूं. मेरी ब्रा का साइज 34 है. मेरे कई बॉय फ्रेंड है पर आज तक किसी भी बॉयफ्रेंड से चुदी नहीं हूं. मेरी सील तो मेरी भाई ने ही तोड़ी है.
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#45
एक दिन रात को हम दोनों भाई बहन टीवी पर एक मूवी देख रहे थे. खाना खाने के बाद पापा – मम्मी दोनों सोने चले गए थे. हम दोनों मेरे ही बेड पर बैठ के टीवी देख रहे थे, भाई का बेड बगल बाला था. टीवी देखते – देखते दोनों कब सो गए पता ही नहीं चला.

रात को पता नहीं मुझे क्या हुआ मैं अपने भाई का लन्ड निकाल के सहलाने लगी थी. उस टाइम मैं नींद में थी और शायद किसी सपने की वजह से ऐसा करने लगी थी. लेकिन लन्ड सहलाते – सहलाते जब नींद खुली तो अपनी स्थिति देख कर मैं पसीने – पसीने हो गई और सोचा कि हे भगवान ये क्या हो गया है? मैं तो अपने भाई के लंड को ही सहला रही थी, अगर वो जगा होगा तो मेरे बारे में क्या सोचेगा?

मैं हैरान थी. मैंने तुरन्त अपना हाथ हटाया और उसका लन्ड अंदर कर दिया. फिर जब कुछ देर तक उसकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मैं चुपचाप घूम कर लेट गई. करवट लेने के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा भाई सो नहीं रहा था. उसकी सांसें तेज थीं और थूक गटकने की आवाज़ साफ़ – साफ़ आ रही थी, जिससे पता चल रहा था कि वो नहीं सो रहा है. यह जान कर मैं शर्म से और भी पानी – पानी हो गयी.
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#46
अब मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी. करीब पंद्रह मिनट के बाद जब भाई को लगा कि मैं सो गई हूं तो वह मेरी तरफ घूम गया और मेरी गांड के बीच में अपना लंड लगा दिया. जब उसने शुरू में लन्ड मेरी गांड से सताया था तब ज्यादा पता नहीं चल रहा था पर थोड़ी ही देर में उसका लन्ड मोटा और लंबा होकर मुझे महसूस होने लगा.

उसका लंड मेरी गांड के बीचों बीच था, पर वो ना हिल रहा था ना मैं हिल रही थी. फिर भाई ने कपड़े के ऊपर से लन्ड को एक – दो बार ऊपर नीचे किया. इससे मैं बैचेन हो गयी. आज तक मेरे यौनांगों से किसी मर्द के लन्ड का स्पर्श नहीं हुआ था.

धीरे – धीरे मैं उत्तेजित होने लगी और फिर अचानक मैंने दबाव बनाकर अपनी गांड को भाई की तरफ किया और सोने का नाटक करने रही. यह देख भाई ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर चढ़ा दी और अपने लंड को निकाल कर मेरे दोनों जांघों के बीच में घुसा दिया.

फिर उसने हाथ आगे किया और मेरी टी – शर्ट में डाल कर ब्रा के ऊपर से ही बूब्स दबाने लगा. मैं अभी चुपचाप पड़ी थी. थोड़ी देर बाद फिर उसने पीछे से मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे बड़े – बड़े मम्मों को अपने हाथ में लेकर दबाने लगा. उसकी सांसें तेज चल रही थीं.
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#47
इतना सब हो जाने के बाद भी मैं सोने का नाटक करती रही. उसके ऐसा करने से मेरी बुर पानी – पानी हो रही थी. मैं इतनी उत्तेजित हो चुकी थी कि मुझे लग रहा था मैं ही उसके ऊपर चढ़ जाऊं और उसके मोटे लन्ड को पकड़ ल अपनी बुर में घुसा लूं.

फिर उसने पहले मेरा लोवर और फिर पैंटी को और नीचे खिसका दिया. इसके बाद वह कभी मेरी गांड के छेद को तो कभी बुर के छेद को सहलाने लगा. मेरी बुर लगातार पानी छोड़ रही थी, जिससे उसको भी समझ आ गया था कि मैं सोयी नहीं जग गयी हूं. पर क्या करे वो भी? उससे भी कंट्रोल नहीं जो रहा था, आखिर आग और मोम का सवाल जो ठहरा है.

फिर उसने पीछे से मेरी बुर के ऊपर लन्ड को रखा और एक बार डालने की कोशिश की लेकिन उसका लन्ड अंदर नहीं गया. मेरी बुर काफी टाइट थी. आज तक मैं किसी से चुदी भी नहीं थी इसलिए मुझे दर्द हो रहा था. दूसी तरफ चुदने का भी मन था इसलिए मैं भी उसके लंड के लिए जगह बना रही थी.

उसने एक बार फिर से ट्राई किया. करीब 4 इंच तक उसका लन्ड मेरी चूत में घुस गया. लन्ड पहली बार अंदर जाने से मुझे काफी दर्द होने लगा. मेरी चूत जलने सी लगी थी. तभी मैंने महसूस किया कि मेरी बुर की सील टूट चुकी है क्योंकि चूत से गर्म खून से निकलता महसूस जो रहा था.
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#48
दर्द और जलन के साथ – साथ मेरी चूत में सुरसुरी सी होने लगी थी और मैं वासना में पूरी तरह डूब चुकी थी. अब मैंने सोने का बहाना करना छोड़ दिया और खुल के मज़े लेने लगी. तभी भाई ने फिर से एक धक्का लगाया और पूरा लंड मेरी बुर को फाड़ता हुआ अंदर चला गया.

पूरा लन्ड अंदर जाने के बाद फिर वो धक्के पर धक्का लगाने लगा. दूसरी तरफ मैं भी अपनी गांड को उससे सटाये जा रही थी ताकि लन्ड और अंदर तक घुस सके. वो मुझे मज़े से चोद रहा था और मैं मस्त होकर चुदवा रही थी.

फिर वो उठा और मुझे खींच कर पीठ के बल लिटा दिया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गया. फिर उसने मेरी दोनों टांगों को फैलाया और तेजी के साथ धक्के मारने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं निहाल हुई जा रही थी. फिर मैंने भी उसको अपनी बाहों में भर लिया और किस करने लगी.

अब उसकी स्पीड और बढ़ गई थी. वो अपनी बहन को चोदे जा रहा था. मेरी चूत में धक्के पर धक्का मार रहा था. वो जब भी धक्का लगाता तो लन्ड और अंदर तक लेने की कोशिश में मैं करीब 6 इंच ऊपर उठ जाती फिर नीचे आ जाती.

वह भी मज़े लेकर मुझे चोद रहा था. उसने मेरे चूचों में हाथ में ले रखा था. कभी वह उन्हें मसल देता तो कभी मुंह में लेकर चूसने लगता. करीब 20 मिनट बाद वो झड़ गया. तन तक मैं तो तीन बार झड़ चुकी थी. फिर दोनों ने अपने कपड़े पहने और मेरे ही बेड पर एक – दूसरे को पकड़ के सो गए.
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#49
एक रजाई और मेरा कमीना भाई
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#50
दोस्तों मेरा नाम पायल है. मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही हु, मैं कोटा में रहती हु, आज मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी आप लोगो को सामने लिखने जा रही हु, ये कहानी मेरे कमीना भाई रोहित के बारे में है, जिसने मुझे रात भर चोद चोद कर मेरा चूत सूजा दिया, आज मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही हु, आज मैं अपनी कहानी इसलिए लिख रही हु क्यों की आज मैं अपने मन को हल्का करना चाहती हु, आज सुबह सुबह जब उठी तो मैंने इन्टरनेट पे सर्च की क्या ऐसा होता है? तो मैंने इस वेबसाइट पर कई सारे कहानियां पढ़ी जिसमे भाई बहन की प्यार की और सेक्स की कहानी थी. तो मैंने हिम्मत कर के अपनी कहानी आपलोगो के सामने रख रही हु,

दोस्तों मैं २२ साल की हु और मेरा भाई २१ साल का है, मम्मी ने उसको कोटा मेरा गरम कपडा दे के भेजी है, क्यों की सर्दियाँ आ गई है. इसलिए मेरा भाई मेरे पास मेरा सारा कपडा देने आया है. मैं किराये पर एक कमर लेके कोटा में रहती हु, कल शाम को मेरा भाई आया था. करीब आठ बजे, कहना खाकर वो मोबाइल पर गेम खेल रहा था और मैं पढ़ रही थी. उस बिच में घर की बात और अपनी पुराणी बातों को याद कर रही थी. हम दोनों एक दोस्त की तरह है सब बात हम दोनों शेयर करते है. वो मेरे से पूछ रहा था की दीदी क्या कोई बॉय फ्रेंड बना है की नहीं, मैंने कहा नहीं रे अभी मेरा फोकस सिर्फ अपनी पढाई पर है. इसके अलावा मुझे कुछ भी अभी दिखाई नहीं दे रहा है. तो मैंने भी पूछ लिया की और बता तेरा क्या हाल है. तो वो कहने लगा. हां आजकल एक लड़की लाइन दे रही है. जैसे ही खुशखबरी होगी मैं तुरंत तुम्हे बताउंगी.

मैंने कहा तू बहूत बदमाश है. पहले पढाई कर ले और फिर बाद में जो मर्जी होगा करना. और मैं अपने पढाई में लग गई. पता नहीं कब वो मेरा मोबाइल ले लिया था. आधे घंटे के बाद उसने कहा दीदी आप ये सब देखती हो, मैं चौंक गई. उसके तरफ देखि तो हैरान रह गई वो मेरा मोबाइल छेड़ रहा था. मैंने तुरंत ही उसके हाथ से मोबाइल ले ली. तब तक वो सारा कुछ देख चूका था. दोस्तों आपको तो पता है चाहे लड़का हो या लड़की आजकल कौन ऐसा है जो पोर्न मूवी नहीं देखता है या तो चुदाई की कहानियां नहीं पढता है. मैं भी अपने मोबाइल में ऐसे कई सारे क्लिप डाउनलोड कर रखी थी. उसने सारे मूवी को देख लिया था. कुछ तो सनी लिओने की भी थी. और उसने मोबाइल इन्टरनेट की हिस्ट्री से सब कुछ देख लिया था की मैं कैसा वेब पेज ओपन करती हु, अब मैं मैं फंस चुकी थी. मैंने कहा नहीं नहीं मैं नहीं किया ये तो मेरी दोस्त गीतिका है उसने किया है. तो रोहित बोला दीदी कल मुझे रितिका से मिलाओ ना प्लीज मैं दोस्त बनाना चाहता हु. मैंने कहा देखि है अपनी शक्ल आईने में.

मैं समझ गया की मेरा भाई अब जवान होते ही बहूत कमीना हो गया है. रात को करीब ११ बज गए थे. उसने कहा कहा सोऊँ, दोस्तों मेरे पास एक भी बेड है. और ओढ़ने के लिए सिर्फ एक ही रजाई. मैंने कहा मेरे बेड पर ही सो जाओ. क्यों की कोई ऑप्शन भी नहीं था. वो आकर दूसरे तरफ मुह कर के सो गया और मैं भी दूसरे तरफ मुह करके सो गई. जब मैं नींद में थी. तो लगा को मेरा बूब्स कोई सहला रहा है मैंने समझ गई. रोहित मेरे टांगो पर अपना टांग चढ़ा रखा था और मेरे बूब्स को नाइटी के अंदर हाथ डालकर, निप्पल को प्रेस कर रहा था. मुझे लगा की मैं मना कर दू. पर ये भी लगा की अगर मैंने मना कर दिया तो ये बात खुल जाएगी और बाद में हम दोनों एक दूसरे को मुह नहीं दिखा पाएंगे, इसलिए मैंने सोचा जवान है गर्मी चढ़ी होगी. थोड़े देर में वो मूठ मार लेगा और सो जायेगा. पर ऐसा हुआ नहीं उसने मेरे नाइटी को ऊपर कर दिया और ब्रा का हुक भी खोल दिया. मेरी चूचियों को पिने लगा. और मेरे नाभि में अपना ऊँगली डालने लगा. दोस्तों आप ही बताओ, मैंने कैसे बर्दाश्त करती. मैं भी तो जवानी में थी. मुझे अच्छा लगने लगा. पर मैं कुछ भी नहीं बोल पा रही थी. उसने मेरी पेंटी को निचे कर दिया.
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#51
दोस्तों मेरे चूत को सहलाते हुए उसके मुह से सिसकारियां निकलने लगी. मैंने भी अपना दोनों पैर फैला दी. वो धीरे धीरे अपनी ऊँगली को मेरे चूत में डालने लगा. मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी. मैं भी जोश में आ गई. और वो निचे सरककर, मेरी चूत के पास बैठ गया और चाटने लगा. अब बर्दाश्त के बाहर था. मैंने उसका बाल पकड़ा और अपने चूत में रगड़नेलगी. वो मेरी चूत की पानी को चाट रहा था. मेरे मुह से भी सिस्कारिया निकलने लगी. आह आह आह आह आह से कमर गूंजने लगा. मैं रोहित को ऊपर को और उसके होठ को चूसने लगी. वो मेरे ऊपर था वो भी मेरी चूचियों को दबाते हुए मेरे होठ को चूस रहा था और वो बार बार अपना जीभ मेरे मुह में दे रहा था इस वजह से मैं और भी कामुक हो रही थी. दोस्तों मुझे लग रहा था की रोहित को अपनी चूत में घुसा लू, मैंने कहा देर मत कर कमीने और कितना तड़पाएगा. आज तुमने एक रजाई होने का सजा और मजा दोनों दे रहा है. सजा तो ये की एक बहन आज अपने भाई से चुदेगी और मजा की आज मैं पूरी रात चुदुंगी.
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#52
मैंने रोहित को और ऊपर किया, वो मेरे छाती के करीब बैठ गया और मैंने उसका लौड़ा अपने मुह में ले ली और चूसने लगी. गजब का एहसास हो रहा था लंड चूसने में. दोस्तों आज मैं खुद कोई पोर्न हीरोइन से काम नहीं समझ रही थी. वो भी मेरे मुह में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. उसका लंड बहूत ही मोटा था मेरे मुह से पूरा सेट हो रहा था और अंदर गले तक जा रहा था. दोस्तों मेरी चूत काफी गरम हो गई थी और बार बार पानी छोड़ रही थी. मैंने कहा रोहित आज तो मेरी चूत का गर्मी बुझा दे. तुमने तो आज मुझे गरम ही कर दिया रे. और रोहित निचे जाकर अपना लंड मेरे चूत पे सेट किया, और जोर से धक्का दिया, मेरे मुह से आउच की आवाज निकली और फिर हाय, हाय हाय, ओह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों अब मैं जोर जोर से लंड को अंदर बाहर करने के लिए धक्के देने लगी.

निचे से मैं गांड उठा रही थी और ऊपर से वो पेल रहा था और बिच में चपक चपक की आवाज से पूरा कमर गूंज रहा था. मैं उसको अपने बाहों में जकड़ी थी और पैरों से उसको फसाई हुई थी. वो मेरी मोटी गांड को नीच से पकड़ रखा था और जोर जोर से लंड को अंदर बाहर कर रहा था. उसके बाद उसने मुझे ऊपर किया और खुद सो गया और लंड को पोल की तरह खड़ा करके बोला आ बैठ जा इसपर मैं उसके लंड पर बैठ गई. लंड धीरे धीरे कर के मेरे चूत के अंदर समा गया. मैं एक मिनट तक यों ही बैठे रही फिर मैं ऊपर निचे होना शुरू किया, मैं उसके ऊपर थोड़ी झुकी हुई थी. वो मेरी चूचियों को पकड़ रखा था. और मेरे चूत में निचे से धक्के देने लगा. अब मैं भी जोर जोर ऊपर निचे करने लगी. वो मेरी चूतड़ में थप्पड़ मार रहा था. अब वो मुझे गालियां भी देने लगा. वो कह रहा था तू तो बहूत रंडी है. आज तू भाई से चुद रही है, मैं भी कहा कम थी मैंने भी गालियां देने लगी. तू तो बहूत कमीना निकला तू तो अपनी बहन के चूत को भी नहीं छोड़ा, बहन चोद है तू.

जितना हम दोनों एक दूसरे को गालियां दे रहे थे. उतना ही जोश चढ़ रहा था. उसने बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया, और पीछे से मेरे गांड में अपना लौड़ा डालने लगा. पर मैंने मना कर दिया, क्यों की मुझे गांड में काफी दर्द हो रहा था. इसलिए मैंने कहा भाई तुम्हे चूत जितनी मर्जी चोदनी है चोद ले पर गांड को छोड़ दे. पर बहन चोद वो कहा मानने बाला था. उसने अपने लंड में थूक लगाया और धीरे धीरे कर के वो अपना लंड मेरे गांड में पूरा घुसा दिया. पहले मुझे काफी दर्द हो रहा था. पर अब धीरे धीरे ठीक होने लगा. अब मेरे मुह से फिर से आह आह आह आह आह निकलने लगी . और मैंने जोर जोर से मेरे गांड में लंड पेलने लगा.

करीब १० मिनट गांड मारने के बाद, उसने फिर से मुझे लिटाया, और मेरा पैर वो अपने कंधे पर रख लिया और दोनो जांघो को सटा दिया, और फिर से मेरे चूत में लंड देने लगा. मुझे दर्द होने लगा था, मैंने कहा भाई मेरा चूत काफी सूज गया है. और दर्द भी काफी होने लगा. है इसलिए मैं अब ज्यादा नहीं चुद पाऊँगी क्यों की तू मुझे दो घंटे से चोद रहा है. उसने कहा साली कुतिया अभी कहा, अभी तो मैं जोश में ही आया हु, मुझे आज पूरा मजा लेने दे और वो जोर जोर से घुसाने लगा.

 उसकी समय वो जोर से आह आह आह आह करते हुए मेरे चूत में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया, और मेरे ऊपर निढाल हो गया. करीब पांच मिनट में उठा और वो 69 की पोजीशन में आ गया, वो अपना लंड मेरे मुह में दे दिया और मेरा चूत वो खुद चाटने लगा. हम दोनों एक दूसरे के चूत से और लंड से निकले हुए सारे पानी को चाट गए, और फिर दोनों एक दूसरे को पकड़ कर नंगे ही सो गए. . उसके बाद वो पांच बजे उठ गया, और मुझे फिर से चोदने लगा. मुझे काफी दर्द हो रही थी, मेरी चूत और गांड दोनों सूज गया था, पर मजा भी बहूत आ रहा था इसलिए मैंने मना भी नहीं किया और मैं फिर चुदवाने लगी. पर वो करीब ४० मिनट तक ही चोदा और फिर झड़ गया, फिर हम दोनों मॉर्निंग वाक के लिए चले गए, पर मुझे चलने में काफी दिककत हो रही थी, रूम पे आके नहाये और नाश्ता किये, रोहित बोला की आज तू ब्रा और पेंटी मत पहन, दोस्तों बारह बजे वो फिर से मुझे चोदने लगा. दिन में आज तीन बार मुझे चोद चूका है. पर मैं भी बहूत मजे किये अपने भाई के साथ. दर्द तो हुआ पर मजा भी बहूत आया,
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#53
(20-05-2022, 05:20 PM)neerathemall Wrote:
चचेरी बहन की चुदाई


मेरी चचेरी बहन सोनिया अभी 19 साल की है जिसको मैंने चोदा था। लंबाई उसकी ज्यादा नहीं है कोई पाँच की होगी। लेकिन उसकी चूचियाँ बड़ी-बड़ी है। वो स्मार्ट भी है है। उसकी गाण्ड पीछे से उभरी हुई भी है।

एक दिन जब हम लोग सभी शादी में गए थे उस दिन वो घर में थी। हम लोग सब शादी में थे तभी उसकी मम्मी ने मुझे घर जाने को कहा। खाना लेकर जाना था।
मैंने गाड़ी निकाली फ़िर जब मैं घर में पहुंचा तो मैंने दखा कि घर में कोई नहीं था। फ़िर मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आई। वो नहा रही थी।
फ़िर मैं बैठ गया फ़िर मैंने देखा कि उसके बाथरूम के दरवाजे में होल था। मैंने जब उस होल से अन्दर देखा तो मेरे होश उड़ गए। सोनिया अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी।
यह देख कर मैं पागल हो गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। फ़िर मैंने देखा कि वो अपने हाथों से अपनी चूचियों को सहला रही थी। उसके चेहरे के भाव देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैं अपने लण्ड को सहला रहा था। फ़िर देखने लगा।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था यह ऐसे भी कर सकती है। फ़िर मैंने सोचा कि हर लड़की की चाहत होती है। फ़िर उसने अपने गद्दे को सहलाया। फ़िर उसमे उसने पानी डाला और फ़िर वो नहाने लगी।
मैं बाहर जाकर बैठ गया, वो कपड़े पहन कर जैसे ही बाहर आई।
मैंने अपने लण्ड को सहलाया। उसने मेरे लण्ड की तरफ़ देखा। फ़िर मैंने कहा, ‘मैं तुझे खाना देने आया हूँ।’
फ़िर वो किचन में गई। मैं भी उसके पीछे गया। फ़िर मैंने हिम्मत करके उसके कंधे पर हाथ लगाने लगा। वो वहाँ से चली गई। वो बाल झटकने लगी थी।
मैंने कहा- ‘मैं बाल झटक देता हूँ।’
सोनिया चुदने को हुई राजी
फ़िर मैं उसके बाल झटकने लगा। मैंने उसके बाल उसके बूबस के उपर रख दिए और हाथ लगाने लगा। वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँ।
फ़िर मैं उसके बूबस को दबाने लगा। वो शरमाने लगी और नजरें झुकाए जाने लगी। फ़िर मैंने उसे पकड़ा और उसके स्तनों को दबाने लगा। वो मदहोश होने लगी। मैं उसके पेट पर हाथ घुमाने लगा।
उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चड्डी के अन्दर डाल दिया। मैं उसकी चूत को सहलाने लगा। वो गर्म हो गई थी। फ़िर मैं उसको चूमने लगा, वो मुझे इस काम में सहायता करने लगी।
उसका हाथ पकड़ कर मैंने अपने लण्ड पर रख दिया। वो जम कर पकड़ कर दबाने लगी और फ़िर वो नीचे बैठ गई।
मेरी पैंट की जिप खोली और 8 इंच लम्बा लण्ड बाहर निकाल लिया। वो तो लण्ड को देख कर पागल हो गई।
वो बोली- ‘यह लण्ड मेरी प्यारी चूत में जाएगा तो मैं तो मर जाऊँगी।’
मैंने कहा- ‘पहले इसे मुँह में तो ले।’
वो बड़े प्यार से जुबान से चाटने लगी। मेरे मुँह से आवाज़ आने लगी- ‘पूरा मुँह में घुसेड़ ले !’
मुझे बहुत मजा आ रहा था। फ़िर मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए। वो शरमा गई।
मैंने कहा- ‘पहले कभी सेक्स किया है?’
वो बोली- ‘नहीं।’
मैंने बोला- ‘मैं ही तेरी सील आज तोड़ूंगा, बहुत मजा आएगा।’
फ़िर मैं उसके चूचों को जम कर दबाने लगा, वो ‘आह आह्ह’ करने लगी। उसके गुलाबी गुलाबी निप्पल बहुत प्यारे दिख रहे थे। उसको मैं अपने दांतो से काटने लगा।
वो जोर से आह्ह करने लगी, बोली- ‘जम कर दबाओ मुझे आज जवान लड़की बना दो।’
मैंने अपना मुख उसके चूत पर रख दिया और चाटने लगा। चूत की खुशबू बहुत प्यारी थी। मैंने एक घण्टे तक उसकी चूत चाटी।
सोनिया की कुँवारी चूत चुदाई
वो मदहोश हो गई, वो बोली- ‘मेरी चूत फाआड़ दो आह आह आह् और जमम केईई।’
मैंने अपना लण्ड उसके चूत पर रख दिया। एक गर्म लोहे की सलाख की तरह जल रहा था मेरा लण्ड।
वो बोली ‘कितना गर्म है तुम्हारा लण्ड।’ मैंने होल पे रखा और पुश किया। वो चिल्लाई।
मैंने फ़िर घुसेड़ा, लेकिन मेरा लण्ड छेद से बाहर निकल गया। वो बोली ‘जा के पहले सीख कर आओ फ़िर मेरी चूत फ़ाड़ना।’
मुझे गुस्सा आया। मैंने उसकी टांगो को फ़ैलाया और लण्ड डाल दिया।
वो चिल्लाई, बोली ‘मत करो बहुत दर्द हो रहा है।’ लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था वो दर्द से चिल्ला रही थी। ‘आह्ह नहीई धीरेए प्लीलीज सीई!’
थोड़ी देर बाद वो मदमस्त हो गई और बड़े प्यार से लेने लगी और बोली, ‘मेरे राजा जरा जम के चोदो, मजा आ रहा है।’
उसकी चूत से खून निकलने लगा। वो डर गई। मैंने कहा डरना नहीं, ऐसा पहली बार होता है।
वो समझ गई और मैं फ़िर चोदने लगा बहुत मजा आ रहा था। फ़िर मैंने उसके दोनों बूबस के बीच में लण्ड रगड़ने लगा। बहुत मजा आ रहा था।
फ़िर उसके चूत चाटने लगा। फ़िर चूत में उंगली डालने लगा। फ़िर 8 इंच लम्बा लण्ड डाल दिया।
वो बोली ‘फ़ाड़ दो राजा आह।’ 20 मिनट तक चोदने के बाद वो ठण्डी होने लगी थी।
मेरा माल भी गिरने वाला था। मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके मुख में डाल दिया।
वो बड़े प्यार से चाटी और हम दोनों बाथरूम में चले गए नहाने लगे।
वो मुझे नहला रही थी, ‘बहुत मजा आ रहा था!’
वो फ़िर बैठ कर मेरे लण्ड को मुँह में भर के चूसने लगी।
मेरा लण्ड फ़िर खड़ा हो गया। फ़िर मैंने उसे बाथरूम में चोदा। वो बिल्कुल मदमस्त हो गई थी। मैंने उसको कपड़ा पहनाया।
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#54
चचेरी बहन के साथ सेक्स
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#55
इंटर मे दाख़िले के लिये आई थी और मैं ग्रेजुएशन मे था। हम लोग शुरू से शहर में रहते थे। मेरे पिताजी सरकारी नौकरी मे थे। मैं घर मे सबसे छोटा हूँ। मेरी बहन मुझसे छोटी थी क़रीब 5 साल की

थी। शुरू मे तो ऐसा कोई ख़्याल नही आया, मगर धीरे धीरे मन सेक्स की तरफ़ होने लगा। हम लोगो का कमरा छोटा था और हमलोग सब एक ही बेड पर सोते थे। मैं अक्सर अपनी बहन के बगल मे
सोया करता था। रात मे सोते समय मेरे हाथ उसके पेट को छूते थे। मुझे तो आकर्षण महसूस होता था मगर उसके बारे मे मुझे कुछ पता नही चल पाता था।
एक दिन मैंने उसके स्तन को छुआ तो उसने थोड़ा विरोध किया मैंने तुरत अपना हाथ हटा लिया। फिर मैंने एक बार कोशिश की लेकिन फिर से हटा दिया मगर कुछ बोला नही मुझे भी डर
लग रहा था क्योंकि मेरी मा और मेरी अपनी दोनो बहन भी बगल मे सोई हुई थी।
दूसरे दिन मैंने फिर से कोशिश की इस बार मैंने उसके स्तन को तोड़ा ज़ोर से प्रेस किया इस बार उसकी थोड़ी सहमति थी मैंने धीरे धीरे काफ़ी देर तक प्रेस किया शायद उसे भी आनंद आ रहा था।
ये कार्यक्रम काफ़ी दिनो तक चला। एक दिन उसने मुझसे पूछा की आप ऐसा क्यों करते है तो मैंने बोला की क्यों तुम्हे पसंद नही है तो उसने कहा नही ऐसी कोई बात नही मगर किसी को पता चलेगा तो क्या होगा।
तब मैंने कहा किसी को पता नही चलेगा। तुम साथ दो तो कुछ नही होगा। फिर उसने हामी भरी। अब हम लोग घर मे किसी के नही रहने का इंतज़ार करने लगे और ये मौक़ा भी
हमे जल्द ही मिल गया और मैंने कहा की अब मैं कुछ और टेस्ट करना चाहता हूँ।
तो उसने पूछा क्या तो मैंने कहा, मैं तुम्हरा स्तन देखना चाहता हूँ उसने पहले तो मना किया फिर थोड़ी देर मे हामी भर दी तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और फिर मैंने धीरे से से उसके सलवार को उपर किया और उसके ब्रा को उपर किया तो देखा की दो गोल गोल स्तन मेरे सामने थे जो की मैंने पहले कभी नही देखा था और फिर मैंने अपने दोनो हाथों से उसको दबाना शुरू कर दिया
शायद उसे भी अच्छा लग रहा था और वो ज़्यादा ही उत्तेजित हो रही थी। फिर काफ़ी दिनों तक चलता रहा मगर असली प्यास अभी नही बुझी थी और मेरा मन उसको चोदने को करने लगा।
एक दिन मैंने कहा की ये सब काफ़ी हो गया क्यों ना ज़िंदगी की असली मज़ा लिया जाए तो उसने कहा – क्या ? तो मैंने कहा ज़िंदगी की सुख तो चुदाई मे ही हैं जो कि हर आदमी और औरत की ज़रूरत है।
तब उसने कहा इसमे कोई रिस्क तो नही है ?
मैंने कहा- नहीं, सावधानी के साथ करेंगे। मगर पता नही उसे काफ़ी डर लग रहा था और हिम्मत नही जुटा पा रही थी। काफ़ी समझाने के बाद उसे विश्वास हो गया और उसने हामी भर दी
और हमलोग एकांत का इंतेज़ार करने लगे और एक दिन हमे मौक़ा मिल गया जब मेरी मां और बहन बाज़ार गये और हम दोनो घर मे अकेले थे तब मैंने कहा क्यों ना अपनी ज़िंदगी की प्यास भुझा ले।
उसने दबी ज़ुबान मे हां कही और फिर मैंने धीरे धीरे उसके सलवार और पायजामा को खोला अब वो ब्रा और पेण्टी मे मेरे सामने थी उसका बदन तो मानो अप्सरा का बदन लग रहा था और शर्मा रही थी और अपने चेहरे को अपनी हाथों से ढके हुई थी
फिर मैंने धीरे से अपने कपड़े को उतारा और उसके स्तन को धीरे धीरे दबाना शुरू किया शायद उसे अच्छा लग रहा था अब मैंने उसके ब्रा को खोल दिया और मेरे सामने उसके संतरे जैसे दो चीज़ आ गई और मैंने अपने मुह से उसके स्तन को चूसना शुरू किया ये अहसास उसे अच्छा लग रहा था और वो ज़यादा उत्तेजित हो रही थी और मैं भी अब काफ़ी उत्तेजित होने लगा था।
फिर मैंने उसके पेण्टी को उतार दिया अब मेरे सामने मानो जैसे दुनिया की सबसी बड़ी चीज़ नज़र आ रही थी क्योंकि अभी तक मैंने किसी भी लड़की को ऐसे नही देखा था। अब मैंने अपने लंड को उसके मुंह मे दे दिया।
पहले तो उसने मना किया काफ़ी मनाने के बाद वो मान गई और मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया मैं तो मानो की सातवे आसमान मे सफ़र कर रहा था उस अहसास
का बयान मैं नही कर सकता की मैं कैसा महसूस कर रहा था। उसके चूसने से मेरा लंड काफ़ी टाईट हो गया और मैंने इसे उसके बुर मे धीरे धीरे डालना शुरू किया उसे काफ़ी तकलीफ़ महसूस हो रही
थी।
पहली बार किसी मर्द के लंड उसके बुर मे जो जा रहा था। मैंने उसकी तकलीफ़ को समझते हुए धीरे धीरे लंड को अंदर डाला अब तो उसे भी मज़ा आने लगा और थोड़ा ऊऊऊ आआआ ईईई
के आवाज़ के साथ वो पूरा मज़ा लेना चाहती थी और मैं भी इस मौक़े को छोड़ना नही चाहता था और हमलोगो ने क़रीब 1 घंटे तक अपनी जवानी का मज़ा लिया लेकिन इसके बाद हम दोनों की चाहत
बढ़ती गई और हम लोग रात मे भी ये काम सबसे बचते हुए करने लगे और घर मे कोई ना हो तो फिर क्या कहना। इस तरह से हमलोगो ने क़रीब 7 साल तक अपनी जवानी का मज़ा लेते रहे। अब
उसकी शादी हो चुकी है मगर मैं अभी भी कुंवारा हूँ
(20-05-2022, 05:23 PM)neerathemall Wrote:
चचेरी बहन के साथ सेक्स
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#56
(20-05-2022, 05:27 PM)neerathemall Wrote: चचेरी बहन की कुँवारी चूत
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#57
मैं एक मुंबई रहने वाला 19 वर्षीय युवक हूँ। यह बात उस वक्त की है जब मेरे दादाजी का देहांत हुए एक साल हो चुका था और उसी वजह से सबको गाँव जाना था। लेकिन मेरी परीक्षा के कारण मु्झे रुकना पड़ा लेकिन मेरी देखभाल के लिए किसी को तो रखना था। उसी वक्त मेरी चचेरी बहन नौकरी के कारण मुंबई हमारे पास आई हुई थी। और उसी की जम्मेदारी पे घरवाले मुझे छोड़कर गाँव चले गए।

मेरी चचेरी बहन का नाम वंदना(बदला हुआ) है। उसकी उमर 28 की थी लेकिन उसकी शादी नहीं हुई थी। ओर उस वक्त मेरी उमर 18 की थी। पाँच दिन बाद मेरी परीक्षा ख़तम हो गई। इसी के कारण मैंने बाज़ार से ब्लू फ़िल्म की सीडी लाकर मेरे सीडी प्लेयर के नीचे छुपा दी थी। उस वक्त दोपहर का समय था। उसी वक्त एक दोस्त आकर मुझे खेलने के लिए ले गया। मेरी चचेरी बहन घर पे ही थी। न जाने कैसे सफाई करते वक्त वो सीडी उसके हाथ लग गई और उस सीडी के कवर के ऊपर नंगे फोटो भी थे।
उसी वक्त मैं घर में आ धमका, और उसके हाथ में वो सीडी देखकर दंग रह गया और घबरा के सर नीचे झुका लिया।
उसने मुझ से पूछा- ये क्या है?
मैं कुछ नहीं बोल पाया लेकिन न जाने उसकी गुस्से भरी आँखें गुलाबी होने लगी और मुझे वासना की नजर से देखने लगी लेकिन में स्तब्ध चुपचाप खड़ा था। उसने आगे बढ़कर दरवाज़ा बंद कर लिया। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था, वो मेरी तरफ बढ़ी और मुझे गले लगा के चूमने लगी।
वो मुझे दस मिनट तक चूमती रही। आखिरकार मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी, आखिर मैं भी एक मर्द हूँ, मैं भी उसे चूमता रह गया। जब मुझे होश आया तो मैंने सोचा कि अभी शाम के साढ़े पाँच बजे हैं इसीलिए मैंने उसे कहा कि ये सब उस वक्त करना ठीक नहीं है। हम दोनों रुक गए, मैंने उसे कहा कि तुम फटाफट खाना बना लो और रात को अपनी प्यास बुझायेंगे।
तो वो खाना बनाने लगी लेकिन हमारी वासना बढ़ती जा रही थी।
रात के नौ बज चुके थे। साढ़े नौ बजे तक घर का सारा काम निपट गया। तब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उसे पीछे से जाकर पकड़ लिया। उसने कोई विरोध नहीं किया।
फिर मैंने उसको होटों पे चूमना शुरू किया और दूसरे हाथ से दरवाज़े की कुण्डी लगा दी। अब मेरे हाथ उसके बूब्स को दबाने लगे थे। वो भी तड़प रही थी। अब मेरे हाथ उसके बूब्स से निकलकर उसकी पैंटी की तरफ बढ़ने लगे और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। वो गरम हो गई और मेरे आठ इन्च के लंड को सहलाने लगी।
मैंने अब उसे पूरा नंगा कर दिया और मैं भी नंगा हो गया। हम पागल हुए जा रहे थे।
अब मैं उसे लिटाकर उसकी चूत चाटने लगा, वो पागल हो रही थी और इतने में उसने अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया। अब उसकी चूत पूरी गीली थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ना शुरू किया। और देर न करते हुए मैंने अपना लौड़ा वंदना की चूत में घुसाना शुरू किया पर मेरा लौड़ा अन्दर जा ही नहीं रहा था। किसी तरह जोर लगा कर मैंने अपने लिंग का अग्र भाग ही अन्दर घुसाया।
अब उसकी चूत से खून निकलने लगा, वो दर्द से तड़पती रही लेकिन मैं रुका नहीं और अपने लंड को पलते हुए उसकी चूत में पूरा घुसा दिया और मैं उसके चूत में लंड को लगातार आगे पीछे करता रहा। अब उसे भी मज़ा आने लगा, वो भी चूतड़ उठा के मेरा साथ देने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#58
मेरी चुदक्कड़ बहन में मेरे से चुद गयी


मैं गर्मी की छुट्टियों में मुम्बई गया था। मुम्बई में मेरी चाची रहती हैं। वह वहाँ पर चेम्बुर में रहती हैं। मैं जब मुम्बई गया था तब चाची के पास मेरी चचेरी बहन भी आई हुई थी। उसका नाम रीना है। उसकी शादी हो चुकी है। उसकी उम्र चौबीस वर्ष की है। वो दिखने में बहुत ही सेक्सी है। उसके कपड़े पहनने के ढंग और रहन-सहन भी बहुत सेक्सी हैं। उसे कोई भी देखे तो उसका लण्ड खड़ा होना ही होना है।

एक दिन चाची को गाँव जाना पड़ा। वह गाँव चली गई। घर पर मैं और रीना दीदी दोनों ही थे। उस दिन शाम को मैं बोर हो गया था, इसलिए मैंने दीदी से कहा- क्यों ना फिल्म देखने चलते हैं।’

वह भी राजी हो गई, और हम फिल्म देखने चले गए। उस दिन हमने मर्डर फिल्म देखी। फिल्म में काफी गरम दृश्य थे। फिल्म देखने के बाद हम घर आए। हमने रात का खाना खाया। रात काफ़ी हो चुकी थी।

आपको तो पता ही होगा, मुम्बई में घर बहुत छोटे होते हैं। उस पर मेरी चाची एक कमरे के घर में रहती हैं। वहाँ सिर्फ एक ही बिस्तर के बाद, थोड़ी और जगह बचती थी। अब हमें सोना था। सो मैंने अपनी लुँगी ली और दीदी के सामने ही अपने कपड़े बदलने लगा।

मैंने मेरी शर्ट खोली, बाद में पैन्ट भी। मेरे सामने अब भी मर्डर फिल्म के दृश्य घूम रहे थे, इसलिए मेरे लंड खड़ा था। वो अण्डरवियर में तम्बू बना रहा था।

मेरे पैन्ट निकालने के बाद मेरे लण्ड की तरफ़ दीदी की नज़र गई, वह यह देखकर मुस्कुराई। मैंने नीचे देखा तो मेरे अण्डरवियर में बहुत बड़ा टेन्ट बना हुआ था। मैं शरमाया और मैंने मेरा मुँह दूसरी ओर घुमा लिया, फिर लुँगी बाँध ली।

पर लुँगी के बावज़ूद मेरे लंड का आकार नज़र आ रहा था। उस हालत में मैं कुछ भी नहीं कर सकता था। फिर मैंने यह भी सोचा कि दीदी यह सब देखकर मुस्कुरा रही है, उसे शर्म नहीं आ रही है, तो फिर मैं क्यों शरमाऊँ?

मैं बिस्तर पर जाकर सो गया। फिर दीदी ने आलमारी से अपनी नाईटी निकाली और कमरे का दरवाज़ा बन्द कर लिया, उसने साड़ी उतारी। वाऊ… क्या बद़न था। वह देखकर तो मैं पागल ही हो गया और मेरा लंड उछाल मारने लगा। उसने अपनी ब्लाऊज़ निकाली और बाद में अपनी पेटीकोट भी निकाल दी। वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में खड़ी थी।

उसे उस हालत में देखकर तो मैं पागल ही हो रहा था। लेकिन वह मेरी दीदी थी, इसलिए नियंत्रण कर रहा था। मुझे डर भी लग रहा था कि मैं कुछ कर ना बैठूँ और दीदी को गुस्सा आ गया तो मेरी तो शामत आ जाएगी। उसने नाईटी पहन ली। उसकी नाईटी पारदर्शी थी, जिसमें से उसका सारा जिस्म नज़र आ रहा था।

वह मेरे पास आकर सो गई। हम दोनों एक ही बिस्तर पर सोए थे। लेकिन उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरे सामने उसका नंगा जिस्म घूम रहा था। और उसके मेरे पास सोने के कारण मेरा तनाव और बढ़ा हुआ था। लेकिन कुछ करने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी।

आधे घंटे तक तो मैं वैसे ही तड़पता रहा। लेकिन बाद में मैंने सोचा कि ऐसा मौक़ा बार-बार नहीं आने वाला। अगर तूने कुछ नहीं किया तो हाथ से निकल जाएगा। मैंने सोच लिया थोड़ा रिस्क लेने में क्या हर्ज़ है। और मैं थोड़ा सा दीदी की ओर सरक गया।

दीदी मेरी विपरीत दिशा में मुँह करके सोई थी। मैंने मेरा हाथ उनके बदन पर डाला। मेरा हाथ दीदी के पेट पर था। मैंने धीरे-धीरे मेरा हाथ उनके पेट पर घुमाना चालू किया। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उनकी चूचियों पर रखा। उसकी चूचियाँ काफ़ी बड़ी और नरम थीं।
मैंने उसकी चूचियाँ धीरे-धीरे दबानी चालू कीं। उसने कुछ भी नहीं कहा, ना ही कोई हरक़त की। मेरी हिम्मत काफ़ी बढ़ गई। मैंने अपने लंड को उसके चूतड़ पर दबाया और उसे अपनी ओर खींचा और फिर धीरे-धीरे मैं अपना लंड उसके दोनों चूतड़ों के बीच की दरार में दबाने लगा। वह मेरी ओर घूम गई। मेरी तो डर के मारे गाँड ही फट गई।

लेकिन वह भी मेरी ओर सरकी, तो मेरा लंड उसकी चूत पर दब रहा था और उसकी चूचियाँ मेरी छाती पर। मैं समझ गया कि वह सो नहीं रही थी, बस सोने का नाटक कर रही थी और वह भी चुदवाना चाहती है। अब तो मेरे जोश की कोई सीमा ही नहीं थी। मैंने उसे मेरी ओर फिर से खींचा, तो वह मुझसे थोड़ा दूर सरक गई। मैं डर गया, और चुपचाप वैसे ही पड़ा रहा।

थोड़ी ही देर बाद उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और मसलने लगी। मैं बहुत खुश हुआ।

उसने अपने हाथों से मेरी लुंगी निकाल दी और अण्डरवियर भी, और मेरे लंड को मसलने लगी, फिर उसने मेरे कान में कहा- वीजू, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। तुम्हारे जीजू का तो बहुत छोटा है।’

मैंने भी दीदी की नाईटी निकाल दी और उनको पूरा नंगा कर दिया। फिर मैं उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा। मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था। वह सिसकियाँ भर रही थी। मैं उसे चूमते-चूमते उसकी चूत तक चला गया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए। उसके मुँह से सीत्कार निकल गई। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डालनी शुरु की, वह अपने चूतड़ उठाकर मुझे प्रतिक्रिया दे रही थी।

मेरा लंड अब लोहे जैसा गरम हो गया था। मैं उठा और उसकी छाती पर बैठ गया और मैंने लंड उसके मुँह में डाल दिया। वह भी मेरा लंड बड़े मज़े से चूसने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैंने बाद में अपना लण्ड उसकी दोनों चूचियों के बीच में डाला और उसे आगे-पीछे करने लगा। वाऊ… क्या चूचियाँ थीं उसकी, मैं तो पागल हुआ जा रहा था।

थोड़ी देर बाद उसने कहा- वीजू, प्लीज़, अब रहा नहीं जाता, लंड मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोदो।

मैं उसके ऊपर फिर से लेट गया और मैंने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर उसकी चूत के ऊपर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया तो मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया।

मैंने दीदी से पूछा- दीदी, तुम तो कह रही थी कि जीजू का लण्ड मेरे लण्ड से काफी छोटा है, तो तुम्हारी चूत इतनी ढीली? एक ही झटके में आधा लण्ड अन्दर चला गया।’

इस पर वह मुस्कुराई और बोली- अरे वीजू, तुम्हारे जीजू का लण्ड छोटा तो है, पर मेरी चूत ने अब तक बहुत से लण्ड का पानी चखा है।’

फिर मैंने दूसरा झटका दिया और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चला गया। फिर मैंने उसकी चुदाई शुरु कर दी।

वह भी अपनी कमर उठाकर मेरा साथ दे रही थी. उसके मुँह से आवाज़ें निकल रही थीं, वह कह रही थी- वीजू… चोदोओओओ… और ज़ोर से चोदोओओओओ… अपनी दीदी की चूत आज फाआआआड़ डालो… ओह.. वीजू… डालो और ज़ोर से और अन्दर डालो… बहुत मज़ा आ रहा है।’

उसकी ये बातें सुनकर मेरा जोश और भी बढ़ जाता और मेरी रफ़्तार भी बढ़ती जा रही थी। फिर मैं झड़ गया और वैसे ही उसके बदन पर सो गया और उसकी चूचियों के साथ खेलने लगा। उस रात मैंने दीदी की ख़ूब चुदाई की।
(07-01-2021, 04:37 PM)neerathemall Wrote:
मेरी चुदक्कड़ बहन में मेरे से चुद गयी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#59
(21-02-2019, 11:15 PM)neerathemall Wrote:
चचेरी बहन की chudai

















welcome

मेरा नाम बसंत मिश्र है में पुणे में रहता हूँ. आज जो हिन्दी सेक्स कहानी आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ वो पिछले साल की ही जब मैंने मेरी शादी शुदा चचेरी बहन शानू प्रिया की चुदाई करके उसकी चुदास शांत करी थी और अपनी खुद की भी हवस मिटाई थी. मेरी चचेरी बहन शानू प्रिया की शादी हुए 10 साल हो गये थे और उसके दो बच्चे भी हैं पर वो किसी भी एंगल से दो बच्चो की माँ नही लगती थी. मेरी चचेरी बहन शानू प्रिया की उम्र 30  साल होगी पर उसने दो बच्चों की माँ होते हुए भी अपना फिगर बहुत अच्छी तरह मेंटेन कर रखा था.  सच कहु तो मै बचपन से ही मेरी चचेरी बहन शानू प्रिया के खुबसूरत चेहरे का बहुत बड़ा दीवाना था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#60
म दोनों का परिवार बिलकुल पास पास ही रहता. मै मेरी चचेरी बहन से 2 साल छोटा था तो उसकी शादी से पहले मै उसके इर्द गिर्द मंडराता रहता था. मुझे बचपन से ही चुदाई का शौक था और मेरी गन्दी नज़र मेरी इस खुबसूरत चचेरी बहन शानू प्रिया पर थी. चचेरी बहन की शादी से पहले मैने दो बार गोरी – गोरी गांड और चूत देख ली थी चुपके से.  जब वो सो रही होती तब मै धीरे से पास जा कर उसकी फ्रॉक उठा के अंदर झाकता था उफ्फ क्या नज़ारा हुआ करता था अंदर का मेरा तो बचपन में ही लंड तनकर खड़ा हो जाया करता था. कई सालो तक मैंने उस नज़ारे को याद कर के मूठ मारी है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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