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Adultery बहन चुद गई
[Image: 1635650673_24-boobzone-pro-p-porno-so-zr...ami-25.jpg]

कुछ देर बाद दीदी और भी गर्म हो गई और वो अपने हाथ को अपने सलवार में डाल लिया और अपनी चूत में उंगली करने लगी, मुझे लगा की दीदी की वहां भी खुजली हो रही है तो मैंने दीदी से कहा – वहां भी मै सहला दूँ?? तो दीदी ने कहा – हाँ क्यों नही।  उन्होंने अपने सलवार के नारे को खोल कर सलवार नीचे कर दिया और मेरे हाथो को को अपनी चूत के दाने में लगा कर सहलाते हुए कहा – यहीं पर सहलाना। . मैंने कहा ठीक है  मै बहुत छोटा था इसलिए दीदी बेफिक्र होकर मुझसे अपने चूत में उंगली करवाने लगी।



जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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मैंने अपने हाथो की उंगलियो को दीदी की चूत के दाने पर सहला रहा था, कुछ देर बाद दीदी ने मेरे हाथो की उंगलियो को पकड कर अपनी चूत में डालने लगी। और धीरे धीरे सिसकने लगी.. मै अपने उंगलियो को दीदी के चूत में जल्दी जल्दी डालने लगा और दीदी को मज़ा आ रहा था और वो अपने शरीर को ऐंठ रही थी। कुछ देर बाद उनकी चूत गीली हो गयी. और उनको अब अच्छा लगने लगा था। मैंने दीदी से पूछा ये क्या है तो उन्होंने बताया कुछ नही है बस तुम्हारे सहलने से मेरे वहां पर गर्मी लगने लगी थी और पसीना निकलने लगा है।

धीरे धीरे जब मै बड़ा हुआ और मुझे इन सब के बारे में पता चला तब मैंने सोच दीदी ने उस रात मुझसे अपने चूची दबवाई और अपनी चूत में उंगली भी करवाई.


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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जब दीदी बिधवा हो गई तो अपने घर से चली आई और हमारे ही साथ रहने लगी। लगभग  एक साल हो गया जीजा जी को मरे हुए,  और अब दीदी भी लगभग जीजा जी को भूल गयी थी। धीरे धीरे दीदी फिर से अच्छे से रहने लगी। मै रोज रात को नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर एक स्टोरी पढता था। एक दिन मै कहानी पढ़ रहा था, मैंने देखा कि उस पर एक दीदी और छोटे भाई की चुदाई की कहानी पड़ी हुई थी। मैंने कहानी को खोला जिसमे उस लड़के की बहन बहुत खुबसुरत थी बिल्कुल मेरी दीदी की की तरह। उस कहानी को पढने के बाद मेरे मन में बहुत गंदे गंदे ख्याल आने लगे थे दीदी के बारे में। मै दीदी के बारे में न चाहते हुए भी सोच रहा था।

कुछ दिन पहले की बात है, दीदी को रात में डरावाने सपने आते थे तो मम्मी ने मुझे से कहा – मै तो छोटू के पास लेटती हूँ तो तू ही अपनी दीदी के पास लेटजा।   मैंने कहा ठीक है  मम्मी को क्या पता था की मेरे दीदी एक पास लेटने से दीदी और मै किसी पति पत्नी की तरह चुदाई करने लगेंगे। रात हुई मै दीदी के साथ उनके बगल में लेट गया। दीदी तो जल्दी सो गई लेकिन मुझे कुछ देर तक नीद नही आई, फिर कुछ देर बाद मुझे हल्की हल्की नीद आने लगी थी। इतने में दीदी ने अपने हाथो को मेरे सीने पर रख दिया, मुझे लगा कि ये नीद में होंगी।
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लेकिन इतने में वो मुझसे चिपक गई और नीद में ही मुझे किस करने लगी। मै समझ गया ये जरुर सपना देख रही होंगी। लेकिन जब दीदी मुझसे चिपक गई तो मेरे लंड किसी डंडे की तरह खड़ा हो गया। दीदी ने मेरे हाथो को भी पकड लिया और अपनी चूची पर रख दिया और दबवाने लगी।  मै तो बेकाबू होने लगा इसलिए मैंने दीदी को जगा दिया, जब दीदी जाग गयी तो उनको शर्म आने लगी। हम फिर लेट गए इस बार दीदी को नीद नही आया रही थी वो अपनी करवटे बदल रही थी। कुछ देर बाद दीदी ने मेरे उपर हाथ फेरते हुए कहा – “छोटू जब से तुम्हारे जीजा जी मरे है मैंने किसी के साथ सेक्स नही किया लेकिन आज तुम्हारे साथ जो कुछ मैंने सपने में हुआ क्या तुम वो मेरे साथ आज कर सकते हो??? मैंने दीदी से कहा – आप कहना क्या चाहती है की मै आप की चुदाई करू।

तो दीदी ने कहा – आज मै बहुत जोश में हूँ क्या तुम मेरी चूत की प्यास को मिटा सकते हो??  मैंने बहुत देर तक सोचने के बाद मैंने दीदी के कहा – अगर किसी को पता चल गया तो?? तो दीदी ने कहा – कुछ नही होगा।




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मै दीदी की चुदाई करने के लिए मन गया, दीदी मेरी बात सुन कर खुश हो गयी। उन्होंने मेरे हाथो को पकड कर अपनी तरफ खीच लिया और मुझको अपनी बाहों में भरते हुए मेरे होठो को चूमने लगी, ऐसा लग रहा था की वो अपनी इतने दिनों  की भूख को मिटने में लगी है। वो मेरे होठो को बहुत ही जोश में चूस रही थी। मैंने भी उनको कस कर अपने बाहों में जकड़ लिया और उनके साथ मै भी उनके होठो को चूसते हुए पीने लगा। मैंने कभी सोचा नही था की अपने दीदी को मुझे चोदने का मौका मिलेगा। लगतार दीदी मेरे और मै दीदी के होठो को 30 मिनटों तक चूसते रहे.[Image: 1635650705_52-boobzone-pro-p-porno-so-zr...ami-54.jpg]

बहुत देर तक दीदी के होठो को को चूसते चूसते मेरा जोश इतना बढ़ गया था की मेरा लौडा किसी डंडे की तरह दीदी के जन्घो में चुभ रहा था। दीदी को किस करने के बाद दीदी खुद ही अपने कपड़ो को निकलने लगी। पहले तो उन्होंने अपने ऊपर के समीज को को निकाला, और फिर अपने सलवार को भी निकाल दिया। अब तो कयामत लग रही थी, मैंने भी अपने कपड़ो को निकाल दिया और दीदी के शरीर को अपने हाथो से सहलाने लगा।
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[Image: 1635650662_15-boobzone-pro-p-porno-so-zr...ami-16.jpg]


जिससे दीदी का तो जोश और भी बढ़ने लगा और उन्होंने मेरे हाथो को अपने चूचियो के अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे हाथो को पकड कर दबवाने लगी। मै भी अपने आप से बाहर होने लगा और मैंने दीदी के काले रंग के ब्रा को निकाल दिया और उनके गोरे रंग के मम्मो को दबाने लगा। दीदी को भी मज़ा आने लगा था। मैं उनके मम्मो को दबाते  हुए उन्हें पीने लगा। मै दीदी के मम्मो को दबा दबा कर पी रहा था, और दीदी धीरे धीरे …अह्ह्ह अह्ह्ह उफ़ उफ्फ्फ ओह ओह्ह्ह .. करके सिसने लगी थी। मै जानवरों की तरह बहुत देर तक उनके मम्मो को मसलते हुए पीता रहा।

उनके मम्मो को पीने के बाद, मै दीदी के कमर को सहलाते हुए धीरे धीरे उनकी चूत की तरह बढ़ने लगा और दीदी इतनी कामोत्तेजित हो गई थी की वो अपने ही हाथो से अपने मम्मो को मसने लगी थी और अपने शरीर को ऐंठने लगी थी। फिर जब मै दीदी के चूत के पास पहुँच गया तो मैंने पहले तो दीदी के चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाया और दीदी के चूत को किस भी किया।
आप ये कहानी नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे। फिर मैने दीदी के पैंटी को निकाल दिया और उनकी रसीली और मदहोश करने वाली चूत को पहले अपने हाथो से कुछ देर तक सहलाया और उनकी चूत के दाने से बहुत देर तक खेलता रहा और दीदी धीरे धीरे आंहें भरती रही।
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फिर मैंने अपने काले और ठीक से हाथ में न आने वाले लंड को बहर निकाला। मेरा लंड काफी बड़ा था, मैंने दीदी की चूत को पहले अपने लंड से चुम्मा लिया और फिर कुछ देर बाद मैंने दीदी की चूचियो को दबाते हुए अपने लंड को धीरे से दीदी के चूत में उतार दिया। पहले तो दीदी धीरे से चीखी लेकिन मैंने अपना लंड वापस ले लिया। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपने लंड को दीदी के चूत में धीरे धीरे डालने और कुछ ही देर में देखते ही देखते मै और भी जोश में आने लगा और मेरे चोदने की स्पीड तेज होने लगी।

और दीदी की चूत भी तेजी खुलने और बंद होने लगी क्योकि मेरा लंड जल्दी जल्दी उनकी चूत में बार बार घुस रहा था। कुछ ही देर में दीदी की चूत रमा हो गयी और उनकी चूत की दीवार से चिपचिपा पदार्थ निकलने लगा और मेरे लंड में पूरी तरह से लग गया, जिससे मेरा लंड दीदी की चूत में अंदर तक जाता और फिर बाहर आता मै लगातार उकी चूत की फ़ैलाने लगा था



(17-05-2022, 04:51 PM)neerathemall Wrote:
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https://boobzone.pro/uploads/posts/2021-...kami-4.jpg[Image: 1635650684_4-boobzone-pro-p-porno-so-zre...kami-4.jpg]


और दीदी बड़े दर्द से …. आह अहह अहह अहह मम्मी मम्मी … उफ़ उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ माँ मम्मी अह अहः आहा ओह ओह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उनहू उनहू उनहू … अहह अह्ह्ह अहह मम्मी भाई थोडा आराम से चोदो न दर्द हो रहा है … अहह अहह उई उई उई … मम्मी मम माँ …. करके चीख रही थी,  और एक रफ़्तार में दीदी की चुदाई कर रहा था। लगभग 40 मिनट तक मैंने उनकी चूत को चोदा।

फिर मैंने दीदी को अपने ऊपर बिठा लिया और अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया और उनकी कमर को पकड कर ऊपर नीचे करने लगा, जिससे मेरा लंड दीदी की चूत में अंदर तक जा रहा था और दीदी जोर जोर से आंहें भरते हुए चीख रही थी। कुछ देर बाद दीदी खुद ही ऊपर नीचे  होने लगी और अपने मम्मो को दबाते हुए और साथ में अपने बुर के दाने को दर्द से मसल रही थी। मेरा मोटा लंड दीदी की फुद्दी की गहराई को नापने के लिए अंदर तक जा रहा था।



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मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था अपनी दीदी की चूत बजाने में और दीदी को तो इतने दिनों बाद लंड खाने को मिला था उनको तो डबल मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मै बहुत तेजी से दीदी को चोदने लगा , मेरा लंड पूरा अंदर तक जा रहा था, कुछ ही देर में मै झड़ने वाला था मैंने अपने लंड को निकाल कर मुठ मरने लगा, मै लगातार अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था, और मेरी सांसे बढ़ रही थी कुछ देर बाद मेंरे लंड से मेरा सफ़ेद रंग का माल निकलने लगा। जब मेरे लंड से वार्य निकला तो मुझे अच्छा लगा, कुछ देर में मेरा लंड ढीला हो गया।[Image: 1635650649_8-boobzone-pro-p-porno-so-zre...kami-9.jpg]

चुदाई के बाद दीदी ने बहुत देर तक मेरे लंड को चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया। और मैंने बहुत देर तक दीदी की चूत को पिया, और साथ में उनके मम्मो को को भी दबाया। दीदी का मन नही भरा था पहली चुदाई से तो उनका मन और भी कर रहा था चुदने को तो मैने उनको एक राउंड फिर से चोदा।
 चुदाई के बाद जब तक दीदी घर थी, जब उनका मन करता तो वो मुझसे खूब रगड़वा  कर चुदवाती। इस तरह मैंने अपनी विधवा दीदी की चूत को चोदा।
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(18-05-2022, 01:18 PM)neerathemall Wrote:
ट्रेनिंग के बहाने भाई ने चोदा मुझे :- शालिनी


मैं शालिनी गोरखपुर उत्तरप्रदेश की रहने बाली हु, मैं बचपन से ही बड़ी शर्मीली किस्म की लड़की हु, अभी मेरी शादी को हुए ३ महीने ही हुए है, जब से मेरे पापा मेरे लिए रिश्ता देखने निकले तभी से मैं बहुत ही परेशान रहने लगी, की मैं अपने पति के सामने कैसे जाउंगी, वो भी जो अजनबी होगा, मैं ये सब सोच सोच कर मैं काफी परेशान रहने लगी, पर मैं ये बात अपने पापा मम्मी को कैसे बताती, धीरे धीरे मैं चुपचाप और खोई खोई सी रहने लगी, और सच तो ये है की मैंने इंटरनेट पे देखि की पहली बार सेक्स करने में सील टूटता है तो और भी मैं घबराने लगी. मेरे माँ पापा कई बार मुझसे मेरी उदासी के बारे में पूछा पर मैंने कभी भी सही उत्तर नहीं दिया,

पापा मम्मी मेरी शादी तय कर दिया और आके बताया की लड़का काफी अच्छा है जिम में ट्रेनर है, काफी पैसा बाला और लम्बा चौड़ा और बॉडी बिल्डर है, ये सुन कर तो मैं और भी डर गयी की अब क्या होगा मेरा, शादी के सिर्फ १५ दिन बचे थे, मम्मी पापा दोनों शॉपिंग करने के लिए वाराणसी चले गए मैं और मेरा बड़ा भाई जो २२ साल का है दोनों घर पे थे, मैंने हिम्मत करके अपने भाई को सब बात बताई की भैया मेरे साथ ये सब प्रॉब्लम है मैं काफी घबरा रही हु सुहागरात और सेक्स के नाम पे, तो मेरे भाई बोला कोई बात नहीं शालिनी ये तो रीत है संसार का सब लोग शादी में सेक्स करते है, फिर मैंने बोला भैया फिर आप ये बताओ सुनने में आता है की सील टूटता है और खून भी निकलता है अगर ज्यादा खून निकला तो, तो मेरा भाई बोला नहीं नहीं पगली ऐसी बात नहीं है ज्यादा खून नहीं निकलता है,
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तो मैंने पूछा आपको कैसे पता भैया ज्यादा खून नहीं निकलता है तो मेरा भाई रमेश बोला अरे यार मैंने तो इंटरनेट पे देखा है और मै खुद भी आने मोहन चाचा की जो छोटी बेटी सिम्मी है उसको मैंने चोदा है, और अपने बड़ी बुआ की बेटी रागिनी उसको भी चोदा है थोड़ा ही खून निकला था, तुम डरो नहीं कुछ भी नहीं होगा, तो मैंने कहा नहीं भैया मुझे काफी डर लग रहा है, मैं तो मर ही जाउंगी सुनने में आया है की बहुत दर्द होता है, तो भाई बोला अगर तुम्हे ऐसा लगता है तो मैंने तुम्हे ट्रेनिंग दे सकता हु, अच्छा है आज रात माँ और पापा नहीं है वो लोग कल सुबह बाली ट्रैन से आएंगे. तो मैं राजी हो गयी बोली ठीक है, आज मैं भी अच्छे से ट्रेनिंग ले लेती हु ताकि कोई दिक्कत ना हो सुहागरात के दिन.
तो मैंने बक्से से माँ का लाल बाला साडी ब्लाउज और पेटीकोट निकाली, और शाम को अच्छी तरह से एक दुलहन के तरह तैयार हुयी, फिर मैं अपने कमरे में पलंग पे बैठ गई, मेरा भाई कमरे में आया, वो भी कुरता पाजामा और लाल टिका लगाए हुए दूल्हे की तरह लग रहा था, मैं भी दुल्हन की तरह घूंघट लेके बैठी थी, मेरी साँसे तेज चलने लगी पर मुझे इस बात का सकून था की मेरा भाई अजनबी नहीं है अगर कुछ हुआ तो मैं मना कर सकती दूंगी, वो अंदर आके बोला कैसी हो, घूघंट तो खोलो, मैं चुप रही और सर हिला के मना कर दी,
भाई : अब शर्माना कैसा
मैं: चुप रही
भाई: अरे अब तो हम दोनों को साथ साथ ज़िंदगी भर रहना है,
मैं: चुप रही
भाई: घूघंट तो खोलो मेरे से शर्माना कैसा,
फिर भाई ने घूघंट खोल दिया, मैं भाई को ऊपर सर कर के देखि वो बहुत ही सुन्दर लग रहा था, मुझे तो एक पल ऐसा लगा की वो मेरा भाई नहीं बल्कि मेरा पति ही है और मैं पत्नी.
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भाई मेरे करीब बैठ गया और मुझे पकड़ लिया उसने मेरे होठ पे एक किश किया मेरे होठ लकपका रहे थे, मैं भी कांपते हुए होठ से भाई को चूम ली, भाई ने घूघंट को उत्त्तर के साड़ी के पल्लू को भी निचे कर दिया, मेरे सांस से मेरी छाती ऊपर निचे हो रही थी, भाई जब मेरी छाती को देखा तो वो देखता ही रह गया क्यों की मेरी दोनों चूचियाँ टाइट थी, और उभर काफी ज्यादा था, ऊपर से दोनों चूचियाँ सटने से नीच में रेखा खीच गयी थी, भाई ने दोनों चूचियों की दरार में अपनी ऊँगली घुसाई, मेरे तो रोम रोम खड़े हो गए, और वो फिर मुझे अपनी बाहों में भर लिया और अगले ही पल हम दोनों एक साथ बेड पे लेट गए,

धीरे धीरे वो मेरी ब्लाउज के हुक को खोल दिया और पीछे से मेरी ब्रा के हुक को भी, मुझे काफी शर्म आ रही थी मैंने अपने हाथो से अपने आँख को ढक ली पर भाई ने मेरे दोनों चूच को बारी बारी से दबाने लगा और कुछ ही पल में वो अपने मुह में ले लिया, मैं तो बस आआह आआआह आआआह और दांत पीसने के अलावा कुछ भी नहीं कर पा रही थी, फिर वो मेरे साडी को ऊपर उठा दिया और पेंटी भी खोल दी, फिर वो सरक के निचे हो गया और मेरी दोनों टांगो को फैला कर मेरे बूर को चाटने लगा, मुझे पहली बार एहसास हुआ की इसमें इतनी मजा है, मैं भाई के बाल को पकड़ के अपने बूर में चिपका ली और चटवाने लगी,


[Image: 71394865_073_655b.jpg]
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इतने में मैं अपने लाइफ में पहली बार झड़ी अजीब सा एहसास था उस समय, मेरे तो रोम रोम खिल गए और अपने आप मेरे होठ दांत के अंदर आने लगे, मेरी चूचियाँ तन गयी थी निप्पल पिंक हो गया था, मेरे गाल लाल हो गए थे, आँखे नशीली होने लगी थी, और मेरे भाई कभी बूर पे कभी चूच पे कभी कांख को कभी नाभि को चाट रहा था अपने जीभ से, उसका लंड काफी मोटा और कड़ा हो गया था उसने अपना लंड निकल के मेरे हाथ में पकड़ा दिया, मैंने उसके लंड को पकड़ के हिलाने लगी, अब मेरा भाई आअह उउफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ करने लगा,[Image: 79681550_064_c8bd.jpg]
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मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी फिर वो निचे चला गया और मेरे कुवारी चूत पे लंड का सुपाड़ा रख दिया, मैं डर गयी की अब क्या होगा मैंने तकिया को कस के पकड़ ली और भाई को बोली धीरे से करना, फिर वो धीरे धीरे मेरे बूर में लंड घुसाने लगा, मुझे काफी दर्द हो रहा था, फिर वो तीन चार बार धीरे धीरे कर के वो एक ही झटके में अंदर कर दिया मेरे आँख से आंसू निकल गए उस समय वो रूक गया और मेरी चूचियों को सहलाने लगा, फिर वो धीरे धीरे कर के घुसाने लगा, और करीब पांच मिनट बाद ही मुझे सब कुछ अच्छा लगने लगा, और मैं भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, वो भी मुझे चोदे जा रहा था, इस तरह हम दोनों दूल्हे दुल्हन की वेश में रात भर चोदा और चुदवाई.
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मेरा ये पहली चुदाई का एहसास काफी अच्छा रहा था. सुबह देखि तो बेडशीट में खून लगा था, भाई ने किश कर के कहा कोई बात नहीं ये खून तुम्हारे सील टूटने की निशानी है, फिर हम दोनों गले मिल गए, अब मैं काफी कॉंफिडेंट थी की अब मुझे डर नहीं लगेगा, अब तो मुझे लंड चाहिए थी, शादी हुयी, मैं सुहागरात को काफी विंदास तरीके से मनाई, मैं तो पहले ही चुद चुकी थी, पर पति के सामने नाटक कर रही थी की पहली बार चुद रही हु, और चुदाई के एक दम बाद बाथरूम चली गयी और वापस आके बोली की बहुत खून निकल रहा था, तो मेरा पति बोला कोई बात नहीं ये नार्मल है पहली बार चुदाई में खून निकलता ही है, मैं खुश हुई की चलो मैंने अपने पति को वेवकूफ बनाया,

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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और चुदाई के एक दम बाद बाथरूम चली गयी और वापस आके बोली की बहुत खून निकल रहा था, तो मेरा पति बोला कोई बात नहीं ये नार्मल है पहली बार चुदाई में खून निकलता ही है, मैं खुश हुई की चलो मैंने अपने पति को वेवकूफ बनाया

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सुहागरात की ट्रेनिंग के बहाने भाई ने चोदा मुझे :- शालिनी
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3 साल पहले की बात है, मैं गाजियाबाद में एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाता था और वहीं पास ही एक कमरा किराए पर ले कर रहता था।

मेरे कमरे के सामने एक बंगाली परिवार था। उसकी 2 लड़कियां थीं, बड़ी सुमन 22 साल की थी और नेहा 18 की थी।
नेहा का साइज़ 32-30-34 का इतना मस्त था कि साली की चूत जिसको मिल जाए, वो चोद कर मस्त हो जाए। दूसरी तरफ सुमन का साइज़ 34-32-34 का था। जब सुमन चलती तो उसकी मदमस्त चाल देख कर मेरी पूरी बॉडी में आग लग जाती थी। मैंने बहुत कोशिशों के बाद सुमन को पटा लिया।
अब सुमन जब भी मुझसे मिलने आती, तो नेहा को भी साथ ले आती थी। मुझे भी सुमन को कुछ देना होता तो नेहा के हाथों भेज देता।
हम लोग टाइम निकाल कर मिलते, तो साथ में नेहा भी होती। पहले तो नार्मल बातें होती थीं, फिर हम लोगों में किस करना और चुची को दबाना नार्मल हो गया।
मगर मुझे फुल-फ़्लैश चुदाई का मौका नहीं मिल रहा था।
हम लोग नेहा के सामने ही किस करने और मस्ती करने लगे। नेहा भी यह सब देख कर गर्म हो जाती थी, ये मैं भी नोट कर रहा था।
इसी चक्कर में सुमन अपनी चुदाई के लिए मुझे अकेली नहीं मिल पा रही थी।
एक बार सुमन ने कहा- मुझे ब्रा और पेंटी चाहिए।
मैंने उसके एक बहुत सेक्सी ब्रा और पेंटी खरीदी, मैंने सुमन से बोला मैं तेरे लिए ब्रा-पेंटी लाया हूँ, पहन कर देख ले।
उसने नेहा को ब्रा-पेंटी लेने के लिए भेज दिया। नेहा जब आई तो शाम के साढ़े सात बज गए थे, वो मेरे पास बैठ गई।
वो पास बैठी तो मैंने उसको चॉकलेट दी और ब्रा और पेंटी की पोलीथिन देकर बोला- ले अपनी दीदी को दे देना!
उसने देखा तो बोली- सारी चीजें दी को ही ला कर देना, मुझे बस चॉकलेट ही देते रहना। मेरी उम्र अब चॉकलेट खाने की नहीं है, मैं नहीं खाती तुम्हारी चॉकलेट!
और उसने गुस्से में चॉकलेट फेंक दी।
मैंने उसको देखा और हँसते हुए कहा- यार तुम्हारी दीदी ‘के’ तो मैंने पकड़ के देखे हैं, तो मुझे पता है कि उसका क्या साइज़ है।
नेहा इस पर तुरन्त बोली- तो मैंने मना किया है क्या? लो पकड़ कर देख लो और मुझे इससे अच्छी वाली लाके देना!
मैंने उसको देखा और बोला- चलो मेरे कमरे पे, तेरा नाप भी ले लूँ।
मैंने दूकान बढ़ाई और नेहा को लेकर कमरे पर आ गया. वो तुरंत मेरे पास आ गई, मैंने उसके मम्मों को सहलाना चालू कर दिया और उसको किस करने लगा। फिर मैंने उसकी कुर्ती को ऊपर करके उसका एक दूध मुँह में दबा कर चुसकने लगा। वो भी मस्त हो कर मेरे होंठों को चूसने लगी।
मैंने तुरंत अपना लंड उसके हाथों में दे दिया और वो भी मस्त होकर मेरा लंड सहलाने लगी। मैंने उसकी सलवार खोल दी और पेंटी नीचे करके उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा।
वो पागल हुए जा रही थी। मैंने अपने सब कपड़े निकाल दिए और उसके भी निकाल दिए।
वो बोल रही थी- अमित मैं कब से तुम से मिलना चाहती थी.. जब तुम दी को किस करते थे, मेरी चूत पानी छोड़ देती थी। मैं घर जा कर अपनी चूत में उंगली करती तब जा कर मुझे राहत मिलती थी।
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ने उसको किस करते-करते बिस्तर पर लिटा दिया और पलट कर 69 में हो गया। अब मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर खेलने लगा, तो उसने भी मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।

मैं भी लंड चुसवाने में मस्त हो गया। अब वो इतनी गर्म हो उठी थी कि अपनी चूत को मेरे मुँह में घुसेड़ने को मचलने लगी गई थी।
दोस्तो, वो इतनी गर्म हो गई कि मुझे उसको संभालना मुश्किल हो गया। कुछ ही पलों में उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया।
कुछ देर रस चाटने के बाद मैं उसके बगल में आ गया और उसको किस करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब मैंने उसकी टाँगें खोलीं और अपने 7 इंच के मूसल लंड पर कंडोम चढ़ा कर उसकी चूत पर रख दिया। अब मैंने उसके दूध सहलाए और लंड का हल्का सा धक्का लगा दिया। लंड की नोक क्या घुसी.. साली दर्द से चिल्लाने को हुई।
मैंने तुरंत उसके होंठों पर होंठ रख दिए और एक जोरदार धक्का दे मारा। इस धक्के में मेरा आधा लंड उसकी चूत के अन्दर घुसता चला गया। वो छटपटाने लगी और मुझे धकेलने लगी, तो मैं रुक गया।
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मैं उसको चूमने और सहलाने लगा। उसको बहुत दर्द हो रहा था।

वो बोली- अमित.. बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज़ हट जाओ।
मैं बोला- बस 5 मिनट और मेरी जान.. अभी जादू देखना तेरी चूत को कितना मजा आता है।
वो मान गई.. जब उसकी चूत में दर्द होना कम हुआ.. तो मैंने उसे किस करते हुए एक धक्का और मारा.. लंड चूत की गहराइयों में घुस गया। उधर उसकी चीख मेरे मुँह में ही दब कर रह गई। वो दर्द से बिलख कर रोने लगी। मैंने बड़े प्यार से बोला- जानू पहली बार तो दर्द होता ही है.. अब आगे बिल्कुल नहीं होगा।
मैं उसको चूमने लगा। जब उसका दर्द हल्का हुआ तो मैं भी आराम-आराम से उसे चोदने लगा।
अब मैं उसको मसल रहा था और वो भी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ किए जा रही थी।
कुछ ही देर बाद वो झड़ गई और मुझसे चिपट गई।
मैं भी उसको ‘ले.. जान.. पूरा ले..’ बोलते हुए चोदता रहा और फिर मेरा भी पानी निकल गया। मैं भी उससे चिपट गया।
जब मैंने उसकी चूत में से लंड निकाला, तो देखा सारी चादर पर खून लग गया था। नेहा ने भी दर्द मिश्रित मुस्कान के साथ ‘आई लव यू..’ बोला और उठने लगी।
उसको उठने में दर्द हुआ तो मैं उसे अपनी गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया और उसकी चूत को धोया। उसने मुश्किल से कपड़े पहने, तो मैंने उसको दर्द निवारक गोली दे दी।
अब तक नौ बज गए थे, उसकी दी का फ़ोन आया कि नेहा अभी तक घर नहीं आई।
मैंने कहा- मैंने उसको भेज दिया है, पर आते टाइम गिरने से उसके पैर में मोच आ गई है, तो दवा ला कर देने में देर हो गई है, वो बस आ ही रही है।
फिर मैंने नेहा को किस करके उसके घर भेज दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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